ऋतिक ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

जब से मोहनजोदड़ो रिलीज हुई है तब से ऋतिक रोशन की मोहनजोदड़ो के लिए अच्छी खबरें नहीं आई और अब इस खबर से फैन्स का दिल जोर से टूटने वाला है. दरअसल, मोहनजोदड़ो ने किसी तरह बॉक्स ऑफिस पर 50 करोड़ का आंकड़ा छुआ है और देखा जाए तो ये उनकी सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्म है.

जी हां, मोहनजोदड़ो ऋतिक रोशन की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्म है, ना तुम जानो ना हम और गुजारिश से भी बड़ी फ्लॉप है. और ये जानकर सबका दिल जोर से टूटा होगा.  सबसे बड़ी फ्लॉप मोहनजोदड़ो में कुछ भी अच्छा नहीं था सेट से लेकर वीएफएक्स तक. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर डूब गई. इस कदर कि ऋतिक की दो सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्म भी इससे ज़्यादा कमा चुकी थी.

ना तुम जानो ना हम का बजट था 14 करोड़ और फिल्म ने 8 करोड़ कमाए थे वहीं गुजारिश ने भी अपने 74 करोड़ में से 30 करोड़ कमा लिए थे. इसलिए हम आपको देते हैं कुछ कारण कि क्यों मोहनजोदड़ो निकली इतनी बड़ी फ्लॉप…

नापसंद किया गया ट्रेलर

फिल्म की सबसे बड़ी कमी थी फिल्म का ट्रेलर. फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही बुरी तरह नापसंद किया गया लेकिन आशुतोष गोवारिकर गलती सुधारने के चक्कर में गलतियां करते गए. उसी ट्रेलर के सीन बार बार निकाल कर नए छोटे ट्रेलर रिलीज किए गए जो दर्शकों को और इरिटेट कर गए.

अजीब से कॉस्ट्यूम

फिल्म के कॉस्ट्यूम इतने अजीब थे कि पूछिए मत. फिल्म के कुछ सीन में तो ये कपड़े बिल्कुल ही फिट नहीं बैठ रहे थे. वहीं पूजा हेगड़े के कॉसट्यूम की लोगों ने जमकर बुराई की तो ऋतिक के मेकअप की.

अजीब इतिहास

फिल्म में इतिहास भूगोल जैसी किसी चीज का संबंध वास्तविकता से रखा ही नहीं गया. और आशुतोष गोवारिकर-ऋतिक रोशन के फैन्स का पढ़ा लिखा वर्ग फिल्म नहीं झेल पाया.

अमीर-गरीब की लव स्टोरी

फिल्म की स्टोरी इतनी आम थी कि उसके लिए मोहनजोदड़ो तक जाने की ज़रूरत नहीं पड़नी चाहिए. और यही आम सी कहानी दर्शक नहीं पचा पाए. यहां तक कि फिल्म बाहुबली, अग्निपथ जैसी फिल्मों से जोड़ दी गई.

रुस्तम की टक्कर

रुस्तम से टक्कर लेना ऋतिक रोशन के लिए सुसाइड करने जैसा रहा. हालांकि उन्होंने पूरी कोशिश की पर दोनों ही फिल्में अपनी जगह पर अड़ी रहीं और इसका नुकसान फिल्म को बुरी तरह से हुआ.

कम से कम प्रमोशन

फिल्म का प्रमोशन बहुत ही कम किया गया. अब इसका कारण क्या था पता नहीं, पर रुस्तम के आगे मोहनजोदड़ो की चमक फीकी पड़ गई. हालांकि उससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए था क्योंकि फिल्म में ही कुछ नहीं था.

देर से रिलीज

मोहनजोदड़ो 2 साल से बन रही है और लोग बस इंतजार कर रहे हैं कि कब फिल्म रिलीज होगी. इस बीच फिल्म के बारे में ऐसा बहुत कुछ बाहर आया जो नहीं आना चाहिए था और फिल्म को इससे काफी नुकसान हुआ.

ऋतिक की इमेज

ऋतिक रोशन की इमेज कंगना रनौत की वजह से कुछ खास नहीं बची थी और जब उन्होंने कंगना की लिखी एक एक चिट्ठी वायरल की तो कुछ भी नहीं बचा था. इन सबके कारण उनके निगेटिव पब्लिसिटी लोग नहीं भूले.

गोवारिकर का ओवरकॉन्फिडेंस

आशुतोष गोवारिकर को ओवरकॉन्फिडेंस था कि मोहनजोदड़ो जैसा भारी भरकम नाम इस्तेमाल कर वो भीड़ जुटाएंगे. भीड़ जुटी भी पर आशुतोष इस भारी भरकम सभ्यता को दिखाने में एक इंच भी सफल नहीं हो पाए.

हद से ज़्यादा बजट

फिल्म का बजट हद से ज्यादा था जिसे पार करने के लिए फिल्म को उतना कमाना बहुत मुश्किल हो गया. नतीजा ये था कि 120 करोड़ की फिल्म 50 करोड़ भी पार नहीं कर पाई. वहीं सूत्रों की मानें तो फिल्म का बजट कहीं ज्यादा है पर छिपा लिया गया.

बेबी डॉल करेंगी सीरियल किसर संग आइटम डांस

जल्द ही बॉलीवुड के सीरियल किसर इमरान हाशमी और बेबी डॉल सनी लियोन एक आइटम नम्बर करते नजर आएंगे. जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना.

खबर है कि इमरान हाशमी की आने वाली फिल्म ‘बादशाहों’ में दोनों एक आइटम नम्बर कर रहे हैं. गाने की शूटिंग मुंबई या राजस्थान में होगी. इमरान कहते हैं, सनी का गानों के साथ रिकॉर्ड काफी अच्छा है. यह सॉन्ग भी अच्छा है और जिस तरह मिलन और कोरियोग्राफर ने इस गाने का कॉन्सेप्ट सोचा है उसे देखकर तो यही लगता है कि यह सॉन्ग हिट साबित होगा.’

बता दें कि फिल्ममेकर मिलन लुथरिया, अजय देवगन और इमरान हाशमी की जोड़ी ‘वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई’ के बाद एक बार फिर ‘बादशाहों’ में बन रही है और इस फिल्म में लोगों के मनोरंजन के सारे एलिमेंट्स मौजूद हैं.

शिल्पा को है आइटम नम्बर शब्द से नफरत

शिल्पा शेट्टी कुंद्रा इन दिनों सोनी टीवी पर आने वाले किड्स डांस रियलिटी शो ‘इंडियाज सुपर डांसर’ को प्रमोट करने में व्यस्त हैं. इस शो को वह अनुराग बसु और गीता कपूर के साथ जज करेंगी.

शो के प्रमोशन के लिए हाल ही में वह दिल्ली आई थीं. इस दौरान उन्होंने डांस के प्रति अपने लगाव के बारे में भी ढेर सारी बातें कीं. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें आइटम नम्बर शब्द से नफरत क्यों हैं, हालांकि उन्होंने साफ किया कि उन्हें सिर्फ शब्द से नफरत हैं, आइटम डांस उन्हें भी पसंद है.

शिल्पा ने कहा, “मुझे डांस से बेहद प्यार है, इसलिए में इस डांस रियल्टी शो का हिस्सा बनी हूं. यह बच्चों के साथ मेरा पहला शो होगा, इसलिए एक व्यक्ति और जज के तौर पर काफी अलग अनुभव होगा. मुझे बच्चे बहुत पसंद हैं और यह देखकर भी अच्छा लगता है कि हमारे देश में कितना टैलेंट छिपा है.”

शिल्पा ने बताया कि उन्हें आइटम नम्बर शब्द से क्यों नफरत है. शिल्पा ने कहा, “दरअसल महिलाओं के लिए इस शब्द का इस्तेमाल करना सही नहीं लगता. शुरुआत में हेलन जी जो डांस करती थीं उसे कैबरे कहा जाता था, अब हिरोइन एक स्पेशल सॉन्ग पर डांस करती हैं, उसे आइटम कहा जाना ठीक नहीं.”

इसके अलावा उन्होंने कहा कि डांस हमेशा से ही एक महान कला के रूप में रहा है और अब तो इसे कॅरियर के तौर पर भी अपनाया जा सकता है.

किसके नाम पर है आपकी जायदाद?

पुरानी कहावत है जहां चाह, वहां राह. वसीयत (Will) के अभाव में भविष्‍य में कुछ रास्‍ते मुश्किल ही नहीं बल्कि बहुत पेंचीदा भी हो सकते हैं. आपके सामने बिड़ला, रैनबैक्सी और अंबानी परिवार का उदाहरण है. इनके परिवारों में भी वसीयत न होने की वजह से संपत्ति को लेकर विवाद हुए हैं और बंटवारे में दिक्‍कत आई है. भारत में मुश्किल से वित्तीय प्रबंधन में वसीयत बनाने की योजना देखने को मिलती है. वसीयत की महत्वता और इसके प्रबंधन के बारे में जानने से पहले हम यह जानते हैं कि वसीयत वास्‍तव में है क्‍या.

क्या होती है वसीयत

यह एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसमें संपत्ति के मालिक की मृत्यु के बाद पूंजी और पद के हकदार के लिए एक या एक से ज्यादा लोगों के नाम होते हैं. संपत्ति रखने वाला व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी भी अपनी वसीयत को वापस ले सकता है और उसमें बदलाव भी कर सकता है.

वसीयत बनाना क्यों है जरुरी

वसीयत बनाना इसलिए जरुरी है क्योंकि व्यक्ति की मृत्यु के बाद यह दस्तावेज सुनिश्चित करता है कि उसकी संपत्ति सुरक्षित हाथों में रखेगी. एक साफ और अच्छी लिखी वसीयत उसके असली वारिस को आपसी झगड़े से बचाती है. यदि व्यक्ति अपनी वसीयत को अपने वारीस को देने के बजाए किसी और को देना चाहता है तो ऐसी स्थिती में वह वसीयत उत्तम अहमियत रखता है.

कौन बना सकता है वसीयत

कोई भी बालिग व्यक्ति जिसकी मानसिक स्थिति स्वस्थ हो वह वसीयत बना सकता है. मूक बधिर और नेत्रहीन व्यक्ति भी वसीयत बनवा सकते हैं. मानसिक तौर पर कमजोर लोग वसीयत नहीं बना सकते हैं.

वसीयत का पंजीकरण

वसीयत का पंजिकृत होना जरूरी नहीं है. किसी भी सफेद कागज पर लिखी वसीयत का रजिस्टर्ड वसीयत जितना ही महत्व होता है. लेकिन किसी भी प्रकार का संदेह या अविश्वसनियता को दूर रखने के लिए बेहतर है कि इसका पंजीकरण कराएं. वसीयत का पंजीकरण कराने के लिए गवाहों के साथ सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर संबंधित व्यक्ति से रजिस्टर कराएं.

कानूनी प्रमाण

वसीयत के पंजीकरण के बाद यह एक कानूनी प्रमाण बन जाता है. इसमें लिखित में यह बात स्पष्ट होनी चाहिए कि वसीयत बनाने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ है और वह अपनी मर्जी से इसे बनवा रहा है. वसीयत पर निर्वाहक के हस्ताक्षर के बाद इसे दो गवाहों से अटेस्ट कराना होता है. आपको बात दें कि वसीयत पर कोई स्टाम्प ड्यूटी नही देनी होती है.

वसीयत के प्रकार

वसीयत दो प्रकार की होती है, विशेषाधिकार प्राप्त (privileged) और आम (unprivileged) वसीयत. विशेषाधिकार प्राप्त वसीयत अनौपचारिक वसीयत होती है जो कि सैनिक, विमानक और जल सैनिक के लिए होती है. इसके अवाला अन्य सभी वसीयत आम कहलाती है. विशेषाधिकार प्राप्त वसीयत में व्यक्ति आअपनी मृत्यु के चंद घंटों पहले लिखित या मौखिक वर्णन के आदार पर वसीयत बनवा सकता है, जबकि आम वसीयत में पहले औपचारिकताओं का पालन करना होता है.

वसीयतकर्ता के हस्ताक्षर

आम वसीयत में वसीयतकर्ता के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं. यदि वसीयतकर्ता शारीरिक रुप से अस्व्स्थ है तो वसीयतकर्ता की मौजूदगी में कोई और उनकी जगह हस्ताक्षर कर सकता है. बाद में होने वाले किसी भी विवाद से बचने के लिए बेहतर है कि पहले से वसीयतकर्ता को हस्ताक्षर करा कर रख ले. आम वसीयत में दो गवाहों की मौजूदगी में एजेंट के हस्ताक्षर होने चाहिए.

वसीयत की सुरक्षा

भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1908 के तहत वसीयत की सुरक्षा का प्रावधान है. सिलबंद कवर के ऊपर वसीयतकर्ता के नाम के साथ किसी भी रजिस्ट्रार के पास सुरक्षित रखवाया जा सकता है. वसीयत को प्रामाणिक बनाने के लिए उत्तराधिकारी गवाह के रुप में नहीं होना चाहिए.

वसीयत का खण्डन

वसीयत का खण्डन स्वैच्छिक या अनैच्छिक हो सकता है. अनैच्छिक खण्डन कानून के तहत होता है. शादी के बाद वसीयतकर्ता की वसीयत रद्द हो जाती है. साथ ही अगर वह दूसरी सादी करता है तो पहली शादी के दौरान बनाई गई वसीयत अपने आप रद्द हो जाती है. वसीयतकर्ता अपने जीवन काल में जितनी चाहे उतनी वसीयत बना सकता है, लेकिन मृत्यु से पहले आखिरी बनाई गई वसीयत ही वैध मानी जाती है.

वैज राइस पेपर रोल

सामग्री

– 2 शीट राइस पेपर

– 1/2 लाल शिमलामिर्च पतली कटी हुई

– 1/2 देशी खीरा पतला कटा हुआ

– 1/2 कप लाल पत्तागोभी पतली कटी हुई

– 1/4 मध्यम आकार का आम पतला कटा हुआ

– 1/2 हरा सेब पतला कटा हुआ

– 1 कप राइस नूडल्स

– 2 बड़े चम्मच संबल सौस सर्व करने के लिए.

विधि

सब से पहले राइस नूडल को गरम पानी में भिगो कर कुछ देर के लिए रख दें. नूडल्स मुलायम होने पर पानी निकाल लें. एक बड़े बाउल में गरम पानी भरें और उस में 1-1 कर के राइस पेपर डालें. राइस पेपर के मुलायम होने पर उस के बीच सब्जियां, फल व नूडल्स रखें. अब राइस पेपर को रोल करें. फिर इसे ऊपर से नीचे की ओर कस कर रोल करें. अब रोल को सौस में डिप कर सर्व करें. इस रोल को फ्रिज में 1 दिन तक रखा जा सकता है.

व्यंजन सहयोग:

रणवीर बरार, सैलिब्रिटी शैफ

ज्यादा नमक खाने से घटती है उम्र

नमक खाने का स्वाद बढ़ा भी सकता है और बिगाड़ भी, लेकिन अधिकतर लोग यह बात नहीं जानते कि नमक सेहत के साथ भी वही करता है जो स्वाद के साथ.

अमेरिका में किए गए एक शोध में यह बात सामने आई है कि वहां जो लोग रोज की जरूरत से ज्यादा नमक खाते हैं उनकी समय से पहले मृत्यु हो जाती है. यह शोध अमेरिकी सरकार के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा किया गया. शोध में कहा गया है कि फास्ट फूड और डिब्बाबंद खाना खाने की वजह से लोग पहले से ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं.

जानकारों का मानना है कि लम्बे समय तक अधिक नमक लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है जिससे दिल को नुकसान होता है और उम्र घट जाती है.

सोडियम ब्लड प्रेशर बढ़ाता है तो पोटेशियम उसे कम करता है ताकि शरीर का संतुलन बना रहे. इससे बचने के लिए फल-सब्जियां और दूध, दही खाने की हिदायत दी गई है.

लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि नमक का सेवन बंद कर दें. नमक की एक निश्चित मात्रा बहुत जरुरी है. ऐसे में ना बहुत ज्यादा ना बहुत कम नमक खाएं. बाहर का खाना खाते वक्त ध्यान रखें कि उसमें कितना नमक है. साथ ही खाने में मिलाने के बाद अलग से या ऊपर से नमक ना डालें.

परफ्यूम की खुशबू को रखें देर तक बरकरार

जब भी हम परफ्यूम लगाते हैं तो चहते हैं कि इसकी खुशबू काफी देर तक आए, लेकिन ऐसा हो नही पाता है. आपके शरीर में ज्यादा देर तक खुशबू टिक नहीं पाती है. चाहे फिर आप महंगे से मंहगा परफ्यूम ही क्यों न यूज कर लें.

अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो हम ऐसे टिप्स के बारे में बता रहे हैं. जिनका यूज कर आप देर तक परफ्यूम की महक को इस्तेमाल कर सकते है.

अगर आप अपने परफ्यूम की महक काफी देर तक रखना चाहती है तो इसे ऐसी जगह पर न रखें, जहां पर नरमी ज्यादा हो. खासकर बाथरुम में तो बिल्कुल न रखें. नमी युक्त जगहों पर आर्द्रता और गर्मी के कारण ये अपनी महक खो देते हैं. इसलिए इन्हें सूखे और ठंडे जगह पर रखें.

मॉश्चराइजर का करें इस्तेमाल

किसी भी तरह की महक ड्राई स्किन पर ज्यादा देर तक नहीं रुक पाती है. इसलिए परफ्यूम स्प्रे करने से पहले माश्चराइजर लगाएं. इसके बाद इसका इस्तेमाल करें. ऐसा करने से महक काफी देर तक बनी रहेगी.

कभी भी कलाइयों में न रगड़े इत्र

हम लोगों में से कई लोगों की आदत होती है कि अपनी कलाई पर इत्र लगाकर दोनों कलाइयों को आपस में रगड़ने लगते हैं जबकि यह एक गलत तरीका है. इससे उस इत्र की महक तेजी से खत्म होने लगती है. इसलिए ऐसा करने से बचें.

हमेशा गर्म हिस्सों में ही लगाएं

अगर आप चाहते है कि परफ्यूम की महक काफी देर तक रहे तो इसके लिए गर्म जगहों पर लगाएं जैसे कि कलाइयों, कोहनी के अंदरूनी हिस्से, कान के पीछे और गर्दन पर. इसके साथ-साथ आप पिंडलियों और घुटने के पीछे वाले हिस्से में भी इसका लगा सकती है. ऐसा करने से कापी देर तक महक रहने के साथ-साथ आप फ्रेशनेश भी महसूस करेंगे.

हमेशा करें अच्छी क्वालिटी का परफ्यूम यूज करें

कभी भी परफ्यूम की क्वालिटी से किसी प्रकार का समझौता न करें. ऐसे परफ्यूम खरीदें जिससे एसेंशियल ऑयल की मात्रा अधिक हो. इन परफ्यूम का इस्तेमाल करने से यह ज्यादा देर तक टिकेंगे.

सफर में साथ ले जाना न भूलें…

आपने अपना बैग पैक कर लिया है और पूरी तरह से तैयार हो गए है यात्रा पर जाने के लिए. तो ये ध्‍यान रखें कि आपके पास ऐसी एक किताब ज़रूर हो जो आपके परिवार, म्‍यूजिक और दोस्‍तों के अलावा पूरे सफर में आपका साथ न छोड़े. आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसी किताबों के बारे में जो सफर के दौरान आपके रोमांच और उत्‍साह को और बढ़ा देंगी.

1. ऑन द रोड (On the road)

अर्थ और ज्ञान की तलाश में सड़क पर निकले लोगों के लिए यह किताब काफी फायदेमंद है. सफर के दौरान अगर आपका दोस्त कार चला रहा है या आप बस में हैं, तो यह किताब आपकी आदर्श साथी साबित होगी.

2. ‘इंटू द वाइल्ड‘ (Into the wild)

जॉन क्रैकुअर की किताब ‘इंटू द वाइल्ड’ कहानी है क्रिस्टोफर मैंक्केंडलेस नामक युवक की, जो दुनियादारी को छोड़ अलास्का के निर्जन जंगलों में जिंदगी बिताने चला जाता है. जंगल की यात्रा पर जाने से पहले इस कितना को अपने साथ ले जाना न भूलें.

3. गोइंग सोलो (Going Solo)

अगर आप किसी ट्रिप पर अकेले जाने का प्‍लान कर रहे हैं तो रोअल डाल की कितना गोइंग सोलो आपको काफी अच्‍छी लगेगी. इस किताब में साहसिक, हास्य और रोचक क्षणों के कई ऐसे पहलू हैं, जो आपको अकेला महसूस नहीं होने देंगे.

4. आई हाईक (I Hike)

अगर आप एक लंबी पैदल यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो अपने पास ग्रिनटर ये किताब ज़रूर रखें. यह आपकी यात्रा के मज़े को दोगुना कर देगी.

5.मर्डर ऑन द ओरिएंट एक्सप्रेस (Murder on the Orient Express)

अगर आप रोमांच के शौकिन हैं और आपकी यात्रा काफी लंबी है, तो अगाथा क्रिस्टी की ये मर्डर मिस्ट्री आपको निराश नहीं करेगी.

6. अ फिल्‍ड गाइड टू गेटिंग लॉस्ट (A Field Guide to Getting Lost)

रेबेका की इस किताब की कहानी बेहद मार्मिक और प्रेरक है जो आपको सपनों की दुनिया में ले जाएगी.

7. एन इडियट अब्रोड: द ट्रेवल डायरिज़ ऑफ कार्ल (An Idiot Abroad: The Travel Diaries of Karl Pilkington)

ट्रिप के दौरान मूड को रिफ्रेश करने के लिए ये बुक काफी अच्‍छी है. इस किताब में कई ऐसी बातें बताई गईं हैं जो सफर के दौरान आपकी थकान को चुटकी में दूर कर देगी.

8. अलेक्स गारलैंड की द बीच (The Beach by Alex Garland)

अगर आपको समुद्र, रेत और सूरज से लगाव है. तो आपको ये किताब बेहद पसंद आएगी.

हेयर स्प्रे से बनाएं बाल घने

आजकल की मॉडर्न लाइफस्टाइल में हेयर स्प्रे इस्तेमाल करने का ट्रेंड जोरों पर है. इससे आप बालों को काफी ट्रेंडी लुक दे सकते हैं. हेयर स्प्रे से बालों को कई तरह के फायदें भी हैं. आइए जानते है क्या हैं ये फायदे-

बालों को सेट करने के लिए

बालों को सेट करने के लिए हेयर स्प्रे बिल्कुल परफेक्ट है. अगर आप किसी हेयर स्टाइल को पूरे दिन रखना चाहती हैं तो हेयर स्प्रे का इस्तेमाल करें. इससे आपके बाल पूरे दिन वैसे ही फिक्स रहेंगे.

घने बाल

बालों को घना दिखाने और बाउंसी लुक देने के लिए भी हेयर स्प्रे का प्रयोग करना एक अच्छा ऑप्शन है. अगर आप बालों के अंदर की तरफ स्प्रे करती हैं तो बाल घने और बाउंसी लगते हैं.

कलर बालों की देखभाल के लिए

धूप के सीधे संपर्क में आने से कलर बालों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में हेयर स्प्रे कलर बालों की सुरक्षा करता है और बालों को धूप से बचाता है. इसके लिए आप अपने बालों के हिसाब से एसपीएफ युक्त हेयर स्प्रे का चयन करें.

बालों में चमक

हेयर स्प्रे करने से बालों में चमक आ जाती है. इससे बाल थोड़े सॉफ्ट और लचीले हो जाते हैं और बालों में नेचुरल लुक आ जाता है.

रूखे बालों के लिए फायदेमंद

अगर आपके बाल रूखे हो गए हैं तो बालों में ग्लिसरीन का हेयर स्प्रे लगाएं. इससे बाल मुलायम हो जाएंगे. ये हेयर स्प्रे घर पर भी तैयार किया जा सकता है. इसके लिए समान मात्रा में ग्लिसरीन और पानी लेकर उसे मिक्स करें और अच्छी तरह से हिला लें. इसके बाद इस मिश्रण में कुछ बूंदे हेयर ऑयल की मिला लें. इस स्प्रे को नहा कर आने के बाद बालों में छिड़कें.

तो इसलिए नहीं बढ़ती आपकी कमाई

लोगों के पास पैसा तो होता है लेकिन यह नहीं मालूम होता कि उस पैसे का क्या करें ताकि अच्छा रिटर्न मिल सके. इसके पीछे एक वजह यह भी है कि ज्यादातर लोग सेफ जोन में रहना पसंद करते हैं और रिस्क लेने से घबराते हैं.

सोने का मोह

दुनिया में सबसे ज्यादा गोल्ड की खपत भारत में होती है. खासतौर पर महिलाएं जूलरी बनवाने पर अधिक खर्च करती हैं. हम सोने को सेविंग्स समझने की भूल कर बैठते हैं. हम यह नहीं समझते कि सोने पर बहुत कम रिटर्न मिलता है और मिलता भी है तो काफी समय के बाद. इसलिए गोल्ड में इन्वेस्ट करना बहुत फायदेमंद नहीं है.

निवेश करके सुस्त पड़ जाना

कई लोग पैसा लगाकर सुस्त पड़ जाते हैं. अगर कहीं इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं तो उस पर बराबर नजर रखिए. नहीं तो पैसे लगाने का कोई मतलब नहीं है.

सारा पैसा एक जगह ही लगाना

एक ही जगह सारा पैसा लगाएंगे तो रिस्क की संभावना ज्यादा रहेगी. सारा पैसा एक बार में डूब सकता है. इसलिए पैसे को कई जगह इन्वेस्ट कीजिए ताकि कहीं नुकसान हो तो कहीं से उसकी भरपाई भी हो सके.

सिर्फ सेविंग पर ध्यान देना

सेविंग करना अच्छी बात है. सबको अपनी जरूरत के हिसाब से कुछ पैसे बचाने चाहिए ताकि किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर परेशानी नहीं होना पड़े. लेकिन, महंगाई के इस दौर में कितनी भी सेविंग कर लो, वह काफी नहीं होती है. इसलिए, ज्यादा सेविंग करने की बजाय ऐसी जगह इन्वेस्ट करने की सोचें जहां से आपको बराबर अच्छा रिटर्न मिलता रहे.

कभी रिस्क नहीं लेना

कुछ लोग बैंक में सारा पैसा डाल देते हैं और सोचते हैं कि अच्छा ब्याज मिलेगा, पैसा सुरक्षित रहेगा. लेकिन पैसे को बैंक के बचत खाते या एफडी में ज्यादा रकम डालकर अच्छा रिटर्न पाने की सोच त्याग दीजिए. बैंक से ज्यादा-से-ज्यादा 10 प्रतिशत ब्याज मिल जाएगा. लेकिन इतने कम रिटर्न की खातिर पैसा लगाना फायदे का सौदा नहीं है. इससे बेहतर कहीं ऐसी जगह पर पैसा लगाइये जहां से अच्छा लगा रिटर्न मिल सके.

सिर्फ सैलरी के भरोसे रहना

हम यह समझ लेते हैं कि सैलरी ही इनकम का एकमात्र जरिया है. लेकिन ऐसा नहीं है. चाहे बैंक में किया गया फिक्स्ड डिपॉजिट हो या इंश्योरेंस पॉलिसी की मेच्योरिटी पर मिला पैसा, सब आपकी इनकम ही है. इसलिए ऐसी प्लानिंग करते रहिये जहां से रिटर्न मिलता रहे.

रिटायरमेंट प्लान लेने में देरी

हम लोग आधी उम्र बीत जाने पर रिटायरमेंट के बारे में सोचते हैं. लेकिन सही से देखा जाय तो नौकरी लगने के बाद ही बिना देर किए रिटायरमेंट प्लान के बारे में सोचना शुरू कर देना चाहिए. जिससे बाद में ज्यादा दिक्कत न हो.

सिर्फ टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट

ज्यादातर लोग इंश्योरेंस पॉलिसी और इन्वेस्टमेंट इसलिए कर देते हैं ताकि उन्हें टैक्स में छूट मिल सके. उनका केवल एक ही मकसद होता है सिर्फ टैक्स बचाना. टैक्स बचाना अच्छी बात है लेकिन सिर्फ टैक्स बचाने के लिए कहीं भी इन्वेस्ट कर देना तो बिल्कुल भी ठीक नहीं कहा जा सकता. कहीं ऐसी जगह पर इन्वेस्ट कीजिये जहां से टैक्स तो बचे ही, साथ में अच्छा रिटर्न भी मिल जाए.

बिना समझे शेयर मार्केट में पैसे लगाना

अक्सर होता है कि दूसरों को देखकर या किसी के कहने पर आप शेयर मार्केट में पैसा तो लगा देते हैं. लेकिन जब रिटर्न नहीं मिलता या पैसे डूबने लगते हैं तो आप अपनी किस्मत को कोसना शुरू कर देते हैं. शेयर मार्केट में पैसा तभी लगाइए जब आपको शेयरों की अच्छी समझ हो.

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