इन आसान तरीकों से घर पर उगाएं सब्जियां

बागवानी से अच्‍छा शौक शायद ही कोई और होगा. इसमें आप अपनी मेहनत से कई फल और सब्जियां उगा सकती हैं. खूबसूरत बगीचे का ख्‍याल रखने के लिए ढेर सारी कला की जरूरत होती है. इस काम में बहुत समय और मेहनत की भी जरूरत होती है क्‍योंकि बीज से फल को निकालने के लिए बहुत अनुभव और समय चाहिए होता है.

तो चलिए जानते हैं उन सब्जियों के बारे में जो एक महीने के अंदर ही उग जाती हैं.

बेबी गाजर अगर आपको गाजर बहुत पसंद है तो आप इस वैरायटी की गाजर को उगा सकती हैं इसके लिए आपको एक मिट्टी से भरे कंटेनर में बेबी गाजर के बीज डालने होंगें और खाद भरनी होगी.कंटेनर की जगह सीधी जमीन में भी बीज बो सकते हैं. बेबी गाजर के बीज बड़ी आसानी से मार्केट में मिल जाएंगें. इस सब्‍जी को उगने में ज्‍यादा देखभाल और ध्‍यान देने की जरूरत नहीं होती है. 2 – 3 दिन में एक बार पानी दें और अगले 30 दिनों में आपके बगीचे में स्‍वादिष्‍ट गाजर उग आएंगीं.

मूली कई पोषक तत्‍वों से भरपूर तूली कई भारतीय आहार में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है. मूली उगाने की सबसे खास बात ये है कि इसे किसी भी मौसमी परिस्थिति की जरूरत नहीं पड़ती है और ये किसी भी मौसम में उग सकती है.मूली उगाने के लिए जमीन में मूली के बीज गाड़ दें और 1 से 2 दिन में पानी डालें. आमतौर पर मूली को उगने में 25 दिन लगते हैं. कुछ मामलों में इसे 30 दिन भी लग जाते हैं.

खीरा, इस सब्‍जी को आप कच्‍ची भी खा सकते हैं और कई रेसिपीज़ में भी इसका प्रयोग कर सकती हैं. साल में किसी भी मौसम में उगने वाली ये सब्‍जी ज्‍यादा समय भी नहीं लेती है लेकिन इसे जगह की ज्‍यादा जरूरत होती है. इसलिए इसे अपनी किचन में अलग से जगह बनाकर उगाएं. इसके लिए आप ट्रेलिसेस का भी इस्‍तेमाल कर सकती हैं. इसमें 3 से 4 हफ्ते में फल आने लगेगा.

पालक हमारे आहार की सबसे स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक सब्‍जी है पालक जोकि 4 से 5 हफ्तों में उग जाता है. इसके लिए आपको बढिया क्‍वालिटी की खाद में बीज बोने होंगें. रोज़ पौधे को पानी डालें. अगर आप रोज़ इस पौधे को पानी डालते हैं तो कुछ ही हफ्तों में पालक के हरे पत्ते निकल आएंगें.

सूरजमुखी के बीज अपने किचन गार्डन को कुछ अलग रंग देने के लिए आप अपनी लिस्‍ट में सूरजमुखी के बीजों को भी शामिल कर सकती है. पोषक तत्‍वों से भरपूर इस बीज को उगने में 12 दिन का समय लगता है. ये किसी भी मौसम और जलवायु में उग जाते हैं. इसके लिए पर्याप्‍त सूरज की रोशनी और रोज़ पानी देने की जरूरत होती है. अगर आपका बालकनी गार्डन है तो इस सब्‍जी को आपको जरूर उगाना चाहिए.

ऐसे हटाएं प्लास्टिक के बर्तनों से जिद्दी दाग

आजकल प्लास्टिक के बर्तन काफी प्रचलन में हैं. और ये बर्तन देखने में कौफी आकर्षित भी लगते हैं. हर कोई स्टील के बर्तनों से बोर होकर इन रंगबिरंगे बर्तनों की तरफ खीचा चला आता है. इन बर्तनों में जो सबसे ज्यादा दिक्कत आती है वो यह कि इन्हें रोजाना इस्तेमाल करने से इनमें कई बार महक भी रह जाती है. इतना ही नहीं इसमें लगे जिद्दी दाग बहुत बुरे लगते हैं. आज आपको बताएंगे कि कैसे आप इन जिद्दी दागों और महक से छुटकारा पा सकती हैं.

प्लास्टिक के बर्तन से दाग और महक हटाने के लिए आप सिरका का इस्तेमाल भी कर सकती हैं. इसके लिए आपको पानी में सिरके को मिलाकर बर्तन पर डाल कर कुछ देर के लिए छोड़ना होगा. कुछ देर बाद इसे स्क्रब से रगड़कर साफ करें. ऐसा करने से आपके बर्तन से बदबू भी चली जाएगी और साथ ही यह चमकदार भी लगेगा.

ब्लीच से आपने कपड़ों में लगे दाग तो कई बार हटाए होंगे, पर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इससे आप प्लास्टिक के बर्तंनों में लगे दागों से भी छुटकारा पा सकती हैं इतना ही नहीं यह आपके टिफिन में से आने वाली गंध को भी दूर करने में मदद करता है. इसके लिए आपको बस लिक्विड क्लोरीन ब्लीच का इस्तेमाल करना होगा.

अपने बर्तनों को चमकाने और महकाने के लिए आप बेकिंग सोडा का सहारा ले सकती हैं. इसके लिए आप एक बाल्टी में गर्म पानी भर लें और इसमें तीन तीन चम्मच बेकिंग सोडा डालकर अच्छी तरह से मिला लें. अब अपने प्लास्टिक के बर्तनों को इसमें डालकर रख दे. ध्यान रहे आपके बर्तन पूरी तरह इसमें डूब जाए. आधे घंटे बाद इन बर्तनों को स्क्रब से रगड़कर साफ पानी से धो लें.

बोर्डिंग स्कूल : ताक पर सुरक्षा और पढ़ाई

एक अच्छा महंगा वाला बोर्डिंग स्कूल लड़कियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. पैसे वाले बहुत से मातापिता यह सोच कर निश्चिंत हो जाते हैं कि उन्होंने जिस बोर्डिंग स्कूल में अपनी बेटी को भेजा है वह उसे पढ़ालिखा कर सक्षम भी बनाएगा और सुरक्षित भी रखेगा. वे ये दोनों चीजें पैसे से खरीदने की कोशिश करते हैं पर अफसोस यह है कि ये बोर्डिंग स्कूल एक साफ गटर से ज्यादा कुछ हो ही नहीं सकते.

जहां सिर्फ बहुत सी लड़कियां एकसाथ रहती हों वहां भी सुरक्षित और पढ़ने का माहौल होगा इस की कोई गारंटी नहीं है. उलटे वहां यही गारंटी है कि उद्दंड, टूटे हुए घरों की, मातापिता से दूर, प्यार की भूखी लड़कियां अपने बदन की जरूरतों को पूरा करने के लिए और ज्यादा खुली व निर्भय हो कर हर तरह के प्रयोग कर सकती हैं.

देहरादून के एक स्कूल में एक लड़की के साथ गैंगरेप और फिर स्कूल प्रबंधकों द्वारा घरेलू तरीकों से गर्भपात की कोशिश यह जताती है कि ये स्कूल कितने पिछड़े हैं. अच्छी बिल्डिंग, खेल का मैदान, बड़ा सारा मैस, हर हाथ में

मोबाइल, कंप्यूटर, स्ट्रिक्ट डिसिप्लिन इस बात की गारंटी नहीं है कि लड़कियां साफसुथरी होंगी. वे तो ऐसी गंगा में हैं जो सीवर से भी ज्यादा गंदी है.

इस लड़की के साथ स्कूल के 4 लड़कों ने ही गैंगरेप किया और पिता की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ है. लड़की का गर्भपात कराने की कोशिश हो रही है. लड़कों की गिरफ्तारी हो गई है. पर क्या इस से कुछ सुधरेगा? यह मामला तो रोशनी में आ गया है पर ऐसा तो

हर बोर्डिंग स्कूल में होगा, क्योंकि वहां लड़कियां हों या लड़के, उद्दंडों की ही चलती है. सीधे सहमे रहते हैं और ब्लैकमेल होते  रहते हैं. उद्दंड हर तरकीब सीख जाते हैं. लड़कियों में भी गैंग बन जाते हैं, लड़कों में भी. ड्रग्स, शराब, सिगरेट, सैक्स, शैतानी, परपीड़न स्कूली जीवन का हिस्सा बन जाता है. बोर्डिंग स्कूल का कोई स्टूडैंट इन से भाग भी नहीं सकता.

