फिल्म इंडस्ट्री को अच्छा नहीं मानता मेरा परिवार- कनिका मान

हम 21वीं सदी में जरुर पहुंच गए हैं. हमारे देश के सिनेमा ने काफी प्रगति कर ली है. मगर आज भी हरियाणा सहित कई राज्यों व देश के कुछ ग्रामीण इलाकों में हिंदी सिनेमा जगत को हेय दृष्टि से देखते हैं और अपनी बेटियों को सिनेमा का हिस्सा बनने पर बंदिश भी लगाते हैं. ऐसा ही पर कुछ अभिनेत्री व हरियाणवी जाट बाला कनिका मान के साथ भी हुआ था. परिणामतः पिता की आज्ञा का पालन करते हुए उन्होने ‘एम एल एल’  मास्टर आफ ला’’ की डिग्री हासिल की. मगर सिनेमा से जुड़ने की इजाजत पाने के लिए अपने माता पिता को मनाती भी रहीं. अंततः कनिका मान की तकदीर ने साथ दिया और आज वह चर्चित अदाकारा हैं. टीवी सीरियल ‘‘गुड्डन तुमसे न हो पाएगा’’ ने उन्हे स्टार बनाया.  अब वह ग्लेन अंकुश निर्देशित वेब सीरीज ‘‘रूहानियत’’ में प्रिशा के किरदार में काफी शोहरत बटोर रही हैं.

प्रस्तुत है कनिका मान से हुई बातचीत के अंश. . .

आप गायक व अभिनेत्री हैं. क्या आपके घर में कला का कोई माहौल रहा है?

-जी नही सर. . मेरे घर में कला का कोई माहौल नही है. मैं पानीपत,  हरियाणा के एक  रूढ़िवादी परिवार से हॅूं. मेरा परिवार कट्टर हरियाणवी जाट है. तो वह जिस माहौल मंे रहे हैं, उसी के अनुसार उनकी सोच है.  परिवार आज यह बोलना शायद गलत होगा, पर मेरे परिवार के लोगो का मानना रहा है कि फिल्म इंडस्ट्री अच्छी नही है.  अथवा फिल्म इंडस्ट्री  का माहौल अच्छा नही है. मुझे गर्व है कि मैं अपने परिवार की पहली सदस्य हॅूं, जो इस क्षेत्र से जुड़ी हॅू. सच यह है कि मेरे पापा को यह बात भी पसंद नहीं थी कि मैं स्कूल के कार्यक्रमों में परफार्म करुं. अपने माता पिता व परिवार के सदस्यों को मनाना और इस मुकाम तक पहुंचना मेरे लिए आसान नहीं रहा. मैने अपने परिवार की सोच व इच्छा के अनुसार लॉ यानी कि कानून की पढ़ाई में मास्टर की डिग्री हासिल की है.  ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री  से जुड़ने की बात सोचना भी संभव नहीं था. इसलिए यहां तक पहुंचना मेरे लिए एक्सीडेंटल यात्रा ही है. लेकिन आज मेरे मम्मी पापा ही नही मेरे सभी रिश्तेदारों की सोच बदल चुकी है. अब तो मेरे रिश्तेदार मुझसे कहते हैं कि मेरे बच्चे को भी अपने साथ मुंबई ले जाओ, देखो शायद इसके लिए वहां कुछ कैरियर बन जाए.

हरियाणा में लड़कियों के साथ इस तरह की बंदिशें क्यों हैं?

-मेरी समझ के अनुसार हम जिस तरह के माहौल में, जिन लोगों के बीच रहते हैं, उसी के अनुरूप हमारी सोच बनती जाती है. हरियाणा में सभी की सोच इसी तरह की है. दूसरी बात वहंा पर विकास नही है. वहंा पर लोगो ने कुछ देखा नही है. हरियाणा में फिल्म इंडस्ट्री  भी नही है. जैसे कि पंजाब है, तो पंजाब में फिल्म इंडस्ट्री  व संगीत इंडस्ट्री  विकसित हो रही है. तो पंजाब के लोगों की सोच अलग है. वह अपने आस पास फिल्मों से जुड़ी गतिविधियां देख रहे हैं. पंजाब में लोग सुनते या देखते हैं कि फलां का बेटा या बेटी गायक बन गयी या अभिनेत्री बन गयी. पर हरियाणा में ऐसा कुछ सुनाई नहीं देता. अब हरियाणा में भी फिल्में बना शुरू हुई हैं, मगर न तो ठीक से फिल्म इंडस्ट्री  विकसित हो पायी है और न ही उस तरह का माहौल है. मेरे कहने का अर्थ यह कि हरियाणा में जो कुछ लड़कियों पर बंदिश है, वह सब माहौल @वातावरण की वजह से हैं. धीरे धीरे वहां पर संगीत व फिल्मों का वातावरण बनेगा, वैसे वैसे लोगों की सोच में परिवर्तन आएगा. अभी जैसे मैं हरियाणा से बाहर निकल करकाम कर रही हॅूं, तो मुझे देखकर मेरे घर के आस पास के लोगों के अलावा मेरे रिश्तेदारों की सोच बदली है. तो मेरा मानना है कि समय के साथ धीरे धीरे यह सोच बदलेगी.

ये भी पढ़ें- GHKKPM: रोमांस के बीच ‘सम्राट’ ने क्यों दिया ‘पाखी’ को धक्का

आपके परिवार में विरोध था, तो आप किस तरह अपने माता पिता को मनाकर इस क्षेत्र से जुड़ी?

-जब मैं लॉ की पढ़ाई कर रही थी, उस वक्त मैने कुछ पंजाबी म्यूजिक वीडियो किए. वास्तव में पंजाब में काफी अच्छे गाने व म्यूजिक वीडियो बनते हैं. गायक शैरी मान ने  सोशल मीडिया मेरी तस्वीरें देखकर मुझसे म्यूजिक वीडियो के लिए संपर्क किया था. उन दिनों मेरी सोच भी वही थी, जो हरियाणा के लोगों, मेरे परिवार के सदस्यों की थी. इसलिए मैं कुछ डरी हुई थी कि पता नहीं किस तरह के लोग होंगे. लेकिन उनके बार बार बुलाने पर मैं अपने मामा को लेकर उस हीरो के घर गयी थी,  वहां जब सारी चीजें देखी, तो मेरा डर खत्म हुआ. मुझे अहसास हुआ कि यह सब तो बहुत नॉर्मल सी बात है.  फिर मुझे यह भी लगा कि यदि म्यूजिक वीडियो करती हूंू तो टीवी पर आउंगी. तब मैने शैरी मान के साथ पहला म्यूजिक वीडियो  ‘‘रूआफजा’ किया था. पहला म्यूजिक वीडियो करने का एक्साइटमेंट कुछ अलग था. फिर धीरे धीरे कई म्यूजिक वीडियो किए. यह सब मैं घर वालों को बिना बताए कर रही थी. मगर घर वालों को मनाने के मेरे प्रयास जारी थे. अंततः एक दिन मुझे सफलता मिली, जब मेरे पिता जी ने मुझे अभिनय करने के लिए हामी भी दी थी.

जब आप पानीपत, हरियाणा से मुंबई पहुंची, तो किस तरह का संघर्ष रहा?

-मेरी किस्मत और ईश्वर मेरा साथ दे रहे थे. इसलिए मुझे मुंबई में संघर्ष नही करना पड़ा. जबकि मेरे कई दोस्त हैं, जो कई वर्षों से यहां रहते हुए एक अच्छे मौके के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वास्तव में मेरे साथ हुआ यह कि हरियाणा से मुंबई जब मैं आयी, तो मेरे पास एक सीरियल ‘‘बढ़ो बहू’’ था. मैने पानीपत से ही एक सीरियल के लिए आॅडीशन दिया था. मुंबई पहुंचते ही मैने पहले ही दिन सीरियल की शूटिंग की थी. में ख्ुाद को भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे मुंबई पहुंचने के बाद सोचना नहीं पड़ा कि कहंा रहना है, किससे व कैसे मिलने जाना है, . . वगैरह वगैरह. सीरियल ‘बढ़ो बहू’’के बाद मुझे ‘‘गुड्डन तुमसे नही हो पाएगा ’’ मिला, जो कि तीन साल तक प्रसारित हुआ.  लोगो ने मुझे ‘गुड्डन’ कह कर बुलाना शुरू कर दिया.  इसके बाद मुझे दूसरे चुनौतीपूर्ण किरदार की तलाश थी.  तो वही ‘ओटीटी’ प्लेटफार्म से भी जुड़ने की इच्छा थी.

