राणा दग्गुबाती-मिहिका बजाज की शादी की रस्में हुई शुरू, Photos Viral

फिल्म बाहुबली के भल्लालदेव यानी एक्टर राणा दग्गुबाती अपनी मंगेतर मिहिका बजाज से जल्द शादी करने वाले हैं. बीते दिनों सगाई की फोटोज ने सोशलमीडिया पर धमाल मचा दिया था, जिसके बाद अब शादी की रस्मों के शुरू होते ही फैंस भी फोटोज देखने के लिए बेकरार हैं. आज हम आपको साउथ स्टार राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज के हल्दी की रस्मों की कुछ फोटोज दिखाएंगे. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज…

 हल्दी की रस्मों हुई पूरी

बीती शाम राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज की हल्द की रस्मों को पूरा किया गया. इस दौरान साउथ का ये कपल एक साथ जमकर मस्ती करता नजर आया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटोज में हल्दी की रस्मों को खूब इंजौय करते नजर आ रहे हैं. वहीं राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज का ये रोमांटिक अंदाज फैंस को बहुत लुभा रहा है.

रोमांटिक फोटोज हुई वायरल

रस्मों के दौरान राणा दग्गुबाती और मिहिका बजाज एक साथ बैठे नजर आए. फोटोज में राणा दग्गुबाती, मिहिका बजाज की बात सुनकर खिलखिलाकर हंसते नजर आ रहे हैं, जिसे देखकर फैंस दोनों की जोड़ी की खूब तारीफें करते नजर आ रहे हैं.

 

View this post on Instagram

 

@miheeka for her #haldiceremony 💛 #southindianjewellery #southindianbride #ranadaggubati #rana #miheekabajaj #miheekaranawedding

A post shared by TheObsessedGal (@theobsessedgal) on

ये भी पढ़ें- समीर शर्मा सुसाइड: नहीं रहे ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के ‘शौर्य’, घर पर मिली डेड बॉडी  

इस लुक में नजर आया कपल

 

View this post on Instagram

 

All drenched in yellow hues of sunshine and happiness. 🌞 @miheeka ‘s full haldi look is here to awe you away, doesn’t she look astonishing in this pretty yellow outfit and her gorgeous beaded jewellery. 😍😍 . . . Mua @makeupartisttamanna Shot by @rohan.foto Backdrop handpainted and handwork gota by @blingmushrooms Florals by @dewdropdesignstudio Jewelry by @arpitamehtaofficial Outfit by Anand Kabra . . . #haldi #celeb #celebritywedding #indianweddings #weddings #ranadugabatti #wedding #weddingindia #ranadaggubati #miheekabajaj #ranawedding #hyderabadwedding #indianbride #bridalwear #bridalattire #bollywood #tollywood #tollywoodwedding #southasianwedding #southindianweddings #vivahamofficial

A post shared by Vivaham (@vivaham.official) on

हल्दी की रस्मों के दौरान मिहिका बजाज देसी अंदाज में पीले रंग के बहुत लहंगे में खूबसूरत लग रही थी तो वहीं राणा दग्गुबाती एकदम ट्रेडिशनल अंदाज में वाइट धोती और कुर्ते में नजर आए. साथ ही हल्दी की रस्मों का हिस्सा बनने से पहले मिहीका बजाज ने जमकर फोटोशूट करवाती नजर आईं.

 

View this post on Instagram

 

@miheeka for her #mehndi 🌸 @makeupartisttamanna #southindianbride #miheekabajaj #ranadaggubati

A post shared by TheObsessedGal (@theobsessedgal) on

फैंस को कहा शुक्रिया

 

View this post on Instagram

 

And life moves fwd in smiles 🙂 Thank you ❤️

A post shared by Rana Daggubati (@ranadaggubati) on

हल्दी की रस्मों को निभाने के बाद राणा दग्गुबाती ने सोशल मीडिया पर अपनी और मिहीका बजाज की एक फोटो शेयर करते हुए अपने दोस्त और फैंस को धन्यवाद कहा.

ये भी पढ़ें- मिलिए ‘अनुपमा’ की ‘काव्या’ से, जो है मिथुन चक्रवर्ती की बहू

बता दें, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच हो रही शादी में प्रोटोकौल का खास ध्यान रखा जा रहा है, जिसके चलते राणा दग्गुबाती की शादी में केवल 30 खास लोगों को ही शामिल होने का न्योता मिला है. वहीं सूत्रों की माने तो शादी में शामिल होने से पहले सभी मेहमानों का पहले कोरोना वायरस टेस्ट करवाया जाएगा. लेकिन फैंस को उनकी शादी का इंतजार है इसलिए दोनों अपनी शादी की फोटोज को सोशलमीडिया पर शेयर कर रहे हैं ताकि उनके फैंस नाराज ना हों.

40 की उम्र में इस भोजपुरी एक्‍ट्रेस ने किया सुसाइड, मरने से पहले किया था ये काम

बीते दिन यानी 6 अगस्त को ये रिश्ते हैं प्यार के सीरियल के एक्टर समीर शर्मा के सुसाइड करने से जहां फिल्म से लेकर टीवी इंडस्ट्री सदमे में है तो वही अब एक और सुसाइड के मामले ने फैंस को चौंका दिया है. खबरें हैं कि भोजपुरी एक्ट्रेस अनुपमा पाठक ने महज 40 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. कहा जा रहा है कि उन्होंने सुसाइड करके ये कदम उठाया है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

मुंबई में लगाई फांसी

खबरों की मानें तो एक्ट्रेस अनुपमा पाठक मुंबई स्थित अपने फ्लैट पर फांसी लगाकर जान दे दी है. अनुपमा की बॉडी उनके मुंबई के दहिसर स्थित घर में फंदे पर लटकी पाई गई. वहीं अनुपमा ने मौत से एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर लाइव के जरिए अपने फैन्स बात की थी.

सुसाइड नोट में कही ये बात

खबरों की मानें तो अनुपमा के फ्लैट से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने ये कदम उठाने के दो कारण बताए हैं. इस सुसाइड नोट में लिखा, ‘मैंने एक दोस्त की रिक्वेस्ट पर मलाड की विसडम प्रोड्यूसर कंपनी में 10 हजार रुपये निवेश किए थे. कंपनी को मेरे पैसे दिसंबर 2019 में वापस करने थे. कंपनी मेरा पैसा वापस करने में आनाकानी कर रही है.’

ये भी पढ़ें- समीर शर्मा सुसाइड: नहीं रहे ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के ‘शौर्य’, घर पर मिली डेड बॉडी  

आखिरी बार फैंस से की थी बातें

सुसाइड से पहले अनुपमा ने आखिरी बार अपने फैंस से फेसबुक लाइव में कहा था कि ‘अगर आप किसी पर भरोसा करके उसे अपनी प्रॉब्लम बताते हैं कि आप अपनी जान देने के बारे में सोच रहे हैं, तो वह आपका कितना भी अच्छा दोस्त क्यों न हो वह आपको उससे दूर रहने के लिए ही कहेगा. क्योंकि कोई भी नहीं चाहता कि मरने के बाद वह आपकी वजह से मुसीबत में न पड़ जाए. यही नहीं वह दूसरों के सामने न सिर्फ आपका अनादर बल्कि आपका मजाक भी उड़ाएगा. इसलिए कभी भी अपनी समस्याओं को किसी के साथ साझा न करें और कभी किसी को अपना दोस्त न समझें.’

आपको बात दें कि बिहार के पूर्णिया जिले की रहने वाली एक्ट्रेस अनुपमा ने भोजपुरी फिल्म और टेलीविजन में काम किया है, जिससे उन्होंने फैंस के बीच अपनी जगह बनाई है.

ये भी पढ़ें- मिलिए ‘अनुपमा’ की ‘काव्या’ से, जो है मिथुन चक्रवर्ती की बहू

पैसा रिश्तों में खटास की पहली वजह

किसी भी रिश्ते की मजबूती के लिए जरूरी होता है आपसी प्यार और विश्वास. जबकि पैसा आपसी प्यार और विश्वास पर चोट करता है, एकदूसरे के प्रति शक और दूरियों की वजह बनता है. तभी तो किसी भी रिश्ते के बीच अगर पैसा आ जाए तो समझिए रिश्तों में खटास का सिलसिला शुरू हो गया.

1. संबंधों पर पड़ता है प्रभाव

दिल्ली के तीसहजारी कोर्ट के वकील आलोक शर्मा का मानना है कि पैसा किसी भी मजबूत रिश्ते को कमजोर बना सकता है. वे कहते हैं, ‘‘पैसा शुरू से ही व्यक्ति की कमजोरी रहा है. यह पैसा ही है, जिस के लालच में व्यक्ति अपनों से भी विश्वासघात करने में कोई गुरेज नहीं करता.

‘‘बुजुर्ग मांबाप खुद के घर से बेटे द्वारा बेदखल किए जाने के बाद जब न्याय की आस लिए कोर्ट की शरण में आते हैं, तो पता चलता है कि पैसा किस तरह रिश्तों में खटास की वजह बनता है. कोर्ट में आएदिन लोग चैक बाउंस का केस दायर करने भी आते हैं और बताते हैं कि किस तरह उन्होंने मुसीबत के वक्त अपने करीबी को पैसे दिए और जब लौटाने की बारी आई तो विश्वासघात के शिकार बन बैठे. कल तक जिस रिश्ते में शहद घुला रहता था, पैसे के लेनदेन के कारण उस में खटास आ जाती है और बात कोर्टकचहरी तक पहुंच जाती है.’’

ये भी पढ़ें- लाइफ पार्टनर चुनने से पहले ध्यान रखें ये 8 बातें

2. खुद का विवेक जरूरी

ऐसे में सवाल यह उठता है कि पैसा और रिश्ते में से किसे ज्यादा अहमियत देनी चाहिए? मनोचिकित्सक समीर पारीख कहते हैं, ‘‘पैसों को ज्यादा अहमियत देना रिश्तों में दूरी की वजह बनता है. जब किसी विषम परिस्थिति में कोई दोस्त या नजदीकी रिश्तेदार पैसा उधार मांगे और पास में पैसे हों तो इनकार करना मुश्किल होता है. अब यह इस बात पर निर्भर करता है कि किसी व्यक्ति के लिए पैसा ज्यादा अहमियत रखता है या रिश्ता? हां, इस में कोई दोराय नहीं कि जो व्यक्ति सिर्फ पैसे को अहमियत देता है उस का जीवन और समाज को देखने का नजरिया बदल जाता है. मगर वक्त और परिस्थिति के मुताबिक पैसों का लेनदेन किसी व्यक्ति को खुद के विवेक से करना चाहिए.’’

वहीं चार्टर्ड अकाउंटेंट के. एल. चांडक के विचार अलग हैं. वे मानते हैं कि पैसा रिश्तों में खटास की वजह हो सकता है पर यह खटास तब होती है जब नीयत में खोट आ जाए अथवा पैसे के लिए मन ही बदल जाए. कभीकभी परिस्थितियां अनुकूल नहीं होतीं. हाथ में पैसे नहीं हों तो कर्ज लौटाने या चुकता करने में वक्त लगता है, इसलिए थोड़ा धैर्य रखना भी जरूरी होता है. मगर जब आप का कोई खास आप से थोड़े पैसे उधार मांगे तो देने से पहले यह सोच लेना बेहतर होगा कि अगर दिए पैसे वापस आ गए तो ठीक वरना जिस समय दें मान कर चलें कि वापस नहीं होंगे. इस से रिश्ते मधुर बने रहेंगे.

समीर पारीख कहते हैं, ‘‘देखिए, रिश्तों में खटास की वजह अगर पैसा बने तो इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि ऐसी नौबत ही न आए. इस के लिए खुद को न सिर्फ फाइनैंशियल बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनाएं.’’

3. खास वजहों का भी रखें ध्यान

– पैतृक संपत्ति की वजह से नीयत में खोट आ जाने से रिश्तों में खटास पैदा हो जाती है.
– पत्नी द्वारा फुजूलखर्च और पति पर पैसे के लिए दबाव खटास की वजह बनता है.
– दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ पैसे के लेनदेन से विवाद बढ़ता है और रिश्तों में खटास आ जाती है.

ये भी पढ़ें- 11 टिप्स: रिलेशनशप बनाएं बेहतर

4. क्या करें

– जितनी लंबी चादर उतने ही पांव फैलाने की नीति पर अमल करें.
– लालची रिश्तेदारों, दोस्तों से दूरी बनाए रखें.
– बजट का सही मैनेजमैंट आप को दूसरों से कर्ज लेने से रोक सकता है.
– इंश्योरैंस पौलिसी अथवा बैंक की बचत संबंधी स्कीम का लाभ उठाएं.
– अगर कर्ज लेनेदेने की आवश्यकता पड़े तो भी इस में धैर्य का होना जरूरी है. संयम खोने से पैसा और रिश्ता दोनों से ही हाथ धो सकते हैं.

मुझे पिछले कुछ समय से बल्जिंग डिस्क की समस्या है?

सवाल-

मैं 42 वर्षीय एक कंटैंट राइटर हूं. मुझे पिछले कुछ समय से बल्जिंग डिस्क की समस्या है. लौकडाउन के कारण पिछले 2-21/2 महीने घर से ही काम कर रहा हूं. लगातार कंप्यूटर पर काम करने और घर पर औफिस जैसा प्रोफैशनल सैटअप नहीं होने के कारण मेरी समस्या और बढ़ गई है. कृपया बताएं कि इस से बचने के लिए क्या करूं?

जवाब-

सब से पहले तो घर पर काम करने के लिए सही व्यवस्था करें. अपने ऐर्गोनामिक्स को सुधारें, ऐर्गोनामिक्स में आता है कि आप कैसे बैठें, कंप्यूटर की पोजीशन क्या हो. बोर्ड कहां हो, टेबल और कुरसी की हाइट कितनी हो. इस के अलावा एक ही जगह लगातार न बैठें, थोड़ीथोड़ी देर में बे्रक लें, उठें और चलें. बैठने और खड़े रहने के दौरान अपना पोस्चर ठीक रखें ताकि रीढ़ और डिस्क पर दबाव कम पड़े. हर दिन 20-30 मिनट ऐक्सरसाइज जरूर करें.

ये भी पढ़ें-

कोरोनाकाल ऐसा समय है, जिस की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. कोरोना वायरस का कहर इस प्रकार बरपा है कि मनुष्य जिसे सामाजिक प्राणी कहा जाता है, उसे ही समाज से दूरी बना कर रहना पड़ रहा है. यह ऐसा समय है जब समस्याएं भी नईनई हैं, तो उन के समाधान भी. कोरोना अभी इतनी जल्दी जाने वाला नहीं है. इसलिए कोरोनाकाल में लिए जा रहे कुछ फैसले भी अब लंबे समय तक साथ रहेंगे.

एक नजर डालते हैं विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे उन बदलावों पर जो आने वाले भविष्य में जीवन का अभिन्न अंग बनने वाले हैं.

डिजिटल क्रांति

लौकडाउन के समय विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनैट पर निर्भरता बहुत बढ़ गई है. कंप्यूटर, लैपटौप, मोबाइल फोन जीवन के अहम अंग बन कर सामने आए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लौकडाउन के दौरान इंटरनैट के प्रयोग में 13% की बढ़ोतरी हुई है.

नए धारावाहिकों की शूटिंग न होने से टीवी पर पुराने कार्यक्रम दोहराए जा रहे हैं. इस कारण मनोरंजन के लिए लोग इंटरनैट का सहारा ले रहे हैं. लगभग 1.5 करोड़ लोगों का नैटफ्लिक्स से जुड़ जाना इंटरनैट पर लोगों की निर्भरता दर्शाता है.

शिक्षा के क्षेत्र में औनलाइन क्लासेज की शुरुआत हुई है. शिक्षाविदों का मानना है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति अब दूर की बात नहीं है. भविष्य में इस बात पर विचारविमर्श कर शिक्षण का कुछ भाग कक्षा में तो कुछ औनलाइन करवाया जा सकता है.

इन दिनों विभिन्न कार्यालयों के अधिकतर कर्मचारी वर्क फ्रौम होम कर रहे हैं. प्राइवेट और सरकारी दोनों ही दफ्तरों में बैठकें गूगल हैंगआउट और जूम जैसे ऐप्स पर हो रही हैं. केंद्र व राज्य सरकारों के मंत्रियों की आपसी मीटिंग्स तथा विभिन्न इलाकों पर नजर रखने का कार्य भी औन लाइन किया जा रहा है. वीडियो कौन्फ्रैंसिंग का यह रूप एक सीमा तक भविष्य में भी अपनाया जाएगा. कार्यालयों में आए दिन की मीटिंग्स में खानेपीने व कर्मचारियों के ठहरने की व्यवस्था में काफी खर्च हो जाता था.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- कोरोनाकाल में अनुभव और बदलाव

बारिश के मौसम में जरूर बनाएं चटपटा राम लड्डू

बाजार में बर्गर, पिज्जा, पानी पूरी, चाऊमीन, मोमोज, टिक्की, राम लड्डू न जानें कितनी चीजें उपलब्ध हैं. खासकर बरसात में बाजार में मिलने वाले ये चीजें हाईजेनिक नहीं होती हैं. इस बरसात के मौसम में अगर कुछ चटपटा खाना का मन हो तो आप घर पर ही बनाए राम लड्डू. यह आसानी से बन जाते हैं.

सामग्री

अंकुरित चना दाल – 60 ग्राम

अंकुरित मूंग दाल – 200 ग्राम

भूना हुआ जीरा – 2 चम्मच

जीरा

तेल

धनिया – 1 चम्मच

अदरक का पेस्ट – 1 चम्मच

ये भी पढ़ें- शाम के नाश्ते में ऐसे बनाएं टेस्टी साबूदाना रोल

लाल मिर्च – 1/2 चम्मच

हींग – 1/8 चम्मच

नमक – 1 चम्मच

बेकिंग सोडा – 1/4 चम्मच

हरी चटनी – स्वाद अनुसार

इमली की चटनी, मूली और चाट मसाला – गार्निश के लिए

विधि

राम लड्डू बनाने के लिए आप सबसे पहले चने की दाल और मूंग दाल को तीन से चार घंटे के लिए पानी में भिगों कर रखें. अब दोनों दालों को ब्लेंडर में डालकर पीस लें और इसका पेस्ट तैयार कर लें. इसे एक बाउल में निकाल लें.

अब इसमें धनिया, जीरा, अदरक का पेस्ट, लाल मिर्च, हींग, नमक और बेकिंग सोडा डालकर अच्छे से मिला लें. अब एक पैन में तेल गर्म करें. तैयार किए हुए पेस्ट को पकौड़ों की तरह गर्म तेल में फ्राई कर लें. पकौड़ों को हल्का गोल्डन होने तक फ्राई करें.

इसके बाद इसे तेल से बाहर निकाल लें आपके राम लड्डू बनकर तैयार हैं. गार्निश करने लिए इस पर इमली की चटनी, हरी चटनी, मूली और धनिया डाल दें. राम लड्डू पर चाट मसाला डालकर सर्व करें.

ये भी पढ़ें- घर पर बनाएं टेस्टी और हेल्दी लच्छा रोल

क्या आप भी मास्क के अंदर सांस की बद्बू से परेशान हैं?

कोरोना वायरस एक ऐसी महामारी है जिसमें हम बिना मास्क लगाए बाहर निकलने की सोच भी नहीं सकते.  क्योंकि यह आपको और दूसरों को सुरक्षित रखेगा. लेकिन अब जब आप फेस मास्क पहन रहे हैं, तो क्या आप अक्सर अप्रिय गंध का शिकार होते हैं? हैरान हैं ?

अरे यह आपकी दुर्गंध वाली सांस है. हालांकि आपने पहले इस पर ध्यान नहीं दिया होगा. लेकिन अब जब आपकी सांस आपके चेहरे से टकरा रही है, तो गंध को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है.

शोध बताते हैं कि लगभग 80 मिलियन से अधिक लोग सांस की दुर्गंध से पीड़ित हैं. ज्यादातर मामलों में इसकी वजह  मसूड़ों और दांतों की सड़न है.

वैसे यह एक सामान्य स्थिति है और इसे रोकने के कई तरीके हैं. इन सुझावों के पालन से आप सांसों की बदबू से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती हैं और साथ ही अपने मुंह को दैनिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं.

हमारी सांसों से बदबू आने के क्या क्या कारण हो सकते हैं

  • अपने दांतो की अच्छे ढ़ंग से सफाई न करना भी बद्बूदार सांस का एक मुख्य कारण हो सकता है.
  • यदि आप कम पानी पीते हैं तो भी आप के मुंह की अच्छे से सफाई नहीं होती है जिस वजह से आपकी सांसों से बदबू आने लगती है.
  • आपके गले का बार बार सूखना.
  • स्वच्छता में कमी रखना.

ये भी पढ़ें- जानिए क्या होता है असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी

इन  कारणों की वजह से आपके मुंह में पेथॉजेनिक कीटाणु बहुत तेजी से बनने लगते हैं. जो आपकी सांसों को बदबूदार बनाते हैं. जब आप दिन में कई बार अपने मुंह को धोते हैं या ब्रश करते हैं तो आप उन सारे कीटाणुओं को भी अपने मुंह से बाहर निकाल देते हैं. जिसकी वजह से आपका मुंह व सांस स्वच्छ रहती हैं. लेकिन यदि आप ब्रश और कुल्ला करना बार बार पसंद नहीं करते हैं तो इन्हीं कीटाणुओं की अधिकता के कारण आपके मुंह से बद्बू आने लगती है.

इन टिप्स का करे पालन

बार बार पानी पिएं : आप को इस महामारी के दौरान यह सुनिश्चित करना है कि क्या आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं? आप को एक दिन में 6 से 8 लीटर पानी पीना होता है. इससे आपका गला भी नहीं सूखेगा. जिस वजह से आपकी सांसों से दुर्गंध भी नहीं आएगी और आपको मास्क लगाना भी मुश्किल नहीं लगेगा. यदि आप कोई ऐसे दवा खाते हैं जिससे आपका गला सूखता है तो आपको अवश्य ही पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए.

अधिक मीठा या तला हुआ भोजन न खाएं : यदि आप जंक फूड या ज्यादा मीठा खाना पसंद करते हैं तो यह भी आपकी सांसों को बद्बूदार बना सकता है. इसलिए जितना हो सके उतना तले हुए व मीठे खाने को अवॉइड करे. क्योंकि इनमें मौजूद कीटाणु आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं. ये न केवल मास्क में आपको सांस लेने में परेशान करते हैं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत नुकसान दायक हैं.

धूम्रपान न करें : धूम्रपान व तंबाकू न केवल आपकी सांसों में बदबू उत्पन्न करते हैं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है. आपको कम से कम धूम्रपान करना चाहिए या बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए. इससे आपको कैंसर, दांतो में समस्या व और भी बहुत तरह के जानलेवा रोग हो सकते हैं. स्वयं को इस वायरस से बचाने के लिए तंबाकू का सेवन बिल्कुल ही न करें.

ये भी पढ़ें- साबूदाने को खाने के फायदे जानकर  हैरान रह जायेंगे आप

6 टिप्स: लंबे समय तक टिकी रहेगी नाखूनों पर नेल पौलिश

खूबसूरत नेल पौलिश हमारे नाखून को और भी आकर्षक बनाते हैं. पर नेल पौलिश कुछ ही दिनों में नाखून पर से उतर जाती है या कलर छोड़ देती है और बार बार नेल पौलिश लगाना संभव नहीं हो पाता. इस समस्या से हम में से कई लडकियां परेशान हैं. अगर गहरे रंग की नेल पौलिश छूटने लगे तो वह बहुत ही खराब लगती है. लेकिन आप हर दिन वही नेल पौलिश तो नहीं लगाती फिरेंगी और ना ही घर के काम काज या खाना बनाना छोड देंगी. नेल पौलिश किस तरह से लंबे समय तक नाखूनों पर टिके इसके लिये आइये जानते हैं कुछ टिप्सः

1. साफ नाखूनों पर लगाएं

हमेशा नेल पौलिश को साफ नाखूनों पर ही लगाएं. इससे कोई फरक नहीं पडता कि आपने पहले कोई नेल पौलिश लगाई थी या नहीं. नाखून के आस पास का प्राकृतिक तेल, नेल पौलिश को ज्यादा समय के लिये ठहरने नहीं देती. इसलिये नाखूनों को अच्छे से साफ करें.

2. नाखून साफ करें

नया कलर कोट लगाने से पहले अपने नाखूनों को साफ करें. पुरानी नेल पौलिश को नेल रिमूवर से छुड़ा कर फाइलर से नेल को शेप करें. उसके बाद हाथों को साफ पानी से धोएं.

ये भी पढ़ें- मलाइका की तरह 40+ में स्किन का रखें ध्यान

3. रंग पसंद करें

अपने मूड और उत्सव के अनुसार नेल पौलिश का कलर पसंद करें. नेल पौलिश की बोतल को कुछ मिनट के लिये हिलाएं जिससे वह गाढ़ी हो जाए. इससे रंग आसानी से बाहर निकलेगा और नाखून पर अच्छी तरह से बिना किसी बबल के फैलेगा.

4. बेस कलर लगाएं

नेल पौलिश को देर तक रखने के लिये, एक कोट बेस का लगाएं, जो कि दिखने में ट्रांसपेरेंट होता है. इसको सूख जाने दें और फिर उसके बाद नेल पेंट लगाएं. अगर दूसरे कोट की जरूरत महसूस हो रही है तो दुबारा नेल पौलिश लगाएं और कुछ देर के लिये सूखने दें.

5. गाढ़ा कोट लगाने से बचें

गाढ़ा कोट लगाने से नेल पौलिश 2 ही दिनों में छूटने लगती है. इसलिये थोडी़-थोडी़ देर पर 2-3 कोट लगाइये जिससे नेल पौलिश कस के चिपक जाए.

ये भी पढ़ें- बेसन के इस्तेमाल से दूर करें ये 3 ब्यूटी प्रौब्लम

6. जरूरी है टौप कोट

नेल पौलिश लगा लेने के बाद बेस कोट से एक बार दुबारा नाखूनों को पेंट करें. इससे नेल शाइन करेंगे और नेल पौलिश मजबूती से लग भी जाएगी. बेस कोट को नेल पौलिश पर कई-कई दिनों पर लगा सकती हैं

9 Tips: कपड़ों से हटाएं Germs

हम चाहे घर में हो या फिर बाहर हर जगह कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस से न चाहते हुए भी संपर्क में आ ही जाते हैं. किसी जगह पर हाथ लगाने से, हवा में, खांसते हुए, छींकते हुए, किसी से हाथ मिलाते हुए, कोई चीज टच करते हुए, दीवार के सहारे खड़े होते हुए, किसी से गले मिलते हुए हमारा सामना जर्म्स से हो ही जाता है. ये जर्म्स हमारे कपड़ों पर भी चिपक जाते हैं और फिर यदि कपड़ों को अच्छी तरह क्लीन न किया जाए तो ये हमें बीमार भी बना सकते हैं. ऐसे में उन की खास केयर की जरूरत होती है, ताकि हम खुद को सेफ रख सकें. आइए, जानते हैं हम कैसे अपने कपड़ों को जर्मफ्री रख सकते हैं.

कपड़ों को इकट्ठा कर के न रखें

अधिकांश घरों में हफ्तेभर के कपड़े एकसाथ धुलने के लिए एक जगह जमा किए जाते हैं. मानसून के मौसम में इन कपड़ों में नमी आ जाती है जो जर्म्स को भरपूर पनपने का मौका देती है. कोरोना संक्रमण के दौर में तो यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है.

कुछ बैक्टीरिया तो ऐसे होते हैं जो उसी दिन मर जाते हैं, जबकि ई. कोली और सैल्मोनैला नामक बैक्टीरिया कुछ हफ्तों तक जीवित रहते हैं, वहीं स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया महीनों तक पनपते रहते हैं. इसलिए भूल कर भी कपड़ों को इकट्ठा कर के न रखें. इस से जर्म्स उन में पनप नहीं पाते और आप खुद को बीमारियों से बचा सकते हैं.

बच्चों के कपड़ों को अलग धोएं

बच्चों के कपड़ों की धुलाई का खास ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि वे जमीन पर खेलते रहते हैं, खिलौनों को अपने पास रख कर सोते हैं, गंदे हाथों को अपने कपड़ों से साफ करते हैं और न जाने कितनी ऐसी चीजों को छूते हैं, जहां गंदगी होती है. ऐसे में उन के कपड़े सब से ज्यादा जर्म्स के संपर्क में आते हैं. यदि आप उन के कपड़ों को दूसरे कपड़ों के साथ धोएंगी तो जर्म्स के दूसरे कपड़ों में भी जाने का डर बना रहता है. इसलिए उन के कपड़ों को अलग रखें और ऐसे लिक्विड या पाउडर से धुलें जिस में कैमिकल्स का ज्यादा इस्तेमाल न किया गया हो. कपड़े धोने के बाद किसी डिसइन्फैक्टैंट में कपड़ों को डिप जरूर करें.

ये भी पढ़ें- 12वीं के बाद एग्रीकल्चर में कैसे बनाएं करियर

बाहर से आने पर तुरंत कपड़े धोएं

जब भी आप बाहर से आएं तो जितना जल्दी हो सके आप अपने कपड़ों को धोएं. एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस काफी देर तक कपड़ों पर चिपका रहता है. यदि उन कपड़ों को बिना धुले दूसरे कपड़ों के साथ रख दिया जाए तो नमी पा कर यह वायरस और पनप सकता हे. जिस पर अगर हम ने ध्यान नहीं दिया तो हम वायरस के संपर्क में आ कर बीमार पड़ सकते हैं. इसलिए जितना जल्दी हो सके बाहर से आते ही अपने कपड़ों को डिसइन्फैक्टैंट मिले हुए पानी में डिप कर के कुछ देर के लिए छोड़ दें.

वाश का तरीका हो सही

आप अगर हाथ से कपड़े धो रही हैं तो आप बाल्टी में पानी डाल कर उस में डिटर्जैंट मिला कर थोड़ी देर के लिए उस में कपड़ों को भिगो कर रख दें, फिर उन्हें धोंएं. इस से सभी जर्म्स मर जाते हैं और अगर आप मशीन में कपड़े धोएं तो पहले मशीन को पानी से अच्छे से साफ कर लें, फिर कपड़ों को 10-15 मिनट अच्छे से डिटर्जैंट से धोएं और फिर उसे साफ पानी से वाश कर के ड्रायर करें. इस से कपड़े  अंदर तक अच्छे से साफ हो जाते हैं.

गरम पानी से कपड़े धोएं

सैंटर फौर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, हलके कुनकुने पानी से कपड़ों को धोएं, ताकि कपड़ों से जर्म्स पूरी तरह से मर जाएं. डिटर्जैंट हमेशा अच्छी क्वालिटी का ही यूज करें. इस बात का भी ध्यान रखें कि जिन कपड़ों को गरम पानी से नहीं धोने की सलाह दी जाती है उन्हें गरम पानी से बिलकुल न धोएं बस उन के लिए कपड़े धोने का सही तरीका अमल में लाएं.

टौवेल्स की खास सफाई

आप भूल कर भी गंदे टौवेल्स को बाकी कपड़ों के साथ न रखें, क्योंकि टौवेल्स बहुत मोटे होने के कारण उनमें बैक्टीरिया लंबे समय तक जीवित रहते हैं. बाथरूम और किचन टौवेल्स जो गंदगी के संपर्क में ज्यादा आते हैं उन में साल्मोनेला और ई. कोली बैक्टीरिया पनपने के कारण हमारी हैल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए जब भी इन्हें धोएं तो इन्हें पहले तो अलग ही रखें और जब धोएं तो इन्हें गरम पानी में डिटर्जैंट डाल कर आधा घंटा भिगो कर रख दें. इस के बाद इन्हें धोने से उस में मौजूद सभी बैक्टीरिया मर जाते हैं.

ब्लीच करें

ब्लीच गुड डिसइन्फैक्टिंग एजेंट के रूप में जानी जाती है. लेकिन हर तरह की ब्लीच कपड़ों पर इस्तेमाल नहीं की जाती. कपड़ों के लिए एक खास तरह की ब्लीच होती है, जिस से कपड़े खराब नहीं होते हैं. इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि कितने कपड़ों में कितनी क्वांटिटी डालनी है. इस से कपड़ों में लगे जर्म्स मर जाते हैं.

स्टीमिंग है कारगर

स्टीम क्लीनिंग कपड़ों से बैक्टीरिया को मारने में मदद करती है. साथ ही कपड़ों को फिनिशिंग देने का भी काम करती है. आजकल तो मार्केट में ऐसी वाशिंग मशीनें आ गई हैं, जिन में स्टीम मेयर टैक्नोलौजी होती है, जो 90% तक बैक्टीरिया को किल करने में सहायक है. तो आप अगर चाहें तो स्टीम क्लीनिंग का औप्शन को भी चुन सकती हैं.

वाशर या बकेट को हमेशा साफ रखें

अगर आप अपने कपड़ों को जर्मफ्री रखना चाहती हैं तो हर वाश से पहले अपनी मशीन के वाशर या फिर बाल्टी, जिस में आप कपड़े धोने वाली हैं उसे साफ करना न भूलें क्योंकि उस के तले में गंदगी और न दिखने वाले बैक्टीरिया और जर्म्स रहते हैं, जिन्हें पानी से अच्छे से साफ कर के ही हटाया जा सकता है. इस तरह आप खुद को व अपने परिवार की बीमारियों से बचा सकती हैं.

डिटर्जैंट चुनने से पहले

डिटर्जैंट पाउडर या लिक्विड खरीदने से पहले अपने बजट के साथसाथ इन खास बातों का भी ध्यान रखें:

– लिक्विड डिटर्जैंट पाउडर डिटर्जैंट की तुलना में काफी महंगा होता है और अकसर लोग लिक्विड की मात्रा का सही अंदाज नहीं लगा पाते. ऐसे में पाउडर डिटर्जैंट खरीदना बेहतर रहेगा.

ये भी पढ़ें- आरामदायक बेड पर सोने का अलग ही मजा है ! 

– बाजार में कौंबिनेशन डिटर्जैंट भी उपलब्ध हैं यानी पाउडर के साथ इन में ब्लीच या फैब्रिक सौफ्टनर या फिर इन दोनों में से किसी एक का मिश्रण होता है. इसी के अनुसार कीमत भी कमज्यादा होती है. इसलिए जरूरत के हिसाब से ही इस का चयन करें.

– यदि बच्चों के कपड़ों के लिए अलग से डिटर्जैंट लेना बजट से बाहर है तो ऐसा डिटर्जैंट चुनें जिस में कैमिकल्स का इस्तेमाल कम से कम किया गया हो.

– फैब्रिक सौफ्टनर महंगा मिलता है. यदि इस का इस्तेमाल बजट के अंदर करना है तो इसे सिर्फ उन्हीं कपड़ों पर इस्तेमाल करें जो डेलीकेट हों.

 

समीर शर्मा सुसाइड: नहीं रहे ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के ‘शौर्य’, घर पर मिली डेड बॉडी  

बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के लिए ये साल बेहद दुखद है. एक के बाद एक कलाकार अपनी जान दे रहे हैं जिनमें नया नाम शामिल हुआ है एक्टर समीर शर्मा का. उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. 44 साल के समीर स्टार प्लस के पॉपुलर शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में ‘अक्षरा’ के भाई और ‘ये रिश्ते हैं प्यार के’ में ‘कुहू’ के पिता ‘शौर्य माहेश्वरी’ का किरदार निभा रहे थे.

पंखे से लटकी मिली डेड बॉडी…

खबरों के अनुसार समीर की डेडबॉडी उनके घर के किचिन की छत से लटका हुआ मिला है. समीर शर्मा नेहा सीएचएस बिल्डिंग मलाड वेस्ट में रहते थे. एक रिपोर्ट के अनुसार, समीर शर्मा का शव बिल्डिंग के वॉचमैन को उस समय नजर आया, जब वो रात की ड्यूटी के दौरान टहल रहा था. इसके बाद वॉचमैन ने अपने सुपरवाइजर को इस बात की जानकारी दी और फिर पुलिस को कॉल किया गया. समीर शर्मा के शव के पास से कोई सुसाइड नोटिस नहीं मिला है.

ये भी पढ़ें- राखी पर इमोशनल हुईं सुशांत की बहने, ऐसे किया भाई को याद

 

View this post on Instagram

 

Least favorite part about getting ready 😣

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on

 

View this post on Instagram

 

Varsha Shaurya nok jhok 😊 @poojajoshiarorareal @samir5d Photo credit @sanjeevjotangia

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on

ये भी पढ़ें- कार्तिक के पिता का बिगड़ जाएगा मानसिक संतुलन, Promo Viral

दो दिन पहले ही लगा ली थी फांसी…

मलाड पुलिस ने इस मामले को एक्सीडेंटल डेथ के रूप में रजिस्टर किया है. मलाड पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर जॉर्ज फर्नांडिस ने मीडिया को बताया है कि, ‘हमने इस केस को एक्सीडेंटल डेथ के रूप में दर्ज किया है और मृत के शव को जांच के लिए भेज दिया गया है.’ पुलिस ने यह जानकारी भी दी है कि शव को देखकर ऐसा लग रहा था कि समीर शर्मा ने दो दिन पहले फांसी लगा ली थी.

 

View this post on Instagram

 

We are family!

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on

 

View this post on Instagram

 

Having fun on the set with Jugnu and Abir 🙂 #yehrishteyhainpyaarke #yrhpk #actorslife

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on


अकेले रहते थे समीर…

समीर शर्मा अपने मलाड स्थित फ्लैट में अकेले रहते थे. इस फ्लैट में उन्होंने कुछ दिनों पहले ही शिफ्टिंग की थी. समीर शर्मा और उनकी पत्नी की पिछले कुछ दिनों से बात नहीं हो पा रही थी, जिसके बाद उनकी पत्नी को शक हुआ. जब समीर के फ्लैट पर जाकर देखा गया तो वहां एक्टर का मृत शव मिला.

समीर शर्मा ने किन कारणों के चलते आत्महत्या की है, यह पता नहीं चल पाया है. पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है.

ये भी पढ़ें- ‘तारक मेहता’ को लगा एक और झटका, ‘अंजलि भाभी’ के बाद ‘जेठालाल’ के दोस्त ने भी छोड़ा शो

 

View this post on Instagram

 

The boys brigade 😉 #yehrishteyhainpyaarke #yrhpk

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on

 

View this post on Instagram

 

Chillin wid da ladies 😉

A post shared by Samir Sharma (@samir5d) on

बता दें कि समीर 15 साल से टीवी इंडस्ट्री में काम रहे थे. उन्होंने 2005 में ‘दिल क्या चाहता है’ सीरीयल से डेब्यू किया था. 2014 में वे फिल्म ‘हंसी तो फंसी’ में भी नजर आए थे. इसके अलावा क्योंकि सास भी कभी बहू थी, कहानी घर घर की और लेफ्ट राइट लेफ्ट जैसे पॉपुलर शोज में भी अहम रोल निभाए थे.

परीक्षा: प्रकाश झा की बेहतरीन मकसद वाली फिल्म

निर्माता: प्रकाश झा प्रोडक्शन

लेखक व निर्देशक: प्रकाश झा

कलाकार: आदिल हुसैन, प्रियंका बोस, शुभम झा, संजय सुरी, सीमा सिंह व अन्य.

ओटीटी प्लेटफॉर्म: जी 5

अवधि: एक घंटा 42 मिनट

रेटिंग: साढ़े तीन स्टार

इस फिल्म में प्रकाश झा ने शिक्षा पद्धति पर कुठाराघात करने और  प्रतिदिन महंगी होती शिक्षा के साथ-साथ समाज के तथाकथित समाज सुधारकों पर भी कटाक्ष किया है.

ये भी पढ़ें- मिलिए ‘अनुपमा’ की ‘काव्या’ से, जो है मिथुन चक्रवर्ती की बहू

कहानी:

सत्य घटनाक्रम पर आधारित यह कहानी बिहार के एक रिक्शा चालक बच्चू पासवान (आदिल हुसैन) की है, जो कि रांची की अंबेडकर नगर बस्ती में रहता है. और रांची के अंग्रेजी भाषा स्कूल “सफायर इंटरनेशनल” के बच्चों को अपने रिक्शे में बैठाकर स्कूल छोड़ने  और शाम को उनके घर पहुंचाने का काम करता है. उसका अपना बेटा बुलबुल( शुभम झा )सरकारी स्कूल में हिंदी माध्यम में पड़ता है. जबकि उसकी पत्नी राधिका( प्रियंका बोस) एक स्टील बरतन की फैक्ट्री में बफिंग का काम करती है .सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती. अक्सर शिक्षक गायब रहते हैं .अपने बेटे बुलबुल को एक अच्छा इंसान बनाने के लिए बच्चू पासवान “सफायर इंटरनेशनल स्कूल” की प्रिंसिपल( सीमा सिंह) से बात करके प्रवेश दिलाता है .बुलबुल की प्रवेश परीक्षा में बुलबुल की मेधावी प्रतिभा से स्कूल के शिक्षक प्रभावित होते हैं. स्कूल की लंबी चौड़ी फीस, ट्यूशन फीस और स्कूल की पोशाक आदि के खर्च को महज रिक्शा चलाकर पूरा करना बच्चू के लिए मुश्किल हो जाता है . इसलिए वह छोटी-मोटी चोरियां करने लगता है.

एक दिन चोरी करते हुए बच्चू पासवान पकड़ा जाता है. पर वह अपने बेटे बुलबुल की जिंदगी को संवारने के लिए पुलिस के सामने जुबान नहीं खोलता है. अपना नाम तक नहीं बताता है .मामला रांची के एसएसपी कैलाश आनंद (संजय सुरी) तक पहुंचता है. एसएसपी को बच्चू की जेब से बुलबुल के बारे में पता चलता है. वह बुलबुल के स्कूल में जाकर बुलबुल के बारे में जानकारी लेकर  परेशान हो जाते हैं. क्योंकि स्कूल की प्रिंसिपल बताती हैं कि बुलबुल स्कूल का मेधावी छात्र है और उसके पिता बच्चू एक रिक्शा चालक हैं. अब एसएसपी, बुलबुल की मदद करने का सोचते हैं .वह अंबेडकर नगर बस्ती में जाकर बुलबुल व उसके साथियों को पढ़ाना शुरू करते हैं. यह बात स्थानीय विधायक को पसंद नहीं आती है. इस बीच बुलबुल के पिता बच्चू को 3 साल की सजा हो जाती है. 10वीं की बोर्ड परीक्षा से पहले प्रीलियम में बुलबुल टाप करता है. एक चोर का बेटा पढ़ने में इतना तेज हो यह बात स्कूल के दूसरे बच्चों के माता-पिता को पसंद नहीं आता है. यह प्रभावशाली लोग मंत्री जी से बात कर  एसएसपी का तबादला करवा देते हैं. उसके बाद सभी माता-पिता स्कूल के मैनेजमेंट पर दबाव बनाते हैं कि वह बुलबुल को बोर्ड की परीक्षा न देने दे . पर बुलबुल ब परीक्षा देता है और स्कूल का नाम रोशन करता है.

ये भी पढ़ें- एक जिंदगी, एक सपना है, जिसे आप पूरा करना चाहती है -विद्या बालन    

लेखन व निर्देशन:

फिल्म में एक संवाद है-” औकात से ज्यादा सपने दिखा दिया..”यह संवाद बहुत कुछ कह जाता है.जी हां! हिंदी भाषी सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा जब नौवी कक्षा में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पहुंचता है ,तो उसे अपने सह पाठियो के व्यवहार के अलावा क्या-क्या झेलना पड़ता है, इसका इस फिल्म में  फिल्मकार ने एकदम सटीक चित्रण किया है.

इस फिल्म में फिल्मकार ने देश के एक विशाल तबके को अपनी क्षमता का एहसास करने से रोकने के लिए समाज के प्रभावशाली तबके द्वारा  तमाम तरह के सामाजिक व्यवस्था आर्थिक अड़चन पैदा करता है, इसका एक यथार्थ चित्रण किया है.तेज गति से भागती हुई साधारण कहानी ना सिर्फ दर्शकों को बांध कर रखती हैं, बल्कि निर्देशक जिस बात को कहना चाहते हैं, वह बात लोगों के दिलों तक पहुंच जाती है .समाज में अमीर व गरीब के बीच की खाई का असर किस तरह से लोगों के जीवन, स्वास्थ्य व शिक्षा पर पड़ता है ,इस पर भी कुठाराघात किया गया है.समान शिक्षा का सपना किस तरह टूट रहा है, इस पर कटाक्ष करती है. यह फिल्म इस पर भी बात करती है कि आर्थिक व सामाजिक अड़चनों के चलते किस तरह निकले तबके के गरीब बच्चे प्रतिभाशाली होने के बावजूद सही शिक्षा पाने से वंचित रह जाते हैं.

फिल्म के निर्देशक प्रकाश झा बिहार से भली भांति परिचित हैं. इसी वजह से उन्होंने रांची शहर और अंबेडकर नगर  बस्ती की बारीकियों और वहां की वेशभूषा व भाषा का भी इस फिल्म में सफल चित्रण किया है.

ये भी पढ़ें- शादी के 5 साल बाद रणबीर कपूर की इस एक्ट्रेस ने लिया तलाक, पढ़ें खबर

अभिनय:

आदिल हुसैन की अभिनय क्षमता पर कभी कोई शक नहीं किया जा सकता. उन्होंने एक दलित रिक्शा चालक बच्चू पासवान के किरदार को न सिर्फ अपने अभिनय से संवारा ,बल्कि उन्होंने इस किरदार को पूरी संजीदगी के साथ जिया है. एक पिता किस तरह अपने बेटे को बेहतर इंसान बनाने के लिए संघर्ष करता है, उस संघर्ष को आदिल हुसैन ने अपने अभिनय से जीवंतता  प्रदान की है .आदिल हुसैन का पूरा साथ दिया है उनकी पत्नी के किरदार में प्रियंका बोस ने. प्रियंका ने भी  शानदार अभिनय किया है. जबकि बाल कलाकार शुभम झा ने  कमाल का अभिनय किया है. यह उसकी पहली फिल्म है, पर वह एक मझा हुआ कलाकार के रूप में उभरता है. संजय सूरी, सीमा सिंह व अन्य कलाकारों ने भी ठीक-ठाक अभिनय किया है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें