5 टिप्स : मानसून में इंटिमेट हाइजीन को बनाए रखना है जरुरी 

 मानसून के साथ-साथ इंटिमेट हाइजीन की समस्या भी बढ़ने लगती है, क्योंकि इस समय वातावरण में नमी की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा कोरोना काल में खुद को साफ़ रखना, इन्फेक्शन से बचना और सेनीटाइज करना भी एक चुनौती है. इस समय यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की समस्या, महिलाओं में अधिक हो जाती है, ऐसे में इंटिमेट हाइजीन जरुरी हो जाता है. कोई भी ऐसा काम इस समय न करें, ताकि इन्फेक्शन का खतरा बढे. गर्मी और पसीने से बचने की जरुरत ऐसे मौसम में ख़ास होती है, क्योंकि इससे बेक्टेरिया के पनपने से वेजाइनल इन्फेक्शन बढ़ जाता है. मिलेनियम हर्बल केयर के एक्सपर्ट वासवदत्ता गाँधी कहती है कि कुछ ख़ास टिप्स निम्न है ,जिससे आप इंटिमेट हाइजीन को मानसून में भी कायम रख सकती है.

1. हमेशा इंटिमेट पार्ट को रखें ड्राई 

लगातार बारिश होते रहने की वजह से कपड़ों को अच्छी तरह सूखाना एक समस्या है, ऐसे में जो भी इनरवेयर पहने, वे अच्छी तरह से ड्राई हो, इसका ख्याल रखें, क्योंकि इस मौसम में अधिक पसीना आता है, ऐसे में इनरवियर के फैब्रिक ब्रीदेबल होनी चाहिए. सिंथेटिक फैब्रिक नमी को बाहर निकलने से रोकती है, जिससे इरीटेशन और फ्रिक्शन होता है, जो त्वचा के लिए भी ठीक नहीं. इसलिए ऐसे इनरवेयर या लौन्जरी को थोड़े समय के लिए ही पहने. इसके अलावा अगर आप बारिश में भींग चुकी है, तो घर आने पर तुरंत नहा लें और खुद को अच्छी तरह से सुखा लें.

2. टाइट कपड़े पहनने से बचें 

इस मौसम में स्किनी जींस और टाइट शॉर्ट्स को पहनना अवॉयड करें, इससे पसीने अधिक होते है और एयर फ्लो शरीर में ठीक से नहीं हो पाता, जिससे त्वचा में जलन और घर्षण होने लगता है. आरामदायक और ढीले कपडे इस मौसम में पहने. सोते समय भी आरामदायक हल्के शॉर्ट्स पहने ताकि एयर फ्लो सही तरीके से हो सकें, जिससे जलन और घर्षण कम से कम हो.

3. साफ़-सफाई और हाइजीन को रखे बरक़रार 

समय समय पर इंटिमेट पार्ट को साफ़ रखने से बेक्टेरिया इन्फेक्शन और दुर्गन्ध से आप मुक्त रह सकती है. सुबह नहाते समय और रात को सोते समय इंटिमेट पार्ट की सफाई हमेशा करें. अगर आपको अधिक पसीना आता है, तो आपको  साफ़ सफाई पर भी अधिक  ध्यान देने की जरुरत है. कई अच्छे और हर्बल उत्पाद बाज़ार में मिलते है, जिसका प्रयोग आप हाइजीन को बनाये रखने के लिए कर सकती है. 

4. खुद को रखें हाइड्रेटेड 

अधिक मात्रा में पानी और फ्रूट जूस पियें, ताकि यूरिन सही मात्रा में हो और यूरिनरी ट्रैक साफ़ और हेल्दी रहे. पानी शरीर के टोक्सिन को बाहर निकालती है और बॉडी की पीएच वैल्यू को संतुलित रखती है. इस मौसम में गर्मी और नमी की वजह से पसीना अधिक आता है. इससे शरीर की बॉडी फ्लूइड कम हो जाती है, जिससे युरिनेट के समय जलन का अनुभव होता है, जो कई बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का रूप ले लेती है. 

5. हेल्दी फ़ूड हैबिट को करें मेंटेन 

अधिक स्पाइसी फ़ूड खाने से परहेज करें, एसिडिक फ़ूड पीएच के संतुलन को बिगाडती है, जिससे इंटिमेट एरिया से गन्दी बदबू आने लगती है. प्री और प्रोबायोटिक युक्त भोजन अधिक लें, जिसमें प्लेन दही, प्याज, लहसुन, स्ट्राबेरी, और हरी पत्तेदार सब्जियां जो वेजाइना में हेल्दी बेक्टेरिया को पनपने में मदद करें और आपका इंटिमेट हेल्थ अच्छा रहे.  

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बारिश में जा रही हैं घूमने, तो पढ़ें ये खबर

तपती गर्मी के बाद बारिश की पहली बौछार से किसी को भी प्‍यार हो सकता है. भीषण गर्मी के बाद जब मानसून की पहली फुहार पड़ती है, तो पेड़ पौधों, जीवजंतुओं से ले कर मनुष्यों तक सभी खुश हो जाते हैं.

हालांकि मानसून की बौछार का मजा ही अलग होता है. इस मौसम में चाय-पकौड़े खाना, भीगना और दोस्तों के साथ घूमना हर किसी को पसंद होता है. यह कहना गलत नहीं होगा की बारिश का मौसम एक ऐसा मौसम है जब प्रकृति का असल रूप और सुंदरता देखने को मिलती है. बारिश में घूमना रूमानी और उत्‍साहित करने वाला एहसास है.

बारिश में रुमानियत तो है साथ ही मस्‍ती से जुड़ी कुछ परेशानी भी. बारिश में घूमने से पहले कुछ तैयारियां करनी पड़ती है. इसलिए आज हम आपको कुछ टिप्‍स बता रहे हैं जिन्हें ध्यान में रख कर लें मानसून में घूमने का मजा.

छाता और बरसाती के बिना बाहर नहीं निकलें

बारिश के मौसम में कभी भी मेघा रानी बरस सकती हैं इसलिए अगर आप कहीं घूमने जा रही हैं या जाने की सोच भी रही हैं तो अपने साथ छाता, रेनकोट जरूर रखें. मानसून ट्रिप पर जाने से पहले एक वाटरप्रूफ बैग खरीदें, जिसमें बेफीक्री से अपना रख सकती हैं और घूम सकती हैं.

जिप लौक बैग रखें साथ

सामान पैक करते समय अपने बैग में जिप लौक बैग जरूर रखें. इस जिप लौक बैग में आप अपना पर्स, मोबाइल फोन, कोमरा, लेंस आदी चीजें रख सकती हैं. इस बैग के अंदर आपकी सभी चीजें सुरक्षित रहेंगी.

मच्छरों से निजात

मानसून विभिन्न बीमारियों, संक्रमण, मौसमी सर्दी और फ्लू का भी मौसम है. और मानसून में बेपरवाही के कारण बीमारियां भी जल्‍द घर बनाने लगती है. बीमारियों से बचने के लिए मच्छर भगाने वाली क्रीम, क्वायल, पाउडर सब साथ ले कर चलें.

सिंथेटिक कपड़े ही पहनें

सिंथेटिक कपड़े आसानी से सूख जाते हैं और प्रेस किए बिना भी पहने जा सकते हैं. इसलिए मानसून में सफर पर जाते समय ज्‍यादा से ज्‍यादा ऐसे कपड़े ही पैक करें.

चप्पल और जूते

बरसात के मौसम में फिसलने का डर रहता है इसलिए ऐसे फुटवियर रखें जो फिसलने से बचाये. लेदर के जूते चप्‍पलों की बजाय रबड़ और कैनवस के बने फुटवियर लेकर चलें.

खाना और पानी का रखें खास ख्याल

स्ट्रीट फूड को विशेष तौर पर अवाइड करें. इससे गैस, अपच और डिहाइड्रेशन जैसी प्राब्‍लम्‍स हो सकती हैं. ज्यादा औयली खाना खाने से भी बचें. ठंडे और लिक्‍वेड फूड जूस, तरबूज खाना प्रेफर करें. पानी भी सोच समझ कर पिएं. ढाबा, होयल का खूला पानी पीने की जगह बौटल का पानी पिएं.

फर्स्ट एड बाक्स

इस मौसम में पेट और स्‍किन की प्राब्‍लम्‍स बहुत होती हैं, साथ ही भीगने से सर्दी जुकाम और बुखार भी होने का खतरा रहता है. ऐसे में जरूरी है कि कि आप सामान के साथ कुछ एंटी सेप्‍टिक क्रीम और जरूरी दवा साथ रख लें.

मौसम रिपोर्ट की जानकारी

अगर आप कहीं दूर घूमने जा रही हैं तो अपने डेस्‍टिनेशन पर पहुंच कर घूमने निकलने के पहले मौसम की जानकारी ले लें. इसके लिए वेदर रिपोर्टस और भविष्‍यवाणियों के बारे में पता रखें.

एडवांस टिकेट और प्लानिंग

इस मौसम में ट्रेन और दूसरे यात्रा के साधनों में काफी भीड़ भाड़ होती है. इसलिए एडवांस प्‍लानिंग के साथ एडवांस में टिकट भी बुक करा लें. बाकी कहां ठहरेंगे और कहां कहां जाना है इसकी भी व्‍यवस्‍था पहले ही कर लें.

फोन रखें चार्ज

बारिश के मौसम में लाइट कटने की समस्या भी आम है इसलिए अपना फोन हमेशा चार्ज रखें, टार्च ले कर चलें. पावर बैंक साथ ले कर चलना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.

बारिश के मौसम का आनंद घर के चार दीवारी में बंद हो खिड़की के पास खड़े होकर बारिश के बूंदो को देखकर नहीं लिया जा सकता. बारिश का असल आनंद तो खुले आसमान के नीचे भीग कर ही है. बेशक बारिश के मौसम में भीगे और घूमें भी लेकिन हमारे दिए गए टिप्स को जरूर फौलो करें.

प्रेम विवाह: भाग 2- अभिजित ने क्यों लिया तलाक का फैसला?

शादी के बाद हनीमून मना कर वे घर में दाखिल हुए तो कैथरीन की सास जानकी ने उस से कहा, ‘देखो कैथरीन, अब तुम इस घर की बहू हो. पर एक बात मैं तुम्हें साफसाफ बता देना चाहती हूं. मेरी रसोई में प्रवेश न करना. मेरी सास छुआछूत बहुत मानती हैं और किसी का छुआ नहीं खातीं.’

‘जी,’ कैथरीन बोली. पर उस का सर्वांग सुलग उठा.

‘एक बात और सवेरे जब उठो तो अपनी नाइटी बदल कर सलवारकमीज या साड़ी पहन कर बाहर आना. घर के बड़ेबूढ़ों का थोड़ाबहुत लिहाज तो करना ही पड़ेगा.’

‘जी,’ कैथरीन बोली.

उस ने मन ही मन अपने दांत पीसे. घर में घुसते ही इतनी हिदायतें, बंदिशें. घर भी क्या था एक खंडहर. बदरंग दीवारें, जगहजगह से प्लास्टर उखड़ा हुआ. दड़बे जैसे कमरे. उसे और अभि को सब से अच्छा कमरा दिया गया था. कमरा क्या एक कोठरी थी.

एक बात उसे बहुत अखरती थी. देर रात तक घर के लोग जागते रहते थे. अभि के पिता दमे के मरीज थे और निरंतर खांसते रहते थे. सवेरे 5 बजे सास उठ जातीं और किचन में खटरपटर करने लगतीं.

अभि कैथरीन को अपनी बांहों में लेता तो वह उसे परे धकेलती, ‘रुको, अभि, घर में सब जाग रहे हैं.’

‘तो क्या हुआ, हम पतिपत्नी हैं और अपने कमरे में बंद हैं. हमें किसी से क्या लेना?’

‘नहीं, मुझे शर्म आती है.’

‘ओहो, यह क्या गंवारों जैसी बातें कर रही हो. कम औन यार, वक्त जाया न करो. मेरी बांहों में आओ. आज रविवार है,’ अभि ने कहा.

‘तो?’

‘आज का दिन तुम्हारे नाम. हम पूरा दिन साथ बिताएंगे. पहले एक बढि़या से रेस्तरां में तुम्हें खाना खिलाएंगे. उस के बाद पिक्चर देखेंगे और शाम को पार्क में टहल कर घर लौटेंगे.’

कैथरीन उस से लिपट गई, ‘ओह अभि, तुम कितने अच्छे हो.’

पार्क में बैठेबैठे उस ने अभि के कंधे पर सिर रख दिया.

‘अभि, आज का दिन कितना अच्छा गुजरा. काश हमें एकांत खोजने के लिए घर से बाहर न आना होता. क्यों अभि, क्या हम अलग मकान में शिफ्ट नहीं कर सकते? छोटा सा 1 बैडरूम वाला, किराए का ही सही.’

‘यह कैसे संभव है डार्लिंग? 2 घर चलाना मेरे लिए मुमकिन नहीं और मैं एकएक पैसा अपनी बहनों की शादी के लिए जोड़ रहा हूं. किराए के घर के लिए भी डिपौजिट की जरूरत पड़ती है. वह कहां से लाएंगे?’

‘ओह,’ कैथरीन ने एक ठंडी सांस भरी, ‘तो सारा खेल पैसों का है.’

अगर उस का बस चलता तो वह अभि के परिवार को घर से चलता कर देती. घर मकान मालिक को लौटा कर बदले में एकमुश्त पैसे ले कर एक अलग घर बसाती, जहां वह और अभि आनंद से रहते. पर यह सब एक आकाश कुसुम जैसा था.

‘तो कम से कम मुझे ही कोई नौकरी कर लेने दो,’ उस ने कहा, ‘घर पर तो अम्मां मुझे किसी काम को हाथ लगाने नहीं देतीं और मैं दिन भर बैठी बोर होती रहती हूं.’

‘तुम नौकरी करोगी?’

‘हां, इस में हरज ही क्या है. मैं ग्रैजुएट हूं और मैं ने सैके्रेटरी का कोर्स भी किया हुआ है. उस रोज मेरी सहेली शीला मिली थी. वह बता रही थी कि वरली में एक प्राइवेट कंपनी में रिसेप्शनिस्ट की पोस्ट खाली है. वेतन भी ठीक है और काम भी हलका है. क्या कहते हो?’

‘ठीक है. तुम्हें जंचे तो कर लो.’

कैथरीन अपनी नई नौकरी पर गई तो उसे बहुत अच्छा लगा. उस के सहकर्मी बड़े मिलनसार थे. पर अपने बौस चौधरी को ले कर वह तनिक उलझन में पड़ गई. उस के बौस जरा रंगीन मिजाज के थे. उन की आदत थी कि दफ्तर में घुसते ही स्टाफ की लड़कियों को छेड़ते, उन से चुहल करते. सब से हायहैलो करते. वे कैथरीन की मेज पर रुकते, उस से थोड़ी देर बतियाते, फिर अपने कैबिन में दाखिल होते.

‘इस रोमियो से जरा बच कर रहना,’ उसे उस के सहकर्मियों ने आगाह किया, ‘यह सब लड़कियों से फ्लर्ट करता है, उन के करीब आने की कोशिश करता है. इस से दूरी बनाए रखना.’

एक दिन चौधरी ने उसे बुलाया,

‘मिस कैथरीन, मुझे मालूम हुआ है कि तुम ने सैके्रटरी का कोर्स किया हुआ है. मेरी स्टैनो छुट्टी पर गई हुई है. अगर कुछ दिन तुम उस का काम भी संभाल लो तो मैं तुम्हारा आभारी होऊंगा.’

भला वह कैसे इनकार कर सकती थी. जबतब उस का इंटरकौम बज उठता, ‘कैथरीन, मेरे कैबिन में आना. एक लैटर डिक्टेट करना है.’

एक बार तो वह लिफ्ट से नीचे जा रही थी कि चौधरी भी लिफ्ट में आ गया.

‘तुम घर ही जा रही हो न. कहो तो मैं तुम्हें ड्रौप कर दूं.’

‘नहीं सर, मैं चली जाऊंगी.’

लेकिन चौधरी ने उस की एक न सुनी.

यहां तक तो ठीक था पर एक दिन लिफ्ट में उसे अकेली पा कर चौधरी ने उसे चूम लिया. वह हड़बड़ा गई.

‘सौरी डियर, तुम जब मुसकराती हो तो तुम्हारे गालों में जो गड्ढे पड़ते हैं वे इतने प्यारे लगते हैं कि मैं खुद को रोक न सका,’ चौधरी ने सफाई दी.

वह कैंटीन में बैठी घर से लाया हुआ सैंडविच खा रही थी कि उस के सहकर्मियों ने प्रवेश किया.

‘हैलो कैथरीन, कैसा चल रहा है?’

‘ठीक है.’

‘क्या बात है, तुम कुछ परेशान सी लग रही हो?’ शुक्ला ने कहा, ‘लगता है अपने दिलफेंक आशिक ने कोई गुस्ताखी की है.’

कैथरीन की आंखों में आंसू छलक आए.

‘मैं यह नौकरी छोड़ दूंगी,’ वह बोली.

‘तुम क्यों नौकरी छोड़ोगी? नौकरी तो उसे छोड़नी होगी.’

‘हां, हम सब उस के बरताव से तंग आ गए हैं,’ बनर्जी ने कहा, ‘हम उसे ऐसा सबक सिखाना चाहते हैं कि वह दोबारा कभी लड़कियों को छेड़ने की हिम्मत नहीं करेगा.’

‘हम ने एक प्लान बनाया है,’ गोडबोले ने कहा, ‘तुम साथ दो तो ही इसे अंजाम दिया जा सकता है.’

‘क्या मतलब?’

उन्होंने उसे बताया.

वह सोच में पड़ गई.

‘ओह, मुझे नहीं लगता कि मैं यह सब कर पाऊंगी,’ वह बोली.

‘सोच लो. हम तुम्हें इस काम के लिए 2 लाख रुपए देंगे.’

‘2 लाख?’ वह चकित हुई.

‘हां, हम ने ये रुपए चंदा मांग कर इकट्ठे किए हैं. हम किसी भी कीमत पर चौधरी को यहां से भगाना चाहते हैं. उस ने मेरी बहन का जीवन बरबाद कर दिया. वह इस की चिकनीचुपड़ी बातों में आ गई और इसे दिल दे बैठी. वह सोचती थी कि यह अपनी पत्नी को तलाक दे कर उस से शादी कर लेगा. पर इस ने उसे धोखा दिया. मेरी बहन अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है.’

‘लेकिन इस काम में बड़ा जोखिम है,’ उस ने आपत्ति की.

‘बिलकुल नहीं. बात हम चारों के बीच रहेगी. किसी और को कानोंकान खबर भी न होगी, सोच लो. 5 मिनट के काम के लिए 2 लाख मिल रहे हैं.’

वह उधेड़बुन में पड़ी रही. बड़ी विषम परिस्थिति थी. पैसा उस की कमजोरी था. इतने सारे पैसे हाथ आ गए तो उस की सारी मुश्किलें दूर हो जाएंगी. वह और अभि एक अलग मकान किराए पर ले लेंगे और जिंदगी का भरपूर आनंद उठाएंगे. काफी सोचविचार के बाद उस ने निश्चय कर लिया.

हमेशा की तरह चौधरी ने उसे बुलाया. वह शौर्टहैंड की नोटबुक ले कर गई. फिर चौधरी ने साथ कौफी पीने की फरमाइश की. वह उसे कौफी का प्याला थमा रही थी कि प्याला छलक गया और गरमगरम कौफी उस के हाथों पर गिर गई. प्याला उस के हाथ से छूट कर छन्न से जमीन पर जा गिरा. उस के मुंह से चीख निकली.

‘अरे, जरा सी कौफी ही तो गिरी है. इस में इतना परेशान होने की क्या बात है?’ चौधरी ने कहा.

पर उस पर तो जैसे पागलपन सवार हो गया था. वह फिर जोर से चीखी.

‘क्या हुआ, हाथ जल गया क्या? देखूं तो,’ चौधरी ने उस का हाथ थामा.

उस ने उस का हाथ झटक दिया, ‘मुझे हाथ मत लगाना. मुझ से दूर रहो बदमाश कहीं के.’

चौधरी हक्काबक्का रह गया.

‘यह क्या बक रही हो? तुम होश में तो हो?’

तभी अचानक कैबिन का द्वार खुला और 4 लोग अंदर घुस आए.

‘क्या बात है? यह हंगामा कैसा है?’

कैथरीन उन लोगों को देख कर रोते हुए बोली, ‘इस आदमी ने मुझे रेप करने की कोशिश की.’

चौधरी का चेहरा पीला पड़ गया.

‘यह झूठ है. मैं ने इसे हाथ भी नहीं लगाया.’

‘इस ने मुझ से हाथापाई की. मुझे अपनी बांहों में लेना चाहा. मेरे कपड़े फाड़ दिए.’

‘झूठ, सरासर झूठ,’ चौधरी ने सिर हिलाया.

कैथरीन फूटफूट कर रोने लगी.

कैबिन में भीड़ इकट्ठा हो गई थी. कुछ के हाथों में कैमरे थे. वे धड़ाधड़ तसवीरें ले रहे थे. दरअसल, वे टीवी और अखबार वाले थे.

‘हम ने पुलिस को खबर कर दी है,’ किसी ने कहा.

‘नहीं, पुलिस मत बुलाओ,’ चौधरी गिड़गिड़ा रहा था, ‘आप लोग जानते हैं कि यह इलजाम सरासर झूठा है. आप जो चाहें मैं करने के लिए तैयार हूं. मैं इज्जतदार आदमी हूं.’

कैथरीन जब घर पहुंची तो घर के लोग टीवी के इर्दगिर्द बैठे थे. अभि का चेहरा उतरा हुआ था.

 

TRP लिस्ट में गिरे ये टीवी सीरियल, जल्द ही कटेगा ‘बेकाबू’ समेत इन शोज का पत्ता

दर्शक ही टीवी सीरियल को हिट कराते है वहीं नपसंद भी करते है. मनोरंजन के लिए शो के मेकर्स कई प्रयास करते रहते है. फिर भी कई टीवी सीरियल नहीं चल रहे है. टीआरपी गिरते ही कई टीवी सीरियल बंद हो चुके हैं. दरअसल, छोटे पर्दे के ये टीवी सीरियल जल्द ही बंद होने वाले है. टीवी और ओटीटी के कुछ शोज ऐसे हैं जिनका पत्ता जल्द ही कटने वाला है. इस लिस्ट में टीवी एक्ट्रेस दिशा परमार के ‘बड़े अच्छे लगते हैं 3’ के साथ-साथ टीना दत्ता का ‘हम रहें न रहे हम’ तक शामिल है.

जल्द ही कटेगा ‘बेकाबू’ समेत इन शोज का पत्ता

टीवी चैनल पर जब नए सीरियल आते है तो मेकर्स पुराने शोज बंद कर देते है. वैसे ही टीवी के वो सीरियल भी शामिल हैं जो 4 महीने पहले ही शुरू हुए थे, लेकिन छोटे पर्दे पर फुस्स साबित हुए. इस लिस्ट में टीना दत्ता के ‘हम’ से लेकर दिशा परमार का ‘बड़े अच्छे लगते हैं 3’ तक शामिल है. तो चलिए एक नजर डालते हैं उन टीवी सीरियल पर-

‘बेकाबू’ सीरियल जल्द ही बंद होगा

शालीन भनोट और ईशा सिंह स्टारर ‘बेकाबू’ पर ताला लगने वाला है. बेकाबू का आखिरी एपिसोड शालीन भनोट और ईशा सिंह ने शूट भी कर लिया है, जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ था.

‘बड़े अच्छे लगते हैं 3’

इस लिस्ट में शामिल दिशा परमार और नकुल मेहता स्टारर ‘बड़े अच्छे लगते हैं 3’ को लेकर खबर आई है कि शो पर जल्द ही ताला लग सकता है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नही हुई.

‘हम रहें न रहे हम’

टीना दत्ता और जय भानुशाली का ‘हम रहे न रहे हम’ जल्द ही बंद हो सकता है. दावा किया जा रहा है, इसकी जगह सुंबुल तौकीर खान का नया शो ‘काव्या’ शुरू हो सकता है.

‘मैत्री’ और ‘फालतू’ जल्द होगा बंद

जीटीवी चैनल का ‘मैत्री’ को कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ाया गया था. लेकिन अब मेकर्स ने इसे पूरी तरह से बंद करने का प्लान बना लिया है. बता दें कि शो टीआरपी लिस्ट में कुछ खास नहीं कर रहा था. वहीं निहारिका चौकसे और आकाश आहूजा स्टारर ‘फालतू’ को लेकर कहा जा रहा है कि शो जल्द ही बंद हो सकता है. इसके जगह ‘बातें कुछ अनकही सी’ शुरु हो सकता है.

BB OTT 2 Ranking: एल्विश यादव ने बाजी मारी, पूजा भट्ट टॉप 5 से बाहर

सलमान खान का कॉन्ट्रोवर्शियल रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी 2 इन दिनों काफी सुर्खियों में है. शो को दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है. बिग बॉस ओटीटी 2 में यूट्यूबर्स बनाम टीवी स्टार्स के बीच एक लड़ाई देखने के लिए मिल रही है. वहीं सोशल मीडिया पर भी एल्विश यादव, मनीषा रानी और अभिषेक मल्हान को सबसे ज्यादा सपोर्ट मिल रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि इन तीनों में से ही कोई एक कंटेस्टेंट इस सीजन का विनर बनेगा. वहीं बिग बॉस ओटीटी 2 के कंटेस्टेंट्स की छठे हफ्ते की रैंकिंग सामने आ गई है. एल्विश ने मारी बाजी, लेकिन टॉप 5 में हुआ है बड़ा बदलाव. आइए आपको बताते है टॉप 5 में कौन-कौन है.

इन 5 कंटेस्टेंट्स ने रैंकिंग में बनाई जगह

सलमान खान का कॉन्ट्रोवर्शियल रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी 2 को जनता से खूब प्यार मिल रहा. बिग बॉस ओटीटी 2 में जब से एल्विश यादव ने शो में एंट्री ली है, तभी से ही नंबर एक पर बने हुए हैं. छठे हफ्ते की रैंकिंग में भी एल्विश ने बाजी मारी है.

अभिषेक मल्हान दूसरे स्थान पर पहुंचे

बिग बॉस ओटीटी 2 की रैंकिंग लिस्ट में दूसरे नंबर पर अभिषेक मल्हान का नाम है. अभिषेक शो बहुत अच्छा खेल रहे हैं. इस बात में कताई शक नहीं है कि वह टॉप 5 में भी शामिल होने वाले हैं.

तीसरे नंबर पर मनीषा रानी

बिग बॉस ओटीटी 2 की रैंकिंग लिस्ट में मनीषा रानी तीसरे स्थान पर आई है. वहीं मनीषा रानी काफी दिनों से तीसरे स्थान पर मौजूद है.

चौथे पर जिया शंकर

बिग बॉस ओटीटी 2 के घर में जिया शंकर को काफी कन्फ्यूज देखा गया है, लेकिन रैंकिंग में वह अपनी जगह बनाए हुए हैं. उन्हें फैंस ने चौथा स्थान दिया है.

पांचवे स्थान पर पहुंचे अविनाश सचदेव

अविनाश सचदेव ने भी टॉप पांच में एंट्री कर ली है. अविनाश का खेल कुछ समय से सुधर रहा है. वह पांचवें नंबर पर है. पहले उन्हे जनता कहा गया था लेकिन अब वह गेम में अच्छा कर रहे है.

पूजा भट्ट टॉप 5 से बाहर हुई

वहीं बिग बॉस ओटीटी 2 की छठे हफ्ते की रैंकिंग में पूजा भट्ट टॉप 5 से बाहर हो गई. इस लिस्ट में पूजा भट्ट का नाम नहीं. पूजा अपनी कड़क आवाज के लिए जानी जाती है.

साथ: भाग 1- पति से दूर होने के बाद कौन आया शिवानी की जिंदगी में

बात 5 साल पहले की है. मेरी शादी को 1 साल हो चुका था. पर अमन और मेरे विचारों में इतना अंतर था कि अकसर हमारे बीच छोटीछोटी बातों को ले कर बहस होती रहती थी. हद तो एक दिन तब हो गई जब अमन शाम को गुस्से में घर आए और आते ही मुझे जोरजोर से पुकाराना शुरू का दिया.

मैं ऊपर के कमरे से जल्दी से नीचे आ गई, ‘‘क्या हुआ अमन सब ठीक तो है न?’’

‘‘नहीं, तुम्हारे रहते कुछ भी ठीक नहीं हो सकता. आज तुम्हारी वजह से औफिस में मेरी बहुत बेइज्जती हुई,’’ अमन की आंखें लाल हो चुकी थीं.

‘‘पर मैं ने क्या किया?’’ मैं ने भी गुस्से में पूछा.

मुझे गुस्से में देख कर अमन और गुस्से में आ गए, ‘‘तुम जैसी अनपढ़ और गंवार के साथ मेरी जिंदगी नर्क बन गई है. तुम ने आज खाने में नमक इतना मिला दिया था कि लंच टाइम में सब ने मेरी हंसी उड़ाई.’’

‘‘देखो अमन, पहली बात तो यह कि मैं अनपढ़ नहीं हूं और दूसरी बात यह कि अगर एक दिन नमक थोड़ा ज्यादा हो गया तो कौन सा तूफान आ गया? आप वह खाना फेंक कर बाजार से कुछ और मंगवा लेते,’’ मैं ने चिल्ला कह कहा.

मुझ से मेरे इस तरह का जवाब सुन कर अमन गुस्से से कांपने लगे और मेज पर पड़ा फूलदान उठा कर मेरी तरफ फेंक दिया. अगर वक्त रहते मैं वहां से हटी न होती तो मेरा सिर फट जाता. अब तो मामला बरदाश्त से बाहर हो चुका था. सब्जी में नमक थोड़ा ज्यादा होने पर अमन हाथ उठा सकते हैं, ऐसा मैं ने सोचा भी नहीं था. वह रात जैसेतैसे कट गई पर सुबह होते ही मैं ने अमन से कह दिया कि जो कुछ रात को हुआ अगर वह दोबारा हुआ तो मैं गांव से आप के मांबाप को बुला लूंगी. अमन अपने मांबाप की बहुत इज्जत करते थे, इसलिए मेरी बात का असर उन पर तुरंत हुआ. कुछ दिन शांति से निकल गए पर उन का गुस्सा उन्हें कैसे छोड़ता.

एक दिन हम दोनों उन के एक दोस्त के घर गए. वहां उन के दोस्त की पत्नी, जो फैशन डिजाइनर हैं, अपने कपड़ों की खुद तारीफ कर रही थीं. अमन का मूड खराब हो गया. घर आ कर वे मु?ा पर फिर ?ाल्ला उठे, ‘‘तुम्हें कपड़े पहनने की तमीज भी नहीं.’’

इतना कह कर वे सोने चले गए और मैं ने वहीं सोफे पर सारी रात अपने से बातें करने में निकाल दी.

सुबह मैं ने एक फैसला लिया. मैं चाय बना कर अमन के पास गई. उन्हें बहुत प्यार से जगाया और चाय का कप पकड़ा कर प्यार से कहा, ‘‘अमन, आप को शायद ठीक ही लगता है, मैं आप के लायक नहीं हूं. क्या आप मुझे एक मौका देंगे?’’

अमन ने चाय का एक घूंट ही भरा था. उन का हाथ रुक गया और वे हैरानी से पूछने, ‘‘मौका, कैसा मौका?’’

‘‘मैं नौकरी करना चाहती हूं, ताकि दिल्ली में रहने के तौरतरीके सम?ा सकूं और आप के लायक बन सकूं. मैं ने ग्रैजुएशन कर रखा है. मुझे छोटीमोटी नौकरी तो मिल ही जाएगी. वैसे भी घर पर तो मैं सारा दिन बोर ही होती रहती हूं. बाहर जाऊंगी तो कुछ सीखने को मिलेगा,’’ मैं ने एक ही सांस में सब कुछ बोल दिया.

‘‘नौकरी, पर…,’’ अमन ने थोड़ा गंभीर हो कर कहा.

मैं ने उन को बीच में ही टोक दिया, ‘‘पर कुछ नहीं, नौकरी करूंगी तो यहां का अंदाज भी समझ आ जाएगा. फिर आप को मुझे कहीं ले जाने में शर्म नहीं आएगी.’’

‘‘देखो शिवानी, तुम्हारे नौकरी करने में मुझे कोई एतराज नहीं है पर तुम नहीं कर पाओगी. यह दिल्ली है, यहां अंगरेजी आनी जरूरी है. तुम से नहीं हो पाएगा, तुम रहने दो,’’ उन्होंने चाय का कप एक तरफ रखते हुए कहा.

‘‘पर मुझे एक मौका तो दीजिए,’’ मैं ने उन का हाथ पकड़ लिया.

‘‘ठीक है, तुम करना चाहो तो कोशिश कर लो, पर मुझे पता है कि तुम्हारा यह जोश जल्दी ही ठंडा पड़ जाएगा,’’ वे एक अजीब सी हंसी हंस कर बाथरूम में फ्रैश होने चले गए.

उन की उस हंसी ने मेरे नौकरी करने के इरादे को और पक्का कर दिया. अखबारों में विज्ञापन देखदेख कर मैं ने 1 हफ्ते में 10 इंटरव्यू दे डाले पर कुछ हाथ न लगा.

मेरी इतनी भागदौड़ का फल मुझे एक दिन मिल गया. एक कंपनी में मुझे सेल्सगर्ल की नौकरी मिल गई. इस पर भी अमन ने एक कांटा यह कह कर चुभा दिया कि जो नौकरी तुम को मिली है उसे तो दिल्ली की कालेज की लड़कियां अपनी छुट्टियों में टाइम पास करने के लिए करती हैं. उन की इस बात से नौकरी मिलने का जोश थोड़ा थम गया पर ठंडा नहीं हुआ.

औफिस के काम में सारे दिन का पता ही नहीं चलता था. मुझे अपने काम के सिलसिले में बहुत लोगों से मिलनाजुलना होता था, जिन में से कुछ अमन जैसे घमंडी और गुस्सैल होते थे तो कुछ साहिल जैसे शांत. साहिल मेरे साथ काम करता था. मैं सेल्स में थी तो वह अकाउंट में. काम के सिलसिले में हम अकसर बात करते थे.

वह बहुत शांत और समझदार इंसान था. सारा औफिस उस की तारीफ करता था. हर किसी की मदद करने में वह सब से आगे रहता था. मेरी पहली नौकरी थी, इसलिए सब से ज्यादा मुझे ही उस की मदद की जरूरत पड़ती थी.

साहिल के प्रमोशन की पार्टी थी. उस ने औफिस के सभी लोगों को अपने घर पर बुलाया था. उस की मां से मिल कर पता चला कि साहिल के पिताजी बचपन में ही गुजर गए थे और उन्होंने किस तरह मेहनत कर के साहिल को काबिल बनाया था. साहिल की मां मेरठ की थीं और शादी के बाद दिल्ली आई थीं. उन से मिल कर मुझे अपनी मां की याद आ गई थी.

उस दिन घर वापस आने में थोड़ी देर हो गई. मुझे डर था कि कहीं अमन गुस्सा न हो जाए, पर मेरी सोच से उलट अमन ने घर का दरवाजा खोलते ही नाराज होने के बजाय मेरे सूट की तारीफ की. उस रात अमन का मूड बहुत अच्छा था. अगली सुबह अमन ने बताया कि उन को 4 दिन के लिए औफिस के काम से पुणे जाना है. मैं ने उन को कहा कि मैं अकेली कैसे रहूंगी तो उन्होंने कहा कि अब तुम भी नौकरी करती हो, अपनेआप में थोड़ा आत्मविश्वास जगाओ.

अमन चले गए तो सिर्फ अपने लिए लंच बनाने का दिल नहीं हुआ. औफिस में लंच टाइम में कैंटीन गई तो वहां साहिल को देख कर मुझे हैरानी हुई, क्योंकि साहिल की मां ने बताया था कि साहिल बाहर का खाना नहीं खाते.

मैं ने साहिल के सामने वाली कुरसी पर बैठते हुए पूछा, ‘‘साहिल, आप तो बाहर का खाना नहीं खाते, फिर आज कैंटीन में कैसे?’’

‘‘बस यों ही, मांजी की तबीयत थोड़ी ठीक नहीं थी इसलिए,’’ उस के चेहरे पर थोड़ी परेशानी आ गई.

‘‘क्या हुआ मांजी को?’’ मैं ने पूछा.

‘‘कल रात से बुखार है. अगर मुझे मैनेजर को इस महीने की रिपोर्ट नहीं देनी होती तो आज घर पर ही रुक जाता,’’ उस के चेहरे पर परेशानी दिख रही थी.

चावल के आटे से बनाइए ये हैल्दी स्नैक्स

सुबह के नाश्ते, लंच और डिनर के बाद शाम को या फिर चाय कॉफ़ी के साथ अथवा छोटी मोटी भूख के लिए हमें अक्सर किसी न किसी स्नैक्स की आवश्यकता पड़ती है. यूं तो आज बाजार भांति भांति के स्नैक्स से भरा पड़ा है परन्तु बाजार में मिलने वाले स्नैक्स उतने स्वास्थ्यवर्धक नहीं होते इसका कारण है उन्हें बनाने में खराब क्वालिटी का तेल, मैदा, लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए ढेरों प्रिजर्वेटिव और कलरफुल बनाने के लिए भांति भांति के रंगों का प्रयोग किया जाता है जो सेहत के लिए अत्यंत नुकसानदेह होते हैं ही क्यों न घर पर ही थोड़े से प्रयास से हैल्दी स्नैक्स को बना लिया जाये.

घर पर बनाने से ये हैल्दी होने के साथ साथ बाजार की अपेक्षा बहुत अधिक सस्ते भी पड़ते हैं. आज हम आपको 2 हैल्दी स्नैक्स को बनाना बता रहे हैं जिन्हें हमने मैदे की अपेक्षा चावल के आटे से बनाया है और जो बहुत हैल्दी भी हैं तो आइये देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाया जाता है.

  1. शेजवान राइस रोल

कितने लोंगों के लिए – 6

बनने में लगने वाला समय-  30 मिनट

मील टाइप –  वेज

सामग्री

  1. चावल का आटा  2 कप
  2. घी 1 टेबलस्पून
  3. पानी  1/2 लीटर
  4. नमक  2 टीस्पून
  5. शिमला मिर्च  1 बारीक कटी
  6. किसी गाजर  1
  7. बारीक कटा प्याज  1
  8. कटी हरी मिर्च  4
  9. बारीक कटा टमाटर   1
  10. कटा हरा धनिया 1 टीस्पून
  11. जीरा  1/4 टीस्पून
  12. गरम मसाला पाउडर   1/4  टीस्पून
  13. अमचूर पाउडर  1/4 टीस्पून
  14. शेजवान चटनी 1 टीस्पून
  15. तेल  2 टीस्पून

विधि-

पानी में 1/2 चम्मच नमक और 1/2 टीस्पून घी डालकर उबालें. अब पानी को चावल के आटे में धीरे धीरे मिलाएं. केवल उतना ही पानी मिलाएं जितने में आटा मुठ्ठी में बंधने लगे. अब इसे आधा घण्टे के लिए ढककर रख दें.

आधे घण्टे बाद चावल के आटे को शेष घी डालकर हाथों से मसलकर चिकना कर लें. इसमें सभी सब्जियां, शेजवान चटनी और मसाले मिलाकर तीन चार मोटे मोटे रोल बना लें. एक भगौने में 2 लीटर पानी गर्म करें. उस पर छलनी रखकर तीनों रोल रख दें. 20 मिनट तक ढककर पकाएं. 20 मिनट बाद इन्हें ठंडा करके आधे आधे इंच के गोल टुकड़ों में काट लें. एक नॉनस्टिक पैन में तेल डालकर इन रोल्स को तेज आंच पर सुनहरा होने तक शैलो फ्राई करें. टिश्यू पेपर पर निकालकर टोमेटो सॉस या हरी चटनी के साथ सर्व करें.

2. स्पिनेच राईस नाचोज

कितने लोगों के लिए  – 8

बनने में लगने वाला समय – 30 मिनट

मील टाइप – वेज

सामग्री

  1. पालक 250 ग्राम
  2. आलू  1
  3. हरी मिर्च 4
  4. अदरक 1 इंच
  5. हरा धनिया 1 टीस्पून
  6. चावल का आटा  2 कप
  7. नमक स्वादानुसार                   
  8. अजवाइन  1/4 टीस्पून
  9. हींग चुटकी भर   
  10. तलने के लिए तेल

विधि

पालक, आलू, हरी मिर्च, अदरक और हरे धनिया को 1 टेबलस्पून पानी के साथ ग्राइंड करके पेस्ट बना लें. अब चावल के आटे में अजवाइन,  नमक,  हींग और 1 टीस्पून तेल अच्छी तरह मिलाएं ताकि मोयन और नमक पूरे आटे में मिक्स हो जाय. पालक और आलू की प्यूरी को धीरे धीरे आटे में मिलाते हुए आटा गूंथे. तैयार आटे को दो भागों में बांटे, एक हिस्से को  एक पॉलीथिन पर रखें. ऊपर से दूसरी पॉलीथिन रखकर हल्के हाथ से बेलन से रोटी बेलकर तवे पर मध्यम आंच पर दोनों तरफ से सेंक लें.  इसी प्रकार अन्य रोटियां भी तैयार कर लें. गरम में ही इन रोटियों से तिकोने शेप में नाचोज काट ले. अब इन कटे नाचोज को गरम तेल में मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक तलकर बटर पेपर पर निकालें. इसी प्रकार सारे नाचोज तैयार कर लें.

नोट-आटे को गूंथकर न रखें वरना यह पानी छोड़ देगा.

Makeup Tips: मस्कारा आंखों को सुंदर और अट्रैक्टिव बनाता है, लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान

आकर्षक आंखें हमारी खूबसूरती में चार चांद लगाती है. आंखों का खूबसूरत दिखना बहुत जरुरी है. कहते है कि आंखें बिना कुछ कहे बहुत कुछ बयां कर जाती है. दरअसल, आकर्षक आंखें हमारे चेहरे की सुंदरता को और बढ़ा देती है. आमतौर पर महिलाएं आंखों का मेकअप करने के लिए काजल और आई लाइनर का इस्तेमाल करती हैं लेकिन आज के समय में मस्कारा भी आई मेकअप का एक अहम हिस्सा बना गया हैं जो आंखों को परफेक्ट लुक देने का काम करता हैं. कई बार लोग मस्कारा लगाते समय गलतियां कर देते हैं और अपने पूरे मेकअप को खराब कर लेते हैं. इसलिए आज इस लेख में हम आपको मस्कारे से जुड़ी कुछ जरूरी बातों की जानकारी देने जा रहे हैं ताकि आपके लुक में निखार आएं.

  1. सही मस्कारा चुनें

मस्कारा का चयन करने से पहले अपनी पलकों के अनुसार ही मस्कारा चुने. यदि आपकी छोटी पलकें हैं तो आप एसेंशियल ऑयल से भरपूर मस्कारे का चयन करें और यदि आपकी पलके घनी नहीं हैं तो आपको वॉल्यूम मस्कारे का चयन करना चाहिए. अगर आपको बहुत पसीना आता है तो आपको वाटरप्रूफ मस्कारा लगाना चाहिए. हमेशा स्मज फ्री मस्कारा ही इस्तेमाल करें. यह स्मज फ्री मसकारा आंखों के आस-पास फैलता नहीं है. यह बाजार में आसानी से मिल जाता है.

2. पाउडर का करें इस्तेमाल

कई बार जब हम सभी मस्कारा लगाते है तो वह फैलने लगता है, इसलिए मस्कारा को फैलने से बचाने के लिए और अच्छी तरह से पलकों पर अप्लाई करने के लिए सबसे पहले अपनी लैशेज पर बेबी पाउडर या लूज पाउडर लगा लें. पाउडर लगाते समय ध्यान रखें कि पाउडर आंखों में न गिर जाए. पाउडर को पलकों पर अप्लाई करने से वे अलग-अलग हो जाती हैं. इससे ये घनी दिखने लगती हैं और फैलता भी नहीं.

3. प्राइमर लगाएं

सबसे पहले आप क्लींजिंग मिल्क से आंखों के ऊपर आस-पास की स्किन कॉटन पैड से साफ कर लें उसके बाद आंखों पर मॉइस्चराइजर लगाएं. फिर इस पर प्राइमर लगाएं. प्राइमर आई मेकअप के लिए बेस का काम करता है, इससे मेकअप ज़्यादा समय तक टिका रहता है.

4. टॉप लैशेज़ पर मस्कारा अप्लाई करना

अगर आप भी टॉप लैशेज पर मस्कारा लगाती है तो यह एक बहुत ही सामान्य गलती होती है जो अक्सर सभी लोग करते है. ऐसा करने से ऊपरी पलक स्मज हो जाती है इसीलिए हमेशा लोअर लैश से शुरुआत करनी चाहिए. ऊपरी पलक पर मस्कारा लगाते समय सीधे आंख की ओर देखें और वेंड को लैशेज के बेस पर रखें. अब जीग जैग मोशन में अपनी पलकों को घुमाएं इससे आपकी पलकों को कर्ल इफेक्ट मिलेगा.

5. ना करें जल्दबाजी

पलकों पर मस्कारा लगने के बाद जल्दबाजी ना करें. इसे आराम से सूखने दें. इसके बाद आप आई ब्रो जेल लगा सकते है. इस जेल को लगाने से मस्कारा अच्छे से सेट हो जाता है. ब्रो जेल को अच्छी तरह से सूखने के लिए टाइम दें. इस दौरान पलकों को बिल्कुल टच न करें.

6. मस्कारा हटाने का सही तरीका

क्या आप भी मस्कारा हटाते समय आईलैशेस को खींचते हैं. तो आप बिल्कुल ऐसा ना करें. इसके कारण आपकी पलकें टूट सकती है. यह मस्कारा हटाने का तरीका बिल्कुल ही गलत है. मस्कारा हटाने के लिए आपको किसी मेकअप रिमूवर का ही इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आप चाहे तो नेचुरल चीज जैसे कोकोनट ऑयल का भी यूज कर सकते हैं.

मैं अपनी स्किन का टाइप जानना चाहती हूं, कृपया मुझे बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 24 साल है. मैं अपनी स्किन का टाइप जानना चाहती हूं. इस का पता कैसे कर सकती हूं?

जवाब-

चेहरे को कुनकुने पानी और साबुन से धो लें. 2 घंटे बाद टिशू पेपर से माथा, नाक, चेहरा और ठुड्डी पोंछें. अगर टिशू पेपर पर तेल के निशान हों तो समझें स्किन औयली है, निशान हलका हो तो सामान्य स्किन है और अगर निशान नहीं है तो आप की स्किन ड्राई है.

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गरमी हो चाहे सरदी, हमारी स्किन जैमेज किसी न किसी कारण डैमेज हो जाती है. जो कभी हमारे गलत शैम्पू चुनने के कारण होता है या फिर गलत साबुन के इस्तेमाल के कारण होता है, इसलिए जरूरी है कि आप अपने साबुन को अपनी स्किन और बौडी टाइप के अनुसार चुनें. आज हम आपको स्किन और बौडी टाइप के अनुसार कैसे साबुन चुनें इसकी टिप्स के बारे में बताएंगे.

औयली स्किन के लिए बेस्ट है एंटीबैक्टीरियल साबुन

बाजार में उपलब्ध एंटीबैक्टीरियल साबुन में ट्राइक्लोसन और ट्राइक्लोकार्बन जैसे एंटीबैक्टीरियल एजेंट होते हैं. इस प्रकार के साबुन का अधि‍क प्रयोग आपकी स्किन को रूखापन आ सकता है. औयली स्किन वालों के लिए सह साबुन जरूर फायदेमंद हो सकता है. अन्यथा यह रूखापन और परेशानी भी दे सकता है.

ड्राई स्किन के लिए परफेक्ट है मौश्चराइजर साबुन

ड्राई स्किन के लिए खास तौर से कई तरह के मौश्चराइजर सोप बाजार में उपलब्ध है. इस तरह के साबुनों में तेल, शिया बटर, पैराफिन वैक्स, ग्लिसरीन आदि चीजों का प्रयोग किया जाता है, जो आपकी स्किन को सौफ्ट बनाने में मदद करते हैं. ड्राई स्किन के लिए यह फायदेमंद होते हैं.

कौम्बिनेशन स्किन टाइप के लिए ग्लिसरीन वाले साबुन का करें इस्तेमाल

ग्लिसरीन युक्त साबुन मेडिकेटेड मौश्चराइजर सोप होते हैं और यह मिली-जुली यानी कौम्बिनेशन स्किन टाइप वालों के लिए फायदेमंद होता है. इसके अलावा यह ड्राई और सेंसिटिव स्किन के लिए भी फायदेमंद है.

टेंशन से दूर करने के लिए बेस्ट है अरोमाथैरेपी वाले साबुन

इस तरह के साबुन में एसेंशि‍अल औइल और सु्गंधित फूलों का अर्क होता है. यह आरामदायक, शांतिदायक और प्रसन्न और तनावमुक्त रखने में मदद करते हैं. कौम्बिनेशन स्किन के लिए यह ठीक हैं, लेकिन इन्हें पहले आजमा लेना बेहतर होगा.

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