जब शादीशुदा जिंदगी पर भारी हो दोस्ती

हफ्ते के 5 दिन का बेहद टाइट शेड्यूल, घर और आफिस के बीच की भागमभाग. लेकिन आने वाले वीकेंड को सेलीब्रेट करने का प्रोग्राम बनातेबनाते प्रिया अपनी सारी थकान भूल जाती है. उस के पिछले 2 वीकेंड तो उस के अपने और शिवम के रिश्तेदारों पर ही निछावर हो गए थे. 20 दिन की ऊब के बाद ये दोनों दिन उस ने सिर्फ शिवम के साथ भरपूर एेंजौय करने की प्लानिंग कर ली थी. लेकिन शुक्रवार की शाम जब उस ने अपने प्रोग्राम के बारे में पति को बताया तो उस ने बड़ी आसानी से उस के उत्साह पर घड़ों पानी फेर दिया.

‘‘अरे प्रिया, आज ही आफिस में गौरव का फोन आ गया था. सब दोस्तों ने इस वीकेंड अलीबाग जाने का प्रोग्राम बनाया है. अब इतने दिनों बाद दोस्तों के साथ प्रोग्राम बन रहा था तो मैं मना भी नहीं कर सका.’’ऐसा कोई पहली बार नहीं था. अपने 2 साल के वैवाहिक जीवन में न जाने कितनी बार शिवम ने अपने बचपन की दोस्ती का हवाला दे कर प्रिया की कीमती छुट्टियों का कबाड़ा किया है. जब प्रिया शिकायत करती तो उस का एक ही जवाब होता, ‘‘तुम्हारे साथ तो मैं हमेशा रहता हूं और रहूंगा भी. लेकिन दोस्तों का साथ तो कभीकभी ही मिलता होता है.’’

शिवम के ज्यादातर दोस्त अविवाहित थे, अत: उन का वीकेंड भी किसी बैचलर्स पार्टी की तरह ही सेलीब्रेट होता था. दोस्तों की धमाचौकड़ी में वह भूल ही जाता था कि उस की पत्नी को उस के साथ छुट्टियां बिताने की कितनी जरूरत है.

बहुत से दंपतियों के साथ अकसर ऐसा ही घटता है. कहीं जानबू कर तो कहीं अनजाने में. पतिपत्नी अकसर अपने कीमती समय का एक बड़ा सा हिस्सा अपने दोस्तों पर खर्च कर देते हैं, चाहे वे उन के स्कूल कालेज के दिनों के दोस्त हों अथवा नौकरीबिजनेस से जुड़े सहकर्मी. कुछ महिलाएं भी अपनी सहेलियों के चक्कर में अपने घरपरिवार को हाशिए पर रखती हैं.थोड़े समय के लिए तो यह सब चल सकता है, किंतु इस तरह के रिश्ते जब दांपत्य पर हावी होने लगते हैं तो समस्या बढ़ने लगती है.

यारी है ईमान मेरा…

दोस्त हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं, इस में कोई शक नहीं. वे जीवनसाथी से कहीं बहुत पहले हमारी जिंदगी में आ चुके होते हैं. इसलिए उन की एक निश्चित और प्रभावशाली भूमिका होती है. हम अपने बहुत सारे सुखदुख उन के साथ शेयर करते हैं. यहां तक कि कई ऐसे संवेदनशील मुद्दे, जो हम अपने जीवनसाथी को भी नहीं बताते, वे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं, क्योंकि जीवनसाथी के साथ हमारा रिश्ता एक कमिटमेंट और बंधन के तहत होता है, जबकि दोस्ती में ऐसा कोई नियमकानून नहीं होता, जो हमारे दायरे को सीमित करे. दोस्ती का आकाश बहुत विस्तृत होता है, जहां हम बेलगाम आवारा बादलों की तरह मस्ती कर सकते हैं. फिर भला कौन चाहेगा ऐसी दोस्ती की दुनिया को अलविदा कहना या उन से दूर जाना.

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लेकिन हर रिश्ते की तरह दोस्ती की भी अपनी मर्यादा होती है. उसे अपनी सीमा में ही रहना ठीक होता है. कहीं ऐसा न हो कि आप के दोस्ताना रवैए से आप का जीवनसाथी आहत होने लगे और आप का दांपत्य चरमराने लगे. विशेषकर आज के व्यस्त और भागदौड़ की जीवनशैली में अपने वीकेंड अथवा छुट्टी के दिनों को अपने मित्रों के सुपुर्द कर देना अपने जीवनसाथी की जरूरतों और प्यार का अपमान करना है. अपनी व्यस्त दिनचर्या में यदि आप को अपना कीमती समय दोस्तों को सौंपना बहुत जरूरी है तो उस के लिए अपने जीवनसाथी से अनुमति लेना उस से भी अधिक जरूरी है.

ये दोस्ती…

कुछ पुरुष तथा महिलाएं अपने बचपन के दोस्तों के प्रति बहुत पजेसिव होते हैं तो कुछ अपने आफिस के सहकर्मियों के प्रति. श्वेता अपने स्कूल के दिनों की सहेलियों के प्रति इतनी ज्यादा संवेदनशील है कि अगर किसी सहेली का फोन आ जाए तो शायद पतिबच्चों को भूखा ही आफिस स्कूल जाना पड़े. और यदि कोई सहेली घर पर आ गई तो वह भूल जाएगी कि उस का कोई परिवार भी है.

दूसरी ओर कुछ लोग किसी गेटटूगेदर में अपने आफिस के सहकर्मियों के साथ बातों में ऐसा मशगूल हो जाएंगे कि उन की प्रोफेशनल बातें उन के जीवनसाथी के सिर के ऊपर से निकल रही हैं, इस की उन्हें परवाह नहीं होती.

इस के अलावा आफिस में काम के दौरान अकसर लोगों का विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण और दोस्ती एक अलग गुल खिलाती है. इस तरह का याराना बहुधा पतिपत्नी के बीच अच्छीखासी समस्या खड़ी कर देता है. कहीं देर रात की पार्टी में उन के साथ मौजमस्ती, कहीं आफिशियल टूर. कभी वक्तबेवक्त उन का फोन, एस.एम.एस., ईमेल अथवा रात तक चैटिंग. इस तरह की दोस्ती पर जब दूसरे पक्ष को आब्जेक्शन होता है तो उन का यही कहना होता है कि वे बस, एक अच्छे दोस्त हैं और कुछ नहीं. फिर भी दोनों में से किसी को भी इस ‘सिर्फ दोस्ती’ को पचा पाना आसान नहीं होता.

दोस्ती अपनी जगह है दांपत्य अपनी जगह

यह सच है कि दोस्ती के जज्बे को किसी तरह कम नहीं आंका जा सकता, फिर भी दोस्तों की किसी के दांपत्य में दखलअंदाजी करना अथवा दांपत्य पर उन का हावी होना काफी हद तक नुकसानदायक साबित हो सकता है. शादी से पहले हमारे अच्छेबुरे प्रत्येक क्रियाकलाप की जवाबदेही सिर्फ हमारी होती है. अत: हम अपनी मनमानी कर सकते हैं. किंतु शादी के बाद हमारी प्रत्येक गतिविधि का सीधा प्रभाव हमारे जीवनसाथी पर पड़ता है. अत: उन सारे रिश्तों को, जो हमारे दांपत्य को प्रभावित करते हैं, सीमित कर देना ही बेहतर होगा.

कुछ पति तो चाहते हुए भी अपने पुराने दोस्तों को मना नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें ‘जोरू का गुलाम’ अथवा ‘बीवी के आगे दोस्तों को भूल गए, बेटा’ जैसे कमेंट सुनना अच्छा नहीं लगता. ऐसे पतियों को इस प्रकार के दोस्तों को जवाब देना आना चाहिए, ध्यान रहे ऐसे कमेंट देने वाले अकसर खुद ही जोरू के सताए हुए होते हैं या फिर उन्होंने दांपत्य जीवन की आवश्यकताओं का प्रैक्टिकल अनुभव ही नहीं किया होता.

सांप भी मरे और लाठी भी न टूटे

जरूरत से ज्यादा यारीदोस्ती में बहुत सारी गलतफहमियां भी बढ़ती हैं. साथ ही यह जरूरी तो नहीं कि हमारे अपने दोस्तों को हमारा जीवनसाथी भी खुलेदिल से स्वीकार करे. इस के लिए उन पर अनावश्यक दबाव डालने का परिणाम भी बुरा हो सकता है. अत: इन समस्याओं से बचने के लिए कुछ कारगर उपाय अपनाए जा सकते हैं :

अपने बचपन की दोस्ती को जबरदस्ती अपने जीवनसाथी पर न थोपें.

अगर आप के दोस्त आप के लिए बहुत अहम हों तब भी उन से मिलने अथवा गेटटूगेदर का वह वक्त तय करें, जो आप के साथी को सूट करे.

बेहतर होगा कि जैसे आप ने एकदूसरे को अपनाया है वैसे एकदूसरे के दोस्तों को भी स्वीकार करें. इस से आप के साथी को खुशी होगी.

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जीवनसाथी के दोस्तों के प्रति कोई पूर्वाग्रह न पालें. बेवजह उन पर चिढ़ने के बजाय उन की इच्छाओं पर ध्यान दें.

‘तुम्हारे दोस्त’, ‘तुम्हारी सहेलिया’ के बदले कौमन दोस्ती पर अधिक जोर दें.

अपने बेस्ट फ्रेंड को भी अपनी सीमाएं न लांघने दें. उसे अपने दांपत्य में जरूरत से ज्यादा दखलअंदाजी की छूट न दें.

आफिस के सहकर्मियों की भी सीमाएं तय करें.

अपने दांपत्य की निजी बातें कभी अपने दोस्तों पर जाहिर न करें.

#coronavirus: हड्डियों को न कर दें कमजोर

कोरोना ने महामारी का रूप ले लिया है, जिस में सभी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सेहत का ध्यान रखना हम सब के लिए बहुत जरूरी हो गया है. काफी दिनों से लोग घरों में बंद हैं. कहीं आजा नहीं रहे, जिस से उन की शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं, जिस का सीधा असर उन की हड्डियों पर भी पड़ रहा है.

हड्डियां शरीर का सपोर्ट सिस्टम हैं. बच्चे हो या बूढ़े सभी आज के समय की गलत जीवनशैली की वजह से हड्डियों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं.

ऐसे में कैसे इन दिनों अपनी हड्डियों का खास खयाल रखें. आइए, जानते हैं दिल्ली के आयुस्पाइन हौस्पिटल के डाइरैक्टर डाक्टर सत्यम भास्कर से, जो जौइंट पेन स्पोर्ट्स इंजरी स्पैशलिस्ट हैं.

कोरोना की वजह से सब के जीवन में काफी बदलाव आ चुका है. पहले लोग वर्कआउट के लिए गार्डन, पार्क और जिम जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. लोग फिजिकल ऐक्टिविटीज से बहुत दूर हो गए हैं. इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?

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लोग फिजिकल ऐक्टिविटीज से दूर नहीं हुए उन्होंने जानबूझ कर खुद को दूर किया है. हम चाहें तो घर पर ही ऐक्सरसाइज कर सकते हैं. अपनी बालकनी में भी आसानी से ऐक्सरसाइज कर सकते हैं. ऐक्सरसाइज से हड्डियों को भी फायदा मिलता है. जब हम ऐक्सरसाइज करते हैं, तो उस समय हमारा शरीर अच्छी तरह मूव करता है. हड्डियों को हैल्दी बनाए रखने के लिए सब से आसान ऐक्सरसाइज है कि सीधे लेट जाएं और अपनी कमर के नीचे मोटा तकिया रख लें और फिर 2 मिनट तक बिलकुल सीधे लेटे रहें. इसे हम स्पाइनल ऐक्सटैंशन कहते हैं. अगर आप इस ऐक्सरसाइज को रोज सोने से पहले करते हैं, तो आप का कमर दर्द बिलकुल ठीक हो जाएगा. रोजाना 10-15 मिनट ऐक्सरसाइज करनी चाहिए.

बहुत सारे लोग इस समय औफिस का काम घर से कर रहे हैं. वे लोग घंटों सोफा या बिन बैग पर बैठ कर काम कर रहे हैं, जिस से उन का पोस्चर भी बिगड़ रहा है. हड्डियों के लिए सही पोस्चर कितना जरूरी है और क्याया इस के लिए हमें सावधानियां बरतनी चाहिए?

जब हम औफिस में काम करते हैं, तो हम बंधे होते हैं अपने काम से भी और अपनी सीट से भी. लेकिन जब हम घर पर काम करते हैं, तो हम अपने अकौर्डिंग सब मैनेज करते हैं. ऐसे में हम थोड़ीथोड़ी देर में मूवमैंट कर सकते हैं. मूवमैंट हमारे शरीर और हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है. अगर आप घर से काम कर रहे हैं तो हर 30 मिनट में अपना पोस्चर जरूर बदलें. एक ही पोस्चर में घंटों बैठने से हड्डियों में दर्द शुरू हो जाता है, जो सर्वाइकल पेन को न्योता देता है.

पहले के समय में लोगों को हड्डियों से जुड़ी बीमारियां 35 के बाद होती थीं, लेकिन अब ये 25 की उम्र में होने लगी हैं, ऐसा क्यों?

पहले के समय में लोग शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहते थे और खानपान का भी ध्यान रखते थे, लेकिन अब अभी और पहले की जीवनशैली में काफी अंतर आ चुका है. अब लोग कुरसी पर बैठेबैठे काम करते हैं, खाने में दूधदही की जगह पिज्जाबर्गर खाते हैं, जबकि बचपन से ही खानपान का खास ध्यान रखने को कहा जाता है. हड्डियों की सेहत के लिए सही खानपान जरूरी है.

शरीर को जब सही मात्रा में पोषण मिलता है, तो हड्डियां मजबूत होती हैं, शारीरिक ग्रोथ भी सही होती है. लेकिन आज के समय में बच्चे कोल्डड्रिंक पीना ज्यादा पसंद करते हैं. क्या कोल्डड्रिंक से शरीर को किसी प्रकार का न्यूट्रिशन मिलेगा? बिलकुल नहीं मिलेगा, बल्कि इन चीजों का सेवन करने से हमारी हड्डियां कमजोर होने लगेंगी. शरीर में कैल्शियम का लैवल कम हो जाएगा, जिस से कम उम्र में जोड़ों में दर्द की शिकायत होने लगेगी. 20 वर्ष तक शरीर को सही पोषण मिलना बहुत जरूरी है. अगर आप को यह शिकायत कम उम्र में ही शुरू हो गई है, तो डाक्टर से कैल्शियम की जांच जरूर करवाएं.

मेनोपौज के बाद महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. ऐसे में उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

मेनोपौज के दौरान महिलाओं में ऐस्ट्रोजन स्तर गिर जाता है, जिस से औस्टियोब्लास्ट कोशिकाएं प्रभावित होती हैं. इस से पुरुषों की तुलना में महिलाओं की हड्डियां ज्यादा कमजोर होने लगती हैं, हड्डियों की डैंसिटी पर भी असर पड़ता है. इस से महिलाओं को औस्टियोपोरोसिस और औस्टियोआर्थ्राइटिस जैसी हड्डियों से जुड़ी बीमारियां होने का रिस्क बढ़ जाता है. वैसे तो महिलाओं को खानपान का ध्यान बचपन से ही रखना चाहिए, लेकिन कोई महिला मेनोपौज से गुजर रही है, तो उसे न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट फौलो करनी चाहिए.

इस समय लोग बाहर के खानपान को अवौइड कर रहे हैं, लेकिन घर पर मैदे से बने स्वादिष्ठ पकवानों का लुत्फ भी उठा रहे हैं. क्या मैदा हड्डियों की सेहत के लिए हानिकारक है?

मैदे का सेवन ही नहीं करना चाहिए. यह हमारे स्वास्थ्य के लिए जहर के समान है. इस में

0 प्रतिशत न्यूट्रिशन होता है, जिस से हमारे शरीर को कोई फायदा नहीं मिलता. यह डाइजैस्ट भी जल्दी नहीं होता, जिस से कब्ज की शिकायत होने लगती है. मैदा खाने से हड्डियों पर भी बुरा असर पड़ता है. मैदा बनाते वक्त इस में प्रोटीन निकल जाता है और यह ऐसिडिक बन जाता है, जो हड्डियों से कैल्शियम को खींच लेता है, जिस से वे कमजोर हो जाती हैं, इसलिए मैदे का सेवन बिलकुल न करें.

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हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए हमें किन चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए?

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन डी बहुत जरूरी है. ये सभी हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाते हैं.

मैग्नीशियम: मैग्नीशियम के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन जरूर करें. पालक मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत होता है. इस के अलावा टमाटर, आलू, शकरकंद भी आप आहार में शामिल कर सकते हैं.

कैल्शियम: कैल्शियम के लिए दूध बहुत अच्छा स्रोत है. इस के लिए आप दूध से बनी चीजों का सेवन भी कर सकते हैं. इस के साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां भी आप को कैल्शियम और आयरन दोनों ही देने में मदद करती हैं. नौनवैज खाने वालों के लिए मछली कैल्शियम का सब से अच्छा विकल्प है. साबूत अनाज, केले, सालमन, बादाम, ब्रैड, टोफू, पनीर आदि कैल्शियम की कमी को पूरा करने के अच्छे स्रोत माने जाते हैं.

विटामिन डी: आप विटामिन डी के लिए टूना, मैकरेल, अंडे का सफेद भाग, सोया मिल्क, डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही के अलावा मशरूम, चीज और संतरे के जूस का भी सेवन कर सकते हैं.

ज्यादा पसीने से छुटकारा पाने का इलाज बताएं?

सवाल-

मुझे बहुत ज्यादा पसीना आता है. कृपया इस से छुटकारा पाने के लिए कोई घरेलू उपाय बताएं?

जवाब

1 चम्मच पिसी फिटकरी को 2 गिलास ठंडे पानी में मिला कर हाथपैरों को धोएं. इस से

पसीना आना कम होता है. अगर पसीने में बदबू भी हो तो भोजन में नमक की मात्रा कम कर दें. नहाते समय 1 बालटी पानी में गुलाबजल या केवड़े के रस की 20 बूंदें डाल कर स्नान करें. अगर पानी में खुशबू कम रहे तो ज्यादा भी डाल सकती हैं.

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गर्मी का मौसम आ चुका है, ऐसे में पसीना आना तो जाहिर सी बात है. पसीने का आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. गर्मी के मौसम में शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए रोमछिद्रों से पसीना निकलता है. यह शरीर को ठंडा रखने और शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को बाहर करने का काम करता है. इसलिए पसीने का निकलना सेहत की दृष्टि से जरूरी है. लेकिन ज्यादा पसीना आना भी ठीक नहीं है.

बहुत से लोगों के शरीर से बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना निकलता है. पसीने की वजह से शरीर से दुर्गन्ध आती है. ऐसे में जिन्हें बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना आता है उनके लिए दिक्कत आती है. आज हम आपको ज्यादा पसीना आने की समस्या से निजात दिलाने वाले कुछ टिप्स के बारे में बताने वाले हैं. आइए, जानते हैं कि वे टिप्स क्या हैं?

कैफीन से परहेज

बहुत ज्यादा मात्रा में कैफीन से बने पदार्थों के सेवन से शरीर से ज्यादा मात्रा में पसीना बाहर आता है. ऐसे में संतुलित मात्रा में ही कौफी आदि का सेवन करना चाहिए.

पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें- ज्यादा पसीना आने से परेशान हैं तो अपनाएं ये उपाय

नानी का प्रेत: क्या था नानी से जुड़ा रहस्य?

फैशन के मामले में इतनी बदल गई हैं ‘बालिका वधू’ की ‘आनंदी’, आप भी कर सकती हैं ट्राय

सीरियल ‘बालिका वधू’ से 12 साल पहले डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस अविका गौर (Avika Gor) फैंस के बीच आज भी आनंदी के नाम से फेमस है. ‘बालिका वधू’ सीरियल के जरिए वह भारत के घर-घर में मशहूर हुईं.  ‘बालिका वधू’ सीरियल के बाद अविका गौर (Avika Gor) के लुक में काफी बदलाव आया है. हाल ही में अविका ने 30 जून को अपना 23वां जन्मदिन मनाया, जिसके चलते वह काफी सुर्खियों में रहीं, जिसका कारण उनके खास दोस्त मनीष रायसिंघानी (Manish Raisinghan) की शादी बनीं.

दरअसल सीरियल ‘ससुराल सिमर का’ में साथ काम चुके अविका (Avika Gor) और मनीष की दोस्ती से हर कोई वाकिफ है. बीते 30 जून को मनीष ने अपनी दोस्त अविका (Avika Gor) के बर्थडे के दिन गर्लफ्रेंड संगीता चौहान से गुरूद्वारे में शादी की, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी.  इसी के बीच आज हम आपको अविका के कुछ लुक्स के बारे में बताएंगे, जिसे आप अपनी बेटी या बहू के लिए ट्राय कर सकती हैं.

1. रेड और ब्लैक कौम्बिनेशन है परफेक्ट

अक्सर पार्टी और फंक्शन में रेड और ब्लैक का कौम्बिनेशन देखने को मिलता है. वहीं अविका गौर का रेड एंड ब्लैक वाला इंडियन लुक आपके लिए परफेक्ट है. रेड कलर के सिंपल एम्ब्रौयडरी वाले लहंगे के साथ हैवी वर्क वाले ब्लैक फुल स्लीव वाला परफेक्ट औप्शन है.

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2. साउथ इंडियन लुक है ट्रैंडी

अगर आप ट्रैंडी इंडियन आउटफिट ट्राय करना चाहती हैं तो अविका गौर का ये लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. सिंपल साउथ इंडियन लहंगे के साथ फ्लफी ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ ज्वैलरी की बात करें तो हैवी ज्वैलरी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

3. फ्लावर प्रिंट लहंगा है परफेक्ट 

अगर आप फ्लावर प्रिंट कपड़ों की शौकीन हैं को अविका गौर का लहंगा आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. हैवी ब्लाउज के साथ फ्लावर प्रिंट लहंगा आपके लुक पर चार चांद लगा देगा.

4. सिंपल लुक है परफेक्ट 

अगर आप हैवी लुक की बजाय पार्टी या फंक्शन में सिंपल लुक ट्राय करना चाहती हैं तो अविका के फ्लावर प्रिंट लहंगे के साथ प्लेन ब्लाउज परफेक्ट औप्शन है.

5. लौंग सूट करें ट्राय

लौंग सूट इन दिनों काफी पौपुलर है. सिंपल अनार कली लुक वाले लौंग सूट ट्राय करना चाहती हैं तो अविका का ये लुक काफी खूबसूरत है.

2.89 लाख रुपये का गोल्डन कोरोना मास्क, आप भी चौंक जाएंगे

बाजार में कई तरह के मास्क आ रहे हैं. डिजाइनर मास्क, सर्जिकल मास्क, कपड़ों के साथ मैचिंग वाले मास्क, बहुत से मास्क, लेकिन इन महाशय ने तो गोल्डन मास्क ही बनवा लिया जो कि 24 कैरेट के शुद्ध सोने से बना है.

जी हां कोरोना काल में मास्क तो अब लोगों की दिनचर्या और आदत में शुमार हो गया है इतना ही नहीं खुद को सुरक्षित रखने के लिए लोग बाहर बिना मास्क के निकलने का नाम नहीं ले रहे हैं. मास्क के दाम कहीं 10 रूपये हैं तो कहीं ज्यादा अच्छी क्वालिटी का लेने पर 100 रूपये या 150 रुपये तक के मास्क आ रहे हैं. लेकिन अब आपको ये जानकर थोड़ी हैरानी होगी कि भला कोई इतना भी अमीर है कि सोने का मास्क पहन रहा है.लेकिन ऐसा ही हुआ है एक इंसान के साथ उसने अपने आपको कोरोना से बचाने के लिए प्योर सोने का मास्क बनवाया है. उस व्यक्ति ने शायद यही सोच कर सोने का मास्क बनवाया कि अब तो कोरोना जाने से रहा क्योंकि लोगों ने इसके साथ ही जीना सीख लिया है जिसके साथ मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल लोग अब हमेशा करेंगे तो क्यों न गोल्डन मास्क बनवाया जाए.बाजार में कई तरह के मास्क आ रहे हैं.

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डिजाइनर मास्क, सर्जिकल मास्क, कपड़ों के साथ मैचिंग वाले मास्क, बहुत से मास्क, लेकिन इन महाशय ने तो गोल्डन मास्क ही बनवा लिया जो कि 24 कैरेट के शुद्ध सोने से बना है. इनका नाम शंकर कुराडे है, ये पुणे जिले के पिंपरी-चिंचवाड़ा के रहने वाले हैं.शंकर के मास्क की कीमत 2.89 लाख रुपये है. दरअसल बात ये है कि शंकर कुराडे को सोने का बहुत शौक रहा है हमेशा से. वो बदन पर लगभग तीन कीलो तक का सोना तो रहता ही है या शायद उससे ज्यादा भी रहता है. शंकर ने अपने दसों उंगलियों तक में सोने की अंगूठीयां पहन रखी हैं. सोने का ब्रेसलेट भी पहना है साथ ही में अपने गले में सोने की मोटी-तगड़ी चेन भी पहने रखी है. शंकर का ये अनोखा मास्क दिखने में पतला है और उनके मास्क में होल भी काफी ताकी सांस ले सके. अब भाई लोगों के शौक तो शौक ही हैं जो उनसे क्या ना करवा दें. अब भाई शायद इनके पास पैसों भंडार है या तो सोने की खदान हो सकती है तभी तो इतना सोना इनके बदन पर दिनभर रहता है.वरना आप व्यक्ति तो इसे तिजोरी में संभाल कर रखेंगे.

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Unlock के इंतजार में बुढ्ढे हुए Shilpa Shetty और Raj Kundra, वायरल हुए मीम्स

आम आदमी हो या कोई सेलेब्रिटी, हर कोई लौकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहा हैं. वहीं फिल्म इंडस्ट्री के सबसे ब्यूटीफुल कपल में से एक बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा भी लौकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच पति राज कुंद्रा ने सोशल मीडिया पर मजेदार मीम शेयर करते हुए अपने दिल की बात फैंस के सामने रखी है, जो सोशलमीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. आइए आपको दिखाते हैं शिल्पा शेट्टी के लिए राज कुंद्रा का मजेदार मीम….

बूढे होने का मीम किया शेयर

शेयर किए गए एक मीम में राज कुंद्रा और उनकी पत्नी शिल्पा शेट्टी दोनों ही बूढ़े दिख रहे हैं. साथ ही इस मीम को शेयर करते हुए राज कुंद्रा ने कैप्शन में लिखा, ‘बेबी ये लॉकडाउन कब खत्म होगा.’ इन पोस्ट्स को देखखर शिल्पा शेट्टी ने हंसी की इमोजी शेयर करते हुए लिखा है, ‘आप पागल हैं…’ .

 

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Yeh lockdown kab khatam hoga?? The question everyone is asking 😂😂🤪😇 @theshilpashetty any idea?? #RajFuntra #Funjabi

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धड़कन की सीन किया रिक्रेएट

 

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Chalo at least we getting some ‘me’ time 😂😂 @theshilpashetty #lockdown #rajfuntra #funjabi #punjabi #dhadkan

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इतना ही नहीं, राज कुंद्रा ने एक और मीम सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें वो ‘धड़कन’ के अक्षय कुमार की तरह शिल्पा शेट्टी को बांहों में लिए हुए सरसों के खेत में खड़े नजर आ रहे हैं. और इसके साथ कैप्शन में लिखा, ‘दिल ने ये कहा है दिल से… लॉकडाउन बढ़ रहा है फिर से…’. शिल्पा शेट्टी संग अपने इस मीम को शेयर करते हुए राज कुंद्रा ने लिखा है, ‘चलो इस बहाने हम कुछ मी टाइम तो बिता पा रहे हैं.

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बता दें, शिल्पा शेट्टी इन दिनों अपनी बेटी समीशा को लेकर सोशलमीडिया पर काफी सुर्खियों में हैं. वह अक्सर अपनी बेटी संग फोटोज शेयर करती रहती हैं, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं. ज्ञात हो कि शिल्पा शेट्टी की ये बेटी सरोगेसी के जरिए पैदा हुई हैं.

अनन्या पांडे ने शेयर की खूबसूरत फोटो लेकिन हो गई ट्रोलिंग का शिकार, जानें वजह

बौलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के सुसाइड मामले में जहां तहकीकात जारी है तो वहीं कुछ फैंस नेपोटिज्म को उनके सुसाइड की वजह मान रहे हैं हैं, जिसके चलते वह स्टार किड्स को सोशलमीडिया के जरिए अपना गुस्सा दिखा रहे हैं. एक्ट्रेस आलिया भट्ट (Alia Bhatt) से लेकर सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) जैसे कई स्टारकिड्स इन दिनों ट्रोलिंग का शिकार होने से कई बड़े कदम उठा चुके हैं. इसी बीच ‘स्टूडेंट औफ द ईयर 2’ से डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस अन्नया पांडे (Ananya Panday) ने अफनी कुछ फोटोज शेयर की है, जिसको लेकर ट्रोलर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं अन्नया पांडे की लेटेस्ट फोटोज…

फिगर फ्लौंट करती नजर आईं एक्ट्रेस

शेयर की गई फोटोज में अन्नया पांडे बेहद खूबसूरत मिडी ड्रेस में अपना फिगर फ्लॉन्ट करती दिख रही हैं. अनन्या पांडे की इन फोटोज को कुछ लोगों खूब पसंद किया है. लेकिन इसी के साथ ट्रोलर्स उनसे कई सवाल पूछ रहे हैं, जो काफी वायरल हो रहे हैं.

ananya

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अवौर्ड्स को लेकर किए कई सवाल

 

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love on my mind 💛 (and coffee) ☕️🤪 @bazaarindia

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अनन्या पांडे की शेयर की गई फोटोज पर यूजर्स कमेंट करते हुए लिख रहे हैं कि, ‘अरे ये तो बताओ कि फिल्मफेयर अवॉर्ड कितने में खरीदा? मुझे भी चाहिए 4-5’ तो वहीं कुछ लोग ट्रोल करते हुए एक्ट्रेस को नेपोटिज्म का प्रोडक्ट बता रहे है. जबकि एक यूजर ने लिखा है, ‘नेपोटिज्म नो एक्टिंग स्किल’. इन सब के कारण अन्नया पांडे एक बार फिर सुर्खियों में छा गई हैं.

