लैबनीज पफ

सामग्री

1/2 कप आटा, 1/2 कप मैदा , 2 छोटे चम्मच घी मोयन के लिए, 1/2 कप पालक बारीक कटा, 1/2 कप फूलगोभी बारीक कटी, 2 बड़े चम्मच गाजर कद्दूकस की, 1/2 कप बेबी कौर्न कद्दूकस किए, 1/2 छोटा चम्मच कालीमिर्च पाउडर, 1/2 छोटा चम्मच अदरक व हरीमिर्च पेस्ट, 1 छोटा चम्मच चाटमसाला, नमक स्वादानुसार.

विधि

मैदे और आटे को मिक्स कर मोयन डाल कर पानी से गूंध लें. फिर 10 मिनट ढक कर रखें. भरावन की सारी सामग्री को मिलाएं. छोटे समोसों के बराबर पतली चपातियां बेलें. बीच से काटें और समोसे की तरह फोल्ड कर के बीच में भरावन भर कर बंद कर दें. 10 मिनट भाप में पकाएं और फिर चटनी के साथ गरमगरम सर्व करें.

स्प्राउटेड कुलचा

सामग्री

4 कुलचे, 100 ग्राम मक्खन, 1 कप हरी, लाल व पीली शिमलामिर्च बारीक कटी , 100 ग्राम अंकुरित मूंग , 100 ग्राम अंकुरित मोठ , 2 बड़े चम्मच प्याज बारीक कटा , 1 हरीमिर्च बारीक कटी , 1 बड़ा चम्मच धनियापत्ती बारीक कटी , 1 छोटा चम्मच जीरा , 1 छोटा चम्मच चाटमसाला , 1 छोटा चम्मच रिफाइंड औयल, 1/4 कप धनियापत्ती चटनी, नमक स्वादानुसार.

विधि

एक नौनस्टिक पैन में रिफाइंड औयल डाल कर उस में जीरे का तड़का लगा कर दोनों अंकुरित दालें डाल दें. 1 मिनट उलटेंपलटें. फिर इस में 1 बड़ा चम्मच पानी डाल कर धीमी आंच पर पकाएं. पानी सूखने पर प्याज, शिमलामिर्च, हरीमिर्च, धनियापत्ती, चाटमसाला व नमक मिलाएं. भरावन की सामग्री तैयार है. धनियापत्ती चटनी में 1 बड़ा चम्मच मक्खन मिला कर कुलचों पर लगाएं. एक कुलचे पर भरावन की सामग्री रखें और दूसरे से ढक दें. ऊपर से मक्खन लगा कर ग्रिल्ड टोस्टर में लाललाल सेंक लें. सौस के साथ सर्व करें.

 

रशियन सैंडविच

सामग्री

8 ब्राउन ब्रैडस्लाइस द्य 2 बड़े चम्मच हैंग कर्ड द्य 3 बड़े चम्मच फेंटी मलाई द्य 2 बड़े चम्मच गाजर कद्दूकस की द्य 1/4 कप पत्तागोभी बारीक कटी द्य 1/3 कप हरी, पीली व लाल शिमलामिर्च बारीक कटी द्य 1 छोटा चम्मच राई पाउडर द्य 1 छोटा चम्मच चीनी पाउडर द्य नमक और कालीमिर्च चूर्ण स्वादानुसार.

विधि

हैंग कर्ड में सारी सब्जियां, मलाई, नमक, राई व कालीमिर्च चूर्ण मिला लें. तैयार मिश्रण को 4 हिस्सों में बांटें और 4 ब्रैडस्लाइसों पर लगाएं. फिर दूसरे ब्रैडस्लाइसों से ढक कर हलके हाथों से दबाएं. प्रत्येक सैंडविच को तिरछा काटें. हैल्दी सैंडविच तैयार हैं.

फिश कोठमीर

सामग्री

300 ग्राम मछली (चौकोर कटी हुई), 150 ग्राम धनियापत्ती, 100 ग्राम पालक, 5 हरीमिर्चें, 50 ग्राम प्याज, 100 ग्राम रिफाइंड आयल, 5 ग्राम मेथीदाना, 15 ग्राम अदरक, 15 ग्राम लहसुन, 10 ग्राम हलदी पाउडर, 15 ग्राम लालमिर्च पाउडर, 75 ग्राम कद्दूकस किया नारियल.

विधि

नारियल, धनियापत्ती, पालक, अदरक, हरीमिर्च को पीस कर पेस्ट बना लें. कड़ाही में तेल गरम करें. इस में मेथीदाना डाल कर चटकाएं. फिर कटे प्याज, अदरक, हरीमिर्च, लहसुन डाल कर फ्राई करें. अब इस में हलदी व मिर्च पाउडर डालें. कुछ देर फ्राई करने के बाद इस में धनिया व नारियल वाला पेस्ट डालें. जब ये फ्राई हो जाएं तो मछली के पीस, पानी और नमक डाल दें. गलने तक पकाएं. 

ओट्स ऐंड पनीर परांठा

सामग्री

1 कप आटा,1 बड़ा चम्मच घी मोयन के लिए, परांठे सेंकने के लिए थोड़ा सा घी या रिफाइंड औयल, नमक स्वादानुसार.

सामग्री भरावन की

150 ग्राम पनीर मैश किया,1 कप कुकिंग ओट्स,1 बड़ा चम्मच धनियापत्ती बारीक कटी ,1/2 छोटा चम्मच चाटमसाला, लालमिर्च पाउडर व नमक स्वादानुसार.

विधि

आटे में मोयन मिला कर पानी से गूंध लें. 20 मिनट ढक कर रखें. फिर मसल कर आटा तैयार करें. ओट्स को तवे पर हलका भून लें. फिर मैश किए पनीर में नमक, मिर्च, धनियापत्ती व चाटमसाला मिलाएं, आटे के छोटेछोटे पेड़े बनाएं, बीच में अच्छी तरह भरावन भर कर तवे पर तेल लगा कर करारा सेंक लें. चटनी, सौस या दही के साथ सर्व करें.

योगर्ट दलिया

सामग्री

1 कप दलिया

1/4 कप हरे मटर के दाने

1/4 कप गाजर छोटे टुकड़ों में कटी

2 कप मट्ठा

1 छोटा चम्मच जीरा

1/2 छोटा चम्मच राई

चुटकी भर हींग पाउडर

1 छोटा चम्मच चना दाल

1 छोटा चम्मच उरद धुली

8-10 करीपत्ते

1/2 छोटा चम्मच कालीमिर्च दरदरी कुटी

1 हरीमिर्च बारीक कटी

1 बड़ा चम्मच घी

सजावट के लिए थोड़ी सी धनियापत्ती कटी

नमक स्वादानुसार.

विधि

दलिए को सूखा भून लें. फिर आधा घंटा पानी में भिगोएं. एक नौनस्टिक पैन में घी गरम कर के हींग, राई, जीरा, सभी दालों और करीपत्तों का तड़का लगाएं और उस में पानी से निथार कर दलिया व हरीमिर्च डाल कर धीमी आंच पर 2 मिनट भूनें. अब गाजर और मटर डालें. फिर 2 कप कुनकुना पानी व नमक डाल कर दलिया गलने तक पकाएं. दलिया गल जाए तो उस में मट्ठा डाल कर 2 मिनट पकाएं. कालीमिर्च चूर्ण डालें. धनियापत्ती से सजा कर गरमगरम सर्व करें.

३ डेटिंग लुक्स

आज उन से पहली मुलाकात है. लेकिन तैयार कैसे हों, क्योंकि मेकअप ऐक्सपर्ट तो छुट्टी पर है. ऐसे में बैस्ट औप्शन यही होता है कि आप खुद ही ऐक्सपर्ट बन कर अपना मेकअप कर लें. लेकिन मेकअप ऐसा हो कि देखने वालों को लगे कि किसी ऐक्सपर्ट द्वारा हुआ है. ऐसा कैसे हो सकता है. इस के लिए जानें फेब मीटिंग के दौरान मेकअप आर्टिस्ट ऐंड हेयर डिजाइनर अरुणा ढाका के बताए कुछ टिप्स:

ग्रीन आईज ऐंड पीच लिप्स लुक

विंटर सीजन में स्किन काफी ड्राई हो जाती है. इस के लिए स्किन मौइश्चराइजर जरूर लगाएं. स्किन को ग्लौसी और शाइन लुक देने के लिए फिक्शन स्प्रे यूज करें. यह स्प्रे बेस शाइनिंग देने के लिए है. चेहरे पर स्ट्रोक क्रीम से प्राइमर अप्लाई करें. यह प्राइमर बहुत कम लगाया जाता है. अब सुपर बैलेंस्ड फाउंडेशन अप्लाई करें. फिर स्पौंज से ऐलवेस्टर कलर को कान, गरदन और लाइन एरिया पर अप्लाई करें और अच्छे से ब्लैंड करें. अब ट्रांसल्यूसैंट पाउडर राउंड में लगाएं और मर्ज करें.

इस बात का ध्यान रखें कि फाउंडेशन कभी भी आंखों पर न लगाएं. अगर डार्क सर्कल हैं तो मैक की एनसी-45 और एनसी-30 लगाएं. इस से डार्क सर्कल्स का पता नहीं चलता. फिर पहले लाइट और फिर डार्क औरेंज टोन का कंसीलर लगाएं. अब अच्छे से सैट करें. अगर स्किन ड्राई और झुर्रियों वाली है तो क्रीम बेस्ड कंसीलर लगाएं. डार्क स्किन पर औरेंज और पीच कलर का इस्तेमाल करें और अगर फेयर स्किन हो तो यलो टोन कलर यूज करें.

आई मेकअप लगाने से पहले आई बेस लगाएं और इसे फिंगर से डैब करें.

आईब्रोज पर ब्राउन शैडो हमेशा नीचे से रीजनिंग करते हुए लगाएं.

माइक्रो पाउडर लगाने के लिए ऐंगुलर ब्रश का इस्तेमाल करें.

आईब्रोज को सुंदर बनाने के लिए ब्लैक कलर जैल लाइनर नीचे की तरफ यानी पौइंटिंग एरिया में लगाएं.

अब आंखों पर पिंक क्रीमी बेस्ड आईशैडो फिंगर से लगाएं.

आंखें छोटी हों तो उन्हें बड़ा बनाने के लिए आईब्रोज के नीचे लाइट शेड ही यूज करें.

ब्लैंडिंग ब्रश से ग्रीन कलर सौकेट लाइन पर ब्लैंड करें.

अब ब्रश पर स्प्रे कर के पहले फिक्सिट फिर गोल्डन कलर का पिगमैंट लगाएं.

सिल्वर हाईलाइटर आईब्रोज के नीचे की ओर लगाएं.

ग्रीन आईशैडो को ग्लौसी बनाने के लिए ऐक्स्ट्रा कलर निकालें. फिर औरेंज शैडो हलका सा लगाएं.

मसकारा लगाने से पहले आईलैशेज कर्ल करें.

मसकारा पहले नीचे की तरफ और फिर ऊपर की ओर लगाएं.

जैट ब्लैक जैल बेस्ड लाइनर के 2 कोट लगाएं. इस की लाइन पीछे से आगे की तरफ बनाएं.

अब काजल पैंसिल से काजल लगाएं. यह काजल स्मज्ड पू्रफ होना चाहिए.

कंटूरिंग चीक्स पर डार्क ब्राउन से करें. उसे फेस पर अप्लाई करें और स्पौंज से ब्लैंड करें.

अब फेस पर मैट ब्रौंजर और ट्रांसल्यूसैंट पाउडर लगाएं ताकि शाइन आ जाए.

स्माइल करें फिर चीक्स पर पिंक शेड लगा कर ब्लैंड करें. अब सौफ्ट ऐंड जैंटल हाईलाइटर लगाएं.

लिप प्राइमर के बाद पीच कलर लगाएं और लिपग्लौस से फाइनल टच दें. ग्लौस से एक तरह की अच्छी शाइन आती है.

ब्रश ऐंड सिलिकौन मेकअप लुक

सब से पहले सिलिकौन प्राइमर एअरगन में भर कर अच्छे से पूरे चेहरे, कान, गरदन तक स्प्रे करें. थोड़े से रैस्ट के बाद आंखों पर गोल्ड बेस लगाएं. फिर ग्लिटर गोल्ड उंगलियों से लगाएं और अच्छी तरह मर्ज करें. बाद में पिगमैंट बेस लगाएं. ध्यान रखें कि लाइनर हमेशा ग्लिटर के बाद ही लगाएं. आईलाइनर जैट ब्लैक कलर का ही लगाएं. कंटूरिंग के लिए चीक्स पर मैट ब्रौंजर लगाएं. इसे फोरहैड, नोज और जौ लाइन पर भी ब्लैंड करें. ध्यान रखें कि कंटूरिंग हमेशा नैचुरल दिखनी चाहिए. चीक्स को ग्लौसी लुक देने के लिए गोल्ड ग्लिटर आईब्रोज के नीचे और चीक्स पर लगाएं. अब स्माइल कर चीक्स पर पीची पिंक कलर ब्लैंड करें और फिर कोरल कलर का शैडो लगाएं. अब आंखों पर पिंक कलर लगाएं और पेल कलर का कंसीलर नोज व आईब्रोज के बीच और चिन तक लगाएं. शाइन देने के लिए हाईलाइटर लगाएं.

अब लिप प्राइमर के बाद रैड चैरी कलर के लिप लाइनर से आउटलाइनिंग करें. फिर रैडऔरेंज कलर की लिपस्टिक लगाएं. अगर आप किसी ब्राइड के मेकअप में भागीदारी कर रही हों तो ब्राइड की लिपस्टिक पर कभी भी लिपग्लौस न लगाएं. ब्राइड के लिप्स पर हमेशा लिप फिक्सर जरूर लगाएं. साथ ही ब्राइड को हैवी आईलैशेज नहीं मसकारा लगाएं. आईज की ऐंडिग पर लाइनर लगा दें. लिक्विड ग्लिटर लास्ट में लगाएं और फिक्सिट यूज करें. अब लिपस्टिक का फाइनल कोट लगाएं और इस पर भी लिप फिक्सर का इस्तेमाल करें.

फौर ब्राइट स्किन

ब्राइट स्किन वाले हमेशा उन का टोन जिस कलर में हो, उसी टोन के रंगों का इस्तेमाल करें. इसे टोन ऐंड टोन कहते हैं. आप की स्किन ब्राइट है तो स्किन पर बस शाइनिंग देने वाला मेकअप करें, क्योंकि अगर गोरे रंग को और गोरा बनाने की कोशिश करेंगी तो वैंपायर दिखेंगी.

एअरब्रश में स्किन के अनुसार जैसे ब्राइट स्किन पर यलो कलर का प्राइमर भरें और अच्छे से चेहरे, कान और गरदन तक स्प्रे करें. ध्यान रखें कि अगर आप का आई मेकअप डार्क टोन में किया गया हो तो लिपस्टिक कलर लाइट हो और अगर आई मेकअप लाइट हो तो लिपस्टिक का शेड डार्क टोन वाला हो. 5 मिनट के रैस्ट के बाद ट्रांसल्यूसैंट पाउडर लगाएं. जोजोबा औयल की 2 बूंदें एअरब्रश मशीन में भर कर स्प्रे करें. इस से काफी शाइनिंग आती है.अब मिड यलो टोन का कंसीलर ब्लशर से लगाएं और अच्छी तरह चेहरे पर ब्लैंड करें.अब फ्लैट ब्रश से आई मेकअप पाउडर लगाएं. आई पैंसिल यूज करें पर पैंसिल स्मौलडर यानी स्मज पू्रफ नहीं होनी चाहिए. स्मोकी आईज बनाने के लिए पैंसिल स्मजिंग वाली लें. अब अच्छे से हाफ आईज पर ब्लैंड करें. आई कौर्नर तक अच्छे से पैंसिल फैलाएं.दोबारा फिर पैंसिल से कोटिंग करें. आईज की ऐंडिग तक न फैलाएं, बस हाफ आईज ही कवर करें.अब आईब्रोज के नीचे फौली कलर का ट्रांसजैक्शन लगाएं. यह थोड़ा ब्राउन कलर की तरह ही दिखता है. अब जेट ब्लैक कलर का जैल लाइनर लगाएं.स्मोकी आईज पर आईब्रोज हाईलाइट न करें.अब ब्लू शैडो ले कर आईब्रोज के नीचे और आंखों की साइड तक अच्छे से ब्लैंड करें.अब ब्लैक ग्लिटर से ब्लैक रंग पर लौक कर दें.

अब फेस पर ब्रौंजर से कंटूरिंग करें. चीक्स पर पिंक कलर का शैडो लगाएं और उसे ब्लैंड करें.स्मोकी आईज पर हैवी आईलैशेज लगाएं. इस के बाद 10 सैकंड के लिए आंखें बंद रहने दें. बाद में फैलाते हुए खोलें. अब स्पाइस पैंसिल लिप पर लगाएं और लिपग्लौस का ट्रांसपेरैंट कलर लगाएं.

बनिए मिस्टर मैरी कौम

इंचियोन एशियाड में सीमा पूनिया के डिस्कस थ्रो में गोल्ड मैडल जीतने के बाद वहां यह सवाल उठा कि क्या ऐथलैटिक्स में भारतीय महिलाओं की कामयाबी के पीछे उन के पति का हाथ होता है? लेकिन गौरतलब यह है कि यह कोई नई बात नहीं कि भारतीय महिला खिलाड़ी बतौर कोच अपने पति को चुन लेती हैं. सीमा पूनिया की कामयाबी के पीछे उन के पति अंकुश पूनिया की कड़ी मेहनत है, तो इस से पहले कृष्णा पूनिया व अंजु बौबी जौर्ज को शिखर तक पहुंचाने में उन के कोच रहे पतियों की कड़ी मेहनत व लगन है. इस से भी पहले 70 के दशक में जलाजा और नरेश की जोड़ी जगजाहिर है.

मैरी कौम की कामयाबी में भी उन के पति का जबरदस्त सहयोग रहा, तो बौक्सर सरिता के पति थोइबा सिंह इंचियोन में गलत फैसले से इतने व्यथित हुए कि वे निर्णायकों को गलत शब्द तक कहने लगे. ये तमाम पति अपनी पत्नियों के लिए जनून को जीते रहे हैं. ये वे पति हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन ही पत्नी के नाम लिख दिया है. ये पत्नी की तरक्की में अपने ख्वाब पूरे होते हुए देखते हैं. इन्होंने कभी यह अपेक्षा नहीं की कि पत्नी 24 घंटे उन की सेवा में लगी रहे. यही नहीं, इन की ख्वाहिश अपने जीवनसाथी के साथ अपने तिरंगे के सम्मान से जुड़ने में भी रही है. वाकई कितनी सम्मोहक है यह ख्वाहिश.

हैरत की बात तो तब होती है जब किसी देश में खेलों के प्रति नकारात्मक रवैया होता है और वहां ऐसी दमदार प्रतिभाएं उभरती नजर आती हैं. घर से ले कर स्कूल तक जहां सब बच्चों को किताबी कीड़ा बनने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं, खेल मैदानों की अवधारणा जहां दिनबदिन गायब हो रही है, बिल्डिंग के कैंपस को जहां बच्चों के खेल से नहीं चमचमाती गाडि़यों से लगाव है, पार्क में खेलते हुए बच्चों को जहां पार्क से निकाल दिया जाता है, वहीं ऐसे माहौल में यदि कोई खेल प्रतिभा उभर कर सामने आती है, तो यह खिलाड़ी और उस के परिवार का निजी जनून है.

कामयाबी के हमराही

पिछले दिनों एक फिल्म ‘मैरी कौम’ सिनेमाघरों में आई. बौक्सिंग चैंपियन मैरी कौम की जिंदगी पर आधारित यह फिल्म तकनीकी पहलू से तो बेहतर थी ही, फिल्म की और भी कई बातें अच्छी थीं. मैरी कौम की जीवन यात्रा पटकथा के लिए शानदार सामग्री थी और फिल्म की पूरी टीम ने इस प्रेरक कथा को परदे पर साकार करने के लिए आला दरजे का काम किया. सब से ज्यादा दिलचस्प बात यह रही कि असली जिंदगी में मैरी कौम के लिए सब से बड़ी चुनौती तो बौक्सिंग रिंग के बाहर थी, चेहरे पर बरसने वाले मुक्के नहीं. कैरियर के लिए अपनों को राजी करना, शादी, गर्भावस्था और मातृत्व आदि ये बातें मैरी कौम के लिए ज्यादा कठिन थीं. सामान्य जीवन की ये वे चुनौतियां हैं, जो किसी भी महिला के लिए अपने सपने को साकार करना कठिन बना देती हैं. मैरी कौम ने इन्हीं सब चुनौतियों को मात दी और जीत हासिल की. यही बात उन्हें आइकोन बनाती है. कहानी में एक और सितारा है और वह है मैरी कौम का पति ओनलर कौम जो हर वक्त अपनी पत्नी का जबरदस्त समर्थक बना रहा. बौक्सिंग रिंग पर मैरी कौम का उत्साह बढ़ाने से ले कर घर पर बच्चों की लंगोटी बदलने वाले तक का किरदार निभाने वाले ओनलर ने मैरी कौम के सपने को मरने नहीं दिया. उन्होंने अपना खुद का कैरियर गर्दिश में डाल दिया और पत्नी को प्रैक्टिस के लिए भेज कर घर पर बच्चों की बखूबी देखरेख की. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि जीत मैरी कौम ने ही नहीं, ओनलर ने भी हासिल की थी.

फिल्म में मैरी कौम ने ही नहीं, उन के पति ओनलर ने भी दर्शकों का खूब दिल जीता. दर्शकों में कई लड़कियां रश्क करती पाई गईं कि क्या अद्भुत पति है.

जलाजा और नरेश

1970 के दशक में शादी से पहले धाविका जलाजा नैशनल चैंपियन थीं, लेकिन शादी के बाद पति नरेश ने उन्हें प्रशिक्षण दिया, जिस से उन के प्रदर्शन में लगातार सुधार आया. मददगार पति की बदौलत बाद में जलाजा ने नैशनल रिकौर्ड भी कायम किया. हालांकि नरेश खुद ट्रिपल जंपर थे, लेकिन उन्होंने अपना कैरियर दांव पर लगा कर सारा ध्यान जलाजा पर लगाया. नरेश की ही तरह रौबर्ट जौर्ज ने भी अपना कैरियर छोड़ कर अंजु की कोचिंग का जिम्मा लिया और कड़ी मेहनत व सफल प्रशिक्षण के चलते अंजु बौबी जौर्ज विश्व स्तरीय ऐथलीट बन गईं.

कृष्णा और वीरेंद्र पूनिया

गौरतलब है कि साल 2011 में फ्रैंच ओपन विजेता चीन की खिलाड़ी ली ने अपने पति जियांग शेन को अपने कोच के पद से बरखास्त कर दिया था. लेकिन उसी दौर में भारतीय डिस्कस थ्रोअर कृष्णा पूनिया ली के इस फैसले से बिलकुल भी सहमत नहीं थीं.  तब समाचार एजेंसी राइटर से बातचीत में कृष्णा ने कहा था कि ली के इस फैसले की कुछ वजहें रही होंगी. लेकिन मेरे मामले में ऐसा नहीं है. मेरे कैरियर की सफलता का बहुत बड़ा श्रेय मेरे पति व कोच वीरेंद्र को जाता है. मेरे बेटे के जन्म के बाद ऐथलैटिक्स में मैं जो कुछ कर पाई हूं, उस में उन की बहुत कड़ी मेहनत रही है. वीरेंद्र ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है. साल 2010 और 2014 के कौमनवैल्थ गेम्स में पदक जीतने वाली कृष्णा के पति वीरेंद्र पूनिया को भी सर्वश्रेष्ठ इंडियन कोच के अवार्ड से नवाजा जा चुका है.

कृष्णा कहती हैं, ‘‘पति होने के नाते वे मुझ से जुड़ी हर बात बारीकी से जानते हैं. उन्हें मेरी सारी हैबिट्स पता हैं और यही वजह है कि जहां भी मैं गलती पर होती हूं, वे तुरंत मुझे टोक देते हैं. कोच व पति होने की वजह से वे ज्यादातर समय मेरे साथ ही होते हैं. इस वजह से मैं उन्हें मिस भी नहीं करती. ‘‘पति का कोच होना किसी भी ऐथलीट के लिए अच्छा ऐडवांटेज है, क्योंकि उन के साथ आप एकदम फ्री और फ्रैंक हो जाती हैं. किसी दूसरे कोच के मुकाबले वे आप को ज्यादा बेहतर समझते हैं. इस के अलावा माली वजहें भी हैं. सारे ऐथलीट्स इतने अमीर नहीं हैं कि खुद के लिए पर्सनल कोच रख पाएं.’’

सीमा व अुंश पूनिया

सीमा ने गोल्ड मैडल जीतने का श्रेय अपने पति अंकुश को दिया, जिन से उन की शादी साल 2011 में हुई थी. सीमा का कहना है, ‘‘अगर पति ही कोच हो, तो फायदा ज्यादा होता है. एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए सिर्फ अच्छी कोचिंग ही काम नहीं आती. कोचिंग के साथसाथ यह भी माने रखता है कि ऐथलीट क्या खा रहा है, क्या पी रहा है और उस की मानसिक हालत कैसी है? इन सब चीजों को पति से अच्छा कौन जानेगा और कौन उस का खयाल रखेगा?’’

दमदार पहलू

मिस्टर मैरी कौम तो महान हैं, लेकिन क्या लाखों भारतीय महिलाएं अपने पति के लिए रोज यही सब नहीं करतीं? यदि यही फिल्म किसी पुरुष बौक्सर पर होती, जिस में उस की पत्नी का पूरा सहयोग होता, वह घर पर बच्चों की देखभाल करती तो क्या हम उस की इतनी सराहना करते? ऐसा क्यों है कि किचन में काम करने वाले और बच्चों की देखभाल करने वाले पति के लिए तो अद्भुत जैसे विशेषण लगाए जाते हैं, लेकिन जब महिला यही काम करती है, तो कहा जाता है कि वह तो अपना काम कर रही है. यहां वह सराहना की हकदार क्यों नहीं है? एक जमाना था जब नौकरियों में शारीरिक श्रम बहुत ज्यादा हुआ करता था और शायद इसीलिए पुरुष काम की जगहों के लिए ज्यादा काबिल थे. आज एक अलग दुनिया है. आज कितने पुरुष ऐसे हैं जिन का काम महिलाएं नहीं कर सकतीं? इस के बावजूद जब महिला किसी पुरुष के लिए अपने सपनों और कैरियर की बलि देती है, तो इसे अपेक्षित ही माना जाता है. यह मामूली बात ही होती है. अब वक्त यह सब बदलने का है. यदि भारत को सामूहिक रूप से आगे बढ़ाना है, तो हमें अपने संसाधनों को ज्यादा सही तरीके से इस्तेमाल करना होगा और यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि महिलाएं हमारे मानव संसाधन का आधा हिस्सा हैं. हमें उन्हें उन की पूरी क्षमता तक पहुंचाने में हर संभव मदद करनी चाहिए.

यह कैसा न्याय

न्याय की मांग है कि किसी को उस अपराध की सजा न दी जाए जो उस ने नहीं किया और उस के लिए जरूरी है कि आरोपी को अपने बचाव के सभी तर्क, सुबूत देने व गवाह और आरोप लगाने वालों से जिरह करने का हक हो. पर अभियुक्त, यानी जिस पर अपराध करने का आरोप हो, का यह हक किस तरह पीडि़ता को बारबार अपराध की घटना जीने को मजबूर करता है, यह दिल्ली में 5 दिसंबर, 2014 की रात को एक लड़की का उस के कैब ड्राइवर द्वारा बलात्कार के मामले से साफ है. आमतौर पर मामला दर्ज होने के बाद उसे भुला सा दिया जाता है पर चूंकि कैब अमेरिकी कंपनी उबेर द्वारा मुहैया कराई गई थी और पीडि़ता ने थोड़ी चतुराई भी दिखाई, इसलिए मामला लगातार सुर्खियों में है.

इस मामले में 17 जनवरी, 2015 को पीडि़ता का बयान दर्ज हुआ और उसे 10-20 मिनट नहीं 4 घंटे सफाई पक्ष के वकील की जिरह का सामना करना पड़ा. ड्राइवर का वकील यह सिद्ध करने की कोशिश कर रहा है कि या तो संबंध हुआ ही नहीं या फिर यह सहमति से बना संबंध है. कैब ड्राइवर शिव यादव के बारे में जो रिपोर्टें मिली हैं उन के अनुसार वह अपनेआप को लड़कियों का चुंबक समझता है और उस ने बलात्कार जैसे कई कांड किए पर किसी ने शिकायत नहीं की  न्याय की मांग तो अपनेआप में सही है कि किसी पर झूठे आरोप न लगें पर उस तरह के मामले में बारबार सवालों का जवाब देना कि बलात्कार कब, कैसे, किस जगह, किस माहौल में, कितनी देर तक, क्याक्या बोल कर किया गया एक तरह से एक पीडि़ता को उस पर हुए अत्याचार की फिल्म बारबार देखने को मजबूर करना है.

यही वजह है कि इस तरह के मामलों में पीडि़ताएं आमतौर पर चुप हो कर बैठ जाती हैं कि कौन अपने पर हुए अत्याचार की कथा बारीकी से दोहराए? इस 5 दिसंबर, 2014 के कांड की पीडि़ता को 4 घंटे तक सफाई पक्ष के वकील के सवालों का जवाब देना पड़ा. चाहे सुनवाई बंद कमरे में हुई पर वहां जज महोदय के अतिरिक्त बहुत से और लोग भी मौजूद तो थे ही. क्या कोई पीडि़ता बारबार दोहरा सकती है कि कैसे उस को पकड़ा गया, कैसे उस के कपड़े उतारे गए, कैसे बलात्कारी ने अपने कपड़े उतारे, कैसे उस ने अंगों को छुआ, कैसे बलात्कार हुआ और जब हो रहा था तो वह किस तरह चिल्लाई, क्या बोली. उस समय डरीसहमी युवती ये बातें क्या इसलिए याद रखेगी कि उस से पलपल का हिसाब मांगा जाएगा? उसे उन लमहों को फिर से जीना होगा, बारबार. कभी पुलिस अधिकारी के सामने, कभी डाक्टरों के सामने, कभी अपने वकील के सामने, कभी अपने मातापिता के सामने, तो कभी जज के सामने बंद कमरे में.

बलात्कार के मामले का न्याय होना जरूरी है क्योंकि यह आरोप किसी शरीफ बेगुनाह पर लगाना भी आसान है, अगर युवती अपनी इज्जत ताक पर रख कर किसी को फंसाना या लूटना चाहे. पर जहां वास्तव में बलात्कार हुआ हो वहां क्या हो? कितने ही समाज इसी कारण सजा बलात्कारी को नहीं बलात्कार की पीडि़ता को देते हैं. धर्मग्रंथ ऐसी घटनाओं से भरे पड़े हैं. इंद्र और अहिल्या का मामला बहुत साफ है कि पति के वेश में आए इंद्र के हाथों बलात्कार का शिकार बनने पर तथाकथित सतयुग में सजा पीडि़ता को भोगनी पड़ी. लगभग हर समाज, हर धर्म में ऐसी घटनाएं हैं, जिन का जम कर प्रचार किया जाता है.

पाकिस्तानी धारावाही ‘पिया रे’ में ऐसा ही वाकेआ है जिस में लैंड माफिया पत्रकार पति को धमकाने के लिए पति के सामने नवविवाहिता पत्नी का बलात्कार करवा देते हैं. सजा पत्रकार को देने के बजाय उन्होंने पत्नी को दी और उस का जीवन बरबाद कर दिया. पति ने भी मुंह मोड़ लिया. एक खिलखिलाती जिंदगी सियाह धब्बा बन गई. बलात्कार को किसी और तरह के सामान्य अपराध की श्रेणी में रखा जाता तो कोई फर्क नहीं पड़ता पर हर समाज ने औरत की अस्मिता को सच्चरित्रता का पैमाना बना कर बलात्कार को मृत्युदंड बना डाला है. उबेर कांड की पीडि़ता ने अगर उस अपराधी को सजा दिलवा भी दी तो भी वह खुद आजीवन कैद में रहेगी. अपराधी के साथ चाहे जो हो वह जीवन भर अपने घर की कालकोठरी में जीने को मजबूर रहेगी. वह हर समय अपराध भाव से डरी रहेगी. लंबी उबाऊ कानूनी प्रक्रिया के बाद भले ही उसे कानून से न्याय मिल जाए पर समाज, घर, दोस्तों, प्रेमियों से कभी न मिलेगा. अगर उस का विवाह हो जाए और सफल रहे, बच्चे मां पर गर्व करें, वह सैलिब्रिटी बने मलाला युसूफजई की तरह, तो ही समझें कि समाज ने सही न्याय किया है.

फाइव ग्रेन तवा पिज्जा

सामग्री

1/4 कप मक्की का आटा द्य 1/4 कप सूजी, 1/4 कप चावल का आटा , 1/4 कप चने का आटा, 1/4 कप जौ का आटा,1 कप दही,1 छोटा चम्मच अदरक व हरीमिर्च पेस्ट, 2 बड़े चम्मच प्याज बारीक कटा , 1 बड़ा चम्मच हरी, पीली व लाल शिमलामिर्च छोटे टुकड़ों में कटी , 1/4 कप टमाटर छोटे टुकड़ों में कटे , 1 छोटा चम्मच ईनो फ्रूट साल्ट 1 बड़े चम्मच धनियापत्ती कटी, 2 बड़े चम्मच रिफाइंड औयल , नमक स्वादानुसार.

विधि

सभी आटों को दही के साथ मिक्स करें. फिर थोड़ा पानी डाल कर डोसों के घोल की तरह घोल बना लें. आधा घंटा ढक कर रखें. फिर इस में नमक, मिर्च व ईनो फ्रूट साल्ट मिलाएं. नौनस्टिक पैन में मिश्रण को मोटामोटा पूरी लायक आकार में फैलाएं. ऊपर प्याज, टमाटर व शिमलामिर्च बुरकें. थोड़ा तेल डाल कर सेंकें. जब नीचे से सिंक जाए तो सावधानी से पलट कर ऊपर की तरफ वाला भाग थोड़ा सेंकें. गरमगरम तवा पिज्जा टोमैटो सौस के साथ सर्व करें.

 

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