तो क्या ओटीटी प्लेटफार्म से जुड़ने के लिए ही आपने ‘‘रूहानियत’’ की?

-टचवुड. . मेरे पास ‘रूहानियत’ के अलावा कुछ दूसरी वेब सीरीज के भी आफर आए थे. इतना ही नही कुछ टीवी सीरियल के भी आफर आए थे. जबकि मैने सोचा था कि सीरियल ‘‘गुड्डन तुमसे नही हो पाएगा’ का प्रसारण खत्म होने पर कुछ समय के लिए मैं बे्रक लूंूगी.  जिससे लोगों के दिमाग से गुड्डन की इमेज गायब हो सके.  मैं सेच रही थी कि मैं तुरंत दूसरे किरदार में लोगों के सामने पहुॅंच गयी, तो शायद लोग उसे आसानी से स्वीकार न कर सकें. मैने सोचा था कि लोगों ंको कुछ समय के लिए आराम करने दॅूं. इसलिए मेरे पास जोे आफर आ रहे थे, उनसे बच रही थी. तो वहीं कुछ किरदारों के साथ मैं रिलेट नही कर पा रही थी. इसके अलावा मैं हर कहानी व किरदार के संबंध में अपने माता पिता की भी राय लेती हॅूं. लेकिन जब मुझे ‘‘रूहानियत’’ में प्रिशा का किरदार निभाने का आफर मिला, तो मैंने इसके साथ ख्ुाद को रिलेट किया. यह उन्नीस र्ष की लड़की है. एक बार प्यार में दिल टूट चुका है. लेकिन अब उसे दोबारा प्यार हो गया है. मुझे लगा कि इस किरदार व इस कहानी के साथ हर कोई रिलेट करेगा. फिर चाहे वह युवा पीढ़ी हो या बड़ी उम्र का इंसान ही क्यों न हो. पुरूष हो या लड़की हो या औरत ही क्यों न हो, सभी रिलेट करेंगे. क्योंकि हर कोई ऐसे दौर से गुजर चुका होता है अथवा गुजर रहा होता है.  प्रेशा बहुत ही इन्नोसेंट लड़की है, मगर अपने काम के प्रति समर्पित है. अपने परिवार से बहुत प्यार करती है. मुझे उसकी यह सारी बातें बहुत खुबसूरत लगी. ‘रूहानियत’ नाम भी प्यारा लगा. इसे हर उम्र के दर्शक व पूरा परविार एक साथ बैठकर देख सकता है. इस वेब सीरीज में इंटीमेट सीन्स नही है. गंदे संवाद नही है. फिलहाल मैं इस तरह के दृश्य नही करना चाहती. जब मैने अपने परिवार के लोगों को इसके बारे मंे बताया, तो वह भी खुश हुए. मेरे पापा ने तो यहां तक कह दिया कि ‘तुझे कहां से इतने अच्छे चुन चुन कर सीरियल व वेब सीरीज मिलती है’.  इस 52 एपीसोड की वेब सीरीज के बीच में एक माह का वक्त मिला तो उस दौरान मंैने एक पंजाबी फिल्म की शूटिंग कर ली. इस फिल्म की कहानी एक सीधी सादी लड़की के आॅक्रेस्ट्ा गर्ल बनने की है. यह भी एक खूबसूरत कॉसेप्ट है.

ये भी पढ़ें- गोदभराई के लिए नई दुल्हन की तरह तैयार हुईं Debina Bonnerjee

‘रूहानियत’ की प्रिशा के किरदार को किस तरह से परिभाषित करेंगी?

-प्रिशा बहुत ही सुलझी हुई लड़की है. वह कभी उन्नीस वर्ष की उम्र वाली हरकतें कर जाती है, तो कभी उसकी हरकतें एक मैच्योर लड़की वाली होती हंै. कभी 15 साल की लड़की वाली हरकतें कर जाती है. वैसे उन्नीस साल की उम्र में हम कभी बचकानी तो कभी समझदारी वाली बातें कर जाते हैं. लेकिन उसे इस बात में यकीन है कि प्यार है.  फार एवर है. उसका एक संवाद है-‘‘मैं डेटिंग वगैरह में यकीन नहीं करती. मैं अगर हूंू तो हॅूं. ’’जबकि सावीर पहले ऐसा मानते थे, अब नहीं मानते हैं. तो दो विरोधाभासी विचार वाले लोगों की प्रेम कहानी और यात्रा है.

आपने कहा कि प्रेशा के किरदार के साथ आप खुद रिलेट करती हैं. तो इसकी शूटिंग के दौरान आपको निजी जीवन की कोई घटना याद आयी थी?

-मेरी समझ से बचपन में हर किसी को अहसास होता है कि उसे फलां से प्यार हो गया. मैं अक्सर याद करती थी कि जब मुझे प्यार महसूस हुआ था, तब मैने क्या किया था.  वगैरह वगैरह. .

टीवी और ओटीटी में काम करते हुए क्या अंतर पाती हैं?

-ओटीटी देखना लोगों के लिए बहुत आसान है. वह ट्ेन बस या कार कहीं पर भी अपने मोबाइल पर वेब सीरीज को देख सकते हैं. इसके अलावा वेब सीरीज में हम कलाकारों को पता होता है कि हमारे किरदार का ग्राफ क्या है और इसका अंत क्या है. जबकि टीवी सीरियल में पूरा ग्राफ और किरदार का अंत नहीं पता होता है.

ये भी पढे़ं- शादी की खुशी में सुबह 3 बजे डांस करती दिखी Anupama!

जानें पहली Trans Queen India की ट्रासजेंडर नव्या सिंह के संघर्ष की कहानी

गलत वक्त किसी के जीवन में न आये, जो मेरे साथ हुआ, मेरा जन्म तो एक लड़के के शरीर में हुआ,लेकिन मेरी सोच, मेरी चाल-चलन सब लड़कियों जैसी थी, ये गलती मेरी नहीं थी, जिसे परिवार और समाज सहारा देने के बजाय घर से बेसहारा निकाल देते है, ऐसी ही भावनात्मक बातों को कहती हुई स्वर भारी हो गयी, भारत की ट्रांसजेंडर महिला,नव्या सिंह, जो भारत की पहली ट्रांसजेंडर महिला ‘ट्रांस क्वीन इंडिया’ की ख़िताब जीती है और अब वह ट्रांसक्वीन इंडिया की ब्रांड एम्बेसेडर है.

शुरू में नव्या के पिता सुरजीत सिंह, नव्या को लड़की नहीं मानते थे, वे बहुत एग्रेसिव थे, वे इसे भ्रम समझते थे, पर उनकी माँ परमजीत कौर को समझ में आ रहा था, लेकिन वह इसे कह नहीं पाती थी. नव्या कथक और बॉलीवुड डांसर भी है, जिसका प्रयोग उन्होंने मुंबई आकर किया.

काफी संघर्ष के बाद वह बॉलीवुड की एक डांसर, मॉडलिंग और अभिनेत्री बनी है और ट्रांसजेंडर समाज को मुख्य धारा में जोड़ने की कोशिश कर रही है. वह एक हंमुख और विनय स्वभाव की है और हर कठिन घड़ी को जीना सीख किया है. दिव्या को गृहशोभा की ब्यूटी कॉलम पढना पसंद है, जिसमें अच्छी टिप्स ब्यूटी के लिए होती है. उसे गर्व है कि उसकी इंटरव्यू इतनी बड़ी पत्रिका में जा रही है.

उनसे बात हुई, आइये जाने उनके संघर्ष की कहानी उनकी जुबानी.

सवाल – आपकी जर्नी कैसे शुरू हुई?

जवाब – मैं बिहार के कटिहार जिले के गांव लक्ष्मीपुर काढ़ागोला की हूं. मैं सरदार परिवार की सबसे बड़ी लड़की हूं. पिछले 11 साल से मैं मुंबई में रह रही हूं. मैं एक ट्रांसजेंडर महिला हूं. मेरा जन्म एक गलत शरीर में हुआ था, मैं एक लड़के के शरीर में पैदा हुई और बहुत जल्दी मुझे पता चल गया था कि मेरा जन्म गलत हुआ है. 11 साल की उम्र में मुझे समझ में आ गया था की मेरी बनावट भाइयों से अलग है, मेरे भाई क्रिकेट खेलना पसंद करते थे, पर मुझे मेरी माँ का साथ अच्छा लगता था. मेरी माँ भी कुछ हद तक समझती थी. मैं गांव में पैदा हुई थी और वहां पुरुष प्रधान समाज था, औरतों को बोलने का अधिकार नहीं था. मेरे दादा कभी उस गांव के सरपंच हुआ करते थे. बचपन नार्मल ही गुजरा, लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ी होती गयी,लोग प्यार न देकर मजाक उड़ाते थे. बाद में मुझे पता चला कि लोग मेरे हाव-भाव को देखकर मजाक उड़ाते है. करीब तीन साल तक मैंने ऐसे गुजारा फिर मुझे इससे आगे बढ़ने की इच्छा पैदा हुई.

सवाल – सेक्स चेंज करवाना कितना मुश्किल था?

जवाब – जब मैं 18 साल की थी , तो माता-पिता ने मुंबई मासी के पास भेज दिया, ताकि मैं मुंबई की चकाचौध को देखकर खुद को सम्हाल लूँ , लेकिन मुझे मुंबई की हर बात अच्छी लगी. मेरी मासी मेरी समस्या को समझ रही थी, मुझे लेकर एक एनजीओ में गयी जहाँ मेरा लिंग परिवर्तन हुआ. डॉक्टर ने भी मासी को सलाह दिया कि मैं सेक्स के बदलने के बाद आसानी से जी सकती हूं. 18 साल की उम्र से ही मेरा परिचय एक लड़की के रूप में हुआ. मासी ने मेरी दायित्व लेकर सब कुछ किया.

मैं शुरू में पिता के साथ मुंबई आई थी, वे बहुत एग्रेसिव थे वे नहीं मानते थे कि मैं एक लड़की हूं, उन्हें मैं बेटा ही लगती थी. डॉक्टर के साथ काउन्सलिंग करवाने के बाद पिता समझे और मुझे अपना लिए.

सवाल – मुंबई जैसे शहर में पैसों का इंतजाम कैसे किया?

जवाब – मुश्किल थी, क्योंकि मेरा परिवार वित्तीय रूप से मजबूत नहीं था. इसलिए मुझे ही सबकुछ करना पड़ा. मुझे डांस आती थी,तो कही पर भी डांस करने से पैसे मिलते थे. इसके अलावा मैं ट्रांसजेंडर कम्युनिटी की मेंबर बन गयी. वहां मुझे ट्रांस एक्टिविस्ट, ट्रांस जेंडर महिला अबिना एहर ने काफी मदद की. वह दिल्ली में रहती है और पहले मुझे ट्रांस जेंडर लोगों से मिलने में डर लगता था, लेकिन जब मेरी जर्नी ऐसी हो गयी, फिर मेरा डर कम हो गया, क्योंकि ये भी इंसान है. अबिना ने जिंदगी जीने का रास्ता बताया, जो मेरे लिए काफी मददगार रही. इसके बाद मैंने कुछ एन जी ओ और इवेंट्स में काम करने लगी. 2016-17 में मैंने दो बड़ी मैगज़ीन के कवर पर आ गयी, उन्होंने मेरी जर्नी को लिखा और मेरी जिंदगी उस मोड़ से बदल गयी.

सवाल – ट्रांसजेंडर को लोग अपना नहीं पाते, इस बारें में आपकी सोच क्या है?

जवाब – असल में ट्रांसजेंडर को लोग इंसान नहीं दूसरे ग्रह की प्राणी समझते है. समाज का हिस्सा नहीं मानते, कई बार मैं कही जाने पर लोग मुझसे दूरियां बना लेते थे. बात करना नहीं चाहते थे. मुझे बहुत दुःख होता था, क्योंकि मैं भी किसी महिला के कोख से ही पैदा हुई हूं. अब नहीं लगता, सभी ने स्वीकार कर लिया है. इसकी वजह शिक्षा की कमी लगती है. आज भी कई ट्रांसजेंडर पढ़े-लिखे नहीं है. उन्हें हक के बारें में पता नहीं होता. ट्रांस जेंडर के अस्पताल जाने पर डॉक्टर उसकी जांच करना नहीं चाहते, उन्हें लगता है कि ये इंसान एचआईवी+ होगा या सेक्स वर्कर या कुछ गलत काम करने वाले ही होंगे. ट्रांस जेंडर को लेकर ये सब चीजें दुखद है. आज ट्रांस जेंडर लोग बड़े- बड़े काम कर रहे है. इसके अलावा मुझे बुलिंग, छेड़छाड़, मजाक का बहुत सामना करना पड़ता था. आज लोग थोड़े बदले है, रेस्पेक्ट मिलता है. मैंने बीकॉम की पढाई की है.

सवाल – फिल्मों में आने की इच्छा कैसे हुई?

जवाब – मुझे बचपन से फिल्मे और धारावाहिकों को देखने का शौक था. उनकी भूमिका को देखकर मैं भी आईने के आगे एक्ट करती रहती थी. ब्रेक मुझे सावधान इंडिया में साल 2017 में मिला था. मैंने ऑडिशन दिया और चुन ली गई. मैंने उसमे मोना की भूमिका निभाई है. इससे मुझे बहुत पहचान मिली, क्योंकि वह भूमिका ट्रांसजेंडर की बहुत दमदार थी. इसके बाद मुझे काम मिलता गया.

सवाल – ब्यूटी पेजेंट में कैसे जाना हुआ?

जवाब – ब्यूटी पेजेंट भी साल 2017 में ही हुआ था. मैं टॉप फाइव में गयी और अब इसकी ब्रांड अम्बेसेडर हूं. यहाँ जाने के लिए मेरे एक दोस्त ने बताया था कि इंडिया में पहली बार ट्रांस जेंडर के लिए ब्यूटी पेजेंट हो रहा है. मुझे मौका मिला और मैंने उसे सफल बनाई.

सवाल – अभी आप क्या कर रही है?

जवाब – अभी मेरा एक म्यूजिक एल्बम रिलीज होने वाला है. इसके अलावा एक बायोपिक भी ओटीटी पर रिलीज़ हो चुकी है. आगे कई और प्रोजेक्ट चल रहे है.

सवाल – फिल्मों में अधिकतर हीरों ट्रांस जेंडर की भूमिका निभाते है,इस बारें में आपकी सोच क्या है?

जवाब – मैंने बीच में इसे लेकर आवाज उठाई थी, बहुत सारे फिल्म निर्देशक को कहा था कि अगर पुरुष, ट्रांसजेंडर की भूमिका निभाएंगे तो ट्रांसजेंडर महिला किसकी भूमिका निभाएगी? शक्ति धारावाहिक में कुछ किन्नर है, लेकिन लीड एक महिला कर रही है. मेरा उन सभी से कहना है कि अभिनेत्री रुबीना दिलैक अगर किन्नर की भूमिका निभाती है तो मुझे रुबीना दिलैक की भूमिका दिया जाय. बानी कपूर अगर एक ट्रांसजेंडर की भूमिका निभाती है तो बानी कपूर की भूमिका में अगर मैं फिट हुई, तो वह मुझे मिलनी चाहिए. एलजीबीटी फिल्मों में भी एक पुरुष ने ट्रांसजेंडर की भूमिका निभाई है. मैं पुरुष नहीं, ट्रांस जेंडर हूं तो मुझे मेरी भूमिका देने से लोग क्यों कतराते है. इसका अर्थ यह है कि आप साबित करना चाहते है कि ट्रांसजेंडर पुरुष होते है. मेरी इस आवाज पर लोगों ने कहा कि ट्रांसजेंडर अच्छा काम नहीं कर सकते. मेरा उनसे पूछना है कि उन्होंने किसी को अवसर दिया क्या?मौका मिलेगा तब वे अच्छा काम करेंगे. मौका ही नहीं दिया गया, फिर कैसे कह सकते है कि ट्रांसजेंडर को अभिनय करना नहीं आता. अलिया भट्ट, बानी कपूर जैसे सभी अभिनेत्रियाँ कोई भी अपनी माँ के पेट से अभिनय सीखकर पैदा नहीं हुई है. उन्हें भी मेहनत करनी पड़ती होगी, रीटेक लेने पड़ते होंगे. मैं शांत बैठने और डरने वाली नहीं हूं,ये हक की लड़ाई है, जिससे हर ट्रांसजेंडर को न्याय मिलेगा. हम सभी समाज का हिस्सा है. फिल्मों में निर्माता, निर्देशक और कहानीकार हम सभी पर फिल्में बनाकर पैसा बटोरते है, ऐसे में हमें ही कास्ट कीजिये. अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी में अक्षय कुमार ट्रांसजेंडर बने, जिसकी परफोर्मेंस बहुत ख़राब थी. आदमी जैसे ट्रांसजेंडर नहीं दिखते. मैं चाहती हूं कि ऐसे कलाकार सबकी प्रेरणास्रोत बने. पता नहीं किस तरह का माफिया गैंग है. राजपाल यादव एक फिल्म में ट्रांसजेंडर बने है, मुझे गुस्सा आया, क्योंकि ये लोग पैसे के नाम पर कुछ भी करते है. बॉलीवुड हमारे पर फिल्में बनाता, बेचता और पैसे कमाता है, लेकिन हमें फिल्मों में लेने से डरता है.

अभी नव्या अपने परिवार के साथ मुंबई में रहती है और सेक्स चेंज की वजह से हार्मोन की दवा लेनी पड़ती है, उन्हें मूड स्विंग्स भी होता है. समय मिलने पर मैडिटेशन, गाने सुनना, और फिल्में देखती है.

GHKKPM: रोमांस के बीच ‘सम्राट’ ने क्यों दिया ‘पाखी’ को धक्का

स्टार प्लस के सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी में इन दिनों रोमांस देखने को मिल रहा है. जहां सीरियल में होली सेलिब्रेशन के चलते सई और विराट करीब आ गए हैं तो वहीं पाखी और सम्राट की दूरियां घटती नजर आ रहे हैं. हालांकि सोशलमीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सम्राट रोमांस के बीच पाखी को धक्का मारते नजर आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल वीडियो की झलक…

पाखी को दिया सम्राट ने धक्का

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Aishwarya Sharma Bhatt (@aisharma812)

सीरियल में पाखी के रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस ऐश्वर्या शर्मा (Aishwarya Sharma Instagram) ने हाल ही में एक वीडियो अपनी इंस्टाग्राम पर शेयर किया है, जिसमें वह अपने रील लाइफ पति यानी सम्राट के साथ रोमांस करती नजर आ रही हैं. हालांकि इस Reel में सम्राट गुस्से में एक्ट्रेस को धक्का मारते नजर आ रहे हैं. दरअसल, एक्ट्रेस ऐश्वर्या शर्मा ने फनी रील शेयर की है, जिसमें पत्रलेखा संग रोमांस करते हुए सम्राट गाना गाते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं बीच में पाखी के गाना गाने पर सम्राट उन्हें बेड पर धक्का दे देते हैं. दोनों की ये फनी वीडियो फैंस को काफी पसंद आ रही है, जिसके चलते एक्ट्रेस का वीडियो वायरल हो रहा है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Aishwarya Sharma Bhatt (@aisharma812)

ये भी पढ़ें- गोदभराई के लिए नई दुल्हन की तरह तैयार हुईं Debina Bonnerjee

सम्राट को विराट समझेगी पाखी

सीरियल के अपकमिंग ट्विस्ट की बात करें तो होली सेलिब्रेशन में पाखी भांग पी लेगी, जिसके बाद सम्राट उसे कमरे में ले जाएगा. जहां पर पाखी और सम्राट रोमांस करते नजर आएंगे. हालांकि इसी बीच सम्राट को विराट समझकर पाखी उससे प्यार का इजहार कर देगी, जिसे सुनकर सम्राट गुस्से में नजर आएगा.

सई-विराट का रोमांस होगा शुरु


दूसरी तरफ सीरियल में जल्द ही विराट और सई के बीच रोमांस शुरु होता नजर आएगा. जहां पर विराट और सई एक दूसरे के करीब आते नजर आएगें. वहीं सई, विराट को भांग पिला देंगे, जिसके चलते दोनों की नजदीकियां बढ़ जाएंगी.

ये भी पढ़ें- शादी की खुशी में सुबह 3 बजे डांस करती दिखी Anupama!

जरूरी है टौवेल हाइजीन

हम हर दिन नहाते समय अपनी स्किन की साफसफाई का पूरा ध्यान रखते हैं, बौडी को स्क्रब करते हैं, शौप लगाते हैं ताकि शरीर से दुर्गंध न आए और शरीर साफ रहे. मगर कभी आप ने अपने टौवेल यानी तौलिए पर ध्यान दिया है? उसे आप ने आखिरी बार कब धोया था? 1 सप्ताह पहले या फिर 15 दिन पहले?

हैरान रह गए न कि बौडी की सफाई का ध्यान तो हर दिन रखते हैं, लेकिन जिस से बौडी को पोंछते हैं उस का क्या? लेकिन आप के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि जिस तरह से बौडी को साफ रखना जरूरी है, उसी तरह टौवेल को भी साफ रखना बहुत जरूरी होता है.

आइए जानते हैं कि क्यों जरूरी है टौवेल की सफाई और उसे साफ कैसे करें:

टौवेल को सुखाएं जरूर

सब से जरूरी बात जो समझनी होगी वह यह है कि अगर आप रोज बाथ टौवेल को नहीं धो पा रहे हैं तो उस में बैक्टीरिया को पनपने से रोकने के लिए जरूरी है कि आप उसे यूज करने के बाद उसे पूरी तरह ड्राई होने के लिए धूप में जरूर सुखाएं ताकि बैक्टीरिया के पनपने के लिए उस में मौइस्चर बचे ही नहीं. ऐसा करना आप को काफी हद तक संक्रमित होने से बचा सकता है. लेकिन इस का यह मतलब नहीं कि आप को टौवेल को धोने की जरूरत ही नहीं है.

हर 2-3 वाश के बाद टौवेल की सफाई जरूरी

चाहे बात हो बाथ टौवेल की या फिर फेस टौवेल की या फिर हैंड टौवेल की, इन्हें जल्दीजल्दी क्लीन करना जरूरी है वरना आप खुद को संक्रमित होने से नहीं बचा पाएंगे क्योंकि टौवेल स्किन से ड्राई डैड स्किन व पसीने को खुद में समेटने का काम करता है. इसीलिए जरूरी है टौवेल को हर 2-3 वाश के बाद धोने और अच्छी तरह सुखाने की.

कैसे करें क्लीन:

बाथ टौवेल को अच्छी तरह साफ करने के लिए आप पानी में डिटर्जैंट डाल कर उस में थोड़ा सा विनेगर भी ऐड करें. इस से सारे बैक्टीरिया आसानी से नष्ट हो कर आप का टौवेल जर्म फ्री हो जाता है और उस में गीलेपन के कारण आई बदबू भी दूर हो जाती है. आप बेकिंग सोडा से भी टौवेल को जर्म फ्री बना सकते हैं. इसे धोने के बाद धूप में भी जरूर सुखाएं ताकि नमी पूरी तरह निकल जाए.

ये भी पढ़ें- घर की सफाई का रखें ख्याल

जिम टौवेल की हर यूज  के बाद सफाई

हम खुद को फिट रखने के लिए जिम जाते हैं और जिम से आ कर खुद को फ्रैश फील करवाने के लिए या तो बाथ लेते हैं या फिर जिम टौवेल से शरीर व चेहरे पर आए पसीने को साफ कर के खुद को क्लीन व अच्छा फील करवाने की कोशिश करते हैं. लेकिन इस के लिए आप जिस बाथ या जिम टौवेल का इस्तेमाल करते हैं उस में पसीने के कारण बैक्टीरिया के पनपने के चांसेज सब से ज्यादा होते हैं.

ऐसे में अगर आप जिम टौवेल को रोज अच्छी तरह साफ नहीं करेंगे तो न सिर्फ आप को ऐलर्जी होने का डर रहेगा बल्कि इस में पनपे बैक्टीरिया, वायरस आप के टौवेल के जरीए आप के शरीर में प्रवेश कर के आपको गंभीर रूप से बीमार भी कर सकते हैं. इसलिए हर यूज के बाद जिम टौवेल को साफ करना जरूरी है.

कैसे करें क्लीन:

अगर आप गरम पानी में डिटर्जैंट को डाल कर जिम टोवल को साफ करेंगे तो इस से डिटर्जैंट अच्छी तरह पानी में मिल जाने के कारण टौवेल में छिपे जर्म्स को अच्छी तरह निकलने में मदद मिलेगी. यही नहीं आप विनेगर व बेकिंग सोडा से भी टौवेल को क्लीन कर के जिम टौवेल को बैक्टीरिया फ्री बना सकते हैं. इस से टौवेल से बैक्टीरिया का सफाया होने के साथसाथ टौवेल की सौफ्टनैस भी बरकरार रहती है व टौवेल से आने वाली बदबू भी आसानी से निकल जाती है.

किचन टौवेल की भी न करें अनदेखी

आप हर बार इस्तेमाल के बाद बरतनों को धोते हैं, लेकिन क्या आप उसी तरह किचन टौवेल को भी धोते हैं? अधिकतर का जवाब न में ही होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह मल्टीपर्पज किचन टौवेल बैक्टीरिया का घर होता है? इस का कभी आप स्लैब को साफ करने के लिए इस्तेमाल करते हैं, तो कभी माइक्रोवैव व फ्रिज को और फिर जब आप इसे रैग्युलर वाश नहीं करते हैं तो यह आप की व आप के अपनों की हैल्थ को भी बिगाड़ देता है क्योंकि किचन टौवेल में बैक्टीरिया सब से अधिक पनपते हैं, जो आप की हैल्थ को पूरी तरह बिगाड़ सकते हैं. इसलिए किचन टौवेल की सफाई की अनदेखी न करें.

कैसे करें क्लीन :

किचन टौवेल को रोज धोएं ताकि इस के अंदर की बदबू व बैक्टीरिया कपड़े के जरीए खाने में जा कर आप को बीमार न कर दें. इस के लिए आप गरम पानी में विनेगर डाल कर उस में किचन टौवेल को 10 मिनट भिगोए रखें. इस से बैक्टीरिया का भी सफाया होगा और टौवेल से दुर्गंध भी दूर होगी.

इस बात का भी ध्यान रखें कि टौवेल को अच्छी तरह सुखाएं भी जरूर ताकि उस में नमी न रहने पाएं क्योंकि नमी बैक्टीरिया के पनपने के लिए सुपरफूड जो होता है.

टौवेल को बदलते रहें

हम नए कपड़े खरीदने का तो ध्यान रखते हैं, लेकिन टौवेल को चेंज करना कभी हमारी प्राथमिकता नहीं होती है, जबकि आप को यह जानना होगा कि जिस तरह समयसमय पर हर चीज में बदलाव जरूरी होता है, ठीक उसी तरह टौवेल को भी बदलना जरूरी है क्योंकि जब हम एक ही टौवेल को लंब अरसे तक इस्तेमाल करते हैं, तो वह ज्यादा इफैक्टिव नहीं होने के कारण न तो शरीर को ड्राई करने में सक्षम होता है और साथ ही उस में बैक्टीरिया भी ज्यादा पनपने लगते हैं.

इसलिए ऐक्सपर्ट्स की सलाह के अनुसार थोड़ेथोड़े समय बाद टौवेल बदल लेना चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर टौवेल को धोने के बाद भी उस में से स्मैल आ रही है तो समझ जाएं कि इस के फाइबर में बैक्टीरिया की मौजूदगी के कारण ऐसा हो रहा है. अत: उसे तुरंत बदल लें.

ये भी पढ़ें- चमकें बर्तन चमाचम

टौवेल शेयर की आदत से बचें

शेयरिंग इज केयरिंग अच्छा है, लेकिन टौवेल शेयर के संबंध में यह बात बिलकुल सही नहीं है क्योंकि आप जिस के साथ टौवेल शेयर कर रहे हैं, हो सकता है उसे बैक्टीरियल इन्फैक्शन हो. ऐसे में अगर आप वही टौवेल इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप को भी वही इन्फैक्शन होने का डर बना रहता है. गीले टौवेल में फंगी भी तेजी से पनपती है, जो फंगल इन्फैक्शन का कारण बन सकता है. इस से आप को गंभीर यूरिन इन्फैक्शन तक हो सकता है, इसलिए टौवेल शेयर करने की आदत से बचें.

क्या कहती है रिसर्च

लव 2 लौन्ड्री की रिसर्च के अनुसार, कुछ लोग प्रत्येक उपयोग के बाद अपने टौवेल को धोते हैं, जबकि अन्य लोगों को तो यह भी याद नहीं होता कि उन्होंने आखिरी बार कब धोया था. सर्वे में शामिल लोगों से ज्ञात हुआ कि 46% लोग हफ्तेभर तक एक ही तौलिए का इस्तेमाल करते, जबकि 9% लोग महीनेभर से भी ज्यादा.

यह सीधे तौर पर उन्हें संक्रमित करने का काम करता है क्योंकि जब आप नहाने के बाद खुद को ड्राई करने के लिए टौवेल का इस्तेमाल करते हैं, तो उस से डैड स्किन सैल्स टौवेल में ट्रांसफर हो जाते हैं और फिर मौइस्चर के संपर्क में आ कर उस में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और फिर जब हम दोबारा बिना धोए उसी टौवेल का इस्तेमाल करने लगते हैं तो हम बड़ी आसानी से बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाते हैं, जिस से इन्फैक्शन, ऐलर्जी, स्किन पर जलन, दाने, स्किन का रैड हो जाना जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं. इसीलिए जरूरी है टौवेल हाइजीन का ध्यान रखना.

ये भी पढ़ें- 9 टिप्स: ऐसे दें किचन को स्टाइलिश लुक

ब्यूटी सोप से निखारें Skin

गोरी काया हर स्त्री की चाहत होती है. पहले महिलाएं अपने कामकाज से समय निकाल कर बेसन, चंदन, हलदी व मुलतानी मिट्टी के लेप बना कर अपनी त्वचा पर लगाती थीं, परंतु आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में इतना समय कहां. शरीर में चेहरे की त्वचा सब से ज्यादा संवेदनशील होती है और भागमभाग से भरपूर दिनचर्या का सब से ज्यादा बुरा असर इसी पर पड़ता है. यदि सही देखभाल न की जाए तो हवा के थपेड़ों व धूप की तपिश से चेहरे की त्वचा अपनी आभा खोने लगती है.

त्वचा के प्रकार

यदि 2 से 4 घंटों के अंतराल पर आप को अपनी त्वचा चिपचिपी प्रतीत होती है तो त्वचा का स्वभाव तैलीय है और इस प्रकार की त्वचा के रखरखाव की ज्यादा जरूरत होती है.

घर से बाहर निकलने के कुछ समय बाद ही यदि आप त्वचा में खिंचाव महसूस करती हैं तो आप की त्वचा रूखी है.

यदि धूप और हवा का असर त्वचा पर तुरंत नजर आने लगे तो आप की त्वचा अति संवेदनशील है.

ये भी पढ़ें- स्क्रबिंग से करें स्किन की देखभाल

सांवलेपन का कारण

त्वचा का सीधे तेज धूप में संपर्क में आना, सांवलेपन का प्रमुख कारण है. सूर्य की पराबैगनी किरणें और तपिश त्वचा के बाहरी आवरण को नुकसान पहुंचाती हैं. त्वचा पर जमा होती गंदगी त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर देती है और इन से निकलने वाले पोषक तत्त्व निष्क्रिय हो जाते हैं. इन कारणों से ब्लैक स्पौट, पिगमैंटेशन व सांवलेपन की समस्या पैदा हो जाती है.

त्वचा का रखरखाव

ब्यूटी सोप त्वचा की देखभाल करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथसाथ आप को तरोताजा भी रखता है. परंतु ब्यूटी सोप का चुनाव करते समय सावधानी बरतना जरूरी है. इसे खरीदने से पहले प्रोटीन फार्मूला व सौंदर्य निखारने वाले अन्य तत्त्वों की जानकारी अवश्य लें. ध्यान रखें कि सोप में कैमिकल की मात्रा ज्यादा न हो, क्योंकि यह त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है.

अपने चेहरे पर दिन में कई बार पानी का छिड़काव कर साफ करें. इस से गंदगी भी साफ होगी और त्वचा की आभा भी बनी रहेगी.

अच्छे ब्यूटी सोप से अपने चेहरे को साफ करें.

ब्यूटी सोप का इस्तेमाल करने से पहले रुई के फाहे में गुलाबजल डाल कर चेहरे को हलके हाथों से साफ करें.

ये भी पढे़ं- 4 Tips: अब न हों दो मुंहे बालों से परेशान

बौयफ्रैंड डैडी

कृति औफिस में काम कर रहे अपने पिता को जबतब फोन कर देती है. कभी किसी रेस्तरां में चलने, तो कभी किसी नई फिल्म के लिए फ्रैंड के घर जाने या किसी पार्टी में जाने के लिए. कृति हर जगह अपने डैडी को ले जाना पसंद करती है. इसलिए नहीं कि उस के डैडी बाकी फ्रैंड्स के पिताओं की तुलना में यंग हैं बल्कि इसलिए क्योंकि उसे अपने डैडी की कंपनी काफी पसंद है. कृति के पिता न सिर्फ अपनी इकलौती बेटी की जरूरतों का खयाल रखते हैं बल्कि उस की हर छोटी से बड़ी बात भी उस के बोलने से पहले ही सम  झ जाते हैं.

दरअसल, कृति के पिता चाहे कितने भी व्यस्त क्यों न हों, अपनी प्यारी बिटिया के लिए हमेशा फ्री रहते हैं. यही वजह है कि स्कूल के टीचर्स से ले कर कृति के फ्रैंड्स तक सब कृति के पिता की मिसाल देते हैं.

बेटी-पिता की दोस्ती

एक वक्त था जब बेटियों को घर की इज्जत मान कर उन्हें पाबंदियों में रखा जाता था. पहननेओढ़ने से ले कर उन की हर चीज पर नजर रखी जाती थी. लेकिन अब फादर काफी बदल गए हैं. वे बेटियों पर लगाम लगाने के बजाय उन की हर इच्छा को अपनी इच्छा सम  झ कर पूरी करते हैं. फिर चाहे बात कपड़ों की हो अथवा घूमने की. बदलते वक्त के साथ अब यह प्यार और ज्यादा गहरा हो चला है.

बेटियों को मिलने लगी है स्पेस

ऐसी नहीं है कि पिता हर वक्त बेटियों पर चिपके ही रहते हैं बल्कि अब बेटियां ही पिता के साथ वक्त बिताना पसंद करने लगी हैं. कृति के स्कूल में कई दोस्त ऐसे भी हैं जो कृति को अकसर चिढ़ाते हैं कि देखों कृति आज अपने बौयफ्रैंड के साथ आई है. लेकिन बजाय इस बात पर चिढ़ने के कृति इसे मजाक के रूप में लेती है और फख्र से सब के सामने बोलती है हां मेरे पापा मेरे बौयफ्रैंड हैं. किसी को कोई दिक्कत? कृति का यह रूप देख कर हरकोई मुसकराए बिना नहीं रह पाता.

ये भी पढ़ें- क्या परफैक्ट होते नुक्स निकालने वाले पति

कुछ अलग है यह रिश्ता

पापाबेटी का रिश्ता अलग होता है. कुछ खट्टा होता है तो कुछ मीठा है. कभी बेशुमार प्यार होता है तो कभी खटपट भी होती है. बदलते वक्त के साथ मातापिता में काफी बदलाव आया है. ऐसा नहीं है कि उन की मनमरजियां पूरी कर के वे उन्हें बिगाड़ रहे हैं बल्कि आजकल मातापिता बच्चों के साथ कदमताल करते हुए चल रहे हैं. एक समय था जब मातापिता में जैनरेशन गैप आ जाता था, लेकिन समय के साथ मातापिता ने खुद को काफी हाइटैक कर लिया है. यही वजह है कि बच्चे चाह कर भी मातापिता को नजरअंदाज नहीं कर पाते.

ऐसा नहीं है कि बच्चे मातापिता को कहीं ले कर नहीं जाना चाहते या फिर बच्चे सिर्फ स्कूल मीटिंग तक ही मातापिता को सीमित रखना चाहते हैं बल्कि बेटियां पिता की कंपनी को बखूबी ऐंजौय करती हैं पार्टियों में कृति अकसर अपने पिता के साथ डांस करती नजर आ जाती है. पिता के साथ खिलखिलाती है.

जब रिश्ता न हो अच्छा

कई मातापिता बच्चों पर पाबंदी लगा देते हैं. उन्हें कई आनेजाने नहीं देते, लेकिन ऐसा करने से न सिर्फ बच्चों के विकास पर फर्क पड़ता है बल्कि मातापिता बच्चों का नजरिया भी बदलने लगता है. टीनएज ऐसी उम्र होती है जिस में बच्चे अकसर मातापिता को गलत सम  झने लगते हैं. उन्हें अपना दुश्मन मान बैठते हैं, अत: बच्चों के हमदर्द बनें. उन से उन की तकलीफ पूछें क्योंकि इस ऐज में बच्चे अकसर विद्रोही बन जाते हैं. उन्हें प्यार से समझाएं कि उन के लिए क्या गलत है और क्या सही. उन्हें घुमाने ले जाएं.

हो सकता है कि आप के पास वक्त की कमी हो, लेकिन बच्चों को समय की जरूरत होती है. छुट्टी के दिनों घुमाने ले जाएं, फिल्म दिखाएं, बाहर खाना खिलाएं. इस से धीरेधीरे आप को रिश्ता भी मधुर हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- ऐसे बनें गुड Husband-Wife

फैमिली के लिए बनाएं गुड़ के चावल

गुड़ हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है. लेकिन क्या आपने कभी गुड़ के चावल रेसिपी ट्राय की है. आइए आपको बताते हैं गुड़ से बने चावल की रेसिपी.

सामग्री गुड़ सिरप की

–   21/2 कप पानी

–  450 ग्राम गुड़ कटा

–  1/2 छोटा चम्मच सौंफ

–  नमक स्वादानुसार.

सामग्री गुड़ चावल की

–  1 बड़ा चम्मच घी

–  15-20 किशमिश

–  40-50 ग्राम नारियल सूखा व कटा

–  3 कप बासमती क्लासिक चावल 20 मिनट भीगे

–  4 कप पानी

–  तैयार गुड़ का सिरप

–  2-3 बड़े चम्मच गुड़ कटा.

ये भी पढ़ें- Summer Special: गर्मियों में ठंडक देंगी ये 4 स्मूदी

सामग्री गार्निशिंग की

–  पिस्ता कटा

–  थोड़ी सी पुदीनापत्ती

–  सिल्वर वर्क

–  थोड़ी सी गुलाब की पत्तियां

–  थोड़े से केसर के धागे.

विधि गुड़ सिरप की

एक गहरे तले वाले सौस पौट में पानी, गुड़, सौंफ व इलाइची डाल कर मीडियम आंच पर चलाते हुए पकाएं. अब इस में गुड़, चुटकीभर नमक डाल कर तब तक चलाते हुए पकाएं, जब तक गुड़ अच्छी तरह पिगल न जाए.

विधि गुड़ चावल की

एक गहरे पौट में घी, किशमिश व सूखे नारियल को डाल कर मीडियम आंच पर तब तक पकाएं जब तक किशमिश फूल न जाए. अब इस में बासमती चावल डाल कर कुछ मिनट तक अच्छी तरह मिलाएं. अब इस में पानी डाल कर मिलाएं. फिर ढक्कन से कवर कर इसे मीडियम आंच पर 70% पकने तक पकाएं. फिर इस में गुड़ सिरप डाल कर मिलाएं और पुन: इसे ढक कर मीडियम आंच पर पकाएं. एक बार जब चावल पक जाएं तो आंच बंद कर इस में गुड़ डाल कर ढक्कन से ढक कर कुछ मिनट के लिए रख दें ताकि गुड़ भाप से पिघल जाए. आखिर में इसे अच्छी तरह मिला कर पिस्ता, पुदीना, सिल्वर वर्क, गुलाब की पत्तियों व केसर के धागे से गार्निश कर गरमगरम सर्व करें.

ये भी पढ़ें- कुछ मिनटों में ऐसे बनाएं ओट्स इडली

Retro लुक में पोज देती दिखीं Shehnaaz Gill, फोटोज वायरल

Bigg Boss 13 फेम एक्ट्रेस और सिंगर शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) अपनी फिटनेस और फैशन के लिए फैंस के बीच छाई रहती हैं. वहीं उनके बिग बॉस 13 की जर्नी को भी फैंस पसंद करते हैं, जिसके चलते वह सोशलमीडिया पर चर्चा में रहती हैं. इसी बीच शहनाज गिल की कुछ फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें वह रेट्रो लुक में नजर आ रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं शहनाज गिल के लेटेस्ट लुक की झलक…

रेट्रो लुक में दिखीं शहनाज

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Shehnaaz Gill (@shehnaazgill)

बिग बॉस 13 के बाद वेट ट्रांसफौर्मेशन के चलते शहनाज गिल नया नया फैशन अपनाती नजर आ रही हैं. हाल ही में शहनाज गिल ने मशहूर फोटोग्राफर डब्बू रतनानी संग एक फोटोशूट किया है, जिसमें वह रेट्रो लुक में नजर आ रही हैं. फैंस को शहनाज गिल का ये फोटोशूट काफी पसंद आ रहा है. वहीं एक्ट्रेस की फोटोज सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं.

ये भी पढ़ें- न्यू लुक में बेबी बंप फ्लौंट करती दिखीं Sonam Kapoor, Photos Viral

पहले भी कर चुकी हैं फोटो शेयर

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Shehnaaz Gill (@shehnaazgill)

रेट्रो लुक के अलावा फोटोग्राफर डब्बू रतनानी संग शहनाज गिल ने बीते दिनों कुछ फोटोज शेयर की थीं, जिसमें वह व्हाइट शर्ट और फ्रिल हाई वेस्ट पर्पल पैंट्स पहने डब्बू रतनानी संग पोस्ट देती नजर आ रही थीं. शहनाज गिल का ये लुक भी रेट्रो वाइब्स दे रहा था, जिसे फैंस ने काफी पसंद किया था.

फैंस के बीच छाई रहती हैं शहनाज

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Shehnaaz Gill (@shehnaazgill)

बीते दिनों बिग बौस 15 में शहनाज गिल सिद्धार्थ शुक्ला को ट्रिब्यूट देती हुई नजर आईं थीं, जिसमें वह इमोशनल हो गई थीं. हालांकि फैंस ने उनका साथ दिया था. वहीं इसके अलावा भी वह अपने इंटरव्यू में सिद्धार्थ के साथ अपनी कैमेस्ट्री के बारे में कहानियां शेयर करती आई हैं, जिसे फैंस ने काफी पसंद किया है.

बता दें, शहनाज गिल और सिद्धार्थ शुक्ला की जोड़ी बिग बॉस 13 की फेमस जोड़ी थी. हालांकि सिद्धार्थ शुक्ला के निधन के बाद भी फैंस दोनों को #sidnaaz  कहकर बुलाते रहे हैं.

ये भी पढ़ें- 21 सालों में बदला ‘मोहब्बतें’ की ‘किरण’ का अंदाज, देखें फोटोज

फोटो क्रेडिट- डब्बू रतनानी

अच्छी फिल्म में छिछोरा गाना डालना बेवकूफी है- शान

बौलीवुड गायक शान किसी परिचय के मुहताज नहीं हैं. बंगाली होते हुए भी वे हिंदी, उर्दू, पंजाबी, बंगला, तमिल, मराठी व गुजराती सहित 11 भाषाओं में गाते हैं. वे ‘यूनेस्को’ के लिए भी गीत गा चुके हैं.

प्रस्तुत हैं, शान से हुई बातचीत के अंश:

यदि आप अपने पूरे कैरियर पर निगाह डालते हैं, तो क्या पाते हैं?

मेरी अब तक की इस सफल यात्रा में कई लोगों का बेहतरीन साथ और प्यार मिला है. लोगों ने अच्छे समय में तो साथ दिया ही, पर जब समय ज्यादा अच्छा नहीं चल रहा था, उस वक्त भी मु?ो याद रखा. यह बात एक कलाकार के लिए बहुत माने रखती है. जब एक कलाकार अपने कैरियर की बुलंदियों पर होता है, तब लोग उस के पीछे भागते हैं, मगर जैसे ही उस के कैरियर में गिरावट आती है, तो वे तुरंत उस से दूरी बना लेते हैं.

इन दिनों आप आने वाली फिल्म ‘छिपकली’ के लिए स्वरबद्ध गीत ‘मैं जिंदा हूं…’ को ले कर चर्चा में हैं?

फिल्म के निर्माता मीमो मूलत: बहुत बेहतरीन संगीतकार हैं. उन्होंने कई बंगला फिल्मों में संगीत दिया है. मैं ने उन की कई बंगाली भाषा की फिल्मों के लिए भी गाया है. अब उन्होंने एक हिंदी भाषा की फिल्म ‘छिपकली’ बनाई है. मेरे लिए मीमो राय छोटे भाई जैसे हैं. आज फिल्म निर्माण में अपना पैसा लगा कर कई लोग बुरी तरह से घायल भी हुए हैं. इसलिए मैं मीमो को ले कर कुछ ज्यादा ही कंसर्न हूं. लेकिन बिना छलांग लगाए कहीं पहुंचा भी नहीं जा सकता.

मैं ने इस फिल्म में एक गाना ‘मैं जिंदा हूं…’ को मीमो के ही संगीत निर्देशन में गाया है. यह बहुत खूबसूरत व जज्बाती गाना है. फिल्म में यह गाना उस सिचुएशन में आता है, जहां किरदार को लगता है कि उस ने खुद ही अपनी बीवी की हत्या की है. फिल्म में जिस तरह के हालात हैं, उस से यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि उस के अलावा कौन हत्या कर सकता है? लेकिन उसे पता है कि उस ने ऐसा कुछ नहीं किया है.

यह बैकग्राउंड सौंग है, मगर इसे गाते हुए मजा आया. जब गाने के साथ अच्छे विजुअल हों, तो गाने में मदद मिलती है जब आप खुद किसी गाने का लेखन करने के बाद उस की संगीत की धुन बना कर खुद अपनी आवाज में गाते हैं. जब आप खुद संगीत की धुन बनाते हैं, तो उसे आप कंफर्ट जोन में बनाते हैं.

ये भी पढ़ें- गोदभराई के लिए नई दुल्हन की तरह तैयार हुईं Debina Bonnerjee

जब अलबम का जमाना था और एक अलबम में 8 से 10 गाने हुआ करते थे. उस वक्त आप ने काफी गीत गाए. अब सिंगल का जमाना आ गया है. यह कितना सुकून देता है?

हमें भी जमाने के साथ ही चलना होता है. पहले हर गाना 5 से 51/2 मिनट का हुआ करता था. अब गाने की लंबाई कम हो गई है. अब लोगों के पास वक्त ही नहीं है. पहले होता यह था कि आप ने गाने के अलबम की सीडी खरीद ली है, तो जब आप को समय मिला आप ने अपनी पसंद का गाना सुन लिया. आप एक बार नहीं कई बार सुन लेते थे. इस तरह आप गाने के साथ जुड़ जाते थे और आप सीडी या गाना तभी खरीदेंगे, जब आप सुनिश्चित हों कि गायिक या गीत में कुछ बात है.

आप ने पहले कहीं कुछ सुना हो और आप के मन में आए कि अब मुझे इसे फिर से सुनना है. इस वजह से उस की कीमत/वैल्यू हुआ करती थी. अब उस की वैल्यू नहीं रही. इस के बावजूद आप को एक सिंगल गाना निकाल कर सिक्सर मारना है, जोकि बहुत ही कठिन काम हो गया है. इसी के चलते गायक व संगीतकार ही नहीं गीतकार पर भी दबाव बढ़ गया है. ऐसे में इंसान रचनात्मक स्तर पर कन्फ्यूज्ड हो जाता है कि क्या करे?

आईपीएल, प्रो.कबड्डी लीग की तर्ज पर आप ने कुछ लोगों के साथ मिल कर ‘इंडियन म्यूजिक लीग…’ बनाई है. इस के पीछे  क्या सोच है?

संगीत के साथ कुछ बड़ा करने की सोच है. आप देख रहे होंगे कि टीवी के रिएलिटी शो में जज या स्पैशल गैस्ट खुद पर फार्म कर रहे हैं. गा रहे हैं तो इस में एक बात यह है कि जब कोई नया सिंगर/गायक गा रहा होता है, तब ये लोग बातें तो बड़ीबड़ी करते हैं कि आप को इस तरह से गाना चाहिए था वगैरहवगैरह पर यह खुद कर के दिखाएं, यह बात लोगों के दिमाग में आती है. तो हमें भी यह मौका मिला कि स्टेज पर जाएं, परफौर्म करें, जिसे लोग देखें.

इस शो के फार्मेट में कुछ बातें होती हैं कि कंपीटीशन कर दें. कंपीटीशन में किसी की हार या जीत होती ही है. कभीकभार सोच नैगेटिव की ओर जा सकती है. कुछ लोगों के मन में होता है कि हम खेल रहे हैं, तो जीत कर ही जाएं. इस में एक अलग जज्बा और जज्बात भी निकलते हैं. कुल मिला कर बहुत अच्छा अनुभव रहा.

अगर बच्चों की बात कर रहे हैं, तो एक रिएलिटी शो के बाद किसी बच्चे को सिंगर बनने का अवसर नहीं मिल पाता. पर बच्चा अपने मातापिता की देखरेख में है. दूसरी बात उस बच्चे की समझ में यह बात आ जाती है कि मेरे अंदर जो प्रतिभा है, उस का स्तर क्या है. कहां तक मैं इस प्रतिभा के बल पर पहुंच पाऊंगा. उस के बाद उस पर निर्भर करता है कि वह और अधिक मेहनत कर खुद की प्रतिभा को तराश कर और बेहतर बनाता है या वह सोचे कि मुझ से बेहतर लोग हैं, इसलिए मैं अपना बोरियाबिस्तर यहीं पर बांध लूं.

जब संगीत पैशन बना जाता है, तब उस से अलग होना मुश्किल हो जाता है. आप खुद देख लीजिए कि कितने गायक सफल हो पाए हैं. रिएलिटी शो से चमकने वाले मुश्किल से 2 या 3% गायक ही सफलता के पायदान पर हैं. फिर भी आप ने कभी यह नहीं सुना होगा कि हां पहले मैं गाना गाया करता था, लेकिन आजकल मैं डाक्टर हूं. आप को ऐसे लोग जरूर मिलेंगे, जो पहले इंजीनियर या डाक्टर थे, वे अब गायक या संगीतकार अथवा अभिनेता बने हुए हैं.

सच यही है कि संगीत या कला का जनून कभी पीछा नहीं छोड़ता. यह हर मातापिता पर निर्भर करता है कि वे किस तरह अपने बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं.

ये भी पढ़ें- शादी की खुशी में सुबह 3 बजे डांस करती दिखी Anupama!

टीवी के रिएलिटी शो का हिस्सा बनने के बाद संगीत के जनून से कहीं ज्यादा टीवी से मिली शोहरत उस पर हावी रहती है?

जी हां, ऐसा स्वाभाविक है. सभी युवा लड़केलड़कियों में इतनी परिपक्वता तो नहीं होती है कि वे शोहरत व सफलता के बीच के अंतर को समझ सकें. ऐसे में वे टीवी पर मिली शोहरत को ही सफलता समझ बैठते हैं.

सफलता तो तब मिलेगी, जब आप का अपना मौलिक गाना सामने आएगा. अभी तो जो शोहरत मिली है, वह अस्थाई है. सफलता का अर्थ होता है कि लोग कई वर्षों तक आप को आप के काम की वजह से याद रखते हैं. इंस्टाग्राम का जमाना है. टीवी पर शोहरत बड़ी आसानी से मिल जाती है. लोग इंस्टाग्राम के फौलोअर्स देख कर खुद को महान मानने लगते हैं.

जब आप ने कैरियर शुरू किया उन दिनों लाइव रिकौर्डिंग हुआ करती थी. अब ‘की बोर्ड’ व ट्यूनिंग वाला जमाना आ गया है. यह संगीत को कितना नुकसान पहुंचाता है?

शुरूशुरू में मैं ने 1-2 गाने ही लाइव रिकौर्ड किए थे. मसलन, फिल्म ‘राजू चाचा’ का गाना. पर अब ट्यूनिंग वाला जमाना आ गया है. ‘की बोर्ड’ एक सहूलियत है. संगीत को आप बेहतर बना रहे हो. हमें संगीत बनाना है, उस की ट्यूनिंग करनी है. मगर आप ऐसा कुछ गा रहे हो, जिस में दम नहीं है सिर्फ ट्यूनर चल रहा है. ऐसे में श्रोता को चुन कर सुनना है. यदि 4 में से 3 गाने अच्छे रखेंगे, तो लोगों को पता चल जाएगा कि कौन सा गाना खराब है. मेरी राय में की बोर्ड या कंप्यूटर को संगीत की गिरावट के लिए दोष देना गलत है.

सवाल यह है कि ‘की बोर्ड’ रूपी मशीन का हम उपयोग किस तरह से कर रहे हैं? वर्तमान समय में गायक व संगीतकार इस मशीन का उपयोग करने के बजाय इसे ऐब्यूज कर रहे हैं. पर अच्छे गाने देर से ही सही अपनी जगह बना ही लेते हैं.

जब से लाइक व व्यूज की गिनती शुरू हुई है, तब से एक अलग नजरिया बन गया है. अब लोग लाइक्स या व्यूज की संख्या देख कर ही गाना सुनना चाहते हैं. पर लाइक य व्यूज को ले कर किस तरह की धांधलेबाजी होती है, किस तरह का खेल होता है, इस से लोग अनभिज्ञ होते हैं. 60 के दशक के गाने ‘लग जा गले…’ को आज भी लोग सुनना चाहते हैं. उस वक्त यह गाना सफल न होता, तो आज लोग इसे कैसे जानते.

इसलिए गाने का शुरू में चलना जरूरी है. मगर यदि शुरू में ही गाने को दफना दिया गया हो, तो वह कहां से आगे बढ़ेगा? इस गाने पर अच्छी मार्केटिंग हो रही हो और उस में बड़े स्टार हैं तो उस का आगे जाना तय है. ऐसे में इस तरह के गाने का अच्छा बनना जरूरी है.

लेकिन ऐसे गानों में भी संगीत पर काम नहीं हो रहा है?

हर किसी की अपनी सोच है. मैं यह मानता हूं कि जिम्मेदारी वाला काम नहीं हो रहा है. सिर्फ ‘हिट’ काम हो रहा है. इसलिए गानों में नयापन नहीं आ रहा है. अच्छी फिल्म के साथ अच्छा गाना होना चाहिए. बड़े बजट की अच्छी फिल्म में छिछोरा गाना डालना मूर्खता ही है.

ये भी पढ़ें- ‘दीया और बाती हम’ की ‘संध्या’ ने इसलिए छोड़ी थी TV इंडस्ट्री

गोदभराई के लिए नई दुल्हन की तरह तैयार हुईं Debina Bonnerjee

टीवी एक्ट्रेस देबीना बनर्जी (Debina Bonnerjee) जल्द ही मां बनने वाली हैं, जिसके चलते वह सोशलमीडिया पर फैंस के साथ अपनी अपडेट्स शेयर करती रहती हैं. इसी बीच एक्ट्रेस ने अपनी गोदभराई सेरेमनी की फोटोज (Debina Bonnerjee Godbharai Photos) शेयर की हैं, जिसे देखकर फैंस तारीफ करते नजर आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं देबीना बनर्जी की गोदभराई की फोटोज…

गोदभराई की फोटोज हुई वायरल

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Debina Bonnerjee (@debinabon)

हाल ही में देबिना बनर्जी ने गोद भराई की रस्मों की फोटोज शेयर की हैं, जिसमें वह नई दुल्हन की तरह तैयार होकर पोज देती नजर आ रही हैं. वहीं अपना बेबी बंप फ्लौंट करती हुई नजर आ रही हैं. फोटोज देखने के बाद जहां फैंस और सेलेब्स एक्ट्रेस पर जमकर प्यार लुटा रहे हैं तो वहीं इस खुशी के दिए बधाई देते हुए नजर आ रहे हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Debina Bonnerjee (@debinabon)

ये भी पढ़ें- शादी की खुशी में सुबह 3 बजे डांस करती दिखी Anupama!

हो चुकी हैं ट्रोल

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Debina Bonnerjee (@debinabon)

सुर्खियों में रहने की बात करें तो एक्ट्रेस देबिना बनर्जी हाल ही में ट्रोलिंग का शिकार हो चुकी हैं. दरअसल, एक्ट्रेस प्रैग्नेंसी के दौरान हील्स पहनती हुई नजर आईं थीं, जिसके चलते वह ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई थीं. हालांकि एक्ट्रेस देबिना ने ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया था. वहीं उनका साथ पति गुरमीत चौधरी भी देते नजर आए थे.

शादी के 11 साल बाद बनेंगी मां

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Gurmeet Choudhary (@guruchoudhary)

एक्टर गुरमीत चौधरी (Gurmeet Chaudhary) के साथ शादी करने वाली एक्ट्रेस देबिना बनर्जी  (Debina Bonnerjee) शादी के 11 साल बाद मां बनने वाली हैं. हालांकि इस दौरान दोनों के तलाक की खबरें भी सोशलमीडिया पर छाई हुई थीं. लेकिन कपल ने इन खबरों को केवल अफवाह बताया था. वहीं अब दोनों अपने पेरेंट्स बनने की खुशी का एहसास करते नजर आ रहे हैं, जिसका अंदाजा सोशलमीडिया पर शेयर की गई फोटोज से लगाया जा सकता है. फैंस दोनों को नजर ना लगने की बात कहते नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- ‘दीया और बाती हम’ की ‘संध्या’ ने इसलिए छोड़ी थी TV इंडस्ट्री

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें