Raksha Bandhan 2020: फेस्टिवल के लिए परफेक्ट है ‘सिमर’ के ये फैशनेबल सूट

कलर्स के में आने वाले शो ‘ससुराल सिमर का’ में ‘सिमर’ के नाम से घर-घर में पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ स्टार प्लस के शो ‘कहां हम कहां तुम’ में एक टीवी अभिनेत्री का किरदार निभाते हुए नजर आईं. जिसमें डौक्टर रोहित सिप्पी यानी करण वी. ग्रोवर के साथ नोकझोक फैंस को काफी पसंद आई. वहीं दूसरी तरफ देखें तो उनका फैशन भी उनके फैंस के बीच पौपुलर हो रहा है. दीपिका के इंस्टाग्राम पर अगर देखें तो वे अपने लुक की हमेशा फोटो शेयर करती हैं. आज हम उनके उन्हीं फैशन के बारे में बात करेंगे. दीपिका अलग-अलग तरह के सूट में अक्सर नजर आती हैं. रक्षाबंधन आने वाला है, जिसके लिए आप सोच रही होंगी कि कौनसा सूट पहनें. आपकी इस प्रौब्लम के लिए दीपिका के ये सूट परफेक्ट औप्शन है.

1. मौनसून के लिए स्काई ब्लू कलर है परफेक्ट

आजकल लोग डार्क कलर पहनने से बचते हैं. मौनसून में स्काई ब्लू कलर परफेक्ट रहता है. अगर आप भी किसी पार्टी या फैमिली गैदरिंग का हिस्सा बनने जा रहे हैं तो दीपिका का ये सूट आपके लिए परफेक्ट रहेगा. आप इसे सिंपल पैंट के साथ कुर्ते के रूप में भी ट्राय कर सकते हैं और चाहे तो अनारकली फैशन की तरह भी ये सूट कैरी कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- पार्टी के लिए ट्राय करें ‘इश्कबाज’ की ‘अनिका’ के ये लहंगे

2. यैलो कलर है ट्रैंडी

 

View this post on Instagram

 

glowing this eid in this lovely sharara by @kalkifashion #eidmubarak

A post shared by Dipika (@ms.dipika) on

आजकल बौलीवुड हो या टेलीविजन एक्ट्रेसेस हर कोई यैलो कलर में नजर आ रहा है. अगर आप भी ट्रैंडी दिखना चाहते हैं तो ये लुक आपके लिए एकदम परफेक्ट है. आप दीपिका की तरह सबसे हटकर यैलो कलर को शरारा वाले लुक में भी ट्राय कर सकती हैं. ये आपके लुक को फैशनेबल और स्टाइलिश बनाएगा.

3. रेड कलर है पार्टी परफेक्ट

 

View this post on Instagram

 

Love for red ❣️

A post shared by Dipika (@ms.dipika) on

आजकल लोग सिंपल के साथ हैवी का कौम्बिनेशन रखना पसंद करते हैं आप भी दीपिका की तरह सिंपल रेड कलर के अनारकली को कैरी करके इसके साथ हैवी इयरिंग्स को पहन सकती हैं. ये आपके लुक को स्टाइलिश के साथ-साथ ट्रैंडी भी बनाएंगी.

ये भी पढ़ें- पार्टी के लिए परफेक्ट है टीवी की ‘नागिन’ के ये साड़ी लुक्स

4. ब्लू कलर करें फेस्टिवल में ट्राय

 

View this post on Instagram

 

With Freshness and Positivity blooming all around…. Lets Begin!!!!! ❤️❤️❤️❤️ #newbeginnings #excitement

A post shared by Dipika (@ms.dipika) on

अगर आप की शादी हाल ही में हुई है और आप कुछ सिंपल लेकिन अच्छा पहनना चाहती हैं तो दीपिका की ये ड्रेस आपके लिए बेस्ट औप्शन है. सिंपल बनारसी कपड़े वाला अनारकली सूट के साथ बनारसी पिंक कलर की चुनरी आपके लुक को ब्यूटीफुल बनाएगी.

बता दें, पिछले ही साल 23 फरवरी को दीपिका कक्कड़ ने शोएब इब्राहिम के साथ शादी की थी, जिसने उनके फैंस के बीच और मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थी.

स्नैक्स में परोसे Veg काठी रोल, ऐसा स्वाद जो कभी भूलेंगे नहीं आप

जबसे हमारे देश में कोरोना वायरस महामारी ने दस्तक दी है तब से लोगों ने तो स्ट्रीट फ़ूड से तौबा ही कर ली है.पहले के मुकाबले लोग अब बाहर का कुछ भी खाने से पहले सौ बार सोचते है.इस महामारी ने न जाने कितने chef को जन्म दिया है.अब लोग बहार का जंक फ़ूड न खा कर घर में कुछ नया try करने की सोचते रहते है.और कहीं न कहीं ये सही भी है.क्योंकि बाहर का स्ट्रीट फ़ूड ज्यादातर unhealthy और unhygienic होता है.ये खाने में तो स्वादिष्ट होता है पर इससे हमारे शरीर की immunity पर काफी बुरा असर पड़ता है.

इस महामारी से हमें एक चीज़ जरूर सीखनी चाहिए की जितना ज्यादा हो सके बाहर का कुछ भी खाने से खुद को और अपने परिवार को बचाना चाहिए. तो चलिए आज कुछ नया try करते है जो खाने में स्वादिष्ट भी हो और healthy भी.आज हम बनायेंगे veg काठी रोल .इसे बनाना बहुत ही आसान है. ये बहुत ही फेमस स्ट्रीट फ़ूड है. veg काठी रोल की एक खाशियत है की इसे बनाने में तेल का उपयोग बहुत कम होता है.आप चाहे तो इस रोल में मनचाही सब्जियां भी डाल सकते हैं.वैसे तो इसे बनाने में मैदे का प्रयोग होता है पर अगर हम इसे healthy बनाना चाहते हैं तो इसमें मैदे की जगह गेंहू के आटे का प्रयोग करेंगे.
तो चलिए बनाते है veg काठी रोल –

काठी रोल बनाने के लिए हमें चाहिए-

गेंहू का आटा -2 कप
रिफाइंड आयल या घी मोमन के लिए -2-3 स्पून
खाने वाला सोडा-1/4 tea स्पून
नमक- स्वादानुसार

Stuffing के लिए

प्याज -2 (बारीक लम्बाई में कटी हुई)
गाजर -1 (बारीक लम्बाई में कटी हुई)
शिमलामिर्च -2 (बारीक लम्बाई में कटी हुई)
अदरक और लहसुन का पेस्ट -1 tea स्पून (ऑप्शनल)
मटर -1 tablespoon
स्वीट कॉर्न-2 टेबल स्पून
पनीर-1 छोटा कप ( घिसी हुई)
ऑयल-1/2 tablespoon
विनेगर -2 tea स्पून (ऑप्शनल)
टोमेटो सॉस -3 teaspoon
सोया सॉस -1 tea स्पून (ऑप्शनल)
चाट मसाला-1 tea स्पून
पिसी लाल मिर्च-1/4 tea स्पून
नमक- स्वादानुसार

ये भी पढ़ें- शाम के नाश्ते में ऐसे बनाएं टेस्टी साबूदाना रोल

चपाती के ऊपर स्प्रेड करने के लिए हमें चाहिए-

पुदीने की पत्तियां-1 कप
हरे धनिया की पत्तियां-1/2 कप
हरी मिर्च-2
दही -1 ½
अदरक-1/2 इंच कटा हुआ
पिसा जीरा -1/2 छोटी चम्मच
काला नमक- ½ छोटी चम्मच
नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि-

1-सबसे पहले मिक्सर जार में पुदीने की पत्तियां,हरा धनिया,हरी मिर्च ,अदरक और थोड़ा सा पानी डालकर बारीख पीस ले.
2-अब एक कटोरी में दही ,डाले फिर उसमे तैयार किया हुआ धनिया और पुदीने का पेस्ट डालें .
3-अब उसमे पिसा हुआ जीरा ,काला नमक और स्वादानुसार सफ़ेद नमक डालकर अच्छे से फेट ले.
4-तैयार है दही और पुदीने की स्वादिष्ट चटनी.
5-इसको आप किसी भी स्नैक्स या स्टार्टर के साथ खा सकते है.

veg काठी रोल बनाने का तरीका

1-सबसे पहले एक बड़ा बॉउल ले. उसमे आटा,नमक और खाने वाला सोडा और ऑयल डालकर मिक्स कर लीजिये और थोड़े थोड़े पानी से सॉफ्ट आटा गूंथ लीजिए.

2- अब आटे को ढककर 1 घंटे के लिए रख दीजिये.अब दूसरी तरफ एक पैन में ऑयल गरम करे जब आयल गरम हो जाये तब उसमे प्याज डालकर हल्का भून लें .अब उसमे अदरक लहसुन का पेस्ट डाल कर अच्छे से मिला ले.

3 – अब इसके बाद इसमें सारी सब्जियां जैसे शिमला मिर्च,गाज़र,मटर ,स्वीट कॉर्न और घिसा हुआ पनीर डालकर 2 मिनट तेज़ आंच पर पकाए.याद रखें सब्जियों को ज्यादा नहीं पकाना है.

4-अब उसमे ऊपर से विनेगर,सोया सॉस ,नमक,पिसी लाल मिर्च और टोमेटो सॉस डाल कर अच्छे से भून ले.अब गैस बंद कर दे आपकी stuffing तैयार है.

5- चपाती बनाने के लिए अब गैस पर तवा गरम करे और आटे की लोई बनाकर उसे रोटी के साइज की बेल ले.रोटी के दोनों तरफ हल्का हल्का रिफाइंड या घी लगाकर उसे घुमाकर शेक लीजिए.
इस तरह सारी चपाती सेंक लीजिए.

6-अब हर चपाती के एक तरफ धनिया और पुदीने की चटनी अच्छे से फैलाकर लगा लीजिये और उसके ऊपर Stuffing रखकर उसपर ऊपर से चाट मसाला डाल कर उसे रोल कर लीजिये .तैयार है टेस्टी काठी रोल .आप इसे दही और पुदीने की चटनी के साथ या सॉस के साथ भी खा सकते है.

ये भी पढ़ें- घर पर बनाएं टेस्टी और हेल्दी लच्छा रोल

सरकार मालामाल जनता बेहाल

कोविड-19 के आंकड़ों के साथसाथ इस समय पैट्रोलडीजल के दामों के आंकड़े भी बेहद बुरी तरह बढ़ रहे हैं. सरकार तीनों फ्रंटों पर बुरी तरह फेल हुई, वास्तविक देश के फ्रंट की तो बात ही न करें.

देश में डीजल और पैट्रोल के दाम विदेशों में इन के दाम बढ़ने से ऊपर नहीं जा रहे, ये सरकारी करों के कारण ऊपर जा रहे हैं. जैसे अंगरेज और जमींदार अकाल में भी लगान वसूल करते रहे हैं, हमारी लोकप्रिय सरकार भी हर बात को मुमकिन करते हुए डीजल और पैट्रोल के माध्यम से खाली हुई जेबों से आखिरी पैसे भी झटक रही है. घरेलू गैस के दाम भी बढ़ रहे हैं.

सरकार कोशिश कर रही है कि राम मंदिर, धारा 370 और नागरिक संशोधन कानून से जो मालामाल उस ने आम जनता को किया है,

उस का एक हिस्सा तो वह वसूल ले. पैट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोतरी किस तरह आम आदमी की जेब पर भारी पड़ती है यह बताना जरूरी नहीं. ये अब विलासिता की वस्तुएं नहीं, आवश्यकताएं हैं, जिन से बचना संभव ही नहीं है. यह पूरे घर को हिला कर रख देने वाली वृद्धि है.

ये भी पढ़ें- एक बड़ी चुनौती

कोविड-19 की वजह से वैसे ही लोगों को अपने छोटेबड़े घरों में दुबक कर रहना पड़ रहा है. अब न मित्रों से मिलना हो रहा है

न रिश्तेदारों से और न ही पड़ोस के बागों में घूमना. अपने वाहन पर थोड़ा टहलना काफी सुरक्षित है

पर सरकार इस पर भारी टैक्स लगा कर इस सुख को भी छीन रही है.

सरकारी खजाने में पैसे की कमी है तो सरकारी बरबादी को बंद करना चाहिए. राजनीति और सरकारी नौकरी में लोग जाते ही इसलिए हैं कि वहां सरकार जनता का पैसा जम कर लुटाती है. सरकार की हिम्मत नहीं है कि वह अपने लोगों पर कोई अंकुश लगा सके. उसे तो वह जनता मिली हुई है, जो विरोध करनाभूल चुकी है. उसे धर्म का झुनझुना दे कर चुप कराना अब एकदम आसान है.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल: बच्चों में बढ़ता तनाव, डगमगाती परिवार की नाव

मिलिए ‘अनुपमा’ की ‘काव्या’ से, जो हैं मिथुन चक्रवर्ती की बहू

 फिल्म ‘सम्राट एंड कंपनी’ से चर्चित होने वाली अभिनेत्री मदालसा शर्मा चक्रवर्ती ने तेलगू फिल्म से अभिनय कैरियर की शुरुआत की है. विनम्र और हंसमुख मदालसा अभिनेत्री शीला शर्मा और निर्माता, निर्देशक सुभाष शर्मा की बेटी है. मदालसा को बचपन से अभिनय का माहौल मिला है. यही वजह है कि अभिनय के अलावा वह किसी और फिल्ड के बारें में नहीं सोच सकती थी. उन्होंने हर फिल्म में अपनी एक अलग पहचान बनाने की कोशिश की है. काम के दौरान मदालसा का परिचय अभिनेता मिठुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह से हुआ. प्यार हुआ और शादी की. वह अपनी शादी शुदा जिंदगी से बहुत खुश है, क्योंकि मिमोह एक केयरिंग पति है. मदालसा अभी स्टार प्लस की धारावाहिक अनुपमा में डेब्यू कर रही हैं, जिसमें वह काव्या जावेरी की भूमिका निभा रही है. शूटिंग के दौरान उन्होंने समय निकालकर बात की पेश है अंश. 

सवाल-कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सेट पर किस तरह की एहतियात बरती जा रही है?

सेट पर शुरू से तैयारी की जा चुकी है. अभी सेफ्टी को मुख्य रूप से ध्यान में रखा गया है. प्रोड्यूसर ने सारे एक्टर्स और क्रू के लिए जरुरी सेनिटाइजेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह से फोलो किया है. हर दो घंटे में चारों तरफ सेनिटाइज किया जाता है. सुबह काम पर आने और जाते सबका तापमान चेक किया जाता है. ओक्सिमीटर से ऑक्सिजन का लेवल देखा जाता है. पूरा दिन मास्क पहनकर रहना पड़ता है. केवल शूट के समय मास्क उतारकर दृश्य किये जाते है. इसके अलावा हम सब खुद का भी बहुत ख्याल रख रहे है.

सवाल-अनुपमा धारावाहिक में आपने एक मॉडर्न लड़की की भूमिका निभाई है, जिसे बॉस से प्यार हो जाता है, इसे आप कैसे लेती है?

ये कहानी बहुत रीयलिस्टिक है. कोई माने या न माने ऐसा कई ऑफिसों में होता है. पुराने दौर में अब हम नहीं है, जो सही है उसे ही लोग देखना पसंद भी करते है. धारावाहिके भी वैसी ही बनाई जाती है. पहले जैसी मनगढ़ंत कहानियों पर आज की पीढ़ी खुद से रिलेट नहीं कर सकती. कहनी वही दर्शकों को पसंद आती है, जिससे वे खुद को जोड़ सकें. इस शो में मेरी भूमिका हर एक इमोशन को दिखाती है, जिसे लोग पसंद कर रहे है. 

सवाल-इस भूमिका से आप अपने आप को कितना जोड़ पाती है?

जो नेचुरल एलिमेंट इसमें है उससे मैं अपने आपको जोड़ पाती हूं. मैं भी एक आत्मनिर्भर लड़की हूं. आज के खयालात है और परिवार के मूल्यों को भी समझती हूं. बहुत हद तक मैं इससे अपने आपको जोड़ पाती हूं, इसलिए करने में अच्छा भी लग रहा है.

ये भी पढ़ें- आखिर क्यों नेहा कक्कड़ को बनाने पड़े गोबर के उपले, Video हुआ Viral

सवाल-मिमोह से आप कब और कैसे मिली?

काफी सालों से हम एक दूसरे को जानते है. मेरी माँ अभिनेत्री शीला डेविड शर्मा काफी साल पहले मिमोह के साथ एक फिल्म की थी. उस दौरान एक इवेंट में मैं माँ के साथ गयी थी. वहां मेरी मुलाकात मिमोह से हुई करीब 7 से 8 साल पहले की बात है. हम दोनों दोस्त बने और हमारी एक अच्छी दोस्ती थी. एक समय बाद हम दोनों फिर एक बार मिले प्यार हुआ और शादी हुई. ये समय के साथ होता गया.

सवाल-मिमोह की खूबी, जिसे आप बहुत पसंद करती है?

वे बहुत अधिक केयरिंग स्वभाव के है और शुरू से ही उनका ये स्वभाव मुझे पसंद है. वह उनके पेरेंट्स से लेकर हम सभी की बहुत देखभाल करते है. बहुत अच्छे इंसान है. वही मेरे लिए सबसे बड़ी वजह उन्हें पसंद करना है. 

सवाल-क्या अभिनय के अलावा आपने कुछ और सोचा था?

मैंने बचपन से पेरेंट्स को फ़िल्मी माहौल में देखा है. मेरे पिता निर्माता निर्देशक है, इसलिए हमेशा फिल्मों को लेकर ही चर्चा चलती रहती थी. माँ भी अभिनय से जुडी थी. माहौल आसपास यही था, इसलिए बचपन से पैशन अभिनय करने का ही था. 

सवाल-दिग्गज कलाकार मिठुन चक्रवर्ती से आपका कभी मिलना हुआ, उनकी किस खूबी को आप सराहती है?

पहली बार जब मैं उनसे मिली थी, तो उन्होंने मुझसे पूछा था कि मैं उनके बेटे की जिंदगी में हमेशा के लिए शामिल हो सकती हूं या नहीं. ये बात उन्होंने अपने बेटे से भी पूछा था, जो मुझे अच्छा लगा था. वे बहुत वास्तविक इंसान है. बहुत विनम्र है, हर किसी से बहुत ही विनम्रता से बात करते है. वे मेरे डैड है और ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मैं कई बार उनसे मिली हूं. हर बार कुछ अच्छा सीखने को मिलता है. छोटी-छोटी चीजो का भी वे मेरे लिए ध्यान रखते है. जब भी हम कभी उनकी ग्रोथ को लेकर बात करते है, तो आज भी उनकी मेहनत और लगन को देखकर हम सभी चकित हो जाते है. इतना स्टारडम मिलने के बाद भी वह आज किसी काम को सही तरीके से करने के लिए बहुत मेहनत करते है और मैंने उनसे इसे सीखा है. इसके अलावा वे बहुत अच्छा खाना बनाते है. खाने की सुगंध इतनी अच्छी होती है कि मैं किचन के आगे ही घूमती रहती हूं और उस डिश को खाने का इंतजार करती हूं. 

सवाल-अपनी जर्नी से कितना संतुष्ट है?

ये धारावाहिक मेरी पहली शो है, पर मैंने 16 से 17 फिल्में की है. मैंने 16 साल की उम्र में पहली फिल्म की थी. तबसे लेकर आज तक काम कर रही हूं. जो भी काम आया में अपना सौ प्रतिशत कमिटमेंट दिया है. इसमें कुछ सफ़ल तो कुछ फिल्में असफल भी रही है, इसे मैं अपना डेस्टिनी मानती हूं. 

सवाल-दोस्ती आपकी नजर में क्या है और आज के तनाव भरे माहौल में एक अच्छा दोस्त कितना जरुरी है?

दोस्ती परिवार से ही शुरू होती है, जो आपकी भावनाओं और आपको समझ सकें, जिनसे आप कभी भी सहजता से बात कर सकते है और ऐसे लोग गिने-चुने ही होते है, जो बिना शर्तो के आपको प्यार करें. मेरे हिसाब से वही दोस्ती है. ऐसे लोगों की मौजूदगी आपके जीवन के लिए प्रमुख होती है. दोस्ती एक खूबसूरत रिश्ता है, जिससे आपको हर समस्या का समाधान मिलता है. पर्दे पर दिखाई गयी दोस्ती थोड़ी फ़िल्मी होती है. 

ये भी पढ़ें- शादी के 5 साल बाद रणबीर कपूर की इस एक्ट्रेस ने लिया तलाक, पढ़ें खबर

सवाल-क्या गृहशोभा के ज़रिये कोई मेसेज देना चाहती है?

महिलाओं को बहुत सारी शक्तियाँ मिली हुई है, वह बहुत कुछ सह सकती है. मजबूत और आत्मनिर्भर बने. सकारात्मक सोच रखें और जो भी काम आप खुद के लिए करना चाहे, उसे करते जाय. केवल महिला ही नहीं हर इंसान को खुद के अलावा दूसरों के बारें में भी सोचने की जरुरत है. 

रखें घर की सैल्फ रिस्पैक्ट का ध्यान

“देख आशिमा मेरा मुंह मत खुलवा. वरना तू जानती है मैं क्या कर सकता हूं, ” नीरज चीखा.

” क्या करोगे? करो जो करना है. मार डालोगे न और क्या कर सकते हो? तुम्हारी और तुम्हारे घर वालों की औकात जानती हूं मैं. गलियों के गुंडे तुम से ज्यादा अच्छे होंगे.”

” औकात की बात मत कर. तेरी बदचलन मां और नल्ले बाप की औकात बताऊं तुझे?’

” खबरदार जो मेरे मांबाप के लिए एक शब्द भी मुंह से निकाला.” गुस्से में आशिमा चीखी.

” क्या कर लेगी? बता क्या कर लेगी? तेरे बाप ने तेरे साथ भेजा ही क्या था? वह तो हम हैं धनसंपन्न, कुलीन वर्ग के लोग जो तुझे अपनी पत्नी का दर्जा दिया.”

” पत्नी बना कर कौन सा एहसान कर डाला? तुम्हारे जैसे जानवर के साथ ब्याहने से अच्छा था बिनब्याही मर जाती,” कह कर आशिमा जोरजोर से रोने लगी.

तब तक कमरे से मारपीट की आवाजें भी आने लगीं. आशिमा का रोना भी बढ़ गया.

आशिमा और नीरज के घर के बगल में रहने वाले अनिल वर्मा व्यंग से मुस्कुराए. पास से गुजरते अरविंद दास धीमी आवाज में हंसते हुए बोले,” इन लोगों का तो रोज का बस एक ही काम है. यही चीखनाचिल्लाना, मारपीट. पता नहीं कैसे लोग हैं. मेरा बस चले तो इन्हें कॉलोनी से चलता कर दूं. ”

” सच कह रहे हो भाई. ऐसे लोगों के साथ रहना कौन चाहता है? कोई सैल्फ रिस्पैक्ट ही नहीं है इन की ,” अनिल ने सहमति जताई.

आजकल सैल्फ रिस्पैक्ट की बहुत बात की जाती है. क्या है यह सैल्फ रिस्पैक्ट ? इस का सीधा सा अर्थ है खुद का सम्मान करना. पर इसे ईगो समझने की भूल न करें. ईगो का अर्थ होता है अहंकार यानी दूसरों के आगे खुद को बड़ा महसूस करना और अपना महत्व जताना. यह एक नकारात्मक भाव है. जबकि सैल्फ रिस्पैक्ट सकारात्मक भावना है. जब तक हम खुद अपना सम्मान नहीं करेंगे लोग हमें अहमियत नहीं देंगे.

ये भी पढ़ें- कामकाजी सास और घर बैठी बहू, कैसे निभे

सैल्फ रिस्पैक्ट केवल एक इंसान की ही नहीं होती बल्कि पूरे परिवार और घर की भी होती है. जब तक हम अपने घरपरिवार और रिश्तों को अहमियत नहीं देंगे, उन का सम्मान नहीं करेंगे, दूसरे लोग भी आप के घर की रिस्पैक्ट नहीं करेंगे.
आप के घर में यदि हमेशा तनाव रहता है और छोटीछोटी बातों पर झगड़े होते रहते हैं, घर के सदस्य एकदूसरे पर जोरजोर से चीखतेचिल्लाते हैं और एकदूसरे की इज्जत की धज्जियां उड़ाते हैं, गंदेगंदे इल्जाम लगाते हैं तो दूसरों की नजरों में आप के घर की और आप की कोई इज्जत नहीं रह जाती. क्यों कि ऐसी आवाजें जब घर के बाहर तक जाती हैं तो पड़ोसी व्यंग से मुस्कुराते हैं. लोग आप के घर को ले कर तरहतरह की बातें बनाते हैं. दरवाजे पर खड़े आगंतुक के दिल में भी आप के परिवार की नकारात्मक छवि बन जाती है. ऐसे में घर की रेस्पैक्ट कहां रह जाती है?

मान लिया आप बहुत बड़े घर के मालिक हैं. आप के घर में बहुत से काम करने वाले लोग जैसे नौकरनौकरानी, ड्राइवर, रसोईया, दरजी, सुरक्षा गार्ड आदि है. यदि ये लोग बाहर आप की बुराई करते हैं, दूसरों के आगे आप के स्वभाव की खामियां गिनाते हैं और आप को कंजूस, गुस्सैल, बददिमाग या सनकी जैसी उपाधियों से नवाजते हैं, आप के घर में होने वाले झगड़े सुना कर मजाक उड़ाते हैं तो संभल जाइए. कहीं न कहीं ये बातें बता रही हैं कि आप के घर की सैल्फ रिस्पैक्ट नहीं रखी जा रही है और इस के कसूरवार आप खुद हैं.

कैसे घटती है रिस्पैक्ट

कहा जाता है कि कोई इंसान कैसा है यह बात जाननी है तो उस के नौकर से पूछो. दरअसल ये गरीब और काम करने वाले लोग ही हैं जो आप को बहुत करीब से पहचानते हैं. यदि इन की नजर में आप के परिवार के लोग गिरे हुए इंसान हैं तो समझ जाइए कि आप सब अपने घर की रिस्पैक्ट खो चुके हैं.

यदि आप अपने सब्जी वाले से छोटीछोटी रकम के लिए झगड़ते हैं, दूसरों से सामान लेते समय जरूरत से ज्यादा मीनमेख निकालते हैं, लोगों के सामने अपने घरवालों जैसे पति, पत्नी, सास, ससुर, ननद आदि की बुराइयां करते हैं तो समझ जाइये कि ऐसी बातें सोसाइटी में आप के परिवार का सम्मान घटाती है.

माना आप ने अपने घर में महंगेमहंगे सामान ले रखे हों. इस से सोसाइटी में आप के परिवार का सम्मान तो बढ़ेगा लेकिन बहुत कम समय के लिए. असली सम्मान तो परिवार के सभी सदस्यों के घुलमिल कर रहने बड़ों का आदर करने, दूसरों की मदद करने और इमानदारीपूर्ण जीवन जीने में ही मिलता है. गलत कमाई से आप कितनी भी बड़ी बिल्डिंग तैयार कर लें मगर जब लोगों के आगे आप की असलियत आएगी तो आप के घर की इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी. इस के विपरीत ईमानदारी के बल पर कमाई गई इज्जत ही लंबी टिकती है.

ये भी पढ़ें- बेवफा पति: जब रंगे हाथ पकड़े पत्नी

आप सोसाइटी में भले ही खुद को बहुत उदार और आधुनिक दिखाने का प्रयास कर लें मगर यदि घर के किसी बच्चे द्वारा किसी गैर जाति में किए गए प्यार को आप स्वीकार नहीं कर पाते हैं तो आप कहीं से भी आधुनिक या उदार नहीं है. जब वही बच्चा घर से स्वीकृति न मिलने पर भाग कर अपने प्रेमी/प्रेमिका से शादी करता है तो सोसाइटी में आप के लाडले के इस कृत्य चर्चाएं होती हैं और आप के घर की रिसपैक्ट बहुत नीचे चली जाती है.

रिस्पैक्ट तो तब बढ़ेगी जब आप किसी भी जाति और स्टेटस की बहू या दामाद को स्वीकार कर एक आदर्श प्रस्तुत करेंगे.

इस कोरोनाकाल में या ऐसे ही किसी विपत्ति के समय यदि आप घर में काम करने वालों या दूसरे जरूरतमंदों की मदद करने की बजाय उन्हें झिड़कते हैं या दो बातें सुना कर निकाल बाहर करते हैं तो लोगों की नजरों में आप बहुत छोटे दिल के साबित हो जाएंगे. इस के विपरीत उन्हें धन या राशन की मदद दे कर आप दूसरों की तारीफ के पात्र बनेंगे. आप का परिवार भी इस रिसपैक्ट को महसूस कर संतुष्ट रह सकेगा .

मुझे कूल्हे में लगातार दर्द रहने लगा है?

सवाल-

युवावस्था में मेरा ऐक्सीडैंट हो गया था, जिस से मेरे कूल्हे के साकेट में फ्रैक्चर हो गया था. उस समय औपरेशन नहीं किया गया. इतने वर्षों तक मुझे कोई समस्या नहीं थी, लेकिन अब मुझे कूल्हे में लगातार दर्द रहने लगा है और चलनेफिरने में भी परेशानी हो रही है. बताएं क्या करूं?

जवाब

लगता है आप कूल्हे के जोड़ के पोस्ट ट्रामैटिक आर्थाइटिस के शिकार है. अपने कूल्हे का एक्सरे कराएं, बेहतर डायग्नोसिस के लिए एमआरआई और सीटी स्कैन भी कराएं. अगर समस्या गंभीर है तो हिप रिप्लेसमैंट सब से बेहतर समाधान है.

हिप रिप्लेसमैंट सर्जरी में हिप जौइंट के क्षतिग्रस्त भाग को सर्जरी के द्वारा निकाल कर धातु या अत्याधिक कड़े प्लास्टिक के इंप्लांट से बदल दिया जाता है. मिनिमली इनवैंसिव हिप रिप्लेसमैंट सर्जरी ने सर्जरी को काफी आसान और सरल बना दिया है, परिणाम भी बहुत बेहतर आते हैं और औपरेशन के बाद ठीक होने में अधिक समय भी नहीं लगता है.

ये भी पढें

आजकल के युवा जहां सलमान खान की तरह अपनी मसल्स बनाना चाहते हैं, वहीं युवतियां दीपिका पादुकोण और करीना कपूर खान जैसी सैक्सी फिगर पाना चाहती हैं. लड़कों में मसल्स और ऐब्स का क्रेज है तो लड़कियों में ब्रैस्ट, अंडर आर्म्स और हिप्स को ले कर क्रेज है, जिस की वजह से वे जिम जाती हैं.

सब से खास बात यह है कि उन को यह पता नहीं होता कि बौडी में फैट समानरूप से हर जगह बढ़ता और घटता है. इस को कम करने के लिए डाइटिंग करनी पड़ती है. इस के साथ ही बौडी को टोन करने के लिए ऐक्सरसाइज ही एकमात्र उपाय है. आप बोल्ड ऐंड ब्यूटीफुल शेप में बौडी को देखना चाहते हैं तो ऐक्सरसाइज जरूर करें. यह केवल बौडी को शेप ही नहीं देती बल्कि कई तरह की बीमारियों से भी शरीर को दूर रखती है.

सनी फिटनैस फैक्ट्री के सनी और सोनिया मेहरोत्रा कहते हैं, ‘‘युवावस्था में यदि शरीर अनफिट होता है, तो बाकी जीवन पर भी इस का प्रभाव पड़ता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- परफेक्ट फिगर के लिए एक्सरसाइज

वायरल और फेक मैसेज की सच्चाई जानने के लिए WhatsApp में आया नया फीचर, जानें क्या है खास

सोशलमीडिया का इस्तेमाल करके इन दिनों हर कोई मिनटों में ताजा जानकारी और न्यूज जान रहा है. लेकिन इसी आसानी के साथ वायरल और फेक न्यूज का दायरा भी बढ़ गया है. हर कोई बिना किसी खबर की सच्चाई जाने बगैर सोशलमीडिया प्लैटफार्म WhatsApp पर शेयर कर रहा है. पर अब WhatsApp ने लोगों को फेक न्यूज के कहर से बचाने के लिए एक नया फीचर लौंच किया है. आइए आपको बताते हैं क्या है इस फीचर में खास…

रिवर्स सर्च का फीचर से होगा फायदा

WhatsApp पर फेक वायरल मैसज से छुटकारा दिलाने के लिए एक नया फीचर लाया जा रहा है. दरअसल अब यूजर्स को रिवर्स सर्च का फीचर दिया जाएगा, जिसमें ये पता लगाया जा सकेगा कि वायरल मैसेज में कितनी सच्चाई है.

ये भी पढ़ें- 12वीं के बाद एग्रीकल्चर में कैसे बनाएं करियर

WhatsApp ने जारी किया स्टेटमेंट

WhatsApp ने एक इस फीचर को लेकर एक स्टेटमेंट भी जारी किया है. कंपनी ने इसे सर्च द वेब (Search the web) फीचर का नाम दिया है. WhatsApp ने अपने ऑफिशियल ब्लॉग में कहा है, ‘वॉट्सऐप मैसेज में दिए गए मैग्निफाइंग ग्लास को टैप करके डबल चेक के फीचर का पायलट आज से शुरू किया जा रहा है.’

इंटरनेट पर कर सकेंगे क्रौस चेक

फ़ीचर को यूज करने के लिए सिर्फ़ वॉट्सऐप से काम नहीं होगा. कंपनी ने कहा है कि ये फीचर आपको एक ऑप्शन देता है जिसके ज़रिए मैसेज को ब्राउज़र के ज़रिए अपलोड करना होगा और इसके बाद इंटरनेट पर उस मैसेज को क्रॉस चेक कर सकते हैं.

इन देशों में हो चुका है लौंच

वॉट्सऐप के मुताबिक़ ये नया फ़ीचर बीते दिन ब्राज़ील, इटली, आयरलैंड, मैक्सिको, स्पेन, यूके और यूएस में शुरू किया जा चुका है. वॉट्सऐप के एंड्रॉयड, आईओएस और वॉट्सऐप वेब में ये फीचर काम करेगा.

ये भी पढें- आरामदायक बेड पर सोने का अलग ही मजा है ! 

बता दें, सोशलमीडिया पर इन दिनों फेक न्यूज के चलते कई लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसके कारण सोशलमीडिया प्लैटफार्म पर फेक न्यूज से बचने के लिए कई एप लौंच किए गए.

हर्बल सप्लीमेंट की आवश्यकता

आजकल सप्लिमेट्स लेने का फ़ैशन सा बनता चला जा रहा है. किसी भी कैमिस्ट के पास,आसानी से उपलब्ध होने के कारण,लोग,आधी अधूरी जानकारी प्राप्त होते ही,सप्लिमेंट्स ( चाहे शरीर में इन की ज़रूरत हो या न हो) लेना शुरू कर देते है. दूसरे,हमें खाना खाने का समय नहीं होता या फिर, जो हम खाते हैं उससे ज़रूरी पोषण नहीं मिलता और हम ,सप्लिमेंट्स पर  निर्भर हो जाते हैं.

हर्बलिज्म अर्थात जड़ी-बूटी सम्बंधी सिद्धांत,वनस्पतियों और वनस्पति सारों के उपयोग पर आधारित एक पारम्परिक औषधीय या लोक दवा का अभ्यास.

1-सप्लिमेंट्स या आहार पूरक में  फफूंदीय या कवकीय तथा मधुमक्खी उत्पादों,साथ ही ख़निज,शंख-सीप और कुछ प्राणी अंगों को भी शामिल कर लिया जाता है.

2-ये ताक़त,धीरज,सुंदरता में सुधार,त्वचा,बाल और नाख़ून के स्वास्थ्य में सुधार,क़ब्ज़,दर्द और एनिमिया को दूर करने में सहायक सिद्ध होते हैं.

3-बहुत सारे उपभोक्ताओं का मानना है कि हर्बल सप्लिमेंट्स सुरक्षित हैं क्योंकि वे प्रकृतिक हैं .और इनके साइड इफ़ेक्ट्स नहीं होते.

ये भी पढ़ें- जानिए क्या होता है असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी

प्रश्न ये उठता है कि क्या वास्तव में हमें ,इन सप्लिमेंट्स की ज़रूरत है?प्रस्तुत है कुछ बातें,जिन्हें ध्यान में रखकर ही सप्लिमेंट्स लेने की शुरुआत करनी चाहिए

1-सप्लिमेंट्स की ज़रूरत हमें ,हमारे लाइफ़ स्टाइल के अनुसार होती है.जैसे,कितनी कैलोरी ख़र्च करते हैं ,कितना पौष्टिक आहार खाते हैं?

2-साधारणत: जो लोग शारीरिक श्रम ज़्यादा करते है,जिम में जाकर वर्ज़िश ज़्यादा करते है उन्हें अतिरिक्त प्रोटीन की ज़रूरत होती है .हर्बल सप्लिमेंट्स से,तगड़े और सिथैटिक पूरक के बिना ,प्रदर्शन,धीरज,शक्ति और माँसपेशियों को बेहतर और ऐथलीटों को प्राकृतिक रूप से बहुत अधिक बढ़ावा मिल सकता है( यदि अनुशंसित पाठ्यक्रम के अनुसार खाया जाय)

3-डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लिमेंट्स लेने की शुरुआत कभी नहीं करनी चाहिए.ओटीसी से ,अपनी मन मर्ज़ी से सप्लिमेंट्स लेकर खाना आपकी सेहत के लिए कभी कभी नुक़्सानदायक सिद्ध हो सकता है.

5-साधारण स्टेपल डायट लेने वालों को सप्लिमेंट्स की ज़रूरत नहीं होती है .

6-कुछ हर्बल सप्लिमेंट्स ,डाक्टर की दवा जैसे,ऐस्परिन के साथ लिए जायँ तो बुरी तरह नुक़्सान पहुँचा सकते हैं

7-शोधकर्र्ताओं ने पाया है कि कुछ सप्लिमेंट्स,उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं है. इससे विषाक़्तता,उल्टी,मतिभ्रम और आंदोलन सहित कई दुष्प्रभावो का अनुभव हुआ.मिलावट,अनुपयुक्त सूत्रिकरण,या वनस्पति और दावा की अंत:क्रिया के बारे में समझ की कमी से प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं,जो कभी कभी जीवन के लिए ख़तरा या घातक हो सकती हैं.

ये भी पढ़ें- साबूदाने को खाने के फायदे जानकर  हैरान रह जायेंगे आप

सार-स्वास्थ्य सम्बंधी जटिलताओं से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीक़ा यह है कि ऐसे भोजन से बचा जाय जो शरीर के लिए अच्छा नहीं है. जहाँ तक हो सके स्वस्थ ह्रदय और उत्तम जीवन के लिए अधिक से अधिक हरी सब्ज़ियां ख़ानी चाहिए,साथ ही व्यायाम और योग का भी सहारा लेना चाहिए.यदि सप्लिमेंट्स लेना ज़रूरी है तो डाक्टर से परामर्श अनिवार्य है.

सही समय पर: क्या मनोज की जिंदगी में पत्नी के खालीपन को समझ पाए उसके बच्चे?

कमलेश के साथ मैं ने विवाहित जिंदगी के 30 साल गुजारे थे, लेकिन कैंसर ने उसे हम से छीन लिया. सिर्फ एक रिश्ते को खो कर मैं बेहद अकेला और खाली सा हो गया था.

ऊब और अकेलेपन से बचने को मैं वक्तबेवक्त पार्क में घूमने चला जाता. मन की पीड़ा को भुलाने के लिए कोई कदम उठाना, उस से छुटकारा पा लेने के बराबर नहीं होता है.

आजकल किसी के पास दूसरे के सुखदुख को बांटने के लिए समय ही कहां है. हर कोई अपनी जिंदगी की समस्याओं में पूरी तरह उलझा हुआ है. मेरे दोनों बेटे और बहुएं भी इस के अपवाद नहीं हैं. मैं अपने घर में खामोश सा रह कर दिन गुजार रहा था.

कमलेश से बिछड़े 2 साल बीत चुके थे. एक शाम पापा के दोस्त आलोकजी मुझे हार्ट स्पैशलिस्ट डाक्टर नवीन के क्लीनिक में मिले. उन की विधवा बेटी सरिता उन के साथ थी.

बातोंबातों में मालूम पड़ा कि आलोकजी को एक दिल का दौरा 4 महीने पहले पड़ चुका था. उन की बूढ़ी, बीमार आंखों में मुझे जिंदगी खो जाने का भय साफ नजर आया था.

उन्हें और उन की बेटी सरिता को मैं ने उस दिन अपनी कार से घर तक छोड़ा. तिवारीजी ने अपनी जिंदगी के दुखड़े सुना कर अपना मन हलका करने के लिए मुझे चाय पिलाने के बहाने रोक लिया था.

कुछ देर उन्होंने मेरे हालचाल पूछे और फिर अपने दिल की पीड़ा मुझ से बयान करने लगे, ‘‘मेरा बेटा अमेरिका में अपनी पत्नी व बच्चों के साथ ऐश कर रहा है. वह मेरी मौत की खबर सुन कर भी आएगा कि नहीं मुझे नहीं पता. तुम ही बताओ कि सरिता को मैं किस के भरोसे छोड़ कर दुनिया से विदा लूं?

‘‘शादी के साल भर बाद ही इस का पति सड़क दुर्घटना में मारा गया था. मेरे खुदगर्ज बेटे को जरा भी चिंता नहीं है कि उस की बहन पिछले 24 साल से विधवा हो कर घर में बैठी है. उस ने कभी दिलचस्पी…’’

ये भी पढें- चमत्कार: क्या पूरा हो पाया नेहा और मनीष का प्यार

तभी सरिता चायनाश्ते की ट्रे ले कर कमरे में आई और अपने पापा को टोक दिया, ‘‘पापा, भैया के रूखेपन और मेरी जिंदगी की कहानी सुना कर मनोज को बोर मत करो. मैं टीचर हूं और अपनी देखभाल खुद बहुत अच्छी तरह से कर सकती हूं.’’

चाय पीते हुए मैं ने उस से सवाल पूछ लिया था, ‘‘सरिता, तुम ने दोबारा शादी क्यों नहीं की?’’

‘‘मेरे जीवन में जीवनसाथी का सुख लिखा होता तो मैं विधवा ही क्यों होती,’’ उस ने लापरवाही से जवाब दिया.

‘‘यह तो कोई दलील नहीं हुई. जिंदगी में कोई हादसा हो जाता है तो इस का मतलब यह नहीं कि फिर जिंदगी को आगे बढ़ने का मौका ही न दिया जाए.’’

‘‘तो फिर यों समझ लो कि पापा की देखभाल की चिंता ने मुझे शादी करने के बारे में सोचने ही नहीं दिया. अब किसी और विषय पर बात करें?’’

उस की इच्छा का सम्मान करते हुए मैं ने बातचीत का विषय बदल दिया था.

मैं उन के यहां करीब 2 घंटे रुका. सरिता बहुत हंसमुख थी. उस के साथ गपशप करते हुए समय के बीतने का एहसास ही नहीं हुआ था.

सरिता से मुलाकात होने के बाद मेरी जिंदगी उदासी व नीरसता के कोहरे से बाहर निकल आई थी. मैं हर दूसरेतीसरे दिन उस के घर पहुंच जाता. हमारे बीच दोस्ती का रिश्ता दिन पर दिन मजबूत होता गया था.

कुछ हफ्ते बाद आलोकजी की बाईपास सर्जरी हुई पर वे बेचारे ज्यादा दिन जिंदा नहीं रहे. हमारी पहली मुलाकात के करीब 6 महीने बाद उन्होंने जब अस्पताल में दम तोड़ दिया तब मैं भी सरिता के साथ उन के पास खड़ा था.

‘‘मनोज, सरिता का ध्यान रखना. हो सके तो इस की दूसरी शादी करवा देना,’’ मुझ से अपने दिल की इस इच्छा को व्यक्त करते हुए उन की आवाज में जो गहन पीड़ा व बेबसी के भाव थे उन्हें मैं कभी नहीं भूल सकूंगा.

आलोकजी के देहांत के बाद भी मैं सरिता से मिलने नियमित रूप से जाता रहा. हम दोनों ही चाय पीने के शौकीन थे, इसलिए उस से मिलने का सब से अच्छा बहाना साथसाथ चाय पीने का था.

मेरी जिंदगी अच्छी तरह से आगे बढ़ रही थी कि एक दिन मेरे दोनों बेटे गंभीर मुद्रा बनाए मेरे कमरे में मुझ से मिलने आए थे.

‘‘पापा, आप कुछ दिनों के लिए चाचाजी के यहां रह आओ. जगह बदल जाने से आप का मन बहल जाएगा,’’ बेचैन राजेश ने बातचीत शुरू की.

‘‘मुझे तंग होने को उस छोटे से शहर में नहीं जाना है. वहां न बिजली है न पानी. अगर मन किया तो तुम्हारे चाचा के घर कभी सर्दियों में जाऊंगा,’’ मैं ने अपनी राय उन्हें बता दी.

राजेश ने कुछ देर की खामोशी के बाद आगे कहा, ‘‘कोई भी इंसान अकेलेपन व उदासी का शिकार हो गलत फैसले कर सकता है. पापा, हमें उम्मीद है कि आप कभी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जो समाज में हमें गरदन नीचे कर के चलने पर मजबूर कर दे.’’

‘‘क्या मतलब हुआ तुम्हारी इस बेसिरपैर की बात का? तुम ढकेछिपे अंदाज में मुझ से क्या कहना चाह रहे हो?’’ मैं ने माथे में बल डाल लिए.

रवि ने मेरा हाथ पकड़ कर भावुक लहजे में कहा, ‘‘हम मां की जगह किसी दूसरी औरत को इस घर में देखना कभी स्वीकार नहीं कर पाएंगे, पापा.’’

‘‘पर मेरे मन में दूसरी शादी करने का कोई विचार नहीं है फिर तुम इस विषय को क्यों उठा रहे हो?’’ मैं नाराज हो उठा था.

‘‘वह चालाक औरत आप की परेशान मानसिक स्थिति का फायदा उठा कर आप को गुमराह कर सकती है.’’

‘‘तुम किस चालाक औरत की बात कर रहे हो?’’

‘‘सरिता आंटी की.’’

‘‘पर वह मुझ से शादी करने की बिलकुल इच्छुक नहीं है.’’

‘‘और आप?’’ राजेश ने तीखे लहजे में सवाल किया.

‘‘वह इस समय मेरी सब से अच्छी दोस्त है. मेरी जिंदगी की एकरसता को मिटाने में उस ने बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है,’’ मैं ने धीमी आवाज में उन्हें सच बता दिया.

‘‘पापा, आप खुद समझदार हैं और हमें विश्वास है कि हमारे दिल को दुखी करने वाला कोई गलत कदम आप कभी नहीं उठाएंगे,’’ राजेश की आंखों में एकाएक आंसू छलकते देख मैं ने आगे कुछ कहने के बजाय खामोश रहना ही उचित समझा था.

अगली मुलाकात होने पर जब मैं ने सरिता को अपने बेटों से हुई बातचीत की जानकारी दी तो वह हंस कर बोली थी, ‘‘मनोज, तुम मेरी तरह मस्त रहने की आदत डाल लो. मैं ने देखा है कि जो भी अच्छा या बुरा इंसान की जिंदगी में घटना होता है, वह अपने सही समय पर घट ही जाता है.’’

‘‘तुम्हारी यह बात मेरी समझ में ढंग से आई नहीं है, सरिता. तुम कहना क्या चाह रही हो?’’ मेरे इस सवाल का जवाब सरिता ने शब्दों से नहीं बल्कि रहस्यपूर्ण अंदाज में मुसकरा कर दिया था.

ये भी पढ़ें- फेसबुक का कारनामा: अंजलि ने अपने पति और बच्चों से कौनसी बात छिपाई थी?

सप्ताह भर बाद मैं शाम को पार्क में बैठा था तब तेज बारिश शुरू हो गई. बारिश करीब डेढ़ घंटे बाद रुकी और मैं पूरे समय एक पेड़ के नीचे खड़ा भीगता रहा था.

रात होने तक शरीर तेज बुखार से तपने लगा और खांसीजुकाम भी शुरू हो गया. 3 दिन में तबीयत काफी बिगड़ गई तो राजेश और रवि मुझे डाक्टर को दिखाने ले गए.

उन्होंने चैकअप कर के बताया कि मुझे निमोनिया हो गया है और उन की सलाह पर मुझे अस्पताल में भरती होना पड़ा.

तब तक दोनों बहुएं औफिस जा चुकी थीं. राजेश और रवि दोनों गंभीर मुद्रा में यह फैसला करने की कोशिश कर रहे थे कि मेरे पास कौन रुके. दोनों को ही औफिस जाना जरूरी लग रहा था.

तब मैं ने बिना सोचविचार में पड़े सरिता को फोन कर अस्पताल में आने के लिए बड़े हक से कह दिया था.

सरिता को बुला लेना मेरे दोनों बेटों को अच्छा तो नहीं लगा पर मैं ने साफ नोट किया कि उन की आंखों में राहत के भाव उभरे थे. अब वे दोनों ही बेफिक्र हो कर औफिस जा सकते थे.

कुछ देर बाद सरिता उन दोनों के सामने ही अस्पताल आ पहुंची और आते ही उस ने मुझे डांटना शुरू कर दिया, ‘‘क्या जरूरत थी बारिश में इतना ज्यादा भीगने की? क्या किसी रोमांटिक फिल्म के हीरो की तरह बारिश में गाना गा रहे थे.’’

‘‘तुम्हें तो पता है कि मैं ट्रेजडी किंग हूं, रोमांटिक फिल्म का हीरो नहीं,’’ मैं ने मुसकराते हुए जवाब दिया.

‘‘तुम्हारे पापा से बातों में कोई नहीं जीत सकता,’’ कहते हुए वह राजेश और रवि की तरफ देख कर बड़े अपनेपन से मुसकराई और फिर कमरे में बिखरे सामान को ठीक करने लगी.

‘‘बिलकुल यही डायलाग कमलेश हजारों बार अपनी जिंदगी में मुझ से बोली होगी,’’ मेरी आंखों में अचानक ही आंसू भर आए थे.

तब सरिता भावुक हो कर बोली, ‘‘यह मत समझना कि दीदी नहीं हैं तो तुम अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर सकते हो. समझ लो कि कमलेश दीदी ने तुम्हारी देखभाल की जिम्मेदारी मुझे सौंपी है.’’

‘‘तुम तो उस से कभी मिली ही नहीं, फिर यह जिम्मेदारी तुम्हें वह कब सौंप गई?’’

‘‘वे मेरे सपने में आई थीं और अब अपने बेटों के सामने मुझ से डांट नहीं खाना चाहते तो ज्यादा न बोल कर आराम करो,’’ उस की डांट सुन कर मैं ने किसी छोटे बच्चे की तरह अपने होंठों पर उंगली रखी तो राजेश और रवि भी मुसकरा उठे थे.

ये भी पढें- चेहरे की चमक: माता-पिता के लिए क्या करना चाहते थे गुंजन व रवि?

मेरे बेटे कुछ देर बाद अपनेअपने औफिस चले गए थे. शाम को दोनों बहुएं मुझ से मिलने औफिस से सीधी अस्पताल आई थीं. सरिता ने फोन कर के उन्हें बता दिया था कि मेरे लिए घर से कुछ लाने की जरूरत नहीं है क्योंकि मेरे लिए खाना तो वही बना कर ले आएगी.

मैं 4 दिन अस्पताल में रहा था. इस दौरान सरिता ने छुट्टी ले कर मेरी देखभाल करने की पूरी जिम्मेदारी अकेले उठाई थी. मेरे बेटेबहुओं को 1 दिन के लिए भी औफिस से छुट्टी नहीं लेनी पड़ी थी. सरिता और उन चारों के बीच संबंध सुधरने का शायद यही सब से अहम कारण था.

अस्पताल छोड़ने से पहले मैं ने सरिता से अचानक ही संजीदा लहजे में पूछा था, ‘‘क्या हमें अब शादी नहीं कर लेनी चाहिए?’’

‘‘अभी ऐसा क्या खास घटा है जो यह विचार तुम्हारे मन में पैदा हुआ है?’’ उस ने अपनी आंखों में शरारत भर कर पूछा.

‘‘तुम ने मेरी देखभाल वैसे ही की है जैसे एक पत्नी पति की करती है. दूसरे, मेरे बेटेबहुएं तुम से अब खुल कर हंसनेबोलने लगे हैं. मेरी समझ से यह अच्छा मौका है उन्हें जल्दी से ये बता देना चाहिए कि हम शादी करना चाहते हैं.’’

सरिता ने आंखों में खुशी भर कर कहा, ‘‘अभी तो तुम्हारे बेटेबहुओं के साथ मेरे दोस्ताना संबंधों की शुरुआत ही हुई है, मनोज. इस का फायदा उठा कर मैं पहले तुम्हारे घर आनाजाना शुरू करना चाहती हूं.’’

‘‘हम शादी करने की अपनी इच्छा उन्हें कब बताएंगे?’’

‘‘इस मामले में धैर्य रखना सीखो, मेरे अच्छे दोस्त,’’ उस ने पास आ कर मेरा हाथ प्यार से पकड़ लिया, ‘‘कल तक वे सब मुझे नापसंद करते थे, पर आज मेरे साथ ढंग से बोल रहे हैं. कल को हमारे संबंध और सुधरे तो शायद वे स्वयं ही हम दोनों पर शादी करने को दबाव डालेंगे.’’

‘‘क्या ऐसा कभी होगा भी?’’ मेरी आवाज में अविश्वास के भाव साफ झलक रहे थे.

‘‘जो होना होता है सही समय आ जाने पर वह घट कर रहता है,’’ उस ने मेरा हाथ होंठों तक ला कर चूम लिया था.

‘‘पर मेरा दिल…’’ मैं बोलतेबोलते झटके से चुप हो गया.

‘‘हांहां, अपने दिल की बात बेहिचक बोलो.’’

‘‘मेरा दिल तुम्हें जीभर कर प्यार करने को करता है,’’ अपने दिल की बात बता कर मैं खुद ही शरमा गया था.

पहले खिलखिला कर वह हंसी और फिर शरमाती हुई बोली, ‘‘मेरे रोमियो, अपनी शादी के मामले में हम बच्चों को साथ ले कर चलेंगे. जल्दबाजी में हमें ऐसा कुछ नहीं करना है जिस से उन का दिल दुखे. मेरी समझ से चलोगे तो ज्यादा देर नहीं है जब वे चारों ही मुझे अपनी नई मां का दर्जा देने को खुशीखुशी तैयार हो जाएंगे.’’

‘‘तुम सचमुच बहुत समझदार हो, सरिता,’’ मैं ने दिल से उस की तारीफ की.

‘‘थैंक यू,’’ उस ने आगे झुक कर मेरे होंठों को पहली बार प्यार से चूमा तो मेरे रोमरोम में खुशी की लहर दौड़ गई थी…

सही समय की शुरुआत हो चुकी थी.

ये भी पढ़ें- मैं स्वार्थी हो गई थी: बसंती के स्वार्थी मन को पक्की सहेली वसुंधरा ने क्यों

46 साल की उम्र में भी फैशन के मामले में किसी से कम नहीं हैं ‘गीता मां’

बौलीवुड सौंग्स उनके डांस का फैन हर कोई है. वहीं कोरियोग्राफर की बात की जाए तो गीता कपूर इंडिया के घर-घर में पौपुलर है.46 साल की उम्र में गीता अपने खुशनुमा मिजाज के लिए जानी जाती हैं. उनके चाहने वाले अक्सर शादी ना होने के बावजूद उन्हें गीता मां के नाम से भी पुकारते हैं. 15 की उम्र में फराह खान का ग्रुप ज्वॉइन करने वाली गीता कपूर ‘कुछ कुछ होता है’, ‘दिल तो पागल है’, ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘मोहब्ब्तें’, ‘कल हो न हो’, ‘ओम शांति ओम’ जैसी हिट फिल्मों में काम कर चुकी हैं. लेकिन आज हम आपको गीता कपूर के गाने या पर्सनल लाइफ की बजाय उनके फैशन के बारे में बताएंगे.

गीता कपूर अक्सर सूट या साड़ी में नजर आती हैं, जिसमें उनका लुक बेहद खुबसूरत लगता है. आज हम आपको गीता कपूर के कुछ लुक्स के बारे में बताएंगे, जिसे आप शादी हो या कोई सिंपल पार्टी, बिना किसी मुसीबत के कैरी कर सकती हैं.

1. रफ्फल ड्रेस को दें सूट का लुक

 

View this post on Instagram

 

READY … SET … SHOOT ..not forgetting SAFELY Here is the 3rd look after lockdown on our 3rd week resuming shoot for #indiasbestdancer @sonytvofficial @framesproductioncompany Thanking my special people for taking special care Outfit courtesy @aancchal Hair courtesy. @roshanbanker Makeup courtesy @raju_kondi_makeupartist Earrings courtesy @dazzlebyneha Footwear courtesy @chappersindia Pic courtesy and special thanks for also managing me @iru_shkh ❤️ #seagreen #printedanarkali #anarkali #geennet #simplenetdupatta #straighthair #yellowfootwear #accessories #rings #pastels #emerald #cutdiamonds #goldearrings #pearls #earringdrops #simple #indian #ethnic #indianwear #lens #glasses #shadesofgreen

A post shared by Geetakapur (@geeta_kapurofficial) on

अगर आप भी रफ्फल लुक ट्राय करना चाहती हैं तो गीता कपूर का फुल स्लीव वाली लौंग रफ्फल ड्रेस ट्राय करें. इस लुक को सूट का फील देने के लिए आप मैचिंग दुपट्टा कैरी कर सकती हैं, जो आपके लुक को खूबसूरत बनाएगा.

ये भी पढ़ें- सिंगिंग क्वीन नेहा कक्कड़ फैशन के मामले में भी नही है किसी से कम

2. सिंपल अनारकली लुक को बनाएं खास

अगर आपके पास भी कोई सिंपल अनारकली सूट है तो आप गीता की तरह हैवी एम्ब्रोयडरी के साथ हैवी इयरिंग्स कैरी करके खूबसूरत लुक पा सकती हैं.

3. प्रिंटेड लुक करें कैरी

अगर आपके पास सिंपल सूट है तो उसे ट्रैंडी लुक देने के लिए आप प्रिंटेड दुपट्टा कैरी कर सकती हैं. ये आपके लुक को खूबसूरत और स्टाइलिश बनाने में मदद करेगा.

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan 2020: कर्वी फिगर वाली लड़कियों के लिए परफेक्ट हैं विद्या बालन के ये लुक्स

4. शरारा लुक करें ट्राय 

अगर आप शरारा लुक की शौकीन हैं तो गीता कपूर की तरह हैवी एम्ब्रौयडरी वाले शरारा सूट के साथ  सिल्क पैटर्न वाला दुपट्टा ट्राय करें.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें