राहरा पनीर लजानिया

सामग्री

– 1 बड़ा चम्मच औलिव औयल

– 1 टमाटर कटा हुआ

– 1 छोटा चम्मच जीरा

– 1 प्याज कटा.

सामग्री पेस्ट की

– 1 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन का पेस्ट

– 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच जीरा पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच गरममसाला

– 1 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– 300 ग्राम पनीर कटा

– 5-6 लजानिया शीट उबली

– 1 कप प्रोसैस्ड चीज कद्दूकस किया

– 2 बड़े चम्मच टोमैटो सौस

– 1 छोटा टमाटर कटा

– सजाने के लिए धनियापत्ती

– स्वादानुसार नमक.

विधि

  • पैन में तेल गरम कर जीरा और प्याज भूनें.
  • अब पेस्ट की सारी सामग्री एकसाथ मिला कर उस में थोड़ा सा नमक डाल कर तब तक पकाएं जब तक मसाले न पक जाएं. इस में टमाटर डाल कर फिर पकाएं.
  • अब पनीर मिक्स कर आंच से उतार लें.
  • लजानिया शीट पर पनीर मिक्सचर रखें. ऊपर से चीज स्प्रैड कर टोमैटो सौस फैलाएं.
  • टमाटर के टुकड़े भी रखें. दूसरी लजानिया शीट से कवर कर बचा चीज डालें और 200 डिग्री सैल्सियस पर चीज पिघलने तक बेक करें.
  • धनियापत्ती से सजा कर गरमगरम सर्व करें.

 

 

टोफू ऐंड वैजी स्टिर फ्राई

सामग्री

– 2 बड़े चम्मच काजू

– 3 बड़े चम्मच तिल

– 250 ग्राम टोफू 1 इंच टुकड़ों में कटा

– 1 छोटा चम्मच कौर्नफ्लोर

– 1 छोटा चम्मच तिल का तेल

– 1 छोटा चम्मच शहद

– 1 अदरक छोटे टुकड़ों में कटा

– 2 हरे प्याज कटे

– 1 लालमिर्च कटी

– ब्रोकली जरूरतानुसार

– 1/2 कप गाजर गोल टुकड़ों में कटी

– 1/2 कप बेबीकौर्न कटे

– 1 नीबू

– थोड़ी सी सोया सौस

– थोड़ा सा सी साल्ट

– थोड़ा सा कालीमिर्च पाउडर.

विधि

  1. पैन गरम कर उस में पहले काजू फिर तिल सुनहरा होने तक भूनें और एक बाउल में निकाल लें.
  2. टोफू में कौर्नफ्लोर, सी साल्ट व कालीमिर्च पाउडर मिला कर गरम तेल में सुनहरा होने तक तलें.
  3. अब इसे बाउल में निकाल कर शहद, काजू व तिल के साथ मिक्स करें.
  4. फिर पैन में थोड़ा सा तेल गरम कर अदरक, हरा प्याज और मिर्च भूनें.
  5. सारी सब्जियां मिला कर 5 मिनट तक मध्यम आंच पर स्टर फ्राई करें.
  6. अब नीबू का रस और सोया सौस मिला कर बाउल में निकालें. टोफू से सजा कर सर्व करें.

अक्षय की ‘मिशन मंगल’ पर लगा ग्रहण

अक्षय कुमार और विद्या बालन अभिनीत फिल्म ‘मिशन मंगल’ को अंतरिक्ष के विषय पर बनने वाली भारत की पहली फिल्म माना जा रहा है. पर अब यह फिल्म किसी और वजह को लेकर भी चर्चा में है. दरअसल इस फिल्म पर कौपीराइट का आरोप लगा है.  ‘मिशन मंगल’ पर कौपीराइट के उल्लंघन का दावा करते हुए एक महिला निर्देशक ने मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

राधा भारद्वाज ने इस फिल्म के निर्माण और इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. यह फिल्म भारत के मार्स और्बिटर मिशन (एमओएम) पर आधारित है. इसे मंगलयान कहा जाता है. इस महीने की शुरूआत में अभिनेता अक्षय कुमार ने घोषणा की थी कि वह फौक्स स्टार स्टुडियोज और केप औफ गुड होप फिल्म्स के साथ मिलकर मंगल मिशन पर आधारित फिल्म ‘मिशन मंगल’ का निर्माण करेंगे.

