क्या फायदा ऐसे धर्म का

महंगे परिधानों और गहनों से लदी महिलाएं जब बड़ीबड़ी गाडि़यों से राजाओं की तरह सजेधजे अपने पतियों के संग उतरीं तो सभी की नजरें उसी ओर घूम गईं.

उन के स्वागत और सम्मान में हाल के मुख्यद्वार पर कुछ लोग फूलमालाएं ले कर खड़े थे और उन्हें सब से आगे की तरफ ले जा रहे थे. सब से आगे उन के लिए महंगे सोफे लगे थे जिन पर जा कर वे लोग विराजमान हो गए.

पीछे बैठे लोग भी समझ गए थे कि वे जरूर बड़ी हस्ती के लोग हैं. दरअसल, आज जो महान विभूति यहां प्रवचन देने आए हैं, ये उन के उच्च स्तरीय शिष्यों के परिवार के लोग हैं, जिन्हें यहां खास स्थान मिला है.

ऐसा नजारा देश के किसी भी कोने में चले जाएं हर जगह देखने को मिल जाएगा. अब प्रवचन भी तो एयरकंडीशंड कमरों में होते हैं जहां एअरकंडीशंड लंबी गाडि़यों में आने वालों का खास ध्यान रखा जाता है.

सत्संग की महिमा

नेहा जब विवाह कर अपनी ससुराल में गई तो उस के यहां इष्ट देव को पूजने जाने का रिवाज है. सब बड़ी गाड़ी ले कर वहां पहुंच गए, गरमी बहुत तेज थी और लंबी कतार में खड़े होने के बाद दर्शन हो रहे थे. नेहा ने मन ही मन सोचा आज तो गरमी में शरीर का बेहाल हो जाएगा. किंतु कतार छोड़ आगे भेज दिया गया और

जल्दी से दर्शन कर बड़ी रकम भेंट चढ़ा कर वे लौट आए.

उस के सास व ससुर बहुत प्रसन्न थे कि झट से काम हो गया. किंतु नेहा की तीसरी आंख खुल गई थी, उस से रहा न गया तो अपनी अफसर सास से पूछ, ‘‘बैठी कि मां यह क्या हम इष्ट देव के यहां भी अपनी पहचान और रूतबे से दूसरों को पीछे छोड़ आग निकल जाते हैं? क्या फायदा ऐसे धर्म का? कम से कम वहां तो सभी को बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए?

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‘‘बेटी यह तो पिछले जन्म के संस्कार हैं जिन के कारण आज हमें यह पद और रुतबा मिला है सो इस में कोई बुराई नहीं.’’

नेहा को बात कुछ हजम नहीं हुई, किंतु अपने पद की धौंस और रुतबा दिखाने वाली सास के आगे चुप रहने में ही समझदारी लगी.

इसी तरह सौफ्टवेयर प्रोफैशनल रीता अपने गुरु के सत्संग में हर रविवार जाती है और अपने आसपास रहने वाले व दफ्तर के लोगों के सामने इस सत्संग की महिमा का बखान करते नहीं थकती. यहां तक कि वह लोगों को इस समूह से जोड़ने के लिए खूब कोशिश भी करती है ताकि उस के गुरु के समक्ष उस का रुतबा बढ़ सके.

धर्म का हथियार

दफ्तर में उस के उच्च पद पर आसीन होने के कारण उस के नीचे कार्यरत कई लोग इस समूह से सिर्फ इसलिए जुड़े कि बौस अन्यथा न लें. इस में उन गुरु के प्रति उन की कोई भावना नहीं थी, किंतु नौकरी में तरक्की की लालसा उन्हें यहां तक खींच लाई थी.

समझ में नहीं आया कि शिक्षित हो कर रीता यह सब क्यों कर रही थी. हो सकता है उसे भी अंदर ही अंदर कोई अन्य लाभ हो या फिर यह सिर्फ उस की अंधविश्वासी प्रवृत्ति हो जिस की चपेट में उस के संपर्क में आने वाले लोग भी आए और वह भी सिर्फ उस की धौंस के कारण.

इसी तरह के न जाने कितने उदाहरण हमारे आसपास मिल जाएंगे जिन से महसूस होता है कि इतना पढ़लिख कर भी जाति, वर्ण, अमीरी, धर्म का असर और गहरा हो रहा है, कमजोर नहीं हो रहा. शिक्षा से तर्क का कोई वास्ता नहीं रहा. अमीरों को अपनी अमीरी बनाए रखने के लिए धर्म का हथियार मिल गया है. पूजापाठ और कर्मों का फल कह कर गरीबों का मुंह बंद रखने को तैयार तरीका किया गया है.

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TMKOC: जेठालाल के सामने पड़ेंगे तारक मेहता को कोड़े! पढ़ें खबर

सीरियल अनुपमा को टक्कर देते हुए इस बार कौमेडी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा टीआरपी चार्टस में पहले नंबर पर आ गया है. वहीं सुर्खियों में रहने वाले शो के सितारे इस खबर से काफी खुश है. क्योंकि बीते दिनों कई सेलेब्स के शो छोड़ने की खबर से दर्शक काफी नाराज नजर आए थे. इसी बीच मेकर्स शो को और भी दिलचस्प बनाने के लिए तारक मेहता पर कोड़े बरसाते हुए नजर आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

तारक मेहता पर चढा करेले का भूत

अब तक आपने देखा कि पत्नी अंजलि के डाइट प्लान से बचने के लिए तारक मेहता ने करेले के भूत से सभी को डरा दिया था. वहीं सोसायटी छोड़ने का भी फैसला कर लिया था. लेकिन डौक्टर और तांत्रिक की मदद से अब गोकुलधामवासी तारक मेहता का इलाज करते हुए नजर आने वाले हैं.

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तांत्रिक की होगी एंट्री

तारक मेहता की तबीयत खराब होते देख अपकमिंग एपिसोड में भूत भगाने वाले तांत्रिक को गोकुलधाम के लोग बुलाने वाले हैं. दरअसल, तांत्रिक बाबा कोड़ो की मार और जलते अंगारों पर चलाकर तारक मेहता के सिर से करेले का भूत निकालने वाले हैं. हालांकि इस दौरान जेठालाल भी कुछ नहीं कर पाएगा. लेकिन तारक मेहता को इस मुसीबत से निकालने के लिए टप्पू सेना प्लान बनाती नजर आएगी.

शो के सितारे हैं सुर्खियों में

शो के सितारों की बात की जाए तो बबीता जी यानी एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं. जहां बीते दिनों बिग बॉस 15 में नजर आने से मुनमुन दत्ता के शो छोड़ने की अफवाह उड़ी थी तो वहीं टप्पू यानी राज अनादकट ने भी शो को अलविदा कहने का फैसला कर लिया था. हालांकि दर्शकों का प्यार देखकर वह शो को अलविदा नहीं कह पाए थे.

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इन 8 ब्यूटी सीक्रेट्स से पाएं नई पहचान

आजकल का दौर ऐसा है कि हर स्मार्ट लड़की हमेशा चमकते और दमकते रहना चाहती है. और हो भी क्‍यों न, इससे अंदर से कांफिडेंस आता है जिससे आप हंसते-हंसते कई कामों को आसानी से कर सकती हैं. चलिए जानते हैं कि क्‍या हैं वह ब्‍यूटी सीक्रेट्स जो दे सकते हैं आपको एक नई पहचान.

  • काजल और लिपलाइनर हमेशा लगाएं 

8 beauty secrets

 काजल भारतीय स्त्री की खूबसूरती में हमेशा ही चार चांद लगाता है. यह आंखों का आकर्षण बढाने का आसान तरीका है. इसी तरह लिपलाइनर भी लगाना जरूरी होता है, क्योंकि यह लंबे समय तक टिकता है और फैलता भी नहीं है. अगर आप अपनी पसंदीदा लिपस्टिक लगा रही हैं तो साथ में लिपलाइनर लगाना न भूलें

  • सनस्क्रीन जरूर लगाएं 

8 beauty secrets

सनस्‍क्रीन सौंदर्य बढाने में मदद तो नहीं करती बल्कि त्वचा को धूप की तेज अल्ट्रावौयलेट किरणों से सुरक्षा जरुर प्रदान करती है. धूप से बचने के लिए हर चार घंटे में सनस्क्रीन का प्रयोग करना जरूरी है. अगर आप इसका प्रयोग नहीं करेगीं तो संवाली होने का डर भी रहेगा. साथ ही ब्राउन स्पौट और झुर्रियां भी इन्हीं के कारण होती है. इसलिए चाहे घर पर रहे या बाहर निकलें, लेकिन सनस्क्रीन जरूर लगाएं.

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  • हर दूसरे दिन शैंपू: 

8 beauty secrets

भारतीय युवतियों की सबसे आम समस्या है बालों का रूखापन, क्योंकि हर दूसरी स्त्री कामकाजी है और चारों तरफ प्रदूषण का सामना, धूप का प्रकोप, काम का बोझ और स्ट्रेस का सामना करती है. सबसे बडी बात यह कि स्त्री चाहे किसी भी उम्र की हो, मेकअप किया हो या नहीं, लेकिन जिस दिन शैंपू करती है उस दिन वह बेहद सुंदर दिखती है. इसलिए शैंपू करने में कोताही न बरतें.

  • भरपूर नींद

8 beauty secrets

 रोजाना निश्चित समय पर ही सोएं. अगर आप रात में सोएगीं नहीं तो दिन-भर आप थकी-थकी सी रहेगीं. टिश्यू और सेल्स को रेजुवेनेट करने के लिए नींद बहुत जरूरी है. त्वचा को रेजुवेनेट करने के लिए रात में एक अच्छी नाइट क्रीम लगाएं. रेटिनौल बेस्ड क्रीम चुनें जो पिग्मेंटेशन, पोर्स और बारीक लकीरों को कम करने में मदद करते हैं.

  • त्वचा को दमकने दें

8 beauty secrets

 त्‍वचा का एक्सफोलिएशन सबसे जरूरी है. प्रदूषण भरे वातावरण में डेड सेल्स की समस्या आम होती है. एक्सफोलिएट इस्तेमाल करने से त्वचा के मृत कोश भी निकल जाते हैं और त्वचा रेशम सी कोमल और चमकदार हो जाती है.

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  • मेहंदी और औयल ट्रीटमेंट

8 beauty secrets

 रेशमी बाल और चमकदार त्वचा हर स्त्री का गहना होते हैं. इसलिए हफ्ते में एक बार हौट औयल मसाज बेहद जरूरी है. स्कैल्प में तेल जज्ब हो जाए इसलिए मसाज के बाद बालों में गर्म तौलिया लपेटें. मसाज के लिए कोकोनट औयल का ही इस्तेमाल करें. औलिव औयल बालों के लिए हेवी हो सकता है. इसके अलावा महीने में एक बार मेहंदी ट्रीटमेंट भी ले.

  • एक अच्छा हेयर कट

8 beauty secrets

 जब कुछ समझ न आए तो एक अच्छा हेयर कट लें. लेकिन अपनी पर्सनैल्टी और चेहरे पर सूट करने वाला. प्रत्येक दो-चार माह में हेयरकट जरूरी है. बिखरे, उलझे, दो मुंहे, बेजान बाल आपके व्यक्तित्व के आकर्षण को खत्म कर देते हैं. एक अच्छा हेयरकट आपकी पर्सनैल्टी में वॉल्यूम भर देता है.

  • सेहत का रखें खयाल

8 beauty secrets

स्वास्थ्य सही हो तो सौंदर्य दोगुना हो जाता है. स्वास्थ्य तभी सही रह सकता है जब आप अपना खयाल रखें. सही वक्त पर सही, संतुलित एवं पौष्टिक आहार लें. हफ्ते में कम से कम 5 बार 30 से 40 मिनट तक एक्सरसाइज करें. वजन पर नियंत्रण रखने के लिए जंक फूड, औयली चीजें और मिर्च मसालों से दूर रहें. एक्सरसाइज से रक्त संचार बढता है और चेहरे पर ग्लो आता है.

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पत्नी की कमाई पर हक किस का

आज के जीवनस्तर और बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि पत्नियां भी नौकरी करें. मगर समस्याएं तब खड़ी होती हैं जब वे पति से अलग अपनी पहचान की बात उठाती हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहती हैं. घर का खर्च चलाना आज भी पति की ही जिम्मेदारी मानी जाती है, जबकि पत्नी की कमाई एक बोनस के रूप में ली जाती है. रचना एक मल्टीनैशनल कंपनी में मैनेजर हैं. उन का कहना है, ‘‘रोजीरोटी चलाने लायक मेरे पति कमा ही लेते हैं. मैं घर और औफिस की दोहरी जिम्मेदारी सिर्फ घरखर्च में पैसा झोंकने के लिए ही नहीं उठा रही हूं. मैं यह कहने का अधिकार रखती हूं कि मेरा पैसा कहां और कैसे खर्च होगा. एक अफसर की हैसियत से औफिस में मेरी एक अलग छवि है, जिसे मुझे कायम रखना होता है. उसी तरह घर, पति और बच्चों की इमेज भी बनाए रखनी होती है वरना लोग हमारे बारे में क्या सोचेंगे.’’

लेकिन पति कुछ और ही सोचते हैं. इस संबंध में सोनिया कहती हैं, ‘‘मेरे पति अपनी आर्थिक सुरक्षा को ले कर कुछ ज्यादा ही चिंतित रहते हैं. इसलिए वे अपनी सारी सैलरी निवेश कर मुझ से ही घर का खर्च चलवाना चाहते हैं.’’ सोनिया के पति का तर्क है, ‘‘आखिरकार, मैं घर की भलाई के बारे में ही तो सोचता हूं. ऐसा कर के मैं क्या बुरा करता हूं? क्या परिवार की सुरक्षा, इमेज बनाए रखने से ज्यादा महत्त्वपूर्ण नहीं है?’’

यहां पर पतिपत्नी दोनों की प्राथमिकताएं अलगअलग होने के कारण ही उन में टकराव होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. लेकिन वे शरद और ऊषा से इस टकराव से बचने का उपाय जान सकते हैं. आर्किटेक्ट ऊषा एम.ई.एस. में कार्यरत हैं. नईनई शादी और नयानया परिवार. शरद का हुक्म सिरमाथे पर लिए ऊषा शरद की हर बात मान कर खुश थीं. शरद की यह सलाह कि घर का खर्च ऊषा के वेतन से चलेगा और शरद का वेतन बचत खाते में जमा होगा, भी ऊषा ने सहर्ष मान ली, क्योंकि दोनों का पैसा साझा ही तो था. इसलिए कौन सा खर्च हो रहा है, कौन सा जुड़ रहा है, यह बात कोई खास माने नहीं रखती थी

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भविष्य की सुरक्षा

शरद के अत्यंत खर्चीले स्वभाव ने शीघ्र ही ऊषा को अपनी भूल का एहसास करा दिया. शरद अपने वेतन से कुछ भी बचत न कर सारा पैसा कीमती उपहार खरीदने, महंगे होटल व रेस्तरां में खाने पर खर्च कर देते थे. हालांकि वे ऊषा के लिए भी महंगी साडि़यां, कीमती आभूषण तथा कौस्मैटिक्स लाते थे. ऊषा चाहती थीं कि भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रख कर पैसा निवेश किया जाए. वे जानती थीं कि बच्चों के आने पर खर्चे बढ़ेंगे और तब उन्हें ज्यादा पैसों की जरूरत होगी. इसी बात को ले कर शरद और उन के बीच काफी तनाव चलता रहता. ऊषा का कहना था कि शरद अपना आधा वेतन घरखर्च के लिए दिया करें ताकि वे अपना आधा वेतन बचा सकें. वे अपनी बात पर दृढ़ थीं. शरद को उन की बात माननी ही पड़ी. यह स्पष्ट है कि आज की पत्नी अपनी पहचान के प्रति जागरूक है. तब तो और भी ज्यादा जब वह कमाऊ बीवी हो. इसलिए अगर वह अपना अलग बैंक बैलेंस तथा अपने धन का सारा कारोबार साझा रखना चाहती है, तो ऐसा वह स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए ही करती है. कानून किसी भी साझी वैवाहिक संपत्ति को मान्यता नहीं देता.

अहं का टकराव

अनिल और रेहाना का ही उदाहरण लें. अंतर्जातीय विवाह करने के कारण दोनों को ही अपनेअपने घर से कुछ नहीं मिला. चूंकि दोनों अच्छा कमा रहे थे, इसलिए उन्होंने कुछ ही वर्षों में दिल्ली में, जहां वे कार्यरत थे, अपने लिए एक मकान खरीद लिया. लेकिन धीरेधीरे उन का आपसी मतभेद और अहं का टकराव इतना बढ़ा कि बात तलाक तक आ पहुंची. अनिल ने अपना सामान कहीं और शिफ्ट कर लिया. जब उन्होंने पत्नी रेहाना से भी सामान शिफ्ट करने के लिए कहा तो रेहाना को आघात लगना स्वाभाविक था. तब रेहाना ने कारण जानना चाहा. इस बात पर अनिल ने बताया कि उन्होंने मकान बेच दिया है. उस समय रेहाना के पास बैंक में सिर्फ 1 हजार रुपए ही पड़े थे, क्योंकि रेहाना ने अपना सारा रुपया प्रौविडेंट फंड, फिक्स्ड डिपौजिट तथा मकान पर खर्च कर दिया था.

इस स्थिति में रेहाना अपने पति पर ‘बेनामी ट्रांजैक्शन ऐक्ट’ के तहत मुकदमा जरूर दायर कर सकती थीं. लेकिन इस के लिए न तो वे आर्थिक रूप से सक्षम थीं और न ही एक लंबी कानूनी लड़ाई के लिए उन के पास भावनात्मक स्थिरता, धैर्य और समय था. अपनी कमाई के कुछ हिस्से पर अपना अधिकार जता कर स्त्री कुछ गलत या अपराध नहीं करती. पुरुषों के वर्चस्व वाले समाज में स्त्री आज भी असुरक्षित है. अपनी रक्षा और देखभाल उसे स्वयं ही करनी है वरना वह प्रबुद्ध और आधुनिक होने के बावजूद आर्थिक मामले में भी पुरुषों द्वारा दबाई जाती रहेगी.

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चुनाव और औरतों का अधिकार

5 राज्यों की जनता को फरवरी, मार्च में फैसला करना है कि उन्हें शासन से क्या चाहिए. वे धर्म की रक्षा, मंदिर, चारधार्म यात्रा, आरतियां, ङ्क्षहदूमुसलिम विवाद और बढऩा पैट्रोल टैक्स, मंहगी होती गैस, दंगे, आंदोलन में से किसे चुने. जिसे भी चुना जाएगा वह रातोंरात न तो ङ्क्षहदू राष्ट्र बना पाएगा न महंगाई कम कर के सामाजिक मेलजेल को पटरी पर ले पाएगा. चुनाव शासकों की हर समय अधर में लटकाए रखते हैं पर अफसोस यह है कि चुनावों से सही सरकारों का जन्म नहीं हो पा रहा. हर चुनाव एक विक्षिप्त एक बच्चा पैदा कर रहा है और लोग सोचते हैं कि अगले चुनाव में कोई समझदार कमाऊ संतान पैदा होगी जो उन का भविष्य बनाएगी पर ऐसा नहीं हो रहा.

अब यह दोष किस का है कहना कठिन है पर इतना जरूर दिख रहा है कि लोकतंत्र की बेसिक समझ इस देश से गायब हो गर्ई है. जैसे शादीब्याहों में कुंडलियों, पूजापाठों, मन्नतों पर संबंध तय किए जाते हैऔर जैसे सफल सुखी वैवाहिक जीवन के लिए दुआएं और आरतियों पर निर्भर रहा कम रहा है वैसे ही राजनीति में टोटकों और जपतप पर चुनाव लडक़े जा रहे हैं. यह लोकतंत्र के लिए खतरा है, यह किसी भी देश की जनता को अंधकार भरे कमरे में धकेलने के जैसा है.

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आज मतदाता 18वीं सदी की निरीह की तरह हो गया है जिसे सुनीसुनाई बातों के आधार पर कुंडली के बलबूते पर किसी के पल्ले बांध दिया जाता था और  वह किया जाता था कि तेज भाग्य अच्छा होगा तो पति राजकुमार निकलेगा, भाग्य खराब होगा तो वह भी होगा. मतदाता जिसे चुनता है, वह कैसा होगा, अब पता नहीं.

पिछले चुनावों से देखें तो सब से ज्यादा शिकार औरतें रही हैं. 18वीं 19वीं सदी तक कि औरतों की तरह वे बरक वधू बन कर संतानें पैदा कर के, विचार, असहाय, जल्लाद सासों, बेरुखे पति के जुल्मों के शिकार हैं. आज की औरत को मंहगाई से निपटना पड़ रहा है. घर व काम की जगह भेदभाव सहना पड़ रहा है, असुरक्षा ने घेरा रखा है. कब उस पर राजनीतिक कहर आन पड़े कहा नहीं जा सकता. आज भारी टैक्स देकर भी न उसे साफ सडक़ मिल रही है, न साफ पानी, न साफ हवा, न अफोर्टेबल अच्छी पढ़ाई व चिकित्सा और न भविष्य की कोई गांंटी फिर भी उसे चुनावों के पंडितों, मौलवियों, पादरियों की शरण में जाना पड़ेगा और जो मिलेगा उसी से संतोष करना होगा.

इस का बड़ा कारण है कि औरतें अपने हकों और अपनी आवश्यकताओं के बारे में चुप रहती हैं, वे बढ़चढ़ कर सरकार चुनने में आगे नहीं आतीं और न ही अपनी सम्मानित घरेलू ङ्क्षजदगी की मांग को पहली जरूरत के रूप में प्रस्तुत करती है. वे ये फैसले पिताओं और पतियों पर छोड़ रही हैं और इसलिए जब कोविड जैसी महामारी आती है तो परेशान हैरान में फ्रंट में वे ही होती है. शासन उस समय दुबक कर बैठ जाता है. वह टीवी स्क्रीन पर दिखता है, पड़ोस में नहीं.

अब एक और मौका है जब अपना विरोध इस्तेमाल करें. वोट घर को दें, धर्म, धंधे, धन या धमाकेदार भाषणों को नहीं. उन्हें चुनें जो औरतों को समझें. समाज औरतों पर चलता है, आदमियों पर नहीं यह साबित करें. जिसे वोट देने के अवसर मिल रहा है वोट अपने मन से दें पति, पिता या भाई के कहने पर नहीं.

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सिगरेट पीने से मेरे लिप्स काले हो गए हैं, मैं क्या करुं?

सवाल

मैं ने अपनी फ्रैंड के साथ सिगरेट पीना शुरू कर दिया था, जिस से मेरे होंठ काफी काले हो गए हैं. अब मैं ने सिगरेट पीनी छोड़ दी है. मगर होंठ गुलाबी कैसे करूं कृपया कोई उपाय बताएं?

जवाब-

आप ने बहुत अच्छा किया कि सिगरेट पीनी छोड़ दी. इस से होंठ ही काले नहीं होते बल्कि सेहत भी बहुत खराब होती है. होंठों को गुलाबी करने के लिए सब से पहले उन्हें स्क्रब करना शुरू कीजिए.

1/2 चम्मच औयल ले कर उस में चीनी को दरदरा पीस कर मिला लें. फिर इसे उंगली से होंठों पर लगा कर रोज स्क्रब करें. इस से आप की डार्क स्किन धीरेधीरे निकलनी शुरू हो जाएगी.

स्क्रब करने के बाद थोड़ी सी मलाई में चुकंदर के रस की कुछ बूंदें मिला लें. 3-4 बूंदें शहद की भी डाल लें. इस मिक्स्चर को होंठों पर 20 से 25 मिनट तक लगाएं रखें और फिर पोंछ लें. इस से आप के होंठों का रंग गुलाबी होने लग जाएगा. यह आप की सेहत के लिए भी काफी अच्छा होता है. अगर थोड़ाबहुत मुंह में भी चला जाए तो कोई टैंशन की बात नहीं है.

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चेहरा हमारे व्यक्तित्त्व का आईना होता है. यही कारण है कि हर महिला अपने चेहरे को खूबसूरत बनाने के लिए बहुत से जतन करती है. लेकिन यह भी सच है कि चेहरा तभी खूबसूरत दिखाई देता है जब त्वचा बेदाग व होंठ गुलाबी हों. फटे और टैन होंठ चेहरे की सुंदरता को फीका कर देते हैं.

इस में सब से ज्यादा चिंता की बात यह है कि महिलाएं अपने शरीर के अन्य पार्ट्स की टैनिंग को ले कर तो बहुत जागरूक होती हैं, लेकिन लिप्स की टैनिंग को ले कर बिलकुल भी अवेयर नहीं होती हैं. जानिए, होंठों की देखभाल करने के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स :

1. कई बार होंठों पर घटिया किस्म का कौस्मैटिक यूज करने से भी होंठ टैन हो जाते हैं या फिर जरूरत से ज्यादा कौस्मैटिक के प्रयोग से भी होंठों का रंग गहरा पड़ सकता है.

2. धूम्रपान की वजह भी होंठ काले हो जाते हैं.

3. ज्यादा देर तक स्विमिंग करने से भी होंठों में कालापन आ सकता है.

4. ज्यादा कैफीन का सेवन होंठों के कालेपन का कारण बनता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- लिप्स की टैनिंग को कहें बाय-बाय

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

दांतों के लिए बेमिसाल हैं लौंग के तेल के फायदे

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

लोगों की खराब लाइफस्टाइल का असर उनके  दांतों पर भी पड़ रहा है. सही खानपान न होने की वजह से दांतों में दर्द, मसूडों में सूजन, कैविटी और मुंह में छालों की समस्या पैदा हो जाती है. अक्सर इन समस्याओं से बचने के लिए लोग दवाओं का सेवन करते हैं, लेकिन इनका सेवन कभी-कभी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. अगर आप भी अक्सर दांत दर्द से परेशान रहते हैं, तो दांतों की इस समस्या से निजात पाने के लिए अपनी दादी-नानी के बताए नुस्खे को जरूर याद कर लें. दांत में दर्द होने पर वह अक्सर लौंग को दांतों के नीचे दबाने की सलाह देती थीं. आप मानें या ना मानें, लेकिन आज भी दांत दर्द और मुंह में छालों के लिए लौंग के तेल का उपयोग बहुत फायदेमंद होता है. दरअसल, इसमें मौजद यूजेनॉल लौंग के तेल का मुख्य घटक है, जो दर्द कम कर दांतों को हेल्दी भी बनाता है. लोगों में बढ़ रहीं इन्हीं समस्याओं के चलते लौंग के तेल का उपयोग अब विभिन्न प्रकार के माउथवॉश और टूथपेस्ट में भी किया जाने लगा है. तो आइए जानते हैं दांत से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याओं के लिए लौंग के तेल के फायदे और इसका उपयोग करने का तरीका .

दांत दर्द के लिए लौंग के तेल के फायदे  और उपयोग करने का तरीका-

दांत के दर्द को दूर करने के लिए-

जब कभी दांत में दर्द हो तो लौंग के तेल का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा माना गया है. यह दर्द को सुन्न करने में मदद करता है. साबुत लौंग की जगह लौंग के तेल का इस्तेमाल करने से ऊतक क्षतिग्रस्त होने से बच जाते हैं. आपको बता दें कि, लौंग दांतों पर एंटीसेप्टिक के रूप में काम करती है.

उपयोग करने का तरीका-

इसका उपयोग करने के लिए एक कटोरी में एक चम्मच लौंग का तेल और एक चम्मच नारियल का तेल मिलाएं. जब भी दांत में दर्द हो, तो प्रभावित हिस्से पर इस तेल को लगा लें. आपको बता दें कि, लौंग का तेल केवल दर्द को सुन्न करने की क्षमता रखता है, न कि जड़ से समस्या का इलाज करता है.

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मुंह के अल्सर का इलाज करे

मुंह के छालों से छुटकारा पाने के लिए लौंग का तेल बहुत फायदेमंद है. कभी -कभी गैस्ट्रिक समस्याएं मुंह के छालों यानि अल्सर को जन्म देती हैं. समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो ये स्थिति काफी दर्दनाक हो सकती है. ऐसे में लौंग का तेल का इस्तेमाल करने से मुंह के छाले बहुत जल्दी सही हो जाते हैं.

उपयोग करने का तरीका-

इसका उपयोग करने के लिए थोड़े से गर्म पानी में एक चम्मच लौंग का तेल मिलाएं. छालों से राहत देने के लिए दिन में दो बार इस पानी से गरारे करें. यह किसी भी कीटाणु या संक्रमण को दूर करने में मदद करता है.

मुंह की दुर्गंध दूर करे

सांसों से आने वाली बदबू न केवल आपको बल्कि आपके आसपास के लोगों को भी परेशान करती है. कई बार इस वजह से लोगों के बीच आपको शर्मिंदा भी होना पड़ता है. इस समस्या से बचने के लिए लौंग के तेल का प्रयोग किया जा सकता है. लौंग के तेल में मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण आपको ताजा सांस लेने में मदद करते हैं.

उपयोग करने का तरीका-

आप इसका उपयोग माउथफ्रेशनर के रूप में कर सकते हैं. लौंग के तेल की कुछ बूंदों को पेपरमेंट असेंशियल ऑयल के साथ मिलाएं. अब इसे एक स्प्रे बोतल में भर दें और जब भी आपको सांस से दुर्गंध आए, तो इसका इस्तेमाल करें. इसके अलावा आप चाहें, तो दो लौंग को मुंह में रखकर लगभग 20 मिनट तक चबाएं. ऐसा करने से मुंह से आने वाली दुर्गंध गायब हो जाएगी.

लौंग का तेल दांत दर्द और दांत से जुड़ी अन्य समस्याओं का अस्थाई घरेलू इलाज है. इसलिए कम समस्या होने पर इसका इस्तेमाल करना बेहतर है. विशेषज्ञों के अनुसार, जिन लोगों को गर्म तासीर वाली चीजों से परेशानी होती है, उन्हें लौंग का तेल इस्तेमाल करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

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जब खरीदें जीवन बीमा

जीवन बीमा पौलिसी असल में बीमा कंपनी और बीमाकृत जीवन के बीच एक अनुबंध होता है, जिस में बीमा धारक द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम के बदले बीमा कंपनी बीमाकृत व्यक्ति की मौत या तय समय के बाद एक निश्चित रकम, जिसे बैनिफिट्स कहते हैं, देने को राजी होती है. जीवन बीमा की आवश्यकता समझने के बाद भी लोगों के लिए सही प्लान का चयन करना हमेशा मुश्किल होता है. यह पर्सनल फाइनैंस के उन विषयों में से एक है, जिसे समझने में अधिकतर लोग गलती करते हैं. सामान्यतया, जीवन बीमा पौलिसी बीमा धारक की आवश्यकता एवं बचत क्षमता के आधार पर खरीदी जाती है. जीवन बीमा प्लान आप के प्रियजनों को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान कर उन्हें सुरक्षित करने के लिए लिया जाता है, इसलिए इसे खरीदने से पहले आप को अतिरिक्त सावधान रहना चाहिए. आप अगली बार जीवन बीमा खरीदते समय क्या करें और क्या न करें को ध्यान में जरूर रखें.

क्या करें

विशेषज्ञों व अलगअलग स्रोतों से सलाह लें और प्रत्येक सलाह पर धैर्यपूर्वक विचार करें. फिर इस के आधार पर जीवन बीमा के लिए अपनी आवश्यकताओं के बारे में सोचें. यदि आप संख्या में इस की मात्रा निर्धारित कर सकते हैं तो करें. जैसे आप यह देखें कि अगर आप के परिवार में 4 सदस्य हैं, तो आप के बिना घर चलाने के लिए उन्हें कितने पैसों की आवश्यकता होगी? यदि आप परिवार के मुख्य कमाने वाले सदस्य हैं, तो आप के बाद आप के बच्चों की स्कूल फीस, कालेज फीस और अन्य खर्र्चों को पूरा करने के लिए न्यूनतम कितने रुपयों की नियमित आवश्यकता होगी. इस में आप अपने सभी कर्ज, देयताएं, यहां तक कि क्रैडिट कार्ड की बकाया राशि भी शामिल करें. इस बात को समझने की कोशिश करें कि जीवन बीमा आप के परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का जरीया है. इसे महज एक टैक्स बचाने के माध्यम के तौर पर इस्तेमाल न करें.

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अपने परिजनों विशेषकर जीवनसाथी/ नौमिनी को पौलिसी के बारे में जरूर बताएं. उसे यह भी समझाएं कि कोई अनहोनी होने पर क्लेम लेने के लिए उसे क्या करना होगा. ऐसे में अकसर हम सभी अनहोनी जैसे मुद्दों पर बातचीत करने से बचते हैं, जबकि आप अपने प्रियजनों को अपने जाने के बाद उन के लिए बनाए गए सुरक्षा कवच से अवगत करा कर अपने कौमन सैंस और समझदारी का परिचय दे रहे होते हैं. अपनी पौलिसी की नियमित आधार पर समीक्षा करें और परिस्थितियों व आवश्यकता में बदलाव होने पर उस में सुधार करें. उदाहरण के लिए यदि आप की शादी हो जाती है, आप के घर में नन्हा मेहमान आ जाता है, आप की देयता या कर्ज में बढ़ोतरी हो जाती है या आप का पेशा बदल जाता है आदि, तो अपनी पौलिसी की समीक्षा करने के दौरान आप अपने वित्तीय सलाहकार की सहायता भी ले सकते हैं.

क्या न करें

सिर्फ सस्ते के चक्कर में आवश्यकता से कम का कवर न लें. यदि आप को प्रीमियम का खर्च वहन करने में समस्या है तो कवर कम करने के बजाय कम अवधि का प्लान चुनें. प्रपोजल फौर्म में कोई भी कौलम खाली न छोड़ें तथा किसी दूसरे को अपना फौर्म भरने भी न दें. अपने प्रीमियम का भुगतान करना न भूलें, न ही इस में विलंब करें क्योंकि लैप्स अवधि के दौरान पौलिसी का कवर नहीं होता है और क्लेम नहीं मिलता है. पौलिसी लेते समय न कोई तथ्य छिपाएं, न ही कोई गलत जानकारी दें क्योंकि इस से क्लेम के समय विवाद की स्थिति बन सकती है.   

– अनिल चोपड़ा, ग्रुप सीईओ एवं निदेशक, बजाज कैपिटल

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Anupama देगी वनराज को चेतावनी, देखें वीडियो

सीरियल अनुपमा (Anupama) की कहानी में इन दिनों मालविका (Aneri Vajani) के अतीत की कहानी देखने को मिल रही है, जिसके चलते अनुपमा (Rupali Ganguly), अनुज(Gaurav Khanna) और वनराज (Sudhanshu Panday) साथ नजर आ रहे हैं. हालांकि एक बार फिर अनुज-अनुपमा को वनराज के इरादों पर शक होने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

पाखी को अनुपमा ने कही ये बात

 

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अब तक आपने देखा कि पाखी, अनुपमा से कहती है कि आगे की पढ़ाई के लिए वह विदेश जाना चाहती है. लेकिन अनुपमा कहती है कि वह अभी छोटी है और अभी उसे विदेश जाने की सोचनी नहीं चाहिए. हालांकि वह वनराज से बात करने के लिए कहती है. दूसरी तरफ वनराज और मालविका की नजदीकी देखने को मिलती है, जिसे देखकर अनुज का गुस्सा बढ़ जाता है.

 

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अनुपमा ने दी वार्निंग

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि मालविका की अनुज से बढ़ती नजदीकियों को देखकर अनुज और वनराज के बीच झगड़ा देखने को मिलता है. हालांकि मालविका, वनराज का साथ देते हुए नजर आती है. इसी के चलते अनुपमा, वनराज को गुस्से में देखेगी और उससे कहेगी कि मालविका से दूर रहे, जिसके चलते वनराज, अनुपमा को कहेगा कि उसका मालविका के साथ एक बिजनेस वाला रिश्ता और कम्फर्ट जोन है और इससे ज्यादा कुछ नहीं. हालांकि अनुपमा उससे कहेगी कि ऐसा नहीं होना चाहिए, मालविका कभी-कभी अपनी सीमा पार कर जाती है, लेकिन वनराज को अपनी सीमा में रहना चाहिए. वरना वे उसी जगह होगा जहां वे कुछ दिन पहला था.

 

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