Monsoon Special: प्रोटीन से भरपूर सोया चिली

स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है की हम अपने आहार में प्रोटीनयुक्त चीजों को शामिल करें. दाल और सोयाबीन में जितना प्रोटीन पाया जाता है शायद ही किसी और खाद्य पदार्थ में मिले. इसलिए आज हम आपको प्रोटीन युक्त और स्वादिष्ट रेसिपि सोया चिली बनाने की विधि बता रहे हैं. जानें इसे बनाने की विधि.

सामग्री

100 ग्राम सोयाबीन

1 शिमला मिर्च

3 बड़े और मोटे कटे प्याज

1 कटोरी कटी हुई ब्रोकली

एक छोटी कटोरी हरा प्याज

1 बड़ी चम्मच अदरक-लहुसन पेस्ट

1 बड़ा चम्मच मक्के का आटा

1 चम्मच सोया सॉस

1 चम्मच विनेगर

1 चम्मच टमैटो केचप

1 छोटी चम्मच मिर्च पाउडर

1 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर

हरी मिर्च

तेल आवश्यकतानुसार

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नमक स्वादानुसार

विधि

सोयाबीन को गर्म रपानी में भिगोकर करीब 1 घटें के लिये रख दें. फिर उस पानी से निकालकर उसका पानी हाथ से पूरी तरह से निचोड़ दें. अब इस सोया की बरी में मक्के का आटा के साथ नमक, मिर्च, हल्दी, अदरक लहुसन की पेस्ट डालकर इसे पानी का साथ मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट तैयार कर इसे डिप फ्राई कर लें.

अब एक पैन या कढ़ाही में थोड़ा सा तेल डालकर गर्म करने को रखें. गर्म किये हुये तेल में लहसुन और प्याज डालकर ब्राउन होने तक भूनते रहे. इसके बाद इसमें शिमला मिर्च, ब्रोकली और हरे प्याज डालें. इन सभी सामग्रियों को डालने के बाद इसमें फ्राई किया हुआ सोया डालकर अच्छी तरह से चलाते हुये पूरे मसालों को आपस में मिला दें.

इसके बाद अच्छी तरह मिलाने के बाद इसमें उपर से सोया सॉस, विनेगर, टैमटो केचप, नमक और हरी मिर्च डालकर एक बार फिर पूरी तरह से चलाते हुये पूरे मिश्रण को मिला दें. अब इसके पक जाने के बाद इसे एक प्लेट में निकालकर इसमें धनिये की पत्ती का उपयोग कर अच्छी तरह से सजायें. सोया चिली बन कर तैयार है.

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जब कोई पीठ पीछे बुराई करे

वैसे तो वह हमेशा मेरी सच्ची दोस्त बनती है, लेकिन पीठ पीछे लोगों से मेरी बुराई करती है. समझ नहीं आता उस की बातों पर विश्वास करूं या नहीं. सच बहुत ही अटपटा सा महसूस होता है जब आप किसी दूसरे से अपने बारे में बुराई सुनते हैं और यह बुराई आप के किसी खास दोस्त या सहकर्मी अथवा परिजन ने की हो. मनमस्तिष्क दोनों को ही काफी ठेस पहुंचती है. लेकिन ऐसे में जरूरी है कि आप कुछ बातें ध्यान में रखें ताकि इन सब से निबट सकें:

सच्चाई को जानें:

सब से अहम बात यह है कि सुनीसुनाई बातों पर विश्वास न करें. सब से पहले यह जान लें कि उस बात में कितनी सचाई है. कई बार लोग अफवाह फैला देते हैं या फिर छोटी सी बात का बतंगड़ बना देते हैं. इसलिए जरूरी है कि बातों की सचाई को जाने बिना प्रतिक्रिया व्यक्त न करें, क्योंकि कई बार हमारी छोटी सी गलती हमें अपने नजदीकी लोगों से अलग कर देती है.

धोखे के संकेतों से बचें:

कई बार ऐसा होता है कि हमें कुछ ऐसे संकेत मिलते हैं, जिन से पता चलता है कि सामने वाला हमें धोखा दे रहा है, लेकिन हम उन्हें अनदेखा कर देते हैं. लेकिन जितना अधिक अवसर पीठ पीछे बुराई करने वालों को मिलेगा आप के संबंध में उतनी ही अफवाहें फैलेंगी. इस से आप की छवि और आप के कामकाज पर भी असर पड़ेगा. अत: जरूरी है कि इन संकेतों पर ध्यान दें और इन से निबटें.

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अच्छे संबंध बनाएं:

ध्यान दें यदि आप के संबंध अच्छे होंगे तो लोग आप के बारे में गलत सोचने में 10 बार सोचेंगे. महत्त्वपूर्ण है कि अपनी छवि को अच्छा बनाए रखने के लिए अपने आसपास के लोगों से व्यवहार में मित्रता और सकारात्मक रुख अपनाएं. सभी को सम्मान दें. यदि आप का व्यवहार रूखा है, तो पक्का है आप बुराई के पात्र बनेंगे ही. अत: जरूरी है कि आप का व्यवहार लोगों के बीच अच्छा हो ताकि उन्हें पीठ पीछे आप की बुराई करने का मौका न मिल सके.

नोट करें:

जब भी आप को लगे कि कोई आप की पीठ पीछे बुराई कर के औरों के बीच आप के लिए अफवाह फैला रहा है, तो आप नोट करें कि कब, कैसे और कहां आप के बारे में गलत अफवाह उस व्यक्ति ने फैलाई. जो भी हुआ उसे लिख डालिए, साथ ही उन कारणों को भी जिन की वजह से आप सोचते हों कि किसी ने आप को जानबूझ कर चोट पहुंचाई है. इस से आप के अनुभवों का विवेचन आसान हो जाता है और आप को पता चल जाता है कि वह घटना मात्र एक गलतफहमी थी अथवा किसी बड़े षड्यंत्र का एक हिस्सा.

इन बातों पर भी दें ध्यान

– जब आप को किसी व्यक्ति विशेष पर शक हो तो आप उस से जुड़े किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें, जो उस का मित्र न हो कर केवल उसे जानता हो. उस व्यक्ति को उस के चरित्र के बारे में, उस के कारनामे और व्यवहार के बारे में बताएं.

– आप को लगता है कि बात आप के व्यक्तित्व पर आ रही है, साथ ही बढ़ती भी जा रही है, तो पीठ पीछे बुराई करने वाले से स्वयं मिलें. यदि व्यक्तिगत रूप से बात नहीं कर पा रहे हों तो टैक्स्ट या ई मेल का प्रयोग करें.

– अकसर देखने में आता है कि कुछ ऐसे लोग भी हमारे घर, औफिस और महल्ले में मौजूद होते हैं, जो मानसिक तौर से मनोरोगी तो नहीं होते, लेकिन दूसरे का मजाक या पीठ पीछे बुराई करने में उन्हें बेहद मजा आता है, लेकिन जरूरी है कि आप अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए ऐसे लोगों से दूर ही रहें.

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– यदि बात किसी कार्यालय की की जाए तो बहुत से सहकर्मी ऐसे होते हैं, जो दूसरों को आगे न बढ़ने देने के लिए चालाकियां करते हैं. उन्हें नीचा दिखाने के लिए गलत बातों का षड्यंत्र रचते हैं. ऐसे में आप को चाहिए कि बातों को जानने की कोशिश करें, उन का समाधान निकालें.

– उन घटनाओं की व्यक्तिगत रूप से अथवा ई मेल द्वारा चर्चा करें, जिन की वजह से आप परेशान हैं. समस्या को सामने लाएं और देखें कि क्या दूसरे व्यक्ति में उस पर बात करने योग्य परिपक्वता है.

– यदि सामने वाला व्यक्ति अपनी गलती मानने से इनकार कर देता है, तो आप के द्वारा नोट की गई सभी बातों को सभी के सामने रखें, जिन के बीच वह आप की बुराई करता था या अफवाहें फैलाता था.

– कई बार कुछ लोग आप के मित्र या परिजनों के बारे में उलटासीधा बोल कर कि फलां तेरे बारे में ऐसा कहता है, अफवाहें फैलाते हैं. अत: आप विश्वास न करें. क्या पता वह व्यक्ति आप के बीच कड़वाहट लाना चाहता हो. इसीलिए तो कहते हैं कि सुनो सब की करो अपने मन की.

Monsoon Special: इस मौनसून में लें Waterfall का मजा

भारत में  ऐसी बहुत सारे प्लेसेस मौजूद हैं, जिनकी खूबसूरती को देखना अपने आप में एक अनूठा अनुभव होता है. वाटर फॉल्स नेचर के ही एक क्रिएशन हैं जिन्हें देखकर आपको शान्ति और सुकून मिलेगा. अगर आप प्रकृति की गोद से खूबसूरत बहते पानी के धारा को देखना चाहते हैं तो इस मौसम में भारत के इन खूबसूरत वाटर फॉल्स को जरूर देखें. जानिए भारत के कुछ वाटर फॉल्स के बारें में .

1. जोग वाटर फॉल,महाराष्ट्र

जोग वाटर फॉल महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर शरावती नदी पर है. यह चार छोटे-छोटे प्रपातों राजा, राकेट, रोरर और दाम ब्लाचें से मिलकर बना है. इसका जल 250 मीटर की ऊंचाई से गिरकर बड़ा सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है. इसका एक अन्य नाम जेरसप्पा भी है.

2. दूधसागर वाटर फॉल, गोवा

गोवा के पास स्थित दूधसागर फॉल एक शानदार परतदार वाटरफॉल है, जो मनडोवी नदी से बनता है. इस फॉल की ऊंचाई 1020 फीट है. ये भारत का सबसे ऊंचा वाटरफॉल है जबकि दुनिया में इसका नाम 227वें स्थान पर आता है. इस वाटरफॉल को ‘सी ऑफ मिल्क’ यानी दूध का समुद्र भी कहा जाता है. यह वाटरफॉल हरे-भरे घने जंगलों से घिरा हुआ है.

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3. चित्रकूट वाटर फॉल, छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में स्थित चित्रकूट वाटरफॉल देश के सबसे बड़े झरनों में से एक है. यह वाटरफॉल छत्तीसगढ़ में जगदलपुर के पास गिरता है. इसे नाइग्रा फॉल्स ऑफ इंडिया भी कहा जाता है. यह खूबसूरत वाटरफॉल 29 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि इसकी चौड़ाई मौसम के अनुरूप बदलती रहती है.

4. वज़हाचल वाटर फॅाल, केरल

केरल के चालकुंडी नदी से निकला वज़हाचल वाटर फॅाल चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा है. यह घने जंगल केरल के प्रसिद्ध वर्षा वनों के कारण है. इसमें वनस्पति की 319 प्रजातियों मौजूद हैं. इस नदी में मछली की लगभग 90 प्रजातियां हैं. यह नदी अपनी विविधता के लिए जानी जाती है.

5. तालकोना वाटर फॉल, आंध्र प्रदेश

यह वाटरफॉल आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में श्रीवेंकटेश्वर नेशनल पार्क में स्थित है. यह वाटरफॉल तिरुमाला पर्वत श्रेणियों के शुरुआत में है. इसकी ऊंचाई 270 फीट है. तालकोना का पानी चंदन की लकड़ी और जड़ी-बूटियों से घिरे होने की वजह से चिकित्सा में काम आता है.

6. अब्बे वाटर फॉल, कर्नाटक

अब्बे वाटर फॉल कर्नाटक के कोडगु जिला के मुख्यालय मदिकेरी के निकट स्थित है. यह खूबसूरत जलप्रपात मदिकेरी से लगभग 5 किमी. की दूरी पर है. एक निजी कॉफी बागान के भीतर यह झरना स्थित है. पर्यटक बड़ी संख्या में इस स्थान पर आते हैं. मॉनसून के दिनों में यहां की सुंदरता देखते ही बनती है.

7. केंपटी फॉल, उत्तराखंड

केंपटी भारत के उत्तराखंड में स्थित है. इसकी ऊंचाई 40 फुट है. केंपटी फॉल देहरादून से 20 किमी एवं मसूरी से 15 किमी दूर है.

8. अरूविक्कुजी वाटर फॉल, केरल

अरूविक्कुजी केरल के कोट्टायम नगर से 18 किमी की दूरी पर जलप्रपात स्थित है. कुमारकोम से मात्र 2 किमी. की दूरी पर यह खूबसूरत पिकनिक स्थल है. 100 फीट की ऊंचाई से गिरते इस झरने का संगीत पर्यटकों को बहुत भाता है. पर्यटक यहां रबड़ की वनस्पतियों की छाया का भी आनंद ले सकते हैं.

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9. धुआंधार वाटर फॉल, मध्य प्रदेश

धुआंधार फॉल मध्य प्रदेश के जबलपुर के निकट एक बहुत ही सुंदर फॉल है. भेड़ा घाट में जब नर्मदा नदी की ऊपरी धारा विश्व प्रसिद्ध संगमरमर के पत्थरों पर गिरती है, तो जल की सूक्ष्म बूंदों से एक धुए जैसा झरना बन जाता है, इसी कारण से इसका का नाम धुआंधार फॉल रखा गया है. यह नर्मदा नदी का झरना है, जो जबलपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

महिलाओं की सेहत के लिए फायदेमंद है अजवाइन की चाय

आपने अब तक कई तरह की चाय कई तरह की चाय और उससे होने वाले फायदे के बारें में सुना होगा, लेकिन क्या आप अजवाइन की चाय और उससे होने वालें फायदों के बारें में जानती हैं. अगर नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसी चाय और उसके फायदों के बारे में बताने वाले हैं. थाइम टी यानी कि अजवाइन की चाय. सेहत संबंधी अनेक फायदों से भरपूर अजवाइन की चाय एंटी-औक्सीडेंट्स का बेहतरीन स्रोत होती है. अजवाइन बहुत पुराने समय से हर घर में खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होता आया है.

कैसे बनाएं

अजवाइन की चाय बनाने के लिए दो कप पानी लीजिए और उसमें थोड़ा सा अजवाइन डालकर 15 मिनट तक उबालिए. आपको पानी तब तक उबालना है जब तक कि पानी आधा यानी कि एक कप ना बच जाए. फिर इसमें से पानी को छानकर अलग कर लीजिए.

ये हैं अजवाइन की चाय के फायदे

1. महिलाओं के लिए

महिलाओं के लिए अजवाइन की चाय बेहद लाभकारी है. यह पीरियड्स की वजह से होने वाले दर्द में आराम पहुंचाता है और इसी के साथ ही यह गर्भाशय में रक्त प्रवाह को बढ़ाने का काम करता है. इसके अलावा यह वेजिनल यीस्ट इन्फेक्शन के उपचार में भी काम आता है.

2. अस्थमा के लिए

अजवाइन की चाय के धुएं में सांस लेने से ही नाक का रास्ता साफ होता है और शहद की मिठास के साथ अजवाइन की चाय बनाकर गर्मागर्म पीने से अस्थमा अटैक में तुरंत लाभ मिलता है. इसका नियमित सेवन करना रोगी के लिए बेहद ही फायदेमंद साबित हो सकता है.

3. दिल और दिमाग के लिए

अजवाइन की चाय में ओमेगा 3 फैटी एसिड काफी मात्रा में पाया जाता है. यह दिल और दिमाग दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रौल के लेवल को घटाता है और दिमाग में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है. अजवाइन की चाय में दिमाग के ट्यूमर को रोकने की भी क्षमता होती है.

4. वजन कम करने में

अजवाइन की चाय फाइबर का बेहतरीन स्त्रोत मानी जाती है. फाइबर शरीर में फैट की मात्रा को नियंत्रित रखने में मदद करता है. इस वजह से इसके सेवन से वजन नियंत्रण में रहता है.

5. पाचन के लिए

अजवाइन की चाय पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में भी काफी मददगार है. इसमें पाया जाने वाला तेल पाचन प्रणाली को स्वस्थ रखता है. हर सुबह 1 कप अजवाइन की चाय पीना आपके लिए बेहद फायदेमंद है, इसलिए इसे रोजाना अपनी डाइट में शामिल करें.

प्रदेश के निजी विद्यालय सूचना अधिकार अधिनियम के दायरे में

उत्तर प्रदेश के सभी निजी विद्यालय सूचना अधिकार अधिनियम के दायरे में माने जाएंगी. अब निजी विद्यालय सूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत मांगी गयी सूचना देने के लिए बाध्य होंगे. राज्य सूचना आयुक्त श्री प्रमोद कुमार तिवारी ने आज श्री संजय शर्मा बनाम ज0सू0अधिकारी/मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन, लखनऊ के विषय में योजित अपील के निस्तारण में यह व्यवस्था दी है. उन्होंने मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन को यह संस्तुति की है कि जन सूचनाओं की महत्ता को देखते हुए निजी विद्यालयों प्रबन्धकों को भी जन सूचना अधिकारी घोषित करने की व्यवस्था करें.

उल्लेखनीय है कि अपीलार्थी श्री संजय शर्मा ने ज0सू0अ0/मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन, लखनऊ से लखनऊ के दो प्रतिष्ठित निजी विद्यालयों के विषय में आर0टी0आई0 एक्ट के तहत राज्य सूचना आयोग लखनऊ में द्वितीय अपील योजित की थी. यदि निजी विद्यालयों को विद्यालय की स्थापना हेतु रियायती दरों पर विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि उपलब्ध करायी गयी है तो मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा डी0ए0वी0 कालेज ट्रस्ट एण्ड मैनेजमेंट सोसायटी एवं अन्य बनाम डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंन्सट्रक्शन एवं अदर्स में प्रतिपादित विधि अनुसार ऐसे विद्यालय राज्य द्वारा पर्याप्त रूप से वित्त पोषित समझे जायेंगे. उल्लेखनीय है कि निजी विद्यालय सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत इस आधार पर सूचना नहीं देते थे कि वे राज्य द्वारा वित्त पोषित नहीं है एवं वे अधिनियम की परिधि से बाहर हैं.

आयोग ने इस वाद में यह भी प्रतिपादित किया कि वर्ष 2009 में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के पारित होने के बाद ऐसे समस्त विद्यालय जो उपरोक्त अधिनियम से आच्छादित है, अधिनियम एवं उ0प्र0 निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली-2011 के प्रपत्र-1 एवं 2 में वर्णित कतिपय सूचनाएं जिला शिक्षाधिकारी को सूचनाएं देना अपेक्षित है. ऐसी स्थिति में जिला शिक्षाधिकारी उक्त प्रपत्रों में उल्लिखित सूचनाओं को धारित करते हैं, एवं वे प्रपत्रों में वर्णित समस्त सूचनाओं को आर0टी0आई0 एक्ट की धारा-6(1) के तहत मांगे जाने पर याची को देने के लिए बाध्य है.

Youth को बॉडी बिल्डिंग के बारें में क्या कहना चाहते है फरहान अख्तर, पढ़ें इंटरव्यू

‘कोविड 19 की वजह से समय कुछ ऐसा आया है कि जो कुछ प्लानिंग किसी ने भी भविष्य के लिए आज से डेढ़ साल पहले किया है, वह अब प्लान नहीं रहा, सबकी शिड्यूल और टाइमिंग अलग हो चुकी है. मैं जिस कहानी का निर्देशन करना चाहता हूं या जिस लोकेशन पर उसे करना चाहता हूं, उसे कर पाऊंगा या नहीं, इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता. जब काम करने की क्लियरिटी मिलेगी, तब मैं आगे किसी फिल्म का निर्देशन करूँगा’… ये कहना है अभिनेता फरहान अख्तर का. उनकी फिल्म ‘तूफान’ अमेजन प्राइम विडियो पर रिलीज होने वाली है.

फ़िल्मी परिवार में पैदा होने के बावजूद फरहान अख्तर ने परिवार के किसी का सहारा नहीं लिया और अपने बलबूते पर इंडस्ट्री मेंपहचान बनायी. वे आज एक निर्माता,निर्देशक के अलावा अभिनेता, पटकथा लेखक और सिंगर भी है. इस दौरान फिल्मों की सफलता और असफलता का दौर भीआया, पर उन्होंने इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया. उनसे बात हुई पेश है कुछ अंश.

सवाल-ये फिल्म थिएटर में नहीं, ओटीटी पर रिलीज हो रही है, क्या आपको कोई रिग्रेट है?

फिल्म को थिएटर में रिलीज होगी, ऐसा सोचकर बनाई गई थी, लेकिन पिछले डेढ़ सालों में जो हालत कोरोना की वजह से पूरे विश्व में हुई है, ऐसे में मेरी फिल्म अगर ओटीटी पर रिलीज हो रही है, तो मैं खुद को खुशकिस्मत समझता हूं, क्योंकि इस समय किसी को भी थिएटर में जाना ठीक नहीं और थिएटर खुले भी नहीं है. निर्देशक राकेश ओमप्रकाश  मेहरा ने एक दिन मुझसे कहा था कि पेंडेमिक की वजह से घरों में रहने वाली छोटी स्क्रीन आज बड़ी हो चुकी है. यही एक डिवाइस मनोरंजन का साधन है और इसके द्वारा मेरी फिल्म पूरे विश्व में करोड़ो लोगों को दिखाई जायेगी. 7करोड़ जनसँख्या पूरे विश्व में देख सकते है और यही मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मुझे कोई रिग्रेट नहीं है, क्योंकि कोविड की वजह से दुनिया में फिल्मों की मार्केटिंग बहुत बदली है और हमें भी एक कदम आगे बढ़कर इसे अपनाने की जरुरत है.

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सवाल-क्या ओटीटी पर फिल्म रिलीज होने पर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का प्रेशर कम रहता है?

फिल्म देखने पर सभी फिल्म में परफोर्मेंस की तारीफ करते है. फिर चाहे वह थिएटर हॉल में हो या घर में छोटी स्क्रीन पर, इसलिए मैंने कभी भी किसी फिल्म को लेकर प्रेशर महसूस नहीं किया. यह एक जिम्मेदारी होती है, जिसमें मैं अपने परफोर्मेंस पर अधिक ध्यान देता हूं. अगर दर्शकों को परफोर्मेंस सही दिखा, तो एक अभिनेता के नाते मेरा काम हो गया.

सवाल-आप एक बार फिर से स्पोर्ट्स फिल्म कर रहे है, क्या आपको स्पोर्ट्स फिल्में करना अधिक पसंद है?

मुझे फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ और तूफान’ फिल्म में भी काम करने का मौका मिला. दोनों फिल्मों की कहानियों, परफोर्मेंस और खुद से बहुत कुछ सीखा है.

सवाल-फरहान, आपने इस फिल्म में अपनी बॉडी पर बहुत काम किया है और एक मसल्स वाले बॉक्सर की भूमिका निभाई है, क्या फिल्मों के लिए इस तरह के एक्सपेरिमेंट करना शरीर के लिए सही होता है?

फिल्म में दिखाए बॉडी को देखकर खुद उसे करने की कोशिश कभी न करें. फिटनेस हमेशा सही होता है, लेकिन इस क्षेत्र के किसी एक्सपर्ट के साथ बॉडी बनाने की कोशिश करनी चाहिए. बहुत सारे यूथ फिल्मों को देखकर खुद वैसी बॉडी बना लेने की कोशिश करते है, जो गलत है. बॉडी बिल्डिंग एक विज्ञान है और उसके अनुसार कितना वर्कआउट,कितना सोना, पानी पीना, डाइट, व्यायाम आदि को व्यक्ति की शारीरिक बनावट के आधार पर करना सही होता है. एक्सपर्ट के बताये रास्ते पर चलना जरुरी है. ट्रेनर और न्यूट्रीशियन ही सही तरीका बता सकते है. इस फिल्म में मैंने जो भी किया है, उसमें बॉक्सिंग की टीम, मेरे ट्रेनर समीर जारा, डॉ. आनंद फिजियोथेरेपिस्ट आदि के अनुसार मैंने 8 महीने की ट्रेनिंग शूटिंग से पहले लिया है. हर हफ्ते 6 दिन और 5 घंटा हर दिन सब वे मोनिटर करते थे. मुझे मोटा दिखना है, लेकिन मेरा वजन बढ़ नहीं रहा था. मेरी लाइफ में कभी भी मैं 74 किलो से अधिक वजन का नहीं रहा, लेकिन इस फिल्म में मैं 86 किलो तक का वजन बढाया था. मैं उस समय 3 हज़ार कैलरी से अधिक खा रहा था. मेरा माइंड मेरे इस काम को रिफ्यूज कर रहा था. 78से 79 के बीच सूई अटक गयी. उस समय कड़े कदम उठाने पड़े, वह मेरे लिए बहुत कठिन काम था. ऐसी फिटनेस के लिए एक एक्सपर्ट का साथ होना बहुत जरुरी है.

सवाल-आज के यूथ कई बार जिम के बाद प्रोटीन शेक ले लेते है, क्या इसे लेना सही होता है? आपकी राय क्या है?

प्रोटीन शेक लेना गलत नहीं, इससे मसल्स को ताकत मिलती है और ये जरुरी भी है. अगर आप बहुत अधिक वर्कआउट करते है, तो भोजन के द्वारा उसे पूरा करना संभव नहीं होता, इसलिए प्रोटीन शेक लेना पड़ता है. बॉडी बनाने के लिए कुछ चीजों से हमेशा दूर रहना चाहिए, मसलन स्टेरॉयड लेना, किसी तरह का इंजेक्शन लगाना और गोलियां खा लेना, ये सब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, क्योंकि इसके साइड इफ़ेक्ट बहुत ख़राब होते है. बॉडी बनाने के लिए बॉडी को समय दीजिये, इससे थोड़े दिनों बाद ही आपको इसका रिजल्ट मिल जायेगा.

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सवाल-कोरोना काल और लॉकडाउन में आपका समय कैसे बीता ?

इस समय में कभी अच्छा तो कभी ख़राब रहा, लेकिन मैं अपने परिवार और दोस्तों के साथ कभी-कभी मिला करता था, किताबे पढना, फिल्मों को देखना आदि करने का समय मिला है, लेकिन इस दौरान बहुत सारें ऐसे दृश्य भी देखने को मिले, जिससे मन बहुत दुखी होता था. ऐसे कई लोग थे, जो अपने प्रिय व्यक्ति को अपने आँखों के सामने कोविड की वजह से खो रहे थे और उन्हें अंतिम दर्शन भी नहीं कर पा रहे थे. मैंने इस दौरान सोशल मीडिया के ज़रिये जरुरत मंदों की सेवा की है. पिछले कुछ महीने कुछ भी सही नहीं था.

अनुपमा और बेटी पाखी के रिश्तों में बढ़ी कड़वाहट तो काव्या ने बनाया नया प्लान

टीवी सीरियल ‘अनपुमा’ में फैमिली ड्रामा औडियंस का दिल जीतने में कामयाब हो गया है, जिसके चलते सीरियल की टीआरपी पहले नंबर पर बनी हुई हैं. वहीं मेकर्स अपकमिंग एपिसोड में इस फैमिली ड्रामा को और बढ़ाने वाले हैं. दरअसल, सीरियल में काव्या, पाखी के बाद बा बापूजी को भड़काते हुए नजर आने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

पाखी के दिल में काव्या ने भरी कड़वाहट

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा जैसे ही एकेडमी से घर वापस आएगी तो पाखी को काव्या के साथ डांस करता हुआ देखेगी, जिसे देखकर वह हैरान रह जाएगी. वहीं पाखी, अनुपमा को देखकर गुस्सा करते हुए कहेगी कि अनुपमा के लिए सिर्फ समर और उसकी खुशियां ही मायने रखती हैं, जिसके बाद अनुपमा समझ  जाएगी कि उसकी गैरमौजूदगी में काव्या ने पाखी को भड़काया है.

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वनराज कहेगा ये बात

पाखी का बर्ताव देखर अनुपमा, काव्या को वॉर्निंग देगी कि वो उसके बच्चों से दूर रहे. हालांकि काव्या, अनुपमा को उदास देखकर खुश होगी. वहीं वनराज, काव्या से कहेगी कि पाखी से उसकी नजदीकियां मंजूर हैं. लेकिन अगर काव्या की किसी हरकत से अनुपमा और पाखी के बीच दरार आई तो अच्छा नही होगा. इसी बीच अनुपमा पाखी को मनाने की कोशिश करती नजर आएगी. हालांकि काव्या कहती नजर आएगी कि वह पाखी को अनुपमा से दूर कर देगी.

 

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खबरों की मानें तो पाखी के बाद काव्या बा और बापूजी को भड़काना शुरु करेगी, जिसके चलते वह दोनों अनुपमा के खिलाफ हो जाएंगे. वहीं परिवार को अपने खिलाफ होता देख अनुपमा घर छोड़ने का फैसला भी करती दिख सकती है. हालांकि हर कदम पर अनुपमा काव्या की चालों का जवाब देती नजर आएगी, जिसमें उसका साथ उसके बच्चे देंगे.

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#Dishul की शादी की रस्में हुई शुरु, दिशा ने लगाई राहुल के नाम की मेहंदी

कलर्स के रियलिटी शो बिग बॉस 14 (Bigg Boss 14) फेम राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) और एक्ट्रेस दिशा परमार (Disha Parmar) 16 जुलाई को शादी के बंधन में बंधने वाले हैं, जिसकी रस्में भी शुरु हो गई हैं. इसी बीच राहुल और दिशा परमार के मेंहदी सेलिब्रेशन की फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो गई हैं. आइए आपको दिखाते हैं राहुल-दिशा की मेहंदी सेलिब्रेशन की झलक…

दुल्हन को लगी मेहंदी

 

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राहुल वैद्य (Rahul Vaidya) की दुल्हनिया दिशा परमार (Disha Parmar) की मेहंदी सेरेमनी की फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो गई हैं, जिसके बाद दोनों के फैंस उन्हें बधाइयां देते नजर आ रहे हैं. वहीं वायरल फोटोज की बात करें तो दिशा मेहंदी लगाते हुए बेहद एक्साइटेड नजर आ रही हैं.

 

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कुछ ऐसा था दुल्हा-दुल्हन का अंदाज

 

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मेंहदी सेलिब्रेशन में राहुल वैद्य और दिशा परमार के लुक की बात करें तो पिंक कलर के मिरर वर्क वाले शरारा में जहां दिशा परमार खूबसूरत लग रही थीं तो वहीं लाइट ब्लू कलर के कुर्ते पजामे में राहुल हैंडसम लग रहे थे. वहीं दोनों की जोड़ी कमाल लग रही थी और दोनों के चेहरे पर शादी का ग्लो खूब नजर आ रहा था.

फोटोज खिंचवाता दिखा कपल

 

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सेलिब्रेशन के मौके पर टीवी स्टार दिशा परमार (Disha Parmar) मस्ती करते हुए नजर आईं. वहीं इस खूबसूरत मौके पर राहुल वैद्य भी उनके साथ ठुमके लगाते दिखे. इस बीच ये कपल मीडिया के सामने जमकर पोज देता हुआ नजर आया, जिसकी फोटोज फैंस को पसंद आ रही हैं.

 

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बता दें, बिग बौस 14 के दौरान राहुल वैद्य ने नेशनल टीवी पर अपने प्यार का इजहार किया था, जिस दौरान उन्होंने दिशा परमार के सामने शादी का प्रपोजल भी रखा था. वहीं शो में ही दिशा ने अपना जवाब देते हुए शादी के लिए हां भी कही थी.

प्रदेश में 1.15 करोड़ लोगों के पास हैं गोल्‍डन कार्ड

प्रदेश के करोड़ों गरीब परिवारों के लिए राहत भरी खबर है. प्रदेश सरकार 26 जुलाई से आयुष्‍मान भारत योजना के तहत गोल्‍डन कार्ड बनाने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है.  कोरोना काल के दौरान इलाज में गोल्‍डन कार्ड ने लोगों को काफी राहत दी थी. आयुष्‍मान योजना के तहत अस्‍पतालों में गोल्‍डन कार्ड धारकों को 5 लाख रूपए तक नि:शुल्‍क इलाज की सुविधा दी जाती है.

कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री जन अरोग्‍य आयुष्‍मान योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए संबल बनी थी. आयुष्‍मान योजना के तहत बने गोल्‍डन कार्ड के जरिए लाखों लोगों को पांच लाख रूपए तक नि:शुल्‍क इलाज की सुविधा दी गई है. गोल्‍डन कार्ड के जरिए लोग सरकारी व सरकार की ओर से अधिकृत निजी अस्‍पताल में अपना नि:शुल्‍क इलाज करा सकते हैं.  इससे पहले 30 अप्रैल तक गोल्‍डन कार्ड बनाए गए थे. प्रदेश सरकार अब फिर से विशेष अभियान चलाकर गोल्‍डन कार्ड बनाने जा रही है. मुख्‍यमंत्री के निर्देश पर 26 जुलाई से प्रदेश भर में आयुष्‍मान योजना के तहत गोल्‍डन कार्ड बनने के लिए जन सुविधा केन्‍द्र या फिर नजदीकी सरकारी अस्‍पताल में जाकर लोग कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं.

यूपी में बने 1.15 करोड़ गोल्‍डन कार्ड

केन्‍द्र सरकार की आयुषमान योजना के तहत प्रदेश में 1 करोड़ 18 लाख गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए का चिकित्‍सा बीमा कवर की सुविधा दी जा चुकी है. इसके अलावा आयुष्‍मान योजना से 6 करोड़ 47 लाख लोगों को लाभांवित किया जा चुका है. यूपी में अब तक 1.15 करोड़ गोल्‍डन कार्ड बनाए जा चुके हैं. इसके अलावा मुख्‍यमंत्री जनआरोग्‍य योजना में 42.19 लाख पात्रों को लाभांवित किया जा चुका है.

आज भी महिलाएं कहीं अकेले खाने में क्यों झिझकती हैं?

घूम घूमकर यात्रा वृत्तांत लिखने वाली मशहूर ट्रेवल ब्लागर ग्लोरिया अटंमो [Gloria Atanmo] की अपने ब्लॉग ‘द ब्लॉग अब्रोड’ में 23 जनवरी 2019 को लिखी एक टिप्पणी ने अमरीका से लेकर अफ्रीका तक में एक सशक्त महिला आन्दोलन को खड़ा कर दिया था.हुआ दरअसल यह था कि न्यूयार्क के एक रेस्टोरेंट में कुछ खाने और बीयर पीने के लिए एक युवती गयी.वह काफी देर तक रेस्टोरेंट के बार में अपनी सीट में बैठी रहीं.लेकिन उसके पास  कोई बैरा नहीं आया.फिर उसने इशारे से एक को अपनी तरफ बुलाया.बैरे ने आकर उससे आर्डर के बारे में तो कुछ पूछा नहीं, उलटे यह फरमान सुना दिया कि वह रेस्टोरेंट में अकेले नहीं बैठ सकती.इस घटना को बीबीसी के एक लेख में दर्ज किया गया.लेकिन तब उतना हंगामा नहीं हुआ,जितना ग्लोरिया अटंमो द्वारा इस घटना का अपने ब्लॉग में बीबीसी के लेख को उद्धृत करने और इसका विश्लेषण करने से हुआ.ग्लोरिया के ब्लॉग पोस्ट की पहली लाइनें थीं- Many of you have probably seen the BBC News article floating around this week about a restaurant in New York (Nello is the name if you’re curious) that told a woman she couldn’t sit at the bar alone as the owner was wanting to, and I quote, “crackdown on hookers.”(आपमें से कईयों ने शायद इस हफ्ते बीबीसी न्यूज़ के उस एक लेख को देखा होगा जो न्यूयॉर्क के एक रेस्तरां (अगर आप इसका नाम जानने को लेकर जिज्ञासु हैं तो इसका नाम नेल्लो है) के बार में अकेली महिला के संबंध में था.लेख के मुताबिक़ उस महिला से बैरे द्वारा कहा गया कि मालिकों की हिदायत है कि बार में कोई अकेली महिला नहीं बैठ सकती.इसको पढ़कर मेरे मुंह से बेसाख्ता निकला ‘क्या बेहूदा बात है.’)

हममें से ज्यादातर लोग इन पंक्तियों को पढ़कर चौंकने का नाटक भले करें लेकिन हम सब जानते हैं कि हिन्दुस्तान में स्थिति इससे कोई अलग नहीं है बल्कि कहीं ज्यादा खराब है.अमरीका में तो यह नजरिया किसी महिला के अकेले बार में बैठने को लेकर है,हमारे यहां तो साधारण रेस्टोरेंट में किसी अकेली महिला को देखने की लोग कल्पना नहीं कर सकते.सच मानिए यह  वैसा ही मर्दवादी नजरिया है जैसे कि लड़को किसी से डरना नहीं चाहिए और एक लड़की को कहीं अकेले जाना नहीं चाहिए.या कि लड़के पिंक रंग कैसे पहन सकते हैं ? या फिर छिः खट्टा खा रहे हो जरूर तुममें लड़कियों वाले गुण होंगे.लेकिन मूल सन्दर्भ खाने में लौटते हैं .पूरी दुनिया में अकसर लड़कियों को स्कूल, कॉलेज की कैंटीन में अकेले बैठकर खाने में काफी परेशानी महसूस होती है.

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जो लड़कियां अपने साथ घर का खाना ले जाती हैं,उसे भी अगर उन्हें अकेला खाना पड़े तो चुपचाप लॉन में अपनी किताब निकालकर पढ़ने के बहाने खाती हैं. खाने में किसी का साथ न होने के कारण लडकियां काफी असहज महसूस करती हैं.ऐसे में सोचा जा सकता है कि किसी रेस्टोरेंट या सार्वजनिक स्थल पर अकेले बैठकर खाने में वे कितना असहज होती हैं.ऐसा इसलिए होता है क्योंकि-

  • उन्हें लगता है कि अकेले बैठकर खाने में हर कोई उनकी ओर देख रहा है.
  • उन्हें लगता है कि उन्हें अकेला खाते देख लोग सोचेंगे वह नितांत अकेली हैं.
  • इस डर से भी अकेले बैठकर खाने से शरमाती हैं कि कहीं कोई उनके साथ की टेबल पर बैठकर उनके साथ जबरदस्ती बातचीत करने का प्रयास न करने लगे.

हैरानी की बात यह है कि लड़की का अकेलापन उसके लिए ही नहीं बल्कि उसके आसपास के लोगों के लिए भी असहजता पैदा करता है. हिन्दुस्तान में आज भले ही लड़कियां घर की दहलीज लांघकर शिक्षा,नौकरी के लिए एक शहर से दूसरे शहर में जाती हैं. अपने घर से दूर निकलकर अकेले अपने आपकी जिम्मेदारी उठाना उनके लिए एक बड़ा काम होता है. इन तमाम स्थितियों के बावजूद लड़कियां अकेले बैठकर खाने में असहज महसूस करती हैं.जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. आज मॉडर्न जीवनशैली के साथ-साथ इन्हें अपनी आदतों में भी बदलाव लाना चाहिए. जो लड़कियां इस आदत का शिकार हैं,उन्हें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि यदि किसी कारणवश उन्हें अकेले ही खाना पड़े तो घर पहुँचने के पहले तक भूखे रहने के बजाय वह बेहिचक अकेले खायें.यदि उन्हें किसी रेस्टोरेंट में बैठकर अकेले खाना पड़ रहा है तो इसमें उन्हें किसी तरह की शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए.

खाने के दौरान लोग उसके बारे में क्या सोचते हैं? इस पर उसे ध्यान नहीं देना चाहिए.अकेले बैठकर खाने के दौरान वह इस तरह का विचार मन में न लायें कि कोई उनके अकेलेपन के विषय में अपने दिल-दिमाग में कोई विचार ला रहा है.यदि कोई ऐसा सोच रहा है तो उसे ऐसा सोचने दो.हाँ,ये कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए-

  • रेस्टोरेंट में अकेले खा रही हैं तो अपने आसपास के लोगों के प्रति सचेत रहें.
  • ऐसी टेबल का चुनाव करें जहां से रेस्टोरेंट का काउंटर साफ़ दिखता हो.
  • यदि खाने के दौरान कोई आपके साथ आकर जबरदस्ती बातचीत करने का प्रयास करे या छेड़खानी करने की कोशिश करे तो खूब तेज आवाज में इसकी शिकायत काउंटर में बैठे व्यक्ति से करें और यह वहां मौजूद हर किसी को सुनाई पड़े.
  • रेस्टोरेंट में खाने के दौरान ऐसी जगह का चुनाव करें जहां परिवार के सदस्य बैठे हो.
  • अकेले होने के बावजूद पूरे आत्मविश्वास के साथ रहें. नर्वस न हों,अपने साथ कोई पुस्तक, पत्र-पत्रिका रखें.खाना टेबल तक आने तक का इंतजार करने तक उसमें मशगूल दिखने की कोशिश करें.
  • याद रखें रेस्टोरेंट में अकेले बैठे यदि आप नर्वसनेस महसूस करेंगी तो किसी को भी आपके साथ बुरा व्यवहार करने का मौका मिल सकता है.

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यदि आपके आसपास छोटे बच्चे हों तो उन्हें बुलायें, उनके साथ बातचीत करें.

लोगों के साथ हल्की-फुल्की मुस्कुराहट से अपना परिचय बनायें ताकि उनको यह संकेत न जाये कि आप अकेले बैठकर खाने में परेशानी महसूस कर रही हैं.लड़कियों के लिए अकेले बैठकर खाना एक स्थिति है इस हिचक को तोड़ने के लिए कभी-कभी अकेले अपनी मर्जी से खायें. अगर आपको किसी खास जगह का लंच या डिनर बेहद पसंद है तो और लोगों के साथ जाकर खाने के बजाय अकेले जायें और अकेले बैठकर खाने का मजा लें.

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