चिली बेबीकौर्न

सामग्री : 11/2 बड़े चम्मच कौर्नफ्लोर, 11/2 बड़े चम्मच मैदा, 125 ग्राम बेबीकौर्न कटा, 2 छोटे चम्मच सोया सौस, 21/2 बड़े चम्मच टोमैटो सौस, 2 छोटे चम्मच चिली सौस, 1/2 बड़ा चम्मच सिरका, 4-5 लंबे टुकड़ों में कटी हरीमिर्च, 1/2 इंच टुकड़ा अदरक, 1 छोटा चम्मच अजीनोमोटो, 1 छोटा चम्मच चीनी, 1/4 छोटा चम्मच नमक, 1/4 छोटा चम्मच कालीमिर्च, मक्खन जरूरत के अनुसार.

विधि : मैदा, कौर्नफ्लोर और नमक का गाढ़ा घोल तैयार कर लें. मक्खन में बेबीकौर्न को अच्छी तरह भून लें. तैयार घोल में बेबीकौर्न के टुकड़े डिप कर के डीप फ्राई करें. थोड़ा सा तेल गरम कर के अदरक, हरीमिर्च को भूनें. इस में सोया सौस, अजीनोमोटो, नमक, कालीमिर्च, चिली सौस, टोमैटो सौस और सिरका डाल कर कुछ देर तक मिलाएं. अब 2 बड़े चम्मच पानी और फ्राइड बेबीकौर्न डाल कर थोड़ी देर पका कर गरमगरम सर्व करें.

 

आलिया तो बच्ची है

अपनी बैटरहाफ के साथ हनीमून बिता कर आए शाहिद कपूर इन दिनों जहां भी जाते हैं पत्नी मीरा के साथ ही जाते हैं. पिछले दिनों लैक्मे फैशन वीक में यह जोड़ी रैंप पर वाक करती नजर आई. फिल्म ‘शानदार’ की अपनी हीरोइन आलिया के बारे में शाहिद का कहना था कि इस फिल्म में शूटिंग के दौरान वह एक उत्साही बच्ची की तरह बिहेव करती रही. फिल्म के बारे में शाहिद ने बताया कि ‘शानदार’ एक हलकीफुलकी फिल्म है. जब फिल्म की शूटिंग शुरू हुई तब तक इस फिल्म के निर्देशक विकास बहल की ‘क्वीन’, आलिया की ‘हाइवे’ और मेरी ‘हैदर’ रिलीज नहीं हुई थी. इसलिए जब हम सब एकसाथ इस फिल्म के लिए आए तो उत्साह उतना नहीं था, लेकिन आलिया इस फिल्म के लिए बहुत उत्साहित थी.

करीना करना चाहती हैं ताता थैया…

बेगम करीना कपूर की बचपन से ही क्लासिकल डांस सीखने की इच्छा है. वे पूर्ण रूप से कत्थक डांस में पारंगत होना चाहती हैं और भविष्य में प्रोफेशन के रूप में क्लासिकल डांस को अपनाना चाहती हैं. इस समय बेबो अर्जुन कपूर के साथ आर. बाल्की की फिल्म ‘की एंड का’ की शूटिंग में बिजी हैं. पतिपत्नी के किरदार में दोनों इस फिल्म में पहली बार सिल्वर स्क्रीन शेयर करते दिखेंगे. फिल्म की कहानी में पत्नी नौकरी करेगी और पति घरेलू काम करेगा, मगर दोनों के बीच एक प्यारी सी लव स्टोरी भी है.

आरक्षण तो इन्हें दो

आरक्षण की आग में अब मोदी का गुजरात एक बार फिर सुलगने लगा है. हार्दिक पटेल उस जमात का नेता बन कर उभरा है जो खासी बड़ी है, पैसे वाली है पर जिस का सरकारी नौकरियों में दखल कम है और जिसे पैसे के बावजूद सामाजिक मान्यता में बराबर नहीं समझा गया है. जैसे धार्मिक नियमों के सहारे औरतों का आत्मविश्वास छीना जाता है, वैसे ही धर्मजनित जाति और वर्ण के नियमों से, शरीर से मजबूत, मेहनतकश और संख्या में कहीं ज्यादा गैर सवर्णों को शिक्षा और बराबरी की तमाम बातों के बावजूद आज भी सामाजिक सीढ़ी पर कहीं नीचे खड़े होने पर मजबूर किया जाता है.

इन पिछड़ी व निचली जातियों को थोड़ाबहुत लाभ आरक्षण से हो रहा है पर इस तरह का आरक्षण उन्हीं जातियों की औरतों को नहीं मिल रहा जो शिक्षा में और ज्यादा पीछे हैं और जिन पर ऊंची जातियों का ही नहीं, अपनी जातियों का भी जुल्म होता है. असल आरक्षण इन औरतों को मिलना चाहिए. पटेलों, यादवों, मराठों, जाटों के लिए जो आरक्षण मांगा जा रहा है वह केवल इन जातियों की औरतों के लिए होना चाहिए ताकि वे घर व बाहर नए वातावरण का निर्माण कर सकें. इस प्रकार का आरक्षण दूसरी जातियों को खलेगा भी नहीं, क्योंकि वे पहले दबंग जातियों के जुल्मों का शिकार रहे हैं पर उन के मर्दों के जुल्मों के, औरतों के नहीं. वे औरतों के लिए आसानी से जगह बनाने में तैयार हो जाएंगे. ऊंची जातियों की औरतों को फिर भी जगह मिल रही है और जनरल कोटे में वे खासी जगह बना रही हैं. वे वैसे भी पढ़लिख कर आजाद हो गई हैं. हार्दिक पटेल अगर औरतों के लिए अतिरिक्त आरक्षण मांगें तो आसानी से मिल भी जाएगा और उस जाति की औरतें पढ़लिख कर ऐसे बच्चों को बढ़ा सकेंगी जिन्हें आरक्षण का लालच ही नहीं रहेगा.

औरतों को अब तक जो आरक्षण मिल रहा है वह खानापूर्ति वाला है. वहां से औरतें कैरियर नहीं बना पा रहीं. वे केवल कुछ समय के लिए मर्दों की कठपुतलियां बनी रहती हैं. असल आरक्षण तब होगा जब 50% आरक्षण में पूरा आधा दबी जातियों की औरतों को मिले. हार्दिक पटेल को अतिरिक्त मिलता है या नहीं, यह देखा जाएगा.

सफर सुहाना मौसम मस्ताना

प्र.1. मेरा हाल ही में जबलपुर ट्रांसफर हुआ. मैं अपने पूरे परिवार के साथ जबलपुर के आसपास किसी टूरिस्ट प्लेस जाना चाहता हूं? कृपया मुझे सलाह दें.

उ. जबलपुर शहर के आसपास प्राकृतिक खूबसूरती का खजाना है. खासतौर पर यदि आप जंगल के शांत जीवन और जंगली जानवरों मसलन बाघ, हिरण और पशुपक्षियों की अनोखी प्रजातियों को देखने का आनंद उठाना चाहते हैं तो शहर से लगभग 129 किलोमीटर की दूरी पर कान्हा नैशनल टाइगर रिजर्व है. यहां जहां एक तरफ बाघ देखने के लिए जंगल सफारी सफर को रोमांचित?कर देती है वहीं दूसरी तरफ क्लब महिंद्रा का खूबसूरत रिजौर्ट आपके सफर को कम्फर्ट से भर देता है. इस रिजौर्ट में आप खाने के साथ अन्य एक्टीविटीज का भी आनंद उठा सकते हैं.

प्र.2. रोड ट्रिप के दौरान किस तरह का भोजन किया जाए कि पेट दर्द, मतली और घबराहट का सामना न करना पड़े?

