जानें क्या है Drashti Dhami की फिटनेस का राज, पढ़ें इंटरव्यू

दृष्टि धामी इंडियन मौडल होने के साथसाथ चर्चित ऐक्ट्रैस भी हैं. उन्होंने टैलीविजन चैनल स्टार वन के सीरियल ‘दिल मिल गए में’ डाक्टर मुसकान का किरदार निभा कर ऐक्टिंग के अपने कैरियर की शुरुआत की थी. लेकिन उन के ऐक्टिंग के कैरियर को रफ्तार मिली ‘गीत हुई सब से पराई’ में गीत का किरदार निभाने के बाद. इस से वे आम जन के बीच पौपुलर होती गईं.

उन्होंने कोरियोग्राफर सलमान यूसुफ खान के साथ डांस रिएलिटी शो ‘झलक दिखला जा सीजन-6’ भी जीता था. उन्हें 2012 में सैक्सिएस्ट एशियन वूमन की भी लिस्ट में शामिल किया जा चुका है. वे इस कदर लोगों के बीच चर्चित हो गई हैं कि आज उन्हें इंस्टाग्राम पर 2 मिलियन के करीब लोग फौलो कर रहे हैं, जो बड़ी कामयाबी है.

पेश हैं, उन से हुए सवालजवाब:

आप को ऐक्टिंग के क्षेत्र में आने की प्रेरणा कहां से मिली?

मैं ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं ऐक्टिंग के क्षेत्र में आऊंगी और मु?ो इतनी कामयाबी मिलेगी. मेरे लिए यह पूरी तरह से अनप्लानड था. अगर इसे मैं सुयोग कहूं तो गलत नहीं होगा क्योंकि जिस दिन मेरा सलैक्शन हुआ उस दिन मैं अपनी फ्रैंड के औडिशन के लिए उसे कंपनी देने गई थी.

लेकिन वहां मेरा ही एक ऐड के लिए सलैक्शन हो गया. असल में यहीं से मेरे कैरियर की शुरुआत हुई थी. तब मैं ने अभिनय में आने के बारे में जरा भी नहीं सोचा था. लेकिन आज अगर कोई मुझ से पूछे तो मेरे लिए ऐक्टिंग से बढ़ कर कोई और प्रोफैशन नहीं क्योंकि मैं खुद को इस प्रोफैशन में जितना फिट पाती हूं, उतना किसी और प्रोफैशन में नहीं.

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वर्ल्ड सैक्सिएस्ट एशियन वूमन का खिताब पाने के पीछे की मेहनत और अब आप खुद को किन सैलिब्रिटीज के बराबर आंकती हैं?

सच कहूं तो मैं ने इसे कभी संघर्ष या प्रतियोगिता के रूप में देखा ही नहीं. बस मैं खुद को अंदर व बाहर से फिट रखना चाहती हूं और इस के लिए जो भी अपने तरीके से करना होता है, उसे करा भी और आगे भी कर रही हूं. सही समय पर सही खाना व क्वांटिटी का खास ध्यान रखा. ठीक उसी तरह कि कब, कहां, किस बात का क्या जवाब देना है.

मैं खुद के व अपने खानपान के साथ कभी कोई समझता करना पसंद नहीं करती हूं और शायद यही कारण रहा होगा वर्ल्ड सैक्सिएस्ट एशियन वूमन का खिताब पाने के पीछे. और रही बात दूसरी सैलिब्रिटीज के बराबर खुद को आंकने की, तो बता दूं कि हर किसी में कुछ यूनीक क्वालिटीज होती हैं, इसलिए किसी से खुद को आगे बताना या बराबरी करना ठीक नहीं.

फिटनैस कितनी जरूरी है?

जब आप अंदर से फिट होंगे, तभी आप बाहर से भी फिट नजर आएंगे क्योंकि जब बौडी अंदर से डिटौक्स हो कर फिट होती है, तभी उस की झलक आप की स्किन के ग्लो, स्किन प्रौब्लम्स का न के बराबर होना के रूप में दिखती है और साथ ही फिट यानी सैक्सी फिगर भी मिलती है. इस के लिए आप को क्लीन डाइट और ड्रिंक क्लीन के सिद्धांत को अपनाने की जरूरत होती है खास कर आज के माहौल में, जब हर किसी में कोरोना वायरस का खौफ है.

ऐसे में अगर इस बीमारी से बचना है तो इम्यूनिटी को बूस्ट करना बहुत जरूरी है और इस के लिए  हैल्दी ईटिंग हैबिट्स, वर्कआउट को अपने डेली रूटीन में जरूर शामिल करें. मैं रोजाना टेटली विटामिन सी युक्त ग्रीन टी का सेवन करती हूं क्योंकि इस में ऐप्पल से 5 गुना ज्यादा ऐंटीऔक्सीडैंट्स होते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथसाथ आप को यंग बनाए रखने का भी काम करते हैं. जब तक आप अंदर से फिट नहीं होंगे तब तक बाहर से हिट नहीं हो सकते.

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‘झलक दिखला जा सीजन-6’ की विनर, कामयाबी पर कामयाबी, खुद को अब कहां देखती हैं और आगे क्या धमाल करने की सोच रही हैं?

यह सच है कि जब किसी भी इंसान को कामयाबी मिलती है तो उस के पैर जमीन पर नहीं टिकते हैं. मेरे लिए भी सीजन-6 का विनर होना किसी सपने से कम नहीं था क्योंकि इस से मेरा कौन्फिडैंस बढ़ने के साथसाथ मैं लोगों के बीच काफी पौपुलर होती जा रही थी.

लेकिन मैं ने कभी भी कामयाबी का जनून अपने सिर पर नहीं चढ़ने दिया, बल्कि हमेशा और आगे बढ़ने के लिए मेहनत करती रही और आगे भी करती रहूंगी. अभी मैं वैब सीरीज ‘द एंपायर’ को ऐंजौय कर रही हूं.

मेरा वजन 70 किलो है, मुझे अपनी फिगर को बरकरार रखने के लिए क्या करना चाहिए?

सवाल-

मैं 30 वर्षीया महिला हूं. मेरा वजन 70 किलो है और लंबाई 5.1 फुट है. मुझे अपनी फिगर को बरकरार रखने के लिए क्या करना चाहिए?

जवाब-

आपने सही समय रहते अपने फिगर को बरकरार रखने के विषय में सोचा है. खाने पर थोड़ा कंट्रोल कीजिए और सुबह पार्क में जा कर टहलिए व एक्सरसाइज कीजिए. दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीजिए. हो सके तो हिलतेडुलते रहने वाले कार्य कीजिए, एक ही जगह पर बैठने वाले नहीं. इस तरह आप अपने वजन को बरकरार रख पाएंगी. यह भी हो सकता है कि आप की फिगर पहले से और बेहतर हो जाए.

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फिटनेस दिवा के नाम से मशहूर एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी कुंद्रा एक्ट्रेस के अलावा व्यवसायी, निर्माता, मौडल, ब्रिटिश रियलिटी टीवी शो ‘बिग ब्रदर 5’ की विजेता और एक सफल मां भी है. उन्होंने अपने जीवन को बहुत ही संजीदगी से जिया है, इसलिए जब भी मिलती है खुश दिखती है. उन्हें फिट और हेल्दी रहना पसंद है और जिसके लिए वह हमेशा तत्पर रहती हैं. बी नैचुरल की ब्रांड एम्बेसेडर शिल्पा शेट्टी से पेश है बातचीत कुछ अंश…

किसी भी ब्रांड से जुड़ते वक़्त आप किस बात का खास ध्यान रखती है?

मैं उस ब्रांड की बारीकी से जांच करती हूं, उनका दावा कितना सही है इसे परखती हूं. इसके अलवा अगर वह खाने-पीने की उत्पाद है तो उसे परिवार में परिचय करवा सकती हूं या नहीं इसे भी देखती हूं, क्योंकि मेरी ये जिम्मेदारी है कि मैं सही प्रोडक्ट को लोगों तक पहुंचाऊ.

नेचुरल रहना किसी व्यक्ति के लिए कितना मुश्किल होता है?

वह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे लेते है. मैं हमेशा रियल रहना पसंद करती हूं. उसमें एक सादगी रहती है और मैंने वैसे ही अपनी जिंदगी जी है. इसमें कुछ याद नहीं रखना पड़ता कि कब मैंने क्या कहा था. बनावटी होने पर कई बार अपनी पिछली बातों को भूल जाते है, जो आपके किसी भी रिश्ते के लिए खतरा होता है. हमेशा सच्चाई के पथ पर रहना अच्छा होता है, क्योंकि सच्चाई ही आगे तक जाती है.

गर्मियों में डिहाइड्रेशन की समस्या आम होती है, आप इसका ध्यान कैसे रखती है?

मैं कोशिश करती हूं कि गरमी में तरल पदार्थ अधिक लूं. मैं जूस पीती हूं, पर उसे लेने से पहले उसमें थोड़ा पानी भी मिला लेती हूं. इससे उसका शुगर लेवल थोड़ा कम हो जाता है. इसके अलावा मैंने पहली बार एक सेलेब्रिटी एप लौंच किया है जो फिटनेस और वेलनेस के बारें में बताती है इसमें मैंने कोशिश की है कि अधिक से अधिक महिलाएं और पुरुष फिट और स्वस्थ रह सकें. फिटनेस से अधिक जरुरी है वेलनेस. जब आप स्वस्थ रहते है तो अच्छा सोच सकते है इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य भी सही रहता है.

पूरी खबर के लिए यह पढ़ें- वेलनेस से जुड़ी है फिटनेस-शिल्पा शेट्टी कुंद्रा

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मैं वजन कम करना चाहता हूं, इसके लिए मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल-

मुझे अस्थमा की शिकायत है तथा मेरा वजन 90 किलोग्राम है. मैं वजन कम करना चाहता हूं. इस के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब- 

आप रोज जिम जा कर ऐक्सरसाइज करें. सही तरीके से ऐक्सरसाइज करने से आप के अस्थमा के लक्षणों में कमी आ सकती है. व्यायाम से लंग्स कपैसिटी बढ़ाने में सहायता मिलेगी तथा फेफड़ों की सूजन भी कम होगी. इस से आप के फेफड़े अच्छा काम करेंगे और आप का इम्यून सिस्टम बूस्ट होगा. इस से आप को सर्दीजुकाम कम होगा. ऐक्सरसाइज से वजन कम होता है जिस से अस्थमा अटैक के चांस कम होते हैं.

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अस्थमा की बीमारी एक सामान्य और लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है. वेस्ट इंडिया के लोगों में ये बीमारी हर 10 में से एक व्यक्ति को प्रभावित करती है. एक शोध से पता चला है कि अस्थमा मोटे लोगों को ज्यादा होता है. यदि ठीक से व्यायाम किया जाए और रोज के खाने में प्रोटीन, फलों और सब्जियों का सेवन किया जाए तो अस्थमा के रोगियों की हालत में सुधार लाया जा सकता है.

अस्‍थमा या दमा फेफड़ो को प्रभावित करती है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ो तक सही मात्रा में आक्सीजन नहीं पंहुच पाता और सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है. आस्थमा अटैक कभी भी कहीं भी हो सकता है. आस्थमा अटैक तब होता है जब धूल के कण आक्सीजन ले जाने वाली नलियों को बंद कर देते हैं. आस्थमा के अटैक से बचने के लिए जितनी जल्‍दी हो सके दवाईयों या इन्‍हेलर का प्रयोग किया जाना चाहिए.

दमे के दौरान अपनाएं ये उपाय

दमे के मरीजों को चावल, तिल, शुगर और दही जैसे कफ या बलगम बनाने वाले पदार्थ, तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए. ताजे फलों का रस दमे को रोगी के लिए बेहद फायदेमंद है. उन्हें हरी सब्जियां और अंकुरित चने जैसे खाद्य पदार्थ भरपूर मात्रा में ले और भूख से कम ही खाना खाये. दिनभर में कम से कम दस गिलास पानी पीये. तेज मसाले, मिर्च अचार, अधिक चाय-काफी के सेवन से बचें. मरीज को रोजाना योगासन और प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए. रोगी को एनीमा देकर उसकी आंतों की सफाई करनी चाहिए.

वजन कम करने का बेहद आसान तरीका है वाटर वर्कआउट

अगर आप जिमिंग, जुंबा, जौगिंग, पाइलेरस, ऐरोबिक्स, ब्रिस्क वाकिंग आदि फिटनैस के तरीकों से उकता गई हैं, तो वाटर वर्कआउट अपनाएं यानी अब पूल को जिम पूल बनाएं. वैसे तो फिटनैस के सभी तौरतरीकों से बौडी टोनिंग जरूर होती है, पर कैलोरी बर्न करने और बीमारियों से दूर रहने के लिए वाटर वर्कआउट अधिक कारगर है. वाटर वर्कआउट कर के आप कई तरह की बीमारियों को भी दूर कर सकती हैं. इस से शरीर के सभी अंगों की बढ़िया कसरत हो जाती है.

क्या है वाटर वर्कआउट

पानी में ऐक्सरसाइज करना ही वाटर वर्कआउट या ऐक्वा वर्कआउट अथवा ऐरो वर्कआउट कहलाता है. पानी बहता नहीं, बल्कि रुका होना चाहिए. तालाब या स्विमिंग पूल में वाटर ऐक्सरसाइज करना बैस्ट रहता है. इन में पानी का स्तर 3 फुट से अधिक नहीं होना चाहिए. आप अपनी सुविधा के अनुसार पानी का स्तर तय कर सकती हैं यानी घुटनों तक, पैल्विक तक या चैस्ट तक. साथ ही पानी का तापमान 20 से 25 डिग्री सैल्सियस से अधिक नहीं हो.

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पानी में सब छूमंतर

ऐक्सरसाइज करने में मोटापा सब से बड़ी बाधा बनता है. ऐसे में वाटर वर्कआउट अपनाएं. विशेषज्ञों के अनुसार पानी में ऐक्सरसाइज करते समय शरीर का वजन केवल 10% रह जाता है. यही नहीं वाटर वर्कआउट कर के जोड़ों के दर्द, गठिया, मोटापा, मधुमेह आदि में राहत मिलती है. खुले में करने से हाथ या पैर गलत दिशा में जाने से चोट लगने की संभावना रहती है और साथ ही शरीर के भारीपन के कारण ऐक्सरसाइज प्रभावी तरीके से भी नहीं हो पाती है.

वाटर वर्कआउट मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. इस के अलावा पानी में व्यायाम करने से शरीर और मन दोनों को तनाव से राहत मिलती है. जब शरीर पानी में होता है तो वजन कम महसूस होता है. इसलिए शरीर पर व्यायाम का प्रभाव भी कम होता है, जो मांसपेशियों में तनाव या शारीरिक तनाव पैदा नहीं करता. पानी में कसरत करने से ताजगी और खुशी महसूस होती है. वाटर वर्कआउट वेट लौस करने और हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद रहता है.

जरूरी है देखरेख

यदि आप पहली बार वाटर वर्कआउट कर रही हैं, तो ट्रेनर की निगरानी में ही करें. 1 घंटे से अधिक पानी में न रहें अन्यथा त्वचा पर सनबर्न हो सकता है. इस से बचने के लिए वाटर वर्कआउट करने के 20 मिनट पहले शरीर पर सनस्क्रीन लगाएं. किसी भी तरह का वाटर वर्कआउट करने के बाद 10-15 मिनट आराम जरूर करें ताकि शरीर का तापमान सामान्य हो जाए.

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कैलोरी बर्नर

आप सेहतमंद तरीके से वजन कम करना चाहती हैं, तो वाटर वर्कआउट जरूर अपनाएं, क्योंकि पानी में ऐक्सरसाइज करने से मांसपेशियों में तनाव नहीं आता है. अगर आप दिन में 1 घंटा वाटर वर्कआउट करती हैं तो 300 से 600 कैलोरी बर्न कर सकती हैं. यानी वाटर वर्कआउट करने से शरीर की चरबी को खत्म करने के साथसाथ उसे सुरक्षित तरीके से शेप में भी ला सकती हैं.

फ्लैक्सिबिलिटी में विस्तार

फ्लैक्सिबिलिटी यानी लचीलापन. वाटर वर्कआउट से जुड़ी है फ्लैक्सिबिलिटी. पानी में  कसरत करने से अंदरूनी चोट नहीं लगती. साथ ही जोड़ अधिक लचीले बनते हैं. नतीजतन उन की सक्रियता में इजाफा होता है.

तनाव से छुटकारा

यदि आप बहुत तनाव में हैं, तो वाटर वर्कआउट करें. इस से आप तरोताजा महसूस करेंगी और तनाव से राहत मिलेगी. पानी में होने पर दिमाग ऐंडोर्फिंस हारमोन रिलीज होते हैं, जिस से तनाव कम होता है.

स्ट्रौंग होतीं मसल्स

जहां वाटर वर्कआउट से वजन कम होता है, वहीं तनाव से राहत मिलती है. मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है, कई रोगों का निदान होता है. इसे नियमित करने से मसल्स भी स्ट्रौंग होती हैं, साथ ही उन में लचीलापन भी बढ़ता है.

कंट्रोल में ब्लडप्रैशर

पानी में व्यायाम करने से शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है, जिस से ब्लडप्रैशर की समस्या नहीं होती. इस से हार्टबीट भी बेहतर रहती है.

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40 की उम्र के बाद खुद को ऐसे रखें फिट एंड फाइन

आमतौर पर देखा जाता है कि चालीस की उम्र के बाद से महिलाओं में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. 40 की उम्र ऐसा पड़ाव है, जब स्त्री के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. इस उम्र में मेनोपौज के बाद कुछ समस्याएं, जैसे चिड़चिड़ापन, थकान, वजन बढना, लगातार खाते रहने की चाहत आदि हो सकती हैं. हालांकि यह समस्या सभी स्त्रियों में एक समान नहीं होती.

कई महिलाओं को लगता है कि वह बिल्कुल स्वस्थ हैं पर वह वाकई में पूरी तरह से स्वस्थ हो यह जरूरी नहीं है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी हेल्थ को क्रौस चेक करें और डाक्टर से परामर्श लें. इसी के साथ ही रूटीन चेकअप कराती रहें और अपने खानपान और फिटनेस का भी विशेष खयाल रखें.

आइये जानें 40 की उम्र के बाद होने वाली समस्याओं और उनसे बचने के उपायों के बारें में-

ब्लड प्रेशर

इस उम्र में ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है. जब स्त्रियां अपने खानपान पर ध्यान नहीं देतीं तो बीपी बढऩे की पूरी संभावना होती है. यदि आपको लगे कि आपका ब्लड प्रेशर सामान्य है, तब भी नियमित रूप से इसकी जांच करानी चाहिए.

डाइट :

इस उम्र में ओमेगा-थ्री फैटी एसिड से युक्त आहार का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ हृदय की अनियमित गति को भी ठीक करने में मददगार है.

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फिटनेस :

एक शोध के अनुसार सिल्वर योग ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करता है. अगर आप किसी भी कारण योग नहीं कर पा रही हैं तो सुबह कम से कम 45 मिनट टहलें.  टहलते समय ध्यान रखें कि पहले 10 सामान्य गति से और अगले 20 मिनट तेज गति से चलें और फिर अपनी गति को मध्यम कर 10 मिनट तक चलें. रोजाना 40-45 मिनट ऐसा करें. अगर आप सुबह टहल नहीं पा रही हैं तो रात को डिनर के 30 मिनट बाद टहले.

कोलेस्ट्रौल

ब्लड प्रेशर के साथ-साथ स्त्रियों में कोलेस्ट्रौल की भी समस्या हो जाती है. इसलिए महिलाओं को हर पांच साल में कोलेस्ट्रौल की जांच जरूर करानी चाहिए. एक शोध में पाया गया है कि कभी-कभी एचडीएल या अच्छा कोलेस्ट्रौल भी टाइप-1 मधुमेह से पीडि़त महिलाओं के हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है.

डाइट :

उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ जैसे दलिया, जौ, गेहूं, फल और सब्जियों का सेवन करें. यह रक्त में कोलेस्ट्रौल कम करने में मदद करता है.

फिटनेस :

हफ्ते में पांच दिन 30 से 40 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज करें और अपने लिपिड प्रोफाइल को मौनिटर करें.

डायबिटीज

डायबिटीज अपने आप में एक गंभीर समस्या है. सही समय पर इसका पता न चलने पर हृदय रोग, किडनी व आंखों से संबंधित समस्याओं की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए स्त्रियों को साल में कम से कम एक बार डायबिटीज की जांच अवश्य करानी चाहिए.

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डाइट :

डायबिटीज में फाइबर डाइट शुगर लेवल को नियंत्रित करता है. इसलिए गेहूं, ब्राउन राइस या व्हीट ब्रेड आदि को अपनी डाइट में शामिल करें, साथ ही ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें. इसके अलावा उच्च प्रोटीन डाइट लें और खूब पानी पिएं.

फिटनेस :

व्यायाम करने से शरीर में रक्तसंचार सुचारु रूप से होता है. इससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है, मेटाबौलिज्म संतुलित रहता है और मधुमेह का खतरा कम होता है. वैसे मधुमेह के मरीजों को कई तरह के व्यायाम करने चाहिए. कभी योग करें, कभी कार्डियो और कभी वेट लिफ्टिंग. हमेशा एक तरह से एक्सरसाइज न करें.

Health और Beauty के लिए फायदेमंद है एलोवेरा जूस

अगर आप इस कोरोना वायरस जैसे महामारी से बचना चाहते हैं तो आपको अपना इम्यून सिस्टम मजबूत रखना होगा इसके लिए आपको एलोवेरा जूस का सेवन करना काफी फायदेमंद होगा एलोवेरा एक ऐसी औषधि है जो आसानी से घरों और बाजारों में मिल जाती है एलोवेरा एंटीऑक्सिडेंट्स , विटामिंस और मिनरल्स तत्वों के गुणों से भरपूर होती हैं.  इसके इस्तेमाल करने से आपके त्वचा बालों और पेट से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं.  एलोवेरा जूस तो आपके स्वास्थ्य और सुंदर के लिए रामबाण औषधि के रूप में होता है.  यदि Aloe vera जूस का सेवन नियमित रूप से सुबह खाली पेट किया जाए तो इसके कई सारे फायदे होते हैं तो आइए इन फायदों के बारे में जानते हैं.

पाचन तंत्र मजबूत करता है –

यदि Aloe vera जूस का रोजाना सेवन खाली खाली पेट किया जाए तो इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है.  इसके साथ ही पेट से संबंधित समस्याएं भी दूर हो जाती हैं जिन लोगों को कब्ज की शिकायत रहती है उन्हें रोजाना दो चम्मच एलोवेरा जूस का सेवन करना चाहिए ऐसा करने से आपको जल्द ही अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा.

वजन कम करने में मददगार –

अगर आप अपने बढ़ते वजन को लेकर पहचान है तो ऐसे में आपके लिए एलोवेरा जूस एक असरदार उपाय है आप रोजाना खाली पेट आधा कप एलोवेरा जूस को लेकर सेवन करें एलोवेरा में एंटी इन्फ्लेमेटरी के गुण होते हैं.  जो आपके फैट को बर्न करने में सहायक होते हैं जिससे कि आपका वजन कम होने लगेगा.

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इम्यून सिस्टम को मजबूत करना –

कोविड-19 महामारी ने हम सभी को यह बता दिया है कि इम्यून सिस्टम का मजबूत होना हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है एलोवेरा जूस को पीने से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है विशेषज्ञों के अनुसार एलोवेरा का जोश इम्यून सिस्टम को बूट करने में काफी मददगार होता है इसके साथ ही इसका सेवन पीएच लेवल को भी सुधरता है.

सूजन कम करना –

एलोवेरा में एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं जो आपके शरीर के सूजन को कम करने में मदद करता है.  इसके साथ ही यदि रोजाना खाली पेट एलोवेरा जूस का सेवन किया जाये हैं.  तो आपको सिर दर्द और तनाव से भी राहत मिलती है.  साथ ही आप के जख्म को भरने में भी सहायक होती है.

एलोवेरा जूस का सेवन करने से पहले डॉक्टर कि सलाह जरूर लें.

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Fitness Tips: प्रौफेशनल से जानें कैसे रखें फिटनेस का ख्याल

आज की इस तेज रफ्तार जिंदगी में एक महिला कई भूमिकाएं निभाती हैं, जैसे कि एक माता, एक पत्नी, एक देखभाल करने वाली महिला, एक बेटी, एक बहू या एक सहकर्मी की.  हाल ही में ऑमंड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया ने नई दिल्ली में एक पैनल चर्चा का आयोजन किया जिस का विषय था ‘पारिवारिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में कामकाजी माताओं की दुविधा’. पैनल में प्रियंका चोपड़ा की मां, डॉ. मधु चोपड़ा, प्रबंधनिदेशक, स्टूडियोएस्थेटिक, फिटनेस एंड पिलेट्स एक्सपर्ट, माधुरी रुइया, जानीमानी आहार सलाहकार शीला कृष्णस्वामी ने भी भाग लिया. पेश है इस इवेंट के दौरान मधु चोपड़ा से की गई बातचीत के मुख्य अंश;

अपनी फिटनेस और खूबसूरती के लिए आप क्या करती हैं?

फिटनेस के लिए समय निकालना बहुत कठिन होता है. किसी खास जिम में जा कर वर्कआउट करना मेरे लिए संभव नहीं है. इसलिए मैं ने शुरू से ही ऐसा नियम रखा है कि सुबह उठते ही सब से पहले 5 मिनट के लिए ध्यान, उस के बाद अगले 10 मिनट वार्मअप और 2-4 सूर्य नमस्कार करती हूं. इस के बाद थोड़ी सी एरोबिक्स कर के तब बाहर निकलती हूं और काम में लग जाती हूँ. मुश्किल से 15 मिनट का समय लगता है जो मैं खुद हेल्थ पर इन्वेस्ट करती हूं. खुद के साथ बिठाये इस समय की बदौलत दिन भर बढ़िया से स्टिमुलेटेड रहती हूं. ब्रेन भी जाग जाता है. सो चाय पर निर्भर न रह कर मैं वर्कआउट पर ज्यादा ध्यान देती हूँ. यही नहीं रात में कुछ बादाम भिगा कर रखती हूँ. सुबह एक्ससाइज के बाद पहला काम होता है एक खजूर और 4- 5 बादाम खाना.

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बादाम खाने का सब से अच्छा समय और तरीका क्या है ?

बादाम सुबहसुबह ही ले लेना चाहिए. इस से पूरे दिन आप को एनर्जी मिलती है. आप पूरे दिन आराम से भागदौड़ कर सकती हैं. बेहतर है कि इसे आप ब्रेकफास्ट से पहले लें. यदि सुबह नहीं ले सके तो बैग में रखें और कभी भी खा ले. यह कंप्लीट पौष्टिक आहार है.

इसे यदि रात भर पानी में भिगो कर खाया जाए तो ज्यादा अच्छा है. भिगा कर खाने से इस में सॉफ्टनेस आ जाती है और छिलका भी आसानी से उतर जाता है. जिस से बच्चे और बूढ़े आसानी से इसे खा सकते हैं. इसे चबाना आसान हो जाता है और तासीर भी थोड़ी ठंडी हो जाती है. उम्रदराज शख्स हो या छोटा बच्चा, हर उम्र के लोग बादाम खा सकते हैं.

पिछले कुछ सालों में प्रियंका एक स्ट्रांग वुमन के रूप में उभरी हैं. आप इस का श्रेय किसे देंगी?

कहीं न कहीं बच्चे मां-बाप जैसे ही होते हैं. सो सब से पहले तो इस का श्रेय उस के जींस को जाता है. दूसरा स्ट्रांग पक्ष यह रहा कि मैं ने कभी उस की सेहत के साथ समझौता नहीं किया. हमेशा उस के खानपान और फिटनेस का ख़याल रखा.

रोज सुबह उसे भिगाये हुए बादाम खिलाती थी. यदि वह सुबह खाना भूल जाती तो भी उस के बैग में हमेशा बादाम रखा करती. बादाम और दुसरे सूखे मेवे एक ही तरह से खा कर वह बोर हो जाती तो कुछ नए एक्सपेरमेंट्स करती. कभी भून कर कभी खीर बना कर तो कभी मिल्क शेक के रूप में देती. फलसब्जी ,प्रोटीन ,विटामिन ,कैल्शियम  किसी चीज़ की कमी नहीं होने देती.

एक मां के रूप में आप की सब से बड़ी चिंता क्या रहती है ?

मेरी चिंता यही रहती है कि उस ने कुछ खाया या नहीं खाया. किसी ने खाना दिया या नहीं. जब भी हम फोन पर बात करते हैं तो हमारी बातचीत की शुरुआत भी इसी बात से होती है.

फिटनेस के लिए आप अपने मरीजों को क्या सलाह देती हैं ?

प्रौपर न्यूट्रिशन और वर्कआउट के साथसाथ साफ़ क्लीन सोच, क्लीन हैबिट्स और ईटिंग्स जरुरी है. इस के साथ प्लांट्स बेस्ड फूड भी सेहत के लिए जरूरी है. जिन्हें प्रोटीन की ज्यादा आवश्यकता है वे एनिमल फूड्स भी ले सकते हैं. मगर नॉनवेज हैवी हो जाए तो प्रौब्लम होती है. इसलिए आप बैलेंस बना कर रखे. साथ में हरीभरी सब्जियां भी खाएं वरना स्किन पोर्स खुल जाते हैं और एजिंग भी ज्यादा दिखने लगती है.

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एक कामकाजी मां को आप क्या सलाह देना चाहेंगी?

इन दिनों कामकाजी माताओं के कंधों पर बहुत सी जिम्मेदारियां हैं. पूरे भारत के अधिकांश परिवारों में माताएं ही प्राथमिक केयरगिवर होती हैं जिन्हें अपने परिवार के संपूर्ण स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना होता है. अपने पूरे परिवार की देखभाल करने के साथ ही वह दिन का लंबा समय काम में भी बिताती हैं. ऐसे में एक कामकाजी माता के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह अपने खुद के स्वास्थ्य, नींद एवं डाइट पर पूरा ध्यान दे और अपने लिए भी पर्याप्त समय निकाले.

Fittness Tips: फिट बॉडी पाने के लिए करें ये 5 एक्सरसाइज

सुबह जल्दी उठकर नियमित रूप से व्यायाम करने वाले लोग अधिक आत्मविश्वास होते हैं. इसलिए सुबह उठकर वर्कआउट के रूप में योगा या डांस करें, आप चाहें तो टहल भी सकती हैं. ऐसा करने से स्वास्थ्य सही रहेगा, शरीर में हारमोन्स भी संतुलित बने रहेगें और आप पूरे दिन तरोताजा महसूस करेंगी. इसके साथ ही आपका शरीर ऊर्जावान भी बना रहेगा है. आइए आज हम आपको ऐसी 5 ऐसी एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं जिनके जरिए आप खुद को फिट रख सकती हैं और आसानी से फौलो कर सुंदर सुडौल शरीर पा सकती हैं.

डांस:

डांस अपने आप में ही जबरदस्त कम्पलीट वर्कआउट है. डांसिंग में आप न सिर्फ अच्छी कैलरीज बर्न करते हैं बल्कि अपना तनाव भी कम होता है. म्यूजिक पर आपके थिरकते कदम न सिर्फ आपको एक बढ़िया एक्सरसाइज का अनुभव देते हैं बल्कि टेंशन भी कम होती है.

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साइकलिंग:

अगर आप साइकलिंग करते हैं तो आपके घुटने लंबे समय तक स्वस्थ रहेंगे, आपके घुटनों की मूवमेंट होती है जो उन्हें स्वस्थ रखने में फायदेमंद होता है. वहीं यह कैलरीज जलाने के लिए जॉगिंग से कई मायनों में बेहतर है. जॉगिंग में आपके घुटनों पर ज्यादा जर्क पड़ता है जो आगे चलकर नुकसान पहुंचा सकता है. इसी वजह ज्यादातर जिम ट्रेनर्स भी रोज ट्रेडमिल करने की सलाह नहीं देते.

जम्पिंग रोप एक्सरसाइज:

जम्पिंग रोप्स भी एक बढ़िया वार्मअप एक्सरसाइस है. इसके जरिए आप 1 घंटे में लगभग 670 कैलरीज तक बर्न कर सकते हैं. वहीं जम्पिंग रोप्स से आपकी बौडी का ब्लड सर्क्युलेशन तेज होता है और आपके शरीर के अंग मजबूत होते हैं.

तैराकी:

तैराकी से भी आप अच्छी कैलरीज बर्न कर सकते हैं और यह एक बढ़िया वर्कआउट है. इसमें आपकी पूरी बौडी मूवमेंट्स होती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक घंटा तैराकी से आप 585 कैलरीज तक जला सकते हैं.

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सीढ़ियां चढ़ना:

सीढ़ियां चढ़ने उतरने से भी आप काफी कैलरीज जलाते हैं. रीसर्च में यह सामने आया है कि आप सीढ़ियां चढ़ने-उतरने से एक में लगभग 852 कैलरीज बर्न होती है.

होम मेड और क्लीन फूड है फिटनेस का राज– डौ.रिया बैनर्जी अंकोला

इन्टरनेट से लेकर हर जगह मोटापे को कम करने के नुस्खे उपलब्ध होते है, लेकिन ये कितना सही है इसकी जानकारी किसी को नहीं होती और किये गए उपाय कारगर नहीं होते. असल में मोटापा पिछले कई सालों से समस्या बनी हुई है, इसमें सबसे अधिक समस्या किशोरावस्था की मोटापा है, जो आज की लाइफस्टाइल की वजह से बढ़ चुकी है. घर पर बना हुआ खाना, हर दृष्टि से अच्छा और सेहतमंद रहने का जरिया है. इस बारें में प्रसिद्द पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट, एडोलेसेंट एक्सपर्ट और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ.रिया बैनर्जी अंकोला बताती है कि पिछले 6 से 7 सालों से यूथ को बहुत सारी समस्याएं है. वे लैपटॉप पर घंटो बैठे रहते है. कही खेलने या घूमने नहीं जाते. शारीरिक रूप से वे बहुत कम एक्टिव है. खासकर मेट्रो में डाइट फूड  के नाम पर जो बिक रहा है. उसे वे बिना सोचे समझे खरीद लेते है. लेकिन वह आपके लिए सही है या नहीं इसकी जानकारी उन्हें नहीं होती. वे मानसिक तनाव और मोटापे के शिकार है. जिसका सम्बन्ध उनकी जीवन चर्या और भोजन है. आपको घर के खाने पर अधिक जोर देने की जरुरत है . ओट्स आज आया है, पहले लोग दलिया खाते थे, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा था. इतना ही नहीं आज के यूथ क्विक फूड  और रेडी तो ईट फूड  अधिक खाते है, जिसमें प्रिजरवेटीव होता है,जिसका असर स्वास्थ्य पर बाद में पड़ता है. प्रोसेस्ड फूड  कभी सही नहीं होता. मैंने खुद अपना 60 किलो वजन 2 साल में कम किया है. मेरा वजन भी तनाव की वजह से बढ़ा था.

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इसके आगे डॉ.रिया कहती है कि आयल की बात करें, तो प्रोसेस्ड और रिफाइंड आयल कभी भी सही नहीं होता. पहले बादाम तेल, सरसों का तेल, तिल का तेल, नारियल का तेल आदि प्रयोग होता था, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है. खाने पीने का ध्यान खुद को ही हमेशा रखना पड़ता है. एक्टर हो या डौक्टर सभी को अपने डाइट का ध्यान देना पड़ता है. लोग 25 दिन ट्रेवल कर भी अपनी सेहत का ध्यान रखते है. ये सेल्फ मोटिवेशन की वजह से ही हो पाता है. आजकल इन्टरनेट पर बहुत सारी जानकारियां होती है और लोग उसका सहारा लेते है, पर किसी के लिये वह ठीक रहता है तो किसी के लिए नहीं,क्योंकि हर व्यक्ति की बॉडी टाइप अलग होती है. किसी को कुछ डाइट सही रहता है, तो किसी को कुछ और सूट करता है. इसलिए एक्सपर्ट की राय लेना सबसे सही होता है. सबकी मेटाबोलिज्म और हेल्थ प्रॉब्लम भी अलग होती है और अपने हिसाब से भोजन करने से व्यक्ति हमेशा सेहत मंद रहता है. इसके अलावा कुछ लोग घी खाने को उचित समझते है, पर क्या आपका शरीर घी के लिए तैयार है? इसे देखने की जरुरत होती है, क्योंकि आपका कोलेस्ट्राल लेवल क्या है, उसमें घी कहाँ तक जरुरी है, इसकी जानकारी व्यक्ति को होनी चाहिए. लोगों में खान-पान को लेकर जागरूकता की कमी है और उन्हें पता नहीं होता है कि उनके शरीर को चाहिए क्या?

त्योहारों को सेलिब्रेट करना सभी को पसंद होता है और इस अवसर पर मिठाइयां और अच्छे-अच्छे पकवान भी खाने को मिल जाते है. ऐसे में तबियत बिगड़ जाने की भी सम्भावना बढ़ जाती है. ऐसे मौके पर सही खान-पान की तरफ ध्यान देने की जरुरत अधिक होती है डॉ. रिया हंसती हुई कहती है कि मैं इलाज से अधिक प्रिवेंशन पर विश्वास करती हूँ और उसी दिशा में काम करती हूँ. अगर व्यक्ति बीमार हो भी गया है, तो उसे प्रिवेंशन के द्वारा कंट्रोल कर सकते है. इसमें मैं लाइफस्टाइल चेंज पर अधिक ध्यान देती हूँ, जिसमें खाना 70 प्रतिशत मैटर करता है. पिछले 10 से 15 साल में मैंने देखा है कि लोग मेरे पास गलत जानकारी के साथ आते है. असल में दिवाली या किसी भी त्यौहार के दौरान लोग अपने रिश्तेदारों से मिलते है और खुश होते है, पर ऐसे समय में अगर कोई व्यक्ति घर में ऐसा है, जिसे कुछ चीजो से परहेज करनी है, या उसकी कोई खास इलाज हो रहा है, तो उसके डाइट का ध्यान रखना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य ठीक रहे. मैंने ऐसे कई लोगों को देखा है कि वे मधुमेह के रोगी है और दिवाली पर इतना खा लिया कि उन्हें अगले दिन हार्ट एटैक आ गया. ऐसी खुशियाँ कभी न मनाये, ताकि इसका गलत असर आप पर हो.

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5 हेल्दी टिप्स फौर फिटनेस एंड वेट लौस

  • अपने चौइस से डेली वर्कआउट करें,
  • अधिक से अधिक पानी का सेवन करें,
  • खाने में फ्रेश सब्जियों का प्रयोग अधिक से अधिक करें,जिसमें केवल सलाद नहीं, लोकल फूड खाएं,
  • समय से पेट भर भोजन करें, बीच-बीच में स्नैक्स न लें, ताकि आपका इन्सुलिन लेवल ट्रिगर न हो, तीन बार भोजन पूरे दिन में करने की कोशिश करें, भूख लगने पर ही भोजन करें,
  • नींद 7 से 8 घंटा पूरी करें, क्योंकि नींद में भी फैट बर्न होता है,

बढ़ता कमर का साइज

आप कई तरह के योगा और एक्सेरसाइज़ करते हैं जिससे आपका वजन कम हो जाए. लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी पेट और कमर के इर्द गिर्द मोटापा और चर्बी को हटाना बेहद मुश्किल होता है. देखा जाए तो पेट में जमा चर्बी काफी जिद्दी होती है. इसे हटने में काफी समय लगता है. अगर आपने भी अपना वजन कम कर लिया है लेकिन पेट और कमर का साइज़ जस का तस है. और कम होने के बजाय ये बढ़ता जा रहा है तो आप इसे इग्नोर ना करें. ये कई कारणों की वजह से हो सकती है. ये कारण क्या है, और उसके लिए क्या करना चाहिए. जानने के पढ़ते रहिये हमारा ये खास लेख.

1. कहीं ज्यादा तो नहीं हो रहा कार्ब्स-

कार्ब्स को अन्हेल्थी खाने की सूची में गिना जाता है. रोजमर्रा के आगार में ये किसी भी रूप में शरीर में पहुंच सकता है. जिससे शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ने लगता है और कैलोरी हावी होने लगती है. जो शरीर में जाकर वसा का रूप ले लेती है. इससे निजात पाने के लिए आप क्या कहा रहे हैं उसपर ध्यान दें. कार्ब्स की कमी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है. इसके आलावा वजन घटाने के लिए आप अच्छे कार्ब्स के बारे में भी जानकारी ले लें.

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2. लो फैट भी जिम्मेदार-

जी हां जब भी खाना खाते हैं तो उस खाने से वसा यानि की फैट की मात्रा भी बढ़ जाती है. जिससे खाना बेस्वाद सा लगने लगता है. बाहर के फ़ूड में लोग अधिकतर स्वाद बढ़ाने के लिए कृतिम स्वादों को मिलाते हैं. जो शरीर में जाकर डाइजेस्ट नहीं हो पाता और पेट के इर्द गिरफ़ कमर के पास जाकर जमने लगता है. इसलिए विशेषज्ञ भी वसा की जगह ओमेगा-3 जैसे फैटी ऐसिड का चुनाव करें.

3. जंक फ़ूड-

अधिकतर लोग जंक फ़ूड को बड़े ही चाव से खाते हैं. जिसमें बाहरी हानिकारक मसाले काफी होते हैं. लोग इस बात से अनजान होते हैं कि जो जंक फ़ूड या प्रोसेस्ड फ़ूड वो खाते हैं उसमें हाई सोडियम मिला होता है. अगर आप वास्तव में अपना वजन कम करना चाहते हैं तो नमक और सोडियम को खाना कम कर दें.

4. पानी की कमी-

पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है आठ है डाइजेशन भी सही रहता है. कई लोग पानी कम पीते हैं. उन्हें काफी नुक्सान हो सकता है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से भूख कम लगती है और शरीर से विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकलते हैं. बेहतरीन डाइजेशन और और फैट को हटाने के लिए एक दिन में कम से कम दो लीटर पानी जरुर पिएं.

5. नींद की कमी-

पर्याप्त नींद ना लेना आपके हार्मोन्स का संतुलन बिगाड़ देती है. जिससे वजन भी बढ़ने लगता है. अगर आप अच्छी तरह से सोते हैं, शरीर बिगड़े हुए हार्मोन्स को संतुलित रखता है और वजन भी घटाता है. कम से कम 8 घंटे की नींद जरुर लें.

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6. ठीक से खाना ना चबाना-

बचपन से ही हमें इस बात की सीख दी जाती है कि खाने को आराम से और चबा-चबाकर खाना चाहिए. इसके बाद भी कई लोग ऐसे होते हैं जो जल्दबाजी में खाना खाते हैं और उसे ठीक से चबाते नहीं हैं. जल्दी खाने के चक्कर में आप ज्यादा खाना कहा लेते हैं. जो मोटापे का कारण बन जाता है. आप चबा-चबाकर खाना खाने से आपकी भूख जल्दी मिट जाती है.

इन सबके अलावा तनाव से भी फैट बढने लगता है. जिससे कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं. अगर आपका भी वजन कम होने के बाद पेट में या कमर के आस-पास फैट जमा होने लगे तो कारणों को जानकर उनका समाधान सही समय पर कर लें.

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