21 एयरपोर्ट के साथ 05 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया.

प्रधानमंत्री जी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी का नया भारत आज सर्वश्रेष्ठ आधुनिक बुनियादी ढांचे में से एक का निर्माण कर रहा है. बेहतर सड़कें, बेहतर रेल नेटवर्क, बेहतर एयरपोर्ट सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स नहीं होते बल्कि यह पूरे क्षेत्र का कायाकल्प कर देते हैं, लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल देते हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की ताकत और बढ़ जाती है जब उनके साथ सीमलेस कनेक्टिविटी हो, लास्ट माइल कनेक्टिविटी हो. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की दृष्टि से भी एक बेहतरीन मॉडल बनेगा. यहाँ आने जाने के लिए टैक्सी से लेकर मेट्रो और रेल तक, हर तरह की कनेक्टिविटी होगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तरी भारत का लॉजिस्टिक्स गेट-वे बनेगा. यह इस पूरे क्षेत्र को नेशनल गतिशक्ति मास्टरप्लान का एक सशक्त प्रतिबिम्ब बनाएगा.

प्रधानमंत्री जी ने नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के भूमि पूजन के लिए देश व प्रदेश के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि इसका बहुत बड़ा लाभ दिल्ली-एन0सी0आर0 और पश्चिमी यूपी के करोड़ों लोगों को होगा. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते हैं. हवाई अड्डे को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी हजारों लोगों की आवश्यकता होती है. यह हवाई अड्डा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को नए रोजगार भी देगा.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के बढ़ते विमानन क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा और विमानों के रखरखाव, मरम्मत और संचालन का एक प्रमुख केन्द्र होगा. यहां मरम्मत, रखरखाव और ओवरहॉल के लिए 40 एकड़ में एम0आर0ओ0 (मेंटेनेंस, रिपेयर एण्ड ओवरहॉल) प्रतिष्ठान का निर्माण किया जा रहा है. देश मंे एम0आर0ओ0 सेवाओं की उपलब्धता से, विदेशांे से इन सेवाओं को प्राप्त करने में व्यय होने वाले हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इस एयरपोर्ट के माध्यम से पहली बार देश में इंटीग्रेटेड मल्टी मोडल कार्गाे हब की कल्पना भी साकार हो रही है. इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास को एक नई गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों की सीमा समुद्र से सटी होती है, उनके लिए बंदरगाह बहुत बड़े एसेट होते हैं. विकास के लिए एक बड़ी ताकत के रूप में कार्य करते हैं. उत्तर प्रदेश जैसे लैण्ड-लॉक्ड राज्यों के लिए एयरपोर्ट यही भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद, बरेली जैसे अनेकों औद्योगिक क्षेत्र हैं. सर्विस सेक्टर का बड़ा ईकोसिस्टम भी है और एग्रीकल्चर सेक्टर में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अहम हिस्सेदारी है. अब इन क्षेत्रों का सामर्थ्य भी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, एक्सपोर्ट के एक बहुत बड़े केंद्र को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों से सीधे जोड़ेगा. अब यहां के किसान, विशेषकर छोटे किसान, फल-सब्ज़ी, मछली जैसे जल्दी खराब होने वाली उपज को सीधे एक्सपोर्ट कर पाएंगे. खुर्जा के कलाकार, मेरठ की स्पोर्ट्स इण्डस्ट्री, सहारनपुर का फर्नीचर, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, आगरा का फुटवीयर और पेठा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अनेक एम0एस0एम0ई0 को विदेशी मार्केट तक पहुंचने में अब और आसानी होगी.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आजादी के सात दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वह मिलना शुरु हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है. डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है. यहां पश्चिमी यूपी में भी लाखों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम चल रहा है. रैपिड रेल कॉरिडोर हो, एक्सप्रेस-वे हो, मेट्रो कनेक्टिविटी हो, पूर्वी और पश्चिमी समुद्र से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर हों, यह आधुनिक होते उत्तर प्रदेश की नई पहचान बन रहे हैं.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है. आज उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हाई-वे, एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर की रेल कनेक्टिविटी तैयार हो रही है. आज उत्तर प्रदेश मल्टीनेशनल कंपनियों के निवेश का सेंटर है. आज देश और दुनिया के निवेशक कहते हैं- उत्तर प्रदेश यानि उत्तम सुविधा, निरंतर निवेश. आने वाले 02-03 वर्षांे में जब यह एयरपोर्ट काम करना शुरु करेगा, तब उत्तर प्रदेश 05 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बन जाएगा.
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे लिए राजनीति का नहीं बल्कि राष्ट्रनीति का हिस्सा है. भारत का उज्ज्वल भविष्य एक जिम्मेदारी है.

इसलिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि तय समय के भीतर ही इंफ्रास्ट्रक्चर का काम पूरा किया जाए. देरी होने पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. हम राष्ट्र प्रथम की भावना पर चलते हैं. सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास, यही हमारा मंत्र है. कुछ समय पहले ही भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज से कठिन पड़ाव को पार किया है. इसी महीने की शुरुआत में भारत ने वर्ष 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य का ऐलान किया. कुछ समय पहले ही कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण किया गया. उत्तर प्रदेश में ही एक साथ 09 मेडिकल कॉलेज की शुरुआत करके देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया. महोबा में नए डैम और सिंचाई परियाजनाओं का लोकार्पण हुआ तो झांसी में डिफेंस कॉरिडोर के काम ने गति पकड़ी, पिछले हफ्ते ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश वासियों को समर्पित किया गया. आज नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमिपूजन हुआ है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से देश के लोगों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में बदलते हुए भारत, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार होते हुए देखा है. प्रधानमंत्री जी ने कुशल प्रबन्धन के माध्यम से वैश्विक महामारी कोरोना से देशवासियों के जीवन और जीविका की रक्षा की. प्रधानमंत्री जी द्वारा आज यहां नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया जा रहा है. इसके माध्यम से वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए आए हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन मंे उत्तर प्रदेश निरन्तर विकास के नये आयाम स्थापित कर रहा है. प्रदेश सरकार ने विगत साढ़े चार वर्षाें में विभिन्न विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से राज्य के सम्बन्ध में पर्सेप्शन को बदला है. प्रदेश में आस्था को सम्मान दिया गया. वर्तमान उत्तर प्रदेश विकास की राह पर आगे बढ़ने वाला प्रदेश है. उन्होंने नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के विकास के लिए स्वेच्छा से भूमि उपलब्ध कराने वाले किसानों को बधाई दी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्ष में जनपद गौतमबुद्धनगर में अनेक परियोजनाओं पर कार्य हुआ है. 1125 करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो लाइन का विस्तारीकरण तथा 1067 करोड़ रुपये की लागत से एलीवेटेड रोड के निर्माण का कार्य कराया गया. मेडिकल पार्क, इण्डोर स्टेडियम, शिल्पकार एवं बुनकर भवन, नया सिटी बस टर्मिनल, हैबिटेट सेन्टर की स्थापना करायी गयी. ग्रेटर नोएडा में 800 करोड़ रुपये की लागत से गंगा जल की आपूर्ति, 08 नये औद्योगिक सेक्टरों का विकास, 3880 करोड़ रुपये की लागत से मल्टी मोडल लॉजिस्टिक हब एवं मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट हब का कार्य कराया जा रहा है. साथ ही, आने वाले समय में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में फिल्म सिटी, एपैरल पार्क, ट्वाय पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, हैण्डीक्राप्ट पार्क, लॉजिस्टिक पार्क, हेरिटेज सिटी आदि विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी. इन योजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम0 सिंधिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एवं पर्यटन विकास की असीम क्षमता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में यहां एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनया जा रहा है. वर्ष 2024 तक इसका पहला चरण पूरा होगा. इस पर 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा. इससे 01 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा. उत्तर प्रदेश 21 एयरपोर्ट के साथ 05 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य है. आजादी के बाद 70 वर्षाें मंे देश में कुल 74 एयरपोर्ट बने. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में विगत 07 वर्षाेे में 62 अतिरिक्त एयरपोर्ट बनाए गये. देश में इनकी कुल संख्या बढ़कर 136 हो गयी है.

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश सुशासन की नई मिसाल प्रस्तुत कर रहा है. प्रदेश में राजकीय सेवाओं में युवाओं का पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ बिना भेदभाव के नियोजित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन मंे प्रदेश में उड़ान योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है. वर्ष 2017 से पहले राज्य में केवल 02 एयरपोर्ट संचालित थे. वहीं अब 09 हवाई अड्डे संचालित हैं. 08 एयरपोर्ट बनकर लगभग तैयार हैं. 04 एयरपोर्ट पर तेजी से कार्य हो रहा है.

अनुज के लिए Anupama को होगा प्यार का एहसास! देखें वीडियो

टीआरपी चार्ट्स में पहले नंबर पर आने वाला सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) में इन दिनों जोड़ियां टूटती और बनती नजर आ रही हैं. जहां एक तरफ काव्या (Madalsa Sharma) और वनराज  (Sudhanshu Pandey) के बीच झगड़े के बाद तलाक की नौबत आ गई है तो वहीं अनुज (Gaurav Khanna) और अनुपमा (Rupali Ganguly) के बीच प्यार की शुरुआत होती नजर आ रही है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा सीरियल में आने वाला अगला ट्विस्ट

किंजल-तोषू के रिश्ते में आई दरार

 

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अब तक आपने देखा कि काव्या के बड़े बवाल के बाद शाह हाउस में भाई दूज के मौके पर खुशियां देखने को मिलती हैं. जहां पाखी, समर और तोषू के साथ धमाल मचाती है. वहीं तोषू, किंजल से पैंट हाउस जाने की बात पूछता है. लेकिन एक बार फिर दोनों के बीच झगड़ा हो जाता है और गुस्से में वह कहती है कि जो इंसान अपनी मां का नहीं हुआ वह मेरा क्या होगा. इसलिए अब वह अनुपमा के जाने के बाद घर की जिम्मेदारी निभाएगी. चाहे उसे तोषू से रिश्ता क्यों न तोड़ना पड़े.

 

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अनुपमा को सलाह देगी वेदिका

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि भाई दूज के मौके पर अनुपमा भी बेहद खुश नजर आएगी और अनुज के लिए केक बनाएगी. औफिस जाकर वह अनुज को केक देगी, जिससे वह बेहद खुश होगा. वहीं अनुज की ये खुशी देखकर अनुपमा बेहद खुश नजर आएगी. इसी के चलते देविका, अनुपमा की आंखों में अनुज के लिए प्यार पहचान लेगी और उसे कहेगी कि अपने प्यार को फिक्र का नाम ना दें और अनुज के प्यार को मानने के लिए कहेगी.

 

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शाह हाउस में होगा बवाल

इसके अलावा आप देखेंगे कि वनराज (Sudhanshu Pandey) अब अपने करियर के लिए कदम बढ़ाएगा और बा (Alpana Buch) को चेतावनी देगा कि अब वह काव्या (Madalsa Sharma) को न तो किसी काम के लिए रोकेगा और न ही घर के किसी झगड़े में दखल देगा. क्योंकि अब वह जिंदगी की दौड़ में आगे बढ़कर दिखाएगा. वहीं काव्या दोनों की बात सुन लेगी और बेहद खुश नजर आएगी.

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देश की पुलिस व्यवस्था

पौराणिक कहानियां जो हमारे यहां हर मौके पर पंडितों, प्रवचन कर्ताओं और व्हाट्सएप महानुभवों द्वारा सुनार्ई जाती हैं, एक विशेषता रखती हैं. वह है कि उन में न सिरपैर होता है, न तर्क, न सही तथ्य पर पढऩे में मजेदार होती है. हमारी पुलिस इस ज्ञान में माहिर है और जब भी किसी अभियुक्त को साल 6 माह बाद जेल में रखने के बाद जमानत मिलती है (आरोपमुक्ति नहीं) यह स्पष्ट हो जाता है कि बेबात में पौराणिक सी कहानी बना कर उसे जेल में इतने दिन बंद रखा गया.

सुशांत ङ्क्षसह राजपूत की आत्महत्या के मामले में कितनों को ही बेमतलब की पौराणिक कहानियां बनाकर मजिस्ट्रेट के सामने अभियुक्त बना कर खड़ा किया गया और गिरफ्तारी का आदेश ले लिया गया. आमतौर पर हमारे जज पुलिस की बात कानून व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर मान लेते हैं पर जब तथ्यों की कमी होने लगती है तो लगने लगता है कि पुलिस का केस तो सत्यनारायण व्रत कथा की तरह का है. जिसमें सत्यनारायण की कथा है ही नहीं.

मुंबई के अंधेरी के रहने वाले जपतप ङ्क्षसह आनंद को फरवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर करिश्मा प्रसाद ने उस के अकाउंट में 3100 रुपए भेजे थे. अब यह न पूछें कि यह पुलिस को कैसे पता चला कि यह पैसा 50 ग्राम गांजा खरीदने के लिए भेजे गए थे. पुलिस का दावा था कि जपतप ङ्क्षसह ने यह पैसे अपने भाई करमजीत ङ्क्षसह को दिए जिसे भी गिरफ्तार किया गया था पर पहले ही जमानत मिल चुकी थी.

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विलक्षण ज्ञान वाले नैरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरों के पुलिस अधिकार रखने वाले अफसरों को दिव्य ज्ञान हो गया था कि यह पैसा ड्रग खरीदने के लिए दिया गया था. अब जपतप ङ्क्षसह आनंद के पास चाहे ड्रग न मिली हो पुलिस के लिए यह ब्रहत वाक्य सी एंट्री थी कि 3100 रुपए का लेनदेन ड्रग के अरबों के व्यापार का हिस्सा है.

जपतप को पुलिस कैंट में इतना समय बिताने के बाद आर्यन खान की तरह जमानत मिल गई पर सबाल उठता है कि हम कैसे समाज में जी रहे हैं जहां जो सत्ता में हो वे चाहे जैसे आरोप लगा कर अपराधी सिद्ध कर सकते हैं. यह ऐसा ही आरोप है जैसा व्हाट्सएप पर घूमता है कि सोनिया गांधी के पास इतने 1 अरब डौलर हैं, लालू यादव के पास इतने, मनमोहन ङ्क्षसह के पास इतने.

इन सब की जड़ में वह धाॢमक प्रचार है जिसे पढ़ कर औरतें खुद भी झूम उठती हैं और पूरे परिवार को उसी पर चलाती हैं. शुक्रवार के व्रत की यह महिला है, गैरमुखी घर का यह दुर्गुण है, लाल साड़ी में यह शुभ बात है, विधवा अपने पति का इस तरह खा जाती है. विभूति के ग्रह दोष इन कारणों से है आदि की कंपाल कल्पित कहानियां सुन कर, पढ़ कर व्हाट्सएप पर जान कर देश का समाज पुलिसमयी हो गया है. सैंकड़ों जजों के आदेश भी इसी तरह के होते हैं जो यथासंभव पुलिस की हां में हां मिलाते हैं जैसे झुंड में बैठी प्रवचनकर्ता वे शब्दों पर जयजयकार करती हैं.

देश की खराब पुलिस व्यवस्था का दोष घरों की सोच को दिया जा सकता है. अज्ञान किस तरह हानिकारक हो सकता है, हम सब जानते हैं. हमारी गरीबी, हमारे झगड़ों और हमारी बिमारियों की जड़ों में बहुत हद तक यह अज्ञान ही है जो पुलिस दस्तावेजों में भी पहुंच जाता है और निर्दोषों को महीनों, सालों जेलों में सडऩा होता है. उन के घर वाले किस तरह तिलतिल कर मरमर के जीते हैं, यह कल्पना ही शरीर को झनझना देती है.

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9 Tips: घर की सीढ़ियों का भी रखें ख्याल

जमीन खरीदकर मनमाफिक आशियाना बनवाने की चाह रखने वालों की कमी आज भी कुछ कम नहीं. क्या आपकी भी कुछ ऐसी ही ख्वाहिश है? अगर जवाब हां में है तो घर का कंस्ट्रक्शन कराते समय कुछ चीजों का खास ध्यान रखना जरूरी है.

कंस्ट्रक्शन से पहले जाहिर है सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आप सॉयल टेस्टिंग तो कराएंगे ही साथ ही घर को भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित रखने के लिए भूकंप-रोधी संरचना तैयार कराने पर भी विचार करेंगे. इन सब के साथ यह जरूर ध्यान रखें कि जब आप घर का नक्शा या फिर डिजाइन किसी आर्किटेक्ट से डिजाइन कराएं तो उसे सीढ़ियों की ऊंचाई और चौड़ाई पर विशेष ध्यान देने को कहें.

अक्सर ऐसा भी होता है कि ज्यादातर लोग आर्किटेक्ट की मदद के बगैर ही कांट्रेक्टर के बताए नक्शे के मुताबिक प्लॉट पर कंस्ट्रक्शन कराना आरंभ कर देते हैं. इसका असर तब दिखता है जब वे घर में रहना शुरू करते हैं. ऐसी ही कुछ परेशानियों में से एक हैं सीढ़ियां. अक्सर प्लॉट का आकार छोटा होने पर तंग सीढ़ियां बना दी जाती हैं और फिर उस घर में रहने वाले जब भी सीढ़ियों पर चढ़ते उतरते हैं तो हमेशा तंग ही होते रहते हैं. ऐसे में कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

1. सीढ़ियों  बनाते समय हेड रूम का ध्यान रखना जरूरी है, जिससे कि लंबे व्यक्तियों का सिर छत से न टकराए. अक्सर ऐसा होता है कि जल्दीबाजी में सीढ़ियों से उतरते हुए सिर अथवा माथा छत या छज्जे से टकरा जाता है और चोट लग जाती है.

2. सीढ़ियों को कम से कम 840 एमएम और ज्यादा से ज्यादा एक मीटर तक अपनी जरूरत के अनुसार रखना चाहिए.

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3. अच्छी सीढ़ी वही है जिसमें चढ़ते और उतरते वक्त आपको बहुत ज्यादा मेहनत न करनी पड़े. आम तौर पर किसी भी वयस्क का एक पग यानी स्टेप 600 एमएम यानी 2 फुट का होता है. इसको ध्यान में रखते हुए ही सीढ़ियों का निर्माण कराएं.

4. यह ध्यान रखें कि सीढ़ियों पर ऊपर चढ़ते हुए दुगनी ऊर्जा लगानी पड़ती है, ऐसे में अगर सीढ़ियों ऊंची-नीची होंगी, उनमें सामंजस्य नहीं होगा तो दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी.

5. घर में इस्तेमाल की जाने वाली सीढ़ियों में 250 एमएम का ट्रेड और 165 एमएम से 175 एमएम तक का राइजर इस्तेमाल किया जा सकता है. आप इसे ज्यादा से ज्यादा 220 एमएम तक का रख सकते हैं. अगर राइजर ज्यादा ऊंचा होगा तो पैर भी ज्यादा ऊंचाई तक उठाने होंगे, जिससे चंद सीढ़ियों  चढ़ने के बाद ही थकान महसूस होने लगेगी.

6.  सीढ़ियां इस तरह डिजाइन कराई जानी चाहिए कि उस तक आसानी से पहुंचा जा सके.

7. अगर कमरों के दरवाजे सीढ़ियों के साथ खुल रहे हों तो ऐसे में कम से कम 310 मिलीमीटर तक की न्यूनतम दूरी जरूर बनाकर रखनी चाहिए. इसका फायदा यह होगा कि कमरे से सीढ़ियों तक आसानी से स्टेप-अप किया जा सकेगा.

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8. सीढ़ियों को कभी बहुत तंग नहीं रखना चाहिए. ऐसा होने से खासकर ऊपरी मंजिलों पर फर्नीचर चढ़ाने और उतारने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.

9. सीढ़ियों की डेकोरेशन के लिए तमाम तरह के विकल्प मौजूद हैं. इन्हें सजाने में सबसे ज्यादा भूमिका रेलिंग की होती है. रेलिंग के लिहाज से आयरन या फिर स्टील फिनिश वाली रेलिंग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

Top 10 Winter Health Tips in Hindi: सर्दियों के लिए टॉप 10 बेस्ट हेल्थ टिप्स हिंदी में

Health Tips in Hindi: इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं गृहशोभा की 10 Winter Health Tips in Hindi 2021. सर्दियों में हेल्थ से जुड़ी कई प्रौब्लम्स का सामना करना पड़ता है, जिसके लिए डौक्टर के चक्कर काटने पड़ते हैं. इसीलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं Winter Health Tips, जिससे आपकी हेल्थ और फिटनेस बनी रहेगी. तो आइए आपको बताते हैं घर बैठे अपना प्रौफेशनल और होममेड टिप्स से हेल्थ का ख्याल कैसे करें. अगर आपको भी है Winter में अपनी हेल्थ बनाए रखनी है तो पढ़ें गृहशोभा की ये Winter Health Tips in Hindi.

1. Winter Special: सर्दियों में फ्लू से जुड़ी ये बातें जानती हैं आप?

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जैसे ही हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है वैसे ही हम पर वायरस का हमला हो जाता है, जिससे हमें सर्दी, जुकाम, खांसी और कभी-कभी बुखार की समस्‍या हो जाती है, जो कई दिनों तक आपको परेशान करती हैं.

फ्लू

सुबह की सर्द हवाएं, वातावरण में नमी और चारों तरफ छाई धुंध ये बताती है कि सर्दी ने दस्‍तक दे दी है. ये तो आप सभी जानते होंगे कि सर्दी आते ही हमारे रहन-सहन में थोड़ा बदलाव आ जाता है. लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि हम अपनी सेहत का किस तरह से ख्‍याल रख रहे हैं.

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2. Winter Special: सर्दियों में पानी पीना न करें कम

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हमारा शरीर जिन तत्वों से बना है, उसमें जल मुख्य घटक है. अगर शरीर में जल की मात्रा कम हो जाए, तो जीवन खतरे में पड़ जाता है. इससे यह बात बिल्‍कुल साफ है कि पानी पीना हमारे लिए कितना जरूरी है. गर्मियों में प्यास अधिक लगती है तो लोग पानी भी खूब पीते हैं मगर सर्दियों में यह मात्रा कम हो जाती है. इसकी एक वजह यह है कि हमें इन दिनों प्यास नहीं लगती, जिसके कारण लोग पर्याप्‍त पानी नही पीते हैं. इस वजह से कई गंभीर समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है.

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3. सर्दियों में ऐसे करें अपने दिल की देखभाल

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जैसे-जैसे तापमान गिरने लगता है, दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ने लगता है. ठंड का मौसम हृदय संबंधी समस्याओं के लिए जोखिम पैदा कर सकता है. यहाँ जानिए इससे संबंधित आवश्यक बातें.

ठंड का मौसम और हृदय स्वास्थ्य

ठंड का मौसम आपके हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति को कम कर सकता है. यह आपके हृदय को अधिक काम करने के लिए मजबूर कर सकता है; नतीजतन आपका दिल अधिक ऑक्सीजन युक्त रक्त की मांग करता है. दिल में ऑक्सीजन की कम सप्लाई होना फिर दिल द्वारा ऑक्सीजन की अधिक मांग हार्ट अटैक का कारण बनता है. ठंड रक्त के थक्कों को विकसित करने के जोखिम को भी बढ़ा सकती है, जिससे फिर से दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है.

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4. सर्दियों में होने वाली परेशानियों का ये है आसान इलाज

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सर्दी के मौसम में खांसी, जुकाम, गले की खराश, जैसी समस्याएं आम हैं. खराश की समस्या को जल्दी ठीक करना जरूरी है, नहीं तो ये खांसी का रूप ले लेती है. इस खबर में हम आपको बताने वाले हैं कि सर्दी, खांसी, खराश जैसी समस्याओं का दवाइयों के बिना, घरेलू नुस्खों की मदद से कैसे इलाज कर सकते हैं.

इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. गले के इंफेक्शन और दर्द में अदरक काफी लाभकारी होता है. इसके लिए आप एक कप में गर्म पानी उबाल लें. उसमें शहद डाल कर मिलाएं और दिन में दो बार पिएं. कुछ ही दिनों में आपको अंतर समझ आएगा.

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5.सर्दियों में सताता है जोड़ों का दर्द ऐसे पाएं राहत

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उत्तर भारत में ठंड की दस्तक हो चुकी है. ठंड का मौसम वैसे तो अधिकतर लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आता है लेकिन दूसरी ओर कइयों की परेशानी का कारण भी बनता है. क्या ठंड का नाम सुन कर आप को भी जकड़े हुए जोड़ याद आते हैं? क्या ठंड आप को बीमारियों की याद दिलाता है?

ऐसा नहीं है कि ये समस्या केवल एक निर्धारित उम्र के लोगों को ही परेशान करती है. वास्तव में गतिहीन जीवनशैली के कारण ये समस्या अब हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है. जोड़ों का दर्द ही नहीं बल्कि मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द, गर्दन दर्द, तंत्रिका दर्द, फाइब्रोमायल्जिया आदि समस्याएं इस मौसम में बहुत ज्यादा परेशान करती हैं.

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6. सर्दियों में बड़े काम का है गाजर

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सर्दियों में गाजर सेहतमंद सब्जियों के श्रेणी में आता है , गाजर कंद प्रजाति की एक सब्जी है. गाजर विटामिन बी का अच्छा सोर्स है. इसके अलावा, इसमें ए, सी, डी, के, बी-1 और बी-6 काफी क्वॉन्टिटी में पाया जाता है. इसमें नैचरल शुगर पाया जाता है, जो सर्दी के मौसम में शरीर को ठंड से बचाता है. इस मौसम में होने वाले नाक, कान, गले के इन्फेक्शन और साइनस जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए गाजर या इससे बनी चीजों का सेवन फायदेमंद साबित होता है. यह सब्जी सलाद, अचार आदि बनाकर उपयोग की जाती है. आप इसे सलाद के तौर पर खाएं या गाजर का हलवा बनाकर, दोनों ही फायदेमंद है. आयुर्वेद के अनुसार गाजर स्वाद में मधुर, गुणों में तीक्ष्ण, कफ और रक्तपित्त को नष्ट करने वाली है. इसमें पीले रंग का कैरोटीन नामक तत्व विटामिन ए बनाता है.

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7. सर्दियों में फायदेमंद है ताजा मेथी का सेवन

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सदियों में ताजा मेथी बाजार में आराम से मिलती है. मेथी की सुगंध और स्वाद भारतीय भोजन का विशेष अंग है. मेथी के पत्तों को कच्चा खाने की परंपरा नहीं है. आलू के साथ महीन महीन काट कर सूखी सब्ज़ी या मेथी के पराठे आम तौर पर हर घर में खाए जाते हैं. लेकिन गाढ़े सागों के मिश्रण में इसका प्रयोग लाजवाब सुगंध देता है, उदाहरण के लिए सरसों के साग, मक्का मलाई या पालक पनीर के पालक में.

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8. जानें क्या है सर्दियों में धनिया के ये 14 फायदे

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सर्दियों में धनिया हर किसी का पसंदीदा हो जाता है, सर्दियों में बाजार में धनिया की ताजी पत्तियां मिलती हैं, जिसका उपयोग हर तरह की सूखी और रसेदार सब्ज़ी में परोसते समय मिलाने और सजावट करने के लिए किया जाता है , साथ ही  धनिये की चटनी पूरे भारत में प्रसिद्ध है. आलू की चाट और दूसरी चटपटी चीज़ों में इसको टमाटर या नीबू के साथ मिलाया जा सकता है. सूप और दाल में बहुत महीन काट कर मिलाने पर रंगत और स्वाद की ताज़गी़ अनुभव की जा सकती है. हर तरह के कोफ्ते और कवाब में भी यह खूब जमता है. इसकी पत्तियों को पका कर या सुखा कर नहीं खाया जाता क्यों कि ऐसा करने पर वे अपना स्वाद और सुगंध खो देती हैं.

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9. सर्दियों में हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है तेजपत्ता

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तेजपत्ता हल्का, तीखा व मीठा होता है. इसकी प्रकृति गर्म होती है. सर्दियों के समय यह मशाला आप के व्यंजन का स्वाद बढ़ाने के साथ ही आपको सर्दी जुखाम से बचाता है. सर्दियों के समय तेजपात हम सभी के लिए उपयोगी होता है, सर्दियों में थोड़ी से लापरवाही हुई नही कि आप सर्दी जुखाम के शिकार हो गये. तेजपात  कफ रोगों के लिए उपयोगी मसाला है.  इसे पिप्पली चूर्ण की एक ग्राम मात्रा में शहद के साथ लेने पर खाँसी-जुकाम में फायदा होता है.  आप सर्दियों में चाय के साथ इसे उबाल कर सेवन कर सकते है.

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10. 6 टिप्स: ऐसे रहें सर्दियों में हेल्दी

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इस मौसम में व्‍यायाम पर थोड़ा ध्‍यान देकर आप स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी मामूली समस्‍याओं से भी बच सकते हैं. लेकिन अगर आपको हृदय संबंधी समस्‍या है, तो आपको अतिरिक्‍त सुरक्षा की आवश्‍यकता होती है. ऐसे में अगर आप अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य चाहते हैं, तो यह मौसम सबसे अच्‍छा है. सर्दियों में स्‍वस्‍थ रहने के टिप्‍स –

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कभी ना फेकें इन 4 फलों के छिलके, स्किन को चमकाने में आएंगे बड़े काम

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

फल हर किसी के फेवरेट होते हैं . नाश्ते में खाना हो या वर्कआउट से पहले फल हमेशा लोगों की पहली पसंद होते हैं. स्वादिष्ट होने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर फलों में बहुत सा टैलेंट है. आप इनका इस्तेमाल अपने चेहरे पर चमक लाने के लिए कर सकते हैं. लेकिन कई बार हम कुछ फलों के छिलकों को बेकार समझकर डस्टबिन में फेंक देते हैं. जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए. फलों के छिलके बाजार में मिलने वाले किसी  फेस मास्क की ही तरह, अच्छे होते हैं. सबसे अच्छी बात है कि चिकनी और मुलायम स्किन के लिए आपको स्पा में हजारों रूपए खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि फलों के छिलकों से आप अपनी स्किन की चमक कैसे बरकरार  रख सकते हैं.

संतरा-

आप अपनी स्किन और जरूरतों के आधार पर संतरे और एलोवेरा का फेस पैक बना सकते हैं. इसके लिए धूप में सुखाए गए छिलकों को पीसकर महीन पाउडर बना लें. यदि आप इसमें एलोवेरा मिलाने की सोच रहे हैं, तो एलोवरेा जेल के साथ थोड़ा सा गुलाबजल डालें और पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को अपनी स्किन पर लगाएं. ठंडे पानी से अपना चेहरा धोने से पहले 15 मिनट के लिए इसे सूखने दें. अगर फेस पैक लगाना आपके लिए परेशानी का सबब है , तो बस संतरे के पाउडर को अपनी स्किन पर रगड़ लीजिए. चेहरे पर लगभग पांच तक तक सर्कुलर मोशन में मालिश करें  और धो लें. स्किन बहुत कोमल हो जाएगी.

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पपीता-

पपीता के छिलके को फेंकने से पहले जान लें कि पपीते का छिलका या खाने के बाद बचा हुआ भाग मुहांसों को साफ करने के साथ शुष्क स्किन को मॉइस्चराज करता है. इसके लिए आधा कप बचे हुए पपीते को मैश करके 2 बड़े चम्मच दूध और 1  बड़ा चम्मच शहद मिलाएं. इसे तक तक मिलाएं, जब तक की एक बारीक पेस्ट न मिल जाए. इसे स्किन पर लगाएं, 15 मिनट तक सूखने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें.

केला-

केले का छिलका किसी काम नहीं आएगा, ये सोचकर आप इसे फेंक देते होंगे. लेकिन बता दें कि केले का छिलका मुहासों का इलाज करने और स्किन की गंदगी को साफ करने के लिए बहुत अच्छा है. इसके लिए एक ताजे केले का छिलका लें और धीरे से अपने चेहरे पर भीतरी परत को रगड़ें. छिलका जल्द ही भूरा होने लगेगा और आपकी स्किन पर एक चिपचिपा सा अवशेष छोड़ देगा. जब ऐसा हो, तो आपको रूक जाना चाहिए. इसे अपनी स्किन पर तब तक लगा रहने दें जब तक यह सूख ना जाए. फिर ठंडे पानी से धो लें.

तरबूज- 

वैसे तो तरबूज गर्मियों में बहुत ज्यादा मिलता है. बॉडी हो हाइड्रेट करने के लिए यह एक शानदार फल है. लेकिन स्किन को हाइड्रेट करने के लिए भी इसके छिलके का इस्तेमाल कर सकते हैं. तरबूज को चबाने के बाद जो छिलका बचता है , इसे आप हाइड्रेटिगं फेस पैक में बदल सकते हैं. लगभग 10 मिनट के लिए छिलका ठंडा करें. इसे पतले टुकड़ों में काट लें. अब इन ठंडी पट्टियों को अपने चेहरे पर लगाएं और लगभग 15 मिनट तक रिलेक्स करें और फिर ठंडे पानी से धो लें. स्किन में पानी की कमी को पूरा करने के लिए आप हफ्ते में एक या दो बार सा कर सकते हैं.

यहां बताए गए फलों के छिलकों से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है, इसलिए इनका इस्तेमाल करने से पहले स्किन पैच टेस्ट जरूर कर लें.

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आर्यन को पता चलेगा Imlie और आदित्य की शादी का सच, पढ़ें खबर

सीरियल इमली (Imlie) की कहानी इन दिनों नई एंट्री के बाद दिलचस्‍प होती जा रही है. इमली (Sumbul Tauqeer) और आर्यन (Fahmaan Khan) के बीच होती तकरार बढ़ती जा रही है. वहीं इसका असर आदित्य (Gashmeer Mahajani) की जिंदगी में पड़ रहा है. हालांकि मालिनी पूरी कोशिश कर रही है कि आदित्य की जिंदगी से इमली को हटा सके. वहीं आर्यन, इमली और आदित्य के रिश्ते से अनजान है. इसी के चलते सीरियल की कहानी में नए ट्विस्ट आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे.

इमली पर गुस्सा करेगा आदित्य

 

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अब तक आपने देखा कि आर्यन और इमली को करीब आते दिख रहे हैं. हालांकि दोनों एक दूसरे को नापसंद करते हैं. लेकिन आर्यन के दिल में इमली के लिए एक सौफ्ट कौर्नर नजर आ रहा है. लेकिन आदित्य के दिल में मालिनी दोनों के लिए जलन घोलती जा रही है, जिसके चलते आदित्य, इमली को औफिस में सुनाने वाला है.

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आर्यन को पता चलेगा सच

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि आदित्य और इमली के रिश्ते से अनजान आर्यन को जल्द ही दोनों की शादी के बारे में पता लगने वाला है. वहीं आदित्य की इमली के साथ बदसूलूकी के खिलाफ वह कदम उठाता नजर आएगा. हालांकि इमली टूट जाएगी. लेकिन आर्यन उसे अपने घर लेकर आएगा, जिसके बाद आर्यन को इमली से प्यार होता नजर आएगा.

आदित्य को इमली के खिलाफ भड़काएगी मालिनी

इसी के साथ आप देखेंगे कि इमली को आदित्‍य की लाइफ से दूर होता देख मालिनी अपनी नई चाल चलेगी. वह आदित्‍य को भड़काएगी कि इमली अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर रही है. लेकिन आदित्य कहेगा कि इमली और आर्यन एक दूसरे को पसंद नहीं करते. लेकिन मालिनी कहेगी कि एक टाइम वह भी इमली को पसंद नहीं करते थे, जिसके बाद आदित्य के मन में इमली और आर्यन के खिलाफ शक बढ़ जाएगा.

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अनुज कहेगा Anupama को I Love You! देखें वीडियो

सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) में काव्या (Madalsa Sharma) ने वनराज (Sudhanshu Panday) और उसके परिवार को धोखा देकर शाह हाउस अपने नाम कर लिया है, जिसके बाद एक बार फिर पूरा शाह परिवार (Shah Family) अनुपमा (Rupali Ganguly) के साथ खड़ा हो गया है. वहीं बापूजी ने अनुपमा को अनुज (Gaurav Khanna) को मन में रखने की बात कही है, जिसके बाद उसके दिल में अनुज की फिलिंग्स नजर आ रही हैं. इसी बीच सीरियल में नए ट्विस्ट और टर्न्स आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

बा ने मांगी माफी

अब तक आपने देखा कि काव्या के दिए धोखे के बाद बा को पेनिक अटैक आता है, जिसके बाद अनुपमा और शाह परिवार साथ नजर आता है. वहीं बा (Alpana Buch) को अपने किए पर पछतावा होता है और वह अनुपमा से शाह हाउस आने के लिए कहती हैं लेकिन अनुपमा मना कर देती हैं. वहीं काव्या ये बात सुनकर गुस्से में नजर आती है.

 

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अनुज कहेगा दिल की बात!

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे की पाखी, समर और तोषू के साथ भैयादूज मनाती नजर आएगी. वहीं पूरे शाह परिवार में जश्न का माहौल देखने को मिलेगा. वहीं खुशी के मौके पर अनुपमा, अनुज के लिए केक बनाएगी और उसे औफिस जाकर देगी, जिसके बाद वह कैबिन से निकल रही होगी तो अनुज आई लव यू कहता नजर आएगा. अनुज की ये बात सुनकर अनुपमा हैरान रह जाएगी.

 

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वनराज लेगा बदला

इसके अलावा आप देखेंगे कि अनुपमा शाह हाउस में दिया जलाती है, जिसे देखकर काव्या उसे ताना मारते हुए कहेगी कि वह शाह हाउस के बाहर डॉग्स एंड अनुपमा नॉट अलाउड का बोर्ड लगवा देगी. लेकिन अनुपमा को करारा जवाब देते हुए कहेगी कुत्ते तो अच्छे होते हैं उसे बुरा तब लगता जब काव्या खुद के नाम के साथ उसकी तुलना करती. अनुपमा की यह बात सुनकर काव्या गुस्से में नजर आएगी. वहीं  वनराज, अनुपमा से मिलेगा और काव्या से बदला लेने की बात कहेगा.

 

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Winter Special: सर्दियों में बनाएं सेहतमंद चटनियां

चटनियां भारतीय भोजन का अभिन्न अंग हैं. ये भोजन की थाली में विविधता तो लातीं ही हैं साथ ही भोजन की पौष्टिकता में भी वृद्धि करतीं हैं. नीबू, धनिया, आंवला, अदरक आदि से भांति भांति की चटनियां बनाई जातीं हैं. आज हम आपको ऐसी ही कुछ चटनियों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप बड़ी आसानी से बना सकतीं हैं.

-अदरक, खजूर चटनी

कितने लोंगों के लिए         8

बनने में लगने वाला समय    20 मिनट

मील टाइप                        वेज

सामग्री

अदरक                250 ग्राम

खजूर                  200 ग्राम

काला नमक          1 टीस्पून

काली मिर्च             1/2 टीस्पून

नीबू का रस           1 टेबलस्पून

घी                        1 टेबलस्पून

विधि

अदरक को धो, छीलकर बारीक किस लें. खजूर की गुठली निकालकर बारीक टुकड़ों में काट लें. गर्म घी में अदरक और नमक डाल दें. 2-3 मिनट पकाकर खजूर और काली मिर्च डालकर चलाएं, 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं.  जब चटनी गाढ़ी हो जाये तो गैस बंद कर दें. ठंडा होने पर नीबू का रस मिलाकर कांच के जार में भरकर रखें. यह स्वादिष्ट होने के साथ साथ इम्युनिटी बूस्ट करने वाली भी होती है.

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-इंस्टेंट नीबू चटनी

कितने लोगों के लिए        8

बनने में लगने वाला समय    40 मिनट

मील टाइप                       वेज

नीबू                         1 किलो

शकर                        1 किलो

काला नमक                1 टीस्पून

सादा नमक                  1 टीस्पून

सेंधा नमक                   1 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर          1/2 टीस्पून

काली मिर्च पाउडर         1/2 टीस्पून

कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर  1 टेबलस्पून

भुना जीरा पाउडर           1/2 टीस्पून

दालचीनी पाउडर            1/4 टीस्पून

विधि

नीबू को धोकर साफ सूती कपड़े से पोंछ लें. इन्हें बारीक टुकड़ों में काटकर बीज निकाल दें. कटे नीबू को शकर के साथ मिक्सी में पल्स मोड पर  पीस लें. अब इसमें समस्त मसाले डालकर भली भांति चलाएं. तैयार मिश्रण को कांच के बाउल में डालें. एक पैन या कड़ाही में इतना पानी लें कि इसमें चटनी वाला बाउल आधा डूब जाए. जब पानी उबलने लगे तो चटनी के बोल को पानी में रखें और लगातार चलाते हुए 20 -25 मिनट तक पकाएं. इसका रंग पूरी तरह बदल जायेगा. आप इसे तुरंत प्रयोग कर सकतीं हैं. आप चाहें तो गैस के स्थान पर माइकोबेव में भी 10 मिनट तक पका सकतीं हैं.

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-लाल मिर्च चटनी

कितने लोंगों के लिए           8

बनने में लगने वाला समय     30 मिनट

मील टाइप                        वेज

सामग्री

मोटी माघी लाल मिर्च        500 ग्राम

सरसों का तेल                  250 ग्राम

सरसों की दाल                1 टेबलस्पून

राई की दाल                    1 टेबलस्पून

हल्दी पाउडर                  1 टीस्पून

अमचूर पाउडर                1 टेबलस्पून

काला नमक                     1 टीस्पून

दरदरी सौंफ                      1 टीस्पून

भुना जीरा पाउडर              1/2 टीस्पून

नीबू का रस                        2 टेबलस्पून

विधि

लाल मिर्च के डंठल तोड़कर मोटे मोटे टुकड़ों में काट लें. अब इन्हें नमक और तेल के साथ दरदरा पीस लें. तेल को अच्छी तरह गर्म करके ठंडा कर लें. जब तेल गुनगुना सा हो तो सभी मसाले और पिसी मिर्च डालकर चलाएं. नीबू का रस डालकर एक सप्ताह तक धूप में रखकर प्रयोग करें.

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