उ. यदि रोड ट्रिप है तो हल्का भोजन करें. यदि यात्रा के मध्य में भोजन करना है तो कोशिश करें की अच्छे रेस्तरां का ही चुनाव करें. अच्छी जगह अच्छा भोजन मिलेगा जो आप की सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाएगा. साथ ही वौमिटिंग पिल्स भी रखें.

प्र.3. क्लब महिंद्रा के होटल बुकिंग कराने के बाद चैक इन करने पर कौन से डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता पड़ती है?

उ. एक बार रूम रिजर्वेशन सुनिश्चित होने के बाद आप को अपने साथ कनफर्मेशन वाउचर, बुक किए हुए रिपौर्ट का फैक्टफाइंडर लिंक का मेल, अपना मैंबरशिप कार्ड और फोटो आइडैंटिटी कार्ड रखना जरूरी है.

प्र.4. क्या रिजौर्ट में पेट्स को लाया जा सकता है?

उ. नहीं, रिजौर्ट में पैट्स की एंट्री नहीं की जाएगी.

घर हराभरा

जब आप पौधे लगाते हैं उन की खूबसूरती, सुगंध व महक यह तो नहीं देखती कि आप अपने घर में रहते हैं या किराए के घर में. घर तो घर है और वह तभी सुख देता है जब उस के आसपास हरियाली हो. घर के बैडरूम में बड़ी सी खिड़की के सामने बैठ कर आप अपनी बगिया का आनंद ले सकें, जिस में फूलों की भीनी खुशबू हो, पेड़पौधों की ताजगीहो, फलों की मीठी महक हो, तो घर से मिलने वाला सुकून लाजवाब हो जाता है. दरअसल घर की सजावट के साथसाथ ये पेड़पौधे स्फूर्ति, ताजगी और ठंडक भी प्रदान करते हैं.

डा. रेखा आनंद का अपना अस्पताल है, लेकिन घर हो या अस्पताल डा. रेखा आनंद का बागबानी के प्रति शौक सिर चढ़ कर बोलता है. इसीलिए उन्होंने जब भी कभी घर बदला या कभी अस्पताल शिफ्ट किया तो आसपास के वातावरण को वरीयता दी. पूर्वी दिल्ली के 50 बिस्तर के आनंद अस्पताल को खोलते समय उन्होंने इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि अस्पताल में जहां उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएं, वहीं अंदरबाहर सजीव, स्वास्थ्यवर्धक वातावरण भी हो. धूलमिट्टी को अपने में समाहित करती सदाहरित, बोगनविलिआ के पौधे लगाए, जो सुंदर परदों का काम भी देते थे. रंगीन मनमोहक पत्तों वाले क्रोटन के पौधे अपनी मनोहारी छटा बिखेरते थे. कमरों में इनडोर सजावटी पौधे रखे तो गुलदान में मौसमी फूल भी.

ठंडक, ताजगी और सजीवता प्रदान करने का उन का यही जज्बा तब भी काम आया जब उन्होंने चंडीगढ़ 3 कनाल के घर में शिफ्ट करना चाहा. सब से पहले प्लानिंग की. गेट के बाहर लगे पेड़ों के इर्दगिर्द गोल ईंटों के दायरे बनवाए. मिक्स्ड फार्मिंग वाले कौंसैप्ट को अपना कर फूलों के साथ पेड़ों के इर्दगिर्द बेलें चढ़ाईं. इकहरे तन की रंगून लता (कुईसकुआलिस इंडिका) तो सारा वर्ष उन के हरेभरे घर का आभूषण बनी रहती है. र उन की प्लानिंग का हिस्सा बना ड्राइव इन. वहां उन्होंने दोनों ओर कोचिया के पौधे गमलों में सजाए. पोर्च तक गाड़ी पहुंचतेपहुंचते नजर 3 स्टैप्स के आयरन स्टैंड पर सब से ऊपर रखे क्रोटन के चिकने रंगदार पत्तों के गमले, दूसरे स्टैप पर ऐसपैरागस के पौधों और सब से नीचे कोलियस ब्लूमी के सजावटी पौधों पर इस प्रकार पड़ती है कि देखने वाला ठिठक कर रह जाता है.

औषधीय गुणों वाले पौधे

इस के बाद पिछले भाग यानी किचनगार्डन के लिए हराभरा बगीचा बना, जहां बैठ कर दिन की धूप और शाम की ठंडक का मजा लिया जा सके. बाकी बची जमीन में ईंटों की सहायता से वर्गाकार, आयताकार व गोल टुकडि़यां काटी गईं, जिन में औषधीय गुणों वाले पौधे उगाए गए. सर्वगंधा का पौधा डाक्टर आनंद केरल से लाई थीं. उस के पत्ते ऐसे हैं कि पत्ते का टुकड़ा मुंह में डाला जाए तो दालचीनी, लौंग, जायफल और गरम मसाले का स्वाद मुंह में एकसाथ जाता है. डाक्टर होने के साथ वे कुशल गृहिणी भी हैं, इसलिए उन्होंने बाग में धनिया, प्याज व अन्य सब्जियों के पौधे भी लगाए. इन्सुलिन का पौधा भी उन के हर्बल गार्डन में है. इस पौधे के 2 पत्ते खाने पर डायबिटिक व्यक्ति के शरीर में इन्सुलिन की आवश्यकता पूरी हो जाती है. यह पौधा गरमी का पौधा है. इसे भी डाक्टर रेखा केरल से लाई थीं.

दिल्ली स्थित पूसा इंस्टीट्यूट में सब्जी विभाग के वैज्ञानिक डाक्टर तुषार का कहना है कि छाया में कुछ फूलों व सब्जियों का विकास नहीं होता. उन्हें कम से कम 6 घंटे की खुली धूप चाहिए होती है. इसलिए यदि आप किसी ऐसे घर में हैं जहां खुली छत है तो आप उसे टैरेस गार्डन में परिवर्तित कर के घर को हराभरा रखने का शौक बड़ी आसानी से पूरा कर सकती हैं. इस में थोड़ी दिक्कत मिट्टी की रहती है और दूसरी पानी की. सब्जियां, सब्जियों के अनुरूप गमलों में मिट्टी भर कर लगानी चाहिए. गमलों में ब्रोकली, गंडगोभी, गंगाजमुनी गोभी, पत्तेदार चायनीज सलाद, टमाटर और बैगन लगा सकते हैं. यही नहीं, यदि बड़ा आयताकार सीमेंट का गमला हो या फिर खाली पड़े टायर तो उन में भी 9 इंच मिट्टी डाल कर बड़ी सुगमता से पालक, प्याज, लहसुन के पौधे लगाए जा सकते हैं. घर के वेस्ट पानी का सदुपयोग भी इन पौधों में बखूबी किया जा सकता है. छत्त की दीवार पर यदि खाली फलों की पेटियों में प्लास्टिक की शीट लगा कर उन में मिट्टी भर कर धनिया लगा दी जाए, तो दीवार की खूबसूरती के साथसाथ, खुशबूदार धनिया भी प्राप्त होगी. इस के साथ ही इस टैरेस गार्डन में लान छतरी लगा कर, इर्दगिर्द कुरसियां रख कर जलपान का आनंद लिया जा सकता है.

टैरेस की खूबसूरती में डेलिया, गुलदाऊदी, गुलाब जैसे पौधे चार चांद लगा सकते हैं. पौधों की देखभाल भी जरूरी है और पानी का समुचित प्रबंध भी. पूसा कृषि अनुसंधान के वरिष्ठ सेवा निवृत्त वैज्ञानिक डाक्टर सिरोही का मानना है किराए का घर चाहे छोटा हो, बड़ा हो या फ्लैट हो, महिलाएं उस में अपने बागबानी के शौक को बरकरार रख सकती हैं. स्थान छोटा है तो प्लानिंग जरूरी है. यदि निवास ग्राउंड फ्लोर पर हो व आगेपीछे जगह हो तो नीचे कच्ची जगह पर क्यारियां बनाएं अन्यथा गमलों में मनपसंद पौधे लगाएं. लेकिन यह सब इस पर निर्भर करता है कि आप किराए का मकान कितने समय के लिए ले रहे हैं. जितने समय रहना हो उतने समय के अनुसार ही बागबानी की प्लानिंग करें.                  

बनी रहे फूलों की मुसकान

घर सजाने की बात आती है, तो सब से पहले ध्यान फूलों की तरफ ही जाता है. जाए भी क्यों न, फूलों की सजावट से घर में सकारात्मक ऊर्जा जो आती है. ताजे फूल घर में खुशहाली लाते हैं. आइए, जानते हैं इन्हें तरोताजा कैसे रखा जाए-

फूल खरीदते समय ध्यान रखें कि वे ताजा हों. मुरझाए हुए फूल कदापि न खरीदें.

अगर फूल वाले के यहां फूल बेतरतीबी से फर्श पर पड़े हों या फिर गरम जगह में रखे हों तो ऐसे फूल जल्दी खराब होंगे. अत: इन्हें न खरीदें.

अगर आप खुद अपने बगीचे से फूल चुन रही हों तो जितनी सुबह चुनेंगी, उतना ही अच्छा होगा, क्योंकि सुबह के समय फूलों में पानी की मात्रा सारे दिन की अपेक्षा अधिक होती है.

एक बरतन में हलका गरम पानी लें. फिर फूलों को काटते ही उन के तने इस में डालती जाएं. इस से फूलों की ताजगी बनी रहेगी.

फ्लावर पौट में डालने से पहले फूलों के डंठल आधा इंच काट लें. ऐसा करने से तने को पानी सोखने में आसानी होती है.

कुछ फूलों के डंठल काटने पर दूध जैसा तरल पदार्थ निकलता है. यह तरल पदार्थ तने को पानी सोखने से रोकता है. अत: इन्हें नीचे से लगभग 2 इंच तक 1 मिनट तक उबलते पानी में रखें. दूध जैसा तरल पदार्थ निकलना बंद हो जाएगा.

जिस पानी में फूलों को रखना हो उन में पत्ते न हों. पत्ते पानी में बैक्टीरिया उत्पन्न करते हैं, जिस से फूल जल्दी खराब हो सकते हैं.

अगर आप फूलों को अधिक देर तक ताजा रखने के लिए किसी तरह का प्रिजर्वर इस्तेमाल करती हैं, तो उसे पहले गरम पानी में डालें और फिर उस पानी का प्रयोग फूलों को रखने के लिए करें. कुछ लोग इस के लिए ऐस्प्रिन का इस्तेमाल भी करते हैं.

अपने फ्लावर पौट को हमेशा साफ रखें. उसे साफ करने के लिए साबुन और हलके गरम पानी का प्रयोग करें. गंदे फ्लावर पौट भी बैक्टीरिया पैदा करते हैं. 

गुणों की खान तुलसी

तुलसी का पौधा आप के घर की शोभा ही नहीं बढ़ाता बल्कि आप की सेहत को भी दुरुस्त रखने में सहायक है. जानिए, कैसे…

हम तुलसी को सिर्फ एक पौधे के रूप में ही देखते हैं, लेकिन तुलसी का पौधा औषधि का भी काम करता है. इस की जड़, तना, पत्ती तथा बीज उपयोगी होते हैं. यह प्रकृति की एक अनूठी देन है. इस के ऐंटी बैक्टीरियल और ऐंटीफंगल गुण इन्फैक्शन से बचाते हैं. यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक है और सर्दी, जुकाम व बुखार जैसी बीमारियों में राहत दिलाती है. इस के रस में थाइमोल तत्त्व पाया जाता है जिस से त्वचा के रोगों में लाभ होता है.

तुलसी के कई प्रकार हैं:

कृष्णा तुलसी/श्यामा तुलसी.

रामा तुलसी.

वाना तुलसी.

हरी तुलसी.

जानते हैं तुलसी हमारे लिए किसकिस प्रकार से उपयोगी है:

बीमारियों से सुरक्षा

तुलसी गले व श्वास प्रणाली के संक्रमण, नाक के घावों, कान के दर्द, मूत्र विकार, आंतों के बुखार, मौसमी बुखार व जुकाम जैसी समस्याओं में राहत दिलाती है.

त्वचा व बालों के लिए लाभदायक

इस में ऐंटीबैक्टीरियल और ऐंटीफंगल गुण होते हैं जो हमारे रक्त को प्यूरीफाई करते हैं. इस से मुंहासे और दागधब्बों की समस्या दूर होती है और स्वस्थ व चमकदार त्वचा मिलती है. यह बालों का झड़ना भी कम करती है. इस के पाउडर को नारियल के तेल में मिला कर लगाने से झड़ते बालों की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है. इस की पत्तियों का रस निकाल कर बराबर मात्रा में नीबू के रस में मिला कर लगाने से फुंसियों में राहत मिलती है और चेहरे की रंगत में भी निखार आता है.

खून की सफाई

तुलसी के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. तुलसी के नियमित सेवन से खून में पाई जाने वाली अशुद्धियों का सफाया करने में सहायता मिलती है. इस के नियमित सेवन से शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है. इतना ही नहीं, तुलसी की पत्ती नैचुरल माउथफ्रैशनर का भी काम करती है और यदि इस को चाय में डाल कर प्रयोग किया जाए तो औषधि का काम करती है.

रखे तनावमुक्त

तुलसी के पत्तों में तनावरोधी गुण भी पाए जाते हैं. हाल में हुए शोध से पता चला है कि तुलसी तनाव से बचाती है. यह थकान मिटाने वाली एक औषधि है. इस से शरीर की रोगप्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है और इस का कोई साइड इफैक्ट भी नहीं होता. तुलसी के गुणकारी तत्त्वों का लाभ लेना अब और भी आसान है क्योंकि और्गेनिक इंडिया की ग्रीन टी के साथसाथ इस के अन्य उत्पादों में भी तुलसी का प्रयोग होता है.                  

सौंदर्य समस्याएं

मैं 18 वर्षीय युवती हूं. मेरी समस्या यह है कि मेरी त्वचा का रंग तो साफ है पर हाथों, चेहरे और गले का रंग सांवला हो गया है. मुझे अपने चेहरे, हाथों और गले का रंग निखारने का कोई उपाय बताइए? साथ ही ऐसा कोई उपाय भी बताइए जिस से त्वचा पर इंस्टैंट ग्लो आ जाए?

हमारे शरीर का वह हिस्सा जो ऐक्सपोज रहता है और धूप, धूल, प्रदूषण के संपर्क में आता है वह गहरे रंग का हो जाता है. चेहरे, हाथों और गले का रंग निखारने के लिए आप चेहरे पर नीबू का रस आधे घंटे के लिए लगाएं और बाद में ठंडे पानी से धो दें. चेहरे को धोने के बाद मौइश्चराइजर लगाना न भूलें क्योंकि नीबू की प्रकृति रूखेपन वाली होती है. आप चाहें तो ठंडे दही का प्रयोग भी कर सकती हैं. साथ ही टमाटर का रस, आलू का रस भी त्वचा के रंग को साफ करने में मददगार होता है.

मैं 17 वर्षीय छात्रा हूं. मेरे चेहरे पर काफी पिंपल्स हो रहे हैं. साथ ही मेरी नाक के आसपास ब्लैकहैड्स भी हैं, जिस से मेरी नाक भद्दी दिखती है. मैं ने बहुत कुछ ट्राई किया है पर कोई लाभ नहीं हुआ. मुझे कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएं, जिस से मेरा चेहरा भी साफ हो जाए और ब्लैकहैड्स से भी छुटकारा मिल जाए?

इस आयु में हारमोनल बदलाव के कारण पिंपल्स की समस्या हो जाती है. साथ ही कई लोगों की त्वचा औयली होती है और साफसफाई के अभाव में पिंपल्स होने लगते हैं. पिंपल्स से छुटकारा पाने के लिए नीमयुक्त फेसवाश का प्रयोग करें. नीम ऐंटीबैक्टीरियल होता है, इसलिए पिंपल्स के विकास को रोकने में मदद करता है. ब्लैकहैड्स से छुटकारा पाने के लिए दहीसूजी का पैक ब्लैकहैड्स पर लगाएं. पैक लगाने से पहले हलके गरम पानी में कौटन को डुबो कर नाक पर रखें. इस से ब्लैकहैड्स निकलने में आसानी होगी.

मैं कालेज गोइंग छात्रा हूं. मेरी समस्या यह है कि मेरी आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स हो गए हैं. इन्हें हटाने का कोई घरेलू उपाय बताएं.

आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स की समस्या नींद पूरी न होने, अधिक समय तक टैलीविजन देखने व कंप्यूटर, मोबाइल का प्रयोग करने के कारण भी होती है. डार्क सर्कल्स को दूर करने के लिए सोते समय आंखों के नीचे बादाम का तेल या बाजार में मिलने वाला अंडर आईजैल लगाएं. इस के अलावा आप अंडर आईपैक का भी प्रयोग कर सकती हैं. इस के लिए मैदे में कच्चा दूध और दाल का पानी मिला कर पैक बनाएं और आंखों के नीचे लगाएं. सूखने पर धो दें. इस से लाभ होगा.

मैं एक कामकाजी महिला हूं. मेरी स्किन औयली है और बारिश के मौसम में चिपचिपी हो जाती है, जिस की वजह से चेहरा बेजान दिखता है. मुझे ऐसा कोई उपाय बताएं जिस से चेहरे की तैलीयता कम हो जाए और चेहरा चमकदार लगे?

चेहरे पर चंदन व गुलाबजल का पेस्ट लगाएं व सूखने पर ठंडे पानी से धो दें. इस से औयल कंट्रोल होगा और चेहरे की त्वचा चिपचिपी नहीं लगेगी. चाहें तो नीम व तुलसी के पत्तों को उबाल कर बनाए गए पानी में मुलतानी मिट्टी मिला कर पैक बनाएं और चेहरे पर लगाएं. यह चेहरे का अतिरिक्त तेल सोख लेगा और चेहरा ग्लो करेगा. फेसवाश वह प्रयोग करें जो औयलफ्री हो. इस के अलावा पानी अधिक से अधिक पीएं. फायदा होगा.

मैं 24 वर्षीय युवती हूं. मेरी समस्या मेरे होंठों को ले कर है. मेरे होंठ काफी मोटे हैं, जिस से चेहरे की खूबसूरती खराब हो जाती है. ऐसा कोई उपाय बताएं, जिस से मैं अपने होंठों को पतला दिखा सकूं?

टे होंठों को मेकअप द्वारा पतला दिखाया जा सकता है. इस के लिए आप नैचुरल लिपलाइन को छिपाने के लिए फाउंडेशन का प्रयोग पूरे होंठों पर करें. फिर मनचाही आउटर लाइन खींचें और लाइट  शेड की लिपस्टिक से फिलिंग करें. ऐसा करने से आप के होंठ पतले दिखेंगे.

मैं 30 वर्षीय महिला हूं. मेरे बाल हमेशा चिपचिपे और रूखे दिखते हैं, जिस की वजह से कोई भी हेयरस्टाइल अच्छा नहीं दिखता. बालों को चमकदार और खिलखिला दिखाने का कोई घरेलू उपाय बताएं?

सब से पहले आप वह शैंपू प्रयोग करना बंद कर दें, जो अधिक मौइश्चर बेस्ड हो. ऐसा शैंपू बालों को अधिक औयली दिखाता है. बालों को हमेशा ठंडे पानी से धोएं, ज्यादा गरम पानी का प्रयोग न करें. सिर की त्वचा पर कंडीशनर का प्रयोग न करें. डाइट प्रोटीनयुक्त लें यानी दाल, हरी सब्जियों, सोयाबीन को भोजन में शामिल करें. प्रोटीन की कमी बालों को बेजान व चमकरहित बनाती है. घर से बाहर निकलते समय बालों को ढक कर निकलें. बालों को धोने के बाद सूखने से पहले कस कर न बांधें. इस से बालों में पसीना आता है और बाल चिपचिपे हो जाते हैं.

-समाधान ब्यूटी ऐक्सपर्ट परमजीत सोई के सहयोग से.

घीया बोट

सामग्री

1 घीया लंबा व पतला

2 बड़े चम्मच उबले कौर्न

2 बड़े चम्मच बारीक कटी गाजर

1 बड़ा चम्मच बारीक कटी शिमलामिर्च

2 बड़े चम्मच बारीक कटी लाल व पीली शिमलामिर्च

थोड़े से सलादपत्ते

1 बड़ा चम्मच टोमैटो सौस

1 बड़ा चम्मच मेयोनीज सौस

2 बड़े चम्मच चीज स्प्रैड

2 बड़े चम्मच मक्खन

1 चुटकी सफेद मिर्च का पाउडर

नमक स्वादानुसार.

विधि

घीया को छील कर ऊपर से लंबाई में थोड़ा सा हिस्सा काट लें. कटे हिस्से से चाकू की सहायता से सारा गूदा निकाल दें. अब इस घीया को 1/2 घंटा कुनकुने नमक मिले पानी में डाल कर रख दें. दोनों सौस, मक्खन, नमक व कालीमिर्च एक बाउल में मिलाएं. फिर इस में सारी कटी सब्जी मिला दें. घीया को पानी से निकाल कर तौलिए से पोंछ कर पानी सुखा लें. अब सारी तैयार सब्जी इस में भरें, ऊपर से थोड़ा चीज व सफेद मिर्च पाउडर बुरकें तथा घीया को नर्म होने व चीज के भूरा होने तक ग्रिल कर लें. गरमगरम परोसें.

टमाटर खट्टेमीठे

सामग्री

1 उबला आलू

1 छोटा चम्मच मीठी सोंठ चटनी

1 छोटा चम्मच चाटमसाला

1/4 कटोरी मसला पनीर

11/2 छोटा चम्मच पिसी चीनी

1 चुटकी छोटी इलाइची पाउडर

6 टमाटर ताजे व सख्त

हरीमिर्च सजाने के लिए.

विधि

उबला आलू बारीक काट लें और उस में सोंठ चटनी व चाटमसाला मिला लें. पनीर में चीनी व इलाइची पाउडर मिला कर मसल लें. टमाटरों के ऊपर का हिस्सा काट लें और उन्हें बीच में से खाली कर लें. खाली जगह में नीचे पनीर व ऊपर आलू भरें और सब से ऊपर पनीर लगा कर खुला मुंह बंद कर दें. उस के ऊपर एक हरीमिर्च का छल्ला रख दें. इन टमाटरों के बाहरी हिस्से में मक्खन चुपड़ कर 3-4 मिनट के लिए माइक्रोवेव में बेक कर लें और गरमगरम परोसें.

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