Parenting Tips: बच्चों की अच्छी आदतों के पीछे उन के मातापिता का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है क्योंकि बच्चे सब से पहले अपने घर से सीखते हैं. घर ही उन की पहली पाठशाला होती है.

आजकल सभी घरों में मातापिता दोनों ही वर्किंग होते हैं जिस कारण उन के पास समय का अभाव बना रहता है और चाह कर भी अपने बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं. इस कारण वे अपने बच्चों की रुचि, उन की बौद्धिक क्षमता, रचनात्मकता आदि पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं जिस कारण कई बार उन का संपूर्ण विकास नहीं हो पता. जबकि ऐसा माना जाता है कि बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए उस का ऐक्टिव लिसनर होना बहुत जरूरी है.

एक ऐक्टिव लिसनर बच्चा हमेशा आत्मविश्वास से भरा होता है क्योंकि उसे पता होता है कि उस ने जो कुछ भी सुना है वह ध्यानपूर्वक सुना है और उस पर सही तरीके से अमल किया है इसलिए वह गलत हो ही नहीं सकता और किसी भी सफलता के लिए आत्मविश्वास से भरा हुआ होना अति आवश्यक है इसलिए कहा जाता है आत्मविश्वास होना सफलता की पहली सीढ़ी है.

ऐक्टिव लिसनिंग क्या है

ऐक्टिव लिसनिंग का मतलब होता है बोलने वाले की पूरी बातों पर ध्यान देना और उस के द्वारा कही जाने वाली पूरी बातों को सम  झने की कोशिश करना.

बच्चे को ऐक्टिव लिसनर बनाने के लिए मातापिता अपनाएं ये तरीके:

बारबार हर चीज, काम के लिए न टोकें

एक ऐक्टिव लिसनर बच्चा एक अच्छा कम्यूनिकेटर और किसी भी काम में कुशल हो सकता है. बच्चों को ऐक्टिव लिसनर बनाने के लिए उन्हें बारबार हर चीज एवं काम के लिए न टोकें. 1 या 2 बार ही कहें. कई बार मातापिता बारबार एक ही चीज बच्चों को करने के लिए दोहराते रहते हैं. इस का परिणाम यह होता है कई बार बच्चा आप की बात सुनता ही नहीं है आप की बात पर ध्यान देना बंद कर देता है या फिर बच्चा आप की कोई भी बात बिना पूरी सुने अपना रिएक्शन देने लगता है. बच्चे का कुछ भी सीखने और कोई भी काम करने के लिए बात सुनना सब से महत्त्वपूर्ण है

आप भी बनें एक अच्छा श्रोता

यदि आप चाहते हैं कि आप का बच्चा अच्छा लिसनर बने तो आप को उस की बात ध्यान से सुननी होगी. इस के लिए आप का भी एक अच्छा श्रोता बनना जरूरी है एवं आप का अपना पूरा ध्यान उस की ओर केंद्रित करना जरूरी है ताकि आप उस की पूरी बात अच्छे से सम  झ सकें और जब आप कुछ बोलें या कहें तो बच्चा आप की बात ध्यान से सुने, बच्चे को आप की ओर देखने और सुनने के लिए कहना न पढ़ें.

कई बार मातापिता घर पर आने के बाद अपने मोबाइल की स्क्रीन के सामने कैद हो जाते हैं और बच्चों की बात ध्यान से नहीं सुनते जिस के कारण बच्चों में चिड़चिड़ाहट होती है और वे अपना गुस्सा चीजों पर उतारते हैं. उन का पूरा ध्यान आप की ओर केंद्रित होना एक ऐक्टिव लिसनर होने के लिए महत्त्वपूर्ण बात है.

बच्चों से सुनें एवं सुनाएं कहानियां 

अपने बच्चों के साथ छुट्टी के दिन कुछ अट्रैक्टिव ऐक्टिविटी करें जैसे आप कोई कहानी सुनाएं और उन से भी सुनें. बीचबीच में कहानी से संबंधित सवाल पूछें जैसेकि उन्हें क्या लगता है कि इस स्टोरी में आगे क्या होना चाहिए? क्या कहानी के पात्र को ऐसा करना चाहिए था? यदि तुम होते तो क्या करते?

कहानी के अंत में बच्चे से सुनी हुई कहानी का सार पूछें. उसे कहानी से क्या सीखने को मिला, कहानी के कौनकौन से पात्र ने उसे प्रभावित किया और क्यों? ऐसे सवाल पूछें ताकि वह पूरी कहानी ध्यान से सुने और एक अच्छा ऐक्टिव लिसनर बन सके तथा आप के सवालों के जवाब दे सके, साथ ही एक अच्छा कम्यूनिकेटर भी बन सके.

आप का ऐसा करना बच्चे को कोई भी बात ध्यान से सुनने की आदत डलवाएगा और वह धीरेधीरे एक ऐक्टिव लिसनर बन जाएगा. घर के सभी लोग एक कहानी बनाएं घर के सभी सदस्य 1-1 लाइन जोड़ते जाएं एवं बच्चों से भी ध्यानपूर्वक सुनने को कहें और उन का नंबर आने पर एक लाइन जोड़ने के लिए कहें ताकि वे सुन कर आगे की स्टोरी क्रिएट कर सकें. ऐसा करने से बच्चों में सुनने की आदत पड़ेगी और सुन कर आगे की स्टोरी क्रिएट करने की क्रिएटिविटी भी बढ़ेगी.

इन मुख्य बातों को ध्यान में रख कर आप अपने बच्चे में लिसनिंग हैबिट्स के साथ और भी आदतें डाल सकते हैं:

ऐक्टिव लिसनर बच्चे की विशेषताएं 

बच्चे की परफौर्मैंस पर प्रभाव: बच्चे का कुछ भी सीखने के लिए सुनना सब से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि अकसर बच्चे क्लास में टीचर की बात को ध्यान से नहीं सुनते जिस के कारण उन्हें बाद में कुछ भी सम  झ नहीं आता और इस का सीधा असर उन की परफौर्मैंस पर पड़ता है और वे पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं.

बच्चे की आत्मनिर्भरता बढ़ती है: एक ऐक्टिव लिसनर बच्चा पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाता है क्योंकि वह हर काम को बखूबी करने की क्षमता रखता है.

आत्मविश्वास बढ़ता है: एक ऐक्टिव लिसनर बच्चा बहुत ज्यादा कौन्फिडैंट या आत्मविश्वास से भरा हुआ अनुभव करता है क्योंकि उसे पता होता है कि वह जो भी कर रहा है वह ठीक ही कर रहा है. उस ने उस काम के लिए दिए गए दिशानिर्देशों को अच्छी तरह से सुना और उन का अनुपालन किया है. उस के दिमाग में किसी भी तरह का कोई भी संदेह नहीं होता.

निराशा से दूर रहते है: ऐक्टिव लिसनर बच्चे निराशा से काफी दूर रहते है क्योंकि वे जो भी काम करते है उस में असफल होने की आशंका न के बराबर होती है क्योंकि वे आत्मविश्वास भरे हुए होते है वे यह बात बहुत अच्छी तरह से जानते और सम  झते है कि वो जो भी कदम उस काम को करने के लिए उठा रहे है या कर रहे है उस में गलती होने की कोई गुंजाइश नहीं है उन के अंदर हमेशा एक सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है निराशा उन के ऊपर कभी भी हावी नहीं होती.

किसी भी बहस का हिस्सा बन सकता है: एक ऐक्टिव लिसनर बच्चा किसी भी बहस में एक ऐक्टिव प्रतिभागी बन सकता है और अपनी बात प्रभावी ढंग से रख सकता है क्योंकि वह सुनी हुई बातों को याद रखता है और उन बातों पर जिज्ञासा दिखाते हुए प्रश्न करता है तथा अपनी बात अच्छे से बोल सकता है. ऐक्टिव लिसनिंग में सकारात्मक कम्यूनिकेशन को प्रोत्साहित करना भी शामिल होता है.

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