पेन्नी इन करी सौस

सामग्री करी सौस की

1 कप टमाटर कटे द्य 1/2 कप स्किम्ड मिल्क

1 छोटा चम्मच चीनी द्य 1 छोटा चम्मच मक्खन पिघला हुआ

 नमक एवं कालीमिर्च स्वादानुसार.

सामग्री करी पेस्ट की

1 प्याज मध्यम आकार का द्य 3-4 कली लहसुन

2 छोटे चम्मच खड़ी धनिया द्य 1 छोटा चम्मच जीरा

1 छोटा टुकड़ा अदरक द्य 1/4 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

1 हरीमिर्च द्य 2 बड़े चम्मच धनियापत्ती द्य नमक स्वादानुसार.

अन्य सामग्री

2 कप पका हुआ पेन्नी (पास्ता) द्य धनियापत्ती गार्निशिंग के लिए.

विधि

1 कप पानी में नमक डालें फिर इसी पानी में टमाटर को तब तक उबालें जब तक वह अच्छी तरह पक न जाए. अब एक छलनी से टमाटर को छान लें और प्यूरी बना लें. ग्राइंडर में करी पेस्ट की सारी सामग्री डाल कर करी पेस्ट तैयार कर लें. अब एक नौनस्टिक पैन में पिघला हुआ मक्खन डालें और गरम करें. फिर इस में करी पेस्ट डालें और 3-4 मिनट तक फ्राई करें. अब इस करी में टमाटर की प्यूरी, दूध, थोड़ा पानी, नमक, कालीमिर्च और चीनी डालें और सौस को 5 मिनट तक उबालें. आखिर में पेन्नी (पास्ता) सौस में डालें और 5 मिनट तक पकाएं. अब अपने स्वादानुसार नमक और कालीमिर्च डालें. फिर इसे धनियापत्ती से गार्निश करें और गरमगरम परोसें.

हर्ब्ड मिल्क

सामग्री

500 मिलीलिटर दूध द्य मुलेठी, शंखपुष्पी, ब्राह्मी, सफेद मूसली और अश्वगंधा जरूरतानुसार

1/2 छोटा चम्मच बादाम पाउडर द्य 1 चुटकी दालचीनी पाउडर द्य 1 छोटा चम्मच कोको पाउडर द्य 1 छोटा चम्मच रूहअफजा द्य शहद, ब्राउन शुगर मिठास के लिए.

विधि

एक लोहे की कड़ाही में सफेद मूसली, शंखपुष्पी, ब्राह्मी, मुलेठी, अश्वगंधा को 2 मिनट तक भूनें. अब इस मिश्रण में दूध, बादाम पाउडर, कोको पाउडर डालें और 2 मिनट तक उबालें. फि र मिठास के लिए ब्राउन शुगर डालें और दूध को गिलास में डाल कर ऊपर से शहद डाल कर सर्व करें.

रैड ब्यूटी

सामग्री

1 गाजर द्य 1 कप तरबूज के टुकड़े

1/2 सेब द्य 1 टमाटर द्य 2-3 पालक के पत्ते

2-3 चुकंदर के टुकड़े द्य 1/2 इंच अदरक

1 नीबू का रस द्य 1 छोटा चम्मच शहद.

विधि

सारी सामग्री को जूसर में डालें और जूस तैयार कर लें. फिर कांच के गिलास में डाल कर सर्व करें..

स्पैनिश ओनियन ऐंड आमंड सैफरोन सूप

सामग्री

2 बड़े चम्मच मक्खन द्य 2 प्याज कटे

1 कप बादाम भिगोए हुए द्य 2 चुटकी केसर

5 कप वैज स्टौक द्य 1 छोटा चम्मच पार्सले कटा हुआ द्य 1 छोटा चम्मच कालीमिर्च

पानी जरूरतानुसार द्य नमक स्वादानुसार.

गार्निशिंग 

कटा और फ्राई किया हुआ प्याज

कटा बादाम द्य 2-3 धागे केसर के.

विधि

मिक्सी में बादाम और थोड़ा पानी डाल कर पेस्ट बना लें. पैन को गरम करें और उस में मक्खन डालें. मक्खन के पिघलने पर प्याज डालें और2-3 मिनट तक चलाएं. प्याज हलका पक जाने पर उस में केसर और 1/2 कप पानी डालें. अब पैन को ढक कर मिश्रण उबाल लें. मिश्रण के उबलने पर वैज स्टौक डालें और 3-4 मिनट तक लगातार मिश्रण को हिलाती रहें. आंच से हटा कर 10 मिनट के लिए ठंडा होने के लिए रखें. अब सूप को मिक्सर में डालें और तब तक ब्लैंड करें जब तक कि वह थोड़ा गाढ़ा न हो जाए. इस के बाद ब्लैंड किए सूप को पैन में डालें और उस में थोड़ा नमक, कालीमिर्च और कटा हुआ पार्सले डाल कर थोड़ी देर उबाल लें. अब इस मिश्रण को गार्निश करें और ब्रैड के टुकड़ों के साथ परोसें.

जम कर खाता हूं इसलिए मोटा हूं – सतीश कौशिक

कौमेडी को एक अलग ही अंदाज में सफलता के अंजाम तक पहुंचाने वाले निर्मातानिर्देशक, राइटर और हंसमुख अभिनेता, सतीश कौशिक ने कभी कैलेंडर तो कभी मुत्थूस्वामी बन कर दर्शकों को हमेशा गुदगुदाया है. पेश हैं, स्टार टीवी पर आ रहे नए शो ‘सुमित संभाल लेगा’ के प्रमोशन पर उन से हुई बातचीत के खास अंश: 

फिल्म ‘मि. इंडिया’ के कैलेंडर से ले कर आज तक आप कौमेडी में क्या बदलाव देखते हैं?

जिस तरह फिल्मों में बदलाव देखने मिला है, उसी तरह कौमेडी में भी बदलाव आया है. पहले विषयप्रधान फिल्में होती थीं पर आज की फिल्मों को देखिए, उन के सिरपैर का भी कुछ पता ही नहीं चलता. इसी तरह कौमेडी में भी बदलाव आया है. पहले फिल्मों में अलग से कौमेडियन होते थे, जिन में जौनी वाकर, महमूद जैसे कलाकार एक अच्छे कौमेडियन के साथसाथ अच्छे ऐक्टर भी थे.

आजकल फिल्मों में एक नया ट्रैंड आया है. ऐडल्ट या डबल मीनिंग कौमेडी. क्या यह आज की कौमेडी का बिगड़ा हुआ रूप है?

ऐसी फिल्में पहले भी बनती थीं, लेकिन उन पर इतना होहल्ला नहीं होता था क्योंकि ऐसी फिल्मों की संख्या बहुत कम थी. पर आज मल्टीप्लैक्स दौर में ऐसी बहुत सी फिल्में बन रही हैं, उन की चर्चा भी खूब होती है. दरअसल, समय में बदलाव के साथसाथ दर्शकों की सोच में भी बदलाव आया है, तभी तो लगातार ऐसी फिल्में बन रही हैं. कौमेडी का रूप नहीं बिगड़ा है. उस में वक्त के साथ बदलाव जरूर आया है.

आज की फिल्मों में अलग से कौमेडी करने वाले नहीं होते. क्या यह बदलाव इंड्रस्ट्री से इन को बाहर नहीं कर देगा?

टैलेंट कभी मारा नहीं जाता. आज के दौर में नए कौमेडी करने वाले बहुत से कलाकारों ने छोटे परदे का सहारा ले लिया है, लेकिन राजपाल यादव जैसे कलाकार आज भी फिल्मों में अपनी जगह बनाए हुए हैं और मैं भी लगातार काम कर रहा हूं. कोई भी अच्छी स्क्रिप्ट चाहे, वह फिल्मों की हो या टीवी शो की, मेरे पास आती है तो मैं उस में काम जरूर करता हूं.

जमाना स्लिमट्रिम और सिक्सपैक का है. पर आप लगातार अपना वजन बढ़ा रहे हैं. कभी वजन घटाने की सोची है?

दूसरों को हंसातेहंसाते जब मैं थक जाता हूं तो जम कर खाना खाता हूं. वैसे मुझे खाना तो पसंद है ही, लेकिन इतना नहीं जितना लोगों को मेरा वजन देख कर लगता है. वैसे भी जो ज्यादा हंसता है उस का वजन ज्यादा होता है और कौमेडियन वही अच्छे लगते हैं, जिन को सुनने से पहले देख कर ही हंसी आ जाए.

मैं कास्ट टाइप नहीं बनना चाहती

जीटीवी पर आ रहे मेगा शो ‘एक था राजा एक थी रानी’ में मां की भूमिका निभा रहीं मून बनर्जी से जब यह पूछा गया कि यंग ऐज में मां की भूमिका करने पर अगर आगे भी सिर्फ मां का रोल आप को मिला तो आप क्या करेंगी? तो मून का यह कहना था कि एक ऐक्टर के लिए ऐक्टिंग माने रखती है, किरदार नहीं. अगर आगे भी इस तरह के रोल औफर होते हैं तो मैं जरूर करूंगी. लेकिन कोशिश यही रहेगी कि कास्ट टाइप का ठप्पा न लगने पाए.

मुझे भी डर लगता है

परदे पर आग लगाने वाली को भी आग से डर लगता है, अस्मिता की बातें सुन कर तो ऐसा ही लगता है. धारावाहिक ‘फिर भी न माने बदतमीज दिल’ में मुख्य भूमिका निभा रहीं अस्मिता सूद को आग से डर लगता है, लेकिन शो के लिए शूट हो रहे एक सीक्वैंस के दौरान वे निडर थीं. इस सीन में मेहर(अस्मिता) को अपनी अनकही भावनाओं से भरी एक डायरी को जलाना था और तभी अबीर(पर्ल वी पुरी) आता है और अपना हाथ उस पर रखता है. लेकिन मेहर के पास उस डायरी को जला कर खत्म करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होता. उस सीन के बारे में अस्मिता ने बताया कि उन्हें बचपन से ही आग से डर लगता था पर इस सीन के लिए इतनी ताकत पैदा हो गई कि उसे एक ही टेक में पूरा कर लिया.

अमृता राव छोटे परदे की शरण में

बौलीवुड के सितारों का एकएक कर के छोटे परदे पर आना यह साबित करता है कि अगर अपनी दुकानदारी चलाते रहना है तो टीवी से नाता जोड़ लो. तभी तो सोनाक्षी, सलमान, माधुरी के बाद अब अमृता राव भी एक टीवी शो को होस्ट करने वाली हैं. कई दिनों पहले आई फिल्म ‘सत्याग्रह’ और ‘सिंह साहब द ग्रेट’ में आखिरी बार दिखीं अमृता ने वक्त की नजाकत को पहचाना और लोग उन्हें भूल जाएं इस से पहले टीवी टौक शो जौइन कर लिया. अभी इस शो के बारे में कुछ बताया नहीं जा रहा, लेकिन ज्ञात हुआ है कि ये सिंपली बातों के कौंसेप्ट जैसा ही होगा.

मोनो सोडियम ग्लूटामेट खतरनाक नहीं

डेली रूटीन में दालचावल खा कर जब व्यक्ति ऊब जाता है तब रुख करता है कुछ नए स्वादिष्ठ व्यंजनों की ओर, जिस में कुछ दिनों पहले तक सब से अधिक पौपुलर मैगी नूडल्स रहा है. वह कम दाम में जल्दी पकने वाला बेहतरीन औप्शन माना जाता रहा है, जिसे बच्चे से ले कर वयस्क तक सभी खाना पसंद करते थे. लेकिन मैगी में लैड (सीसा) और मोनो सोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) तय मात्रा से ज्यादा मिलने पर देश भर में हंगामा मचा. जबकि आजकल हर शहर, गांव व कसबे में ठेलों, रैस्टोरैंट और होटलों में बनने वाले व्यंजनों में एमएसजी का खूब प्रयोग होता है और शादीब्याह हो या पार्टी, हर जगह खाने में कैटरर्स मोनो सोडियम ग्लूटामेट मिला कर खाने को स्वादिष्ठ बनाते हैं. लेकिन नूडल्स पर हुए हंगामे ने इस बात को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि आखिर मोनो सोडियम ग्लूटामेट हमारे खाने में कितना जरूरी है.

स्वाद बढ़ाए एमएसजी

मोनो सोडियम ग्लूटामेट का प्रयोग आज से करीब 100 साल पहले से भोजन को जायकेदार बनाने के लिए होता आया है और इस लंबी अवधि में उस की भूमिका, लाभ और सुरक्षा को ले कर कई विस्तृत अध्ययन भी हुए हैं. अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय निकायों का मानना है कि एमएसजी स्वाद बढ़ाने वाले तत्त्व के रूप में मनुष्यों के लिए सुरक्षित है. इस का व्यापारिक नाम अजीनोमोटो, वेटसिन और एसेंट है. इस के बारे में हैदराबाद के इंडियन काउंसिल औफ मैडिकल रिसर्च, नैशनल इंस्टिट्यूट औफ न्यूट्रिशन के पूर्व निदेशक और न्यूट्रिशनिस्ट डा. बी. शशिकिरन कहते हैं कि पैकेटबंद खाद्यपदार्थों में मोनो सोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) की स्वीकार्य सीमा को ले कर काफी चर्चाएं हो चुकी हैं. भोजन का स्वाद बढ़ाने वाले इस तत्त्व को सब को समझना जरूरी है. दरअसल, ग्लूटामेट एक ऐसा अमीनो अम्ल है, जो नैसर्गिक तौर पर शरीर में मौजूद रहता है. मोनो सोडियम ग्लूटामेट प्राकृतिक तौर पर उत्पन्न होने वाले ग्लूटामेट का ही दूसरा रूप है और यह अधिकतर प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों जैसे मांस, दूध, मशरूम और कुछ सब्जियों जैसे टमाटर, मटर और मक्के में पाया जाता है.

उचित मात्रा खतरनाक नहीं

एमएसजी युक्त खाद्यपदार्थों के जरीए लोग जितने ग्लूटामेट का सेवन करते हैं, उस की मात्रा प्राकृतिक उत्पादों के जरीए लोगों द्वारा सेवन किए जाने वाली मात्रा के बराबर ही होती है. खाने में यह कितना सुरक्षित है? पूछे जाने पर डा. शशिकिरन कहते हैं कि विश्व स्तर पर सभी ने इस के सेवन को सुरक्षित माना है. वैज्ञानिक समुदाय और वर्ल्ड हैल्थ और्गेनाइजेशन जैसी अंतर्राष्ट्रीय विनियामक संस्थाओं के बीच इस बात को ले कर एक राय है कि उचित मात्रा में एमएसजी का उपयोग खतरनाक नहीं. 1988 में एमएसजी के खाद्यपदार्थों की जांच के लिए बनी एफओ/डब्ल्यूएचओ की संयुक्त टीम जेईसीएफए ने भी इस की जांच की और निष्कर्ष निकाला कि हमारे खाने में उत्पन्न होने वाले ग्लूटामेट की मात्रा हमारे शरीर में पैदा होने वाले ग्लूटामेट की तुलना में काफी कम होती है और दोनों ही ग्लूटामेट एक ही ढंग से पचते हैं. दिलचस्प बात यह है कि ऐसा माना जाता है कि एमएसजी में भरपूर मात्रा में सोडियम पाया जाता है, लेकिन वास्तव में इस में हमारे सामान्य नमक के मुकाबले एक तिहाई से भी कम सोडियम होता है. जब भी किसी व्यंजन में एमएसजी का प्रयोग किया जाता है, तो उस में सामान्य से कम नमक की जरूरत होती है, जिस से कुल सोडियम की मात्रा कम हो जाती है. आजकल कई प्रकार के डब्बाबंद और प्रोसेस्ड फूड का इस्तेमाल किया जाता है. इस की वजह यह है कि ये सुविधाजनक होते हैं. ऐसे फूड्स से जुड़ी खास बात यह भी है कि उन्हें बनाने वाले हमेशा उन्हें पोषक और सेहत के लिहाज से फायदेमंद बनाने के लिए नए तरीके तलाश करते रहते हैं. लेकिन उपभोक्ता के तौर पर हमें भी उन की गुणवत्ता के बारे में काफी कुछ जानने की आवश्यकता है और कोई भी विकल्प चुनते वक्त हमें सिर्फ वैज्ञानिक और तार्किक प्रमाणों पर ही भरोसा करना चाहिए.

‘बिग बौस 9’ की टीम तैयार

रोमांस, रोमांच, धोखा और गालियों की खिचड़ी ‘बिगबौस 9’ पकने के लिए तैयार है. उस के प्रतिभागियों में कई लोगों का नाम आ रहा है पर होस्ट के नाम पर मुहर लग गई है. यह पक्का है कि सलमान ही शो को होस्ट करेंगे. कुछ दिनों पहले यह खबर आई थी कि ग्लैमर की जीतीजागती देवी राधेमां शो में हिस्सा लेंगी. लेकिन अभी रेप केस में सजा काट चुके शाइनी आहूजा, कपिल के शो की गुत्थी सुनील ग्रोवर, हाउसिंग डौटकौम के एक्स सीईओ राहुल यादव, अभिनेत्री सना सईद, रश्मि देसाई, आशा नेगी, साउथ फिल्म एक्ट्रैस और वेश्यावृत्ति में पकड़ी गई श्वेता बासु प्रसाद और वीजे बानी के नाम सामने आ रहे हैं. पर वे फाइनल प्रतिभागी होंगे यह नहीं कहा जा सकता.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें