Serial Story: खुद की तलाश (भाग-2)

लेखिका- नमिता दुबे

कुछ बातों को ले कर उस की अपने हैड से अनबन होने लगी है. उसे कभीकभी लगता है कि उस के एचओडी उस के औरत होने के कारण उस पर ऐसी कई जिम्मेदारियां लाद देते हैं, जो उन के अनुसार औरतों को शोभा देती हैं. मसलन, कालेज की ऐनुअल फेस्ट आयोजित करना. ऐसा नहीं है कि उसे इस से कोई परेशानी है पर जब विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय साहित्यक सम्मेलन व्यवस्थित करने का उस ने अनुरोध किया था तब उसे संकेतात्मक ढंग से सम झा दिया गया था कि देश के साहित्यकारों को एकत्रित करने का भार उस से वहन नहीं होगा.

मन बहलाने के लिए विभा को फोन लगाया तो मनोदशा और बिगड़ गई. मुहतरमा अपनी ननद के साथ किसी पार्टी में जाने की तैयारी में व्यस्त थीं, ‘‘अरे दीदी, इतनी सुंदर साड़ी भेंट दी है जीजी ने मु झे दीवाली पर, मैं क्या बताऊं.’’

उस का खून जल उठा. एक विभा है जो दिनरात मौजमस्ती में लगी रहती है और एक वह है जो यहां घर से इतनी दूर सड़ रही है. उस की बचपन से ही अपने में मग्न रहने की आदत के कारण उस की किसी से इतनी मित्रता नहीं हुई थी कि उसे दीवाली के लिए निमंत्रण मिलते. वैसे भी यहां लोग दीवालीहोली कम ही मनाते हैं. मां ने बुलाया था घर, पर क्या करती छुट्टी ही नहीं थी इतनी.

रहरह कर उस का ध्यान विभा पर चला जाता कि वह यहां नितांत अकेली है और विभा ने उस का रिप्लेसमैंट भी खोज लिया. घर बसाना यही उस का सपना था.

‘मैं तो उस से बिलकुल अलग किस्म की जीव हूं. फिर आजकल उस के बनसंवर कर नित पार्टी में सब के आकर्षण का केंद्र बनने से, उस के घरपरिवार में मानसम्मान पाने से मु झे बुरा क्यों लग रहा है? आखिर क्यों?’

‘हां मैं स्वीकारती हूं कि मैं मानसी, अपनी छोटी बहन से ईर्ष्या कर रही हूं,’ उस का मन बोल उठा.

‘पर क्यों? ये सब तो मेरा ही चुनाव है,’ मस्तिष्क ने जवाब दिया.

सारी रात दिल और दिमाग के वादविवाद में गुजर गई. उसे स्मरण हो आया कि कैसे उस ने जब घर में बताया था कि वह बैंगलुरु में नौकरी का प्रस्ताव स्वीकार चुकी है तब दादी ने कितना बवाल मचाया था. अपने कपड़े पैक कर वह मम्मीपापा और दादी के सामने दृढ़तापूर्वक उन के सवालों के जवाब दे रही थी. उस के मम्मीपापा ने उस की इच्छा का सम्मान किया. उस के साहस और उस की महत्त्वकांक्षा को सलाम किया. जब वे संतुष्ट हो गए कि वह इतनी दूर, अकेले सुरक्षित रह सकेगी तो उन्होंने शुभकामनाओं और आशीर्वाद के साथ उसे विदा किया. अब क्या हो गया उस के उस साहस को?

ये भी पढ़ें- जीजाजी का पत्र: दीदी के उदास चेहरे के पीछे क्या था सच?

बैंगलुरु में रह कर विभा के सुखद जीवन की कल्पना मात्र से उसे इतनी तकलीफ होती थी और अब यहां आ कर अपनी आंखों से ये सब देखना उस के लिए असहनीय हो गया. मन शांत होने पर उसे एहसास हुआ कि वह विभा के सुख के कारण दुखी नहीं थी, अपितु अपने जीवन से दुखी है. उस ने संकल्प किया कि वह जल्द ही वापस जाएगी और अपने कैरियर पर ध्यान केंद्रित करेगी. उस का कार्य ही एक ऐसी वास्तु थी और साहित्य एक मात्र वह साधन था, जो उसे प्रसन्नता प्रदान करते थे.

देखते ही देखते वक्त पंख लगा कर उड़ गया. इधर उस के कैरियर ने रफ्तार पकड़ी और उधर विभा की जिंदगी ने भी. इन 5 वर्षों में क्या कुछ नहीं बदल गया. इंसान की सभी योजनाएं क्रियान्वित हों, जरूरी नहीं है. वक्त के साथ विभा दो बच्चों की मां बन गई और मानसी ने यूएस से फैलोशिप के पश्चात पीएचडी कर ली. वहीं प्रोफैसर बन जिंदगी का लुत्फ उठाने लगी.

एक अच्छी शिक्षिका होने के नाते उस की ख्याति दिनबदिन बढ़ती जा रही थी. विद्यार्थी ही नहीं शिक्षक भी उस की बुद्धि का लोहा मानते थे. इस के साथसाथ दुनियाभर की साहित्यिक गोष्ठियों में भी वह सम्मिलित होने लगी थी. उस की रचनाओं के चर्चे होने लगे थे. उस का अपना सर्कल बन गया, पार्टियों में जाना भी शुरू कर दिया. बहुत लोगों से मुलाकात होती रहती.

कुछ वक्त बाद वह भारत लौट आई. विदेश की भूमि पर स्वतंत्रतापूर्वक जो जीवन व्यतीत कर आई थी, वह विचार भी अपने साथ ले आई. अपनी यात्राओं पर उस का कई भारतीयों से परिचय हुआ था, जिन से उस का मानसिक जुड़ाव हुआ था और फिर कितनी कौन्फ्रैंस में उस ने भारत आ कर भी भाग लिया था. हर बार मम्मीपापा से मिलने आती और विभाविभोर के लिए तोहफे लाती. जब उन की जिंदगी में अभय और मित्रा ने दस्तक दी, तब बड़ी खुशी के साथ वह उन के लिए भी तोहफे लाने लगी.

अब जब हमेशा के लिए लौट आई है, तो पटना जाने में पहले वाली आतुरता नहीं रही. मन किया कि सब काम निबटा कर, कई दिन आराम से वहां बिताएगी. पिछली बार तब गई थी जब दादी ने संसार से सदा के लिए विदा ले ली थी. यह भी एक वजह थी कि वह जाने में हिचकिचा रही थी.

फुरसत पा कर जब घर आई और विभा को वहां देखा तो प्रथम तो उस की

खुशी का ठिकाना नहीं रहा पर जब उसे ज्ञात हुआ कि बच्चों को ले कर विभा माहभर पहले घर आ गई थी तो उस का माथा ठनका.

जब मां से पूछना चाहा तो उन्होंने बगीचे के बीच पेड़ को गहरी, दुखी निगाहों से देखते हुए बस इतना ही कहा था कि, विभा से पूछो तो बेहतर है. रात को खाने के बाद जब दोनों बहनें छत पर गईं और काफी देर मौन बैठी रहीं, तब अचानक मानसी को एहसास हुआ कि विभा कितनी बड़ी हो गई है. ऐसा लगा मानो अभी से अधेड़ हो गई हो.

‘‘क्या बात है विभा?’’ उस ने कोमल स्वर में पूछा.

‘‘तुम कितनी खुशहाल हो दीदी,’’ विभा के मुंह से सहसा बोल फूट पड़े, ‘‘तुम्हारी जिंदगी, तुम्हारी है.’’

इस का क्या जवाब दे, मानसी को सू झा नहीं.

विभा ने ही कहना जारी रखा, ‘‘मेरी जिंदगी तो दीदी मेरी रही ही नहीं.’’

मानसी ने हलके से विभा के कंधे पर हाथ रखा, ‘‘ऐसा क्यों कह रही हो विभा?’’

पर विभा मानो अपनेआप से ही बतिया रही थी, ‘‘तुम्हारे आगेपीछे दिनभर असिस्टैंट घूमते रहते हैं, तुम्हारे घर के कामकाज के लिए मेड है, कुक है. इतने अवार्ड मिलते रहते हैं, पेपर में तसवीरें छपती रहती हैं,’’ उस ने अचंभित निगाहों से मानसी को देखा. उस की आंखों में मानसी कई भाव तैरते नजर आए. विस्मय, गर्व, ईर्ष्या,भय सभी का सम्मिश्रण था उस की निगाहों में, ‘‘तुम्हारी अपनी जिंदगी है दीदी. तुम्हारा अपना वजूद है.’’

विभा, विभा, विभा, उस का हृदय तड़प उठा. उस की बहन इतनी बड़ी हो कर भी, कितनी मासूम, कितनी भोली है. उसे बचपन की याद हो आई जब वह अपनी बहन की रक्षक हुआ करती थी. आज भी उस ने अपनी छोटी बहन को बांहों में भर लिया, मानो सारी दुनिया से उस को बचा लेगी. ‘‘तुम विभा हो. दादी की परी विभा. मांपापा की विभा. मेरी विभा. विभोर की विभा. अभय और मित्रा की मां विभा.’’

ये भी पढ़ें- जीतन: उसके कौन से अतीत की परतें खुलीं?

इस पर विभा के आंसू निकल आए, ‘‘पर मेरी अपनी क्या पहचान है दीदी?’’

‘‘क्यों नहीं है री पगली?’’ मानसी ने अश्रुसिक्त मुसकान के साथ जवाब दिया, ‘‘तुम विभा हो, जिस के कारण दादी इस संसार से खुशीखुशी विदा हुईं. तुम विभा हो, जिस के नाम से आज शहरभर के लोग मम्मापापा को जानते हैं.’’

आगे पढ़ें- भले ही मानसी की अपनी पहचान थी, लेकिन…

23 अक्टूबर को आएगा वेब सीरीज ‘‘मिर्जापुर’’ का दूसरा सीजन, पढ़ें खबर

‘‘मिर्जापुर ’के सीजन दो में पंकज त्रिपाठी, अली फजल, दिव्येन्दु, श्वेता त्रिपाठी शर्मा,रसिका दुगल और हर्षिता शेखर गौड़ जैसे कलाकार मिर्जापुर की अंधेरी और कठिन दुनिया के बारे में जानने का प्रयास करेंगें.

लगभग डेढ़ वर्ष पहले ‘‘अमैजाॅन प्राइम’’पर प्रसारित स्याह दुनिया की कथा बयां करने वाली ‘‘एक्सेल इंटरटेनमेंट’’ निर्मित वेब सीरीज ‘‘मिर्जापुर’’को काफी पसंद किया गया था. उत्तर भारत का भीतरी इलाके मिर्जापुर में स्थापित अपराध ड्रामा ‘मिर्जापुर’’के सीजन एक में दर्शकों ने बंदूक, ड्रग्स और अराजकता की एक स्याह और जटिल दुनिया का आनंद उठाया था. इसकी तेज गति वाली कथा, अच्छी तरह से पात्रों का ढलना और अति सूक्ष्म कथा ने इसके प्रशंसकों के मन में इसका अगला भाग देखने की उत्कंठा पैदा कर दी थी. तब से दर्शकों को इसके दूसरे सीजन का बेसब्री से इंतजार रहा है. अब ‘‘अमैजाॅन प्राइम’’ने घोषणा की है कि वह इसका दूसरा सीजन 23 अक्टूबर 2020 से प्रसारित करेंगें.

सीजन 2 के साथ ही अब  ‘‘मिर्जापुर’’का कुनबा भी बड़ा हो गया है. इस बार इसे पंकज त्रिपाठी, अली फजल, दिव्यांन्दु, श्वेता त्रिपाठी शर्मा, रसिका दुगल,हर्षिता शेखर गौड़, अमित सियाल, अंजुम शर्मा, शीबा चड्ढा,मनु ऋषि चड्ढा,राजेश तैलंग, विजय वर्मा, प्रियांशु पेंन्युली और ईशा तलवार जैसे कलाकारों ने अपने अभिनय से संवारा है.

दर्शक एक बार फिर  स्टाइलिश व असभ्य दुनिया,जहां अपराध, ड्रग्स और हिंसा शासन और जीवित रहने के लिए लड़ने की जरूरत है,की यात्रा कर सकेंगें. बहुप्रतीक्षित अमैजाॅन ओरिजिनल सीरीज एक्सेल मीडिया एंड एंटरटेनमेंट द्वारा रचित और निर्मित है और यह दुनिया भर के 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में अमैजाॅन प्राइम वीडियो पर विशेष रूप से लॉन्च होगा.

‘‘मिर्जापुर’’के दूसरे सीजन के स्ट्ीमिंग की घोषणा करते हुए ‘अमैजाॅन प्राइम वीडियो’की भारतीय प्रमुख अपर्णा पुरोहित कहा-‘‘मिर्जापुर वास्तव में हमारे लिए एक गेम-चेंजर वेब सीरीज रही है. इसने भारतीय दर्शकों के लिए कहानी बताने के लिए एक नया मुहावरा प्रसारित किया.  इसके पात्र लोकप्रिय संस्कृति का हिस्सा बन गए हैं. हमें यकीन हैं कि सीजन 2 की दिलचस्प कथा हमारे दर्शकों को एक बार फिर मंत्रमुग्ध कर देगी. ‘‘

जबकि इसकी निर्माण कंपनी ‘‘एक्सेल एंटरटेनमेंट’’के रितेश सिधवानी ने कहा,‘‘एक्सेल एंटरटेनमेंट को लगातार नए विचारों के लिए असीम प्यार मिला है. ‘मिर्जापुर’उस प्रयास में एक कदम था. यह केवल दर्शकों के लिए सोच की सीमाओं को तोड़ने के बारे में नहीं था, बल्कि कंटेंट निर्माताओं के रूप में खुद को प्रमाणित करने के लिए भी था. प्रामाणिकता को खोए बिना भारत के भीतरी इलाकों से रोमांचकारी और अनकही कहानियों को लाना हमारी सबसे बड़ी जीत रही है. न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में ‘मिर्जापुर सीजन एक’को प्रशंसा मिली,जिसने हमारा उत्साह बढ़ाया. इसने एक्सेल एंटरटेनमेंट और अमैजाॅन प्राइम वीडियो को ‘मिर्जापुर’’के दूसरे सीजन को जारी रखने के लिए प्रेरित किया. ’’

ये भी पढ़ें- ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में ‘अंजलि भाभी’ के रोल में दिखेगी ये एक्ट्रेस, शुरू हुई शूटिंग

वेब सीरीज के क्रिएटर पुनीत कृष्ण कहते हैं-“इस वेब सीरीज को शुरुआत से ही प्यार और सराहना मिलती रही है. इसे एक और उच्च स्तर पर ले जाते हुए हम निश्चित हैं कि दर्शकों को अगली कड़ी में कुछ देखने को मिलेगा. हम प्रशंसकों को मिर्जापुर की एक और गतिशील दुनिया में ले जाने के लिए रोमांचित हैं,जिसका वह बहुत लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. ”
इस वेब सीरीज का निर्माण ‘‘एक्सेल मीडिया एंड एंटरटेनमेंट’’ प्रोडक्शन कंपनी कर रही है. इसके क्रिएटर पुनीत कृष्ण तथा निर्देशक  गुरमीत सिंह और मिहिर देसाई हैं.

सालों बाद फिर वायरल हुआ ‘गोपी बहू’ और ‘कोकिला बेन’ का ये Video, जानें क्यों

लौकडाउन में टीवी के पुराने टीवी सीरियल्स ने एक बार फिर फैंस की यादें ताजा कर दी है. ऐसे ही स्टार प्लस के सीरियल साथ निभाना साथिया की बीते दिनों सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. दरअसल हाल ही में एक म्यूज़िक प्रोड्यूसर यशराज मुखाटे ने एक सीरियल के डायलौग को रैप में बदलकर वीडियो बनाया है, जिस पर फैंस अपने रिएक्शन दे रहे हैं और वायरल कर रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल वीडियो…

सीन के डायलौग हुए वायरल

दरअसल, टीवी सीरियल ‘साथ निभाना साथिया’ (Saath Nibhaana Saathiya) के एक सीन में कोकिलाबेन नाम का किरदार गोपी बहू और राश्री को डांट लगा रही हैं.  किसी ने  बिना कुछ डाले गैस पर प्रेशर कुकर चढ़ा दिया था.  टिपिकल भारतीय सीरियल्स की तरह इस छोटी-सी बात पर कोकिलाबेन काफी भड़की हुई हैं.  अपने दोनों बहूओं से लगातार सवाल पूछ रही हैं.  यशराज ने इस बातचीत को रैप में बदल दिया.

ये भी पढ़ें- ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में ‘अंजलि भाभी’ के रोल में दिखेगी ये एक्ट्रेस, शुरू हुई शूटिंग

सीन को रैप में किया चेंज

साथ निभाना साथिया सीरियल के सीन को चेंज करते हुए यशराज ने बैकग्राउंड में पेपी ट्यून एड करने के साथ ही कुछ हिप-हॉप नोट्स एड्स कर दिए हैं.  ऐसे में सीरियल का सीन, एक डांस नंबर में बदल गया है और सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है.

सेलेब्स कर रहे कमेंट

म्यूज़िक प्रोड्यूसर यशराज के इस वायरल वीडियो को एक मिलियन (10 लाख) से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं.  वहीं, वीडियो पर बौलीवुड एक्टर राजकुमार राव ने भी कमेंट किया है और लिखा कि, ‘भाई आप बहुत टलैंट हैं.  ऐसे ही आगे बढ़ते रहिए. ‘ इसके अलावा तन्मय भट्ट समेत कई सेलेब्स ने इस वीडियो पर कमेंट किया है.

आपको बता दें कि लौकडाउन के दौरान टीवी सीरियल्स की शूटिंग बंद हो जाने के कारण कई पुराने शोज को दोबारा दर्शाया गया था, जिसे फैंस ने काफी पसंद किया था.

ये भी पढें- भाभी जी घर पर हैं’ के सेट पर आखिरी दिन इमोशनल हुईं ‘गोरी मेम’ सौम्या टंडन, देखें वीडियो

‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में ‘अंजलि भाभी’ के रोल में दिखेगी ये एक्ट्रेस, शुरू हुई शूटिंग

टीवी के पौपुलर कौमेडी सीरियल्स में काफी उथलपुथल देखने को मिल रही हैं. जहां एक तरफ सालों से शो का हिस्सा रहे सितारे शो को छोड़ चुके हैं तो वहीं नए सितारों ने उनकी जगह लेने की तैयारी कर ली है. हाल ही में तारक मेहता का उल्टा चश्मा के दो एक्टर्स ने सीरियल को अलविदा कहा था, जिसके बाद एक्टर बलविंदर सिंह सूरी, गुरुचरण सिंह की खबर सुर्खियों में छा गई थी. लेकिन अब मेकर्स ने अंजली भाभी का रिप्लेसमेंट भी ढूंढ लिया है. आइए आपको बताते हैं कौन है वो एक्ट्रेस जो लेगी नेहा मेहता की जगह…

ये एक्ट्रेस करेंगी रिप्लेस

खबरों की मानें तो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में एक्ट्रेस सुनैना फौजदार , अंजलि भाभी उर्फ नेहा मेहता को रिप्लेस करेंगी. एक्ट्रेस के करीबी सूत्रों ने बताया कि नेहा मेहता शो छोड़ चुकी हैं. हालांकि, इसकी वजह अभी तक सामने नहीं आई है लेकिन अब कहा जा रहा है कि नेहा मेहता की जगह सुनैना फौजदार शो में नजर आएगी. वह शो में सैलेश लोढ़ा यानी तारक मेहता की पत्नी अंजली की भूमिका में नजर आएंगी. हालांकि कहा जा रहा है कि सुनैना 23 अगस्त से शो की शूटिंग शुरू कर चुकी हैं.

 

View this post on Instagram

 

I woke up like this 😄🤭 Well I wish…I always tell everyone We never look like this…its a team work … Kudos👏 to all the creative professionals behind the scenes who make plain Jane’s like us look like a Diva ❤ Concept and stylist ,muah: @makeupbyradhikathakkar 💓 (So creative and hardworking) 📷 @ibphotography27 💓 (my most favorite) location :@eatanytimemumbai thank you @twopencilstalent Ruchi🤗 #fashionblogger #fashionnova #style #fashionista #ootd #fashionstyle #instafashion #instagood #actor #actorslife #model #photography #instagram #influencer #photooftheday #beauty #fashionable #streetstyle #picoftheday #outfitoftheday #lifestyle #fashionnova #fashionstatement #fashiongram #fashioninspo #fashiongoals #fashionillustration

A post shared by Sunayana Fozdar (@sunayanaf) on

ये भी पढ़ें- Naagin 5: हिना खान के बाद सुरभि चंदना का नागिन लुक हुआ वायरल, देखें फोटोज

बलविंदर सिंह भी शुरू कर चुके हैं शूटिंग

दूसरी तरफ, बलविंदर सिंह सूरी ने भी शो की शूटिंग शुरूआत कर दी है. बलविंदर सिंह, शाहरुख खान के साथ फिल्म ‘दिल तो पागल है’ में स्क्रीन शेयर कर चुके हैं, जिसमें बलविंदर सिंह ने उनके दोस्त के रोल में नजर आएंगे. वहीं इसके अलावा वह ‘धमाल’, ‘साजन चले ससुराल’ और ‘वो लोफर’ जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं. गौरतलब हो कि गुरुचरण सोढ़ी के शो को अलविदा कहने के बाद बलविंदर सिंह शो में नजर आने वाले हैं.

बता दें, इससे पहले तारक मेहता के बौस की भी शो में एंट्री हो चुकी है, जो फैंस को काफी एंटरटेन कर रही हैं. हालांकि शो में उनका किरदार कम समय के लिए नजर आएगा.

ये भी पढ़ें- ‘भाभी जी घर पर हैं’ के सेट पर आखिरी दिन इमोशनल हुईं ‘गोरी मेम’ सौम्या टंडन, देखें वीडियो

फिल्म व सीरियल की शूटिंग के लिए जारी हुई गाइडलाइन्स, पढ़ें खबर

टीवी सीरियल, वेब सीरीज और फिल्मों की शूटिंग के लिए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने रविवार, 23 अगस्त की सुबह गाइडलाइंस जारी कर दी.  सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रवीवार, 23 अगस्त की दोपहर, करीब पौने बारह बजे ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

वैसे तो महाराष्ट्र सरकार ने 31 मई और फिर 23 जून को संशोधित गाइड लाइन जारी का ‘‘मिशन बिगेन अगेन’’ के तहत फिल्म, सीरियल व वेब सीरीज की शूटिंग शुरू करने की इजाजत दी थी.  जिसके चलते 25 जून से टीवी सीरियलों की शूटिंग जरुर शुरू हुई, पर दो दर्जन से अधिक सीरियलों के सेट पर कलाकार अथवा वर्कर कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. इतना ही नहीं इसी कोरोना संक्रमण के चलते पार्थ समाथान और इरिका फर्नाडिष ने सीरियल ‘‘कसौटी जिंदगी की 2’’को बाय बाय करने का फैसला ले लिया है, तो अब इस सीरियल के प्रसारण के बंद होने की नौबत आ गयी है. तो वहीं सीरियल ‘‘भाखरवाड़ी’’ के सेट पर एक वर्कर यानी कि टेलर का काम करने वाले षख्स की कोरोना से मौत हो गयी और आठ वर्कर अस्पताल में हैं. अब खबर यह है कि इस सीरियल का भी प्रसारण बंद होने जा रहा है, तो वही सीरियल ‘‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’’के कलाकार भी इसे छोड़ रहे हैं, परिणामतः इसके भी बंद हो जाने की अफवाहें गर्म हैं. इसके मायने यह हुए कि महाराष्ट्र सरकार की गाइडलाइन्स में कुछ कमी है.

ये भी पढ़ें- Naagin 5: हिना खान के बाद सुरभि चंदना का नागिन लुक हुआ वायरल, देखें फोटोज

इतना ही नहीं महाराष्ट्र सरकार द्वारा गाइड लाइन्स जारी होने के बाद से विवाद चले आ रहे हैं.  महाराष्ट्र सरकार ने 65 वर्ष व उससे अधिक उम्र के कलाकारों,  वर्कर व तकनीशियन के काम करने पर रोक लगा दी थी.  मुंबई उच्च न्यायलाय ने इस पर महाराष्ट्र सरकार की जमकर खिंचाई की और हर किसी को काम करने की छूट देने का निर्णय सुनाया. इतना ही नही महाराष्ट्र सरकार की गाइड लाइंस के अनुसर कलाकारों को भी मास्क पहनकर शूटिंग करना था. कई अन्य मसले भी थे. जिसकी वजह से फिल्म उद्योग के अंदर ही मतभेद चल रहे थे.

इसी वजह से फिल्म उद्योग से जुड़े कुछ संगठनों ने केंद्र सरकार से गुहार लगायी थी. बहरहाल, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने रवीवार, 23 अगस्त की सुबह फिल्मों की शूटिंग के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी. इस गाइडलाइंस में सभी जगहों पर फेस मास्क के प्रयोग और छह फीट की सामाजिक दूरी बनाए रखना अनिवार्य किया गया है, मगर कलाकारों को इसमें छूट दी गयी है. सेट बनाने वाले, कैटरिंग, क्रू पोजिशंस,  कैमरा लोकेशंस आदि में दूरी बनाकर रखनी होगी. रिकॉर्डिंग स्टूडियोज,  एडिटिंग रूम्स में भी छह फीट की दूरी का ख्याल रखना अनिवार्य है. फिलहाल सेट्स पर दर्शकों को आने की इजाजत नहीं दी गई है.

गाइड लाइन्स के कुछ अन्य बिंदु इस प्रकार हैंः

1-मेकअप आर्टिस्ट्स, हेयर स्टायलिस्ट्स को पीपीई का उपयोग करना अनिवार्य
2-विग, कॉस्ट्यूम और मेकअप के सामान की शेयरिंग पर रोक
3-माइक के डायफ्राम से सीधा संपर्क न रखा जाए
4-हर शूटिंग या डबिंग या एडीटिंग आदि में उपयोग में आने वाले सभी उपकरणों को बार बार सेनीटाइज किया जाए.
5-सेट पर कम से कम वर्कर हों.
6-आउटडोर शूटिंग के लिए स्थानीय प्रशासन की अनुमति जरुरी.
7-उच्च जोखिम वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी
8-स्वच्छता मानदंडों का पालन करना होगा
9-हर स्टूडियो /सेट के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य
10-सभी एयर कंडीशनिंग उपकरणों के तापमान सेटिंग 24-30 डिग्री सेल्सियस की सीमा में होनी चाहिए
11-क्रास वेंटिलेशन सुनिश्चित करना होगा.
12-सामान्य स्थान जैसे सेट,  कैफेटेरिया,  मेकअप रूम,  एडिट रूम,  वैनिटी वैन,  वॉशरूम आदि को नियमित रूप से साफ किया जाएगा
13-वेशभूषा,  हेयर विग,  मेकअप आइटम,  उपकरण और पीपीई के उपयोग को साझा न किया जाए.
14-आरोग्य सेतु ऐप के उपयोग की सलाह

ये भी पढें- ‘भाभी जी घर पर हैं’ के सेट पर आखिरी दिन इमोशनल हुईं ‘गोरी मेम’ सौम्या टंडन, देखें वीडियो

रविवार को ही सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया है-‘‘कम से कम संपर्क‘ एसओपी में मूलभूत है. यह कम से कम शारीरिक संपर्क और हेयर स्टाइलिस्टों द्वारा पीपीई,  प्रॉप्स शेयर करना और दूसरों के बीच मेकअप कलाकारों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा. ‘‘
मगर अहम सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या अब सारे विवाद खत्म हो जाएंगे और फिल्मों की शूटिंग शुरू हो पाएगी? क्योंकि फिल्मों की शूटिंग से जुड़े कई ऐसे मुद्दे अभी भी हैं,  जिन पर विचार करने की जरुरत है.

इमोशनल इम्यूनिटी का रखें ध्यान

जिस तरह हम बीमारी से लड़ने के लिए अपने शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने की कोशिश करते हैं उसी प्रकार मस्तिष्क की इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाए रखना जरूरी होता है. आज के युग में हम हर चीज से वाकिफ और सुरक्षित रहने के लिए हर तरह की जानकारी लेते रहते हैं, लेकिन यह भूल जाते हैं कि इस का सीधा असर हमारे शरीर और मस्तिष्क पर पड़ता है.

हमारी जिंदगी में क्या हो रहा है और क्या हो सकता है, हमारा दिमाग इस के बीच का फर्क नहीं समझ पाता है. उदाहरण के लिए हो सकता है मैं ने यह हजारों बार सोच लिया हो कि दुनिया खत्म होने वाली है या मैं हमेशा के लिए अकेला रह जाऊंगा या मेरे परिवार के सदस्यों को भी कोरोना हो सकता है. लेकिन असल में देखा जाए तो ये सब मात्र हमारे विचार हैं, जबकि हमारा मस्तिष्क हमें भ्रमित करता रहता है, जिस के कारण हम अपने विचारों को सच समझते रहते हैं. ऐसे में खुद को शांत रखने के लिए इमोशनल इम्यूनिटी का मजबूत होना बेहद जरूरी है.

इस वायरस और कई अन्य समस्याओं से बाहर आने के लिए डर खत्म करना अनिवार्य है. इस प्रकार की भयभीत कर देने वाली स्थितियों में किसी भी प्रकार की जानकारी या खबर हमें अधिक सोचने पर मजबूर कर सकती है.

ऐसे में इन उपायों की मदद से इमोशनल इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है और हर स्थिति में स्वस्थ और सुरक्षित रह सकते हैं:

इमोशनल इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं ऐसे

उपचार से बेहतर बचाव है: जी हां, बात चाहे मानसिक स्वास्थ्य की ही क्यों न हो, बचाव हमेशा अहम भूमिका निभाता है. कुछ बातों को समझना हमारे लिए बहुत जरूरी है. दुनिया में क्या चल रहा है इस की चिंता करने के बजाय मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर कैसे रखा जा सकता है, इस पर ध्यान दें. जाहिर है यदि हम स्वस्थ रहेंगे तभी हम खुश और सुरक्षित महसूस कर पाएंगे.

खुद को पैंपर करें

यह स्वस्थ रहने का एक कारगर विकल्प है. हम इस धरती पर मौजूद हैं, इस का सुबूत केवल हमारे शरीर से मिलता है, इसलिए उसे प्यार करना बेहद जरूरी है. सिर की मसाज करें, बौडी मसाज लें, पूरी मस्ती में नहाएं, त्वचा का खयाल रखें. ये सब करने से हमारे मस्तिष्क को राहत मिलती है.

कुकिंग, डांस, म्यूजिक, पेंटिंग, ड्राइंग, क्रिएटिंग: ताजा फलों को छू कर महसूस करें और उन के रंग, आकार और टैक्स्चर को देखें. अपना पसंदीदा म्यूजिक चला कर उस पर खुल कर डांस करें. आप को इंटरनैट पर कई प्रकार के ड्राइंग सैशन मिल जाएंगे. उन की मदद से मस्तिष्क को अच्छी चीजों में उलझए रखें. ऐसा करने से हमें इस बात का एहसास रहता है कि दुनिया में चाहे कितना बुरा हो रहा हो, लेकिन जिंदगी का एक यह भी रूप है जो हर चिंता, हर दर्द को खत्म कर देता है.

ये भी पढ़ें- शादी करें, न करें, कब करें

अच्छी खबरें और जानकारी ढूंढ़ें: हम क्या पढ़ना और देखना पसंद करते हैं यह पूरी तरह से हम पर निर्भर करता है. इसलिए हमेशा नकारात्मक खबरें पढ़नेसुनने के बजाय सकारात्मक खबरें पढ़ें और जानें कि दुनिया में क्याक्या अच्छा हो रहा है.

परिवार के टच में रहें: अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों या पति/पत्नी के साथ बातचीत करते रहें. उन के साथ अच्छा समय बिताएं. इस से हमेशा खुश रहेंगे.

हैल्थ रिमाइंडर: बेहतर इम्यूनिटी के लिए केवल इतना काफी नहीं है, बल्कि आप को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आप इस के लिए क्याक्या कर रहे हैं. यह रिमाइंडर आप को खुद पर विश्वास करना सिखाएगा और आप को मानसिक रूप से स्वस्थ रखेगा. इस के साथसाथ उन चीजों को भी नोट करें जिन से आप की इमोशनल इम्यूनिटी कमजोर होती है ताकि आप उन चीजों से बच सकें.

खुद से नकारात्मक बातें करना: कई बार ऐसा होता है कि हम समाज की बातों को अपने विचार समझने लगते हैं. समाज में क्या हो रहा हम खुद से वही बातें करने लगते हैं. इसीलिए हम वाकई क्या सोचते हैं इस पर ध्यान देना जरूरी है. दूसरों की बातों में न आ कर अपने विचारों के अनुसार खुद से बातें करें और हमेशा अच्छा सोचें.

बहुत ज्यादा खाना या बहुत कम खाना, ज्यादा सोना या कम सोना: हमारा शरीर हर चीज संतुलित मात्रा में चाहता है. हमें इस बात का खयाल रखना चाहिए कि हम अपनी भूख मिटाने के लिए खाना खाते हैं या खाने को खत्म करने के लिए खाते हैं. कम सोने से हमारे मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है, जिस कारण हमारा स्वभाव चिड़चिड़ा होने लगता है. वहीं बहुत अधिक सोना भी किसी गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है.

खुद को श्रेय नहीं देना: इमोशनल इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए आप जो भी करते हैं उस के लिए खुद को श्रेय दें. हमेशा खुद को याद दिलाते रहें कि आप जरूरी कदम उठा रहे हैं. हम अकसर चीजों के लिए खुद को श्रेय देना भूल जाते हैं.

गड़े मुरदे उखाड़ना: यदि हम पुरानी बातों को सोच कर अभी भी परेशान होते हैं, तो उन सभी बातों पर मिट्टी डालने का समय आ गया है. खराब यादें हमारे शरीर की ऊर्जा को बाधित करती हैं. यदि आप किसी हादसे से उभर नहीं पा रहे हैं तो किसी प्रोफैशनल की मदद लें.

ये भी पढ़ें- कैसे बचाएं गृहस्थी को

धीरेधीरे लौकडाउन को खोले जाने के साथ हमारा जीवन भी पटरी पर वापस आ रहा है. हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हम हमेशा अपने घर में बैठे नहीं रह सकते हैं. इस स्थिति से लड़ने का सब से अच्छा तरीका यह है कि हम इस स्थिति को स्वीकार कर अपने जीवन को उसी के अनुसार फिर से शुरू कर दें और हमेशा सकारात्मक सोच बनाए रखें.

-डा. संदीप गोविल

-सलाहकार, मैंटल हैल्थ ऐंड बिहेवियर साइंसेस, सरोज सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल, नई दिल्ली. द्य

डाक्टर्स से जानें कोरोना में कैसे सेफ रहें प्रैग्नेंट महिलाएं

कोविड-19 ने हर व्यक्ति के जीने का तरीका पूरी तरह से बदल दिया है. देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. प्रैग्नेंट महिलाओं में इस संक्रमण का खतरा ज्यादा है. दरअसल, प्रैग्नेंट महिलाओं को वक्तवक्त पर जांच की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन कोरोनाकाल में उन का बाहर जाना खतरे से खाली नहीं है. घर से बाहर न जाना पड़े इसलिए गाइनेकोलौजिस्ट प्रैग्नेंट महिलाओं को औनलाइन वीडियो कंसल्टेशन के जरीए परामर्श दे रहे हैं.

अच्छी खबर यह है कि यह वायरस प्लेसेंटा के पार नहीं जा सकता है. इस का अर्थ यह है कि गर्भ में पल रहे बच्चे को इस वायरस से कोई खतरा नहीं है. लौकडाउन के दौरान एक कोरोना पौजिटिव महिला ने बिलकुल स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि आप अपनी सेहत या अपनी प्रैगनैंसी को ले कर लापरवाह हो जाएं, क्योंकि ऐसा करना आप और आप के होने वाले बच्चे के लिए बिलकुल सही नहीं होगा.

कोरोना वायरस के कारण बढ़ा तनाव का स्तर

हारमोनल बदलावों के कारण प्रैग्नेंट महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है. ऐसे में उन में तनाव, डिप्रैशन, चिंता, गुस्सा, मूड स्ंिवग्स आदि आम समस्याएं बन जाती हैं. इसलिए इस महामारी के दौरान उन्हें अपने स्वास्थ्य का खास खयाल रखने की आवश्यकता है. कोरोना का खतरा उन में ज्यादा है, यह जान कर तनावग्रस्त होना स्वाभाविक है. लेकिन एक प्रैग्नेंट महिला पर यह तनाव बहुत भारी पड़ सकता है.

आइए, जानते हैं कि कोरोना वायरस के दौरान प्रैग्नेंट महिलाओं को किनकिन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किस प्रकार की सावधानी बरतनी चाहिए ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें:

ऐसे रहें स्वस्थ

अच्छा रूटीन तैयार करें: अच्छा रूटीन बनाएं और हर दिन उस का पालन करें. मदरहुड पर किताब पढ़ने से भी आप को पता चलेगा कि खुद का और गर्भ में पल रहे बच्चे का खयाल कैसे रखा जा सकता है. दिनभर अच्छी गतिविधियों में शामिल हों.

ये भी पढ़ें- अदरक के तेल का फायदा जान हैरान रह जाएंगी आप

हलकेफुलके व्यायाम करें: व्यायाम आप को न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखते हैं. इसलिए हर दिन सुबह जल्दी उठ कर व्यायाम करें. इस से मस्तिष्क में खून का प्रवाह बेहतर होता है, हैप्पी हारमोंस रिलीज होते हैं और औक्सिडेटिव तनाव कम होता है. हलकीफुलकी ऐक्सरसाइज भी सेहत के लिए अच्छी रहेगी.

स्वस्थ आहार: आप को पौष्टिक व संतुलित आहार के साथसाथ शारीरिक सक्रियता का भी पूरा खयाल रखना है. ऐसी चीजें खाएं जिन से आप की इम्यूनिटी मजबूत रहे. हारमोनल स्तर में उतारचढ़ाव के कारण कभी भूख ज्यादा लगती है तो कभी कुछ भी खाने का मन नहीं करता है. असल समस्या पर ध्यान दें, लौंग टर्म की दृष्टि के साथ सोचें और सही फैसला करें.

अच्छी नींद: प्रैग्नेंट महिला को हर रोज 6-7 घंटों की अच्छी नींद लेनी चाहिए. नींद पूरी होने से आप हमेशा स्वस्थ और सक्रिय महसूस करेंगी. अच्छी नींद से तनाव का असर भी कम होता है.

आराम जरूरी: प्रैग्नेंट महिलाओं को बहुत ज्यादा काम या भारी सामान नहीं उठाना चाहिए. व्यायाम भी हलकाफुलका हो करना चाहिए ताकि सेहत पर कोई बुरा असर न पड़े. जो महिलाएं भारी सामान उठाती हैं या बहुत अधिक काम करती हैं और ठीक से आराम नहीं कर पाती हैं उन में गर्भपात का खतरा बनता है. इसलिए लापरवाही न बरतें.

स्वच्छता जरूरी: प्रैग्नेंट महिलाओं के लिए स्वच्छता का खयाल रखना बेहद जरूरी है. बात कोरोना की हो तो स्वच्छता का खयाल रखना और अधिक जरूरी हो जाता है. इसलिए व्यक्तिगत साफसफाई पर पूरा ध्यान दें.

ये भी पढ़ें- जाने किस तरह बनाया जाता है मैदा ? शायद ये जानकर मैदा खाने से पहले सौ बार सोचेंगे आप!

डाक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का नियमित सेवन करें. जरूरत पड़ने पर ओब्स्टाट्रिशियन से संपर्क करने से बिलकुल न हिचकिचाएं.

-डा. सागरिका अग्रवाल

स्त्रीरोग विशेषज्ञा, इंदिरा आईवीएफ हौस्पिटल, नई दिल्ली.

महिलाएं फोन हैंडलिंग में दिखाएं स्मार्टनैस

पार्टनर 4 महीने से बिजनैस ट्रिप पर गया हुआ था, जिस कारण न सिर्फ उस की पत्नी रीता बोर फील कर रही थी, बल्कि उस की शारीरिक जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही थीं. तभी उस की फ्रैंड नेहा ने उसे कुछ ऐसी साइट्स देखने की सलाह दी जिन्हें देख कर उसे संतुष्टि मिल सके. और हुआ भी ऐसा ही, अब रोज वह उन साइट्स पर विजिट करने लगी. लेकिन उस की गलती यह हुई कि उस ने जो भी लिंक खोल कर देखा न तो उसे हिस्ट्री से डिलीट किया और न ही डाउनलोड किए फोटो फोन से हटाए. ऐसे में जब पार्टनर वापस आया तो उस ने कुछ सर्च करने के लिए उस का फोन उठाया तो उस के होश उड़ गई. सफाई देने के बावजूद उस ने रीता की एक नहीं सुनी और दोनों के बीच  झगड़ा शुरू हो गया. उस ने रीता के कैरेक्टर पर उंगली उठा दी. रीता की छोटी सी गलती ने उन के रिश्ते में दूरियां पैदा कर दीं.

ऐसा सिर्फ महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी करते हैं, बल्कि इस तरह की चीजें देखने में पुरुष महिलाओं से कहीं आगे होते हैं, लेकिन वे ज्यादा तकनीक के जानकार होने के कारण बच जाते हैं. यहां तक कि भले ही वे घर से बाहर निकलते हुए अपनी कुछ जरूरी चीजें भूल सकते हैं, लेकिन फोन कभी नहीं. तभी तो यह पुराना चुटकुला उन पर मशहूर है- एक शादीशुदा आदमी सबकुछ भूल सकता है, लेकिन घर पर मोबाइल नहीं. ऐसे में आप टैक्नोलौजी के मामले में पुरुषों से पीछे क्यों रहें.

जानिए, कैसे आप अपनेअपने फोन को स्मार्टली हैंडल कर सकती हैं:

फोन को नहीं ऐप्स को करें लौक

पुरुष काफी स्मार्ट होते हैं भले ही वे हमेशा अपने फोन को लौक कर के रखें, लेकिन पार्टनर का फोन उन्हें खुली किताब की तरह ही चाहिए. जब खोले उसे किसी पासवर्ड की जरूरत न हो. ऐसे में आप थोड़ी सम झदार बनें. भले ही उस में ऐसीवैसी कोई चीज न हो, फिर भी अपने फोन के ऐप्स को लौक कर के रखें. इस के लिए आप को आमतौर पर हर ऐप की सैटिंग में जा कर प्राइवेसी के औप्शन पर क्लिक कर के उस ऐप को लौक करना होगा. इस से फायदा यह होगा कि आप का पार्टनर आप के बिना आप का फोन नहीं खोल पाएगा. इस से जहां आप को तकनीक की जानकारी मिलेगी वहीं आप निश्चिंत भी रहेंगी.

ये भी पढ़ें- कार को सैनिटाइज किया क्या?

फोन को क्यों न करें लौक

अधिकांश लोगों की यह आदत होती है कि वे अपने फोन को लौक कर के रखते हैं ताकि कोई भी उन के फोन के साथ छेड़छाड़ न कर सके. जबकि फोन को लौक करना सही नहीं है, क्योंकि अगर आप कहीं भी जाते हुए किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं या फिर कहीं पर आप का फोन छूट जाता है तो फोन के लौक होने के कारण कोई भी आप के परिवार को सूचित नहीं कर पाएगा.

क्लाउड पर सेव करें डाटा

ऐप्पल डिवाइस में आई क्लाउड सुविधा होती है, जबकि ऐंड्रौयड स्मार्टफोन में गूगल ड्राइव पहले से इनबिल्ट होता है. ये क्लाउड स्टोरेज कहलाते हैं. मोबाइल पर जो डेटा हम सेवा करते हैं उसे डिजिटल माध्यम कहते हैं. लेकिन जो डेटा हम आई क्लाउड या गूगल ड्राइव पर सेव करते हैं उसे वर्चुअल माध्यम कहते हैं. इस में डेटा आप के फोन की लोकल ड्राइव में सेव नहीं होता, बल्कि दूसरी कंपनी के सर्वर पर सेव होता है. इस से जहां आप के फोन की मैमोरी भी नहीं भरती वहीं आप का डेटा भी स्टोर हो जाता है, जिसे आप जब चाहें, जहां से चाहें खोल कर देख सकती हैं. और जिसे चाहें भेज सकती हैं. इस में आप फोटो, फाइल्स, वीडियो कुछ भी सेव कर के रख सकती हैं. इस के लिए आप को ईमेल आईडी और पासवर्ड की जरूरत होती है और इंटरनैट होना जरूरी है.

उदाहरण के लिए जैसे आप ऐंड्रौयड फोन में ड्राइव पर डेटा सेव करती हैं तो उस के लिए आप को जो भी डौक्यूमैंट सेव करना है उस पर क्लिक कर के आप को शेयर के औप्शन को चूज करना है, फिर उस में आप सेव ड्राइव वाले औप्शन को क्लिक करें, जिस में सब से पहले आप को डौक्यूमैंट का नाम डालना होगा. फिर मेल आईडी, फिर फोल्डर के औप्शन पर क्लिक कर के सलैक्ट डैस्टिनेशन में न्यू फोल्डर में जा कर फोल्डर का नाम डालें और क्रिएट करें और उस फाइल को फोल्डर में सेव कर लें.

हिस्ट्री डिलीट करने की आदत डालें

अकसर औफिस में जब भी हम किसी कुलीग का कंप्यूटर यूज करते हैं तो उस से हिस्ट्री को डिलीट जरूर करते हैं ताकि कोई देख न पाए कि हम ने क्या सर्च किया है. ऐसे में जब भी आप गूगल पर कुछ भी सर्च करें तो हिस्ट्री को डिलीट जरूर करें. इस से अगर कोई आप का फोन यूज करेगा तब भी कोई नहीं जान पाएगा कि आप ने क्या सर्च किया है.

इस के लिए आप जब गूगल पेज ओपन करते हैं तो ऊपर की तरफ या फिर नीचे की तरफ डौट्स बने होते हैं, उन्हें आप क्लिक करें. आप को इस में हिस्ट्री का औप्शन दिखेगा, फिर उस पर क्लिक कर के आप क्लियर बरोसिंग डेटा पर क्लिक करें. इस में आप को लास्ट आवर का औप्शन दिखेगा, जिस पर क्लिक कर के आप को जो डेटा डिलीट करना है कर लें. इस से आप निश्चिंत हो कर फोन में कुछ भी सर्च कर सकती हैं.

एडल्ट साइट्स को सबस्क्राइब न करें

आज ढेरों ऐसे ऐप्स हैं जो एडल्ट कंटैंट देते हैं, साथ ही आप को नैट पर भी इस तरह की ढेरों सामग्री देखने को मिल जाएगी. ऐसे में जब भी आप इन साइट्स पर विजिट करें तो भूल कर भी सबस्क्राइब न करें, क्योंकि इस के बहाने आप की पर्सनल इन्फौरमेशन जैसे मेल आईडी, कौंटैक्ट नंबर उन तक चला जाता है, जो आप को मुसीबत में डाल सकता है.

अलाउ औप्शन ओके न करें

चाहे हम शौपिंग साइट्स पर विजिट करें या फिर किसी अन्य साइट पर, जब भी हम उस साइट पर जाते हैं तो नोटिफिकेशन के लिए अलाउ और डिसएग्री का औप्शन आता है, तो आप कभी भी अलाउ के औप्शन पर क्लिक न करें, क्योंकि इस से आप को थोड़ीथोड़ी देर में नोटिफिकेशन आने शुरू हो जाते हैं, जो न सिर्फ आप को परेशान करेंगे, बल्कि हो सकता है कि इन पर किसी की नजर भी पड़ जाए. ध्यान रखें बिना सोचेसम झे किसी पर भी क्लिक न करें.

फोन में चीजें डाउनलोड न करें

अकसर हमारी आदत होती है कि हमें जो भी साइट्स खोलते हुए अच्छा लगता है हम उसे डाउनलोड कर के फोन में रख लेते हैं. आप अपनी इस आदत को छोडि़ए, क्योंकि इस से न सिर्फ फोन की मैमोरी पर असर पड़ता है बल्कि कई बार ऐसी चीजें भी सेव कर लेते हैं, जिन से फोन हैंग होने का भी डर बना रहता है.

ये भी पढ़ें- अभी फिटनेस से अधिक स्वास्थ्य जरुरी है – मीरा राजपूत कपूर

व्हाट्सऐप को करें लौक

व्हाट्सऐप आजकल सब से ज्यादा चैटिंग करने के लिए प्रचलित ऐप है. आप उस को लौक कर के रखें. इस से आप के चैटिंग बौक्स को बिना आप की इजाजत के कोई नहीं खोल पाएगा. इस के लिए आप व्हाट्सऐप को ओपन करिए, फिर ऊपर की तरफ के डौट्स को क्लिक कर के अकाउंट में प्राइवेसी को क्लिक करना होगा. इस में आप लौक औप्शन को चूज कर सकती हैं और आप इसी में चैट पर जा कर अपनी चैट हिस्ट्री को डिलीट या फिर चैट बैकअप भी ले सकती हैं.

कैसे करें ऐंड्रौयड फोन में फोटो हाइड

कुछ मूवमैंट ऐसे होते हैं, जिन्हें हम अपने फोन में कैद कर के रखना चाहते हैं, लेकिन अनजाने में कोई आप के फोटो खोल कर देख ले तो आप को शर्मिंदा होना पड़ सकता है. ऐसे में आप के पास औप्शन है कि आप सभी फोटो हाईड कर के रखें और जब मन हो तब खोल कर देख लें.

इस के लिए आप फोन की गैलरी में जिस फोटो को हाइड करना चाहती हैं उस पर क्लिक करें. फिर ऊपर की तरह दिख रहे डौट्स पर क्लिक कर के कंप्रैस पर क्लिक करें. अब फाइल नेम, फाइल लोकेशन, जिस में आप को फाइल कहां सेव करनी है डाल कर पासवर्ड सैट करें और सेव कर लें. इस से आप की पर्सनल चीजें आप के पास भी रहेंगी और कोई उन्हें देख भी नहीं पाएगा.

इन बातों का भी रखें खयाल

– शौपिंग साइट्स पर कभी अपने कार्ड को सेव कर के न रखें.

– पासवर्ड कभी फोन में सेव न करें.

– बैंक डिटेल फोन में न रखें.

– नैट बैंकिंग हमेशा खुद के मोबाइल फोन से ही करें.

– सामान की लिस्ट बना कर फोन में सेव कर के रख सकती हैं.

– अपनी पर्सनल इन्फौरमेशन फोन में सेव न करें.

– जरूरी डेटा पासवर्ड प्रोटैक्टेड रखें.

– अगर आप को पासवर्ड भूलने की आदत है तो आप दूसरे शहर में रह रही अपनी किसी विश्वसनीय फ्रैंड से उसे शेयर कर दें ताकि भूलने की स्थिति में वह आप की मदद कर सके.

ये भी पढ़ें- औनलाइन एक्सरसाइज: महिलाओं की झिझक करें खत्म

इनके लिए कोरोना बन गया वरदान

2020 के प्रारम्भ में ही चीन के वुहान प्रान्त से निकले कोरोना वायरस ने शनैः शनैः समस्त संसार में तबाही मचा दी. मार्च में जब भारत में यह प्रारम्भिक दौर में ही था तो सरकार ने संक्रमण रोकने की दृष्टि से लॉक डाउन लगा दिया. इस लॉक डाउन में किसी की नौकरी गयी, देश की आर्थिक स्थिति बदहाल हो गयी और कइयों के तो घर ही छूट गए परन्तु कुछ वृद्धों के लिए ये लॉक डाउन वरदान साबित हुआ क्योंकि उन्हें उनका घर परिवार , बेटा बहू और नाती पोते मिल गए. ताउम्र अपने बच्चों के लिए जीने वाले माता पिता को जब उम्र के अंतिम पड़ाव में अपने ही बच्चों का सहारा नहीं मिलता तो उनकी जीने की इच्छा ही समाप्त हो जाती है परन्तु कोरोना ने समाज के अनेकों  वृद्धों को उनके परिवार से मिलाकर जीवन जीने की जिजीविषा को पुनः जाग्रत कर दिया. आइये नजर डालते हैं ऐसे ही चंद उदाहरणों पर,

2 बेटों और एक बेटी के पिता भोपाल के 70 वर्षीय मुन्नालाल ने  पारिवारिक विवाद के चलते 6 माह पूर्व घर छोड़ दिया था. पैसों और पिता की देखरेख को लेकर बच्चों में रोज होने वाले विवादों से वे इतने व्यथित हो गए कि जनवरी माह में घर छोड़कर एक वृद्धाश्रम में रहने लगे. वे कहते हैं ,” बच्चों ने कभी सुध लेने का प्रयास तक नहीं किया.” जब मार्च में लॉक डाउन हुआ तो  किसी तरह बेटी ने पिता का पता लगाया और लेने पहुंची और तब से पिता बेटी के साथ उसी के घर में रह रहे हैं. उनकी बेटी अनुराधा कहती है,”कोरोना में जब पूरा परिवार एक साथ था तो पिता की कमी बहुत खली. यह अहसास हुआ कि जीवन का  कोई ठिकाना नहीं है जब तक जिंदा हैं साथ ही रहेंगे”

ऐसी ही कहानी है हरीश चंद्र जी की. जनवरी के अन्त में पत्नी और बेटे से विवाद हो गया. बेटे की कही बातों ने उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई तो घर छोड़कर एक वृद्धाश्रम आ गए .जब पत्नी ने भी नहीं रोका तो मन बहुत आहत हुआ. उनका बेटा कहता है” पिता के घर से जाने के बाद बहुत शांति महसूस हुई थी. काम के बीच कभी नहीं लगा कि मैंने कुछ गलत किया है. परन्तु मार्च में जब लॉक डाउन हुआ तो कुछ समय बाद ही मुझे उनके साथ गुजारे बचपन के दिन याद आने लगे..और पिता के बिना जीवन ही अधूरा लगने लगा. लॉक डाउन खुलते ही मैंने उनसे माफी मांगी और ससम्मान घर ले आया. अब जीवन बड़ा खुशमय प्रतीत होता है.

ये भी पढ़ें- गुस्सैल युवाओं में कैसा असर दिखा रहा है कोविड-19

ऐसा ही कुछ हुआ 68 वर्षीया प्रयागराज निवासी कंचन के साथ वे कहतीं है,”दोनों बेटे मुझे बोझ समझते थे, कोई बात तक नहीं करता था, बहुएं खाना नहीं देतीं थीं. एक दिन घर छोड़कर कुटुम्ब नामक आश्रम आ गईं. पिछले एक वर्ष से यहीं रह रहीं थीं.” उनका बेटा कहता है,”लॉक डाउन में जब हम घर में रहे तो जीवन अधूरा सा लगने लगा. मां हर रोज सपने में आने लगीं. हमें अपनी गल्ती का अहसास हुआ’जिस मां ने हमें इतना बड़ा किया वही आज हमारे होते हुए अनाथ है सोचकर हम अपनी ही नजरों में गिर गए थे.अब मां को ले आये हैं… तब जाकर चैन मिला है”

अमरावती निवासी सुरेश जी की पत्नी का 2 वर्ष पूर्व निधन हो गया. वे कहते हैं” घर में बेटा, बहू बच्चे सभी व्यस्त रहते हैं, मेरे लिए किसी के पास टाइम नहीं है.रोज रोज बेटे बहू के तानों से परेशान था सो यहाँ वृद्ध आश्रम आ गया. लॉक डाउन में बच्चों को जब आत्मचिंतन का अवसर मिला तो लेने आये. अब बच्चों के साथ सुख से रह रहा हूँ”

ये केवल इन चार वृध्दों की नहीं बल्कि भारत के अनेकों बूढों की कहानी है जब घर परिवार के होते हुए भी उन्हें अनाथों जैसा जीवन जीना पड़ता है. अपनी ही सुख सुविधा में खोए उनके बच्चों को अपने ही माता पिता की सुध तक नहीं आती. विचारणीय है कि लॉक डाउन ने उन्हें ऐसा क्या दिया कि उन्हें अपने जन्मदाता की याद आने लगी.

-पर्याप्त समय

वास्तव में कोरोना सारी दुनिया पर कहर बनकर तो टूटा परन्तु लॉक डाउन ने प्रत्येक इंसान को आत्ममंथन के लिए पर्याप्त समय दिया. आज हर इंसान जीवन की भागदौड़ औऱ रोजी रोटी कमाने में इतना अधिक व्यस्त है कि उसके पास अपने अलावा किसी अन्य के बारे में सोचने का समय ही नहीं है. लॉक डाउन में जब घर पर बिना किसी काम के रहने का अवसर मिला तो अपने द्वारा किये सही और गलत का तात्पर्य समझ में आया और माता पिता की अहमियत भी.

-कोरोना का भय

यूँ तो हम सभी जानते हैं कि बीमारी कभी भी अमीर गरीब देखकर नहीं आती परंतु कोरोना ने समस्त संसार को अवगत कराया कि जीवन कितना क्षणभंगुर है. एक छोटे से वायरस ने एक देश या इंसान नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानवजाति के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया . लॉक डाउन में घर में रहने के दौरान इंसान को भी अहसास हुआ कि उनका जीवन भी कितने दिन का है नहीं पता इसलिए जब तक हैं पूरे परिवार के साथ सबका आशीष लेकर रहें.

-मददगार बने प्रेरणा

लॉक डाउन के प्रारंभिक चरण के बाद जब लोंगों को आवागमन की छूट दी गयी तो अनेकों मजदूर अपने कार्यस्थल से अपने घरों की ओर लौटने लगे जिनमें से अधिकांश के पास न पैसे थे और न ही भोजन ऐसे में अनेकों स्वयं सेवी संस्थाये, फिल्मी सितारे और आम लोग उनकी मदद को आगे आये….ऐसे लोगों की निस्वार्थ सेवा को देखकर जिनके माता पिता घर छोडकर चले  गए थे वे आत्मग्लानि से भर उठे और उन्हें  अनुभव हुआ कि वे कम से कम अपने जन्मदाता का ध्यान तो रख ही सकते हैं  और इसी आत्मग्लानि के कारण वे अपने माता पिता को वापस अपने साथ ले आये.

ये भी पढ़ें- नारी: हर दोष की मारी

उपरोक्त उदाहरण समाज का सच्चा आईना प्रदर्शित करते हैं. ऐसे उदाहरण हमें सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम चाहे जितनी भी तरक्की कर ले परन्तु उस तरक्की के रास्ते पर बढ़ते समय बड़े बुजुर्गों और जन्मदाता के प्रति अपने कर्त्तव्यों की अवहेलना किसी भी कीमत पर न करें. वे हमारे जीवन और समाज का आधारस्तंभ हैं. वैसे भी इस उम्र में माता पिता को रुपये पैसे की नहीं बल्कि अपने बच्चों से केवल प्यार और तनिक सम्मान की दरकार होती है और जिसे पाने के वे हकदार भी हैं. इसलिए उनकी इस प्रत्याशा पर खरे उतरने की समाज के प्रत्येक युवा को प्रयास करना ही चाहिए.

सोशलमीडिया पर छाया कुमकुम भाग्य फेम एक्ट्रेस का ब्राइडल फैशन, देखें फोटोज

टीवी एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर (Mrunal Thakur) जल्द शाहिद कपूर के साथ स्क्रीन शेयर करने वाली हैं, जिसके बाद वह आए दिन सुर्खियों में रहती हैं. हाल ही में मृणाल ठाकुर ब्राइडल लुक में नजर आईं, जो करीना कपूर के लुक की तरह दिख रहा है. लेकिन दोनों का ही लुक बेहद खूबसूरत लग रहा. पर आज हम आपको मृणाल ठाकुर के ब्राइडल लुक के कुछ कलेक्शन के बारे में बताएंगे, जिसे आप शादी के खास दिन से लेकर अपने रिसेप्शन में कैरी कर सकते हैं. तो आइए आपको दिखाते हैं मृणाल ठाकुर के ब्राइडल कलेक्शन की झलक…

1. करीना कै जैसा लहंगा है खूबसूरत

ड्यूई मेकअप, स्लीक पोनीटेल और डार्क रेड लिप्स में मृणाल ठाकुर का लुक बेहद खूबसूरत है.  वहीं बात करें ज्वैलरी की तो मृणाल ने मनीष मल्होत्रा की डिजाइन की हुई करीना से मिलती जुलती ज्वैलरी भी कॉपी की है. न्यूड शेड कलर के हैवी लहंगे में मृणाल बेहद खूबसूरत लग रहा था.

ये भी पढ़ें- जानें फेस शेप के हिसाब से कैसे चुनें मांग टीका और माथा पट्टी

2. नीला कलर है खूबसूरत

 

View this post on Instagram

 

Not your babe! Go to bed 😜

A post shared by Mrunal Thakur (@mrunalofficial2016) on

नीले रंग के हैवी वर्क लहंगे के साथ चोकर नेकपीस और राउंड ईयररिंग्स में मृणाल काफी अट्रैक्टिव नजर आ रही हैं. आप इस लुक को अपनी शादी के बाद रिसेप्शन में ट्राय कर सकती हैं, जो बेहद खूबसूरत लगेगा.

 

View this post on Instagram

 

🥰🥰 #repost @azafashions @azafashions presents The Aza Magazine, featuring Mrunal Thakur. When Love Sonia screened in Uzbekistan, it resulted in their parliament making amends to two laws with regards to women and human rights. “Fame is ephemeral, so I don’t let it get to me. But as an actor, I want to use my voice to make a difference,” says @mrunalofficial2016. Read more in the cover story of the @azafashions magazine at magazine.azafashions.com (link in bio). Lehenga – @anushreereddydesign Earrings – @thenehagoel Haathphool – @moh_maya_jewelry Necklace – @masayajewellery Photography – @tejasnerurkarr Styling – @castelino_priyanka MUA – @missblender Hair – @lakshsingh_hair #azafashions #azafashionsonline #azamagazine #magazine #mrunalthakur #anushreereddy #nehagoel #mohmayabydishakhatri #masayajewellery #bollywood #digitalmagazine #digitalcover #celebrity #celebrityfashion #covershoot #bridal #couture #readnow #shopnow

A post shared by Mrunal Thakur (@mrunalofficial2016) on

3. फ्लावर प्रिंटेड लहंगे है खूबसूरत

 

View this post on Instagram

 

😇🦋🐝🌻💫🌝🌈✨🍒🍭

A post shared by Mrunal Thakur (@mrunalofficial2016) on

अगर आप वेडिंग सीजन में कुछ खूबसूरत लुक ट्राय करना चाहती हैं तो मृणाल ठाकुर का ये लहंगे बेहद खूबसूरत है, जिसके साथ मैचिंग ज्वैलरी ट्राय कना ना भूलें.

ये भी पढ़ें- दुल्हन बनीं ‘कैसी हैं यारियां’ फेम एक्ट्रेस, Photos Viral

बता दें फिल्म बाटला हाउस में जॉन अब्राहम के अपोजिट काम कर चुकीं टीवी एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर सोशलमीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अक्सर अपने लुक की खूबसूरत फोटोज फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें