Serial Story: न जानें क्यों (भाग- 3)

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‘‘तू मेरी बैस्ट फ्रैंड है या राघव की? रुखसाना मेरे पास घर छोड़ने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था. शायद अब राघव की अक्ल ठिकाने आ जाएगी और वह मेरी कद्र करने लगेगा. भैयाभाभी का भी यही कहना है कि मैं ने बिलकुल ठीक किया.’’

‘‘रास्ता ढूंढ़ने से मिलता है मानसी. तूने तो बगैर सोचेसमझे वही किया जो भैयाभाभी ने तुझे करने के लिए कहा. तूने सोचा है कि तू कब तक अपने भैयाभाभी के घर में रहेगी? अभी तो वे तेरे फैसले को सही कह रहे हैं, लेकिन अगर राघव और तेरे बीच जल्दी सुलह न हुई, तो क्या तब भी वे तेरा साथ देंगे?’’

‘‘साथ क्यों नहीं देंगे? वे अब भी तो मेरा साथ दे ही रहे हैं. रुखसाना तुझे यहां आ कर देखना चाहिए भैयाभाभी और उन के दोनों बेटे किस तरह मुझ पर और मुसकान पर जान छिड़कते हैं. इस से ज्यादा मैं उन से और क्या उम्मीद करूं?’’ मानसी ने अपने मायके की तारीफ करते हुए कहा.

‘‘देखेंगे कि यह खातिरदारी और दिखावा कितने दिनों तक चलता है. एक बात याद रखना मानसी, मेहमानों की तरह मायके आई बेटी सब को अच्छी लगती, लेकिन अपना घर छोड़ कर मायके आ कर बैठी बेटी किसी को अच्छी नहीं लगती है. मेरी बात कड़वी बेशक है, मगर सच है. फिर जहां तक तेरा सवाल है, तूने तो शादी भी अपने घर वालों की मरजी के खिलाफ जा कर की थी. मैं कामना करूंगी कि तुझे सही और गलत के बीच का फर्क जल्दी समझ आए,’’ कह रुखसाना ने मानसी की बात सुने बिना फोन काट दिया.

मानसी को रुखसाना पर गुस्सा आ रहा था. उस ने सोच लिया था कि अगर उसे अकड़ दिखानी है तो दिखाती रहे. अब वह उसे भी फोन नहीं करेगी.

मानसी को अपने मायके आए कई दिन हो गए थे. इतने दिनों में राघव ने एक बार भी उस से मिलने या बात करने की कोशिश नहीं की. उस के मन में कई बार यह खयाल आया कि रुखसाना उसे बेकार में ही डरा रही थी. भैयाभाभी का व्यवहार उस के साथ बहुत अच्छा है.

लेकिन मानसी का यह भ्रम उस दिन टूट गया जब भैयाभाभी के बेटों रौकी

और रौनी ने खेलते समय लड़ाई हो जाने पर मुसकान को धक्का दे दिया और वह 2-3 सीढि़यों से नीचे जा गिरी. मुसकान के चीखने की आवाज सुन कर मानसी वहां पहुंची तो देखा कि मुसकान जमीन पर पड़ी रो रही है और उस के घुटने से काफी खून बह रहा है.

मानसी ने उसे फौरन डाक्टर के यहां ले जा कर उस की मरहमपट्टी करवाई और फिर घर आ कर रौकी और रौनी को डांट दिया. भाभी उस दौरान शौपिंग करने गई हुई थीं. जब भाभी घर आईं तो रौकी और रौनी ने बात को मिर्चमसाला लगा कर कहा कि बूआ ने उन्हें बहुत मारा.

‘‘मानसी… मानसी…’’ भाभी को इस तरह अपना नाम ले कर चिल्लाते सुन कर मानसी फौरन अपने कमरे से बाहर आई. तब तक भैया भी औफिस से घर आ गए थे.

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‘‘क्या हुआ भाभी?’’ मानसी ने पूछा.

‘‘तुम्हारी मेरे बच्चों पर हाथ उठाने की हिम्मत कैसे हुई?’’ भाभी ने गुस्से से पूछा.

मानसी भाभी का लगाया इलजाम सुन कर चौंक गई. बोली, ‘‘भाभी, मैं ने बच्चों पर हाथ नहीं उठाया, उलटे इन्होंने ही मुसकान को धक्का दे कर नीचे गिरा दिया था. उसे बहुत चोट आई है. डाक्टर के यहां ले जा कर पट्टी करानी पड़ी. बस इसीलिए मैं ने बच्चों को डांट दिया था.’’

‘‘तुम कहना क्या चाहती हो कि मेरे बच्चे झूठ बोल रहे हैं? क्या मैं इन्हें झूठ बोलना सिखाती हूं?’’ शालिनी का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था.

‘‘भाभी, मेरा यह मतलब नहीं था. अगर मैं ने बच्चों को गलती करने पर डांट दिया तो क्या गलत किया? क्या मेरा इन पर इतना भी हक नहीं है?’’ मानसी ने नरमाई से अपनी बात रखी.

‘‘नहीं, तुम्हें मेरे बच्चों को डांटने का कोई हक नहीं है. यह इन का घर है, इन के मन में जो आएगा ये वही करेंगे. इन्हें सही और गलत का पाठ पढ़ाने वाली तुम कौन होती हो? एक बात कान खोल कर सुन लो मानसी, अगर तुम्हें और तुम्हारी बेटी को मेरे घर में रहना है तो अपनी हद में रहो. अगर आज के बाद मेरे बच्चों से कुछ भी कहा तो मुझ से बुरा कोई न होगा,’’ भाभी ने मानसी को चेतावनी दी और फिर पैर पटकती हुई अपने कमरे में चली गई. भैया भी शौपिंग के बैग उठा कर भाभी के पीछेपीछे चल दिए.

मानसी अपने कमरे में आ कर धम्म से बिस्तर पर बैठ गई. उसे यकीन नहीं हो रहा था कि शालिनी भाभी ने उस से किस तरह बात की. भैया वहीं खड़े सारी बातें सुन रहे थे, फिर भी उन्होंने एक बार भी भाभी को उस से इस तरह बात करने से नहीं रोका. रोकना तो दूर किसी ने एक बार यह तक नहीं पूछा कि मुसकान कैसी है.

अगले दिन से घर का माहौल बिलकुल बदल गया था. भाभी और बच्चे मानसी और मुसकान को देख कर भी अनदेखा कर रहे थे. मां तो पहले ही उस से कटीकटी सी रहती थीं. भैया भी बिना कुछ कहे औफिस चले गए. मानसी को चुप रहना ही ठीक लगा. उस ने सोचा कि शायद 1-2 दिन में सब पहले की तरह सामान्य हो जाएगा. लेकिन मानसी की यह गलतफहमी भी जल्दी दूर होने वाली थी.

कुछ ही दिनों के बाद नीरज ने नाश्ते की मेज पर उस से पूछ लिया, ‘‘मानसी, तुम ने क्या सोचा है? अब तुम्हें आगे क्या करना है?’’

‘‘भैया मैं कुछ समझी नहीं?’’

‘‘देखो मानसी, अब तुम राघव और उस के घर को तो छोड़ ही चुकी हो. फिर

बिना वजह अपने नाम के साथ उस का सरनेम जोड़े रखने का क्या फायदा. मैं ने वकील से बात कर ली है. तुम राघव से तलाक ले लो,’’ नीरज ने बड़ी सहजता से कहा.

मानसी को तो जैसे अपने भाई की बात सुन कर करंट लग गया. वह फौरन कुरसी से उठ खड़ी हुई, ‘‘तलाक, भैया यह आप क्या कह रहे हैं?’’

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‘‘इस में इतना हैरान होने वाली क्या बात है मानसी? तुम्हारे भैया ठीक ही तो कह रहे हैं,’’ शालिनी ने अपने पति की बात का समर्थन किया.

‘‘पर भाभी तलाक एक बहुत बड़ा कदम है. मैं ने इस बारे में कभी नहीं सोचा,’’ मानसी ने अपनी बात रखी.

‘‘तो अब सोच लो. वैसे भी इस रिश्ते का कोई मतलब नहीं है. तुम कितने दिनों से राघव का घर छोड़ कर हमारे घर में रह रही हो. ऐसा कब तक चलेगा? राघव से तलाक ले कर ऐलीमनी यानी निर्वाह खर्च लो और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो,’’ शालिनी ने मानसी पर दबाव बनाते हुए कहा. नीरज चुपचाप दोनों की बातें सुनता रहा.

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‘‘मैं इतनी जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं ले सकती हूं. मुझे सोचने के लिए थोड़ा समय चाहिए,’’ मानसी ने नजरें चुराते हुए कहा और फिर अपने कमरे की ओर जाने लगी. वह तलाक की बात को वहीं खत्म कर देना चाहती थी.

‘‘ठीक है, कुछ दिन सोच लो. फिर हमें अपना फैसला बता देना,’’ नीरज ने कहा.

मानसी अपने कमरे में आ कर खूब रोई. वह राघव को सबक सिखाना चाहती थी, लेकिन उस ने कभी तलाक के बारे में नहीं सोचा था. भैयाभाभी ने कितनी आसानी से तलाक लेने के लिए कह दिया, उसे राघव पर गुस्सा आने लगा, जिस ने उसे लेने आना तो दूर, एक फोन भी नहीं किया. अगर राघव को अपनी गलती का एहसास हो जाता और वह मानसी से माफी मांग कर उसे घर ले जाता, तो बात इस हद तक बढ़ती ही नहीं. अच्छा हुआ जो उस ने उन से सोचने के लिए समय मांग लिया. अब वह अपने तरीके से उन से तलाक के लिए इनकार कर देगी. फिलहाल तो बात कुछ दिनों के लिए टल ही गई है.

उस दिन के बाद भैयाभाभी ने मानसी से तलाक का जिक्र नहीं किया. भैया अपने औफिस के कामों में व्यस्त रहे और भाभी को अपनी शौपिंग, किट्टी पार्टी व ब्यूटीपार्लर से फुरसत नहीं थी. मानसी को लगा शायद वे दोनों समझ गए होंगे कि मानसी राघव से तलाक नहीं लेना चाहती है. इसलिए उस ने भी इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा.

एक सुबह तीनों बच्चों के स्कूल जाने के बाद मानसी अपने कमरे में बैठी मैगजीन के पन्ने पलट रही थी. तभी शालिनी ने उसे आवाज दे कर बाहर आने के लिए कहा.

मानसी बाहर आई तो देखा लिविंगरूम में शालिनी भाभी अपने ममेरे भाई कौशिक के साथ बैठी थीं. यह वही कौशिक था, जिस के साथ भाभी कभी उस की शादी करवाना चाहती थीं. मानसी उस के गर्ममिजाज और बुरी आदतों से अच्छी तरह वाकिफ थी. वह उसे बिलकुल पसंद नहीं करती थी. लेकिन अब जब उन का सामना हो ही गया है तो वह कर भी क्या सकती है. जब शालिनी ने उसे वहां बैठने के लिए कहा तो उस ने कौशिक से औपचारिकतावश नमस्ते की और उन के पास बैठ गई.

शालिनी ने उन दोनों को बातें करने के लिए कहा और खुद काम का बहाना बना कर वहां से उठ कर चली गई. कौशिक मानसी को ऊपर से नीचे तक निहारने लगा. मानसी उस के सामने बहुत ही असहज महसूस कर रही थी. उस ने अपना पूरा ध्यान मेज पर रखे फूलदान पर केंद्रित कर दिया.

‘‘दीदी बता रही थीं कि तुम आजकल अपने पति का घर छोड़ कर यहीं

रह रही हो. अब आगे क्या करने का इरादा है?’’ कौशिक ने मानसी को इस प्रकार देखते हुए पूछा मानो उस का आंकलन कर रहा हो.

मानसी कुछ कह पाती उस से पहले ही शालिनी वहां आ गई और मानसी की ओर से कौशिक को उत्तर देने लगीं, ‘‘करना क्या है, सब से पहले तो उस राघव को इस की जिंदगी से बाहर निकालना है. इस के भैया ने तो वकील से बात कर के उसे तलाक के पेपर्स तैयार करने के लिए भी कह दिया है.’’

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मानसी का मुंह आश्चर्य से खुला का खुला रह गया. उसे लगा कि भैयाभाभी समझ गए होंगे कि वह राघव से तलाक नहीं लेना चाहती है. लेकिन वे तो वकील से तलाक के कागजात तैयार करवा रहे हैं.

उस ने अपने जज्बातों पर काबू करते हुए कहा, ‘‘लेकिन भाभी मैं ने तो इस बारे में अभी कुछ सोचा ही नहीं है. मैं ने भैया से कहा भी था कि मुझे फैसला लेने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए.’’

‘‘और कितना वक्त चाहिए? तुम पहले भी राघव से शादी करने का गलत फैसला ले कर अपनी जिंदगी बरबाद कर चुकी हो. तुम्हारी वजह से हमें भी लोगों की कितनी बातें सुननी पड़ीं. अब तुम्हें उस से तलाक ले कर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करने का मौका मिल रहा है, तो उस मौके को अपने हाथ से क्यों गंवाना चाहती हो?

वैसे भी तुम अपनी मरजी से ही राघव का घर छोड़ कर हमारे यहां रह रही हो. न वह तुम्हें लेने आया और न ही तुम्हारा वापस जाने का कोई इरादा है. जब तुम और राघव साथ रहना ही नहीं चाहते हो तो बेकार में इस रिश्ते का बोझ क्यों ढोना? तलाक लो और बात को खत्म करो,’’ शालिनी ने मानसी से दोटूक शब्दों में कहा.

‘‘भाभी, यहां बात सिर्फ मेरी और राघव की नहीं है. हमें कोई भी फैसला लेने से पहले मुसकान के बारे में भी सोचना होगा,’’ मानसी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा.

‘‘मुसकान के बारे में तुम क्यों सोचोगी? वह राघव की जिम्मेदारी है. उस के बारे में जो भी सोचना होगा राघव सोचेगा. वैसे भी तलाक के बाद मुसकान उसी के साथ तो रहने वाली है,’’ शालिनी ने सहजतापूर्वक कहा.

‘‘क्या? भाभी यह आप क्या कह रही हो? मुसकान मेरी बेटी है. मैं उसे खुद से अलग करने के बारे में सोच भी नहीं सकती हूं. मैं मुसकान के बिना मर जाऊंगी,’’ मानसी शालिनी की बात सुन कर बौखला गई.

‘‘वाह, यह वैसे ही न जैसे तुम राघव के बिना जी नहीं सकती थीं. मानसी यह कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. तुम्हें राघव से तलाक ले कर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना है. मुसकान तुम्हारे साथ रहेगी तो तुम्हें मूव औन करने में दिक्कत आएगी. कौन पति अपनी पत्नी की पहली शादी से पैदा हुई बेटी को पालना चाहेगा,’’ शालिनी ने नाटकीय ढंग से आंखें घुमाते हुए कहा.

‘‘दूसरी शादी? आप और भैया मेरी दूसरी शादी करवाना चाहते हैं?’’

‘‘हां, इसीलिए तो कौशिक यहां आया है.’’

‘‘मुझे यकीन नहीं आ रहा है कि आप और भैया मेरी पीठ पीछे इतना कुछ कर रहे हैं.’’

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‘‘इस में इतनी हैरानी वाली क्या बात है? राघव से तलाक के बाद तुम्हें किसी न किसी से दूसरी शादी तो करनी ही है, तो कौशिक क्यों नहीं? मैं ने कौशिक से बात भी कर ली है. इसे तुम से शादी करने में कोई प्रौब्लम नहीं है.’’

‘‘प्रौब्लम माई फुट. न तो मैं राघव से तलाक लूंगी और न ही आप के भाई से शादी करूंगी,’’ मानसी ने 1-1 शब्द पर जोर देते हुए शालिनी को अपना फैसला सुना दिया और अपने कमरे में जा कर दरवाजा बंद कर लिया.

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Serial Story: न जानें क्यों (भाग- 1)

राघव कमरे में दाखिल हुआ तो देखा मानसी अपने मायके से मिले तोहफों को अलमारी में संभाल कर रख रही थी. वह बिना कुछ कहे पलंग पर बैठ कर तिरछी नजरों से अपनी पत्नी की ओर देखने लगा. शायद मानसी का मूड अब भी खराब ही था. आज अपने भतीजे की बर्थडे पार्टी के दौरान भी उस का मूड उखड़ाउखड़ा ही था. चेहरे पर जबरदस्ती की मुसकराहट रख कर वह बाकी सब को तो मूर्ख बना सकती थी, लेकिन उसे नहीं. राघव ने इस वक्त यह सोच कर चुप रहना ठीक समझा कि शायद सुबह तक उस का मूड अपनेआप ठीक हो जाएगा. अत: चुपचाप लाइट बंद कर सोने की कोशिश करने लगा.

राघव के लाइट बंद कर सोते ही मानसी की आंखों से आंसू बह निकले. उसे महसूस हुआ जैसे राघव को उस के दुखी या नाराज होने से कोई फर्क ही नहीं पड़ता है. वह अच्छी तरह से जानता है कि उस का मूड कितना खराब है. फिर भी उस से इतना नहीं हुआ कि एक बार मूड खराब होने की वजह पूछे. शायद अब वह पहले वाला राघव नहीं रहा, जिस के लिए मानसी ही उस की पहली प्राथमिकता हुआ करती थी. समय के साथ कितना कुछ बदल जाता है. यही सोचतेसोचते मानसी भी नींद के आगोश में समा गई.

मानसी सुबह उठ कर चुपचाप घर के कामों में लग गई. राघव ने 1-2 बातें करने की कोशिश भी की, लेकिन उस ने हांहूं में उत्तर दे कर टाल दिया. फिर अपनी 4 वर्षीय बेटी मुसकान को तैयार कर के स्कूल छोड़ने के लिए चली गई. हार कर राघव भी चुपचाप औफिस चला गया. मुसकान को स्कूल छोड़ कर आने के बाद मानसी ने अपनी सब से प्रिय सहेली रुखसाना का नंबर डायल किया. कुछ ही देर बाद रुखसाना ने डोरबैल बजा दी.

‘‘क्या हुआ मानसी आज तेरा मूड इतना खराब क्यों है?’’ रुखसाना ने मानसी

का उतरा चेहरा देख कर पूछा.

‘‘आजकल मेरा मूड खराब होने की एक ही वजह है और वह है मेरा पति,’’ मानसी ने उखड़े मन से कहा.

‘‘तुम दोनों के बीच फिर कोई झगड़ा हुआ है क्या?’’ रुखसाना ने सोफे पर बैठते हुए पूछा.

‘‘अब तो यह रोज का ड्रामा है रुखसाना,’’ मानसी भी रुखसाना के सामने बैठ गई.

‘‘तुम दोनों को क्या हो गया है मानसी? कालेज में सब तुम्हारे प्यार की मिसाल देते थे और अब,’’ रुखसाना ने चिंतित हो कर कहा तो मानसी की रुलाई फूट पड़ी.

रुखसाना उठ कर मानसी के निकट जा बैठी और उसे चुप कराने लगी.

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रुखसाना का सहारा पा कर मानसी ने अपने दिल का गुबार निकाल दिया, ‘‘ये सब राघव की वजह से हो रहा है रुखसाना. शादी से पहले मैं ने जितने सपने देखे थे, वे सब टूट गए. पता है कल हम नीरज भैया के बेटे की बर्थडे पार्टी में गए थे. वहां सभी लोग एक से बढ़ कर एक महंगे उपहार ले कर आए थे. केवल हम ही थे जो सस्ता सा खिलौना पकड़ा कर आ गए. तू तो मेरे मायके वालों का स्टेटस जानती है. मुझे इतनी शर्म आ रही थी कि मैं क्या बताऊं.’’

‘‘तो क्या हो गया अगर तुम लोग औरों की तरह ज्यादा महंगा तोहफा नहीं ले जा पाए? मानसी, हर इंसान को अपनी जेब देख कर खर्च करना चाहिए, चाहे तुम्हारे नीरज भैया हों या कोई और, तुम कितनी भी कोशिश कर लो हर किसी की हर किसी से बराबरी तो नहीं कर पाओगी,’’ रुखसाना ने तर्क दिया.

‘‘बात दूसरों से बराबरी करने की नहीं है रुखसाना. कभीकभी मुझे लगता है कि शायद राघव खुद ही नहीं चाहता है कि समाज में उस का कद और हैसियत बढ़े. तुझे पता है राघव से नीचे काम करने वाले प्रमोशन पा कर उस से ऊपर पहुंच गए हैं. लेकिन वह पहले जहां था आज भी वहीं है. तू शोएब भाई  को ही देख ले, उन्होंने एक छोटी सी दुकान से अपना बिजनैस शुरू किया था और आज वे कितने बड़े शोरूम के मालिक हैं. कल तो पार्टी में शालिनी भाभी ने मुझे ताना मारते हुए पूछ भी लिया कि राघव का प्रमोशन क्यों नहीं होता है,’’ मानसी ने रुखसाना को उसी के शौहर का उदाहरण दे कर उस का तर्क काटने का प्रयास किया.

‘‘मानसी, क्या तू भूल गई है कि शोएब को अपना काम जमाने के लिए कितनी जद्दोजहद करनी पड़ी थी? जगहजगह से कर्जा उठाया, दिनरात भागदौड़ की, तब कहीं जा कर हमारा काम चला. राघव एक ईमानदार और मेहनती इंसान है. जब उस का वक्त आएगा तो वह भी बहुत ऊपर तक जाएगा. कभी तू भी उस की इन्हीं खूबियों की तारीफ किया करती थी. और तू कहां शालिनी भाभी की बातों को दिल से लगा कर बैठ गई है. क्या मुझे तेरी भाभी की आदत नहीं पता है? तू उन की बातों में आ कर अपने घर में कलह मत कर बैठना,’’ रुखसाना ने मानसी को समझाने के लिहाज से कहा.

‘‘शोएब भाई ने तरक्की की, क्योंकि उन के इरादे मजबूत थे. लेकिन मुझे नहीं लगता है कि राघव का ऐसा कोई इरादा है. मुझे लगता है कि मैं एक दिन इसी तरह तंगहाली और मुश्किलों में ही एडि़यां घिसघिस कर मर जाऊंगी. अपनी मुसकान को वह भविष्य नहीं दे पाऊंगी जो मैं ने सोचा था और मैं ये सब शालिनी भाभी की बातों में आ कर नहीं कह रही हूं. रुखसाना कभीकभी मुझे भी लगता है कि…’’ मानसी बोलतेबोलते रुक गई.

‘‘क्या लगता है?’’ मानसी ने पूछा.

‘‘कभीकभी मुझे भी महसूस होता है कि शायद मैं ने राघव से शादी कर के अपनी जिंदगी की सब से बड़ी गलती कर दी,’’ मानसी ने रुखसाना से नजरें चुराते हुए कहा.

‘‘मानसी, तुझे जरा भी अंदाजा है कि तू क्या बोल रही है,’’ रुखसाना मानसी की बात सुन कर चौंक गई.

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Serial Story: न जानें क्यों (भाग- 5)

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मानसी को हैरानी हो रही थी कि भाभी ने खुद एक मां होने के बावजूद कितनी आसानी से मुसकान को उस से दूर करने की बात कह दी.

उस दिन रौकी और रौनी के झूठ बोलने पर कि मानसी ने उन पर हाथ उठाया है, उन का दिल तड़प उठा था. लेकिन आज वह मानसी से उस की बच्ची को दूर कर देना चाहती थीं. तलाक और दूसरी शादी की बात सुन कर उसे यह एहसास हुआ कि वह आज भी राघव से बहुत प्यार करती है. उसे भाभी के साथसाथ राघव पर भी गुस्सा आ रहा था. क्या वह जिद छोड़ कर उसे लेने नहीं आ सकता था. मानसी फूटफूट कर रो पड़ी.

जैसाकि मानसी को अंदेशा था, शालिनी ने नीरज को फोन कर के घर आने के लिए कह दिया था. नीरज के घर आने पर शालिनी ने सारा घर सिर पर उठा लिया. नीरज ने नौकर को भेज कर मानसी को बाहर बुलवा लिया. मानसी चुपचाप एक कोने में जा कर खड़ी हो गई. उसे यकीन था कि भैया उस की बात जरूर समझेंगे. शोरशराबा सुन कर मां भी वहां आ गई थीं.

‘‘आप को अंदाजा नहीं है नीरज, आज आप की बहन ने मेरी और मेरे भाई की कितनी बेइज्जती की है. इस की वजह से मुझे अपने भाई के सामने कितना शर्मिंदा होना पड़ा,’’ मानसी ने टेढ़ी नजर से मानसी को देखते हुए कहा.

‘‘तुम्हारी भाभी क्या कह रही हैं मानसी?’’ नीरज ने मानसी से सवाल किया.

‘‘ऐसा कुछ नहीं हुआ था भैया. भाभी मेरा तलाक करवा कर मेरी शादी अपने भाई कौशिक से करवाना चाहती हैं. मैं ने इनकार कर दिया तो इन्हें बुरा लग गया. ये तो मुसकान को भी मुझ से दूर करने की बात कह रही थीं,’’ मानसी ने अपना पक्ष रखा.

‘‘तो इस में गलत क्या है? शालिनी ठीक कह रही है. हम जो भी करेंगे तुम्हारे भले के लिए ही करेंगे.’’

नीरज को अपनी पत्नी का पक्ष लेते देख कर मानसी को बहुत दुख हुआ. अपने बड़े भाई से सवाल पूछे बिना उस से रहा नहीं गया, ‘‘राघव से तलाक ले कर अपनी बेटी से दूर होने में मेरी कौन सी भलाई है भैया? और उस कौशिक से शादी करने में मेरा क्या भला होगा?’’

‘‘क्यों, मेरे भाई में ऐसी क्या बुराई है, जो तुम उस से शादी नहीं कर सकतीं? पहले भी तुम ने उसे ठुकरा कर उस फटीचर राघव से शादी कर ली थी. वह तो मेरे भाई की शराफत है कि इस सब के बावजूद वह तुम से शादी करने के लिए तैयार है,’’ शालिनी ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा.

‘‘आप को सुनना है तो सुनिए… आप का भाई एक नंबर का आवारा है. क्या मैं नहीं जानती हूं कि उस की नजर कितनी खराब है. जब आप मेरे लिए उस का रिश्ता ले कर आई थीं उस वक्त भी वह एक लड़की से बदसलूकी करने के आरोप में जेल की हवा खा कर आया था. क्या मैं ऐसे घटिया आदमी से शादी करती? मेरे राघव के पास आप के भाई जितनी दौलत भले न हो, लेकिन वह उस से हर लिहाज से बेहतर और शरीफ इंसान है,’’ मानसी ने गुस्से में कहा.

‘‘एक तो हम ने तुम्हें और तुम्हारी बेटी को अपने घर में रख कर एहसान किया, ऊपर से तुम हमें ही आंखें दिखा रही हो. मेरे जिस भाई के बारे में तुम बकवास कर रही हो, उसी ने तुम्हारे भाई के नए बिजनैस में लाखों रुपए इनवैस्ट किए हैं. अगर तुम्हारा पति इतना ही अच्छा और शरीफ आदमी है, तो तुम उसे छोड़ कर यहां क्यों हो? मुफ्त की रोटियां क्यों तोड़ रही हो? चली जाओ अपने घर,’’ शालिनी चीख पड़ी.

मानसी की आंखों से आंसू बहने लगे. उस ने नीरज की ओर देखा तो वह दूसरी ओर देखने लगा. मां की ओर देखा तो उन्हें लगा कि जैसे उन की आंखें उसे चुनौती दे रही हों. तभी मुसकान नौकर के साथ स्कूल से वापस आ गई और भाग कर मानसी की टांगों से लिपट गई.

‘‘मम्मी आप रो रही हो?’’ मुसकान ने सवाल किया तो मानसी ने आंसू पोंछे और अपनी बेटी का हाथ पकड़ कर अपने कमरे में चली गई.

कमरे में जाते ही मानसी ने अपना सारा सामान समेटना शुरू कर दिया. अपना बैग पैक करने के बाद उस ने रुखसाना को फोन किया और उस के फोन उठा कर हैलो कहते ही कहा, ‘‘मैं अपने घर वापस जा रही हूं रुखसाना. वह घर भले ही छोटा है, लेकिन मेरा अपना है.’’

रुखसाना मानसी की भर्राई आवाज सुन कर सब समझ गई थी. उस ने केवल इतना कहा, ‘‘तू बिलकुल ठीक कर रही है मानसी.’’

कुछ ही देर बाद मानसी औटो से अपने और राघव के घर के बाहर उतर रही थी.

मानसी ने हिम्मत कर के डोरबैल बजाई. राघव ने दरवाजा खोला तो उसे व मुसकान को सामने पा कर चौंक गया. मुसकान पापापापा कहते हुए उस से लिपट गई.

मानसी ने देखा कि राघव कुछ ही दिनों में काफी कमजोर हो गया था. उस की दाढ़ी बढ़ी हुई थी. आंखें देख कर लग रहा था कि वह कई दिनों से ठीक से सोया नहीं है. मानसी का दिल आत्मग्लानि से भर गया.

उस ने राघव से कहा, ‘‘अंदर आने के लिए नहीं कहोगे?’’

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राघव बिना कुछ कहे एक तरफ हट गया. मानसी ने अंदर आ कर मुसकान को खेलने के लिए उस के कमरे में भेज दिया. राघव सोफे पर जा कर बैठ गया. मानसी राघव के पास जा कर नीचे बैठ गई और उस का हाथ अपने हाथों में ले कर कहा, ‘‘आई एम सौरी राघव. मेरा दिमाग खराब हो गया था जो मैं ने भैयाभाभी की बातों में आ कर तुम्हारे प्यार पर शक किया और अपना घर छोड़ कर चली गई. मैं आइंदा कभी ऐसी गलती नहीं करूंगी. मुझे तुम्हारे साथ और प्यार के अलावा और कुछ नहीं चाहिए. प्लीज मुझे माफ कर दो.’’

राघव बिना कुछ कहे उस के चेहरे को ध्यान से देखता रहा. कोई जवाब न मिलने पर मानसी ने लगभग रोते हुए कहा, ‘‘राघव प्लीज कुछ तो बोलो. मुझ से झगड़ा कर लो, मुझे डांटो, अपना सारा गुस्सा मुझ पर निकाल लो, मगर प्लीज मुझे इस तरह से न देखो.’’

‘‘मैं तुम से और मुसकान से बहुत प्यार करता हूं मानसी. अगर तुम फिर से मुझे छोड़ कर चली गई तो मैं जी नहीं पाऊंगा,’’ राघव ने मानसी की आंखों में देख कर लगभग फुसफुसाते हुए कहा.

‘‘मैं भी तुम से बहुत प्यार करती हूं राघव. मैं वादा करती हूं कि मैं आज के बाद तुम्हें और अपने घर को छोड़ कर कभी नहीं जाऊंगी. आई एम सौरी राघव,’’ मानसी राघव की गोद में सिर रख कर फूटफूट कर रो रही थी. राघव की आंखों से भी आंसुओं की बूंदें लुढ़क गईं. वह आंखें बंद कर मानसी का सिर सहलाने लगा.

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दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद लोगों में अवसाद की स्थिति अपनी चरम पर देखी जा रही है. दुनिया भर में त्रस्त, भयभीत होकर आत्महत्या का दौर जारी है. हमारे देश में भी और छत्तीसगढ़ में भी.

हाल ही में छत्तीसगढ़ के एम्स हॉस्पिटल में जहां कोरोना से ग्रस्त एक शख्स का इलाज जारी था. उसने उपरी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. यह एक वाकया बताता है कि कोरोना पेशेंट किस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. उन्हें कैसा सहानुभूति पूर्ण व्यवहार मिलना चाहिए. आज हम इस आलेख में यही बता रहे हैं कि किस तरह लोग आत्महत्या कर रहे हैं. और बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं-

पहला मामला-कोरोना के मरीज ने एक दिन अचानक घर में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली. घटना छत्तीसगढ़ के मुंगेली शहर में घटित हुई.

दूसरा मामला- छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक महिला ने विष खाकर आत्महत्या कर ली. वह चिट्ठी लिख गई की इसका कोई दोषी नहीं है. बताया गया कि वह कोरोना संक्रमण से भयभीत थी और उसे जिंदगी निसार लग रही थी.

तीसरा मामला- दुनिया में फैलते कोरोना संक्रमण से भयभीत होकर एक डॉक्टर ने अंबिकापुर में आत्महत्या कर ली. तथ्य सामने आए की वह कोरोना संक्रमण से अवसाद ग्रस्त हो गई थी और जिंदगी का उसे अब कोई मायने नहीं लग रहा था.

फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बाद देश में आए दिन यह सुनने में आ रहा है कि फलां ने आत्महत्या कर ली. आखिर इस आत्महत्या करने का मनोविज्ञान आदमी की मानसिक बुनावट क्या है ? इस पर गौर करना अति आवश्यक है.हालांकि आत्महत्या एक अवसाद का क्षण होता है जिससे अगर आप ऊबर गए तो सब कुछ ठीक हो गया अन्यथा इहलीला समाप्त. मगर इन दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण काल के पश्चात आत्महत्याओं के दौर में एक बड़ी वृद्धि देखी जा रही है आए दिन यह समाचार आ रहे हैं कि कोरोना के कारण अवसाद में आकर अथवा भयभीत होकर फलां ने आत्महत्या कर ली. हाल ही में छत्तीसगढ़ के एम्स में कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने उपरी मंजिल से नीचे कूदकर आत्महत्या कर ली. ऐसे ही घटनाओं के संदर्भ में कहा जा सकता है कि दरअसल यह जल्दी में उठाए कदम होते हैं.अगर ऐसी सोच के लोगों को सही समय पर किसी का साथ और संबल मिल जाए तो वह अवसाद की परिस्थितियों से निकल सकता है. आज इस आलेख में हम इन्हीं विसंगतियों पर चर्चा कर रहे हैं.

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जरूरत हौसला बढ़ाने की

छत्तीसगढ़ के आईपीएस वर्तमान में सरगुजा के पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी कहते हैं -कोरोना संक्रमित लोगों का आत्महत्या जैसा कदम उठाना बेहद चिंता का सबब है. इसके लिए आवश्यकता है की हम सब ऐसे अवसाद ग्रस्त लोगों का हौसला बढ़ाएं.

देश व प्रदेश मे कोरोना संक्रमित लोगों के द्वारा आत्महत्या करने की खबरें आज नेशनल मीडिया में सुर्खियां बन रही हैं.आत्महत्या करने वाले युवक जरा सोचें कि जिस वायरस जनित बिमारी में 90% रिकवरी रेट के बावजूद आपको अपनी जीवनलीला समाप्त करने जैसे कदम उठाने की क्या आवश्यकता है.

रतनलाल डांगी कहते हैं-हम सबकी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाओं को रोके. इसमें सबसे बड़ी है भूमिका परिवार,मित्र,पड़ौसी, डॉक्टर और समाज की है. और यही नहीं रतनलाल डांगी सोशल मीडिया के माध्यम से भी जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं जिसे अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है.
डॉक्टर गुलाब राय पंजवानी बताते हैं-

संक्रमित व्यक्ति का मनोबल बढ़ाना परिवार का दायित्व है. अगर परिवार ऐसे समय में संबल बन जाए तो कोई भी आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम नहीं उठाएगा.

अधिवक्ता बी के शुक्ला के अनुसार ऐसे अवसाद ग्रस्त व्यक्ति के साथ सहानुभूति पूर्वक चर्चा करके उसके अपने बल को बढ़ाना चाहिए कभी भी किसी भी प्रकार का कटाक्ष नहीं करना चाहिए.उसको हिम्मत दे कि यह ऐसी बीमारी है जिसमें कुछ समय के परहेज से बिल्कुल ठीक हो जाते है.

डॉक्टर उत्पल अग्रवाल के अनुसार जब किसी कोरोना संक्रमित को अस्पताल में भर्ती कराया गया हो तो परिजनों को चाहिए कि समय समय पर उससे मोबाइल पर विडिओ,चैटिंग से सम्पर्क बनाए रखे.उसका मनोबल बढ़ाएं.

आईपीएस रतनलाल डांगी के शब्दों में कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ आसपास के लोगों को भी उस परिवार व संक्रमित व्यक्ति के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए,किसी प्रकार का सामाजिक बहिष्कार जैसी चीजें न बातचीत मे आए और न ही अपने व्यवहार मे लाएं.भौतिक दूरी रखें न कि सामाजिक दूरी.
जैसे ही मित्रों को जानकारी मिले उनकों भी अपने मित्र से बातचीत करना चाहिए उसे अकेलापन महसूस नहीं होना चाहिए. यही नही अस्पताल मे यदि रखा गया हो तो संक्रमित व्यक्ति की काउंसलिंग की जानी चाहिए.

कोरोना एक सामान्य संक्रमण

कुल मिलाकर सच्चाई यह है कि कोरोना वायरस बड़ी अन्य बीमारियों की अपेक्षा एक संक्रमणकारी बीमारी है जो चर्चा का बयास बनी हुई है.जबकि सच्चाई यह है कि कुछ सामान्य बातों को ध्यान में रखकर हम इससे आसानी से बच सकते हैं दिन में हाथ धोना फिजिकल डिस्ट्रेसिंग आदि है और अगर यह संक्रमण हो भी जाता है तो अब यह बहुत हद तक काबू में आने वाला संक्रमण है. ऐसे में भला करके आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाना नादानी ही कही जा सकती है. यहां यह भी तथ्य सामने आए हैं कि शासकीय हॉस्पिटल में डॉक्टर सुबह नर्सिंग स्टाफ का व्यवहार करोना पेशेंट के साथ मानवीय नहीं होता. कई जगहों पर तो डाक्टर और स्टाफ हाथ खड़ा कर लेता है और अच्छा व्यवहार नहीं करता. मगर यह बहुत ही रेयर है हमारे देश और दुनिया में लगातार यह बात सामने आई है कि मेडिकल स्टाफ कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अपनी आहुति दे रहा है और लोगों का इलाज कर रहा है.

ऐसे में यह कहा जा सकता है कि डॉक्टर व‌ स्टाफ का बर्ताव भी नम्र,शालीन व आत्मीय होने से व्यक्ति को संबल मिलता है. हॉस्पिटल का माहौल अगर बेहतर है तो व्यक्ति को आत्मशक्ति की अनुभूति होती है. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि ऐसे लोगों को‌ चाहे वो घर में हो या अस्पताल मे ऐसे व्यक्ति को व्यस्त रखा जाए.जिससे उसके दिमाग मे निराशाजनक विचार न आ पाएं.

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प्रतिदिन स्वस्थ होने वालों की जानकारी साझा करने से भी मानसिक रूप से ताकत मिलती है और मनोबल बढ़ता है. इसलिए यहां पर पुलिस अधिकारी रतनलाल डांगी के यह शब्द महत्व रखते हैं कि हमारे छोटे छोटे प्रयास भी कई जानें बचा सकता है इसलिए हम अपने आसपास के लोगों के प्रति संवेदनशील रहें और स्वयं भी जागरूक रह कर यह काम अब अपरिहार्य रूप से करें.

पति सैफ के बर्थडे सेलिब्रेशन में बेबी बंप फ्लॉन्ट करती दिखीं करीना कपूर, Video Viral

 बौलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. कभी फिल्म तो कभी अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर फैंस के बीच काफी पौपुलर हैं. हालांकि इस बार करीना के सुर्खियों में रहने की वजह उनकी दूसरी प्रैग्नेंसी है. दरअसल, हाल ही में सैफ अली खान ने अनाउंसमेंट की थी कि करीना दूसरी बार प्रैग्नेंट है, जिसके बाद बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया था. लेकिन अब प्रैग्नेंसी की अनाउंसमेंट के बाद करीना बेबी बंप फ्लौंट करती हुई नजर आई हैं, जो तेजी से वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज…

पति के बर्थडे पर दिखाया बेबी बंप

दरअसल, रविवार को सैफ अली खान ने अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया था और करीना ने सैफ के लिए स्पेशल पार्टी रखी थी. पार्टी में करीना ने जो ड्रेस पहना था उसमें वह काफी खूबसूरत लग रही थीं और साथ ही इस आउटफिट में उनका बेबी बंप भी नजर आ रहा था. साथ ही करीना ने सैफ के बर्थडे पर वीडियो और फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘मेरी जिंदगी की चमक को जन्मदिन की शुभकामनाएं.’

 

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Happy birthday to the sparkle of my life ❤️

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बर्थडे पर किया ये वीडियो शेयर

सैफ के बर्थडे पर एक खास वीडियो शेयर करते हुए करीना ने लिखा, मैंने अपने सैफ की 50 सालों की लाइफ को कैद करते हुए एक वीडियो बनाया, जिसे मैंने कल रात उनके साथ शेयर किया था. यह 22 मिनट लंबा था और मुझे अभी भी लगा कि इतना कुछ कहा जा सकता है! मैं 50 फोटोज के साथ बनी ये वीडियो फैंस के साथ शेयर कर रही हूं.  हैप्पी बर्थडे लव … आप 50 के लुक को इतना अच्छा और इतना अच्छा बनाते हैं!

गौरतलब है कि जहां सैफ अली खान चौथी बार पिता बनने वाले हैं तो वहीं करीना दूसरी बार मां बनने जा रही हैं. हालांकि साल 2018 सितंबर में दूसरी प्रैग्नेंसी को लेकर जब करीना कपूर ने कहा था कि वह दो साल बाद दूसरा बेबी प्लान करेंगे.

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Wedding Album: सामने आई राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की शादी की अनदेखी फोटोज

बाहुबली फेम साउथ सुपरस्टार राणा दग्गुबाती (Rana Daggubati) और मिहिका बजाज की शादी ने बीते हफ्ते काफी सुर्खियां बटोरीं. वहीं फोटोज की बात करें तो वीडियो से लेकर फोटोज को फैंस ने काफी पसंद किया. लेकिन अब दुल्हन मीहिका ने शादी के एक हफ्ते बाद कुछ खास फोटोज फैंस के साथ शेयर की हैं, जो सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज.

फैमिली पर लुटाया था प्यार

शादी के लिए मिहिका बजाज ने खास तैयारियां की थी. जहां फोटोज में मिहिका बजाज मेकअप करती नजर आईं तो वहीं मंडप में जाने से पहले मिहिका बजाज ने अपनी मां को लगे लगाया था. वायरल फोटोज में मिहिका बजाज अपनी मां पर प्यार लुटाती नजर आ रही हैं.

 

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Always has my back! @buntybajaj

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शादी में मस्ती करती दिखीं मिहिका बजाज

अपनी शादी की रस्मों के दौरान राणा दग्गुबाती के साथ बैठी मिहिका बजाज जमकर मस्ती करती नजर आईं. वायरल फोटोज मिहिका बजाज शोर मचाती नजर आ रही हैं. इसी बीच शादी की हर एक फोटो में राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की धमाकेदार केमिस्ट्री भी देखने को मिली. वहीं फैंस इस नए नवेले जोड़े की तारीफ करते थक नहीं रहे हैं. साथ ही फैंस एक दूसरे की आंखों में खोए नजर आ रहे राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की फोटोज को जमकर वायरल कर रहे हैं.

 

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राणा दग्गुबाती में आए थे खास मेहमान

 

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Daggubati family unseen pictures in Rana & Miheeka’s wedding 🌼 . Follow @thebridesmakeover to get inspiration on indian weddings 🌼 . . event decor by @dewdropdesignstudio @blingmushrooms Photography @reelsandframes . . #thebridesmakeover #thebridesmakeoverteam #makeupartist #makeup #mua #bridalbeauty #bridalmakeup #southindianbride #makeupforever #makeupart #beautymakeup #weddinglook #weddinghair #weddingphotography #weddinghairstyle #weddingday #followforfollow #bridalmakeup #makeupforever #southindianwedding #beautymakeup #weddinglook #southindianjewellery #weddingdress #likeforlike #likesforlikes #hyderabad #hyderabdwedding wedding #ranadaggubati #miheekabajaj #ranawedding #indianbride #bridalwear #bridalattire.

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राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की शादी में अल्लू अर्जुन, रामचरण, वेंकटेश डग्गुबाती, सामंथा अक्कीनेनी और नागा चैतन्य जैसे साउथ के सितारे नजर आए. हालांकि कोरोना के कारण मेहमानों की संख्या ज्यादा नहीं थी.


जब मिहिका बजाज को पहनाया मंगलसूत्र

राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की शादी मारवाड़ी रीति रिवाज के साथ हुई थी, जिसमें सात फेरे लेने के बाद कुछ इस अंदाज में राणा दग्गुबाती ने मिहिका बजाज को मंगलसूत्र पहनाया था.

 

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My rock of Gibraltar! @samarthbaj

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बता दें, कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए जहां मेहमानों की गिनती बेहद कम थी तो वहीं शादी में शामिल होने वाले मेहमानों को पहले कोरोनावायरस टेस्ट करवाना पड़ा था. साथ ही शादी की सभी रस्मों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा गया था.

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रेटिंग: साढ़े तीन स्टार

निर्माता: बी पी सिंह

कंसेप्ट: बी पी सिंह

निर्देशक: केन घोष

कलाकार: कुणाल खेमू, बिदिता बाग, राम कपूर, मोहन कपूर, करण मेहात, निधि सिंह, राघव जुयाल आशा नेगी व अन्य

अवधि: हर एपिसोड 40 से 45 मिनट के बीच

ओटीटी प्लेटफॉर्म: जी 5

आपराधिक घटनाओं की जांच कर अपराधी को पकड़कर सजा दिलाने के काम में लगी पुलिस से प्राप्त सत्य घटना क्रमो को नाटकीयता के साथ टीवी के पर्दे पर सीरियल के रूप में लाने का ख्याल सबसे पहले बी पी सिंह के दिमाग में आया था, जिन्होंने आज से 32 साल पहले सोनी टीवी के लिए बतौर निर्माता निर्देशक व लेखक टीवी सीरियल “सीआईडी ‘ की शुरुआत की थी . उसके बाद उन्होंने एक नए अंदाज में इसी तरह का एक दूसरे सीरियल “आहत” की शुरुआत की थी.”सीआईडी” अभी भी प्रसारित हो रहा है. इनके एपिसोड 40 से 45 मिनट के हुआ करते थे. बी पी सिंह इन दिनों पुणे फिल्म संस्थान के चेयरमैन भी हैं.और अब वही बी पी सिंह अपराध कथाओ को वेब सीरीज “अभय दो” में लेकर आए हैं, जिसका प्रसारण 14 अगस्त 2020 से शुरू हुआ है. मगर “जी फाइप” ने अभी इस वेब सीरीज के सिर्फ 3 एपिसोड ही ऑन एयर किए हैं. बाकी के एपिसोड 4 सितंबर को किए जाएंगे. वैसे 4 एपिसोड फोन एयर किया जाना चाहिए था.पहले और दूसरे एपिसोड की कहानी अपने अंतिम मुकाम पर पहुंच जाती है, मगर तीसरे एपिसोड की कहानी का अंत चौथे एपिसोड में होगा. यह जी 5 की कमजोरी कही जाएगी.

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कहानी:

इसमें रोमांचक अपराध कहानियों का समावेश है.स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) लखनऊ के साथ इंस्पेक्टर अभय प्रताप सिंह (कुणाल केमू) जुड़ते हैं,उनके सामने पहली चुनौती शहर में लगातार हो रही स्टूडेंट्स की हत्याओं की जांच पर अपराधी को पकड़ना. एक सीरियल किलर है ने बीते दो साल में ऐसे नौ लड़कों की हत्या करने के बाद उन्हें जला कर उनकी राख व अस्थि पंजर को पॉलीथिन में पैक करके शहर के हाईवे से लगे जंगल में गाड़ दिया था, जो कि पढ़ाई में टॉपर होते हैं.यह लड़के किसी न किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे.अभय प्रताप सिंह अपनी टीम के साथ इसकी जांच कर हत्यारे को पकड़ने में कामयाब होते हैं . वहीं दूसरी कहानी में ऐसी लाशें मिलती हैं, जिनका एक पैर टखने से कटा होता है और उसके कुछ दांत उखाड़ने गए होते हैं. अंततः हत्यारे का सच सामने आ जाता है. तीसरे एपिसोड की कहानी में एक व्यक्ति (राम कपूर)द्वारा स्कूल बस को अगुवा कर लिया गया है और एक टीवी एंकर की हत्या कर दी गई है. नन्हें बच्चों से भरी बस अगुवा करने वाला यह हत्यारा (राम कपूर) खुद ही नाटकीय ढंग से अपने आप को पुलिस को सौंप देता है. मगर थर्ड डिग्री टॉर्चर के बाद भी एक शब्द नहीं बोलता. उसे सिर्फ अभय प्रताप सिंह से मिलना है.वह अभय के साथ एक खतरनाक खेल खेलना चाहता है. अब यह खेल क्या है और हत्यारे का मकसद क्या है? इसका फैसला तो 4 सितंबर को होगा, जब चौथा एपिसोड प्रसारित होगा.

लेखन व निर्देशन:

एक बेहतरीन पटकथा वाली वेब सीरीज में कहीं भी कोई फिजूल की बकवास नहीं की गई है .अपराध हुआ है, पुलिस डांस करती हैं और अपराधी पकड़ा जाता है .इसमें कहीं कोई नाटकीय दृश्य या संवाद नहीं रखे गए हैं .सब कुछ पॉइंट टू पॉइंट है. हर एपिसोड की कथा दर्शकों को अपने साथ बांध कर रखती है.
केन घोष अपनी निर्देशकीय क्षमता का लोहा पहले भी मनवा चुके हैं. अब वेब सीरीज “अभय दो” मैं उन्होंने साबित कर दिखाया कि साइको लॉजिकल थिलर बनाने में भी उन्हें महारत हासिल है.

अभिनय:

“अभय सीजन 2” के पहले एपिसोड को अपने कंधे पर धोते हुए अपनी जबरदस्त अभिनय क्षमता का परिचय दिया है अभिनेता चंकी पांडे ने.संपर्क मुस्कुराते और हंसते हुए तथा प्यार से बात करते-करते हर्ष जिस तरह से क्रूर हत्याएं करता है ,वह देख किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं. ऐसा हर्ष के किरदार को निभाने वाले अभिनेता चंकी पांडे की अभिनय क्षमता से संभव हो पाया है.फिल्म “हाउसफुल” में पास्ता के किरदार में चंकी पांडे को देख चुके लोग “अभय सीजन 2” में उन्हें हर्ष के नेगेटिव किरदार में देखकर ना सिर्फ आश्चर्यचकित होंगे, बल्कि यह सोचने पर मजबूर होंगे कि उनकी अभिनय क्षमता का अब तक सही उपयोग क्यों नहीं हुआ?

दूसरे एपिसोड को लोग पूरी तरह से बिंदिया बाग के उत्कृष्ट अभिनय के कारण याद रखेंगे. जबकि तीसरे एपिसोड में राम कपूर ने कमाल का शानदार अभिनय किया है. पुलिस अफसर के किरदार में कुणाल खेमू ने काफी सधा हुआ अभिनय किया है. आशा नेगी व निधि सिंह ने भी ठीक अभिनय किया है.

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अब सीजन 2 देखने के बाद दर्शकों को एहसास होता है कि बिदिता बाग, राम कपूर और चंकी पांडे की अभिनय क्षमता का अब तक फिल्मकार सही ढंग से उपयोग करने में असफल रहे हैं.

पीरियड्स की मुश्किलों से कैसे निबटें

कुछ लड़कियां पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स का सामना करती हैं तो कुछ लड़कियों को कोई खास बदलाव महसूस नहीं होता है. ऐसे ही कुछ लड़कियां डिप्रैशन और इमोशनल आउटबर्स्ट का शिकार होती हैं. इसे कहते हैं प्रीमैंस्ट्रुअल सिंड्रोम और 90 प्रतिशत लड़कियां वर्तमान में इसे महसूस कर रही हैं.

पीरियड के दौरान अनेक परेशानियां भी आती हैं. महीने में 2 बार पीरियड्स क्यों हो रहे हैं? मसलन, फ्लो इतना ज्यादा या इतना कम क्यों है ? पीरियड्स और लड़कियों के समान क्यों नहीं हैं? अनियमित पीरियड्स क्यों हैं? ये सब प्रश्न अकसर हमारे दिमाग में घर कर लेते हैं.

हमें यह समझने की जरूरत है कि ये सब परेशानियां असामान्य नहीं हैं. हर महिला का मासिकधर्म और रक्तस्राव का स्तर अलगअलग है.

असामान्य माहवारी

पिछले कुछ मासिक चक्रों की तुलना में रक्तस्राव असामान्य होना, पीरियड्स देर से आना, कम से कम रक्तस्राव से ले कर भारी मात्रा में खून बहना आदि असामान्य पीरियड माने जाते हैं. यह कोई बीमारी नहीं है. इसे अलगअलग हर लड़की में देखा जाता है. इस में अचानक मरोड़ उठने लगती है और बदनदर्द होने लगता है. अनियमित और असामान्य पीरियड को एनोबुलेशन से भी जोड़ा जा सकता है. आमतौर पर इस कारण हार्मोंस में असंतुलन हो सकता है.

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प्रीमैंस्ट्रुअल सिंड्रोम हर साल भारत की एक करोड़ से भी ज्यादा लड़कियों में देखा जाता है. यह एक ऐसी समस्या है जो लड़कियों को हर महीने पीरियड से कुछ दिनों पहले प्रभावित करती है. इस दौरान लड़कियां शारीरिक और भावनात्मक रूप से खुद को कमजोर महसूस करती हैं.

मुंहासे, सूजन, थकान, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स इस के कुछ सामान्य लक्षण हैं. सटीक लक्षण और उन की तीव्रता लड़की से लड़की और चक्र से चक्र पर निर्भर करती है.

हार्मोंस में परिवर्तन इस सिंड्रोम का एक महत्त्वपूर्ण कारण है. विटामिन की कमी, शरीर में उच्च सोडियम का स्तर, कैफीन और शराब का अधिक सेवन पीएमएस का कारण बन सकते हैं. पीएमएस 20 से 40 वर्ष की महिलाओं में देखा जा सकता है.

इलाज है जरूरी

माहवारी में आने वाले अनियमित पीरियड्स या पीएमएस जैसी परेशानियों का इलाज बहुत ही सरल है. ऐक्सरसाइज हमेशा से ही पीरियड्स की परेशानी का हल रही है. एक स्त्रोत के अनुसार हफ्ते में 5 दिन 35 से 40 मिनट ऐक्सरसाइज करने से उन हार्मोंस की मात्रा कम हो जाती है जिन के कारण अनियमित माहवारी हो सकती है.

यदि किसी लड़की को पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द हो, भारी रक्तस्राव हो, 7 दिनों? से ज्यादा पीरियड के बीच उल्टियां हों तो अच्छा यही होगा कि तुरंत उसे डाक्टर के पास ले कर जाएं.

क्या खाएं क्या नहीं

–  दोपहर के भोजन में मिक्स दाल, सलाद, पनीर और उबले अंडे शामिल करें. इन के सेवन से शरीर में प्रोटीन की जरूरत पूरी होगी.

–  काले चने, राजमा और फलियां न खाएं तो बेहतर होगा. इन के सेवन से पेट दर्द या मरोड़ की शिकायत हो सकती है जो माहवारी के दर्द को और मुश्किल बना सकती है.

–  इस दौरान खून में शुगर की मात्रा को भी नियंत्रित रख जरूरी है, इसलिए मीठी चीजों का सेवन कम करें.

–  विटामिन बी6 और आयरन की कमी को पूरा करने के लिए ब्रोकली, टमाटर, मक्का इत्यादि खा सकती हैं. साथ ही विटामिन सी ने भरपूर चीजें जैसे नीबू, संतरा इत्यादि भी लें.

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–  माहवारी के दर्द से मैगनिशियम और पोटैशियम युक्त चीजें नजात दिलाने में सहायक हैं. इस के लिए केला, सोया पनीर यानी टोफू और सेम इत्यादि का सेवन कर सकती हैं.

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