सर्दियों में होने वाली परेशानियों का ये है आसान इलाज

सर्दी के मौसम में खांसी, जुकाम, गले की खराश, जैसी समस्याएं आम हैं. खराश की समस्या को जल्दी ठीक करना जरूरी है, नहीं तो ये खांसी का रूप ले लेती है. इस खबर में हम आपको बताने वाले हैं कि सर्दी, खांसी, खराश जैसी समस्याओं का दवाइयों के बिना, घरेलू नुस्खों की मदद से कैसे इलाज कर सकते हैं.

इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. गले के इंफेक्शन और दर्द में अदरक काफी लाभकारी होता है. इसके लिए आप एक कप में गर्म पानी उबाल लें. उसमें शहद डाल कर मिलाएं और दिन में दो बार पिएं. कुछ ही दिनों में आपको अंतर समझ आएगा.

1. नमक पानी से करें गरारा

गले की खराश में नमक के पानी का गरारा काफी लाभकारी होता है. खराश के कारण गले में सूजन आ जाती है. गुनगुने पानी और नमक का गरारा करने से सूजन में काफी आराम मिलता है. इसे दिन में 3 बार करने से आपको जल्दी ही आराम मिलेगा.

2. मसाला चाय

लौंग, तुलसी और काली मिर्च को पानी में डाल कर उबाल लें. इसके बाद इसमें चायपत्ती डालकर चाय बना लें. सर्दियों में नियमित तौर पर इसका सेवन करें. आपको सर्दी संबंधित परेशानियां नहीं होंगी.

3. अदरक

अदरक को पानी में डाल कर उबाल  लें. थोड़ी देर तक उसे उबालें ताकि अदरक का अर्क पानी में आ जाए. इसके बाद पानी में शहद मिला कर पिएं. सर्दी से होने वली परेशानियों में आपको काफी आराम मिलेगा.

4. लहसुन

लहसुन इंफेक्शन पैदा करने वाले जीवाणुओं को मार देता है. इसलिए गले की खराश में लहसुन बेहद फायदेमंद है. उपचार के लिए गालों के दोनों तरफ लहसुन की एक-एक कली रखकर धीरे-धीरे चूसते रहें.

5. भाप लेना

सर्दियों में होने वाली परेशानियों में भाप लेना काफी कारगर होता है. किसी बड़े बर्तन में गुनगुना पानी कर लें और तौलिया से पानी और चेहरा ढक कर भाप लें. आराम मिलेगा.

पगली: आखिर क्यूं महिमा अपने पति पर शक करती थी- भाग 3

पहली मुलाकात के करीब 3 सप्ताह बाद एक दोपहर अंजलि ने औफिस से

महिमा के यहां फोन कर के बातें करीं, ‘‘मैं तुम से एक प्रार्थना कर रही हूं. तुम उस का बुरा न मानना, प्लीज.’’

अंजलि की आवाज में नाराजगी व शिकायत के भाव पढ़ कर महिमा मुसकराने लगी, ‘‘दीदी, आप की कैसी भी बात का मैं बुरा कैसे मान सकती हूं. आप प्रार्थना न करें बल्कि मु?ो आदेश दें,’’ महिमा ने भावुक लहजे में जवाब दिया.

‘‘महिमा, तुम मेरे पीछे दिन में मेरी मां से मिलने मत जाया करो, प्लीज.’’

‘‘ऐसा मत कहिए, दीदी. उन से मिल कर मेरा दिल बड़ा अच्छा महसूस करता है.’’

‘‘देखो, उन की तबीयत ठीक नहीं रहती है. दोपहर को उन्हें आराम न मिले, तो उन का सिर दर्द करने लगता है. तुम प्लीज…’’

‘‘नहीं दीदी, आप उन से मिलने की मेरी खुशी मु?ा से मत छीनिए. मैं आगे से और कम देर बैठा करूंगी, पर बिलकुल न जाने का आदेश आप मु?ो मत दीजिए.’’

‘‘नहीं, तुम्हें उन से मिलने नहीं जाना है. उन्हें तुम्हारी बातें पसंद नहीं आती हैं,’’ अंजलि की आवाज गुस्से से भर उठी.

‘‘मैं उन से भी गलत नहीं बोली हूं, दीदी,’’ महिमा ने विरोध प्रकट किया.

‘‘तुम मेरी शादी की बातें करती हो… सौरभ और मेरे बारे में सवालजवाब करती हो, मेरे भैयाभाभी को लानतें देती हो, तो उन का मन

दुखी और परेशान होता है. वे तुम से मिलना

नहीं चाहती हैं और तुम मेरे पीछे मेरे घर नहीं जाओगी, बस.’’

अंजलि के सख्त स्वर के ठीक उलट महिमा ने मीठे स्वर में जवाब दिया, ‘‘दीदी, मैं आप की बात नहीं मान सकती क्योंकि मु?ो भी खुशी और शांति से जीने का अधिकार है. मु?ो आप की मां व आप से मिल कर मन की शांति मिलती है. जैसे आप मेरे कहने भर से सौरभ से मिलना बंद नहीं कर सकतीं, वैसे ही मैं भी आप के घर जाना नहीं बंद करूंगी. पत्नी पति की प्रेमिका को हमेशा से ?ोलती आईर् है, तो प्रेमिका को भी पत्नी को सहन करने की आदत डालनी चाहिए. अब चाह कर भी मु?ो अपनी व अपनी मां की जिंदगी से काट नहीं सकेंगी क्योंकि मैं दूर हो कर पागल हो जाऊंगी. आप ऐसा करने की कोशिश न खुद करना, न सौरभ से कराना, प्लीज.’’

अंजलि उस पर गुस्से से चिल्लाने लगी,

तो बड़ी शांति के साथ महिमा ने संबंधविच्छेद

कर दिया.

उस शाम सौरभ गुस्से से भरा घर में घुसा क्योंकि अंजलि ने महिमा के खिलाफ उस के अंदर खूब चाबी भरी थी.

‘‘तुम अंजलि के घर जाना आज से बंद कर दोगी,’’ शयनकक्ष में प्रवेश करते ही सौरभ ने उसे अपना आदेश सुना दिया क्योंकि अंजलि और उस की मां तुम से मिलना नहीं चाहती हैं.’’

‘‘आप उन के कहे में आ कर गुस्सा मत होइए. वे दोनों बहुत अच्छी हैं. मैं उन्हें कल जा कर मना लूंगी.’’

‘‘नहीं, तुम उन के घर मत जाना,’’ सौरभ चिल्ला पड़ा.

‘‘मत चिल्लाइए मु?ा पर,’’ महिमा रोंआसी हो उठी, ‘‘मु?ो अंजलि दीदी से सीखते रहना है कि आप के दिल की रानी बने रहने के लिए मेरा व्यवहार कैसा हो… मु?ा में क्या गुण हों.’’

‘‘तुम जैसी हो, अच्छी हो. बस, उन के घर…’’

‘‘मैं उन से मिलती नहीं रही, तो पिछड़ जाऊंगी और आप को खो दूंगी.’’

‘‘बेकार की बातें मत करो, महिमा,’’ सौरभ का गुस्सा फिर भड़का.

‘‘आप मेरे डर को क्यों नहीं सम?ा रहे हैं. मैं बांट तो रही हूं आप को अंजलि दीदी के साथ क्या बदले में वे 1-2 घंटे मु?ो सहन नहीं कर सकतीं,’’ महिमा उठ कर सौरभ की छाती से जा लगी और फिर किसी बच्चे की तरह से रोने लगी.

सौरभ उसे और नहीं डांट सका. उस ने

धीमे से उसे सम?ाने कीकोशिश करी पर वह असफल रहा क्योंकि महिमा की आंखों में प्यार का नशा उस की पलकें बो?िल करने लगा था. जल्द ही महिमा के बदन की मादक महक ने उस के जेहन से अंजलि की शिकायतों व नाराजगी को दूर भगा दिया.

अगले दिन औफिस जाते समय सौरभ ने महिमा से अंजलि के घर न जाने की बात कही, तो वह चुप रह कर रहस्यमयी अंदाज में बस मुसकराती रही.

दोपहर के समय वह अंजलि की मां सावित्री से मिलने पहुंच गई. उस की आवाज पहचान कर सावित्री ने दरवाजा खोलने से ही इनकार कर दिया.

‘‘तुम अपने घर लौट जाओ. मु?ो तंग करने मत आया करो,’’ सावित्री की आवाज में गुस्से के साथसाथ डर व घबराहट के भाव भी मौजूद थे.

‘‘आंटी, मैं तो आप से बस कुछ देर को हंसनेबोलने आती हूं. मु?ा से चिड़ने या डरने की आप को कोई जरूरत नहीं. अगर आप मु?ा से प्यार से मिलती रहेंगी, तो मैं कभी आप को कोई नुकसान पहुंचाने की सोचूंगी भी नहीं,’’ महिमा ने ऊंची आवाज कर के उन्हें आश्वस्त करने का प्रयास किया.

‘‘मु?ो नुकसान पहुंचाने की धमकी दोगी, तो मैं पुलिस बुला लूंगी.’’

‘‘अगर आप ने मु?ो अंदर न आने दिया, तो मैं गुस्से से पागल हो जाऊंगी, आंटी. फिर मु?ो होश नहीं रहेगा कि मैं ने अपनी जान ले ली या किसी और की.’’

‘‘तुम पूरी पागल हो. चली जाओ यहां से.’’

‘‘हां, मैं पागल हूं, और वह भी तुम्हारी बेटी के कारण जो मु?ा से मेरे पति को छीनना चाहती है. मु?ो यों तंग कर के मेरा अनादर कर के आप ठीक नहीं कर रही हैं, आंटी,’’ महिमा ने उन के घर की घंटी बजाने के साथसाथ दरवाजा भी पीटना शुरू कर दिया.

सामने व ऊपरनीचे के फ्लैटों के दरवाजे खुलने लगे और औरतें बाहर आ

कर तमाशा देखने लगीं. महिमा ने किसी से वार्त्तालाप आरंभ करने की कोई कोशिश नहीं करी, तो वे सावित्री से मामले को सम?ाने की कोशिश में बातें करने लगीं.

‘‘इस पगली को यहां से जाने को कहो. यह मु?ो मारने आई है,’’ अंदर से आती सावित्री की आवाज से साफ जाहिर हुआ कि वे रो रही हैं.

‘‘आप बेकार मु?ा से डर रहीं, आंटी. सौरभ के कारण मेरे आप के घर से संबंध हमेशा बने रहेंगे. हमें प्यार से मिल कर रहना चाहिए,’’ महिमा ने उन्हें सब के सामने बड़ी मीठी, कोमल आवाज में फिर सम?ाया.

‘‘नहीं, हमें नहीं रखना है तुम दोनों से कोई संबंध.’’

‘‘ऐसी गलत बात मुंह से न निकालें, आंटी. आप की बेटी ऐसा करने को कभी तैयार नहीं होगी. अच्छा, अभी मैं जाती हूं. कल आप

से मिलने जरूर आऊंगी और आप के सारे गिलेशिकवे दूर कर दूंगी,’’ महिमा ने पड़ोसिनों की तरफ मुसकरा कर देखा और फिर इमारत से बाहर आने के लिए सीढि़यां उतरने लगी.

उस रात सौरभ काफी देर से घर लौटा. महिमा को वह बड़ा उदास सा नजर आया. वह सीधा शयनकक्ष में गया और महिमा उस के पीछेपीछे वहां पहुंच गई, ‘‘मु?ो प्लीज, डांटना मत,’’ उस के कुछ बोलने से पहले ही महिमा ने उस के सामने हाथ जोड़े और घबराए लहजे में आगे बोलने लगी, ‘‘मैं ने कुछ गलत बात सावित्री आंटी से नहीं कही. वे अकारण मु?ा से डर रही थीं. मैं कल ही अंजलि दीदी से माफी मांगने आप के साथ चलूंगी.’’

कुछ देर खामोशी से उसे घूरने के बाद सौरभ ने सोचपूर्ण लहजे में टिप्पणी करी, ‘‘तुम बहुत चालाक हो… या एकदम बुद्धू.’’

‘‘अधिकतर लोग तो मु?ो पगली सम?ाते हैं… आप के प्यार में मैं पागल हूं भी और इसीलिए मु?ो डांटनाडपटना मत, प्लीज. मैं अंजलि दीदी से माफी…’’

सौरभ ने उस के मुंह पर हाथ रख कर उसे चुप किया और थके से स्वर में बोला, ‘‘अंजलि को भूल जाओ, महिमा. उस ने आज मु?ा से सारे रिश्ते तोड़ लिए हैं. अपनी मां की सुखशांति की खातिर वह मु?ा से और विशेषकर तुम से भविष्य में कैसा भी संबंध रखने को तैयार नहीं है.’’

‘‘ऐसा कैसे हो सकता है. मैं उन्हें सम?ाऊंगी… मनाऊंगी. आप को दुख देने का उन्हें कोई हक नहीं है. हम अभी उन से मिलने चलते हैं,’’ महिमा फौरन परेशानी भरी उत्तेजना का शिकार बन गई.

‘‘पगली,’’ अपनी उदासी को भूल कर सौरभ मुसकराने को मजबूर हो गया.

महिमा की आंखों में आंसू छलक आए तो वह आगे बढ़ कर सौरभ की छाती से लग गई.

‘‘मु?ो आंसू बहाती महिमा को नहीं देखना है. मैं तो हनीमून वाली हंसमुख, चंचल, शोख, सैक्सी महिमा के साथ बिलकुल नई प्यारभरी जिंदगी की शुरुआत करने का इच्छुक हूं, पगली.’’

‘‘मैं तो वैसी ही हूं, पर अंजलि दीदी की आप के जीवन में मौजूदगी के कारण जरा पगला गई थी.’’

‘‘वह अध्याय अब समाप्त हुआ, महिमा. तुम्हारा पागलपन कारगर साबित हुआ. हमें अपने प्रेमसंबंध से खुशी कम और दुख ज्यादा मिलने लगा, तो उसे समाप्त करने को हम मजबूर हो गए. मेरी पगली जीत गई और इस जीत से मैं सचमुच बड़ी शांति… बड़ी खुशी महसूस कर रहा हूं,’’ सौरभ के बाजुओं की पकड़ महिमा के इर्दगिर्द मजबूत हुई, तो वह रहस्यमयी अंदाज में मुसकराती हुई उस की आंखों पर बारबार मधुर चुंबन अंकित करने लगी.

अभिनेत्री कावेरी प्रियम से जाने बुजुर्गो के अकेलापन का सीधा हल, कैसे, पढ़े इंटरव्यू

अभिनेत्री कावेरी प्रियम झारखंड के बोकारों की है. उन्हें बचपन से ही अभिनय का शौक रहा. उनके पिता सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) में प्रबंधक के रूप में काम करते हैं, उनके भाई रितेश आनंद ब्रिटिश टेलीकॉम में वित्तीय विश्लेषक हैं. कावेरी के परिवार में कोई भी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से नहीं है, फिर भी उनका साथ हमेशा रहा है. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वेल्लोर से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. कावेरी ने एक्टिंग का कोर्स दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव एक्सीलेंस से वर्ष 2016 में किया था. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह कैरियर बनाने के लिए मुंबई आ गईं और कई प्रिंट शूट और विज्ञापन करके एक मॉडल के रूप में अपना करियर शुरू किया.

टेलीविजन पर कैरियर की शुरुआत उन्होंने साल 2015 में नागिन सीजन 2 से की थी. उस शो में उन्होंने एक छोटी सी भूमिका निभाई थी. इस शो के बाद उन्होंने सीरियल “परदेस में है मेरा दिल” में काम मिला. साल 2019 में, उन्होंने हिंदी टीवी सीरियल “ये रिश्ते हैं प्यार के” में कुहू माहेश्वरी की भूमिका निभाई थी, जिसमे आलोचकों ने उनके काम को काफी सराहा. इसके बाद उन्हें कई शोज मिले, हर तरह की भूमिका पसंद करने वाली कावेरी अब सोनी सब की शो ‘दिल दिया गल्लां’ में अमृता ब्रार की मुख्य भूमिका में है. शो और अपनी  जर्नी के बारें में उन्होंने खास गृहशोभा के लिए बात की,  आइये जानते है उनकी जर्नी कैसी रही.

 

रिलेटेबल कहानी

कावेरी के पेरेंट्स झाड़खंड के बोकारो में रहते है और उन्होंने स्कूल की पढ़ाई वही से की है. आज के हालात पर बनी इस शो में काम करने की वजह के बारें में पूछने पर कावेरी बताती है कि आज अधिकतर घरों में बच्चे पेरेंट्स को छोड़कर बाहर या विदेश काम करने या पढने चले जाते है, ऐसे में उनके पेरेंट्स अकेले रह जाते है. धीरे-धीरे उनके बीच दूरियां बढती जाती है, जेनरेशन  गैप बढ़ता जाता है. माता-पिता अपने दिल की बात किसी से शेयर नहीं कर पाते. उनमे डिप्रेशन और अकेलापन का विकास हो जाता है. इतना ही नहीं मैं इस भूमिका से खुद को हमेशा रिलेटेबल पाती हूँ, क्योंकि मैं भी अपने पेरेंट्स को छोड़कर मुंबई आ गई हूँ. मुझे उनकी भावनाओं की समझ है. चरित्र को निभाना भी मुझे अच्छा लग रहा है, क्योंकि इसमें मैं मॉडर्न लड़की हूँ, लेकिन गुजराती पारंपरिक परिवार से हूँ, ऐसी परिस्थिति में भी मैं बहुत ग्राउंडेड हूँ. मैं इससे खुद को बहुत अच्छी तरीके से जोड़ पाती हूँ, क्योंकि मैं रियल लाइफ में प्रैक्टिकल होने के साथ-साथ पारंपरिक चीजों को भी फोलो करती हूँ. दोनों शेड मुझे बहुत पसंद है.

रिश्तों में होनी चाहिए बातचीत

आज के एकाकी परिवार में बुजुर्गों को एक उम्र के बाद सम्हालने वाले कम होते है और विदेशों की तरह यहाँ उतनी सुविधा नहीं है कि एक बुजुर्ग अकेले शांतिपूर्वक सुरक्षित रह सकें और उनकी देखभाल सरकार या किसी संस्था के द्वारा किया जाता हो. देखभाल की व्यवस्था होने पर उन्हें अकेले रहने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती, पर यहाँ ऐसा नहीं है और बुजुर्गो की देखभाल कमोवेश बच्चों को ही करना पड़ता है. कावेरी कहती है कि रिश्ते को अच्छा बनाए रखने के लिए दो लोगों के बीच में बातचीत होने की बहुत जरुरत है, क्योंकि भाई-बहन, पति-पत्नी, या किसी भी रिश्ते में एक दूसरे की खैर खबर लेने की जरुरत होती है, इससे व्यक्ति दूर रहकर भी एक दूसरे से जुड़ा रह सकता है. इसे अपनाने की जरुरत है, क्योंकि भविष्य में आगे बढ़ने के लिए कोई भी कही जा सकता है, लेकिन परिवार भी इग्नोर न हो, इसका ख्याल उन्हें रखना है. मैं कितनी भी व्यस्त क्यों न रहूं, मैं अपने परिवार और दोस्तों से बात करने का समय अवश्य निकाल लेती हूँ और ये मुझ पर ही निर्भर करता है. इसलिए ये सभी बच्चों पर अधिक निर्भर करता है, वैसे ही पेरेंट्स को भी बच्चों को समझना है, वे अधिक एक्सपेक्टेशन बच्चों से न रखे, तभी वे खुश रह सकते है. ये सही है कि बाहर जाने वाले बच्चों के लिए लगातार एक सपोर्ट की जरुरत होती है. पहले विदेश जाने पर किसी को भी परिवार की खबर लेना मुश्किल होता था, पर आज ये नहीं है, तकनीक ने अपना योगदान दिया है. इसमें सब सही हो सकता है, एफर्ट दोनों तरफ से होनी चाहिए.

 

मिली प्रेरणा

फिल्मों में आने की प्रेरणा के बारें में पूछने पर कावेरी का कहना है कि बचपन से ही मुझे एक्टिंग का काफी शौक रहा है. स्कूल कॉलेज में मैंने काफी नाटकों और डांस में भाग लिया है. बडी हुई, तो एक्स्ट्रा कर्रिकुलम भाग लेना भी अच्छा लगता था, इससे मेरे अंदर अभिनय की तरफ बढ़ने की प्रेरणा मिली. सोसाइटी में किसी भी फेस्टिवल पर मैं आसपास के सबको बुलाकर स्क्रिप्ट लिखती थी और स्टेज पर परफॉर्म करती थी. ये खेल-खेल में निकल जाता था. तब मैंने नहीं सोचा नहीं था कि एक्टिंग मेरा प्रोफेशन बनेगा, क्योंकि परिवार में एजुकेशन को अधिक महत्व दिया जाता था, पढाई को पूरा करना मेरे लिए जरुरी था. मैं उसे पूरा कर रही थी और साथ में दिल्ली में नाटक देखा करती थी. एक जगह मैंने शो के लिए ऑडिशन दिया था, जो मुंबई में होना था, मैं चुन ली गई और उस शो के लिए मुंबई आई, लेकिन शो शुरू नहीं हुआ, पर मैंने समय न गवाकर मुंबई आकर एक्टिंग का कोर्स ज्वाइन कर लिया, क्योंकि मुझे लग रहा था कि मैं अभिनय के क्षेत्र में कुछ कर सकती हूँ. मेरा पैशन एक्टिंग ही है और इसमें मुझे समय देने और मेहनत करने की जरुरत है.

परिवार का सहयोग 

कावेरी का आगे कहना है कि परिवार ने हमेशा सहयोग दिया है, पहले उनके मन में डाउट तो था कि मैं कैसे मुंबई जाकर सरवाईव करुँगी, लेकिन उन्होंने ही मुझे मुंबई छोड़ने आये और सारा इंतजाम कर वापस गए. मैं इस बात में खुद को लकी मानती हूँ.

संघर्ष 

कावेरी कहती है कि मेहनत की बात करें. तो वह मेरे लिए बहुत अधिक ही था, शुरू में मैंने एक दिन में 20 से 25 ऑडिशन दिए है. हर दिन ऑडिशन के लिए जाती है, ऑडिशन देकर ही मैंने बहुत कुछ सीखा है. कैसे रिलेटेबल ऑडिशन दिया जाता है, उनकी पसंद क्या होती है, आदि को समझने में समय लगा, लेकिन मैं उन दिनों थिएटर करती रहती थी, इससे समय का पता अधिक नहीं चला. असल ब्रेक वर्ष 2018 में ‘ये रिश्ते है प्यार के’ से मिला. मैने दो साल तक संघर्ष किया है. हर स्टेज का अलग संघर्ष रहता है. पहले लोगों को जानना, जान जाने पर काम का मिलना, और अंत में खुद के अनुसार काम का मिल पाना. ऑफ़र आते है, पर मुझे करना नहीं है, तो ना बोलना पड़ता है. ना कहने के बाद पसंद का काम मिलना, इसमें संघर्ष रहता है. मुझे अब अच्छा काम मिला.

नहीं है कोई दायरा

मैंने कभी खुद को किसी दायरे में नहीं बाँधा, अलग-अलग एक्टिंग करनी है, बस यही सोच हमेशा रही है. किसी भी फिल्म, वेब या टीवी शो हर में काम करने की इच्छा है. वेब में इंटिमेट सीन्स होते है, पर ये कहानी पर निर्भर होता है.  मैंने हमेशा फॅमिली शो करने की कोशिश की है. मैं इंटिमेट सीन्स को गलत नहीं कहती. ये हर कलाकार पर निर्भर करता है कि वह कौन सी शो करे और किसे ना कहे. मैं एक कलाकार हूँ और हर एक्टर डायरेक्टर के साथ काम करना चाहती हूँ, लेकिन अमिताभ बच्चन मेरे ड्रीम को-स्टार है.

दिल्ली से मुंबई आकर खुद को सेटल्ड करना कावेरी के लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्हें करना क्या है, इसकी जानकारी थी, जिससे उन्हें अधिक इधर-उधर भटकना नहीं पड़ा. बाहर से आने पर स्ट्रेस लेवल हमेशा हाई रहता है, ऐसे में खुद को स्ट्रेस मुक्त रखने के लिए कावेरी ने हमेशा परिवार का सहारा लिया. वह कहती है कि तकनीक का सहारा आज अधिक है, ऐसे में तनाव होने पर एक वेब सीरीज उठा कर पूरा देख लेती हूँ, ताकि बाकी कुछ भी भूल जाऊं, इसके अलावा मैडिटेशन करती हूँ. मेरी इच्छा है कि दर्शक मुझे देंखे और उनका प्यार मेरे लिए हमेशा बनी रहे.

फिल्म समीक्षाः ‘‘पठान: बेहतरीन एक्शन, बेहतरीन लोकेशन,बाकी सब शून्य…’’

रेटिंग: डेढ़ स्टार

निर्माता: आदित्य चोपड़ा

पटकथा लेखक: श्रीधर राघवन

निर्देषक: सिद्धार्थ आनंद

कलाकार: ष्षाहरुख खान,जौन अब्राहम,दीपिका पादुकोण, आषुतोष राणा,डिंपल कापड़िया, सिद्धांत घेगड़मल,गौतम रोडे,गेवी चहल,षाजी चैहान, दिगंत हजारिका, सलमान खान व अन्य.

अवधि: दो घंटे 26 मिनट

‘ये इश्क नही आसान’, ‘दुनिया मेरी जेब में’,‘शहंशाह ’ जैसी फिल्मों के निर्माता बिट्टू आनंद के बेटे सिद्धार्थ आनंद ने बतौर निर्देषक फिल्म ‘‘सलाम नमस्ते’’ से कैरियर की षुरूआत की थी.उसके बाद उन्होने ‘तारा रम पम’,‘बचना ऐ हसीनों’,‘अनजाना अनजानी’,‘बैंग बैंग’ और ‘वाॅर’ जैसी फिल्मंे निर्देषित कर चुके हैं.सिद्धार्थ आनंद निर्देषित पिछली फिल्म ‘‘वार’’ 2019 में रिलीज हुई थी,जो कि आदित्य चोपड़ा निर्मित ‘वायआरएफ स्पाई युनिवर्स’ की तीसरी फिल्म थी.और लगभग साढ़े तीन वर्ष बाद  बतौर निर्देषक सिद्धार्थ आनंद नई फिल्म ‘‘पठान’’ लेकर आए हैं, जिसका निर्माण ‘यषराज फिल्मस’ के बैनर तले आदित्य चोपड़ा ने किया है. फिल्म ‘पठान’,‘वायआरएफ स्पाई युनिवर्स’ की चैथी फिल्म है.फिल्म ‘पठान’ पर ‘यषराज फिल्मस’के साथ ही इसके मुख्य अभिनेता षाहरुख खान ने भी काफी उम्मीदें लगा रखी हैं.2022 में ‘यषराज फिल्मस’ की सभी फिल्में बुरी तरह से असफल हो चुकी हैं.जबकि षाहरुख खान की पिछली फिल्म ‘‘जीरो’’ 2018 में प्रदर्षित हुई थी,जिसने बाक्स आफिस पर पानी तक नहीं मांगा था.फिल्म ‘पठान’ को तमिल व तेलगू में भी डब करके प्रदर्षित किया गया है.‘यषराज फिल्मस’ की यह पहली फिल्म है,जिसे आईमैक्स कैमरों के साथ फिल्माया गया है.

dipika

‘यषराज फिल्मस’ ने फिल्म ‘पठान’ का जब पहला गाना अपने यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया था,उस वक्त से ही वह गाना और  फिल्म विवादों में रही है.उस वक्त बौयकौट गैंग ने दीपिका पादुकोण की भगवा रंग की बिकनी को लेकर आपत्ति दर्ज करायी थी.पर अफसोस की बात यह है कि फिल्म ‘पठान’ में भगवा रंग कुछ ज्यादा ही फैला है.फिल्म देखकर दर्षक की समझ में ेआता है कि भगवा रंग तो ‘आईएसआई’ के एजंटांे को भी हिंदुस्तान की तरफ खीच लेता है.

कहानीः

एक्षन प्रधान,देषभक्ति व जासूसी फिल्म ‘‘पठान’’ की कहानी के केंद्र में राॅ एजेंट फिरोज पठान (षाहरुख खान) और पूर्व ‘राॅ’ अफसर जिम्मी (जौन अब्राहम) और पाकिस्तानी खुफिया एजंसी की जासूस डाॅ. रूबैया मोहसीन (दीपिका पादुकोण) और पाकिस्तानी आईएसआई जरनल हैं.फिल्म की षुरूआत 5 अगस्त 2019 से होती है,जब कष्मीर से धारा 370 हटाए जाने की खबर से बौखलाया हुआ पाकिस्तानी सेना का जनरल अपनी मनमानी करते हुए पूर भारत को नेस्तानाबूद करने का सौदा जिम्मी से करता है. जिम्मी दक्षिण अफ्रीका के खतरनाक हथियार विक्रताओं से हथियार खरीदने का सौदा करता है.जहां पर पठान घायलअवस्था में बंदी है.फिर कहानी तीन साल के बाद षुरू राॅ के आफिस से षुरू होती है.जब एक खुफिया पुलिस अफसर (सिद्धांत घेगड़मल),राॅ की अफसर नंदिनी को सूचना देता है कि पठान की तस्वीर नजर आयी है.अब नंदिनी उस अफसर के साथ पठान से मिलने निकलती है.विमान में बैठने के बाद वह पठान की कहानी बताती है कि राॅ प्रमुख कर्नल लूथरा ( आषुतोष राणा ) राॅ के हर एजेंट को कुछ समझता नही है.एक दिन खबर मिलती है कि दुबई में हो रहे वैज्ञानिकों के सम्मेलन में भारत के दो वैज्ञानिक भी होंगे तथा मुख्य अतिथि भारत के राष्ट्पति है.कर्नल लूथरा भारत के राष्ट्पति की पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं.पठान अपनी टीम के साथ आतकंवादियों को पकड़ने की जिम्मेदारी लेता है.कर्नल लूथरा राष्ट्पति व वैज्ञानिकों अलग अलग राह पर भेज देते हैं.जिम्मी वैज्ञानिको के सामने आकर उन्हे अपने कब्जे मंेकर लेता है,पठान पहुॅचता है,पर जिम्मी के हाथों परास्त हो जाता है.उसके हाथ कुछ नही आता.यहीं पर जिम्मी की बातों से खुलासा होता है कि जिम्मी एक पूर्व राॅ अफसर है,जिसे सरकार ने मरने के लिए छोड़ दिया था.भारत सरकार के रिकार्ड मंे राॅ अफसर जिम्मी की मौत हो चुकी है और उसे षौर्य पदक से नवाजा जा चुका है.इसलिए अब जिम्मी भी भारत के खिलाफ है.अब वह पैसे के लिए पाकिस्तानी आईएसआई एजंसंी के जनरल के लिए काम करता है.फिर एक दिन पता चलता है कि लंदन में डांॅ रूबया के एकाउंट से बहुत बड़ी रकम जिम्मी को ट्ांसफर हुई है. पठान जानकारी निकाल कर स्पेन पहुॅचता है?जहां पता चलता है कि उसे जिम्मी ने वहां बुलाने के ेलिए यह खबर राॅ तक भिजवायी थी.डाॅ रूबिया आईएसआई एजेट हैं और जिम्मी के साथ काम कर रही है.पर उसका दिल पठान पर आ जाता है,इसलिए वह जिम्मी के गुंडांे ेसे उसे बचाती है और फिर उसके ेसाथ मिलकर रक्तबीज लेने जाती है.रक्तबीज हाथ में आते ही डाॅ. रूबिया अपनी असलियत पा आ जाती है और पठान को बताती है कि उसने तो जिम्मी के कहने पर उसके ेसाथ यह नाटक किया क्योंकि रक्तबीज उसकी मदद के बिना पाना मुष्किल था.पठान को मौत के मंुहाने पर छोड़ देती है.रक्तबीज की मदद से जिम्मी रूस के एक षहर में बंदी बनाए गए भारतीय वैज्ञानिक से ऐसा वायरस बनवा रहा है जिसे छोड़ देने पर पूरे भारत के लोग ‘स्माल फाॅक्स’ की बीमारी से ग्रसित होकर एक सप्ताह के अंदर मौत के मंुह में समा जाएंगे.अब पठान की लड़ाई देष को बचाने के लिए जिम्मी से है.बीच में टाइगर (सलमान खान) भी पठान की मदद के लिए आ जाते हैं.अंततः  यह लड़ाई कई मोड़ांे से गुजरती है और नंदिनी सहित कई राॅ के अफसर व वैज्ञानिको की मौत के बाद जिम्मी की चाल असफल हो जाती है.पठान को अब नंदिनी की जगह बैठा दिया जाता है.

लेखन व निर्देषनः

फिल्म बहुत तेज गति से दौड़ती है,मगर पटकथा मंे काफी गड़बड़ियंा हैं. कहानी कब वर्तमान मंे और कब अतीत में चल रही है,पता ही नही चलता.पूरी फिल्म एक खास अजेंडे के तहत बनायी गयी है.फिल्म मेंपाकिसतानी एजेट रूबिया भगवा रंग के कपड़े व भगवा रंग की बिकनी पहनती है और अंततः भारत के पक्ष में कदम उठाती हैं.फिल्म में ंअफगानिस्तान को दोस्त बताया गया है.यानीकि ‘अखंड ’भारत का सपना साकार होने वाला है,षायद ऐसा फिल्मकार मानते हैं. फिल्म अजेंडे के तहत बनायी गयी है,इसका अहसास इस बात से होता है कि भारत को बर्बाद करने की जिम्मेदारी एक भारतीय राॅ एजंसी के एजेंट जिम्मी ने उठाया है.जिम्मी कहता है कि- ‘भारत माता’ ने उसे क्या दिया.भारत माता ने उसकी मां को मरवा दिया.उसके पिता को बम से उड़वा दिया.वगैरह वगैरह..इन संवादांे से जिसे जो अर्थ लगाने हो लगाए.पर देष के राजनीतिक घटनाक्रमों व घटनाओं को इन संवादांे सेे जोड़कर देखे,तो कुछ बातें साफ तौर पर समझ में आ सकती हैं कि फिल्मकार कहना क्या चाहता है? पर क्या इस तरह के संवाद व इस तरह के किरदार को फिल्म में प्रधानता देकर हमारी अपनी ‘राॅ’ के  कार्यरत लोगों का उत्साह खत्म नही कर रहे हैं? अब तक हमेषा यह होता रहा है कि जब भी फिल्मकार किसी अजेंडे के तहत फिल्म बनाता है तो फिल्म की कहानी व उसकी अंतर आत्मा गायब हो जाती है. इसलिए फिल्म देखना दुष्कर हो जाता है.फिल्म में एक्यान दृष्य बहुत अच्छे ढंग से फिल्माए गए हैं. एक्षन के षौकीन इंज्वाॅय कर सकते हैं.फिल्म में कुछ खूबसूरत लोकेषन हैं.तो वहीं कई दृष्य देखकर फिल्मकार व लेखक की सोच पर तरस आता है.मसलन-विमान के ऐसी डक के अंदर ‘वायरस’ रक्तबीज है.राॅ अफसर विमान के पायलट को उसके नाम से फोन कर कहते है कि वह देखे.पायलट एसी डक मंे वायरस रक्तबीज के होने की पुष्टि करता है.पर पायलट के चेहरे पर या विमान यात्रियों के चेहरे पर कोई भय नजर नही आता.फिर कर्नल लूथरा आदेष देते हैं कि विमान को दिल्ली षहर से बाहर ले जाओ और पूरे विमान को गिरा दो.जबकि ‘एटीसी’ कंट्ोलर ही विमान के पायलट से फ्लाइट का नाम लेकर बात करता है.राॅ अफसर कर्नल लूथरा मिसाइल से विमान को गिराने का आदेष देते है,मिसाइल छूटने के बाद उसका रास्ता भी मुड़वा देेते हैं.यानीकि बेवकूफी की घटनाए भरी पड़ी हैं.फिल्म के अंत में प्रमोषन गाने के ेबाद पठान(षाहरुख खान  )और टाइगर (सलमान खान)एक साथ रूस में उसी टूटे हुए पुल पर नजर आते हैं, और कहते है कि अब हमने बहुत कर लिया.अब दूसरो को करने देते हैंफिर किसे दे,यह काम का नहीख्,यह बेकार है.अंत में कहते है कि हमें ही यह सब करना पड़ेगा,हम बच्चों के हाथ में नही सौंप सकते.अब इस दृष्य की जरुरत व मायने हर दर्षक अपने अपने हिसाब से निकालेगा..फिर विरोध होना स्वाभाविक है.रूस में बर्फ के उपर के एक्षन दृष्य अतिबचकाने व मोबाइल गेम की तरह नजर आते हैं.

संवाद लेखक अब्बास टायरवाला के कुछ संवाद अति सतही हैं.

कैमरामैन बेजामिन जस्पेर ने बेहतरीन काम किया है.पर संगीतकार विषाल षेखर निराष करते हैं.

अभिनयः

पठान के किरदार में षाहरुख खान नही जमे.एक्षन दृष्यों में बहुत षिथिल नजर आते हैं.उनके ेचेहरे पर भी उम्र झलकती है.जिम्मी

के किरदार में जौन अब्राहम को माफ किया जा सकता है क्योंकि वह पहले ही कह चुके हैं कि उनके किरदार के साथ और उनके साथ न्याय नही हुआ.पाकिस्तानी एजेंट रूबैया के किरदार में दीपिका पादुकोण के हिस्से कुछ एक्षन दृष्यों के अलावा सिर्फ जिस्म की नुमाइष करना व खूबसूरत लगने के अलावा कुछ आया ही नही.खूफिया एजेंट होते हुए जब आप किसी को फंसा रही है,तो उस वक्त जो चेहरे पर कुटिल भाव होने चाहिए,वह दीपिका के चेहरे पर नही आते.डिंपल कापड़िया,प्रकाष बेलावड़े व आषुतोष राणा की प्रतिभा को जाया किया गया है.

BB 16: इस हफ्ते ‘नो इलीमिनेशन’, क्या टीना को बचाएंगे बिग बॉस!

Bigg Boss 16 update: टीवी का सबसे मजेदार और फेमस रियलिटी शो बिग बॉस 16 इन दिनों चर्चा का विषय बन गया है. हालिया एपिसोड में एक बार फिर प्रियंका चाहर ने अकेले ही मंडली के सभी सदस्यों की क्लास लगा दी. इस दौरान प्रियंका और शिव ठाकरे के बीच जमकर बवाल हुआ. इन सभी के बीच निमृत कौर ने फिर से बाजी मार ली है. टिकट टू फिनाले और कप्तानी फिलहाल उनके पास ही है. वहीं अपकमिंग एपिसोड में बिग बॉस के घर में नॉमिनेशन को लेकर टास्क होने वाला है, जिसमें टीना दत्ता समेत कई सदस्य नॉमिनेट होने वाले हैं. इस बीच एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें ये बताया जा रहा है कि इस बार कोई भी कंटेस्टेंट घर से बेघर नहीं होने वाला है.

 

 

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इस हफ्ते नहीं होगा कोई भी बेघर

BiggBoss-Tak ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक रिपोर्ट शेयर किया है, जिसमें बताया गया है कि इस हफ्ते कोई भी सदस्य शो से आउट नहीं होगा. लोगों का मानना है कि टीना दत्ता को बचाने के लिए बिग बॉस ने ये दांव खेला है. सोशल मीडिया पर यूजर्स कमेंट करते हुए बिग बॉस को जमकर ट्रोल कर रहे है. हालांकि अभी तक इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि इस वीकेंड घर से कोई बेघर नहीं होगा. बीते दिन एक और खबर सामने आई थी जिसमें ये जानकारी दी गई थी कि इस वीकेंड फराह खान शो को होस्ट करने वाली है.

 

 

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अर्चना गौतम और प्रियंका चाहर के बीच हुआ विवाद

बताते चलें कि हाल ही में इस शो से सौंदर्या शर्मा बाहर हुई है. घर से निकलते ही उन्होंने कई खुलासे किए. सौंदर्या ने प्रियंका चाहर और शिव ठाकरे को खरीखोटी सुनाई है. वहीं सौंदर्या ने अर्चना गौतम की जमकर तारीफ भी की है. वो चाहती हैं कि इस शो को अर्चना गौतम जीते. सौंदर्या के जाने के बाद अर्चना भी बिग बॉस में अकेले पड़ गई. कुछ दिनों से अर्चना और प्रियंका फिर से बात करने लगे थे. लेकिन हालिया एपिसोड में दोनों के बीच फिर से विवाद हो गया.

सई को छोड़ पाखी को अपनाएगा वीनू, सई लेगी चव्हाण परिवार से बदला!

स्टार प्लस का धमाकेदार सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ इन दिनों कई ट्विस्ट और टर्न्स से गुजर रहा है. नील भट्ट और आयशा सिंह के शो ‘गुम है किसी के प्यार में’ की पूरी कहानी इन दिनों विनायक के इर्द-गिर्द घूम रही है. लोग यह देखने के लिए बेताब हैं कि आगे चलकर विनायक सई को अपनी मां मानता भी है या फिर केवल पत्रलेखा के साथ रही रहता है. बीते दिन भी ‘गुम है किसी के प्यार में’ में दिखाया गया था कि पत्रलेखा खुद को विनायक की यशोदा मैय्या बताती है. वहीं दूसरी ओर सई विनायक को घर लाने की तैयारी करती है. लेकिन ‘गुम है किसी के प्यार में’ में आने वाले मोड़ यहीं पर खत्म नहीं होते हैं.

 

सई को चोर साबित करेगी पत्रलेखा

‘गुम है किसी के प्यार में‘ में जल्द ही दिखाया जाएगा कि पत्रलेखा वॉशरूम जाती है, लेकिन तभी कोई उसके पीछे से आकर उसके बैग में लेटर रख देता है. पत्रलेखा बाहर आकर देखती है तो उसे बैग अपनी जगह पर नहीं मिलता है. वह बाहर आती है तो बैग सई के हाथ में देखती है और बौखला जाती है. सई उसे बताती है कि बैग उसे जमीन पर पड़ा मिला, इसलिए उसने उठाकर देखना चाहा. लेकिन पत्रलेखा उसपर चोरी का इल्जाम लगा देती है और कहती है कि झूठ बोलने की भी हद होती है.

 

विनायक की बातें करेंगी सई को दुखी

‘गुम है किसी के प्यार में’ के स्कूल कॉम्पिटीशन में विनायक मां यशोदा और कान्हा की मूर्ति बनाता है और उसे अपनी मां को डेडिकेट करता है. वह सबके सामने पत्रलेखा को दुनिय की सबसे अच्छी मां कहता है. इतना ही नहीं, जीत के बाद भी वह मूर्ति को अपनी मां को देता है. इस बात से सई भावुक हो जाती है, क्योंकि वह चाहकर भी विनायक को अपना बेटा नहीं कह पाती है.

 

सई को कोसेगी भवानी

टीवी शो ‘गुम है किसी के प्यार में’ में देखने को मिलेगा कि भवानी सई को कोसेगी और कहेगी कि पहले हमारे चिराग को छीन लिया और अब पत्रलेखा के गोद लिये बेटे के पीछे पड़ी है. यह बातें सुनकर सई भी करारा जवाब देती है और कहती है कि जिस दिन आपके सामने सच आएगा, आप खुद मुझसे आकर माफी मांगेंगी.

नाश्ते में बनाएं टेस्टी एग सैंडविच

ब्रेकफास्ट करना बेहद जरूरी है लेकिन यह अक्सर मिस हो जाता है क्योंकि सुबह-सुबह इतना टाइम नहीं मिल पाता. हम आपको बताने जा रहे हैं, झट से तैयार होने वाले हेल्दी टेस्टी एग सैंडविच की रेसिपी.

सामग्री

– ब्रेड स्लाइस- 4 (ब्राउन ब्रेड भी ले सकते हैं)

– उबले हुए अंडे- 2 अच्छी तरह से चौप किए गए

– मेयोनिज या बटर- 4 टेबलस्पून

– रेड चिली फ्लेक्स- 1/2 टेबलस्पून

– स्वादानुसार नमक

– स्वादानुसार काली मिर्च पाउडर

– घी

– हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)

– सला

– टमाटर- 1 (पतली स्लाइस)

– हरा प्याज- 1/4 (बारीक कटा हुआ)

– प्याज- 1 (पतली स्लाइस)

विधि

– उबले अंडे, मेयोनिज, रेड चिली फ्लेक्स, स्वादानुसार नमक, हरी मिर्च (अगर आपको तीखा पसंद है) और स्वादानुसार काली मिर्च पाउडर को एक बोल में डालकर मिक्स कर लें.

– इस मसाले को 2 ब्रेड स्लाइसेस पर फैलाएं. स्टफिंग के ऊपर टमाटर, प्याज और हरे प्याज की स्लाइस लगाएं.

– अब दूसरी स्लाइस से स्टफिंग को कवर कर लें. मंद आंच पर तवा गर्म करिए. सैंडविच को तवे पर रखिए और किनारों पर हल्का सा घी लगाएं.

– 30 सेकंड के लिए कुक करें और फिर प्लेट में रख लें. आपका टेस्टी एग सैंडविच तैयार है.

समय के साथ बढ़ रहा है गाउन का चलन

समय के साथ पहलवा भी बदला है, आज कल पहनावों में ज्यादातर जगहों और अवसरों पर गाउन का चलन दिखाई दे रहा है. जिसे अपनाकर वह सुंदर तो दिखती ही हैं, साथ में कद में भी बढ़ा हुआ दिखतीं हैं. सही मायने में देखा जाए तो फैशन वही होता है, जिसमें कम्फर्ट, स्टाइल, लुक, कलर्स, डिजाइन और पैटर्न का शानदार कॉम्बिनेशन हो. फैशन को लेकर सबकी पसंद डिफरेंट होती है, लेकिन सुंदर दिखने का जुनून सब पर एक समान ही रहता है. आज युवा हर अवसरों पर खुद को अलग तरह से प्रेजेंट करना पसंद करते हैं.

ग्लोबल फैशन ट्रेंड में आने की वजह से गाउन अचानक काफी पापूलर हो गए हैं. आज फैशन इंडस्ट्री पर रेड कार्पेट का जबरदस्त असर दिखाई देता है. ऐसे में जब महिलाएं अपनी फेवरेट एक्ट्रेस को रेड कार्पेट पर किसी क्रिएशन में देखती हैं तो खुद को भी उसी अंदाज में इमैजिन करना शुरू कर देती हैं.

गाउन से बढ़ती सुंदरता –

मौजूदा समय में महिलाएं और लड़कियां पहनावे को लेकर वह काफी चिंतित रहतीं हैं. परिधानों का चयन करते समय इन बातों का ध्यान रखतीं हैं, कि किस परिधान में वह सुंदर और स्लिम नजर आएंगीं. आजकल वह ऐसे ही परिधानों को ज्यादा तरजी दे रहीं हैं, जो पहनावे के रूप में अवसरों पर भी इस्तेमाल किए जा सकें. इन दिनों लांग गाउंस ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं, जो धीरे-धीरे फैशन की निशानी बनते जा रहे हैं. इन गाउंस को लड़कियों के फिगर के अनुसार डिजाइन किया जा रहें हैं. जैसे हेल्दी महिलाओं और लड़कियों के लिए इस प्रकार से गाउन डिजाइन किए जाते हैं कि वह फिगर शेप स्लिम लगता है. इसी प्राकर जिनकी हाइट कम हैं, उनको ग्लैमर लुक दिया जाता है.

विवाह के समय गाउन को प्राथमिकता 

 

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– गाउन वैसे  तो हर जगह किसी भी अवसर पर पहने जा सकते हैं, लेकिन जब विवाह के समय परिधान की बात होती है, तो गाउन को प्राथमिकता देतीं हैं. इसके अलावा विशेष अवसरों पर महिलाएं और लड़कियां गाउन को पसंद कर रहीं हैं. आमतौर पर हमेशा पहने जाने वाले गाउंस से ज्यादा आकर्षक दिखने वाले ब्राइडल गाउन आजकल बाजार में विशेष डिजाइनों में उपलब्ध हैं. यह गाउन आपके फिगर के साथ सुंदरता को भी बढ़ातें हैं. आजकल शादियों में दुल्हनों के लुक बेहतर बनाने के लिए गाउंस को एथेनिक लुक में डिजाइन किया जा रहा है. इससे वह विवाह के अवसर पर और अधिक सुंदर और स्लिम दिखतीं हैं.

बदलाव की कड़ी में फैशनेबल गाउन –

 

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गाउन फैशन के तौर पर हमेशा महिलाओं और लड़कियों के बीच मांग का परिधान रहा है. इसके डिजाइन में समय समय पर बदलाव भी होते रहें हैं. इसी बदलाव की कड़ी में गाउन को साथ साड़ी के साथ भी मैच कर दिया गया है. इस परिधान में डिफ्रेंट र्वजस में साड़ी ड्रेप्स दिए गए हैं. लेयर्स व पेस्टल प्रिंट में बनी लांग लेंथ सभी बॉडी शेप्स के लिए फिट है, वहीं लेयर्स में बना गाउन मोटी लड़कियों को भी स्लिम दिखाता है. गाउन की स्लीव्स लांग हो या शॉर्ट, गाउन ऑफ शोल्डर हो या वन शोल्डर कट अगर इसे डिफ्रेंट डिटेलिंग के साथ बनाया जाए तो यह खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देता है. इसे पहनने के बाद आप इस नए तरीके के गाउन के साथ और सुंदर दिखेंगीं ही साथ में स्लिम भी नजर आएंगी.

जब वैजाइनल डिस्चार्ज का बदले रंग

योंतो महिलाओं में वैजाइनल डिस्चार्ज होना आम बात है और इसे हैल्दी भी माना जाता है साथ ही यह फीमेल प्राइवेट पार्ट को खुजली, इन्फैक्शन और सूखेपन से भी बचाता है, मगर जब कई बार यह डिस्चार्ज नौर्मल न हो तो सावधानी बरतना जरूरी है. इस डिस्चार्ज को ले कर अधिकतर महिलाएं आमतौर पर कन्फ्यूज हो जाती हैं कि उन्हें कब डाक्टर से संपर्क करना चाहिए. आइए, जानते हैं स्त्री रोगों की जानकार डा. सुषमा चौधरी से वैजाइनल डिस्चार्ज के बारे में:

वैजाइनल डिस्चार्ज क्या है

वैजाइनल डिस्चार्ज महिलाओं में होने वाली एक नैचुरल प्रक्रिया है. यह वैजाइना के और सर्विक्स में स्थित गं्रथियों से लिक्विड फौर्म में रिलीज होता है. वैजाइनल डिस्चार्ज महिलाओं के लिए बहुत हैल्दी माना जाता है, क्योंकि यह शरीर से डैड सैल्स और बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है और प्राइवेट पार्ट को इन्फैक्शन आदि से दूर रखता है. आमतौर पर वैजाइनल डिस्चार्ज का रंग सफेद होता है. लेकिन कई बार इस के रंग में बदलाव भी देखने को मिलता है. अत: तब सावधान होने की जरूरत होती है.

क्यों बदलता है रंग

डिस्चार्ज का रंग तब बदलता है जब प्राइवेट पार्ट में किसी तरह का कोई इन्फैक्शन हो. डा. सुषमा के मुताबिक वैजाइनल डिस्चार्ज मुख्यतया 5 तरह के होते हैं:

गाढ़ा और सफेद रंग का डिस्चार्ज: अगर महिला के प्राइवेट पार्ट से गाढ़ा और सफेद रंग का डिस्चार्ज हो तो यह नौर्मल और हैल्दी डिस्चार्ज माना जाता है, लेकिन व्हाइट डिस्चार्ज के साथ अगर खुजली, जलन जैसी परेशानी भी हो रही हो, तो यह यीस्ट इन्फैक्शन हो सकता है. ऐसे में डाक्टर से संपर्क करना जरूरी है.

यलो रंग का डिस्चार्ज

अगर वैजाइनल डिस्चार्ज का रंग पीला हो तो चिंता की बात हो सकती है, क्योंकि यलो डिस्चार्ज महिलाओं में तब होता है जब उन्हें बैक्टीरियल या फिर सैक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फैक्शन हो. यदि यलो डिस्चार्ज हो रहा है तो जल्द से जल्द डाक्टर से संपर्क करें.

ब्राउन रंग का डिस्चार्ज

इस तरह का डिस्चार्ज ज्यादातर अनियमित पीरियड्स के वक्त होता है. लेकिन सामान्य दिनों में भी अगर ब्राउन रंग का वैजाइनल डिस्चार्ज हो तो यह यूटरस या सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है. अत: आम दिनों में भी ब्राउन डिस्चार्ज हो रहा है तो तुरंत डाक्टर से चैकअप करवाएं.

हरे रंग का डिस्चार्ज

यह डिस्चार्ज भी यलो डिस्चार्ज की तरह बैक्टीरियल इन्फैक्शन या फिर सैक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फैक्शन की निशानी है.

यीस्ट इन्फैक्शन

यीस्ट इन्फैक्शन में डिस्चार्ज बिलकुल गाढ़ा सफेद निकलता है. इस के साथ यदि वैजाइनल एरिया में रैडनैस, जलन और खुजली भी हो तो संभव है कि यह यीस्ट इन्फैक्शन हो. ऐसे में प्राइवेट पार्ट को समयसमय पर क्लीन करते रहना बेहद जरूरी है.

इन बातों का रखें ध्यान

अंडरवियर

हमेशा कौटन से बने अंडरवियर का ही इस्तेमाल करना चाहिए. कई महिलाएं सिंथैटिक कपड़े से बने अंडरवियर का इस्तेमाल करती हैं, जो प्राइवेट पार्ट के लिए नुकसानदायक साबित होता है. दरअसल, सिंथैटिक कपड़े से बनी पैंटी त्वचा में हवा को पास नहीं होने देती, जिस से प्राइवेट पार्ट में पसीना ज्यादा आता है और फिर पसीने के वजह से बैक्टीरिया पनपते हैं और इस से खुजली होती है. कौटन की पैंटी का इस्तेमाल ऐसा नहीं होने देता.

पीरियड्स

पीरियड्स के समय इन्फैक्शन फैलने का खतरा ज्यादा रहता है. ब्लीडिंग की वजह से पीएच लैवल बदल जाता है. ऐसे में महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. पीरियड्स में सैनीटरी पैड को हर 4 घंटों में बदलते रहना चाहिए. यदि आप एक ही पैड का इस्तेमाल ज्यादा देर तक करती हैं तो आप को प्राइवेट पार्ट में जलन, खुजली, बदबू आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

प्यूबिक हेयर

प्राइवेट एरिया हमेशा ढका होता है और वहां अकसर पसीना रहता है. इस पसीने और गीलेपन की वजह से इन्फैक्शन होने की संभावना बनी रहती है. महिलाओं के पीरियड्स के समय अधिक बाल होने से भी हाइजीन प्रभावित होता है. हाइजीन मैंटेन रखने के लिए प्यूबिक हेयर हटाने जरूरी हैं.

ऐसे रखें साफसफाई का ध्यान

– जब भी प्राइवेट पार्ट की सफाई करें हमेश आगे से पीछे की ओर करें. दरअसल, गुदा और वैजाइना के पासपास में होने के कारण गुदा का बैक्टीरिया वैजाइना के संपर्क में आ जाता है, जिस से वैजाइनल इन्फैक्शन हो सकता है.

– कई बार महिलाएं प्राइवेट पार्ट को क्लीन करने के लिए कैमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं, जो नहीं करना चाहिए. साबुन या किसी भी कैमिकल प्रोडक्ट के इस्तेमाल से वैजाइना का पीएच लैवल कम हो जाता है और यह इन्फैक्शन का कारण भी बनता है.

– प्राइवेट पार्ट को क्लीन करने के लिए गरम पानी का इस्तेमाल करें.

बिग बॉस के फिनाले से पहले टीना को ऑफर हुई फिल्म, देखें फोटोज

सलमान खान का पॉपुलर रियलिटी शो बिग बॉस का 16वां सीजन जल्द ही खत्म होने वाला है. इस शो में टिकट टू फिनाले का ऐलान हो गया है, जिसके साथ ही अब सबके बीच फिनाले में पहुंचने की रेस भी शुरू हो गई है. लेकिन इन सबके बीच बिग बॉस 16 में बैठे-बैठे ही कई कंटेस्टेंट्स के हाथ बड़े-बडे़ प्रोजेक्ट लगे हैं, जिसमें टीना दत्ता (Tina Dutta) का नाम भी शामिल है. टीना को शो में कई बार फेक कहा गया है, लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है कि शो में आने के बाद उनकी किस्मत बदल गई है. बीते दिनों, दावा किया गया कि टीना को कलर्स का एक टीवी शो ऑफर हुआ है. वहीं, अब जानकारी मिली है कि एक्ट्रेस साउथ इंडस्ट्री में तहलका मचाने वाली हैं.

 

 

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तेलुगू फिल्म से डेब्यू करेगी टीना दत्ता

दरअसल, बिग बॉस 16 (Bigg Boss 16) के एक फैन पेज के मुताबिक, टीना दत्ता के हाथ साथ की एक ब्लॉकबस्टर लग गई है. बीते दिनों जानकारी मिली थी कि टीना दत्ता कलर्स टीवी के सीरियल दुर्गा और चारू में नजर आएंगी. दावा किया गया कि सीरियल में लीप के साथ ही टीना की एंट्री होगी। वहीं, अब लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, टीना को साउथ की ब्लॉकबस्टर फिल्म के लिए अप्रोच किया है. उनकी पहली फिल्म तेलुगू भाषा में होगी। दावा किया गया कि शो से बाहर आने के बाद टीना मेकर्स से पूरी बातचीत करेगी. वहीं, इस न्यूज के बाद टीना के फैंस काफी ज्यादा खुश हो गए हैं

 

टीना के अलावा इन कंटेस्टेंट्स के हाथ लगे बड़े प्रोजेक्ट्स

बिग बॉस 16 में कई कंटेस्टेंट्स के हाथ बडे़ प्रोजेक्ट्स लगे हैं. निमृत कौर आहलूवालिया को एकता कपूर ने अपनी फिल्म लव सेक्स एंड धोखा के दूसरे पार्ट के लिए साइन किया है. वहीं, एकता ने शालीन भनोट को अपने टीवी सीरियल ब्यूटी एंड द बीस्ट में मौका दिया है. दावा किया गया है कि सलमान खान प्रियंका चाहर चौधरी को भी बिग बॉस के बाद कुछ बड़ा ऑफर कर सकते हैं.

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