गाजर फेस पैक आजमाइये और दमकती त्वचा पाइये

सर्दियों का मौसम आते ही ठंडी हवाएं हमारी त्वचा पर अपना कहर बरपाना शुरू कर देती है. ये स्किन को ड्राई और बेजान बना देती है. लेकिन इस मौसम में भी आप गाजर की मदद से इन सभी परेशानियों से बच सकती हैं. सर्दियों में गाजर खाने के फायदे तो आप जानती ही होंगी, पर आज हम आपको गाजर के फेस पैक की विधि और उनसे मिलने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं.

त्वचा को होने वाले फायदें

इसमें विटामिन ‘ए’ के अलावा और भी कई सारे दूसरे विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं जो त्वचा को किसी भी तरह के डैमेज से बचाते हैं. ये सूरज की किरणों से प्रभावित हुए स्किन को रिपेयर करने में मदद करता है. ये आपकी त्वचा को नमी प्रदान करता है जिससे फटी स्किन की समस्या भी दूर होती है. गाजर से बनाए फेस पैक की मदद से आपकी त्वचा पर नजर आने वाले एजिंग के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है. ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा कर ये चेहरे को ग्लोइंग भी बनाता है.

गाजर से फेस पैक तैयार करने की विधि

गाजर, दूध, आटे और हल्दी का फेस पैक

गाजर घिस लें, अब इसमें एक चम्मच दूध, चुटकीभर हल्दी, एक चम्मच चावल का आटा और साथ में एक चम्मच शहद मिक्स करें. इस पेस्ट को आप चेहरे पर तकरीबन 15 मिनट के लिए लगाकर रखें. ये फेस पैक झुर्रियों पर काफी असरदायक है. बेहतर नतीजे पाने के लिए हफ्ते में दो बार इसे लगाएं.

गाजर और शहद का फेस पैक

इसके लिए आप सबसे पहले दो चम्मच गाजर का जूस लें और उसे एक चम्मच शहद के साथ मिलाएं. अब इस मिश्रण को लगभग 20 मिनट के लिए अपने चेहरे पर लगा कर रखें. समय पूरा हो जाने पर आप हल्के गुनगुने पानी से इसे धो लें. बेहतर नतीजों के लिए आप इस फेस पैक का इस्तेमाल हफ्ते में एक बार कर सकते हैं.

गाजर, मलाई और अंडे का फेस पैक

आप गाजर घिस लें और एक चम्मच घिसे गाजर में एक चम्मच मलाई और अंडे का सफ़ेद हिस्सा डालें. इन तीनों चीजों को अच्छे से मिला लें और अपने चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट तक इसे लगा रहने दें और फिर अपना चेहरा धो लें. ये फेस पैक ड्राई स्किन से परेशान लोगों के लिए बेस्ट है.

गाजर, सेब और ओट्स का पैक

आप एक चम्मच घिसे हुए गाजर में एक चम्मच ओट्स और एक चम्मच कद्दूकस किया हुआ सेब मिलाएं. इन सब को मिक्स करके पेस्ट बना लें. इसे फेस पर लगाएं और 10 मिनट तक सूखने के लिए रखने के बाद हल्के हाथों से रगड़कर छुड़ाएं. ये पैक चमकदार त्वचा पाने में मदद करेगा.

गाजर और एप्‍पल साइडर विनेगर फेस पैक

ये फेस पैक तैलीय त्वचा के लिए बहुत लाभदायक है. सबसे पहले एक चम्मच गाजर का जूस लें और उसमें एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं. इस मिश्रण को रुई की मदद से अपने चेहरे पर लगाएं. इसे अपने फेस पर 10 मिनट तक लगा रहने दें और फिर चेहरा धो लें. ऐसा आप सुबह और शाम दोनों वक्त कर सकते हैं.

रूखे सख्त हाथों को बनाएं गुलाबों सा कोमल

हम अपना ज्यादातर वक्त चेहरे की त्वचा का ख्याल रखने में निकाल देते हैं, लेकिन हाथों की त्वचा की तरफ ध्यान नहीं देते. ऐसे में हमारे हाथ रुखे और सख्त नजर आते हैं. आप तो जानती ही होंगी कि हमारे हाथ बाहरी चीजों के संपर्क (जैसे सूरज की रौशनी, घर के काम- कपड़े बर्तन धोना, साफ सफाई, खाना बनाना आदि) में आने की वजह से सूखे और सख्त हो जाते हैं. उनमें दरारें आ जाती है और फटने लगती है.फटे हाथों की वजह से आपकी पूरी पर्सनालिटी पर असर पड़ता है.

अब सवाल ये उठता है कि इस समस्या से कैसे निपटा जाए. ऐसे कई घरेलू उपचार हैं जो रूखे और फटे हाथों को ठीक करने में मदद करते हैं. चलिए जानते हैं उन उपायों के बारे में.

बेकिंग सोडा और कोकोनट आयल

का स्क्रब बेकिंग सोडा में एक्सफोलिएशन प्रोपर्टी पायी जाती है जो त्वचा से डेड स्किन हटाने में मदद करते हैं. ये डेड स्किन ही आपकी त्वचा को बेजान और काला कर देते हैं. कोकोनट आयल आपकी स्किन को भीतर तक पोषण और नमी देता है. एक बाउल में ¼ कप बेकिंग सोडा लें और उसमें ½ कप नारियल का तेल डालें. अगर नारियल का तेल थोड़ा जमा हुआ है तो उसे हल्का गर्म करके इस्तेमाल करें. इन दोनों सामग्रियों को अच्छे से मिलाएं. इसे अपने हाथों में लगाएं और स्क्रब करने के लिए सर्कुलर मोशन में 30 सेकंड तक हल्के हाथों से रगड़ें. इसे कुछ मिनट तक के लिए छोड़ दें. अंत में हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करते हुए इसे फिर से रगड़े और साफ कर लें.

कौफी और अंगूर के बीज का तेल

कौफी में भी नेचुरल एक्सफोलिएटिंग एजेंट पाए जाते हैं जो त्वचा से डेड स्किन हटा कर स्किन की चमक बढ़ाता है. वहीं ग्रेपसीड आयल अर्थात अंगूर के बीज का तेल त्वचा पर इस्तेमाल करने से वो सॉफ्ट और ग्लोइंग बनती है. आप एक बाउल लें. अब 3 चम्मच कौफी पाउडर में 1 चम्मच ग्रेपसीड आयल मिलाएं. इसे मिक्स करने के बाद अपने फटे और रूखे हाथों में अपनी उंगलियों की मदद से इससे मसाज करना शुरू कर दें. दो से तीन मिनट तक अपने हाथों में इससे मालिश करें. अब 15 से 20 मिनट के लिए इसे लगा छोड़ दें. ठंडे पानी का इस्तेमाल करके इसे साफ कर लें.

सी साल्ट और जोजोबा आयल

रूखे सूखे और फटे हाथों के उपचार में सी साल्ट एक अच्छा आप्शन है. ये त्वचा को बहुत जल्दी आराम पहुंचाता है और किसी भी तरह की त्वचा संबंधित परेशानी को ठीक करता है. आपको बस ½ कप सी साल्ट और ¼ कप जोजोबा आयल को मिक्स करना है. अब इसे अपने हाथों पर लगाकर हल्के हल्के मसाज करें. 30 मिनट तक रखने के बाद आप इसे धो सकते हैं. इसके लिए आप हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें.

गुलाब और नींबू से तैयार क्रीम

इसके लिए आपको गुलाब की ताजा पंखुड़ियों और नींबू के छिलके की जरूरत है. एक गिलासनुमा जार में ओलिव आयल डालें. अब ताजा गुलाब की पंखुड़ियां और नींबू के छिलके ओलिव आयल में डालें और ठंडी जगह पर एक हफ्ते के लिए छोड़ दें. एक सप्ताह के बाद इस तेल को छान लें और किसी बोतल में स्टोर करके रख लें. रोजाना इस तेल से अपने हाथों का मसाज करें. आपको कुछ समय बाद खुद ही अंतर महसूस होने लगेगा.

सूजी पुडिंग

सामग्री

– 2 कप सूजी

– 11/2 बड़े चम्मच मिल्कफूड घी

– 1 कप चीनी

– 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर

– 2 कप दूध

– जरूरतानुसार ड्राईफ्रूट्स कटे.

विधि

– नौनस्टिक पैन में घी गरम कर सूजी को सुनहरा होने तक लगातार चलाते हुए भुनें.

– अब दूध व चीनी डालें और कुछ देर भून कर ढक्कन लगा कर पकने दें.

– ढक्कन हटा कर धीमी आंच पर भूनते हुए इलायची पाउडर, थोड़ा सा घी व ड्राइफ्रूट्स मिलाएं.

– ड्राइफ्रूट्स से गार्निश कर परोसें.

बर्ड वाचिंग की शौकीन हैं तो यहां आएं

गोवा के मंडोवी नदी के चोरावो आइलैंड पर बसा सलीम अली बर्ड सैंक्च्युरी का नाम मशहूर पक्षी विज्ञानी डा. सलीम अली के नाम पर रखा गया है. यह बर्ड सैंक्च्युरी 440 एकड़ के एरिया में फैला हुआ है जहां घने मैनग्रोव के जंगल हैं जो आमतौर पर पक्षियों के घोसलों के लिए सबसे परफेक्ट जगह मानी जाती है. यहां बुलबुल, किंगफिशर, वुडपेकर और हौर्नबिल जैसे कई पक्षी और उनकी विभिन्न प्रजातियां बड़ी तादाद में पायी जाती हैं.

प्रकृति प्रेमी और बर्ड वाचिंग का शौक रखने वालों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है. यहां आपको बड़ी संख्या में माइग्रेट्री यानी प्रवासी पक्षी दिख जाएंगे. इसके अलावा यहां आपको मगरमच्छ और सियार जैसे जानवर भी दिख जाएंगे. इस सैंक्च्युरी में 1 किलोमीटर लंबा पाथवे है जहां से आप चलकर तरह-तरह के पक्षियों को करीब से और उन्हें बिना परेशान किए देख सकते हैं. आप बोट से भी इस खूबसूरत जगह का भ्रमण कर सकती हैं.

…और बाजीराव की हुई मस्तानी

आखिरकार लंबे समय तक एकदूसरे को डेट कर रहे दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ने शादी कर ही ली. विनम्र और सौम्य स्वभाव की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और चंचल व स्पष्टभाषी अभिनेता रणवीर सिंह की जोड़ी की दाद तो हर कोई देता है और दे भी क्यों न, क्योंकि दोनों की जोड़ी को एकसाथ देखना परदे से ले कर रियल लाइफ में भी सभी लोग पसंद करते हैं.

जब दोनों ने शादी की तारीख 14 और 15 नवंबर रखी, तो किसी को भी आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि सब को पता था कि दोनों की शादी कोंकणी और सिंधी रीतिरिवाजों से होगी. इस के अलावा एकदूसरे को काफी समय से डेट कर रहे थे और 6 साल से चली आ रही इस रिलेशनशिप को अब एक खूबसूरत नाम दिया जाने वाला था.

साउथ से होने की वजह से दीपिका कोंकणी रीतिरिवाज से शादी के बंधन में बंधी और सिंधी पंजाबी होने की वजह से रणवीर सिंह सिंधी रीतिरिवाज से परिणय सूत्र में बंधे.

दिलचस्प है दोनों की प्रेम कहानी

रणवीर दीपिका की फिल्म ‘गोलियों की रासलीला रामलीला’ जो 2013 में रिलीज हुई थी, में दोनों के रोमांस को परदे पर देखा गया जबकि दोनों का प्यार रियल लाइफ में भी फिल्म की शूटिंग के दौरान ही शुरू हो गया था. दोनों की यह पहली फिल्म थी. इस के बाद से ही दोनों के रिलेशनशिप में होने की बात सामने आ गई थी.

ऐसा सुना गया कि दोनों इस फिल्म के सैट पर काफी समय बिताया करते थे. इस के बाद से उन दोनों की जोड़ी को दर्शक भी परदे पर देखने के लिए उत्सुक थे. इस का फायदा फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली को मिला और उन्होंने दोनोें को ले कर 3 हिट फिल्में ‘गोलियों की रासलीला रामलीला’, ‘बाजीराव मस्तानी’ और ‘पद्मावत’ बनाईं. निर्मातानिर्देशक संजय लीला भंसाली ने एक प्रैस वार्ता में इस बात को स्वीकारा था कि उन दोनों के बीच में क्या चल रहा है, यह पता नहीं, पर दोनों की कैमिस्ट्री परदे पर गजब की होती है, जिसे उन्हें शूट करने में अच्छा लगता है.

चुपकेचुपके प्यार

उन के प्यार के बारे में एक बार एक इंटरव्यू में रणवीर ने कहा था कि पहली नजर में ही उन्हें दीपिका से प्यार हो गया था. उन्होंने पहली बार दीपिका को एक सिल्वर कलर के गाउन में अपने जन्मदिन के अवसर पर देखा था. उस गाउन में वे बेहद सुंदर दिख रही थीं. उन्होंने यह भी कहा था कि दीपिका का उन के जीवन में आना बड़ी बात है.

दीपिका भी कई इंटरव्यू में रणवीर की तारीफ करती हुए दिखीं. फिल्म ‘फाइंडिंग फेनी’ में रणवीर सिंह ने दीपिका के पति की भूमिका निभाई थी, जबकि फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ और ‘बेफिक्रे’ के सैट पर दीपिका अचानक पहुंच कर कई बार रणवीर को सरप्राइज भी दे चुकी हैं.

अनोखी शादी

शादी की तारीख रणवीर सिंह की तरफ से नहीं, दीपिका की तरफ से तय की गई. रणवीर पहले कह चुके हैं कि जब भी दीपिका उन्हें शादी के लिए कहेंगी वह तैयार हो जाएंगे और उन्होंने दीपिका को इस की पूरी आजादी दी है. जो भी हो, फिल्म ‘रामलीला’ में रोमांस करने वाले रणवीर अब दीपिका के हो चुके हैं. दोनों ने बहुत ही गुपचुप तरीके से अपने कुछ चुनिंदा मेहमानों और परिवारजनों के बीच इटली पहुंच कर शादी रचाई.

दोनों की शादी 14 नवंबर को कोंकणी रीतिरिवाज से और फिर 15 नवंबर को सिंधी रीतिरिवाज से हुई. सब से बेहतरीन बात रही कि उन दोनों ने अपने विवाह में किसी भी प्रकार की भेंट लाने से मना किया और आमंत्रित परिजनों से आग्रह किया कि वे जो भी उन दोनों को भेंटस्वरूप देना चाहें वो ‘दि लिव लव लाफ’ संस्था को दें. जिस से दीपिका जुड़ी हुई हैं.

आप को याद होगा, जब दीपिका मानसिक तनाव से गुजर रही थीं, तब उन्होंने इस संस्था की स्थापना की थी. यह संस्था महिलाओं और पुरुषों की मानसिक समस्याओं को दूर करती है.

पारंपरिक अंदाज में शादी

इटली की लेक कोमो में स्थिति विला डेल बेलबियानेलो में दीपवीर की शादी का भव्य आयोजन किया गया. पूरा परिसर बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया था. सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई थी. विला को 7 दिनों तक बाहरी आगंतुकों के लिए बंद कर दिया गया था. सूत्रों की मानें तो दोनों के इटली पहुंचते ही शादी की तैयारियां शुरू हो गई थीं.

शादी समारोह में दीपिका के पिता ने रणवीर का खास स्वागत नारियल पानी से किया. इस के बाद दीपिका के पिता प्रकाश पादुकोण ने नारियल पानी से रणवीर सिंह के पांव धोए. जिस के बाद दोनों ने एकदूसरे को अंगूठियां पहनाईं. इस के बाद दीपिका ने रणवीर के नाम की मेहंदी लगाई. उन के संगीत समारोह पर सूफी गायिका हर्षदीप कौर ने लाइव परफौर्मैंस दी.

शादी के परिधान

दीपवीर के शादी के परिधान और परिवारजनों के कपड़े डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने बनाए. उन्होंने जहां दीपिका पादुकोण के लिए लाल रंग का सिग्नैचर लहंगा जिस पर बारीकी से काम किया हुआ व गोल्डन कलर का जरदोजी वर्क है तैयार किया, वहीं रणवीर सिंह के लिए कांजीवरम की शेरवानी तैयार की. इन्हें पहन कर दोनों बहुत खूबसूरत लग रहे थे. उन की वैडिंग प्लानर वंदना मोहन रहीं, जो दिल्ली की जानीमानी वैडिंग प्लानर हैं. उन्होंने शादी के कार्ड्स, आउटफिट्स, ज्वैलरी आदि से ले कर सबकुछ बहुत ही रौयल अंदाज में किया. उन की शादी का केक भी बहुत ही स्पैशल तरीके से स्विट्जरलैंड के एक शैफ के द्वारा बनाया गया.

करोड़ों के गहनों का बीमा

14 नवंबर को शादी बहुत ही शांत तरीके से कोंकणी स्टाइल में हुई है, जिस में दीपिका साड़ी और पारंपरिक गहनों में बेहद खूबसूरत लग रही थीं, जबकि 15 नवंबर को शादी फिल्मी स्टाइल में हुई, जिस में रणवीर सिंह हाइड्रोप्लेन से शादी करने पहुंचे, जबकि मेहमान और परिवारजन एक शानदार नौका में शिरकत करने पहुंचे. इस दिन दीपिका ने लाल रंग का लहंगा और जड़ाऊ नैकलैस पहना. सूत्रों की मानें तो दीपिका के करोड़ों के गहनों का भी बीमा करवाया गया था, जो इटली में शादी के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना या चोरी से बचने के लिए ही किया गया.

दीपवीर शादी के बाद बैंगलुरु और फिर मुंबई आए और यहां अपनी शादी की ग्रैंड पार्टी दी. सूत्रों के अनुसार वे दोनों अभी हनीमून पर नहीं जाएंगे, क्योंकि दीपिका मेघना गुलजार की फिल्म करने वाली हैं, जबकि रणवीर की फिल्म ‘सिंबा’ रिलीज होने वाली है.

पहली नौकरी लगते ही इन आदतों को अपनाएं, कभी नहीं होंगी परेशान

पढ़ाई पूरी होने के बाद जब आपको पहली नौकरी मिलती है, अनुभव अनोखा होता है. पहली बार आत्मनिर्भर होने की भावना का सुख खास होता है. हालांकि इसके बाद आप पर कई तरह की जिम्मेदारियां आ जाती हैं. बेहतर होता है कि जब आप नौकरी शुरू करें तो कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें. इस खबर में कुछ ऐसी ही बातों पर हम चर्चा करेंगे.

शुरू करें बचत

नौकरी लगने के बाद लोग अपने अधूरे शौक को पूरा करने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करने लगते हैं. इस वक्त होने वाली कमाई काफी अहम होती है. इस वक्त आपके पास बचत के काफी मौके होते हैं. आप पर कोई जिम्मेंदारी नहीं होती. शुरू से आपकी ये आदत आपके लिए काफी फायदेमंद होगी.

बनाएं इमरजेंसी फंड

किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें. किसी भी तरह की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आपके पास अपना एक फंड होना चाहिए. इस फंड में बैंक आरडी, सोना, फिक्स्ड डिपौजिट के रूप में पैसा लगाना चाहिए.

नए तरह से जीएं जीवन

नौकरी आपके जीवन में काफी अगल अनुभव लाती है. पढ़ाई के दौरान अल्हड़ जीवन जीने के बाद जौब आपके लिए काफी व्यवस्थित और सक्रिय पहलु लाती है. इसलिए जरूरी है कि आप अपनी जीवनशैली अनुशासित कर लें.

लोन चुकाना करें शुरू

अगर आप पर लोन है तो सबसे पहले आप उसे भरना शुरू करें. नौकरी की शुरुआत में कम खर्चों के कारण लोन लेना ज्यादा खतरनाक नहीं है. आप चाहें तो वित्तीय सलाहकार से इस बारे में बात कर सकती हैं.

कपड़ों से हटाएं जिद्दी दाग

हम चाहे कितना भी अपनी मनपसंद ड्रेस या कपड़ों का ख्याल रखें,  लेकिन जरा सी भी गलती से उस पर कोई ना कोई दाग जरूर लग जाता है. अगर हल्का दाग हो तो आसानी से हटाया जा सकता है, लेकिन कुछ ऐसे जिद्दी दाग होते हैं जिन्हें हटाना मुश्किल होता है और इन दागों को हटाते समय अक्सर कपडा खराब होता है या कलर खराब हो जाता है. आइए जानते हैं, इन जिद्दी दाग को हटाने के उपाय.

आजकल मार्केट में कई अच्छी कम्पनियों के ऐसे प्रोडक्ट्स हैं,  जो कपडों से दागधब्बे हटाने के लिए अच्छी तरह से सफाई करते हैं. आप उन ऐक्सपर्ट तरीकों को अपनाएं जो आप को बेहतर रिजल्ट दें. ऐसे प्रोडक्ट ना सिर्फ कौफी, तेल, चाय सौस वगैरह के दाग की अच्छी तरह सफाई करता है, बल्कि कपडों और उनके कलर की सुरक्षा भी करता है.

सफेद व रंगीन कपडों को अलग-अलग भिगोएं. डिटजैंट और दाग छुटाने वाले ऐक्सपर्ट प्रोडक्ट का इस्तेमाल कपडों की मात्रा व उनमें मौजूद दागधब्बों की आवश्यतानुसार करें. रंगीन कपडों को 1 घन्टे से ज्यादा ना भिगोएं.

खट्टे फलों से चमकाएं अपना घर

कौन नहीं चाहता कि घर सुंदर और साफ दिखे, पर चाहने से नहीं होता. इसके लिए आपको रोजाना साफ-सफाई भी करनी होगी, जिससे आपका घर भी साफ रहे और आप स्वस्थ भी रहें. जैसा कि आप जानती हैं, स्ट्रिस फ्रूट जो कि खट्टे होते हैं,  इसमें न्यूट्रियंट्स, प्रोटीन और विटामिन होता है. ये खट्टे फल जैसे- नींबू, संतरा, मुसम्मी और अंगूर आदि फल वजन घटाने में भी लाभदायक होते हैं. इसके साथ-साथ घर के किसी समान को साफ करना हो, तो यह स्ट्रिस फ्रूट बडा ही काम का है. आइए जानते हैं, इन खट्टे फलों से अप घर की साफ-सफाई कैसे कर सकती हैं.

नींबू– ब्रास या कौपर का शोपीस साफ करने के लिये आप नींबू के छिलके का इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके इस्तेमाल से हल्के कपडों पर पडे हुए दाग भी हटा सकती हैं. यही नहीं बल्कि कठोर प्लास्टिक का समान, शीशे के दरवाजे, टपरवेयर, खिडकी और लोहे के दाग आदि, हटाने के काम आ सकता है.

मुसम्मी– क्या आप जानती हैं कि इससे घर की सफाई भी की जा सकती हैं, घर की सफाई करने के लिये इसके छिलके को सुखा कर नमक के साथ मिलाएं. फिर इस पेस्ट को मार्बल, मेटल, लोहा, स्टील, आदि को साफ करने में इस्तेमाल करें. इससे बाथरूम की फर्श, बाथ टब और वाश बेसिन आदि भी साफ किये जा सकते हैं.

संतरा– इस फल के छिलके का प्रयोग सफाई करने के लिये किया जाता है. सबसे पहले सूखा छिलका लीजिये और उसे मिक्सर में पीस लीजिये और उसमें सिरका मिला दीजिये और फिर इससे टेबल, शीशा और धातु साफ कर सकती हैं. कपडो की अलमारी में कीडे ना लगे इसके लिये उसमें संतरे का छिलका रख दें.

चिया सीड्स हैं गुड फौर हैल्थ

ओमेगा 3 फैटी ऐसिड, फाइबर, प्रोटीन, ऐंटीऔक्सिडैंट और कैल्सियम से भरपूर चिया सीड्स का वैज्ञानिक नाम ‘साल्विया हिस्पैनिका’ है. इसी की खेती सब से पहले मैक्सिको में की गई थी. अक्सर चिया सीड्स और तुलसी के बीजों को ले कर लोगों में उलझन दिखाई देती है, क्योंकि दोनों काफी हद तक एक जैसे दिखाई देते हैं. लेकिन हैं ये दोनों पूरी तरह अलगअलग और इन के गुण भी अलगअलग हैं. चिया सीड्स का स्वाद हलका और काफी हद तक अखरोट जैसा होता है, जिस कारण इन्हें खाद्य पदार्थों और पेयपदार्थों में मिलाना आसान हो जाता है.

हाल ही में एक अध्ययन द्वारा पता चला है कि चिया के बीजों के काफी लाभ हैं. मसलन वजन कम करने में सहायक है. 1 गिलास पानी में 2 चम्मच कच्चे या साबूत चिया सीड्स को फूलने से पहले ही मिला कर पीएं. ये तृप्ति को बढ़ाते हैं जिस से वजन धीरेधीरे कम होने लगता है.

हृदय रोगी के लिए लाभदायक: चिया सीड्स में मानव शरीर में जमा ऐक्स्ट्रा वसा या सूजन को कम करने की क्षमता होती है. इन का सेवन कोलैस्ट्रौल को नियंत्रित करता है जिस से निम्न रक्तचाप या लो ब्लडप्रैशर के मरीज को बहुत फायदा होता है.

शुगर पर नियंत्रण: ‘नैशनल इंस्टिट्यूट औफ हैल्थ’ के अनुसार चिया बीज की उच्च फाइबर सामग्री और फैट के कारण प्राकृतिक रूप से रक्त शर्करा नियंत्रित होती है. चिया सीड्स रक्त में अत्यधिक वसा और इंसुलिन प्रतिरोध जैसे विकारों को रोकने में मदद करते हैं, जो मधमुह के विशेष कारक होते हैं. यानी चिया सीड्स मधुमेह को रोकने में सक्षम होते हैं.

कैंसर उपचार के लिए लाभकारी: चिया सीड्स स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर के कीटाणुओं के सफाए के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होते हैं. इन के तेल में भी कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने वाले गुण पाए जाते हैं. ये ट्यूमर के विकास को कम करने और कैंसर कोशिकाओं की प्रतिकृति को रोकने में मदद करते हैं.

त्वचा की कांति बढ़ाते हैं: चिया सीड्स में प्रोटीन, आयरन और विटामिन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. ये पोषक तत्त्व त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं. इन का नियमित सेवन बालों की झड़ने की समस्या से राहत दिलाता है. इन में मौजूद ओमेगा 3 फैटी ऐसिड ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और त्वचा के रूखेपन को समाप्त करता है. चिया सीड्स जिंक का अच्छा स्रोत हैं. ये त्वचा को नरम बनाते हैं. बढ़ती उम्र के संकेतों को रोकने के लिए चिया सीड्स का सेवन करना बहुत अच्छा माना जाता है.

अनिद्रा और मूड स्विंग्स में सुधार: चिया सीड्स में अमीनो ऐसिड अच्छी मात्रा में होता है, इसलिए ये मूड स्विंग और अनिद्रा रोग से राहत दिलाते हैं. इन का सेवन करने से मानसिक अवसाद का सामना करने में मदद मिलती है.

चिया सीड्स का प्रयोग कैसे करें: चूंकि चिया सीड्स हाइड्रोफिलिक हैं. ये शरीर के पानी को अवशोषित करने का प्रयास करते हैं, इसलिए इन्हें पानी में भिगो कर प्रयोग करने की सलाह दी जाती है.

चिया सीड्स को पाउडर बना कर आटे में गूंध कर, सलाद के ऊपर बुरक कर और दही या दूध में मिला कर प्रयोग में लाया जा सकता है.

चिया सीड्स के नुकसान

वैसे तो चिया सीड्स के नुकसान बहुत कम हैं फिर भी, प्रौस्टेट कैंसर के साथ किए गए अध्ययन से पता चलता है कि ये प्रौस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं.

चिया सीड्स से कभीकभी, अधिक फाइबर सामग्री होने के कारण पेट की परेशानी हो सकती है, इसलिए इन का सेवन अत्यअधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए.

इन का अधिक मात्रा में सेवन करने पर ऐलर्जी हो सकती है. इस ऐलर्जी में शरीर पर निशान, सांस लेने में दिक्कत, उलटियां, सूजन आदि समस्याएं हो सकती हैं.

ओमेगा 3 फैटी ऐसिड नैचुरल ब्लड थिनर के रूप में कार्य करता है. यदि आप पहले से ही ब्लड थिनर की दवा ले रहे हैं तो चिया सीड्स के सेवन से बचें.

हो जाए 2 प्याली चाय

गरमगरम चाय की चुसकियों में सेहत भी घुलमिल जाए कुछ ऐसे तो कहने ही क्या…

‘चाय की चुसकियों के साथ

आओ बांट लें फुरसत के पल,

दोस्ती की महक और अपनेपन

की सौंधी रंगत के पल.’

कोई अपना घर आए तो उस की खातिरदारी का बहाना हो या कभी बारिश की बूंदें पड़ें तो पकौड़ों के साथ पीने का बहाना या फिर शरीर की थकान दूर कर ताजगी का एहसास जगाने का बहाना, चाय पीने की वजह ढूंढ़नी नहीं पड़ती. कभी भी कहीं भी चंद खूबसूरत लमहों की साथी बन जाती है चाय की प्याली. तभी तो ढाबा हो या बड़ेबड़े रैस्टोरैंट, चाय हर जगह मौजूद होती है. बस इसे बनाने के तरीके अलगअलग हो सकते हैं. चीन में इसे वैलकम ड्रिंक का नाम दिया जाता है तो जापान में मेहमानों के आने पर ‘टी सेरेमनी’ होती है.

चाय का इतिहास

चाय का इतिहास काफी पुराना है. सब से पहले चीन में चाय पीने की शुरुआत हुई. बाद में छठी शताब्दी में चीन से चाय जापान पहुंची. वहां इसे काफी पसंद किया गया. एशिया में चाय का आगमन 19वीं सदी में हुआ. आज भारत चाय का सब से बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है.

चाय के फायदे

चाय दिल को तंदुरुस्त रखती है. यह ऐंटी इंफ्लैमैटरी, ऐंटी बैक्टीरियल और ऐंटी डायबिटिक जैसे गुणों से पूर्ण है. दांतों के लिए भी अच्छी है. चाय में पोटैशियम सहित अनेक खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं. चाय में मौजूद कैटेचिन, पौलीफिनोल और ऐंटीऔक्सिडैंट्स इसे सेहतमंद बनाते हैं. भारत में चाय उत्तर भारत में कौसानी, दक्षिण में नीलगिरी के पठारी क्षेत्र, उत्तरपूर्व में दार्जिलिंग और असम व दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में प्रमुखता से उगाई जाती है.

ब्लैक टी

ब्लैक टी फुल औक्सीडेशन की प्रक्रिया से निर्मित होती है. इस में कैफीन की मात्रा 50 से 65% तक होती है. ब्लैक टी चाय की सब से कौमन वैराइटी है और पूरी दुनिया में करीब 75% लोग इस का उपयोग करते हैं. इस में दूध नहीं डाला जाता और चीनी भी जरूरी नहीं होती.

फायदे

यह हृदयरोग के खतरे को कम करने में सहायक होती है. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है. ब्लैक टी रोमछिद्रों में कसावट लाती है और लाल रक्त कणिकाओं की रक्षा करती है.

ओलोंग टी

चीनी भाषा में ओलोंग का अर्थ होता है ब्लैक ड्रैगन. इस में कैफीन कंटैंट की मात्रा ग्रीन टी और ब्लैक टी के बीच में होती है. इस की अपनी अलग खुशबू होती है. वैसे तो यह ब्लैक टी जैसी ही है पर इस का फर्मैंटेशन कम समय तक किया जाता है जिस की वजह से इस का स्वाद काफी अच्छा होता है. इस के 1 कप में कैफीन की मात्रा 30 मिलीग्राम तक होती है.

फायदे

यह वजन कम करने में सहायक है. फैट कम करती है. त्वचा पर उम्र के प्रभाव को रोकती है. कैंसर और हृदयरोग से बचाव करती है.

ग्रीन टी

ग्रीन टी में केवल 10 से 30% तक कैफीन होती है. इस में स्वाद के लिए नीबू, पुदीना या शहद मिलाया जा सकता है मगर चीनी नहीं डाली जाती.

फायदे

कैटेचिन नाम के ऐंटीऔक्सीडैंट से भरपूर यह चाय आप को कैंसर से ले कर दिल के रोग सब से बचाती है. एक अध्ययन के मुताबिक रोजना 1 कप ग्रीन टी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा 10% तक कम करती है. मोटापा कम करना हो तो दिन में 3 कप ग्रीन टी जरूर पीएं. चीन और जापान के अधिकतर लोग ग्रीन टी पीते हैं इसलिए वहां दिल के रोग या कैंसर के मामले कम देखने में आते हैं.

मसाला टी

मसाले वाली चाय कालीमिर्च, लौंग, इलायची, दालचीनी आदि को पीस कर बनाई जाती है. इस में मसाला पहले से तैयार रखा जाता है. जब भी चाय बनती है तो तैयार मसाले में से थोड़ा मसाला कप में डाल दिया जाता है. इस से मसाले में मौजूद सभी फ्लैवर और गुण चाय में मिल जाते हैं. यह बहुत स्वादिष्ठ चाय होती है.

व्हाइट टी

व्हाइट टी काफी माइल्ड फ्लैवर वाली होती है. इस का स्वाद भी शानदार होता है. इस के 1 कप में केवल 15 मिलीग्राम तक कैफीन मौजूद होती है.

फायदे

यह कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से बचाती है और कैंसर से लड़ने में भी मददगार है. एलडीएल कौलैस्ट्रौल घटाने में मदद करती है.

हर्बल टी

हर्बल टी वस्तुत: कुछ ड्राईफ्रूट्स और हर्ब्स का कौंबिनेशन है. इस में कैफीन नहीं होती है और चीनी भी जरूरी नहीं होती. इस में अलग ही खुशबू और स्वाद होता है.

फायदे

जर्नल औफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक रोजाना 2 से 3 कप हर्बल टी का सेवन हाइपरटैंशन के मरीजों में ब्लडप्रैशर नियंत्रित रखने में मदद करता है.

लैमन टी

लैमन टी भी फैशन में है. इस में चीनी या शहद, पुदीना, सौंठ या पाउडर, कालानमक आदि जो भी पंसद है मिला कर पीया जाता है. यह चाय बहुत फायदेमंद है. इस से नींबू से होने वाले लाभ मिलते हैं.

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