Winter Special: लेयर्ड ब्राउन राइस बूंदी डिलाइट

घर पर आसान रेसिपी मिल जाएं ये थोड़ा मुश्किल होता है ब्रेकफास्ट में ये ज़रुरी हो कि जल्दी पक जाएं वो बनाया जाएं, तो ऐसे ही एक डिश हाजिर है जिसे आप असान और जल्दी पका कर ब्रेकफास्ट में खा सकते हो. जी हां ब्राउन राइस विद बूंदी डिलाइट डिश को आप इस विधि से जल्दी पका कर खा सकते है.

सामग्री

-1/4 कप ब्राउन राइस

-1 कप फुलक्रीम मिल्क

-1/3 कप कंडैंस्ड मिल्क

-1/4 छोटा चम्मच छोटी इलायची चूर्ण

-3 मोटी बूंदी के लड्डू

-थोड़ा सा बादामपिस्ता बारीक कटा सजाने के लिए

विधि

-ब्राउन राइस को 1 घंटे के लिए पानी में भिगो दें और फिर दरदरा पीस लें. इस में 11/2 कप पानी डालें और प्रैशरकुकर में सीटी आने के बाद धीमी आंच पर लगभग 5 मिनट पकाएं. ठंडा होने पर कुकर खोलें. चावल अच्छी तरह गल जाने चाहिए.

-इस में दूध डालें और दूध सूखने तक पकाएं. फिर कंडैंस्ड मिल्क व इलायची चूर्ण डाल कर चावलों को अच्छी तरह सुखा लें और ठंडा करें. बूंदी के लड्डू फोड़ लें. हाथ चिकना कर के चावल का थोड़ा मिश्रण ले कर उसे गोल आकार दें. बीच में बूंदी की लेयर लगाएं, फिर चावलों की. बादामपिस्ता से सजा कर सर्व करें.

Welcome 2023: साल नया फैशन नया

नए साल में सिर्फ नए कैलेंडर की शुरुआत ही नहीं होती, बल्कि नए फैशन, नए ट्रैंड्स भी आते हैं, जिन्हें फौलो कर आप ट्रैंडी व स्मार्ट दिख सकती हैं. अगर आप को फैशनेबल दिखना अच्छा लगता है, तो यह नया साल आप के लिए खास रहेगा, क्योंकि इस साल फैशन ट्रैंड्स में कई नई ड्रैसेज, कलर व पैटर्न शामिल हो रहे हैं, जो आप की पर्सनैलिटी को स्मार्ट लुक देंगे.

ऐथनिक आउटफिट

ऐथनिक वियर रंगरीति के सिद्धार्थ बिंद्रा कहते हैं कि इन फैशन की ड्रैस पहनने से ज्यादा जरूरी है कि आप उस में अपना खुद का स्टाइल क्रिएट करें. फैशन ट्रैंड के अनुसार तो कपड़े सभी पहनते हैं, लेकिन सब की नजर उस पर पड़ती है जिस का स्टाइल थोड़ा हट कर होता है. ऐथनिक में इस साल अनारकली सूट आउट औफ फैशन होगा. इसलिए अगर आप इस बार भी पार्टी में अनारकली सूट पहनने की सोच रही हैं, तो उस में थोड़ा बदलाव कर के इस के फैशन को बरकरार रखा जा सकता है. वैसे अनारकली की जगह फ्लोर लैंथ सूट फैशन में आएगा, जिसे गाउन की तरह भी पहना जा सकता है और सूट की तरह भी. सूट में इस बार स्ट्रेट सूट, जैकेट स्टाइल सूट इन होगा. चूड़ीदार और सिंपल पाजामी की जगह पर प्लाजो, शरारा व पैंट का फैशन आएगा.

साड़ी से आप ऐथनिक लुक पाना चाहती हैं, तो साड़ी में प्रिंटेड साड़ी का फैशन इन रहेगा और ब्लाउज की जगह क्रौप टौप का जादू चलेगा. इस क्रौप टौप को साड़ी, प्लाजो, पैंट, स्कर्ट के साथ भी कैरी किया जा सकता है.

ऐथनिक में तो वैसे हमेशा डार्क कलर ही फैशन में रहता है, लेकिन इस बार पीच कलर भी इन है. पीच कलर से आप सोबर लुक पा सकती हैं.

आजकल मिक्स ऐंड मैच का जमाना है. आप मिक्स ऐंड मैच करने के लिए कुरती के साथ डैनिम, वैस्टर्न टौप के साथ ए लाइन स्कर्ट या प्लाजो का मिक्स ऐंड मैच कर सकती है. आजकल कुरती के साथ स्कर्ट का फैशन भी इन है.

ऐथनिक ड्रैसेज में हमेशा उन के फैब्रिक का ध्यान रखें. फैब्रिक इस तरह का होना चाहिए जो सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करे. जब आप ऐथनिक ड्रैस पहन रही हों, तो कोशिश करें कि आप की ऐक्सैसरीज व फुटवियर भी ऐथनिक ही हो. अगर आप ने ऐथनिक कुरती पहनी है और उस के साथ फौरमल जूती पहन ली तो आप का लुक अट्रैक्टिव नहीं लगेगा.

वैस्टर्न आउटफिट

स्टूडियो डी रौयल के फैशन डिजाइनर पुनीत अग्रवाल के अनुसार, अगर वैस्टर्न आप की पहली पसंद है, तो मिडी या मैक्सी स्कर्ट के साथ ट्यूनिक टौप पहन कर इस सीजन आप हौट दिख सकती हैं.

इस साल भी वैस्टर्न ड्रैसेज में वनपीस, मैक्सी और लौंग गाउन फैशन में इन रहेगा. साथ ही माइक्रो प्लीटिंग भी ट्रैंड में फिर से शामिल होगी.

वैस्टर्न फैशन में कलर की बात की जाए तो कोरल, पिंक, और्किड और ऐक्वा कलर इन होगा और हमेशा की तरह ग्रीन और रैड कलर फैशन में बने रहेंगे. इस साल की खास बात यह है कि इस बार एक नया कलर डार्क बरगंडी शामिल हो रहा है. इस कलर की खास बात यह है कि यह हर स्किनटोन के साथ मैच करता है.

स्टाइल में फ्रंट जिप, हुड व पौकेट स्टाइल ड्रैसेज इन रहेंगी. इंडोवैस्टर्न भी फैशन ट्रैंड में शामिल होगा, जिस में ए लाइन कुरती के साथ पैंट का फैशन खास रहेगा.

अगर आप के पास फ्लोरल प्रिंट वाली ड्रैसेज हैं तो बिना टैंशन लिए इस साल भी आप उन्हें कैरी कर सकती हैं, क्योंकि इस बार भी फ्लोरल का जादू बरकरार रहेगा.

फौर्मल ड्रैसिंग

फैशन डिजाइनर रोहिणी गुगवानी बताती हैं कि फौर्मल ड्रैसिंग में वैसे तो फैशन हमेशा एक सा ही रहता है, लेकिन ब्लैक व ब्लू के डिफरैंट शैड्स पहने जा सकते हैं. बस इस बात का ध्यान रखें कि प्रिंट व डिजाइन बड़े और बोल्ड न हों. इस बार पैंट के अलावा बौटमवियर में स्कर्ट और ड्रैसेज का फैशन इन है. अगर आप की ड्रैस फौर्मल के हिसाब से छोटी है, तो टाइट्स या लैगिंग्स के साथ पहनें. आप को स्मार्ट लुक मिलेगा.

बेशक स्किनी जींस आप की पर्सनैलिटी पर फबती हो पर चलन में वाइड लैग ट्राउजर्स और प्लाजो पैंट है. यह आप को स्टाइलिश लुक देगी और इसे कैरी करना भी आसान है.

औफिस ड्रैसिंग

फौरमल के साथ कभी हैंगिंग व कलरफुल इयररिंग्स न पहनें. कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि कुछ महिलाएं जिस कलर की ड्रैस पहनती हैं उसी कलर के इयररिंग्स और नेलपेंट भी लगाती हैं. औफिस में यह अच्छा नहीं लगता.

आप औफिस के गैटटुगैदर में बैकलैस ड्रैस पहन रही हैं तो ट्रांसपेरैंट स्ट्रैप्स ब्रा पहनें. अगर रफल्स और फ्रिल वाली ड्रैस है तो उसे छोटा ही रखें. बड़ी फ्रिल्स और रफल्स औफिस में अच्छे नहीं लगते.

ज्यादातर महिलाएं एक ही तरह की ब्रा का चुनाव करती हैं. यह सही नहीं है. हर ड्रैस के साथ एक ही तरह की ब्रा न पहनें. कुछ ड्रैसेज ऐसी होती हैं जिन के साथ पैडेड ब्रा सही लगती है, तो कुछ के साथ बिकनी शेप वाली. इसलिए ड्रैस के साथसाथ अपनी ब्रा के चयन का भी ध्यान रखें.

Winter Special: कालेज के बाद भी रहें तरोताजा

कालेज लाइफ में युवतियों में एकदूसरे से आगे निकलने की होड़ रहती है. बात चाहे पढ़ाई की हो, सुंदरता की हो या फिर हौट दिखने की, खुद को सब से बेहतर साबित करने के लिए युवतियां हरसंभव प्रयास करती हैं.

खुद को फिट रखने के लिए जहां जिम जौइन करती हैं, पार्कों में अकसर सुबह फिटनैस के तमाम उपाय अपनाती दिखती हैं, वहीं सुंदर लुक के लिए डिजाइनर कपड़े पहनती हैं. मौडर्न ड्रैसेज, मिड्डी, शौर्ट्स, जैगिंग्स का उन का सलैक्शन लाजवाब होता है. उन्हें लगता है कि बस वे सब पर छा जाएं. इस से उन के दोस्त बनेंगे जिस से वे अपने ग्रुप के साथसाथ अपने कालेज में भी चर्चित होंगी.

युवतियां अपने बाहरी रंगरूप को संवारने में ही आगे नहीं रहतीं, बल्कि अपनी जानकारी व इंटैलिजैंसी का लोहा मनवाने के लिए भी एकैडमिक रिजल्ट को सही रखने के साथसाथ तमाम कालेज ऐक्टिविटीज में बढ़चढ़ कर भाग लेती हैं.

स्मार्ट दिखने, आगे रहने, ऐक्टिविटीज में भाग लेने व खुद को ऐनर्जैटिक रखने के ये तमाम प्रयत्न कालेज लाइफ खत्म होते ही डंप हो जाते हैं और उन की दिनचर्या में ढीलापन व सुस्ती हावी हो जाती है.

आखिर ऐसा क्यों होता है कि कालेज खत्म होते ही युवतियों के स्वभाव में चेंज आने लगता है. ये ढीलापन ड्रैस सैंस में, फिटनैस में, नौलेज में, बात करने के तरीके में भी स्पष्ट झलकने लगता है. कारण बताते हुए आकांक्षा कहती है कि कालेज लाइफ के बाद भी ऐसा लगने लगता है कि हम ने न तो ड्रैस फ्रैंड्स को दिखानी है और न ही अपना लुक. सिर्फ घर में ही तो रहना है इसलिए अब तो नाइट सूट में ही पूरे दिन मजे से रहो. जब चाहे सो कर उठो, जो मरजी खाओ, जितना चाहे टीवी देखो, पढ़ो या नहीं पढ़ो, सब अपनी मरजी के अनुसार होता है.

  1. मनमरजी को कहें बाय

कहने को तो मरजी कालेज में भी चलती है, लेकिन तब वह कुछ हद तक हमारी पर्सनैलिटी में निखार लाती है. घर बैठ कर मनमरजी चलाना खुद के लिए फायदेमंद साबित नहीं होता.

पेरैंट्स जब इस सुस्ती व ढीलेपन पर बारबार टोकते हैं तो उन्हें भी वे नजरअंदाज करती हैं. सुस्ती व ढीलापन शरीर के साथसाथ मानसिक तनाव भी देता है, जिस से निकलना आसान नहीं होता.

अनुपमा सिन्हा कहती है, ‘‘कालेज के बाद आप रैस्ट मूड में हैं, आप का कमरा, ड्रैसेज, किचेन सब अस्तव्यस्त है, परंतु घर के बाकी सदस्य हमारे इस बदले लाइफस्टाइल से कितने डिस्टर्ब हो रहे हैं, यह समझने के मैनर्स तो हम में होने चाहिए,’’ लेकिन अनुपमा की बात काटते हुए शशांक बोला, ‘‘यार, हर समय, हर जगह तो हम खुद को नियमों में नहीं बांध सकते. आफ्टर औल, रिलैक्सेशन भी तो कोई चीज है, क्या हम इसे भी फुलफिल ऐंजौय नहीं कर सकते.’’

इन दोनों के मत को इस प्रतिनिधि ने कुछ यंगस्टर्स के सामने रखा तो अधिकतर गर्ल्स का यही कहना था कि ऐंजौय करने की भी एक सीमा होनी चाहिए. इसलिए मनमरजी को कहें बाय और अपनी पर्सनैलिटी को कहें हाय.

2. फिटनैस का फंडा

कुछ भी खानेपीने से परहेज करें

कालेज टाइम में आप ने अपना खाने का जैसा रूटीन बना रखा था उसी का पालन करें. ऐसा न हो कि जो मिला, जितनी बार मिला, खा लिया. अपने पेट को फैलता हुआ कुआं न बनाएं. फास्ट फूड से परहेज रखें, क्योंकि इस में कैलोरी की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिस से मोटापा बढ़ता है. मोटापा बढ़ने से कौन्फिडैंस लैवल भी घटेगा.

पोषक तत्त्वों से भरपूर डाइट लें. फल व सब्जियों में रस व फाइबर होने से ये जहां आप को ऊर्जा प्रदान करेंगे, वहीं इन से आप को लंबे समय तक भूख भी नहीं लगेगी. जब आप पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करेंगी तो इस से आप फिट तो रहेंगी ही साथ ही आत्मविश्वास भी बरकरार रहेगा.

दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कालेज से पासआउट स्नेहा ने बताया कि जब मैं कालेज में पढ़ती थी तो अपनेआप को फिट रखती थी, लेकिन जैसे ही कालेज की पढ़ाई खत्म हुई मैं ने खुद पर ध्यान देना ही छोड़ दिया, जिस का नतीजा यह हुआ कि कालेज में जो दोस्त मेरी फिटनैस और अपटुडेट रहने की तारीफ करते नहीं थकते थे आज वही मुझे बेवकूफ व झल्ली कहने से नहीं हिचकते. इसलिए मैं कालेज पासआउट युवतियां, जो घर में रहती हैं, से कहना चाहूंगी कि कालेज छूटने के बाद भी अपनी दिनचर्या पर विशेष ध्यान दें.

3. ऐक्सरसाइज जरूर करें

भले ही कालेज टाइम में आप बहुत ज्यादा ऐक्सरसाइज यह सोच कर न करती हों कि कालेज आनेजाने में ही काफी ऐक्सरसाइज हो जाती है, लेकिन ऐसी सोच कालेज के बाद सही नहीं है, क्योंकि घर पर रहने से शारीरिक व्यायाम कम ही हो पाता है जिस से मोटापा व अन्य बीमारियां बढ़ने की आशंका बनी रहती है, इसलिए ऐक्सरसाइज का रूटीन जरूर बनाएं.

रोजाना सुबह जल्दी उठ कर पार्क जाएं. पार्क जाने से जहां आप का ऐक्सरसाइज का रूटीन बनेगा वहीं आप का प्रकृति से लगाव भी बढ़ेगा. हो सकता है कि आप पार्क में जा कर ऐक्सरसाइज करने के मूड में न हों, ऐसे में आप जिम भी जौइन कर सकती हैं. लेकिन एक बात का ध्यान जरूर रखें कि ऐक्सरसाइज कभी न छोड़ें.

अंजू वर्मा का कहना है कि मैं कालेज टाइम में बहुत पतली थी. मुझे लगता था कि मैं हमेशा ऐसी ही रहूंगी, इसलिए मैं ने कालेज के बाद ऐक्सरसाइज करना छोड़ दिया, जिस का रिजल्ट यह हुआ कि मैं मोटी हो गई. आज मुझे इस बात का बहुत पछतावा है. काश, मैं उसी समय संभल जाती तो आज मेरी ऐसी हालत न होती.

दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कालेज से ग्रैजुएट दीक्षा का कहना है कि मैं ने अपना वही रूटीन रखा जो मेरा कालेज टाइम में था. ऐसा मैं इसलिए भी कर पाई, क्योंकि हमारे परिवार में सभी का सुबह जल्दी उठ कर ऐक्सरसाइज करने का रूटीन है. इस से मैं अब भी वैसी की वैसी ही हूं.

4. वजन पर नियंत्रण रखें

हफ्ते में एक बार वजन जरूर कराना चाहिए ताकि अगर आप का वजन बढ़ रहा है तो उसे शुरुआती दौर में ही नियंत्रित किया जा सके.

अगर आप ने जिम जौइन कर रखा है तो वहां रोजरोज वजन तौल कर खुद को परेशान न करें, क्योंकि यदि वजन बढ़ता है तो तनाव भी बढ़ता है. यदि आप को लग रहा है कि आप वजन पर नियंत्रण नहीं रख पा रही हैं तो अपने जिम के डाइटीशियन से डाइट चार्ट बनवा लें. फिर भी अगर वजन कम न हो तो चिकित्सक की राय लें. इस प्रकार आप खुद को फिट रख पाएंगी. इस विषय पर खासतौर से ध्यान दें कि अनेक कंपनियों के आज सप्लिमैंट्स फूड्स के नाम से कुछ पेय पदार्थ मार्केट में हैं, जिन्हें सुबह और रात को लेने से नाश्ता व रात का खाना नहीं खाना होता है लेकिन कहीं ये पेय पदार्थ आप की सेहत से तो खिलवाड़ नहीं कर रहे हैं, इसलिए इन से सजग रहें.

5. स्मार्टनैस बरकरार रखें

खुद को समय के अनुसार ढालें. ऐसा न सोचें कि अब मुझे देखने वाला कौन है जो मैं कपड़ों पर या किसी अन्य चीज पर इतने पैसे खर्च करूं. स्मार्टनैस खुद के लिए भी बहुत महत्त्व रखती है. इस से आप कौन्फिडैंट भी फील करेंगी.

यहां स्मार्टनैस का मतलब सिर्फ कपड़ों से ही नहीं है बल्कि आप के बात करने के ढंग, भाषाशैली आदि से भी है. आप यह बात अच्छी तरह जानती हैं कि आज के युवक उन्हीं लड़कियों को पसंद करते हैं जो हर चीज में स्मार्ट हों इसलिए समय की मांग और खुद के लिए स्मार्टनैस को बरकरार रखें.

इस बारे में स्नेहा का कहना है कि मैं कालेज टाइम से ही अपनी स्मार्टनैस के लिए जानी जाती हूं. मेरे दोस्त मुझे स्मार्टी कह कर बुलाते थे. जब मैं ने कालेज छोड़ा तभी निश्चय कर लिया था कि मैं अपनी इस स्मार्टनैस को हमेशा बरकरार रखूंगी और मैं ने रखा भी. इसलिए हर किसी को हमेशा अपनी स्मार्टनैस का ध्यान रखना चाहिए.

6. रुचि वाले सब्जैक्ट की ट्यूशन पढ़ाएं

आप कालेज की पढ़ाई के बाद अपने ज्ञान को लौक न करें. आप ट्यूशन पढ़ा कर अपनी नौलेज को बरकरार रख सकती हैं. अगर आप में सीनियर क्लास के बच्चों को पढ़ाने का कौन्फिडैंस नहीं है तो प्राइमरी क्लास के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाएं. इस से आप का ज्ञान तो बढ़ेगा ही साथ ही घर बैठे आप की पौकेटमनी भी बन जाएगी. इस से आप आत्मनिर्भर भी बनेंगी. इस फैसले से आप के पेरैंट्स आप पर बहुत गर्व करेंगे.

इस संबंध में नेहा का कहना है कि कालेज के बाद जब मैं काफी समय तक खाली बैठी तो काफी बोरियत होने लगी साथ ही नकारात्मक विचार भी मन में आने लगे. तभी मेरे दोस्त ने मुझे ट्यूशन पढ़ाने की सलाह दी. उस की इस सलाह ने मेरी जिंदगी बना दी. आज मेरा अपना ट्यूशन सैंटर है और मैं महीने के 50 हजार रुपए कमा लेती हूं.

रेखा का इस संबंध में कहना है कि मेरी इंगलिश सब्जैक्ट  में खास रुचि है, लेकिन उस के बावजूद मैं ने अपनी इस क्षमता का फायदा नहीं उठाया, जिस का मुझे आज तक पछतावा है. मेरे दोस्त आज काफी आगे निकल गए हैं लेकिन मैं वहीं की वहीं हूं, सिर्फ सही निर्णय न लेने के कारण.

7. नौलेज अपडेट करती रहें

अगर आप पूरे दिन में 6 घंटे टीवी देख रही हैं तो उस में से 2 घंटे न्यूज, डिस्कवरी, नौलेज वाले चैनल्स जरूर देखें. इस से आप वर्ल्ड में घटित घटनाएं जान सकती हैं, साथ ही अगर आप किसी ऐग्जाम वगैरा की तैयारी कर रही हैं तो उस में भी आप को इस का काफी लाभ मिलेगा.

नौलेज अपडेट रखने का सब से बड़ा फायदा यह होता है कि आप समूह में बात करने से पीछे नहीं रहेंगी. जब आप को विषय की संपूर्ण जानकारी होगी तो आप अपना पक्ष भी रख सकेंगी. इस का सामने वाले पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा. हो सकता है कि इस से आप को कहीं अच्छी नौकरी का अवसर भी मिल जाए.

इस संबंध में स्वीटी का कहना है कि मैं अपने कालेज की टौपर रही हूं, लेकिन कालेज के बाद मैं ने नौलेज अपडेट करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जिस का मेरी पर्सनैलिटी पर तो प्रभाव पड़ा ही, साथ ही मुझे कही नौकरी भी नहीं मिली.

8. बुक्स पढ़ती रहें

कालेज के बिजी शैड्यूल की वजह से अकसर ऐसा होता होगा कि आप कोर्स के अलावा अन्य लेखकों की किताबें नहीं पढ़ पाई होंगी. तो अब तो गोल्डन टाइम है, जितनी बुक्स पढ़ सकें, पढ़ें. बुक्स में जो तथ्य आप को रोचक लगते हैं उन्हें एक डायरी में नोट करती रहें. आप अपनी यह रोचक जानकारी फेसबुक व व्हाट्सऐप पर सब के साथ शेयर कर सकती हैं, अगर किसी लेखक की जीवनदर्शन संबंधी कोई बात आप के दिल को छू जाए तो उसे भी शेयर करना न भूलें, क्योंकि आपाधापी, भागदौड़, फुल टैंशन लाइफ में ऐसे थौट्स मन को सुकून देते हैं. बुक्स अपने फ्रैंड्स के साथ भी शेयर कर सकती हैं. जिस बुक को पढ़ रही हैं उस के औथर का इंटरनैट से जीवनवृत्तांत भी खंगाल डालिए, उन का लाइफस्टाइल भी आप की लाइफ को स्टाइल देगा.

9. हौबी क्लासेज जौइन करें

आप की जो हौबी हो उसे बढ़ाएं. जैसे खाना बनाना, सिंगिंग, डांसिंग आदि जो अच्छा लगता हो उस की क्लासेज जौइन करें. इस से आप बोर भी नहीं होंगी और कुछ नया भी सीखेंगी. भविष्य में यह आप के काम आएगा. खाली समय का सदुपयोग करने वालों की ही जीत होती है.

Year Ender 2022: कुछ रंग प्यार के ऐसे भी से लेकर शौर्या और अनोखी की कहानी तक बंद हुए ये 8 शो

टीवी इंडस्ट्री में कई बढ़िया शोज आए और गए हैं. यूं तो हर महीने टीवी पर नए सीरियल शुरू होते हैं लेकिन हर शो की किस्मत में लंबे समय तक चलना नहीं होता है. तो आज हम ऐसे ही कुछ शो लेकर आए है जो शुरु होते ही खत्म हो गएं. शो ज्यादा दिन अपनी पकड़ नहीं बना पाएं और बदकिस्तमी से बंद हो गए.

1. कुछ रंग प्यार के ऐसे भी

शाहीर शेख और एरिका फर्नांडिस के सीरियल कुछ रंग प्यार के ऐसे भी सीजन 3 को लेकर खबर है कि यह बंद होने जा रहा है. शो को शुरू हुए एक महीना हुआ है और अब यह बंद हो चुका है.

2. शौर्या और अनोखी की कहानी

सीरियल  शौर्या और अनोखी की कहानी सात महीने में बंद हो गया था. दिसंबर 2020 में शुरू हुआ शो कम टीआरपी  की वजह से  नहीं चल पाया था. इस बात से एक्टर करणवीर शर्मा काफी परेशान हुए थे.

.3. इश्क पर जोर नहीं

इश्क पर जोर नहीं सीरियल मार्च 2021 में शुरू हुआ था और इसके पांच महीने बाद ही यह बंद हो गया था. शो को लेकर परम सिंह ने कहा था, ‘हमने इस साल मार्च में इस शो को शुरू किया था और मुझे लगा था कि कम से कम यह 8-9 महीने तक चलेगा, लेकिन यह पांच ही महीनों में बंद हो रहा है. मुझे इसका कारण नहीं पता लेकिन मेकर्स ने निणय ले लिया है तो हम कुछ नहीं कर सकते.

 

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4.शादी मुबारक

रति पांडे और मानव गोहिल का सीरियल शादी मुबारक अगस्त 2020 में शुरू हुआ था और नौ महीनों के अंदर बंद हो गया था. कोरोना महामारी को शो के बंद होने की वजह बंद होने की वजह बताया गया था. मानव ने कहा था कि ‘नए एपिसोड ना आने की वजह से जनता इससे दूर हो गई थी.

 

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5. स्टोरी 9 महीने की

IVF प्रेग्नेंसी पर बना सुकीर्ति कांडपाल का यह शो नवंबर 2020 में शुरू हुआ था और छह महीने में बंद हो गया था. शो की कहानी तो दर्शकों के लिए नई थी लेकिन  इसे ज्यादा प्यार नहीं मिल पाया. साथ ही कोरोना की वजह से इसकी शूटिंग पर भी असर पड़ा था.

 

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6. ऐ मेरे हमसफर

दंगल टीवी का सीरियल ऐ मेरे हमसफर भी अगस्त 2020 में शुरू हुआ था और आठ महीने के अंदर बंद हो गया था. शो में नमिश तनेजा और टीना एन फिलिप ने काम किया था.

 

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7. गुप्ता ब्रदर्स

हितेन तेजवानी का सीरियल गुप्ता ब्रदर्स अपनी शुरुआत के चार महीने में ही बंद हो गया था. हितेन ने इस बारे में कहा, ‘मुझे अपने शो के ऑफ एयर हो जाने के बाद में उसको रिप्लेस करने वाले शो के प्रोमो को देखकर पता चला था. तब मैंने शो के प्रोड्यूसर को कॉल किया था और पूछा था कि ये सब क्या हो रहा है.वो भी खबर सुनकर हैरान थे. यह निर्णय रातोंरात लिया गया था.

8. सरगम की साढ़े साती

सीरियल सरगम की साढ़े साती फरवरी 2021 में ऑन एयर होने के दो महीने में बंद हो गया था. शो को लेकर लीड एक्ट्रेस Anjali Tatrari ने एक इंटरव्यू में इस बारे में कहा था, ‘मैं इस शो को काफी एन्जॉय कर रही थी. सेट का माहौल बहुत हल्का और मस्तीभरा रहा करता था. लेकिन जब मुझे पता चला कि शो बंद हो रहा है तो मैं काफी परेशान हो  गई थी. मैं नहीं चाहती थी कि शो इतनी जल्दी बंद हो.’

 

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Anant Ambani -Radhika Merchnat की सगाई में लगा बॉलीवुड सितारों का मेला

रिलायंस इंडस्ट्री के प्रमुख मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी का राधिका मर्चेंट के साथ बीते दिन रोका हुआ. जहां रोका सेरेमनी में केवल परिवार के लोग शामिल थे. तो वहीं मुंबई में अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की इंगेजमेंट पार्टी भी रखी गई थी, जिसमें बॉलीवुड के कई बड़े सितारे भी नजर आए. शाहरुख खान, जाह्नवी कपूर, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और जहीर खान जैसे कई सितारे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की इंगेजमेंट पार्टी में पहुंचे. इससे जुड़ी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं.

 

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जी हां, बीते दिनों ही अनंत और राधिका की सगाई हुई जहां कई बड़े सितारे पार्टि में शामिल हुए पहले बात करते है एक्टर शाहरुख खान की जो अपनी मैनेजर पूजा के साथ अनंत अंबानी की सगाई पार्टी में पहुंचे. हालांकि वह मीडिया के सामने नजर नहीं आए. ‘जाह्नवी कपूर ने अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की इंगेजमेंट पार्टी में पिंक साड़ी पहनकर एंट्री की. फोटोज में उनका क्लासी स्टाइल देखने लायक रहा.

 

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इनके अलावा पार्टि में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट भी अंबानी परिवार के इस खास मौके का हिस्सा बने. दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर पार्टी में एंट्री की.

बता दें, कि पार्टी में अंबानी परिवार की छोटी बहू बनने वाली राधिका मर्चेंट ने रॉल्स रॉयस में परिवार के साथ एंट्री की.उनके साथ-साथ कार में नीता अंबानी और मुकेश अंबानी भी नजर आए.

 

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Bigg Boss 16: भर गया शालीन के पाप का घड़ा, टीना से दोस्ती में आई दरार

कलर्स टीवी का रिएलिटी शो बिग बॉस 16 (Biggboss16) इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है जहां कंटेस्टेंट कभी एक -दूसरे से लड़ते नज़र आ रहे है तो कभी दोस्त बनते दिख रहे है बीते दिन घर से बेघर अकिंत हुए है. जिसके जाने के बाद प्रिंयका घर में बिलकुल अकेली हो गई है. जिसका फायदा खूब अर्चना उठा रही है. दोनो के बीच जमकर लड़ाई भी हुई थी.

आपको बता दें, कि घर में कंटेस्टेंट एक दूसरे अक्सर लड़ा करते है जो कि शो को और एंटरटेन बना देता है ऐसे बीते दिनों शालीन की एम सी स्टेन से लड़ाई हुई थी वही,बीते दिनों लड़ाई शालीन भनोट और सुंबुल के बीच हुई थी. दोनों में जमकर विवाद हुआ. जी हां. एक प्रोमो वीडियो में दिखाया गया था. जिसमें नॉमिनेशन की प्रकिया चल रही थी. वही टास्क के दौरान सुंबुल और शालीन एक दूसरे पर जमकर बरसते नज़र आए थे. लेकिन अब नई दरार शालीन और टीना के बीच दिख रही है.

आपको बता दें, कि हाल ही में एक प्रोमो वीडियो जारी किया गया है जिसमें सबका काला सच सामने आया है वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे सबके पाप का घड़ा भरेगा. जिसमें सबसे ज्यादा पाप का घड़ा शालीन का भरता दिखाया गया है.

जी हां, टास्क के दौरान सबसे ज्यादा पाप का घड़ा शालीन का भरा जिसका कारण है कि वो अपनी दोस्ती सही तरीके से नहीं निभाते है और दोस्तो से ही लड़ बेठते है. आगे शालीन, टीना से लड़ते है टीना उन्हे खरीखोटी सुनाती है. निमृत भी शालीन का पाप घड़ा भरती है वही दूसरी और शिव ठाकरे भी शालीन पर ही पाप घड़ा भरते है. वीडियो में साफ दिखाया गया है किस तरह शालीन टीना से झगड़ते है और अपनी दोस्ती सही से नहीं निभाते है.

 

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रीयल लाइफ मेें भी हीरो है जेम्स बौंड

जेम्स बौंड फिल्मों का ताजा हीरो डेनियल क्रेग ने एक इंटरव्यू मैं कहा है कि वह एक्ंिटग के दौरान मिली अपनी संपत्ति को मृत्यु के बाद बच्चों को पूरी तरह सौंप कर नहीं जाएगा.

डेनियल क्रेग को हर फिल्म पर कई करोड़ डौलर मिलते हैं पर उस का मानना है कि बच्चों को अपना पैसा कमाने की आदत पडऩी चाहिए. उस की एक 29 वर्ष की व एक 2 वर्ष की बेटी है.

कुछ दशक पहले एंड्रयू कार्नेगी ने अपनी संपत्ति जो अब 11 अरब डौलर के बराबर है कार्नेगी फाउंडेशन बना कर दान कर दी थी. पिता की संपत्ति बेटों बेटियों को ही जाए यह जरूरी नहीं है हालांकि कानून भी इसे वाजिब मानता और समाज भी यही चाहता है. बच्चे पैदा होते ही बिना कुछ किए पिता की कमाई को भोगना शुरू कर देते हैं. अधिकतर बिगड़ैल युवा वे ही होते है जिन के मातापिता उन्हें भरपूर बचपन से देते हैं क्योंकि उन की अपनी कमाई अपार होती है.

बच्चों को विरासत में योग्यता देना, बुद्धि देना, कौशव देना, सही मेहनत के गुर देना तो ठीक है पर पकीपकाई खीर उन्हें देना ठीक नहीं है पर इस के अलावा मांपिता के पास और कोई चारा नहीं होता. यह कहना अपनेआप में अच्छा लगता है कि कोई जना अपनी कमाई संपत्ति बच्चों को न दे कर दान कर गया क्योंकि बच्चों में योग्यता होगी तो वे क्या लेंगे. सवाल उठता है कि दान में बड़ी रकम पाने वालों को आखिर किस आधार पर दानी का संपत्ति के मिले. उस ने भी तो नहीं कमाया. सामाजिक कामों के लिए पैसा दे देना कहना अच्छा लगता है अमीर की मृत्यु के बाद उस पैसे का जो भी प्रबंध करेगा क्या उसे कोई लगाव होगा? उस ने भी कोई मेहनत नहीं की थी पर दानी जने की दिल की महानता के कारण वह बिना कमाए अरबों के इधरउधर करने का हकदार बन जाए, यह कैसे सही ठहराया जा सकता है.

भारत में अभी हाल में रमेश चौहान ने बिस्लिरी कंपनी को बेचा क्योंकि उस की एक मात्र संतान बेटी की उस उद्योग को चलाने में कोई रूचि नहीं थी और वृद्ध होते रमेश चौहान के बस के विशाल कारोबार संभालना नहीं रहा था. बेटी की आर्ट में ज्यादा रुचि है.

कुछ साल पहले बिड़ला परिवार के एक पुत्र की 2000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति उस के चार्टर्ड अकाउंटेंट के हाथ में आ गई क्योंकि उन की कोई संतान न थी. वह अपनी संपत्ति अपने भाइयों की संतानों को नहीं देना चाहते थे. यह भी एक तरह का दान था पर क्या चार्टर्ड अकाउंटेंट उस संपत्ति का किसी तरह से भी नैतिक हकदार है.

बहुत अमीर परिवारोंं में विरासत के सवाल पर दशकों तक विवाद चलते हैं और कई बार पूरी संपत्ति कानूनी खर्च मं स्वाह हो जाती है. कठिनाई यह है कि जो दान की वकालत करते हैं वे यह नहीं बता सकते कि जिसे दान मिले वह किस तरह से मुक्त में मिले पैसे का सदुपयोग करेगा.

यह कहना बेमतलब का है कि अमीरों को अपनी संपत्ति उन संस्थाओं को दान कर देनी चाहिए जो स्कूल, कालेज, चर्च, मंदिर, मसजिद चलाते हैं. ये सब भी धंधे हैं. इतने प्रबंधक गुणों की खान नहीं होते. वे दान में मिले पैसे को लूट का पैसा समझें तो आश्चर्य नहीं होन चाहिए.

सदियों से चली आ रही प्रक्रिया कि पिता या मां की कमाई संतानों को जाए ही सब से सही तरीका है. यह दान करने का बीज तो धर्म के दुकानदार बोते हैं क्योंकि धर्म तो टिका ही दान पर मिले पैसे पर है. कुछ पैसा स्वर्ग के टिकट बेच कर मिलता हैै और कुछ इस तरह के अमीरों का बहका कर कि संतानों को पैसा न दो, दान कर दो. पिछली कुछ सदियों से सरकारें भी एस्टेट ड्यूटी के नाम पर बीच में कूदने लगी थीं पर यह फार्मूला सफल नहीं हुआ और धीरेधीरे सभी देशों की सरकार ने एस्टेट ड्यूटी कम कर दी है.संतान अच्छी हो या खराब, अमीर पिता की होने के कारण उसे ही संपत्ति मिलना सब से सहज उपाय है.

बालकनी को यों बनाएं सुंदर

बालकनी को यों बनाएं सुंदर इन आसान तरीकों से बालकनी बन जाएगी फैवरिट स्पौट और आप वहां अधिक से अधिक वक्त बिताना चाहेंगे… शर्मिष्ठा शादी के बाद जब लखनऊ से दिल्ली आई तो एक खुलेखुले बागबगीचे वाले घर को छोड़ कर ससुराल के थ्री बीएचके फ्लैट में रहना उस के लिए बड़ा कष्टमय रहा. थर्ड फ्लोर पर बने फ्लैट में रहते हुए उसे त्रिशंकु जैसी फीलिंग होती थी. ऐसा घर जहां न छत अपनी न जमीन अपनी. वहां सूरज की रोशनी भी अंदर नहीं आती थी.

शर्मिष्ठा बचपन से जवानी तक अपने जिस घर में रहती आई थी वह एक बंगला था. सामने बगीचा, पीछे किचन गार्डन. हर कमरे में खिड़कियां. खुली साफ हवा. घर के बीच आंगन और आंगन में पड़ती सुबह के सूरज की पहली किरण. ऐसे में ससुराल में आ कर जब उसे फ्लैट में रहना पड़ा तो यहां उस का दम घुटने लगा. चारों तरफ से बंद फ्लैट, जिस में खुलेपन के नाम पर बस एक बालकनी थी जहां खड़े हो कर वह लंबीलंबी सांसें खींचा करती थी.

अब तो शर्मिष्ठा को इसी घर में रहना था क्योंकि दिल्ली जैसी जगह में बंगले की कल्पना तो नहीं की जा सकती, इसलिए उस ने बालकनी को ही कुछ ऐसा लुक देने की सोची जिस से प्रकृति से नजदीकी का कुछ एहसास जगे. शर्मिष्ठा ने छोटेछोटे गमलों में कुछ पौधे लगाए. घर की हर टूटीफूटी चीज को उस ने पेंट कर के उस में छोटे सीजनल फ्लौवर वाले पौधे लगा कर बालकनी की रेलिंग पर जगहजगह टांग दिए. कहीं पुराने जूते में तो कहीं चाय की केतली में पौधों की बेलें लटकने लगीं, जो बेहद आकर्षक लगती थीं. बीचबीच में उस ने रंगीन बल्ब वाली लाइट और छोटीछोटी घंटियां लगा दीं, जो हवा के ?ांकें से हिलतीडुलती कर्णप्रिय संगीत उत्पन्न करतीं.

बालकनी के एक कोने में उस ने तुलसी, सदाबहार और मीठे नीम के कुछ बड़े पौधे बड़े गमलों में लगाए, जिस से वह हिस्सा ज्यादा हराभरा दिखने लगा. धीरेधीरे उस की बालकनी का लुक चेंज होने लगा. एक दिन शर्मिष्ठा बाजार से नकली घास वाला छोटा कारपेट खरीद लाई. उसे बालकनी में बिछा कर उस ने उस पर बांस की 2 छोटी कुरसियां और एक छोटी मेज सजा दी. 1 महीने के अंदर ही शर्मिष्ठा की बालकनी एक प्यारे से बगीचे में बदल गई, जहां घर के कामों से फुरसत पा कर वह अपनी सास के साथ बैठ कर गप्पें मारती. यहां तक कि दोनों लंच और शाम की चाय भी वहीं बैठ कर पीने लगीं. शर्मिष्ठा की मेहनत से यह जगह उस घर की सब से सुंदर और घर के हर सदस्य की पसंदीदा जगह बन गई.

इसे देख कर आसपास के फ्लैट के लोग भी अपनीअपनी बालकनी को पेड़पौधों से सजाने लगे. छोटा सा घर हो, घर के बाहर बड़ा सा गार्डन हो, वहां 2 चेयर व टेबल लगी हो, वहां बैठ कर आप प्रकृति के बीच सुबह की चाय या शाम की कौफी का आनंद लें, यह हर किसी का सपना होता है. लेकिन अपार्टमैंट, फ्लैट कल्चर में ये सब मुमकिन नहीं है, यही सोच कर लोग मन मार कर रह जाते हैं. मगर उदास होने की जरूरत नहीं है.

आप अपनी छोटी सी बालकनी को भी इतना खूबसूरत बना सकती हैं कि आप को प्रकृति के बीच होने का आनंद मिल सकेगा. हम आप को बताते हैं कि कैसे अपनी बालकनी को हराभरा व सुंदर बनाएं ताकि वह आप का पसंदीदा स्पौट बन जाए और आप अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त वहां गुजारें.

आर्टिफिशियल घास का उपयोग करें आप अपनी बालकनी के एरिया को नाप लें, फिर उस के अनुसार मार्केट से आर्टिफिशियल घास खरीद लाएं. यह हलके या डार्क ग्रीन कलर की होती है जो बिलकुल असली जैसी दिखती है. यह आर्टिफिशियल घास एक मिनट में आप की बालकनी का लुक चेंज कर देगी. आप को लगेगा कि आप गार्डन में ही हैं. इसे मैंटेन करना भी बहुत आसान है. हैंगिंग पौट्स व गमलों से सजाएं बालकनी भले छोटी हो, लेकिन उस में गार्डनिंग का शौक पूरा किया जा सकता है. आप बालकनी को रंगबिरंगे फूलों के पौधों व लताओं से सजा सकती हैं.

गैंदे के पौधे जरूर शामिल करें. जाड़ों के मौसम में गुलदाउदी भी कई रंगों व साइज में लगा सकती हैं. इसे ज्यादा देखरेख की भी जरूरत नहीं होती. पेटूनिया भी अच्छा औप्शन है. इन्हें 6 से 8 घंटे की धूप चाहिए होती है और पानी कम लगता है. इसी के साथ मौनिंग ग्लोरी के फूल भी गुलाबी, नीले, बैगनी व सफेद रंगों में खिलते हैं. इन्हें भी लगा सकती हैं. बालकनी में हरे पौधे भी लगाएं ताकि ग्रीनरी व ताजगी का एहसास हो जैसे कोरल बेल्स, फर्न आदि.

आप अगर मैंटेन कर सकें तो कुछ बोनसाई भी जरूर रखें. दीवार पर लगाएं पेंटिंग आगे की जगह फूलों से सजा कर पीछे की दीवार खूबसूरत पेंटिंग या तसवीरों से सजाएं. आप इस दीवार पर खूबसूरत वालपेपर या स्टीकर भी लगा सकती हैं. औनलाइन कई ऐसे स्टीकर मिल जाएंगे जो प्राकृतिक खूबसूरती से भरे हों. शोपीस जरूर रखें टैराकोटा, मिट्टी या चीनी मिट्टी के तरहतरह के शोपीस आप मार्केट से खरीद सकती हैं. ये औनलाइन भी मिलते हैं. ये स्पैशली गार्डन के मुताबिक बनाए जाते हैं.

आप चाहें तो मिनी फाउंटेन खरीद सकती हैं. बालकनी के एक कोने में इसे लगा देंगी तो आप की बालकनी में चार चांद लग जाएंगे. कलकल आवाज करते ?ारने की वजह से आप को बिलकुल प्रकृति के बीच होने का एहसास होगा. यह बालकनी को बहुत क्लासी लुक देगा. कलरफुल लाइट्स या लालटेन लगाएं बालकनी में दीवाली में इस्तेमाल की जाने वाली लाइटिंग लगा सकती हैं. पुरानी लालटेन को यलो या रैड कलर से पेंट कर के टांग सकती हैं.

आप चाहें तो कैंडल स्टैंड में आकर्षक रंगों वाली कैंडल्स भी लगा सकती हैं. अगर बालकनी में तुलसी का पौधा है तो उस पर दीया रखने की जगह बनाएं. कई तरह की हैंगिंग लाइट्स, जो बटरफ्लाई, स्टार या मून जैसे आकार में होती हैं, उन से भी अपनी बालकनी सजा सकती हैं.

कोजी चेयर या ?ाला लगाएं गार्डन चेयर, कुशंस, बीन बैग्स, स्टूल आदि का इस्तेमाल कर के आप अपनी बालकनी को एक छोटी सी बैठक बना सकती हैं. अगर बालकनी बड़ी है तो वहां एक ?ाला भी लगा सकती हैं ताकि सुबहशाम उस पर बैठ कर कुछ पल एकांत में बिता सकें, बुक पढ़ सकें, बारिश का आनंद ले सकें, चायकौफी पी सकें. बालकनी को स्टोररूम न बनने दें बालकनी में बेकार की चीजों को न रखें. उसे स्टोररूम की तरह इस्तेमाल न करें. कई लोग इस में बच्चों की साइकिल, खिलौने या बक्से आदि रख देते हैं, जिस से बालकनी भद्दी दिखाई देने लगती है. बालकनी में कपड़े सुखाना भी जरूरी होता है. इस के लिए स्टैंड का इस्तेमाल करें जिसे काम खत्म होने के बाद फोल्ड कर के अंदर रखा जा सके.

Winter Special: स्टफ्ड सेमफली बनाने का तरीका

सब्जीियो में सेहत के लिए सबसे अच्छी होती है हरी सब्जियां जिसे असानी से घर पर पका सकते है तो घर वालों को सर्व कर सकते है तो ऐसे मे रेडी स्टफ्ड सेमफली जिसे बनाने के लिए आपको कुछ ही समय लगता है.

सामग्री

20 मुलायम सेमफलियां

50 ग्राम पनीर मैश किया

1 बड़ा चम्मच कौर्नफ्लोर

1 छोटा चम्मच अदरक व हरीमिर्च बारीक कटे

1 छोटा चम्मच चाट मसाला

1 छोटा चम्मच भरवां सब्जी मसाला

2 छोटे चम्मच धनियापत्ती बारीक कटी

1 बड़ा चम्मच तिल

2 बड़े चम्मच रिफाइंड औयल.

विधि

फलियों के किनारों के रेशे निकाल कर उबलते पानी में 3-4 मिनट रखें. पानी निथार कर ठंडे पानी में डालें. फिर कपड़े में रख कर थपथपा लें. पनीर में तिल को छोड़ कर बाकी सारी सामग्री मिलाएं. प्रत्येक फली को एक साइड से चाकू से खोलें और उस में पनीर वाला मसाला हलके हाथों से भर दें.

कौर्नफ्लोर को थोड़े से पानी में घोलें और सेम में जिस तरफ से भरावन भरी है थोड़ाथोड़ा लगा दें. एक नौनस्टिक पैन में तेल गरम करें. तिल चटकाएं और फिर सावधानी से सभी सेम में लगा दे. उलटपलट कर सेंक लें. परांठों के साथ सर्व करें.

नोट: आप चाहें तो कौर्नफ्लोर और मैदे का घोल बना कर उस में प्रत्येक सेम डिप कर के भी फ्राई कर सकती है.

Winter Special: जीरो फिगर की दीवानगी

हर कोई हीरो बनना चाहता है जीरो नहीं, लेकिन जब बात परफैक्ट बौडी फिगर की आती है, तो युवाओं में जीरो साइज बौडी फिगर का जबरदस्त क्रेज दिखाई देता है जहां हर युवक रितिक रोशन जैसा दिखना चाहता है और हर युवती करीना जैसी परफैक्ट फिगर पाना चाहती है और चाहे भी क्यों न भला, आखिर परफैक्ट बौडी पर ही तो हर पोशाक जंचती है.

दुनिया से साइज जीरो फिगर का परिचय पहली बार 1966 में ब्रिटिश मौडल ट्वीगी ने कराया था. भारत में जीरो साइज फिगर को युवाओं के बीच पौपुलर किया प्रसिद्ध अभिनेत्री करीना कपूर ने. फिल्म ‘रिफ्यूजी’ की 65 किलोग्राम की करीना ने जब फिल्म ‘टशन’ के लिए अपना वजन घटा कर 49 किलोग्राम किया, तो देशभर के युवा उन की जीरो साइज सैक्सी फिगर के दीवाने हो गए.

30-22-32 की जीरो फिगर में पतली कमर न केवल खूबसूरती का आईना होती है बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहतर होती है, क्योंकि मोटापा या बेडौल शरीर ब्लड प्रैशर, शुगर, थायराइड, हार्ट संबंधी अनेक गंभीर बीमारियों को न्योता देता है. टीवी, पत्रपत्रिकाओं, फिल्मों में दिखते जीरो साइज मौडल भी युवाओं को जीरो साइज बौडी पाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. जीरो साइज के दीवाने युवा डाइट कंट्रोल कर के जिम जौइन कर तरहतरह की सर्जरी करवा कर जीरो साइज पाने की रेस में खड़े हैं.

वे हर रोज सुबह उठ कर अपना वजन नापते हैं और इंचीटेप से कमर का नाप लेते हैं. उन का एकमात्र ध्येय होता है, जीरो साइज फिगर पाना. फिर चाहे उस के लिए उन्हें कुछ भी क्यों न करना पड़े.

छोटे परदे पर साइज जीरो का जनून

साइज जीरो वाली पतली कमर व परफैक्ट फिगर वाली छोटी परदे की सभी नाजुक बालाएं मानती हैं कि साइज जीरो यानी ब्यूटी व अट्रैक्शन और इसी सोच के आधार पर आज सभी हौलीवुड बालाएं जीरो फिगर के फंडे को अपना रही हैं. फिर चाहे वे ‘एक हजारों में मेरी बहना हो’ की क्रिस्टल डिसूजा हों, ‘इस प्यार को क्या नाम दूं’ की सनाया ईरानी हों, ‘सास बिना ससुराल’ की ऐश्वर्या सखूजा हों, ‘उतरन’ की टीना दत्ता हों या फिर ‘बालिका वधू’ की प्रत्यूषा बनर्जी हों.

गैजेट्स भी भुना रहे हैं जीरो फिगर ट्रैंड को

जीरो फिगर की दीवानगी अब लैपटौप में साफ दिखाई दे रही है. हाल ही में सोनी कंपनी ने अपना अल्ट्रा स्लिम लैपटौप ‘वायो ऐक्स’ लौंच किया, जिसे बौलीवुड की जीरो फिगर ब्यूटी करीना ने प्रमोट किया.

करीना कपूर की जीरो साइज फिगर में रुजुता दिवाकर का योगदान

करीना कपूर को जीरो साइज फिगर दिलाने में करीना की डाइटीशियन रुजुता का बहुत बड़ा यो गदान था. रुजुता मानती हैं कि जीरो साइज फिगर पाने के लिए मुख्य 4 बातों पर ध्यान देना चाहिए. 1. सुबह उठने के बाद चाय या कौफी बिलकुल न लें, बल्कि 10-15 मिनट के भीतर कुछ फल खाएं या हैल्दी स्नैक्स लें. 2. दिनभर में हर 2 घंटे के अंतराल पर कुछ न कुछ थोड़ाथोड़ा खाएं. यानी दिनभर में 8-9 बार कुछ न कुछ खाएं. 3. भोजन की मात्रा आप की कार्यक्षमता यानी आप दिन भर में कितनी कैलोरी बर्न करते हैं, इस बात पर निर्भर करती है. 4. रात का भोजन सोने से 2 घंटे पहले कर लें. दिन भर के खाने में एक सेब, अंडे की सफेदी, दूध, चीज, स्लाइस, मुट्ठी भर मेवे अवश्य शामिल करें. दिनभर में 5 लिटर पानी पीएं. इस से आप की त्वचा पर चमक आएगी. वजन कम करने के लिए रोजाना 45 मिनट तक ऐक्सरसाइज व जौगिंग करें व अच्छी नींद लें.

जीरो फिगर बौडी पाने की राह में डाइट की भूमिका

डाइटीशियन गीतू अमरनानी कहती हैं, आजकल युवाओं में जीरो फिगर बौडी पाने का जबरदस्त क्रेज है. जीरो फिगर बौडी पाने के लिए डाइट का खास ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. कुछ युवा जीरो फिगर बौडी पाने के लिए भूखे रह कर अपने शरीर के साथ खिलवाड़ करते हैं, जो एकदम गलत है. जीरो फिगर बौडी के लिए आप का डाइट प्लान ऐसा होना चाहिए जिस में सभी जरूरी पोषक तत्त्व मसलन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल या जरूरी फैट हों. डाइट प्लान आप के वजन व हाइट के अनुसार होना चाहिए.

वजन कम करने के लिए केवल डाइटिंग के बजाय ऐक्सरसाइज को भी शामिल करें. ज्यादा डाइटिंग से शरीर में तनाव बढ़ाने वाले हारमोन बढ़ जाते हैं और आप सामान्य से ज्यादा खाना खाने लगते हैं. डाइट में अनाज, फल, सब्जियां शामिल करें. इस से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी व मैडिकल जटिलताएं भी नहीं होंगी.

खाने में जंकफूड से दूर रहें. आप की डाइट ऐसी हो जो आप के स्वास्थ्य के लिए भी सही हो. जीरो साइज फिगर पाने के लिए ऐसी डाइट लें जो आप के शरीर को ताकत दे. खाने में हाईफाइबर चीजें शामिल करें. इस से शरीर का मैटाबौलिज्म रेट बढ़ने के साथसाथ कैलोरी जल्दी घटने में भी मदद मिलती है. डाइट में सूप, सलाद, नारियल पानी व ग्रीन टी शामिल करें. खाने में छोटा या रैगुलर साइज चुनें. खाना धीरेधीरे खाएं. हर कौर को 20 सैकंड तक चबाएं. इस से पाचनशक्ति बढ़ेगी और आप को मनचाही फिगर पाने में मदद भी मिलेगी.

ऐक्सरसाइज को न करें नजरअंदाज

‘‘अगर आप जीरो फिगर बौडी पाना चाहते हैं तो आप को डाइट के साथसाथ अपने ऐक्सरसाइज शैड्यूल पर भी ध्यान देना होगा,’’ यह कहना है कृष्णा नगर, दिल्ली के रिदम जिम की संचालिका पूजा का. पूजा बताती हैं, ‘‘एक रात में जीरो फिगर बौडी पाना असंभव है, लेकिन सही डाइट प्लान व नियमित ऐक्सरसाइज द्वारा आप जीरो साइज बौडी अवश्य पा सकते हैं. शरीर के ऊपरी हिस्से से वजन कम करने के लिए पुशअप करें, शोल्डर प्रैस से शरीर सुडौल बनता है व कमर पतली तथा शरीर स्ट्रीमलाइंड बनता है. पेट के निचले हिस्से से फैट कम करने के लिए एब्डौमिनल क्रंच करें. इस के अलावा टे्रडमिल व स्टेपिंग मशीन का प्रयोग कर के भी आप परफैक्ट जीरो बौडी फिगर पा सकते हैं.’’

पूजा बताती हैं कि जीरो फिगर बौडी पाने की चाह में वजन एकदम से न घटाएं. इस से त्वचा ढीली हो कर लटक सकती है, जबकि सही तरीके से वजन घटाने व डाइट लेने से मसल्स मजबूत व बौडी शेप में आ जाती है. व्यायाम शरीर की जरूरत व क्षमता के अनुसार करें. ऐक्सरसाइज के दौरान सिप कर के कुनकुना पानी पीना न भूलें, ताकि पसीने के रूप में निकलने वाले तरल पदार्थों की पूर्ति हो सके. वर्कआउट के साथ मनचाहा खाना खाने का लाइसैंस न लें. सही डाइट व रैगुलर वर्कआउट से आप मनचाही फिगर पा सकते हैं. वर्कआउट अपने वजन, लंबाई, आयु, दिनभर की गतिविधियां मैटाबौलिक रेट, डाइट व जीवनशैली के अनुसार करें. कोई भी ऐक्सरसाइज करने से पहले ऐक्सपर्ट की राय अवश्य लें.

पूजा कहती हैं, ‘‘जीरो साइज में बुराई नहीं है, लेकिन जीरो साइज फिगर के लिए हैल्थ के साथ खिलवाड़ न करें. जीरो फिगर पाने के लिए क्रैश डाइट व ऐक्सरसाइज के गलत तरीकों को अपना कर शरीर के साथ खिलवाड़ न करें. खूबसूरती व परफैक्ट फिगर के साथसाथ हैल्थ को भी पूरा महत्त्व दें.’’

जीरो फिगर स्टार अभिनेता- अभिनेत्रियां

सोनम कपूर : आप को यह जान कर हैरानी होगी कि आज की जीरो फिगर सोनम कपूर का वजन किसी समय 86 किलो था. सोनम कपूर अपनी डाइट में पेयपदार्थों को भरपूर शामिल करती हैं. वे हर 1-2 घंटे में नारियल पानी पीती हैं. इस के अलावा वे खीरे का रस व छाछ भी खूब पीती हैं. सोनम चीनी व नमक सोचसमझ कर ही लेती हैं.

प्रतीक बब्बर : ‘‘अगर आप फिट नहीं हैं, तो जिंदगी में कुछ भी ऐंजौय नहीं कर सकते.’’ प्रतीक का मानना है कि हर किसी को रैगुलर वर्कआउट करना चाहिए. प्रतीक की फेवरेट परफैक्ट बौडी फिगर में मेल सैलेब्रिटी हग जैकमैन व रितिक रोशन हैं जबकि फीमेल सैलेब्रिटी मेगन फौक्स व प्रियंका चोपड़ा हैं.

करीना कपूर : जीरो फिगर की सिंबल करीना के अनुसार, ‘‘सैक्सी नहीं है मोटापा. भला मोटी हो कर कोई हौट कैसी लगेगी. अच्छी फिगर हर फीमेल का सपना होता है. बौडी के फैट डिपौजिट्स पर गर्व भला कैसे किया जा सकता है.’’

कैटरीना कैफ : हाल ही में कैट ने धूम-3 में मिस्टर परफैक्शनिस्ट आमिर खान को टक्कर देने के लिए 2 महीने में 5 किलोग्राम  वजन कम कर के स्वयं को स्लिम व स्किनी टीम में शामिल कर लिया है.

वजन घटाने में मददगार जीरो नूडल्स

‘डेली मेल’ की एक खबर के अनुसार जापान में वजन घटाने में मददगार जीरो नूडल्स पेश किए गए हैं. ये जीरो नूडल्स एशियन ग्राउंड रूट कौंजेक और 96 प्रतिशत पानी से तैयार किए गए हैं. इन के निर्माताओं का दावा है कि ये नूडल्स न केवल कैलोरी की मात्रा कम करेंगे बल्कि आप के दिमाग को सोचने के लिए भी प्रेरित करेंगे कि आप ने पेट भर भोजन कर लिया है.

हाल ही में इसराईल सरकार ने अल्ट्रास्लिम होने से जुड़े तमाम रिस्क देखते हुए एक कानून द्वारा मौडल पर बैन लगा दिया है. कानून के अनुसार, मौडल को मौडलिंग करने के लिए सही बीएमआई मैंटेन करना होगा. मौडल को अपनी मैडिकल रिपोर्ट में प्रूव करना होगा कि वह हैल्दी है और अंडरवेट नहीं अर्थात उस का बीएमआई 18.5 से कम नहीं है. ऐसा कानून बनाने वाला इसराईल दुनिया का पहला देश है. 

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