छोटा गुल्लक बड़ी बचत

सीख देने वाला यह मामला मध्य प्रदेश के जिले छिंदवाड़ा का है, जिस में स्कूली बच्चों ने खेलखेल में करीब 1 करोड़ रुपए जमा कर सभी को हैरत में डाल दिया. बच्चों में बचत की आदत डालने की गरज से राज्य सरकार द्वारा 2007 में शुरू की गई ‘अरुणोदय गुल्लक’ योजना के तहत यह राशि बच्चों ने जमा की थी.

अगर इस तरीके को सभी जिंदगी में उतार लें तो जाहिर है वे मनमाफिक बचत कर पाएं, जिस के लिए जरूरत सिर्फ एक गुल्लक की है, जो अब घरों से गायब हो चला है. कभी गुल्लक भारतीय घरों की अहम जरूरत थी, लेकिन बचत के बढ़ते विकल्पों और आसान होती बैंकिंग प्रक्रिया ने यह जरूरत खत्म कर दी है.

गुल्लक की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि अगर यह सामने हो तो बचत खुदबखुद हो जाती है. रोज पैसा जमा करने की आदत सिखाने वाला गुल्लक चूंकि सहज उपलब्ध होता है, इसलिए इसे भरने के लिए हरकिसी का मन करने लगता है.

बूंदबूंद से घड़ा भरता है, यह बात गुल्लक पर खरी उतरती है, जिस में रोज 10-20 रुपए भी डाले जाएं तो जेब या बजट पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता और बैंक जाने की भागादौड़ी की भी जहमत नहीं उठानी पड़ती. बच्चों को शौक से पिगी बैंक दिलाने वाले अभिभावक अगर खुद के लिए भी गुल्लक ले लें तो वे सालभर में आकर्षक राशि जमा कर सकते हैं.

गुल्लक की खासीयतें

मिट्टी की बनी और 10-20 रुपए में मिलने वाले गुल्लक में आसानी से 40-50 हजार रुपए इकट्ठे किए जा सकते हैं, जिस की तैयारी इस तरह की जा सकती है:

सब से पहले तो एक गुल्लक खरीदें. फिर उसे ऐसी जगह रखें जहां आप को रोज दिखे. अब नियमित न्यूनतम राशि उस में डालने का नियम बना लें जो 10 से ले कर 100 रुपए प्रतिदिन तक हो. इस नियम का यथासंभव पालन करें. बचत के लिए अपनी फुजूलखर्ची को छोड़ें. जब नियमित पैसे गुल्लक में डालने लगें तो कभीकभार एकमुश्त पैसा भी उस में डालें. गुल्लक को बेवजह न फोड़ें तो यह भरता चला जाएगा और जमा राशि बढ़ती जाएगी.

बनाएं मकसद

भोपाल की सविता शुक्ला रोज 100 रुपए गुल्लक में डालती हैं और उसे साल के आखिरी दिन फोड़ती हैं, तो उस में करीब 50 हजार रुपए निकलते हैं.

सविता बताती हैं कि पहले साल उन्होंने 35 हजार रुपए जमा किए थे, जिन्हें नए साल में फिक्स डिपौजिट करा दिया था. उत्साह और रोमांच बढ़ा तो दूसरे साल उन्होंने केरल घूमने का प्लान बना डाला. जैसे ही यह पता उन के पति संजय को चला तो वे भी कुछ पैसे गुल्लक में डालने लगे.

2016 के आखिरी दिन जब दोनों ने गुल्लक फोड़ा तो उस में 50 हजार रुपए निकले. सविता कहती हैं, ‘‘अगर घूमने जाने के लिए बैंक से पैसे निकालते तो वह मजा नहीं आता जो गुल्लक फोड़ने पर उस के पैसों से आया, क्योंकि हम पर इस का कोई अतिरिक्त भार नहीं आया. अगर गुल्लक में पैसे जमा नहीं करते तो केरल के सैरसपाटे का सपना शायद ही हकीकत में बदल पाता.’’

आइडिया अच्छा है कि कोई महंगा सामान खरीदने या दूसरे किसी मकसद के लिए गुल्लक में पैसे इकट्ठे किए जाएं तो इस का पता नहीं चलता. कोई इलैक्ट्रौनिक आइटम या फिर हर साल 2 तोले सोने का लक्ष्य सामने रख गुल्लक में रोज पैसे डाले जाएं तो कोई भी चीज पहुंच से दूर नहीं रह जाती.

गुल्लक में पैसे डालना अखरता भी नहीं है, क्योंकि इस के लिए कुछ ज्यादा नहीं सोचना पड़ता. उलटे फायदा यह होता है कि फुजूल की खरीदारी की लत छूट जाती है, जिस से दोहरी बचत होती है.

गुल्लक में जब भी अनुमानित 20 से 50 हजार रुपए जमा हो जाएं तो उन्हें कहीं इकट्ठा भी निवेश किया जा सकता है. गुल्लक एक ऐसा अकाउंट है जिसे खोलने के लिए किसी औपचारिकता की जरूरत नहीं पड़ती है और उस का संचालन भी आप के हाथ में रहता है.

भोपाल की ही एक गृहिणी सरिता सक्सेना बताती हैं कि उन्होंने 10 साल पहले गुल्लक फोड़ी थी तो उस में 58 हजार रुपए निकले थे. ये वे पैसे थे जो उन की बेटी सुरभि को रिश्तेदार और परिचित दे जाते थे. सुरभि जब 6 साल की हुई तो उन्होंने यह राशि फिक्स डिपौजिट करा दी थी जो अब 1 लाख रुपए से ज्यादा हो गई है.

अगर सरिता 100-200 और 500 सौ रुपए तुरंत खर्च कर देतीं तो एक बड़ी रकम से वंचित हो जातीं. यह मुमकिन हुआ गुल्लक की वजह से जो उन्होंने सुरभि के लिए खरीदा था.

इमरजैंसी में भी गुल्लक बडे़ काम की चीज साबित होता है. अगर वक्तबेवक्त नक्दी की जरूरत पड़ जाती है, तो गुल्लक मदद से इनकार नहीं करता. हालांकि अब हर जगह एटीएम हैं, लेकिन गुल्लक फोड़ने से आप के सेविंग अकाउंट पर फर्क नहीं पड़ता.

पहली कोशिश यह होनी चाहिए कि गुल्लक तब तक न फोड़ा जाए जब तक मकसद पूरा करने लायक पैसे उस में जमा न हो जाएं.

1 साल में एक मकसद पूरा कर फिर मकसद बड़ा किया जाए ताकि ज्यादा बचत हो सके.

कोशिश यह भी होनी चाहिए कि घर के सभी सदस्य गुल्लक में पैसा डालें. इस से भी बेहतर रास्ता यह है कि घर के सभी सदस्यों के पास अपना अलग गुल्लक होना चाहिए जिस से बचत में प्रतिस्पर्धा पैदा हो.

फिर देरी क्यों, आज ही एक गुल्लक खरीद लाएं और उस पर 1 साल बाद की तारीख डाल दें. फिर देखें छोटी बचत का कमाल, जो बैठेबैठाए आप को हैंडसम अमाउंट देगा.

नैचुरल तरीके से बढ़ाएं ब्रैस्ट मिल्क की मात्रा

हर युवती शादी के बाद मां बनने का सपना देखती है और जब वह मां बन जाती है तो वह चाहती है कि वह अपने बच्चे को हर खुशी दे पाए और उस का बच्चा हमेशा हैल्दी रहे. इस के लिए वह अपने बच्चे को कष्ट सह कर भी खुद का दूध पिलाती है, क्योंकि डाक्टर्स मानते हैं कि बच्चे के लिए शुरुआती 6 महीने मां का दूध सब से महत्त्वपूर्ण होता है. क्योंकि इस में सभी जरूरी पौष्टिक तत्त्व जो होते हैं जो बच्चे के विकास के लिए जरूरी होते हैं. साथ ही उन के इम्यून सिस्टम को स्ट्रौंग बनाने का भी काम करते हैं.

लेकिन आज खानपान व अन्य हैल्थ कारणों से लेक्टेशन प्रौब्लम आ रही है जिस के कारण पर्याप्त मात्रा में मां के स्तनों में दूध नहीं आने के कारण बच्चे की जरूरत पूरी नहीं हो पाती. ऐसे में झंडु सतावरी काफी फायदेमंद है. क्योंकि ये लेक्टेशन का नैचुरल उपाय है जो मां के दूध की मात्रा को नैचुरल ढंग से बढ़ाने का काम जो करता है.

गलैक्टेगोज बढ़ाए ब्रैस्ट मिल्क

फीड कराने वाली मां को जरूरत होती है कि वो पौष्टिक डाइट खाए जिस से उस के स्तनों में पर्याप्त मात्रा में दूध आ पाए. लेकिन कई बार अच्छा खाने के बावजूद भी दूध की मात्रा घट जाती है. ऐसे में गलैक्टेगोज के माध्यम से ब्रैस्ट मिल्क को बढ़ाने की सलाह दी जाती है. आप को बता दें कि सतावरी में ग्लैक्टेगोज गुण होते हैं.

क्या है सतावरी

सतावरी जो अधिकांशत: हिमालय में पाई जाती है और इसे सदियों से आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में प्रयोग किया जाता है. इस में हीलिंग गुण हाने के साथ ब्रैस्ट मिल्क के उत्पादन को बढ़ाने की क्षमता भी होती है.

कैसे है मददगार

सतावरी जिसे गलेक्टेगोज के रूप में जानते हैं. ये कोर्टिकोइड और प्रोलेक्टिन के उत्पादन को बढ़ाने का काम करता है. जिस से मां के दूध की क्वालिटी व मात्रा दोनों बढ़ती है. साथ ही ये स्टीरोइड हारमोन को सीक्रेशन के लिए प्रेरित करता है जिस से दूध की क्वालिटी सुधरने के साथसाथ ब्रैस्ट साइज में भी बढ़ोतरी होती है. साथ ही ये नैचुरल होने के कारण सैफ है. इसे आप दूध के साथ ले कर खुद व आपने बच्चे को हैल्दी रख सकते हैं.

हैल्थ को दें प्राथमिकता

आज हमारा लाइफ स्टाइल ऐसा हो गया है जिस के कारण हम अपनी हैल्थ पर जरा भी ध्यान नहीं देते हैं जिस से ढेरों कमियां हम में रह जाती हैं और इस का असर प्रैग्नैंसी के समय व उम्र बढ़ने पर साफ दिखता है. इसलिए जरूरी है कि पौष्टिक डाइट लें ताकि आप हमेशा सेहतमंद रहें.

‘मुंगड़ा’ गाने की आलोचना के बाद डायरेक्टर इंद्र कुमार ने दिया जवाब

जैसा कि हम सभी जानते हैं फिल्म ‘टोटल धमाल’ में ‘मुंगड़ा’ गाने को रीक्रिएट किया गया है. हाल ही में इस नए गाने को लेकर मेकर्स को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. अब इस मामले में फिल्म के डायरेक्टर इंद्र कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने अपना एक बयान जारी करते हुए न सिर्फ अपनी बात रखी बल्कि दूसरे फिल्म इंडस्ट्री के उन लोगों पर भी सवाल उठाए जो इस गाने की आलोचना कर रहे हैं.

दरअसल, फिल्म ‘टोटल धमाल’ में साल 1997 में आई फिल्म ‘इनकार’ में हेलन पर फिल्माए गए गाने ‘मुंगड़ा’ को रीक्रिएट किया गया है. इस क्लासिक हिट गाने का रिमेक बनाया जाना कई लोगों को पसंद नहीं आया. औरिजनल गाने के म्यूजिक डायरेक्टर राजेश रोशन और गीतकार उषा और लता मंगेशकर ने इस रिमेक की आलोचना की थी. उनकी ओर से कहा गया था कि रिमेक से पहले उनसे गाने को लेकर किसी तरह की कोई इजाजत नहीं ली गई.

जिसके बाद इंद्र कुमार ने सोनाक्षी सिन्हा पर फिल्माए गए गाने पर हो रहे विवाद को लेकर कहा, ‘जब मेरी 1997 में रिलीज हुई फिल्म इश्क के गाने ‘नींद चुराई मेरी’ को रोहित शेट्टी की फिल्म ‘गोलमाल रिटर्न्स’ में रीक्रिएट किया गया, तब किसी ने मेरी इजाजत नहीं ली थी. गाने के राइट्स म्यूजिक कंपनी के पास होते हैं और उनके पास अधिकार है कि वह गानों के साथ जो करना चाहे करें.’

उन्होंने आगे कहा, ‘गानों को रीक्रिएट करना एक तरीका है जिसके जरिए पुराने गानों के प्रति सम्मान दिखाया जाता है.’ उनका यह जवाब म्यूजिक डायरेक्टर राजेश रोशन के उस कमेंट पर था जिसमें उन्होंने कहा था कि आजकल के फिल्ममेकर्स के पास नए गाने बनाने का कौन्फिडेंस ही नहीं है.

डेटिंग मेकअप टिप्स

डेटिंग पर जाना हो लेकिन बिजी शैड्यूल के कारण पार्लर जाने का टाइम न हो तो परेशान न हों. आप घर बैठे खुद को अपने हिसाब से मिनटों में बेहतर लुक दे कर अपने फ्रैंड्स के बीच सैंटर औफ अट्रैक्शन बन सकती हैं.

जानिए इस संबंध में ब्यूटी ऐक्सपर्ट बुलबुल साहनी से कुछ टिप्स:

मेकअप से पहले क्या करें

अगर आप अपने फेस पर इंस्टैंट ग्लो चाहती हैं, तो मेकअप करने से 10 मिनट पहले अपने चेहरे पर दही अप्लाई करें. दही ब्लीच का काम करता है. इस से स्किन ग्लोइंग दिखने के साथसाथ मेकअप भी काफी अच्छा रिजल्ट देता है.

आप ग्लोइंग स्किन के लिए हफ्ते में 3 दिन दही में नीबू या फिर दही में टमाटर मिला कर भी लगा सकती हैं. इस के बाद आप को मौइश्चराइजर लगाने की भी जरूरत महसूस नहीं होगी. यह प्राइमर का काम करता है.

घर में रखें कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स

आप घर पर मेकअप किट जिस में क्रीम, कंसीलर, फाउंडेशन, ब्रश, कौंपैक्ट, आईशैडो, काजल, लाइनर, ब्लशर, लिपस्टिक, लिप पैंसिल, हेयर ऐक्सैसरीज, बिंदी नेलपौलिश बगैरा जरूर रखें ताकि आप के लिए मिनटों में मेकअप करना आसान हो सके.

कैसे करें मेकअप

अगर स्किन ज्यादा ड्राई दिखेगी तो मेकअप उतना इफैक्टेड नहीं लगेगा, इसलिए सब से पहले स्किन की ड्राईनैस को दूर करने के लिए चेहरे पर कोल्ड क्रीम अप्लाई करें. इस से स्किन की ड्राईनैस दूर होती है. फिर आंखों के नीचे कंसीलर अप्लाई करें. यह डार्क सर्कल्स को छिपाने का काम करता है.

इस के बाद चेहरे पर अच्छा फाउंडेशन लगाएं. गरदन पर भी फाउंडेशन लगाना न भूलें. इस से नैचुरल स्किन टोन के साथसाथ स्किन क्लीयर भी नजर आने लगती है. जब बेस तैयार हो जाए तो ब्रश की मदद से कौंपैक्ट लगाएं. यह आप को परफैक्ट लुक देने का काम करेगा. ध्यान रखें कौंपैक्ट हमेशा ऐंटीक्लौकवाइज ही लगाएं. इस से मेकअप ज्यादा देर तक टिका रहता है.

फिर आईशैडो ले कर आई मेकअप करें. आजकल स्मोकी आईज का काफी क्रेज है, तो आप डार्क कलर से स्मोकी आईज के साथ आईब्रो को भी उसी से डिफाइन कर के उस पर थोड़ा ग्लिटर लगाएं. इस के बाद आंखों के ऊपर अपनी पसंद के अनुसार पतला या मोटा लाइनर अप्लाई करें. फिर मसकारे के 3-4 कोट अप्लाई करें. यह मसकारा आईलैशेज को घना दिखाने का काम करता है. अब काजल लगाएं. इस से आप की आंखें और खूबसूरत दिखेंगी.

इस के बाद ब्लशर को नोज के पास से आईब्रोज तक लगाएं और ऊंगलियों से अच्छी तरह मिलाएं. ब्लशर के बाद हाईलाइटर लगाएं. इस से मेकअप थोड़ी देर बाद ग्लो करने लगता है. अब पैंसिल से लिप लाइन बनाएं और उस में लिपस्टिक अप्लाई करें. इस से लिपस्टिक फैलती नहीं है.

आखिर में बालों को अपनी पसंद के हिसाब से लुक दें. आप बाल खुले भी रख सकती हैं या फिर बाल छोटे हैं, तो पहले हलकी सी बैक कौंबिंग करें और बन बना कर पिन व डोनट से उसे अच्छी तरह कवर करें. आगे के बालों को प्रैसिंग से अच्छी तरह सैट करें. यह लुक आप के मेकअप व आउटफिट पर खूब जंचेगा. इस तरह मिनटों में आप खुद को डेट पर जाने के लिए तैयार कर सकती हैं.

ओंब्रे मेकअप ब्यूटी का नया ट्रैंड

मेकअप और ब्यूटी दोनों को फ्रैश बनाए रखने के लिए मेकअप आर्टिस्ट को हमेशा कुछ न कुछ चुनौतीपूर्ण काम करते रहना पड़ता है, ताकि नयापन बना रहे. इस दिशा में आजकल ‘ओंब्रे मेकअप’ ट्रैंड में है. छोटीमोटी पार्टी हो या विवाह ओंब्रे मेकअप हर जगह अच्छा लगता है. असल में मेकअप में ओंब्रे हेयर कलर से ही आया है, जिसे सभी ने खूब पसंद किया. यही वजह है कि इस तकनीक को लिप्स, चीक्स और आईज मेकअप में लाया गया है. इस में एक ही कलर टोन या कंट्रास्ट कलर के लाइट और डार्क शेड का प्रयोग कर मेकअप किया जाता है, जो सुंदर दिखने के साथसाथ आकर्षक भी लगता है.

फैशन में है

लैक्मे सैलून की क्रिएटिव डायरैक्टर और मेकअप ऐक्सपर्ट सुषमा खान बताती हैं कि ओंब्रे मेकअप इस साल फैशन में खूब है. ओंब्रे एक तकनीक है, जिस में होंठों पर 2-3 कलर का प्रयोग कर फाइनल कलर दिया जाता है. इस में अधिकतर 3 रंग मिलाए जाते हैं. ब्राइड में इस बार हौट औरेंज कलर बहुत अधिक प्रचलन में है. रैड कलर पहले से ही पौपुलर है. ब्राइड के लिए रैड क्लासिक कलर है. इंडियन वैडिंग में इस की खास जगह होती है. लाल रंग के बिना शादी अधूरी होती है. 80 प्रतिशत महिलाएं लाल या मैरून कलर की पोशाक शादी में पहनती हैं. सारे ब्राइट कलर जैसे हौट औरेंज, फ्यूशिया कलर आदि सभी फैशन में हैं.

मेकअप करने से पहले निम्न बातों पर ध्यान दें :

– सब से पहले ड्रैस क्या पहनने वाली हैं, इस पर ध्यान देना जरूरी होता है. ड्रैस को कौंप्लिमैंट करने वाला रंग आप ले सकती हैं. मसलन, अगर आप लाल रंग की ड्रैस पहनने वाली हैं तो रैड के साथ मैरून और पिंक को भी लिया जा सकता है.

– ओंब्रे का अर्थ है एक ही फैमिली के डार्क और लाइट शेड लेना जैसे कि अगर आप ने लाल रंग की लिपस्टिक ली हो, तो उस से मैचिंग रंगों का चयन करें.

– पहले बेस लिपस्टिक से एक शेड डार्क आउटर लिप लाइनर लगाएं. लाइन को थोड़ा थिक रखें. इस के बाद बेस लिपस्टिक और अंत में लिप्स के अंदर लाइट शेड लगाएं. इस के ऊपर लिप ग्लौस लगा कर उसे फाइनल टच दें.

– घर पर भी इस मेकअप को कर सकती हैं. इस के लिए आप अपने पर्सनल मेकअप आर्टिस्ट या सैलून से मेकअप का सामान खरीदते वक्त वहां की ऐक्सपर्ट से इसे करने की तकनीक जान लें.

– इस के अलावा इस साल होलोग्राफी का भी चलन है. इस में चेहरे के किसी एक भाग को हाईलाइट किया जाता है. ऐक्स्ट्रा शाइनिंग दे कर उस भाग को उभारा जाता है. इस में गोल्डन या सिल्वर कलर अधिक पौपुलर है. इस बार आंखों के ऊपर इसे देने का ट्रैंड रहेगा. ब्राइड भी इसे लगा कर अलग लुक पा सकती हैं.

– यंग ब्राइड पौप कलर और ब्राइट कलर पहन सकती हैं. उसी के अनुसार ओंब्रे मेकअप करें.

– स्किन कलर के आधार पर ड्रैस का चयन करें ताकि मेकअप सही दिखे.

सुषमा कहती हैं कि ब्राइड बनने जा रही लड़की को शादी के कुछ महीने पहले से स्किन की देखभाल करते रहना चाहिए ताकि शादी के दिन मेकअप उस के चेहरे को सुंदर बनाए.

वैलेंटाइन पर नेल आर्ट से दिखें और खास

प्यार के इजहार के इतने खास दिन का हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है और जब बात हो वैलेंटाइन डेट पर जाने की तब हमारा पूरा फोकस खुद की ड्रैस, मेकअप वगैरा पर ही रहता है और इस चक्कर में हम नेल्स पर ध्यान देना ही भूल जाते हैं, जिस से हमारा पूरा लुक खराब हो जाता है. तो अगर इस खास दिन आप और भी खास दिखना चाहती हैं तो अपने नेल्स को नजरअंदाज न करें और इसके लिए सबसे बेहतर तरीका है नेल आर्ट.

अब आप सोच रही होंगी कि इस के लिए आप को घंटों पार्लर में जा कर नेल आर्ट पर ढेरों पैसे बर्बाद करने पड़ेंगे, लेकिन हम आप को बताते हैं कि आप घर बैठे कैसे नेल आर्ट किट से इस खास दिन के लिए अपने नेल्स को खूबसूरत बना सकती हैं.

जानिए वैलेंटाइन डे के लिए हौट नेल आर्ट डिजाइंस

सितारों सी चमक

blingbabe

अगर आप ज्यादा प्रयोग करना पसंद नहीं करतीं तो हम आप को बताते हैं ऐसी नेल आर्ट के बारे में जो आप को क्लासिक जैल नेल्स का लुक देगी. इस के लिए आप सब से पहले नेल्स पर नायका सैलून शाइन जैल नेल लैकर – संगरिया इन स्पेन 203 के दो कोट्स अच्छे से अप्लाई करें. फिर इस में और अट्रैक्शन लाने के लिए फ्रैंच मैनीक्योर जिस के लिए आप नायका स्टार स्टडेड ग्लिटर कोट नेल एनामेल – सिल्वर स्नो 227 का यूज कर के नेल टिप्स को बना सकती हैं और सैक्सी.

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नायका सैलून शाइन जैल नेल लैकर – संगरिया इन स्पेन 203

नायका स्टार स्टडेड ग्लिटर कोट नेल एनामेल – सिल्वर स्नो 227

हार्ट से बनें सैंटर औफ अट्रैक्शन

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कई बार हम जिसे प्यार करते हैं उसे यह नहीं बता पाते कि हम तुम से कितना प्यार करते हैं. लेकिन इस वैलेंटाइन आप अपने नेलआर्ट स्टाइल से अपने दिल की बात को उस के दिल तक पहुंचा डालिए. इस के लिए नायका का कहना है कि आप नेल्स पर 2 कोट ओपीआई नेल लैकर – स्वीट हार्ट के लगाएं. फिर ओपीआई की रैड माई फौर्चून कुकी और एलीफेनटेसटिक पिंक को मिक्स कर क्लीन स्पौंज और हार्ट स्टैनसिल की मदद से अपने नेल्स पर क्यूट ओंबरे हार्ट की मोहर लगाएं और बनें सैंटर औफ अट्रैक्शन.

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ओपीआई नेल लैकर – स्वीट हार्ट

ओपीआई नेल लैकर – रैड माई फौर्चून कुकी

ओपीआई नेल लैकर – एलीफेनटेसटिक पिंक

स्टीकर्स का जादू

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क्या आप को अपने नेल्स पर रैड कलर लगाना पसंद नहीं है? तो आप या तो नायका नेल एनामेल-ब्लैक लीकोरिश 84 का प्रयोग कर सकती हैं या फिर नायका नेल ऐनामेल-कैरामल मैकियाटो 53 को ट्राई कर सकती हैं. इसे नेल्स पर बेस कलर की तरह अप्लाई करें. फिर अपनी पसंद की नेल ऐक्सैसरीज को लगा कर इस दिन को बनाएं और खास.

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नायका नेल एनामेल-ब्लैक लीकोरिश 84

नायका नेल ऐनामेल-कैरामल मैकियाटो 53

मेरे दिल का टुकड़ा

apartofmyheart

आप बहुत ही कम समय में अमेजिंग नेल आर्ट लुक पा सकती हैं, वो भी बिलकुल वैलेंटाइन डे के लिए स्पैशल रैड ऐंड व्हाइट का कौंबिनेशन. इस के लिए आप सब से पहले अपने नेल्स को फेसेस स्प्लैश नेल एनामेल व्हाइट ओ व्हाइट से पेंट करें. फिर हार्ट शेप स्टेनसिल को नेल्स के ऊपरी तरफ लगाएं और फिर इस ब्राइट रैड हार्ट को रौयल रूबी से फिल कर के डेट के लिए रैडी हो जाएं.

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फेसेस स्प्लैश नेल एनामेल – व्हाइट ओ व्हाइट

फेसेस स्प्लैश नेल एनामेल – रौयल रूबी

शैड्स का जुनून

ombre

अगर आप को अपने प्यार को सब के सामने जताना पसंद नहीं है तो हम आप के लिए सुपर क्लासी नेल आर्ट आइडिया ले कर आए हैं. इस के लिए आप को हार्ट ही दिखाना जरूरी नहीं है बल्कि आप बहुत ही अलग तरीके से भी इस दिन ग्लैमरस दिख सकती हैं.

इस के लिए सब से पहले आप अपने क्यूटिकल्स पर ग्लू लगाएं, फिर कलरबार ल्यूक्स नेल लैकर के ब्लैक मेज को अपने नेल्स के बेस पर अप्लाई करें. इस के बाद औल फ्राइड अप शैड अप्लाई कर के आखिर में टिप्स पर रैड एनिग्मा लगा कर दिखें खास.

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कलरबार ल्यूक्स नेल लैकर

कलरबार ल्यूक्स नेल लैकर – ब्लैक मेज

कलरबार ल्यूक्स नेल लैकर – औल फ्राइड अप

कलरबार ल्यूक्स नेल लैकर – रैड एनिग्मा

सौंदर्य से संबंधित अधिक जानकारी पाने के लिए यहां क्लिक करें और नायका ब्यूटीबुक पर जाएं.

होठों से गहरे रंग की लिपस्टिक हटाने के आसान उपाय

हो सकता है कि आप किसी पार्टी या शादी में जा रही हों और गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगाने की सोंच रही हों. वैसे भी लड़कियों और महिलाओं को बोल्‍ड और क्‍लासी रेड लिपस्‍टिक काफी भाती है. हांलाकि रेड लिपस्टिक के लगे दाग जल्‍दी से जाते नहीं हैं. यह तब होता है जब आप ज्‍यादा देर तक के लिये लिपस्टिक लगाए रखती हैं. तो अगर आप लाल रंग की लिपस्‍टिक के दाग को हटाना चाहती हैं तो पढिए यहां दिए गए कुछ टिप्‍स-

भिगोई हुई कौटन बौल्‍स

लाल लिपस्टिक को मिटाने के लिये कौटन बौल को पानी में गरम करें और हल्‍के हाथों से नीचे के होंठ को रगड़ें. जब नीचे के होंठ साफ हो जाएं तब ऊपर के होठों को साफ करें. एक बार हो जाने के बाद पेट्रोलियम जैली लगा लें.

पिट्रोलियम जैली

होठों पर 10 मिनट के लिये पेट्रोलियम जैली लगाएं. फिर उसे साफ कौटन बौल्‍स से पोंछ लें. उसके बाद दुबारा पेट्रोलियम जैली लगा कर 15 मिनट छोड़ दें.

औलिव औइल

जब होठों पर लगी लिपस्टिक सूख जाए और उखड़ने लगे तब उस पर औलिव औइल लगाइये. अब उस पर कौटन बौल रगड़िये और लिपस्टिक को साफ कर दीजिये. लिपस्‍टिक को साफ करने के बाद उस पर माइस्‍चराइजर लगाएं

ऐसे बनाएं घर पर हाफ फ्राई अंडा

सामग्री:

– लाल मिर्च पाउडर (स्वादानुसार)

– काली मिर्च पाउडर (स्वादानुसार)

– नमक (स्वादानुसार)

– तेल (1 बड़े चम्मच)

हाफ फ्राई  अंडा बनाने की विधि :

– सबसे पहले एक नौन स्टिक पैन को गरम करें.

– पैन गरम होने पर उसमें तेल डालें और पैन को घुमा कर तेल चारों ओर फैला लें.

– तेल गरम होने पर अंडे को पैन के ऊपर करके चाकू की मदद से हल्के हाथ से तोड़ें और उसके भीतर की     सारी सामग्री पैन में गिरा दें.

– इसके बाद छिलका को डस्टबिन में डाल दें.

– अब लाल मिर्च, काली मिर्च और नमक को चुटकी में लेकर अंडे के ऊपर बराबरी से फैला कर डाल दें और    अंडे को 2 से 3 मिनट तक सिंकने दें.

– इसके बाद कलछी की मदद से अंडे को सर्विंग प्लेट में निकाल लें.

अब आपका स्वादिष्ट हाफ फ्राई अंडा तैयार है.

गर्भ में पल रहे बच्चे हो रहे हैं जहरीले पदार्थों से प्रभावित

गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी है कि वो अपने और गर्भ में पल रहे बच्चे का खासा ख्याल रखें. पर लाख कोशिशों के बाद भी ऐसे बहुत से कारक हैं जिनसे गर्भ में पल रहा बच्चा नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है. हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट की माने तो गर्भवती महिला जब किसी खतरनाक रसायन के संपर्क में आती है तो इसका असर पेट में पल रहे बच्चे के फेफड़ों पर होता है. इस बात का खुलासा हाल ही में प्रकाशित एक जर्नल में हुआ है.

स्पेन में हुई इस शोध में 1033 गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया था. इनकी जांच के बाद प्राप्त तथ्यों से ये स्पष्ट हुआ कि बच्चों के जन्म से पहले पैराबेंस फ्थेलेट्स और परफ्लुओरोअल्काइल सब्सटैंस (PFAS) के संपर्क और बच्चों के फेफड़े के ठीक से काम न करने के बीच गहरा संबंध है.

आपको बता दें कि घरेलू उत्पादों और खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में पीएफएएस पाए जाते हैं. भोजन और पानी के द्वारा पीएफएएस तत्व हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं. इसके बाद नाभि के माध्यम से इसका असर अजन्में बच्चे तक भी पहुंचता है.

इस शोध से जुड़े शोधकर्ताओं की माने तो “रोकथाम के उपायों से रासायनिक पदार्थो के संपर्क से बचा जा सकता है. इसके अलावा सख्त विनियमन और जन-जागरूकता के लिए उपभोक्ता वस्तुओं पर लेबल लगाने से बचपन में फेफेड़े खराब होने से रोकने में मदद मिल सकती है और लंबे समय में स्वास्थ्य में इसका लाभ मिल सकता है.”

बच्चे के लिए कैसे बनाएं निवेश की योजना

जिस पल कोई महिला मां बनती है, तो उस का बच्चा उसी पल से उस के संसार की धुरी बन जाता है. रोजाना अपने बच्चे की छोटीछोटी जरूरतों से ले कर उस के सुरक्षित भविष्य तक के लिए वह उसे सबकुछ बेहतरीन देना चाहती है. वैसे भी अब बच्चे को अच्छी शिक्षा और अच्छा भविष्य देने की जिम्मेदारी केवल पिता की ही नहीं रही है, मां भी इस में अपना पूरा सहयोग दे रही है.

इस संदर्भ में अनिता सहगल नामक महिला का उदाहरण लेते हैं. उन की उम्र 35 साल है और वे अपने पति तथा 2 बच्चों के साथ पुणे में रहती हैं. उन का बड़ा बेटा 12 और छोटा 6 साल का है. वर्तमान समय में एक ही बच्चे के पालनपोषण में होने वाले खर्च की सूची भयभीत कर देती है, तो ऐसे में अनिता को अभी से अपने बच्चों की शिक्षा को ले कर योजना बनाने की जरूरत है.

भारत में शिक्षा पर खर्च बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है. उच्च शिक्षा के खर्च में महंगाई दर काफी अधिक है. यह वित्तीय वर्ष 2012 से 2018 के दौरान औसतन 6.42% रही पर अब सालाना 10% है. हम अगले 20 वर्षों में 7% की अपरिवर्तित दर को ले कर भी विचार करें तो 4 वर्षीय बीटैक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम जिस का वर्तमान खर्च लगभग क्व8 लाख आता है, वह भी क्व30 लाख में बदल सकता है. इसी तरह वर्तमान में एमबीए कोर्स पर कुल मिला कर करीब क्व12 लाख खर्च होते हैं, लेकिन आने वाले 20 वर्षों में यह खर्च अंदाजन क्व46 लाख हो जाएगा. इसे ध्यान में रखते हुए अनिता जैसी हर महिला के लिए जल्द से जल्द अपने बच्चे की शिक्षा की योजना बनाना अनिवार्र्य हो गया है.

निवेश की योजना बनाएं

सब से जरूरी यह है कि अनिता अपने लक्ष्यों को लिख लें ताकि इस बात का एहसास हो जाए कि कब, किन मदों पर और कितना खर्च करना होगा. उदाहरण के लिए प्री प्राइमरी ऐजुकेशन के खर्च के लिए उच्च शिक्षा की तुलना में कम निवेश की दरकार होगी. इसी तरह स्नातक स्तर के मुकाबले स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए ज्यादा पैसे लगेंगे. ट्यूशन फीस को ही ध्यान में रखने के बजाय एक मां को होस्टल फीस, स्टेशनरी व प्रिंटिंग आदि से जुड़े खर्चों पर भी विचार करने की जरूरत है. उसे यह भी तय करने की जरूरत है कि बच्चे की शिक्षा भारत में होगी या विदेश में.

इन तमाम बातों को चार्ट में लिख लेने से आवश्यक लक्षित धनराशि की पहचान करने और उस के मुताबिक निवेश करने में मदद मिलेगी. उसे बजट की एक ऐसी बुनियादी योजना तैयार करने की भी जरूरत है जो अवांछित खर्चों को कम करने और अतिरिक्त पैसे बचाने में सहायक हो. ये अतिरिक्त पैसे बच्चे के लक्ष्य के लिए निवेश किए जा सकते हैं.

बच्चे के जन्मदिन और त्योहारों पर रिश्तेदारों से उपहार में मिलने वाले पैसों का एकमुश्त निवेश किया जाना चाहिए. जब भी बच्चे को पैसे मिलें, उन के उपयोग पर विचार करते हुए निवेश को सब से ऊपर रखें.

निवेश का असरदार रास्ता

बच्चे से जुड़े लक्ष्य के लिए निवेश करने की कई राहें हैं. 8.5% की ब्याज दर (वित्तीय वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही) देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना या एक समय में 9-10% रिटर्न पैदा कर सकने वाला यूनिट लिंक्ड इन्वैस्टमैंट प्लान (यूलिप) आदर्श निवेश हो सकता है. बहरहाल, एक डाइवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड निवेश का सब से असरदार रास्ता होगा. एक समय अवधि में यह छोटी बचत योजनाओं की अपेक्षा ज्यादा बड़ी राशि बनाने में सहायक होती है.

किसी बच्चे की उच्च शिक्षा एक दीर्घकालिक लक्ष्य है, इसलिए रिश्तेदारों से 20 साल तक सालाना क्व10 हजार भी मिलें तो वे लगभग क्व17 लाख की धनराशि बन सकते हैं. म्यूचुअल फंड में लगाया गया पैसा 18% दे तो यह संभव है. इसलिए अनिता जैसी ज्यादा से ज्यादा महिलाएं दीर्घकालिक लाभ को ध्यान में रख कर अच्छी तरह से डाइवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश कर सकती हैं और काफी रुपए जमा कर सकती हैं.

लंबे समय तक किया जाने वाला निवेश

परिवार से कभीकभार जो पैसा मिलता है, उस के अलावा भी उन्हें एसआईपी जैसी इक्विटी योजनाओं में अपनी बचत का निवेश करते रहना चाहिए. नियमित रूप से लंबे समय तक किया जाने वाला यह निवेश भी अच्छीखासी धनराशि दे सकता है.

उदाहरण के लिए

15 साल तक एसआईपी में हर माह क्व15 हजार लगाए जाने पर सालाना रिटर्न 18% मानें, तो अंत में करीब क्व40 लाख इकट्ठा हो सकते हैं.

आखिरी बात, नियमकायदों और संचालन से जुड़ी अनावश्यक परेशानियों से बचने के लिए जरूरी है कि हर महिला अपने नाम निवेश करे. बच्चे को नौमिनी बनाया जा सकता है.

एक अच्छी मां बनने के लिए अपने बच्चे को उज्जवल भविष्य देने वाली हर जिम्मेदारी को पूरा करना शामिल है. आप को यह जिम्मा लेना ही होगा कि आप की जिंदगी जैसी है अपने बच्चे को उस से बेहतर जिंदगी देंगी.

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