शम्मी कपूर को नहीं आता था डांस करना..!

बौलीवुड के याहू ब्वौय के नाम से मशहूर शम्मी कपूर हिंदी सिनेमा के ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने बौलीवुड में अभिनय का अंदाज बदल दिया था. शम्मी कपूर ने अपने फिल्मी करियर में तकरीबन 200 फिल्मों में काम किया था.

जब भी शम्मी कपूर की बात होगी तो फिल्मों में उनके अलग डांस स्टाइल की बात भी जरूर होगी. कई लोग उन्हें ऐसा पहला एक्टर मानते हैं जिन्होंने फिल्मों में ब्रेक डांस को अलग ही अंदाज में पेश किया था. लेकिन क्या आप जानते हैं शम्मी कपूर माटुंगा में 20 रुपए घंटा डांस सीखते थे. 

हिंदी सिनेमा के गानों में अपने अलग अंदाज वाले डांस स्टाइल की वजह से भी जाने जाने वाले शम्मी कपूर के बारे में अक्सर लोग यही मानते हैं कि उन्हें डांस करना काफी पसंद था. लेकिन असल में ऐसा नहीं था. उन्हें डांस करना अच्छा नहीं लगता था. ये बात हम नहीं बल्कि खुद शम्मी साहब ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू के दौरान बताई थी.

शम्मी कपूर ने इंटरव्यू के दौरान बताया था कि डांस करना मुझे शुरू से अच्छा लगता है, लेकिन राज़ की बात ये है कि मुझे डांस करना अच्छा नहीं लगता. मुझे इतना याद है कि हम पिताजी के साथ माटुंगा में जहां रहा करते थे वहां एक डांस सैलून किस्म का हौल था.

वहां एक लड़की 20 रुपये घंटे के हिसाब से नाचना सिखाती थी. हमने वहां जाकर टैंगों सीखने की कोशिश की. वो लड़की खूबसूरत थी, हम भी जवान थे, 19-20 की उम्र रही होगी. हमने टैंगो सीखने की कोशिश की पर डांस हमें नहीं आया.

साथ ही शम्मी ने अपने इस इंटरव्यू में ये भी बताया था कि सच ये है कि डांस मुझे नहीं आता. पर हां, मुझे म्यूज़िक का शौक बचपन से है. जब मैं बचपन में थियेटर में पिताजी के साथ टूर पर जाया करता था. उन रातों को जो मैंने अलग-अलग जगहों पर गुजारी हैं, तो मैंने म्यूजिक के साथ गुजारी है.

वर्क फ्रौम होम के फायदे और नुकसान

वर्क फ्रौम होम यानी घर बैठे नौकरी करें. जी हां, कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हें घर बैठे किया जा सकता है. आप दुनिया में कहीं भी हों, इंटरनैट और वाईफाई की सहायता से इन कामों को बखूबी कर सकती हैं. इस से काम देने वाले और काम करने वाले दोनों को लाभ है. खासकर ऐसी मांएं या पिता अथवा दोनों के लिए जो अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं. पहले यह सुविधा पश्चिमी विकसित देशों तक ही सीमित थी. मगर अब हमारे देश में इंटरनैट और वाईफाई के विस्तार के कारण वर्क फ्रौम होम यहां भी संभव है.

कौन से काम घर बैठे संभव सूचना प्राद्योगिकी से संबंधित कार्य घर  से इंटरनैट और वाईफाई से किया जा सकता  है. मसलन:

वर्चुअल असिस्टैंट: वर्चुअल असिस्टैंट की अपनी कंपनी घर से चला सकते हैं या किसी ऐसी कंपनी के लिए जो आप को दूसरी कंपनी के लिए या क्लाइंट के लिए काम दे. छोटे बिजनैस वाले जो स्थाई कर्मचारी रखने में असमर्थ हैं, उन्हें ऐसे कर्मचारियों की जरूरत होती है, जो उन के लिए घर से काम कर सकें.

मैडिकल ट्रांस्क्रिप्ट: डाक्टरों की बातें सुन कर उन के निर्देश, उपचार और दवाओं से संबंधित बातें कंप्यूटर पर टाइप करना होता है. डाक्टर दूसरे देश के भी हो सकते हैं. उन का उच्चारण ठीक से समझना पड़ता है.

अनुवादक: अगर आप एक से अधिक बहुप्रचलित अंतर्राष्ट्रीय भाषा जानते हैं, तो  दुनिया में ऐसी काफी कंपनियां हैं जो अपने  देश में बैठे अपनी औडियो फाइल्स या डौक्यूमैंट्स किसी अन्य भाषा में अनुवाद कराना चाहती हैं.

वैब डिजाइनर: सूचना प्राद्योगिकी के क्षेत्र में सब से ज्यादा वर्क फ्रौम होम के अवसर प्राप्त हैं. इस क्षेत्र में वर्चुअल असिस्टैंट, वेब डैवलपर या डिजाइनर, नए कस्टम वैब डिजाइन या उन की वैब में बदलाव, सुधार या अपडेटिंग की जरूरत पड़ती रहती है.

कौल सैंटर प्रतिनिधि: इस में भी काफी अवसर हैं. जब कभी हम किसी बड़ी कंपनी पर कोई सामान या सेवा का और्डर दे रहे हों तब दूसरी ओर से हमारी बात सुनने वाला कोई बड़े काल सैंटर में न हो कर उन का कोई प्रतिनिधि हो सकता है, जो घर से ही काम करता हो.

सहायक तकनीकी विशेषज्ञ: काल  सैंटर को अपने कंप्यूटर व अन्य उपकरणों के रखरखाव या उन की मरम्मत अथवा आधुनिकीकरण के लिए समयसमय पर तकनीकी मदद की जरूरत होती है. इसे कभी तो घर बैठे ही सुलझा सकते हैं तो कभी औन साइट जाना होता है. अगर आप कंप्यूटर, इंटरनैट, मौडेम, वाईफाई आदि के जानकार हैं तो यह काम आप कर सकते हैं.

ट्रेवल एजेंट: अगर आप को इस बिजनैस की जानकारी हो तो आप चाहें तो घर से यह काम कर सकते हैं.

शिक्षण का कार्य: स्कूल और कालेज में ऐसे विद्यार्थी भी हैं, जिन्हें कोच या ट्यूटर की आवश्यकता होती है. आजकल तो डिस्टैंस ऐजुकेशन या कौरस्पौंडेंस कोर्स का काफी चलन हो रहा है, जिस के चलते इस क्षेत्र में भी वर्क फ्रौम होम के पर्याप्त अवसर हैं.

लेखक या संपादक: लिखने, संपादन  या प्रूफरीडिंग की काम खासकर वैब के लिए घर से कर सकते हैं. अगर लिखने की जानकारी नहीं भी हो तो ब्लौगस्फेयर जौइन कर सकते हैं. इस में मजा भी है और पैसा भी. दूसरों की ब्लौगसाइट पर लिख कर भी कमाया जा  सकता है.

फ्रैंचाइजी: अगर बिजनैस की कुछ बुनियादी जानकारी हो और कुछ पूंजी लगा सकते हों तो किसी कंपनी या शिक्षण संस्था की फ्रैंचाइजी ले कर घर से यह काम कर सकते हैं.

शतरंज का कोच: अगर चेस जानते हैं  तो कंप्यूटर और इंटरनैट पर स्काइप से घर बैठे बच्चों को चेस सिखा सकते हैं. विदेशों में बसे अनेक भारतीय बच्चे चेस की कोचिंग लेना  चाहते हैं. इस के लिए प्रति घंटे अच्छी रकम मिलती है.

वर्क फ्रौम होम के लाभ

आप बच्चों और परिवार को अधिक समय दे सकते हैं, विशेषकर अगर बच्चे छोटे हों तो यह ज्यादा लाभकारी है.

यह अवकाशप्राप्त व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत है.

ऐसी औरतें जिन के पति का तबादला होता रहता हो, उन के लिए वर्क फ्रौम होम अच्छा विकल्प है.

विकलांग भी अपनी सुविधा और क्षमता के अनुसार घर से काम कर सकते हैं.

आप को सुबहसुबह उठ कर तैयार हो  निश्चित समय पर ट्रेन या बस से या खुद  ड्राइव कर दफ्तर नहीं जाना है. महिलाओं  को वर्क फ्रौम होम और ज्यादा फायदेमंद है. उन्हें रोज मेकअप करने की आवश्यकता  होगी. वार्डरोब में कम कपड़े होने से भी  म चलेगा.

आप अपने काम से ब्रेक ले कर घर के अन्य काम भी कर सकते हैं.

अगर आप स्वयं अनुशासित हैं और परिवार के अन्य सदस्य आप के काम की महत्ता समझते हैं, तो आप यह कर सकते हैं.

आप अपने घर का खाना खाते हैं. बाहर काम करने से अकसर कैंटीन या रैस्टोरैंट्स में खाना पड़ता है, जिस पर खर्च होता है. वर्क फ्रौम होम करने पर पैसे की बचत के साथसाथ घर का स्वास्थ्यप्रद खाना भी मिलता है.

औफिस रैंट और कर्मचारियों पर होने वाले व अन्य खर्च बिजली, एयर कंडीशनर, वाहन भत्ता, दुर्घटना बीमा आदि की बचत होती है.

घर से काम करने वाले उपकरणों पर होने वाले खर्च पर आय कर से छूट ले सकते हैं.

मौसम की मार नहीं झेलनी पड़ती है. बरसात, गरमी या जाड़े का सामना नहीं करना पड़ता है.

वर्क फ्रौम होम से नुकसान

मगर वर्क फ्रौम होम से कुछ नुकसान  भी हैं:

आप दूसरों के साथ पर्याप्त और सीधे संवाद से वंचित होते हैं.

टीवी, किचन, महरी आदि आप का ध्यान काम से हटा सकते हैं.

आप के व्यावसयिक व्यवहार और स्किल का समुचित रूप से विकास नहीं होता है.

अगर आप वर्क फ्रौम होम में अनुशासित रह कर काम नहीं करते हैं तब ज्यादा आरामतलबी हो सकते हैं.

दफ्तर में काम करने से वहां के कंप्यूटर आदि में खराबी आने पर तुरंत सपोर्ट मिल जाती है.

कंपीटिशन की भावना की कमी होती है. किसी भी बिजनैस में बेहतर प्रदर्शन के लिए कंपीटिशन अच्छा है.

 कभीकभी बौस यह भी समझ सकता है कि आप से घर पर किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है. अत: आप को अनचाहे समय में भी बौस के निर्देश लेने होते हैं.

अकेलेपन का एहसास होता है. औफिस में  काम करते समय सहकर्मियों से कुछ व्यक्तिगत बातें होती रहती हैं पर वर्क फ्रौम होम में यह संभव नहीं.

आप अपने स्टाइल से काम करते जाते हैं. आप को अपने सीनियर्स से कुछ सीखने का अवसर नहीं प्राप्त होता.                

अमीर तो आज कार वाले भी नहीं

अल्फोंस कन्नाथनम का नाम याद रख लीजिए. ये अमीरी का प्रमाणपत्र देते हैं. यदि आप को लगता है कि आप गरीब हैं और आप के पति सिर्फ मोबाइल पर आप को घुमाते हैं तो यह इन्फौर्मेशन टैक्नोलौजी और पर्यटन मंत्री आप को प्रमाणपत्र दे देंगे जिस पर

शायद यह लिखा होगा- यह  भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय अपने महादानव कंप्यूटर तंत्रों की सहायता से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रमाणित करता है कि आप एक मोबाइल नंबर ????????९९ के मालिक हैं. अत: आप समृद्ध, सुखी, धनी हैं और आप की बाकी सारी  संपत्ति पर विशिष्ट अधिकार जनप्रिय, 70 फीसदी जनता की सहमति के आधार पर आप पर अतिरिक्त करों का बोझ डाल कर आप को विकसित देश के प्रति ऋण चुकाने का अवसर देते हुए पर अतिरिक्त करों का भार आप को सहर्ष सादर अर्पित करती है ताकि आप विश्वगुरु के साथसाथ विश्वनेता के देश के नागरिक भी बन जाएं.

हस्ताक्षर- मंत्री अल्फोंस कन्नाथनम (भारत सरकार की मुहर)

यह माखौल नहीं है. यह  आज के मंत्रियों की मानसिकता है, जो आम व्यक्ति के दुखदर्द की नहीं सोच रहे. पैट्रोल, डीजल के दाम बढ़ेंगे, रोज की चीजों पर जीएसटी बढ़ेगा तो घर का खर्च बढ़ेगा. बाइक होने से अमीरी नहीं आती. आज तो कार वाले भी अमीर नहीं होते.  पैट्रोल, डीजल बाइक या  कार में ही नहीं, बस, ट्रक, ट्रैक्टर   में भी डलता है और ये सब गरीबों के काम के होते हैं. उन्हें अमीरों की श्रेणी में डालने का अर्थ है कि अल्फोंस साहब शायद महंगे अल्फोंस आमों की तरह हर आम को एकजैसा समझते हैं.

शादी और कम खर्च

शादी और कम खर्च ये शायद सभी को अजीब लगे, पर अब शादी पर कम खर्च का प्रचलन हो चला है, क्योंकि इससे समय और पैसा दोनों की ही बचत होती है. कुछ लोगों को ये सोच कंजूसी वाली लग सकती है, क्योंकि वे सोचते हैं कि लकड़ी के टेबल पर सफेद चादर बिछाकर, कैंडल लाइट जलाकर, कम लोगों को आमंत्रित कर ही शादी के खर्चे को कम किया जा सकता है. जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.

कम खर्च की शादी के लिए ये जरूरी नहीं कि आप सबकुछ त्याग दे या न करें, बल्कि जो चीजे शादी में जरूरी नहीं होती या केवल दिखावे के लिए होती हैं, उसे छोड़ प्रमुख चीजों पर ध्यान दें. इस प्रकार केवल थोड़ी सी समझदारी और सही प्लानिंग से ही आप एक शादी को यादगार और अपने मन मुताबिक बना सकते है.

इस बारें में वेडिंग प्लानर आशु गर्ग बताते है कि शादियां सबके लिए यादगार बने, इसके लिए मैं हमेशा कोशिश करता हूं, क्योंकि शादी का खर्च व्यक्ति के बजट के आधार पर होना चाहिए, ताकि किसी को भी बोझ न महसूस हो. वही मेरे लिए चुनौती होती है. यहां कुछ बातें निम्न है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है.

डिटेलिंग पर दें ध्यान

पिच कलर के साथ रेड और गोल्डन का प्रचलन विवाह में सालों से है. वेडिंग में इसका खास महत्व होता है, लेकिन अब इसमें हल्के और प्राकृतिक रंगों के मिश्रण को अधिक महत्व दिया जाता है. इसमें वैसी ही कलाकृतियों वाले फ़र्निचर और पेड़-पौधे इसकी शोभा को बढ़ाते है.

बड़ी-बड़ी चीजों से बनावटी सजावट का समय अब नहीं है, अभी व्यक्ति अपनी पसंद से घर या विवाह मंडप को सजाते है, जिसमें सजाने वाले की व्यक्तित्व और पसंद पूरी तरह से दिखाई पड़ता है, ये उनके लिए एक चुनौती होती है, इसमें कपल्स अधिकतर बॉलीवुड की सजावट का सहारा लेते है,जिसमें डिटेलिंग पर अधिक जोर होती है, जो अधिकतर तरह-तरह के कलर कॉम्बिनेशन पर आधारित होती है,ताकि पिक्चर्स अच्छी निकले.

कम खर्चे की शादी में खूबसूरती के अलावा अधिकतर कपल्स चाहते हैं कि उनकी साज सजावट में भी एक शानदार लुक हो, इसलिए डिटेलिंग के अलवा छोटी-छोटी चीजों पर भी खुद ध्यान देने की जरुरत होती है. इसमें अतिथि का मनोरंजन सबसे ऊपर होना चाहिए, इसके अलावा स्टेज प्रेजेंटेशन, गेस्ट टेबल का अकार जो गोल या चौकोर आकार में सिल्क या लिनेन के रंगीन कपड़े से ढकी होनी चाहिए, ताकि एक कोणीय व्यू मिले.

एक डिजाईन को बड़े में दिखायें

कम खर्चे की शादी में अधिकतर लोग दीवारों पर कम सजावट को समझते हैं, जबकि हकीकत में एक अच्छी थीम या डिजाइन को सोचकर उसे ही बड़े और कलरफुल तरीके से दिखाना अच्छा होता है, जिसका केंद्र बिंदु विवाह का होना चाहिए, इसमें रंग और लाइट से लेकर हर बेसिक चीजे शामिल होनी चाहिए.

फ्लावर पॉवर

फूलों की सजावट आपके हर लुक को शानदार बना देती है. आशु कहते हैं कि फूलों के साथ आप तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट कर वैवाहिक परिदृश्य को अधिक सुंदर बना सकते हैं. फूल सजाने के लिए, दूल्हा दुल्हन के लिए, सेंटर टेबल और दीवार की डेकोरेशन के लिए आदि सभी जगहों पर किसी न किसी रूप में प्रयोग किये जा सकते हैं. गेस्ट टेबल और दीवारों को सजाने के लिए अगर बनावटी फूलों का भी सहारा लिया जाय तो खर्च और भी कम होता है, इसके अलावा कलरफुल बेरीज और स्ट्राबेरीज भी सजावट के लिए प्रयोग कर सकते है. ये फ्रेश लुक को बनाये रखने में मददगार साबित होती है.

नेचुरल लाइटिंग

रौशनी को वेडिंग में सबसे खास माना जाता है, ये अगर सही तरह से कर लिया जाए, तो सिंपल और एलीगेंट वेडिंग कल्पना जो आपने की है वह गेस्ट और वेडिंग दोनों को ही आकर्षक लगती है. नेचुरल लाइटिंग विवाह के खर्चे को हमेशा कम करती है. मसलन ओपन हॉल, कोलोनियल स्टाइल हॉल्स या मध्यम रौशनी के कैफे स्टाइल आदि सभी पारंपरिक और शिल्पकारी की पराकाष्ठा को बयान करते हैं.

डिनर फिएस्टा

विवाह में भोजन सबसे महत्वपूर्ण होता है. जिसमें संतुलित आहार होने के साथ-साथ, उसकी गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देने की जरुरत होती है. लम्बी लिस्ट ‘मेनू’ में होने से अतिथि खुश हो, ये जरुरी नहीं, क्योंकि वे पूरे ‘मेनू’ का स्वाद चखने में असमर्थ होते है. इसे साधारण और गुणवत्तापूर्ण रखें, क्योंकि आज लोग क्वांटिटी से अधिक क्वालिटी पर विश्वास रखते हैं. इसे परोसने के लिए थोड़ी कला और प्यार रखें ताकि उन्हें एक अच्छा माहौल मिले.

ट्रीट ओ ट्रीट

विवाह में आजकल केक काटने का प्रचलन है. ऐसे में अलग-अलग स्टाइल के केक इसकी शोभा को बढ़ाते है, इसमें आप अपनी कला को शामिल कर इसे खुबसूरत बना सकते है. जरुरत हो तो कुछ फूलों से इसकी शोभा और अधिक बढ़ाई जा सकती है.

परिधान हो यादगार 

हैवी एम्ब्रायडरी वाले गाउन्स और लहंगे का जमाना अब नहीं है. ऐसे में स्टाइलिश और सुंदर दिखने वाले गाउन आज की मांग है. कपल्स आजकल आरामदायक और क्लासिक ड्रेस पहनना पसंद करते है. जिसमें कट्स और प्लीट्स पर ध्यान देना आवश्यक होता है. लहंगा चोली या साड़ी, सिल्क या शिफॉन के कपड़े पर मनपसंद रंग के अनुसार अच्छी कढ़ाई ही वेडिंग को शानदार बनाती है. साथ में सफ़ेद लिली की बुके या बालों में फूल लगाने पर दुल्हन मूर्तिकला की प्रतिरूप लगती है. गहने जरुरत के हिसाब से लेने चाहिए, जिसमें नथ,बाजूबंद और कमरबंद को शामिल करना न भूले.

मैं अपने ब्रेकअप पर कहानी नहीं लिखूंगी : कृति खरबंदा

दक्षिण भारत के लगभग हर सुपर स्टार के साथ सोलह फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाने के बाद ‘‘राज रीबूट’’ से बौलीवुड में कदम रखने वाली कृति खरबंदा की ‘राज रीबूट’ के बाद ‘गेस्ट इन लंदन’ यह दोनों हिंदी फिल्में बाक्स आफिस पर बुरी तरह से मात खा चुकी हैं. मगर दस नवंबर को प्रदर्शित हो रही रत्ना सिन्हा निर्देशित फिल्म ‘‘शादी में जरूर आना’’ को लेकर कृति खरबंदा काफी उत्साहित हैं. उनका दावा है कि बतौर हीरोईन यह फिल्म उन्हे बौलीवुड में स्थापित कर देगी. फिल्म ‘‘शादी में जरूर आना’’ में उनकी जोड़ी राज कुमार राव के साथ है.

27 वर्षीय कृति खरबंदा बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं. वह लेखन, पेटिंग्स आदि से भी जुड़ी हुई हैं. अब तक की छोटी सी जिंदगी में उनके तीन चार प्रेम संबंध टूट चुके हैं, जिसमें से एक काफी गहरा प्रेम संबंध भी टूटा है, पर उसके लिए वह खुद को ही दोषी मानती हैं. हाल ही में कृति खरबंदा ने अभिनय से इतर अपने अन्य शौक को लेकर काफी बातचीत की, जो कि इस प्रकार रही.

अभिनय के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं?

कई तरह के शौक हैं. पढ़ना, लिखना, पेंटिंग्स करना वगैरह वगैरह.

किस तरह की पेंटिंग्स बनाती हैं?

मैं आब्सट्रैक्ट पेंटिंग्स करती हूं. सन सेट या सूर्य की पेंटिंग्स बनाती हूं. मैंने करीबन हजार से अधिक पेंटिंग्स बनायी. मगर मैंने इन्हें लोगों में बांट दिया.

आप किस तरह की चीजें पढ़ना पसंद करती हैं?

मैं बहुत ही ज्यादा रोमांटिक और रचनात्मक हूं. जहां तक पढ़ने का सवाल है, तो कोई तयशुदा जौनर या पसंदीदा लेखक नहीं है. मैं कभी भी किसी भी जौनर और किसी भी लेखक की किताब पढ़ सकती हूं. मैं किताब की दुकान पर जाती हूं. किताब के पहले दो पृष्ठ पढ़ती हूं, वह मुझे पसंद आते हैं, तो मैं उस किताब को खरीदकर घर लाकर पढ़ती हूं. फिर वह किताब किसी भी विषय पर हो सकती है. वैसे फिलासिफी और प्रेम कहानियां बहुत पढ़ती हूं. इसके अलावा मुझे डाक्यूमेंटरी देखने का शौक है. मैं ज्यादा से ज्यादा डेढ़ घंटे तक ही एक साथ बैठकर पढ़ सकती हूं या फिल्म देख सकती हूं.

लिखती क्या हैं?

मैं ने लघु कहानियां काफी लिखी हैं. कम से कम पांच सौ तो हो गयी होंगी. मैं अपने अनुभवों को लेकर लघु कहानी लिखती हूं. मेरी कहानियों में सिर्फ रोमांस नहीं होता. मैं किसी घटनाक्रम पर कुछ सोचती हूं, तो उसे कहानी का रूप देती हूं. मैं सोचती हूं कि यदि ऐसा नहीं, ऐसा किया होता, तो क्या होता, फिर उसे लघु कहानी के रूप में पन्नों पर उतार देती हूं.

आपने अपने ब्रेकअप यानी कि टूटे हुए प्रेम संबंध को कहानी का रूप दिया या नहीं?

मैं अपने ब्रेकअप पर कहानी नहीं लिखूंगी. क्योंकि वह सही हुआ. मेरी नजर में कहानी तब बनती है, जब जो घटित हुआ है, वह सही न हो. मैं तब कहानी लिखती हूं, जब मुझे लगता है कि जो हो रहा है, वह गलत है. हमारा ब्रेकअप तो सही हुआ.

आपने अपनी किसी लघु कहानी पर फिल्म बनवाने के बारे में नहीं सोचा?

मैं ने एक फिल्म की पटकथा लिखी है. जो कि रोमांटिक है. पर ऐसी फिल्म अब तक नहीं बनी है. मैं पहले निर्देशन में कदम रखने की सोच रही थी. पर अब नहीं सोच रही. निर्देशन के लिए काफी वक्त चाहिए. लेकिन फिल्म निर्माता जरूर बनना है. मैं ऐसी फिल्मों का निर्माण करना चाहती हूं, जिन कहानियों पर फिल्म बनाने के लिए निर्माता तैयार नहीं होते. मैं कुछ अलग काम करना चाहती हूं.

आपके अन्य शौक?

मुझे गुब्बारों का शौक है. गैस वाले गुब्बारे जो हवा में उड़ते हैं. दसवीं कक्षा में अपनी कजिन व अपने भाई बहन के साथ मैं शौंपिंग माल गयी थी. वहां मेरे कजिन ने पूछा कि मुझे क्या चाहिए? तो मैंने गुब्बारा मांगा था. इस पर उसने कहा था कि वह मेरी शादी गुब्बारे वाले से ही करा देगा. गुब्बारे का शौक तो मुझे अभी भी है.

दुनिया के इन शहरों में है फैशन का बोलबाला

अच्छा दिखना तो आज के जमाने में हर कोई चाहता है. हर कोई अपने पसंद के कपड़े, जूते इत्यादि सामान खरीदता है जो ट्रेंड में होता है, लोग नहीं चाहते की वे जो पहने वो पुराना लगे या ऐसा लगे की इसका फैशन चला गया है. इसलिए हर कोई अपने पसंद की चीजों को वक्त रहते खरीदता और और दुनियां के रंग में ढ़ल जाता है. आप सोच रही होंगी की हम ये क्या बाते कर रहें है तो जरा ठहरिये हम बताते है आपको.

आज हम आपको दुनिया के उन जगहों की सैर पर ले जाने आएं हैं जहां का फैशन कभी पुराना नहीं होता. और अगर आप भी फैशन की शौकीन हैं तो इन जगहों पर जाकर किसी भी प्रकार का फैशन कर सकती हैं. आप चाहें तो यहां के लैटेस्ट फैशन को अपना सकती हैं क्योकि ये फैशन के शहर हैं और अपने फैशन के लिये जाने जाते हैं.

न्‍यूयौर्क

दुनिया के सबसे फैशनेबल शहरों में न्‍यूयौर्क का नाम पहले स्थान पर आता है. फैशन यहां की हवाओं में बहता है. न्‍यूयौर्क के फैशन शो में आपको नये ट्रेंड और ड्रेस नजर आएंगी. अगर आप फैशन को पसंद करती हैं तो आप न्‍यूयॉर्क जरूर घूमने आएं.

नैरोबी

कैन्‍या की राजधानी नैरोबी का फैशन वर्ल्‍ड में बोलबाला है. दुनिया के सबसे बेहतरीन फैशन डिजाइनर आपको नैरोबी में ही मिलेंगे. यहां का स्‍ट्रीट फैशन और क्रियेटिव फैशन लोगों को आकर्षित करता है. यहां पर एनुअल नैरोबी फैशन मार्केट भी लगती है. जहां जाकर आप अपने मन मुताबिक अपने काम की वस्तुएं ले सकती हैं.

पैरिस

फ्रांस की राजधानी पैरिस को फैशन स्‍ट्रीट कहा जाता है. कहते हैं कि दुनिया में फैशन की शुरुआत इसी शहर से हुई थी. पैरिस दुनिया का सबसे खूबसूरत और स्‍टाइलिश शहर है. पैरिस कभी भी औउट औफ फैशन नहीं होता है. यहां फैशन का सिक्‍का हमेशा चलता है. जोकि यहां के लोगो को देख कर ही समझ में आता है, जो हमेशा दिन हो या रात हर वक्त फैशन में डूबे होते हैं.

मिलान

फैशन के मामले में भले पैरिस सबसे मशूहर शहर हो पर एक शहर ऐसा भी है जहां के लोगों में ही नहीं उस शहर में भी फैशन बसता है, ये शहर है मिलान. दुनिया के सबसे खूबसूरत और फैशनेबल शहर मिलान में फैशन दिन के नहीं घंटो के हिसाब से बदलता है. यहां फैशन की पाठशाला भी चलती है.

टोक्‍यो

जापान की राजधानी टोक्‍यो दुनिया की सबसे फैशनेबल राजधानी मानी जाती है. टोक्‍यो क्रूप टौप्‍स का बर्थ प्‍लेस कहा जाता है. यहां आपको फैशन की हर वो बारीकी नजर आऐंगी जो कहीं और नहीं दिखाई देगी. अगर आप फैशन की शौकीन हैं तो आपको टोक्‍यो आने की जरूरत है.

लंदन

फैशन के चाहने वालों के लिए लंदन जन्‍नत से कम नहीं है. फैशन यहां की लाइफलाइन है. पैरिस के बाद अगर कोई शहर है जहां फैशन पल भर में बदल जाता है तो वो लंदन है. लंदन की गलियों में आपको वो सब मिलेगा जो आप ढूंढना चाहती हैं. यहां जो भी आपके बगल से निकलेगा उसका फैशन सबसे हटके होगा.

रोम

मिलान के बाद इटली की दूसरी फैशन कैपिटल रोम है. रोम को फैशन का हब कहा जाता है. यहां का फैशन पूरा वर्ल्‍ड फौलो करता है. आपको रोम में कोई भी ऐसा नजर नहीं आएगा जो फैशन के हिसाब से ना चलता हो. यहां हर कोई फैशन जानता है. रोम दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है पर अगर आपको फैशन सिटी देखने हैं तो रोम में आपको मजा आ जाएगा.

स्‍टौकहोम

अगर आपको फैशन पसंद है तो स्‍टौकहोम आपकी पसंद हो सकता है. स्‍टौकहोम की गलियों में आपको फैशन इंजौय करता हुआ मिलेगा. आप यहां पर घूमने के साथ अपने फैशन सेंस को भी बेहतरीन बना सकती हैं. पैरिस, रोम, मिलान और लंदन के बाद स्‍टौकहोम में ही फैशन की इबारत लिखी जाती है.

मैं 19 साल की युवती हूं. क्या आप यह बता सकते हैं कि किन चीजों को खाने से मुंहासे होने का डर रहता है.

सवाल

मैं 19 साल की युवती हूं. पिछले 2-3 सालों से मेरे चेहरे पर कभी कभी मुंहासे हो जाते हैं. नानी कहती हैं कि मुंहासे खून की अशुद्धि से होते हैं. क्या यह बात सच है? वे मुझे खानेपीने को ले कर भी टोकती रहती हैं. क्या आप यह स्पष्ट कर सकते हैं कि किन चीजों को खाने से मुंहासे होने का डर रहता है? वे मुझे चेहरे पर कौस्मैटिक्स लगाने से भी मना करती हैं. क्या सौंदर्य प्रसाधन सचमुच मुंहासों को बढ़ावा देते हैं?

जवाब

कील मुंहासे खून की अशुद्धि से नहीं, बल्कि त्वचा के भीतर छिपी सिबेशियस ग्रंथियों के फूलने से होते हैं. किशोर उम्र में जब शरीर में सैक्स हारमोन बनने शुरू होते हैं तो हारमोन की प्रेरणा से ही सिबेशियस ग्रंथियां बड़ी मात्रा में सीबम बनाने लगती हैं. उस समय अगर सिबेशियस ग्रंथि से सीबम की ठीक से निकासी नहीं होती है, तो यह ग्रंथि फूल जाती है और छोटी छोटी फुंसियों में बदल जाती है.

खानेपीने की बहुत सी चीजें मुंहासों को बिगाड़ने का अवगुण रखने के लिए बदनाम हैं. इन में तली हुई चीजें, चाटपकौड़ी और चौकलेट को सब से बुरा माना जाता है. पर इस सोच के पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक आधार नहीं है. हां, किसी एक चीज के साथ अगर मुंहासे बारबार बढ़ते नजर आएं, तो उस चीज से परहेज करें.

जहां तक मुंहासों और सौंदर्यप्रसाधनों के बीच संबंध होने की बात है, तो यह किसी सीमा तक सच है. त्वचा पर तैलीय सौंदर्य प्रसाधन, फाउंडेशन क्रीम, मौइश्चराइजिंग क्रीम, लोशन और तेल लगाने से रोमछिद्र बंद होने और मुंहासों के बढ़ने का पूरा रिस्क रहता है. अत: इन से परहेज बरतने में ही भलाई है. पर अगर आप कैलेमिन लोशन, पाउडर, ब्लशर, आईशैडो, आईलाइनर, मसकारा और लिपस्टिक लगाना चाहें, तो इन में कोई नुकसान नहीं.

समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं को हो सकती है ये बीमारी

समय से पहले जन्‍म लेने वाले शिशुओं को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं उसे चीजों को पहचानने, किसी भी चीज का निर्णय लेने, कई तरह की अन्य व्यावहारिक कठिनाइयों और ध्यान केंद्रित करने सम्बन्धी जोखिम से गुजरना पड़ सकता है. समय से पहले जन्मे ज्यादातर शिशुओं को ध्यान केंद्रित करने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसे अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर (एडीएचडी) कहा जाता है. ऐसे बच्चों को स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने में कठिनाई आ सकती है.

एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल विश्व में हर दस में से एक बच्चा प्रीटर्म जन्म लेता है. इसका मतलब यह हुआ कि हर साल लगभग 1.5 करोड़ प्रीटर्म बच्चे दुनिया भर में जन्म लेते हैं. भारत में, हर साल पैदा होने वाले 2.7 करोड़ बच्चों में से 35 लाख बच्चे प्रीटर्म श्रेणी के होते हैं.

ऐसे होते हैं प्रीटर्म बच्‍चे

डाक्टरों का कहना है कि समय से पूर्व जन्म लेने का अर्थ गर्भावस्था के दौरान 37 सप्ताह से पहले ही शिशु का जन्म लेना है. सामान्य गर्भावस्था आमतौर पर लगभग 40 सप्ताह की होती है. 37 सप्ताह से पहले जन्मे बच्चे को गर्भ में विकसित होने के लिए कम समय मिलता है, इसीलिए अक्सर उनमें चिकित्सा समस्याएं जटिल होती जाती हैं. ऐसे कई शिशुओं को दिमागी लकवा यानी सेरीब्रल पाल्सी, सीखने में कठिनाई और सांस संबंधी बीमारियों जैसे विभिन्न रोग होने का डर रहता है. ऐसे बच्चे आगे के जीवन में कई शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक कठिनाइयों का कारण बनते हैं. प्रीटर्म शिशु आकार में छोटा, बड़े सिर वाला होता है. इनके शरीर पर बाल अधिक होते हैं.

प्रीटर्म बच्‍चे होने के कारण

हालांकि समय से पहले जन्म लेने के पीछे का कोई एक कारण बताना बेहद मुश्किल है. फिर भी, गर्भवती महिला की आयु का कम होना, पहले भी प्रीटर्म केस होना, मधुमेह और उच्च रक्तचाप आदि कुछ सामान्य कारण हैं. इसके पीछे आनुवंशिक कारण भी हो सकता है. गर्भवती महिला की प्रसव से पहले अच्छे से देखभाल करके और उनमें जागरुकता लाकर इस स्थिति से निकला जा सकता है.

समय पूर्व प्रसव टालने के कुछ उपाय

अपने चिकित्सक से खानपान के बारे में सही से जानकारी ले.

सही भोजन लें. आहार पौष्टिक होना चाहिए. पूरे गेहूं वाले काबोर्हाइड्रेट, प्रोटीन और डेयरी उत्पाद, फल व सब्जियों पर अधिक जोर दें.

जन्म के पूर्व की देखभाल की अनदेखी न करें.

अगर धूम्रपान की आदत है तो इसे छोड़ दें क्योंकि इससे प्रीटर्म की समस्या में वृद्धि होती है.

शरीर के प्रकार और बच्चे के लिए कितना वजन उपयुक्त है यह जानें. बहुत अधिक वजन बढ़ने से गर्भावधि में डायबिटीज हो सकता है, इसलिए अपना वजन सही रखें.

जानिये कैसा हो आपका लेटेस्ट ड्रेस कलेक्शन

फैशन की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें समय के साथ ही साथ बदलाव होता रहता है. नई ड्रेस, नया पैटर्न और नया स्टाइल आपको एक नए लुक के साथ खुद को लोगों के सामने प्रस्तुत होने का मौका देती है. तो आइये आज हम आपको बदलते फैशन के इस दौर में उस फैशन के बारे में बताते हैं जो लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है और जिसे अपनाकर आप बेहद खुबसुरत दिख सकती हैं.

डिजाइनर लहंगा चोली

रंगों के उचित तालमेल से बने डिजाइनर लहंगे चोली को एक बड़े फैशन सिंबल के रूप में देखा जा सकता है. चोली पर गहरे कलर से डिजाइन और वही कलर लहंगे के नीचे के हिस्से से अच्छी तरह मैच करे तो इसकी खुबसुरती में चार चांद लग जाता है. सामान्य लहंगे के विपरीत इस लहंगे के ऊपरी हिस्से से ही फ्रील या झालर की शुरुआत हो जाती है. देखने में यह लहंगा परी कथाओं की पारियों वाली ड्रेस की तरह लगती है. यह काफी लंबा होता है पर आपकी वेस्ट लाइन को कवर नहीं करता. किसी फंक्शन में आप इस लहंगे चोली को पहन कर खुद को एक नया लुक दें सकती हैं.

नेट जैकेट के साथ लहंगा

यह भी खास रंग और डिजाइन से बना हुआ होता है जिसके साथ आपको लौन्ग नेट का जैकेट दिया जाता है. नेट से बनी यह लौन्ग जैकेट पारदर्शी होती है और देखने में बहुत माडर्न लगती है. जैकेट लहंगे के नीचे तक पंहुच कर उसे बहुत ही खास लुक देती है. लहंगे के सबसे नीचे के हिस्से में फ्लोरल फ्रील का प्रयोग किया जा सकता है. इस ड्रेस के साथ स्लीवलेस चोली या ब्लाउज इसकी सुन्दरता और बढ़ा देती है.

जरी वर्क वाला हाल्टर नेक लहंगा

जरी के वर्क से बना लहंगा शादी जैसे विशेष समारोह के लिए बहुत खास होता है. जरी वाला बार्डर पूरे लहंगे को बैलेंस करने का साथ उसे एक अलग लुक देता है. इस लहंगे के साथ जरदोजी वर्क से बना हाल्टर नेक का ब्लाउज फबता है. इस भारी ड्रेस के साथ शिफान मटेरियल से बना दुपट्टा इस ड्रेस को भी आरामदायक और बाकियों से अलग बनाता है.

हेवी ब्लाउज के साथ कट वर्क लहंगा

हल्के शेड के साथ कट वर्क से बना हुआ लहंगा आजकल बहुत ट्रेंड में है. कट वर्क का प्रयोग लहंगे के साथ साथ ब्लाउज पर भी किया जाता है. अगर लहंगे के अलावा ब्लाउज और दुपट्टे में भी जरी वर्क किया गया हो तो वह कट वर्क लहंगे के पूरे डिजाइन को बेहद खास लुक देता है.

स्कर्ट के साथ लौन्ग फ्रील वाली ड्रेस

इस ट्रेंडी ड्रेस को पहन कर किसी भी समारोह में आप खुद को सबसे आकर्षक तरीके से प्रस्तुत कर सकती हैं. इस पूरे ड्रेस एक लौन्ग स्कर्ट की तरह दिखने वाला लहंगा होता है जो आपको खूबसूरत दुपट्टे और ब्लाउज के साथ दिया जाता है. दुपट्टे को आकर्षक बनाने के लिए उस पर भी खास वर्क किया जा सकता है.

वेल्वेट लौन्ग ड्रेस विद फ्रंट ओपेन जैकेट

किसी भी पार्टी में इस ड्रेस को पहनने पर सबकी निगाह आप पर रुक जाएंगी. यह पूरी ड्रेस वेल्वेट के कपड़े से बनी होती है. इसका लौन्ग जैकेट काफी वर्क और डिजाइन के साथ बनाया जाता है, जो ट्रांसपेरेंट होने के साथ ही इस ड्रेस का सबसे बड़ा आकर्षण होता है. यह आपको हेवी लुक दे रहा है.

हेवी रेड लहंगा

यह डिजाइनर कलेक्शन आपके पास जरूर होना चाहिए क्योंकि यह भारी भरकम रेड कलर का लहंगा किसी भी इंडियन शादी के लिए आदर्श माना जा सकता है. अगर आप किसी करीबी की शादी में सम्मिलित होने जा रही हैं तो इसे ट्राई कर सकती हैं.

पिंक लहंगा चोली

यह पिंक लहंगा चोली पूरी तरह से एक देसी फैशन का नमूना है जो हमारे ट्रेडीशनल समारोहों के लिए बहुत खास है. दुल्हन की ड्रेस के लिए भी यह एक बहुत बढ़िया ड्रेस हो सकती है. इसे पहन कर एक फ्रेश लुक मिलने से आपकी सुंदरता दोगुनी हो जाती है.

लौन्ग स्कर्ट और स्लिटेड टाप

लौन्ग स्कर्ट फिर से फैशन में आ चुके हैं और संभावना है कि अगले साल तक भी फैशन में बने रहेंगे. यह एक खास और सुंदर डिजाइन से बनी होती है जो उसे लोनह स्कर्ट का लुक देती है. यह प्लेन कपड़े पर डिजाइन किया हुआ भी हो सकता है, जिस पर एक पतली सी बार्डर के अलावा कुछ नहीं है. इसके साथ टाप का इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि वह बहुत आकर्षक हो. ड्रेस में रंगों के सही तालमेल का होना जरूरी है. यह आपको काफी कुछ इंडो वेस्टर्न जैसा लुक देती है.

यो यो हनी सिंह की जिंदगी पर बन सकती है फिल्म

‘काकटेल’ फिल्म के गीत “अंग्रेजी बीट” के रिलीज के बाद हनी सिंह देश की एक जानी-पहचानी आवाज बन गए और युवाओं में उनका जबरदस्त क्रेज हो गया. अपने रैप से बौलीवुड से लेकर यूट्यूब तक पर तहलका मचाने वाले यो यो हनी सिंह अक्सर किसी न किसी वजह से मीडिया की सुर्खियों में बने रहे हैं. पिछले दिनों उनकी अचानक से गायब होने की खबरों ने भी काफी चर्चा बटोरी. हालांकि उस समय उनके बारे में काफी नकारात्क बातें ही की गईं.

पर अब जब 18 महिनों बाद वह लौट आएं हैं तो उनकी जिंदगी पर फिल्म बनाई जाने की खबरें जोरों पर हैं. सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है कि हनी सिंह को उनकी बायोपिक के लिए 25 करोड़ रुपए की मोटी रकम की पेशकश हुई है.

वैसे तो हनी सिंह के बारे में लोगों को काफी बातें पता हैं लेकिन अब भी कई ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब जनता को नहीं मिला हैं. जैसे उनका रैप सीन से एकदम से गायब हो जाना, शाहरुख खान के साथ उनका विवाद होना. हनी सिंह बाइपोलर डिसआर्डर के शिकार हैं, इस बारे में भी बहुत कम लोग ही जानते हैं. इस तरह के कई बातें और सवाल हैं जिनके जवाब आपको उनकी बायोपिक में मिल सकते हैं.

शाहरुख हो या सलमान, हनी सिंह ने हर बड़े सुपरस्टार्स के साथ काम किया है. उनकी लोकप्रियता उनके हर एक कदम के साथ दस गुना बढ़ती गई. अब देखना यह है कि ‘लुंगी डांस’ जैसा सुपरहिट गाना देने वाला यह सितारा इस आफर के लिए हां कहता है या फिर ना. अगर उनकी जिंदगी पर फिल्म बनती है तो उनकी जिंदगी के कई राज तो सामने आएंगे ही, इसके अलावा यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका किरदार कौन निभाएगा.

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