कुहासा छंट गया

पूर्व कथा

ज्योति अपने भाई के घर मिलने जाती है तो उस की भाभी और भांजी अनवेक्षा उस का अपमान कर के उसे घर से निकाल देते हैं.

बस में बैठते ही उस का मन अतीत की गलियों में भटकने लगता है कि किस तरह भाभी के रूखे व्यवहार ने सभी भाईबहनों को भाई से अलग कर दिया. ज्योति जब अपने घर पहुंचती है तो सभी लोग खुश होते हैं लेकिन वह पति जतिन से वहां दोबारा न जाने की बात कहती है.

एक दिन पुलिस स्टेशन में ज्योति की मुलाकात अभिषेक से होती है. वह उसे नहीं पहचान पाता. घर आ कर वह जतिन को अभिषेक के बारे में बताती है और उस की मदद करने को कहती है.

जतिन की योजनानुसार उस के मैनेजर का बेटा अभिषेक को उस के आफिस ले कर आता है. वह बड़ी बदतमीजी से उस के साथ पेश आता है. फिर भी जतिन उसे अपना विजिटिंग कार्ड दे देता है. एक दिन अभिषेक अपने दोस्त विनीत के घर मिलने के लिए जाता है तो रास्ते में उसे जतिन मिलता है और अपने घर ले जाता है. वहां उस की मुलाकात मानसी से होती है. जतिन, मानसी को बताता है कि अभिषेक उस के दोस्त का बेटा है. वह अभिषेक से खाना खाने के लिए कहता है तो वह नानुकर करने लगता है लेकिन मानसी के स्नेह भरे व्यवहार और आग्रह करने पर वह खाना खाने को तैयार हो जाता है और अब आगे…

गतांक से आगे…

अंतिम भाग

‘‘क्या पापा, आप पुरानी बातें सुना कर इसे उदास कर रहे हैं,’’ मानसी बोली, ‘‘आओ अभिषेक, मैं तुम्हें अपनी सीडी का कलेक्शन दिखाती हूं.’’

‘‘मैं फिर आऊंगा, अभी चलता हूं,’’ कह कर अभिषेक ने हाथ जोड़ दिए.

लौटते समय विनीत के पास जाने का मन ही नहीं हुआ सो अभिषेक सीधा होस्टल चला गया. देर रात तक उसे अपने घर की बातें याद आती रहीं. उस की अनवेक्षा दीदी को तो शायद रसोई का नक्शा ही मालूम न हो. कभी वह जिद करता था तो फोन कर के पिज्जा मंगा देती थीं. मां को तो क्लब और किटी पार्टियों से ही फुरसत नहीं थी. पापा को हर पल ताना मार कर यह एहसास दिलाना उन का खास शगल था कि ये तमाम शानोशौकत, इतना बड़ा बिजनेस सब उन के पापा का दिया हुआ है. ये तमाम बातें याद करते करते वह गहरी नींद में सो गया.

सुबह कालिज जाते समय विनीत आ गया. पता नहीं क्यों विनीत का आना उसे अच्छा नहीं लगा. वह थोड़ा रूखे स्वर में बोला, ‘‘कहो, कैसे हो?’’

‘‘तुम तो यार बड़ी पहुंची चीज निकले. हम से आंख बचा कर ही निकल आए और हां, उन अंकल से तुम्हारी कैसे जानपहचान निकल आई?’’

‘‘मेरे पापा के वह पुराने मित्र हैं.’’

‘‘बच के रहना उन से क्योंकि तुम नशे की दुनिया के नए खिलाड़ी हो,’’ विनीत चेतावनी के लहजे में समझाते हुए बोला.

मन में बहुत कुछ उमड़ आया अभिषेक के. क्यों अच्छा इनसान बने वह, किस के लिए बने. उस की परवा भी किसे है. दीदी उस धोखेबाज के साथ अपना और मम्मी का जेवर ले कर भाग गईं. एक बार भी मुड़ कर अपने छोटे भाई की तरफ नहीं देखा. मां हार्टअटैक से चल बसीं. पापा को बिजनेस के घाटे और दीदी के सदमे ने इतना दर्द दिया कि शरीर को लकवा मार गया. अब तो उस बडे़ घर में भी उल्लू ही बोलते हैं. सारे नौकर, जिस को जो मिला समेट कर चलता बना. पापा की देखभाल के लिए सिर्फ बांके चाचा ही तो बचे हैं.

जतिन अंकल के प्रेम और मानसी के  अधिकार से भरे अपनत्व ने अभिषेक के टूटे मन पर मरहम का काम किया. तीसरे दिन ही न चाहते हुए भी अभिषेक के कदम जतिन अंकल के घर की ओर उठ गए.

घंटी पर हाथ रखने से पहले ही मानसी दरवाजा खोले मुसकराती हुई खड़ी थी.

 

‘‘अंकल व आंटी कहां हैं. दिखाई नहीं दे रहे हैं.’’

‘‘कोई नहीं है. मम्मी- पापा एक शादी में गए हैं, थोड़ी देर से आएंगे.’’

‘‘आप को शादीब्याह में जाना क्या अच्छा नहीं लगता?’’

‘‘अच्छा क्यों नहीं लगता पर वह क्या है कि अब मैं शादी लायक उम्र में हूं और मुझे देखते ही लोग मां को शादी लायक लड़कों के रिश्ते बताने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि दूल्हादुलहन को बधाई देना भी भूल जाते हैं. इसीलिए शादियों में जाना मैं ने बंद कर दिया है…अरे, तुम हंस क्यों रहे हो? मैं ने कोई जोक थोडे़ ही मारा है.’’

‘‘नहीं, मैं सिर्फ देख रहा हूं कि आप कितनी रफ्तार से और कितना सारा बोल सकती हैं.’’

‘‘हां, यह तो है. मुझे बोलना और बातें करना अच्छा लगता है. पर तुम क्या इतने ही चुप रहते हो हमेशा? अब तुम भी तो कुछ बोलो.’’

‘‘मैं…मैं क्या बोलूं?’’ अभिषेक सकपका गया.

‘‘चलो, मैं बताती हूं, तुम कुछ अपने घरपरिवार के बारे में बताओ, कौनकौन हैं घर में? अंकल व आंटी कैसे हैं. पापा बता रहे थे कि तुम्हारी एक बड़ी बहन भी है. कहां है वह?’’

‘‘बहुत लंबी कहानी है. सुन कर ऊब जाएंगी आप.’’

‘‘मैं ऊब क्यों जाऊंगी,’’ मानसी बोली, ‘‘तुम बताओ तो सही.’’

अभिषेक ने अनवेक्षा के घर से भागने से ले कर मां की मृत्यु और पिता के बिस्तर पर लाचार पड़ने की सारी कहानी मानसी को बता दी.

रसोई में ही बैठा कर उस से बातें करतेकरते मानसी ने अपने और उस के लिए खाना बनाया. खाना खाते समय अभिषेक बोला, ‘‘तुम इतना स्वादिष्ठ खाना बना लेती हो और मेरी दीदी तो रसोई में घुसती भी नहीं थीं.’’

अभिषेक चला गया, देर रात गए जब ज्योति और जतिन आए तो मानसी ने अभिषेक के आने के बारे में बताया, साथ ही अभिषेक ने अपने परिवार के बारे में जो कुछ मानसी को बताया था उसे भी उस ने अपनी मां को बता दिया.

अभिषेक के परिवार की दुख भरी कहानी सुनने के बाद ज्योति का चेहरा सफेद पड़ गया. जतिन भी बेहद दुखी हो उठे. मानसी दौड़ कर गई और रसोई से पानी ला कर मां को दिया फिर बोली, ‘‘मां, तुम सुन कर इतनी परेशान हो उठीं. सोचो, अभिषेक ने तो यह सब अपनी आंखों से देखा है, भोगा है. इतनी कम उम्र में इतना सब देखने के बाद अगर वह गलत रास्ते पर भटक गया तो उस का क्या दोष है?’’

‘‘तुम ठीक कह रही हो, मनु, पर इस से पहले कि वह नशे की दुनिया में बहुत आगे बढ़ जाए, उसे वापस लाना होगा.’’

‘‘मुझे लगता है यह कोई खास मुश्किल काम नहीं है क्योंकि अभी भी उस के मन में अपने घर वालों के लिए स्नेह का झरना बह रहा है. बस, वक्त के बहाव ने उस में मिठास की कमी कर दी है. सिर्फ उसे उस झरने का एहसास कराना है और उस से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है उसे उस के खतरनाक दोस्तों से दूर करना.’’

अगली शाम ज्योति ने खाना खाते समय मानसी से कहा, ‘‘बेटी, इस बार शुभम को राखी वक्त से भेज देना. देर होने पर वह उदास हो जाता है और फिर बहुत नाराज भी होता है.’’

‘‘मां, मैं इस बार अभिषेक को बुला कर राखी बांधूं?’’

‘‘नहीं,’’ ज्योति की आवाज की दृढ़ता से जतिन और मानसी दोनों चौंक उठे.

‘‘आखिर वह है तो उसी ओछी मानसिकता की पैदावार. क्या पता तुम्हारी राखी…तुम्हारे स्नेह को वह पैसे लूटने का एक बहाना समझे और मैं यह कतई बरदाश्त नहीं करूंगी,’’ कह कर मेज से प्लेट उठाने लगी ज्योति.

राखी वाले दिन अभिषेक कुरता- पाजामा में आ कर दरवाजे पर खड़ा हो गया. उसे मुसकराता देख कर मानसी का मन खुशी और आश्चर्य से भर गया.

‘‘अरे, तुम? आज कैसे तैयार हो कर आए हो?’’

‘‘क्यों, आज राखी है न?’’

मानसी ने उसे अंदर ड्राइंगरूम में बैठाया और ‘अभी आई’ कह कर, अंदर चली गई.

मानसी अंदर से पानी का गिलास ले कर आई तो अभिषेक बोला, ‘‘अरे, मैं तो समझा कि आप राखी की थाली लेने गई हैं. जानती हो, आज मैं कितने बरसों बाद राखी बंधवाऊंगा. अनवेक्षा दीदी तो इस त्योहार को हंसी में टाल देती थीं. कहती थीं, ‘कमाल है, यह छुटकू मेरी क्या रक्षा करेगा? अपने को संभालने के लिए मैं खुद ही काफी हूं. रही शगुन की बात तो पापा की जायदाद में से आधा हक तो है ही मेरा, फिर मैं इस के हिस्से में से पनौती क्यों मारूं?’ मेरा मन रखने के लिए भी उन्होंने मुझे कभी राखी नहीं बांधी पर कल जब समीर ने कहा, ‘देख, अभिषेक, मैं ने दोनों बहनों को राखी का उपहार देने के लिए पैसे जमा किए हैं. चल, मेरे साथ चल कर उन के लिए कुछ खरीद दे, कल राखी है न,’ तो अचानक मेरी आंखों के सामने तुम्हारा चेहरा आ गया. मुझे लगा कि राखीरोली का थाल सजा कर तुम शायद मेरा इंतजार करोगी, पर…’’

उस की बात बीच में काट कर मानसी बोली, ‘‘भाई, जब तक आ कर इस चौकी पर बैठोगे नहीं तो कैसे तुम्हारी आरती उतारूंगी.’’

चौंक कर देखा अभिषेक ने. लाल बांधनी का सूट पहने मानसी हाथ में थाल पकडे़ मुसकराती हुई खड़ी थी. इतनी जल्दी इतना सबकुछ, अवाक् रह गया वह.

अभिषेक की आरती उतार कर मानसी ने उस की कलाई पर राखी बांधी और माथे पर तिलक लगा कर मुंह में मिठाई डाल दी. हंसते हुए अभिषेक ने भी उस के मुंह में बरफी का टुकड़ा भर दिया.

मानसी ठुनक पड़ी, ‘‘और भैया, मेरा तोहफा?’’

एक पल चुप रह कर अभिषेक ने स्नेहिल स्वर में कहा, ‘‘इतने अनमोल पल में तुम्हें देने के लिए पैसे से खरीदा कोई तोहफा काफी नहीं होता, इसलिए मनु दी, मेरे लिए यह राखी कितनी कीमती है, इस का अंदाजा शायद आप नहीं लगा सकतीं. हां, तोहफे के रूप में एक वादा आप को थमाता हूं कि तुम्हारा भाई, आज इस दिन से ही अपनी तमाम गंदी आदतों को छोड़ कर एक अच्छा इनसान बनेगा.’’

‘‘मेरे लिए इस से कीमती तोहफा कोई और हो भी नहीं सकता मेरे भाई, और आज का दिन सरप्राइज देने का है तो मैं तुम्हें एक और सरप्राइज दूंगी, पहले आंखें बंद करो.’’

मां का हाथ पकड़ कर मानसी उन्हें परदे से बाहर ले आई.

‘‘अब खोलो.’’

सामने ज्योति को खड़ा देख अभिषेक अचानक बौखला ही गया.

‘‘आप…आप तो गर्ल्स कालिज की प्रधानाचार्या हैं.’’

‘‘हां, पर तुम्हारी बूआ भी हूं. वही बूआ जिसे याद कर एक दिन तुम मानसी से कह रहे थे कि उन के स्नेह भरे आंचल की छांव तुम्हें भूले नहीं भूलती.’’

‘‘हैलो, एक्सक्यूज मी. मिस्टर अभिषेक, यहां एक अदद थैंक्यू के हकदार तो हम भी हैं. आखिर आप के फूफाजी जो ठहरे.’’

‘‘आप को एक क्या, हजार थैंक्यू कह कर भी उस प्यार का बदला मैं नहीं दे पाऊंगा. मुझे सही वक्त पर मेरी बहन का स्नेह, एक अच्छे अंकल का साथ और एक स्नेहिल परिवार सभी कुछ, फूफाजी, आप की वजह से ही तो मिला है.’’

सूजी कैरट

सामग्री

– 1 कप सूजी

– 3/4 कप गाजर घिसी

– 1/4 कप दही

– 3/4 कप चीनी पिसी

– 1/2 छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर

– 4-5 अखरोट कटे हुए

– बड़े चम्मच घी

– 1 छोटा चम्मच गुलाबजल

– 1 छोटा चम्मच चेरी.

बनाने की विधि

– सूजी को बिना चिकनाई के हलका सा भून लें.

–  एक मिक्सिंग बाउल में दही फेट लें.

– अब इसमें  गाजर मिलाएं. दूसरे बरतन में सूजी, बेकिंग पाउडर, चीनी, चेरी और अखरोट डाल कर     मिक्स  करें.

– अब इस में दही का मिश्रण, पिघला घी व गुलाबजल डाल कर मिक्स कर लें.

– केकटिन को ग्रीस कर के इस में तैयार मिश्रण डाल दें.

– कुकर को 5 मिनट प्रीहीट कर के आंच धीमी कर अब इस के अंदर स्टैंड डाल कर केकटिन रखें.

– 40-45 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें.

बड़े काम के हैं घर सजाने के ये 21 टिप्स

वर्षा एक कोच्चि बेस्ड होम स्टाइलिस्ट हैं. वे बचपन से ही अपनी काबिलीयत से हर चीज को खूबसूरत बनाती रही हैं. घर सजाने में तो उन्हें खासतौर पर महारत हासिल है. वे घर सजाने से जुड़े अपने कुछ आइडियाज शेयर कर रही हैं:

यों बनाएं खूबसूरत

– भले आप नया घर बना रहे हैं, उसे रेनोवेट करा रहे हैं या फिर उस में वर्षों से रह रहे हैं, हमेशा कुछ चीजें होती हैं जिन का प्रयोग कर आप उस जगह की खूबसूरती बढ़ा सकती हैं. होम स्टाइलिंग एक नियमित प्रक्रिया है जहां आप रचनात्मक तरीकों का प्रयोग कर अपने मकान को घर बना सकती हैं. इस की शुरुआत होती है एक कमरे के स्वरूप को पहचानने व इस बात तो समझने से कि उस कमरे को बेहतर कैसे बनाया जा सकता है.

– कई बार आप कितना भी प्रयास कर लें घर अच्छा नहीं दिखता. ऐसे में जरूरी है कि आप इस की वजह समझें. वजह कोई भी हो सकती है. खराब फर्नीचर, लेआउट से ले कर प्राकृतिक रोशनी की कमी तक.

उदाहरण के लिए मीना ने गैस्ट बैडरूम के मेकओवर का प्लान बनाया. देखने में भले ही यह कमरा सामान्य लग रहा था, मगर वास्तव में यहां ऊर्जा और जीवंतता की कमी थी. मीना ने

2 महत्त्वपूर्ण बातें नोटिस कीं. पहली वहां सूर्य की रोशनी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच रही थी और दूसरी वहां बहुत से ऐसे ऐलिमैंट्स थे जो आकार, जगह या रंग की वजह से विजुअल ब्लौक की स्थिति पैदा कर रहे थे. ऐसी हालत में जब कमरे में प्राकृतिक रोशनी अधिक आने की व्यवस्था की गई, खिड़कियां खोली गईं और गहरे रंग के परदों को हलके रंग के परदों से बदल दिया गया तो वही कमरा अधिक रोशन यानी ब्राइट दिखने लगा.

– यदि आप सोते समय मोटे काले कपड़े पसंद करती हैं, तो आप छोटे परदे के साथ एक और बिलकुल पतली लेयर का परदा जरूर डालें. इसे आप दिन में यूज कर सकती हैं.

– अपने घर को बहुत भराभरा या बिखरा हुआ न रखें. यदि टीवी यूनिट आप के घर में सब से अधिक जगह घेरने वाला फर्नीचर है, तो वह यकीनन विजुअल ब्लौक क्रिएट करेगा. ऐसे में टीवी को हलके रंग की दीवार से सटा कर रखें.

– एक कलर टोन के साथ काम करना आसान है ताकि अलगअलग ऐलिमैंट्स एकसाथ रखे जा सकें. विरोधी रंगों के साथ काम करना चैलेंजिंग हो सकता है, मगर यदि आप डिजाइन पर ध्यान देती हैं, तो ये काफी इंटरैस्टिंग रिजल्ट भी दे सकते हैं.

– यदि कलर प्लेट्स जिन पर आप काम कर रही हैं वे आप के वर्तमान फ्लोरिंग को कौंप्लिमैंट नहीं कर रहे तो आप कुछ कालीनोें का प्रयोग कर सकती हैं, जो आप के कमरे के टोन से मैच करते हों. कालीन कमरे के फर्नीचर को एकसाथ लाने का बेहतर उपाय है. कालीन के प्रयोग से डार्करूम में भी इंटरैस्टिंग पैटर्न और टैक्स्चर्स ऐड किए जा सकते हैं.

– फंक्शनैलिटी के आधार पर फर्नीचर को रीअरेंज और रीफर्निश करें. कुछ लोग पढ़ना पसंद करते हैं और कुछ नहीं. यदि आप को पढ़ना पसंद है पर एक रैग्युलर रीडर नहीं हैं, तो आप घर के एक हिस्से को रीलोकेट करें ताकि जब इच्छा हो आप आराम से वहां बैठ कर पढ़नालिखना कर सकें.

डिजाइनर सीक्रेट्स

– घर और औफिस में कोई भी जगह एक मकसद के साथ डिजाइन की जानी चाहिए न कि केवल फर्नीचर एडजस्ट करने के लिए. अकसर एक ही जगह पर हम बहुत सारा सामान रख देते हैं. इस से उस जगह की खूबसूरती खत्म हो जाती है. इसलिए कुछ सामान को किसी ऐसी जगह सजाएं जो वहां फिट भी आए और वहां की खूबसूरती भी बढ़ाए.

– खूबसूरती और जरूरत यानी फंक्शन हमेशा साथसाथ चलते हैं. जब हमें एक फर्नीचर यूज करना है जिस पर हम रिलैक्स करते हैं तो इस स्थिति में हमें फंक्शन पर कंप्रोमाइज नहीं करना चाहिए. उदाहरण के लिए एक सोफा रिलैक्स करने के लिए कंफर्टेबल होना चाहिए. यह किसी जगह के लिए आर्टपीस नहीं है क्योंकि आर्टपीस के लिए तो बहुत सारे स्पेस एन्हैंसर होते हैं, जो ऐस्थेटिक का काम करते हैं यानी मूड एन्हैंसर होते हैं जैसे वालआर्ट लैंप शेड आदि.

– बालकनी या घर में प्रवेश करने वाली जगह को वार्म और वैलकम करता हुआ नजर आना चाहिए. कोई वौलहैंगिंग आर्टवर्क या खुद की बनाई कलाकृति का प्रयोग भी सजावट के लिए कर सकती हैं.

– आईने का उपयोग केवल चेहरा देखने के लिए ही नहीं वरन आसपास नजर रखने के लिए भी किया जा सकता है. फील गुड मोमैंट्स भी आईने के साथ खुद बन जाते हैं. बैडरूम में मौजूद कोई वौल हैंगिग या बालकनी में शीशे से बने वालआर्ट वगैरह वहां गहराई का एहसास पैदा करते हैं.

– हम किचन और डाइनिंगरूम को एक ही में शामिल क्यों नहीं कर देते? आजकल स्पेस सेविंग काफी महत्त्वपूर्ण विषय बन गया है. इस के लिए ओपन किचन का औप्शन बहुत अच्छा है, जिस में डाइनिंगरूम को किचन में ही शामिल किया जाता है. किचन में ब्रेकफास्ट काउंटर ऐड करना पश्चिमी देशों का कौंसैप्ट है मगर क्यों न हम इसे बेहतर डाइनिंग स्पेस के रूप में बदलने का प्रयोग करें.

– एक छोटा सा हौल भी बड़ा अंतर ला सकता है. अपनी सुविधानुसार दरवाजेखिड़कियों के अलावा भी क्रौसवैंटिलेशन के लिए नए रास्ते निकाले जा सकते हैं.

– घर को अलग पहचान देने के लिए पूरे कमरे में पेंट करने की जरूरत नहीं. दीवार पर एक छोटा मगर खूबसूरत आर्टवर्क भी मूड बना सकता है.

– सुकून का केवल एहसास ही नहीं किया जाता सुना भी जा सकता है. वाटरवाल या विंड चाइम जैसे ऐलिमैंट्स आप के घर को सुकून और शांत वातावरण देंगे.

– घर में अधिक जगह बनाने के लिए रोब हुक्स अहम भूमिका निभा सकते हैं. दरवाजे के पिछले हिस्से, वार्डरोब शटर जैसी नोटिस न की जाने वाली जगहों पर इन्हें लगाया जा सकता है.

– किचन में 3 जरूरत की चीजें हैं- होब कुकिंग के लिए, सिंक सफाई के लिए और फ्रिज स्टोरेज के लिए. ये तीनों चीजें किचन में स्पेस सेविंग प्रोसैस में मदद करती हैं. यदि ये तीनों परफैक्ट जगह पर हों तो किचन ऐक्सैसरीज व्यवस्थित रह सकेगी और आप की किचन का काम आसान हो जाएगा.

– पर्सनल स्पेस जैसे बच्चे का रीडिंगरूम, घर में बना औफिस एरिया आदि की खूबसूरती के लिए भी कुछ ऐक्स्ट्रा ऐड जरूरी है. उदाहरण के लिए टौयलेट को ही लें. यह पर्सनल जगह है पर इसे हमेशा इग्नोर किया जाता है, क्योंकि यह घर का छिपा हुआ कोना है, जिस पर कोई ध्यान नहीं देता, जब कि हम इसे भी थोड़ा हाईलाइट कर के घर की खूबसूरती बढ़ा सकते हैं. आप कोई प्लांट लगा कर या दीवार पर क्रिएटिव आदि बना कर टौयलेट को खूबसूरत बना सकती हैं.

– घर में टीवी की सही पोजीशन भी महत्त्वपूर्ण है. अकसर घर में इस बात पर वादविवाद होता है कि आराम से देखने के लिए टीवी की सही पोजीशन क्या होनी चाहिए. जैसे कि आई लैवल टीवी के सैंटर के बिलकुल बराबर होना चाहिए यानी टीवी का सैंटर आंखों से बिलकुल समान दूरी पर होना चाहिए.

– फौल्स सीलिंग बनाते समय सदैव वैंटिलेशन एयरहोल्स का ध्यान रखना चाहिए नहीं तो वे नैगलैक्टेड हो जाते हैं और फौल्स सीलिंग बनाने में वे बंद हो जाते हैं जिस से कमरे में घुटन और गरमी बढ़ जाती है, क्योंकि हवा निकल नहीं पाती.

– यह जरूरी है कि मिनिमम ऐक्सपेंशन स्पेस आसपास हो ताकि आप के द्वारा लगाया गया सनशेड या खूबसूरती के लिए बनाई गई कोई भी चीज आप के पड़ोसी की बाउंड्री तक न पहुंचे. घर के बाहर थोड़ा ग्राउंड एरिया खुला रहने दें.

– एम. के. गीथा और विनोद कृष्णा

 

अब आप भी बनिए ‘गृहशोभा’ की ब्यूटी एक्सपर्ट…

दादी मां के घरेलु नुस्खे हो या फिर मां का देसी उबटन. सालों से एक पीढ़ी दूसरी पीढ़ी को अपने ये राज बताती आ रही हैं. भारतीय महिलाओं की रसोई उनके स्वादिष्ट खाने के लिए तो वैसे ही मशहूर है लेकिन इसी रसोई में खूबसूरती का खजाना भी छिपा है. तभी तो आज के मॉडर्न जमाने में भी कई लड़कियां और महिलाएं अपनी खूबसूरती बढ़ाने के लिए रसोई में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों का इस्तेमाल करती है. सिर्फ आम लड़कियां ही नहीं बढ़ी-बढ़ी बौलीवुड एक्ट्रेसेस भी इन घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर अपनी खूबसूरती बढ़ाती हैं.

दही, बेसन, नीबू, शहद और हल्दी जैसी न जाने कितनी ही चीजे आज भी खूबसूरती बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. तभी तो आजकल ज्यादातर बड़े-बड़े ब्यूटी प्रोडक्ट भी अपने प्रोडक्ट्स में इन चीजों को शामिल करने का दावा करते हैं. तो अगर ये कंपनिया इन घरेलु नुस्खों का इस्तेमाल कर सकती हैं. तो फिर आप क्यों नहीं अपने ब्यूटी सीक्रेट्स हमारे साथ शेयर कर महिलाओं की ब्यूटी एक्सपर्ट बन सकती.

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‘छपाक’: कभी नहीं देखा होगा दीपिका पादुकोण का ऐसा लुक

‘पद्मावत’ की सक्सेस बाद हर किसी को दीपिका पादुकोण के नए प्रोजेक्ट का बेसब्री से इंतजार था. कुछ महीने पहले ही दीपिका ने घोषणा की थी कि उन्होंने एक महिला केंद्रित फिल्म छपाक के लिए मेघना गुलजार से हाथ मिलाया है. ‘राजी ‘फेम डायरेक्टर मेघना गुलजार की इस फिल्म की कहानी एडिस सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी पर आधारित है. दीपिका ने कुछ देर पहले इस फिल्म से अपना फर्स्ट लुक शेयर किया है. जो अब तेजी से वायरल हो रहा है.

वायरल हुआ पहला लुक…

सामने आए लुक में दीपिका को देखकर साफ पता चल रहा है कि लक्ष्मी ने अपनी जिंदगी में आने वाली दिक्कतों का कैसे हंसकर सामना किया है. इस फिल्म में दीपिका के अलावा विक्रांत मैसी भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले है. छपाक के फर्स्ट लुक के साथ ही दीपिका ने इस बात की भी घोषणा कर दी है कि ये फिल्म अगल साल 10 जनवरी को रिलीज होगी. दीपिका के इस लुक को उनके फैंस और दोस्त काफी पसंद कर रहे हैं.

मालती होगा दीपिका का नाम…

फिल्म के पहले लुक को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा करते हुए दीपिका ने कैप्शन में लिखा है कि ‘एक किरदार जो कि मेरे साथ हमेशा रहेगा….मालती’. दीपिका के इस कैप्शन से अंदाजा लगाया जा रहा है कि फिल्म छपाक में दीपिका के किरदार का नाम मालती होगा.

15 साल की उम्र में हमले का शिकार हुई थी लक्ष्मी…

बात की जाए लक्ष्मी की तो आपको बता दें कि 15 साल की उम्र में उनपर एक शख्स ने एसिड से हमला कर दिया था क्योंकि उन्होंने उस शख्स के साथ शादी करने से मना कर दिया था. इस घटना ने ना सिर्फ लश्र्मी को और भी मजबूत बना दिया बल्कि उन्होंने स्टॉप सेल एसिड नाम की संस्था बनाकर एसिड से होने वाले हमलों और उसकी ब्रिकी के खिलाफ जमकर आवाज उठाई.

साल 2014 में मिशैल ओबामा ने लक्ष्मी को इंटरनेशल वुमेन ऑफ करेज अवॉर्ड से सम्मानित किया था. मिली जानकारी के मुताबिक फिल्म छपाक की शूटिंग दिल्ली से शुरु होगी। आपको दीपिका का लुक कैसा लगा ये हमे जरूर बताइएगा.

औफिस ड्रैसिंग स्टाइल

किसी भी औफिस में आप जा कर देख सकते हैं कि जो महिलाएं अच्छी तरह ड्रैसअप होती हैं, उन का उत्साह और चार्म अलग ही नजर आता है. वे काफी कौंफिडैंट भी दिखती हैं. ऐसी महिलाएं बेबाकी से बात करती हैं, उन्हें झिझक नहीं होती.

वहीं उन महिलाओं को देखिए जो साधारण वेशभूषा में हों. ऐसी महिलाएं आप को किसी कोने में बैठ कर सिर नीचे किए जल्दीजल्दी अपना काम निबटाती नजर आएंगी. वे न तो ज्यादा दूसरों से घुलतीमिलती हैं, न ज्यादा बातें करती हैं. यहां तक कि लंच के वक्त अपना टिफिन भी अकेले कोने में बैठ कर खा लेती हैं. ऐसी महिलाएं भले अपने काम में तेज हों, मगर सब से कटीकटी सी रहती हैं और अपने चारों ओर एक नकारात्मक माहौल बना कर रखती हैं.

दरअसल, भारत में 30-35 साल की उम्र तक पहुंचतेपहुंचते महिलाएं अपनी वेशभूषा को ले कर लापरवाह सी हो जाती हैं जोकि गलत है. आमतौर पर 60 साल की महिला भी उत्साह से लबरेज, फैशन से भरपूर नजर आ सकती है. बस, होंठों पर लिपस्टिक, हाई हील, सुंदर पर्स, बालों में कलर और चेहरे पर मेकअप उन के रूटीन में शामिल होना चाहिए.

अगर आप कामकाजी महिला हैं तो काम के साथसाथ आप को अपने व्यक्तित्त्व के प्रति भी सचेत रहना चाहिए. औफिस सिर्फ काम निबटाने की जगह नहीं है. यहां आप अन्य लोगों के साथ दिन का 8 से 10 घंटा व्यतीत करती हैं. अगर आप भलीभांति तैयार हो कर औफिस आती हैं, तो न सिर्फ आप को तारीफ की नजरों से देखा जाएगा, बल्कि आप खुद अपनेआप में उत्साह महसूस करेंगी.

सिर्फ वर्किंग प्लेस नहीं है औफिस

कुछ लोग औफिस को बस काम निबटाने की जगह मानते हैं. उन्हें लगता है कि सिर्फ काम ही तो करना है. इसलिए कुछ भी पहन कर जाएं क्या फर्क पड़ता है. अगर आप भी यह सोच रखती हैं, तो यह गलत है. औफिस में रोजाना आप के 8-10 घंटे बीतते हैं, ऐसे में औफिस को बस काम निबटाने की जगह ही मान लेना समझदारी नहीं होगी. यहां पर आप की ड्रैस, स्टाइल, उठनेबैठने और बात करने का तरीका बेहद माने रखता है. थोड़ा सा सुंदर दिख कर, अनुशासन और तहजीब में रह कर औफिस का माहौल सुंदर बनाया जा सकता है.

खुद को दें थोड़ा समय

माना कि कामकाजी महिलाएं घर और औफिस की दोहरी जिम्मेदारी निभा रही हैं. सुबह उठ कर सब के लिए खानेपीने का प्रबंध, बच्चों व पति की तैयारियों में व्यस्तता, नौकरों को जरूरी निर्देश और उस के बाद खुद की तैयारी में समय कितनी तेजी से बीतता है पता ही नहीं चलता. बावजूद इस के आप को औफिस जाने से पहले अपनी तैयारी के लिए कम से कम 45 मिनट का समय खुद को देना चाहिए.

सुबह का समय बचे इस के लिए रात में ही सुबह औफिस पहनने वाले कपड़ों का चयन कर लें और उस से जुड़ी ज्वैलरी भी सिलैक्ट कर लें. इस से सुबह का समय यह सोचने में जाया नहीं होगा कि आज क्या पहनें?

नहाने के बाद बौडी पर मौइश्चराइजर या बौडी लोशन जरूर लगाएं. इस से जहां स्किन स्मूद होती है, वहीं खारिश की समस्या से भी आप बची रहेंगी और दिनभर आप की त्वचा पर चमक बरकरार रहेगी.

कुछ महिलाएं हफ्ते में 1-2 बार ही बालों में शैंपू करती हैं. यह गलत है. आप एक दिन छोड़ कर शैंपू करें, कंडीशनर लगाएं और जैल से बालों को अच्छी तरह सैट करें. रूखे और उड़ेउड़े बाल व्यक्तित्त्व में डलनैस पैदा करते हैं. रूखे बालों से चेहरे पर खारिश या छोटेछोटे दाने भी हो सकते हैं.

इस के बाद आप अपनी ड्रैस, मेकअप और फुटवियर पर ध्यान दें. लाइट मेकअप, लाइट ज्वैलरी और साथ में मैचिंग हैंडबैग और फुटवियर आप की पर्सनैलिटी में चार चांद लगा देंगे.

पर्सनैलिटी को निखारें

औफिस के लिए तैयार होने के बाद एक बार खुद को ऊपर से नीचे तक मिरर में देख लें. खुद से सवाल करें कि क्या औफिस में यह ड्रैस आप की पर्सनैलिटी को सही तरह से प्रजैंट कर रही है? तैयार होते समय एक बात बिलकुल न भूलें कि आप की ड्रैस आप की पर्सनैलिटी का हिस्सा है. आप जैसा पहनेंगी वैसी ही आप की इमेज बनेगी.

ड्रैस कोड फौलो करें

अगर औफिस में ड्रैस कोड लागू है, तो उसे 100 फीसदी फौलो करें. ड्रैस कोड होने के बाद कुछ भी पहन कर औफिस चले जाना आप की गलत इमेज बनाएगा. अच्छा होगा कि आप इस ड्रैस के कम से कम 4 जोड़े जरूर रखें ताकि हर दिन साफ और आयरन किए हुए कपड़े ही पहन सकें.

नहीं है नुमाइश की जगह

औफिस आप के कपड़ों या ज्वैलरी के नुमाइश की जगह नहीं है. औफिस में जो भी पहनें, वह सोबर हो. बाकी दूसरी ड्रैसेज को आप बाकी जगहों पर पहन सकती हैं. कपड़े आप की उम्र के अनुरूप होने चाहिए. यह नहीं कि आप 20-22 साल की हैं तो रोज साड़ी लपेट कर जा रही हैं और 40 साल की हैं तो स्कर्ट या मिडी में औफिस पहुंच जाएं. कपड़े आप की उम्र के मुताबिक होंगे तो आप की पर्सनैलिटी लोगों को आकर्षित करेगी और आप खुद भी कंफर्टेबल फील करेंगी.

बनायें कुछ अलग: अदरक की सब्जी

खाने में रोजाना एक जैसी सब्जी बनाने से खाने वाले तो बोर हो ही जाते हैं साथ ही बनाने वाला भी बोर हो जाते हैं. इसलिए आपको अलग-अलग रेसिपी ट्राई करनी चाहिए. सर्दियों में घर पर बनायें अदरक की सब्जी. पर ध्यान रहे कि आप ये रेसिपी सर्दियों में ही ट्राई करें, क्योंकि अदरक बहुत गर्म होता है.

सामग्री

– 100 ग्राम अदरक

– 5-6 लहसुन

– 1 छोटा प्याज

– 1 छोटा टमाटर

– 10 एमएल दूध

– 10 एमएल घी

– 1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच हलदी

– 1/2 छोटा चम्मच सौंफ

– 1/2 छोटा चम्मच जीरा

– 1/2 छोटा चम्मच अजवाइन

– धनियापत्ती

– अदरक के लच्छे गार्निशिंग के लिए

– नमक स्वादानुसार.

विधि

– टमाटर और प्याज को बारीक काट लें.

– कड़ाही में घी गरम कर उस में जीरा और सौंफ डालें और फ्राई करें.

– फिर इस में अदरक और लहसुन डाल कर 2 मिनट फ्राई करें.

– अब इस मिश्रण में टमाटर व प्याज डालें और अच्छी तरह फ्राई करें.

– फिर नमक, लालमिर्च और हलदी डालें. थोड़ा पानी डाल कर तब तक पकाएं जब तक प्याज अच्छी तरह पक न जाए.

– इस मिश्रण में दूध डालें और उबालें.

– पकने के बाद धनियापत्ती और अदरक के लच्छों से गार्निशिंग कर सर्व करें.

व्यंजन सहयोग: रुचिता जुनेजा कपूर

तुरंत पाएं चमकदार त्वचा

खूबसूरती ऐसी हो कि देखने वालों की निगाहें ठहर जाए. बेदाग चमकती त्वचा व्यक्तित्व को अलग सा आकर्षण देती है. अगर आप की त्वचा में निखार और सौंदर्य है तो इस से आप के आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है. निखरी त्वचा ही आप के आकर्षण का सबसे बड़ा राज है. परंतु इस भागदौड़ भरी जिंदगी और प्रदूषणयुक्त वातावरण में त्वचा की सेहत बनाए रखना बड़ी मेहनत का काम है.

प्राकृतिक खूबसूरती और स्वस्थ जीवनशैली के साथ यदि सही सौंदर्य उत्पादों का चुनाव किया जाए तो त्वचा हर पल मुस्कराती हुई नजर आती है.

सौंदर्य उत्पाद हों खास

सौंदर्य उत्पादों में सीवीड और सी सौल्ट्स जैसे प्राकृतिक तत्वों की मौजूदगी त्वचा पर चमक और सेहत का असर छोड़ जाती है. तभी तो स्पावेक के उत्पाद त्वचा के लिए खास तौर पर लाभकारी हैं.

चमकदार दाग रहित त्वचा के लिए स्पावेक के व्हाइट सौल्यूशन इंस्टा ग्लो शीट मास्क के साथ वाइटनिंग ट्रिपल केयर सीरम का कॉम्बिनेशन परफेक्ट है.

अगर आप हर पल खूबसूरत दिखना चाहती हैं तो स्पावेक वाइटनिंग ट्रिपल केयर सीरम का प्रयोग करें. अलकोहल फ्री होने के कारण यह चेहरे पर ताजगी और कोमलता का एहसास जगाता है.

कम कीमत में अधिक चमक

स्पावेक के उत्पाद जो पौकेट पर भारी भी नहीं पड़ते, त्वचा को खूबसूरत बनाते हैं. इस के व्हाइट सौल्यूशन इंस्टा ग्लो स्पा शीट फेस मास्क के 18 एमएल पैक की कीमत 129 रूपए व वैल्यू पैक औफ 5 शीट्स (जिस में प्रत्येक 18 एमएल है) की कीमत 549 रूपए है. वही व्हाइटनिंग ट्रिपल हेयर सिरम के 45 एमएल पैक की कीमत केवल 399 रूपए है.

सिर्फ यही नहीं बल्कि जापानीज टेक्नोलौजी से युक्त स्पावेक व्हाइटनिंग, माइश्चराइजिंग, पिंपल केयर, एंटीएजिंग, सनस्क्रीन, बीबी क्रीम और मेकअप रिमूवर की भी कई रेंज उपलब्ध है. तो फिर देर किस बात की, इन्हे खरीद कर लाए और बने खूबसूरत.

स्वस्थ जीवनशैली

आप अपने शरीर को किस तरह मैनेज करती हैं उस का असर आप की त्वचा पर भी पड़ता है. खूबसूरत दिखना है तो सही खानपान और सकारात्मक सोच के साथ कुछ शारीरिक गतिविधियों पर नजर बनाए रखे.

व्यायाम करें

दौड़ना, जागिंग करना, नियमित व्यायाम और योगाभ्यास से शरीर में ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है और शरीर से हानिकारक पदार्थ बाहर निकलते हैं. जिस से चेहरे पर स्वाभाविक रौनक आती है.

भोजन हो सेहतमंद

संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए जिस में प्रोटीन और विटामिन प्रचुर मात्रा में हों.  हरी पत्तेदार सब्जियां फल और पौष्टिक भोजन लें. सही मात्रा में सही समय पर खाना चाहिए. ज्यादा तेलमसाले और तली हुई चीजें न खाएं.

मुस्कान

एक प्यारी सी मुसकराहट आप के व्यक्तित्व को आकर्षक बना देती है. आप चेहरे को चमकाने के लिए कितनी भी मेहनत और पैसा खर्च कर लें, जबतक अंदर से प्रसन्न और शांत नहीं होंगे, चेहरे की प्राकृतिक खूबसूरती अधूरी ही रहेगी. कभी भी दुखी, क्रोधित, निराश या उदास न रहें. आप का चेहरा खूबसूरत तभी दिखेगा.

गरम तेल से मसाज

शरीर की गरम तेल से मसाज काफी फायदेमंद होता है. तेल में नीम और तुलसी की पत्तियां गरम करें और मालिश करें. इस से खून का प्रवाह तेज होगा और टैनिंग भी मिटेगी.

सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा की रक्षा करें

सूर्य की तेज किरणों से त्वचा को बचाइए. अपना चेहरा धोए और सही लोशन का उपयोग करें. भले ही आपकी त्वचा की टोन कुछ भी हो, धूप में बहुत अधिक समय तक नहीं रहें. अगर आप को कई बार धूप में जाना हो, तो सुनिश्चित करें कि आप एसपीएफ 30 या अधिक प्रोटेक्शन की सनस्क्रीन लगाएं.

