वर्जिनिटी : भ्रम न पालें

किसी भी युवती के लिए पहले सैक्स के दौरान उस की वर्जिनिटी सब से ज्यादा माने रखती है. युवती की योनि के ऊपरी हिस्से में पतली झिल्ली होती है जो उस के वर्जिन होने का प्रमाण देती है, लेकिन किसी भी युवती की योनि और उस के ऊपरी सिरे में स्थित हाइमन झिल्ली को देख कर यह पता लगाना कि वह वर्जिन है कि नहीं न तो संभव है न ही ठीक. सैक्स के दौरान अकसर पार्टनर द्वारा युवती की योनि से रक्तस्राव की उम्मीद की जाती है लेकिन ज्यादातर मामलों में पाया गया है कि पहली बार सैक्स के दौरान युवती के वर्जिन होने के बावजूद उस की योनि से रक्तस्राव नहीं होता, फिर भी साथी  द्वारा यह मान लिया जाता है कि युवती पहले भी सैक्स कर चुकी है, जबकि पहली बार सैक्स के दौरान युवती की योनि से स्राव होने या न होने को उस के वर्जिन होने का सुबूत नहीं माना जा सकता, क्योंकि पहली बार में बहुत सी युवतियों को इसलिए रक्तस्राव नहीं होता, क्योंकि खेलकूद, साइकिल चलाना आदि की वजह से उन की योनि में स्थित झिल्ली कब फट जाती है उन्हें स्वयं नहीं पता चलता. इस का कारण हाइमन झिल्ली का बहुत पतला व लचीला होना है. कभीकभी युवती में जन्म के समय से ही यह झिल्ली मौजूद नहीं होती. ऐसे में पहले सैक्स के दौरान योनि से रक्तस्राव न होने के आधार पर युवती के चरित्र पर संदेह करना गलत होता है.

पहली बार सैक्स के दौरान युवक अपने साथी से उस के कुंआरी होने का सुबूत भी मांगते हैं, जबकि वह खुद के कुंआरे होने का सुबूत देना उचित नहीं समझते. इस वजह से पहला सैक्स जिसे हम वर्जिनिटी का नाम देते हैं, आगे चल कर सैक्स संबंधों में बाधा बन जाता है. युवती की वर्जिनिटी पर शक की वजह से कई तरह की गलतफहमियां जन्म लेती हैं. इस का प्रमुख कारण कुंआरेपन को ले कर लोगों से सुनीसुनाई बातें हैं.

किसी भी युवक या युवती के लिए पहली बार किए जाने वाले सैक्स का जो रोमांच होता है, उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह एक ऐसी स्टेज है जहां युवकयुवती एकदूसरे के सामने अपने सारे कपड़े उतारने और सैक्स को ले कर होने वाली झिझक को दूर करने की शुरुआत करते हैं. यहीं से युवकयुवती के कुंआरेपन की समाप्ति होती है और यही वह स्टेज है जहां दोनों अपनी वर्जिनिटी खोते हैं.

युवती को अपने कुंआरेपन का सुबूत देने के लिए कई तरह की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है जोकि सरासर गलत है. अगर युवती पुरुष से कुंआरे होने का सुबूत नहीं मांगती तो उसे भी चाहिए कि अपने साथी पर विश्वास करते हुए उस के कुंआरेपन पर सवाल खड़ा न करे. अकसर युवती के कुंआरेपन को ले कर घरेलू ंिहंसा व तलाक जैसी नौबत भी आ जाती है. अपने चरित्र का प्रमाण देने के लिए युवती को तमाम तरह के सुबूत पेश करने के लिए कहा जाता है.

सैक्स के दौरान वर्जिनिटी को ले कर आने वाले खून की कुछ बूंदों के प्रति पुरुषवर्ग इतना गंभीर होता है कि वह वर्षों से चले आ रहे इस दकियानूसी खयाल से बाहर आने की सोच भी नहीं सकता, जबकि अपने कुंआरेपन को गृहस्थी के बीच का मुद्दा बनाना गलत है. इसलिए युवकयुवतियों को चाहिए कि वे पहले सैक्स को यादगार बनाएं न कि वर्जिनिटी के चक्कर में पड़ कर संबंधों में दरार पैदा करें.

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प्यार और भरोसे से करें शुरुआत

नीरज की अरेंज्ड मैरिज थी, अत: वह अपनी होने वाली पत्नी से कभी मिला नहीं था. ऐसे में नीरज के दोस्त शादी की पहली रात को ले कर नीरज को तमाम तरह की सलाह देने में लगे हुए थे. उस के एक दोस्त ने कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ पहली रात के सैक्स यानी सुहागरात में पत्नी के वर्जिन होने का पता लगाने के लिए योनि से रक्तस्राव होने पर जरूर ध्यान दे. अगर रक्तस्राव हुआ तो समझ ले कि पत्नी ने किसी के साथ सैक्स नहीं किया है, अगर नहीं हुआ तो वह पहले सैक्स कर चुकी है.

लेकिन नीरज ने दोस्त की इस बात पर ध्यान न दिया, क्योंकि वह जानता था कि पहले सैक्स में रक्तस्राव होना जरूरी नहीं. इस से यह पता चलता है कि वर्जिन होने के लिए सुबूत देने की जरूरत नहीं होती बल्कि पहली बार किए जाने वाले सैक्स की शुरुआत प्यार और भरोसे के साथ की जाए तो यह न केवल ज्यादा मजा देने वाला होता है, बल्कि इस से रिश्ता और भी गहरा व विश्वसनीय बन जाता है.

बातचीत है जरूरी

सैक्स व मनोरोग विशेषज्ञ डा. मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन का कहना है कि कौमार्य खोने के पहले एकदूसरे के बारे में अच्छी तरह से जान लें, क्योंकि सैक्स आनंद के लिए किया जाता है न कि भूख मिटाने के लिए. इसलिए सैक्स को मजेदार बनाने की कोशिश करें, आपस में कामुक बातचीत की शुरुआत हो और धीरेधीरे यह बातचीत शर्म से ऊपर उठ कर सैक्स संबंध के रूप में आगे बढे़. इस तरह सैक्स का मजा दोगुना हो जाता है और पतिपत्नी के बीच शर्म का परदा भी उठ जाता है.

पहले सैक्स को ज्यादा मजेदार व यादगार बनाने के लिए वर्जिनिटी जैसे दकियानूसी खयाल से ऊपर उठ कर शारीरिक व मानसिक संतुष्टि को ज्यादा महत्त्व देना चाहिए. इस के अलावा किसी तरह की अजीबोगरीब उम्मीदें नहीं पालनी चाहिए जिन से जीवन साथी को किसी तरह की ठेस पहुंचे.

कैसी प्रेमिका की चाहत

एक सर्वे के अनुसार 51% युवा प्रेमियों को प्रेमिका की ब्यूटी, 36% को ब्रेन और 15% को प्रेमिका की ब्यूटी विद ब्रेन दोनों का कौंबिनेशन प्रभावित करता है.

प्रेमी प्रेमिका की तरह अपनी पसंद और नापसंद के आधार पर प्रेमिका को चुनते हैं.

आइए जानें वे क्या पसंद करते हैं अपनी प्रेमिका में :

–       युवा प्रेमी को साफसफाई का खयाल रखने वाली प्रेमिका अधिक पसंद आती है.

–       युवा प्रेमी को प्रेमिका की बौडी लैंग्वेज, बाल, आंखें, मुसकराहट भी अपनी ओर आकर्षित करती है.

–       युवा प्रेमी बहुत होनहार प्रेमिका की चाहत नहीं रखते बल्कि उन्हें हर सामान्य कार्य में रुचि रखने वाली प्रेमिका ज्यादा पसंद आती है.

–       51% युवाओं का मानना है कि उन्हें प्रेमिका की खूबसूरती के अलावा उस का केयरिंग नेचर बहुत प्रभावित करता है.

–       आत्मविश्वासी प्रेमिका युवा प्रेमी को ज्यादा पसंद आती है.

–       अकसर युवक ऐसी प्रेमिका को पसंद करते हैं जो अपना अधिकांश समय उन्हें ही दे.

–       बातबात पर इमोशनल होने वाली पे्रमिका से वे दूरी बनाने में ही भलाई समझते हैं.

–       युवा प्रेमी अकसर ऐसी प्रेमिका चाहते हैं, जो सैक्सी और कौपरेट करती हो.

– रुचि सिंह

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8 TIPS: फैशन मिस्टेक्स से कैसे बचें 

शायद ही आज कोई ऐसा हो, जिसे फैशन करना पसंद न हो. लेकिन हर किसी के फैशन करने का तरीका अलगअलग होता है. कोई देखादेखी फैशन करता है , तो किसी के फैशन करने का अंदाज इतना अच्छा होता है कि लोग बस उसे देखते ही रह जाते हैं, हमेशा उसे ही कॉपी करना पसंद करते हैं . लेकिन वेदिका , जिसे फैशन करने का तो बहुत शौक था , लेकिन वह कभी भी फैशन करते समय न तो अपने रंग रूप को ध्यान में रखती थी और न ही अपनी फिज़िक को. और हमेशा स्टाइल भी दूसरों का ही कोपी करती थी. जिसके कारण वह हमेशा अपने फैशन के कारण लोगों के बीच मजाक का ही कारण बनी. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपका वेदिका की तरह मजाक न बने तो आप भी कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें. जो इस प्रकार से हैं  –

1. अपनी फिजिक के हिसाब से कपड़े पहनें 

आप स्टाइलिश दिखेंगी अपनी फिजिक के हिसाब से कपड़े पहनने से. हर महिला का बॉडी शेप अलगअलग होता है. जैसे किसी का ओवल, किसी का स्ट्रैट, किसी का पियर, तो किसी का स्किनी. ऐसे में अगर आप फैशनेबल दिखना चाहती हैं तो कपड़ों के सिलेक्शन में बॉडी शेप को जरा भी इग्नोर न करें. जैसे अगर आपकी स्ट्रैट बॉडी है तो आपको जरा भी अपनी कमर को हाईलाइट करने की जरूरत नहीं है बल्कि आप ऐसे कपड़े पहनें , जो आपके शरीर को खूबसूरत दिखाने के साथसाथ फैशनेबल भी दिखाएं. ऐसे में आप एम्पायर लाइन्स ड्रेसेस, व्रैप ड्रेसेस, बेल्ट ड्रेसेस पहनें , जो किसी भी ड्रेस की शेप को बदल कर आपको फैशनेबल दिखाने का काम करेगी.

इसी के साथ अगर आपकी पियर बॉडी शेप है, यानि कमर पतली और हिप एरिया भारी , तो आप वाऊ लुक पाने के लिए हमेशा ब्राइट रंग के कपड़े ही पहनें. इसके साथ ही आप बोट नैक टॉप्स भी पहनें. और इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके ऊपर व नीचे वाले हिस्से में बैलेंस बना रहे, इसके लिए आप पैडेड ब्रा का सहारा लें. इससे आपके बॉडी पार्ट्स बराबर उबरेंगे.

वहीं अगर आपकी एप्पल बॉडी शेप है, यानि आपकी कमर के नीचे वाला हिस्सा पतला है, तो आप ए लाइन ड्रेसेस, फ्लेयर्ड बॉटम्स इत्यादि कैरी करें.

अगर आपकी ओवल बॉडी शेप है, तो आपको टूयूनिक टोप , वर्टिकल स्ट्रिप्स वाले कपड़े आदि पहनने चाहिए. ये आपकी बॉडी के फिट को अच्छा दिखाने का काम करता है. हमेशा ऐसी शेप वाले लोगों को लूज़ कपड़े पहनने से बचना चाहिए.

वहीं अगर आपकी स्किनी बॉडी शेप है, तो आप अपने ब्रेस्ट एरिया को उभारने के लिए पैडेड टोप्स व कुर्तीज पहनें. साथ ही आप बैलून स्कर्ट्स, लो वैस्ट जींस पहनकर भी खूबसूरत दिख सकती हैं.

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2. देखादेखी करने से बचें 

आज के टाइम में हम खुद से ज्यादा दूसरों को देखकर उनकी आदतें , उनके लुक, उनके ड्रेसिंग सेंस , उनकी पर्सनालिटी को फोलो करने की इच्छा रखते हैं. हमें लगता है कि जो तारीफ उस कपड़े में उन्हें मिली है, अगर हम भी सेम फैशन को फोलो करते हैं तो हमें भी मिलेगी. लेकिन इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है. क्योंकि हो सकता है कि उनकी फिज़िक , उनका रंगरूप एकदम परफेक्ट हो. जबकि इसके एकदम उलट आपका ऐसा न हो. तो आप उनके जिस भी फैशन को कॉपी करेंगे , वो आप पर बेकार ही लगेगा.  ऐसे में जब भी किसी सेलिब्रिटी, किसी फ्रेंड या फिर किसी अपने का कोई फैशन कॉपी करने का मन करे तो सबसे पहले अपने फिज़िक , अपनी हाइट वगैरा को जरूर ध्यान में रखें. क्योंकि अगर आप इसके आधार पर कपड़े पहनेंगे तो आप फैशनेबल दिखने के साथसाथ लोगों की वाहावाही भी लूट पाएंगे.

3. फैशन ट्रेंड को ध्यान में रखें 

चाहे बात हो लोकल मार्केट की या फिर ब्रांडेड मार्केट की, लेकिन ये जरूरी नहीं कि मार्केट में आने वाला हर फैशन या दुकानदार के द्वारा दिखाए जाने वाला हर कपड़ा ट्रेंड में हो ही. ऐसे में आप जब भी खुद के लिए आउटफिट्स खरीदने जाएं , तो उससे पहले रिसर्च करके जाएं , जैसे कौन सा फैशन ट्रेंड में चल रहा है , कौन सा फैशन आउटडेटेड हो गया है. इससे आपको फैशन ट्रेंड के बारे में जानकारी रहेगी और साथ ही आप खुद के लिए फैशन के मुताबिक आउटफिट्स खरीद कर फैशनेबल भी दिख पाएंगे.

4. साइज को करें इग्नोर 

हो सकता है कि आप फैशन के मामले में अपने फ्रेंड को कॉपी कर रहे हो. और इस कॉपी के चक्कर में आप उसी ब्रांड का वही कपड़ा लेने पहुंच गए जो आपके फ्रेंड ने वियर किया था. और यहां तक कि आपका साइज नहीं मिलने पर आप एक साइज बड़ा लेने के लिए भी तैयार हो गए हैं तो समझ जाएं कि आप गलती कर रहे हैं , क्योंकि चाहे साइज छोटा हो या बड़ा ,अगर आप अपने फिट के मुताबिक साइज नहीं पहनते हैं तो आपका फैशनेबल दिखना तो दूर की बात है, आप लोगों की हंसी के पात्र भी बन जाएंगे. इसलिए कभी भी आउटफिट्स में साइज को इग्नोर न करें.

5. गलत कोम्बिनेशन को फोलो करने से बचें 

अकसर गलत कोम्बिनेशन आपके पूरे लुक को बिगाड़ने का काम करता है. जैसे सोनम को वाइट कलर बहुत अच्छा लगता था. इस कारण से उसने वाइट टॉप के साथ वाइट स्कर्ट भी खरीद ली. चलो यहां तक तो ठीक था, लेकिन जब उसने शूज के सिलेक्शन में भी वाइट कलर को ही चूज़ किया , तो वो उसके लुक में अट्रैक्शन पैदा करने के बजाह उसको हंसी का पात्र बनाने का काम किया. ऐसे में हमेशा ही आप मिक्स मैच करते आउटफिट्स टाई करें, इसी के साथ आपका जब भी ऊपर व बॉटम एक जैसा हो, तो हमेशा टॉपवियर्स से मैच करते ही शूज, सैंडल्स व जूतियां ट्राई करें, काफी अच्छा कोम्बिनेशन लगता है. यकीन मानें ये आपको फैशनेबल दिखाने का तो काम करेगा ही, साथ ही आपके आउटफिट्स में भी चारचांद लगा देगा.

6. अंडर गारमेंट्स का रखें खास खयाल 

सोचिए आपने ड्रेस तो परफेक्ट पहन ली, लेकिन अंडर गारमेंट्स का जरा भी ध्यान नहीं रखा तो आपके फैशन पर पानी फिर सकता है. जैसे आपने स्ट्रिप स्टाइल ड्रेस पहनी है और उस पर आपने मोटे स्ट्रैप्स वाली ब्रा पहन ली, तो लोगों का ध्यान आपकी ड्रेस पर कम और आपकी ब्रा पर ज्यादा रहेगा. ठीक उसी तरह अगर आपने लोअर वेस्ट की जींस पहनी हुई है , तो आप उस पर हिपस्टर पैंटी पहन लें तो आप खुद ही सोच कर देखें कि कितने अजीब लगेंगे. लोग आपको देख कर बस यही कहेंगे कि इन्हें जरा भी फैशन की समझ नहीं है. ऐसे में आप जब भी ऐसी ड्रेसेस पहनें, तो अंडरगारमेंट्स का सिलेक्शन सोचसमझ कर ही करें. जैसे आप बैकलेस ब्रा का चयन कर सकते हैं , या फिर लोअर वैस्ट के गारमेंट्स, जो आपके लुक को भी नहीं बिगड़ेंगे और साथ ही आपकी ड्रेस का अट्रैक्शन भी बना रहेगा.

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7. सस्ते के चक्कर में फंसे 

कई बार हम फैशनेबल दिखने के चक्कर में सस्ते के चक्कर में फंस जाते हैं , जिससे भले ही आपको फैशन तो मिल जाए , लेकिन वो हैल्थ के लिए काफी नुकसानदायक होता है. क्योंकि अकसर सस्ते कपड़े में फैब्रिक का ध्यान नहीं रखा जाता है, जिससे स्किन पर एलर्जी, फैब्रिक के कारण अनकम्फर्टेबल फील होना, स्किन का रेड पड़ना इत्यादि समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में कभी भी आप फैशन के चक्कर में फैब्रिक के साथ समझौता न करें बल्कि हमेशा हैल्दी फैब्रिक ही चुनें. क्योंकि सस्ते कपड़े में फैब्रिक के साथसाथ स्टिचिंग के साथ भी समझौता किया जाता है, जो लोगों के सामने आपको फैशनेबल दिखाने के बजाय आपको शर्मिंदा कर सकता है. इसलिए हमेशा सस्ते के चक्कर में न फंसे.

8. हमेशा कंफर्ट का ध्यान रखें 

कुछ लोगों को फैशन का शौक नहीं होता है, लेकिन वह देखा देखी इस हद तक फैशन कर लेते हैं कि उनकी लोगों के बीच किरकरी ही बनती है. जैसे अगर आपके फ्रेंड को बेहद टाइट जींस पहनने का शौक है  और आप भी उनकी ही देखा देखी वैसी ही पेंट वियर कर लें, तो जरूरी नहीं कि वो आप पर जंचे ही और साथ ही आपको इसके कारण इतना अनइजी भी फील होगा कि आप फैशनेबल दिखने की बात तो दूर की है , लोग आपके पहनावे , आपकी टाइट जीन्स के कारण बदली चाल को देखकर खूब हंसेंगे भी. इसलिए कभी भी दिखावे में आकर फैशन न करें.

रातभर भिगोकर रखें ये 5 चीजें, सुबह उठकर खाने से हर बीमारी हो जाएगी दूर

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

बात जब हमारी सेहत की हो, तो व्यक्ति खुद को फिट रखने के लिए हर मुमकिन उपाय करता है. चाहे वह जिम में घंटों वर्कआउट करना हो, ढेर सारा पानी पीना हो या फिर कोई डाइट फॉलो करना. लेकिन यह समझना बहुत जरूरी है कि स्वस्थ और फिट रहने के लिए इन सबके साथ सही खाना-पान की जरूरत होती है. पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ न केवल हमें ऊर्जा देते हैं, बल्कि हमें हर बीमारी से बचाए रखने में भी कारगार साबित होते हैं. कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं, जिन्हें आपको सुबह जल्दी उठकर खाना चाहिए. लेकिन इन्हें रात में भिगोकर रखना जरूरी है. विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा करने से ये शरीर में आसानी से पच जाते हैं. तो आइए हम यहां आपको ऐसे 5 नट्स और बीज के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी पेट की समस्या, इम्यूनिटी , वजन घटाने और गठिया जैसी मुख्य स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मदद करेंगेे.

1. मेथी के बीज-

रात में मेथी को भिगोकर  रख दें और सुबह उठने के बाद इन भीगे हुए बीजों को खा लें या इनका पानी पी लें. ऐसा करने से आपको जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी, जो महिलाओं में एक आम समस्या है. वैसे मेथी का दाना पेट के लिए भी बहुत फायदेमंद है. कब्ज से राहत के लिए यह सबसे अच्छा घरेलू नुस्खा भी  है. आंतों को साफ करने के साथ यह पाचन में भी सुधार करता है. मेथी मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है, वहीं इसके सेवन से मासिक धर्म में होनेा वाला दर्द भी दूर हो जाता है.

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2. किशमिश-

आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर किशमिश आपकी सेहत के लिए एक वरदान है. जब आप रात में भिगोई हुई किशमिश सुबह उठकर खाते हैं तो  यह आपकी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बना देती है. बहुत सी महिलाओं में आयरन की कमी देखी जाती है . ऐसे में भीगी हुई  किशमिश  शरीर में आयरन की पूरी करने का एक बेहतरीन विकल्प है. इसके स्वास्थ्य लाभों का फायदा लेने के लिए रोजाना सुबह उठकर  किशमिश  का पानी पीएं.

3. अलसी-

आपके स्वास्थ्स को बेहतर बनाने के लिए रोजाना एक चम्मच अलसी का सेवन ही काफी है. इसके बीजों को रातभर पानी में भिगो दें और सुबह इनका सेवन कर लें.  ये बीज, फाइबर, आयरन और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो वजन घटाने में आपकी बहुत मदद करेंगे. इन बीजों का नियमित रूप से सेवन करने पर न केवल आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी बल्कि आप मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों से भी बच रहेंगे.

4. अंजीर-

अंजीर विटामिन, फाइबर, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, फ्लेवेनॉइड्स और पॉलीफेनॉल्स भी होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं. बीमारियों से बचने के लिए एक अंजीर रात में पानी में भिगों दें और सुबह खा लें. बहुत फायदा मिलेगा.

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5. बादाम-

ज्यादातर लोग दिमाग को तेज करने के लिए सुबह उठकर भीगे हुए बादाकम खाते हैं. दिमाग की सेहत को अच्छा रखने के अलावा यह वजन घटाने में भी बहुत मदद करता है. बादाम में मैग्रीशियम बहुत अच्छी मात्रा में होता है, जो ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या से निपटने वालों के लिए बहुत अच्छा है.

ध्यान रखें इन बीजों और नट्स का सेवन कम मात्रा में ही करें. क्योंकि इनकी तासीर गर्म होती है इसलिए इनके जरूरत से ज्यादा सेवन से मुहांसे और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.

विराट की जिंदगी में होगा हादसा! Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin में आएगा नया ट्विस्ट

स्टार प्लस के सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) में की कहानी में जल्द नया मोड़ आने वाला है. जहां शो में एक नई एंट्री होने वाली है तो वहीं एक बार फिर सई  (Ayesha Singh) और विराट (Neil Bhatt) एक दूसरे से दूर होते नजर आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्यो होगा शो में आने वाला ट्विस्ट…

भवानी के खिलाफ निनाद ने उठाया कदम

अब तक आपने देखा कि अश्विनी और निनाद के कहने पर भवानी, सई और विराट को मॉल जाने की इजाजत दे देती है. हालांकि वह इस बात से खुश नहीं होती. लेकिन निनाद की बात के आगे कुछ नही कह पाती. दूसरी तरफ विराट औऱ सई एक साथ रोमांटिक पल बिताते नजर आते है. इसी बीच विराट की मुलाकात पुराने दोस्त से होती है, जो एक गुंडा बन चुका है.

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विराट की जिंदगी में आएगा नया ट्विस्ट

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि दिवाली सेलिब्रेशन में विराट औऱ सई जमकर मस्ती करेंगे. लेकिन पाखी दोनों की खुशी देखकर जलन महसूस करती नजर आएगी. वहीं विराट को एक मिशन पर जाने का और्डर आएगा, जिसे सुनकर पूरा परिवार जहां घबरा जाएगा तो वहीं पाखी मौके का फायदा उठाकर सई को भड़काएगी और कहेगी कि विराट पर ज्यादा भरोसा ना करे. जैसा उसके साथ हुआ कहीं सई के साथ न हो जाए. इसी बीच खबरों की मानें तो मिशन पर विराट की अपने दोस्त सदानंद से हाथापाई होगी. जहां विराट के हाथों सदानंद का खून हो जाएगा. दूसरी तरफ इसी मिशन पर विराट की मुलाकात नई एंट्री शफक नाज से होगी, जिसके चलते सीरियल की कहानी के ट्रैक में नया बदलाव आएगा.

 

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21 एयरपोर्ट के साथ 05 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया.

प्रधानमंत्री जी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी का नया भारत आज सर्वश्रेष्ठ आधुनिक बुनियादी ढांचे में से एक का निर्माण कर रहा है. बेहतर सड़कें, बेहतर रेल नेटवर्क, बेहतर एयरपोर्ट सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स नहीं होते बल्कि यह पूरे क्षेत्र का कायाकल्प कर देते हैं, लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल देते हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की ताकत और बढ़ जाती है जब उनके साथ सीमलेस कनेक्टिविटी हो, लास्ट माइल कनेक्टिविटी हो. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की दृष्टि से भी एक बेहतरीन मॉडल बनेगा. यहाँ आने जाने के लिए टैक्सी से लेकर मेट्रो और रेल तक, हर तरह की कनेक्टिविटी होगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तरी भारत का लॉजिस्टिक्स गेट-वे बनेगा. यह इस पूरे क्षेत्र को नेशनल गतिशक्ति मास्टरप्लान का एक सशक्त प्रतिबिम्ब बनाएगा.

प्रधानमंत्री जी ने नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के भूमि पूजन के लिए देश व प्रदेश के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि इसका बहुत बड़ा लाभ दिल्ली-एन0सी0आर0 और पश्चिमी यूपी के करोड़ों लोगों को होगा. उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते हैं. हवाई अड्डे को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी हजारों लोगों की आवश्यकता होती है. यह हवाई अड्डा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को नए रोजगार भी देगा.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के बढ़ते विमानन क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा और विमानों के रखरखाव, मरम्मत और संचालन का एक प्रमुख केन्द्र होगा. यहां मरम्मत, रखरखाव और ओवरहॉल के लिए 40 एकड़ में एम0आर0ओ0 (मेंटेनेंस, रिपेयर एण्ड ओवरहॉल) प्रतिष्ठान का निर्माण किया जा रहा है. देश मंे एम0आर0ओ0 सेवाओं की उपलब्धता से, विदेशांे से इन सेवाओं को प्राप्त करने में व्यय होने वाले हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इस एयरपोर्ट के माध्यम से पहली बार देश में इंटीग्रेटेड मल्टी मोडल कार्गाे हब की कल्पना भी साकार हो रही है. इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास को एक नई गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों की सीमा समुद्र से सटी होती है, उनके लिए बंदरगाह बहुत बड़े एसेट होते हैं. विकास के लिए एक बड़ी ताकत के रूप में कार्य करते हैं. उत्तर प्रदेश जैसे लैण्ड-लॉक्ड राज्यों के लिए एयरपोर्ट यही भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद, बरेली जैसे अनेकों औद्योगिक क्षेत्र हैं. सर्विस सेक्टर का बड़ा ईकोसिस्टम भी है और एग्रीकल्चर सेक्टर में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अहम हिस्सेदारी है. अब इन क्षेत्रों का सामर्थ्य भी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, एक्सपोर्ट के एक बहुत बड़े केंद्र को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों से सीधे जोड़ेगा. अब यहां के किसान, विशेषकर छोटे किसान, फल-सब्ज़ी, मछली जैसे जल्दी खराब होने वाली उपज को सीधे एक्सपोर्ट कर पाएंगे. खुर्जा के कलाकार, मेरठ की स्पोर्ट्स इण्डस्ट्री, सहारनपुर का फर्नीचर, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, आगरा का फुटवीयर और पेठा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अनेक एम0एस0एम0ई0 को विदेशी मार्केट तक पहुंचने में अब और आसानी होगी.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आजादी के सात दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वह मिलना शुरु हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है. डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है. यहां पश्चिमी यूपी में भी लाखों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम चल रहा है. रैपिड रेल कॉरिडोर हो, एक्सप्रेस-वे हो, मेट्रो कनेक्टिविटी हो, पूर्वी और पश्चिमी समुद्र से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर हों, यह आधुनिक होते उत्तर प्रदेश की नई पहचान बन रहे हैं.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है. आज उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हाई-वे, एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर की रेल कनेक्टिविटी तैयार हो रही है. आज उत्तर प्रदेश मल्टीनेशनल कंपनियों के निवेश का सेंटर है. आज देश और दुनिया के निवेशक कहते हैं- उत्तर प्रदेश यानि उत्तम सुविधा, निरंतर निवेश. आने वाले 02-03 वर्षांे में जब यह एयरपोर्ट काम करना शुरु करेगा, तब उत्तर प्रदेश 05 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बन जाएगा.
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे लिए राजनीति का नहीं बल्कि राष्ट्रनीति का हिस्सा है. भारत का उज्ज्वल भविष्य एक जिम्मेदारी है.

इसलिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि तय समय के भीतर ही इंफ्रास्ट्रक्चर का काम पूरा किया जाए. देरी होने पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. हम राष्ट्र प्रथम की भावना पर चलते हैं. सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास, यही हमारा मंत्र है. कुछ समय पहले ही भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज से कठिन पड़ाव को पार किया है. इसी महीने की शुरुआत में भारत ने वर्ष 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य का ऐलान किया. कुछ समय पहले ही कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण किया गया. उत्तर प्रदेश में ही एक साथ 09 मेडिकल कॉलेज की शुरुआत करके देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया. महोबा में नए डैम और सिंचाई परियाजनाओं का लोकार्पण हुआ तो झांसी में डिफेंस कॉरिडोर के काम ने गति पकड़ी, पिछले हफ्ते ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश वासियों को समर्पित किया गया. आज नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमिपूजन हुआ है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से देश के लोगों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में बदलते हुए भारत, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार होते हुए देखा है. प्रधानमंत्री जी ने कुशल प्रबन्धन के माध्यम से वैश्विक महामारी कोरोना से देशवासियों के जीवन और जीविका की रक्षा की. प्रधानमंत्री जी द्वारा आज यहां नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया जा रहा है. इसके माध्यम से वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए आए हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन मंे उत्तर प्रदेश निरन्तर विकास के नये आयाम स्थापित कर रहा है. प्रदेश सरकार ने विगत साढ़े चार वर्षाें में विभिन्न विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से राज्य के सम्बन्ध में पर्सेप्शन को बदला है. प्रदेश में आस्था को सम्मान दिया गया. वर्तमान उत्तर प्रदेश विकास की राह पर आगे बढ़ने वाला प्रदेश है. उन्होंने नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के विकास के लिए स्वेच्छा से भूमि उपलब्ध कराने वाले किसानों को बधाई दी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्ष में जनपद गौतमबुद्धनगर में अनेक परियोजनाओं पर कार्य हुआ है. 1125 करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो लाइन का विस्तारीकरण तथा 1067 करोड़ रुपये की लागत से एलीवेटेड रोड के निर्माण का कार्य कराया गया. मेडिकल पार्क, इण्डोर स्टेडियम, शिल्पकार एवं बुनकर भवन, नया सिटी बस टर्मिनल, हैबिटेट सेन्टर की स्थापना करायी गयी. ग्रेटर नोएडा में 800 करोड़ रुपये की लागत से गंगा जल की आपूर्ति, 08 नये औद्योगिक सेक्टरों का विकास, 3880 करोड़ रुपये की लागत से मल्टी मोडल लॉजिस्टिक हब एवं मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट हब का कार्य कराया जा रहा है. साथ ही, आने वाले समय में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में फिल्म सिटी, एपैरल पार्क, ट्वाय पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, हैण्डीक्राप्ट पार्क, लॉजिस्टिक पार्क, हेरिटेज सिटी आदि विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी. इन योजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम0 सिंधिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एवं पर्यटन विकास की असीम क्षमता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में यहां एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनया जा रहा है. वर्ष 2024 तक इसका पहला चरण पूरा होगा. इस पर 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा. इससे 01 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा. उत्तर प्रदेश 21 एयरपोर्ट के साथ 05 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य है. आजादी के बाद 70 वर्षाें मंे देश में कुल 74 एयरपोर्ट बने. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में विगत 07 वर्षाेे में 62 अतिरिक्त एयरपोर्ट बनाए गये. देश में इनकी कुल संख्या बढ़कर 136 हो गयी है.

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश सुशासन की नई मिसाल प्रस्तुत कर रहा है. प्रदेश में राजकीय सेवाओं में युवाओं का पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ बिना भेदभाव के नियोजित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन मंे प्रदेश में उड़ान योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है. वर्ष 2017 से पहले राज्य में केवल 02 एयरपोर्ट संचालित थे. वहीं अब 09 हवाई अड्डे संचालित हैं. 08 एयरपोर्ट बनकर लगभग तैयार हैं. 04 एयरपोर्ट पर तेजी से कार्य हो रहा है.

अनुज के लिए Anupama को होगा प्यार का एहसास! देखें वीडियो

टीआरपी चार्ट्स में पहले नंबर पर आने वाला सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) में इन दिनों जोड़ियां टूटती और बनती नजर आ रही हैं. जहां एक तरफ काव्या (Madalsa Sharma) और वनराज  (Sudhanshu Pandey) के बीच झगड़े के बाद तलाक की नौबत आ गई है तो वहीं अनुज (Gaurav Khanna) और अनुपमा (Rupali Ganguly) के बीच प्यार की शुरुआत होती नजर आ रही है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा सीरियल में आने वाला अगला ट्विस्ट

किंजल-तोषू के रिश्ते में आई दरार

 

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अब तक आपने देखा कि काव्या के बड़े बवाल के बाद शाह हाउस में भाई दूज के मौके पर खुशियां देखने को मिलती हैं. जहां पाखी, समर और तोषू के साथ धमाल मचाती है. वहीं तोषू, किंजल से पैंट हाउस जाने की बात पूछता है. लेकिन एक बार फिर दोनों के बीच झगड़ा हो जाता है और गुस्से में वह कहती है कि जो इंसान अपनी मां का नहीं हुआ वह मेरा क्या होगा. इसलिए अब वह अनुपमा के जाने के बाद घर की जिम्मेदारी निभाएगी. चाहे उसे तोषू से रिश्ता क्यों न तोड़ना पड़े.

 

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अनुपमा को सलाह देगी वेदिका

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि भाई दूज के मौके पर अनुपमा भी बेहद खुश नजर आएगी और अनुज के लिए केक बनाएगी. औफिस जाकर वह अनुज को केक देगी, जिससे वह बेहद खुश होगा. वहीं अनुज की ये खुशी देखकर अनुपमा बेहद खुश नजर आएगी. इसी के चलते देविका, अनुपमा की आंखों में अनुज के लिए प्यार पहचान लेगी और उसे कहेगी कि अपने प्यार को फिक्र का नाम ना दें और अनुज के प्यार को मानने के लिए कहेगी.

 

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शाह हाउस में होगा बवाल

इसके अलावा आप देखेंगे कि वनराज (Sudhanshu Pandey) अब अपने करियर के लिए कदम बढ़ाएगा और बा (Alpana Buch) को चेतावनी देगा कि अब वह काव्या (Madalsa Sharma) को न तो किसी काम के लिए रोकेगा और न ही घर के किसी झगड़े में दखल देगा. क्योंकि अब वह जिंदगी की दौड़ में आगे बढ़कर दिखाएगा. वहीं काव्या दोनों की बात सुन लेगी और बेहद खुश नजर आएगी.

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देश की पुलिस व्यवस्था

पौराणिक कहानियां जो हमारे यहां हर मौके पर पंडितों, प्रवचन कर्ताओं और व्हाट्सएप महानुभवों द्वारा सुनार्ई जाती हैं, एक विशेषता रखती हैं. वह है कि उन में न सिरपैर होता है, न तर्क, न सही तथ्य पर पढऩे में मजेदार होती है. हमारी पुलिस इस ज्ञान में माहिर है और जब भी किसी अभियुक्त को साल 6 माह बाद जेल में रखने के बाद जमानत मिलती है (आरोपमुक्ति नहीं) यह स्पष्ट हो जाता है कि बेबात में पौराणिक सी कहानी बना कर उसे जेल में इतने दिन बंद रखा गया.

सुशांत ङ्क्षसह राजपूत की आत्महत्या के मामले में कितनों को ही बेमतलब की पौराणिक कहानियां बनाकर मजिस्ट्रेट के सामने अभियुक्त बना कर खड़ा किया गया और गिरफ्तारी का आदेश ले लिया गया. आमतौर पर हमारे जज पुलिस की बात कानून व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर मान लेते हैं पर जब तथ्यों की कमी होने लगती है तो लगने लगता है कि पुलिस का केस तो सत्यनारायण व्रत कथा की तरह का है. जिसमें सत्यनारायण की कथा है ही नहीं.

मुंबई के अंधेरी के रहने वाले जपतप ङ्क्षसह आनंद को फरवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर करिश्मा प्रसाद ने उस के अकाउंट में 3100 रुपए भेजे थे. अब यह न पूछें कि यह पुलिस को कैसे पता चला कि यह पैसा 50 ग्राम गांजा खरीदने के लिए भेजे गए थे. पुलिस का दावा था कि जपतप ङ्क्षसह ने यह पैसे अपने भाई करमजीत ङ्क्षसह को दिए जिसे भी गिरफ्तार किया गया था पर पहले ही जमानत मिल चुकी थी.

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विलक्षण ज्ञान वाले नैरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरों के पुलिस अधिकार रखने वाले अफसरों को दिव्य ज्ञान हो गया था कि यह पैसा ड्रग खरीदने के लिए दिया गया था. अब जपतप ङ्क्षसह आनंद के पास चाहे ड्रग न मिली हो पुलिस के लिए यह ब्रहत वाक्य सी एंट्री थी कि 3100 रुपए का लेनदेन ड्रग के अरबों के व्यापार का हिस्सा है.

जपतप को पुलिस कैंट में इतना समय बिताने के बाद आर्यन खान की तरह जमानत मिल गई पर सबाल उठता है कि हम कैसे समाज में जी रहे हैं जहां जो सत्ता में हो वे चाहे जैसे आरोप लगा कर अपराधी सिद्ध कर सकते हैं. यह ऐसा ही आरोप है जैसा व्हाट्सएप पर घूमता है कि सोनिया गांधी के पास इतने 1 अरब डौलर हैं, लालू यादव के पास इतने, मनमोहन ङ्क्षसह के पास इतने.

इन सब की जड़ में वह धाॢमक प्रचार है जिसे पढ़ कर औरतें खुद भी झूम उठती हैं और पूरे परिवार को उसी पर चलाती हैं. शुक्रवार के व्रत की यह महिला है, गैरमुखी घर का यह दुर्गुण है, लाल साड़ी में यह शुभ बात है, विधवा अपने पति का इस तरह खा जाती है. विभूति के ग्रह दोष इन कारणों से है आदि की कंपाल कल्पित कहानियां सुन कर, पढ़ कर व्हाट्सएप पर जान कर देश का समाज पुलिसमयी हो गया है. सैंकड़ों जजों के आदेश भी इसी तरह के होते हैं जो यथासंभव पुलिस की हां में हां मिलाते हैं जैसे झुंड में बैठी प्रवचनकर्ता वे शब्दों पर जयजयकार करती हैं.

देश की खराब पुलिस व्यवस्था का दोष घरों की सोच को दिया जा सकता है. अज्ञान किस तरह हानिकारक हो सकता है, हम सब जानते हैं. हमारी गरीबी, हमारे झगड़ों और हमारी बिमारियों की जड़ों में बहुत हद तक यह अज्ञान ही है जो पुलिस दस्तावेजों में भी पहुंच जाता है और निर्दोषों को महीनों, सालों जेलों में सडऩा होता है. उन के घर वाले किस तरह तिलतिल कर मरमर के जीते हैं, यह कल्पना ही शरीर को झनझना देती है.

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9 Tips: घर की सीढ़ियों का भी रखें ख्याल

जमीन खरीदकर मनमाफिक आशियाना बनवाने की चाह रखने वालों की कमी आज भी कुछ कम नहीं. क्या आपकी भी कुछ ऐसी ही ख्वाहिश है? अगर जवाब हां में है तो घर का कंस्ट्रक्शन कराते समय कुछ चीजों का खास ध्यान रखना जरूरी है.

कंस्ट्रक्शन से पहले जाहिर है सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आप सॉयल टेस्टिंग तो कराएंगे ही साथ ही घर को भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित रखने के लिए भूकंप-रोधी संरचना तैयार कराने पर भी विचार करेंगे. इन सब के साथ यह जरूर ध्यान रखें कि जब आप घर का नक्शा या फिर डिजाइन किसी आर्किटेक्ट से डिजाइन कराएं तो उसे सीढ़ियों की ऊंचाई और चौड़ाई पर विशेष ध्यान देने को कहें.

अक्सर ऐसा भी होता है कि ज्यादातर लोग आर्किटेक्ट की मदद के बगैर ही कांट्रेक्टर के बताए नक्शे के मुताबिक प्लॉट पर कंस्ट्रक्शन कराना आरंभ कर देते हैं. इसका असर तब दिखता है जब वे घर में रहना शुरू करते हैं. ऐसी ही कुछ परेशानियों में से एक हैं सीढ़ियां. अक्सर प्लॉट का आकार छोटा होने पर तंग सीढ़ियां बना दी जाती हैं और फिर उस घर में रहने वाले जब भी सीढ़ियों पर चढ़ते उतरते हैं तो हमेशा तंग ही होते रहते हैं. ऐसे में कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

1. सीढ़ियों  बनाते समय हेड रूम का ध्यान रखना जरूरी है, जिससे कि लंबे व्यक्तियों का सिर छत से न टकराए. अक्सर ऐसा होता है कि जल्दीबाजी में सीढ़ियों से उतरते हुए सिर अथवा माथा छत या छज्जे से टकरा जाता है और चोट लग जाती है.

2. सीढ़ियों को कम से कम 840 एमएम और ज्यादा से ज्यादा एक मीटर तक अपनी जरूरत के अनुसार रखना चाहिए.

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3. अच्छी सीढ़ी वही है जिसमें चढ़ते और उतरते वक्त आपको बहुत ज्यादा मेहनत न करनी पड़े. आम तौर पर किसी भी वयस्क का एक पग यानी स्टेप 600 एमएम यानी 2 फुट का होता है. इसको ध्यान में रखते हुए ही सीढ़ियों का निर्माण कराएं.

4. यह ध्यान रखें कि सीढ़ियों पर ऊपर चढ़ते हुए दुगनी ऊर्जा लगानी पड़ती है, ऐसे में अगर सीढ़ियों ऊंची-नीची होंगी, उनमें सामंजस्य नहीं होगा तो दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी.

5. घर में इस्तेमाल की जाने वाली सीढ़ियों में 250 एमएम का ट्रेड और 165 एमएम से 175 एमएम तक का राइजर इस्तेमाल किया जा सकता है. आप इसे ज्यादा से ज्यादा 220 एमएम तक का रख सकते हैं. अगर राइजर ज्यादा ऊंचा होगा तो पैर भी ज्यादा ऊंचाई तक उठाने होंगे, जिससे चंद सीढ़ियों  चढ़ने के बाद ही थकान महसूस होने लगेगी.

6.  सीढ़ियां इस तरह डिजाइन कराई जानी चाहिए कि उस तक आसानी से पहुंचा जा सके.

7. अगर कमरों के दरवाजे सीढ़ियों के साथ खुल रहे हों तो ऐसे में कम से कम 310 मिलीमीटर तक की न्यूनतम दूरी जरूर बनाकर रखनी चाहिए. इसका फायदा यह होगा कि कमरे से सीढ़ियों तक आसानी से स्टेप-अप किया जा सकेगा.

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8. सीढ़ियों को कभी बहुत तंग नहीं रखना चाहिए. ऐसा होने से खासकर ऊपरी मंजिलों पर फर्नीचर चढ़ाने और उतारने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.

9. सीढ़ियों की डेकोरेशन के लिए तमाम तरह के विकल्प मौजूद हैं. इन्हें सजाने में सबसे ज्यादा भूमिका रेलिंग की होती है. रेलिंग के लिहाज से आयरन या फिर स्टील फिनिश वाली रेलिंग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.

Top 10 Winter Health Tips in Hindi: सर्दियों के लिए टॉप 10 बेस्ट हेल्थ टिप्स हिंदी में

Health Tips in Hindi: इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं गृहशोभा की 10 Winter Health Tips in Hindi 2021. सर्दियों में हेल्थ से जुड़ी कई प्रौब्लम्स का सामना करना पड़ता है, जिसके लिए डौक्टर के चक्कर काटने पड़ते हैं. इसीलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं Winter Health Tips, जिससे आपकी हेल्थ और फिटनेस बनी रहेगी. तो आइए आपको बताते हैं घर बैठे अपना प्रौफेशनल और होममेड टिप्स से हेल्थ का ख्याल कैसे करें. अगर आपको भी है Winter में अपनी हेल्थ बनाए रखनी है तो पढ़ें गृहशोभा की ये Winter Health Tips in Hindi.

1. Winter Special: सर्दियों में फ्लू से जुड़ी ये बातें जानती हैं आप?

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जैसे ही हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है वैसे ही हम पर वायरस का हमला हो जाता है, जिससे हमें सर्दी, जुकाम, खांसी और कभी-कभी बुखार की समस्‍या हो जाती है, जो कई दिनों तक आपको परेशान करती हैं.

फ्लू

सुबह की सर्द हवाएं, वातावरण में नमी और चारों तरफ छाई धुंध ये बताती है कि सर्दी ने दस्‍तक दे दी है. ये तो आप सभी जानते होंगे कि सर्दी आते ही हमारे रहन-सहन में थोड़ा बदलाव आ जाता है. लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि हम अपनी सेहत का किस तरह से ख्‍याल रख रहे हैं.

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2. Winter Special: सर्दियों में पानी पीना न करें कम

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हमारा शरीर जिन तत्वों से बना है, उसमें जल मुख्य घटक है. अगर शरीर में जल की मात्रा कम हो जाए, तो जीवन खतरे में पड़ जाता है. इससे यह बात बिल्‍कुल साफ है कि पानी पीना हमारे लिए कितना जरूरी है. गर्मियों में प्यास अधिक लगती है तो लोग पानी भी खूब पीते हैं मगर सर्दियों में यह मात्रा कम हो जाती है. इसकी एक वजह यह है कि हमें इन दिनों प्यास नहीं लगती, जिसके कारण लोग पर्याप्‍त पानी नही पीते हैं. इस वजह से कई गंभीर समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है.

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3. सर्दियों में ऐसे करें अपने दिल की देखभाल

health tips in hindi

जैसे-जैसे तापमान गिरने लगता है, दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ने लगता है. ठंड का मौसम हृदय संबंधी समस्याओं के लिए जोखिम पैदा कर सकता है. यहाँ जानिए इससे संबंधित आवश्यक बातें.

ठंड का मौसम और हृदय स्वास्थ्य

ठंड का मौसम आपके हृदय की मांसपेशियों में ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति को कम कर सकता है. यह आपके हृदय को अधिक काम करने के लिए मजबूर कर सकता है; नतीजतन आपका दिल अधिक ऑक्सीजन युक्त रक्त की मांग करता है. दिल में ऑक्सीजन की कम सप्लाई होना फिर दिल द्वारा ऑक्सीजन की अधिक मांग हार्ट अटैक का कारण बनता है. ठंड रक्त के थक्कों को विकसित करने के जोखिम को भी बढ़ा सकती है, जिससे फिर से दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है.

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4. सर्दियों में होने वाली परेशानियों का ये है आसान इलाज

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सर्दी के मौसम में खांसी, जुकाम, गले की खराश, जैसी समस्याएं आम हैं. खराश की समस्या को जल्दी ठीक करना जरूरी है, नहीं तो ये खांसी का रूप ले लेती है. इस खबर में हम आपको बताने वाले हैं कि सर्दी, खांसी, खराश जैसी समस्याओं का दवाइयों के बिना, घरेलू नुस्खों की मदद से कैसे इलाज कर सकते हैं.

इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. गले के इंफेक्शन और दर्द में अदरक काफी लाभकारी होता है. इसके लिए आप एक कप में गर्म पानी उबाल लें. उसमें शहद डाल कर मिलाएं और दिन में दो बार पिएं. कुछ ही दिनों में आपको अंतर समझ आएगा.

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5.सर्दियों में सताता है जोड़ों का दर्द ऐसे पाएं राहत

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उत्तर भारत में ठंड की दस्तक हो चुकी है. ठंड का मौसम वैसे तो अधिकतर लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आता है लेकिन दूसरी ओर कइयों की परेशानी का कारण भी बनता है. क्या ठंड का नाम सुन कर आप को भी जकड़े हुए जोड़ याद आते हैं? क्या ठंड आप को बीमारियों की याद दिलाता है?

ऐसा नहीं है कि ये समस्या केवल एक निर्धारित उम्र के लोगों को ही परेशान करती है. वास्तव में गतिहीन जीवनशैली के कारण ये समस्या अब हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है. जोड़ों का दर्द ही नहीं बल्कि मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द, गर्दन दर्द, तंत्रिका दर्द, फाइब्रोमायल्जिया आदि समस्याएं इस मौसम में बहुत ज्यादा परेशान करती हैं.

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6. सर्दियों में बड़े काम का है गाजर

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सर्दियों में गाजर सेहतमंद सब्जियों के श्रेणी में आता है , गाजर कंद प्रजाति की एक सब्जी है. गाजर विटामिन बी का अच्छा सोर्स है. इसके अलावा, इसमें ए, सी, डी, के, बी-1 और बी-6 काफी क्वॉन्टिटी में पाया जाता है. इसमें नैचरल शुगर पाया जाता है, जो सर्दी के मौसम में शरीर को ठंड से बचाता है. इस मौसम में होने वाले नाक, कान, गले के इन्फेक्शन और साइनस जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए गाजर या इससे बनी चीजों का सेवन फायदेमंद साबित होता है. यह सब्जी सलाद, अचार आदि बनाकर उपयोग की जाती है. आप इसे सलाद के तौर पर खाएं या गाजर का हलवा बनाकर, दोनों ही फायदेमंद है. आयुर्वेद के अनुसार गाजर स्वाद में मधुर, गुणों में तीक्ष्ण, कफ और रक्तपित्त को नष्ट करने वाली है. इसमें पीले रंग का कैरोटीन नामक तत्व विटामिन ए बनाता है.

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7. सर्दियों में फायदेमंद है ताजा मेथी का सेवन

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सदियों में ताजा मेथी बाजार में आराम से मिलती है. मेथी की सुगंध और स्वाद भारतीय भोजन का विशेष अंग है. मेथी के पत्तों को कच्चा खाने की परंपरा नहीं है. आलू के साथ महीन महीन काट कर सूखी सब्ज़ी या मेथी के पराठे आम तौर पर हर घर में खाए जाते हैं. लेकिन गाढ़े सागों के मिश्रण में इसका प्रयोग लाजवाब सुगंध देता है, उदाहरण के लिए सरसों के साग, मक्का मलाई या पालक पनीर के पालक में.

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8. जानें क्या है सर्दियों में धनिया के ये 14 फायदे

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सर्दियों में धनिया हर किसी का पसंदीदा हो जाता है, सर्दियों में बाजार में धनिया की ताजी पत्तियां मिलती हैं, जिसका उपयोग हर तरह की सूखी और रसेदार सब्ज़ी में परोसते समय मिलाने और सजावट करने के लिए किया जाता है , साथ ही  धनिये की चटनी पूरे भारत में प्रसिद्ध है. आलू की चाट और दूसरी चटपटी चीज़ों में इसको टमाटर या नीबू के साथ मिलाया जा सकता है. सूप और दाल में बहुत महीन काट कर मिलाने पर रंगत और स्वाद की ताज़गी़ अनुभव की जा सकती है. हर तरह के कोफ्ते और कवाब में भी यह खूब जमता है. इसकी पत्तियों को पका कर या सुखा कर नहीं खाया जाता क्यों कि ऐसा करने पर वे अपना स्वाद और सुगंध खो देती हैं.

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9. सर्दियों में हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है तेजपत्ता

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तेजपत्ता हल्का, तीखा व मीठा होता है. इसकी प्रकृति गर्म होती है. सर्दियों के समय यह मशाला आप के व्यंजन का स्वाद बढ़ाने के साथ ही आपको सर्दी जुखाम से बचाता है. सर्दियों के समय तेजपात हम सभी के लिए उपयोगी होता है, सर्दियों में थोड़ी से लापरवाही हुई नही कि आप सर्दी जुखाम के शिकार हो गये. तेजपात  कफ रोगों के लिए उपयोगी मसाला है.  इसे पिप्पली चूर्ण की एक ग्राम मात्रा में शहद के साथ लेने पर खाँसी-जुकाम में फायदा होता है.  आप सर्दियों में चाय के साथ इसे उबाल कर सेवन कर सकते है.

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10. 6 टिप्स: ऐसे रहें सर्दियों में हेल्दी

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इस मौसम में व्‍यायाम पर थोड़ा ध्‍यान देकर आप स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी मामूली समस्‍याओं से भी बच सकते हैं. लेकिन अगर आपको हृदय संबंधी समस्‍या है, तो आपको अतिरिक्‍त सुरक्षा की आवश्‍यकता होती है. ऐसे में अगर आप अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य चाहते हैं, तो यह मौसम सबसे अच्‍छा है. सर्दियों में स्‍वस्‍थ रहने के टिप्‍स –

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