वैज नूडल्स

सामग्री

2 कप नूडल्स उबले, 1/4-1/4 कप लाल व पीली शिमलामिर्च लंबाई में कटी, 1/4 फ्रैंचबींस 1/2 इंच लंबे टुकड़ों में कटी, 1/4 कप बंदगोभी बारीक कटी, चुटकी भर अजीनोमोटो, 1 छोटा चम्मच सोया सौस, 1 छोटा चम्मच सफेद सिरका, 2 बड़े चम्मच रिफाइंड औयल, चिली सौस व नमक स्वादानुसार.

विधि

एक नौनस्टिक कड़ाही में तेल गरम कर के फ्रैंचबींस को हलका सा तल कर निकाल लें. बचे तेल में सभी सब्जियां और फ्रैंचबींस डाल कर 3 मिनट उलटेंपलटें. फिर नूडल्स डालें. इस में अजीनोमोटा, सिरका व नमक डालें. 3 मिनट और पकाएं. सोयासौस डाल कर टिफिन में रखें.

है न बढि़या

दक्षिणी अमेरिका की पौप गायिका रिहन्ना का क्रेज कम नहीं हुआ है. हो भी क्यों, गला भी अच्छा है, डांस स्टैप भी बढि़या और डेअरिंग ड्रैसें पहनने की समझ और हिम्मत भी. लांस एंजिल्स, अमेरिका के एक कार्यक्रम में पहुंची रिहन्ना का टौप तो देखें.

डर के साए तले

गोलियों की आवाजों के बीच अफगानिस्तान में स्कूल भी चल रहे हैं. अब लड़कियां भी इस मेल डौमिनेटेड समाज में स्कूल जाने लगी हैं पर अभी भी उन की हिचकिचाहट व डर उन के चेहरों पर बर्फ की तरह जमा हुआ दिख रहा है.

जब सुंदरता पास हो

भारत के मंदिरों से नर्तकियों को गायब कर दिया गया है और अब वे केवल दीवारों पर मूर्तियों की शक्ल में दिखती हैं. पर थाइलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया में अभी भी हिंदू मंदिरों में टैंपल डांसर्स हैं, जो आने वाले को नयनसुख भी देती हैं और भगवान भक्ति का माल भी बेचती हैं. पर्यटकों को लुभाने के लिए हर मंदिर में डांस कार्यक्रम रखे होते हैं. बैंकाक में एक वट पाव में ऐसी ही नर्तकी अपनी भावभंगिमाओं से ऐश्वर्यीय आनंद दे रही है. भगवान की किसे जरूरत है जब सुंदरता पास हो.

आओ कुछ मौज करें

दीए जलाएं और मन को खुश करें. पंजाब की खासीयत उस के लोकनृत्य हैं, जिन में जोश, जज्बा और हंसी है. पंजाब के एक विश्वविद्यालय में दिल जीतती लड़कियां.

न पूछिए क्या है यह

परमाणु बम. अजी नहीं, यह तो एक आर्टिस्ट की क्रिएशन है, जो पैरिस में दिखाई गई. हवा भरे गुब्बारे की शक्ल की यह कृति क्या कह रही है, यह न पूछिए, देखिए और चलते बनिए, चाहे साइकिल पर ही क्यों न हों.

आंखें क्यों हों बंद

यह डिजाइन है तो एक वैस्टर्न ड्रैस का पर हमारी सुनें और इस की नकल पर सलवारकमीज सिलवा डालें. हां, पर क्या बदन इस लायक है, यह देख लें. अगर न हो तो बदन की मरम्मत की दुकानें भी खूब खुल गई हैं. शरीर और कपड़े ऐसे होने ही चाहिए कि देखने वालों की आंखें बंद ही न हों.

मरजी आप की

यह कार्टून कैरेक्टर किसी छोकरे के दिमाग की उपज नहीं वरन ब्राजील के 82 वर्षीय कार्टूनिस्ट की देन है. इस के दांत देखे या कुछ और यह देखने वाले की मरजी है.

बात तो खुशी की है

पाकिस्तान के हाल खराब हैं पर इतने भी नहीं कि हम खुशी से फूले रहें. मलाला युसुफजई को नोबल पुरस्कार मिला तो सारे पाकिस्तानी फूले नहीं समाए. यानी वहां ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो देश में अमन चैन और आधुनिकता लाने के लिए अपना चेहरा दिखाने से नहीं डरते. तालिबानी थोड़े ही हैं पर खूंख्वार हैं, बस.

लोकतंत्र सुरक्षा की गारंटी नहीं

अमेरिका में आज भी अश्वेतों के साथ बराबरी और लोकतंत्र के ढिंढोरे के बावजूद भेदभाव किया जाता है. अगस्त में एक 18 साला निहत्थे अश्वेत को एक गोरे पुलिस वाले ने गोली मार दी, इसलिए कि उसे लगा लड़के के पास बंदूक है. अब सारे देश में विरोध हो रहा है. आप यह न समझें कि हम सुधरे हुए हैं. ऐसा ही हमारे यहां जाति, धर्म व देश के नाम पर होता है और अल्पसंख्यकों को बेवजह मारा जाता है. लोकतंत्र सुरक्षा की गारंटी नहीं, उलटे बहुसंख्यकों का मनमरजी करने का लाइसैंस बनता जा रहा है.

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