Story in hindi
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माना जाता है कि मुसलिम विवाहों के झोगड़ों के मामले आपस में सुलटा लिए जाते हैं और ये अदालतों में नहीं जाते पर अदालतें शादीशुदा मुसलिम जोड़ों के विवादों से शायद आबादी के अनुपात से भरी हुई हैं. ये मामले कम इसलिए दिखते हैं कि गरीब हिंदू जोड़ों की तरह गरीब मुसलिम जोड़े भी अदालतों का खर्च नहीं उठा सकते और पतिपत्नी एकदूसरे की जबरदस्ती सह लेते हैं.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में एक मामले में एक मुसलिम पति को पत्नी को अपने साथ रहने पर मजबूर करने का हक देने से इनकार कर दिया क्योंकि उस पति ने दूसरी शादी भी कर ली थी और इसलिए पहली पत्नी अपने पिता के घर चली गईर् थी. पहली पत्नी अपने पिता की इकलौती संतान है और उस के पिता ने मुसलिम कानून की जरूरत के हिसाब से जीतेजी सारी संपत्ति बेटी को उपहार कर दी थी.
हालांकि अदालत ने कुरान का सहारा लिया. पतिपत्नी के झोगड़ों में धर्म को लिया ही नहीं जाना चाहिए क्योंकि धर्म जबरन एक आदमी और औरत के साथ रहने के अनुबंध पर सवार हो चुका है. शादी का न तो मंदिर से कोई मतलब है, न चर्च से, न मुल्ला से, न ग्रंथी से. शादी 2 जनों की आपसी रजामंदी का मामला है और जब रजामंदी से किसी की शादी की है कि दोनों किसी तीसरे को अपने संबंधों के बीच न आने देंगे तो यह माना जाना चाहिए बिना चूंचपड़ के. कानून को पतिपत्नी का हक देना चाहिए लेकिन कौंट्रैक्ट एक्ट के हिसाब से, धर्म के हिसाब से नहीं. पतिपत्नी के अधिकार एकदूसरे पर क्या हैं और वे अगर संबंध तोड़ें तो कौन क्या करेगा क्या नहीं, यह इसी तरह तय करना चाहिए जैसे पार्टनरशिप एक्ट, कंपनीज एक्ट, सोसायटीज एक्ट में तय होता है. धर्म इन अनुबंधों के बीच में नहीं आता. शादी न भगवानों के कहने पर होती है न भगवानों के कहने पर टूटती है.
एक आदमी और औरत जीवनभर एकदूसरे के साथ ही सुखी रहेंगे, यह जरूरी नहीं. शादी के बाद 50-60 या 70 सालों में बहुत कुछ बदल सकता है. पसंद बदल सकती है, स्तर बदल सकता है, शरीर बदल सकता है. जीवनसाथी को हर मामले में जबरन ढोया जाए, यह गलत है. प्रेम में तो लोग एक पेड़ के लिए भी जान की बाजी लगा देते हैं. जिस के साथ सुख के हजारों पल बिताए हों, उस के साथ दुख में साथ देना कोई बड़ी बात नहीं.
मुसलिम जोड़े ने अदालत की शरण ली वह साबित करता है कि मुसलिम मर्द भी तलाक का हक कम इस्तेमाल करते हैं और जहां हक हो वहां खुला भी इस्तेमाल नहीं किया जाता. कट्टर माने जाने वाले मुसलिम जोड़े भी सैक्युलर अदालतों की शरण में आते हैं. यह बात दूसरी कि बहुत सी अदालतों के जजों के मनों पर धार्मिक बोझो भारी रहता है. इस मामले में जज ने सही फैसला किया कि पति पत्नी को साथ रहने पर मजबूर नहीं कर सकता खासतौर पर तब जब उस ने दूसरी शादी भी कर रखी हो, चाहे वह मुसलिम कानून समान हो.
सावल
मैं दिल्ली से बैंगलुरु शिफ्ट हुई तो मुझे मुहांसे होने लगे जो पहले दिल्ली में कभी नहीं हुए. मेरी उम्र 25 साल है. जो खाना मैं दिल्ली में खाती थी अब भी खाती हूं. मैं क्या करूं?
जवाब
ज्यादातर दिल्ली में मुंहासे निकलने के चांस ज्यादा होते हैं. बैंगलुरु का तापमान बहुत नौर्मल रहता है यानी न गरम न ठंडा. इसलिए जगह बदलने की वजह से मुंहासे निकलना शुरू हुआ, यह आप की गलतफहमी है. आप को चैक करना चाहिए कि कहीं कोई हारमोनल प्रौब्लम तो नहीं है. अगर है तो उसे सौल्व करना जरूरी है. हारमोन में बदलाव आने से कई बार औयल ग्लैंड्स ज्यादा ऐक्टिव हो जाती हैं. इसलिए त्वचा की सफाई और भी जरूरी है. तैलीय त्वचा को मुंहासों से बचाने के लिए उस की नियमित सफाई जरूरी है. चेहरे को साफ करने के लिए एस्ट्रिंजैंट का इस्तेमाल कर सकती हैं या फिर घर में भी स्किन टौनिक बना सकती हैं. रात को नीम या पुदीने की पत्तियों को पानी में भिगो दें. सुबह पानी को उबाल कर छान लें. इस स्किन टौनिक से त्वचा साफ करने से भी मुंहासों की समस्या से छुटकारा मिलेगा. मुंहासों को दूर करने के लिए 1/2 चम्मच अखरोट की गिरी का पाउडर और 1 चम्मच चावल का आटा लें. इस में 1/2 चम्मच मूली का रस, 1 चम्मच छाछ, कुछ गुलाबजल की बूंदें मिला कर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं. सूखने पर ठंडे पानी से धो लें. इस से मुंहासे कम होंगे और रंग भी निखरेगा.
-समस्याओं के समाधान
ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा
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सुबह सैर कर के लौटी निशा ने अखबार पढ़ रहे अपने पति रवि को खुशीखुशी बताया, ‘‘पार्क में कुछ दिन पहले मेरी सपना नाम की सहेली बनी है. आजकल उस का अजय नाम के लड़के से जोरशोर के साथ इश्क चल रहा है.’’ ‘‘मुझे यह क्यों बता रही हो?’’ रवि ने अखबार पर से बिना नजरें उठाए पूछा.
‘‘यह सपना शादीशुदा महिला है.’’ ‘‘इस में आवाज ऊंची करने वाली क्या बात है? आजकल ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं.’’
‘‘आप को चटपटी खबर सुनाने का कोई फायदा नहीं होता. अभी औफिस में कोई समस्या पैदा हो जाए तो आप के अंदर जान पड़ जाएगी. उसे सुलझाने में रात के 12 बज जाएं पर आप के माथे पर एक शिकन नहीं पड़ेगी. बस मेरे लिए आप के पास न सुबह वक्त है, न रात को,’’ निशा रोंआसी हो उठी. ‘‘तुम से झगड़ने का तो बिलकुल भी वक्त नहीं है मेरे पास,’’ कह रवि ने मुसकराते हुए उठ कर निशा का माथा चूमा और फिर तौलिया ले कर बाथरूम में घुस गया.
निशा ने माथे में बल डाले और फिर सोच में डूबी कुछ पल अपनी जगह खड़ी रही. फिर गहरी सांस खींच कर मुसकराई और रसोई की तरफ चल पड़ी. उस दिन औफिस में रवि को 4 परचियां मिलीं. ये उस के लंच बौक्स, पर्स, ब्रीफकेस और रूमाल में रखी थीं. इन सभी पर निशा ने सुंदर अक्षरों में ‘आईलवयू’ लिखा था.
इन्हें पढ़ कर रवि खुश भी हुआ और हैरान भी क्योंकि निशा की यह हरकत उस की समझ से बाहर थी. उस के मन में तो निशा की छवि एक शांत और खुद में सीमित रहने वाली महिला की थी.
रोज की तरह उस दिन भी रवि को औफिस से लौटने में रात के 11 बज गए. उन चारों परचियों की याद अभी भी उस के दिल को गुदगुदा रही थी. उस ने निशा को अपनी बांहों में भर कर पूछा, ‘‘आज कोई खास दिन है क्या?’’ ‘‘नहीं तो,’’ निशा ने मुसकराते हुए
जवाब दिया. ‘‘फिर वे सब परचियां मेरे सामान में क्यों रखी थीं?’’
‘‘क्या प्यार का इजहार करते रहना गलत है?’’ ‘‘बिलकुल नहीं, पर…’’
‘‘पर क्या?’’ ‘‘तुम ने शादी के 2 सालों में पहले कभी ऐसा नहीं किया, इसलिए मुझे हैरानी हो रही है.’’
‘‘तो फिर लगे हाथ एक नई बात और बताती हूं. आप की शक्ल फिल्म स्टार शाहिद कपूर से मिलती है.’’ ‘‘अरे नहीं. मजाक मत उड़ाओ, यार,’’ रवि एकदम से खुश हो उठा था.
‘‘मैं मजाक बिलकुल नहीं उड़ा रही हूं, जनाब. वैसे मेरा अंदाजा है कि आप बन रहे हो. अब तक न जाने कितनी लड़कियां आप से यह बात कह चुकी होंगी.’’ ‘‘आज तक 1 ने भी नहीं कही है यह बात.’’
‘‘चलो शाहिद कपूर नहीं कहा होगा, पर आप के इस सुंदर चेहरे पर जान छिड़कने वाली लड़कियों की कालेज में तो कभी कमी नहीं रही होगी,’’ निशा ने अपने पति की ठोड़ी बड़े स्टाइल से पकड़ कर उसे छेड़ा. ‘‘मैडम, मेरी दिलचस्पी लड़कियों में नहीं, बल्कि पढ़नेलिखने में थी.’’
‘‘मैं नहीं मानती कि कालेज में आप की कोई खास सहेली नहीं थी. आज तो मैं उस के बारे में सब कुछ जान कर ही रहूंगी,’’ निशा बड़ी अदा से मुसकराई और फिर स्टाइल से चलते हुए चाय बनाने के लिए रसोई में घुस गई. उस दिन से रवि के लिए अपनी पत्नी के बदले व्यवहार को समझना कठिन होता चला
गया था. उस रात निशा ने रवि से उस की गुजरी जिंदगी के बारे में ढेर सारे सवाल पूछे. रवि शुरू में झिझका पर धीरेधीरे काफी खुल गया. उसे पुराने दोस्तों और घटनाओं की चर्चा करते हुए बहुत मजा आ रहा था.
वैसे वह पलंग पर लेटने के कुछ मिनटों बाद ही गहरी नींद में डूब जाता था, लेकिन उस रात सोतेसोते 1 बज गया.
‘‘गुड नाइट स्वीट हार्ट,’’ निशा को खुद से लिपटा कर सोने से पहले रवि की आंखों में उस के लिए प्यार के गहरे भाव साफ नजर आ रहे थे.
अगले दिन निशा सैर कर के लौटी तो उस के हाथ में एक बड़ी सी चौकलेट थी. रवि के सवाल के जवाब में उस ने बताया, ‘‘यह मुझे सपना ने दी है. उस का प्रेमी अजय उस के लिए ऐसी 2 चौकलेट लाया था.’’ ‘‘क्या तुम्हें चौकलेट अभी भी पसंद है?’’
‘‘किसी को चौकलेट दिलवाने का खयाल आना बंद हो जाए, तो क्या दूसरे इंसान की उसे शौक से खाने की इच्छा भी मर जाएगी?’’ निशा ने सवाल पूछने के बाद नाटकीय अंदाज में गहरी सांस खींची और अगले ही पल खिलखिला कर हंस भी पड़ी. रवि ने झेंपे से अंदाज में चौकलेट के कुछ टुकड़े खाए और साथ ही साथ मन में निशा के लिए जल्दीजल्दी चौकलेट लाते रहने का निश्चय भी कर लिया.
‘‘आज शाम को क्या आप समय से लौट सकेंगे?’’ औफिस जा रहे रवि की टाई को ठीक करते हुए निशा ने सवाल किया. ‘‘कोई काम है क्या?’’
‘‘काम तो नहीं है, पर समय से आ गए तो आप का कुछ फायदा जरूर होगा.’’ ‘‘किस तरह का फायदा?’’
‘‘आज शाम को वक्त से लौटिएगा और जान जाइएगा.’’ निशा ने और जानकारी नहीं दी तो मन में उत्सुकता के भाव समेटे रवि को औफिस जाना पड़ा.
मन की इस उत्सुकता ने ही उस शाम रवि को औफिस से जल्दी घर लौटने को मजबूर कर दिया था. उस शाम निशा ने उस का मनपसंद भोजन तैयार किया था. शाही पनीर, भरवां भिंडी, बूंदी का रायता और परांठों के साथसाथ उस ने मेवा डाल कर खीर भी बनाई थी.
‘‘आज किस खुशी में इतनी खातिर कर रही हो?’’ अपने पसंदीदा भोजन को देख कर रवि बहुत खुश हो गया. ‘‘प्यार का इजहार करने का यह क्या बढि़या तरीका नहीं है?’’ निशा ने इतराते हुए पूछा तो रवि ठहाका मार कर हंस पड़ा.
भर पेट खाना खा कर रवि ने डकार ली और फिर निशा से बोला, ‘‘मजा आ गया, जानेमन. इस वक्त मैं बहुत खुश हूं… तुम्हारी किसी भी इच्छा या मांग को जरूर पूरा करने का वचन देता हूं.’’ ‘‘मेरी कोई इच्छा या मांग नहीं है, साहब.’’
‘‘फिर पिछले 2 दिनों से मुझे खुश करने की इतनी ज्यादा कोशिश क्यों की जा रही है?’’ ‘‘सिर्फ इसलिए क्योंकि आप को खुश देख कर मुझे खुशी मिलती है, हिसाबकिताब रख कर काम आप करते होंगे, मैं नहीं.’’ निशा ने नकली नाराजगी दिखाई तो रवि फौरन उसे मनाने के काम में लग गया.
रवि ने मेज साफ करने में निशा का हाथ बंटाया. फिर उसे रसोई में सहयोग दिया. निशा जब तक सहज भाव से मुसकराने नहीं लगी, तब तक वह उसे मनाने का खेल खेलता रहा. उस रात खाना खाने के बाद रवि निशा के साथ कुछ देर छत पर भी घूमा. बड़े लंबे समय के बाद दोनों ने इधरउधर की हलकीफुलकी बातें करते हुए यों साथसाथ समय गुजारा.
अगले दिन रविवार होने के कारण रवि देर तक सोया. सैर से लौट आने के बाद निशा ने चाय बनाने के बाद ही उसे उठाया. दोनों ने साथसाथ चाय पी. रवि ने नोट किया कि निशा लगातार शरारती अंदाज में मुसकराए जा रही है. उस ने पूछ ही लिया, ‘‘क्या आज भी मुझे कोई सरप्राइज मिलने वाला है?’’
‘‘बहुत सारे मिलने वाले हैं,’’ निशा की मुसकान रहस्यमयी हो उठी. ‘‘पहला बताओ न?’’
‘‘मैं ने अखबार छिपा दिया है.’’ ‘‘ऐसा जुल्म न करो, यार. अखबार पढ़े बिना मुझे चैन नहीं आएगा.’’
‘‘आप की बेचैनी दूर करने का इंतजाम भी मेरे पास है.’’ ‘‘क्या?’’
‘‘आइए,’’ निशा ने उस का हाथ पकड़ा और छत पर ले आई. छत पर दरी बिछी हुई थी. पास में सरसों के तेल से भरी बोतल रखी थी. रवि की समझ में सारा माजरा आया तो उस का चेहरा खुशी से खिल उठा और उस ने खुशी से पूछा, ‘‘क्या तेल मालिश करोगी?’’
‘‘यस सर.’’ ‘‘आई लव तेल मालिश.’’ रवि फटाफट कपड़े उतारने लगा.
‘‘ऐंड आईलवयू,’’ निशा ने प्यार से उस का गाल चूमा और फिर अपने कुरते की बाजुएं चढ़ाने लगी.
रवि के लिए वह रविवार यादगार दिन बन गया.
तेल मालिश करातेकराते वह छत पर ही गहरी नींद सो गया. जब उठा तो आलस ने उसे घेर लिया.
‘‘गरम पानी तैयार है, जहांपनाह और आज यह रानी आप को स्नान कराएगी,’’ निशा की इस घोषणा को सुन कर रवि के तनमन में गुदगुदी की लहर दौड़ गई.
रवि तो उसे नहाते हुए ही जी भर कर प्यार करना चाहता था पर निशा ने खुद को उस की पकड़ में आने से बचाते हुए कहा, ‘‘जल्दबाजी से खेल बिगड़ जाता है, साहब.
अभी तो कई सरप्राइज बाकी हैं. प्यार का जोश रात को दिखाना.’’ ‘‘तुम कितनी रोमांटिक…कितनी प्यारी…कितनी बदलीबदली सी हो गई हो.’’
‘‘थैंक यू सर,’’ उस की कमर पर साबुन लगाते हुए निशा ने जरा सी बगल गुदगुदाई तो वह बच्चे की तरह हंसता हुआ फर्श पर लुढ़क गया. निशा ने बाहर खाना खाने की इच्छा जाहिर की तो रवि उसे ले कर शहर के सब
से लोकप्रिय होटल में आ गया. भर पेट खाना खा कर होटल से बाहर आए तो यौन उत्तेजना का शिकार बने रवि ने घर लौटने की इच्छा जाहिर की. ‘‘सब्र का फल ज्यादा मीठा होता है, सरकार. पहले इस सरप्राइज का मजा तो ले लीजिए,’’ निशा ने अपने पर्स से शाहरुख खान की ताजा फिल्म के ईवनिंग शो के 2 टिकट निकाल कर उसे पकड़ाए तो रवि ने पहले बुरा सा मुंह बनाया पर फिर निशा के माथे में पड़े बलों को देख कर फौरन मुसकराने लगा.
निशा को प्यार करने की रवि की इच्छा रात के 10 बजे पूरी हुई. निशा तो कुछ देर पार्क में टहलना चाहती थी, लेकिन अपनी मनपसंद आइसक्रीम की रिश्वत खा कर वह सीधे घर लौटने को राजी हो गई. रवि का मनपसंद सैंट लगा कर जब वह रवि के पास पहुंची तो उस ने अपनी बांहें प्यार से फैला दीं.
‘‘नो सर. आज सारी बातें मेरी पसंद से हुई हैं, तो इस वक्त प्यार की कमान भी आप मुझे संभालने दीजिए. बस, आप रिलैक्स करो और मजा लो.’’ निशा की इस हिदायत को सुन कर रवि ने खुशीखुशी अपनेआपको उस के हवाले कर दिया.
