राजस्थानी लुक में कहर ढाती दिखीं सुष्मिता सेन की भाभी, देखें फोटोज

बौलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन की भाभी टीवी एक्ट्रेस चारू असोपा आए दिन अपनी मैरिड लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. लेकिन इस बार चारू असोपा की कोई शादी की खबर नहीं बल्कि गणगौर में उनका राजस्थानी लुक सोशलमीडिया पर छाया हुआ है. फैंस को उनका गणगौर लुक काफी पसंद आ रहा है. आइए आपको दिखाते हैं चारू असोपा के कुछ राजस्थानी लुक्स, जिसे आप फैमिली फंक्शन हो या शादी ट्राय कर सकती हैं.

राजस्थानी लहंगे में बिजलियां गिराती दिखीं चारू

हाल ही में चारू असोपा गणगौर सेलिब्रेट करती नजर आईं, जिस दौरान एक्ट्रेस ने पिंक कलर का हैवी वर्क वाला राजस्थानी लहंगा पहना था. वहीं इस लुक के साथ चारू असोपा ने मोतियों वाली राजस्थानी ज्वैलरी कैरी की थी. इसके साथ हैवी वर्क वाली राजस्थानी ओढ़नी यानी चुनर ओढ़ी थी, जो उनके लुक को और भी खूबसूरत बना रहा था.

 

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राजस्थानी लुक पसंद करती हैं चारू

 

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चारू असोपा को राजस्थानी लुक कैरी करना काफी पसंद है. इसीलिए हर फेस्टिवल पर वह राजस्थानी लुक में नजर आती हैं. चारू का ये रेड कलर का लहंगा काफी खूबसूरत है. वहीं इस लुक के साथ राजस्थानी मांगटीका काफी खूबसूरत कौम्बिनेशन है.

यैलो राजस्थानी लुक है परफेक्ट

 

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चारू के राजस्थानी ब्लाउज के साथ परफेक्ट लहंगा और ओढ़नी उनके लुक को और भी खूबसूरत बना देता है. वहीं इसके साथ मैचिंग राजस्थानी ज्वैलरी उनके लुक पर चार चांद लगा देता है.

 

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फैमिली फंक्शन के लिए परफेक्ट है ये लहंगा

 

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चारू असोपा का लाइट वेट लहंगा किसी भी पार्टी या फंक्शन के लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ राजस्थानी ज्वैलरी उनके लुक को ट्रैंडी और रौयल लुक देने के लिए परपेक्ट औप्शन रहेगा.

जब दुलहन हो पैसे वाली

राहुल एक मध्यवर्गीय परिवार का होनहार युवक था. वह अपने जैसी मेहनती और पढ़ीलिखी लड़की से शादी करना चाहता था. मेरठ के अमीर परिवार से उस के लिए रिश्ता आ गया. शैली दिखने में खूबसूरत पर अल्हड़ थी. राहुल ने अपनी मम्मी और भैया को समझना भी चाहा परंतु किसी ने उस की ओर ध्यान नहीं दिया था. बहुत धूमधाम से विवाह हुआ और फिर शैली को ले कर राहुल बैंगलौर चला गया.

जल्द ही शैली के तौरतरीकों से राहुल परेशान हो उठा. जब भी राहुल शैली के परिवार से बात करता तो उन्हें उस की परेशानी समझ ही नहीं आती. जिसे राहुल फुजूलखर्ची मानता था वह शैली के घर वालों के हिसाब से सामान्य  खर्च था.

सुशील की जब अनुराधा से शादी हुई तो शुरू में सुशील ससुराल की चमकदमक देख कर बहुत खुश था पर जल्द ही वह ससुराल वालों के अनावश्यक हस्तक्षेप से तंग आ गया. उन के हनीमून प्लैन से ले कर उन के बच्चे की डिलिवरी तक सबकुछ वही लोग तय करते थे. अनुराधा खुद अपने ससुराल वालों को दोयम दर्जे का मानती है.

सुशील अपने घर वालों और ससुराल वालों के बीच पिस रहा है और बहुत सारी बीमारियों ने उस के शरीर में घर बना लिया है.

मृणाल का नयना से पे्रम विवाह हुआ था. शुरू के 2 वर्ष तक तो प्रेम के सहारे नयना की जिंदगी चलती रही पर फिर जल्द ही वह प्रेम से ऊब गई. हकीकत से सामना होते ही नयना और मृणाल को समझ आ गया कि उन की सोच में जमीनआसमान का फर्क है. अब नयना के घर वालों ने ही मृणाल को अपने व्यापार में लगा लिया है. विवाह के 10 वर्ष के बाद भी मृणाल की हैसियत अपनी ससुराल में दामाद की कम, एक कर्मचारी की ज्यादा है.

इन सभी उदाहरणों से एक बात तो साफ है कि विवाह के बाद लड़कियों को ही नहीं लड़कों को भी अपनी ससुराल में तालमेल बैठाने में बहुत दिक्कतें आती हैं और वे तब और अधिक हो जाती हैं जब लड़के की ससुराल बहुत अमीर हो.

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तालमेल बैठाने में आती है दिक्कत: विवाह की गाड़ी आपसी तालमेल से ही सरपट दौड़ती है मगर अगर पत्नी बहुत अमीर परिवार से है तो तालमेल बैठाने में बहुत ज्यादा समय लगता है. जो अमीर परिवार की लड़की को जरूरत लगती है वह हो सकता है एक मध्यवर्गीय परिवार के लड़के को फुजूलखर्ची लगती हो. अगर आप की पत्नी बहुत अमीर परिवार से है तो यह जान लें कि उस की आदतें एक दिन में नहीं बदल जाएंगी. कुछ आप को समझना होगा और कुछ उसे.

अनावश्यक हस्तक्षेप से बचें:

जब दोनों परिवारों में आर्थिक भिन्नता होती है तो यह देखने में आता है कि दोनों ही परिवार अपनेअपने ढंग से अपना वर्चस्व बनाने के लिए अनावश्यक हस्तक्षेप करते हैं. यह जिंदगी आप दोनों को गुजारनी है. आप के परिवारों को नहीं, इसलिए किस की बात सुननी है किस की नहीं यह आप स्वयं तय कर सकते हैं. हर किसी की बात पर अमल करने की कोशिश करेंगे तो आप लोगों के बीच में मनमुटाव ही रहेगा.

निर्धारित करें सीमारेखा:

हर मातापिता अपनी बेटी को बहुत खुश देखना चाहते हैं. इस कारण कभीकभी वे अपनी बेटी को ऐसे तोहफे दे देते हैं, जो उन के दामाद के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा सकते हैं. अगर आप अपनी ससुराल से ऐसे तोहफे स्वीकार नहीं करना चाहते हैं तो साफ मगर विनम्र शब्दों में मना कर दीजिए. हो सकता है पहली बार आप की पत्नी और उस के परिवार को बुरा लगे परंतु रिश्तों को निभाने के लिए एक सीमारेखा निर्धारित करना आवश्यक है.

हीनभावना को रखें दूर:

अगर आप की पत्नी बहुत अमीर परिवार से है और फिर भी उस के परिवार ने उसे आप के लिए चुना है, तो इस बात का साफ मतलब है कि आप के अंदर कुछ ऐसे गुण और हुनर होंगे जो उन्हें दूसरे लड़कों में नजर नहीं आए होंगे. आप की जितनी आमदनी है, उसी के अनुरूप अपनी जिंदगी के सफर की शुरुआत कीजिए. बहुत बार देखने में आता है कि हीनभावना से ग्रस्त हो कर लड़के अधिक खर्चा कर देते हैं, जो बाद में उन्हीं की जेब पर भारी पड़ता है.

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तोहफों से न आंकें रिश्तों की कीमत:

ससुराल अमीर हो तो बहुत बार लड़के अनावश्यक दबाव के चलते महंगेमहंगे तोहफे देते हैं, जो उन की जेब पर भारी पड़ता है. रिश्तों को मधुर बनाने के लिए तोहफों की नहीं, अच्छे तालमेल की आवश्यकता होती है.

Serial Story: मुक्ति – भाग 3

लेखक- आर केशवन

गतांक से आगे…

अंतिम भाग

पूर्व कथा

जया की नौकरानी गंगा कई दिनों से काम पर नहीं आ रही थी जिस की वजह से जया पर घर का सारा काम आ पड़ा था और वह परेशान रहने लगी थी. एक दिन रानी ने बताया कि गंगा 3-4 दिन और नहीं आएगी क्योंकि वह बीमार है तो जया की परेशानी और बढ़ गई. गंगा का पति अकसर उसे बुरी तरह पीटता था जिस की वजह से वह बीमार रहने लगी थी. जया ने रानी से कहा कि गंगा पति को छोड़ क्यों नहीं देती तो उस ने कहा कि पति चाहे कैसा हो वह पत्नी का सुरक्षा कवच होता है इसलिए वह उसे छोड़ नहीं सकती. दूसरी ओर जया की सहेली पद्मा जो एक पत्रकार थी और महिला क्लब की सदस्य भी, उस ने सुझाव रखा कि गंगा को उस के पति से तलाक दिलवाना ही ठीक रहेगा. जया ने बातोंबातों में रानी से गंगा के घर का पता पूछ लिया. जब रानी को गंगा को ले कर महिला मंडल की बैठक होने का पता चला तो वह बोली, ‘‘आप पढ़ीलिखी मैडमों का दिमाग चल गया है. क्या एक औरत अपना बसाबसाया घर और पति को छोड़ सकती है. आप क्यों उसे बेसहारा करना चाहती हैं.’’ रानी को हाई सोसाइटी की इन औरतों पर बहुत क्रोध आ रहा था.

अब आगे…

टिन के उस जंगल में गंगा का घर खोजना तो सचमुच कुछ ऐसा ही था जैसे भूसे के ढेर में सूई ढूंढ़ना. बेतरतीब झोंपड़े, इधरउधर भागते बच्चों की टोलियां, उन्हें झिड़कती हुई माताओं को पार कर के उस के छोटे से एक कमरे वाले घर को तलाशने में ही पद्मा व जया की हालत खराब हो गई.

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गंगा को उस ने अपनी खोली के एक अंधेरे कोने में दुबका हुआ पाया. चेहरे पर खरोंच यह बता रहे थे कि इस बार मरम्मत कुछ ज्यादा ही अच्छी तरह से हुई थी. जया उस की खस्ता हालत को देख कर अचंभित तो थी ही, उस के जर्जर शरीर को देख कर उसे गहरा दुख भी हुआ.

उन्हें देख कर गंगा जल्दी से उठने लगी तो जया ने उसे हाथ बढ़ा कर रोक दिया.

‘‘बैठी रहो, गंगा,’’ उस ने आत्मीयता से कहा, ‘‘वैसे ही तुम्हारी हालत काफी नाजुक लग रही है.’’

1 मिनट का असाधारण मौन छा गया और फिर गंगा उन के लिए चाय बनाने उठी. लाख मना करने पर भी मानी नहीं.

चाय की चुसकियां लेते हुए जया व पद्मा ने बाहर कुछ आहट सुनी. पदचाप बाहर की ओर से आ रही थी. गंगा फुरती से उठी और 1 मिनट बाद लौटी, ‘‘मेरे पति हैं,’’ उस ने धीमी आवाज में कहा.

पद्मा तो मानो इसी घड़ी की प्रतीक्षा में थी. वह तुरंत उठी व पल्लू खोंसते हुए तेजी से बाहर की ओर रुख करने लगी. गंगा ने हाथ बढ़ा कर उसे रोक लिया और दयनीय स्वर में बोली, ‘‘उसे कुछ मत कहना, बीबीजी.’’

जया ने महसूस किया कि गंगा का पति नशे की हालत में ऊलजुलूल बड़बड़ा रहा?था. 1 मिनट बाद चारपाई पर उस के ढेर होने की आवाज आई.

‘‘लगता है सो गया,’’ गंगा मुसकरा कर बोली, ‘‘अब 3-4 घंटे बेसुध पड़ा रहे तो मैं अपना बचाखुचा काम भी समेट लूं.’’

जया को उस बेचारी पर तरस आया कि इस हालत में भी वह घर संभालने में लगी हुई थी और उस का पति आराम से चारपाई तोड़ रहा था. जया को लगा कि वह और पद्मा गंगा के दैनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रही हैं. लौटने के उद्देश्य से उस ने गंगा की ओर देखा, ‘‘गंगा, अपना खयाल रखना, बता देना कब लौटोगी.’’

जया ने पद्मा की ओर कनखियों से इशारा किया.

पद्मा तो जैसे भरी बैठी थी, ‘‘रुक भी जाओ, भूल गईं, किसलिए आए?थे यहां,’’ दांत भींचते हुए उस ने जया के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया व गंगा की ओर मुखातिब हुई.

गंगा के चेहरे पर उस समय भाव कुछ ऐसे थे जैसे उसे अंदेशा हो गया था कि आगे क्या होगा. रानी ने शायद उसे पहले ही आगाह कर दिया था.

जया कहने लगी, ‘‘फिर कभी, आज नहीं.’’

दरअसल, वह यह नहीं समझ पा रही थी कि क्या यह सही वक्त था गंगा से तलाक के विषय में बात करने का. उस की कमजोर हालत जया को सोचने पर मजबूर कर रही थी.

‘‘नहीं, आज ही. मुझे क्यों रोक रही हो तुम,’’ पद्मा क्रोधित स्वर में जया से बोली, फिर वह गंगा से मुखातिब हुई, ‘‘देखो गंगा, अब और इस हालत से जूझते रहने का फायदा नहीं. क्या तुम्हें नहीं लग रहा कि तुम एक फटेहाल जिंदगी जी रही हो? क्या मिल रहा?है तुम्हें अपने पति से सिवा मारपीट व गालीगलौज के? तुम ने कभी सोचा नहीं कि उस आदमी को छोड़ कर तुम ज्यादा सुखी रहोगी? अपनी जिंदगी के बारे में भी सोचो कुछ.’’

पद्मा की उद्वेग के मारे सांस फूल रही थी और वह लगातार गंगा को प्रेरित करती रही कि ऐसा निरीह जीवन जीने की उसे कोई आवश्यकता नहीं थी.

गंगा शांति से उन की बात सुन रही थी. पद्मा का रोष थोड़ा ठंडा हुआ, ‘‘देखो गंगा, अगर तुम चाहो तो हम तुम्हारे जीवनयापन के लिए कुछ न कुछ इंतजाम कर ही लेंगे. तुम्हारे लिए एक छोटी सी टेलरिंग यूनिट खोल देंगे. तुम निश्चय तो करो.’’

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‘‘मैं ने सब सुना?है बीबीजी. रानी तो रोज आ कर आप लोगों की बातें बताती ही रहती है. पर नहीं. मुझे इन चीजों की जरूरत नहीं.

‘‘बिलकुल भी नहीं,’’ पद्मा ने आपत्ति उठाने के लिए मुंह बस खोला ही था कि बाहर से तेज अस्पष्ट आवाजें सुनाई देने लगीं.

इस से पहले कि जया और पद्मा कुछ समझतीं कि माजरा क्या है, गंगा बाहर भाग चुकी थी. उस के हाथ में 2 बड़ी बालटियां थीं. बाहर से लोगों की आवाजें दस्तक दे रही थीं, ‘‘टैंकर आ गया, टैंकर आ गया.’’

महानगर निगम के पानी का टैंकर पहुंच गया था. लोगों की अपार भीड़ एकत्र हो रही थी. जया व पद्मा बाहर आ कर नजारा देखने लगीं. यह समस्या तो इस शहर में कमज्यादा सभी तबकों की थी. आदमी सांस लेना भूल जाए पर टैंकर की आहट को नजरअंदाज कभी न कर पाए.

महिलाओं व पुरुषों की भीड़ गुत्थमगुत्था हो रही थी. टैंकर के सामने घड़ों, बरतनों, बालटियों की बेतरतीब कतारें लग गई थीं. जया की आंखें उस भीड़ में गंगा को ढूंढ़ने लगीं. उस ने पाया कि गंगा अपनी बीमारी को लगभग भूल कर लोगों से उलझ कर 2 बालटी पानी भर लाई?थी. घर के अहाते तक आतेआते उस का शरीर पसीने से भीग चुका था. माथे पर कुमकुम का निशान भीग कर अर्धकार हो गया था. जयाचंद्रा ने सहारा देने के उद्देश्य से उस से एक बालटी लेने की कोशिश की.

‘‘नहीं, नहीं, बीबीजी. मैं संभाल लूंगी,’’ उस ने जया का हाथ छुड़ाया और पति की ओर इंगित करने लगी, ‘‘यह निखट्टू भी तो है. अभी जगाती हूं इसे,’’ यह कहते हुए गंगा ने अपने दांत भींचे व अंदर की ओर भागी. लौटी तो उस के हाथों में 2 बालटियां और थीं. दोनों बालटियां उस ने आंगन के कोने में रखीं, कमर कस कर पति की चारपाई के करीब जा खड़ी हुई. जया डर रही थी कि जगाने पर वह निर्दयी गंगा के साथ न जाने कैसा सलूक करेगा. अलसाया सा, आधी नींद में वह बड़बड़ा रहा था.

और फिर वह अचंभा हुआ जिस की जया को कतई उम्मीद नहीं थी. गंगा ने चारपाई पर बेहोश पड़े पति को एक जोरदार लात मारी. मार के सदमे से वह हड़बड़ा कर उठ बैठा. आंखें मींचता हुआ वह जायजा लेने लगा कि गाज कहां से गिरी.

‘‘उठ रे, शराबी,’’ गंगा ने दहाड़ मारी, ‘‘अभी नींद पूरी नहीं हुई या दूं मैं एक और लात.’’

वह आदमी धोती संभालता हुआ उठ खड़ा हुआ. 2 आगंतुक महिलाओं के सामने पिटने का एहसास जब हुआ तो बहुत देर हो चुकी थी. गंगा एक और लात जमाने के लिए तैयार खड़ी थी. लड़खड़ाए हुए पति के हाथ में उस ने बालटियां थमाईं और फरमान जारी किया, ‘‘जा, भर ला पानी, कमबख्त.’’

वह डगमगाता हुआ जब डोलने लगा तो गंगा ने 2 तमाचे और जड़ दिए, ‘‘अब जाता है कि…’’ और इसी के साथ दोचार मोटीमोटी गालियां भी पति के हिस्से में आ गईं.

जया व पद्मा अवाक् खड़ी थीं. उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि अभी जिस महिषासुरमर्दिनी को उन्होंने देखा था यह वही छुईमुई सी गंगा थी, जिसे वे चुपचाप घर का काम निबटाते हुए देखा करती थीं. यह कैसा अनोखा रूप था उस का. मुंह खुला का खुला रह गया. होश आया तो पाया कि गंगा आसपास कहीं नहीं थी. वह फिर उसी रेले में शामिल हो गई थी. जीजान से अन्य महिलाओं से लड़ती हुई अपने हिस्से के जल को बालटियों में भरते हुए. महिलाएं एकदूसरे पर हावी हो रही थीं और उन की कर्कश आवाजों से वातावरण गूंज रहा था.

वे दोनों तब तक सन्न खड़ी रहीं जब तक गंगा घर में दोबारा आ नहीं गई. उन की फटी नजरों को भांपते हुए गंगा ने एक शर्मीली मुसकान बिखेरी.

‘‘गंगा, यह तुम थीं?’’ आवाज पद्मा के हलक से पहले निकली.

जया भी मुग्ध भाव से उसे देखे जा रही थी.

‘‘हां, बीबीजी, यह सब तो चलता रहता है. इसे मैं दोचार जमाऊंगी नहीं तो कैसे चलेगा. वह मुझ पर हाथ उठाता?है तो मैं भी उसे पीटने में कोई कसर नहीं छोड़ती,’’ वह कुछ ऐसे बोल रही थी जैसे किसी शैतान बच्चे को राह पर लाने का नुस्खा समझा रही हो, ‘‘जब मैं चाहती हूं तब कमान अपने हाथ में ले लेती हूं,’’ झांसी की रानी जैसे भाव थे उस के चेहरे पर, ‘‘मैं जानती हूं बीबीजी, आप सब लोग हमारा?भला चाहती हैं. पर मुझे नहीं चाहिए यह तलाकवलाक. जरूरत नहीं है मुझे. मैं अपने तरीकों से इसे ‘लाइन’ पर ले आती हूं,’’ वह मुसकराती हुई बोली, ‘‘कभीकभी कड़वी दवा पिला ही देती हूं मैं इसे. मिमियाता हुआ वापस आ जाता है बकरी की तरह. और किस के पास जाएगा. आना तो शाम को इसी घर में है न? जब होश आता है तो गलती का एहसास भी हो जाता है इसे. पता है इसे कि मेरे बगैर इस का गुजारा नहीं.’’

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गंगा ने शायद अपने पति पर पूरा अनुसंधान कर रखा था. अब मानो वह उन्हें उस की रिपोर्ट पढ़ा रही हो. जया को लगा वाकई जीवन की बागडोर गंगा ने कुछ अपने तरीके से संभाली हुई थी. शायद उन से बेहतर प्रचारक थी वह नारी मुक्ति की. शायद प्रचार करने की आवश्यकता भी नहीं थी गंगा को. उस के तरीके बेहद सरल व प्रायोगिक थे. उस ने देखा गंगा एकदम सहज भाव से बतियाए जा रही थी. उसे इस बात की कोई चिंता नहीं थी कि उस के इस रवैये पर अन्य लोगों की क्या प्रतिक्रिया रहेगी. इस बीच कब गंगा का पति शरमाता हुआ लौटा व एक सेट बरतन और ले गया पानी भर लाने के लिए, इस की उन्हें सुध न रही.

जया व पद्मा अचंभित हालत में अपने वाहन की ओर बढ़ रही थीं. एक अजब खामोशी छाई हुई थी दोनों के बीच में. जाहिर था, दोनों ही गंगा व उस के पति के बारे में सोच रही थीं. जया को लगा कि शायद उन का क्लब वाला प्रस्ताव बेहद बेतुका था. कनखियों से उस ने पद्मा की ओर देखा जो कुछ ऐसी ही उधेड़बुन में लिप्त थी.

भारतीय परिवारों में एक अनोखा ही समीकरण था पतिपत्नी के बीच में. कभी किसी का पलड़ा भारी रहा तो कभी किसी का. क्या यही वजह नहीं थी पद्मा व उस के पति ने आपसी सामंजस्य से अपनी जिम्मेदारियों को आपस में बदल लिया था. सब लोग अपनी आपसी उलझनों का कुछ अपने तरीके से ही हल ढूंढ़ लेते हैं. गंगा ने भी शायद कुछ ऐसा ही कर लिया था.

गाड़ी में जब पद्मा निश्चल सी बैठी रह गई तो जया से रहा न गया. उस ने एकाएक पद्मा के हाथ से ‘डिक्टाफोन’ छीना, ‘‘देवियो और सज्जनो, क्या आप जानते हैं कि गंगा और हम में क्या अंतर है? वह अपने पति को लात मार सकती है पर हम नहीं.’’

और फिर दोनों महिलाओं के ठहाके गूंजने लगे.

ड्राइवर उन्हें कुछ ऐसे देखने लगा जैसे वे दोनों पागल हो गई हों.

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Ram Kapoor के पिता का हुआ निधन, शेयर किया इमोशनल पोस्ट

बौलीवुड फिल्म और टीवी सीरियल्स में काम कर चुके एक्टर राम कपूर बीते दिनों स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा में एंट्री के चलते सुर्खियों में थे. लेकिन अब खबर है कि एक्टर राम कपूर के पिता अनिल कपूर का निधन हो गया है, जिसकी जानकारी खुद एक्टर ने अपने पिता को ट्रिब्यूट देते हुए सोशलमीडिया के जरिए दी है. आइए आपको दिखाते हैं पिता के लिए शेयर किया गया राम कपूर का पोस्ट…

राम कपूर ने शेयर किया पोस्ट

74 साल के राम कपूर (Ram Kapoor) के पिता अनिल कपूर (Anil Kapoor) देश के एक जाने माने व्यापारी का निधन 12 अप्रैल को हुआ था, जिसकी जानकारी खुद राम कपूर ने सोशलमीडिया के जरिए दी थी. वहीं उन्होंने अमूल कंपनी का एक पोस्ट भी शेयर किया.

 

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पिता के लिए लिखी ये बात

राम कपूर ने पिता के लिए एक इमोशनल पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘आप हमेशा हमारे परिवार का हिस्सा रहेंगे. मैं अमूल कंपनी के ट्रिब्यूट को देखकर निशब्द हो चुका हूं. मेरे पिता को याद करने के लिए शुक्रिया. मेरे पिता जी वाकई एक महान इंसान थे. मैं आपको बहुत मिस कर रहा हूं.’

पिता को दिया गया ट्रिब्यूट

 

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राम कपूर के पिता FCB ULKA एडवरटाइजिंग कंपनी के CEO थे, जिनकी कंपनी ने ही अमूल कंपनी की टैग लाइन ‘अमूल द टेस्ट ऑफ़ इंडिया’ लिखी थी. वहीं सालों से अनिल कपूर और अमूल कंपनी साथ काम कर रहे थे, जिसके चलते आज उन्हें अमूल की तरफ से श्रद्धांजलि दी गई है.

बता दें, खबरे हैं कि राम कपूर जल्द ही अनुपमा में नजर आने वाले हैं. हालांकि पिता के निधन के बाद उनकी एंट्री में देरी देखने को मिल सकती हैं. लेकिन फैंस उन्हें देखने के लिए बेताब हैं.

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रियल लाइफ में प्रैग्नेंसी में इतनी मुश्किलें झेल चुकी हैं ‘अनुपमा’, पढ़ें खबर

स्टार प्लस के सीरियल ‘अनुपमा’ टीआरपी चार्ट्स में नंबर वन पर बना हुआ है. शो की कहानी रुपाली गांगुली यानी अनुपमा के इर्दगिर्द घूमती है, जो अपनी फैमिली और बच्चों के लिए जीती है. वहीं रियल लाइफ में भी रुपाली अपने बेटे पर जान छिड़कती हैं, जिसका खुलासा हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान किया है. आइए आपको बताते हैं क्या है मामला…

लंबे समय से थी एक्टिंग की दुनिया से दूर

लंबे समय तक छोटे पर्दे से दूर रहने वाली एक्ट्रेस रुपाली गांगुली ने सीरियल अनुपमा के साथ नई पारी की शुरुआत की है. हालांकि उन्होंने कभी इस बात का खुलासा नहीं किया कि उन्होंने किस वजह से ब्रेक लिया था. लेकिन हाल ही में एक इंटरव्यू में रुपाली ने अपनी हेल्थ प्रौब्लम्स के बारे में बताते हुए करियर से ब्रेक लेने वाले सवालों का जवाब दिया है.

 

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प्रेग्नेंसी में आईं थीं मुश्किलें

 

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अनुपमा की तरह अपने बेटे पर प्यार बरसाने वाली एक्ट्रेस रुपाली को प्रेग्नेंसी में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. बड़ी कोशिशों के बाद और डॉक्टरों के चक्कर लगाने के बाद उनका बेटा हुआ है. दरअसल, एक इंटरव्यू में रुपाली ने बताया कि ‘मुझे थायराइड की बहुत बड़ी समस्या थी जिससे फर्टिलिटी में गिरावट आ गई थी. कई समस्याएं थीं फिर मैंने बहुत से डॉक्टरों को दिखाया. मेरा बेटा मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है.‘

टीवी से दूर रहने का ये था कारण

 

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टीवी से दूर रहने के सवाल पर रुपाली ने बताया कि ‘मेरा लाइफ का उद्देश्य था शादी करना और बच्चा पैदा करना. और आखिरकार मैं मां बन गई थी. हालांकि बच्चा होने के बाद भी परेशानिया रहीं. लेकिन वह एक्टिंग को मिस नहीं कर रही थीं. वहीं लंबे समय बाद जब उनके पास ‘अनुपमा’ का ऑफर आया तो उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया.

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बता दें, कई फिल्म और टीवी सीरियल में काम कर चुकीं एक्ट्रेस रुपाली गांगुली ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ और ‘परवरिश’ में काम करके फैंस का दिल जीत चुकी हैं. वहीं फैंस भी उन्हें आज भी उन किरदारों के नाम से जानते हैं. लेकिन वह फैंस अनुपमा के किरदार में उन्हें काफी पसंद कर रहे हैं, जिसके कारण सीरियल टीआरपी चार्ट्स में नंबर वन पर बना हुआ है.

KISS से जानें साथी का प्यार

रिलेशनशिप में जैसेजैसे समय बीतता जाता है वैसेवैसे रिश्ता और गहरा होता जाता है और प्यार में पड़ कर जब लोग छोटीछोटी हरकतें करते हैं, तो उस से उन की पर्सनैलिटी के बारे में काफी कुछ पता लगाया जा सकता है.

अगर आप को पता करना है कि आप का रिश्ता कितना गहरा और अटूट है तो आप यह तरीका अपना सकते हैं.

जब शब्द हमारी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते, तो लोग अलगअलग तरीके से अपने प्यार को जाहिर करने की कोशिश करते हैं. अपने प्यारभरे संदेश को पार्टनर तक पहुंचाने के लिए किस से बेहतर तरीका और क्या हो सकता है. किसिंग किसी भी रिश्ते का अहम हिस्सा है और इस में कोई शक नहीं कि लोग दुनियाभर में अलगअलग तरीके से किस करते हैं.

आइए, जानते हैं कि आप के किस करने  का तरीका आप की पर्सनैलिटी के बारे में क्या कहता है:

रुकरुक कर किस करना: क्या आप भी किस करने के दौरान बीचबीच में रुक जाते हैं? अगर आप का जवाब हां है, तो इस का मतलब है कि आप थिंकर यानी विचारक हैं. आप धीरेधीरे सोचविचार कर और पक्षविपक्ष के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद ही कोई कदम उठाते हैं. वैसे तो यह आप की खासियत है, लेकिन अगर आप का पार्टनर जरूरत से ज्यादा ऐक्टिव है, तो आप की खासियत आप की सब से बड़ी कमी साबित हो सकती है.

किस करते वक्त पार्टनर को पकड़ना: बहुत से लोग पार्टनर को किस करते वक्त अपने दोनों हाथों या फिर अपना एक हाथ पार्टनर की गरदन के पीछे वाले हिस्से पर या फिर पीठ पर रखना पसंद करते हैं. ऐसे करने से वह हलके से पार्टनर को गाइड करने की कोशिश करते हैं, साथ ही उन की यह आश्वस्त करने वाली छुअन इस बात का सुबूत है कि वे अपने पार्टनर की बहुत ज्यादा केयर करते हैं.

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सौफ्ट और पैशनेट किस: किस करना कुछ लोगों के लिए गाना गाने जैसे होता है. अगर किस करने के दौरान आप का हर मूव इतना सौफ्ट हो कि वह किसी मधुर संगीत की तरह लगे तो इस का मतलब है कि आप एक रोमांटिक व्यक्ति हैं. जब आप अपने प्यार को दर्शाना चाहते हैं तो आप बड़े प्यार से किस करते हैं और जब आप डिमांडिंग होते हैं तो आप का मूड बेहद पैशनेट होता है. किस करने के मामले में इस तरह के लोग सब से बैस्ट होते हैं.

शरारत भरा किस: कई बार किस के जरीए भी शरारत की जा सकती है. आप को किस करना पसंद है, लेकिन आप किस करते हैं और पीछे हट जाते हैं. आप अगर शरारत के मूड में हैं तो पार्टनर को एक बार किस करें और फिर पीछे हट जाएं. आप की इस शरारत भरी हरकत से आप अपने आर्टनर को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं और बदले में पार्टनर भी आप को उतनी ही पैशनैटली किस करता है और लवर के तौर पर यह आप की सब से बड़ी जीत है.

किस के दौरान जीभ का इस्तेमाल: अगर पार्टनर संग लिपलौक करते ही आप की जीभ हरकत में आ जाती है तो इस का मतलब है कि आप एक ऐक्सप्लोरर यानी खोज करने वाले हैं, जिसे यह जानना अच्छा लगता है कि आगे और क्या आने वाला है. वैसे तो यह आप की सकारात्मक खूबी है, लेकिन आप को थोड़ा धैर्य रखना सीखना होगा, क्योंकि ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी लोगों को खुद के अंदर की जा रही खोज पसंद हो.

किस करते वक्त हलके से काटना: क्या आप भी पार्टनर को किस करते वक्त लिप्स पर हलके से काट लेते हैं? अगर आप का जवाब हां है तो हैरान होने की जरूरत नहीं. इस में कोई नई बात नहीं है और यह एक कौमन प्रैक्टिस है. कामसूत्र के मुताबिक यह कामुकता का संकेत है और इस से ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिस से उस व्यक्ति को उत्तेजित होने में मदद मिलती है.

अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आप का मतलब है कि आप भी एक शरारती लवर हैं और आप को पता है कि पार्टनर को उत्साहित कैसे करना है.

प्यार ही नहीं, सेहत भी दुरुस्त: अगर आप सोच रहे हैं कि सिर्फ पार्टनर से प्यार जताने या फिर किसी डेट को परफैक्ट ऐंडिंग देने का तरीका है किसिंग, तो बता दें कि किसिंग के सेहत से भी जुड़े फायदे हैं. जी हां, इतना ही नहीं अगर आप कैलोरीज बर्न कर वजन घटाने की कोशिश में हैं तब भी आप के बहुत काम आ सकता है किस, क्योंकि किस करने के दौरान हमारी कैलोरी बर्न होती है. तो पार्टनर से प्यार जतातेजताते आप अपनी कैलोरी भी बर्न क्यों न करें.

1 मिनट के किस में 6 कैलोरी तक बर्न: कुछ रिपोर्ट की मानें तो 1 मिनट तक किस करने से आप 3 से 6 कैलोरी बर्न कर सकते हैं. कैलोरी बर्न करने के अलावा भी किसिंग आप की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है.

इम्यूनिटी स्ट्रौंग: ‘मैडिकल हाइपोथीसिस’ नाम के जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, किस करने से महिलाओं की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है. यह महिलाओं को ‘साइटोमेगालोवायरस’ से बचाने में मदद करता है, जो गर्भावस्था में  शिशु को जन्मजात अंधा बना सकता है. यह वायरस तभी नुकसान पहुंचाता है जब महिलाएं गर्भवती होती हैं अन्यथा इस से कोई विशेष नुकसान नहीं होता.

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हैल्दी हार्ट: किस के जरीए आप अपने शरीर में मौजूद कोलैस्ट्रौल को कम कर, ब्लड प्रैशर को कंट्रोल में रख सकते हैं. स्ट्रैस एक बेहद अहम फैक्टर है, जिस वजह से दिल से जुड़ी बीमारियां होती हैं. ऐसे में अगर आप का ब्लड प्रैशर नियंत्रण में रहेगा, तो आप का हार्ट हैल्दी रहेगा. लिहाजा, अप्रत्यक्ष तौर पर देखें तो किसिंग के जरीए आप का हर्ट हैल्दी रहता है.

रिलैक्स करने में मदद: लैफेयेट कालेज की एक रिसर्च के मुताबिक, जब आप किसी को किस करते हैं तो आप के शरीर से गुड हारमोंस रिलीज होने लगते हैं, जो आप को खुश रखने में मदद करते हैं. औक्सीटोसिन, डोपामाइन और इंडोफिंस जैसे कुछ हारमोंस किस करने के दौरार हमारे शरीर से रिलीज होते हैं और हमें रिलैक्स और स्ट्रैस फ्री रखने में मदद करते हैं. महज 20 सैकंड के किसिंग के बाद ही ये हारमोंस शरीर से रिलीज होने लगते हैं.

फेशियल मसल के लिए अच्छा: एक पैशनेट किस के दौरान आप के चेहरे की 34 फेशियल मसल्स जबकि शरीर के बाकी हिस्सों की 112 पोस्चरल मसल्स इन्वौल्व होती हैं. लिहाजा, किस करने से शरीर की ये मसल्स टाइट और टोंड होती हैं. यही नहीं, किस करने के दौरान चेहरे का ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ जाता है, जिस से आप के चेहरे पर निखार आ जाता है और आप यंग लगते हैं.

सफेद और चमकदार दांतों के लिए: अगर आप मोतियों जैसे सफेद दांतों की ख्वाहिश रखते हैं तो किस करना आप के लिए फायदेमंद है. किस के दौरान मुंह में बनने वाली लार दांतों से कैविटी को दूर कर बैक्टीरिया को खत्म करती है.

Summer Special: बच्चों के लिए बनाएं क्रिस्पी कुकीज

बच्चों को कुकीज पसंद होती हैं. हालांकि बाजार से कुकीज खरीदना काफी महंगा और हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो जाता है. इसलिए अगर आप स्नैक्स में बच्चों के लिए कुछ टेस्टी और हेल्दी कुकीज घर पर बनाने का प्लान कर रही हैं तो क्रिस्पी कुकीज की रेसिपी आपके लिए परफेक्ट है.

हमें चाहिए

–  1 कप आटा

–  1/2 कप बटर

–  1/2 कप चीनी पिसी

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–  1/2 छोटा कप दालचीनी पाउडर

–  एकचौथाई छोटा चम्मच जायफल पाउडर

–  1 छोटा चम्मच वैनिला ऐक्सट्रैक्ट

–  2 बड़े चम्मच दूध.

बनाने का तरीका

आटे में सारी सामग्री मिला कर डो तैयार करें. फिर रोल कर के कुकीज कटर की मदद से काटें. इस के बाद इन्हें ओवन में 160 डिग्री सैंटीग्रेट पर 15-20 मिनट बेक करें. ठंडा कर एअरटाइट डब्बे में स्टोर कर लें.

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Serial Story: अनमोल पल– भाग 4

विदित को सम झ नहीं आ रहा था कि जो औरत कल तक उस के लिए बिछने के लिए तैयार थी, जिस के हितअहित के बारे में इतना सोचा कि सुख की चरम अवस्था से लौट कर वापस आ गया. आज वही औरत इस तरह की बात कर रही है. इन औरतों को सम झना बहुत मुश्किल है. एक बार संबंध बनने के बाद अपनेआप काबू में आ जाएगी . स्त्रीपुरुष के बीच जिस्मानी संबंध बनने जरूरी हैं. तभी स्त्री पूर्णरूप से समर्पित हो कर रहेगी. एक बार संबंध बन गए तो फिर वह उसी की राह ताकती रहेगी. खाली प्रेम तो दिल की बातें हैं. आज है कल नहीं है. विदित यों निकला जैसे शिकार पर निकल रहा हो. विदित ने विभागीय औडिट टीम के लिए 3 कमरे होटल रीगल में बुक करवाए. रात 12 बजे की ट्रेन से औडिट टीम जाने वाली थी. उस ने होटल के मैनेजर को फोन कर के कहा, ‘‘एक कमरा कल सुबह तक बुक रहेगा. 2 कमरे खाली कर रहा हूं.’’

‘‘यस सर.’’

विदित के बताए पते पर रात 10 बजे सुहानी पहुंची. घर से वह यह कह कर निकली कि साहब जरूरी काम से बाहर गए हैं. घर पर उन की पत्नी अकेली हैं इसलिए मु झे साथ रहने के लिए उन की पत्नी ने बुलाया है. साहब का निवेदन था, इनकार नहीं कर सकती. विदित होटल के बाहर सुहानी की प्रतीक्षा कर रहा था. सुहानी को देख कर उस के चेहरे पर चमक आ गई.  कमरे के अंदर पहुंचते ही विदित ने दरवाजा बंद किया और सुहानी को जोर से भींच कर कहा, ‘‘आई लव यू.’’ इस के बाद बिना सुहानी से पूछे वह सुहानी के जिस्म को चूमने लगा. सुहानी कहती रही कि इतनी रात को न आने के लिए मैं ने तुम्हें पहले ही मना किया था और तुम ने भी वादा किया था. मु झे  झूठ बोल कर आना पड़ा, लेकिन विदित का ध्यान सुहानी की बातों पर बिलकुल नहीं था. वह तो सुहानी के शरीर के लिए बेकरार था. वह सुहानी के नाजुक अंगों को चूमता रहा, सहलाता रहा. उस के बदन को  झिंझोड़ता रहा. सुहानी कहती रही, ‘‘तुम ने फोन पर मु झ से इस तरह बात की जैसे मैं कोई वेश्या हूं. तुम्हें मेरा शरीर चाहिए था तो लो यह रहा शरीर. बु झा लो अपनी वासना की आग. मेरे मन में तुम्हारे प्रति जो था वह खत्म हो चुका है. मैं सिर्फ उन पलों की कीमत चुकाने आई हूं, जो मेरे लिए तुम्हारे साथ अनमोल थे. मेरे जीवन के वे सब से अद्भुत क्षण. मेरे स्त्रीत्व होने के वजूद भरे पल.’’ विदित सुहानी की कोई बात नहीं सुन रहा था, न सम झ रहा था. वह सुहानी के जिस्म से खेल रहा था. सुहानी शव के समान पड़ी रही. उस के अंदर कोई भाव नहीं था, शरीर में कोई हरकत नहीं थी, लेकिन इस ओर विदित का ध्यान नहीं गया. वह तो शिकारी बना हुआ था. सुहानी के शरीर को चीरफाड़ रहा था, सुहानी के अंदर न रस था न आनंद. वह निर्जीव सी पड़ी हुई थी और विदित उस के अंदर प्रवेश कर खुद को जीता हुआ महसूस कर रहा था. उस का खुमार उतर चुका था. अब आग जल कर राख हो चुकी थी.

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विदित की नींद खुली तो सुबह हो चुकी थी. उसे सुहानी कहीं नहीं दिखाई दी. न कमरे में न वाशरूम में. उस ने सुहानी को फोन लगाया. सुहानी का मोबाइल बंद था. उस ने मैनेजर से फोन पर पूछा, ‘‘मैडम कहां गईं?’’

‘‘सर, वे तो रात को ही चली गई थीं.’’ मैनेजर बोला.

‘‘कितने बजे?’’ विदित भौचक रह गया.

‘‘तकरीबन 12 बजे,’’ मैनेजर ने कहा.

‘‘कोई मैसेज दिया, कुछ कह कर गई वह?’’ विदित ने पूछा.

‘‘सर, आप के लिए एक पत्र छोड़ कर गई हैं,’’ मैनेजर ने विदित को बताया.

‘‘मेरे कमरे में पहुंचा देना,’’ विदित ने आदेश दिया.

‘‘जी सर,’’ मैनेजर बोला.

थोड़ी देर बाद दरवाजे की घंटी बजी, ‘‘अंदर आ जाओ,’’ विदित ने कहा, तो वेटर ने अंदर आ कर एक लिफाफा दिया. लिफाफा ले कर विदित ने कहा, ‘‘ठीक है, जाओ.’’

विदित ने लिफाफा खोल कर पत्र पढ़ा, ‘तुम्हारे दिए अनमोल पलों की कीमत चुका दी है मैं ने और तुम ने भी अच्छी तरह वसूल ली है. तुम कुछ भी हो सकते हो, लेकिन प्रेमी नहीं हो सकते. मैं ने तुम्हें तन दे दिया है जिस की तुम्हें जरूरत थी. मन अपने साथ ले कर जा रही हूं. औरत के शरीर को पा कर तुम यह सम झो कि तुम ने औरत पर नियंत्रण पा लिया है तो तुम्हारी और बलात्कारी की सोच में कोई फर्क नहीं रहा. प्रेम में देह कोई माने नहीं रखती, लेकिन जिसे देह से ही प्रेम हो वह तो महज व्यभिचारी हुआ. मैं ने प्रेम किया था तुम से. देह तो स्वयं ही समर्पित हो जाती, क्योंकि प्रेम प्रकट करने का माध्यम है देह, लेकिन तुम ने स्त्री के मन और तन को अपनी इच्छा और सुविधानुसार अलगअलग कर के देखा. तुम्हारी खोज एक शरीर की खोज थी. इस के लिए इतना परेशान होने की जरूरत नहीं थी. चले जाते किसी वेश्या के पास. मेरी खोज प्रेम की खोज थी. जो मु झे तुम से नहीं मिला. दोबारा मिलने व संपर्क करने की कोशिश मत करना.

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‘पुन: प्रेम की खोज में,

सुहानी.’

विदित पत्र पढ़ कर सिर पकड़ कर बैठ गया और सोचने लगा, ‘उफ्फ, यह मैं ने क्या कर दिया? तन पा लिया और मन खो दिया. कुछ पल पाए और पूरा जीवन खो दिया. जीत कर भी हार गया मैं. ‘प्रेम में जीतहार जैसी बातें सोच कर प्रेम को अपमानित कर दिया मैं ने. सामने अमृतकुंड था और प्यास बु झाने के लिए खारा पानी पी लिया मैं ने. सुहानी का सबकुछ मेरा था, मन भी और तन भी, लेकिन क्षण भर की वासना में प्रेम की कीमत लगा ली मैं ने. जो सहज और स्वाभाविक रूप से मेरा था उसी को नीलाम कर दिया मैं ने. अपने ही प्रेम की बोली लगा कर हमेशा के लिए खो दिया सुहानी को. अपने प्रेम को अपमानित और प्रताडि़त कर दिया मैं ने. कितना बेवकूफ था मैं, जो सोचने लगा कि औरत को जीता जा सकता है. संपत्ति सम झ लिया था मैं ने औरत को. ‘सुहानी के लिए शरीर प्रेम करने का माध्यम था और मैं शरीर की तृप्ति के लिए कितनी ओछी हरकत कर बैठा सुहानी के साथ. सुहानी ने प्रेम में बिताए अनमोल पलों के लिए शरीर सौंप दिया मु झे. जैसे शव को सौंपते हैं अग्नि में.’ बहुत देर तक उदास और गमगीन बैठा रहा विदित. दोबारा सुहानी से मिलने की हिम्मत नहीं थी उस में और सुहानी प्रेम के अनमोल क्षणों की तलाश में निकल पड़ी. उसे किसी बात का दुख नहीं था. वह ऐसे पुरुष के साथ आगे नहीं बढ़ना चाहती थी जो प्रेम में आगे बढ़ते हुए पीछे हट जाए. जो स्त्रीपुरुष के अंतरंग क्षणों में भलाबुरा सोचते हुए पीछे हट जाए और यह भूल जाए कि इन अनमोल पलों में आगे बढ़ते हुए पीछे हटने से स्त्री अपमानित होती है. सुहानी को प्रेम के वे पल इतने भा गए थे कि उन पलों को वह फिर से जीने के लिए प्रेम की तलाश में निकल पड़ी. उम्र के इस दौर में प्यार मिलता है या नहीं यह अलग बात है, लेकिन सुहानी की तलाश जारी थी. उसे विश्वास था कि वह प्रेम के अनमोल पलों को खोज लेगी.

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जब आंखों पर धर्म का चश्मा चढ़ा हो

अगर आप की आंखों पर महंगा चश्मा चढ़ा हो तो सबकुछ हरा ही हरा दिखता है. ग्लोबल हंगर इंडैक्स ने भूख के मामले में 107 देशों में से भारत को 94वें स्थान पर रखा है और इस पर कृषि उपमंत्री पुरषोत्तम रूपाला का कहना है कि जिस देश में गली के कुत्तों को भी खाना खिलाया जाता है वहां भूख कैसे हो सकती है.

सही भी है. संसद में 19 मार्च को उन्होंने यह बयान दिया था और 18 मार्च को वे दिल्ली के ताजपैलेस होटल में एक सम्मेलन में भाषण दे रहे थे. 13 मार्च को गुजरात के पाटन में उन्होंने पोमो पिज्जा की पाटन ब्रांच का शुभारंभ किया था. 13 मार्च को ही वे गांधीनगर में मुख्यमंत्री के घर में थे. गांधीनगर में उन्होंने नए चमचमाते कपड़े पहने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ वैक्सीनेशन ड्राइव का उद्घाटन किया था.

12 मार्च को अमरेली में भजन संध्या में थे. उस दिन उन्होंने अस्पताल का उद्घाटन भी किया. एक यज्ञ में भी गए जहां खाने योग्य चीजों घी आदि से हवन किया गया.

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8 मार्च को कृषि भवन के सुसज्जित सभा कक्ष में जहां अंगरेजी में बोर्ड लगे थे महिलाओं की कृषि में भागीदारी पर एक सभा आयोजित की. 7 मार्च को रेशमी धागे के उत्पादन संबंधी एक प्रोग्राम में कीमती साड़ी पहने स्मृति ईरानी और एक सूटेडबूटेड औफिसर के साथ फूस की छत के नीचे रहने वाली औरतों की समस्याओं की बात की. 7 मार्च को सोफे पर बैठ कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में सीनियर डाक्टर्स से बात की.

अब 1 माह में उन्हें कोई भूखा नहीं दिखा, कहीं भूख की समस्या की चर्चा नहीं की तो ये ह्यूमन हंगर इंडैक्स वाले कौन हैं, जो भारतीयों को भूखा कहते हैं? निश्चित ही वे भारत को बदनाम कर रहे हैं, क्योंकि भारत में न तो बेरोजगारी है, न किसानों को परेशानी है, न फटे कपड़ों में लोग रहते हैं और न ही भूखे हैं.

पुरषोत्तम रूपाला जैसी सोच रखने वाली देश की लाखों उच्च व मध्यवर्ग की औरतें हैं, जिन्हें लगता है कि रोटी न हो तो पिज्जा मंगाया जा सकता है, थेपला खाया जा सकता है. उन्हें दुनिया को अपने चश्मे से देखने की आदत है और यह सब से खतरनाक कि भारत में भूखे ही नहीं हैं, बेघरबार भी हैं.

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बहुओं की सताई सासें और सासों की सताई सासें हैं, धर्म की सताई विधवाएं भी हैं, मंदिरों के आगे बैठे गरीब भूखे बच्चे, औरतें, बूढ़े हैं. हर तीर्थस्थल पर खुली सड़क पर घर बसाए लोग हैं और जिन्होंने चश्मा पहन रखा है उन्हें दिखते ही नहीं. हरा चश्मा ही नहीं, हमारा तो धर्र्म का चश्मा भी यही कहता है कि जो परेशान है वह अपने पापों की वजह से है और यदि उस ने पुण्य कार्य किए होते, दान दिया होता, सुपात्रों को भोजन दिया होता दक्षिणा के साथ, तो यह दशा नहीं होती.

पुरषोत्तम रूपाला जैसी सोच हर भारतीय में है और शिक्षा, तथ्य और तर्क के बावजूद उन्होंने इस बारे में और कुछ नहीं जाना सिवा इस के कि जो अप्रिय लगे उस की ओर ध्यान न दो चाहे प्रधानमंत्री हो, मंत्री या प्रशासन. भारत ऐसे ही थोड़े हंगर इंडैक्स में 94वें स्थान पर है.

सीरत से लेकर प्रीता तक, जब ब्राइडल लुक में बिजलियां गिराती नजर आईं ये एक्ट्रेसेस

सीरियल्स की दुनिया में इन दिनों लगता है मानों एक बार फिर शादी का सीजन आ गया है. जहां बीते दिनों शिवांगी जोशी अपना ब्राइडल लुक शेयर करके सुर्खियों में आईं थीं तो वहीं अब सीरियल कुमकुम भाग्य की प्रीता यानी श्रद्धा आर्या और नमक इश्क का की एक्ट्रेस श्रुति शर्मा अपने ब्राइडल लुक को लेकर चर्चा में हैं. आइए आपको दिखाते हैं टीवी एक्ट्रेसेस के ब्राइडल लुक की झलक…

प्रीतो फिर बनीं दुल्हन

सीरियल कुमकुम भाग्य की प्रीतो यानी एक्ट्रेस श्रद्धा आर्या ने हाल ही में अपने ब्राइडल लुक का वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह पिंक कलर के लहंगे पर गोल्डन एंब्रायडरी किए हुए लहंगे में नजर आ रही है. वहीं इस लुक के साथ हैवी ब्राइडल ज्वैलरी श्रद्धा के लुक पर चार चांद लगा रही है.

 

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ग्रीन कलर में कुछ यूं था शिवांगी का लुक

 

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हाल ही में फिल्म सिटी में शूटिंग करने पहुंची एक्ट्रेस शिवांगी जोशी इंडियन लुक में नजर आईं थीं, जो किसी ब्राइडल लुक से कम नही लग रहा था. दरअसल, ग्रीन कलर् के राजस्थानी पैटर्न के साथ राजस्थानी पैटर्न वाली ज्वैलरी कैरी करते हुए शिवांगी किसी नई नवेली दुल्हन से कम नही लग रही थीं. वहीं शिवांगी का ये लुक देखकर मोहसिन खान और करण कुंद्रा भी हैरान रह गए थे.

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चमचम बनीं मराठी दुल्हन

हाल ही में सीरियल नमक इश्क का सीरियल में चमचम के रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस श्रुति शर्मा ने अपना महाराष्ट्रियन ब्राइडल लुक शेयर किया है, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं. वहीं श्रुति के पहले ब्राइडल लुक की बात करें तो पिंक लहंगे में वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं.

इंडियन लुक में सीरियल में मचाती हैं धमाल

 

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सीरियल की दुनिया में कहानी और एक्ट्रेसेस का फैशन दर्शकों को काफी पसंद आता है. वहीं शिवांगी जोशी हो या श्रद्धा आर्या, दोनों ही अपने अपने सीरियल में अपने लुक्स के लिए फैंस के बीच छाई रहती हैं. वहीं फैंस भी उनके हर लुक को कौपी करने का एक भी मौका नही छोड़ते.

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ब्राइडल लुक में नजर आईं थीं शिवांगी

दरअसल,सीरियल में जल्द ही सीरत और कार्तिक की शादी होने वाली है, जिसके चलते हाल ही में शिवांगी जोशी ने अपने ब्राइडल लुक में एक वीडियो शेयर किया था. वीडियो में शिवांगी जोशी नई-नवेली दुल्हन बनीं नजर आईं थीं. हैवी ज्वैलरी के साथ शिवांगी का लुक बेहद खूबसूरत लग रहा है. हालांकि वीडियो में उनका पूरा ब्राइडल लुक नहीं दिख रहा है. लेकिन फैंस इस लुक को लेकर काफी खुश हैं औऱ जल्द ही एपिसोड के रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं.

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