 

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We’ll be best friends forever… because you already know too much 😝 #Throwback #ShaniCake #Soulmate

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आपके बता दें, बॉलीवुड स्टार चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे ने टाइगर श्रॉफ के साथ फिल्म स्टूडेंड ऑफ द ईयर 2 से बॉलीवुड में डेब्यू किया था, जिसे करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के तहत बनाया था. वहीं एक्ट्रेस कार्तिक आर्यन और भूमि पेडनेकर की फिल्म पति पत्नी औऱ वो में साथ नजर आईं थी और फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 के लिए बेस्ट डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था, जिसके कारण हेटर्स उन्हें पसंद नही कर रहे हैं.

कोरोनाकाल में अनुभव और बदलाव

कोरोनाकाल ऐसा समय है, जिस की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. कोरोना वायरस का कहर इस प्रकार बरपा है कि मनुष्य जिसे सामाजिक प्राणी कहा जाता है, उसे ही समाज से दूरी बना कर रहना पड़ रहा है. यह ऐसा समय है जब समस्याएं भी नईनई हैं, तो उन के समाधान भी. कोरोना अभी इतनी जल्दी जाने वाला नहीं है. इसलिए कोरोनाकाल में लिए जा रहे कुछ फैसले भी अब लंबे समय तक साथ रहेंगे.

एक नजर डालते हैं विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे उन बदलावों पर जो आने वाले भविष्य में जीवन का अभिन्न अंग बनने वाले हैं.

डिजिटल क्रांति

लौकडाउन के समय विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनैट पर निर्भरता बहुत बढ़ गई है. कंप्यूटर, लैपटौप, मोबाइल फोन जीवन के अहम अंग बन कर सामने आए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लौकडाउन के दौरान इंटरनैट के प्रयोग में 13% की बढ़ोतरी हुई है.

नए धारावाहिकों की शूटिंग न होने से टीवी पर पुराने कार्यक्रम दोहराए जा रहे हैं. इस कारण मनोरंजन के लिए लोग इंटरनैट का सहारा ले रहे हैं. लगभग 1.5 करोड़ लोगों का नैटफ्लिक्स से जुड़ जाना इंटरनैट पर लोगों की निर्भरता दर्शाता है.

शिक्षा के क्षेत्र में औनलाइन क्लासेज की शुरुआत हुई है. शिक्षाविदों का मानना है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति अब दूर की बात नहीं है. भविष्य में इस बात पर विचारविमर्श कर शिक्षण का कुछ भाग कक्षा में तो कुछ औनलाइन करवाया जा सकता है.

इन दिनों विभिन्न कार्यालयों के अधिकतर कर्मचारी वर्क फ्रौम होम कर रहे हैं. प्राइवेट और सरकारी दोनों ही दफ्तरों में बैठकें गूगल हैंगआउट और जूम जैसे ऐप्स पर हो रही हैं. केंद्र व राज्य सरकारों के मंत्रियों की आपसी मीटिंग्स तथा विभिन्न इलाकों पर नजर रखने का कार्य भी औन लाइन किया जा रहा है. वीडियो कौन्फ्रैंसिंग का यह रूप एक सीमा तक भविष्य में भी अपनाया जाएगा. कार्यालयों में आए दिन की मीटिंग्स में खानेपीने व कर्मचारियों के ठहरने की व्यवस्था में काफी खर्च हो जाता था.

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सरकारी अधिकारी, दीपक खुराना का कहना है कि आने वाले समय में मीटिंग्स औनलाइन भी होने लगेंगी. इस से समय और पैसे दोनों की बचत होगी.

तकनीक के नए प्रयोगों से फिल्मी दुनिया भी अछूती नहीं रहेगी. विशेषज्ञों के अनुसार लौकडाउन के बाद जब फिल्मों व टीवी सीरियल्स की शूटिंग होगी तो सोशल डिस्टैंसिंग को ध्यान में रखते हुए अंतरंग दृश्य प्रत्येक कलाकार से अलगअलग करवा कर फिल्माए जाएंगे और उन टुकड़ों को तकनीक की सहायता से जोड़ा जाएगा.

मास्क का साथ

कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनना इन दिनों अनिवार्य हो गया है. मास्क अब लंबे समय तक साथी होने वाला है. इस का भविष्य में प्रयोग न केवल वायरस से बचाव कर सकेगा वरन यह रोजगार के नए अवसर प्रदान करने वाला भी होगा.

बुरे वक्त को मौके की तरह इस्तेमाल करते हुए बाजार में अभी से ही विभिन्न प्रकार के मास्क आने लगे हैं. भारत में मधुबनी और मंजूषा पेंटिंग वाले मास्क, डिजाइनरों द्वारा तैयार प्रिंटेड व संदेश लिखे तथा सूती कपड़े के 3 परतों वाले व कप मास्क आ गए हैं. चीन में फूलों की नक्काशी वाले सिल्क के तथा होहिओ में बच्चों व पशुप्रेमियों के लिए पशुओं की आकृति वाले मास्क बन रहे हैं.

मूकबधिर होंठों के हिलने व चेहरे की भावभंगिमाओं से बातें समझते व समझाते हैं. मास्क में चेहरा छिप जाने से उन को समस्या न हो इसलिए पारदर्शी मास्क बनवाने का फैसला भी किया गया है.

मास्क लगाने से व्यक्ति का आधा चेहरा ही दिखाई देता है, फलस्वरूप कई बार पहचान पाना मुश्किल हो जाता है. इस बात को ध्यान में रख केरल के कोट्टयम व कोच्चि के कुछ डिजिटल स्टूडियो में मास्क पर चेहरे का वह भाग प्रिंट करने का कार्य शुरू किया है, जो मास्क के पीछे छिप जाता था. इस से मास्क लगाने पर भी व्यक्ति को पहचानने में असुविधा नहीं होगी. यह तकनीक जल्द ही भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाली है.

यह तो अब तय है कि मास्क भविष्य में जीवन का अहम अंग बन जाएगा. इसे पहनना अब कितना जरूरी होने वाला है, इसे दर्शाने के लिए बीचवियर बनाने वाली इटली की एक डिजाइनर ने बिकिनी के साथ मैचिंग मास्क बना कर एक मौडल को तसवीरों में पहने दिखाया और उसे ट्रायकिनी नाम दिया.

स्वच्छता से रिश्ता

कोरोनाकाल में सभी सफाई को ले कर सचेत हो गए हैं. बारबार साबुन से हाथ साफ करना, फलसब्जियों को नमक या कुनकुने पानी से धोना व घर के आसपास के क्षेत्र को सैनिटाइज करना सीख गए हैं. साफसफाई की यह आदत आने वाले समय में रोजमर्रा की आदतों में शामिल होगी.

लोगों की जगहजगह थूक कर गंदगी फैलाने की आदत पर भी अब लगाम लगेगी. कोरोना वायरस का भय लोगों के मन में रहेगा और वे खुद की थूकने की आदत छोड़ने के साथ ही ऐसा करने वाले लोगों को भी अवश्य टोकेंगे.

बिन बैंडबाजा और बरात के विवाह

लौकडाउन में अधिकतर शादियां स्थगित हो रही हैं, लेकिन कुछ जोड़ों ने कोर्ट में विवाह कर लिया है और कुछ ने केवल पारिवारिक सदस्यों की उपस्थिति में विवाह संपन्न करवाया है, पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में सोनू और ज्योति का विवाह 10 लोगों की उपस्थिति में हुआ. जहां सोनू केवल 3 बरातियों के साथ ससुराल पहुंचा, वहीं ज्योति के घर से 5 सदस्य इस विवाह में सम्मिलित हुए.

लौकडाउन 3.0 में गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार विवाह समारोह में 50 लोग ही सम्मिलित हो सकते हैं, यद्यपि कुछ राज्यों ने यह संख्या और भी कम रखी है. सोशल डिस्टैंसिंग के लिए यह सही भी है. कोरोनाकाल के बाद भी लंबे अरसे तक समारोहों में भीड़ न जुटा कर सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिति रहेगी, ऐसी आशा है. इस का एक कारण कोरोना के भय से आपस में दूरी बना कर रखना तो दूसरा फुजूल खर्च रोकना होगा. कोरोनाकाल में आए वित्तीय संकट के कारण खर्चे चारों ओर से कम करने की आदत अब बनानी ही होगी. फाइनैंशियल ऐक्सपर्ट्स का माना है कि सौ वर्षों में ऐसा वित्तीय संकट आया है.

तुम हो तो हम हैं

कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में चिकित्सक, पुलिसकर्मी व सफाई कर्मचारी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. समाज उन के महत्त्व को समझ रहा है और इन्हें सम्मानित भी किया जा रहा है. अब तक समाज का जो तबका सफाई करने वालों से दूरी बना कर रखता था, संभवतया अब समझ जाए कि इन की एक दिन की अनुपस्थिति भी कितनी खलती है. अब इन्हें यथोचित सम्मान प्रदान किया जाएगा.

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जीवन में परिवार की भूमिका भी इस लौकडाउन के दौरान सभी समझ गए हैं. दिल्ली के पटेल नगर में रहने वाली मनीष का कहना है कि रोज की भागदौड़ भरी जिंदगी में उन्हें न तो बच्चों के साथ टाइम बिताने का मौका मिलता था और न ही अपने सासससुर के साथ. लौकडाउन के दौरान सभीको एकसाथ समय व्यतीत करने का जो अवसर मिला है उस से आपसी समझ विकसित हुई है. भविष्य में भी इसी प्रकार के बुजुर्ग नई पीढ़ी की समस्याओं को समझते रहें तथा युवा पीढ़ी उन के अनुभवों से अपने को निखारती रहे. पारिवारिक सदस्यों की बौंडिंग अब दिनोंदिन मजबूत हो यही समय की मांग है.

हर हाल में खुशहाल

लौकडाउन में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए जीवन को सुखद बनाने का कार्य किसी न किसी रूप में होता रहा है. पहला लौकडाउन होते ही अपने को चिंतामुक्त रख मन बहलाने के भिन्नभिन्न तरीके खोजने की कवायद शुरू हो गई. कुछ घरों में तरहतरह की रैसिपीज बनीं तो कहीं कढ़ाई, पेंटिंग व पुष्पसज्जा आदि की मदद से अपने को प्रसन्न रखने के प्रयास हुए. कुछ लोगों ने पुराने शौक फिर आजमाए तो कुछ ने नई कला सीखने में रुचि दिखाई.

नोएडा निवासी सुमित किचन में पैर नहीं रखता था, लेकिन लौकडाउन के दौरान अपनी पत्नी वंदिता से उस ने खाना बनना सीख लिया.

गुरुग्राम में रहने वाली दिव्या ने विवाह से पहले ब्यूटीशियन का कोर्स किया था. अपनी इस कला को उपयोग में न ला पाने का कारण वह अकसर निराश हो जाती थी, किंतु जब सैलून न खुल पाने के कारण उस ने पति के बाल काटे तो समझ में आया कि हुनर कभी बेकार नहीं जाता.

युवावर्ग लौकडाउन के दौरान जंकफूड से दूर रह कर संगीत सुनते और वैब सीरीज आदि देखते हुए मन बहलाने के साथसाथ सोशल डिस्टैंसिंग का भी पालन कर रहा है.

यह तो सभी जान चुके हैं कि कोविड-19 जल्दी हमारा पीछा छोड़ने वाला नहीं है. सिनेमा, पार्टी, रैस्टोरैंट व छुट्टी के दिन भीड़भाड़ वाली जगह घूमनाफिरना अभी दूर का सपना है. ऐसे में घर के भीतर सिमट कर अब हरहाल में खुशहाल मनोस्थिति बनाए रख कोरोना वायरस के साथसाथ अवसाद व निराशा से भी दूर रहने की राह पर चलना होगा.

कोरोनाकाल ने सभी को जीने की एक अलग राह दी है. रास्ता नया है तो इस की चुनौतियां भी अलग हैं. व्यक्तिगत, सामाजिक व आर्थिक जीवन में समस्याओं से जूझते हुए भविष्य की बेहतरी के प्रयास हो रहे हैं तथा तकनीक के क्षेत्र में नई संभावनाएं खोजी जाने लगी हैं. आवश्यकता है कि अब इस काल के अनुभवों से विषम परिस्थितियों का सामना करने के लिए स्वयं को तैयार करना सीख लिया जाए.

कलर्स करेगा नए एपिसोड्स के साथ एक नई शुरूआत

कोरोनावायरस के कारण पूरा देश पिछले 3 महीनों से लौकडाउन की मार झेल रहा है. जहां एक तरफ लोग घर पर बैठने को मजबूर हैं, तो वहीं सीरियल्स की दुनिया भी रूक गई थी. लेकिन अब अनलौक 1.0 के बाद सीरियल्स की शूटिंग भी कुछ नियमों और शर्तों के तहत शुरू हो गई है, जिसके चलते कलर्स आपके पसंदीदा सीरियल्स के नए एपिसोड्स लेकर दोबारा आ रहा है. आइए आपको बताते हैं इन सीरियल्स में आने वाले ट्विस्ट के बारे में…

शक्ति-अस्तित्व के एहसास की: क्या होगा जब विराट को पता चलेगा हीर के किन्नर होने का सच?

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इस शो में अब तक आपने देखा कि, हीर और विराट एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं. लेकिन प्रीतो और हरक, जो हीर के किन्नर होने का सच जानते हैं, वह परेशान हैं कि हीर का ये प्यार उसके लिए केवल दर्द का कारण बनकर रह जाएगा. इसलिए वह हर कोशिश करते हैं कि विराट और हीर को अलग कर सकें. पर परिवार की सहमति के बिना दोनों भागकर मंदिर में शादी कर लेते हैं और शादी के बाद अपने परिवार को मनाने की कोशिश करते हैं.

घरवालों की रजामंदी ना मिलने पर जब हीर और विराट अपनी जान देने की कोशिश करते हैं तो घरवाले हां करने पर मजबूर हो जाते हैं और दोनों परिवार पूरे रस्मों रिवाज के साथ इनकी शादी करवाने के लिए तैयार हो जाते हैं. इन्हीं रस्मों के बीच प्रीतो, विराट को हीर के किन्नर होने का सच बता देती है. अब आगे ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या हीर के किन्नर होने का सच जानने के बावजूद विराट उसे अपनाने के लिए तैयार हो जाएगा? जानने के लिए देखिए ‘शक्ति-अस्तित्व के एहसास की’ के एकदम नए एपिसोड्स आज से, सोमवार से शुक्रवार, रात 8 बजे.

 

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बैरिस्टर बाबू: बोंदिता से जुड़ा कौनसा बड़ा फैसला लेगा अनिरूद्ध

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अब तक आपने देखा कि, लंदन से वकालत की पढ़ाई करके लौटा अनिरूद्ध, समाज की कुरीतियों के खिलाफ खड़े होते हुए 8 साल की बोंदिता से शादी कर लेता है. रॉयचौधुरी परिवार इस रिश्ते से खुश नही होता, लेकिन इसके बावजूद अनिरूद्ध, अपने परिवार के खिलाफ जाकर बोंदिता की हर तरह से मदद करता है. अनिरूद्ध, बोंदिता की तरफ अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है, जिसके चलते वह लेने जा रहा है बोंदिता के लिए एक बड़ा फैसला. आखिर क्या होगा ये फैसला और इससे दोनों के रिश्तों में कौनसा नया मोड़ आने वाला है? जानने के लिए देखना ना भूलें, आज से, ‘बैरिस्टर बाबू’ के नए एपिसोड्स, सोमवार से शुक्रवार, रात 8.30 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

 

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छोटी सरदारनी: क्या मौत का सामना कर पाएगी मेहर?

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अब तक आपने देखा कि निडर और अपने दिल की सुनने वाली मेहर की जिंदगी में ढेरों मुश्किलें आई, जिनसे लड़कर मेहर ने अपने कोख में पल रहे पहले प्यार की निशानी को बचाए रखा. इन सभी हालातों में मेहर का साथ सरब और परम ने दिया. लेकिन आज मेहर ऐसे दोहराहे पर खड़ी हैं जहां एक तरफ उसका बच्चा है और एक तरफ उसकी खुद की जान. वहीं सरब के सामने भी आज मेहर और उसके कोख में पल रहे बच्चे में से किसी एक को चुनने की चुनौती खड़ी हो गई है. अब देखना ये है कि मेहर और बच्चे में से किसे चुनेगा सरब? आखिर कौनसा नया मोड़ लेने वाली है मेहर की जिंदगी? जानने के लिए देखिए, ‘छोटी सरदारनी’, 13 जुलाई से, सोमवार से शुक्रवार, 7.30 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

 

इसी के साथ कलर्स के कुछ और सीरियल्स 13 जुलाई से शुरू होने जा रहे हैं, जिनमें रात 9 बजे ‘शुभारंभ’, 9.30 बजे ‘नाटी पंकी की लंबी लव स्टोरी’ और 10 बजे ‘पवित्र भाग्य’ सीरियल्स शामिल हैं.

जिन्हें आपने इतना सराहा, फिर से आ रहे हैं वो अपनी अधूरी कहानी को पूरा करने. तो देखना ना भूलें कलर्स, आज रात 8 बजे से.

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