बेड शीट खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान

हमारा बेड घर का वह हिस्सा होता है जहां पर हमें सर्वाधिक सुकून का अहसास होता है. साफ सुथरा बेड घर के सौंदर्य में तो चार चांद लगाता ही है साथ ही बाहर से थक हार कर आये इंसान को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. बेडशीट बेड का मुख्य भाग होती है. करीने से बिछी हुई रिंकल फ्री बेड शीट बेड के साथ साथ पूरे कमरे को ही आकर्षक बनाती है. बेडशीट अर्थात चादर की छोटे बड़े सभी घरों में आवश्यकता होती है और सभी इन्हें अपने बजट के अनुसार ही खरीदते हैं.

मुख्यतया चादरें 2 प्रकार की होती हैं सिंगल और डबल. आजकल कॉटन, सिंथेटिक, फर, वूलन, रेशमी, पैच वर्क, पेंट और कढ़ाई की हुई चादरें चलन में हैं. इनकी रेंज 300-400 से प्रारम्भ होकर 4-5 हजार तक होती है. चादर निस्संदेह हमारे कमरे के लुक को परिवर्तित कर देती है. यूं भी दीवाली पर हम घर के लिए नई चादरें खरीदते ही हैं तो इस बार जब आप नई चादर खरीदने जाएं तो निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें-

1. कपड़ा हो सही

आमतौर पर कॉटन को बेडशीट के लिए सबसे उपयुक्त कपड़ा माना जाता है क्योंकि ये बेड पर फिसलती नहीं हैं और संवेदनशील त्वचा वाले लोंगों के लिए भी नुकसानदेह नहीं होतीं परन्तु बारिश के मौसम में इनके सूखने में देर लगती है अतः 1-2 चादरें कॉटन मिक्स टेरीकॉट की भी खरीदें ताकि इनका आप बारिश में उपयोग कर सकें. दीवाली या शादी विवाह जैसे खास अवसरों के लिए साटन की रेशमी, अथवा कढ़ाई वाली चादरें खरीदना उपयुक्त रहता है.

2. मौसम है महत्वपूर्ण

चादर खरीदते समय मौसम का भी ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है गर्मियों में हल्की फुल्की कॉटन, सर्दियों में मोटी वूलन, सिल्क, साटन और लिनेन की तो बारिश के मौसम में सिंथेटिक कपड़े की चादरें अच्छी रहतीं हैं.

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3. उम्र का रखें ध्यान

बच्चों के कमरे के लिए एनिमल नर्सरी प्रिंट, बड़ों के लिए सोबर पेस्टल कलर्स, बुजुर्गों के लिए हल्के रंग और युवाओं के लिए तीखे चटक रंग की चादरें अच्छी लगती हैं इसके अतिरिक्त यदि आपके घर में छोटे बच्चे हैं तो आप गहरे रंग की चादर को ही प्राथमिकता दें क्योंकि गहरे रंग की चादरें जल्दी गन्दी नहीं होतीं.

4. सेट लें

चादर हमेशा तकिए के कवर के साथ ही लें. इससे बेड का लुक अच्छा आएगा साथ ही आपको अलग से तकिए के कवर नहीं लेने पड़ेंगें. सिंगल चादर और तकिये के सेट के साथ लेने में रेट का तो बहुत अधिक अंतर नहीं आता पर बेड के लुक में बहुत अंतर आ जाता है.

5. नाप का रखें ध्यान

सही नाप की चादर होना अत्यंत आवश्यक है वरना चादर या तो बेड पर छोटी पड़ जाएगी अथवा नीचे लटकी रहेगी. कई बार घर में 4 बाई 6 का बेड होता है जिस पर सामान्य सिंगल बेड की चादर छोटी पड़ती है तो डबल बेड की बड़ी ऐसे बेड के लिए दुकानदार को नाप बताकर चौड़ी चादर खरीदें. बेड के परफेक्ट नाप से चारों ओर से लगभग 6 इंच बड़ी चादर खरीदें क्योंकि चादर को बिछाने के बाद गद्दे के नीचे दबाना भी होता है. आजकल बाजार में बेड फिटेड चादरें भी आ रहीं हैं जिन्हें बिछाने के बाद सलवटें नहीं पड़तीं क्योंकि इनमें कोनों पर इलास्टिक रहती है जिससे ये बेड के गद्दे में फिट हो जातीं हैं.

6. थ्रेड काउंट का रखें ध्यान

अधिक थ्रेड काउंट वाली चादर अधिक आरामदायक होती है इसलिए चादर खरीदते समय थ्रेड काउंट का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है. 300 से 500 के बीच के थ्रेड काउंट वाली चादर अच्छी मानी जाती है. 175 से कम थ्रेड काउंट वाली चादर खरीदना सही नहीं रहता क्योंकि इनका फेब्रिक बहुत हल्का होता है.

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7. जब खरीदें ऑनलाइन

कोरोना के बाद से अधिकांश खरीददारी ऑनलाइन की जाती है ऐसे में खरीदने से पूर्व प्रोडक्ट की रिटर्न पॉलिसी और रिव्यूज को अवश्य चेक करें ताकि फैब्रिक का अंदाजा हो सके और पसन्द न आने पर वापस या एक्सचेंज  किया जा सके. ऑनलाइन खरीदी सिर्फ प्रतिष्ठित साइट से ही करें.

बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के 6 टिप्स

2 साल के अस्मित ने अभी नया नया ही चलना सीखा है पर जैसे ही वह खुद चलने की कोशिश करता है तो उसके गिरने के डर से मां मीता उसे गोद में उठा लेती है या फिर हाथ पकड़ कर चलाती है…इससे अस्मित भी धीरे धीरे चलने से डरने लगा है.

5 वर्षीया अनाया जब भी खुद से खाना खाने या अपना बैग लगाने की कोशिश करती है तो मां रीना यह कहकर उसे रोक देती है कि रहने दो तुम नहीं कर पाओगी इससे अनाया को भी अब लगने लगा है कि वह नहीं कर पायेगी क्योंकि अब वह स्वयं कोशिश करने की अपेक्षा पहले ही बैग लगाने के लिए आवाज लगाती है.

बच्चा जन्म के समय बिल्कुल गीली मिट्टी अथवा आटे के समान होता है आप जैसा उसे बनाते हैं वह वैसा ही बन जाता है. वर्तमान में परिवार में आमतौर पर एक या दो बच्चे ही होते हैं जिन्हें अभिभावक बड़े लाड़ प्यार से पालते हैं परन्तु कई बार उनका यह अति लाड़ प्यार धीरे धीरे उनके आत्मविश्वास को कम करने लगता है जिससे उनके व्यक्तित्व का समुचित विकास ही नहीं हो पाता जो बड़े होने पर उसके लिए ही नुकसानदेह साबित होता है. प्रस्तुत हैं कुछ टिप्स जिनका ध्यान रखकर आप अपने बच्चे में आत्मविश्वास की वृद्धि कर सकते हैं-

 -प्रशंसा करें

रीमा ने जैसे ही ऑफिस से आकर घर में प्रवेश किया तो देखा कि रोज की अपेक्षा आज घर बड़ा ही व्यवस्थित नजर आ रहा है ….उसे समझते देर नहीं लगी कि यह सब उसकी 5 वर्षीया बेटी ने किया है उसने अपनी बेटी को गले लगाकर शाबासी दी जिससे बेटी हर रोज ही कोई न कोई कार्य करने का प्रयास करती है. बच्चा जब भी कोई कार्य करे भले ही वह उस कार्य को करने में असफल हो जाये आप उसके प्रयास की सराहना अवश्य करें ताकि भविष्य में वह कार्य को करने से डरे नहीं. आपके द्वारा की गई तारीफ उसके उत्साह में वृध्दि करेगी जिससे वह नए कार्य को करने में भी हिचकिचएगा नहीं.

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-आदर्श प्रस्तुत करें

बच्चों के लिए माता पिता सबसे बड़े उदाहरण होते हैं क्योंकि बच्चे का सबसे पहला स्कूल घर होता है और वे जैसा व्यवहार अपने माता पिता को करते हुए देखते हैं वैसा ही सीखते हैं. जिन घरों में माता पिता एक दूसरे के कार्यों में परस्पर मदद करते हैं वहां बच्चे भी अभिभावकों के साथ मिलजुलकर घर बाहर के कार्यों को करते हैं जो निस्संदेह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होते हैं.

-दें छोटी छोटी जिम्मेदारियां

बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार अपने खिलौनों , किताबों को व्यवस्थित रखना अथवा अपनी शेल्फ को जमाने जैसे कार्य करने को दें इससे उनमें अपने कार्य को स्वयं करने की प्रवृत्ति का विकास होगा. कई बार माताएं काम फैल जाने के डर से बच्चों को काम नहीं करने देतीं परन्तु हर समय उन्हें सब कुछ रेडी करके देने से उनके मेहनत करने की आदत का विकास हो ही नहीं पाता जो उनके ही भविष्य के लिए अत्यंत घातक होता है क्योंकि जिंदगी में बिना परिश्रम के कुछ भी हासिल नहीं होता.

– निर्णय को तरजीह दें

आजकल 5-6 वर्ष की आयु के बच्चे भी अपनी पसन्द की ड्रेस पहनना पसंद करते हैं परन्तु अक्सर अभिभावक उनकी बातों पर ध्यान न देकर अपनी इच्छा उन पर थोपते हैं परन्तु इससे उनके आत्मविश्वास में कमी होने लगती है. बच्चे का कोई भी कार्य यदि आपको नापसन्द है तो उसे अनुभव से सीखने दें और फिर उसे तर्क सहित अपनी बात बेहद प्यार से समझाएं.

-बात बात पर न टोकें

छोटी छोटी बातों पर हरदम टोकने की अपेक्षा सप्ताह में एक बार बच्चे को अपने पास बैठाकर प्यार से अपनी बात समझाएं. जहां तक सम्भव हो अपनी बात को सीधे कहने की अपेक्षा उदाहरण देकर अप्रत्यक्ष रूप से समझाने का प्रयास करें.

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-तुलना न करें

बच्चे की कभी भी उसके भाई बहन या दोस्तों से तुलना न करें क्योंकि संसार में प्रत्येक व्यक्ति की अपनी खूबियां और खामियां होती हैं. दूसरे से तुलना करने पर बच्चे का स्वाभिमान आहत होता है जिससे धीरे धीरे उसके अंदर हीन भावना का जन्म होने लगता है.

विवाह एक कानूनी समझौता

औरतों के हकों के बारे में आज भी देश का एक बड़ा वर्ग जिस में जज भी शामिल हैं, औरतों को विवाह की गुलामी करने को सामाजिक जरूरत समझता है. बुलंदशहर की एक औरत अपने पति को छोड़ कर अपने एक प्रेमी के साथ रह रही है. उस का पति जबरन उस के घर में घुस कर दंगा करता था तो और ने अदालत के दरवाजा खटखटाया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों जस्टिस …..कौशल जयेंद्र ठाकर और जस्टिस ने सुभाष चंद ने औरत को छूट देने से इंकार करते हुए कहा कि अदालत का दखल समाज में संदेश देगा कि अदालत इस अनैतिक संबंध को बढ़ावा दे रही है. अपनी बात की लीपापोती करते हुए अदालत ने यह अवश्य जोड़ा कि वह लिवइन संबंधों के खिलाफ नहीं है और धर्म और सैक्स के भेदभाव के बावजूद हरेक को अपने मनमर्जी के साथ रहने का हक है पर एक विवाहता अदालत से संरक्षण की मांग करेगी तो लगेगा कि अदालत समाज का तानाबाने तोड़ रही है.

विवाह एक कानूनी समझौता है जिस पर धर्म सवार हो गया है. असल में तो यह 2 जनों का ग्रेजी समझौता है और जब तक दोनों चाहें तभी तक ङ्क्षजदा रह सकता है. तो जैसे 2 भाई एक कमरे में मन मारकर रहने को मजबूर हो सकी है या 2 आफिस सहकर्मी झगड़े के बावजूद एक दूसरे के निकट बैठने को मजबूर किए जा सकते हैं, कानून उन्हें तब तक साथ रहने की इजाजत दे सकता है जब वे चाहें. विवाह या साथ रहना नितांत निजी मामला है, पौराणिक ग्रंथ भरे पड़े हैं जिन में आदमी और औरतों ने धाॢमक विवाह होने के बाद दूसरों से विवाह किया. आमतौर पर यह हक पुरुषों को ही था पर आज तब भी और आज भी औरतों के हजारों के साथ जबरन या सहमति से संबंध बनते रहे हैं.

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समाज ने तो नहीं पर धर्म और शासकों ने इसे अपराध मात्र है क्योंकि उन्हें डर रहता है कि औरतें आजाद हो जाएंगी तो उन्हें मुफ्त के गुलाम मिलने बंद हो जाएंगे. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यही किया है क्योंकि उस ने बारबार औरतों हकों की बात की है पर विवाहित औरतों के हकों को नकारा है.

विवाह औरत अकेली पर बंधन हो यह गलत है. तलाक का हक पति को है और यदि पत्नी किसी दूसरे के घर रह रही है तो अदालत को सालों नहीं, घंटों में तलाक दे देना चाहिए, चाहे बच्चे हो या नहीं, संपत्ति का बंटवारा हो या न हों. ये बातें बाद में हो सकती हैं.

अगर एक औरत हाई कोर्ट तक पहुंचती है और सुरक्षा मांगती है तो निश्चि बात है कि उसे पति जरूरत से ज्यादा परेशान कर रहा है उस को संरक्षण देना कानून का काम है और समाज के 2 फैब्रिक का नाम ले कर उसे गुलाम बने रहने या मारपीट सहने को मजबूर नहीं किया जा सकता.

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KBC पर किस दृष्टिहीन प्रतियोगी ने अमिताभ बच्चन को सिखाया ‘मैथ मैजिक ट्रिक’

दृष्टिहीन होने या शरीर के किसी अंग को खो देने के बाद अपंग हो जाने वाले इंसान को कमतर आंकना हर किसी की मूखर्ता होती है. दृष्टहीन इंसान ऐसे कारनामे कर सकता है,जो किसी देख कसने वाले इंसान के वश की बात नही है. इसका जीता जागता उदाहरण हैं-वर्तमान समय में ‘केबीसी’की आगरा की 25 वर्षीय दृष्टिहीन प्रतियोगी हिमानी बुंदेला ,जो कि केबीसी की हॉट सीट पर बैठकर 30 और 31 अगस्त को रात नौ बजे सात करोड़ की रकम जीतने के लिए गेम खेलते और अमिताभ बच्चन को अपनी ‘मैथ्स मैजिक ट्कि’सिखाते नजर आएंगी. हिमानी का मानना है-‘‘जीतने वाला कोई अलग काम नहीं करता, वह हर काम को अलग तरीके से करता है. . . ‘‘

हिमानी बुंदेला जन्म से दृष्टिहीन नहीं थी. मगर 2011 में हिमानी बंुदेला एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना की शिकार हो गई थीं,जिसके कारण उनकी दृष्टि धुंधली हो गई. कई ऑपरेशन के बाद भी डॉक्टर उनकी आंखों की रोशनी नहीं बचा सके. एक दर्दनाक अनुभव का सामना करने के बावजूद हिमानी ने अपनी उम्मीदों को गुम नहीं होने दिया और वक्त के साथ अपनी जिंदगी अपने जुनून के लिए समर्पित कर दी. वह हर इंसान को प्रेरणा देने के साथ ही बच्चों को जागरूक बनाने का प्रयास करती रहती हंै कि विशेष जरूरत वाले लोगों को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. हिमानी खुश रहने और खुशियां फैलाने में दृढ़ विश्वास रखती हैं.

हिमानी बुंदेला वर्तमान समय में आगरा के एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका हैं,जो छात्रों के लिए गणित की कक्षा को मजेदार कक्षा बनाने में जुटी रहती हैं. वह अपने छात्रों की सबसे पसंदीदा शिक्षिका हैं,क्योंकि वह ‘मेंटल मैथ्स’ को ‘मैथ्स मैजिक‘ कहकर सीखने का अनुभव खास बना देती हैं. अब केबीसी में एक करेाड़ रूपए की रकम जीत चुकी हिमानी बुंदेला केबीसी की हॉट सीट पर 30 और 31 अगस्त को सात करोड़ स्पए के लिए खेलने के साथ ही ‘केबीसी’में अमिताभ बच्चन को मेंटल मैथ्स की कुछ ट्रिक्स भी सिखाती नजर आएंगी.

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हिमानी बुंदेला ने केबीसी में  कहा-‘‘यूं तो जिंदगी सब काट लेते हैं यहां,मगर जिंदगी जियो ऐसी कि मिसाल बन जाए!‘‘

हिमानी बुंदेला ने कहा- ‘‘गेम शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में प्रतियोगी बनकर अमिताभ बच्चन से मिलना हमेशा से एक सपना रहा है और मुझे खुशी है कि मेरा यह सपना पूरा हुआ. अमिताभ बच्चन ने मुझे इस गेम शो के सेट पर इतना सहज महसूस कराया कि मुझे बिल्कुल भी घबराहट नहीं हुई. वैसे दुर्घटना के बाद से मेरा जीवन आसान नहीं रहा है. हममें से बहुतों को खास तौर पर मेरे माता-पिता, मेरे भाइयों और बहनों को अपनी रोजी रोटी वापस पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा. एक दृष्टिहीन महिला होने के चलते मुझे उम्मीद है कि केबीसी में मेरा आना, मेरे जैसे लोगों के मन में नई उम्मीदों का सवेरा लेकर आएगा. विशेष जरूरत वाले बहुत-से विद्यार्थियों को स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश मिल जाता है, लेकिन सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए दिव्यांग को पढ़ाने वाली कोचिंग अकादमियां नहीं हैं. मैंने जो रकम जीती है,उससे मैं एक कोचिंग अकादमी खोलना चाहती हूं. जो ‘दिव्यांग‘ बच्चों को सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षित करे. ‘‘

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आदित्य को लगेगी गोली, बुरा होगा Imlie और मालिनी का हाल

स्टार प्लस के पौपुलर सीरियल में से एक इमली (Imlie) में इन दिनों काफी धमाल देखने को मिल रहा है. जहां मालिनी का सच इमली के सामने आ गया है तो वहीं इमली का बदला रुप पूरे परिवार को हैरान कर रहा है. इस बीच इमली और आदित्य का रोमांस भी दर्शकों का एंटरटेन कर रहा है. लेकिन अपकमिंग एपिसोड में इमली और मालिनी का बुरा हाल होने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

आदित्य को पाने की कोशिश कर रही इमली

अब तक आपने देखा कि मालिनी और इमली की कैटफाइट बढ़ती ही जा रही है. वहीं इमली की नानी को पैसों का लालच देकर मालिनी उन्हें अपने साथ करने की कोशिश कर रही है.  लेकिन इमली भी आदित्य के लिए उसकी चालों का जवाब देती नजर आ रही है.

 

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इमली को फंसाएगी मालिनी

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि मालिनी अपनी चालों की तरफ एक और कदम बढ़ाते हुए इमली की मुंह दिखाई की रस्म बर्बाद करने की कोशिश करेगी. दरअसल, मालिनी इमली पर चोरी करने का इलजाम लगाएगी. लेकिन इमली उसकी चालों को बर्बाद कर देगी. लेकिन आदित्या के साथ कुछ ऐसा होगा कि दोनों का बुरा हाल हो जाएगा.

आदित्य को लगेगी गोली

मुंह दिखाई की रस्म के बाद आदित्य घर से बाहर जाएगा. लेकिन इमली को घबराहट होगी कि आदित्य के साथ कुछ बुरा होगा. दरअसल, सत्यकाम आदित्य को अपने साथ बाहर ले जाएगा. जहां वह उसे गोली मार देगा. अब देखना होगा कि क्या आदित्य बच जाएगा औऱ मालिनी- इमली का ये खबर सुनने के बाद क्या रिएक्शन होगा.

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ये एक्टर बनेगा अनुपमा का पहला प्यार, निभाएगा अनुज कपाड़िया का किरदार

रुपाली गांगुली स्टारर अनुपमा की जिंदगी में नई-नई मुसीबतें देखने को मिल रही है, जिसके चलते शो की टीआरपी भी पहले नंबर पर बनी हुई है. इसी बीच शो के मेकर्स ने एक के बाद एक नए प्रोमो जारी किया है, जिसमें अनुज कपाड़िया के नाम की बातें की जा रही हैं. हालांकि इन प्रोमों में कौन अनुज कपाड़िया है ये नही दिखाया गया है. लेकिन फैंस जानने के लिए बेताब है. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि कौन होगा अनुपमा में एंट्री करने वाला नया किरदार…

इस एक्टर की होगी एंट्री

 

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बीते दिनों अनुपमा के कॉलेज फ्रेंड का रोल प्ले करने के लिए बौलीवुड एक्टर अरशद वारसी (Arshad Warsi), राम कपूर (Ram Kapoor) और रोनित रॉय (Ronit Roy) जैसे बड़े एक्टर्स के नाम सुर्खियों में रहे. लेकिन अब खबरें हैं कि एक्टर गौरव खन्ना (Gaurav Khanna) अनुपमा में एंट्री करते हुए नजर आने वाले हैं, जिसके लिए जल्द शूटिंग भी होने वाली है. वहीं खबरों की मानें तो ‘चंद्रगुप्त मौर्य’, ‘कयामत’, ‘सिंदूर तेरे नाम का’, ‘भाभी’, ‘जीवन साथी’ और ‘उतरन’ जैसे सीरियल में नजर आ चुके एक्टर गौरव खन्ना अपने इस नए किरदार को लेकर काफी खुश हैं, जिसे अगले हफ्ते तक औनएयर कर दिया जाएगा.

 

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वनराज और अनुपमा में हुई कहासुनी

 

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अब तक आपने देखा कि राखी से पैसे लेने के लिए घर गिरवी रखने वाली बात पर वनराज, अनुपमा को भला बुरा कहता है और काव्या से शादी करने के फैसले को सही कहता है. वहीं काव्या इस बात से बेहद खुश नजर आती है. दूसरी तरफ राखी दवे अपने बदला लेने की तैयारी करती नजर आती है.

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि वनराज, अनुपमा को बताएगा कि कारखाने की कीमत के लिए कोई अनुज कपाड़िया 5 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार है. वहीं अनुज का नाम सुनते ही अनुपमा का चेहरा पीला पड़ जाएगा. अब देखना होगा कि नई एंट्री के बाद शो में क्या धमाका होता है.

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‘मेट्रिक्स इंडिया एम डे’ के मौके पर जुटे 2 लाख से अधिक हेयरड्रेसर्स 

बात हो स्टाइल की और बालों का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. क्योंकि आपके अट्रैक्शन, आपकी खूबसूरती को बढ़ाने में बालों का अहम रोल जो होता है. जरूरी नहीं कि हमेशा ग्रे बालों को रंगने के लिए ही हेयर कलर का इस्तेमाल किया जाता है. आजकल तो स्टाइलिश दिखने के लिए ही ज्यादातर हेयर कलर  का इस्तेमाल हो रहा है. और ठीक भी है. क्योंकि अच्छा दिखने से कोन्फिडेन्स  बढ़ता है. लेकिन हमारी हेयर स्टाइल संबंधित बदलती हुई जरूरतों के लिए हमारे हेयर ड्रेसर्स, हेयर स्टाइलिस्ट का भी बहुत अहम रोल है. क्योंकि उनकी मेहनत ही हमें स्टाइलिश दिखाने में अहम रोल  निभाती है. जितना वे अपने इस हुनर को निखारते हैं , उतना ही स्टाइलिश वे हमें बना पाते हैं ,इसलिए उनका निरंतर प्रशिक्षित होना बहुत जरूरी है. और इसमें उनका साथ देता है मेट्रिक्स  ब्रैंड .

मेट्रिक्स अमेरिकन प्रोफेशन ब्रैंड है, जिसकी शुरुआत 1980 में हुई. इन्होंने अपने हेयर केयर प्रोडक्ट्स के जरिए ग्राहकों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाने के साथ-साथ लाखों हेयर स्टाइलिस्ट को दी है प्रोफेशनल ट्रेनिंग, ताकि वे अपने हुनर को निखार सकें, न्यू ट्रेंड्स से अवगत हो सकें और ग्राहकों को उनका मनचाहा स्टाइल दे सकें. भारत में मेट्रिक्स का लौंच 2005 में हुआ. तभी से मेट्रिक्स देश में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है और लगातार प्रोफेशनल्स की स्किल्स को अपग्रेड कराने का काम करता आ रहा है. ताकि वे अपनी फील्ड में औऱ भी ज्यादा निखर सकें.

अभी हाल में अमेरिका के अग्रणी प्रोफेशनल सैलून  ब्रैंड ने सबसे बड़े कम्युनिटी ई कनेक्ट ‘ मेट्रिक्स इंडिया एम डे ‘ पर ब्रैंड के नवीनीकरण की घोषणा की. इस कार्यक्रम में पूरे देश के 2 लाख से अधिक हेयरड्रेसर्स व प्रोफेशनल इंडस्ट्री के अनेक दिग्गज , जिसमें Philip Wolff, Tabatha Coffey, George Papanikolas, जो मेट्रिक्स के ग्लोबल एंबेसेडर हैं शामिल हुए.  इसमें Melroy Dickson, जो मेट्रिक्स इंडिया के एजुकेशन मैनेजर हैं , ने मंच संभाला. दिन भर चले इस वर्चुअल  इवेंट में इन मशहूर अंतर्राष्ट्रीय स्टाइलिस्टों की खास मास्टर क्लासेज चलती रहीं , जिन्होंने हेयरड्रेसर्स को जरूरी टूल्स से संबंधित जानकारी दी, जिनके बल पर वे अपने टैलेंट को और निखार सकें.

इस कार्यक्रम के अंतर्गत रिफोरमुलेटेड सोकलर प्री -बोंडेड कलर सिस्टम भी पेश किया गया, जो हर तरह के बालों के लिए उपयुक्त है. ये तकनीकी सत्र 7 विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में प्रदान किए गए, जो वास्तव में सभी हेयर स्टाइलिस्ट के लिए उपयोगी साबित होंगे.

इस मौके पर मेट्रिक्स इंडिया के जनरल मैनेजर सुहास लखमाड़े ने कहा, “हम भारत में मेट्रिक्स के बदलाव को लेकर बड़े ही उत्साहित हैं और हम प्रोफेशनल इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा इंक्लूसिव बनने के अपने संकल्प की घोषणा करते हैं. अब चूंकि हम एक नई पहचान के साथ आगे बढ़ रहे हैं , तो हम इस ब्रैंड को पूरे जोश के साथ आगे ले जाने का आपसे वादा करते हैं.”

आज इस ब्रैंड में बदलाव ऐसे समय में हो रहा है, जब ग्राहक बालों के साथ कुछ नया, कुछ अलग व एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते हैं और सेलिब्रिटी के लुक को फोलो करने के साथ इंटरनेट पर नए ट्रेंड के साथ कदम से कदम चलाने की चाह रखते हुए खुद को स्टाइल देने के बारे में सोचते हैं.

ऑल हेयर टाइप्स, ऑल ह्यूमंस

अपनी नई ब्रैंड टैगलाइन ऑल हेयर टाइप्स , ऑल ह्यूमंस के साथ मेट्रिक्स इंडिया का लक्ष्य एक इंक्लूसिव कम्युनिटी में इंडस्ट्री के हर प्रोफेशनल को अपना पूरा समर्थन देना है. यह हर हेयर स्टाइलिस्ट का स्वागत करता है- भले ही वो बिगिनर हो, सैलून में काम करते हो या फिर एक्सपर्ट, जो अपना उद्यम चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उनकी प्रोफेशनल जर्नी के हर कदम पर उन्हें सहयोग करते हैं.

मेट्रिक्स ग्राहकों को भी अपना पूरा सहयोग प्रदान करता है. ये ब्रैंड हर तरह के बालों के लिए सोलूशन प्रदान करता है, जो बदलाव चाहते हैं और जो एक कदम आगे बढ़कर एक्सपेरिमेंट करने की इच्छा रखते हैं. मेट्रिक्स का कस्टमाइज़्ड सोल्यूशन बालों की हर जरूरत, हेयर टाइप व हेयर टेक्सचर के लिए परफेक्ट है. जो ग्राहकों को ट्रेंड में बने रहने के लिए शेड्स के अलग-अलग रेंज के चुनाव में सुविधा प्रदान करता है. इसके साथ ये ब्रैंड, हर प्रकार के बालों की देखभाल, कलर स्टाइलिंग के लिए एक वन स्टोप सोलूशन भी है.

हेयरड्रेसर्स की उन्नति के लिए

मेट्रिक्स संपूर्ण भारत में फैले अपने 36  एजुकेशन स्टूडियोज के विशाल नेटवर्क के माध्यम से हर साल 1 लाख से अधिक हेयरड्रेसर्स को शिक्षित करता है. चाहे कोई ब्यूटी स्कूल से अभी-अभी निकला हो,  किसी प्रतिष्ठित सैलून में काम करता हो या फिर नया बिजनेस शुरू किया हो, मेट्रिक्स उन्हें उनकी यात्रा के हर कदम पर सपोर्ट करता है. मेट्रिक्स लर्न एंड कनेक्ट के माध्यम से अब सभी के लिए हेयर कोर्सेस उपलब्ध है, जिसे कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया गया है. ये हेयरड्रेसिंग से जुड़े हर सवाल जवाब के लिए एक अच्छा मंच है. जिसमें हेयरड्रेसर्स हाइब्रिड ऑनलाइन, ऑफलाइन एजुकेशन मॉडल के माध्यम से अपनी हेयरड्रेसिंग की कला को बेहतर बनाने में काबिल हुए हैं.

सरल तकनीक और आत्मविश्वास से करें हेयर कलर

“क्या ये मेरे बालों के लिए अच्छा है? इससे मेरे बालों को कोई नुकसान तो नहीं होगा ? क्या इसके लिए आप पर भरोसा किया जा सकता है?”  ये बातें अक्सर ग्राहकों के मन में सवाल पैदा करती हैं जब वो कलर सर्विस कराने सैलून जाते हैं. वहीं ग्राहकों की इस परेशानी का समाधान और हेयरड्रेसर्स की मदद करते हुए मेट्रिक्स ने सभी स्टाइल्स व बालों के लिए SoColor Pre-Bonded सिस्टम पेश किया है. यह आपको हेयर कलरिंग का खूबसूरत एक्सपीरियंस देती है. क्योंकि इस कलर रेंज में बॉण्ड प्रोटेक्टिंग कॉन्सनट्रेट मौजूद हैं, जो कलरिंग के दौरान बालों के अंदरूनी स्ट्रक्चर को बरकरार रखता है. साथ ही बालों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है, जिससे ग्राहकों को वाइब्रेंट, लंबे समय तक चलने वाले कलर्स मिलते हैं, जो कि इंडियन बालों के लिए परफेक्ट औप्शन हैं.

आप चाहकर भी नहीं बदल सकतीं पति की ये 5 आदतें, पढ़ें खबर

सभी मानते हैं कि जब भी किसी लड़के की शादी होती हैं तो उसकी जिंदगी में कई बदलाव आते हैं और उसकी कुछ आदतें छूट जाती हैं. लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं हैं क्योंकि हर पति में कुछ आदतें ऐसी कौमन होती हैं जो एक बीवी चाहकर भी नहीं बदल पाती है.

हर लड़की यही सोचती रहती है कि किस तरह से पति की इन आदतों को बदला जाए, लेकिन वह सभी प्रयासों में असफल रहती हैं. तो आइये जानते हैं हर पति में पाई जाने वाली उन 5 कौमन आदतों के बारे में.

1. क्रिकेट से प्यार

लड़कों को क्रिकेट देखना बहुत पसंद होता है. खासतौर पर जब वर्ल्ड कप मैच हो, वह स्पैशल औफिस से छुट्टी लेते हैं. क्रिकेट का मैच देखते हुए अपने पार्टनर को अपनी ओर आकर्षित करने की जितनी भी कोशिश कर लें लेकिन आप उनका ध्यान नहीं हटा पाएंगी.

2. मां से कंपैरिजन

पुरुषों में एक बहुत बुरी आदत होती है अपनी पत्नी की मां से तुलना करने की आदत. वह हर छोटी-छोटी बात पर अपनी पत्नी की मां से तुलना करने लगते हैं. खासतौर पर खाने के लेकर कि तुम मेरी मां जैसा स्वादिष्ट खाना बना ही नहीं सकती.

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3. झूठ बोलने की आदत

पत्नी कभी भी अपने पार्टनर की झूठ बोलने की आदत कभी नही छुड़ा सकती. पुरुष अपनी पत्नी को खुश रखने और नोक-झोंक से बचने से लिए उसे छोटे-छोटे झूठ बोलते ही रहते हैं.

4. स्मोक करने की आदत

पुरुषों में सबसे बुरी आदत होती है नशे की. पत्नी कभी भी उनकी इस आदत को छुड़ा नहीं सकती. आपका पति चाहे आपके सामने सिगरेट न लेता हो लेकिन वह बाहर जा कर आपसे चोरी छिपे सिगरेट जरूर पी लेता होगा.

5. दूसरी लड़कियों को देखने की आदत

पुरुषों की अपनी पत्नी चाहे जितनी भी मर्जी खूबसूरत हो, लेकिन वह दूसरी लड़कियों को देखने से कभी नहीं हटते, चाहे वो उन्हें गलत नजर से न देखते हों. उनकी इन आदतों को लेकर झगड़ा न करें. उन्हें समझाने की कोशिश करें.

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गुआकामोली डिप एंड स्प्रेड 

गुआकामोली एक मेक्सिकन  स्वादिष्ट और पौष्टिक एपेटाइजर है जिसे डिप या स्प्रेड कर खाया जाता है. इसे आप आसानी से 10 मिनट में बना सकते हैं.

सामग्री – ( 20 टेबलस्पून के लिए )       समय –  कुल 10 मिनट 

2 पके फ्रेश अवाकाडो

¼  बारीक कटा  प्याज

1 मीडियम साइज  बारीक कटा टमाटर

1- 2  टी स्पून फ्रेश नीबू का रस या लाइम जूस

1 -2 बारीक कटी हरी मिर्च ( ऑप्शनल )

1 बारीक कटी लहसुन की फली ( ऑप्शनल – स्वाद के लिए )

¼  कप बारीक कटी  फ्रेश धनिया की पत्ती

नमक – ¼  स्वादानुसार

विधि 

एवोकाडो को छील कर काट कर उसकी गुठली निकाल दें. फिर  उसे पत्थर की खरल मूसली में  अपनी पसंद के गाढ़ापन में  मैश  कर  लें  या इसे बाउल में चम्मच से मैश कर लें.

इस मैश्ड एवोकाडो  में  कटे प्याज , टमाटर , हरी  मिर्च और धनिया की पत्ती  को अच्छी तरह  मिला लें. आप चाहें तो प्याज को इस्तेमाल के पहले  5 – 10 मिनट के लिए वार्म वाटर में सोक कर सकते हैं.  फिर इसमें नीबू का रस और नमक डाल कर मिला लें. आपका ग्वाकामोली तैयार है.

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अगर आप  चटनी जैसा पतला पसंद करते हैं तो सभी चीजों  ( नमक और नीबू का रस छोड़ कर ) को कुछ सेकंड के लिए ब्लेंड कर सकते हैं और बाद में नमक और नीबू का रस डाल कर मिला लें. ध्यान रहे इसे ज्यादा पतला न करें और पानी न मिलाएं.

ग्वाकामोली के उपयोग 

1 . इसे टोस्ट , सैंडविच , रोटी या पराठे पर स्प्रेड कर खा सकते हैं.

2 . इसे सूप के साथ मिला कर पी सकते हैं .

3 . आलू , केला आदि के चिप्स को इसमें डिप करके खा सकते हैं .

4 . इसे तले अंडे या सलाद के साथ गार्निश कर खा सकते हैं.

5 . इसे बेक्ड पोटैटो और वेजिटेबल पैटी के साथ भी खाया जाता है.

गुआकामोली कितनी  दिन स्टोर कर सकते हैं – होममेड ग्वाकामोली रूम टेम्परेचर पर ( गर्मी के  मौसम में फ्रिज में रखें ) दो दिनों तक ठीक रहता है जबकि बाजार में उपलब्ध गुआकामोली 2 सप्ताह तक फ्रिज में  सेफ रहता है. एयरटाइट होममेड गुआकामोली  फ्रीज़र में तीन महीनों तक ठीक रहता है.  जब गुआकामोली का रंग हरा से ब्राउन हो जाए तब समझें यह खराब हो गया है और  इसे न खाएं.

गुआकामोली को फ्रेश रखने के लिए इस्तेमाल के बाद बचे हुए भाग  को पोलिथिन रैप से बंद कर एयरटाइट कर रखें.

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