रवि को खुश करने में निशा ने उस रात कोईर् कसर बाकी नहीं छोड़ी. अपनी पत्नी के इस नए रूप को देख कर हैरान हो रहा रवि मस्ती भरी आवाज में लगातार निशा के रंगरूप और गुणों की तारीफ करता रहा. मस्ती का तूफान थम जाने के बाद रवि ने उसे अपनी छाती से लगा कर पूछा, ‘‘तुम इतनी ज्यादा कैसे बदल गईर् हो, जानेमन? अचानक इतनी सारी शोख, चंचल अदाएं कहां से सीख ली हैं?’’
‘‘तुम्हें मेरा नया रूप पसंद आ रहा है न?’’ निशा ने उस की आंखों में प्यार से झांकते
हुए पूछा. ‘‘बहुत ज्यादा.’’
‘‘थैंक यू.’’ ‘‘लेकिन यह तो बताओ कि ट्रेनिंग कहां से ले रही हो?’’
‘‘कोई देता है क्या ऐसी बातों की ट्रेनिंग?’’ ‘‘विवाहित महिला एक पे्रमी बना ले तो उस के अंदर सैक्स के प्रति उत्साह यकीनन बढ़ जाएगा. कम से कम पुरुषों के मामले में तो ऐसा पक्का होता है. कहीं तुम ने भी तो अपनी उस पार्क वाली सहेली सपना की तरह किसी के साथ टांका फिट नहीं कर लिया है?’’
‘‘छि: आप भी कैसी घटिया बात मुंह से निकाल रहे हो?’’ निशा रवि की छाती से और ज्यादा ताकत से लिपट गई, ‘‘मुझ पर शक करोगे तो मैं पहले जैसा नीरस और उबाऊ ढर्रा फिर से अपना लूंगी.’’ ‘‘ऐसा मत करना, जानेमन. मैं तो तुम्हें जरा सा छेड़ रहा था.’’
‘‘किसी का दिल दुखाने को छेड़ना नहीं कहते हैं.’’ ‘‘अब गुस्सा थूक भी दो, स्वीटहार्ट. आज तुम ने मुझे जो भी सरप्राइज दिए हैं, उन के लिए बंदा ‘थैंकयू’ बोलने के साथसाथ एक सरप्राइज भी तुम्हें देना चाहता है.’’
‘‘क्या है सरप्राइज?’’ निशा ने उत्साहित लहजे में पूछा. ‘‘मैं ने तुम्हारी गर्भनिरोधक गोलियां फेंक
दी है?’’ ‘‘क्यों?’’ निशा चौंक पड़ी.
‘‘क्योंकि अब 3 साल इंतजार करने के बजाय मैं जल्दी पापा बनना चाहता हूं.’’ ‘‘सच.’’ निशा खुशी से उछल पड़ी.
‘‘हां, निशा. वैसे तो मैं भी अब ज्यादा से ज्यादा समय तुम्हारे साथ बिताने की कोशिश किया करूंगा, पर अकेलेपन के कारण तुम्हारे सुंदर चेहरे को मुरझाया सा देखना अब मुझे स्वीकार नहीं. मेरे इस फैसले से तुम खुश हो न?’’ निशा ने उस के होंठों को चूम कर अपना जवाब दे दिया.
रवि तो बहुत जल्दी गहरी नींद में सो गया, लेकिन निशा कुछ देर तक जागती रही. वह इस वक्त सचमुच अपनेआप को बेहद खुश व सुखी महसूस कर रही थी. उस ने मन ही मन अपनी सहेली सपना और उस के प्रेमी को धन्यवाद दिया. इन दोनों के कारण ही उस के विवाहित जीवन में आज रौनक पैदा हो गई थी.
पार्क में जानपहचान होने के कुछ दिनों बाद ही अजय ने सपना को अपने प्रेमजाल में फंसाने के प्रयास शुरू कर दिए थे. सपना तो उसे डांट कर दूर कर देती, लेकिन निशा ने उसे ऐसा करने से रोक दिया.
‘‘सपना, मैं देखना चाहती हूं कि वह तुम्हारा दिल जीतने के लिए क्याक्या तरकीबें अपनाता है. यह बंदा रोमांस करने में माहिर है और मैं तुम्हारे जरीए कुछ दिनों के लिए इस की शागिर्दी करना चाहती हूं.’’
निशा की इस इच्छा को जान कर सपना हैरान नजर आने लगी थी. ‘‘पर उस की शागिर्दी कर के तुम्हें हासिल क्या होगा?’’ आंखों में उलझन के भाव लिए सपना ने पूछा.
‘‘अजय के रोमांस करने के नुसखे सीख कर मैं उन्हें अपने पति पर आजमाऊंगी, यार.
उन्हें औफिस के काम के सिवा आजकल और कुछ नहीं सूझता है. उन के लिए कैरियर ही सबकुछ हो गया है. मेरी खुशी व इच्छाएं ज्यादा माने नहीं रखतीं. उन के अंदर बदलाव लाना मेरे मन की सुखशांति के लिए जरूरी हो गया
है, यार.’’ अपनी सहेली की खुशी की खातिर सपना ने अजय के साथ रोमांस करने का नाटक चालू रखा. सपना को अपने प्रेमजाल में फंसाने को वह जो कुछ भी करने की इच्छा प्रकट करता, निशा उसी तरकीब को रवि पर आजमाती.
पिछले दिनों निशा ने रवि को खुश करने के लिए जो भी काम किए थे, वे सब अजय की ऐसी ही इच्छाओं पर आधारित थे. उस ने कुछ महत्त्वपूर्ण सबक भविष्य के लिए भी सीखे थे. ‘विवाहित जीवन में ताजगी, उत्साह
और नवीनता बनाए रखने के लिए पतिपत्नी दोनों को एकदूसरे का दिल जीतने के प्रयास
2 प्रेमियों की तरह ही करते रहना चाहिए,’ इस सबक को उस ने हमेशा के लिए अपनी गांठ में बांध लिया. ‘अपने इस मजनू को अब हरी झंडी दिखा दो,’ सपना को कल सुबह यह संदेशा देने की बात सोच कर निशा पहले मुसकराई और फिर सो रहे रवि के होंठों को हलके से चूम कर उस ने खुशी से आंखें मूंद लीं.
आजकल हर न्यूजपेपर, टीवी चैनल, इंटरनैट, मैगजीन आदि में वजन कम करने की तमाम तरह की दवाओं के विज्ञापन छपते हैं. उन के साथ ही इन्हें इस्तेमाल करने वालों के अनुभव भी बताए जाते हैं और दवा लेने के पहले के और बाद के फोटो भी दिखाए जाते हैं. मनी बैक जैसे औफर भी दिए जाते हैं. इन विज्ञापनों को देख कर लोग जल्द से जल्द वजन घटाने के लिए इन दवाओं का सेवन शुरू कर देते हैं. परंतु ये दवाएं उन के शरीर को फायदा कम नुकसान ज्यादा पहुंचाती हैं. आइए, जानते हैं कैसे:
स्थायी समाधान नहीं
क्लीनिकल डाइटीशियन के अनुसार, वजन कम करने वाली कुछ दवाओं से शरीर का ‘बेसल मैटाबौलिक रेट’ बढ़ा कर वजन कम हो जाता है. लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं होता, क्योंकि जैसे ही दवा का सेवन बंद करते हैं वजन फिर से बढ़ जाता है.
दरअसल, खाना खाने से हमारे शरीर को ऐनर्जी मिलती है. ऐसे में अगर कोई दवा हमारे खाने को शरीर में जज्ब होने से रोकती है, तो वह हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है. वजन कम करने वाली सभी दवाएं यही काम करती हैं. कई बार तो इन का असर उलटा भी हो जाता है. इसलिए वजन घटाने के लिए इन दवाओं का सेवन कभी नहीं करना चाहिए.
सुरक्षित नहीं
वजन कम करने की चाहत में लोग इन दवाओं का सेवन करते हैं, लेकिन सिर्फ गोलियां खा कर वजन कम नहीं हो सकता है. ये एक सीमा तक ही काम करती हैं. इन के साइड इफैक्ट्सके कारण वीकनैस, गुस्सा आना, लो ब्लडप्रैशर, केशों का झड़ना, ज्यादा भूख लगना, डिप्रैशन जैसी समस्याएं पैदा होने लगती हैं.
आजकल वजन कम करने वाली ऐलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक सभी किस्म की दवाएं मार्केट में उपलब्ध हैं. लेकिन सच यह है कि तमाम दावों के बावजूद ज्यादातर दवाएं सुरक्षित नहीं हैं.
कैसे बनाएं सुडौल काया
सही डाइट व जीवनशैली में सुधार के साथसाथ कुछ अन्य उपाय भी हैं, जिन्हें अपना कर आप अपनी फिगर को सुडौल बना सकती हैं. इस में दोराय नहीं कि स्लिमट्रिम होने के लिए जितनी मेहनत करनी पड़ती है, उतनी ही कीमत भी चुकानी पड़ती है. बाजार में ऐसे भी कई उत्पाद उपलब्ध हैं, जिन का इस्तेमाल सरल है व सुडौल काया पाने में असरकारक भी. उन में से एक है स्लिमिंग औयल. यह अगर किसी ब्रैंडेड कंपनी का हो और प्राकृतिक तत्त्वों से बना हो तो इस के नियमित इस्तेमाल से सैल्युलाइट घटता है और त्वचा में कसाव बढ़़ता है. फलस्वरूप शरीर स्वस्थ व सुडौल बनता है. मगर इस्तेमाल से पहले जरूरी है कि यह तसल्ली कर लें कि आप की त्वचा पर इस का कोई साइड इफैक्ट तो नहीं होगा.
सुधारें लाइफस्टाइल
जिस प्रकार कार चलाने के लिए पैट्रोल या डीजल के अलावा कोई और लिक्विड यूज नहीं कर सकते, उसी प्रकार आप खाना खाने के बजाय कुछ स्नैक्स या ड्रिंक्स लेंगे तो उन से शरीर को चलाने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल सकती. सही समय पर सही मात्रा में हैल्दी फूड लेने से ही शरीर से काम लिया जा सकता है. इसलिए कभी खाने को नजरअंदाज न करें. अगर आप अपना वजन घटाना चाहती हैं, तो प्रौपर डाइट लेने के साथसाथ ऐक्सरसाइज भी जरूर करें.
इश्क सुभान अल्लाह फेम अभिनेता अदनान खान दुबई से है,बचपन से ही उन्हें फिल्म देखने का शौक था. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने थोड़े समय के लिए जॉब किया,लेकिन उन्हें ये काम पसंद नही आया और वे अभिनय और डायरेक्शन की ओर मुड़े. शुरुआत में उन्होंने दुबई में शूट कर शॉर्ट फिल्म ’बबल’बनाई, जो इंटरनेशनली फेमस हुई और कई अवॉर्ड्स भी जीती.
इसके बाद उन्होंने मुंबई आने का प्लान बनाया और एक्टिंग में जाने का मन बनाया,इसके लिए उन्होंने अनुपम खेर की एक्टिंग क्लास में दाखिला लिया और कई नाटकों में काम किया, इससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिली.
अभी सोनी टीवी पर उनकी शो कथा अनकही आ रही है, जिसमें उन्होंने वियान की मुख्य भूमिका निभा रहे है. किसी सही शो को चुनना अदनान के लिए आसान नहीं होता,ऐसे में अदनान अपनी भूमिका में कुछ खास बातों को देखते है, वे कहते है कि किसी भूमिका के बारे में मैं अधिक नही सोचता. केवल पिछले शो की भूमिका से अलग चुनने की कोशिश करता हूं. मैं अधिक डार्क या शेकी भूमिका में काम नहीं करना चाहता,जिससे मैं रीलेट न कर सकूं.
चरित्र ने बदला मुझे
इस शो में वियान का चरित्र बहुत सुंदर है, इसमें बचपन से ही वियान की सोच को काफी अलग दिखाया गया है
इसके आगे अदनान कहते है कि वियान का चरित्र बहुत ही आकर्षक और चुनौतीपूर्ण है, इसमें एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका है, जिसके जीवन में बहुत सारी चीज़ें घटती है,लेकिन वह उसे प्रकट नही करता. जब उसके जीवन में एक ऐसे चरित्र का प्रवेश होता है,जिससे उसकी दुनिया बदल जाती है. इस किरदार से मैं खुद को रीलेट कर पाता हूं, क्योंकि मैंने अपने जीवन में ऐसी कई लड़कियों से मिला,जो पैसे को प्यार से अधिक महत्व देती है और उन्हें किसी के जीवन से बीच रास्ते में निकल जाने में समय नहीं लगता. इस चरित्र को करने के बाद से मुझमें अंतर आया है और अब ऐसे कई उदाहरण , मेरे पास है, जिसमें मैंने महिलाओं की कामयाबी और सफ़लता को दिल से माना है. मैं उन सभी को सम्मान भी देता हूं,जिसमें मेरी मां का स्थान सबसे ऊपर है.
मिली प्रेरणा
एक्टिंग का शौक बचपन से अदनान को रहा, उन्हें फिल्में देखने का भी बहुत शौक था. अभिनय की प्रेरणा के बारे में पूछने पर वे कहते है कि मैं दुबई का हूं और बचपन से मुझे कहानियां, कविताएं और कोट्स लिखने का बहुत शौक था. दुबई में एक्टर्स कम होते है, वहां एक्टिंग में जाने की कोई कल्चर नहीं है. मैंने एक एक्टर विल्समिथ की अंग्रेज़ी फिल्म ’सेवन पाउंड्स’ देखा और इस फिल्म ने मेरी जिंदगी बदल दी. उस फिल्म की एक्टिंग मेरे अंदर बस गई.
मिला परिवार का सहयोग
अभिनय में आने के लिए अदनान को न तो किसी ने मना किया और न ही वाहवाही की. उनका कहना है कि सभी ने दिल से कोशिश करने की सलाह दी. मेरी मां को फिल्मों से कोई लगाव नहीं है, लेकिन उन्होंने भी रोका नहीं.
रहा संघर्ष
मुंबई आने के बाद अदनान को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे किसी को जानते नही थे, उनके जो दो तीन लोग जानने वाले थे, वे भी हेल्प नही कर पाए. ऐसे में उन्होंने अनुपम खेर की एक्टिंग क्लास में दाखिला लिया और वहां उन्हें कई दोस्त मिले, जो एक्टिंग सीखने आए नए छात्र थे. इसलिए सभी मिलकर सुबह अंधेरी वेस्ट में स्थित ऑडिशन स्टूडियो से निकलते हुए अच्छे कलाकारों को देखकर वहां पहुंचते और दरवाजा खटखटाकर ऑडिशन देते थे,ऐसे करीब एक साल तक चलता रहा. अदनान कहते हैं कि इसे मैं संघर्ष नही मानता,क्योंकि हर काम को खोजना पड़ता है और उसमें कही हां तो कहीं ना का सामना करना पड़ता हैं. यह एक खोज थी. एक्टिंग कोर्स खत्म करने के बाद मुझे एक बड़ी प्रॉडक्शन हाउस में ऑडिशन का ऑफ़र मिला था,लेकिन मैं वहा नही गया,क्योंकि मैं बहुत नर्वस था.
मिला ब्रेक
अदनान आगे कहते है कि मुझे पहला ब्रेक शो ’अर्जुन’से मिला.दो मिनट का ही रोल था, लेकिन मेरे काम को सभी ने पसंद किया,ऐसे मैंने कई सारे छोटी छोटी भूमिकाएं निभाई और आगे बढ़ता गया.जिंदगी बदलने वाली शो ’इश्क सुभान अल्लाह’ थी, जिससे मैं घर घर पहचाना जाने लगा. इसमें मेरी भूमिका भी अच्छी थी.
इसके आगे वे कहते है कि एक्टिंग फ़ील्ड में ग्लैमर अवश्य है, लेकिन एक्टिंग से जो प्यार करते है,वहीं व्यक्ति इस फ़ील्ड में काम कर सकते हैं. रिजेक्शन सभी को सहना पड़ता है,लेकिन मायूस होने के बजाय खुद के क्राफ्ट पर अच्छी तरीके से काम कर आगे बढ़ना पड़ता है. इसके अलावा अपने कॉन्फिडेंस को बनाएं रखें.इस क्षेत्र में सबका स्वागत है. रिजेक्शन होने पर मैं स्वीकार कर लेता हूं, उस बारे में अधिक नही सोचता, खराब लगता है, लेकिन जल्दी काम पर लौटने के बारे में सोचता हूं.
ड्रीम है क्या?
अदनान के पास 10से 12 आइडियाज है, जिन्हें वे शॉर्ट फिल्म में ढालना चाहते है. ये सभी आयडियाज आम जीवन से प्रेरित है. वे इन आइडियाज को शॉर्ट फिल्म में परिवर्तित कर दर्शकों तक पहुंचाना चाहते है. सुपर पॉवर मिलने पर मैं टाइम लाइन में जाकर सालो जिंदा रहना चाहता हूं और पुराने समय में लोग कैसे रहते थे,उसे देखना चाहता हूं. इतिहास उन्होंने लिखी है,जो जीतते आए हैं,हारने वालों ने नही. इसलिए उसका अध्ययन करना मुझे पसंद है.नए साल को में नए रूप में स्वागत करना चाहता हूं, जिसमें खुशियां हो, गम का प्रवेश न हो,किसी से मनमुटाव न हो.
एक दिन लेकिन हद ही हो गई. उस दिन अम्बा मां के घर से लौटी ही थी, कि रात के आठ बजे तक टेबल पर डिनर सर्व ना होने की फ़िजूल सी बात पर निनाद उस पर गुस्से से फट पड़ा और उस दिन निनाद का बेवजह गुस्से से चीखना चिल्लाना सुन अम्बा का धैर्य जवाब दे गया. वह उल्टे पैरों वापस मां के घर चली आई. बहुत सोच विचार कर मां के यहां एक माह रहने के बाद उसने निनाद को फोन करके कहा “निनाद, अब मैं यहां माँ के साथ ही रहूँगी. तुम्हारे घर नहीं लौटूंगी. मुझे तुमसे तलाक चाहिए.’’
अम्बा की यह बात सुनकर निनाद अतीव क्रोध से बिफर उठा. अम्बा की तलाक की मांग उसे अपने पौरुष पर प्रहार लगी. सो गुस्से से भड़कते हुए वह चिल्लाया, “शौक से रहो माँ के साथ.मैं भी तुम्हारे बिना मरा नहीं जा रहा. जब चाहोगी तलाक मिल जाएगा.’’
मन ही मन समझता था कि वह पत्नी के साथ ज्यादती कर रहा है लेकिन अपने पुरुषोचित, अड़ियल और अहंवादी स्वाभाव से मजबूर था.
अम्बा तलाक की कार्यवाही शुरू करने के लिए एक अच्छे वकील की तलाश में जुट गई थी. अम्बा को माँ के यहां आए तीन माह हो चले थे.तभी अम्बा को एक अच्छी महिला वकील मिल गई थी और वह उससे मिलने ही वाली थी कि तभी उन्हीं दिनों लंदन में एक कॉन्फ्रेंस में दोनों को जाना पड़ा. कॉन्फ्रेंस अटेंड कर एक ही फ़्लाइट से वे दोनों अपने देश लौटे ही थे कि लंदन में कोरोना के प्रकोप के चलते अपने शहर के एयरपोर्ट पर निनाद को हल्का बुखार निकला. फिर हौस्पिटल में दोनों का कोरोना का टेस्ट हुआ और उसमें दोनों कोरोना पॉजिटिव निकले
कि तभी निनाद की पुकार से उसकी तंद्रा टूटी और वह वर्तमान में वापस आई और दौड़ी-दौड़ी निनाद के पास गई.
निनाद आंखें बंद कर लेटा हुआ था.”अम्बा, मेरे पास बैठो. मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा.”
” कैसा लग रहा है निनाद?”
” बहुत कमजोरी लग रही है और घबराहट हो रही है.”
“अरे घबराने की क्या बात है? चलो मैं तुम्हारे लिए गर्मागर्म टमेटो सूप बनाकर लाती हूं.सूप पीकर तुम बेहतर फ़ील करोगे,” यह कहकर अम्बा रसोई में जाकर दस मिनट में सूप बनाकर ले आई.
” अम्बा, हम दोनों ठीक तो हो जाएंगे ना?”
” हां हां बिल्कुल ठीक हो जाएंगे. डाक्टर ने कहा था न, हम दोनों के ही सिमटम्स बहुत माइल्ड हैं. डरने की कोई बात नहीं है. तुम सोने की कोशिश करो. सो लोगे तो बेहतर फील करोगे.”
” तुम भी जा कर आराम करो. तुम्हें भी तो थकान हो रही होगी.”
” नहीं नहीं, मेरा इंफेक्शन शायद कुछ ज्यादा ही माइल्ड है. मुझे कुछ गड़बड़ फील नहीं हो रहा. तुम सो जाओ.”
तभी निनाद ने अपना हाथ बढ़ाकर अम्बा का हाथ थाम उसे जकड़ लिया और उसे खींच कर अपने पास बिठाते हुए उससे बेहद मीठे स्वरों में बोला, “मुझसे नाराज़ हो? मैं अपनी पिछली गलतियों को लेकर बेहद शर्मिंदा हूं. मेरे पास बैठो. तुम मुझसे दूर चली जाती हो तो मुझे लगता है, मेरी जिंदगी मुझसे दूर चली गई. वापिस आजाओ अम्बा मेरी ज़िंदगी में. तुम्हारे बिना मैं बहुत अकेला हो गया हूँ.“ यह कह कर उसने उसकी हथेली को चूम उसके हाथों को अपनी गिरफ़्त में जकड़ लिया.”
महीनों बाद पति के स्नेहिल स्पर्श और स्वरों से अम्बा एक अबूझ मृदु ऐहसास से भर उठी लेकिन दूसरे ही क्षण वह असमंजस से भर उठी. तीन वर्षों तक उसका दुर्व्यव्हार सह कर क्या अब उसे एक बार फिर उसके करीब आना चाहिए?
पति के हाथों को जकड़े जकड़े अम्बा सोच रही थी, “काश, तुम पहले भी ऐसे ही रहते तो जिंदगी कितनी खुशनुमा होती.”
अगली सुबह निनाद जब उठा तो उसके सर में तेज दर्द था. अम्बा ने निनाद के फैमिली डॉक्टर को निनाद के चेकअप के लिए बुलाया. वह आए और निनाद की हालत देख अम्बा से बोले, “चिंता की कोई बात नहीं है. अभी भी इनके सिम्टम्स माइल्ड ही हैं. हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं है. बस इन पर पूरे वक्त वॉच रखिए और तबीयत बिगड़े तो मुझे इन्फॉर्म करिए. आपको भी कोरोना का इंफेक्शन है. बेहतर होगा यदि आप एक नर्स रख लें.”
“नहीं-नहीं डॉक्टर, मैं बिल्कुल ठीक हूं. ना मुझे कोई कमजोरी लग रही न ही कहीं दर्द है. आप निश्चिंत रहिए मैं इन पर पूरे वक्त वॉच रखूंगी.”
डाक्टर के जाने के बाद निनाद ने अम्बा से कहा, “तुम इतना लोड लोगी तो तुम भी बीमार पड़ जाओगी. प्लीज कोई नर्स रख लो.”
“हां, इस बारे में सोचती हूं. तुम अभी सो जाओ.’’
निनाद को चादर उढ़ा वह दूसरे बेडरूम में अपने पलंग पर लेट गई. पिछले दिन से अम्बा गंभीर सोचविचार में मग्न थी. निनाद को लेकर वह कुछ फैसला नहीं कर पा रही थी. निनाद के रवैये से स्पष्ट था, वह अब समझौते के मूड में था, लेकिन क्या वह पिछले तीन वर्षों तक उसके दिये घावों को भुला कर उसकी इच्छानुसार उसके साथ एक बार फिर जिंदगी की नई शुरुआत कर पाएगी.वह घोर द्विविधा में थी. निनाद के बंधन को काट फेंके या फिर गुजरे दिनों को भुला कर एक नया आगाज़ करे? एक ओर उसका मन कहता, इंसान की फितरत कभी नहीं बदलती. उसने उसके साथ एक नई शुरुआत कर भी ली तो क्या गारंटी है कि वह उसे दोबारा तंग नहीं करेगा? तभी दूसरी ओर वह सोचती, जब निनाद ने अपनी गलती मान ली है तो एक मौका तो उसे देना ही चाहिए.अनायास उसके कानों में माँ के धीर गंभीर शब्द गूंज उठे, “रिश्तों की खूबसूरती उन्हें बनाए रखने में होती है, ना की उन्हें तोड़ने में.“
जिंदगी के इस मोड पर वह स्पष्टता से कुछ सोच नहीं पा रही थी, कि क्या करे.
बीमारी के इस दौर में निनाद एक दम बदला बदला नज़र आ रहा था. वह बेहद डर गया था. वह एक बेहद डरपोक किस्म का, कमज़ोर दिल का इंसान था.उसे लगता वह कोरोना से मर जाएगा. ठीक नहीं होगा. वह बेहद कमज़ोरी फील कर रहा था. अम्बा को यूं दिन रात अपनी देखभाल करते देख मन ही मन उसने न जाने कितनी बार अपने आप से दोहराया, “इस बार बस मैं ठीक हो जाऊं, अम्बा को बिल्कुल तंग नहीं करूंगा. उसे पूरा प्यार और मान दूंगा. अब उसपर बिलकुल नहीं चिल्लाऊंगा.” अम्बा को इस तरह समर्पित भाव से अपनी सेवा करते देख वह गुजरे दिनों में उसके प्रति अपने दुर्व्यवहार को लेकर घोर पछतावे से भर उठा. साथ ही कोरोना से मौत के खौफ ने उसे बहुत हद तक बदल दिया था.
उस दिन रात का एक बज रहा था. निनाद की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. उसके हाथ पैरों में बहुत दर्द हो रहा था. वह बार-बार दर्द से हाथ पैर पटक रहा था. अम्बा उसके हाथ पैर दबा रही थी. अम्बा के हाथ पैर दबाने से उसे बेहद आराम लगा था और भोर होते होते वह गहरी नींद में सो गया था. इतनी देर तक उसके हाथ पैर दबाते दबाते अम्बा भी थकान से बेदम हो गई थी लेकिन मन में कहीं अबूझ सुकून का भाव था. वह कोरोना की वज़ह से निनाद में आए परिवर्तन को भांप रही थी. निनाद अब बेहद बदल गया था. उसकी आंखों में अपने लिए प्यार का समुंदर उमड़ते देख वह मानो भीतर तक भीग उठती लेकिन दूसरे की क्षण पुराने दिनों की याद कर भयभीत हो उठती.
अगली सुबह अम्बा ने डाक्टर को बुलवाया. उन्होंने निनाद के लिए कुछ दवाइयाँ लिख दीं. उन दवाइयों से निनाद की तबीयत धीमे धीमे सुधरने लगी थी. दस दिनों में वह बिस्तर से उठ बैठा था.
एक्ट्रेस हंसिका मोटवानी और सुहेल खुतरिया के साथ शादी के बंधन में बंध चुकी है, जी हां 4 दिसंबर को दोनों ने शादी की है. जिसकी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.
आपको बता दें, कि शादी के दिन हंसिका मोटवानी बेहद ही खूबसूरत लग रही थी, शादी का लहंगा उनपर बेहद ही खूबसूरत लग रहा था. शादी में उन्होंने लाल रंग का लेहंगा कैरी किया. जिसके साथ उन्होंने ट्रैडिशनल ज्वैलरी और बैंगल्स कैरी किए.वही सुहेल ने खास दिन पर शेरवानी कैरी की है.
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बता दें, कि कपल ने जयपुर के मुंडोता फोर्ट में अपनी शादी रचाई.शादी पूरे रसमो-रिवाज के साथ हुई. सुहेल और हंसिका की ये वेडिंग फोटोज वायरल हो रही हैं. मिडिल पार्टेड हेयर और ग्लोइंग मेकअप ने हंसिका के लुक में चार चांद लगा दिए.
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जयपुर में हंसिका और सुहेल के शादी के फंक्शंस 2 दिसंबर से शुरू हो गए थे. ये कपल टॉक ऑफ द टाउन बना हुआ था. सुहेल और हंसिका की ड्रीमी वेडिंग की तरह उनका मैरिज प्रपोजल भी कम शानदार नहीं था. बता दे, कि सुहेल ने एक्ट्रेस को एफिल टावर के सामने प्रपोज किया था. कपल एक दूसरे के बिजनेस पार्टनर भा है, वही शादी की स्टेज पर कपल ने kiss भी किया. सुहेल ने हंसिका को उनके माथे पर किस कर शादी की बधाई दी.
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विवादित शो बिग बॉस16 दिन पर दिन टीआरपी की लिस्ट में टॉप चल रहा है, हर दिन शो में नए टास्क और नोंक-झोंक शो को हिट बना रहे है. कुछ की दोस्ती बिगड़ती नज़र आ रही है तो कुछ नए दोस्त बनते दिख रहे है.
रिएलटी शो बिग बॉस16 में एक फिर नई तकरार नज़र आई है इस समय घर पर निमृत कौर का राज है वो शो में रानी बनी हुई है. उन्हो बीते हफ्ते कप्तान बनाया गया था. उस दौरान कैप्टंसी के चलते टीना दत्ता और निमृत कौर आपस में लड़ते नज़र आए थे. हालांकि, शिव ठाकरे नें निमृत कौर का नाम लेकर उन्हें कप्तान बना दिया था. इस हफ्ते फिर से सत्ता बदलने वाली है. कैप्टन बनने की रेस में सबसे आगे शालीन भनोट, प्रियंका चाहर, अंकित गुप्ता और सुंबुल तौकीर खान नज़र आ रहे है. इस बीच बिग बॉस का एक नया प्रोमो वीडियो सामने आया है.
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आपको बता दें, कि कलर्स टीवी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक नया प्रोमो वीडियो अपलोड़ किया है. को, जिसमें शालीन भनोट, प्रियंका चाहर, अंकित गुप्ता और सुंबुल तौकीर खान कैप्टेंसी टास्क परफॉर्म करते नजर आ रहे हैं. क्लिप में देख सकते हैं कि सुंबुल तौकीर किस तरह प्रियंका से लड़ रही है. टीवी की इमली का ये बदला अंदाज फैंस को खूब पसंद आ रहा है. इस प्रोमो को देखने के बाद फैंस बिग बॉस के अपकमिंग एपिसोड का इंतजार कर रहे हैं.
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