फिल्म का निर्देशन जगन शक्ति करेंगे. इसकी शूटिंग इसी महीने शुरू होगी. अक्षय कुमार और विद्या बालन के अलावा सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू और अन्य कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं. अपने मुकदमे में भारद्वाज ने दावा किया है कि फिल्म उनकी पटकथा ‘स्पेस एमओएमस’ की कौपीराइट का उल्लंघन करती है.

मुकदमे के अनुसार, भारद्वाज ने अपनी पटकथा 2016 में निर्माता अतुल कास्बेकर को दी थी. कास्बेकर की कंपनी ने भारद्वाज के साथ एक इसकी जानकारी किसी को नहीं देने के बारे में ‘नान डिस्क्लोजन एग्रीमेन्ट’ किया. इसके तहत भारद्वाज की लिखित अनुमति के बगैर वह किसी अन्य को इसके बारे में नहीं बता सकते हैं.

उन्होंने दावा किया है कि बाद में उन्हें पता चला कि कास्बेकर ने यह पटकथा विद्या बालन को दिखाई. इससे नाराज होकर भारद्वाज ने एनडीए रद्द कर दिया. मामले पर सुनवाई उचित समय पर होने की संभावना है.

ये प्राकृतिक उपाय दिलाएंगे आपको मच्छरों से छुटकारा

मच्छरों को भगाने के लिए आज आपको बताते है कुछ प्राकृतिक उपाय. ये उपाय न सिर्फ आपकी समस्या दूर करेंगे बल्कि आपकी सेहत का भी ध्यान रखंगे. यकीन मानिए इन उपायों को करने से मच्छर आपके घर से दफा हो जाएंगे.

मच्छरों से बचाव करने के लिए कपूर का भी प्रयोग किया जा सकता है. एक कमरे में कपूर जलाएं और सभी दरवाजे-खिड़कियां बंद कर दें. 15 से 20 मिनट बाद दरवाजा खोल दें सारे मच्छर भाग जाएंगे.

कूलर में पानी रहने की वजह से मच्छरों को उनमें पनपने का मौकाै मिल जाता है। ऐसे में इसमें नेप्थलीन बौल्स डाल दीजिए, इससे मच्छर नहीं आएंगे.

नींबू के तेल और नीलगिरी के तेल का मिश्रण प्राकृतिक रूप से मच्छरमुक्त रखने का एक बहुत असरदार उपाय है. इस मिश्रण के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह प्राकृतिक है. इस मिश्रण का उपयोग करने के लिए बराबर अनुपात में नींबू के तेल और नीलगिरी के तेल का मिश्रण बनाएं और आपके शरीर पर इसका इस्तेमाल करें.

नीम के कई सारे फायदे हैं. सेहत का ध्यान रखने के अलावा ये मच्छरों को भगाने में भी मदद करता है. नारियल तेल के साथ नीम के तेल को मिलाकर प्रयोग करने से मच्छर भागते हैं. नीम की एक अलग तरह की गंध होती है जो मच्छरों को दूर रखती है.

अब चर्चा में है हैवीवेट पति पत्नी का किस्सा

जब किसी भारी भरकम नेता का घरेलू किस्सा सामने आता है. तब वही ज्यादा चर्चा में होता है. पत्नी रत्ना के साथ ममता बनर्जी सरकार में कैबिनेट मंत्री सोवन चट्टोपाध्याय का जो डिवोर्स का मामला चल रहा है, उसके कारण उनका मंत्री पद छिन गया और अब उनकी मेयर की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा रहा है.

असल में ये सारा मामला मंत्री सोवन और एक शादीशुदा लड़की बैसाखी बंदोपाध्याय को लेकर शुरू हुआ है जिसकी शुरुआत सोवन की पत्नी रत्ना ने उन दोनों के संबंधों पर ऊंगली उठा कर की. इसके प्रतिरोध में सोवन ने भी अपनी पत्नी पर भी चरित्रहीन होने का आरोप लगाया, जिसके चलते आरोपों प्रत्यारोपों का यह दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.

सोवन का कहना है की उनकी पत्नी का किसी अभिजीत नाम के शख्स के साथ प्रेम संबंध है साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया की उनके जन्मदिन पर उनकी पत्नी रत्ना ने उनके केक में जहर मिला दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा की रत्ना ने उनकी दोस्त बैसाखी और उनके बेटों को मारने के लिए एक सुपारी किलर का सहारा लिया.

इस सब मामले पर अभी बैसाखी बंदोपाध्याय का कोई कमेंट बाहर नहीं आया है. लेकिन कुछ ही दिन हुए बैसाखी ने सोवन और उनकी दोस्ती पर मुहर लगाई थी. उन्होंने तब कहा था कि वह सिर्फ सोवन की ही नहीं बल्कि सावन और रत्ना दोनों की ही पारिवारिक दोस्त हैं. मगर रत्ना ने पलटवार करते हुए कहा की बैसाखी सिर्फ सोवन की दोस्त हैं उनकी नहीं.

इन आरोपों के जवाब में अभिजीत ने हंसते हुए कहा, “रत्ना मेरी बहन जैसी है, सोवन भाई बहन के रिश्तों पर तोहमद लगा रहा है. ” इस बारे में रत्ना से पूछने पर उन्होंने कहा,”अभिजीत मेरे से 15 साल छोटा और भाई जैसा है. सोवन ने हमारे इज्जतदार रिश्ते पर ऊंगली उठा के ठीक नहीं किया.”

रत्ना ने यह भी कहा की, “जिस केक में जहर की बात सोवन कर रहे हैं वो सरासर झूठी है, वही केक मेरे बच्चों ने भी खाया था. और मैंने कोई सुपारी किलर बैसाखी को मारने के लिए नहीं भेजा. अपनी बचत के पैसों से मैं अपने बच्चों को पालूंगी, सोवन मेरे बच्चों के लिए एक रुपया भी नहीं खर्चता.”

दूसरी ओर सोवन ने कहा,” बैसाखी के साथ मेरी कोई खास दोस्ती नहीं है. वो मेरी एक अच्छी दोस्त हैं. मेरे बुरे दिनों में उन्होंने मेरा साथ दिया था. उन दिनों को मैं कभी नहीं भूलूंगा. मेरे  साथ खड़े लोगों के सम्मान की रक्षा के लिए मुझे जो करना होगा करूंगा, जो छोड़ना होगा छोड़ दूंगा.”

रत्ना का कहना है की वह मानहानी का मामला करके कंपनसेशन नहीं चाहतीं, वह जज साहब को रिक्वेस्ट करेंगी कि सोवन चट्टोपाध्याय को 10 बार कान पकड़कर उठक बैठक करने की सजा दें.

इतना कुछ होने के बाद भी रत्ना ने कहा,” घर तोड़कर सोवन ने गलत काम किया है, अपना घर छोड़  दूसरों का साथ देना उनके पौलिटिकल करियर के लिए कफन में आखिरी कील गाड़ने जैसा होगा.

इन सब आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच सोवन को अपने मंत्री पद के साथ-साथ अपना घर भी छोड़ना पड़ा है. सी.एम. ममता बनर्जी ने सोवन का इस्तीफा पत्र स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही उन्हें कोलकाता कौर्पोरेशन के मेयर पद से भी इस्तीफा देने के लिये निर्देश दे दिया गया है.

पती-पत्नी का यह व्यक्तिगत मामला पब्लिक हो गया है और काफी चर्चा में है. अब इसमें कितना सच है और कितना झूठ…ये तो वक्त ही बताएगा.

किचन में मौजूद ये चीजें बचाएंगी आपको डेंगू के प्रकोप से

आपके घर में ही कई ऐसी चीजें मौजूद हैं जो आपको डेंगू, चिकनगुनिया जैसी मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रकोप से छुटकारा दिला सकती हैं. चलिए जानते हैं किन चीजों से आप इन बीमारियों से बच सकती हैं.

कद्दू के आधा ग्लास जूस में एक से दो चम्मच शहद डालकर दिन में दो बार लेने से भी खून में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ती है.

डेंगू के बुखार से राहत पाने के लिए नारियल पानी खूब पिएं. इसमें मौजूद जरूरी पोषक तत्व जैसे मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है.

डेंगू के बुखार में मेथी की पत्तियां उबालकर चाय बनाकर पिएं. ऐसा करने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और डेंगू का वायरस दूर होता है.

तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में उबाल लें और फिर इस पानी को पिएं. ऐसा करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है. इसे दिन में चार बार पी सकते हैं.

तुलसी के पत्तों के साथ काली मिर्च को पानी में उबाल लें और पिएं. इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और यह एंटी बैक्टीरियल की तरह काम करता है.

चुकंदर के रस में अच्छी मात्रा में एंटीऔक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाते हैं. अगर दो से तीन चम्मच चुकंदर के रस को एक ग्लास गाजर के रस में मिलाकर पिएं तो ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ती हैं.

इन आसान तरीकों से घर पर उगाएं सब्जियां

बागवानी से अच्‍छा शौक शायद ही कोई और होगा. इसमें आप अपनी मेहनत से कई फल और सब्जियां उगा सकती हैं. खूबसूरत बगीचे का ख्‍याल रखने के लिए ढेर सारी कला की जरूरत होती है. इस काम में बहुत समय और मेहनत की भी जरूरत होती है क्‍योंकि बीज से फल को निकालने के लिए बहुत अनुभव और समय चाहिए होता है.

तो चलिए जानते हैं उन सब्जियों के बारे में जो एक महीने के अंदर ही उग जाती हैं.

बेबी गाजर अगर आपको गाजर बहुत पसंद है तो आप इस वैरायटी की गाजर को उगा सकती हैं इसके लिए आपको एक मिट्टी से भरे कंटेनर में बेबी गाजर के बीज डालने होंगें और खाद भरनी होगी.कंटेनर की जगह सीधी जमीन में भी बीज बो सकते हैं. बेबी गाजर के बीज बड़ी आसानी से मार्केट में मिल जाएंगें. इस सब्‍जी को उगने में ज्‍यादा देखभाल और ध्‍यान देने की जरूरत नहीं होती है. 2 – 3 दिन में एक बार पानी दें और अगले 30 दिनों में आपके बगीचे में स्‍वादिष्‍ट गाजर उग आएंगीं.

मूली कई पोषक तत्‍वों से भरपूर तूली कई भारतीय आहार में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है. मूली उगाने की सबसे खास बात ये है कि इसे किसी भी मौसमी परिस्थिति की जरूरत नहीं पड़ती है और ये किसी भी मौसम में उग सकती है.मूली उगाने के लिए जमीन में मूली के बीज गाड़ दें और 1 से 2 दिन में पानी डालें. आमतौर पर मूली को उगने में 25 दिन लगते हैं. कुछ मामलों में इसे 30 दिन भी लग जाते हैं.

खीरा, इस सब्‍जी को आप कच्‍ची भी खा सकते हैं और कई रेसिपीज़ में भी इसका प्रयोग कर सकती हैं. साल में किसी भी मौसम में उगने वाली ये सब्‍जी ज्‍यादा समय भी नहीं लेती है लेकिन इसे जगह की ज्‍यादा जरूरत होती है. इसलिए इसे अपनी किचन में अलग से जगह बनाकर उगाएं. इसके लिए आप ट्रेलिसेस का भी इस्‍तेमाल कर सकती हैं. इसमें 3 से 4 हफ्ते में फल आने लगेगा.

पालक हमारे आहार की सबसे स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक सब्‍जी है पालक जोकि 4 से 5 हफ्तों में उग जाता है. इसके लिए आपको बढिया क्‍वालिटी की खाद में बीज बोने होंगें. रोज़ पौधे को पानी डालें. अगर आप रोज़ इस पौधे को पानी डालते हैं तो कुछ ही हफ्तों में पालक के हरे पत्ते निकल आएंगें.

सूरजमुखी के बीज अपने किचन गार्डन को कुछ अलग रंग देने के लिए आप अपनी लिस्‍ट में सूरजमुखी के बीजों को भी शामिल कर सकती है. पोषक तत्‍वों से भरपूर इस बीज को उगने में 12 दिन का समय लगता है. ये किसी भी मौसम और जलवायु में उग जाते हैं. इसके लिए पर्याप्‍त सूरज की रोशनी और रोज़ पानी देने की जरूरत होती है. अगर आपका बालकनी गार्डन है तो इस सब्‍जी को आपको जरूर उगाना चाहिए.

ऐसे हटाएं प्लास्टिक के बर्तनों से जिद्दी दाग

आजकल प्लास्टिक के बर्तन काफी प्रचलन में हैं. और ये बर्तन देखने में कौफी आकर्षित भी लगते हैं. हर कोई स्टील के बर्तनों से बोर होकर इन रंगबिरंगे बर्तनों की तरफ खीचा चला आता है. इन बर्तनों में जो सबसे ज्यादा दिक्कत आती है वो यह कि इन्हें रोजाना इस्तेमाल करने से इनमें कई बार महक भी रह जाती है. इतना ही नहीं इसमें लगे जिद्दी दाग बहुत बुरे लगते हैं. आज आपको बताएंगे कि कैसे आप इन जिद्दी दागों और महक से छुटकारा पा सकती हैं.

प्लास्टिक के बर्तन से दाग और महक हटाने के लिए आप सिरका का इस्तेमाल भी कर सकती हैं. इसके लिए आपको पानी में सिरके को मिलाकर बर्तन पर डाल कर कुछ देर के लिए छोड़ना होगा. कुछ देर बाद इसे स्क्रब से रगड़कर साफ करें. ऐसा करने से आपके बर्तन से बदबू भी चली जाएगी और साथ ही यह चमकदार भी लगेगा.

ब्लीच से आपने कपड़ों में लगे दाग तो कई बार हटाए होंगे, पर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इससे आप प्लास्टिक के बर्तंनों में लगे दागों से भी छुटकारा पा सकती हैं इतना ही नहीं यह आपके टिफिन में से आने वाली गंध को भी दूर करने में मदद करता है. इसके लिए आपको बस लिक्विड क्लोरीन ब्लीच का इस्तेमाल करना होगा.

अपने बर्तनों को चमकाने और महकाने के लिए आप बेकिंग सोडा का सहारा ले सकती हैं. इसके लिए आप एक बाल्टी में गर्म पानी भर लें और इसमें तीन तीन चम्मच बेकिंग सोडा डालकर अच्छी तरह से मिला लें. अब अपने प्लास्टिक के बर्तनों को इसमें डालकर रख दे. ध्यान रहे आपके बर्तन पूरी तरह इसमें डूब जाए. आधे घंटे बाद इन बर्तनों को स्क्रब से रगड़कर साफ पानी से धो लें.

बोर्डिंग स्कूल : ताक पर सुरक्षा और पढ़ाई

एक अच्छा महंगा वाला बोर्डिंग स्कूल लड़कियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. पैसे वाले बहुत से मातापिता यह सोच कर निश्चिंत हो जाते हैं कि उन्होंने जिस बोर्डिंग स्कूल में अपनी बेटी को भेजा है वह उसे पढ़ालिखा कर सक्षम भी बनाएगा और सुरक्षित भी रखेगा. वे ये दोनों चीजें पैसे से खरीदने की कोशिश करते हैं पर अफसोस यह है कि ये बोर्डिंग स्कूल एक साफ गटर से ज्यादा कुछ हो ही नहीं सकते.

जहां सिर्फ बहुत सी लड़कियां एकसाथ रहती हों वहां भी सुरक्षित और पढ़ने का माहौल होगा इस की कोई गारंटी नहीं है. उलटे वहां यही गारंटी है कि उद्दंड, टूटे हुए घरों की, मातापिता से दूर, प्यार की भूखी लड़कियां अपने बदन की जरूरतों को पूरा करने के लिए और ज्यादा खुली व निर्भय हो कर हर तरह के प्रयोग कर सकती हैं.

देहरादून के एक स्कूल में एक लड़की के साथ गैंगरेप और फिर स्कूल प्रबंधकों द्वारा घरेलू तरीकों से गर्भपात की कोशिश यह जताती है कि ये स्कूल कितने पिछड़े हैं. अच्छी बिल्डिंग, खेल का मैदान, बड़ा सारा मैस, हर हाथ में

मोबाइल, कंप्यूटर, स्ट्रिक्ट डिसिप्लिन इस बात की गारंटी नहीं है कि लड़कियां साफसुथरी होंगी. वे तो ऐसी गंगा में हैं जो सीवर से भी ज्यादा गंदी है.

इस लड़की के साथ स्कूल के 4 लड़कों ने ही गैंगरेप किया और पिता की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ है. लड़की का गर्भपात कराने की कोशिश हो रही है. लड़कों की गिरफ्तारी हो गई है. पर क्या इस से कुछ सुधरेगा? यह मामला तो रोशनी में आ गया है पर ऐसा तो

हर बोर्डिंग स्कूल में होगा, क्योंकि वहां लड़कियां हों या लड़के, उद्दंडों की ही चलती है. सीधे सहमे रहते हैं और ब्लैकमेल होते  रहते हैं. उद्दंड हर तरकीब सीख जाते हैं. लड़कियों में भी गैंग बन जाते हैं, लड़कों में भी. ड्रग्स, शराब, सिगरेट, सैक्स, शैतानी, परपीड़न स्कूली जीवन का हिस्सा बन जाता है. बोर्डिंग स्कूल का कोई स्टूडैंट इन से भाग भी नहीं सकता.

घरों में रहने वाले बच्चे

ज्यादा सुरक्षित हैं, नौकरों और आयाओं के सहारे पलने वाले भी. अकेले पिता के साथ बेटियां बोर्डिंगों से ज्यादा सुरक्षित रहेंगी. उन्हें हर समय मानसिक सुरक्षा मिलती रहेगी. दिन की परेशानी शाम को

तो हल हो सकती है. बोर्डिंग स्कूल में तो शिकायत करने वाले को हकारत से देखा जाता है. वहां स्कूल हर तरह की शिकायत दूर कर ही नहीं सकते चाहे कितना पैसा हो. वार्डन या संगीसाथी अपनापन नहीं दे सकते.

महंगे बोर्डिंग स्कूलों का धंधा प्रचार के बल पर चल रहा है पर इस प्रचार में कुछ बच्चों के अच्छे अंक, आधुनिक उपकरणों से सजी लैब्स, बढि़या जिम, भव्य औडिटोरियम हैं. पर इन सब के पीछे स्टूडैंट्स की घुटन, मानसिक परेशानियां, भीड़ में अकेलापन, रातदिन के कमैंट्स को कैसे देखेंगे. प्रचार सही है पर उसी पर निर्भर न रहें.

देशभर में बोर्डिंग स्कूल जम कर खुल रहे हैं. यह बहुत ही गलत तरीका है. इस का पर्याय ढूंढ़ना होगा. शायद घरों के आसपास किसी अंकलआंटी के पास 8-10 लड़कों को दिनभर या कभीकभार रातभर या कुछ दिनों के लिए कुछ पैसा दे कर छोड़ना ज्यादा आसान होगा. बोर्डिंग स्कूल तो घरों के पलते साफ बच्चों को और टूटे, बीमार घरों से आने वालों को एकसाथ ही रखेंगे. बच्चे किए हैं तो जिम्मेदारी निभाएं, यह बोझ नहीं इनवैस्टमैंट है जो जीवनभर काम आएगी.

 

यम सोम ओ पोमेलो सलाद

सामग्री

– 100 ग्राम पोमेलो

– 80 ग्राम चिकन के छोटे टुकड़े

– थोड़ा सा हरा प्याज बारीक कटा

– 1-2 साबूत लालमिर्चें

– थोड़े से काफिर लाइम लीव्स

– थोडी सी पुदीनापत्ती

– थोड़ा सा हरा प्याज बारीक कटा

– 1 नीबू का रस

– 5 एमएल फिश सौस

– 5 ग्राम पाम शुगर

– 5 ग्राम लालमिर्च का पेस्ट.

सामग्री गार्निशिंग की

– थोड़े से खीरे के टुकड़े

– 5-6 बींस

– थोड़ी सी धनियापत्ती कटी.

विधि

  • एक सौस पैन में पानी गरम कर उस में चिकन के टुकड़े डाल कर उबालें.
  • फिर पानी निकाल ठंडा होने रखें. अब एक बाउल में लालमिर्च पाउडर, पाम शुगर, फिश सौस, नीबू का रस और साबूत लालमिर्च डाल कर पेस्ट तैयार करें.
  • बची सामग्री को भी इस में मिक्स कर चिकन के टुकड़ों पर अच्छी तरह लगा कर एक प्लेट में रखें.
  • ऊपर से खीरे के टुकड़ों, बींस व धनियापत्ती से सजा कर सर्व करें.

 

 

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