हाट बाजार- भाग 4: दो सरहदों पर जन्मी प्यार की कहानी

जमाल ने रुखसार की पूरी बात नहीं सुनी. वह अंधेरे की आड़ में गायब हो गया. शाहिद लौटा तो रुखसार ने उसे सारी बात विस्तार से बता दी.

‘‘मैं जमाल का नापाक इरादा पूरा नहीं होने दूंगा. अपने सुखचैन के लिए मैं अपने मुल्क से गद्दारी नहीं करूंगा. मैं कप्तान मंजीत को सब कुछ सचसच बता दूंगा. भले ही इस का अंजाम कुछ भी क्यों न हो,’’ शाहिद ने मानो पक्का फैसला कर लिया और जीरो लाइन के करीब पोस्ट की तरफ चल पड़ा.

‘‘साहब तो कहीं फौरवर्ड एरिया में गए हैं,’’ संतरी ने बताया.

‘‘अच्छा कप्तान साहब आएं तो कहना मैं आया था. कोई जरूरी काम है. मैं सुबह फिर आऊंगा.’’

पौ फटते ही शाहिद फिर मंजीत से मिलने के लिए निकला, तो सामने से आती बीएसएफ और बंगलादेशी गार्ड्स की संयुक्त टुकड़ी को अपनी ओर आते हुए देख कर ठिठक गया. अनिष्ट की आशंका को इनसान की परेशानी पर पसीने के रूप में आने से ठंडी और बर्फीली हवा भी नहीं रोक सकती. शाहिद चाह कर भी पसीना पोंछ नहीं पाया.

‘‘हमें तुम्हारे स्टोर की तलाशी लेनी है. इन्हें शक है कि इस जगह का इस्तेमाल आईएसआई के एजेंट अपने उन हथियारों को रखने के लिए करते हैं, जो भारत में गड़बड़ी के इरादे से भेजे जाते हैं,’’ मंजीत ने बंगलादेशी कप्तान की ओर इशारा करते हुए कहा.

शाहिद को काटो तो खून नहीं, ‘‘यह एक लंबी कहानी है कप्तान साहब. मैं कल रात को सब सच बयां करने के लिए आप की पोस्ट पर गया था. मगर आप वहां नहीं थे. यह सारा सामान रुखसार के भाई जमाल का है.’’

‘‘रुखसार कौन, वही बंगलादेशी लड़की न, जिसे आप ने डूबने से बचाया था? उस का आप से क्या रिश्ता है?’’ मंजीत ने सवाल दागा.

‘‘मैं बताती हूं,’’ रुखसार ने बाहर निकल कर आत्मविश्वास के साथ कहना शुरू किया, ‘‘यह अमन है मेरा बच्चा. यह यहीं इसी बियाबान जंगल में पैदा हुआ है. मैं शाहिद की ब्याहता हूं, हमारा बाकायदा निकाह हुआ है.’’

कप्तान मंजीत और बंगलादेशी गार्ड दोनों हतप्रभ हो कर एकदूसरे का मुंह देखने लगे.

‘‘क्या तुम दोनों नहीं जानते कि तुम मुख्तलिफ मुल्कों के बाशिंदे हो और जो तुम ने किया वह गैरकानूनी है,’’ मंजीत बोले.

‘‘शादी के अलावा हम ने कोई भी काम गैरकानूनी नहीं किया है,’’ शाहिद ने आहिस्ता से कहा, ‘‘हम ने सिर्फ प्यार किया है. इस के अलावा कोई गुनाह नहीं किया है. न हम ने कोई कानून तोड़ा है, न कोई गद्दारी की है.’’

‘‘इस का फैसला कानून करेगा,’’ मंजीत ने कहा फिर शाहिद को अपनी जीप में बैठा लिया. बंगलादेशी गार्ड ने बच्चा रुखसार की गोद से छीन लिया और उस को जीप में धकेल दिया. जीप जब चलने को हुई तो रुखसार चीख उठी, ‘‘मेरा बच्चा…’’

रुखसार की चीख का बंगला गार्ड पर कोई असर नहीं हुआ. वह बोला, ‘‘तुम्हारा बच्चा न इंडियन है न बंगलादेशी, इसलिए वह कहीं और रहेगा. और तुम बंगलादेश की जेल में सड़ोगी और तुम्हारा खाविंद हिंदुस्तानी जेल में हवा खाएगा.’’

‘‘यह अन्याय है, एक मासूम पर जुल्म है. हमारे जुर्म की सजा इसे क्यों दी जा रही है? यह कहां रहेगा किस के पास रहेगा? अगर बच्चा दोनों मुल्कों के बीच की धरती में पैदा हुआ है तो क्या वह इनसान नहीं है?’’ रुखसार चीखती जा रही थी और जीप उसी रफ्तार से बढ़ती जा रही थी.

कप्तान मंजीत ने शाहिद के कंधे पर हाथ रखा और कहा, ‘‘तुम बेफिक्र रहो. मैं तुरंत रैडक्रौस को वायरलैस भिजवा कर उन की नर्स को बुलवाता हूं और बाकी इंतजाम करवाता हूं.’’

शाहिद को भारतीय जेल में डाल दिया गया और रुखसार बंगलादेश की जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दी गई. ‘नो मैन लैंड’ में जन्मा मासूम अमन रैडक्रौस के हवाले कर दिया गया और मीडिया के कैमरों की मेहरबानी से दोनों ओर की सीमा पर अमन को दूर से देखने वालों का तांता लग गया. वह समाचार, नेताओं और एनजीओ के सदस्यों के लिए चाय के प्याले पर चलने वाली बहस का एक मुद्दा भी बन गया. टीआरपी बढ़ाने के लए इस विषय पर टीवी चैनलों में होड़ सी लग गई और अमन को इंसाफ दिलाने की मुहिम हर शहर, हर गांव तक पहुंच गई.

यह बात कि अमन नाम का एक बच्चा दोनों सरहदों के बीच जन्म लेने के जुर्म की सजा पा रहा है और दोनों देशों के बीच अपनी पहचान ढूंढ़ रहा है, दोनों देशों की सरकारों के कानों तक भी पहुंच चुकी थी. नन्हा अमन रैडक्रौस की नर्सों से इठलाते हुए कभी भारत की सीमा की ओर मुंह कर लेता, तो कभी बंगलादेश की सरहद की तरफ इशारा कर देता मानो अपने वजूद की तलाश कर रहा हो या याचना कर रहा हो कि मेरा कुसूर क्या है?

जमाल में शायद कुछ इंसानियत जिंदा रह गई थी. उस ने ऐसा बयान दिया कि रुखसार पर कोई आंच नहीं आई. उधर कप्तान मंजीत और गांव वालों ने शाहिद को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सजा के तौर पर शाहिद का ठेका रद्द कर दिया गया और हाटबाजार का काम रोक दिया गया.

धीरेधीरे बेबस शाहिद, रुखसार और अमन का मामला अंतर्राष्ट्रीय बहस का विषय बन गया और कोलकाता एवं ढाका दोनों के न्यायालयों में याचिकाएं दायर हो गईं. दोनों ही देशों के मानवाधिकार आयोग भी सक्रिय हो गए. दोनों ही न्यायालयों ने सख्त रवैया अपनाते हुए लगभग एकजैसा फैसला सुनाया कि अमन के बालिग होने तक उसे रैडक्रौस के संरक्षण में रखा जाए. उस के बाद ही मामला फिर सुना जाए. शाहिद और रुखसार टूट गए. लगा वक्त ठहर गया है और इस गहरी भयानक काली रात का कोई अंत नहीं है. लेकिन तभी आशा की एक किरण से ऐसा प्रकाश फूटा जिस ने तीनों की जिंदगी को पूर्णतया रोशन कर दिया. हताशा और बेबसी की लहरों के बीच कुदरत ने अपना करतब दिखाया और उफनती लहरों के शांत होने की उम्मीद जाग उठी.

भारत और बंगलादेश की सीमा पर कुछ गांवों की अदलाबदली का मामला दसियों सालों से निलंबित था. सरकारें बदलती गईं मगर इस प्रक्रिया की कोई शुरुआत नहीं हो पाई. नियति ने मानो इस मामले को शाहिद, रुखसार और अमन के लिए ही बचा कर रखा हुआ था. दोनों सरकारों ने नई अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखाएं तय कीं और अदलाबदली किए जाने वाले इलाकों को चिहिन्त किया. इसी समझौते के अंतर्गत जिंजराम नदी के मुहाने के कई बंगलादेशी गांव भारत में शामिल हो गए और वहां के नागरिकों को यह अख्तियार और विकल्प दिया गया कि वे भारत अथवा बंगलादेश की नागरिकता का स्वेच्छा से चुनाव करें.

वह दिन किसी मेले से कम नहीं था. रैडक्रौस ने भारतीय और बंगलादेशी अधिकारियों की उपस्थिति में अमन को रुखसार की गोद में डाल दिया. जिस की आंखों से आंसू अविरल और अनवरत बहते जा रहे थे. रुखसार और शाहिद के अलावा न सिर्फ मानसी मां, बल्कि पूरे गांव वाले भी अपने आंसू छिपा नहीं पा रहे थे और सब के हाथ स्वत: ही आशीर्वाद स्वरूप उठ गए थे. दूर कहीं से नगाड़ों के बजने की आवाज पूरे वातावरण में गूंज रही थी. देशों की राजनीति से बिछड़ा प्यार फिर मिल रहा था.

मेरे पति को गुटका खाने की आदत है, इसे छुड़ाने के लिए क्या करूं?

सवाल-

मैं 26 साल की हूं और 8 महीने पहले ही विवाह के बंधन में बंधी हूं. पति का व्यवहार मेरे प्रति बहुत प्रेमभरा है और उन के परिवार वाले भी मेरा पूरा आदर करते हैं. मैं खुद पर गर्व करती हूं कि मुझे इतना अच्छा जीवनसाथी मिला है. मगर मन ही मन बहुत परेशान भी हूं. वह इसलिए कि मेरे पति को गुटका खाने की आदत है. मैं ने सुना है कि गुटका-तंबाकू चबाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है. क्या यह सच है? उन्हें 2-3 बार गुटका छोड़ने के लिए कह चुकी हूं, लेकिन बात को हंस कर टाल देते हैं. बताएं क्या करूं?

जवाब-

यह सच है कि गुटका, तंबाकू, खैनी चाबाना सेहत के लिए नुकसानदेह है. राष्ट्रीय कैंसर रजिस्टरी के अनुसार यह लत भारतीय पुरुषों और स्त्रियों में कैंसर होने का सब से बड़ा कारण है. गुटकातंबाकू चबाने वालों के मुंह, जीभ, होंठ, गला, खाने की नली और अमाशय का कैंसर होने की प्रबल आशंका रहती है और यदि किसी कारण इलाज में देर हो जाए तो बीमारी के लाइलाज होते देर नहीं लगती.

गुटकेखैनी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के पीछे कौनकौन से ठोस कारण हैं, इस पर भी बहुत कुछ काम किया जा चुका है. चिकित्सा वैज्ञानिकों ने गुटकेखैनी में अब तक 28 ऐसे हानिकारक रसायनों को भी खोज निकाला है जिन के चबाने से यह संकट उपजता है. इन रसायनों में नाइट्रोसामीन, पोलोनियम 210 और पौलिसायक्लिक ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन प्रमुख हैं.

गुटका खाने से मसूड़ों और मुंह का स्वास्थ्य तो बिगड़ता ही है, धमनियों के लचीलेपन और उन की रक्तवाहक क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है, जिस से शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त आपूर्ति में खलल पड़ने लगता है. कोरोनरी धमनियों का आयतन सिकुड़ जाए तो दिल का दौरा भी पड़ सकता है. इसी प्रकार मस्तिष्क की धमनियों में खून का दौरा घटने से मस्तिष्क की कामकाजी क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है.

आप अपने पति को समझाएं कि यदि उन्हें अपने स्वास्थ्य और आप का जरा भी खयाल है, तो मन चाहे जितना भी ललचाए, गुटके का साथ छोड़ दें, उसे हाथ भी न लगाएं. इसी में सब का भला है.

अगर आप के पति संकल्प लेने के बाद भी इस बुरी आदत को न छोड़ सकें तो अच्छा होगा कि आप उन्हें किसी ऐसे मनोचिकित्सक के पास ले जाएं जो डीएडिक्शन के क्षेत्र में विशेष रूप से अनुभवी हो और जरूरत पड़ने पर दवा देने के साथसाथ आप के पति को आवश्यक काउंसलिंग भी दे सकें.

तीज स्पेशल: 12 साल छोटी पत्नी- भाग 2-सोच में फर्क

सुनील की पार्टी के लिए मैं ने खास तैयारी की, फिगर मेरा मस्त है ही. खूब ध्यान रखती हूं अपना. मैं ने उस दिन बहुत स्टाइलिश तरीके से साड़ी पहनी. स्लीवलेस ब्लाउज. सुंदर सी हील. शोल्डर कट बालों को बढ़िया कर्ल किया. शानदार मेकअप. मुझे ऊपर से नीचे तक देखते हुए जयराज ने अपनी बांहों में भर लिया, “ये तुम किस के लिए इतना तैयार हो गई, डार्लिंग?’’

“तैयार तो मूवी के लिए होना था, पर आप भजन, कीर्तन में ले जा रहे हो तो कम से कम मैं तैयार तो अपनी मरजी का हो ही सकती हूं.’’

सुनील की पत्नी रीना अच्छाखासा फैली हुई महिला हैं, ड्रेसिंग सेंस जीरो है. मुझे अकसर जलन के भाव से देखती हैं, मैं ठहरी औरत. दूसरी औरत के मन के भाव पढ़ने में एक्सपर्ट. पुरुष बेचारे ये सब नहीं जानते. ये गुण तो हमें ही मिला है.

सुनील स्मार्ट है, और पार्टी में तो काफी स्टाइलिश लग रहा था. मेरी ही उम्र का होगा. जयराज को सर कहता है, मेरा नाम लेता है. रीना मुझ से 2 साल छोटी होगी. भजन चल रहे थे, तो मैं अनमनी सी उठ कर स्विमिंग पूल के पास आ कर टहलने लगी. सब को अंदाजा है कि मैं भजन, कीर्तन के दौरान बहुत देर तक नहीं बैठती, बाहर टहलती रहती हूं, आज तो मजा तब आया, जब सुनील भी उठ कर मेरे पीछे आ गया. यह देख मैं चौंकी, ”अरे, आप की तो पार्टी है, आप क्यों उठ कर आ गए?’’

मुझे जयराज पर कितना भी गुस्सा आता हो, पर मैं उन्हें प्यार भी करती हूं, परपुरुष में इतनी रुचि नहीं लेती कि बात बढ़े. हां, अभी शरारत सूझी थी तो मुसकराते हुए बोल पड़ी, “आज आप बहुत अच्छे और खुश लग रहे हैं.’’

सुनील के अंदर जो फ्लर्ट पुरुष है, वह पत्नी की अनुपस्थिति में जाग उठा, बोला, “आप तो हमेशा ही स्मार्ट लगती हैं, पर आज तो गजब ढा रही हैं.’’

मैं बस ‘थैंकयू’ कहते हुए मुसकरा दी.

“चलिए, बैठते हैं,” कहते हुए मैं ओपन प्लेस में रखी एक चेयर पर बैठ गई कि तभी जयराज भी आ गए और सुनील से कहने लगे, “भाई, तुम यहां क्या कर रहे हो? कीर्तन किस के लिए रखवाया है?’’

“मैं बस यों ही आ गया था. सर, आप बैठिए. अब बस भोग का टाइम हो ही रहा है, जरा देखता हूं,” कह कर सुनील चला गया, तो जयराज ने मुझ से पूछा, “क्या कह रहा था?’’

“तारीफ कर रहा था. मैं खुश हो गई. तुम तो कंजूस हो तारीफ करने में. सुनील हमेशा मेरी तारीफ करता है.’’

“इस से थोड़ा दूर रहा करो. बेकार आदमी है.’’

जयराज यहां अब आम पति बन गए. मैं ने छेड़ा, “अरे, इस में क्या बुरा है? अच्छी बातों की तो तारीफ होनी ही चाहिए.’’

“बस, मैं ने कह दिया न कि इस से दूर रहा करो.’’

“तो मुझे यहां लाते ही क्यों हो?’’

“ठीक है, अब मत आया करना.’’

शायद रीना ने भी मुझे सुनील से बातें करते देख लिया था. मैं आज लग भी तो रही थी एकदम सैक्सी बौम्ब. रमेश, अनिल और विजय भी बहाने से मुझ से बातें करने आ रहे थे.

जयराज के माथे पर त्योरियां ही रहीं, जिन्हें देख कर मुझे आज खास मजा आया.

इस के बाद एक पार्टी और हुई, जहां मैं इस तरह तैयार हो कर गई कि पुरुष तो पुरुष, महिलाएं भी मुझे देखती रह गईं.

घर आ कर जयराज का मुंह उखड़ा ही रहा, चिढ़चिढ़ शुरू हो गई, “अपनी पत्नी सामने है तो भी दूसरे की पत्नी को घूरते रहेंगे. मुझे देखो, किसी की पत्नी की तरफ आंख भी नहीं उठाता. अब तुम क्लब कम ही जाया करो, नहीं तो मेरा सब से झगड़ा ही हो जाएगा. अपनी फ्रैंड्स के साथ ही प्रोग्राम बना कर एंजौय किया करो.’’

मैं ने भोला चेहरा बनाए हामी भर दी और उन के गले में बांहें डाल दीं. मैं ने चैन की सांस ली, जान बची लाखों पाए… अब मैं जीभर कर एंजौय कर पाऊंगी, अपनी उम्र की सहेलियों के साथ.

जयराज अपने क्लब में खुश, मैं अपनी फ्रैंड्स के साथ खुश, जिन्हें भजनकीर्तन नहीं, मूवीज, खानापीना अच्छा लगता है. उम्र के अंतर के चलते हम दोनों के स्वभाव में फर्क है, उसे रोरो कर क्या निभाना, कुछ तो करना पड़ता है न कि किसी को कोई तकलीफ भी न हो और दोनों खुश भी रह लें.

और हां, अपनी इस हरकत से मैं यह भी समझ पाई कि हर समस्या का हल निकाला जा सकता है.

जयराज के क्लब के भजनकीर्तन से पीछा छूटने पर मैं अपनेआप को शाबाशी देते नहीं थक रही थी.

और फिर एक दिन औफिस से ही जयराज ने फोन किया, ”अमोली, संडे को हमारे पत्थर वाले बाबा सुधीर के घर मिलने आ रहे हैं. उन्होंने मुझे भी फोन कर के बताया, तो मैं ने उन के दर्शन का समय मांग लिया, वाशी चलेंगे, वे वहीं ठहरे हैं.
मैं तुम्हें कहता न, पर उन्होंने विशेष रूप से तुम्हें साथ लाने के लिए कहा है.’’

“ओह्ह नो. फिर…? यार, एक बात बताओ, ये पत्थर वाले बाबा का क्या नाम हुआ?”

“कई बार बता चुका हूं, अब नहीं बताऊंगा, बहुत बिजी हूं.”

जयराज ने फोन रख दिया, पत्थर वाले बाबा. एक नंबर का धूर्त. आंखें ऐसी जैसे आंखों से ही खा जाएगा, ऊपर से नीचे तक शरीर को तौलती आंखें. ये इन पुरुषों को दिखता नहीं क्या कि इन की पत्नियों को, बेटियों को कैसे घूरा जाता है, घर की बड़ीबूढ़ी औरतें इन की भक्त कैसे हो सकती हैं. हम अपनी लाइफ की समस्याओं को खुद क्यों नहीं निबटा सकते, जो इन जैसों के सामने झुके चले जाते हैं. ये सही तरह से इनसान ही नहीं बन सके, इन्हें क्यों ईश्वर का रूप समझ लिया जाता है. किस बात का डर है आम इनसान को? ये बाबा लोग हमारे दुख दूर कर देंगे? मुझे सुधीर की बहन नीरा की बात याद आई, जो उस ने पिछली बार मिलने पर कही थी, “भाभी, सुधीर भैया को समझाइए न. इन बाबा को घर न बुलाया करें. ये जरा भी अच्छे नहीं हैं. मालती भाभी और मां भी इन के दर्शन करने के लिए बेचैन रहती हैं. बस आप ही मेरी तरह इन्हें इग्नोर करती हैं. भाभी, कुछ कर सकती हैं?” नीरा और मेरी बोंडिंग बहुत अच्छी है, सुधीर की फैमिली जब भी कहीं गई है, नीरा को पढ़ाई के लिए मेरे पास छोड़ गई है. मैं ने नीरा को फोन किया, “कपटी फिर आ रहा है, नीरा?”

डिंपल की गई नौकरी-कार, अनुपमा ने लगा दी वाट

रूपाली गांगुली (Rupali Ganguly) और गौरव खन्ना (Gaurav Khanna) स्टारर टीवी सीरियल ‘अनुपमा’ में इन दिनों जमकर फैमिली ड्रामा चल रहा है. ‘अनुपमा’ के अपकमिंग एपिसोड में डिंपल गुरुकुल जाएगी और वहां वह मालती देवी को लेकर काफी बड़बड़ाती है. दरअसल, डिंपल जहां अपनी कार की तारीफ करती है वहीं दूसरी ओर एक आदमी आता है और डिंपी-समर को पता चलता है कि मालती देवी ने नौकरी के साथ गाड़ी भी छीन लेगी.

डिंपल ने अनुपमा पर फोड़ा नौकरी का ठीकरा

शो में आगे देखने को मिलेगा कि अनुपमा शाह हाउस में जाएगी और वहां ड्रामा शुरु होने लगता है. डिंपल अनुपमा से कहेगी- आपकी वजह से मैं और समर, डबल बर्वाद हो गए है. इस पर अनुपमा कहती है- तू बोल आज एक भी जहर वाले तीरे तेरे अंदर नहीं रहना चाहिए. जो भी दिल में सब कह दे. क्योंकि उसके बाद सिर्फ मैं बोलूंगी.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Anupama💟 (@anupamaa2k23)

अनुपमा ने डिंपी को सुनाया खारी-खोटी

डिंपल की बढ़ती बदतमीजी पर अनुपमा ने लगाई क्लास. अनुपमा कहेगी- सभी ने तुमको समझाया था कि मालती देवी के साथ काम मत करो, लेकिन तब तुम्हारे सब दुश्मन थे. तुम दोनों सिर्फ मालती देवी के मोहरे थे. कोई भी तुम्हारा बुरा नहीं चाहता, संभालो अपने आप को. लेकिन डिंपल अब भी नहीं सुधारेगी. वह अब भी अनुपमा पर आरोप लगाएगी. वहीं समर भी वनराज-अनुपमा पर आरोप लगाएगा.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Anupama💟 (@anupamaa2k23)

 

वनराज की आवाज होगी तेज

डिंपी सारी हादें पार कर देती है. जिसके बाद काव्या से लेकर किंजल उसकी औकात दिखाते है. काव्या कहती है हम ही बेशर्मों की तरह बार-बार अनुपमा को बुला लेते है. डिंपी तोशू से भी बदतमीजी करती है फिर किंजल चिल्लाती है. समर भी तोशू को बोलने लगता है. जब डिंपी का मुंह नही होता बंद तो वनराज गुस्से में तेज आवाज हो जाती है.

BB OTT 2: जिया शंकर फिनाले से पहले हुई एलिमिनेट, ये है टॉप 5 कंटेस्टेंट्स

सलमान खान का कॉन्ट्रोवर्शियल रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी 2 को दर्शकों से खूब प्यार मिल रहा है. बिग बॉस ओटीटी 2 फिनाले के पड़ाव पर पहुंच गया है. फिनाले से कुछ दिन पहले बुधवार को कंटेस्टेंट जिया शंकर को सबसे कम वोट मिलने के कारण शो से बाहर कर दिया गया.

वीक की शुरुआत में एक कार्य के बाद जिया, मनीषा रानी और एल्विश यादव नौमिनेशन में आ गए थे. मनीषा रानी, एल्विश यादव, पूजा भट्ट, अभिषेक मल्हान और बेबिका धुर्वे अब फाइनल में पहुंच गए हैं. बिग बॉस ओटीटी 2 को टॉप 5 कंटेस्टेंट्स मिल चुके हैं.

बिग बॉस ओटीटी 2 से जिया शंकर हुई निष्कासित

बुधवार को एक टास्क दिया गया जिसमें गार्डन एरिया में यादों का एक बड़ा कैलेंडर लगाया गया. जैसे ही बेबिका ने कैलेंडर के पन्ने पलटे, उसमें यादें दिखाई दीं कि कैसे पहले के कंटेस्टेंट्स घर से बाहर चले गए थे. हालांकि, काफी समय बाद में यह घोषणा की गई कि कैलेंडर के आखिरी पन्ने पर बाहर हुए कंटेस्टेंट्स की तस्वीर होगी. बिग बॉस ने एक कंटेस्टेंट को कैलेंडर के पन्ने पलटने के लिए आगे आने के लिए कहा और वह अभिषेक मल्हान थे जिन्होंने इस कार्य के लिए अच्छे से भाग लिया. जब जिया घर छोड़ने के लिए तैयार हुई तो वह भावुक हो गई थी.

 

एल्विश यादव (Elvish  Yadav)

बिग बॉस ओटीटी 2 के फिनाले वीक में एल्विश यादव पहुंच गए है. वो अब टॉप 5 कंटेस्टेंट्स की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं. दरअसल, एल्विश यादव को दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है. शो में एल्विश बतौर वाइल्ड कार्ड कंटेस्टेंट है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार बिग बॉस ओटीटी 2 ट्रॉफी किसके हाथ आएगी.

मनीषा रानी (Manisha Rani)

रिपोर्ट्स के अनुसार, घर में हुए इस टास्क में बिहार की रानी उर्फ मनीषा रानी सेफ रहीं और वो अपनी जगह सुरक्षित कर टॉप 5 कंटेस्टेंट्स की लिस्ट में शामिल हो चुकी हैं.

अभिषेक मल्हान और पूजा भट्ट

अभिषेक मल्हान पहले ही टिकट टू फिनाले वीक जीतकर टॉप 5 कंटेस्टेंट्स की लिस्ट में शामिल हो चुके थे. वो इस शो के पहले टॉप 5 कंटेस्टेंट्स बने थे. वहीं पूजा भट्ट भी टॉप 5 कंटेस्टेंट्स की लिस्ट अपनी जगह सुरक्षित कर चुकी है.

बेबिका धुर्वे

बिग बॉस ओटीटी 2 में अपने तीखे बयान और लड़ाईयो से सुर्खियों में बनी रहने वाली बेबिका धुर्वे टॉप 5 कंटेस्टेंट्स की लिस्ट में शामिल हो चुकी है.

हेयर मास्क लगाएं डैंड्रफ हटाएं

हर महिला अपने बालों का खास खयाल रखती है. इस के लिए कई सारे उपाय भी अपनाती है, लेकिन कई बार जानकारी के अभाव में बालों को और नुकसान पहुंचा लेती है जिस से डैंड्रफ जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं. इस से आप के बाल सूखे और बेजान दिखने लगते हैं.

आजकल बाजार में कई ऐसे प्रोडक्ट्स हैं जो डैंड्रफ को कम करने का वादा करते हैं, लेकिन अकसर कैमिकल बालों के लिए हानिकारक होते हैं. इसीलिए यहां आप को प्राकृतिक और हर्बल सामग्री वाले हेयर मास्क अपनाने की सलाह दी जा रही है जो बालों की समस्या से निबटने के लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं.

आइए, जानते हैं इन हेयर मास्क के बारे में:

  1. दही, शहद और नीबू का मास्क

नीबू के रस में साइट्रिक ऐसिड बालों के पीएच को बैलेंस करने में मदद कर सकता है, दही बालों के डैमेज में सुधार और कंडीशनिंग में मदद कर सकती है और शहद से डैंड्रफ जैसी समस्या में सुधार हो सकता है.

सामग्री: 1/2 कप दही, 1 बड़ा चम्मच नीबू का रस, 1 बड़ा चम्मच शहद.

विधि: सारी सामग्री को एक कटोरे में मिला कर पतला मिश्रण तैयार करें. इस मिश्रण को बालों की जड़ों से शुरू कर सिरे तक लगाएं. 30 मिनट तक लगा रहने दें. फिर हलके सल्फेट फ्री शैंपू से बालों को धो लें. इसे बालों में हफ्ते में 1-2 बार लगा सकती हैं.

2. केला, शहद, नीबू और जैतून का तेल

केला बालों को मुलायम बनाने और डैंड्रफ को बैलेंस करने में मदद कर सकता है, जैतून का तेल बालों को मुलायम और मजबूत बनाने में, नीबू के रस से बालों का पीएच बैलेंस करने में मदद मिल सकती है तो शहद डैंड्रफ को कम करने में मदद कर सकता है.

सामग्री: 2 पके केले, 1 बड़ा चम्मच शहद, 1 बड़ा चम्मच जैतून का तेल, 1 बड़ा चम्मच नींबू का रस.

विधि: पहले एक बाउल में केले को अच्छी तरह मैश कर लें. अब इस में जैतून का तेल, शहद और नीबू का रस मिलाएं और पेस्ट तैयार कर लें. इस हेयर मास्क को स्कैल्प और बालों पर 30 मिनट तक लगाए रखें. इस के बाद बालों को सल्फेट फ्री शैंपू से धो लें.

3. अंडे और दही का हेयर मास्क:

अंडा और दही दोनों स्कैल्प को पोषण और नमी देते हैं जिस से डैंड्रफ जैसी समस्या में राहत मिलती है.

सामग्री: 1 अंडा, 2 बड़े चम्मच जैतून का तेल, 1 कप दही, 1 बड़ा चम्मच नीबू का रस.

विधि: एक बाउल में सारी सामग्री को अच्छी तरह फेंट लें. अब इस हेयर मास्क को बालों पर अच्छी तरह लगाएं और 20 मिनट तक लगा रहने दें. फिर बालों को हलके शैंपू से धो लें.

ध्यान रखें कि बालों को धोने के लिए ठंडे पानी का ही उपयोग करें क्योंकि गरम पानी अंडे को पका सकता है.

4. नारियल का तेल:

नारियल का तेल एटोपिक डर्मेटाइटिस से राहत दिलाने में मदद करता है. इसलिए यह डैंड्रफ से छुटकारा दिलाने में भी मदद कर सकता है.

सामग्री: 3 बड़े चम्मच नारियल तेल.

विधि: सब से पहले नारियल के तेल को हल्का गर्म करें. इस के बाद गरम नारियल तेल की मालिश करना शुरू करें. लगभग 10-15 मिनट तक अपने स्कैल्प और बालों की अच्छे से मालिश करें. इसे 30 मिनट तक बालों पर रखा रहने दें और इस के बाद हलके सल्फेटफ्री शैंपू से बालों को धो लें.

तो बच्चे रहेंगे हैल्दी और फिट

बच्चों को विकास के लिए प्रोटीन, कैल्सियम, वसा, आयरन, विटामिंस और जिंक जैसे पोषक तत्त्वों की जरूरत होती है. ये सभी पोषक तत्त्व फिजिकल और मैंटल ग्रोथ के साथसाथ लंबाई को बढ़ाने में भी हैल्प करते हैं. इसलिए हर बच्चे के खाने में इन का शामिल होना बहुत जरूरी है.

फायदेमंद आहार

बच्चों को ऐसा खाना देना चाहिए जो उन की बौडी की ग्रोथ करे जैसे दूध, कम फैट वाला दही, बटर, अंडे, मीट (कम मात्रा में), फिश, हरी सब्जियां, फल, ड्राईफ्रूट्स, मक्खन वगैरहवगैरह. इस के अलावा बच्चों को और्गेनिक सब्जियां भी देनी चाहिए. कोशिश करें कि आप जो फल और सब्जियां बच्चों को दें वे और्गेनिक हों. ये उन की हैल्थ के लिए बहुत फायदेमंद हैं.

इस बारे में डफरिन हौस्पिटल के चाइल्ड स्पैशलिस्ट डाक्टर सलमान का कहना है, ‘‘बच्चों के अच्छे विकास के लिए उन की डाइट पर खास ध्यान देना चाहिए. छोटी उम्र में उन के आहार को फैंसी न रखें. अगर आप बच्चों के लिए कुछ बना रही हैं तो ऐसे आहार को चुनें जिस में प्रोटीन, साबूत अनाज, सब्जियां, फल, दूध या दूध से बने खाद्यपदार्थ हों जैसे वैजिटेबल सैंडविच, सेब, अनार, दूध ये सब चीजें बच्चों के लिए पौष्टिक होती हैं इसलिए हर बच्चे की डाइट में इन का होना बहुत जरूरी है.

बच्चों को दें प्रोटीन का साथ

बच्चों को ऐसा खाना दें जो प्रोटीन से भरपूर हो. ये उन के पोषण के लिए बहुत जरूरी हैं जैसे दूध, दालें, चने, अंडे, दही, मूंगफली, पनीर, नौनवैज फूड, बादाम आदि. अगर आप का बच्चा खाने में आनाकानी करता है तो आप कई और तरीकों से प्रोटीन की कमी को पूरा कर सकती हैं. आप बेक्ड चिकन, दही, स्ट्रिंग पनीर या ताजा सब्जियों के स्लाइस के साथ बच्चों के लिए शानदार, पौष्टिक और स्वादिष्ठ स्नैक्स बना सकती हैं. इस में फिश फिंगर भी एक अच्छी चौइस है. ध्यान रहे मछली के कांटे पहले ही निकाल लें वरना वे बच्चों के गले में फंस सकते हैं. रावस, अहि और बंगड़ा प्रोटीन एवं ओमेगा 3 से भरपूर मछलियां हैं.

इस के अलावा आप बच्चे को ब्राउन ब्रैड पर पीनट बटर लगा कर भी दे सकती हैं. यह प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है. आप कुछ और बटर जैसे सूरजमुखी के बीज, बादाम और काजू के बटर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. अगर बच्चे को पीनट से ऐलर्जी है तो उसे पीनट बटर बिलकुल भी न दें. इस बात को जान लें कि प्रोटीन की कमी से बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं इसलिए प्रोटीन एक जरूरी तत्त्व है.

दें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट

बच्चों के लिए कार्बोहाइड्रेट्स ईंधन का काम करते हैं. स्टार्च वाली सब्जियां जैसे आलू और मक्का कार्बोहाइड्रेट के अच्छे सोर्स हैं. आप इन्हें कटलेट के रूप में बच्चे को खिला सकती हैं. कार्बोहाइड्रेट के लिए आप मिल्कशेक भी दे सकती हैं, लेकिन विदआउट शुगर. ऐसा दूध जिस में लैक्टोज होता है, कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा सोर्स है. इसे फल के साथ मिला कर शेक के रूप में दिया जा सकता है. इस के अलावा कार्बोहाइड्रेट के अन्य सोर्स हैं- रोटी, ब्रैड, चावल, ओट्स, दालें, शकरकंद, सेब, स्ट्राबैरी और केला कार्ब्स के अच्छे सोर्स हैं.

विटामिन का साथ है जरूरी

एक बच्चे की ग्रोथ उस के पोषण पर डिपैंड करती है. इस में विटामिन का बहुत बड़ा रोल होता है. विटामिन ए से हड्डियों की ग्रोथ होती है. इस से नजर तेज और इम्यूनिटी स्ट्रौंग होती है. यह संक्रमण से भी बचाता है. विटामिन ए के कई सोर्स हैं जैसे दूध, पनीर, गाजर, चुकंदर और पालक. विटामिन बी2 हमें हरी पत्तेदार सब्जियों से मिलता है. मशरूम, हरे मटर, विटामिन बी3 के सोर्स हैं. फूलगोभी, चिकन और शकरकंद विटामिन बी5 के स्रोत हैं. मछली, अंडे और दूध से बने उत्पादों से विटामिन बी12 मिलता है. यह बच्चों को उन बीमारियों से बचाता है जो उन की ग्रोथ में बाधा बनती हैं. विटामिन सी खट्टे फल और नीबू से मिलता है. ब्रोकली से विटामिन के, बी6, बी2, बी9 और सी मिलता है. इसलिए अपने बच्चों के खाने में भरपूर मात्रा में विटामिन परोसें.

यह भी सच है कि बच्चे इन्हें इतनी आसानी से नहीं खाएंगे इसलिए आप इन्हें बच्चों को कुछ यूनीक तरीके से बना कर खिलाएं.

वसा परोसें

जिस तरह से बच्चों के लिए विटामिन, कैल्सियम, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन जरूरी है उसी तरह उन के लिए वसा भी बहुत जरूरी है. वसा के स्रोत में नट्स, मूंगफली, अखरोट, काजू, वसायुक्त फिश, घी, बीज और ऐवोकाडो है. घी और नारियल तेल जैसे अधिक वसायुक्त वाले प्रोडक्ट्स बच्चों को न दें.

कैल्सियम और जिंक को अपनाएं

बच्चों को हर दिन दूध या दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स की 3 खुराक की जरूरत होती है. दूध और दही कैल्सियम के सब से अच्छे सोर्स हैं. इन में काफी मात्रा में जिंक भी होता है. ये सभी हड्डियों और दांतों की मजबूती एवं विकास के लिए बहुत लाभकारी हैं. कैल्सियम के अन्य स्रोत हैं- गाजर, मक्खन, ब्रोकली, अंडे. इन्हें अपने बच्चों की डाइट में शामिल कर के आप उन्हें कैल्सियम की कमी से होने वाली बीमारियों से बचा सकती हैं. वहीं जिंक के मुख्य स्रोत तिल, कद्दू के बीज और नट्स हैं. अगर आप चाहती हैं कि बच्चों को भरपूर पोषण मिले तो आप उन की डाइट में जिंक को भी शामिल करें.

आयरन से मिलाएं हाथ

आयरन के मुख्य स्रोतों में फलसब्जी, दूध, अनाज शामिल हैं. आयरन शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. यह घावों को भरने और बच्चों के विकास के लिए भी फायदेमंद है. अपने बच्चों की डाइट में आयरन प्रोडक्ट शामिल कर के उन्हें हैल्दी बनाएं.

मैग्नीशियम है जरूरी

बादाम, अंडे, दूध, खरबूजा, चने, तिल और चावल मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं. केले में भी अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम होता है. मैग्नीशियम बौडी और माइंड के बीच मैसेज भेजने का महत्त्वपूर्ण रोल निभाता है. बौडी में मैग्नीशियम की सही मात्रा होने से दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ती है. जिस से याददाश्त तेज होती है.

नो स्टोर जंक फूड

बेहतर है कि आप घर में जंक फूड न के बराबर ही रखें. घर में ज्यादा से ज्यादा हैल्दी फूड भी रखें. अगर वह है तो इस में से कुछ खाएंगे भी तो आप बेफिक्र हो जाएं क्योंकि वह हैल्दी ही होगा.

फूड को दें अपना नाम

खाने को अपना नया नाम दें. बच्चे खाने का वही बोरिंग सा नाम सुन कर थक जाते हैं इसलिए आप खाने का नया नाम रखें. कोशिश करें कि नाम कुछ फनी और इंट्रस्टिंग हो जैसे नौर्मल से ब्रैड आमलेट का नाम बदल कर आप एग्गी ब्रैड रख सकती हैं. इस का नाम सुन कर बच्चे सोचेंगे कि कोई नई डिश है और वे इसे बड़े चाव से खाएंगे. इसी तरह ब्रोकली से बनी डिश को आप बेबी ट्री का नाम दे सकती हैं. ब्रोकली माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का बेहतरीन सोर्स है जैसेकि विटामिन के, बी6, बी2, बी9 और सी.

फूड की चेंज शेप

बच्चों को खाना खिलाने का एक अन्य तरीका उस की शेप को बदलना है. बच्चे सैंडविच को ट्राइऐंग्युलर शेप में देखदेख कर बोर हो गए होंगे. उन्हें सैंडविच नई शेप में परोसें. इस के लिए आप उसे स्टार, हार्ट और सर्कल शेप में ट्राई कर सकती हैं. इस के लिए मार्केट में डिफरैंट टाइप के शेप कटर मिलते हैं.

आप इसे और अट्रैक्टिव बनाने के लिए इस पर टोमैटो सौस से आंख और मुंह क्रिएट कर सकती है. आप इस पर पतलीपतली गाजर से मूंछे भी बना सकती हैं. ऐसा क्रिएटिव सैंडविच देख कर बच्चे बारबार उसे खाने की फरमाइश करेंगे. इसी तरह आप स्माइली फेस पैनकेक बना सकती हैं जो बच्चों को बहुत पसंद आएगा. आप टोस्ट को भी अलगअलग शेप में तैयार कर सकती हैं.

रंगों का खेल

बच्चों को फ्रूट्स खिलाना बिलकुल भी आसान काम नहीं है. लेकिन उन्हें न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट देनी है तो यह सब तो खिलाना ही होगा. आप फलों के साथ रंगों का खेल खेल सकती हैं जैसे अगर बच्चे फल खाने से इनकार करते हैं तो आप फल को अलगअलग शेप में काट सकती हैं जैसे मंकी और खरगोश का फेस. आप अलगअलग फलों को काट कर घर या ट्री की शेप दे कर बच्चों को इन्हें खाने के लिए तैयार कर सकती हैं.

सब्जियों को दें ड्रैसिंग का साथ

बच्चों को कुछ कच्ची सब्जियां जैसे गाजर और खीरा खाने को दें. टेस्ट के लिए इस पर थोड़ी सी ब्राउन शुगर लगा दें. कुछ सब्जियों पर दही की भी ड्रैसिंग की जा सकती है. एक रिसर्च के मुताबिक रोजाना फल या सब्जियां खाने से कार्डियोमैटाबोलिक बीमारी का खतरा 6 से 7त्न तक ही रहता है.

टेस्ट उन के न्यूट्रिशन आप के

बच्चे मफिन खाना बेहद पसंद करते हैं. ऐसे में आप मफिन को हैल्दी बनाने के लिए केले या सेब का इस्तेमाल सकती हैं. आप इस में ड्राईफ्रूट्स भी पीस कर या काट कर के डाल सकती हैं. इस तरह से बच्चे टेस्टी और हैल्दी मफिन खा सकेंगे.

इस के अलावा आप को खुद में भी कुछ बदलाव करने होंगे क्योंकि बच्चा जो देखता है, वही सीखता और अपनाता भी है. इस में पहला कदम होगा रोल मौडल बनना. अगर आप अपने बच्चे को न्यूट्रिशन से भरपूर खाना खिलाना चाहती हैं तो सब से पहले आप उस की रोल मौडल बनें. अगर आप हैल्दी खाना खाएंगी तो बच्चा भी वहीं खाएगा और वह भी बिना किसी नखरे के. वहीं अगर आप अनहैल्दी यानी जंक फूड खाएंगी तो आप का बच्चा भी ऐसा ही खाना खाएगा और हर वक्त ऐसा ही खाना खाने की जिद्द करेगा. इसलिए आप हैल्दी फूड ही खाएं. हां कभीकभी जंक फूड खाया जा सकता है.

ध्यान रखें

आप इस बात का ध्यान रखें कि घर में अलगअलग लोगों के लिए अलगअलग खाना न बनाएं या बनवाएं. सब एक ही तरह का खाना खाएं. बच्चों को घर में मीठा न दें. बच्चे घर से बाहर ही ऐसी चीजें खा लेते हैं जिन में शुगर होती है इसलिए बच्चों को घर में शुगर बिलकुल भी न दे.

‘इंडिया साइंस वायर’ से हुए इंटरव्यू में तेलंगाना स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान की निर्देशक डाक्टर आर. हेमलता ने बताया, ‘‘4-6 वर्ष के बच्चों के लिए 120 ग्राम अनाज, 45 ग्राम फलियां, 100 ग्राम सब्जियां, 75 ग्राम फल, 400 मिलीलिटर दूध, 25 ग्राम वसा आदि होनी चाहिए. बचपन में बेहतर पोषण अच्छे स्वास्थ्य और विकास के लिए बहुत जरूरी है. अगर बच्चों को मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स सही मात्रा में नहीं मिलते हैं तो उन में कई तरह की एलर्जी होने का खतरा रहता है. इस से उन का मानसिक और शारीरिक विकास देरी से हो सकता है.”

मेरे पिता जी की उम्र 62 वर्ष है, क्या उनके लिए डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट, जरूरी है क्या?

सवाल

मेरे पिताजी की उम्र 62 वर्ष है. उन की एक किडनी 70% काम कर रही है. दूसरी लगभग 20% मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या इस के लिए डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपचार है?

जवाब

डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता तब होती है जब किडनी फेल्योर हो चुका हो. किडनी फेल्योर शब्दावली तब इस्तेमाल की जाती है जब दोनों किडनियां काम करना बंद कर देती हैं. अगर एक किडनी ठीक प्रकार से काम कर रही है तो सामान्य जीवन जीया जा सकता है. जिन्हें किडनी से संबंधित बीमारियां हैं वे ऐक्सरसाइज, डाइट और दवाइयों से इसे नियंत्रित कर किडनी फेल्योर के खतरे को कम कर सकती हैं और सामान्य जीवन जी सकते हैं. इसलिए बहुत जरूरी है कि आप के पिताजी की एक किडनी जो ठीक प्रकार से काम कर रही है उसे स्वस्थ रखने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएं ताकि उन्हें डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट जैसे स्थितियों का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़ें…

मुझे पिछले 10 वर्षों से डायबिटीज है. कुछ दिनों से मुझे हाथों, टखनों और पैरों के पंजों में सूजन की समस्या हो रही है. इस का कारण क्या हो सकता है?

जवाब

दरअसल, डायबिटीज केवल एक रोग नहीं मैटाबौलिक सिंड्रोम है जिस का प्रभाव किडनियों सहित शरीर के प्रत्येक अंग और उस की कार्यप्रणाली पर पड़ता है. हाथों, टखनों और पैरों के पंजों में सूजन की समस्या डायबिटिक नैफरोपैथी के कारण हो सकती है. डायबिटीज से पीडि़त 30-40त्न लोगों में डायबिटिक नैफरोपैथी के कारण किडनियां खराब हो जाती हैं. आप अपने यूरिन की जांच कराएं. यूरिन में एल्ब्यूमिन का आना और शरीर में क्रिएटिनिन बढ़ना डायबिटिक नैफरोपैथी के संकेत हैं. अगर यूरिन में माइक्रो एल्ब्यूमिन नहीं आ रहा है तो किडनियों पर असर नहीं हुआ है. डायबिटिक नैफरोपैथी को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन उपचार के द्वारा इस के गंभीर होने की प्रक्रिया को बंद या धीमा किया जा सकता है. उपचार में रक्त में शुगर के स्तर और रक्तदाब को जीवनशैली में परिवर्तन ला कर और दवाइयों से नियंत्रित रखा जा सकता है.

डा. जितेंद्र कुमार

चेयरमैन, रीनल साइंस ऐंड ट्रांसप्लांट मैडिसिन, एकार्ड सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल, फरीदाबाद

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभा, ई-8, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली-110055.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या 9650966493 पर भेजें.

घर पर बनाएं कुरकुरा और जालीदार घेवर

Monsoon का सीजन चल रहा है. जुलाई-अगस्त Monsoon का महीना होता है. अगस्त के महीने में त्यौहार भी आते है. आमतौर पर घेवर राजस्थान की प्रसिद्ध मिठाई है इसके अलावा उत्तर भारत में भी घेवर काफी मशहूर है. सावन और रक्षा बंधन के त्यौहार पर हर घर में घेवर को खूब पसंद किया जाता है.  इसे आप एक घंटे में घर में भी बना सकते हैं. इस मौनसून घर पर बनाएं टेस्टी मावेदार घेवर, घर में सब उंगलियां चाटते रह जाएंगे.

कितने लोगों के लिए – 4

घेवर की सामग्री

  1. 3 कप आटा
  2. 2 चम्मच घी
  3. 3-4 बर्फ के टुकड़े
  4. 4 कप पानी
  5. 1/2 कप दूध
  6. 1/4 टी स्पून फूड रंग (पीला)
  7. घी (डीप फ्राई के लिए)

सिरप के लिए

  • 1 कप चीनी
  • 1 कप पानी

टॉपिंग के लिए

  • 1 टी स्पून इलायची पाउडर
  • 1 टेबल स्पून बादाम और पिस्ता
  • एक बड़े चम्मच दूध में आधा छोटा चम्मच केसर दूध और केसर

घेवर बनाने की वि​धि

  • घेवर बनाने के लिए पहले आप एक तार वाली चाशनी बना लें.
  • फिर बाउल में  घी लें और सिर्फ एक बार में एक बर्फ का टुकड़ा डालें.  घी  को चलाते रहें, अगर घी  लगे तो और बर्फ के टुकड़े भी डालते रहें. जब तक घी सफेद न हो जाए.
  • इसके बाद आप  दूध, आटा और पानी लेकर पतला मिश्रण बना लें. थोड़े से पानी में खाने वाला पीला रंग  मिला लें. मिश्रण पतला हो
  • इसके बाद आप एक स्टील का बर्तन लें, फिर उसमे आधे बर्तन को घी से भरकर गर्म कर लें.
  • जब घी में से धुएं निकलने शुरू हो जाएं, तो 50 मि. ली ग्लास में मिश्रण भरकर बर्तन के बीच में डालें. एक पतली धार की तरह.
  • इसके बाद मिश्रण को सही से जमने दें तब तक एक और ग्लास मिश्रण का बर्तन में गोल घूमा कर किनारों में डालें.
  • घेवर बर्तन के किनारे छोड़ देगा और उसमें बीच में आपको छोटे-छोटे छेद दिखने लगे, तो उसे ध्यान से निकाल कर तार की छलनी पर रख दें.
  • चाशनी को एक खुले बर्तन में रख लें.
  • गर्म चाशनी में डिबो कर बाहर निकाल लें और ज्यादा चाशनी निचोड़ने के लिए तार पर रख दें.
  • ठंडा होने पर घेवर के ऊपरी भाग पर सिल्वर फॉइल लगा लें. इस पर केसर की थोड़ी-सी छींट दें, कटे हुए ड्राई फ्रूट्स और कुछ चुटकी इलायची पाउडर डालकर सर्व करें.

 

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें