7 साल बाद अलग हुए ‘मर्यादा’ कपल राकेश-रिद्धी

पिछले दिनों फिल्म और टीवी अभिनेता राकेश बापट और अभिनेत्री रिद्धी डोगरा के 7 साल बाद तलाक लेने की खबरें आई थीं. दोनों ने शादी टूटने की खबर को गलत बताया था और प्राइवेसी का हवाला देते हुए कुछ भी बोलने से इंकार किया था. लेकिन अब दोनों ने एक आधिकारिक संयुक्त बयान जारी कर अपने अलग होने की खबर की पुष्टि कर दी है

बता दें कि दोनों को मशहूर टीवी सीरियल ‘मर्यादा लेकिन कब तक’ में मुख्य भूमिका में देखा गया था जिसके बाद उन्होंने शादी (2011) कर ली थी. दोनों की पहली मुलाकात इस शो में ही हुई थी.

उन्होंने लिखा- ”हां, हम अलग हो रहे हैं. ‘मैंने और रिद्धि ने ये फैसला आपसी सम्मान और एक-दूसरे के परिवार की चिंता करते हुए लिया है. इस अलगाव की कोई वजह नहीं है. बस कभी-कभी कुछ चीजें काम नहीं कर पाती हैं. हम आज भी एक दूसरे से प्यार करते हैं. इतना है कि हमारे लिए सिर्फ प्यार की परिभाषा बदल गई है. हम अब सिर्फ बेस्ट फ्रेंड हैं जो कि अब कपल नहीं रहे. लेकिन हमारी दोस्ती वैसी ही रहेगी जैसे कि पहले थी. हमें खुशी होगी अगर इस मुद्दे से जुड़ी कोई और अफवाह सामने ना आए. उन सभी लोगों का धन्यवाद, जिन्होंने हमें अपना प्यार दिया.”

दिखें खूबसूरत और जवां

सुंदर दिखने के साथ ही हर लड़की यह चाहती है कि हर किसी का ध्‍यान उसकी ओर आकर्षित हो. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती दिनचर्या के चलते किसी के पास भी इतना समय नही होता कि वह चमकती त्‍वचा पाने के लिए ब्‍यूटी पार्लर जा सके. ऐसे मे आप निराश ना हों क्‍योंकि आप घर पर बैठ कर ही अपनी त्‍वचा का खास ख्‍याल रख सकती हैं और उसे खूबसूरत व जवां बना सकती हैं. तो आइए जानते हैं इसके बारे में-

त्‍वचा बनाएं नम

दिन में देा बार अपनी त्‍वचा पर माइस्‍चराइजर लगाएं. इससे आपकी त्‍वचवा में ब्‍लड सर्कुलेशन होगा और बारीक रेखाएं गायब होने लगेंगी.

झुर्रियों के लिये

हाथों में झुर्रियां ना पडे़ इसके लिये जब भी हाथों को धोएं उससे पहले हाथों को नींबू के छिलके से रगड़ लें.

हेयर फौल कंट्रोल

यदि बाल झड़ने की समस्‍या है तो मेले को मिक्‍स में शहद, दही और लो फैट दूध के साथ पीस लें. इस ड्रिंक को कुछ हफ्तों तक पीजिये और हेयर फौल को कंट्रोल कीजिये. इस ड्रिंक में बायोटिन की मात्रा अधिक होती है.

बाल हेल्‍दी बनाने के लिये

बालों को हेल्‍दी बनाने के लिए कई प्राकृतिक उपचार अपनाएं. हौट औयल थेरेपी करें, हिना लगाएं. नींबू रस लगाएं. बालों में नियमित रूप से तेल डालकर मसाज करें. इन्‍हे सर्दी और धूल से बचाएं. हेयर एक्‍सपर्ट की मदद लें और बालों को ट्रिम करवाती रहें ताकि वह दोमुंहे न होने पाएं

आंखों की सूजन

आंखों की सूजन को दूर करने के लिये रेंड़ी के तेल की एक बूंद अपनी आंखों पर गिरा कर उससे हल्‍की-हल्‍की मसाज करें. इससे आप फ्रेश फील करेंगी.

आंखों को आराम देने के लिये

आंखों को ठंडक पहुंचाने के लिये खीरे की स्‍लाइस रखें. इसके अलावा ठंडे दूध में कौटन डुबो कर आखों पर रख कर उसकी थकान मिटा सकती हैं.

फटे होठों के लिये

सर्दियों में अगर होंठ सूख जाएं तो चीनी और नींबू से उसे स्‍क्रब कर के ऊपर से वैसलीन से हफ्ते में तीन बार मसाज करें.

जीरा राइस रेसिपी

आवश्यक सामग्री :

– बासमती चावल  (01 कप)

– घी  (2 से 3 चम्मच)

– नींबू (01 नग)

– जीरा (01 छोटा चम्मच)

– काली मिर्च ( 7 से 8 नग)

– लौंग (3 से 4 नग)

– बड़ी इलाइची (01 नग)

– दालचीनी का टुकड़ा ( 01 इंच)

– नमक (स्वादानुसार)

जीरा राइस बनाने की विधि :

– सबसे पहले चावल को साफ कर लें और उसे धो लें.

– बाद 30 मिनट के लिए चावल को भि‍गो दें.

– 30 मिनट के बाद चावल को एक बार और धो लें और उसका सारा पानी निकाल दें.

– अब एक गहरे पैन में घी डालकर गर्म करें.

– घी गर्म होने पर उसमें जीरा का तड़का लगायें.

– जीरा को हल्का भूनने के बाद उसमें दालचीनी, काली मिर्च, लौंग और इलाइची डाल दें और हल्का सा भून लें.

– अब पैन में भीगे हुए चावल डाल दें और हल्का सा चलाने के बाद उसमें 2 कप पानी और नमक डाल दें.

– साथ ही नींबू के बीज निकाल कर उसे चावल में निचोड़ दें.

– अब चावल को अच्छी तरह से मिला लें और धीमी आंच पर ढ़क कर 5-6 मिनट तक पकायें.

– 5-6 मिनट के बाद चावलों को एक बार चला लें और फिर 5-6 मिनट तक पकायें.

– अब चावल को चेक करें, अगर पानी बचा हो, तो 2-3 मिनट के लिए चावलों को और पका लें.

– इसके बाद गैस बंद कर दें और चावलों को ढ़का हुआ 10-12 मिनट तक रखा रहने दें.

– अब आपके शानदार जीरा राइस तैयार हैं.

इन्हें गर्मा-गरम निकालें और सर्व करें.

सफेद मुहांसों से छुटकारा पाने के तरीके

चेहरे या शरीर पर होने वाले सफेद मुंहासे हारमोन्‍स में परिवर्तन आने के कारण निकलते हैं जिन्‍हे देखभाल और ए‍हतियात की आवश्‍यकता होती है. अगर आपके चेहरे पर भी सफेद मुहांसें हो गए हैं तो सबसे बेहतर तरीका यही है कि हम अपनी जीवनशैली में बदलाव कर खुद को हेल्‍दी रखें. जानिए सफेद मुहांसों को दूर भगाने के कुछ घरेलू उपाय.

टूथपेस्‍ट

टूथपेस्‍ट में सिलिका होता है जो सुखाने के एजेंट के रूप में जाना जाता है. सामान्‍यत: टूथपेस्‍ट आपके मुंहासे को रात भर में सूखा देगा और इसमें पड़ने वाला मवाद आदि भी सूख जाता है. रात को सोते समय मुंहासों पर टूथपेस्‍ट का इस्‍तेमाल करने से लाभ मिलेगा.

टी ट्री औयल

चाय के पेड़ के तेल में एंटीबैक्‍टीरियल गुण होते है जो चेहरे के सफेद दानों या मुंहासों को दूर भगा देते है. आप घर पर, कौटन की बौल को इस औयल में भिगोएं और चेहरे पर डायरेक्‍ट लगा लें. ऐसा एक सप्‍ताह तक करें. इससे चेहरे के सभी मुहांसे दूर हो जाएंगे. टी ट्री औयल में एंटी – इंफ्लामेट्री गुण होते हैं इससे चेहरे के लाल धब्‍बे भी दूर हो जाते हैं.

पैराक्‍साइड

बेनजोयल पैराक्‍साइड का उपयोग बैक्‍टीरियल लिक्विड को मारने में किया जाता है जो मुंहासों से छुटकारा पाने के काम भी आता है. बेनजोयल पैराक्‍साइड, विभिन्‍न प्रकार के कन्‍सेन्‍ट्रेशन में आता है, लेकिन 2.5 प्रतिशत वाला घोल अन्‍य प्रकार के घोल से ज्‍यादा लाभकारी होता है, इसे लगाने से चेहरे पर किसी प्रकार की जलन नहीं होती है. इसे लगाने से चेहरे की मृत त्‍वचा भी आसानी से निकल जाती है और चेहरे पर चमक और दमक आ जाती है.

सालीसाईलिक एसिड

पैराक्‍साइड की तरह सालीसाईलिक एसिड भी बैक्‍टीरिया का नाश कर देती है. इसके इस्‍तेमाल से भी त्‍वचा की कोशिकाएं किसी भी प्रकार के संक्रमण से सुरक्षित रहती है और उसमें चमक आती है. अगर आपके चेहरे पर सफेद वाले मुंहासे है तो सोने से पहले इसे लगाएं और सुबह उठकर धो लें.

एस्‍प्रीन

एस्‍प्रीन की एक गोली लें, उसे पीसें और पानी में भिगोकर गाढ़ा पेस्‍ट तैयार कर लें. इस पेस्‍ट को कॉटन बड से अपने मुंहासों के ऊपर लगाएं. इससे चेहरे के सफेद मुंहासें दूर हो जाएंगे. एस्‍प्रीन में भी एंटी – इन्‍फ्लामेट्री गुण होते है जो चेहरे की त्‍वचा पर होने वाली दिक्‍कतों को दूर कर देती है.

एस्‍ट्रीजेंट

एस्‍ट्रीजेंट से त्‍वचा में सिकुड़न आती है. अगर आप चेहरे के मुंहासों पर इसे लगाएं तो वह भी छोटा हो जाएगा और सूख जाएगा. आप चाहें तो घरेलू एस्‍ट्रीजेंट का इस्‍तेमाल भी कर सकते है. जैसे – नींबू का रस, केले के छिलके, ग्रीन टी आदि. इन सभी में सिट्रिक एसिड की मात्रा होती है जो बैक्‍टीरिया को मार देती है और त्‍वचा को चकमदार बनाती है.

मैं छोटी-छोटी बात पर रोने लगता हूं : आमिर खान

इंडस्ट्री में ‘परफेक्शनिस्ट’ के नाम से परिचित अभिनेता आमिर खान ने फिल्म ‘कयामत से कयामत’ फिल्म से अपने कैरियर की शुरुआत की. आज वे एक सफल निर्माता, निर्देशक, स्क्रीनप्ले राइटर, टीवी प्रस्तुतकर्ता और एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं. वे बौलीवुड की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बनाने की श्रेणी में आते हैं. उनकी अधिकतर फिल्मों के  सफल होने में उनका खुद हर फिल्म को बनाने में सक्रिय होना है. उन्हें साल 2003 में पद्मश्री और वर्ष 2010 में पद्मभूषण अवार्ड भी मिल चुका है. हाल ही में उनकी फिल्म ‘ठग औफ हिन्दोस्तान’ बौक्स औफिस पर अच्छी नहीं चली, जिसे वे अपनी गलती मानते हैं. अभी उन्होंने अपनी प्रोडक्शन हाउस में एक फिल्म ‘रूबरू रोशनी’ बनायीं, जिसे सोशल मीडिया और टीवी पर प्रसारित की गया. फिल्म की सफलता पर बातचीत हुई, पेश है अंश.

इस फिल्म को करने की इच्छा कैसे हुई?

ये एक सच्ची कहानी पर आधारित फिल्म है, जब इसे निर्देशक स्वाति चक्रवर्ती ने मुझे बताया कि वह क्षमा याचना पर एक फिल्म बनाना चाहती हैं, जिसमें 3 कहानी है और सच्ची है, तो मुझे बहुत अच्छा लगा. मैंने सोचा कि पूरी दुनिया में हम सब किसी को माफ करना भूल गए हैं. हमारी सहनशक्ति कम होती जा रही है. इसलिए इसके बारें में बात करना जरुरी है. अगर आप किसी को माफ करते हैं, तो सबसे पहले आप खुद के घाव को भरते हैं और आपका भविष्य खराब नहीं होता. हर व्यक्ति को ये ध्यान रखना चाहिए कि अगले की सुने उसे कहने का मौका दें, तभी एक अच्छा माहौल आपके आस-पास बन सकता है.

फिल्म ‘रूबरू रोशनी’ का शीर्षक कैसे दिया? इसका अर्थ क्या है?

रूमी की एक इंग्लिश कविता है, जिससे ये शीर्षक मिला, जिसका अर्थ है, जब प्रकाश आपके जीवन में प्रवेश करती है. इससे मैं बहुत प्रभावित हुआ था और रूबरू रोशनी शीर्षक मिला.

आपके जीवन में कभी ऐसा समय आया, जब आपने किसी को माफ न किया हो और अब पछताते हैं?

मेरा झगड़ा फिल्म ‘इश्क’ के दौरान अभिनेत्री जूही चावला से हुआ था और मैंने 7 साल तक उनसे बात नहीं की थी. छोटी बात थी, पर मैं इतना अपसेट हो गया था कि सेट पर उनके साथ बैठता नहीं था और न ही उन्हें हेलो या बाय कहता था. शूटिंग के अलावा सेट पर कभी बातचीत भी नहीं करता था. जब मेरी और रीना का डिवोर्स हुआ और मीडिया में बात फैली, तब उनका फोन आया कि वह मुझसे मिलना चाहती हैं और मुझे डिवोर्स से रोकना चाहती हैं. मैं उस समय किसी से मिलना भी नहीं चाहता था, लेकिन वह आईं और रीना को न छोड़ने की सलाह दी थी. मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उसके दिल में मेरे लिए जगह थी. जिससे वह मेरे मुश्किल घड़ी में मुझसे मिलने आई थी. अभी मैं बहुत इमोशनल हूं और छोटी-छोटी बात पर रोने लगता हूं.

आप हर फिल्म में अपना अलग चेहरा बना लेते हैं इसकी वजह क्या है?

मैं ऐसा इसलिए करता हूं ताकि फिल्म रियल लगे, अगली फिल्म के लिए मैंने अपने केश और दाढ़ी बढ़ाई है. इससे मैं कुछ भी चेहरे पर परिवर्तन कर सकता हूं और चरित्र के हिसाब से आगे बढ़ सकता हूं. अभी मेरे पास कई कहानियां है, पर अभी किसी को फाइनल नहीं किया है. इसके अलावा मैं अगली फिल्म में पतला दिखने वाला हूं और उसके लिए मेहनत कर रहा हूं.

अगर आपकी बायोपिक बने, तो आपकी भूमिका में किसे देखना पसंद करेंगे?

मेरा बेटा जुनैद अच्छा कर सकता है.

आपकी किसी फिल्म के सफल न होने पर जिम्मेदार किसे मानते हैं?

दर्शक मेरे नाम से फिल्म देखने आते हैं और इसकी जिम्मेदारी मेरी है. इसलिए फिल्म के सफल न होने में मैं अपनी गलती मानता हूं. दर्शक पूरी तरह से अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए आजाद हैं और मैं इसे स्वीकारता हूं.

नाकामयाबी से उबरने के लिए आपने क्या किया?

इससे उबरने के लिए एक अच्छी फिल्म करने की जरुरत होती है. जो मैं कर रहा हूं. अभी मेरे पास 4 अच्छी स्क्रिप्ट है. सबको करना चाहता हूं. इस बार मैं जल्दी निर्णय लूंगा, ताकि सभी फिल्में बन सकें. इन सभी मैं एक्टिंग करूंगा.

आपके बेटे जुनैद का क्या प्लान है?

उसने कई नाटकों में काम किया है और विदेश से अभिनय की ट्रेनिंग भी ले चुका है. उसके लिए अच्छी स्क्रिप्ट खोज रहा हूं. मैं उसे भी स्क्रीन टेस्ट के द्वारा ही फिल्मों में लाना चाहता हूं. उसका चेहरा मेरी पत्नी रीना की तरह है, लेकिन उसकी ऊंचाई मेरी तरह है. उसकी और मेरी रूचि फिल्मों को लेकर एक जैसी है. मैं उसे चरित्र भूमिका, मुख्य किरदार के रूप में काम देखना चाहता हूं, जिससे उसकी पहचान उस भूमिका से मिले.

पुरस्कार का मिलना आपके लिए कितना महत्व रखता है?

मैं हमेशा इससे दूर रहता हूं, मेरे हिसाब से अवार्ड देने वाले ज्यूरी मेंम्बर कई बार फिल्म इंडस्ट्री से नहीं होते, ऐसे में उनके द्वारा निर्धारित पुरस्कार का कोई महत्व नहीं. अगर कोई फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ा व्यक्ति मुझे पुरस्कार दे, तो मुझे खुशी होगी. अगर लता मंगेशकर कभी मुझे अवार्ड देंगीं, तो वह पल मेरे लिए बहुत मूल्यवान होगा. औस्कर का अनुभव मेरे लिए भी बहुत अच्छा रहा है. वहां मेरी फिल्म का 5 वें पोजीशन पर भी पहुंचना मेरे लिए बड़ी बात है, क्योंकि वहां प्रतियोगिता बहुत कठिन होती है.

बुढ़ापे में चाहते हैं अच्छी याद्दाश्त तो आज से खाना शुरू करें ये फल

फलों के सेवन हमारी सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है. इनमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर की बहुत सी जरूरतों को पूरी करते हैं. इस खबर में हम आपको संतरे से होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे. हाल के एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि संतरा खाने से दिमाग की ताकत बढ़ती है.

शोधकर्ताओं की माने तो रोज एक संतरा खाने से दिमाग तेज होता है और भूलने की बीमारी का खतरा एक तीहाई कम हो जाता है.

हाल ही में हुई एक अध्ययन के रिपोर्ट की माने तो संतरा बुढ़ापे में होने वाली डिमेंशिया जैसी खतरनाक बीमारी में बेहद लाभकारी होता है. संतरे में सिट्रिक एसिड होता है, जिसमें नाबाइटिन नाम का रसायन होता है. ये रसायन याददाश्त को कमजोर करने वाले कारकों को खत्म कर देता है.

अध्ययन में ये बात भी सामने आई है कि मस्तिष्क की कई बीमारियों में, जैसे डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों में खट्टे फल काफी प्रभावी होते हैं. पशुओं पर किए गए परीक्षण में यह बात सामने आई कि साइट्रिक एसिड में पाया जाने वाले रासायनिक नाबाइटिन स्मृति को धीमा नहीं होने देता.

इस शोध को करीब 13,000 से अधिक लोगों पर किया गाया. सैंपल में मध्यम आयु व बुजुर्गों और महिलाओं को रखा गया. इन पर ये शोध कई सालों तक चला. शोध के नतीजों में पाया गया कि खट्टे फलों का सेवन करने वाले लोगों में डिमेंशिया के विकसित होने का खतरा उन लोगों से 23 फीसदी कम हो जाता है, जो सप्ताह में 2 से भी कम बार खट्टे फलों का सेवन करते हैं.

वो 5 मसाले जो रखेंगे आपके दिल का ख्याल

मसालों का सेवन केवल स्वाद के लिए नहीं किया जाता है बल्कि स्वास्थ की बेहतरी में भी इनका योगदान बेहद अहम होता है. मसालों में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो आपके दिल के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.

इस खबर में हम आपको उन पांच मसालों के बारे में बताएंगे जिनके सेवन से आप अपने दिल को हेस्दी रख सकेंगी.

दाल चीनी

खाने में दालचीनी का इस्तेमाल शरीर में खून के बहाव को बोहतर बना कर रखता है. इससे शरीर में ब्लड क्लौटिंग का खतरा काफी कम हो जाता है. दिल की परेशानियों को दूर रखने के लिए जरूरी है कि आप रोज एक चुटकी दालचीनी का सेवन करें.

लहसुन

दिल का काफी नुकसान होता है बढ़े हुए कौलेस्ट्रोल से. लहसुन दिल की बीमारियों में काफी कारगर होता है. बढ़े हुए कौलेस्ट्रोल को कम करने में ये बेहद फायदेमंद होता है. आपको बता दें कि लहसुन में एलिसिन नाम का एक एंटीऔक्सिडेंट पाया जाता है, इसका काम होता है कौलेस्ट्रोल को नियंत्रण में रखना. इसके अलावा ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी लहसुन काफी असरदार होता है.

हल्दी

आपको बता दें कि हल्दी में एंटीऔक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. ये तत्व हमारे शरीर में ब्लड कौलेस्ट्रोल को कम करने में बेहद असरदार होते हैं. डायबिटिज से बचाव करन के लिए ये काफी प्रभावशाली उपाय है.

काली मिर्च

काली मिर्च कौर्डियोप्रोटेक्ट‍िव एक्शन को सक्रिय करने का काम करती है. ये औक्सीडेटिव डैमेज से हमे सुरक्षा देता है इसके साथ ही कार्डियक फंक्शन को भी सही रखता है.

धनिया के बीज

धनिया के बीजों में एंटीऔक्सिडेंट की मात्रा अधिक होती है. इसमें मौजूद तत्व हमारे दिल को फ्री रेडिकल्स से सुरक्षित रखते हैं. कौलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने के लिए और ब्लड फ्लो बढ़ाने के में धनिए का बीज बेहद कामगर होता है.

FD जमा करना है? जानिए कौन सा बैंक दे रहा है सबसे अधिक ब्याज

कमाई के साथ बचत करने का एक बेहतर विकल्प है एफडी. इससे ना सिर्फ लोगों को बचत की सुविधा मिलती है बल्कि एक अच्छे निवेश के विकल्प के तौर पर भी इसे देखा जा सकता है. बैंकों की ओर से पेश की जाने वाली खास निवेश विकल्पों में से एक है फिक्स्ड डिपौडिट. आपको बता दें कि अधिकतर बैंक्स जमा योजना सावधि जमा (एफडी) पर अच्छा रिटर्न देते हैं. इसमें निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा है कि जरूरत के वक्त इसमें से पैसा विड्राल किया जा सकता है.

एफडी आपको लौंग टर्म और शौर्ट टर्म निवेश की सुविधा देती है. शौर्ट टर्म में निवेश की अवधि 1 से 2 सालों की होती है. अभी हम आपको शौर्ट टर्म निवेश के बारे में बात करेंगे. इस खबर में हम एफडी पर ज्यादा रिटर्न देने वाले बैंकों के बारे में बताएंगे.

RBL Bank

ये बैंक एक साल की अवधि पर 8 फीसदी का ब्याज दर देती है. वहीं सिनियर सिटिजन के लिए ये दर 8.50 फीसदी का है.

YES Bank

यस बैंक एक करोड़ से कम की रकम पर  7.25 फीसदी का सलाना ब्याज दर देती है. वहीं इस मियाद पर सिनियर सिटिजन्स के लिए 7.75 फीसदी का ब्याज दर है.

इंडसइंड बैंक

इस बैंक में भी एक साल की मियाद पर एक करोड से कम की राशि पर 8 फीसदी का ब्याज दर है. सिनियर सिटिजन के लिए ये दर बढ़ कर  8.50 फीसदी हो जाता है. HDFC Bank

ये बैंक एक करोड़ से कम के रकम पर एक साल के निवेश पर सालाना 7.30 फीसदी का ब्याज दर देता है. जबकि सीनियर सिटिजन्स के लिए ये दर 7.80 हो जाती है. एक करोड़ से पांच करोड़ की रकम पर बैंक 7.50 की दर पर ब्याज देती है. इसी रकम पर सिनियर सिटिजन्स को 8 फीसदी के दर पर बैंक ब्याज देती है.

IDFC Bank

एक साल की मियाद पर एक करोड़ से कम की रकम पर ये बैंक 7 फीसदी ब्याज दर देती है. सिनियर सिटिजन के लिए ये दर बढ़ कर 7.50 फीसदी का हो जाता है.

 

दक्षिण अफ्रीका ने पर्यटन को बढ़ाने की दिशा में किया आकर्षक रोड शो

आज के भागदौड़ भरे जीवन में पर्यटन हर किसी के लिए जरूरी होता है. काम से निकलकर फुरसत के दो पल अपने परिवार जनों के साथ बिताने का यही सबसे अच्छा मौका होता है. इसके अलावा पर्यटन से आप किसी दूसरे स्थान की कला, संस्कृति और रहन-सहन के बारें में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. कुछ ऐसा ही विचार रखती हैं, दक्षिण अफ्रीका पर्यटन हब हेड नेलिस्वा नकानी, जो भारतीय पर्यटकों को दक्षिण अफ्रीका में अधिक से अधिक जाने की दिशा में काम कर रही हैं. वह कहती हैं कि एक अनुसंधान से पता चला है कि साल 2018 में मुंबई के टूरिस्टों की संख्या सबसे अधिक रही, इसके बाद दिल्ली,चेन्नई और कोलकाता की रही. यहां आने की सबसे बड़ी वजह यहां की यादगार चीजों को देखना है, साथ ही यहां भारतीयों को पैसे की कीमत अधिक मिलती है. इसके अलावा यह देश भारतीयों की तरह ही परिवारवाद को अधिक महत्व देता है.

इसके आगे वह कहती हैं कि दक्षिण अफ्रीका एक गरीब देश है. यहां बेरोजगारी 27 प्रतिशत है. एक पर्यटक के आने पर यहां 23 लोगों को रोजगार मिलता है जो इस देश के लिए बहुत जरुरी है. केपटाउन, जोहानसवर्ग और डरबन जैसे प्रतिष्ठित शहरों के साथ ही कई और शहरों को भी विकसित करने की कोशिश की जा रही है. यहां आने वाले हर पर्यटक को नए अनुभव से परिचित करवाने के लिए पर्यटन बोर्ड विशेष रूप से काम कर रही है. करीब 3000 से अधिक ऐसे साहसिक गतिविधियां जिसमें लौन्ग टर्म, टोबोगन राइडर्स , फैटबाइक टूर्स, माउंटेन बोर्डिंग, वाल्टो सफारी, पेराग्लाईडिंग आदि शामिल है.

असल में दक्षिण अफ्रीका वन्यजीवों से भरपूर है, इसलिए यहां की संस्कृति और कहानियों में वन्यजीवों के उल्लेख मिलते हैं. इसलिए यहां आने वाले भारतीय पर्यटकों को ये पसंद है. इसके लिए वीजा की प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है. महावाणिज्य दूत मरोपिन रामोक्गोपा बताती हैं कि यहां मैंने फ़ास्ट ट्रैक वीजा पालिसी को अपनाया है. जिसमें 5 से 7 दिनों में वीजा मिलता है और इसे कोई भी आम आदमी अप्लाई कर सकता है.

दक्षिण अफ्रीका टूरिज्म को और अधिक पौपुलर बनाने के लिए इस साल सबसे बड़ी ट्रेवल ट्रेड 16 वें वार्षिक रोड शो का आयोजन किया गया, जिससे लोगों को अधिक से अधिक इसके बारें में जानकारी प्राप्त हो सकें.

बेसन शिमला मिर्च की सब्जी बनाने की रेसिपी

सामग्री :

– शिमला मिर्च  250 ग्रा.

– बेसन 02 बड़े चम्मच

– प्याज  01 नग

– दही 03 बड़े चम्मच

– रिफाइंड तेल 01 चम्मच

– हल्दी पाउडर (01 छोटा चम्मच)

– जीरा पाउडर (1/2 छोटा चम्मच)

– लाल मिर्च पाउडर (1/4 छोटा चम्मच)

– काली मिर्च पाउडर (01 चुटकी)

– नमक (स्वादानुसार)

बेसन शिमला मिर्च बनाने की विधि :

– सबसे पहले शिमला मिर्च को धोकर उसके डंठल निकाल दें.

– इसके बाद उसे छोटे-छोटे कयूब्स मे काट लें.

– प्याज को छीलकर लम्बाई में काट लें.

– बेसन और दही को आपस में मिलाकर अच्छी तरह से फेंट लें.

– बेसन को फेंटते समय इस बात का ध्यान रहे कि उसमें कोई गांठ न रहे.

– अब गैस पर नौन स्टिक पैन गर्म करें.

– बर्तन गर्म हो जाने पर उसमें रिफाइंड तेल डालें.

– तेल गर्म होने पर उसमें शिमला मिर्च डालें और चलाते हुए भूनें.

– जब शिमला मिर्च थोडा भुन जाए, पैन में प्याज डाल दें.

– इसके बाद पैन में नमक और हल्दी पाउडर उालें और चलाते हुए अच्छी तरह से भूनें.

– इसके बाद दही और बेसन का घोल पैन में डालें कर चलाने के बाद ढ़क कर 3-4 मिनट तक पकाएं.

– बीच-बीच में सब्जी को चलाते भी रहें, नहीं तो बेसन तली में चिपकने लगेगा.

– जब बेसन गाढ़ा हो जाए, तो पैन में लाल मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर और काली मिर्च पाउडर डालें और चलाते हुए 2 मिनट तक पकाएं, उसके बाद गैस बंद कर दें.

 

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