खूब पानी पीएं

पानी भीतर से आप की त्वचा को हाइड्रेट्स करता है और त्वचा को ड्राई होने से बचाता से बचाता है. एक दिन में कम से कम 6 ग्लास पानी जरूर पीएं.

औनलाइन शौपिंग की दीवानी हैं परिणीति, फ्लौप फिल्मों पर कही ये बात

हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘केसरी’ में अक्षय कुमार के साथ स्क्रिन शेयर करने वाली अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा पंजाबी परिवार की हैं. वह अपना कैरियर इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में बनाना चाहती थीं और इसके लिए उन्होंने 17 साल की उम्र में लन्दन के मेनचेस्टर बिजनेस औफ स्कूल से बिजनेस, फाइनेंस और इकौनोमिक्स में औनर्स की डिग्री प्राप्त कर भारत लौटी और यशराज फिल्म्स के यहां पब्लिक रिलेशन कंसल्टेंट के तौर पर काम करने लगीं. वहीं उसे पहली फिल्म करने का मौका मिला और अब वह एक अभिनेत्री बन चुकी हैं.

उन्हें हर तरह की फिल्में करना पसंद है. स्पष्टभाषी परिणीति अभी फिल्म ‘केसरी’ में एक साधारण गृहणी की भूमिका निभा रही हैं, जिसे लेकर वह बहुत उत्सुक हैं. पेश है कुछ अंश.

इस फिल्म को करने की खास वजह क्या है?

मैं पंजाबी हूं और जब इस फिल्म की कहानी सुनी, तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए. सारागढ़ी के बहादुरी की ये एक बड़ी मिसाल है, जिसे सभी को देखने की जरुरत है और मेरे लिए ऐसी कहानी का हिस्सा बनना गर्व की बात है.

इसमें आपने साधारण पत्नी की भूमिका निभाई है, कितनी तैयारियां करनी पड़ी?

निर्देशक ने इसमें काफी सहयोग दिया है और मैंने ऐसे कई घरों को देखा, जहां एक साधारण पत्नी कैसे रहती है, बस उसी को फोलो किया. मैंने इसमें शर्मीली लड़की की भूमिका निभाई है. मैंने सिर्फ 15 दिन की शूटिंग इसमें की है. अभिनय की सारी बातें सेट पर ही पता चल पाती थी. इसलिए मुश्किल नहीं हुई.

आजकल आपकी फिल्में कम आ रही है, इसकी वजह क्या मानती हैं?

ऐसा कुछ भी नहीं है कि मैं कम फिल्में कर रही हूं या लाइम लाइट में नहीं हूं. मेरी पिछली फिल्म नहीं चली, फिर भी निर्देशक का मुझपर विश्वास है और काम मिल रहा है. मीडिया के पास हम तब आते हैं, जब फिल्म पूरी बन गयी हो. एक फिल्म के बनने में सालों लगते हैं, ऐसे में हमेशा कुछ न कुछ फिल्म से सम्बंधित काम चलता रहता है.

अभी आपमें कितना बदलाव आया है?

पहले से मैं अब काफी मेच्योर हो चुकी हूं और समझदारी के साथ स्क्रिप्ट चुन सकती हूं. इसके अलावा पहले मैं शौपिंग नहीं करना चाहती थी. अब मैं बहुत औनलाइन शौपिंग करती हूं.

बहादुरी की इस फिल्म को करने के बाद आपके दिल में बहादुर जवानों के प्रति भावनाएं कितनी प्रबल हुई हैं?

मैं खुद एक आर्मी कैंट में बड़ी हुई हूं. मेरे पिता आर्मी से आजतक व्यवसाय करते हैं. जिस तरह से हमारा जुड़ाव सैनिकों से है, वैसा अधिकतर लोगों का नहीं होता. नेशनल एंथम सुनने पर मुझे बहुत शांति मिलती है. मैं इससे भी अधिक बहादुरी की फिल्में करना चाहती हूं, जिसमें मेरा जुड़ाव अच्छा हो.

क्या आप रीजनल फिल्में करना चाहती हैं?

दरअसल मैं पंजाबी स्क्रिप्ट खोज रही हूं और अगर मिले, तो सौ प्रतिशत करना चाहती हूं. मुझे पंजाबी संस्कृति बहुत पसंद है और दिल से करना चाहती हूं. मैं हर भाषा की फिल्म करना चाहती हूं, कोई भी भाषा मेरी एक्टिंग के आड़े नहीं आ सकती.

फिल्म इंडस्ट्री में अभी महिला प्रधान फिल्में काफी बन रही है और उसे सराहा भी जा रहा है, इसे आप कैसे देखती हैं?

मैं हमेशा महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने में जुटी रहती हूं. महिला प्रधान फिल्मों को एक ढांचे में ढाला जाता है और इस तरह से हम खुद उसे बाकी फिल्मों से अलग कर रहे हैं जो ठीक नहीं. फिल्म तो फिल्म है और एक कहानी कहने की कोशिश कर रही है.

शादीशुदा अभिनेत्री की अगर हम बात करें, तो एक लड़की है जिसने शादी की है और जीने के लिए काम कर रही है. इसे अलग रूप में देखने का किसी को हक नहीं है. इससे हम अपने आपको नीचा कर रहे है. अभी मेरी जर्नी अच्छी चल रही है और मैं इससे संतुष्ट हूं.

ऐसे बनाए मीठी टिकिया

सामग्री

–  2 कप मैदा

– 11/2 कप सूजी

–  11/2 कप चीनी पाउडर

–  1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर

– रिफाइंड फ्राई करने के लिए.

बनाने की विधि

– एक बरतन में मैदा, सूजी, चीनी पाउडर और इलायची पाउडर डाल कर अच्छी तरह मिक्स कर लें.

– अब इस में रिफाइंड डाल कर मिलाएं.

– बिना पानी डाले हाथों से दबा कर मुट्ठी बनाएं.

– अगर टूटती नहीं है तो और रिफाइंड डालने की जरूरत नहीं और टूटती है, तो और रिफाइंड डाल दें.

– अब पानी के छींटे देते हुए आटे का कड़ा मिश्रण तैयार करें.

– अब मिश्रण की टिकियां बना कर रिफाइंड गरम कर ब्राउन होने तक तल लें.

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