किस बात के लिये संजय खान ने जीनत अमान को सबके सामने जड़ ड़ाला थप्पड़

बौलीवुड एक्ट्रेस जीनत अमान अपने दौर की सबसे हसीन और खूबसूरत एक्ट्रेस रही हैं. यही वजह थी कि फिल्मी इंडस्ट्री में भी उनके कई दीवाने थे. इन दीवानों की लिस्ट में देव आनंद का नाम भी शामिल था. बौलीवुड में टीना मुनीम और जीनत अमान जैसी खूबसूरत एक्ट्रेस को लाने का क्रेडिट भी देव आनंद को ही जाता है.

जीनत अमान ने अपनी पहली फिल्म में देव आनंद के साथ ही काम किया था, इस फिल्म में उन्होंने देव आनंद की बहन का रोल प्ले किया था. लेकिन देव आनंद दिल ही दिल में जीनत अमान से प्यार करने लगे थे और उन्हें प्रपोज करना चाहते थे. लेकिन वो कभी ऐसा करने में कामयाब नहीं हुए.

वहीं बौलीवुड एक्टर संजय खान और जीनत अमान की अफेयर की चर्चा इंडस्ट्री में जोरों पर थी.‘अब्दुल्ला’ फिल्म की शूटिंग के दौरान संजय और जीनत एक-दूसरे के नजदीक आ गए थे.

इसके बाद ऐसा माना जाने लगा था कि दोनों जल्द ही शादी करने वाले हैं. जीनत संजय को लेकर काफी सीरियस भी थीं. वह संजय को बार-बार शादी के लिए कहा करती थी. संजय खान पहले से शादीशुदा थे और तीन बच्चों के पिता भी थे. यही वजह थी कि हर बार वह जीनत की बातों को टाल जाया करते थे. जीनत उस दौरान संजय के भाई फिरोज खान के साथ फिल्म ‘कुरबानी’ की शूटिंग भी कर रही थी.

मुंबई स्थित ताज होटल की लौबी में एक पार्टी का आयोजन किया गया. वहां इंडस्ट्री के कई लोग मौजूद थे. जीनत संजय के साथ अकेले में बात करना चाहती थी. संजय जानते थे कि वह उनसे क्या बात करेंगी इस वजह से संजय उनसे दूर भागने लगे. जब जीनत नहीं मानी तो गुस्से में आकर संजय ने सभी के सामने उन्हें एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया.

ऐसा क्या हुआ जो शाहरुख ने फराह खान के पति को लगाया थप्पड़

बौलीवुड के रोमांस किंग माने जाने वाले सुपरस्टार शाहरुख खान ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दीं हैं. शाहरुख बड़े पर्दे पर बेहद शांत स्वभाव के नजर आते हैं. लेकिन रियल लाइफ में कई बार किंग खान का गुस्सा फैंस देख चुके हैं. जब शाहरुख खान की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘रा.वन’ रिलीज हुई तो सभी को लगा कि ये फिल्म पर्दे पर कुछ कमाल दिखाएगी.

इस फिल्म पर किंग खान ने काफी मेहनत की थी. इसके साथ ही फिल्म को बेहतर बनाने के लिए इस पर काफी पैसे भी खर्च किए जा चुके थे. ऐसे में जब फिल्म रिलीज हुई तो बुरी तरह फ्लौप हो गई. शाहरुख अपनी फिल्म को लेकर पहले से ही टेंशन में थे कि रिलीज के फर्स्ट डे ही शिरीष कुंदर ने ट्वीट कर दिया कि सुना है कि सौ करोड़ का पटाखा फुस्स निकला. शिरीष डायरेक्टर फराह खान के पति हैं और उन दिनों शाहरुख और उनकी खास दोस्त फराह खान के बीच भी कुछ ठीक नहीं चल रहा था.

ऐसे में शिरीष का यह ट्वीट शाहरुख को गुस्सा दिलाने के लिए काफी था. इसके कुछ दिनों बाद ही संजय दत्त ने अपने घर पर पार्टी का आयोजन किया. जहां शाहरुख खान के साथ-साथ शिरीष कुंदर भी आए हुए थे. कहा जाता है कि पार्टी के दौरान भी शिरीष कुंदर बार-बार किंग खान को उकसाने की कोशिश कर रहे थे. जब बात शाहरुख के बर्दाशत से बाहर निकल गई तो उन्होंने कुछ ऐसा किया जिससे वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए.

पार्टी में मौजूद लोगों के मुताबिक शाहरुख ने शिरीष को बाल पकड़ कर खींचा और तमाचे जड़ दिए. इसके बाद कुछ लोगों ने मिलकर इन दोनों को अलग किया. इसके बाद फराह खान ने फिल्म ‘हैप्पी न्यू ईयर’ बनाने की घोषणा कर दी. फराह ने इन दोनों को दुश्मनी भूल कर दोस्ती करने को कहा. फराह के कहने के बाद शाहरुख ने शिरीष को माफ करते हुए उन्हें अपना दोस्त बना लिया.

ये तरीके आजमाएं और पैसे बचाएं

यदि जीवन में सफल होना है और जीवन को अपने मनपसंद तरीके से जीना है तो आपके पास पैसा होना बहुत जरूरी है. वैसे तो सैलरी के रूप में पैसे हर महीने आते हैं लेकिन यदि ध्यान नहीं दिया जाये तो सारा पैसा खर्च हो जाता है.

इससे बचने के लिए आपको कुछ पैसे बचाने के तरीके सीखने होंगे ताकि आप हर महीने कुछ पैसा बचा पाएं.

आज हम आपको 5 ऐसे तरीके बताने जा रहा हैं जिनको उपयोग में लाकर आप बहुत से पैसे बचा सकती हैं. आप अपनी कमाई के हिसाब से पैसे सेव कर सकती हैं.

हर महीने और रोज बजट बनायें

सबसे पहले तो आप अपना एक प्लान या बजट बनायें जो महीने और दिन के आधार  पर बनना चाहिए. सबसे पहले पूरे महीने की योजना बनायें कि महीने में आपको कितना किस चीज पर खर्च करना है, कितना सेव करना है आदि. इसके बाद इसी तरह आप रोज का प्लान बनायें. बजट बनाने के बाद इसका नियमित रूप से पालन करें. इस तरह आप महीने में फालतू खर्चे से बच जायेंगी और अपने पैसों को बचा पायेंगीं.

बैंक में एक RD जरूर खुलवायें

अगर आपको पैसे बचाने हैं तो बैंक में एक RD Account जरूर खुलवायें. ऐसा करने से आप हर महीने कुछ पैसे जरूर बचा सकेंगी और साथ ही आपको बैंक से ब्याज भी मिलेगा. RD में पैसा जमा करने से सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपके दिमाग में यह रहता है कि “मुझे हर महीने पैसे जरूर बचाने हैं जिससे मैं RD में पैसे जमा कर सकूं.

शौपिंग पर जाते समय एक लिस्ट जरूर बनायें

अधिकतर लोगों को शौपिंग करना अच्छा लगता है. अतः जब भी शौपिंग के लिए जाएं तो खरीदे जाने वाले सामान की एक लिस्ट जरूर बना लें और इस लिस्ट का पालन करें. ऐसा करने से आप वही चीजें खरीदेंगीं जो काम की होंगी और फालतू की चीजों को खरीदने से बच जायेंगी. इस तरह आपके जो पैसे शौपिंग करते समय फालतू खर्च हो जाते हैं, वह बच जायेंगे.

औनलाइन शौपिंग करें और पैसे बचाएं

आप महीने में बहुत सा सामान ऐसा खरीदती हैं जिसे आप बाजार से न खरीदकर औनलाइन शौपिंग द्वारा खरीद सकती हैं. औनलाइन शौपिंग से बहुत फायदे हैं. सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इससे आपको डिस्काउंट मिल जाता है और आपको कोई भी चीज बाजार के दाम से सस्ते में मिल जाती है जिससे आप अपना पैसा बचा सकती हैं. इसके अलावा आपका समय भी बचता है जिसका इस्तेमाल आप कहीं और कर सकती हैं.

बिजली का बिल कम करें

अगर आपके घर का बिजली बिल कम आए तो आप महीने के कुछ पैसे बचा सकती हैं. इसके लिए आपको कुछ अच्छी आदतें डालनी होंगी. आप जब भी रूम से बाहर जाएं तो रूम की लाइट, पंखे आदि बंद कर दें. यदि कोई इलेक्ट्रौनिक सामान चालू है और उसकी कोई जरूरत नहीं है तो उसे बंद कर दें. कहीं बाहर घूमने जाएं तो घर के सभी इलेक्ट्रौनिक सामान बंद करके जाएं. इन छोटी-छोटी आदतों से आप बहुत सा पैसा बचा सकती हैं.

रोमांच का लेना है मजा तो चली आएं यहां

आज हम आपको दुनिया की कुछ ऐसी जगहों के बारें में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में जानने के बाद आप यहां जरूर जाना चाहेंगी. ये दुनिया की कुछ अजीबो गरीब जगहों में से एक है, यहां आकर आप डरेंगी नहीं, बल्कि रोमांच का अनुभव करेंगी. तो चलिये चलते हैं इन जगहों की सैर पर.

नर्क का द्वार

तुर्कमेनिस्तान के इस मशहूर पर्यटन स्‍थल में ये आग पिछले 44 सालों से जल रही है. ये स्‍थान तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से लगभग 260 किलोमीटर उत्तर में काराकुम रेगिस्तान के दरवेज गांव में मौजूद है. ‘डोर टू हेल’ के नाम से मशहूर ये गड्ढा दरअसल एक गैस क्रेटर है, जो मिथेन गैस के चलते जल रहा है.

उत्तर युंगस

उत्‍तर बोलनिया में करीब 15 हजार फिट की ऊंचाई से गुजरती ये सड़क जिसे रोड औफ डैथ भी कहते हैं उत्‍तरी युगंस के रेन फौरेस्‍ट के बीच से निकलती हैं. इस सड़क से गुजरते हुए आप रोमांस और रोमांच दोनों का अनुभव एक साथ कर सकते हैं.

जापान में गुड़ियों का गांव नागोरो

यहां पर जिंदा इंसानों से ज्‍यादा आबादी गुड़ियों की है. जपान के शिकोकू नाम के टापू पर बसे नागोरो गांव के ज़्यादातर लोग जब रोजगार की तलाश में बाहर चले गए तो एक महिला अयानो तुकिमी ने फैसला किया कि गांव से जाने वाले हर व्यक्ति की जगह एक गुड़िया बनाएगी. उसने ऐसी कई गुड़ियां बना कर गांव में जगह जगह रख दीं. अब ये संख्‍या बढ़ते हुए वहां रहने वाले जीवित लोगों से भी ज्‍यादा हो गई है.

लिथुआनिया में क्रौस का पहाड़

लिथुआनिया में एक पहाड़ ऐसा है जहां 14वीं शताब्‍दी से लोग क्रौस लगा कर छोड़ रहे हैं. अब तक यहां मौजूद ऐसे क्रौस की संख्‍या करीब 100 हजार हो चुकी है. सोचिए जरा कब्रों पर लगने वाले इन निशानों के बीच से गुजरते हुए कैसा अनुभव होता होगा.

टेलर ग्लेशियर, अंटार्कटिका

अंटार्कटिका में करीब 54 किलोमीटर लंबा इलाका टेलर ग्‍लेशियर के नाम से प्रसिद्ध है. ये नाम इस ग्‍लेशियर की खोज करने वाले औस्ट्रेलियाई भूविज्ञानी ग्रिफ़िथ टेलर के नाम पर इस स्‍थान को दिया गया. वैसे इसका एक और नाम है ब्‍लड फौल्‍स. क्‍योंकि इस ग्‍लेशियर में गहरे लाल रंग की ऐसी धारायें बनी हैं जिनको देख कर लगता है कि रक्‍त बह रहा हो. हालाकि खोज करने पर पता चला की बर्फ के लाल होने की वजह वहां बहुतायत में मौजूद आयरन औक्‍साइड है.

सगाडा, फिलीपींस के हैंगिंग कौफिन

कुछ देशों में पुराने जमाने में कई समुदायों में शव को कौफिन में रखकर पहाड़ों पर लटकाने का रिवाज़ था. इनमे सबसे पुराना कौफिन्स तो 2000 साल पुराना बताया जाता है. मान्यता है कि पहाड़ो पर  कौफिन्स को टांगने से मृत व्यक्ति वापस आसानी से प्रकति में लौट जायेंगे. ऐसे ही कुछ हैंगिंग कौफिन्स फिलीपींस के सगाडा में मिले है क्‍योंकि यह प्रथा वहां अब भी कुछ हद तक प्रचलित है.

बेलीज का ग्रेट ब्‍लू होल

ग्रेट ब्लू होल बेलीज समुद्र तट पर एक विशाल सबमरीन सिंकहोल है. यह लाइटहाउस रीफ के केंद्र पर स्थित है, जो कि मुख्य भूमि और बेलीज़ सिटी से करीब 70 किमी दूरी पर है. 318 और 124 मीटर के दायरे में ये एक परफेक्‍ट होल है जो 1000 मीटर से भी ज्‍यादा गहरा बताया जाता है. ग्रेट ब्लू होल बेलिज बैरियर रीफ रिजर्व सिस्टम का एक हिस्सा है और यूनेस्‍को का एक विश्व धरोहर स्थल है.

क्राइस्‍ट औफ द एबीज, इटली

17 मीटर गहराई में 22 अगस्त,1954 को क्राइस्ट की विशालकाय पीतल की मूर्ति को पानी के अंदर रखा गया है. दुनिया भर में इस मूर्ति के कई वर्जन मौजूद हैं पर क्राइस्‍ट की ओरीजनल मूर्ती यही है जो भूमध्य – सागर में सैन फ़्रातुऊसो के तट के पास इटली में मौजूद है. 

लेजर तकनीक से कौस्मैटिक

लेजर्स ऐसी मैडिकल डिवाइस होती हैं जो अत्यधिक ऊर्जा, प्रकाश और गरमी पैदा करती हैं. इन्हें गहन शोध और व्यापक क्लिनिकल अनुभव के बाद हासिल किया गया है. इन का प्रयोग त्वचा व शरीर के विभिन्न प्रकार के ऊतकों पर कारगर तरीके से किया जाता है. लेजर लाइट में ऊर्जा की मात्रा और वितरण को बहुत ही बारीकी से पहुंचाया जाता है. इसलिए कई सौंदर्य संबंधी व चिकित्सकीय परिस्थितियों के सफल उपचार के लिए उपकरणों या रसायनों के प्रयोग के मुकाबले इस से ज्यादा लाभ हो सकता है.

लेजर्स त्वचा, बालों को कम करने, त्वचा के कायाकल्प और त्वचा पर होने वाले घावों के उपचार के लिए 3 चीजें करती हैं:

अनचाहे बालों को खत्म करना

कौस्मैटिक प्रक्रिया में अनचाहे बालों को हटाने के लिए डायोड जैसे एक शक्तिशाली लेजर का इस्तेमाल किया जाता है.

यह प्रकाशस्रोत त्वचा में बालों के छिद्रों को गरम करता है और उन्हें नष्ट कर देता है. इस से बालों की वृद्घि थम जाती है. यह उपचार शरीर में मुख्यरूप से चेहरे, टांगों, बांहों, अंडरआर्म और बिकिनी लाइन जैसी जगहों पर किया जाता है.

यह अत्यधिक बालों की परेशानी से पीडि़त महिलाओं के लिए लाभदायक हो सकता है. आमतौर पर यह पीली त्वचा और काले बालों वाली महिलाओं के लिए कारगर है.

उपचार के लिए 4 से 6 सप्ताह के दौरान 6 सैशन लेने की सलाह दी जा सकती है. संभव है कि लेजर हेयर रिमूवल के बाद भी बाल हमेशा के लिए खत्म न हों. उन्हें पूरी तरह खत्म होने में कुछ सप्ताह से ले कर कुछ महीनों तक का वक्त लग सकता है. उचित परिणाम हासिल करने और उन्हें बनाए रखने के लिए नियमित सत्रों की आवश्यकता हो सकती है. इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इस से सभी बाल खत्म हो ही जाएंगे. इसलिए प्रशिक्षित डाक्टर को तलाशने के लिए समय निकालें जिस के पास उपयुक्त योग्यता हो और जो स्वच्छ, सुरक्षित व उचित माहौल में काम करता हो.

डाक्टर से समय लेने से एक दिन पहले उपचार के हिस्से से बाल हटाने होते हैं. उपचार के दिन उस दौरान आंखों को सुरक्षित रखने के लिए विशेषरूप से डिजाइन किया गया चश्मा भी पहनना होता है.

उपचार करने में लोकल एनेस्थिसिया जरूरी नहीं है. उपचार करने वाला व्यक्ति आमतौर पर त्वचा के उस हिस्से में एक कूल जेल या कूलिंग एयर स्प्रे का इस्तेमाल करता है. इस के बाद वह हाथ से इस्तेमाल की जाने वाली एक डिवाइस को त्वचा के पास दबाता है और लेजर को भी दबाता है. प्रत्येक सैशन में 15 मिनट से ले कर 1 घंटे से अधिक समय भी लग सकता है. व्यक्ति को कितने सैशन की जरूरत है, यह लेजर का इस्तेमाल किए जाने वाले हिस्से और इस्तेमाल की गई प्रणाली पर निर्भर करता है.

उपचार के 24 घंटे तक उस जगह पर चकत्तों के साथ लाल निशान देखने को मिल सकते हैं. त्वचा को एक आइस पैक से ढकने से मदद मिल सकती है. लेजर हेयर रिमूवल के बाद त्वचा धूप में अत्यधिक संवदेनशील हो जाती है. ऐसे में उपचार के करीब एक सप्ताह तक धूप और टैनिंग बेड्स से बचाव व सनस्क्रीन का प्रयोग जरूरी है.

त्वचा को नया रूप देना

लेजर रिसरफेसिंग में कार्बन डाईऔक्साइड जैसी विशेष रूप से तैयार की गई थर्मल एनर्जी की बीम का इस्तेमाल किया जाता है. यह त्वचा की सतहों के भीतर काफी गहराई तक जा कर काम करती है.

त्वचा की सतह उतरने या छूटने के उलट हीट की ये लेजर बीम मुख्यरूप से खराब हो चुकी त्वचा को लक्ष्य बनाती है और उन्हें ठीक करती है. पुरानी त्वचा में घाव करने से रिसरफेसिंग से बाहरी त्वचा को हटाया जाता है और यह त्वचा की भीतरी सतह तक पहुंचती है जो नई कोलाजेन पैदा करती है. इस से त्वचा की स्थिति में सुधार होता है और नई त्वचा उभर कर सामने आती है.

आमतौर पर इस उपचार का प्रयोग झुर्रियों या मुहांसों के धब्बों को कम करने या त्वचा की अन्य खामियों को सुधारने के लिए किया जाता है. उपचार में लगने वाला समय उपचार की जगह और आकार पर निर्भर करता है. होंठ के ऊपरी हिस्से और ठुड्डी जैसी छोटी जगहों में 20-30 मिनट लगते हैं.

बर्थ मार्क, टैटू और त्वचा के घावों को हटाना

शरीर के निशानों को खत्म करने के मामले में लेजर उपचार काफी कारगर साबित हुआ है. लेजर द्वारा इन निशानों का कारण रही असामान्य रक्तनसों का आकार कम कर दिया जाता है. परिणामस्वरूप, उपचार किए हिस्से का रंग दब जाता है. त्वचा की वृद्घि, चेहरे पर उभरी नसें, मस्सों और कुछ टैटू को लेजर सर्जरी से ठीक किया जा सकता है.

ज्यादातर मौकों पर एक से अधिक बार लेजर उपचार की जरूरत होती है लेकिन कुछ चीजें एक ही बार में ठीक हो जाती हैं. टैटूज को एक विशेष प्रकार के लेजर द्वारा हटाया जा सकता है.

नई प्रौद्योगिकी के साथ इस्तेमाल करने के लिहाज से लेजर सुरक्षित हो गए हैं. लेकिन एक प्रशिक्षित कौस्मैटिक सर्जन के पास जाना आवश्यक है, जिस के पास इस प्रकिया के दौरान लेजर के प्रयोग की जानकारी हो.

उचित ढंग से प्रयोग न किए जाने पर लेजर्स नुकसानदायक हो सकती हैं. प्लास्टिक सर्जन आमतौर पर न्यूनतम लेजर तीव्रता का प्रयोग करते हैं. न्यूनतम तीव्रता की वजह से उपचार के लिए कई बार जाना पड़ता है. हालांकि न्यूनतम तीव्रता जहां तक संभव है ऊतकों को सेहतमंद बनाए रखती है. इस के प्रयोग से सौंदर्य के लिहाज से उपयुक्त परिणाम देखने को मिलते हैं. इन में से कई लेजर सर्जरी अस्पतालों में बाह्यरोगी उपचारों के तौर पर की जाती हैं.

सर्जन द्वारा सर्जरी में लेजर के उपयोगी होने के संकेत देने के बाद वह लेजर की उपयोगिता व उस के परिणामों के बारे में बताता है. प्रत्येक प्रकार की सर्जरी की ही तरह लेजर की अपनी सीमाएं हैं. आमतौर पर परिणाम बहुत ही अच्छे रहे हैं. सर्जन विशेष प्रकार की प्रक्रिया के लिए आप को सर्वश्रेष्ठ जानकारी देगा.

कुछ सर्जन सर्जरी से पहले उपचार के हिस्से को सुन्न करने के लिए लोकल एनेस्थिसिया का प्रयोग कर सकते हैं. कई बार सर्जरी सर्जन के औफिस में की जा सकती है, कई बार यह सर्जरी एक क्लिनिक या अस्पताल में बाह्यरोगी विभाग में की जा सकती है. सर्जन सर्जरी की प्रकृति के मुताबिक उचित तरीका तय करेगा. चूंकि सुरक्षा लेजर के प्रयोग का एक अहम तत्त्व है, इसलिए सर्जन सर्जरी से पहले सुरक्षा संबंधी सावधानियों के बारे में बताता है.

सर्जरी के बाद संभवतया कई दिनों तक कुछ हद तक सूजन और त्वचा में लालपन महसूस होता है. घाव भरने की प्रक्रिया के दौरान एंटीबायोटिक औइंटमैंट का प्रयोग किया जा सकता है. मरीज के लिए सर्जन द्वारा औपरेशन के बाद के लिए बताए गए दिशानिर्देशों का पालन करना महत्त्वपूर्ण है, खासतौर पर सन ब्लौक क्रीम का प्रयोग करने और धूप से बचने को ले कर दिए गए निर्देशों का पालन करना.

परफ्यूम से ऐसे लाएं अपनी पर्सनैलिटी में निखार

आपके तन से आने वाली दुर्गंध आपको दूसरों की नजरों में बुरा बनाने के साथ ही साथ आपकी पर्सनैलिटी पर भी दाग लगा सकती है. कुछ समय पहले तक लोग यह मानते थे कि घर के बाहर परफ्यूम लगा कर नहीं निकलना चाहिए, पर अब ऐसा नहीं है. आजकल तो हर कोई इसका इस्तेमाल करता है. बड़े हों या बच्चे कोई भी बिना परफ्यूम लगाए घर से बाहर नहीं निकलते, लेकिन क्या आपको पता है कि हमेशा अपनी पर्सनैलिटी व अवसर के अनुसार ही आपको परफ्यूम लगाना चाहिए?

ज्यादातर भारतीय महिलाओं को वनस्पति व पुष्प संबंधी खुशबू पसंद आती हैं. इस प्रकार के परफ्यूम ना तो अधिक स्ट्रोंग न ही अधिक सौफ्ट होते हैं. इसे एक बार लगाने के बाद आपको अपने तन से काफी लम्बे समय तक भीनी-भीनी खुशबू का अहसास होता रहता है. इन परफ्यूमस को यदि आप एक बार लगा लेंगी तो यह लगभग पूरे दिन आपके शरीर को महकाते रहेंगे. यही कारण है कि महिलाएं रोज व चंदन की खुशबू वाले परफ्यूम लगाना सबसे ज्यादा पसंद करती हैं. वैसे आजकल तो बाजार में आपको आपकी पर्सनैलिटी, स्टाइल, ट्रेंड और अवसर के अनुसार अनेको प्रकार के परफ्यूम मिल जाएंगे. ब्रांडेड परफ्यूम्स – डेवीडोफ, डोंन्ना करन, बी डिलिशियस, ईस्टे लाउडर, राल्फ लौरेन, कैनल, ग्रोसी , बरबरी, इस्काडा, लाकोस्टे, आदि परफ्यूम इन दिनों महिलाओं में सबसे ज्यादा फेमस है.

परफ्यूम का प्रयोग

कई बार हम अपने पसंद के परफ्यूम की बोतल हाथ में उठाते हैं और उसकी खुशबू से खुद को भिगो देते हैं, लेकिन ऐसा न कर के शरीर के कुछ हिस्सों पर ही परफ्यूम लगाएं.

अंडरआर्म्स, गर्दन व नेक लाइन पर परफ्यूम का प्रयोग जरूर करें.

साड़ी, टाई आदि पर भी एक बार परफ्यूम छिड़क लें.

परफ्यूम लगाने के बाद उसे अधिक सुंघे नहीं और अपने मुंह से दूर रखें वरना आपको सांस की प्रौब्लम हो सकती है.

परफ्यूम हमेशा अवसर के अनुसार ही प्रयोग करें.

काकटेल पार्टी,  मीटिंग, आफिस, कारपोरेट इवेंट, जैसी जगहो पर बहुत अधिक स्ट्रांग परफ्यूम के बजाय हल्की खुशबू वाले परफ्यूम का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि कई लोगों को स्ट्रांग खुशबू से एलर्जी होती है. हो सकता है कि इस मौके पर कुछ लोग इस खुशबू से परेशान हो जाए.

यदि आप शादी, पार्टी, क्लब आदि में हों तो स्ट्रांग खुशबू वाले परफ्यूम का प्रयोग कर सकती हैं.

दिन व रात के लिए भी अलग-अलग परफ्यूम आते हैं. इसलिए नाईट पार्टी, बर्थडे पार्टी में अलग-अलग तरह के परफ्यूम का प्रयोग करें.

हमेशा अपना परफ्यूम स्वयं खरीदें

अक्सर हर परफ्यूम की खुशबू, उसे लगाने के बाद बदल जाती है. इसलिए जल्दबाजी में परफ्यूम न खरीदें, परफ्यूम को दो से तीन बार सुंघने के बाद ही खरीदें.

बाजार में स्किन टोन के अनुसार भी परफ्यूम उपलब्ध है. इसलिए अपनी त्वचा को ध्यान में रखते हुए परफ्यूम का चयन करे.

यदि परफ्यूम लगाकर देख ले कहीं आपको किसी प्रकार की जलन तो नहीं हो रही है. एगर जरा भी जलन का अनुभव हो तो उसे ना खरीदें. ऐसा परफ्यूम आपकी त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है.

परफ्यूम खरीदते समय उसकी एक्सपायरी डेट भली प्रकार से जांच लें.

दीपावली से पहले अपने फैन्स से यह गुजारिश कर रही हैं श्रद्धा कपूर

दीपावली नजदीक आ रही है, और इसके आने के कुछ दिन पहले बौलीवुड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर पशुओं के समर्थन में आ खड़ी हुई हैं. श्रद्धा ने ट्विटर पर पशुओं के हित को ध्यान में रखते हुए अपने प्रशंसकों से पटाखे न फोड़ने की गुजारिश की है. बता दें कि श्रद्धा कपूर के पास शायलो नाम का पालतू कुत्ता है और वह कई मौकों पर पशुओं के प्रति अपनी चिंता जाहिर कर चुकी हैं.

उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो शेयर किया है.

इस वीडियो में वह कह रहीं है, “शोर शराबा और वायु प्रदूषण नहीं, रोशनी का त्योहार दीपावली नजदीक आ रही है. उन्होंने कहा कि पटाखे फोड़ने से न केवल प्रदूषण बढ़ता है बल्कि सड़कों पर रहने वाले पशुओं को भी दिक्कत होती है. मैं आप सभी से बस इतना ही कहना चाहती हूं कि कृपया पटाखों को न खरीदें और न ही उसे फोड़ें. हवा को साफ रखने में मदद करें और सड़कों पर रहने वाले पशुओं के प्रति संवेदनशील बनें.

अभिनेत्री ने अपने प्रशंसकों को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए उन्हें सुरक्षित दिपावाली मनाने और यह दिन अपने परिवार के साथ मनाने का आग्रह किया है.

आपको बता दें कि इससे पहले अभिनेत्री शमिता शेट्टी ने भी इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इसी समस्या को उठाया है. उन्होंने अपनी दो खूबसूरत बिल्लियों की तस्वीरें साझा कर कहा कि पटाखे बुजुर्गों और जानवरों के लिए खतरनाक होता है.

फैस्टिव थीम पार्टी

बर्थडे का मौका हो, पास होने की खुशी या फिर छोटीमोटी सफलता, पार्टी का निराला अंदाज देखने को मिलता है. इन पार्टियों में अगर थीम का तड़का लगा दिया जाए तो उन का मजा कई गुना बढ़ जाता है. थीम रखने से हर आगंतुक खुद को पार्टी का खास हिस्सा समझता है.  ऐसे ही त्योहारों का भी हमारे जीवन में महत्त्व है. त्योहार आते ही मन मयूर नाच उठता है. त्योहारों को भी थीम से जोड़ दिया जाए तो त्योहारों का मजा भी दोगुना हो जाएगा. इसी को कहते हैं फैस्टिवल थीम पार्टी. तो फैस्टिवल के इस सीजन में उठाइए फैस्टिवल थीम पार्टी का मजा.

इन्विटेशन हो जोरदार

पार्टी को जोरदार तरीके से आयोजित करना चाहते हो, लेकिन इन्विटेशन फीका हो तो मजा नहीं आता. ऐसे में आप इन्विटेशन का तरीका बदल कर पार्टी को ज्यादा मजेदार बना सकते हैं. जैसे, आप इन्वाइट करने के लिए कार्ड की जगह हैंकी का यूज करें. इस में खास बात यह हो कि हैंकीज का कलर डिफरैंट हो यानी जिस कलर का हैंकी उसी कलर की थीम ड्रैस. इस से जहां पार्टी में डिफरैंट रंगों की बहार होगी वहीं सब में पार्टी को ले कर ऐक्साइटमैंट रहेगा.

डौकोरेशन से लाएं पार्टी में जान

जब फैस्टिव थीम पार्टी है तो डैकोरेशन भी फैस्टिवल के हिसाब से ही होनी चाहिए. आप दीवाली के मौके पर रंगोली, झालर, लाइट्स व दीयों से डैकोरेशन कर हर किसी के मन में फैस्टिवल फील करवा सकते हैं. इस के लिए आप पार्टी से एक दिन पहले ही सभी फ्रैंड्स मिल कर इस की तैयारी करें ताकि पार्टी वाले दिन आप को बाकी चीजें मैनेज करने का टाइम मिल सके. इस से पार्टी में नयापन आ पाएगा.

ड्रैसेज हो थीम बेस्ड

थीम पार्टीज को ले कर युवा काफी क्रेजी रहते हैं क्योंकि इस में उन्हें थीम के अनुसार खुद को रैडी करने का मौका जो मिलता है और इसे वे बाकी पार्टीज से ज्यादा ऐंजौय भी कर पाते हैं. ऐसे में आप पहले से सभी फ्रैंड्स मिल कर किस थीम पर पार्टी और्गेनाइज करनी है, डिसाइड कर लें. जैसे फिल्मी थीम. इस में आप अपने फेवरिट ऐक्टर व ऐक्ट्रैस के लुक में खुद को पे्रजैंट कर रोमांचित हो सकते हैं. यही नहीं, आप डिस्को थीम, ग्लो इन द नाइट थीम भी रख सकते हैं.

केक हो खास

पार्टी हो और केक न हो तो पार्टी अधूरीअधूरी सी लगती है. और जब बात हो थीम पार्टी की, तो केक का स्टाइलिश और डिजाइनर होना तो बनता ही है. आप थीम बेस्ड केक डिजाइन करवा कर पार्टी को नया लुक दे सकते हैं.

पार्टी में डांस का तड़का

पार्टी में अगर हर चीज परफैक्ट हो लेकिन गानाबजाना न हो तो आने वाले को मजा नही आता. ऐसे में आप पार्टी में सभी की पसंद के फेवरिट गानों की लिस्ट बना कर उन्हें प्ले करवाएं. और अगर फिल्मी थीम पर पार्टी और्गेनाइज की गई है तो जिस ऐक्टरऐक्ट्रैस के कौस्ट्यूम्स पहने हैं उन्हीं के हिट गानों पर थिरकें.

खाने की हों डिफरैंट डिशेज

पार्टी में एकदो डिशेज रखने से बात नहीं बनेगी बल्कि ऐंटरटेनमैंट के साथसाथ डिशेज भी एक से बढ़ कर एक होनी चाहिए. इस के लिए अगर आज घर पर पार्टी का आयोजन कर रहे हैं तो हर एक फ्रैंड से एक डिश बना कर लाने को कहें. इस से वैराइटी भी बढ़ेगी और मजा भी डबल होगा.

बैस्ट परफौर्मर को दें गिफ्ट

पार्टी के दौरान जो भी फन रिलेटिड ऐक्टिविटीज हुई हैं उन में से बेस्ट परफौर्मर को गिफ्ट दें और साथ ही, जोक्स  एकदूसरे को गुदगुदाएं भी.

इन बातों को न करें इग्नोर

पार्टी में नशीले पदार्थों से दूर रहें.

गर युवतियां भी पार्टी में शामिल हैं  तो उन्हें टाइम पर घर छोड़ें.

लेटनाइट तक पार्टी न करें.

पार्टी की सारी जानकारी अपने पेरैंट्स को दें.

सिर्फ फ्रैंड्स ही पार्टी में इन्वाइटेड हों.

बजट के भीतर ही पार्टी करें, ओवर खर्च न करें.

पार्टी में किसी भी फ्रैंड को नीचा दिखाने की कोशिश न करें. इस तरह आप पार्टी को अच्छे से ऐंजौय कर पाएंगे.                 

तमिल राजनीति पर संकट

तमिलनाडु में जयललिता के निधन के बाद सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक  का संकट खत्म होने का नाम  नहीं ले रहा. पहले उस में 2 गुट थे. उन के विलय के बाद दिनाकरन का तीसरा गुट उभरा और अब उस ने बगावत  कर दी.  सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के 2 धड़े 6 महीने अलग रहने के बाद पिछले दिनों एक हो गए. इस के बाद अब बहुत जल्द केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए सरकार में अन्नाद्रमुक का प्रवेश होने वाला है. 

 अन्नाद्रमुक के दोनों गुटों के बीच हुए समझौते के तहत पलानीसामी राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. पार्टी में बगावत का झंडा बुलंद करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री, जो जे जयललिता के समय कई बार मुख्यमंत्री रहे थे, ओ पन्नीरसेल्वम को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. इस के अलावा जयललिता के बाद पार्टी की महासचिव बनी वी के शशिकला को पार्टी के महासचिव पद से हटाने का फैसला भी लिया गया है.

बगावत का झंडा

पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद उन के विश्वासपात्र समझे जाने वाले पन्नीरसेल्वम को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन, पार्टी महासचिव शशिकला से मतभेदों के चलते उन्हें पद से त्यागपत्र देना पड़ा. शशिकला खुद मुख्यमंत्री बनना चाहती थीं. लेकिन, भ्रष्टाचार के एक मामले में उन के जेल जाने के चलते पलानीसामी नए मुख्यमंत्री बने. इस के बाद पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया.

पिछले दिनों चेन्नई में जो हुआ उस की भूमिका कई महीने से दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी द्वारा लिखी जा रही थी. शशिकला को भारतीय जनता पार्टी से बेहद नाराजगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार उन तक पहुंचने की कोशिश की. केंद्र से भी जितने मंत्री गए, हरेक को शशिकला ने जयललिता से मिलने से रोक दिया. यहां तक कि राज्यपाल तक को जयललिता से भेंट करने का वक्त नहीं दिया गया.

केंद्र के ही निर्देश पर राज्यपाल ने शशिकला के लाख चाहने के बाद भी उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं दिलाई. शशिकला को जब सजा हुई तो उन्होंने अपने भतीजे दिनाकरन को पार्टी का उपमहासचिव बना दिया. तमिलनाडु की राजनीति पर नजर रखने वाले पत्रकार बताते हैं कि उस वक्त मुख्यमंत्री तो पलानीसामी थे लेकिन पार्टी और सरकार दोनों दिनाकरन चलाते थे और किसी के सवाल उठाने पर कहते थे कि जेल से चिनम्मा का हुक्म आया है.

चेन्नई से यह खबर दिल्ली पहुंची. इस के बाद दिनाकरन जाल में फं सते चले गए. उन्हें आर्थिक मामलों में फंसा डाला गया. यहां तक कि उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी.

समर्थकों की लामबंदी

अब जेल में बंद शशिकला को महासचिव पद से हटाने के लिए जल्द कदम उठाए जाएंगे. हालांकि, शशिकला के समर्थक और कार्यकर्ता पार्टी के साथ हैं. उन के भतीजे टीटीवी दिनाकरन का भविष्य भी अनिश्चित है.

इस बीच, जेल में कैद अन्नाद्रमुक नेता वी के शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन के वफादार 19 विधायकों ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीसामी के खिलाफ  बगावत कर दी. उन्होंने पलानीसामी सरकार को अल्पमत में लाते हुए राज्यपाल से कहा है कि उन्हें अब मुख्यमंत्री पलानीसामी पर विश्वास नहीं. वे अब अपना नया मुख्यमंत्री चुनेंगे. राज्यपाल प्रधानमंत्री व भाजपा अध्यक्ष अमितशाह के आदेश का इंतजार करेंगे. दिनाकरन धड़े ने दावा किया था कि उन के पास 25 अन्नाद्रमुक विधायकों का समर्थन है.

विधानसभा अध्यक्ष को छोड़ कर अन्नाद्रमुक के पास कुल 134 विधायक हैं, जो अब दिनाकरन धड़े के समर्थन के बगैर घट कर केवल 115 रह गए हैं. रामदास ने यह भी दावा किया कि 3 अन्य दलों के विधायकों, जिन्होंने अन्नाद्रमुक के समर्थन में चुनाव लड़ा था, में से 2 ने दिनाकरन धड़े का साथ देने का फैसला किया है. इस लिहाज से अब सरकार के पास केवल 112 विधायक बचे हैं जो कि बहुमत से कम हैं.

राज्य की 234 सदस्यीय विधानसभा में अन्नाद्रमुक के पास कुल 134 विधायक हैं. विपक्षी दल द्रमुक के पास 89 सीटें और उन के सहयोगी कांग्रेस की 8 और आईयूएमएल की 1 सीट हैं. दिनाकरन के समर्थक विधायक थंगा तमिलसेल्वन ने कहा, ‘‘हम अपने समर्थक विधायकों की मदद से नया मुख्यमंत्री लाने की कोशिश शुरू करने जा रहे हैं.’’ 

कलह का फायदा

अन्नाद्रमुक में मची अंदरूनी कलह का फायदा मुख्य विपक्षी दल द्रमुक उठाने की फिराक में है. अन्नाद्रमुक के 2 धड़ों का मिलन भाजपा के लिए भले अच्छा हो लेकिन तमिल सिनेमा के मेगास्टार रजनीकांत के लिए अच्छी खबर नहीं है. महीनों से उन के सियासत में आने की अटकलें चल रही थीं. पहले भाजपा रजनीकांत पर ही डोरे डाल रही थी लेकिन जब रजनीकांत ने साफ  संकेत नहीं दिए तो भाजपा ने उन पर भरोसा करना बंद कर अपना रास्ता निकाल लिया.

कमजोर दलील

ऐसा लग रहा है कि जानबूझ कर बहुमत परीक्षण केफैसले को टाला जा रहा है ताकि भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से सत्तारूढ़ दल अपने बागी विधायकों को मना सके. उस से पहले बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग भी अन्ना डीएमके ने की है और स्पीकर ने उन को नोटिस भेजा है. हो सकता है कि बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया जाए और उस के बाद बहुमत परीक्षण हो. भले विधायक इस फैसले को अदालत में चुनौती दें लेकिन उन की अयोग्यता की अवधि में ही बहुमत परीक्षण करा दिया जाए. तभी इस का फैसला टल रहा है.

चेन्नई में दिनाकरन के समर्थक विधायकों से निबटने के बाद अन्नाद्रमुक के दोनों गुटों को मोदी सरकार में शामिल किया जाएगा. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं पर ऐसा हुआ नहीं. फिलहाल मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में

9 नए मंत्री बनाए गए हैं. सहयोगी दलों से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया है. हो सकता है बाद में जब मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा उस में अन्नाद्रमुक को 1 कैबिनेट मंत्री और 2 राज्यमंत्रियों के पद मिल जाएं. पार्टी के नेता जल्दी ही शशिकला और उन के भतीजे दिनाकरन को पार्टी से निकालने का ऐलान कर सकते हैं.

द्रमुक की द्रविड़ नीति का होगा क्या?

जयललिता के निधन, शशिकला के जेल जाने के बाद से विपक्षी द्रमुक की वापसी की संभावनाएं बढ़ी हैं. हालांकि द्रमुक के नेता करुणानिधि काफी बुजुर्ग हो गए हैं और बीमार रहते है. मगर द्रमुक इसलिए आश्वस्त है कि अब अन्नाद्रमुक के पास उसे वोट दिलाने वाली नेता जयललिता नहीं रहीं. और कोई भी नेता अन्नाद्रमुक में ऐसा नहीं है जिस के नाम पर वोट मिलें.

अन्नाद्रमुक के वर्तमान नेताओं में से कोई भी द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष और करुणानिधि के वारिस एम के स्टालिन के टक्कर का नहीं है. अन्नाद्रमुक के सरकार बनाने से जिस तरह लगातार राजनीतिक संकट बना हुआ है उस से भी अन्नाद्रमुक की छवि खराब हुई है. इस से भी द्रमुक का ग्राफ बड़ा है.

पिछले चुनाव में एम के स्टालिन अपनी लोकप्रियता साबित कर चुके हैं. अन्नाद्रमुक और द्रमुक के बीच सीटों का अंतर भले ही हो मगर वोट प्रतिशत में सिर्फ 1 प्रतिशत का फर्क है. चुनाव 4 साल बाद होना है, इसलिए इस अंतर को पाटना मुश्किल नहीं होगा. अन्नाद्रमुक के हलके कामकाज को देखते हुए द्रमुक को अपना भविष्य सुनहरा लग रहा है.                 

रजनीकांत बनाम कमल हासन

फिल्मस्टार से राजनेता बने, मुख्यमंत्री बने एम जी रामचंद्रन और जयललिता की मृत्यु और लोकप्रिय अभिनेता विजयकांत की राजनीतिक पार्टी के नाकाम होने के बाद लगा था कि अब तमिलनाडु में सुपरस्टारों की राजनीति खत्म हो गई मगर लगता है राज्य की राजनीति में सुपरस्टारों का एक और दौर शुरू होगा. इन दिनों 2 सुपरस्टार राज्य की फिल्मस्टार उन्मुख राजनीति पर नजर गड़ाए हैं. रजनीकांत राजनीति में आने का अपना इरादा खुल कर जाहिर कर चुके हैं. अब कमल हासन भी राजनीति में कूदना चाहते हैं. दोनों तमिल सिनेमा के दिग्गज और लोकप्रिय अभिनेता हैं. उन का मुकाबला राजनीति को दिलचस्प और सनसनीखेज बनाएगा.

कमल हासन और रजनीकांत  तमिल सिनेमा में एकदूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. यह संभव है कि रजनीकांत की काट के लिए कमल हासन को भी इस क्षेत्र में उतारा जा रहा हो. कोई दोराय नहीं है कि कमल हसन और रजनीकांत दोनों ही साउथ सिनेमा के मील के 2 पत्थर हैं. दक्षिण भारतीय फिल्मों के लिए कमल हासन को दिए गए सम्मानों की सूची बहुत लंबी है. इन्हें 4 राष्ट्रीय पुरस्कार, 10 दक्षिण भारतीय फिल्मफेयर अवार्ड, 2 फिल्मफेयर अवार्ड, 3 नंदी अवार्ड, 9 तमिलनाडु स्टेट नैशनल अवार्ड प्रदान किए गए हैं. इन सब के अलावा कमल हासन को भारतीय सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान भी दिया गया है.

कमल हासन और रजनीकांत दोनों राजनीति में उतरना चाहते हैं, इसलिए दोनों में अभी से  बयानों के जरिए नोकझोंक शुरू हो गई है. फिल्म अभिनेता कमल हासन ने एक और फिल्म अभिनेता रजनीकांत के राजनीति में प्रवेश को ले कर यह कह कर विवादास्पद बयान दिया कि जहां कहीं कैमरा नजर आ जाए, वहीं रजनीकांत आप को नजर आ जाएंगे.

उल्लेखनीय है कि रजनीकांत पिछले कुछ समय से अपने प्रशंसकों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. माना जा रहा है कि अब उन्होंने सक्रिय राजनीति में उतरने का मन बना लिया है. इस मामले को ले कर जहां कई लोगों ने इस की प्रशंसा की है वहीं कुछ लोगों ने इस पर नाराजगी जताई है. रजनीकांत संकेत दे चुके हैं कि वे सही समय पर राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं. पिछले दिनों तमिलनाडु सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों की बौछार किए जाने से राज्य के मंत्रियों का निशाना बने प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता कमल हासन ने तमिल कविता के जरिए अपने प्रशंसकों को चौंकाने वाले संकेत दिए.

बहरहाल, कमल हासन की इच्छा से अन्नाद्रमुक सरकार के मंत्रियों और बीजेपी के नेताओं की त्योरियों पर बल पड़ गए हैं. राज्य के मंत्रियों की आलोचना का पात्र बने कमल हासन के समर्थन में अन्नाद्रमुक (अम्मा) के उपमहासचिव टीटीवी दिनाकरन ने कहा कि कमल हासन को अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने की स्वतंत्रता है और मंत्रियों को सम्मानित ढंग से प्रतिक्रिया देनी चाहिए.

कुछ दिनों पहले कमल हासन ने कहा था कि तमिलनाडु में सिस्टम फेल हो चुका है और सभी विभागों में भ्रष्टाचार फैल चुका है. कमल हासन की इस टिप्पणी को ले कर राज्य सरकार के मंत्रियों ने उन की काफी आलोचना की. दूसरी तरफ विपक्षी दल द्रमुक, कांग्रेस, एमडीएमके, वीसीके, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और नाम तमिझर ने कमल हासन का पक्ष लिया और कहा कि कमल हासन की आवाज जनता की आवाज है.

 कमल हासन के बारे में स्पष्ट नहीं है कि वे किसी पार्टी में शामिल होंगे या अपनी अलग पार्टी बनाएंगे. रजनीकांत में भारतीय जनता पार्टी ने काफी दिलचस्पी दिखाई है. दरअसल, भाजपा तमिलनाडु में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है, और इस लक्ष्य को पाने के लिए वह रजनीकांत की लोकप्रियता पर सवारी करना चाहेगी. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा भी कि रजनीकांत भाजपा में शरीक हो सकते हैं.

रजनीकांत राजनीति में कूदने को ले कर अब तक हिचकते रहे हैं, लेकिन केंद्र व राज्य भाजपा के अनेक नेता उन्हें इस के लिए मनाने की कोशिशें कर रहे हैं. तमिलनाडु का राजनीतिक इतिहास ऐसे नेताओं की कहानियों से भरा पड़ा है जो फिल्मों के जरिए सत्ताशिखर पर पहुंचे, जैसे करुणानिधि, एम जी रामचंद्रन और जयललिता मगर विजयकांत जैसे कई अभिनेताओं को धूल भी चाटनी पड़ी.

रजनीकांत इस जोखिम को बखूबी समझते हैं, और शायद इसीलिए वे फैसला करने से पहले उसे अच्छी तरह से तोल लेना चाहते हैं. उन की दुविधा यह है कि भाजपा इस राज्य में नहीं के बराबर है. करुणानिधि, जयललिता और रामचंद्रन इसलिए सफल हो पाए क्योंकि उन के पीछे द्रविड़ आंदोलन का इतिहास था. अभी भी राज्य की राजनीति की मुख्यधारा को द्रविड़ पार्टियों ने घेरा हुआ है. द्रविड़ पार्टियां ही सरकार में और विपक्ष में हैं. रजनीकांत को पहले इस चक्रव्यूह को तोड़ना होगा जो आसान काम नहीं है. यह काम फिल्मी बाजीगरी से नहीं हो सकता.

रजनीकांत जिस भाजपा में शामिल हो कर राजनीति करना चाहते हैं उस  भाजपा के लिए तमिलनाडु की राजनीति कांटों की डगर है. तमिलनाडु उस के लिए एक पहेली ही बना हुआ है. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू पूरे देश पर छाया हुआ है, तब भी यह द्रविड़ राज्य एक चुनौती बना हुआ है. इसीलिए भाजपा वहां एक ऐसा चेहरा तलाश रही है. और रजनीकांत इस के लिए सब से उपयुक्त लगते हैं. रजनीकांत एक लोकप्रिय कलाकार हैं. उन की लोकप्रियता का जादू न सिर्फ तमिलनाडु में कायम है, बल्कि पूरे तमिलभाषी समाज में उन की जबरदस्त अपील है.

रजनीकांत उन हस्तियों में से एक थे जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के कदम का स्वागत किया था. साल 2014 के अपने चुनाव अभियान के दौरान नरेंद्र मोदी उन से मिलने उन के घर भी गए थे.

1990 के दशक में रजनीकांत की लोकप्रियता जब अपने चरम पर थी तब जयललिता व करुणानिधि जैसे विरोधी उन के मुकाबले में थे. अब जब जयललिता की मौत हो चुकी है और वयोवृद्ध करुणानिधि अपनी खराब सेहत से जूझ रहे हैं, तब राज्य में नेतृत्व का खालीपन सा दिख रहा है. बहुत सारे लोग इसे राज्य की राजनीति में एक अहम मोड़ के तौर पर देख रहे हैं. तमिल राजनीति की फिल्म का मुकाबला तगड़ा होगा और दिलचस्प भी.

18 महीनों बाद सामने आए हनी सिंह, बताया अपने लापता होने का कारण

एक समय तक धूम मचाने और रंग जमाने वाले रैपर और सिंगर यो यो हनी सिंह एक दिन अचानक से गायब हो गये. पिछले 18 महीनों से लापता हनी सिंह का उस बीच न कोई नया गाना आया और न ही उनकी तरफ से कोई बयान. इस तरह अचानक लापता हुए हनी सिंह आखिर कहां थे? यह एक ऐसा सवाल था, जिसका जवाब महीनों से तमाम कयासों के बीच झूलता रहा. उनपर यह भी कयास लगाए गए कि वह ड्रग एडिक्शन का इलाज करवाने के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर में हैं.

बहरहाल, 2014 में अपने सार्वजानिक जीवन से गायब हुए हनी सिंह अब खुद सामने आ गए हैं और अपने बारे में खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि मैं चाहता था, अपने बारे में लोगों और फैन्स को खुद बताऊं. यही कारण है कि मैंने किसी प्रवक्ता को नहीं भेजा.

32 साल के इस सुपर-सिलेब्रिटी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि ये मेरी जिन्दगी का सबसे बुरा दौर था. मैं जानता हूं कि मेरे बारे में तरह-तरह की बातें हो रही थीं. लोग कह रहे थे कि ड्रग ओवरडोज के कारण मुझे रिहेब सेंटर भेजा गया है, लेकिन मैं ऐसी किसी जगह नहीं, बल्कि इस दौरान मैं पूरे समय नोएडा में अपने घर में रहा.

सच्चाई यह है कि मैं बाइपोलर डिस्आर्डर (bipolar disorder) से पीड़ित था और मैं किसी से बात करने की हालत में नहीं था. इसका इलाज 18 महीनों तक चला. इस बीच मैंने चार डाक्टर बदले. फिर भी फायदा नहीं हुआ. दवाएं मुझ पर काम नहीं कर रही थीं और मेरे साथ अजीब अजीब सी चीजें हो रही थीं.

हनी सिंह ने बताया, एक वक्त ऐसा था जब मुझे लगता था कि मैं इस अंधेरे में हमेशा हमेशा के लिए हूं. मैंने खुद को सबसे काट लिया था. कमरे से बाहर नहीं निकलता था, दाढ़ी बढ़ आई थी और महीनों मैंने बाल भी नहीं कटवाए. सूर्यास्त के बाद मुझे अपने ही परिवार के लोगों से डर लगने लगता था. मेरा खुद पर काबू नहीं था.

सोचिए जरा एक इंसान जिसने हजारों लोगों के सामने परफार्म किया हो, वह 4-5 लोगों को भी फेस नहीं कर पाता था.

उनका कहना है कि उस दौरान उन्होंने 50-60 कविताएं लिखीं. एक रात जब नींद की गोलियां खाने के बाद मैं सो नहीं पाया तो मैंने राइज एंड शाइन नामक एक गाना लिखा और कंपोज किया. यह सब देखकर मेरी मां रो पड़ीं. वही इकलौती कारण हैं कि मैं आज यहां हूं.

इस बीच उन्होंने स्वीकार किया कि वह बाइपोलर होने के साथ शराबी भी था जिसकी वजह से हालात ज्यादा बिगड़ गई थी. उनका कहना है कि अब यह गुजरे दौर की बात हो गई है. अब मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं.

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