42 की उम्र में भी फैशन के मामले में कम नहीं पूजा बत्रा

बौलीवुड की फेमस एक्टर्स के साथ स्क्रीन शेयर कर चुकीं एक्ट्रेस पूजा बत्रा 42 साल में भी फिटनेस और फैशन के मामले में पीछे नहीं हैं. पूजा ने बौलीवुड फिल्मों में नेगेटिव रोल से सुर्खियां बटोरने वाले एक्टर नवाब शाह से शादी की, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुईं. पर आज हम पूजा की शादी नही उनके फैशन के बारे में बात करेंगे. आज हम उनके फैशन के बारे में बताएंगे, जिसे देखकर आप  42 की उम्र में भी फैशन ट्राय करने के लिए तैयार हो जाएंगी.

1. पूजा की ये ड्रेस है आउटिंग के लिए परफेक्ट

पूजा की ये औफ शोल्डर वाइट ड्रेस रैट्रो लुक दे रही है. अगर कहीं घूमने का प्लान कर रहे हैं तो पूजा की ये ड्रेस आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. ज्वैलरी की बात करें तो आप इस ड्रेस के साथ सिंपल चेन नेकलेस के साथ ब्लैक इयरिंग्स ट्राय कर सकती हैं. साथ ही आप चाहें तो इस ड्रेस के साथ हील्स की बजाय शूज भी ट्राय कर सकती हैं.

 

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2. पार्टी के लिए परफेक्ट है पूजा की ये ड्रेस

 

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अगर आप किसी पार्टी में खुद को हौट एंड सेक्सी दिखाना चाहती हैं तो ये आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन है. सिंपल रेड ड्रेस के साथ आप कोशिश करें की ज्वैलरी न कैरी करें इसके साथ अगर आप कुछ कैरी करना चाहती हैं तो हिल्स के साथ अपने लुक को सेक्सी दिखाने के लिए ट्राय कर सकती हैं.

3. शर्ट ड्रेस है पौपुलर फैशन

 

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अगर आप कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो पूजा बत्रा की ये ड्रेस आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. शर्ट ड्रेस आजकल ट्रेंड में हैं. पूजा की तरह आप भी सिंपल वाइट एंड ब्लैक के कौम्बिनेशन वाली ड्रेस के साथ हिल्स की बजाय सिंपल सैंडल ट्राय कर सकती हैं.

4. फैमिली गैदरिंग के लिए परफेक्ट है ये आउटफिट

 

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अगर आप अपनी फैमिली के साथ किसी गैदरिंग का हिस्सा बनने वाली हैं तो ये वाइट सूट आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. ये आपके लुक को सिंपल औ ट्रैंडी दिखाएगी.

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बता दें, पूजा बत्रा अपनी फिटनेस को लेकर काफी एक्टिव है, जिसके लिए सोशल मीडिया पर योगा करते हुए फोटोज डालती रहती है.

तनाव से निबटना आता है: पूजा हेगड़े

वर्ष 2010 में मिस यूनिवर्स इंडिया की सैकेंड रनरअप रह चुकीं मौडल और अभिनेत्री पूजा हेगड़े ने फिल्म ‘मोहनजोदारो’ से हिंदी फिल्म में डैब्यू किया. मुंबई की पूजा ने हिंदी के अलावा तमिल और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है. पूजा को कालेज के जमाने से फैशन, मौडलिंग और अभिनय का शौक था. इसलिए कालेज के दिनों से ही उन्होंने इन सभी में भाग लेना शुरू कर दिया था. हालांकि पूजा के परिवार में कोई भी फिल्म इंडस्ट्री से नहीं है, पर उन्हें अपना कैरियर चुनने की आजादी थी.

स्वभाव से शांत और हंसमुख पूजा को अभिनय के हर रंग पसंद हैं, इसलिए भाषा उन के लिए माने नहीं रखती. जब उन्हें निर्मातानिर्देशक आशुतोष गोवारिकर के साथ काम करने का मौका मिला, तो वे बहुत उत्साहित थीं, क्योंकि उन्हें एक बड़ी फिल्म और अभिनेता ऋतिक रोशन के साथ काम करने का मौका मिल रहा था. लेकिन फिल्म नहीं चली और पूजा को जो मुकाम मिलना था वह नहीं मिल पाया.

मेहनत पर भरोसा

पूजा का इस बारे में कहना है कि फिल्म अगर चलती, तो अच्छी बात होती, क्योंकि एक सफल फिल्म कलाकार की जिंदगी बदल सकती है, जो नहीं हुआ. फिल्म सफल हो या न हो, मैं उस पर अधिक ध्यान नहीं देती. मैं किसी भी फिल्म के प्रोसैस को बहुत ऐंजौय करती हूं और उस में अच्छा अभिनय करने के लिए मेहनत करती हूं. कई बार ऐसा देखा गया है कि फिल्म पेपर पर कुछ और होती है और बनने के बाद कुछ और हो जाती है. ऐसे में फिल्म नहीं चलती, जबकि एक खराब फिल्म भी बहुत पैसे बना लेती है.

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लौकडाउन में पूजा हेगड़े घर पर समय बिता रही हैं और जो भी काम पैंडिंग थे, उन्हें पूरा कर रही हैं. वे कहती हैं कि इस समय मैं सकारात्मक सोच अधिक रख रही हूं. मुझे काम बहुत पसंद है और उसे मिस भी कर रही हूं, लेकिन इस समय घर पर रहना जरूरी है. इस के अलावा मैं खाना बनाना, मैडिटेशन करना और किताबें पढ़ना पसंद करती हूं. मेरी 2 अच्छी खबरें लौकडाउन की वजह से आतेआते रुक गईं, पर मैं निराश नहीं, क्योंकि हम सब एक ही नाव पर सवार हैं, अगर मैं काम नहीं कर रही हूं, तो समस्या कुछ भी नहीं, क्योंकि अभी कोई भी काम नहीं कर रहा है.

फिट रहना पसंद

पूजा इन दिनों घर पर वर्कआउट कर रही हैं. पूजा कहती हैं कि मैं हर दिन एक घंटे व्यायाम करती हूं, ताकि शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहे. इस के अलावा संतुलित भोजन करना मुझे पसंद है, क्योंकि स्वस्थ शरीर के लिए अच्छे भोजन की आवश्यकता होती है.

पूजा ने जितना भी काम किया है, उस से वे संतुष्ट हैं. वे कहती हैं कि मैं ने एक बच्चे की तरह आगे चलना सीखा है. मुझे अलगअलग भाषा की फिल्मों में काम करने में खुशी मिलती है, क्योंकि इस से मैं अलगअलग भाषा बोलने वाले दर्शकों के पास पहुंच पाती हूं. इमोशन हर फिल्म का एक जैसा ही होता है, सिर्फ संवाद की भाषा अलग होती है, जिस का प्रभाव अभिनय पर नहीं पड़ता. मैं वैब सीरीज और मराठी सिनेमा में भी काम करना चाहती हूं. मैं पैनइंडिया स्टार बनने की इच्छा रखती हूं.

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बौलीवुड में बढ़ते आत्महत्या के मामलों पर पूजा कहती हैं कि मुझे तनाव से निबटना आता है. वे खुशमिजाज लड़की हैं और स्ट्रैस को अपने ऊपर हावी होने नहीं देतीं.

उन का कहना है कि तनाव होने पर मैं अधिक काम करती हूं और इस से वह कम हो जाता है. अगर आप को किक बौक्सिंग और पंचिंग जैसी स्पोर्ट्स पसंद हैं तो आप फ्रस्ट्रेशन को आसानी से भगा सकते हैं.

Monsoon Special: बच्चों के लिए बनाएं टेस्टी और हेल्दी पनीर भुरजी

अगर आप मौनसून में कुछ हेल्दी और टेस्टी डिश ट्राय करना चाहते हैं तो हेल्दी और टेस्टी पनीर भुरजी आप पराठें के साथ अपने बच्चों को परोस सकती हैं.

बनाने के लिए

–  450 ग्राम पनीर

–  2 बड़े चम्मच घी

–  1 छोटा चम्मच जीरा

–  2 प्याज कटे हुए

–  1 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन का पेस्ट

–  थोडी सी हरीमिर्च कटी हुई

–  2 टमाटर कटे हुए

–  1 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

–  1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

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–  2 कप पनीर क्रंब्स

–  3 बड़े चम्मच फेंटा हुआ दही

–  थोड़ी सी धनियापत्ती कटी हुई

–  नमक स्वादानुसार.

बनाने के लिए गार्निशिंग की

–  प्याज टुकड़ों में कटा हुआ

–  धनियापत्ती

–  नीबू टुकड़ों में कटा हुआ.

बनाने का तरीका

कड़ाही में औयल गरम कर उस में जीरा डाल कर उसे चटकाएं. फिर इस में प्याज डाल कर सुनहरा होने तक भूनें. इस के बाद अदरकलहसुन का पेस्ट डाल कर तब तक भूनें जब तक उस का कच्चापन न चला जाए. अब इस में हरीमिर्च, टमाटर डाल कर उन के नर्म होने तक पकाएं.

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इस के बाद इस में नमक, हलदी, लालमिर्च पाउडर डाल कर अच्छी तरह चलाएं. फिर इस में पनीर डाल कर 1-2 मिनट तक अच्छी तरह पकाएं. अब आंच बंद कर इस में दही और कटी धनियापत्ती डाल कर अच्छी तरह मिक्स करें. फिर प्याज, नीबू के टुकड़ों और धनियापत्ती से गार्निश कर के गरमगरम पाव या फिर रोटी के साथ सर्व करें.

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फटी एड़ियां ठीक करने का कोई घरेलू उपचार बताएं?

सवाल-

अकसर मेरी एडि़यां फट जाती हैं, इन्हें ठीक करने के लिए कोई घरेलू उपचार बताएं?

जवाब-

पैरों को रोज अच्छी तरह साफ करें. इस के लिए 1 बालटी में कुनकुना पानी ले कर उस में थोड़ा सा शैंपू और कुछ बूंदें हाइड्रोजन पैराक्साइड की मिला लें. इस पानी में पैरों को 10-15 मिनट तक डुबोए रखें. फिर स्क्रबर से एडि़यां और पैरों के बाकी भाग को रगड़ें. इस से डैड स्किन हट जाएगी.

दरारों के लिए जली मोमबत्ती के मोम को एक बरतन में ले कर उस में थोड़ा सा सरसों का तेल, ग्लिसरीन और शहद मिलाएं और फिर उसे हलका गाढ़ा होने तक गरम कर लें. इस मिक्स्चर को दिन में 2-3 बार एडि़यों में लगाएं. कुछ दिन ऐसा करने पर फटी एडि़यों की तकलीफ दूर हो जाएगी.

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हमारी खूबसूरती हमारें पैरों से भी होती है. ऐसे में पैरों का साफ सुथरा होना जरूरी है. पर कई बार फटी एड़ियों की वजह से यह न सिर्फ देखने में खराब लगती हैं बल्कि कई बार जब उनमें से खून निकलने लगता है तो यह काफी तकलीफदेह भी हो जाती हैं. ऐसे में नींबू आपकी इस समस्या को दूर करके आपको काफी राहत पहुंचा सकता है. आइए जानते हैं कैसे नींबू की मदद से आप अपनी एड़ियों को खूबसूरत बना सकती हैं.

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अनलॉक की प्रक्रिया में कैसे बचे कोरोना संक्रमण से, आइये जानें 

कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते केसेज के साथ-साथ अनलॉक 2 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, ऐसे में सभी को खुद का ध्यान रखने की जरुरत है, ताकि संक्रमण पर काबू किया जा सके. डॉक्टर्स और पैरामेडिकल फोर्सेज लगातार लोगों को सावधान रहने की गुजारिश कर रहे है, ताकि अस्पतालों पर मरीजों का भार अधिक न पड़े. ये सही है कि मुंबई में हर दिन संक्रमितों और मरने वालों की संख्या बढती जा रही है, पर लॉक डाउन से देश की आर्थिक व्यवस्था इतनी कमजोर हो चुकी है कि इसे पटरी पर लाने से अधिक मेंटेन करना जरुरी है. नहीं तो लोग भूखमरी से मरने लगेंगे. 

अनलॉक की प्रक्रिया में आम इंसान को किस तरह की सावधानी बरतने की जरुरत है? पूछे जाने पर मुंबई की जेन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, चेम्बूर के इंटेंसिविस्ट एंड इन्फेक्शन डिसीज स्पेशलिस्ट डॉ. विक्रांत शाह कहते है कि लगातार लॉक डाउन करना किसी भी देश के लिए संभव नहीं है. इसलिए पूरा लॉक डाउन न करते हुए आंशिक किया गया है. इसके लिए कई गाइड लाइन्स सरकार ने दिए है, जिसे पालन करना जरुरी है. अभी जरुरत के बिना घर से निकल कर घूमना ठीक नहीं. इससे भीड़ बढ़ेगी और संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी. इस समय रेस्पिरेटरी हायजिन की जरुरत है. एक साथ बैठकर खाना, पार्टी मनाना, भीड़ में ट्रेवल करना आदि अब संभव नहीं. सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने की जरुरत है. जिनको बाहर काम पर जाने की जरुरत है, वे ही घर से निकले, बाकी घर पर रहने की कोशिश करें. इसके अलावा जो लोग एस्थमा, मधुमेह या हाइपरटेंशन के शिकार है. उन्हें अपनी ख़ास देखभाल करने की जरुरत है. इसमें बच्चे, बुजुर्ग और प्रेग्नेंट वुमन ख़ास है, जिन्हें बहार निकलने से परहेज करनी चाहिए. इम्म्युनिटी बढाने की जरुरत है, क्योंकि इस बीमारी में इम्युनिटी अच्छी होने पर इन्फेक्शन प्राणघातक नहीं होती. 

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ये बीमारी नयी है. डॉक्टर और रिसर्चर लगातार शोध कर रहे है. इसलिए किसी भी प्रकार की लापरवाही इस बीमारी के लिए ठीक नहीं है.सेल्फ डिसीप्लीन बहुत जरुरी है. लोग मास्क पहनना बहुत जरुरी है. सरकार ने कई जगह मास्क न लगाने पर जुर्माना भी लगाया है.  

वैक्सीन पर काम हो रहा है पर इतनी जल्दी वैक्सीन का निकलना मुश्किल है, क्योंकि इस वायरस के बारें में सही जानकारी मिलने में थोडा समय और लगेगा. पूरा विश्व इस दिशा में काम कर रहा है. एक बार ये बीमारी होने के बाद में फिर से रिपीट नहीं होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. इसलिए सावधान रहने की जरुरत है. 

महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या को काबू में रखना सरकार के लिए एक चुनौती बन चुकी है. जहाँ भी थोड़ी ढिलाई दी जाती है लोग घरों से बाहर बिना मास्क के निकल जाते है. इस बारें में रिजनेरेटिव मेडिसिन रिसर्चर Stem Rx  बायो साइंस सोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड के डॉ. प्रदीप महाजन कहते है कि ये बीमारी सालों तक चलने वाली है, इसलिए पूरी अर्थव्यवस्था को बंद करना संभव नहीं है. इतने रिसर्च के बाद भी यही सामने आ पाया है कि इस बीमारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र उपाय है, जिससे संक्रमण कम हो सकती है. इसके अलावा बीमारी ये भी संकेत दे रही है कि धीरे-धीरे यह हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रही है, क्योंकि 80 से 90 प्रतिशत लोग अब बीमारी से ठीक हो जा रहे है. 5 प्रतिशत लोग ही क्रिटिकल हो रहे है, उन्हें सम्हालने की जरुरत है. इसमें रिस्क फैक्टर वाले लोगों जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों, प्रेग्नेंट महिलाएं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को जरुरत के बिना घर से न निकलना है. ये सब सावधानियां बनाये रखने की आज बहुत अधिक आवश्यकता है,क्योंकि पूरे देश को लॉक डाउन करके महीनों तक रखना संभव नहीं है. इसके अलावा जहाँ कोरोना संक्रमण के मरीज कम है, वहां काम काज शुरू करने में कोई हर्ज़ नहीं है, लेकिन अधिक संक्रमित इलाके में सख्ती से नियमों का पालन होना जरुरी है.

इसके आगे डॉक्टर प्रदीप का कहना है कि मुंबई जैसी भीड़भाड़ वाली शहर के लिए सरकार को अनलॉक से पहले अच्छी तरह से प्लानिंग करने की जरुरत है. जिसमें लोकल ट्रेन और बसों में भीड़ न हो उसके लिए सही गाइडेंस लोगों को देना और उसका सही पालन हो इसकी भी जांच करते रहना चाहिए. ट्रेवलिंग की समस्या मुंबई में है, जिसे ठीक करने की जरुरत इस समय है. वैसे भी हमारे देश में इतनी बड़ी समस्या से निपटना बस की बात नहीं है, क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर वैसी नहीं है कि इतनी बड़ी पेंडेमिक से निपटा जाय.

इस समय देश में धार्मिक स्थलों को खोलना और उस पर पैसा लगाना कितना उचित है? पूछे जाने पर डॉक्टर का कहना है कि मौजूदा हालात में धार्मिक स्थलों को खोलना किसी भी लिहाज़ से जरुरी नहीं, क्योंकि इससे भीड़ बढ़ेगी और संक्रमण फैलेगा. आज नए अस्पताल, क्वारेंटाइन प्लेसेस, नए उपकरण, सही दवा आदि अधिक आवश्यक है. अभी अनलॉक करना बहुत जरुरी है, क्योंकि लोगों के पास जो पैसे रिज़र्व में थे वह ख़त्म हो चुके है, ऐसे में काम करना जरुरी है, ताकि वे अपना जीवन चला सकें. 

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इसके आगे वे कहते है कि मुंबई जैसे शहर में बड़ी कोविड हॉस्पिटल जिसमें आई सी यू के साथ नवीनतम उपकरण से लैस होना चाहिए. अभी जो क्रिटिकल मरीज कई अस्पतालों में भटकते है. वे इस अस्पताल में डायरेक्टली पहुँचकर वेंटिलेटर या ओक्सिजन से खुद का इलाज करवा सकते है और 80से 90 प्रतिशत संक्रमित व्यक्ति दूसरे ओपीडी या क्वारेंटाइन सेंटर में जाकर इलाज करवा सकते है, इससे बेड की कमी नहीं होगी और इलाज बेहतर होगा. सेवेन हिल्स हॉस्पिटल में एक हज़ार बेड के आई सी यू यूनिट खुल चुका है जिससे सेंट्रल मोनिटरिंग हो रही है . मुंबई में ऐसी 4 से 5 हॉस्पिटल होने की आवश्यकता है. 

इसके अलावा डॉक्टर्स की माने तो इस बीमारी को ख़त्म करने का सबसे सही तरीका है, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, सेनिटाइज करते रहना, इम्युनिटी को बढ़ाना आदि है. साथ ही वैक्सीन के उपलब्ध होने से ही इसे खत्म किया जा सकेगा.

टैटू से छुटकारा पाना हुआ आसान

मां ने जब समझाया था कि यह कलाई पर बनवाए गए ड्रैगनफ्लाई टैटू पर तुम बाद में पछताओगे तो तुम्हें उस वक्त अपनी मां की बात पर यकीन नहीं हुआ था. अब जब महज 4 साल बाद एक अंतर्राष्ट्रीय एअरलाइंस में नौकरी का सुनहरा अवसर मिल रहा है, तो इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं यह टैटू कैरियर की राह में मुश्किल न खड़ी कर दे.

खैर, आप अकेले नहीं हैं, जिन्हें यह चिंता सता रही है. पिछले कुछ सालों में टैटू भारतीय युवा संस्कृति के प्रतिमानों का एक अभिन्न अंग बन गया है.

ज्यादातर त्वचा विशेषज्ञ यह चेतावनी देते हैं कि टैटू को पूरी तरह से हटा पाना संभव नहीं है, क्योंकि यह स्थाई होता है. इसे मिटा पाना बेहद मुश्किल होता है. लेकिन कुछ सर्जन ऐसे भी हैं, जो टैटू को पूरी तरह हटा देने की गारंटी देते हैं. इन 2 रायों के बावजूद हम बताना चाहेंगे कि टैटू हटाने के कई तरीके हैं, जिन का असर प्रभावी साबित हुआ है. इस का परिणाम कई कारकों पर निर्भर करता है, जिन में टैटू का आकार, उस का स्थान, घाव भर पाने की व्यक्तिगत क्षमता, टैटू कैसे बनवाया गया था और कितने लंबे समय से टैटू उस स्थान पर मौजूद है. उदाहरण के लिए अगर टैटू किसी अनुभवी आर्टिस्ट से बनवाया गया है, तो उसे हटा पाना ज्यादा आसान होगा, क्योंकि उस के द्वारा इस्तेमाल किए गए रंग को त्वचा के समान स्तरों पर समान ढंग से भरा गया होगा. पुराने टैटू के मुकाबले नए टैटू को हटा पाना ज्यादा मुश्किल हो सकता है.

टैटू हटाने की प्रक्रिया का विकास

अगर आप 5 साल पहले टैटू हटवाने के बारे में सोचते तो उस वक्त यह प्रक्रिया ज्यादा दर्द भरी, ज्यादा महंगी और 100% परिणाम के आश्वासन के बिना होती. लेकिन अब लेजर तकनीक इस हद तक आधुनिक हो गई है कि वह इस उपचार को सुरक्षित और आरामदायक बनाती है. साथ ही, इस के परिणाम के बारे में पहले से अनुमान भी लगाया जा सकता है.

टैटू हटवाने या उस से छुटकारा पाने के पीछे बहुत कारण हो सकते हैं. टैटू से जुड़ी पिछली कुछ बातों का बोझ हो या शादी के लिए या फिर नौकरी के लिए. कारण कोई भी हो लेजर तकनीक से टैटू मिटा पाना एकदम सुरक्षित है.

लेजर रिमूवल तकनीक

टैटू बनाने में प्रयोग होने वाली स्याही, सीसा, तांबा और मैगनीज जैसी सघन धातुओं से तैयार मिश्रित पदार्थों से मिल कर बनी होती है. कुछ लाल स्याहियों में पारा यानी मरकरी भी मौजूद होता है. इन्हीं धातुओं के कारण टैटू स्थाई हो जाता है. इसलिए टैटू हटाने या उसे बदलने की तमाम विधियों में टैटू का लेजर निष्कासन सब से बेहतर विकल्प है. यह प्रक्रिया अमूमन टैटू के रंगों को हटाने की एक गैरआक्रामक प्रक्रिया (क्यूस्विच लेजर का इस्तेमाल करते हुए) होती है.

आमतौर पर बहुरंगीय टैटू के मुकाबले काले या अन्य गहरे रंगों के टैटू का निष्कासन पूर्ण और ज्यादा आसान होता है.

इस प्रक्रिया के दौरान लेजर किरणें त्वचा के भीतर तक जा कर टैटू की स्याही को सोख लेती हैं. अलगअलग रंगों के टैटू के लिए अलगअलग लेजर की जरूरत होती है, जिस की एक अवशोषण तरंग होती है, जो इन रंगों के साथ मेल खाती है. उदाहरण के लिए काली स्याही को लक्षित करने के लिए हमें 1064 एनएम की एक निश्चित रेडियो तरंग की जरूरत होती है जोकि क्यू स्विच्ड एनडी वाईएजी लेजर है और लाल रंग की स्याही के लिए हमें 532एनएम रेडियो तरंग चाहिए होती है.

टैटू के कण लेजर किरणों को सोखते हैं और गरम हो जाते हैं और फिर छोटे कणों में विस्फोटित हो जाते हैं. इन छोटे कणों को हमारे शरीर का प्रतिरक्षी तंत्र धीरेधीरे सोख लेता है और इस के चलते टैटू मिटने लगता है.

ज्यादातर मरीजों को कई सत्रों में बुलाने

की जरूरत पड़ती है, जिन की संख्या 2 से 10 के बीच हो सकती है. 1 सत्र 2 महीनों के अंतराल पर होता है ताकि विभाजित टैटू स्याही साफ हो सके.

निष्कासन के बजाय फीकेपन को चुनें

कई लोगों का मानना है कि लेजर टैटू निष्कासन की प्रक्रिया शुरू करने का मतलब है टैटू को पूरी तरह से मिटाना और इस की पूरी प्रक्रिया से गुजरना. लेकिन ऐसा नहीं है खासकर जब आप टैटू को पूरी तरह से मिटाने के बजाय उस में कुछ बदलाव चाहते हैं या नए रंगों का प्रयोग करना चाहते हैं. आमतौर पर 3 से 5 सत्रों में इतना रंग हटा दिया जाता है कि आप अपनी त्वचा पर नया टैटू बनवा सकें.

लेजर टैटू निष्कासन धीरेधीरे रंग उतारने की प्रक्रिया है और यह तात्कालिक नहीं है. रंग की प्रत्येक परत को धीरेधीरे हटाया जाता है. इसलिए राज की बात यह है कि अगर पुराने टैटू की जगह नया टैटू लेने वाला है, तो आप की त्वचा की डर्मिस परत से पर्याप्त रंग हटा दिया जाएगा ताकि नए टैटू की स्याही पुराने रंग पर परतदार न लगे. फिर जैसे ही आप नया टैटू बनवाएंगे पुराना टैटू बीते दिनों की याद भर बन कर रह जाएगा.

परिणाम और फायदे

टैटू के पूरी तरह निष्कासन वाले मामलों में ज्यादातर टैटू बिना कोई निशान पीछे छोड़े पूरी तरह मिट जाते हैं, लेकिन कई बार कुछ निशान छूट जाते हैं.

लेजर प्रक्रिया ज्यादा दर्द भरी नहीं होती है और निष्कासन अमूमन सुन्न करने वाली क्रीम के प्रभाव में किया जाता है. इस में मरीज को पहले से भरती होने की कोई जरूरत नहीं होती है और वह सामान्य गतिविधियां तत्काल शुरू कर सकता है. हालांकि जिस जगह पर उपचार किया गया है वहां थोड़ी सूजन और लालपन देखा जा सकता है, लेकिन यह कुछ ही घंटों में ठीक हो जाता है.

लेजर प्रक्रिया की कीमत

टैटू बनवाने से पहले इस तथ्य का जरूर ध्यान रखें कि इसे हटाना बनवाने से ज्यादा महंगा साबित हो सकता है. टैटू हटाने की कीमत आकार और रंग पर निर्भर करती है. लेकिन प्रत्येक सत्र की कीमत 3 हजार से 10 हजार के बीच हो सकती है.

अनचाहे टैटू को हटवाने के इच्छुक व्यक्ति को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वह किसी निपुण त्वचा विशेषज्ञ से ही इसे हटवाएं, क्योंकि इसे किसी पेशेवर से न हटवाने पर लेजर के कारण त्वचा पर निशान पड़ सकते हैं.

-डा. मुनीष पौल

डर्मैटोलौजिस्ट ऐंड लेजर सर्जन, स्किन लेजर सैंटर

शादी के बंधन में बंधे ‘बिग बौस 8’ विनर गौतम गुलाटी और उर्वशी रौतेला! पढ़ें खबर

कोरोनावायरस के कहर के बीच कई सेलेब्स शादी के बंधन में बंध रहे हैं, जिनमें हाल ही में ससुराल सिमर का फेम एक्टर मनीष रायसिंघानी का नाम भी जुड़ गया है. वहीं अब ‘बिग बॉस 8’ (Bigg Boss 8) के विनर रह चुके एक्टर गौतम गुलाटी (Gautam Gulati) और बौलीवुड एक्ट्रेस  उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दोनों शादी करते नजर आ रहे हैं, जिसके साथ गौतम गुलाटी (Gautam Gulati) का एक कमेंट लोगों को हैरान कर रहा है. आइए आपको बताते हैं क्या सच है गौतम गुलाटी की शादी…

शादी को लेकर फोटो की शेयर

गौतम गुलाटी (Gautam Gulati) ने सोशलमीडिया पर एक फोटो शेयर की, जिसमें उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) महरुन रंग के लहंगे में और गौतम गुलाटी क्रीम रंग की शेरवानी सूट में दिख रहे हैं. साथ ही इस फोटो के साथ कैप्शन शेयर करते हुए गौतम गुलाटी (Gautam Gulati) ने लिखा कि, ‘शादी की मुबारक नहीं बोलोगे?’ , जिसके बाद फैंस उनकी शादी को लेकर हैरान हैं.

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फिल्म का प्रमोशन कर रहे हैं गौतम

‘बिग बॉस 8’ विजेता गौतम गुलाटी की फोटो, दरअसल उनकी और उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela)  की अपकमिंग फिल्म ‘वर्जिन भानुप्रिया’ के एक सीन की है. गौतम गुलाटी ने फोटो को शेयर करते हुए कैप्शन में ये भी लिखा है कि, ‘हमारी फिल्म जल्द ही रिलीज होने वाली है. आशा करता हूं कि आप सभी को पसंद आएगी.’ गौतम गुलाटी और उर्वशी रौतेला स्टारर ये फिल्म कॉमेडी ड्रामा जॉनर की है. इस फिल्म में नए जमाने की कहानी दिखाई जाएगी.

https://www.youtube.com/watch?v=AUtpSPziSAs

बता दें, गौतम गुलाटी बिग बौस 8 में काफी पौपुलर हुए थे, जिसके बाद उन्हें बौलीवुड की कई फिल्मों के औफर आने लगे थे. वहीं पर्सनल लाइफ की बात करें तो वह अक्सर सुर्खियां बटोरते हुए नजर आते हैं.

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‘ससुराल सिमर का’ फेम मनीष का Wedding फोटोशूट, पत्नी को बांहों में लेकर दिए ऐसे पोज

कोरोनावायरस कहर के बीच टीवी के पौपुलर स्टार्स में से एक्टर मनीष रायसिंघानी (Manish Raisinghan) ने अपनी गर्लफ्रेंड एक्ट्रेस संगीता चौहान (Sangeeta Chauhan) के साथ बीते दिनों शादी कर ली थी, जिसमें फैमिली के अलावा बेहद कम लोग शादी के फंक्शन में नजर आए. वहीं ‘ससुराल सिमर का’ फेम एक्टर की फोटोज तेजी से वायरल हो रही है, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं सेलेब कपल के वेडिंग एल्बम की झलक…

एक दूसरे के साथ खुश नजर आए मनीष-संगीता

नया शादीशुदा जोड़ा मनीष-संगीता का वेडिंग फोटोशूट दोनों ने अपने सोशलमीडिया अकाउंट के जरिए फैंस के लिए शेयर किया, जिसमें दोनों की खुशी देखते ही बन रही है. वहीं सेलेब्स के साथ-साथ फैन्स दोनों की खुशी देखकर बधाई दे रहे हैं.

सिंपल तरीके से की शादी

वेडिंग फोटोशूट में मनीष रायसिंघानी (Manish Raisinghan) और संगीता चौहान (Sangeeta Chauhan)एक दूसरे के साथ ‘मेड फॉर ईच अदर’ लग रहे हैं. वहीं शादी की तैयारियों की बात करें तो कोरोनावायरस के चलते दोनों ने सिंपल तरीके से शादी की तैयारियां की, जिसमें बेहद कम लोग शामिल हुए.

 

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❤ Just Married ❤ #sanman Manisshhhh… Thank you for having me in your life.. I’m super Blessed and extremely Lucky to be your Wife.. 😈 (please swipe to the fourth picture) Thank you for being the one I look up to and always being by my side.. Thank you for being my Support and Strength.. I Found You, I Found Myself.. I Love You🤗🤗🤗🤗.. Thank you so much bhakti didi @bhakti_designer for these lovely colourful outfits..💞💞💞 Thank you everyone for ur heart warming wishes. Your beautiful blessings and all the love you all showered on us. Didn’t get an opportunity to respond personally to all your messages but shall slowly and steadily cope up wid that… Thank you once again to one and all… love you all….

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शादी में नजर आया ट्रेडिशनल लुक

शादी में जहां टीवी एक्टर मनीष रायसिंघानी ने कुर्ते पैजामे और एंब्रोइडर्ड जैकेट पहने नजर आए तो वहीं संगीता मैजेंटा कलर का ट्रेडिशनल सलवार सूट में दिखीं, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं.

माता-पिता नहीं हुए शादी में शामिल

कोविड-19 के कारण मनीष रायसिंघानी और संगीता चौहान के माता-पिता शादी में शामिल नहीं हो पाए, लेकिन वीडियो कॉल के जरिए पेरेंट्स ने बच्चों की शादी देखी. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए दोनों ने शादी की सारी रस्में अदा की.

बता दें, मनीष और संगीता ने 30 जून को शादी की थी, जिस दिन उनकी खास दोस्त अविका गौर का भी जन्मदिन था. वहीं अविका इस बात से बेहद खुश भी नजर आईं थीं.

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तोरई के फायदे जानकार हैरान रह जायेंगे आप, कई रोगों का है रामबाण इलाज़

सेहतमंद रहने के लिए हमेशा से ही हरी सब्जियों का सेवन करने की सलाह दी जाती रही है.  यह शरीर को कई तरह के लाभ पहुंचाकर हमें निरोग रखती हैं. गर्मी का मौसम है और इस मौसम में हरी सब्जियां खाना हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है.हरी सब्जियों की बात कर रहे है तो लौकी और तोरई इस मौसम की सबसे फायदेमंद सब्जी है.ये मार्किट में बहुत ही आसानी से मिल जाती है.वैसे तो तोरई को हर जगह  अलग -अलग नाम से जाना जाता है.  कहीं इसको नेनुआ, कहीं घिसोरा, कहीं झींगा, कहीं दोडकी कहते है और इसका इंग्लिश नाम स्प़ंजगार्ड और  रिजगार्ड  हैं.  यह‌ विटामिन, फाइबर, प्रोटीन, मिनरल से भरपूर सब्जी है.

तोरई में भरपूर मात्र में पोषक तत्व होते है . इसमें कैल्शियम, कॉपर , आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस , मैग्नीशियम,मैगनीज  खनीज के तौर पर पाए जाते हैं. इसमें  विटामिन ए,बी, सी , आयोडीन और  फ्लोरिन जैसे तत्व भी पाए जाते हैं.

यह एक ऐसी बेल है, जिसका फल, पत्ते, जड़ और बीज सभी लाभकारी हैं.आइये जानते है इसके फायदों के बारे में-

1. डायबिटीज कन्ट्रोल करने में-एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध के मुताबिक तोरई  के पत्ते और इसके बीज में  एथनॉलिक अर्क मौजूद होते है . इस अर्क में ग्लूकोज के स्तर को कम करने वाला हाइपोग्लाइमिक प्रभाव पाया जाता है.  इसी प्रभाव की वजह से तोरई को डायबिटीज नियंत्रित करने के लिए लाभकारी माना जाता है.

2. वज़न कम करने में-तोरई में पानी की मात्रा अधिक होती है साथ ही इसमें फायबर भी भरपूर होता है. यह वजन कम करने में सहायक होता है.

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3. त्वचा सम्बन्धी रोगों को दूर करने में-तोरई की पत्तियां त्वचा सम्बन्धी रोगों के उपचार के लिए काफी फायदेमंद होती है. ये कुष्ठ रोग में भी काफी उपयोगी है.इसकी पत्तियों को पीस कर इसमें लहसुन मिलकर लगाने से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है. इसकी पत्तियों को पीस कर  मुहांसे और डेड स्किन जैसी समस्याओं से आसानी से राहत  पायी जा सकती है.

4. गर्भवती महिलाओं और होने वाले शिशु के लिए भी है काफी फायदेमंद-तोरई के अंदर विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है. तोरई  के अंदर फोलिक एसिड की उपस्थिति से बच्चे की रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है.  इसे खाने से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का भी निर्माण होता है. इसलिए ड्रॉक्टर गर्भावस्था के समय तोरई खाने की सलाह देते  है.

5. piles में रहत- इसके फायबर कब्ज को मिटाकर बवासीर में आराम पहुंचाते हैं. तोरई के नियमित उपयोग से बवासीर( Piles )में बहुत लाभ होता है.

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6. असमय बाल सफ़ेद होने से रोकती है-तोरई हमारे स्वस्थ के साथ साथ बालों को असमय सफ़ेद होने से रोकने के लिए भी घरेलु नुस्खे की तरह काम करता है. इसके लिए तोरई को छिलके सहित काट कर सुखा लिया जाता है. इसे पीस कर पाउडर बनाया जाता है. इसे तेल में मिलाकर बालों में लगाने से बालों का सफ़ेद होना कम हो जाता है. ध्यान रहे-तोरई कफ तथा वात उत्पन्न करने वाली होती है. जरूरत से अधिक इसका सेवन करना हानिकारक हो सकता है. ब्लड प्रेशर वाले लोगो को तोरई नहीं खाना चाहिए.

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