Serial Story: एहसास (भाग-2)

अमन की बातें सुन कर श्रेया का दिमाग घूम गया, वह होंठों ही होंठों में बुदबुदाई, ‘‘हूं, अमीर बाप की औलाद, अपनेआप को समझता क्या है? आप का एकांत, म्यूजिक, ड्रिंक और आराम आप को मुबारक.’’

‘‘मिस श्रेया, एक मिनट. आप को मुझ से बात न करनी हो, तो कोई बात नहीं. लेकिन जाने से पहले मेरी एक बात जरूर सुन लीजिए.’’

दोनों हाथ कमर पर रख कर श्रेया बोली, ‘‘बोलो.’’

‘‘मिस श्रेया, मैं ने आप से जो कहा, शायद उस से आप ने मुझे पैसे वाले बाप का बिगड़ा बेटा समझ लिया. आप सोच रही हैं कि यह फार्महाउस मेरे बाप का है और मैं उन के पैसे पर ऐश कर रहा हूं. यही सोच है न आप के दिमाग में मेरे लिए.’’

श्रेया ने कोई जवाब नहीं दिया. वह होंठ चबाते हुए यही सोच रही थी कि इस का कहना सच है. यही धारणा थी उस के मन में उस के प्रति.

श्रेया को चुप देख कर अमन आगे बोला, ‘‘श्रेया, ऐसी बात नहीं है. फौर योर काइंड इन्फौरमैशन, 2 साल पहले मैं लंदन से पढ़ाई पूरी कर के दिल्ली आया हूं. वहां 4 साल पढ़ाई करने के बाद जीतोड़ मेहनत कर के जो कमाया है, कुछ वह रकम और कुछ बैंक से कर्ज ले कर यह फार्महाउस खरीदा है. यह फार्महाउस मैं पार्टियों के लिए किराए पर देता हूं और खुद भी पार्टियां करता हूं. बाप की एक पाई भी इस में नहीं लगी है. आप जैसे ग्राहकों की मेहरबानी से मैं इस फार्महाउस से मोटी कमाई कर रहा हूं. उम्मीद है कि अगले साल तक मैं इस में रैस्टोरैंट और डिस्कोथिक भी शुरू कर दूंगा. इस के अलावा ऐंटरटेनमैंट के बिजनैस में मोटी रकम लगाने का इरादा है. जस्ट विश मी ए लक, आप ने मुझे जो समय दिया, उस के लिए धन्यवाद. चलिए.’’

श्रेया ने हाथ बढ़ा कर अमन को रोका, ‘‘रुकिए, मिस्टर अमन, सौरी. आप को मैं पहचान नहीं पाई, यह मैं स्वीकार करती हूं. ऐक्चुअली आज मेरा मूड ठीक नहीं है. चलिए, आप का म्यूजिक कलैक्शन देखती हूं. मेरा मतलब सुनती हूं.’’

ये भी पढ़ें- धन्यवाद मां पापा: बेटे के लिए क्या तरकीब निकाली?

‘‘थैंक यू, चलिए.’’

अगले दिन सुबह श्रेया की आंख खुली, तो मम्मी झकझोर रही थीं, ‘‘श्रेया…श्रेया… ओ श्रेया…’’

श्रेया दोनों हाथों से सिर दबाते हुए बोली, ‘‘ओह मौम, कितने बजे हैं? मेरा तो सिर फटा जा रहा है…’’

‘‘साढ़े 11 बज रहे हैं और अब भी तेरा सिर फटा जा रहा है? पार्टी में क्या पिया था?’’

‘‘क्या… साढ़े 11…’’ इतना कहतेकहते श्रेया को रात की बातें याद आ गईं. पैप्सी पीतेपीते उसे चक्कर आ गया था. फिर उसे होश नहीं रहा. अच्छा हुआ कि मनजीत ने उसे झकझोर कर जगाया था और घर तक छोड़ गई थी. श्रेया कान पर हाथ रखते हुए बोली, ‘‘ओ मौम, आप तो जानती हैं कि मैं हार्ड ड्रिंक नहीं लेती. आप की कसम मम्मी.’’

श्रेया ने कसम खाई, तो किरण को थोड़ी राहत महसूस हुई. उन्होंने बेटी का हाथ पकड़ कर उठाते हुए कहा, ‘‘चल उठ, जल्दी से नहाधो कर नाश्ता कर ले.’’

अंगड़ाई ले कर आलस्य को झटकते हुए श्रेया पलंग से उठ कर खड़ी हुई. मम्मी के गले में बांहें डाल कर बोली, ‘‘मम्मी, पापा तो चले गए होंगे? उन से थोड़ा काम था.’’

‘‘तो मोबाइल पर बात कर ले,’’ किरण ने कहा, ‘‘रास्ते में होंगे. अभी फैक्टरी नहीं पहुंचे होंगे.’’

बाथरूम का दरवाजा बंद करते हुए श्रेया बोली, ‘‘जाने दीजिए. रात को आएंगे, तो बात कर लूंगी. एक प्रोजैक्ट के बारे में चर्चा करनी थी. खैर, अब तो वह हो नहीं पाएगी.’’

शाम को किशोर लौटे, तो घर का माहौल देख कर ही समझ गए कि स्थिति ठीक नहीं है. ब्रीफकेस मेज पर रख कर सोफे पर पसरते हुए बोले, ‘‘भई, कोई मुझे भी तो बताएगा कि यहां क्या हुआ है?’’

‘‘आप की लाडली कह रही है कि उसे एक प्रोजैक्ट तैयार करना है, जिस में राजस्थान के एक गांव में देहव्यापार करने वाली महिलाओं में होने वाले यौन रोगों के बारे में पता कर के उन के इलाज और उन के पुनर्वास के लिए क्या व्यवस्था की जा सकती है, इस का सर्वे करना है. यह वहां जा कर उन के बीच रह कर उन के बारे में सर्वे करेगी. लड़की के लिए यह कैसा प्रोजैक्ट है?’’

किशोर उठ खड़े हुए, ‘‘रियली, यह बात है. मैं तो मझा श्रेया ने किसी क्रिश्चियन लड़के से प्यार कर लिया है और…’’

‘‘अरे, आप भी कैसे बाप हैं?’’

‘‘देखो किरण, तुम्हें श्रेया की चिंता है न? तुम्हारा सोचना है कि उस गांव में वह अकेली जाएगी. तो सुनो, मुझे तो इस बात की जरा भी चिंता नहीं है. रही बात तुम्हारी चिंता की, तो हम एक काम करते हैं. हम भी इस के साथ चलते हैं. जैसलमेर में मेरा एक दोस्त रहता है. उसी के पड़ोस में एक मकान किराए पर ले लेंगे. तब तो अपनी लाड़ली अकेली नहीं रहेगी. फिर इस के एनजीओ में काम करने वाले लोग भी तो रहेंगे. यह वहां अपना काम करेगी और हम लोग जैसलमेर घूमेंगे. श्रेया, तुम्हें कब जाना है?’’

‘‘प्रोजैक्ट जल्दी ही जमा करना है. आप को जब समय मिले, पहुंचा दीजिए. प्रोजैक्ट जमा होने के बाद ही मंत्रालय से ऐड मिलेगा. मैं इस प्रोजैक्ट को किसी भी हालत में हाथ से नहीं जाने देना चाहती.’’

15 दिन में तैयारी कर के किशोर बेटी श्रेया और पत्नी किरण के साथ जैसलमेर से 60 किलोमीटर दूर रेत के धोरों के बीच बसे एक कसबे में रहने वाले सरपंच के यहां जा पहुंचे. किशोर को देखते ही सरपंच ने कहा, ‘‘आइए…आइए… किशोरजी, कल रात को ही आप लोगों के बारे में साहब का फोन आया था.’’

श्रेया अपने पापा और मम्मी के साथ वहां के एक गांव में देहव्यापार करने वाली महिलाओं के जीवन पर अध्ययन करने आई थी. उसे यहां महीने, डेढ़ महीने रहना था. किशोर के एक मित्र जैसलमेर में डिप्टी कलैक्टर थे. उन्होंने ही शहर से इतनी दूर श्रेया के रहने के लिए सरपंच से कह कर एक मकान की व्यवस्था करवा दी थी. किशोर, श्रेया और किरण को चायनाश्ता कराने के बाद सरपंच ने वहां खड़े एक युवक से कहा, ‘‘बुधिया, यह ले चाबी. साहब को उस मकान पर पहुंचा दे, जहां इन के रहने की सारी व्यवस्था की गई है.’’

ये भी पढ़ें- एक छत के नीचे: महीनेभर बाद घर पहुंची तरु के साथ क्या हुआ?

‘‘यह लड़का…’’ किशोर ने पूछा.

‘‘अरे साहब, यह बुधिया है. आप यहां नए हैं. पूरे दिन आप के साथ रहेगा. घर की साफसफाई करेगा, घरबाहर के काम करेगा. पहले यह एक ढाबे पर काम करता था. खाना भी बना लेता है. गरीब घर का लड़का है, जो इच्छा हो, जाते समय दे दीजिएगा,’’ सरपंच ने कहा.

आगे पढ़ें- श्रेया 18-19 साल के उस युवक को देख रही थी. गठा…

Serial Story: एहसास (भाग-3)

श्रेया 18-19 साल के उस युवक को देख रही थी. गठा शरीर, भरीपूरी पानीदार आंखें, बिखरे बाल. शरीर से चिपकी टीशर्ट और हाफ पैंट.

धीरेधीरे सब व्यवस्थित हो गया. अच्छा गांव था. साफ दिल के लोग थे. रोज सवेरे श्रेया और बुधिया निकल पड़ते. किशोर अपनी कार ले गए थे. श्रेया स्वयं गाड़ी चलाती थी, इसलिए उसे कहीं भी आनेजाने में कोई परेशानी नहीं होती थी. देहधंधा करने वाली महिलाओं से श्रेया मिलती, उन से बातें करती, सवाल करती और उन के जवाब वौइस रिकौर्डर में रिकौर्ड कर लेती. शाम को घर आ कर अपने लैपटौप में सब सेव कर लेती. अगले दिन फिर वही काम.

उस शाम श्रेया बाथरूम से निकली, तो उस के युवा शरीर में जवानी की उथलपुथल मची थी. यह भी कैसा इलाका है. वह जिस गांव में सर्वे कर रही थी, वहां के लोग पत्नियों से धंधा कराते हैं, व्यभिचार की कमाई खाते हैं. पैसों के लिए अपनी पत्नी को दूसरे के हवाले करते हैं. न जाने कैसेकैसे लोग उन के पास आते हैं और उन से कितनी ही महिलाओं को कैसेकैसे यौनरोग लग गए हैं.

फिर भी वे धंधा करती हैं. अपनी ये बीमारियां न जाने कितने लोगों को बांट रही हैं. इस के अलावा भी गांवों में ऐंटरटेनमैंट के नाम पर पत्नी से व्यभिचार, एक से अधिक लोगों से संबंध, पत्नी को पत्नी न समझ कर उस का हर तरह से शोषण, ऐसीऐसी बातें श्रेया को जानने को मिलतीं, जिन से उस का  रोमरोम सिहर उठा था.

ये भी पढ़ें- आहटें: दूसरों के घरों में ताकझांक क्यों करती थी शिखा?

श्रेया समय से प्रोजैक्ट पूरा कर के नोएडा वापस आ गई. उस ने प्रोजैक्ट तैयार कर के जमा भी कर दिया. काम पूरा होने के कुछ दिन बाद एक दिन किरण ने पति से कहा, ‘‘अपनी श्रेया को पता नहीं क्या हो गया है? जैसलमेर से लौटने के बाद वह चुपचुप रहती है.’’

‘‘वह ज्यादा बोलती है, तब भी तुम्हें परेशानी होती है. अब चुप है, तो भी तुम्हें परेशानी हो रही है,’’ किशोर ने हंसी में कहा.

‘‘बच्चे जैसे रहते हैं, उसी तरह रहें, तो अच्छे लगते हैं. मैं बड़बड़ाती हूं, तो इस का मतलब यह नहीं कि वह अपना स्वभाव ही बदल ले,’’ थोड़ा परेशान हो कर किरण ने कहा.

‘‘सयानी लड़की है. हर चीज मैं नहीं पूछ सकता. मां लड़कियों की सहेली जैसी होती है. अब तुम्हीं पता करो कि चुप्पी की वजह क्या हो सकती है?’’

इस के बाद किरण ने श्रेया से चुप्पी की वजह पूछी, तो उस ने जो बताया, सुन कर वह सन्न रह गईं. उसी शाम श्रेया को एम्स के रिटायर्ड स्किन स्पैशलिस्ट डा. स्वजन को दिखाया गया. डा. स्वजन ने श्रेया की गहन जांच की. उस के बाद उन्होंने उसे किरण के साथ बाहर भेज कर किशोर को अंदर बुला लिया और बड़ी गंभीरता से बोले, ‘‘आप की बेटी का किसी ऐसे आदमी से संबंध है, जो खतरनाक यौनरोग का शिकार है. यह यौनरोग उन्हीं मर्दों को होता है, जो अकसर बाजारू औरतों के पास जाते हैं. यह रोग उन्मुक्त सैक्स करने वालों को होता है, यह ऐसा रोग है, जो जीवन भर पीछा नहीं छोड़ेगा. जब तक दवा चलती रहेगी, ठीक रहेगा. दवा बंद होने के कुछ दिन बाद फिर उभर आएगा.’’

किशोर क्या कहते, उन का सिर शर्म से झुक गया. उन्होंने श्रेया को जो छूट दी थी, उस ने उस का गलत फायदा उठाया था. उन्हें बेटी पर बहुत विश्वास था, लेकिन उस ने उन के विश्वास को तोड़ दिया था. अब उन्हें पश्चात्ताप हो रहा था कि उन्होंने पत्नी की बात मानी होती, तो आज बेटी की जिंदगी बरबाद न होती. बेटी तो नासमझ थी, वे तो समझदार थे. अगर अपनी समझदारी दिखाते हुए बेटी पर अंकुश लगाए रहते, तो आज यह दिन देखने को न मिलता. उन की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या कहें, इसलिए डाक्टर जो कहते रहे, सिर झुकाए सुनते रहे.

डाक्टर ने आगे कहा, ‘‘इस के लिए बच्चे ही नहीं, मांबाप भी उतने ही दोषी हैं. मांबाप के पास बच्चों के लिए समय ही नहीं होता और जिन के पास समय होता है, वे अपने बच्चों को आधुनिक बनाने के चक्कर में बिगाड़ देते हैं. बच्चे देर रात तक पार्टियां करते हैं, डिस्कोथिक जाते हैं, उन्हें रोकते ही नहीं. इस तरह की जगहों पर जाने वाले बच्चे ही ऐसे रोग लाते हैं. वहां नशा करने के बाद वे किस से मिलते हैं, क्या करते हैं, उन्हें होश ही नहीं रहता. उस के बाद जिंदगी बरबाद हो जाती है. आप की बेटी को एड्स भी हो सकता था. अब आप इस बात का ध्यान रखें कि आगे वह उस आदमी से न ही मिले, तो अच्छा रहेगा वरना दवा भी फायदा नहीं करेगी.’’

डाक्टर की बातें सुन कर किशोर को श्रेया पर गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन इस के लिए वे खुद को भी दोषी मान रहे थे. उन्होंने ही उसे आजादी दे रखी थी. उन्होंने सोचा, अगर इन सब बातों की जानकारी किरण को हो गई, तो वह बेटी का ही नहीं, उन का भी जीना हराम कर देगी. वे डाक्टर के कैबिन से बाहर आए, तो किरण ने उन्हें सवालिया नजरों से घूरा. श्रेया की नजरों में भी सचाई जानने की उत्सुकता थी. जब किशोर कुछ नहीं बोले, तो श्रेया ने पूछ ही लिया, ‘‘पापा, डाक्टर ने आप को अकेले में क्यों बुलाया था, कोई गंभीर बात है क्या?’’

‘‘नहीं, कोई गंभीर बात नहीं है. डाक्टर ने ऐसे ही बातचीत के लिए बुलाया था. चलो, घर चलते हैं,’’ कह कर किशोर आगे बढ़ गए, तो पीछेपीछे श्रेया और किरण भी चल पड़ीं. घर आ कर वे ड्राइंगरूम में सोफे पर बैठ गए. उन की समझ में नहीं आ रहा था कि श्रेया को वे उस की बीमारी के बारे में कैसे बताएं, जिस से वह स्वयं को उस आदमी से मिलने से रोक सके. वे सामने बैठी श्रेया को एकटक ताक रहे थे. श्रेया को पापा की नजर बदलीबदली सी लगी. इस तरह उन्होंने उसे पहले कभी नहीं देखा था. श्रेया से रहा नहीं गया, तो उस ने कहा, ‘‘क्या बात है पापा, डाक्टर ने क्या कहा, मुझे क्या हुआ है?’’

किशोर ने पलभर में निर्णय ले लिया. उन्हें लगा कि सचाई छिपाने का कोई फायदा नहीं है. बेटी को बचाने के लिए उन्होंने शर्मसंकोच त्याग कर कहा, ‘‘बेटा, केयरफुली, डाक्टर के कहने के अनुसार तुम्हें खतरनाक यौन रोग हुआ है. यह बीमारी तुम्हें किसी ऐसे आदमी से मिली है, जिसे यह बीमारी पहले से रही होगी.’’

श्रेया बच्ची नहीं थी, उस की समझ में आ गया कि पापा क्या कह रहे हैं. पापा की बातें सुनते ही उसे कमरा गोलगोल घूमता हुआ लगा. बड़ी मुश्किल से उन के मुंह से निकला, ‘‘व्हाट…आप? हैव यू गोन मैड. नो…नो… दिस इज नौट पौसिबल.’’

ये भी पढ़ें- Short Story: मैं खुद पर इतराई थी

‘‘श्रेया प्लीज. जस्ट टैल मी कि तुम्हारा किस आदमी से संबंध है. बेटा, अब उस से बिलकुल संबंध मत रखना. डाक्टर ने कहा है कि अगर उस आदमी से संबंध खत्म नहीं किए, तो यह बीमारी कभी ठीक नहीं होगी.’’

पापा की बात सुन कर श्रेया को झटका सा लगा. उस की समझ में यह नहीं आया कि आज तक उस ने ऐसा कुछ किया ही नहीं, तो फिर डाक्टर या पापा उस से ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं. राजस्थान में वह ऐसी औरतों से मिली जरूर है, जिन्हें इस तरह की बीमारी थी, तो क्या मिलने भर से उसे इस बीमारी ने पकड़ लिया, लेकिन ये लोग संबंध बनाने की बात कर रहे हैं जबकि आज तक उस ने किसी पुरुष से संबंध बनाया ही नहीं है.

श्रेया उठी और पापा के सीने पर सिर रख कर फफक पड़ी. किशोर बिना कुछ बोले उस की पीठ सहलाने लगे. उन्होंने श्रेया को रोने दिया, जिस से उस का मन हलका हो जाए, रो लेने के बाद श्रेया ने किशोर से सीने पर सिर रखेरखे ही कहा, ‘‘पापा, आप सोच रहे होंगे कि नासमझी में बच्चों से गलतियां हो जाती हैं, लेकिन मैं ने इस तरह की कोई गलती नहीं की है.’’

‘‘कोई बात नहीं बेटा, जो हो गया, सो हो गया. तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. हम तुम्हारे साथ हैं. जरूरत पड़ी, तो हम तुम्हारा इलाज विदेश तक में कराएंगे. ठीक है, तुम आराम करो. इस सब के बारे में अभी अपनी मम्मी को कुछ मत बताना, वे बेकार में परेशान होंगी,’’ कह कर किशोर बगल में रखे फोन से किसी को फोन करने लगे.

श्रेया सोच में डूब गई. तभी उसे 8-9 महीने पहले की फार्महाउस की वह पार्टी याद आ गई. फार्महाउस के स्मार्ट मालिक अमन की बातों से प्रभावित हो कर श्रेया बेसमैंट में स्थित उस के कमरे में चली गई थी. बहुत अच्छा कमरा था. सोफासैट, छोटा सा बार और कुछ बार स्टूल, अमन ने कहा, ‘‘बोलिए, क्या लेंगी श्रेयाजी? व्हाइट वाइन या रैडवाइन? हाऊ अबाउट चिल्ड बीयर?’’

‘‘सौरी, नो हार्ड ड्रिंक फौर मी. जस्ट गिव मि ए ग्लास औफ पैप्सी, अगर हो, तो… न हो तो पीने के लिए पानी ही दे दीजिए.’’

‘‘औफकोर्स पैप्सी है. आप सामने की रैक से अपने मनपसंद गाने की सीडी सलैक्ट कीजिए, तब तक मैं पैप्सी ले आता हूं,’’ कह कर अमन बार की ओर चला गया, तो श्रेया सीडी देखने लगी. थोड़ी देर बाद अमन श्रेया के पास आ कर बोला, ‘‘श्रेया, यह लो पैप्सी. भई, मुझे तो कोक पसंद है, हम दोनों की ड्रिंक भले ही सौफ्ट है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि हमारी फ्रैंडशिप हार्ड होगी… चीयर्स.’’

श्रेया ने मुसकराते हुए अपना गिलास धीरे से अमन के गिलास से टकराया और पैप्सी की चुसकी लेने लगी. थोड़ी देर बाद श्रेया का सिर चकराने लगा. क्या हुआ, वह सोच पाती, उस के पहले ही अमन ने उसे बांहों में भर लिया था. ‘ओह नो…’ अब उस की समझ में आया कि सादी पैप्सी पीने के बावजूद अगले दिन वह क्यों सुस्त थी. उस का शरीर क्यों टूट रहा था. उस के मुंह से चीख निकल गई, ‘‘यू रास्कल, आई विल किल यू.’’

श्रेया की चीख सुन कर फोन पर बातें कर रहे किशोर फोन छोड़ कर बोले, ‘‘क्या हुआ बेटा?’’

‘‘कुछ नहीं पापा, डाक्टर सच कह रहे हैं. मेरे साथ धोखा हुआ है. मगर…’’

श्रेया की बात काटते हुए किशोर बोले, ‘‘जो हुआ बेटा जाने दो. मैं ने कहा न कि मैं तुम्हारा इलाज विदेश में कराऊंगा. जब मैं तुम्हारे साथ हूं, तो तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.’’

श्रेया एक बार फिर पापा के सीने से लग कर सिसकते हुए बोली, ‘‘थैंक्यू पापा. मुझे भी अपनी गलती का एहसास हो गया है लेकिन हमें उस आदमी की शिकायत पुलिस में करनी चाहिए. अन्यथा वह मेरी जैसी न जाने कितनी युवतियों की जिंदगी बरबाद करता रहेगा.’’

ये भी पढ़ें- Serial Story: एक छत के नीचे (भाग-1)

किशोर फटी आंखों से बेटी को देखते रहे. उस के चेहरे पर दृढ़ता देख कर सिर पर हाथ फेरते हुए बोले, ‘‘ठीक है बेटी, हम इस की भी व्यवस्था करते हैं. अभी कमिश्नर साहब से बात कर के सारी बात बताते हैं.’’

पिता की बातें सुन कर श्रेया एक बार फिर से फफक पड़ी.

‘साथ निभाना साथिया 2’ में ‘गहना’ के अपोजिट नजर आएंगे ‘नागिन 3’ स्टार रजत टोकस! पढ़ें खबर

जल्द ही सीरियल ‘साथ निभाना साथिया सीजन 2’ फैंस के बीच आने वाला है. लेकिन इससे पहले ही शो की कास्ट को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है. बीते दिनों ‘साथ निभाना साथिया सीजन 2’ के प्रोमो में देवोलिना भट्टाचार्जी के नजर आने से फैंस लीड रोल को जानने के लिए बेताब हैं. इसी बीच खबर हैं की शो में लीड रोल में रजत टोकस की एंट्री हो गई है. आइए आपको बताते हैं क्या है सच

जोधा अकबर फेम एक्टर आ सकते हैं नजर

खबरों की मानें तो चंद्र नंदिनी और जोधा अकबर जैसे टीवी शोज में अपनी एक्टिंग से फैंस का दिल जी चुके एक्टर रजत टोकस मेकर्स की पहली पसंद बन गए हैं. दरअसल, ‘साथ निभाना साथिया सीजन 2’ के मेकर्स मेन लीड के लिए सिद्धार्थ शुक्ला, हर्ष राजपूत, प्रियांशु जोहरा, रजत टोकस, श्रेयन रेड्डी और मिश्कत वर्मा जैसे सितारों के नाम पर विचार कर रहे थे. वहीं अब कहा जा रहा है कि इन सभी सितारों में से मेकर्स ने रजत टोकस के नाम पर सहमती जता दी है. हालांकि इस खबर को लेकर मेकर्स ने किसी तरह की अधिकारिक घोषणा नहीं की है.

ये भी पढ़ें नायरा-कार्तिक की नई मुश्किल, छोरी को अपनाने से इंकार करेगी दादी!

लीड एक्ट्रेस के नाम भी आए हैं सामने

 

View this post on Instagram

 

#GoShi #Gopi #Rashi #GopiBahu #Devoleena #Rucha #SaathNibhanaSaathiya2 #SaathNibhanaSaathiya

A post shared by Devoleena & DevNa FC(©DFC) (@devnafanclub) on

सीरियल ‘साथ निभाना साथिया सीजन 2’ के प्रोमो में गहना नाम की मेल फीमेल लीड नजर आएगी जिसकी तलाश जारी है. खबरों की मानें तो मेकर्स ने गहना के लिए नीति टेलर, कांची सिंह जैसी अदाकाराओं को अप्रोच किया है.

कोकिला नही होंगी शो का हिस्सा

कोकिला बेन यानी रुपल पटेल ‘साथ निभाना साथिया’ के सीजन 2 में नहीं नजर आएंगी. इस बात का खुलासा खुद रुपल पटेल ने एक इंटरव्यू में किया है. उन्होंने कहा था कि इन दिनों मैं ‘ये रिश्ते हैं प्यार के’ में मिनाक्षी का किरदार निभा रही हूं. मेरे लिए ‘साथ निभाना साथिया’ के दूसरे सीजन में काम करना मुश्किल होगा. मैं एक साथ 2 शोज को समय नहीं दे सकती.’

बता दें, अगर खबरें सच हुईं तो रजत टोकस इस शो में गहना के पति के तौर पर नजर आएंगे. वहीं खबरें हैं कि दीवाली तक मेकर्स इस सीरियल को ऑन एयर करने का प्लॉन बना रहे हैं.

ये भी पढ़ें- अस्पताल में ‘बालिका वधू’ स्टार सुरेखा सीकरी की बिगड़ी हालत, पढ़ें खबर

नायरा-कार्तिक की नई मुश्किल, छोरी को अपनाने से इंकार करेगी दादी!

लौकडाउन के बाद से ये रिश्ता क्या कहलाता है की टीआरपी और ट्विस्ट फैंस को निराश कर रहे हैं, जिसके चलते शो के मेकर्स कहानी में नए ट्विस्ट एंड टर्न्स लाए जा रहे हैं. हाल ही में खबरें थी कि सीरियल में जल्द ही लीप आने वाला है. वहीं अब अपकमिंग एपिसोड में कई ड्रामा और नायरा का गुस्सा भी देखने को मिलने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे….

कार्तिक और नायरा ने किया ये फैसला

अब तक आपने देखा कि छोरी ने अपनी जान पर खेलकर कायरा की आखिरी निशानी बचाई और उसकी हिम्मत को देखकर ही कार्तिक और नायरा ने उसे गोद लेने का फैसला कर लिया. हालांकि नायरा और कार्तिक अनजान हैं कि छोरी उनकी अपनी बेटी कायरा है.

ये भी पढ़ें- अस्पताल में ‘बालिका वधू’ स्टार सुरेखा सीकरी की बिगड़ी हालत, पढ़ें खबर

दादी करेंगी ये काम

 

View this post on Instagram

 

❤ . #kaira 💜#bestcouple 💑 #momo 😍 #mohsin 😎 #shivi 😘 #shivangi 👸#bestactor 💕 #bestactress 💕#kartikgoenka💚 #nairagoenka 💙#mendaksherni 🐸🐯#shernimendakforever 🐸🐯💕 #bestpati 💏#bestpatni 💏#bestjodikaira 👫 #kairaforever 👫💕 #kairamadeforeachother 💙💕💚#kairabacktogether 💛 #shivangijoshi 🌺#mohsinkhan 🌹 #shivin 😍😘#kairaforevertogether 💛💕 #bestcouplekaira 💜🔥 #kairaforever 💗#nairakartikgoenka 💖💜#kartiknairagoenka 💝#cutestcouple 💓😘#hottestcouple 🔥🙈 #yrkkh 💚 #yehrishtakyakehlatahai 😘 . #kaira__shivinworld18 💜💕 . ❤@khan_mohsinkhan @shivangijoshi18 @khan_mohsinkhan @shivangijoshi18 ❤ . No repost ❌

A post shared by Shivin Soulmates💜[58k fam]💙 (@kaira__shivinworld18) on

खबरों की मानें तो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) अपकमिंग एपिसोड में दादी,  छोरी को गोद लेने के नायरा और कार्तिक के फैसले को गलत ठहराती नजर आएंगी. दादी पूरे गोयनका परिवार के सामने नायरा और कार्तिक के फैसले को मानने से इंकार कर देगी और उन्हें नायरा को गलत ठहराने का एक और मौका मिल जाएगा.

आदित्य़ को एकस्पोज करेगी नायरा

 

View this post on Instagram

 

Kaira ❤️ #kaira #shivin @khan_mohsinkhan @shivangijoshi18

A post shared by Kaira_Shivin_forever (@mohsin_khan_admirer) on

कीर्ति को लेकर चल रहे ट्रैक में जल्द ही नायरा बड़ा काम करने वाली है. खबरों की मानें तो नायरा, कीर्ति के एक्स हस्बैंड आदित्य को एक्सपोज करने वाली है. जहां आप देख रहे हैं कि आदित्य पिछले कुछ दिनों से कीर्ति से बार-बार मिलने की कोशिश कर रहा है और छोरी की मदद से ही नायरा को इस बात की भनक लगती है. अपकमिंग एपिसोड में नायरा ये जान जाएगी कि आदित्य चाहता है कि कीर्ति उसे उसका  यानी कृष दे दे.

ये भी पढ़ें- प्रोड्यूसर होना एक बच्चे को जन्म देने जैसा है– नेहा धूपिया

बता दें, हाल ही में एक प्रोमो रिलीज किया गया था कि नायरा कार्तिक अपने होने वाले बच्चे का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि इसी बीच कार्तिक लापता हो जाता है.

भारत में अधिक सुरक्षित है जीवित डोनर लिवर ट्रांसप्लान्ट

भारत में लिवर ट्रांसप्लान्ट की प्रक्रिया में प्रगति के साथ आज न सिर्फ मरीज लंबे जीवन का आनंद ले सकता है बल्कि सर्जरी के बाद उसके जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हो जाती है.

कई पत्रिकाओं में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, जीवित डोनर लिवर प्रत्यारोपण से गुज़रने वाले 15% से अधिक मरीज विदेशों से होते हैं. फेफड़ों की बीमारियों में वृद्धि और बढ़ती जागरुकता के साथ लगभग 85% डोनर जीवित होते हैं. इससे आकर्षित होकर मिडल ईस्ट, पाकिस्तान, श्री लंका, बांग्लादेश और म्यांमार आदि विदेशों से लोग लिवर ट्रांसप्लान्ट के लिए भारत आते हैं. आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 200 ट्रांसप्लान्ट किए जाते हैं और अबतक लगभग 2500 जीवित डोनर ट्रांसप्लान्ट किए जा चुके हैं.

जीवित या मृतक डोनर वह है जो अपना लिवर मरीज को दान करता है. भारत में अबतक का सबसे बड़ा विकास यह हुआ है कि अब मृत डोनर के अंगों को मशीन में संरक्षित किया जा सकता है. शरीर से निकाले गए अंगो को कोल्ड स्टोरेज में सीमीत समय के लिए ही रखा जा सकता है और लिवर को डोनर के शरीर से निकालने के 12 घंटो के अंदर ही प्रत्यारोपित किया जाना चाहिए. जबकि मशीन संरक्षित लिवर की बात करें तो पंप के जरिए खून का बहाव जारी रहता है जिससे लिवर सामान्य स्थिति में रहकर पित्त का उत्पादन कर पाता है.”

ये भी पढ़ें- शिक्षित बेरोजगार-न कमाई न सुकून

भारत में यह तकनीक एक लोकप्रिय प्रक्रिया बन गई है. लिवर के केवल खराब भाग को प्रत्यारोपित किए जाने के कारण लिवर डोनेशन बिल्कुल सुरक्षित हो गया है.

जीवीत डोनर लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में लिवर के केवल उस भाग को प्रत्यारोपित किया जाता है जो खराब हो चुका हो. सर्जरी के बाद डोनर का शेष लिवर दो महीनों के अंदर फिर से बढ़ने लगता है और पुन: सामान्य आकार ले लेता है. इसी प्रकार रिसीवर का प्रत्यारोपित लिवर भी अपनी सामान्य आकृति में बढ़कर, अपने कार्य को सामान्य रूप से शुरू कर देता है. भारत में लिवर ट्रांसप्लान्ट की प्रक्रिया समय के साथ अधिक सुरक्षित व सफल होती जा रही है. इसकी मुख्य वजह भारतीय नागरिकों में जागरुकता है, जहां लोग स्वेच्छा से अपने जीवित डोनर के साथ-साथ मृतक डोनर का लिवर दान कर रहे हैं.”

जीवित डोनर के जरिए लिवर ट्रांसप्लान्ट करना भारत में एक सुरक्षित व पारदर्शी गतिविधि है. यह प्रक्रिया संबंधित विशेषज्ञों की मंजूरी के बाद ही की जा सकती है. अच्छे संबंधों से किए गए दान के अलावा सभी दान राज्य द्वारा अधिकृत प्राधिकरण समिति की मंजूरी के बाद ही किए जा सकते हैं. यदि कोई विदेशी अंगदान करना चाहता है या ट्रांसप्लान्ट करवाना चाहता है तो उसे पहले स्टेट क्लियरेंस सर्टिफिकेट के साथ संबंधित एंबेसी से मंजूरी लेनी पड़ती है. डोनर रिस्क और ऑपरेशन की सफलता के बारे में साफ-साफ बात की जाती है. हालांकि, एलडीएलटी से नैदानिक लाभ जारी रखने के लिए जीवित डोनर को हर हाल में बचाना आवश्यक होता है.

डॉक्टर विवेक विज, डायरेक्टर व चेयरमैन, लिवर ट्रांसप्लान्ट और जीआई सर्जरी विभाग, फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा

ये भी पढ़ें- औरतें सजावटी गुड़िया नहीं

अगर इस तरह बनायेंगे करेले की सब्जी तो बच्चे भी इससे कर लेंगे दोस्ती

हरी सब्जियों में करेला बहुत ही फायदेमंद होता है .इसका स्वाद कड़वा होने के कारन बच्चे करेले की सब्जी देखकर नाक मुह सिकोड़ते है. अक्सर ये भी देखा गया है की करेले के फायदे के कारन बड़े लोग भी इसे खाते है लेकिन मन मसोस कर. अगर आप और आपके परिवार वाले भी मन मसोस कर करेला खाते है तो आज ही अपनी आदत बदल डालिए क्योंकि आज मै आपको करेले की सब्जी बनाने का ऐसा तरीका बताने जा रही हूँ जिसे खाकर आपकी और आपके बच्चो की करेले से दोस्ती हो जाएगी.

कितने लोगों के लिए: 3 से 4
समय : 15 से 20 मिनट
मील टाइप :veg

हमें चाहिए

करेला -500 gm
प्याज़ – 2 से 3
टमाटर – 1 बड़े साइज़ का
जीरा- ½ टी स्पून
सौंफ -½ टी स्पून
कलौंजी -½ टी स्पून
अजवाइन-½ टी स्पून
हल्दी-½ टी स्पून
धनिया -1 टी स्पून
maggi का मसाला मैजिक -1 पैकेट
हींग-चुटकीभर
हरी मिर्च –स्वादानुसार
तेल-1 टेबल स्पून
नमक-स्वादानुसार

ये भी पढ़ें- रोटी के साथ सर्व करें पंजाब की टेस्टी दाल मखनी

बनाने का तरीका-

1-सबसे पहले करेले को बिना छिलका हटाये गोल-गोल आकर में काट ले .काटने के बाद उसमे
नमक और हल्दी लगाकर 15 से 20 मिनट के लिए एक तरफ रख दे.

2-20 मिनट के बाद करेले को हाथ में लेकर उसको दबा कर उसका रस निकाल दे (इससे उसका कडवापन कुछ हद तक दूर हो जायेगा). याद रखे उसका ज्यादा रस नहीं निकालना है.

3-अब एक पैन में तेल गर्म करे और उसमे करेले को डीप फ्राई करके टिश्यू पेपर पर निकाल ले.

4-अब एक ग्राइंडर में टमाटर और हरी मिर्च डाल कर उसका बारीक पेस्ट बना ले.

5-एक पैन में 1 टेबल स्पून तेल गर्म करे.अब उसमे जीरा, सौंफ ,कलौंजी और अजवाइन को एक साथ डाले .उनके चटक जाने के बाद उसमे टमाटर का पेस्ट डाल दे.

6-उसमे ऊपर से हल्दी और पिसा धनिया डाल कर उसे अच्छे से चला दे.जब तेल अलग होने लगे तब उसमे लम्बे आकार में कटी हुई प्याज़ को डाल दे.(आप चाहे तो आप प्याज़ को भी करेले की तरह डीप फ्राई कर सकते है).

7-अब प्याज़ हलकी लाल हो जाने के बाद उसमे maggi का मसाला मैजिक और स्वादानुसार नमक डाल दे और अच्छे से चला दे उसके तुरंत बाद उसमे फ्राइड करेले डालकर उसको भी मिला ले.

8-2 से 3 मिनट मिलाने के बाद गैस को बंद कर दे.

ये भी पढे़ं- ब्रेकफास्ट में बनाएं टेस्टी पाव भाजी

9-तैयार है टेस्टी करेले की सब्जी .आप इसको रोटी ,पराठा या दाल चावल के साथ खा सकते हैं.

बेस्ट फ्रूट्स फोर ग्लोइंग स्किन

स्किन हमारी सेहत का आइना होती है. और हम सभी चाहते हैं कि हमारी हैल्थी और ग्लोइंग स्किन हो. जिसके लिए हम तरह तरह की कोस्मेटिक्स ट्राई करते हैं. लेकिन क्या आप नहीं चाहतीं कि आपकी नैचुरली ही ग्लोइंग व हैल्थी स्किन हो, जिसके कारण आपको किसी खास कोस्मेटिक की जरूरत न हो. यकीन मानिए आपकी नेचुरल ब्यूटी के आगे आपका कॉम्प्लेक्शन भी मायने नहीं रखेगा. लेकिन ये निखार आपकी त्वचा में अच्छे खानपान से ही आएगा. क्योंकि हमारे खानपान का सीधा असर हमारी स्किन पर पड़ता है. तो आइए जानते हैं ऐसे फ्रूट्स के बारे में , जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल करके स्किन में निखार ला सकती हैं. इस संबंद में बता रही हैं न्यूट्रिशनिस्ट पूजा बांगा.

1. कीवी

कीवी में विटामिन सी , मिनरल और ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो हमारी इम्युनिटी को बूस्ट करने के साथ साथ स्किन को यंग व हैल्थी बनाने का काम करता है. इसमें विटामिन इ की मौजूदगी स्किन वाइटनिंग , झुर्रियों और एक्ने को कम करती है. वहीं कीवी में ओमेगा 3 फैटी एसिड विभिन तरह की स्किन प्रोब्लम्स से छुटकारा दिलवाता है, जिससे चेहरा यंग व .फ्रैश दिखता है. यकीन मानिए अगर आप रोजाना 1 कीवी को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो आपके शरीर से टोक्सिंस बाहर निकलते हैं , जिससे स्किन अंदर व बाहर से खिल उठती है.

ये भी पढ़ें- घर पर बना सकती हैं फेसवाश, जानें कैसे

2. पपीता

पपीते में विटामिन ए , सी , बी व स्किन लाइटनिंग प्रोपर्टीज होने के कारण ये दाग धब्बों और पिगमेंटेशन को दूर करने का काम करता है. इसमें पपाइन एंजाइम अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड के साथ मिलकर एक्सफोलिएटर का काम करता है, जिससे इनएक्टिव प्रोटीन और डेड स्किन सेल्स रिमूव होते हैं. साथ ही ये स्किन को मॉइस्चराइज भी करता है, जिससे स्किन सोफ्ट, स्मूद व स्किन टोन इम्प्रूव होता है. सभी जानते हैं कि पपीते से पाचन तंत्र ठीक होता है, जिसका सीधा असर स्किन की अच्छी हैल्थ से जुड़ा हुआ है. इसलिए आप रोजाना अपनी डाइट में पपीते को जरूर शामिल करें.

3. अनानास

अगर आप एजिंग प्रोसेस को स्लो करना चाहती हैं तो अनानास से दोस्ती करें. क्योंकि
अनानास में ब्रोमेलैन नामक एंजाइम होता है, जो डेड स्किन सेल्स को रिमूव करने का काम करता है. साथ ही इसमें विटामिन ए , सी और के होता है , जो क्लियर और हैल्थी स्किन के लिए बहुत जरूरी माना जाता है. इसमें लम्ब्रेन तत्व भी होता है, जिसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और हीलिंग प्रोपर्टीज होने के कारण ये स्किन को रिपेयर और फ्रैश लुक देने का काम करती है. इसके लिए आप अनानास को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें , साथ ही आप 3 अनानास के टुकड़ों में 1 बड़ा चम्मच नारियल के तेल को मिलाकर उसका स्मूद पेस्ट तैयार करके चेहरे पर 5 मिनट के लिए अप्लाई भी कर सकते हैं. इससे आपको अपनी स्किन एकदम क्लियर और साफ दिखेगी.

4. तरबूज

तरबूज न सिर्फ शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करता है. बल्कि इसमें बीटा कैरोटीन और विटामिन सी होने के कारण ये सुपर ग्लोइंग स्किन देता है. ये स्किन को हाइड्रेट और सोफ्ट भी रखता है. इसमें विटामिन्स और मिनरल्स होने के कारण ये स्किन की ओवरआल हैल्थ और टेक्सचर के लिए बेहतर माना जाता है. इसमें एन्टिओक्सीडेंट प्रोपर्टीज आपको एजिंग की समस्या से कोसों दूर रखती है व ल्य्कोपेन तत्व की मौजूदगी स्किन टिश्यू को डैमेज होने से बचाती है . इसके लिए आप तरबूज तो खाएं ही साथ ही आप तरबूज के टुकड़ों को अच्छे से मैश करके उसे 10 मिनट तक चेहरे पर भी अप्लाई करें. आपको स्किन एजिंग की समस्या से छुटकारा मिलने के साथ साथ आपकी स्किन खिल उठेगी.

5. केला

केला एन्टिओक्सीडैंट्स और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. साथ ही अगर आपको ड्राई स्किन की प्रोब्लम है तो ये आपकी स्किन को हाइड्रेट रखकर मोइस्चर भी प्रदान करता है. केले में पोटैशियम, विटामिन बी, विटामिन ए , जिंक, विटामिन सी और विटामिन इ होता है. बता दें कि पोटैशियम स्किन को हाइड्रेट और मोइस्चर प्रदान करने का काम करता है. विटामिन ए स्किन की इलास्टिसिटी को मैंटेन रखने और दाग धब्बों को हटाता है. विटामिन सी कोलेजन को बढ़ाकर स्किन की हैल्थ को ठीक करता है. वहीं विटामिन इ त्वचा को ड्राई होने से बचाता है , जिससे स्किन ग्लोइंग दिखती है. तो जिंक एक्ने से लड़ने से सक्षम है. इसलिए आप रोजाना एक केला खाएं. साथ ही आप केले को मैश करके उसे चेहरे पर भी अप्लाई कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- चेहरे को बेदाग बनाने के एक्सपर्ट टिप्स

6. स्ट्रॉबेरी

सिर्फ स्ट्रॉबेरी हैल्थ के लिए ही नहीं बल्कि ये स्किन के लिए भी अच्छी मानी जाती है. इसमें सैलिसिलिक एसिड होता है, जिसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल प्रोपर्टीज होती हैं , जो एक्ने को कम करने में मदद करती हैं . ये आपकी स्किन से गंदगी को रिमूव करके पोर्स को क्लोग होने से रोकता है. साथ ही स्ट्रॉबेरी में एलाजिक एसिड होने के कारण ये स्किन को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने के साथ साथ एजिंग को रोकने में मदद करता है.

7. सेब

सेब का छिलका एन्टिओक्सीडैंट्स गुणों से भरपूर होता है, जो एजिंग को कंट्रोल करने का काम करता है. इसमें विटामिन ए और सी होता है, जो कोलेजन के निर्माण और स्किन की इलास्टिसिटी को मैंटेन रखने का काम करता है और साथ ही हैल्थी सेल्स का निर्माण करके स्किन को यंग और फ्रैश लुक देता है . तो फिर आप इन फलों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें.

 

प्रेम के लिए दिल से समय निकालें

किसी शायर ने अपनी शायरी में कहा है, ‘तुम्हें जब कभी मिलें फुरसतें मेरे दिल से बोझ उतार दो. मैं बहुत दिनों से उदास हूं मुझे कोई शाम उधार दो.’

आज के संदर्भ में यह शायरी रिश्तों को समझने के लिए सटीक है. दौड़तीभागती जिंदगी में फुरसत ही है जो रिश्तों को समेटने में मदद करती है. लेकिन फुरसत है ही कहां? अगर है भी तो लोग लाइक और कमैंट में उलझ कर रह गए हैं. आज वास्तविक दुनिया में हमारा एकदूसरे से टच खोता जा रहा है. ऐसी वर्चुअल दुनिया से हम खुशी मना रहे हैं जो झठी और बनावटी है. और 4 इंच के मोबाइल स्क्रीन के माध्यम से नकली रिश्ते ढूंढ़े जा रहे हैं. ऐसे में वे सारे रिश्ते दम तोड़ रहे हैं जो हमारे आसपास हकीकत में हैं.

इस का असर खासकर प्रेमसंबंधों और शादी के बाद पतिपत्नी के रिश्तों में पड़ रहा है. रिश्ते बिखर रहे हैं. पार्टनर का मतलब सैक्सुअल प्लेजर हो गया है, जहां बिस्तर पर संबंध बनाते हुए ‘आज कैसा लगा’ तक पूछने कि जहमत नहीं उठाई जाती. अब जब रिश्ते में बने रहने का एकमात्र कारण सैक्स ही है तो इस की पूर्ति तो कहीं से भी की जा सकती है, फिर प्रेमसंबंध या रिलेशनशिप का नाम क्यों?

यानी, प्रेमसंबंध या मजबूत रिश्ते के बीच सैक्स एक हद तक काम कर सकता है लेकिन मजबूत रिश्ते को बनाए रखने के लिए यह सबकुछ नहीं होता. इस के लिए एकदूसरे के साथ ऐसा समय बिताना जरूरी है जिस में आप का जुड़ाव सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक भी हो, भावनात्मक भी हो, और वैचारिक भी हो.

ये भी पढ़ें- समाजिक दूरी से ‘एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर’ में तनाव

जाहिर सी बात है प्रेम एक प्रक्रिया है जो लगातार बढ़ती रहती है, जिसे जितना बढ़ाना चाहोगे उतना बढ़ेगा. इस की कोई सीमा नहीं. जिस के लिए हर इंसान को चाहिए कि उसे ऐसा फ्री टाइम मिले जिस में वह अपने पार्टनर के साथ मिल कर अपने रिश्ते को आगे बढ़ा सके और मजबूती दे सके. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इस के लिए कितनी कोशिश करते हैं और कितना अपने पार्टनर के लिए समय निकालते हैं. लेकिन आज के व्यस्त समय में सब से बड़ा सवाल यह होता है कि आप अपने पार्टनर के लिए क्वालिटी टाइम कहां से निकालेंगे? तो इस का सीधा सा जवाब है, क्वालिटी टाइम अलग से निकालना नहीं पड़ता, बल्कि जब भी आप अपने पार्टनर के साथ रह रहे हैं उसे ही क्वालिटी टाइम बनाया जा सकता है. इस के लिए जरूरी नहीं कि आप कोई विशेष दिन या समय चुनें, बल्कि अपने पार्टनर को खास महसूस कराने के लिए हर समय को खास बनाया जा सकता है.

क्वालिटी टाइम लव लैंग्वेज

क्वालिटी टाइम और कुछ नहीं, बल्कि एक तरह की प्यार वाली भाषा है जिस का सैंटर इमोशन होता है. इस का सीधा सा मतलब बिना किसी भटकाव के अपने पार्टनर के प्रति भावुक प्रेम जाहिर करना होता है. ऐसे में उन सभी गैरजरूरी चीजों, चाहे वह सैलफोन हो, लैपटौप हो या टीवी हो, दोस्तों के साथ घूमना हो, को साइड रख कर अपने पार्टनर पर फोकस करना होता है. जब आप ऐसा करते हैं तो ये चीजें सीधे दिल को छूती हैं जो आप के पार्टनर पर प्रभाव डालता है. ऐसे में वह खुद को स्पैशल फील करता/ती है कि आप उसे अपना खास टाइम दे रहे हो और आप के जीवन में उस की अहमियत है. इस से फर्क नहीं पड़ता कि आप अपना कितना समय उसे दे रहे हो, लेकिन अगर थोड़ा टाइम भी दे पा रहे हो, उतने में ही आप के पार्टनर को यह महसूस होना चाहिए कि यह उस के लिए आज का बैस्ट टाइम था. ऐसे में जरूरी है कि उस समय आप इन खास टिप्स से अपने पार्टनर के लिए समय निकाल कर उसे खास टाइम बनाएं.

आई कौंटैक्ट बनाएं

नजरें अपनेआप में बहुत चीजें कहती हैं. यह कहा जा सकता है कि दिल के लिए रास्ता आंखों से हो कर गुजरता है. बहुत बार 2 लोगों की आपसी बातचीत में अगर कोई एक नजर हटा कर बात करता है तो समझ जाता है कि वह आप की बातों पर ध्यान नहीं दे रहा. इसलिए बात करते हुए आंखों के बीच संपर्क जरूरी होता है, और जब बात रोमांस की हो तो यह बहुत जरूरी हो जाता है. इस से यह समझ आता है कि आप अपने पार्टनर के साथ बात करते हुए पूरा अटैंशन दे रहे हैं, जिस से उसे खुद के खास होने का एहसास होगा. वहीं, इस की जगह अगर आपस में बात करते हुए आप अपने फोन को साथ में चलाने लगते हैं, या लैपटौप पर कोई काम करने लगते हैं तो उसे लगेगा आप उस की बात पर ध्यान नहीं दे रहे.

पार्टनर की बातें ध्यान से सुनें

आमतौर पर बात करते हुए कुछ चीजें जो सब से ज्यादा इरिटेट करती हैं उन में से एक बातों पर ध्यान न दिया जाना होता है. अधिकतर समय बात करते हुए दिमाग में कुछ दूसरे खयाल चल रहे होते हैं, जैसे औफिस का बचा हुआ काम, दोस्तों की मस्ती या उसी बात पर खुद की अलग ओपिनियन. इस कारण कम्युनिकेशन कोलैप्स हो जाता है और बातें हांहूं तक सीमित हो जाती हैं. बहुत बार बात करते हुए प्रेजैंस औफ माइंड गड़बड़ा जाता है और क्याक्या बारबार सुनने को मिलता है.

ये चीजें आप के पार्टनर को शर्मिंदा कर सकती हैं. इसलिए जरूरी है कि जब आप के और आप के पार्टनर के बीच में कोई बातचीत चल रही हो तो उस दौरान ध्यान से उन की बातों को सुना जाए. अगर वह आप की ओपिनियन मांगे तो आप उस पर अपनी राय रख सकें.

कुछ नया ट्राई करें

नया मतलब, जो खास हो. भारतीय तौरतरीकों में आमतौर पर लड़केलड़की के बीच चीजें पहले से ही निर्धारित होती हैं, जिस में घर का काम लड़की और बाहर का काम लड़के करते हैं. यहां तक कि वर्किंग वूमन तक को घर पर आ कर घरेलू काम संभालना पड़ता है. ऐसे में उन के लिए तनाव वाला माहौल होता है. ऐसी स्थिति में जरूरी है कि काम को आपस में बांटा जाए और कोशिश की जाए कि दोनों काम में हैल्प करें. इस से एकदूसरे के प्रति प्रेम व सम्मान बढ़ता है. साथ ही, काम में एकदूसरे का हाथ बंटाते हुए इंटिमेसी लैवल भी बढ़ता है.

ये भी पढ़ें- बहू का रिवीलिंग लिबास क्या करें सास

बात करते हुए एक्साइटिंग प्लान बनाएं

हर दिन कुछ नया प्लान बने तो बढि़या है लेकिन अगर हफ्ते में भी कोई खास दिन चुन कर किसी तरह की एक्टिविटी या कोई प्लान आप तैयार करते हैं तो यह आपसी अंडरस्टैंडिंग बढ़ाएगा. जैसे, हफ्ते में एक दिन मूवी प्लान या घर में बैठ कर ही साथ में मूवी देखना, वीकैंड हौलिडे पर साथ में बाहर घूमने जाना, साथ में किताब पढ़ना या काम के बाद वाक पर निकलना, रैस्टोरैंट में नई डिश ट्राई करना, अनुभव साझ करना इत्यादि.

मुश्किल समय में साथ रहना

बहुत बार ऐसे मौके आते हैं जब कोई दुखद घटना घटती है और हो सकता है उस दौरान आप के पार्टनर को उस घटना को ले कर एक तरह की घबराहट या चिंता हो. ऐसे में जरूरी नहीं कि सुख के पल ही आप के लिए क्वालिटी टाइम हो, बल्कि सुख से अधिक दुख के पलों में आप कैसा व्यवहार करते हैं, यह आप के रिश्ते का आधार बनता है. इसलिए यह जरूरी है कि अपने पार्टनर को इस बात का एहसास करवाया जाए कि खराब से खराब समय में आप उस के साथ हैं. इस से आप के पार्टनर का हौसला बढ़ेगा और  उस के मन में आप के प्रति प्रेम व विश्वास जागेगा.

अकसर जब क्वालिटी टाइम की बात आती है तो लोगों का मानना होता है कि यह ऐसा समय होता है जब आप अपने पार्टनर के लिए कोई स्पैशल प्लान करते हैं या जब आप उन्हें बहुत सा समय देते हैं. यह सही है कि स्पैशल प्लान करना या पार्टनर के लिए ज्यादा टाइम निकालना अच्छा लगता है. लेकिन क्वालिटी टाइम किसी विशेष समय का मुहताज नहीं होता, बल्कि इसे हर वक्त जिया जा सकता है. इस के लिए खासतौर पर ध्यान रखा जाना जरूरी होता है कि ऐसी चीजों को किया जाए जिन से आप का पार्टनर अच्छा महसूस करे. जैसे, जब आप एकदूसरे के साथ टाइम स्पैंड करें तो शिकायत या नुक्ताचीनी कम हो, अपने पार्टनर के साथ बात करते हुए गैरजरूरी किसी और चीज पर ध्यान न जाए, उन बातों को न भूलें जो आप का पार्टनर क्वालिटी टाइम में आप से करे.

मानसून में बालों और स्किन की देखभाल के कुछ आसान से टिप्स

मॉनसून आते ही अनेक प्रकार की स्किन और हेयर से जुड़ी प्रॉब्लम्स होना शुरू हो जाती है. खासकर वैसे लोगो के लिए जिनकी स्किन या तो ड्राई है या ओइली. मॉनसून में स्किन पर एक्ने होने की भी संभावनाएं बाकी दिनों के मुकाबले काफी ज्यादा हो जाती है. इसके लिए इन दिनों स्किन पर खास तौर पर ध्यान देने की जरूरत होती है..

मॉनसून मे स्किनकेयर  और बालों के लिए कुछ आसान से टिप्स बता रही हैं, डॉ निवेदिता दादू प्रसिद्ध डर्मेटोलॉजिस्ट और संस्थापक और अध्यक्ष, डॉ निवेदिता दादू के डर्मेटोलॉजी क्लिनिक.

  1. स्किन को रेगुलर इंटरवल पर एक्सफोलिएट करें. स्किन से डेड स्किन सेल्स को निकालने के लिए और स्किन के बंद पोर्स को खोलने के लिए स्किन को एक्सफोलिएट करें. इसके लिए आप कॉफी, पपीता, टी बैग्स और बैकिंग सोडा का इस्तेमाल कर सकते है.
  2. मॉनसून के समय स्किन को क्लीन करना सबसे जरूरी है. इसलिए मॉनसून मे दिन में कम से कम तीन बार स्किन को क्लीयर करें. ताकि स्किन पर अधिक गंदगी न रहे, गंदगी से फंगल इंफेक्शन होने का खतरा होता है.
  3. मॉनसून में स्किनकेयर के लिए सबसे बेस्ट है अपने स्किन को हाईड्रैट रखना. इसलिए अच्छी मात्रा में पानी पिये, पानी बॉडी से सारे टॉक्सीन्स को बाहर निकालने में मदद करती है और एक्ने और अनेक प्रकार के पिंपल्स को होने से रोकता है.
  4. मॉनसून में किसी भी प्रकार के मैकअप के प्रयोग करने से बचें, क्योंकि यह स्किन के पोर्स को बंद कर देता है जिससे स्किन पर अनेक तरह के इंफेक्शन और पिंपल्स होने के चांसेस होते है.
  5. मॉनसून के दिनों में स्किन को टोन करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है. इसके लिए आप नैचुरल टोनर जैसे निम्बू का रस, ग्रीन टी और खीरे के रस का इस्तेमाल कर सकते है.

मॉनसून के दौरान हेयरकेयर के लिए अपनाये जाने वाले आसान से टिप्स

मॉनसून में शैंपू के बाद बिल्कुल रूखे हो जाते है और अपनी चमक खोने लगते है. मॉनसून के कारण जो ह्युमिडीटी हो जाती है वातावरण में वो स्किन को बिल्कुल रूखा और बेजान बना देती है.

  1. मॉनसून में बालों में शैंपू का इस्तेमाल और जल्दी जल्दी करें खासकर जब आपकी स्किन ओइली हो.
  2. मॉनसून के दौरान किसी भी अन्य प्रकार के कंडिशर के प्रयोग से बचें. इसके बजाय नैचुरल और हेर्बल कंडिशर का इस्तेमाल करें.
  3. मॉनसून के दौरानअपने हेयर को नैचुरल तरीको से केयर करे जैसे नैचुरल ऑयल और एग वाईट लगाये.
  4. किसी भी तरह के कॉस्मेटिक्स जैसे जेल्स और क्रीम के इस्तेमाल से बचें यह आपके बालों को खराब कर सकते है.
  5. बारिश के दौरान एंटी बक्टीरियल और एंटी फंगल शैंपू और कंडिशर का इस्तेमाल करें. यह अनेक प्रकार के फंगल और बक्टीरियल इंफेक्शन से स्कैल्प को बचाता है.
  6. अगर आप कहीं बाहर से आरहे है तो तुरंत बालों को धो लें और बालों को सूखा लें. क्योंकि अधिक मोइस्चर से स्कैल्प में अनेक तरह के इंफेक्शन हो सकते है. अगर आपके बाल भीगे है तो उसे कभी नही बांधे.

मैं और मेरे पति संतानसुख से वंचित हैं?

सवाल-

मेरी उम्र 27 और पति की 30 साल है. हमारी शादी को 5 साल हो चुके हैं. हम दोनों की सारी जांचें नौर्मल आई हैं. पति की जांच में उनके शुक्राणुओं की संख्या भी लगभग 90 मिलियन आई है. बावजूद इस के हम संतानसुख से वंचित हैं. क्या हमें आईवीएफ तकनीक की मदद लेनी चाहिए?

जवाब-

आप को घबराने की आवश्यकता नहीं है. चूंकि आप के पति के शुक्राणुओं की संख्या ठीक है, इसलिए आप को आईयूआई तकनीक की दरकार नहीं है. लेकिन आप के लिए बढि़या विकल्प आईवीएफ तकनीक है. इस की मदद से आप संतानसुख की प्राप्ति कर सकते हैं. हां, यह ध्यान रहे कि इस तकनीक के लिए किसी अच्छे डाक्टर से ही संपर्क करें.

ये भी पढ़ें-

खराब खानपान का सेहत पर तुरंत असर नहीं होता, बल्कि एक लंबे समय के बाद इनका असर समझ आता है. हाल ही में हुए एक स्टडी में ये बात सामने आई कि जंकफूड का अधिक प्रयोग करने वाली महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान बहुत परेशानी होती है. शोध में पाया गया कि हफ्ते में तीन चार बार से अधिक जंकफूड का सेवन करने वाली महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में ज्यादा वक्त लगता है. वहीं जो महिलाएं जंकफूड का सेवन कम करती है वो ज्यादा सहूलियत और आसानी से प्रेग्नेंट होती हैं.

औस्ट्रेलिया में हुए इस शोध में ये बात सामने आई कि जो महिलाएं हेल्दी फूड खाती हैं वो ज्यादा फिट रहती हैं और सही वक्त पर गर्भवती भी होती हैं. फर्टिलिटी में भी हेल्दी फूड बेहद लाभकारी होते हैं. इसके अलावा ये बात भी सामने आई कि जिन खाद्य पदार्थों में जिंक और फोलिक एसिड की मात्रा प्रचुर होती है उनके सेवन से गर्भधारण की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. हरे पत्तेदार सब्जियों, मछली, बीन्स और नट्स में ये तत्व पाए जाते हैं.

ये भी पढ़े- मेरे पति सेक्स के दौरान हिंसक हो जाते हैं, क्या करूं?

Edited by Rosy

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें