टीवी के पौपुलर कौमेडी शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ ने बीते दिनों शो ने 3000 एपिसोड्स पूरे होने का जश्न मनाया था, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हुई थी. लेकिन अब खबर है कि शो की हिस्सा रह चुकीं रीता रिपोर्टर के रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस प्रिया आहूजा कोरोना वायरस पॉजीटिव पाई गई, जिसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है.
सोशलमीडिया पर लोगों को किया आगाह
प्रिया आहूजा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फोटोज शेयर करते हुए कि ‘आप सभी को बताना मेरी ड्यूटी है कि मेरा टेस्ट कोरोना वायरस पॉजिटिव आया है. मैं एसिम्प्टमैटिक हूं और फिलहाल ठीक हूं! मैं डॉक्टर्स और बीएमसी के सभी निर्देशों का पालन कर रही हूं. मैं इस समय होम क्वारंटाइन हूं. इस बीच आप सभी लोगों में जो कोई भी मुझसे पिछले 2 से 3 दिनों में मुझसे मिला है. तो प्लीज अपना टेस्ट जरूर कराएं. कोरोनावायरस को लेकर सतर्कता बरतने की बात कहते हुए प्रिया आहूजा ने सुरक्षित रहने की बात कही है और सभी को अपना ख्याल रखने की बात कही हैं.
जहां प्रिया आहूजा के कोरोना पौजीटिव होने के बाद उनके को स्टार्स दिलीप जोशी, सामय शाह और झील मेहता एक्ट्रेस के जल्द ठीक होने की कामना कर रहे हैं. तो वहीं बीते दिनों इश्क में मरजावां 2 के लीड एक्टर और इश्क बाज फेम एक्ट्रेस नवीना बोले भी कोरोना पॉजीटिव पाए गए थे.
बता दें, प्रिया आहूजा ने साल 2011 में अपने टीवी शो के चीफ डायरेक्टर से लव मैरिज की थी, जिसके बाद उन्होंने 2019 में अपनी प्रेग्नेंसी का खुलासा किया था, जिसके बाद 27 नवंबर 2019 को एक बेबी बॉय (अरदास) को जन्म दिया था और प्रिया मैटरनिटी लीव पर चल रही थीं.
दुनिया में किसी के स्किन कलर का मजाक उड़ाना बेहद बड़ा अपराध है. लेकिन ये अपराध आज भी होता है. वहीं इस मामले में आम आदमी से लेकर सेलेब्स भी इसके शिकार हुआ है. हाल ही में बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान भी इस रंगभेद का शिकार हुई हैं, जिसका खुलासा उन्होंने अपने एक सोशलमीडिया पोस्ट के जरिए किया है. लेकिन अब वह इस पोस्ट को लेकर खुद ही ट्रोल हो गई हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….
सुहाना भी हुई हैं रंगभेद का शिकार
दरअसल, सुहाना खान ने अपने पोस्ट के जरिए बताया है कि इंडियन होने के बावजूद लोग उनके स्किन के कलर का मजाक उड़ाते हैं, जो बेहद गलत है. इसी को लेकर अपने सोशलमीडिया अकाउंट पर सुहाना खान का यह पोस्ट शेयर किया है और लिखा कि लोग कब तक रंगभेद टिप्पणी करते रहेंगे क्योंकि इससे समाज में असमानता फैलती है. साथ ही ये भी लिखा कि हर इंडियन का रंग भूरा ही होता है. भूरे में अलग-अलग शेड हो सकते हैं लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है?
I appreciate that young #SuhanaKhan wants to #endcolourism
A suggestion. Start this campaign from home. Ask daddy NOT to endorse fairness creams. Deal? #justsaying
सुहाना खान ने लोगों के मैसेज शेयर करते हुए कहा है कि लोग उन्हें काली-कलूटी कहकर बुलाते हैं और उनके इंस्टाग्राम पर बहुत भद्दे-भद्दे मैसेज आते हैं, जिनमें लोग उन्हें बदसूरत कहते हैं, जिसे पढ़कर उनके दिमाग में नकारात्मक ख्याल आते हैं.
शाहरूख पर उठाया सवाल
Waked Up With news that #Suhanakhan is talking about #endingcolourism and I support her bcz it’s need of hour But
-Why #ShahRukhKhan is Promoting Fairness cream Fair and Handsome?
-On what basis She got Blue tick on IG?
सुहाना खान के इस पोस्ट करने के बाद जहां कुछ लोग उनका साथ दे रहे हैं तो वहीं कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं. दरअसल, लोगों का सुहाना से सवाल है कि अगर उन्हें रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता है तो फिर शाहरुख खान फेयरनेसक्रीम का प्रचार क्यों करते हैं ?
बता दें, शाहरूख खान फेयर एंड हैंडसम ब्रैंड का प्रचार करते हैं, जिसमें गोरे होने का जिक्र किया गया है. वहीं बीते दिनों अमेरिका के ब्लैक लाइफ मैटर कैंपेन के चलते फेयर एंड लवली ने अपने ब्रांड से फेयर का नाम हटा दिया है.
हर वर्ष सितंबर महीने के अंतिम बुधवार को ‘राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य औरतंदुरुस्ती दिवस‘के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य महिलाओं की तंदुरुस्ती और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करना है. इस बारें में नवी मुंबई के रिलायंस हॉस्पिटल की हेड ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनकोलॉजी, डॉ. बंदिता सिन्हा कहती है कि कोविड महामारी के समय में स्वास्थ्य की देखभाल करने का महत्व और अधिक बढ़ गया है. महामारी की स्थिति महिलाओं के लिए चिंताजनक है. वे घर से काम कर रही हैं और घर के लिए काम कर रही हैं, और इस भाग-दौड़ में अपने स्वयं की देखभाल की अनदेखी कर देती है. महिलाओं को यह समझना चाहिए कि अब उनकी जिम्मेदारियां कई गुना बढ़ गई हैं और ऐसे में, उनके लिए अपने स्वयं के स्वास्थ्य की देखभाल और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. कुछ आसान बातें निम्न है, जो ध्यान देने योग्य है,
सकारात्मक सोच
अनुशासित दिनचर्या का पालन इस दिशा में पहला कदम है. सकारात्मक सोच के साथ दिन की शुरुआत करें, आप स्वयं को संवार कर रखें, क्योंकि इससे अच्छे स्वस्थ की भावना पैदा होती है. काम के बाद, कुछ मिनटों के लिए ही सही, लेकिन आराम जरूर लें. अपनी हॉबी पूरी करने पर जोर दें, मूवी देखें, पुस्तक पढें, नई-नई रेसिपी बनाएं, या कोई भी ऐसी चीज़ करने की कोशिश करें जिससे आपको सुकून मिलता हो.
संपूर्ण स्वास्थ्य में आहार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आपको प्रोटीन-युक्त, सेहतमंद नाश्ते के साथ दिन की शुरुआत करनी चाहिए, ताकि आपका मेटाबोलिज्म ठीक रहे. नाश्ते में नट्स और फलों जैसी चीजों को शामिल करें जिससे आप सक्रिय रहें. शाम 7.30 से 8.30 बजे के आसपास अर्ली लाइट-डिनर लें, क्योंकि रात के समय पाचन क्रिया धीमी होती है. देर रात को डिनर लेने से, आपको सुबह में आलस्य महसूस हो सकता है और आपके बॉडी में अतिरिक्त फैट जमा होता है. स्वयं को हाइड्रेटेड रखें, क्योंकि आपके शरीर की क्रियाओं को सुचारू रखने के लिए यह आवश्यक है. जब आप घर पर रहें, तो आपको चिप्स, स्वीट्स आदि जैसे जंक फूड्स से परहेज करना चाहिए. आपके भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होनी चाहिए और इसमें प्रोटीन भरपूर मात्रा में होनी चाहिए. यदि आप हल्का लंच लेना चाहें तो भोजन में सलाद लें. अपनी शारीरिक क्रियाओं के सुचारू संचालन के लिए स्वयं को हाइड्रेटेड रखें.
करें नियमित वर्कआउट
दिन में कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करने की सलाह दी जाती है. योग, सांस से जुड़े व्यायाम, जुम्बा आदि जैसे एक्सरसाइजेज काम करते हुए घर पर भी किये जा सकते है. चिंता भगाने के लिए, कम से कम 10 मिनट तक ब्रीदिंग एक्सरसाइज काफी सहायक साबित हो सकता है. इसके अलावा, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके द्वारा ग्रहण की जाने वाली कैलोरी की मात्रा आपके द्वारा बर्न की जाने वाली कैलोरी मात्रा से कम हो, ताकि आपके शरीर का वजन संतुलित बना रहे.
बचे मानसिक तनाव और चिंता से
परिवार और दोस्तों के साथ अच्छी तरह से समय बिताएं, इससे तनाव से राहत मिलती है.अपने दोस्तों को कॉल करें, उनके साथ मजेदार बातचीत करें. बच्चों के साथ समय गुजारें, उनके साथ इनडोर गेम्स खेलें, इससे आप रिलैक्स्ड रहेंगेऔर साथ ही आपको उनके साथ अच्छी तरह समय गुजारने का मौका मिलेगा. यदि आपके घर में बालकनी हो, तो वहां कुछ समय बितायें, क्योंकि सूर्य की धूप और हरियाली का राहतप्रद प्रभाव होता है. बागवानी करें, इससे आपके मन को सुकून मिलेगा. डायरी लिखने की आदत डालें और उसमें उन चीजों के बारे में लिखें जिनसे आपको सुख या दुख मिलता है.
लें सप्लीमेंट का सहयोग
डॉक्टर की सलाह से अपने आहार में विटामिन डी, विटामिन बी12, मल्टी-विटामिन्स, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स के सप्लीमेंट्स लें, इससे आपकी प्रतिरोधी क्षमता और जीवन-शक्ति बढ़ेगी. यदि आप पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं ले पाते हैं, तो विटामिन डी लें, इसकी कमी से मानसिक समस्याएं हो सकती है.
गैजेट्स के उपयोग की टाइमिंग्स तय करें, क्योंकि इसके चलते आपकी नींद प्रभावित हो सकती है. स्वस्थ्य नींद महत्वपूर्ण है, नींद बाधित होने के चलते तनाव बढ़ सकता है और इसके चलते आपके हॉर्मोन्स प्रभावित हो सकते हैं. कोरोना संक्रमण से जुड़ी नकारात्मक खबरों को लगातार देखने व पढ़ने से बचें.
निर्माता व निर्देशक: सुधीर मिश्रा लेखक: भावेश मंडालिया कलाकारः नवाजुद्दीन सिद्दिकी, इंदिरा तिवारी, अक्षत दास, श्वेता बसु प्रसाद, नासर, संजय नार्वेकर व अन्य अवधिः एक घंटा 54 मिनट ओटीटी प्लेटफार्मः नेटफ्लिक्स
जून 2010 में मनु जोसेफ का एक उपन्यास ‘‘सीरियस मेन’’ प्रकाशित हुआ था और देखते ही देखते यह काफी लोकप्रिय हो गया था. अब इसी उपन्यास पर इसी नाम से फिल्मकार सुधीर मिश्रा फिल्म लेकर आए हैं, जो कि दो अक्टूबर से ‘‘ओटीटी’’प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर देखी जा सकती है. भारत के भविष्य को लेकर जो सपने दिखाए जा रहे हैं, उस पर यह फिल्म अति तीखा व्यंग है.
यह एक आम भारतीय की कहानी है, जो बेहतर जीवन जीने की आस को पूरा करने के लिए सारे नैतिक सिद्धांतो व मापदंडों की परवाह किए बगैर किसी भी हद तक जा सकता है.
कहानीः
फिल्म की कहानी के केंद्र में मुंबई के सिद्धांत और अनुसंधान संस्थान में एक ब्राह्मण खगोलशास्त्री डाॅ. अरविंद आचार्य (नासर)के सहायक के रूप में काम करने वाले मध्यम आयु के तमिल दलित अय्यन मणि(नवाजुद्दीन सिद्दिकी) के इर्द गिर्द घूमती है. जो कि मुंबई के वर्ली इलाके की बीडीडी चाल में किराए की खोली में अपनी पत्नी ओजा(इंदिरा तिवारी)और बेटे आदि के साथ रहता है. दलित होने के चलते उसने खेतों में काम करने वाले अपने माता पिता की तकलीफांे को देखा है. अपने समुदाय में वह पहला बालक था, जिसे पढ़ने का मौका मिला था. अब वह तय करता है कि जो कुछ उसके माता पिता या उसने इस समाज में झेला है, वह सब वह अपने बेटे आदि(अक्षत दास)के जीवन में नही आने देगा.
मुंबई के सिद्धांत और अनुसंधान संस्थान में अय्यान अपने ब्राह्मण बाॅस डाॅ. आचार्य को खुश करने के लिए जितना अधिक प्रयास करता है, उतना ही उसे अप्रिय व्यवहार मिलता है. अय्यान इसे डाॅ. आचार्य की बेवकूफी मानता है.
अय्यन एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में अपने बेटे के प्रवेश के लिए डाॅ. आचार्य का पत्र लेकर जाता है, मगर पता चलता है कि डाॅ. आचार्य ने स्कूल के प्रबंधक से कह दिया कि पत्र को नजरंदाज कर मैरिट पर ही प्रवेश दिया जाए. परिणामतः आदि को स्कूल मंे प्रवेश नही मिलता है. अय्यन को लगता है कि वह दलित है, इसलिए ब्राम्हण कुल के डाॅ. आचार्य ने इस तरह उसका अपमान किया है. अपने अपमान में जल रहे अय्यन अपनी अपमान जनक कहानी विकसित कर अपने 10 वर्षीय साधारण बुद्धि के बेटे आदि को झूठ का सहारा लेकर एक गणितीय प्रतिभा के रूप में समाज के सामने लाता हैै. आदि को सिंगापुर के विज्ञान संस्थान से पुरस्कृत किया जाता है, तब उसी स्कूल की प्रिंसिपल खुद आदि को बुलाकर अपने स्कूल में प्रवेश देती है. अय्यन अपने बेटे आदि को हथियार बना, उसे रटाते हुए शिक्षकों को भी मात देता रहता है, तो वहीं आदि अपने आश्चर्यजनक गणित- सुलझाने के कौशल के साथ प्रिंसिपल का संरक्षण प्राप्त करता है. इधर अय्यन अपने तरीके से आदि को गणित व विज्ञान में महारथी साबित करता रहता है, जिसके चलते एक दिन स्कूल की प्रिंसिपल, अय्यान से कहती है कि वह अपने संस्थान के चपरासी की तरह क्रिश्चियन धर्म को स्वीकार कर ले, तो उसे कई तरह की आर्थिक व अन्य सुविधाएं मिल सकती हैं. पर अय्यन इसे ठुकरा देता है. अच्छी शिक्षा और प्रतिभा इंसान को न सिर्फ बेहतर जीवन जीने योग्य बनाती है, बल्कि उसे जातिवाद के चक्रब्यूह को भी तोड़ने में मदद करती है. मगर अय्यन तो कुछ और ही सोच के साथ कदम आगे बढ़ता है.
अय्यन को पता है कि पीड़ित कार्ड को खेलकर वह क्या कर सकता है, पर इसी खेल में वह खुद को कब वास्तविकताओं से कोसो दूर लेकर चला जाता है, इसका अहसास उसे भी नहीं हो पाता. आदि की बनावटी प्रतिभा कौशल का प्रभाव मीडिया और राजनेताओ पर भी है. क्षेत्र के नेता केशव(संजय नार्वेकर) और उनकी एमबीए पास बेटी अनुजा (श्वेता बसु प्रसाद )अपने निजी स्वार्थ के चलते आदि के कौशल का उपयोग करते हैं. एक दिन ऐसा आता है, जब अय्यन, बदले की आग में जलते हुए डां आचार्य को नौैकरी से निकलवाने में कामयाब हो जाते हैं. क्योंकि डाॅं आचार्य का माइक्रो एलियन व ब्लैक होल की खोज भी झूठ का पुलंदा ही होता है. उसके बाद कहानी में कई मोड़ आते हैं. अंततः एक दिन यह झूठ अय्यन मणि व आदि दोनांे के नियंत्रण से बाहर हो जाता है.
निर्देशनः
बतौर निर्देशक सुधीर मिश्रा ने लंबे सम बाद पुनः वापसी की है और वह एक बार फिर इस बात को साबित करने में सफल हो रहे हैं कि उनके अंदर की आगे ठंडी नही हुई है. उन्हे आज भी सामाजिक बुराइयों और भेदभाव का अहसास है, जिस पर वह कटाक्ष करने से नहीं चुकेंगे. सुधीर मिश्रा उन फिल्म फिल्मकारों में से हैं, जिन्हे राजनीति की अच्छी समझ है. जाति-आधारित आरक्षण, पिता पुत्र का संबंध, राजनीति सहित हर मुद्दे पर सुधीर मिश्रा ने अपनी विचारधाराओं को अच्छी तरह से गढ़ने में सफल रहे हैं. अपनी पिछली फिल्मों के ही तर्ज पर ‘‘सीरियस मेन’’उन्होने एक बार फिर गरीब व बीडीडी चाल की खोली में रहने वालों की महत्वाकांक्षाओं और उनके दमन को रेखांकित किया है. वहीं निर्देशक ने अपनी फिल्म के माध्यम से सवाल उठाया है कि अपनी महत्वाकांक्षाओ व खुशी को पाने के लिए अपने बेटे के बचपन को हथियार के तौर पर उपयोग करना कितना जायज है?यह सुधीर मिश्रा के निर्देशन की ही खूबी है कि फिल्म संदेश देेने के साथ ही मनोरंजन भी करती है.
फिल्म की एक खासियत यह है कि क्रूर समाज का सर्वाधिक प्रभाव झेलने वाला आदि अंततः लड़खड़ाने लगता है, पर वह अपने चरित्र दोष को बचाने का प्रयास नही करता.
फिल्म में अनावश्यक रूप से सेक्स दृश्य व कुछ अवांछित अश्लील संवादों को पिरोया गया है, यदि फिल्मकार इससे ख्ुाद को बचा लेते तो यह फिल्म पूरे परिवार के साथ देखी जा सकती.
फिल्म में कुछ प्रतीकात्मक दृश्य काफी बेहतरीन बन पड़े हैं. मसलन-अय्यन द्वारा कब्जा किए हुए कबूतरों को पिंजड़े से मुक्त करना, पर भारी बारिश के चलते कबूतरों का पुनः वापस आ जाना. यह दृष्श् इस बात का प्रतीक है कि कैसे खुद को मुक्त करने के बावजूद अय्यन मणि अभी भी फंसे हुए हैं.
नवाजुद्दीन सिद्दीकी बेहतरीन अभिनेता हैं, इसमें कोई षक नही रहा. अय्यान के गुस्से को जिस तरह से वह परदे पर उकेरते हैं, उससे हर किसी को उनसे हमदर्दी हो जाती है. ओजा के किरदार में इंदिरा तिवारी का अभिनय भी अच्छा है. वैसे इंदिरा तिवारी के हिस्से फिल्म में करने के लिए बहुत कम आया है. बाल कलाकार अक्षय दास ने आदि के किरदार में जान डाल दी है. फिल्म का असली स्टार तो वही है. डाॅ. अरविंद आचार्य के किरदार में नासर याद रह जाते हैं. राजनेता केशव के किरदार में संजय नार्वेकर और उनकी बेटी अनुजा के किरदार में श्वेता बसुप्रसाद अपने अभिनय की छाप छोड़ जाते हैं.
शादी हो या कोई खास अवसर गहने सभी महिलाओं को पसंद है और हो भी क्यों न? परिधान के साथ गहने ही महिला को और अधिक खूबसूरत बनाते है, पर आजकल महिलाओं का शौक फैशनेबल गहनों की ओर अधिक जा रहा है, इसकी वजह सोने के गहनों के बढ़ते दाम है. ये गहने आजकल कारीगर हूबहू गोल्ड के गहनों की तरह बनाते है. उसकी डिजाइनिंग, पोलिशिंग पूरी तरह से सोने की गहनों की तरह होते है. नए डिजाईन को क्रिएट करने के लिए पूरी टीम उस पर पूरे साल काम करती है और ये केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में चर्चित गहनों के ट्रेंड को देखकर बनाती है. खासकर औफिस और कौलेज में जाने वाली लडकियां इस तरह के गहनों को अधिक पसंद करती है. इतना ही नहीं आज वेडिंग में दुल्हने भी ऐसे गहनों को अलग-अलग सेरिमोनी के साथ मैच करते हुए पहनना पसंद करती है.
इस बारें में वोयला के ज्वेलरी एक्सपर्ट अभिषेक तिवारी बताते है कि आजकल फाइन ज्वेलरी और गोल्ड की ज्वेलरी को लाकर के गहने कही जाती है, क्योंकि इसे लोग पहन कर कही जाने से घबराते है. ये ज्वैलरी काफी महंगे होते है. जब वे ट्रेवल करते है, डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए, तो उन्हें नए गहनों की तलाश अधिक होती है. इसके अलावा एक बार सोशल मीडिया पर आने वाली किसी भी गहने को वे पहनना पसंद नहीं करती. फैशन ज्वेलरी में हर अवसर के लिए गहने मिलते है. मसलन प्री वेडिंग ज्वेलरी, संगीत, मेहन्दी, शादी के दिन के अलावा हनीमून के लिए रिसोर्ट वेयर कलेक्शन आदि सभी अलग-अलग तरह के गहने मिलते है. ये अलग और कंटेम्पररी होते है,जिसे सभी महिलाएं पसंद करती है. इसमें मैसिव चोकर, थ्री डी हेयर बैंड,पटियाला नेकलेस, मांगटीका, रिंग्स आदि सभी ट्रेंड में है.
दरअसल ये गहने ओरिजिनल लगे, इसके लिए कारीगर को बहुत मेहनत करनी पड़ती है, इसकी मेकिंग रियल की तरह ही होती है. इस बारें में अभिषेक का आगे कहना है कि इन गहनों को बनाने वाले सभी कारीगर फाइन ज्वेलरी बनाने वाले होते है, वैसी ही लुक आये, इसके लिए वे उसी तरह के सेमी प्रिसियस स्टोन का प्रयोग करते है, जो दिखने में रियल लगता है. करीब तीन हज़ार डिजाईन ज्वेलरी की है, जिसमें अधिकतर महिलाएं है. इसके अलावा ज्वेलरी ब्रास, सिल्वर या अलॉय बेस होने से स्किन के लिए अच्छा होता है. किसी प्रकार की एलर्जी का डर नहीं रहता.
वर्किंग वुमन के लिए ओक्सिडाइज गहने भी आज ट्रेंड में है, जिसे कभी भी कही भी पहना जा सकता है. सभी तरह के पहनावे के साथ सही रहता है. ये डेनिम के साथ भी जाता है. कुछ ज्वेलरी में महिला ऐड कर गहने को हैवी बना सकती है या कुछ में इसे कम कर अवसर के अनुसार हल्का बनाकर पहन सकती है.इस तरह की सारी सुविधायें ऐसे गहनों में आजकल मिलने लगी है. वेडिंग के मौसम में ख़ासकर डोली कलेक्शन की मांग अधिक है, इसकी कारीगरी बहुत अलग होती है. इसे सूट, लहंगा और साड़ी किसी के साथ भी पहना जा सकता है. कपड़े अगर हैवी है, तो गहने हलके पहनने से अधिक अच्छा लगता है. आजकल ब्राइडल में पेस्टल रंग फैशन में है. शैम्पेन कलर के गहने ऐसे पोशाक के साथ आसानी से मैच कर जाते है, बहुत अधिक चमक धमक वाले गहने और परिधान फैशन में नहीं है, क्योंकि आज की दुल्हन किसी भी गहने और पोशाक को शादी के बाद भी पहनना पसंद करती है.
इसके अलावा टेम्पल ज्वेलरी भी आजकल ब्राइडल फैशन में अधिक है, इसे बनाते वक़्त किस बात का ध्यान रखना पड़ता है पूछने पर अभिषेक बताते है कि टेम्पल ज्वेलरी दक्षिण भारत से आया है और दक्षिण के ब्राइड ही नहीं बल्कि पूरे भारत में इसे पहनना दुल्हन पसंद कर रही है. ये सिल्क की साड़ी और कांजीवरम के साथ अच्छी लगती है. टेम्पल ज्वेलरी डल मैट फिनिश गोल्ड पर होती है. उसमें लक्ष्मी, गणेश आदि की मोटिफ्स होती है,जो दुल्हन की लुक को सबसे अलग बनाती है.
बौलीवुड एक्ट्रेसेस जितना अपने काम के लिए समय निकालना जानती हैं उतनी ही अपनी फैमिली के साथ क्वौलिटी टाइम भी बिताना जानती हैं. वहीं आम महिलाओं की बात करें तो वे अपने बच्चों और घरगृहस्थी के बीच बैलेंस बनाने में लगी रहती है. इस कशमकश में कई बार वह मेंटली डिस्टर्ब हो जाती हैं. उनमें चिड़चिड़ापन बढ़ने लगता है, जो कई बार उसे परिवार और बच्चों से दूर ले जाता है. पर आज हम आपको कुछ ऐसी सेलेब्स मौम्स के बारे में बताएंगे जो फिट रहने के साथ-साथ अपनी फैमिली को भी समय देती हैं. साथ ही अपनी खुबसूरती का भी ख्याल रखती हैं.
बौलीवुड मौम्स में इन दिनों एक्ट्रेस करीना कपूर खान और उनके बेटे तैमूर खान लोगों के बीच काफी पौपुलर हैं. करीना अपनी फिल्मों को लेकर जितना बिजी रहती हैं उतना ही वह अपनी फैमिली और बेटे तैमूर के साथ वक्त बिताती हैं. हाल ही में करीना अपने पति सैफ अली खान के साथ बेटे को लेकर वेकेशन मनाती नजर आईं थीं. इसीलिए हर फैमिली को थोड़े-थोड़े वक्त में घर से बाहर घूमने जाना चाहिए ताकि उनकी फैमिली में एक खास रिश्ता हमेशा कायम रहे.
एक्ट्रेस सोहा अली खान भले ही बौलीवुड फिल्मों से दूर हों, लेकिन वे फिटनेस और रैम्प वौक का भी हिस्सा बनी रहती हैं. इसके बावजूद वे अपनी बेटी और पति के साथ टाइम स्पैंड करना नही भूलती. वे हर कोशिश करती हैं कि अपनी बेटी के साथ वे हर कदम पर रहें. इसीलिए महिलाओं को अपने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए ताकि वे तनाव से दूर रह सकें.
समीरा रेड्डी हाल ही में एक बेटी की मां बनी हैं, लेकिन इस बजह से वह अपने बेटे से बिल्कुल भी दूर नही हुईं हैं. वे हर तरह से अपने बेटे के साथ समय बिताना पसंद करती हैं ताकि उनके बेटे के अंदर अपनी बहन के लिए जलन का इमोशन न आए. इसीलिए अगर आप मा बनने वाली हैं तो भी अपने पहले बच्चे पर जरूर ध्यान देना चाहिए ताकि वे आपसे या फैमिली से दूर न हो जाए.
घर को सजाने के लिए जहां एक तरफ लोग टाइल लगाना पसंद करते हैं तो वहीं कुछ लोगों को घर पर मार्बल लगाना पसंद होता है लेकिन उनकी सफाई कैसे करें ये अपने आप में ही अलग काम है. कुछ लोग मार्बल पर पोछा लगाना ही सफाई करना समझते हैं, लेकिन ऐसा नही है. मार्बल अपेक्षाकृत नाजुक होता है. इसलिए इसे हमेशा नर्म कपड़े या स्पौन्ज से साफ करना चाहिए. इसीलिए आज हम आपको मार्बल को कैसे साफ करें इसकी कुछ आसान टिप्स बताएंगे…
1. मार्बल साफ करने के लिए लोहे के तार वाले ब्रश को इस्तेमाल न करें. मार्बल की सफाई विनेगर, नींबू जैसी चीज़ों से नहीं होती.
2.सामान्य तौर पर गुनगुने पानी से भीगे नर्म कपड़े से मार्बल के फ्लोर की सफाई की जा सकती है.
3. पोछा लगाते समय पानी को बदलते रहें, पूरे घर में एक ही पानी का इस्तेमाल न करें. इससे धूल साफ होने की बजाए मार्बल पर जम जाएगी.
4.पानी में बेकिंग सोडा मिला कर फर्श पर गाढ़ा पेस्ट लगा कर आधे घंटे के लिए छोड़ दें और फिर गीले कपड़े से इसे हल्के हाथों से रब कर के साफ कर लें. ऐसा करने से किसी भी प्रकार के दागधब्बे साफ हो जाते हैं.
5. तेल के दाग मिटाने के लिए कॉर्न स्टार्च लगा कर एक दिन लिए छोड़ दें. यह तेल सोख लेगा. बाद में गुनगुने पानी और साबुन के घोल से मार्बल की सफाई कर लें.
6. ज्यादा गंदे फर्श को हाइड्रोजन पैराक्साइड के इस्तेमाल से साफ़ किया जा सकता है. इस के लिए हइड्रोजन पैराक्साइड में भीगे कपड़े को दागधब्बों पर घुमा कर कुछ देर के लिए छोड़ दें. फिर साफ पानी से धो दें.
7. यदि मार्बल के फर्श पर तेल, घी या दूध गिर जाए तो उस की चिकनाई हटाने के लिए उस पर सूखा आटा छिड़क कर उस के चिकनापन को हटा सकते है.
आप बाजार में फ्लोर को कवर करने के लिए मिलने वाली खास किस्म की प्लास्टिक की मैट का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस से पूरे फ्लोर को कवर कर के रखें. गन्दा होने पर आप इस प्लास्टिक कवर को बहुत आसानी से साफ़ कर सकती हैं. इस तरह बिना ज्यादा मेहनत किये आप की फर्श हमेशा चमकती रहेगी.
अकसर यह कहा जाता है कि मेकअप से स्किन खराब हो जाती है, हर रोज मेकअप नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे स्किन पर उम्र झलकने लगती है, पिम्पल्स निकल जाते हैं. यहां तक कि रैशेस की भी प्रोब्लम हो जाती है. लेकिन अगर हम ठीक से मेकअप करें, ठीक तरह का मेकअप करें व कुछ बातों का ध्यान रखें तो मेकअप से कभी भी स्किन खराब नहीं होती है. जानते हैं इस बारे में ब्यूटी एक्सपर्ट भारती तनेजा से , कि मेकअप के दौरान हम किन चीजों का ध्यान रखें जिससे हम स्मार्ट भी दिखें और हमारी स्किन भी खराब न हो.
1. जब भी हम मेकअप करते हैं और उसे लंबे समय तक रखते हैं तो उससे पोर्स क्लोग हो जाते हैं. यह सच भी है. लेकिन अच्छा मेकअप वहीं होता है जिसमें हम पोर्स को पहले बंद करके मेकअप करते हैं. जैसे पहले मेकअप करने से पहले फेस पर स्किन टोनर लगाकर पोर्स को बंद करके फिर मेकअप लगाते हैं तो उससे मेकअप स्किन में नहीं जा पाता, जिससे स्किन खराब नहीं होती. बस इस बात का ध्यान रखें कि हर रोज मेकअप को रिमूव जरूर करें , इससे पोर्स क्लीन होने के साथ साथ आपकी स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है.
2. बहुत सी महिलाओं की यह शिकायत होती है कि मेकअप से उम्र ज्यादा लगनी शुरू हो जाती है और ये सच भी है. क्योंकि मेकअप स्किन को ड्राई कर सकता है. और अगर आपकी स्किन ड्राई होने लगेगी तो धीरे धीरे आपकी स्किन पर झुर्रियां पड़नी शुरू हो जाती है. लेकिन अगर आप जब भी मेकअप करें तो सबसे पहले स्किन को क्लीन करने के बाद मॉइस्चरीजे करें. क्योंकि अगर हम स्किन को अच्छे से मॉइस्चरिजे करके कुछ मिनट छोड़ देते हैं और उसके बाद प्री बेस लगाते हैं तो प्री बेस जो एक तरह का मॉइस्चराइजर ही होता है, तो उससे स्किन कभी ड्राई नहीं होती है. चाहे आप कितनी देर भी मेकअप क्यों न लगाए रखें. क्योंकि इसमें विटामिन इ व ए होता है , जिससे आपकी स्किन को पहले से ही विटामिन इ यानि मोइस्चर मिलना शुरू हो जाता है , जिससे स्किन के खराब होने के चांसेस ही नहीं रहते हैं.
3. अगर आप अपनी स्किन को अच्छे से मॉइस्टरीज़े करते रहती हैं तो आपकी स्किन में झुर्रियां पड़ने के चांसेस ही नहीं रहेंगे. मेकअप उतारने के बाद भी स्किन को अच्छे से नौरिश कर लें तो आपकी स्किन खराब नहीं हो सकती. इसके अलावा आप अच्छी क्वालिटी के ब्रांडेड प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें. क्योंकि उसमें पहले से ही विटामिन्स, विटामिन इ होते हैं. इससे स्किन को मेकअप के साथ साथ नौरिश्मेंट मिलता रहता है. इसलिए स्किन के खराब होने का डर ही नहीं रहता. आप अगर उसके ऊपर पाउडर भी अप्लाई करेंगे तो ऊपर से डॉयनेस आएगी न कि अंदर से. जैसे अगर आप कोई भी अच्छी लिपस्टिक अपने लिप्स पर अप्लाई करती हैं तो उसमें विटामिन इ होता है जो आपके लिप्स को कभी भी ड्राई नहीं होने देगा.
4. हम ऐसा सोचते हैं कि मेकअप लगाने से स्किन में पिंपल्स निकल आते हैं या फिर स्किन डैमेज हो सकती है. तो इसकी वजह यह होती है कि हम मेकअप करने के लिए जो ब्रशेज़ का इस्तेमाल करते हैं , उन्हें कभी साफ नहीं करते हैं. और जब ब्रश गंदे होंगे तो उनमें बैक्टीरिया होंगे जिससे इंफेक्शन होने के चांसेस रहेंगे. और इन्हीं गंदे ब्रशेज़ के कारण स्किन पर रैशेस होना या पिम्पल्स होना शुरू हो जाते हैं , क्योंकि ब्रशेज़ से आप इन्फेक्शन स्किन पर खुद ही जो फैला रहे हैं. साथ ही जब भी आप एक दूसरे का मेकअप ब्रश इस्तेमाल करें तो ब्रश क्लीन्ज़र से उसे जरूर साफ करें. इससे स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. साथ ही मेकअप प्रोडक्ट्स को सही तरीके से बंद करके रखें, जिन प्रोडक्ट्स को फ्रिज में रखना है उन्हें वहां रखें इससे स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.
5. जब भी मेकअप प्रोडक्ट खरीदें तो आपको अपनी स्किन का ज्ञान होना चाहिए. जैसे आपकी स्किन ड्राई है, ऑयली है या फिर कोम्बिनेशन स्किन है. क्योंकि अगर आप अपनी स्किन को देखकर मेकअप प्रोडक्ट्स खरीदते हैं तो ये आपकी स्किन को कभी भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है.
6. मौसम के अनुसार हमेशा मेकअप प्रोडक्ट्स को खरीदना चाहिए. जैसे सर्दियों में हमेशा सोफ्ट व ग्लोसी मेकअप प्रोडक्ट्स को खरीदना ही सही रहता है. और गर्मियों में हमेशा पाउडरी मेकअप ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आप ऐसा करेंगी तो कभी भी आपकी स्किन खराब नहीं होगी.
7. मेकअप प्रोडक्ट खरीदते वक्त कभी भी कंजूसी न करें. क्योंकि घटिया क्वालिटी के प्रोडक्ट्स को जब हम अपने फेस पर अप्लाई करते हैं तो वो फेस को खराब कर सकते हैं. जबकि अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट्स में जो इंग्रीडिएंट्स होते हैं उनसे स्किन पर किसी भी तरह की कोई एलर्जी नहीं होगी , क्योंकि उन्हें हर चीज़ को ध्यान में रखकर जो बनाया होता है. ब्रैंडेड प्रोडक्ट्स में हमेशा फाइन इंग्रेडिएंट्स का ही इस्तेमाल किया जाता है उनमें किसी तरह की मिलावट नहीं होती है. इससे स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है.
8. लौंग लास्टिंग मेकअप या वाटरप्रूफ मेकअप को हमेशा उसी के स्पेशल मेकअप क्लीन्ज़र से रिमूव करना चाहिए. उसे अप्लाई करते ही मेकअप आराम से रिमूव हो जाता है. रगड़ना नहीं पड़ता. क्योंकि अगर आपने वाटरप्रूफ आई मेकअप को साबुन से रिमूव करने के लिए आंखों को रंगड़ा तो आपकी आई लैशेस भी गिरनी शुरू हो सकती है. इसलिए हमेशा अच्छे मेकअप क्लीन्ज़र का ही इस्तेमाल करें. इससे आप मेकअप का मजा भी ले पाएंगी और कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होगा.
क्या सोडा वाटर को फेस वाश की तरह यूज किया जा सकता है?
जवाब-
जी हां, सोडा वाटर के इस्तेमाल से स्किन में अलग ही निखार आता है. यही वजह है कि यह महिलाओं के बीच सब से पसंदीदा ब्यूटी प्रोडक्ट बन गया है. सोडा में कार्बन डाईऔक्साइड मौजूद होता है, जिस के कारण बनने वाले बबल्स स्किन और पोर्स को अंदर तक साफ कर देते हैं. इस से डैड स्किन गायब हो जाती है. इस के साथ ही स्किन में कसाव भी आता है. 1 चम्मच सोडा वाटर में 1 चम्मच पानी मिला कर कौटन की मदद से चेहरे पर लगाएं. थोड़ी देर बाद चेहरे को साफ पानी से धो लें.
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औयली स्किन हो या ड्राई स्किन फेसवौश की जरूरत हर किसी को पड़ती है. आजकल के पौल्यूशन में फेस न धोयें तो यह स्किन को नुकसान पहुंचाता है और अगर किसी नौर्मल साबुन से फेस धोएं तो यह स्किन को डैमेज भी कर सकता है. इसलिए फेस के लिए फेसवौश जरूरी है. पर मार्केट में कई तरह के फेसवौश आ गए हैं, जो स्किन के लिए तो अच्छे होते हैं, लेकिन महंगे होते हैं. आज हम आपको कुछ सस्ते और अच्छे फेसवौश के बारे में बताएंगे जिसे आप मार्केट या औनलाइन खरीद सकते हैं.
1. हिमालया मौइस्चराइजिंग एलोवेरा फेसवौश
एंजाइम, पौलीसेकेराइड और पोषक तत्वों से भरपूर, यह फेसवौश स्किन को इफेक्टिव रूप से साफ, पोषण और मौइस्चराइज करने का काम करता है. मार्केट में 200 मि.ली. का हिमालय मौइस्चराइजिंग एलोवेरा फेस वौश आपको 128 रूपए में मिल जाएगा.