घरों में रहने वाले बच्चे

ज्यादा सुरक्षित हैं, नौकरों और आयाओं के सहारे पलने वाले भी. अकेले पिता के साथ बेटियां बोर्डिंगों से ज्यादा सुरक्षित रहेंगी. उन्हें हर समय मानसिक सुरक्षा मिलती रहेगी. दिन की परेशानी शाम को

तो हल हो सकती है. बोर्डिंग स्कूल में तो शिकायत करने वाले को हकारत से देखा जाता है. वहां स्कूल हर तरह की शिकायत दूर कर ही नहीं सकते चाहे कितना पैसा हो. वार्डन या संगीसाथी अपनापन नहीं दे सकते.

महंगे बोर्डिंग स्कूलों का धंधा प्रचार के बल पर चल रहा है पर इस प्रचार में कुछ बच्चों के अच्छे अंक, आधुनिक उपकरणों से सजी लैब्स, बढि़या जिम, भव्य औडिटोरियम हैं. पर इन सब के पीछे स्टूडैंट्स की घुटन, मानसिक परेशानियां, भीड़ में अकेलापन, रातदिन के कमैंट्स को कैसे देखेंगे. प्रचार सही है पर उसी पर निर्भर न रहें.

देशभर में बोर्डिंग स्कूल जम कर खुल रहे हैं. यह बहुत ही गलत तरीका है. इस का पर्याय ढूंढ़ना होगा. शायद घरों के आसपास किसी अंकलआंटी के पास 8-10 लड़कों को दिनभर या कभीकभार रातभर या कुछ दिनों के लिए कुछ पैसा दे कर छोड़ना ज्यादा आसान होगा. बोर्डिंग स्कूल तो घरों के पलते साफ बच्चों को और टूटे, बीमार घरों से आने वालों को एकसाथ ही रखेंगे. बच्चे किए हैं तो जिम्मेदारी निभाएं, यह बोझ नहीं इनवैस्टमैंट है जो जीवनभर काम आएगी.

 

यम सोम ओ पोमेलो सलाद

सामग्री

– 100 ग्राम पोमेलो

– 80 ग्राम चिकन के छोटे टुकड़े

– थोड़ा सा हरा प्याज बारीक कटा

– 1-2 साबूत लालमिर्चें

– थोड़े से काफिर लाइम लीव्स

– थोडी सी पुदीनापत्ती

– थोड़ा सा हरा प्याज बारीक कटा

– 1 नीबू का रस

– 5 एमएल फिश सौस

– 5 ग्राम पाम शुगर

– 5 ग्राम लालमिर्च का पेस्ट.

सामग्री गार्निशिंग की

– थोड़े से खीरे के टुकड़े

– 5-6 बींस

– थोड़ी सी धनियापत्ती कटी.

विधि

  • एक सौस पैन में पानी गरम कर उस में चिकन के टुकड़े डाल कर उबालें.
  • फिर पानी निकाल ठंडा होने रखें. अब एक बाउल में लालमिर्च पाउडर, पाम शुगर, फिश सौस, नीबू का रस और साबूत लालमिर्च डाल कर पेस्ट तैयार करें.
  • बची सामग्री को भी इस में मिक्स कर चिकन के टुकड़ों पर अच्छी तरह लगा कर एक प्लेट में रखें.
  • ऊपर से खीरे के टुकड़ों, बींस व धनियापत्ती से सजा कर सर्व करें.

 

 

लवाबदार मुर्ग मक्खनी

सामग्री मैरिनेट की

– 500 ग्राम बौनलैस चिकन के टुकड़े

– 2 छोटे चम्मच अदरक का पेस्ट

– 2 छोटे चम्मच लहसुन का पेस्ट

– 3 छोटे चम्मच खट्टा दही

– 1 बड़ा चम्मच नीबू का रस

– 2 छोटे चम्मच सिरका

– 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

– 1 छोटा चम्मच जीरा पाउडर

– 1-2 प्याज बारीक कटे

– 11/2 छोटे चम्मच लालमिर्च पाउडर

– नमक स्वादानुसार.

सामग्री ग्रेवी की

– 6 टमाटर

– 11/2 बड़े चम्मच मक्खन

– 1 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– 1 छोटा चम्मच अदरक बारीक कटा

– 1 हरीमिर्च बारीक कटी

– 1/4 छोटा चम्मच औरेंज कलर

– 21/2 बड़े चम्मच फ्रैश क्रीम

– 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

– 1 छोटा चम्मच जीरा पाउडर

– 1 छोटा चम्मच चीनी

– नमक स्वादानुसार.

सामग्री गार्निशिंग की

– 2 बारीक हरीमिर्चें कटी

– 1 बड़ा चम्मच मक्खन

– 2 बड़े चम्मच फ्रैश क्रीम

– सजाने के लिए धनियापत्ती.

विधि

  1. टमाटरों की प्यूरी बनाने के लिए उन्हें ब्लैंड करें. फिर मैरिनेट करने वाली सारी सामग्री को अच्छी तरह मिक्स कर पेस्ट तैयार करें.
  2. अब इस पेस्ट में चिकन के टुकड़ों को अच्छी तरह लपेट कर 2 घंटों के लिए मैरिनेट होने के लिए रखें.
  3. इस के बाद भारी तले वाली कड़ाही में मक्खन गरम कर उस में मैरिनेट चिकन को तब तक पकाएं जब तक कि वह नरम न पड़ जाए.
  4. फिर एक सौस पैन में मक्खन को गरम कर उस में लालमिर्च पाउडर, धनिया व जीरा पाउडर, अदरक, नमक और हरीमिर्च डाल कर हलकी आंच पर तब तक पकने दें जब तक प्यूरी गाढ़ी न हो जाए.
  5. फिर इस में चिकन के साथ चीनी व क्रीम डाल कर 25 मिनट तक और पकाएं. पकने के बाद फ्रैश क्रीम, हरीमिर्च, धनियापत्ती से सजा कर गरमगरम सर्व करें.

घर पर बनाएं जायकेदार नल्ली निहारी

सामग्री मैरिनेट की

– 250 ग्राम मटन

– 1 छोटा चम्मच मेस

– 1 तेजपत्ता

– 2 हरी इलायची

– 1 छोटा चम्मच लौंग

– 1 बड़ी इलायची

– 2 छोटे चम्मच लहसुन का पेस्ट

– 1 छोटा चम्मच अदरक का पेस्ट

– 1 छोटा चम्मच गरममसाला

– 1 बड़ा चम्मच धनिया पाउडर

– 1 छोटा चम्मच पीली मिर्च का पाउडर

– 1 छोटा चम्मच जीरा पाउडर

– 1 बड़ा चम्मच भुने प्याज का पेस्ट

– 1/2 कप दही

– 1 बड़ा चम्मच घी

– 1 कप मटन स्टोक

– 1 छोटा चम्मच बेसन

– 1 केवड़ा वाटर

– 1 छोटा चम्मच स्क्रू पाइन ऐसैंस.

विधि

  • एक भारी तले वाले बरतन में मटन को उबालें.
  • फिर एक पेन में तेल गरम कर उस में साबुत गरममसाला और अदरकलहसुन का पेस्ट डाल कर पकाएं.
  • फिर इस में भुने प्याज के साथ हलदी, जीरा, धनिया व पीली मिर्च पाउडर डाल कर उस पर उबला मटन डाल कर अच्छी तरह मिलाएं.
  • फिर इस में मटन स्टोक को मिला कर तब तक पकाएं जब तक मटन नर्म न पड़ जाए.
  • फिर ग्रेवी में फेटा गया दही, पतला बेसन व नमक को अच्छी तरह मिला कर थोड़ी देर पकने दें और फिर गरमगरम सर्व करें.

 

जब आप की बेटी को हो जाए किसी से प्यार

उम्र बढ़ने के साथ-साथ बच्चों में शारीरिक और मानसिक कई बदलाव आने लगते हैं. खासकर टीनएज में तो कई तरह के नए भावों का जन्म होता है जिसमें प्यार, गुस्सा, आकर्षण जैसी कई चीजें शामिल हैं. बच्चों का इन सभी चीजों से सामना होता हैं तो ऐसे समय में अभिभावकों को उनके साथ खड़े होने की जरूरत होती हैं. खासतौर से जब टीनएज बेटी को प्यार हो जाए तो एक मां को परिस्थितियां संभालने की जरूरत पड़ती हैं. ऐसे में किस तरह संभाले परिस्थितियों को, आइये हम बताते हैं आपको.

अपना तजुर्बा प्यार से समझाएं

बेटी को कुछ कहने से पहले यह बात समझ लें कि उसके लिए यह नया अहसास है. आपकी डांट उस पर भारी भी पड़ सकती है. उसे अपना तजुर्बा प्यार से समझाएं. खुद परेशान होने की बजाए समझ से काम लें और इस चक्कर से निकलने में उसकी मदद करें ताकि वे आपसे कोई बात छिपा न पाए.

भरोसा बनाए रखें

आपका बच्चे के साथ अच्छा रिश्ता है तो इसे खराब न होने दें. उसकी हर बात ध्यान से सुनें, भरोसा बनाए रखें कि आप हमेशा उसके साथ हैं. धीरे-धीरे स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश करें.

उसके व्यवहार पर रखें नजर

इस उम्र का प्यार बच्चों के लिए बहुत अहमियत रखता है लेकिन यह सिर्फ मोह भी हो सकता है. बेटी इस बात का फर्क नहीं समझ सकती इसलिए उससे बहस करने की बजाए उसके व्यवहार पर ध्यान दें. अगर आपको समझ आ जाए कि बेटी किस स्थिति में है तो उसे संभालने में आसानी होगी.

दिल टूटने पर साथ न छोड़े

कच्ची उम्र और तजुर्बे की कमी से पहला क्रश बेटी का दिल भी तोड़ सकता है. इस स्थिति में उसे कोसने या फिर डांटने की बजाए इसका साथ दें. जिससे इसे बात से ऊभरने में उसे बहुत मदद मिलेगी.

चावल जो आप खा रही हैं प्लास्टिक तो नहीं? ऐसे करें पता

आजकल बाजार में प्लास्टिक वाले चावल की सप्लाई ज्यादा हो रही है. ये नकली चावल सेहत के लिए काफी हानिकारक होते हैं. इसे देख कर ये बता पाना मुश्किल होता है कि चावल असली है या नकली.

प्लास्टिक के इस चावल में ऐसे रसायन होते हैं जिनका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है. इससे हमारे हार्मोन्स बुरी तरह प्रभावित होते हैं. इसके अलावा इसका असर प्रजनन प्रणाली को भी बाधित कर सकती है.

आपके लिए ये जानना जरूरी है कि प्लास्टिक के चावल की पहचान कैसे की जाती है. इस खबर में हम आपको कुछ आसन टिप्स दे रहे हैं, जिनसे आप इसकी पहचान कर सकती हैं.

  • थोड़ा चावल लें और उसमें हल्की आग लगा दें. अगर वो नकली चावल होगा तो उसमें से प्लास्टिक के जलने की बदबू आएगी.
  • एक चम्मच में गर्म तेल लें और उसमें चावल के कुछ दाने डाल दें. प्लास्टिक के दाने पिघना शुरू हो जाएंगे.
  • एक गिलास पानी में एक चम्मच चावल डाल दें. अगर चावल प्लास्टिक का होगा तो वो पानी में तैरने लगेंगे.
  • चावल बनने के बाद कुछ दिनों तक छोड़ दें. कुछ दिनों बाद इसमें से बदबू ना आए या चावल सड़े नहीं तो समझ जाएं कि वो प्लास्टिक का चावल है.

तनाव की इस बीमारी से आता है जल्दी बुढ़ापा

पोस्ट ट्रौमेटिक स्ट्रेस डिसौर्डर (पीटीएसडी) एक प्रकार की मानसिक बीमारी है. इसके पीड़ितों में असमय बुढ़ापा आने की शिकायत रहती है. पीटीएसडी कई मानसिक विकारों जैसे गंभीर अवसाद, गुस्सा, अनिद्रा, खान-पान संबंधी रोगों तथा मादक द्रव्यों के सेवन से जुड़ी है.

कैलिफोर्निया की एक युनिवर्सिटी में हुए शोध में ये बात सामने आई. संस्था के मनोवैज्ञानिक विभाग के प्रोफेसर दिलीप वी.जेस्ते ने कहा, “समय से पहले बुढ़ापा आने के संबंध में पीटीएसडी को लेकर अपने तरह का यह पहला अध्ययन है।” जेस्ते व उनके साथियों ने पीटीएसडी में समय से पूर्व बुढ़ापे पर प्रकाशित प्रासंगिक अनुभवजन्य अध्ययनों की व्यापक समीक्षा की है.

प्रोफेसर जेम्स बी. लोहर के अनुसार, ‘निष्कर्ष में यह बात बिल्कुल जाहिर नहीं होती कि समय से पूर्व बुढ़ापे के लिए पीटीएसडी ही जिम्मेदार है, लेकिन यह दलील पेश करता है कि पीटीएसडी पर फिर से विचार करने की जरूरत है, क्योंकि यह मानसिक बीमारी से कुछ अधिक है.’

वर्कआउट करते समय ऐसे रखें बालों का खास ख्याल

अक्‍सर जिम में वर्कआउट करते वक्‍त पसीने की वजह से बाल चिपचिपे और गंदे हो जाते हैं. ऐसे में रोज रोज जिम से आने के बाद बालों को धोना संभव नहीं है क्योंकि ऐसा करने से सिर की त्‍वचा सूख जाती है जिससे रूसी की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो जाती है. लेकिन बालों को पसीने से लतपत भी नहीं छोड़ा जा सकता, इसलिए हम आपको कुछ उपाय बताएंगे जिससे आप अपनी इस समस्‍या से छुटकारा पा सकती हैं.

बालों को ऊपर बांधे

एक हाई पोनी या फिर जूड़ा बांध कर आप वर्कआउट करने जाया करें. इससे न केवल आप आरामदायक महसूस करेंगी बल्कि बाल न तो आपके मुंह से चिपकेगे और न ही गर्दन से. बालों को बांधने के बाल जो बाल अलग से निकल आते हैं उनको आप पिन या जैल लगा कर सेट कर सकती हैं.

ब्‍लो ड्राय करें

गीले बाल आपको कूल लुक दे सकते हैं इसलिए अपने पसीने वाले बालों को आप ब्‍लोड्राय कर सकती हैं. इससे आपको रोज-रोज बाल शैंपू करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. इसके अलावा अगर आप जल्‍दी में हैं तो गीले बालों पर टैल्‍कम पाउडर भी लगाया जा सकता है.

कैसे नहाएं

शैंपू करने के बाद बालों पर सही तरीके का कंडीशन लगाएं, जिससे आपके बाल सूखे न रहें और उनमें अच्‍छी खुशबू भी आए. एक अच्‍छा तेल आपके बालों में लगा कंडीशन आराम से हटा सकता है. इसके अलावा अपने हेयर बैंड को हल्‍के साबुन के घोल से धोएं जिससे वह आपके साफ बालों को कोई नुक्‍सान न पहुंचा सके. अगर आप घर पर ही वर्कआउट कर रहीं हैं, तो शावर कैप पहन सकती हैं.

हेयरस्‍टाइल बदलें

अगर आपके बाल बड़े हैं तो उन्‍हें कई अलग-अलग ढंग से काटवाए जा सकते हैं. इसके लिए आप अपने हेयर एक्‍सपर्ट की सलाह लें. बाजार में भी कई प्रकार के प्रोडक्‍ट्स उपलब्‍ध हैं जो एक्‍सरसाइज करने के दौरान इस्‍तमाल किये जा सकते हैं. पर सबसे सरल यही है कि आप अपने बालों को छोटा करवा लें. या फिर फ्रेंच प्‍लेट बांध कर जाया करें.

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