समाज के घिनौने चेहरे को दिखाने की कोशिश की गयी है -त्रिधा चौधरी

बांगला और तेलगू फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री त्रिधा चौधरी धारावाहिक ‘दहलीज’ से चर्चा में आई. फिल्मों के अलावा उसने कई वेब सीरीज और विज्ञापनों में भी काम किया है. कोलकाता की त्रिधा ने 4 साल की उम्र से ओडिसी डांस सीखना शुरू कर दिया था और कई स्टेज परफोर्मेंस भी दिया है. उसके इस काम में साथ दिया उसकी माता-पिता ने, जो हर समय उनके साथ रहे.

स्वभाव से स्पष्टभाषी और हंसमुख त्रिधा की वेब सीरीज ‘आश्रम’ रिलीज हो चुकी है, जिसमें उसने एक सेक्स वर्कर की भूमिका निभाई है, जो अपने अतीत को भूलकर नये सिरे से अपना जीवन शुरू करना चाहती है. उनसे उनकी जर्नी के बारें में बात हुई, पेश है अंश.

सवाल-आश्रम में आपकी भूमिका क्या है, कितना चुनौतीपूर्ण था ?

मैंने अभी तक अधिकतर मैच्योर भूमिका निभाई है. जब मुझे ये भूमिका मिली तो मैं डरी हुयी थी, क्योंकि सेक्स वर्कर की भूमिका निभाना आसान नहीं होता. इन महिलाओं को लोग अच्छी नज़र से नहीं देखते. ऐसी कई महिलाएं समाज में है, जिनके साथ ऐसा होता है. ये एक स्ट्रोंग चरित्र है. महिलाओं की भावनाओं को लोग नहीं समझते. इस फिल्म को शूट करने के बाद मैं बहुत भावुक हो गयी थी और ये सोचकर रोई थी कि अगर मेरे साथ ऐसा कुछ होता, तो मैं कैसे रह पाती. ये चरित्र मेरे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था. इसमें मैंने समाज का जो घिनौना चेहरा है, उसे दिखाने की कोशिश की है. छोटी-छोटी बच्चियां तक बलात्कार का शिकार होती है और ऐसे में लड़की मुंह दिखने के लायक नहीं होती, जबकि उसकी गलती कुछ नहीं होती. मुझे दुःख इस बात से है कि इस फिल्म के हर दृश्य में सन्देश को न देखकर, लोग सेक्स और अनएथिकल बातों को खोजते और उसका मजाक बनाते है. ये हमारे देश के यूथ के लिए शर्मनाक है, जो कहानी की गंभीरता को न देखकर उसकी मिम्स बनाकर कलाकार के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते है.

सवाल-इस चरित्र को करने में आपको कितनी मेहनत करनी पड़ी?

एक महिला होममेकर या सेक्स वर्कर कुछ भी हो सकती है. इसमें औरत की ममता और प्यार को दिखाने की कोशिश की गई है, जिसमें हालात जो भी हुए हो, उसे भूलकर वह नया जीवन बिताना चाहती है. उसके भविष्य को सवारने वाला एक पुरुष भी उसके जीवन में आता है. जो उसे उसी सम्मान के साथ अपनाता है और ये वाकई सबके लिए सन्देश है और मुझे इस भाव को लाने के लिए मेहनत करनी पड़ी.

सवाल-रियल लाइफ में महिला को सही सम्मान न मिलने की वजह क्या मानती है?

मेरे जीवन में भी कई ऐसे पल आये जब मुझे खुद के बारें में सोचने की जरुरत महसूस हुई, क्योंकि मैं एक कलाकार हूं और मुझे एक सपोर्टिव पार्टनर की जरुरत है, जो मिलना मुश्किल है. समाज और परिवार में हमेशा सिखाया जाता है कि पति के एक चांटे को सह लो, उसे कुछ न कहो और ये सालों से चलता आ रहा है, लेकिन अब महिलाएं आगे आकर कह रही है. मैं पुरुष को दोषी नहीं कहती, क्योंकि वह वैसा ही है, उसे आप बदल नहीं सकते. आपको खुद आगे आकर खड़े होने की जरुरत है. महिलाओं के लिए आत्महत्या या कही चले जाना, ये समाधान नहीं. किसी के गलत को सहन करना भी गलत है. ये लड़के या लड़की दोनों के लिए हो सकता है. जब भी कोई समस्या जीवन में आये उसे सबके सामने खुलकर कहे, छिपाए या गलत कदम न उठाएं.

सवाल-आउटसाइडर होने की वजह से आपको कितना संघर्ष करना पड़ा?

मेरे लिए संघर्ष कुछ लोगों को अवॉयड करना था और ये सच बात है, जिसे लोग छिपाते है. मेर साथ कुछ लोग हमेशा मेरे दिमाग के अंदर घुसकर निरुत्साहित करने की कोशिश करते रहे, लेकिन मेरी परवरिश और मेरी माँ का हमेशा साथ में रहने की वजह से मैं हमेशा मजबूत रही. कही भी बुलाने पर मैं जाती नहीं थी. लोग मुझे कई प्रकार के सलाह देते थे, मसलन बातें अधिक न करना, हमेशा मीठी मुस्कान बिखेरना आदि, जो मुझे बहुत अजीब लगती थी. वही मेरा संघर्ष रहा है. मैं बहुत स्पष्टभाषी हूं और  जो मुझे पसंद नहीं उसे मैं सामने कहने से डरती नहीं. कई बार इसके लिए मुझे कुछ समस्या आई, पर सबको अपने हक का पूरा समान मिलता है. पहले जिसे मैंने मना किया था और उसने मुझे भला-बुरा कहा था. आज वही इंसान मेरे काम की तारीफ करता है और मैंने उसके साथ कई प्रोजेक्ट किये भी है.

सवाल-कोलकाता से मुंबई कैसे आना हुआ?किसका सहयोग था और कैसे?

मैंने माइक्रोबायोलोजी में पढाई की है. पढाई पूरी करते-करते मुझे धारावाहिक ‘दहलीज’ मिली, लेकिन मैंने उसे करने से मना कर दिया था. फिर वापस मुझे उसका ऑफर मिला और मैंने किया और उससे मुझे बहुत प्रसंसा मिली. इससे मुझे इस क्षेत्र में काम करने की प्रेरणा मिली. मैंने अपनी उम्र से अधिक की भूमिका निभाई, पर उसमें जो ठहराव लाने की जरुरत पड़ी, उसमें कई लोगों ने मुझे सहयोग दिया. बंगाल के निर्देशक श्रीजीत मुख़र्जी ने बहुत सहायता की. उनके साथ की गयी पहली बांगला फिल्म हिट रही इससे मेरी पहचान बनी और आगे काम मिलता गया.

माता-पिता का सहयोग हमेशा रहा. उनका कहना था कि आप जो भी काम करों. सबसे शेयर करों और खुश रहो.

सवाल-बांगला फिल्म इंडस्ट्री में पहले जैसे हिट कलाकारों की कमी की वजह क्या मानती है?

रीजनल फिल्मों की सोच अलग होती है. उनकी वित्तीय शक्ति और मार्केटिंग कम होती है. अभी के दौर में मैं भी नंबर को ही देखती हूं. कहानी उस क्षेत्र के हिसाब से ही बनायीं जानी चाहिए, ताकि लोग उससे जुड़ सके. फिल्में बनती है और चलती भी है, परअब अधिक काम होने की आवश्यकता है. अभी मैं बंगाल के दिग्गज अभिनेता सौमित्र चटर्जी की बायोपिक में शर्मीला ठाकुर की भूमिका कर रही हूं. मैं अपनी काम से सबको प्रभावित करना चाहती हूं. यही मेरा उद्देश्य होता है. इसके अलावा निर्माता, निर्देशक संजय लीला भंसाली और आयान मुखेर्जी के साथ फिल्में करने की इच्छा है.

सवाल-अन्तरंग दृश्यों को शूट करने में कितनी सहज होती है?

बहुत मुश्किल होता है, इसके लिए को एक्टर और निर्देशक के साथ बात करनी पड़ती है, क्योंकि मुझे इसका बहुत ख़राब अनुभव है, जहाँ उस निर्देशक ने उसका फायदा उठाने की कोशिश की थी. क्लियर चर्चा दृश्य को लेकर की जाती है, क्योंकि को एक्टर्स की भी पर्सनल लाइफ और परिवार होता है. इस वेब सीरीज में बॉबी मेरे उपर नहीं साइड में थे, मेरे ऊपर एक पिलो रखा गया और मैं जींस और स्किन कलर के टॉप में थी. मेरा चेहरा और मेरे हाथ ही केवल खुले थे, जो दिखाया गया है वह कैमरे का एंगल और तकनीक होता है, यहां तक की ‘किस’के दृश्य भी ‘चिन’पर थे. मैने ऐसे इसे शूट किया है और मैं इसे लोगों को बताना चाहती हूं, ताकि वे शूटिंग के बारे में जान सकें.

सवाल-क्या कोई मेसेज देना चाहती है?

पेंडेमिक कोरोना की वजह से नहीं, पेंड़ेमिक लोगों की सोच को लेकर आजकल है. आज केवल एक एक्टर ने ही आत्महत्या नहीं की है, कई और लगातार कर रहे है, क्योंकि वे मानसिक रूप से परेशान है. हर किसी को एक दूसरे की सहयोग करने की जरुरत है ताकि सभी लोग अच्छे रहे. समस्या सबके जीवन में होती है, किसी एक व्यक्ति को नैतिक रूप से तोडना सही नहीं है. सबको जीने का अधिकार है.

Shocking: रिया चक्रवर्ती ने ड्रग्स मामले में लिया सारा अली खान का नाम

बॉलीवुड से जुड़ा हर शख्स और जो भी बालीवुड के नजदीक है ,उसे पता है कि बॉलीवुड से जुड़े लोग किस तरह ड्रग्स की आदतों के शिकार हैं. बालीवुड से जुड़े तमाम कलाकार गाहे-बगाहे इस बात को स्वीकार करते हैं कि उन्हें अभिनय में एकाग्रता लाने के लिए कुछ तरीके अपनाने पड़ते हैं.मगर कभी किसी कलाकार ने इस बात को स्वीकार नहीं किया है कि वह ड्रग्स लेते हैं .लेकिन सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच का दायरा अब इस तरह से आगे बढ़ा कि मामला ड्रग्स केे सेवन करने से लेकर खरीद और बिक्री तक पहुंच गई है.

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने सात ड्रग्स पैैैडलर के अलावा सुशांत सिंह राजपूत के घर के नौकर, सिद्धार्थ पठानी,से रिया चक्रवर्ती और उसके भाई को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार कर चुकी है .नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सूत्रों की माने तो रिया चक्रवर्ती ने अपने बयान में बॉलीवुड की 25 बड़ी हस्तियों के नाम लिए हैं .और इसी के साथ ड्रग्स ले रहे फिल्मी कलाकारों की कई वीडियो भी वायरल होने लगे हैं.

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से जुड़े सूत्रों की माने तो रिया चक्रवर्ती ने जिन 25 लोगों में नाम लिए हैं, उनमें 5 ‘ए’ लिस्टर कलाकार है, तो वहीं 15 ‘बी’ लिस्टर कलाकार है और बाकी कुछ टीवी कलाकार है. सूत्र बता रहे हैं कि फिलहाल एनसीबी फिल्म अभिनेत्री सारा अली खान, जो कि सैफ अली खान की बेटी भी है, फिल्म अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह ,फैशन डिजाइनर सिमोन खमबाटा, फिल्म निर्देशक मुकेश छाबरा को नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो अतिशीघ्र पूछताछ के लिए बुलाने वाली है.

ये भी पढ़ें- बिग बौस 13 फेम असीम रियाज और हिमांशी खुराना का hua ब्रेकअप! पोस्ट से हुआ खुलासा

ड्रग्स लेने के मामलेे में रिया चक्रवर्ती ने जिन बड़े नामों को उजागर किया है, उनसे पूछताछ के लिए नारकोटिस कंट्रोल ब्यूरो ने दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख राकेश अस्थाना ने साथ एक लंबी बैठक की और सूत्र बता रहे हैं कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इन कलाकारों को पूछताछ के लिए मुंबई की बजाय दिल्ली के ऑफिस बुला सकती है.

रिया चक्रवर्ती और सारा अली खान जिम पार्टनर भी रही हैं. इसके अलावा फिल्म “केदारनाथ” की शूटिंग के दौरान सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत एक दूसरे के करीब आए थे. उनके प्रेम संबंधों की भी चर्चा रही है, पर बाद में दोनों अलग हो गए. सुशांत सिंह राजपूत जब अपने दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाने थाईलैंड गए थे, तब सारा अली खान भी सुशांत सिंह राजपूत के साथ थाईलैंड गई थी .इसके अलावा रकुल प्रीत सिंह भी रिया चक्रवर्ती की तरह एक आर्मी से जुड़े परिवार से हैं ,इसलिए रिया चक्रवर्ती और रकुल प्रीत सिंह के बीच दोस्ती रही है .

इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सुशांत सिंह राजपूत, रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शोभिक व अन्य लोग ड्रग्स लेते हुए नजर आ रहे हैं.

तो वहीं अब चार-पांच साल पहले अभिनेता अध्ययन सुमन द्वारा दिया गया इंटरव्यू भी चर्चा में है. जिसमें अध्ययन सुमन ने साफ-साफ ऐलान किया था कि कंगना राणावत का भी ड्रग्स लेती थी .जिसके आधार पर महाराष्ट्र सरकार ने ड्रग्स के मामले में कंगना राणावत के खिलाफ जांच का आदेश जारी कर चुकी है.

अभी तो यह सारी खबरें नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के दफ्तर से छन छन कर आ रही है. खबरें यह भी हैं कि शुक्रवार को दिनभर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मुंबई और गोवा में तकरीबन 20 जगहों पर छापेमारी की. फिलहाल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को ड्रग्स सप्लायर केजी की तलाश है .कहा जा रहा है कि ज्यादातर कलाकार इसी से ड्रग्स खरीदते हैं.

ये भी पढ़ें- ‘मेरे डैड की दुल्हन’: अम्बर और गुनीत का हुआ रोका, वीडियो वायरल

उधर कंगना राणावत ने भी तमाम कलाकारों पर ड्रग्स लेने का आरोप लगाया है. एक बयान में कंगना रनौत ने सारा अली खान, विक्की कौशल, रणबीर कपूर , रणवीर सिंह सहित कुछ कलाकारों से अपना ब्लड टेस्ट कराने की भी सलाह दी है. और कंगना ने केंद्र सरकार से मांग की है कि कि वह बॉलीवुड को ड्रग्स मुक्त बनाने के लिए सघन जांच कर सफाई अभियान चलाएं.

जिस ढंग से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कार्य कर रहा है ,उससे बालीवुड के तमाम सितारे दहशत में है और सभी को लग रहा है कि कभी भी उनका नंबर भी आ सकता है.

बिग बौस 13 फेम असीम रियाज और हिमांशी खुराना का हुआ ब्रेकअप! पोस्ट में खुलासा

 कलर्स के पौपुलर रियलिटी शो ‘बिग बॉस 13’ में सुर्खियां बटोरने वाले कपल हिमांशी खुराना (Himanshi Khurana) इन दिनों सोशलमीडिया पर छाई हुई है. दरअसल, गोवा में गाने की शूटिंग करने पहुंची हिमांशी खुराना ने कुछ फोटोज और वीडियो पोस्ट की हैं, जिसे देखकर उनके दर्द का पता चल रहा है. वहीं फैंस कयास लगा रहे हैं कि दोनों का ब्रेकअप हो गया है. आइए आपको बताते हैं क्या है सच…

शायरी से खींचा फैंस का ध्यान

सोशलमीडिया पर हिमांशी खुराना ने पहली शायरी में लिखा है कि, ‘चुप हूं मगर कमजोर नहीं….’ वहीं उन्होंने दूसरी शायरी में लिखा है कि, ‘हम जानते थे टूटेगा मगर वादा हसीन था.’ हिमांशी खुराना ने दो और पोस्ट शेयर किए, जिसमें उन्होंने अपना दर्द-ए-दिल बयान किया.

himanshi

ये भी पढ़ें- ‘मेरे डैड की दुल्हन’: अम्बर और गुनीत का हुआ रोका, वीडियो वायरल

वीडिया किया शेयर

asim

हिमांशी ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसके बैकग्राउंड में ‘आई विल नेवर लव अगेन’ बज रहा है, जिसके बाद फैंस उनके ब्रेकअप के कयास लगा रहे हैं. हालांकि दोनों की तरफ से कोई औफिशयली नही है. हालांकि बीते दिनों अपने नए म्यूजिक वीडियो ‘अफसोस करोगे’ की घोषणा करते हुए हिमांशी और असीम ने कहा था कि ये साथ में उनका आखिरी प्रोजेक्ट है.

सगाई और शादी की खबरें आती रहती हैं अक्सर

 

View this post on Instagram

 

#Afsoskroge keep watching

A post shared by Himanshi Khurana 👑 (@iamhimanshikhurana) on

बिग बौस फेम कपल हिमांशी खुराना और असीम रियाज की शादी और सगाई की खबरें आए दिन फैंस के बीच सुर्खियों में रहती हैं. हिमांशी खुराना अक्सर सोशल मीडिया पर एक डायमंड रिंग फ्लॉन्ट करती रहती है, जिसके बाद फैंस हमेशा यही अनुमान लगाते है कि ये रिंग उन्हें असीम रियाज से ही मिली है. वहीं एक फोटो में वह सिंदूर लगाए भी नजर आईं थीं, जिसके बाद फैंस उनके चोरी छिपे शादी की बात कर रहे थे.

बता दें, ‘बिग बॉस 13’ के दौरान असीम रियाज की गर्लफ्रेंड श्रुति तुली से जुड़ा सच  सामने आने पर सलमान खान ने असीम की खूब फटकार लगाई थी, जिसके बाद उन्होंने सलमान से वादा किया था कि वो हिमांशी खुराना का साथ हमेशा निभाएंगे. हालांकि अभी दोनों की ब्रेकअप की खबरों की पुष्टि नही हुई है.

‘मेरे डैड की दुल्हन’: अम्बर और गुनीत का हुआ रोका, वीडियो वायरल

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के पौपुलर शो ‘मेरे डैड की दुल्हन'(Mere Dad Ki Dulhan) में इन दिनों फैंस को खूब धमाल देखने को मिल रहा है. जहां इस शो में अंबर (Varun Badola) और गुनीत (Shweta Tiwari) की जोड़ी सभी को खूब पसंद आ रही हैं. तो वहीं शो की कहानी भी फैंस का दिल जीत रही हैं. इसी बीच शो के सेट से अंबर और गुनीत के ‘रोका सेरेमनी’ की फोटोज और वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज और वीडियो की खास झलक…

कुछ इस अंदाज में नजर आई गुनीत

वायरल फोटोज में अंबर और गुनीत एक दूसरे के साथ ‘रोका सेरेमनी’ को एन्जॉय करते दिखाई दे रहे हैं. तो वहीं पर्पल कलर की ड्रेस में गुनीत यानी Shweta Tiwari पाऊट बनाते हुए बेहद खूबसूरत और आकर्षक लग रही हैं.

ये भी पढ़ें- नायरा-कार्तिक की नई मुश्किल, छोरी को अपनाने से इंकार करेगी दादी!

शादी की तैयारियांहुईं शुरू

 

View this post on Instagram

 

#amneetkaroka #amneet #shwetatiwari #shwetatiwarishows #guneetsikka #meredadkidulhan so pretty girl Ki dulhan @shweta.tiwari

A post shared by shweta (@shwetatiwarifanpage) on

‘मेरे डैड की दुल्हन’ शो में अंबर (Varun Badola) और गुनीत (Shweta Tiwari) की शादी की तैयारियां शुरू हो चुकी है. शो में जल्द ही गुनीत और अंबर ‘रोका समारोह’ में सगाई करेंगे और दुनिया के सामने अपने रिश्ते का ऐलान करेंगे.

एक दूसरे के साथ क्लिक कराईं फोटो

 

View this post on Instagram

 

#Amneet #amneet #amneetkaroka #shwetatiwari #shwetatiwarishows #guneetsikka #meredadkidulhan #mdkd so cute dulhan hai #shwetatiwari @shweta.tiwari

A post shared by shweta (@shwetatiwarifanpage) on

वायरल फोटोज में पर्पल कलर की ड्रेस में अंबर (Varun Badola) और गुनीत (Shweta Tiwari) एक दूसरे के साथ फोटोज क्लिक कराते नजर आ रहे हैं. वहीं श्वेता तिवारी का कहना है कि रोका समारोह के लिए शूटिंग करना बहुत दिलचस्प पल था.

डांस करती दिखीं गुनीत

 

View this post on Instagram

 

#shwetatiwari #shwetatiwarishows #amneetkaroka #amneet #Amneet #guneetsikka #meredadkidulhan #mdkd @shweta.tiwari

A post shared by shweta (@shwetatiwarifanpage) on

सोशलमीडिया पर वायरल एक वीडियो में गुनित यानी श्वेता तिवारी जमकर डांस करती हुई नजर आ रही हैं, जिसे अंबर यानी वरूण बड़ोला काफी पसंद कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- अस्पताल में ‘बालिका वधू’ स्टार सुरेखा सीकरी की बिगड़ी हालत, पढ़ें खबर

बता दें, सोनी टीवी के सीरियल ‘मेरे डैड की दुल्हन’ (Mere Dad Ki Dulhan) की कहानी एक बेटी अंजलि तिवारी की है, जो अपने सिंगल पिता के लिए एक जीवन साथी ढूंढ रही है और चाहती हैं कि वो फिर से शादी करें. ताकि उसके पिता अपनी जिंदगी की एक नए सिरे से शुरुआत करें.

अपने पार्टनर को कितना जानते हैं आप?

एक हैल्थ कंपनी के नए अध्ययन के अनुसार 10 में से 2 पुरुषों का कहना है कि जब उन से उन की पार्टनर के बारे में, उस की हैल्थ के बारे में पूछा जाता है या क्या सचमुच जी स्पौट होता है या पीएमएस के क्या कारण हैं, तो उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं होता है. पर चाहे आप स्त्री हों या पुरुष, हैल्थ और बौडी की बात हो तो आप को एकदूसरे के बारे में जानकारी होना जरूरी है. पेश है, पुरुषोंस्त्रियों के लिए कुछ ऐसी ही जानकारी:

पुरुषों के लिए

सवाल- पैल्विक  फ्लोर मसल्स कहां होती हैं और वे क्या करती हैं?

उ. ये मांसपेशियां स्त्री की प्यूबिक बोन से उस की रीढ़ की हड्डी के सामने तक होती हैं. इन का काम है गर्भाशय, वैजाइना, पेट औैर ब्लैडर को सपोर्ट करना. गर्भावस्था, बच्चे का जन्म और मेनोपौज से ये मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिस से कभीकभी सैक्सुअल प्लैजर कम हो सकता है.

सवाल- क्या स्त्री की बै्रस्ट एक ही आकार की होती है?

उ. नहीं, रिसर्च बताती है कि एक स्तन हमेशा दूसरे से बड़ा होता है. यह अंतर बहुत ही मामूली होता है. पर किसी भी स्त्री के स्तन एकबराबर नहीं होते हैं.

सवाल- पैरिमेनोपौज का क्या मतलब है?

उ. यह मेनोपौज शुरू होने से पहले की अवस्था है. यह 35 साल की उम्र से भी शुरू हो सकती है. इस समय स्त्री का हारमोन लैवल बहुत ऊपरनीचे होता है, जिस से अनिद्रा, मूड स्विंग्स औैर चिंता की शिकायत हो सकती है.

ये भी पढ़ें- प्रेम के लिए दिल से समय निकालें

सवाल- स्त्रियों की मृत्यु हृदयरोग से ज्यादा होती है या बै्रस्ट कैंसर से?

उ. हृदयरोग से ब्रैस्ट कैंसर की तुलना में ज्यादा महिलाओं की मृत्यु हो रही है.

सवाल- पीएमएस से स्त्रियां चिड़चिड़ी क्यों हो जाती हैं?

उ. पीएमएस (प्रीमैंसट्रुअल सिंड्रोम) स्त्री के पीरियड से 7 दिन पहले शुरू हो सकता है. फीमेल हारमोन ऐस्ट्रोजन और फीलगुड ब्रेन कैमिकल सिरोटिन का स्तर कम होने से मूड खराब और चिड़चिड़ाहट होती है.

सवाल- क्या एक स्त्री किसी भी समय गर्भवती हो सकती है?

उ. नहीं, हर महीने अपने पीरियड से 12 से 14 दिन पहले के 6 दिन उन के ओव्यूलेशन का समय होता है.

सवाल- पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को यूरिन इंफैक्शन ज्यादा क्यों होता है?

उ. ट्यूब यूरेथ्रा की बनावट स्त्रियों में पुरूषों की तुलना में छोटी होती है. इस से बैक्टीरिया आसानी से ब्लैडर तक पहुंच जाते हैं, जिस से इंफैक्शन होता है.

सवाल- स्त्रियां पुरुषों जितनी शराब क्यों नहीं पी सकतीं?

उ. स्त्रियों में वह ऐंजाइम कम उत्पन्न होता है जो अलकोहल में उपस्थित इथेनौल को कम करता है. इसलिए पुरुषों जितनी मात्रा लेने पर स्त्रियों में ब्लड अल्कोहल लैवल बढ़ जाता है.

ये भी पढ़ें- समाजिक दूरी से ‘एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर’ में तनाव

सवाल- क्या जी स्पौट वास्तव में कुछ है?

उ. वैजाइना के अंदर सैक्सुअल प्लैजर के लिए इस जगह की बात की जाती है. अभी तक यह विवाद का विषय ही है. कुछ पूर्ण तथा स्पष्ट नहीं हुआ है.

स्त्रियों के लिए

सवाल- क्या मैन फ्लू सच है?

उ. काफी सच होने की संभावना है. कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार स्त्रियों को पुरुषों की तुलना में कोल्ड, फ्लू कम होते हैं, क्योंकि फीमेल हारमोन ऐस्ट्रोजन का हाई स्तर इन बीमारियों से उन्हें सुरक्षित रखता है.

सवाल- इरैक्शन की समस्या किसी बीमारी का लक्षण हो सकती है?

उ. इरैक्टाइल डिस्फंक्शन हृदयरोग का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है. ऐसा होने पर डाक्टर के पास जरूर जाएं.

सवाल- क्या पुरुषों को पैल्विक फ्लोर ऐक्सरसाइज करनी चाहिए?

उ. हां, यह बहुत अच्छी रहेगी. यह पुरुषों में पैल्विक फ्लोर ब्लैडर औैर पाचनसंबंधी क्रियाओं को सपोर्ट करती है और स्त्रियों की तरह पुरुष भी इन महत्त्वपूर्ण मसल्स की कमजोरी से पीडि़त हो सकते हैं. इसलिए पुरुषों को भी पैल्विक फ्लोर को मजबूत करने वाले व्यायाम करते रहना चाहिए.

सवाल- क्या पुरुषों को भी मेनोपौज होता है?

उ. करीब 50 साल की आयु में पुरुषों को भी ऐंड्रोफैज होता है. थकान और यौन संबंधों में रुचि कम होना, पुरुष हारमोन टेस्टोस्टेरौन का गिरता स्तर कारण माना जाता है.

सवाल- क्या पुरुषों को भी स्तन कैंसर होता है?

उ. हां, पर बहुत कम. हर साल लगभग 350 पुरुषों को स्तन कैंसर होता है.

सवाल- क्या पुरुष भी चरमसुख के विषय में झूठ बोलते हैं?

उ. हां, यूएस के एक अध्ययन के अनुसार लगभग एकतिहाई पुरुष अपने पार्टनर से चरमसुख को ले कर झूठ बोलते हैं. बहुत नशे में होना या सोने की बहुत इच्छा होना इस के कारण हैं.

सवाल- डिमेंशिया का ज्यादा खतरा किसे है?

उ. स्त्रियों को ज्यादा खतरा है. अल्जाइमर्स सोसायटी की रिसर्च के अनुसार डिमेंशिया के मरीजों में दोतिहाई स्त्रियां है. यह शायद इसलिए, क्योंकि स्त्रियों की आयु अधिक होती है और डिमेंशिया होने का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है और मेनोपौज के बाद ऐस्ट्रोजन का स्तर कम होने से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है.

मल्टीटास्किंग से हो सकते हैं कई नुक़सान

कई कामों को एकसाथ करने पर ऐसा समझा जाता है कि समय तो बचेगा ही, साथ ही, क्रिएटिविटी और प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी. परंतु, ऐसा होता नहीं. दरअसल, एकसाथ कई काम करने से न तो आप की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है और न ही क्रिएटिविटी, उलटे, आप के दिमाग पर अधिक स्ट्रैस पड़ता है. और इस के बहुत सारे नुक़सान होते हैं.

यदि आप एकसाथ बहुत से काम करेंगे तो आप ज्यादा गलतियां करेंगे, जिस की वजह से आप को उन्हें सुधारने में पहले से भी अधिक समय लगेगा. मल्टीटास्किंग के क्याक्या दुष्परिणाम हो सकते हैं, जानते हैं-

नकली इल्यूज़न है :

जब आप एक समय पर कई सारे काम करते हैं तो आप को बारबार एक काम से दूसरे काम पर जाना पड़ता है. नतीजतन, आप के दिमाग पर असर होता है और आप का दिमाग कंफ्यूज्ड हो जाता है कि कौन सा काम करना है. इस इल्यूज़न की वजह से हो सकता है आप को सभी काम करते समय थोड़ाथोड़ा अधिक समय लगे क्योंकि आप के दिमाग को काम समझने में समय लगेगा. सो, इस से आप के समय की बचत नहीं होगी, बल्कि, अधिक समय लगेगा.

आप गलतियां करते हैं :

कई काम करते समय आप किसी एक काम पर अपना ध्यान केंद्रित करने के बजाय अपने ध्यान को कई जगह बांट देते हैं जिस से आप कोई भी काम ढंग से नहीं कर पाते हैं. ऐसे में आप से गलतियां होने की बहुत अधिक संभावना रहती है. फिर उन गलतियों को सुधारने में भी आप का बहुत अधिक समय लग जाएगा. इसलिए बेहतर है कि हर कम को अलगअलग समय पर करें.

प्राथमिकता तय करें :

किस काम को आप को सब से पहले करना है और किस काम को सब से बाद में, इस की लिस्ट बना लें. लिस्ट में लिखें कि आप के लिए सब से अधिक महत्त्वपूर्ण कौन सा काम है. सो, उस काम को सब से पहले करें, फिर उस से काम महत्त्वपूर्ण काम को. ऐसे एकएक कर के अपने सभी कामों को समय से निबटाएं. आप से गलतियां भी नहीं होंगी और आप समय से सभी कामों को भी खत्म कर लेंगे.

ये भी पढ़ें- 4 टिप्स: घर पर चांदी को चमकाएं ऐसे

समय निर्धारित करें :

यदि आप के सारे ही काम बहुत आवश्यक हैं तो आप हर काम के लिए कुछ समय निर्धारित कर लें. जब आप के उस काम का समय पूरा हो जाए तो आप उस काम को आगे न करें चाहे बेशक वह काम बचा हुआ हो. ऐसा करने से आप के एकएक कर के सभी काम हो जाएंगे व जो काम आप के आधे बचे हों उन्हें बाद में, जब सभी काम पूरे हो जाएं तब, पूरा कर लें.

अलग समय निकालें :

यदि आप को लगता है कि समय निर्धारित करने से आप का कोई काम रुक सकता है. ऐसे में जो बहुत महत्त्वपूर्ण है और जिस में आप कोई भी गलती बरदाश्त नहीं कर सकते उस के लिए अलग से समय निकाल लें. उसे बिलकुल चिंतामुक्त हो कर करें. आप उस के लिए जितना चाहे उतना समय ले सकते हैं.

दूसरों को समझाएं :

यदि आप के मित्र या आप के साथ काम करने वाले आप से यह कहते हैं कि अब आप उन के साथ समय बिताने के बजाय काम को अधिक समय देते हैं तो उन्हें समझाएं कि एक समय पर एक काम को करना कितना आवश्यक होता है, ताकि वे आप को अधिक परेशान न करें.

ये भी पढ़ें- जब खरीदें किचन चिमनी

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी हैं कहानियां

10 वर्षीया अविका आजकल हरदम अपनी दादी से चिपकी रहती है. क्योंकि जब से कोरोना के कारण लॉक डाउन हुआ है, दादी और पोती दोनों घर पर ही हैं. लॉक डाउन से पहले स्कूल के दिनों में तो अविका स्कूल से आकर ट्यूशन फिर होमवर्क करने में ही लगी रहती थी. सुबह जल्दी उठने के कारण रात को 9 बजे तो उसे नींद के झोंके ही आने प्रारम्भ हो जाते थे पर जब से लॉक डाउन हुआ है तो न ट्यूशन का झंझट और न स्कूल होमवर्क का. बस ऑनलाइन क्लास अटैंड करके वह दादी के पास आ जाती और दादी अपनी कहानियों का पिटारा खोल देतीं . अब हर दिन वह दादी के पास कहानी सुनकर ही सोती है. अविका कहती है,”स्कूल टाइम में तो मुझे कभी कहानी सुनने का मौका ही नहीं मिलता था पर कोरोना के टाइम में दादी मुझे हर रोज कहानी सुनाती हैं. ” कहानी के माध्यम से दादी और पोती की दोस्ती बहुत मजबूत हो गयी है.

कहानियों का ऐसा ही कुछ अनुभव है 8 साल के आर्यन का. आर्यन के दादा जी बताते हैं कि आर्यन आजकल मेरे पास ही सोता है और जब तक मुझसे दो तीन कहानी सुन नहीं लेता उसे नींद ही नहीं आती. कहानी सुनते समय वह मुझसे ढेरों प्रश्न पूछ्ता है. जब मेरी कहानियों का स्टॉक खत्म हो जाता है तो मैं उसे विभिन्न बाल पत्रिकाओं में से कहानी पढ़कर सुनाता हूँ. उसकी रुचि को देखते हुए मैंने उसके लिए महापुरुषों की जीवनियों का संग्रह ऑनलाइन मंगवाया है.

कहानियों के माध्यम से बच्चों को व्यस्त तो रखा ही जाता है परंतु इसके साथ ही कहानी के विभिन्न पात्रों के माध्यम से दैनिक जीवन और नैतिकता की बातें भी बड़ी सुगमता से सिखायी जा सकतीं हैं. बाल्यावस्था में कहानियों के माध्यम से बच्चों को दिए गए जीवन मूल्य ताउम्र काम करते हैं.

वर्तमान में संयुक्त परिवार का स्थान एकल परिवार ने ले लिया है. कामकाजी माता पिता को अपनी व्यस्त दिनचर्या में बच्चों को कहानी सुनाने का समय ही नहीं मिल पाता……परंतु बच्चों के जीवन में कहानियों के महत्त्व को वे भली भांति समझते हैं इसीलिए वर्तमान समय में स्टोरी टेलिंग क्लासेज़ का चलन अस्तित्व में आया. ये स्टोरी टेलिंग क्लासेज सप्ताह में एक या दो बार होतीं हैं. आजकल हर उम्र के महिला और पुरुष स्टोरी टेलिंग का काम करते हैं. इसके लिए वे अभिभावकों से अच्छी खासी रकम भी वसूलते हैं. ये रकम 12000 वार्षिक से प्रारम्भ होकर लगभग 20000 तक जाती है. स्टोरी टेलर भास्कर कहते हैं,

“कोरोना काल में बच्चों को व्यस्त और पॉज़िटिव रखने के उद्देश्य से स्टोरी टेलिंग का प्रचलन बहुत अधिक बढ़ गया है. कोरोना से पहले जहां बच्चे हमारे सामने बैठकर कहानी सुनते थे वहीं अब बदले हुए दौर में हम बच्चों को ऑनलाइन कहानी सुना रहे हैं. इससे बच्चे घर में रहने के बावजूद व्यस्त, खुश और सकारात्मक रह पाते हैं. अभिभावक भी खुश हैं कि उनके बच्चे पढ़ाई से इतर कुछ नैतिक बातें सीख पा रहे हैं.”

स्टोरी टेलर अमिता बताती हैं कि अब राजा रानी और परियों की कहानियां पुरानी हो गयी हैं आज के बच्चे ऑनलाइन गेम्स, सोशल मीडिया, लेपटॉप और मोबाइल से रिलेटेड कहानियां सुनना पसंद करते हैं और हमें इन्ही विषयों के माध्यम से उन्हें अच्छा बुरा समझाना होता है. इसके अतिरिक्त आजकल बच्चे क्लास रूम में होने वाली टांग खिंचाई, रंग रूप के कारण होने वाले भेदभाव और ऑनलाइन टीजिंग जैसे विषयों पर भी कहानियां सुनना पसंद करते हैं. वे कहतीं हैं पहले की अपेक्षा आज के बच्चे बहुत अधिक जागरूक और तार्किक क्षमता वाले होते हैं.

ये भी पढ़ें- शिक्षित बेरोजगार-न कमाई न सुकून

बच्चों को कहानी सुनाने के लाभ

-स्टोरी टेलर भास्कर कहते हैं कहानियों से बच्चों में विषय को गंभीरता से सोचने की क्षमता का विकास होता है.
-कहानी के पात्रों के माध्यम से बच्चे जिंदगी के उतार चढ़ावों भली भांति समझकर उनका सामना करना सीखते हैं.
-कहानियां बच्चे बड़े ही ध्यान से सुनते हैं जिससे उनमें एकाग्रचित्तता का विकास होता है.
-कहानियों में विभिन्न पात्रों के जीवन में दुःख, हर्ष, जय, पराजय, रोने, हंसने जैसे अनेक भाव आते हैं जिससे बच्चों की भावों को समझने की क्षमता का भली भांति विकास होता है.
-कहानियां बच्चों को अपनी बात को दूसरों के समक्ष बेहतर ढंग से रखना सिखाती हैं.
-कहानी सुनने से बच्चों में कल्पनाशीलता और रचनात्मकता का विकास होता है जो आगे चलकर उन्हें विभिन्न विषयों के निबंध और प्रश्नों के उत्तर लिखने में मददगार साबित होती है.
-कहानी सुनाते समय विभिन्न भावों को व्यक्त करते समय आवाज के उतार चढ़ाव से बच्चे भावों को व्यक्त करना सीखते हैं.
-कहानियों के माध्यम से वे सामाजिकता, बड़ो का सम्मान और छोटों को प्यार करने जैसी अच्छी बातें सीखते हैं.
-टी. वी. के कार्टूनों की भद्दी भाषा के विपरीत कहानियों में शालीन और सरलसहज शैली की भाषा का प्रयोग किया जाता है जिससे बच्चों की भाषा को लिखने की कुशलता का विकास होता है.

माता पिता का उत्तरदायित्व

यह सही है कि आज की व्यस्त दिनचर्या में बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए ही कहानी सुनाने और सुनने के लिए समय का अभाव है परंतु बच्चों के समुचित विकास में कहानियों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता. घण्टों टी वी में आंखे गड़ाए रहने से बच्चों में कल्पनाशीलता,रचनात्मकता और सहनशीलता का निरंतर अभाव होता जा रहा है. वे टी. वी. के पात्रों की भाँति ही व्यवहार करना सीख रहे हैं, वे बस एक किताबी कीड़ा मात्र बनकर रह गए है. बाल्यावस्था से ही कम से कम सप्ताह में एक बार आप उन्हें कहानियां अवश्य सुनाएं. यदि आपके पास समय का अत्यधिक अभाव है तो उन्हें स्टोरी टेलिंग क्लास में भेंजे और यदि आप सयुंक्त परिवार में रहते हैं तो उनमें ग्रैंड पेरेंट्स से कहानी सुनने की आदत डालें.जैसे ही वे स्वयं पढ़ने लायक हो जाएं तो उन्हें चम्पक जैसी बाल पत्रिकाएं खरीदकर दें. बच्चों के कहानी पढ़ या सुन लेने के बाद उनसे दो चार प्रश्न अवश्य करें ताकि आप समझ सकें कि बच्चे ने कहानी में से क्या ग्रहण किया है. नियमित रूप से ऐसा करने से आप स्वयं बच्चे में परिवर्तन परिलक्षित कर पाएंगे.

रखें कुछ बातों का ध्यान

-बच्चे बहुत मासूम और कोमल मन वाले होते हैं इसलिए उन्हें कभी हिंसा और अपशब्दों वाली कहानियां न सुनाएं
-उनके मानसिक स्तर के लेवल पर जाकर सरल और सहज भाषा में कहानी सुनाएं ताकि वे उसे सुगमता से ग्रहण कर सकें.
-उन्हें राजकुमारियों और राजा रानी की कहानियों के स्थान पर आम जनजीवन से जुड़ी कहानियां सुनाएं ताकि उससे वे कुछ प्रेरणा ले सकें क्योंकि वे जैसा सुनते हैं वैसे ही जीवन की परिकल्पना करना प्रारम्भ कर देते हैं.
-कपोल कल्पित धार्मिक कथाओं, अंधविश्वासों और कुरीतियों से भरी कहानियां सुनाने से भी परहेज करें ताकि उनके अंदर तार्किक क्षमता वाले स्वस्थ मस्तिष्क का विकास हो सके.
-बहुत छोटी उम्र के बच्चों को सचित्र बाल कथाओं में से कहानी पढ़कर सुनाएं इससे वे एकाग्र होकर कहानी सुनेंगें.
-कहानी सुनाने के बाद उन्हें कहानी का मॉरल अवश्य बताएं ताकि उसके माध्यम से उनके अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण हो सके.

ये भी पढ़ें- भारत में अधिक सुरक्षित है जीवित डोनर लिवर ट्रांसप्लान्ट

स्नैक्स में परोसें सोया कबाब

अगर आप बच्चों को स्नैक्स में कुछ हेल्दी और टेस्टी खिलाना चाहते हैं तो ये रेसिपी ट्राय करें. सोया कबाब की ये रेसिपी टेस्टी की साथ-साथ आसानी से बनने वाली रेसिपी है. आप इसे कभी भी अपनी फैमिली के लिए फिल्म देखते हुए बना सकती हैं.

हमें चाहिए

-1/4 कप सोया चूरा

1/4 कप चने की दाल उबली

1 छोटा चम्मच हरीमिर्च कटी

1 चुटकी दालचीनी पाउडर

1/2 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

ये भी पढ़ें- बच्चों के लिए बनाएं बिना तली कचौरी

1 चुटकी हरी इलायची पाउडर

2-3 आलू

थोड़ा सी धनियापत्ती कटी

1 छोटा चम्मच अदरक व लहसुन पेस्ट

1/2 छोटा चम्मच जीरा पाउडर

तेल आवश्यकतानुसार

नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

सारी सामग्री को अच्छी तरह मिला कर मैश कर लें. फिर अच्छी तरह गूंध लें. छोटीछोटी लोइयां बना कर कबाब की शेप बना लें. नौनस्टिक पैन में थोड़ा सा तेल गरम कर कबाब डाल धीमी आंच पर दोनों ओर से कुरकुरा होने तक उलटपलट कर सेंक गरमगरम परोसें.

औयल मसाज के फायदे

सिर की मसाज(मालिश)  एक पुरानी प्राकृतिक और सुरक्षित चिकित्सा पद्धति  है.  जो सिर के ऊपरी हिस्से से लेकर, कंधे तक की  जाती  है. इस ऑयल मसाज के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है. यह फायदेमंद चिकित्सा कहीं भी करना आसान है. शोध बताते हैं कि ऑयल मसाज से हमारे मस्तिष्क को लाभ पहुंचता है और नेगेटिव एनर्जी दूर होती है. आइए जानते हैं आयल मसाज का सही  तरीका क्या है.

हेयर आयल मसाज का तरीका (Method)

सिर की मसाज के लिए कोई रूल नहीं है.यह बहुत आसान होती है.जब हाथों की उंगलियों का  दबाव सिर पर पड़ता है, तो नसों को आराम मिलता है और थकान दूर होती है.लेकिन  यदि मालिश का पूरी तरह से आनंद उठाना चाहते हैं तो उसको कुछ खास तरीकों से करना लाभदायक रहता है. आइए जानते हैं कैसे.

हेयर आयल मसाज के समय हाथों पर दें ध्यान (Hand Movements)

बालों में मसाज करने के लिए ऊपर से नीचे की ओर हाथों से मसाज करनी चाहिए. लेकिन मसाज के समय ना तो मसाज करने वाला और ना ही करवाने वाला बातें करें.यदि कोई बात दोनों के बीच हो भी रही हो तो उस समय मसाज करने वाले को अपने हाथों की मूवमेंट को रोक देना चाहिए. हाथों का गलत स्ट्रोक आप को नुकसान पहुंचा सकता है. ज्यादा  रगड़ या ज्यादा दबाव हानिकारक होता है.

ये भी पढ़ें- घर पर बना सकती हैं फेसवाश, जानें कैसे

हेयर आयल मसाज  स्कैल्प के लिए (Scalp)

स्कैल्प आयल मसाज के समय दोनों हाथों की उंगलियों का प्रयोग करना चाहिए. उंगलियों को अंगूठे के साथ गोलाकार घुमाते हुए बालों में तेल लगाना ठीक रहता है. सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू करते हुए कान के पीछे ऊपर की तरफ तक उंगलियों को गोलाकार घुमाएं और अंगूठे को स्थिर रखें. सिर की नसों को आराम मिलने से सुखद फीलिंग का अनुभव होगा.

हेयर आयल मसाज बालों  की चमक के लिए

बालों की चमक का मुख्य कारण होता है उसके क्यूटिकल्स. जोकि बालों का टेक्चर खराब नहीं होने देते और बाल सेहतमंद रहते हैं.अक्सर गर्मी के कारण बाल रूखे या  दो मुंह के हो जाते हैं. लेकिन ऑयल मसाज लेने से बालों को अंदरूनी पोषण मिलता है और दो मुंहे बालों की समस्या से भी छुटकारा मिलता है व बाल सुंदर और घने होते हैं.

हेयर ऑयल  मसाज से इन्फेक्शन  का छुटकारा

जी हां ! शायद आपको अजीब सा लगे, लेकिन यह सच है.ऑयल मसाज से स्कैल्प व  सिर की त्वचा पर गंदगी नहीं जमती और छिद्र बंद नहीं होते. जिसके कारण  स्किन इन्फेक्शन या  रूसी जैसी समस्या नहीं होती.वरना गंदगी जमने के कारण बहुत सी स्किन संबंधी या स्कैल्प की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

हेयर आयल मसाज स्मरण शक्ति के लिए

हमारी जीवन शैली इस तरह हो गई है कि, हम अपने लिए समय नहीं निकाल पाते. फिर  इस व्यस्त जीवनशैली के कारण तनावग्रस्त रहते हैं.यही कारण है कि अत्यधिक चिंता, हाइपरटेंशन,माइग्रेन जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं. सिर की ऑयल मसाज से  एकाग्रता बढ़ती है और दिमाग शांत रहता है. यही नहीं भावनात्मक रूप से भी  संतुलित रहने में मदद मिलती है. इसलिए हेयर आयल मसाज फायदेमंद है.

हेयर ऑयल मसाज शरीर के  लिए (Body Relaxation)

स्वस्थ मस्तिष्क और स्वस्थ शरीर एक दूसरे के पूरक हैं. हमारे शरीर में मौजूद लसीका तंत्र शरीर के अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन करता है. सिर की मालिश से शरीर में एकत्रित  विषाक्त पदार्थों को लसीका तंत्र द्वारा बाहर निकालने में सहायता मिलती है. हम कह सकते हैं कि सिर की मसाज से हमारे शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति मजबूत होती है.

हेयर ऑयल मसाज अनिद्रा के लिए (Insomnia)

एक्सपर्ट के अनुसार व्यस्त जीवनशैली में अत्याधिक तनाव और चिंता के कारण अनिद्रा जैसी समस्याएं घर कर  लेती हैं.यदि इस समस्या का उपचार न किया जाए तो भयंकर परिणाम हो सकते हैं. इसका एक आसान सा उपचार है सिर की मसाज. आपने एक छोटे बच्चे को देखा होगा वह मालिश करने के बाद कई घंटों तक आराम से सोता है. उसका कारण मसाज से   मिलने वाला आराम है.

ये भी पढे़ं- चेहरे को बेदाग बनाने के एक्सपर्ट टिप्स

हेयर ऑयल मसाज हाइपरटेंशन में दे आराम

जिसे देखो आज वह उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रस्त है. उच्च रक्तचाप  को कंट्रोल करने का प्राकृतिक नुस्खा है कि सिर की ऑयल मसाज. क्योंकि  यह मसाज तनाव पैदा करने वाले हार्मोन के स्तर को कम कर,  दिल की  बीमारी और  गुर्दे से संबंधित  परेशानियों में राहत  पहुंचाती है. जितना तनाव कम होगा उतना ही पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहेगा और गैस, एसिडिटी समस्याएं भी नहीं होंगी.चक्कर आना, दर्द,थकान जैसी समस्याएं दूर होंगी और आप एक स्वस्थ जीवन शैली अपना पाएंगे.

हेयर ऑयल मसाज सफेद बालों के लिए (Grey Hair)

हमारी स्किन का  और बालों का रंग मेलेनिन की वजह से निश्चित होता है.जितना ज्यादा हमारे शरीर में मेलेनिन होगा,उतना ही ज्यादा हमारे बालों का रंग गहरा रहेगा. मेलेनिन की कमी से हमारे बालों का रंग सफेद हो जाता है. यदि नियमित रूप से बालों के आयल मसाज की जाए तो काफी हद तक बालों के असमय सफेद होने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है.

हेयर ऑयल मसाज कब करें

बालों को धोने से कम से कम 30 मिनट पहले तेल लगाना उचित है. जरूरत पड़ने पर बालों को धोने के बाद भी हल्का सा तेल लगाया जा सकता है.लेकिन चिकित्सक की मानें तो सिर धोने के बाद तेल लगाने से बालों में  धूल और गंदगी के कण चिपक जाते हैं. जिससे बालों को नुकसान पहुंचता है. बालों में तेल लगाने के बाद 15 मिनट के लिए बालों को ढकें और धोने के बाद लीव इन कंडीशनर लगाएं.इससे बालों में पोषण बना रहेगा व कुदरती चमक आयेगी.

हेयर ऑयल मसाज  रूसी बालों में नहीं करनी चाहिए?

डॉक्टर से जो सवाल अकसर  पूछा जाता है कि क्या  डैंड्रफ वाले बालों में तेल लगाना चाहिए या नहीं ? वे सलाह देते हैं कि रूसी वाले बालों में तेल नहीं लगाना चाहिए.क्योंकि तेल लगाने से सिर की त्वचा के छिद्र बंद हो जाएंगे और रूसी और अत्याधिक बढ़ जाएगी. उनके अनुसार गीले बालों पर एंटी डैंड्रफ शैंपू का प्रयोग करें ना कि तेल का.जब शैंपू के प्रयोग से रूसी खत्म हो जाए सप्ताह में एक बार तेल की मालिश करें.

हेयर मसाज के लिए नारियल का तेल

एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल गुणों से युक्त नारियल का तेल बालों के लिए बहुत उपयोगी है. इसके प्रयोग से बालों का झड़ना और बालों में इंफेक्शन यहां तक कि इन्फ्लेमेशन की समस्या भी दूर होती है.

हेयर मसाज के लिए जैतून का तेल

जरूरी फैटी एसिड से युक्त जैतून का तेल स्किन के लिए ही नहीं बल्कि बालों के लिए भी बहुत उपयोगी है. इसके प्रयोग से बालों  का जल्दी विकास होता है. जैतून के तेल में ओलिक एसिड भी होता है.जोकि बालों के शाफ्ट को तंदुरुस्त रखता है.

हेयर मसाज के लिएअरंडी का तेल

अरंडी यानी कैस्टर ऑयल, अपने चमत्कारी गुणों के कारण बालों के लिए बहुत लाभदायक है.इस तेल के प्रयोग से बालों में तेजी से ग्रोथ होती हैं और बालों झड़ना कम होता है.यही नहीं शरीर में पाए जाने वाले pgd2 हार्मोन को अरंडी का तेल संतुलित करता है. चिकित्सकों के अनुसार शैंपू करने के बाद यदि एक बूंद अरंडी का तेल का प्रयोग किया जाए तो वह कंडीशनर का काम करेगा और रूखे व बेजान बाल चमकदार हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें- फेशियल के बाद ये काम न करें वरना हो सकता है चेहरे पर रिएक्शन!

हेयर मसाज के लिए गाजर का तेल (Carrot oil)

गाजर के तेल में सिर्फ विटामिंस ही नहीं फाइबर और मिनरल्स व आयरन भी होते हैं. जो कि बालों  की सेहत के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी हैं.

हेयर मसाज के लिए   जोजोबा का तेल (Jojoba oil)

विटामिन ए,विटामिन बी, जिंक,कॉपर,क्रोमियम, सेलेनियम, सभी तरह के खनिज लवण और आयोडीन से भरपूर यह तेल बालों के लिए एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी फंगल का काम करता है. जिससे बालों किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन से बचने में मदद मिलती है.

हेयर मसाज के लिए गुलाब का तेल (Rose oil)

रिसर्च बताते हैं कि गुलाब का तेल तैलिए और बेजान बालों के लिए लाभदायक है. गुलाब के तेल में सभी तरह के विटामिन और एंटी फंगल,एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं.जो वालों की प्रदूषण में रक्षा करते हैं.

डॉ रोहित बत्रा, डर्मेटोलॉजिस्ट सर गंगा राम हॉस्पिटल. डॉ नेहा मित्तल,कॉस्मेटिक फिजिशियन,डर्मा वर्ल्ड स्किन एंड हेयर क्लिनिक, नई दिल्ली से बातचीत पर आधारित.

मेरी नाक पर ब्लैकहैड्स और गालों पर व्हाइटहैड्स हो गए हैं?

सवाल-

मैं 30 वर्षीय कामकाजी स्त्री हूं. मेरी स्किन बहुत औयली है. समस्या यह है कि मेरी नाक पर ब्लैकहैड्स और गालों के किनारे पर व्हाइटहैड्स हो गए हैं. इस कारण मेरा चेहरा खराब लगता है. इस की वजह से मुझे किसी पार्टी या शादीविवाह में जाते हुए झिझक महसूस होती है. मैं अकसर इन्हें हाथ से दबा कर निकालती भी हूं. लेकिन इस से बहुत दर्द होता है और ये दोबारा निकल आते हैं. बताएं मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

ब्लैकहैड्स हटाने के लिए 1 आलू को कस लें. फिर उसे प्रभावित जगह यानी ब्लैकहैड्स पर कुछ देर मलें. फिर सूखने पर ठंडे पानी से धों लें. व्हाइटहैड्स हटाने के लिए 6-7 बादाम पीस कर उस में कुछ बूंदें गुलाबजल मिला कर पेस्ट तैयार कर उसे व्हाइटहैड्स पर लगाएं. उस के बाद पूरे चेहरे पर लगाएं. 20 मिनट बाद चेहरे को धो लें.

ये भी पढ़ें-

ब्लैकहैड्स की समस्या सभी स्किन टोन पर हो जाती है. त्वचा कई प्रकार की होती है, जैसे नौर्मल, ड्राई, औयली और टीशेप्ड जिस में माथे और नाक की त्वचा गालों की अपेक्षा ज्यादा औयली होती है. ब्लैकहैड्स की समस्या ज्यादातर औयली और टीशेप्ड त्वचा पर होती है. सिबेशस गं्रथि के सीबम के अत्यधिक रिसाव से ब्लैकहैड्स, वाइट हैड्स, पिंपल्स, एक्ने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. त्वचा के औयली होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे आनुवंशिकता, खानपान, हारमोनल परिवर्तन, गर्भधारण, बर्थ कंट्रोल पिल्स, गलत कौस्मैटिक्स, आर्द्रता या गरम वातावरण. युवावस्था में औयली स्किन की समस्या ज्यादा परेशान करती है और आयु बढ़ने के साथ एक्ने में भी तबदील हो सकती है.

कैसे उत्पन्न होते हैं ब्लैकहैड्स 

त्वचा की बनावट 3 प्रमुख भागों में होती है- एपिडर्मिस, डर्मिस और सबडर्मिस. औयल ग्लैंड डर्मिस पार्ट में होती है. यही सीबम उत्पन्न करती है. जब सीबम हेयर फौलिकल ट्यूब में जम जाता है, तो ट्यूब ब्लौक हो जाती है. प्रत्येक हेयर फौलिकल, र्मिस लेयर से एपिडर्मिस लेयर में छोटेछोटे छिद्रों के द्वारा खुलता है. जब ये छिद्र ब्लौक हो जाते हैं, तब ब्लैकहैड्स बन जाते हैं. आमतौर पर ये नाक और चेहरे पर उत्पन्न होते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें- कैसे पाएं ब्लैकहैड्सफ्री त्वचा

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें