कभी ना फेकें इन 4 फलों के छिलके, स्किन को चमकाने में आएंगे बड़े काम

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

फल हर किसी के फेवरेट होते हैं . नाश्ते में खाना हो या वर्कआउट से पहले फल हमेशा लोगों की पहली पसंद होते हैं. स्वादिष्ट होने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर फलों में बहुत सा टैलेंट है. आप इनका इस्तेमाल अपने चेहरे पर चमक लाने के लिए कर सकते हैं. लेकिन कई बार हम कुछ फलों के छिलकों को बेकार समझकर डस्टबिन में फेंक देते हैं. जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए. फलों के छिलके बाजार में मिलने वाले किसी  फेस मास्क की ही तरह, अच्छे होते हैं. सबसे अच्छी बात है कि चिकनी और मुलायम स्किन के लिए आपको स्पा में हजारों रूपए खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि फलों के छिलकों से आप अपनी स्किन की चमक कैसे बरकरार  रख सकते हैं.

संतरा-

आप अपनी स्किन और जरूरतों के आधार पर संतरे और एलोवेरा का फेस पैक बना सकते हैं. इसके लिए धूप में सुखाए गए छिलकों को पीसकर महीन पाउडर बना लें. यदि आप इसमें एलोवेरा मिलाने की सोच रहे हैं, तो एलोवरेा जेल के साथ थोड़ा सा गुलाबजल डालें और पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को अपनी स्किन पर लगाएं. ठंडे पानी से अपना चेहरा धोने से पहले 15 मिनट के लिए इसे सूखने दें. अगर फेस पैक लगाना आपके लिए परेशानी का सबब है , तो बस संतरे के पाउडर को अपनी स्किन पर रगड़ लीजिए. चेहरे पर लगभग पांच तक तक सर्कुलर मोशन में मालिश करें  और धो लें. स्किन बहुत कोमल हो जाएगी.

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पपीता-

पपीता के छिलके को फेंकने से पहले जान लें कि पपीते का छिलका या खाने के बाद बचा हुआ भाग मुहांसों को साफ करने के साथ शुष्क स्किन को मॉइस्चराज करता है. इसके लिए आधा कप बचे हुए पपीते को मैश करके 2 बड़े चम्मच दूध और 1  बड़ा चम्मच शहद मिलाएं. इसे तक तक मिलाएं, जब तक की एक बारीक पेस्ट न मिल जाए. इसे स्किन पर लगाएं, 15 मिनट तक सूखने दें और फिर ठंडे पानी से धो लें.

केला-

केले का छिलका किसी काम नहीं आएगा, ये सोचकर आप इसे फेंक देते होंगे. लेकिन बता दें कि केले का छिलका मुहासों का इलाज करने और स्किन की गंदगी को साफ करने के लिए बहुत अच्छा है. इसके लिए एक ताजे केले का छिलका लें और धीरे से अपने चेहरे पर भीतरी परत को रगड़ें. छिलका जल्द ही भूरा होने लगेगा और आपकी स्किन पर एक चिपचिपा सा अवशेष छोड़ देगा. जब ऐसा हो, तो आपको रूक जाना चाहिए. इसे अपनी स्किन पर तब तक लगा रहने दें जब तक यह सूख ना जाए. फिर ठंडे पानी से धो लें.

तरबूज- 

वैसे तो तरबूज गर्मियों में बहुत ज्यादा मिलता है. बॉडी हो हाइड्रेट करने के लिए यह एक शानदार फल है. लेकिन स्किन को हाइड्रेट करने के लिए भी इसके छिलके का इस्तेमाल कर सकते हैं. तरबूज को चबाने के बाद जो छिलका बचता है , इसे आप हाइड्रेटिगं फेस पैक में बदल सकते हैं. लगभग 10 मिनट के लिए छिलका ठंडा करें. इसे पतले टुकड़ों में काट लें. अब इन ठंडी पट्टियों को अपने चेहरे पर लगाएं और लगभग 15 मिनट तक रिलेक्स करें और फिर ठंडे पानी से धो लें. स्किन में पानी की कमी को पूरा करने के लिए आप हफ्ते में एक या दो बार सा कर सकते हैं.

यहां बताए गए फलों के छिलकों से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है, इसलिए इनका इस्तेमाल करने से पहले स्किन पैच टेस्ट जरूर कर लें.

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आर्यन को पता चलेगा Imlie और आदित्य की शादी का सच, पढ़ें खबर

सीरियल इमली (Imlie) की कहानी इन दिनों नई एंट्री के बाद दिलचस्‍प होती जा रही है. इमली (Sumbul Tauqeer) और आर्यन (Fahmaan Khan) के बीच होती तकरार बढ़ती जा रही है. वहीं इसका असर आदित्य (Gashmeer Mahajani) की जिंदगी में पड़ रहा है. हालांकि मालिनी पूरी कोशिश कर रही है कि आदित्य की जिंदगी से इमली को हटा सके. वहीं आर्यन, इमली और आदित्य के रिश्ते से अनजान है. इसी के चलते सीरियल की कहानी में नए ट्विस्ट आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे.

इमली पर गुस्सा करेगा आदित्य

 

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अब तक आपने देखा कि आर्यन और इमली को करीब आते दिख रहे हैं. हालांकि दोनों एक दूसरे को नापसंद करते हैं. लेकिन आर्यन के दिल में इमली के लिए एक सौफ्ट कौर्नर नजर आ रहा है. लेकिन आदित्य के दिल में मालिनी दोनों के लिए जलन घोलती जा रही है, जिसके चलते आदित्य, इमली को औफिस में सुनाने वाला है.

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आर्यन को पता चलेगा सच

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि आदित्य और इमली के रिश्ते से अनजान आर्यन को जल्द ही दोनों की शादी के बारे में पता लगने वाला है. वहीं आदित्य की इमली के साथ बदसूलूकी के खिलाफ वह कदम उठाता नजर आएगा. हालांकि इमली टूट जाएगी. लेकिन आर्यन उसे अपने घर लेकर आएगा, जिसके बाद आर्यन को इमली से प्यार होता नजर आएगा.

आदित्य को इमली के खिलाफ भड़काएगी मालिनी

इसी के साथ आप देखेंगे कि इमली को आदित्‍य की लाइफ से दूर होता देख मालिनी अपनी नई चाल चलेगी. वह आदित्‍य को भड़काएगी कि इमली अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर रही है. लेकिन आदित्य कहेगा कि इमली और आर्यन एक दूसरे को पसंद नहीं करते. लेकिन मालिनी कहेगी कि एक टाइम वह भी इमली को पसंद नहीं करते थे, जिसके बाद आदित्य के मन में इमली और आर्यन के खिलाफ शक बढ़ जाएगा.

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अनुज कहेगा Anupama को I Love You! देखें वीडियो

सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) में काव्या (Madalsa Sharma) ने वनराज (Sudhanshu Panday) और उसके परिवार को धोखा देकर शाह हाउस अपने नाम कर लिया है, जिसके बाद एक बार फिर पूरा शाह परिवार (Shah Family) अनुपमा (Rupali Ganguly) के साथ खड़ा हो गया है. वहीं बापूजी ने अनुपमा को अनुज (Gaurav Khanna) को मन में रखने की बात कही है, जिसके बाद उसके दिल में अनुज की फिलिंग्स नजर आ रही हैं. इसी बीच सीरियल में नए ट्विस्ट और टर्न्स आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

बा ने मांगी माफी

अब तक आपने देखा कि काव्या के दिए धोखे के बाद बा को पेनिक अटैक आता है, जिसके बाद अनुपमा और शाह परिवार साथ नजर आता है. वहीं बा (Alpana Buch) को अपने किए पर पछतावा होता है और वह अनुपमा से शाह हाउस आने के लिए कहती हैं लेकिन अनुपमा मना कर देती हैं. वहीं काव्या ये बात सुनकर गुस्से में नजर आती है.

 

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अनुज कहेगा दिल की बात!

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे की पाखी, समर और तोषू के साथ भैयादूज मनाती नजर आएगी. वहीं पूरे शाह परिवार में जश्न का माहौल देखने को मिलेगा. वहीं खुशी के मौके पर अनुपमा, अनुज के लिए केक बनाएगी और उसे औफिस जाकर देगी, जिसके बाद वह कैबिन से निकल रही होगी तो अनुज आई लव यू कहता नजर आएगा. अनुज की ये बात सुनकर अनुपमा हैरान रह जाएगी.

 

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वनराज लेगा बदला

इसके अलावा आप देखेंगे कि अनुपमा शाह हाउस में दिया जलाती है, जिसे देखकर काव्या उसे ताना मारते हुए कहेगी कि वह शाह हाउस के बाहर डॉग्स एंड अनुपमा नॉट अलाउड का बोर्ड लगवा देगी. लेकिन अनुपमा को करारा जवाब देते हुए कहेगी कुत्ते तो अच्छे होते हैं उसे बुरा तब लगता जब काव्या खुद के नाम के साथ उसकी तुलना करती. अनुपमा की यह बात सुनकर काव्या गुस्से में नजर आएगी. वहीं  वनराज, अनुपमा से मिलेगा और काव्या से बदला लेने की बात कहेगा.

 

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Winter Special: सर्दियों में बनाएं सेहतमंद चटनियां

चटनियां भारतीय भोजन का अभिन्न अंग हैं. ये भोजन की थाली में विविधता तो लातीं ही हैं साथ ही भोजन की पौष्टिकता में भी वृद्धि करतीं हैं. नीबू, धनिया, आंवला, अदरक आदि से भांति भांति की चटनियां बनाई जातीं हैं. आज हम आपको ऐसी ही कुछ चटनियों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप बड़ी आसानी से बना सकतीं हैं.

-अदरक, खजूर चटनी

कितने लोंगों के लिए         8

बनने में लगने वाला समय    20 मिनट

मील टाइप                        वेज

सामग्री

अदरक                250 ग्राम

खजूर                  200 ग्राम

काला नमक          1 टीस्पून

काली मिर्च             1/2 टीस्पून

नीबू का रस           1 टेबलस्पून

घी                        1 टेबलस्पून

विधि

अदरक को धो, छीलकर बारीक किस लें. खजूर की गुठली निकालकर बारीक टुकड़ों में काट लें. गर्म घी में अदरक और नमक डाल दें. 2-3 मिनट पकाकर खजूर और काली मिर्च डालकर चलाएं, 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं.  जब चटनी गाढ़ी हो जाये तो गैस बंद कर दें. ठंडा होने पर नीबू का रस मिलाकर कांच के जार में भरकर रखें. यह स्वादिष्ट होने के साथ साथ इम्युनिटी बूस्ट करने वाली भी होती है.

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-इंस्टेंट नीबू चटनी

कितने लोगों के लिए        8

बनने में लगने वाला समय    40 मिनट

मील टाइप                       वेज

नीबू                         1 किलो

शकर                        1 किलो

काला नमक                1 टीस्पून

सादा नमक                  1 टीस्पून

सेंधा नमक                   1 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर          1/2 टीस्पून

काली मिर्च पाउडर         1/2 टीस्पून

कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर  1 टेबलस्पून

भुना जीरा पाउडर           1/2 टीस्पून

दालचीनी पाउडर            1/4 टीस्पून

विधि

नीबू को धोकर साफ सूती कपड़े से पोंछ लें. इन्हें बारीक टुकड़ों में काटकर बीज निकाल दें. कटे नीबू को शकर के साथ मिक्सी में पल्स मोड पर  पीस लें. अब इसमें समस्त मसाले डालकर भली भांति चलाएं. तैयार मिश्रण को कांच के बाउल में डालें. एक पैन या कड़ाही में इतना पानी लें कि इसमें चटनी वाला बाउल आधा डूब जाए. जब पानी उबलने लगे तो चटनी के बोल को पानी में रखें और लगातार चलाते हुए 20 -25 मिनट तक पकाएं. इसका रंग पूरी तरह बदल जायेगा. आप इसे तुरंत प्रयोग कर सकतीं हैं. आप चाहें तो गैस के स्थान पर माइकोबेव में भी 10 मिनट तक पका सकतीं हैं.

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-लाल मिर्च चटनी

कितने लोंगों के लिए           8

बनने में लगने वाला समय     30 मिनट

मील टाइप                        वेज

सामग्री

मोटी माघी लाल मिर्च        500 ग्राम

सरसों का तेल                  250 ग्राम

सरसों की दाल                1 टेबलस्पून

राई की दाल                    1 टेबलस्पून

हल्दी पाउडर                  1 टीस्पून

अमचूर पाउडर                1 टेबलस्पून

काला नमक                     1 टीस्पून

दरदरी सौंफ                      1 टीस्पून

भुना जीरा पाउडर              1/2 टीस्पून

नीबू का रस                        2 टेबलस्पून

विधि

लाल मिर्च के डंठल तोड़कर मोटे मोटे टुकड़ों में काट लें. अब इन्हें नमक और तेल के साथ दरदरा पीस लें. तेल को अच्छी तरह गर्म करके ठंडा कर लें. जब तेल गुनगुना सा हो तो सभी मसाले और पिसी मिर्च डालकर चलाएं. नीबू का रस डालकर एक सप्ताह तक धूप में रखकर प्रयोग करें.

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Winter Special: इस सर्दी नहीं होगा आपके जोड़ों में दर्द

शरीर के मजबूत जोड़ हमें सक्रिय रखते हैं और चलने-फिरने में मदद करते हैं. जोड़ों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए क्या जरूरी है, इस बात की आपको जानकारी होनी चाहिए. जोड़ों की देखभाल और मांसपेशियों तथा हड्डियों को मजबूत रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका है, स्थिर रहें.

जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ आसान उपाय आजमा कर आप अपनी सर्दियां बिना किसी दर्द के काट सकते हैं.

जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी है शरीर के वजन को नियंत्रण में रखना. शरीर का अतिरिक्त वजन हमारे जोड़ों, विशेषकर घुटने के जोड़ों पर दबाव बनाता है.

व्यायाम से अतिरिक्त वजन को कम करने और वजन को सामान्य बनाए रखने में मदद मिल सकती है. कम प्रभाव वाले व्यायाम जैसे तैराकी या साइकिल चलाने का अभ्यास करें.

वैसे लोग जो अधिक समय तक कंप्यूटर पर बैठे रहते हैं, उनके जोड़ों में दर्द होने की संभावना अधिक रहती है. जोड़ों को मजबूत बनाने के लिए अपनी स्थिति को लगातार बदलते रहिए.

यदि व्यायाम को अच्छे से किया जाए तो एंडॉर्फिन नामक हॉर्मोन निकलता है, जो आपको स्वस्थ होने का अनुभव देता है. एक दिन में कम से कम 20-40 मिनट तक जरूर टहलें.

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मजबूत मांसपेशियां जोड़ों का समर्थन करती हैं. यदि आपकी मांसपेशियां कमजोर हैं, तो इससे आपके जोड़ों में विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी, कूल्हों और घुटनों में दर्द होगा.

बैठने का सही तरीका भी आपके कूल्हे और पीठ की मांसपेशियों की रक्षा करने में मदद करता है. कंधों को झुकाकर न खड़े हों. सीढ़ी चढ़ना दिल के लिए अच्छा है, लेकिन अगर सीढ़ी अप्राकृतिक है, तो यह आपके घुटनों को नुकसान पहुंचा सकती है.

स्वस्थ आहार खाना आपके जोड़ों के लिए अच्छा है. यह मजबूत हड्डियों और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है. हमें हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है.

अगर आपको नियमित भोजन से जरूरी मिनरल लेने में समस्या हो रही है, तो सप्लिमेंट ले सकते हैं.

वर्तमान में, निर्धारित जरूरत के अनुसार 50 साल की उम्र तक के वयस्क पुरुषों और महिलाओं को नियमित रूप से 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम और 50 के बाद नियमित रूप से 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है.

71 साल की आयु के बाद 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम पुरुष और महिला दोनों ले सकते हैं. इसे आप दूध, दही, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जी, कमल स्टेम, तिल के बीज, अंजीर और सोया या बादाम दूध जैसे पौष्टिक आहार को खाद्य पदार्थ के रूप में शामिल कर कैल्शियम की जरूरत पूरी कर सकते हैं.

हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है. आप जो आहार खाते हैं, उसमें विटामिन डी शरीर में कैल्शियम का अवशोषण में मदद करता है. यह हड्डियों के विकास और हड्डी के ढांचे को सक्षम बनाता है.

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विटामिन डी की कमी मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बनता है, जो उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों के क्षतिग्रस्त होने के लिए जिम्मेदार होता है. विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज की रोशनी है. डेयरी उत्पाद और कई अनाज, सोया दूध और बादाम के दूध में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है.

जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें हड्डियों का घनत्व कम होता है और उनके फ्रैक्चर होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. यह संभवत: कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के विकास और शक्ति को प्रभावित करने वाले एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन के उत्पादन को कम करने से संबंधित है, जो हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए जिम्मेदार होते हैं.

काले रंग से जुड़ी परेशानियों का सुझाव बताएं?

सवाल-

मेरी कुहनियां शरीर के बाकी अंगों से ज्यादा काली नजर आती हैं और बहुत खराब लगती हैं. इन्हें गोरा करने का कोई तरीका बताएं?

जवाब-

कुहनियों के रंग को हलका करने के लिए सब से पहले उन पर ब्लीच कर लें. रोज आधे नीबू को निचोड़ कर उस में नमक मिलाएं. फिर अब उस से कुहनियों को धीरेधीरे रगड़ें. कुछ देर बाद धो लें और उस पर मौइस्चराइजिंग क्रीम लगा लें. ऐसा 15-20 दिन रैग्युलर करने से कुहनियों का रंग हलका होने लगेगा. अगर इस से फायदा न हो तो कैमिकल पील की जा सकती है जिस से त्वचा की एक लेयर निकल जाती है और अंदर से रंग गोरा दिखने लग जाता है. मगर कैमिकल पील के लिए ऐक्सपर्ट के पास ही जाएं.

सवाल- 

मेरा रंग सांवला है और मुझे समझ नहीं आता है कि मैं किस रंग की लिपस्टिक लगाऊं जो मुझ पर सब से ज्यादा समय सुंदर लगे?

जवाब-

सांवला रंग आजकल ज्यादा पसंद किया जाता है. इसे सैक्सी और ग्लैमरस कहा जाता है. ऐसे रंग पर ब्राइट रैड कलर की लिपस्टिक बहुत अच्छी लगती है. आप चाहें तो औरेंज भी लगा सकती हैं. सांवले रंग पर डीप ब्राउन जैसेकि सिनेमन व चौकलेट ब्राउन बहुत अच्छी लगती है. रोज पिंक से ले कर मोव तक सभी ब्राइट पिंक अच्छी लगती हैं. मैरून भी अच्छी लगती है पर ब्राउनी मैरून को अवौइड करें. पर्पल शेड सांवले रंग पर भी अच्छे लगते हैं लेकिन डीप पर्पल को अवौइड करें. सांवले रंग पर न्यूड शेड अवौयड करने चाहिए.

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-समस्याओं के समाधान ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा 

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हर दुलहन चाहती है कि उस का स्टाइल और लुक ऐसा हो, जिस से वह न सिर्फ उस के जीवनसाथी के, बल्कि ससुराल वालों के भी दिल का नूर बन जाए. तो ऐसा क्या किया जाए, जिस से दुलहन की खूबसूरती पति का मन मोह ले?

सैलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट ओजस राजानी बताती हैं कि सब से पहले दुलहन की पर्सनैलिटी, स्किन टाइप, बालों का टैक्स्चर, कलर, आईब्रोज शेप और फेस कट को परखना होता है. अगर इस में कहीं किसी तरह की कमी है, तो दुलहन को ऐक्सरसाइज और स्किन केयर रूटीन की सलाह दी जाती है, जिस से मेकअप से पहले स्किन और जवां व निखरीनिखरी दिखाई दे.

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स्किन केयर रूटीन

स्किन केयर रूटीन के बारे में बात करते हुए ब्राइडल मेकअप आर्टिस्ट आकांक्षा नाइक का कहना है कि दुलहन के लिए अपनी स्किन टाइप के बारे में पता होना बेहद जरूरी है.

शादी से पहले उसे रोजाना क्लींजिंग, टोनिंग और मौइश्चराइजिंग का रूटीन अपनाना चाहिए. यदि स्किन ड्राई है तो सोप फ्री कंसीलर का इस्तेमाल करना चाहिए. त्वचा को दिन में 2 बार मौइश्चराइज भी करना चाहिए.

यदि स्किन टाइप औयली है, तो क्लींजिंग के साथसाथ दिन में 2-3 बार चेहरा धोना भी जरूरी है. औयली स्किन टाइप के लिए टोनिंग बेहद जरूरी है. इस से चेहरे के पोर्स बंद होते हैं और त्वचा से तेल का रिसाव रुकता है. इस के साथसाथ त्वचा को मौइश्चराइज्ड करने के लिए वाटर बेस्ड मौइश्चराइजर लगाना चाहिए. औयली स्किन के लिए फेस मास्क लगाना भी बेहद जरूरी है. इस से चेहरे की डैड स्किन से छुटकारा मिलता है और त्वचा सांस ले पाती है.

वर्क फ्रौम होम और औरतें

वर्क फ्रौम होम कल्चर ने उन औरतों के लिए नए दरवाजे खोलें हैं जिन्होंने पहले परिवार में बच्चों और बूढ़ों को देखने के लिए अच्छे कैरियर के बावजूद नौकरियां छोड़ी हैं. जौब्स फौरहर पोर्टल की एक रिपोर्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार 300 बड़ी कंपनियों ने ऐसी मेधावी शिक्षित व स्मार्ट औरतों के अवसर देने शुरू किए हैं जो पहले से खासी ट्रेन की जा चुकी हैं और उन से व्यवहार करना पुरुषों से ज्यादा आसान होता है.

इन औरतों के घर संभालते हुए बाहर के काम करने की डबल आदत पहले से होती है और ये पुरुषों की तरह आलसी और क्रिकेट मैच के लिए टीवी के सामने बैठने वाली भी नहीं हैं. जिनकी योग्यता अच्छी है वे सोप ऊपेरा टाइप की सास बहू धारावाहिकों के चक्कर में भी नहीं रहते. आज की शिक्षित युवा औरतों को अपने व्यक्तित्व की ङ्क्षचता ज्यादा होती है.

अगर टैक्रोलौजी ने औरतों को आज भी घर की किचन और बेड से छुटकारा नहीं दिलाया है तो वर्क फ्रौम होम अवश्य उन के जीवन में क्रांति ला देगा और वर्षों की जम कर की गई पढ़ाई बेकार नहीं जाएगी.

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बस ऐसी औरतों को यह ध्यान रखना होगा कि वे धर्म के चक्करों में न पड़ें. आजकल कोविड के जमाने में पंडों के जुल्म पर प्रवचन सुनाने शुरू कर दिए हैं, औन लाइन दान  देना शुरू कर दिया है, औन लाइन पाखंडी क्रियाओं का सिलसिला शुरू कर दिया है. पुरुषों के लिए तो धर्म जरूरी है क्योंकि उसी के सहारे वे वर्ण व्यवस्था को वापस रखते हैं. ङ्क्षहदूमुसलिम कर के राजनीति करते हैं, ……… और ………… खेलते हैं, औरतें के रीतिरिवाजों के चक्करों में बांधतें हैं. नौकरियां मिलने पर घर में ही रह कर औरतें इन पाखंडों से भी बच सकेंगी और अपना खुद का पैसा भी बचा सकेंगी. आज दोहरी इंकम बहुत जरूरी है चाहे बच्चे कम हो. आज हर औरत को कोविड के अचानक प्रहार के लिए तैयार रहना पड़ेगा. आज वैसे भी चिकित्सा का बोझ भी बढऩे लगा है क्योंकि सरकार ने चिकित्सा सुविधा से हाथ पूरी तरह खींच लिया है. औरतों की अतिरिक्त कमाई उन के लिए बहुत जरूरी है.

वर्क फ्रौम होम तो एक तरह से औरतों के लिए आरक्षित हो जाना चाहिए और हर सरकारी व गैर सरकारी कंपनी को रिजर्वेशन देनी चाहिए. जरूरी हो तो इस का कानून बनें. औरतें अगर डेटा कनेक्शन खरीदें, मोबाइल खरीदें, लैपटौप खरीदें तो उन्हें करों में वैसे ही छूट दी जानी चाहिए जैसी स्टैंप ड्यूटी में दी जा रही है जिस के कारण आज बहुत संपत्ति औरतों के हाथ में आने लगी है.

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सामान दें सम्मान के साथ

दीवाली पर घर की साफ सफाई के दौरान रागिनी ने अपनी कामवाली को एक पुराना सूटकेस यह कहते हुए दिया कि “ले जा तेरे काम आएगा.” एक सप्ताह बाद वही सूटकेस सोसाइटी के कचरे के अटाले के ढेर में पड़ा देखकर रागिनी का पारा सातवें आसमान पर जा पहुंचा. उस दिन से उसने आगे से अपनी मेड को कुछ भी न देने का निश्चय कर लिया.

एक सप्ताह तक फ्रिज में रखी रहने के बाद भी जब घर के किसी सदस्य ने मिठाई नहीं खायी तो गीता ने वह मिठाई अपनी काम वाली को दे दी, कामवाली ने अपनी मालकिन से तो कुछ नहीं कहा परन्तु गेट के बाहर जाकर कुत्तों को खिला दी.

इसी प्रकार रजनी ने घर के कुछ पुराने कपड़े अपने ही घर के सर्वेन्ट क्वार्टर में रहने वाले नौकर को दिए. कुछ दिनों बाद उसी नौकर की पत्नी को उन्हीं पुराने कपड़ों के बदले स्टील के बर्तन खरीदते देखकर उसे बहुत क्रोध आया और उसने अपने नौकर को खूब खरी खोटी सुनायीं.

कामगारों और मालिकों के बीच इस प्रकार की घटनाएं होना बहुत आम बात है जब मालिक का मन रखने के लिए कामवाले उनके द्वारा दिया गया सामान ले तो लेते हैं परन्तु प्रयोग करने के स्थान पर उसे फेंक देते हैं. क्योंकि उन्हें अक्सर वह सामान दिया जाता है जो प्रयोग करने के लायक ही नहीं होता.

क्या कहते हैं कामगार

एक सोसाइटी के कई घरों में काम करने वाली सीमा कहती है, “मेहनत हम चार पैसे कमाने के लिए करते हैं परन्तु घर का कबाड़ देकर मालिक हमें नौकर होने का अहसास कराते हैं आखिर हम भी तो उन्हीं की तरह एक इंसान हैं.”

अनेक घरों में खाना बनाने का काम करने वाली रजनी कहती है,”10 दिन से मैं खुद उस मिठाई को फ्रिज में रखा देख रही थी और 11 वें दिन मालकिन ने वह मिठाई उठाकर मुझे दे दी,”तेरे बच्चे खा लेंगे”.मानो मेरे बच्चे इंसान नहीं जानवर हों.

आमतौर पर कामगारों को दिये जाने वाले सामान में खाद्य पदार्थ, पहनने के कपड़े और घरेलू सामान होता है. अक्सर उन्हें वह सामान दिया जाता है जो हमारे लिए अनुपयोगी होता है परन्तु कोई भी सामान देने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि वह सामान एकदम बेकार और कचरे में फेंकने योग्य तो नहीं है.

ध्यान रखने योग्य बातें

-पुराने कपड़े देते समय यह सुनिश्चित करें कि वह मैला, कुचला, फटा न हो. यदि कहीं से सिलाई खुली है तो उसे सिलकर, धो और प्रेस करा कर ही दें.

-कई दिनों तक फ्रिज में रखने के बाद कोई भी खाद्य पदार्थ देने के स्थान पर उपयोग करने के बाद अगले दिन ही उन्हें दे दें ताकि समय रहते वे उसे प्रयोग कर सकें.

-सदैव ध्यान रखें जिस खाद्य पदार्थ को आप स्वयम नहीं खा सकते उसे उन्हें भी क्यों देना क्योंकि वे भी आपकी तरह ही एक इंसान ही हैं.

-कोई भी घरेलू सामान यदि एकदम टूटी फूटी हालत में है तो उसे कामगारों को देने के स्थान पर कचरे में फेंक दें.

-अरे ये तो सब खा लेते हैं या सब पहन ओढ़ लेते हैं जैसी ओछी बातें सोचकर उनके आत्मसम्मान को ठेस न पहुंचाएं.

-किसी भी सामान को उन्हें देने से पूर्व उनसे पूछें कि वह उनके काम का है भी या नहीं.

-सबसे जरूरी बात कि आप उन्हें भी अपने जैसा ही एक इंसान समझें और उसी अनुरूप उनसे व्यवहार भी करें.

सदियों के बाद हमारे समाज के कामगार वर्ग को आज थोड़ा ही सही पर वो सम्मान प्राप्त होने लगा है जिसके वे वास्तव में हकदार हैं..इसे वे स्वयम तो आसानी से नहीं जाने देंगे परन्तु हम मालिकों कभी दायित्व है कि उनके इस सम्मान को बरकरार रखें.

Winter Special: सर्दियों में चेहरे लगाएं बाजरे के आटे का फेस पैक, मिलेंगे कई फायदे

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

सर्दियां शुरू हो चुकी हैं. इस मौसम में चेहरे की समस्याएं अक्सर बढ़ जाती हैं. यही वजह है कि गर्मियों के मुकाबले इस मौसम में चेहरे का बहुत ख्याल रखना पड़ता है. आपने देखा होगा कि सर्दियों में लोग बाजरे की रोटी और हरी सब्जियां बड़े चाव से खाते हैं. वो इसलिए कि बाजरा सेहत  के लिए बहुत अच्छा होता है. पर क्या आप ये जानते हैं कि सर्दियों में बाजरा आपके चेहरे के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. दरअसल, इस मौसम में आपके पोर्स और त्वचा में कई परतें जमा हो जाती हैं. बाजरे का आटा आपके चेहरे से डेड स्किन को हटाने और त्वचा की चमक लौटाने में मदद करता है. वहीं इसे लगाने से ब्लैकहेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है. ब्यूटी एक्सपट्र्स की मानें, तो इस साबुत अनाज में रूटीन और विटामिन बी जैसे एक्टिव कंपोनेंट होते हैं, जो आपको क्लीयर और मॉश्चुराइज्ड स्किन प्रदान करते हैं. तो आइए हम आपको बताते हें कि बाजरे का फेसपैक कैसे बनाया जाता है और बताएंगे इससे होने वाले फायदों के बारे में भी.

त्वचा के लिए फायदेमंद बाजरा

अच्छी बात ये है कि सर्दियों में बाजरा आपको हर जगह आसानी से मिल जाएगा. इस मौसम में आपकी त्वचा पर गंदगी जमा हो जाती है, ऐसे में यह डेड स्किन को हटाने का काम करता है. सर्दियों में आपकी त्वचा में निखार लाने का यह बेहतरीन नुस्खा है. इतना ही नहीं सर्दियों में जिन लोगों की त्वचा बहुत ऑयली हो जाती है, उनके लिए बाजरे का फेस पैक बहुत फायदेमंद साबित  होता है. इसे लगाने के बाद चेहरे पर एक्स्ट्रा ऑयल की टेंशन दूर हे जाती है और चेहरे का रंग पहले से काफी साफ हो जाता है. इसके अलावा बाजरा नए स्किन सेल्स के निर्माण को बढ़ावा देता है, फाइन लाइन्स और झुर्रियों को भी उम्र से पहले चेहरे पर झलकने नहीं देता.

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बाजरे का फेस पैक कैसे बनाएं-

बाजरे का फेस पैक बनाने के लिए सामग्री-

बाजरे का आटा- 2 बड़े चम्मच

गुलाबजल- आधा छोटा चम्मच

कच्चा दूध- आधा कप

बाजरे का फेस पैक बनाने की विधि-

बाजरे का फेस पैक बनाने के लिए 1 कटोरी लें. इसमें बाजरे का आटा डालें और कच्चा दूध मिलाकर पेस्ट बना लें. जब दोनों सामग्री अच्छे से मिक्स हो जाएं, तो इसमें गुलाबजल मिला लें. तैयार फेस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं. इससे आपकी त्वचा में निखार आ जाएगा.

बाजरे का फेस पैक इस्तेमाल करने के तरीके-

– आप बाजरे के फेस पैक को क्लींजर की तरह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं.

– इसके अलावा इस फेस पैक को अपनी गर्दन और चेहरे पर अच्छे से लगाएं. फिर कम से कम 20 से 25 मिनट बाद अपने चेहरे को साफ कर लें. जब आपके चेहरे से फेस पैक सूख जाए, तो इस पानी का छिड़काव करके इसे गीला कर लें. अब हल्के हाथों से चेहरे की मालिश कर पैक हटाएं.

– आप चाहें, तो इस फेस पैक को आप स्क्रब की तरह भी यूज कर सकते हैं. इससे सर्दियों में चेहरे की डेड स्किन निकल सकती है. इसका इस्तेमाल हफ्ते में एक बार करना अच्छा है.

बाजरा खाने के फायदों को तो आपने जरूर आजमाया होगा, लेकिन अब त्वचा पर बाजरे के फायदे जानने हैं, तो बाजरे के आटे से बना नेचुरल फेस पैक जरूर ट्राय करें. फिर देखिएगा, आपकी स्किन पहले से ज्यादा ग्लो करने लगेगी.

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मार से नहीं सुधरते बच्चे

कभी खिलौने तोड़ने, कभी होमवर्क न करने, कभी टीवी ज्यादा देर तक देखने, कभी सुबह जल्दी न उठने को ले कर हर बच्चे को कभी न कभी बचपन में अभिभावकों से अवश्य मार पड़ी होगी. जब बच्चे पेरैंट्स के अनुसार काम नहीं करते तो पेरैंट्स को गुस्सा आता है और गुस्से में वे पहले बच्चों को डरातेधमकाते हैं और जब ऐसा करने से बात बनती नहीं दिखती, तो वे बच्चों पर हाथ उठा देते हैं. पेरैंट्स ऐसा करते समय सोचते हैं कि वे ऐसा बच्चों की भलाई के लिए कर रहे हैं, उन्हें सुधारने के लिए कर रहे हैं. पर क्या बच्चों पर हाथ उठाना सच में बच्चों की भलाई के लिए होता, आइए जानते हैं :

हाथ उठाने के पीछे कारण :

साइकोलौजिस्ट प्रांजलि मल्होत्रा के अनुसार, ‘‘पेरैंट्स को लगता है कि बच्चों को मारना उन को सिखानेसमझाने का तरीका है, मारने से वे समझ जाएंगे और दोबारा वही गलती नहीं करेंगे. लेकिन, ऐसा नहीं है.

‘‘कई बार तो बच्चे यह भी नहीं समझ पाते कि उन्हें मार किस बात पर पड़ी है. कई बार बच्चे अकारण भी मार खा जाते हैं. बच्चों पर हाथ उठाने से न सिर्फ उन्हें शारीरिक रूप से चोट पहुंचती है बल्कि वे मानसिक रूप से भी कमजोर पड़ जाते हैं.

‘‘कई मामलों में बच्चों पर हाथ न उठा कर यदि प्यार से समझाया जाए तो उन पर सकारात्मक प्रभाव होता है. शारीरिक हिंसा बच्चों को गलत रास्ता दिखाती है. साथ ही, बच्चे यह समझ बैठते हैं कि सभी समस्याओं का हल केवल एक हाथ उठाने से हो सकता है. ऐसे में वे अपने आसपास दोस्तों के साथ भी मारपीट का रवैया अपनाने लगते हैं.’’

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हाउसवाइफ ज्यादा उठाती हैं हाथ :

मुंबई के एक एजुकेशनल गु्रप पोद्दार इंस्टिट्यूट औफ एजुकेशन द्वारा देश के 10 शहरों में किए गए सर्वे के अनुसार, घर में रहने वाली मांएं बच्चों पर पुरुषों की तुलना में अधिक हाथ उठाती

हैं. हैरानी की बात यह है कि 77 प्रतिशत मामलों में मां ही बच्चों को पीटती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि कामकाजी महिलाओं के पास बच्चों के लिए बहुत कम समय होता है, इसलिए वे कम हाथ उठाती हैं जबकि हाउसवाइफ बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताती हैं, इसलिए उन की गलतियों को ले कर वे ज्यादा सख्त होती हैं.

रिश्ते में आ सकती हैं दूरियां :

बच्चों को मार खाना न केवल अपमानित लगता है बल्कि मार उन्हें अशांत या डरपोक बना सकती है. बातबात पर हाथ उठाने से जहां कुछ बच्चे उग्र हो जाते हैं वहीं कुछ बच्चे हर समय डरेसहमे रहने लगते हैं, वे किसी से बात करने से भी कतराने लगते हैं. बड़े होने पर ये सारी समस्याएं उन के विकास में बाधक बन सकती हैं. बारबार मारने से बच्चों में पेरैंट्स का डर खत्म हो जाता है और हो सकता है आप का यह व्यवहार आप के और बच्चों के रिश्ते में दूरियां भी ला दे.

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