रहे चमकता अक्स: भाग-2

नमन हमेशा उस की तारीफ भी करता था. मगर आज उस के शरारती अंदाज में अनन्या को इस तरह खूबसूरत कहना उस पर असर छोड़ गया. उस ने अभिनव के मुंह से कभी खुल कर अपनी प्रशंसा नहीं सुनी थी.

रिप्लाई में उस ने जब नमन को थैंक्स लिखा तो उस का जवाब आया, ‘‘दोस्ती का उसूल है मैडम कि नो सौरी नो थैंक यू…‘मैं ने प्यार किया’ फिल्म में अपने सलमान भाई का कहना तो कुछ ऐसा ही है,’’ ये पंक्तियां लिखने के बाद नमन ने चुंबन की इमोजी भी सैंड कर दी.

‘‘हा… हा… दोस्ती तो ठीक है पर यह किस किसे भेजा है?’’

‘‘तुम्हें ही यार… जब दोस्त तुम सी प्यारी हो तो प्यार आ ही जाता है उस पर.’’

बात को वहीं समाप्त करने के उद्देश्य से अनन्या ने लिखा, ‘‘चलो, और पिक्स भेजो… तुम तो गु्रप के सब से अच्छे फोटोग्राफर हो… आज तुम ने भी खूब फोटो खींचे थे.’’

नमन ने ढेर सारे फोटो भेज दिए, पर वे सभी अनन्या के थे. अनन्या के दिल को ये सब अच्छा लग रहा था, पर दिमाग बारबार याद दिला रहा था कि एक शादीशुदा स्त्री को खुल कर पुरुष मित्र से पेश नहीं आना चाहिए.

मुसकराती स्माइली के साथ अनन्या ने लिखा, ‘‘अरे वाह, मेरी इतनी सारी पिक्स? जनाब, क्यों टाइम वेस्ट कर रहे हो अपना? अब ऐसा करो कि शादी कर लो तुम… फिर तुम्हारी वह दिनरात गाना गाएगी, ‘तू खींच मेरा फोटो पिया…’ और फिर लेना उस की खूब सारी पिक्स.’’

नमन का जवाब आया, ‘‘है

कोई तुम्हारे जैसी तो बता दो… कर लेता हूं शादी… ‘जग घूमेया थारे जैसा न कोई…’’’

अनन्या को नमन के शब्द ऐसे लगे जैसे मन के तपते रेगिस्तान में न जाने कहां से पानी की धारा फूट पड़ी हो. अभिनव के रूखे व्यवहार और चुप्पी साधे रखने से क्षुब्ध अनन्या को नमन की बातें अपनी ओर खींच रही थीं. वह अपने मन को वश में किए थी पर वह तो जैसे उस के हाथों से छूटा जा रहा था.

रात देर तक अनन्या नमन के साथ चैटिंग करती रही. वह कोई भी बात शुरू करती तो नमन घुमाफिरा कर उस की सुंदरता पर ले आता. एकदूसरे को ‘गुड नाइट’ भेजने के बाद जब अनन्या सोने के लिए बैड पर लेटी तो नमन के रंग में रंग कर ‘भागे रे मन कहीं…’ गाना गुनगुनाते हुए मुसकरा दी.

अगले 2-3 दिन भी नमन और अनन्या ने खूब चैटिंग की. कालेज के दिनों को याद करते हुए नमन ने उसे बताया कि एक बार उस के बचपन का एक दोस्त कालेज में उसे मिलने आया था. तब नमन ने अनन्या को अपनी गर्लफ्रैंड बता दिया था.

अनन्या ने यह पढ़ कर आंखों से आंसू बहाते हुए हंसने वाली 3 इमोजी भेजीं.

‘‘क्या यार… हंस क्यों रही हो…? मैं तो चाहता हूं कि सच में ही तुम बन जाओ मेरी गर्लफ्रैंड… लाइफ बन जाएगी अपुन की.’’

‘‘अरे…अरे… क्या कह रहे हो? एक मैरिड को प्रोपोज कर रहे हो?’’

‘‘मैं कब कह रहा हूं कि तुम अपने पति से रिश्ता तोड़ कर मुझे गाना सुनाओ कि ‘मेरे सैयांजी से आज मैं ने बे्रकअप कर लिया…’ गर्लफ्रैंड बनने को ही तो कह रहा हूं.’’

‘‘कालेज समय में यह रिक्वैस्ट क्यों नहीं की तुम ने?’’

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‘‘बस… बस… कल 1 महीने की ट्रेनिंग पर अहमदाबाद जा रहा हूं… लौट कर आते ही तुम्हें लंच पर ले कर जाऊंगा. और हां मैं रिक्वैस्ट नहीं करता. एक ही बार बोलता हूं और वह फुल ऐंड फाइनल हो जाता है.’’

‘‘वाह क्या बात है… ‘तेरे नाम’ फिल्म के सलमान खान… फुल ऐंड फाइनल है लंच तो और बाकी बातें वहीं करेंगे,’’ अनन्या ने लिखा और फिर दोनों ने कुछ दिनों के लिए एकदूसरे को बाय कर दिया.

नमन के जाने के बाद अनन्या अकेलापन सा महसूस कर रही थी. फेसबुक पर दोस्तों के स्टेटस और तसवीरों को देखते और उन पर कमैंट्स करते 2 दिन किसी तरह बीत ही गए और अभिनव के लौटने का दिन आ गया.

अभिनव ने आते ही जो खबर सुनाई उसे सुन कर अनन्या खुश होने के साथ ही मायूस भी हो गई. मीटिंग के दौरान ही अभिनव के काम से प्रभावित हो कर उसे प्रमोशन दे दी गई थी. अभिनव ने बताया कि उन्हें 15 दिनों के अंदर ही दिल्ली से हैदराबाद शिफ्ट होना पड़ेगा.

नमन की दोस्ती के रोमांच में रोमांचित अनन्या निराश थी, पर कोई चारा नहीं था उस के पास. अगले ही दिन से वह जाने की तैयारी में जुट गई.

हैदराबाद पहुंच कर अभिनव नई जिम्मेदारियां संभालते हुए बेहद व्यस्त हो गया. अनन्या सुबह से शाम तक नए मकान की सैटिंग करते हुए थक जाती. कामवाली रोजमर्रा का काम तो निबटा देती थी, पर अन्य कामों में अनन्या उस की मदद नहीं ले पा रही थी. अनन्या तेलुगु नहीं जानती थी और वह हिंदी ठीक से नहीं समझ पाती थी. अत: अनन्या के लिए बताना संभव नहीं हो पा रहा था कि वह किस काम में बाई की मदद चाहती है.

कुछ दिनों बाद अनन्या को कमजोरी महसूस होने के साथसाथ नींद भी बहुत आने लगी. दोपहर में जब वह कोई पत्रिका ले कर पढ़ने बैठती तो नींद के झोंके कुछ पढ़ने ही नहीं देते. सुबह भी उसे उठने में देरी हो रही थी. उस का मौर्निंग वाक भी छूट गया था. खुद को काम में लगाए हुए वह नींद और सुस्ती से दूर रहने का भरसक प्रयास करती, पर ऐसा हो नहीं पा रहा था. अपने में हो रहे इस परिवर्तन को ले कर वह बेहद परेशान थी. बस कभीकभी जब नमन से चैटिंग होती तभी वह कुछ पलों के लिए प्रसन्न होती थी.

उन लोगों को हैदराबाद आए

3 महीने हो चुके थे. उस दिन दोनों को पड़ोस में एक बच्चे के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होना था. अनन्या ने पहनने के लिए ड्रैस निकाली, पर यह क्या. वह ड्रैस तो अनन्या को बहुत टाइट आ रही थी. उस ने सोचा ड्रैस धोने से सिकुड़ गई होगी, इसलिए 3-4 और ड्रैस निकाल कर पहनने की कोशिश की, पर कोई भी ड्रैस ठीक से नहीं पहनी जा रही थी. इन दिनों घर के काम में व्यस्त होने के कारण वह ढीली कुरती और गाउन ही पहन रही थी. अत: उसे पता ही नहीं लग पाया कि उस का वजन बढ़ रहा है.

अब अनन्या ने सुबहसुबह फिर से टहलना शुरू कर दिया और साथ ही व्यायाम करना भी. मगर वजन नियंत्रण में नहीं आ रहा था. थकान हो रही थी सो अलग. चेहरा भी निस्तेज पड़ गया था. जब उसे पैरों में सूजन दिखाई देने लगी तो अभिनव के साथ डाक्टर के पास गई.

डाक्टर ने उसे ब्लड टैस्ट करवाने को कहा. रिपोर्ट आने पर पता लगा

कि अनन्या को हाइपोथायराइडिज्म हो गया है. गले में पाई जाने वाली थायराइड नामक ग्लैंड जब अधिक सक्रिय नहीं रह पाती तो यह बीमारी हो जाती है, जिस कारण शरीर को आवश्यक हारमोंस नहीं मिल पाते.

डाक्टर ने रोज खाने के लिए दवा लिख दी और कुछ समय बाद फिर टैस्ट करवाने को कहा ताकि दवा की सही मात्रा निर्धारित की जा सके. साथ ही उसे यह भी बता दिया कि एक बार यह ग्रंथि निष्क्रिय हो जाती है, तो दोबारा सक्रिय होना लगभग असंभव है. लेकिन अभी घबराने वाली बात नहीं है.

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कुछ दिनों बाद अभिनव को एक कौन्फ्रैंस के सिलसिले में दिल्ली जाना था. अनन्या ने भी साथ चलने की इच्छा जताई. अपने दोस्तों खासकर नमन से मिलने का यह अच्छा मौका था. नमन उस से अकसर शिकायत करता था कि वह उस के ट्रेनिंग से लौटने से पहले ही हैदराबाद आ गई. उन का मिलना नहीं हो पाया.

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रहे चमकता अक्स: भाग-3

दिल्ली पहुंच कर वे एक होटल में ठहरे. वहां पहुंचने के अगले दिन ही अनन्या ने अपने दोस्तों को लंच पर बुलाने का कार्यक्रम रखा. जिस होटल में वह ठहरी हुई थी, उस का पता सब को बता कर उस ने वहां के डाइनिंग हौल में ही टेबल्स बुक करवा दीं. अपनी मनपसंद ड्रैस पहन अनन्या बेसब्री से दोस्तों का इंतजार करने लगी.

मनीष ने सब से पहले आ कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. अनन्या उसे देखते ही खिल उठी. पर मनीष ने उसे देख मुंह बना कर आंखें सिकोड़ते हुए कहा, ‘‘अरे, यह क्या? तू… तू इतनी मोटी? क्या कर लिया?’’

इस से पहले कि अनन्या कोई जवाब देती, नमन भी आ पहुंचा. फिर 1-1 कर के सब आ गए.

‘‘मैं अनन्या से मिल रहा हूं या किसी बहनजी से… कैसी थुलथुल हो गई इतने दिनों में… आलसियों की तरह पड़ी रह कर खूब खाती है क्या सारा दिन?’’ नमन हंसते हुए बोला.

अनन्या रोंआसी हो गई, ‘‘अरे, नहीं. न मैं आलसी हूं और न ही कोई डाइटवाइट बढ़ी है मेरी… हाइपोथायरायडिज्म की प्रौब्लम हो गई है… बताया तो था नमन तुम्हें कुछ दिन पहले.’’

‘‘यह मेरी भाभी को भी है, पर तू तो कुछ ज्यादा ही…’’ अपने गालों को फुला कर दोनों हाथों से मोटापे का इशारा करती हुई स्वाति ठहाका लगा कर हंस पड़ी.

सब की बातों से उदास अनन्या ने वेटर को खाना लगाने को कहा. खाना खाते हुए भी दोस्त ‘मोटी और कितना खाएगी’ जैसी बातें करते हुए उस का मजाक उड़ाने से बाज नहीं आ रहे थे. नमन भी उन का साथ देते हुए ‘बसबस… बहुत खा लिया’ कह कर बारबार उस की प्लेट उस के सामने से हटा रहा था. खाना खाने के बाद अनन्या बाहर तक छोड़ने आई.

‘‘ओके… बाय चुनचुन… नहीं टुनटुन…’’  नमन के कहते ही सब जाते हुए खूब हंसे, पर अनन्या का मन छलनी हुआ जा रहा था. उदास मन से वह अपने कमरे में आ कर बैठ गई.

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घर पहुंच कर नमन ने उसे कोई मैसेज

नहीं किया और न ही उस के किसी मैसेज का जवाब दिया.

अगले दिन दोपहर में जब अनन्या ने उसे फोन किया तो ‘बहुत बिजी हूं आजकल… टाइम मिलेगा तो खुद कर लूंगा कौल,’ कह कर उस ने फोन काट दिया.

अनन्या रोज प्रतीक्षा करती, लेकिन न फोन और न ही मैसेज आया नमन का और फिर वापस जाने का दिन भी करीब आ गया.

अनन्या ने लौटने से 1 दिन पहले नमन को शिकायत भरा मैसेज भेजा.

कुछ देर बाद नमन का जवाब भी आ गया, ‘इतना गुस्सा क्यों दिखा रही हो? तुम्हारा मैसेज देख कर तो ‘जवानीदीवानी’ फिल्म का गाना याद आ रहा है- ‘खल गई, तुझे खल गई, मेरी बेपरवाही खल गई… मुहतरमा तू किस खेत की मूली है जरा बता?’ और इसे मजाक का रूप देने के लिए जीभ निकाल कर एक आंख बंद किए चेहरे वाली इमोजी जोड़ दी साथ में.

जवाब देख कर अनन्या को बहुत गुस्सा आया कि कहां तो नमन मेरे दिल्ली पहुंचने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था और अब बात करना तो दूर… किस तरह मुझे बेइज्जत कर

रहा है. मैं तो वही हूं न जो पहले थी… क्या

बाहर की खूबसूरती नमन के लिए इतनी अहमियत रखती है कि उस के लिए अनन्या मतलब गोरे रंग की 5 फुट 1 इंच की स्लिम सी लड़की थी बस… वह लुक नहीं रहा तो अनन्या, अनन्या नहीं…

रात को सोने के लिए जब वह बैड पर लेटी तो अभिनव के करीब जा कर उस के सीने में अपना मुंह छिपाए चुपचाप लेट गई.

‘‘क्या हुआ? तबीयत तो ठीक है? कल वापस जा रहे हैं, इसलिए उदास हो शायद?’’ अभिनव उस की पीठ पर हाथ रख कर बोला.

अनन्या कुछ देर यों ही रहने के बाद अभिनव की ओर देखते हुए बोली, ‘‘एक बात पूछूं अभिनव? क्या तुम्हें बुरा नहीं लगता कि मैं इतनी मोटी हो गई हूं? फेस भी सूजा सा, कुछ बदलाबदला सा लग रहा है… तुम ने तो एक स्लिमट्रिम, गोरी लड़की से शादी की थी, पर वह क्या से क्या हो गई.’’

‘‘हा… हा…’’ पहले तो अभिनव ने एक जोरदार ठहाका लगाया. फिर मुसकरा कर अनन्या की ओर देखते हुए बोला, ‘‘उफ, अनन्या कैसा सवाल है यह? यह सच है कि तुम्हें एक बीमारी हो गई है और उस में वेट कंट्रोल करना मुश्किल होता है… पर यह बताओ कि क्या हम हमेशा वैसे ही दिखते रहेंगे जैसे शादी के वक्त थे? मेरे बाल अकसर झड़ते रहते हैं. अगर मैं गंजा हो जाऊंगा या फिर बुढ़ापे में जब मेरे दांत टूट जाएंगे तो मैं तुम्हें खराब लगने लगूंगा?’’

‘‘तुम मुझे प्यार तो करते हो न?’’ अनन्या के चेहरे पर निराशा अभी भी झलक रही थी.

अभिनव एक बार फिर खिलखिला कर हंस पड़ा, ‘‘अनन्या सुनो, तुम इतनी समझदार हो कि मैं कब तुम से पूरी तरह जुड़ गया मैं समझ ही नहीं पाया. तुम मेरी केयर तो करती ही हो, मुझ से हर बात शेयर करती हो, बिना वजह कभी झगड़ा नहीं करती… मैं औफिस के काम में इतना बिजी रहता हूं फिर भी झेलती हो मुझे. तुम सच में अपने नाम की तरह ही सब से बिलकुल अलग, बहुत खास हो.

‘‘पर इस से पहले तो आप ने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा?’’ अभिनव की प्रेममयी बातें सुन भावविभोर हो अनन्या बोली.

‘‘मैं हूं ही ऐसा… बोलना कम और सुनना बहुत कुछ चाहता हूं… अनन्या यकीन करो, मुझे बिलकुल तुम जैसी लाइफपार्टनर की जरूरत थी.’’

अनन्या मंत्रमुग्ध हुए जा रही थी.

‘‘एक बात और कहूंगा… अपने शरीर का ध्यान रखना हम सब के लिए जरूरी

है पर तन की सुंदरता कभी मन की सुंदरता पर हावी नहीं होनी चाहिए… तुम जब भी मेरे इस मन में झांक कर अपनी सूरत देखोगी, तुम्हें अपनी वही सूरत दिखाई देगी जो कल थी, आज भी वही और आने वाले कल भी…’’

‘ओह, अभिनव… और कुछ नहीं चाहिए अब… कोई मुझे कुछ भी कहता रहे परवाह नहीं… बस तुम्हारे दिल के आईने में मेरा अक्स यों ही चमकता रहे,’ सोचती हुई अनन्या नम आंखों को मूंद कर अभिनव से लिपट गई. अभिनव के प्रेम की लौ में पिघल कर वह बहुत हलका महसूस कर रही थी.

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रहे चमकता अक्स

4 टिप्स: बेबी की स्किन रहेगी हमेशा सौफ्ट

नवजात और बड़ों की स्किन में कुछ खास अंतर होते हैं जैसे नवजात की एपिडर्मिस यानी बाह्य स्किन बड़ों की तुलना में काफी पतली होती है. नवजात की पसीने की ग्रंथियां बड़ों की तुलना में कम काम करती हैं, जिस से स्किन नमी जल्दी सोखती भी है और जल्दी खो भी देती है. इस के अलावा नवजात की स्किन बहुत कोमल भी होती है. आइए, जानते हैं कि शिशु की कोमल स्किन को इन समस्याओं से कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है:

1. उत्पादों के लेबल जरूर पढ़ें

यदि किसी बेबी स्किन केयर प्रोडक्ट पर हाइपोऐलर्जिक लिखा है तो इस का मतलब यह है कि हो सकता है कि उत्पाद के इस्तेमाल से शिशु को ऐलर्जी हो जाए. जरूरी नहीं कि ऐसा उत्पाद शिशु की स्किन के लिए सुरक्षित हो. ऐसे में नैचुरल उत्पादों को प्राथमिकता दें. यदि उत्पाद की सामग्री में थैलेट और पैराबीन हो तो उसे बिलकुल न खरीदें.

यों तो नैचुरल बीबी केयर उत्पाद नवजात के लिए सुरक्षित होते हैं, लेकिन यदि परिवार में किसी को ऐलर्जिक अस्थमा इत्यादि की समस्या रही हो तो संभव है कि शिशु को भी किसी खास हर्ब से ऐलर्जी हो. ऐसे में डाक्टर की सलाह से ही बेबी स्किन केयर उत्पाद खरीदें.

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2. गरमी में बेबी मसाज

कई नई मांएं इस डर से गरमी में शिशु की मालिश करना बंद कर देती हैं कि कहीं उसे हीट रैशेज न हो जाएं. ऐसा कतई न करें, क्योंकि मालिश हड्डियों को मजबूत बनाने के साथसाथ शिशु के नर्वस सिस्टम को भी फायदा पहुंचाती है. हां, इस मौसम में मालिश के लिए नारियल तेल, औलिव औयल या फिर बाजार में मौजूद कोई भी हलका मसाज औयल इस्तेमाल करें, साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि उसे नहलाते समय तेल उस के शरीर से पूरी तरह निकल जाए. ऐसा न होने पर उस के रोमछिद्र बंद हो सकते हैं और उसे हीट रैशेज की समस्या हो सकती है.

3. बेबी ड्रैस ऐंड रूम टैंपरेचर

आप को यह नई बात लग सकती है, मगर इस का ध्यान रखना जरूरी है. इस के लिए बारबार रूम टैंपरेचर चैक करने की जरूरत नहीं है, बस उसे ब्रीदिंग फैब्रिक वाले कपड़े पहनाएं. शिशु हैड और फेस के जरीए हीट रिलीज कर बौडी टैंपरेचर को नियंत्रित करता है, इसलिए उसे सुलाते समय उस का सिर और चेहरा कवर न करें. ऐसा करने से वह ओवरहीट हो सकता है. इस का शिशु की स्किन पर भी गहरा असर पड़ता है. सौफ्ट फैब्रिक न होने से जहां शिशु को स्किन इरिटेशन की समस्या हो सकती है, वहीं कमरा ज्यादा ठंडा होने से उस की स्किन ड्राई भी हो सकती है.

4. स्किन हाइजीन के लिए वाइप्स

ज्यादातर मांएं नवजात को ब्रैस्ट फीड कराने, डायपर बदलने या उस का मलमूत्र साफ करने के लिए कपड़े का इस्तेमाल करती हैं. ऐसा करना न सिर्फ शिशु के हाइजीन के लिए खतरनाक है, बल्कि उस की कोमल स्किन को भी नुकसान पहुंचाता है. कई बार तो सुबह से ले कर शाम तक शिशु के गले में एक ही बिब बंधा रहता है, जिस का इस्तेमाल दिनभर उस का मुंह साफ करने के लिए किया जाता है. ये सभी विकल्प शिशु की स्किन से कोमलता को छीन लेते हैं और उसे बैक्टीरिया के संपर्क में ला देते हैं. आजकल बाजार में खासतौर पर नवजात के लिए तैयार किए गए बेबी वेट वाइप्स उपलब्ध हैं, जो उस की स्किन को बिना नुकसान पहुंचाए उसे साफ करते हैं. इन के इस्तेमाल से शिशु की स्किन पर रैशेज भी नहीं पड़ते.

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ध्यान रखें कि जन्म से 1 साल तक नवजात की स्किन बेहद कोमल होती है और छोटीमोटी स्किन संबंधी समस्याओं के लिए स्किन बैरियर बना रही होती है. अत: इस दौरान उस की स्किन की ऐक्स्ट्रा केयर न की जाए तो उसे स्किन से जुड़ी कौमन प्रौब्लम्स का शिकार होना पड़ सकता है.

#coronavirus: हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुईं कनिका कपूर लेकिन खत्म नहीं हुई मुश्किलें

बौलीवुड सिंगर कनिका कपूर (Kanika Kapoor) हाल ही में कोरोना पौजिटिव आईं थीं, जिसके बाद कई टेस्ट लगातार पौजीटिव आए. लेकिन अब कनिका कपूर का छठा कोरोना वायरस टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वह औफिशियली तौर पर अस्पताल से घर वापस आ गई है. वहीं अभी भी उनकी मुसीबतें कम नहीं हुई हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है कनिका कपूर की आने वाली मुसीबतें …

 पुलिस करेगी कनिका कपूर से पूछताछ

बौलीवुड सिंगर कनिका कपूर (Kanika Kapoor) लखनऊ स्थित संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS) से डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी कनिका कपूर की मुश्किलें अभी तक खत्म नहीं हुई है. दरअसल बहुत जल्द लखनऊ पुलिस कनिका कपूर से पूछताछ करने वाली है, जिसके चलते लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने बताया है कि ‘कनिका कपूर को डिस्चार्ज कर दिया गया है और उनको 14 दिनों तक अपने घर अकेले रहना है. यह पीरियड खत्म होने के बाद लखनऊ पुलिस कनिका कपूर से पूछताछ करेगी.’

 

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मामला हुआ था दर्ज

 

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She’s cute👭😜 @tanyaganwani

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लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने आगे कहा है कि, ‘कनिका कपूर के खिलाफ लखनऊ के सरोजिनी नगर थाने में आईपीसी की धारा 188, 269 और 270 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.14 दिनों का क्वा रेंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद लखनऊ पुलिस उनसे पूछताछ करेगी. लापरवाही के चलते कनिका कपूर (Kanika Kapoor) के खिलाफ लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सरोजनी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. सरोजनी नगर थाने के अलावा कनिका कपूर के खिलाफ हजरतगंज और महानगर थाने में भी मामला दर्ज हुआ है.’

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बता दें कि लंदन से लौटने के बाद कनिका 3 बड़ी पार्टियों का हिस्सा बनी थीं. लोग कनिका पर आरोप लगा रहे है कि बढ़ते संक्रमण के बावजूद भी कनिका खुद को आइसोलेट नहीं रख पाई थीं. जिस वजह से लोगों को शक है कि यह वायरस औऱ भी लोगों में फैल चुका है. वहीं 5 स्टार होटल में कनिका कपूर के साथ राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अपने बेटे के साथ मौजूद थीं. साथ ही और भी कई बड़ी हस्तियां उस पार्टी का हिस्सा बनी थी. जिनमें से कुछ लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है.

#coronavirus: जानें क्या है खानपान से जुड़े वहम

कोरोना लौकडाउन के दौरान घरों में इकट्ठा परिवार के सदस्य तरहतरह की डिशें बनवाकर स्वाद के मजे ले रहे हैं. हालांकि, कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें जरूरतभर खाना नहीं मिल पा रहा. बहराल, यहां हम खानपान से जुड़ी कुछ भ्रांतियों पर रोशनी डालेंगे.

भोजन संबंधी पुरानी धारणाएं आज भी फिट बैठती हों, इसकी गारंटी नहीं मानी जा सकती. उन धारणाओं के मुताबिक, चलते रहना भी शरीर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. आज की तेज रफ्तार जिंदगी ने लोगों के खानपान को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. आजकल खाने के मामले में ज्यादातर लोगों का मानना यह है कि जो भी मिल जाए, उसी से पेट भर लो.

नतीजतन, कई तरह की सेहत संबंधी दिक्कतों ने लोगों को घेर लिया है. खानपान दुरुस्त करने की हड़बड़ाहट में लोग कई तरह की भ्रांतियों का शिकार हो जाते हैं. मसलन, मोटापे के शिकार व्यक्ति को यदि कोई बता दे कि खाना बंद कर देना है तो वह ऐसा करने लगता है. संतुलित भोजन न लेने पर पैदा होने वाली दिक्कतों से निबटने के लिए हर किसी की सलाह पर अमल कर लेना लोगों की आदत बन जाती है.

कई बार सलाह कारगर होती है तो कई बार सेहत पर इसका उलटा असर पड़ता है. सही जानकारी न होने की वजह से नुकसान होते रहने के बावजूद सलाह पर अमल करना जारी रहता है. आखिरकार, गंभीर नतीजे सामने आते हैं. कुल मिलाकर खानपान के मामले में बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है.

1. कैसा पानी पिएं

शहरों में आजकल बोतलबंद पानी का इस्तेमाल बहुत होने लगा है. बोतलबंद पानी को नल के पानी से अधिक पोषक बताकर बेचा जा रहा है. हालांकि, हकीकत यह है कि नल के पानी में बोतलबंद पानी से ज्यादा खनिज होते हैं. अहम बात यह है कि बोतलबंद पानी में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो हाई ब्लडप्रैशर की स्थिति पैदा कर सकती है.

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2. कनाई से कितना बचें

मौजूदा समय में चिकनाई को आदमी की सेहत के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है. यह काफी हद तक सही भी है, लेकिन इस प्रचार से प्रभावित होकर कई लोग चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों से पूरी तरह दूरी बना लेते हैं. इस स्थिति में सेहत पर उलटा असर पड़ता है. इंसान के जिस्म को एक दिन में कम से कम 25 ग्राम चिकनाई की तथा चिकनाई में घुलने वाले विटामिन ए, डी, ई, के एवं बीटा कैरोटीन के अवशोषण की जरूरत होती है. सो, सीमित मात्रा में चिकनाई का सेवन जरूरी है.

3. कच्ची सब्जियां कितनी जरूरी

कच्ची सब्जियां खाने की सलाह हर कोई हर किसी को दे देता है. जरा सोचिए, जिनका पेट कच्ची सब्जियों को पचाने की क्षमता न रखता हो, उनका क्या होगा! बुजुर्ग, बच्चे एवं पेट की गड़बड़ी से पीड़ित लोगों के लिए कच्ची सब्जियां फायदे की जगह नुकसान कर सकती हैं. इसलिए बेहतर होगा कि थोड़ा पकाने के बाद ही सब्जियों को खाएं.

4. प्रोटीन कितना फायदेमंद

आज के दौर में लोगों में काफी ज्यादा प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ लेने की होड़ लगी रहती है. खासकर खिलाड़ी प्रोटीन का बहुत ज्यादा सेवन करने की फिराक में रहते हैं. हकीकत यह है कि खिलाड़ियों को एक्सट्रा प्रोटीन की नहीं, बल्कि एक्सट्रा ऊर्जा की जरूरत पड़ती है.  ऊर्जा का सबसे अच्छा जरिया माना जाता है कार्बोहाइड्रेट. इस को रोटी, चावल, आलू वगैरह से हासिल किया जा सकता है. बहुत ज्यादा प्रोटीन हड्डियों से अधिक मात्रा में कैल्शियम की क्षति का कारण बन सकता है.

5. कितना लें नमक

सामान्यतया खाने में नमक की मात्रा का कोई तयशुदा मापदंड नहीं अपनाया जाता. कितने लोग हैं जो विश्व स्वाथ्य संगठन की सलाह के मुताबिक दिन भर में 6 ग्राम नमक तौलकर खाते हैं? अधिकतर लोग इससे ज्यादा ही नमक का इस्तेमाल करते हैं. जरूरत से ज्यादा नमक यों तो सभी के लिए नुकसानदायक है, मगर बच्चों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ता है. बच्चों के खाने में एक्सट्रा नमक उनमें निर्जलीकरण की समस्या पैदा कर सकता है.

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6. क्या जरूरी हैं पूरक विटामिन

आजकल कई लोग पूरक विटामिनों का सेवन करते हैं. इनमें ज्यादातर वे लोग हैं, जो आहार संबंधी खराब आदतों के शिकार होते हैं. ये लोग खानपान पर ध्यान देने के बजाय पूरक विटामिनों के सेवन से शरीर को दुरुस्त रखने में ज्यादा विश्वास करते हैं. ऐसे लोगों को एक बात दिमाग में बैठा लेनी चाहिए कि पूरक विटामिन कभी भी संतुलित आहार की जगह नहीं ले सकते. संतुलित आहार विटामिनों के साथ ही जिस्म की दूसरी जरूरतों की भी पूर्ति करता है जबकि पूरक विटामिनों के सेवन से ऐसा संभव नहीं है. इस प्रकार, ऊपर बताई गई बातों के मद्देनजर कोई भी इंसान अपने खानपान को आदर्श व पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर बनाने के साथ अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को ज्यादा मजबूत कर सकता है.

जब साथी से हो अनबन तो अपनाएं ये टिप्स

क्या आप अपने साथी से जो कुछ कहना चाहती हैं वो नहीं कह पा रही हैं. अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो आपको इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है. एक अध्ययन के अनुसार बातचीत करना ना केवल किसी रिश्ते को स्वस्थ और खुशहाल रखने के लिए बल्कि इसे सफल बनाने के लिए भी जरुरी है.

बहुत से लोग अपने साथी से बात करने में झिझकते हैं या परेशानी महसूस करते हैं. आपको बता दें कि एक सुचारु और सार्थक बातचीत के लिए अधिक शब्दों की आवश्यकता नहीं होती. हम आपको कुछ आसान टिप्स बता रहे हैं जिनके जरिए आप अपने साथी से अच्छे से बातचीत कर सकती हैं और अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकती हैं.

1. छोटी-छोटी बातचीत

अपने साथी से जुड़ी छोटी-छोटी चीजों में दिलचस्पी दिखाएं. उनसे हर छोटी बात के बारे में पूछे लेकिन याद रहें कि उन्हे इस बात का एहसास ना कराएं कि आप उन पर नजर रखने की कोशिश कर रही हैं. बल्कि उन्हें महसूस कराएं कि आप उनकी चिंता करती हैं और जो चीजें उन्हें पसंद हैं उन्हें आप भी पसंद करती हैं.

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2. सुनने की आदत डालें

किसी भी रिश्ते में बातचीत कम होने या खत्म होने के पीछे का बड़ा कारण यही होता है कि लोग एक-दूसरे की बात को धैर्य और शांति से सुनना नहीं चाहते. जिसके कारण आप ना तो खुद को व्यक्त कर पाती हैं और ना ही अपने साथी को समझ पाती हैं. आपके पार्टनर के लिए ये बेहतर अनुभव हो सकता है कि आप उनकी बात ध्यान से सुनती हैं और समझती भी हैं. आप अपने पार्टनर से बात कर रही हैं तो पहले उन्हें अच्छे से सुने उसके बाद ही प्रतिक्रिया दें. अगर आप किसी बात से असहमत हैं तो बीच में दखल देने की बजाय उनकी बात खत्म होने का इंतजार करें और फिर अपना पक्ष रखें.

3. उनके अनुभवों के बारे में पूछे और अपने अनुभव साझा करें

हाल ही के एक अध्ययन में पता चला है कि जब हम किसी व्यक्ति से अपने अनुभवों के बारे में बात करते हैं तो हम काफी करीब महसूस करते हैं. इस अध्ययन में देखा गया है कि जिन लोगों के रिश्तो में उलझने थी उन्होंने अपने रिलेशन को रिपेयर करने के लिए अपने बच्चों के बारे में बातचीत करना शुरु किया और अपने अच्छे अनुभवों को साझा किया. ऐसा जरुरी नहीं है कि आप इन अनुभवों को साझा करने के लिए शब्दों का ही इस्तेमाल करें.

4. बातचीत के दौरान पौजीटिव बौडी लैंग्वेज बनाएं रखें

पौजीटिव बौडी लैंग्वेज बनाने से आप बातचीत को सकारात्मक बना सकती हैं. अपने साथी से बात करते वक्त उनकी आंखों में आंखे डालकर बात करें, अपनी बौडी उनकी तरफ रखें और अपना पूरा ध्यान उन पर रखें. आप अपनी बातों को समझाने के लिए अपने हाथों को मूव कर सकती हैं. बात करते वक्त हाथ बांधकर ना खड़े हो.

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5. इंटिमेसी भी है जरुरी

किसी भी बातचीत के दौरान अपने साथी के साथ इंटिमेसी बना कर रखना भी जरुरी है. आप उनके जितना करीब होंगे उन्हें अपनी बात समझाने और उनकी बात समझने में उतनी ही आसानी होगी. इंटिमेट होने का मतलब केवल शारीरिक सम्बंधो से नहीं है. अपने साथी का हाथ पकड़ना, उन्हें गले लगाना और अधिक समय साथ रहना भी आपके बीच बातचीत बढ़ाने का जरिया हो सकता है.

#lockdown: मोदी के रहते भूल जाइए मीडिया की आजादी

अमेरिका से प्रकाशित विश्वप्रसिद्ध इंग्लिश दैनिक समाचारपत्र ने लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते भारत में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ माने जाने वाले प्रेस की आजादी को भूल जाइए.

अप्रैल 2, 2020 डेटलाइन से न्यूयार्क टाइम्स ने अपनी एक विशेष रिपोर्ट में भारतीय पत्रकारों से की गई बातचीत के आधार पर लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के भीतर मीडिया के बड़े भाग पर नियंत्रण करने की कोशिश की है जैसा दशकों से दूसरे नेता भी करते आए हैं.

करोना वायरस फैलने के बाद तो मोदी और भी मुखर हो गए हैं और उनकी सरकार ने बड़े मीडिया संस्थानों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे सरकार की कोशिशों के बारे में सकारात्मक और उत्साहजनक बातें ही छापें.

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अमेरिकी अखबार ने लिखा कि मोदी सरकार के मंत्री कार्पोरेट सेक्टर की मदद से उन मीडिया संस्थानों को ध्वस्त कर देने की कोशिश करते हैं जो आज़ाद हैं. आज़ाद मीडियाकर्मियों को रिपोर्टिंग से रोका जाता है. उन्हें उन इलाक़ों में जाने नहीं दिया जाता जहां कोई विवाद चल रहा है. विदेशी पत्रकारों को वीज़ा देने में आनाकानी की जाती है.

भारत सरकार का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय टीवी चैनलों, समाचारपत्रों व दूसरे मीडिया संस्थानों को अकसर निर्देश देता रहता है कि वे क्या न दिखाएं, क्या न प्रकाशित करें.

‌‌ जम्मू व कश्मीर में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, मगर सरकार ने अपने तौर पर यह सुनिश्चित कर लिया है कि इन घटनाओं की रिपोर्टिंग न होने पाए.

मीडिया की मदद से मोदी ने ख़ुद को राष्ट्र के मोक्षदाता के रूप में पेश करने की कोशिश की है. मोदी सरकार के मंत्रियों की ओर से मीडिया पर भारी दबाव होता है कि वह सत्ताधारी भाजपा की कोई भी आलोचना न करे जो देश को चरमपंथी हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश में है.

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न्यूयौर्क टाइम्स के मुताबिक, भारत के एक वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि भारतीय मीडिया अब सरकार की रखवाली करने वाला कुत्ता नहीं, बल्कि सरकार के टुकड़ों पर पलने वाला कुत्ता बनकर रह गया है. मीडिया अब सरकार की आलोचना करने के बजाय उसकी सेवा करने में जुटा है.

यह याद रहे कि वर्ष 1947 से ब्रिटिश शासन से आजादी हासिल करने के बाद से देश में लोकतंत्र की रक्षा में मीडिया ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

Lockdown के बीच दोस्तों संग Bachelorette Party मनातीं दिखीं Ishqbaaaz फेम Niti Taylor, देखें फोटोज

टीवी सीरियल इश्कबाज (Ishqbaaaz)फेम एक्ट्रेस नीति टेलर (Niti Taylor) इन दिनों अपनी शादी को लेकर सुर्खियों में हैं. हाल ही में नीति टेलर की कुछ फोटोज वायरल हुई थी, जिसमें वह इंडियन लुक में नजर आईं थी, जिसके बाद उनके फैंस उनसे सवाल पूछ रहे थे कि वह कब शादी करेंगी, लेकिन हाल ही में नीति बैचलर पार्टी (Bachelorette Party) करती दिखीं, जिससे पता चल रहा है कि वह जल्दी ही दुल्हनिया बनने वाली है. आइए आपको दिखाते हैं उनकी बैचलर पार्टी की खास फोटोज….

बचपन के दोस्त से शादी कर रही हैं नीति

एक्ट्रेस नीति टेलर अपने बचपन के दोस्त और लवर परीक्षित बावा संग शादी करने वाली हैं. इसी के चलते नीति अपने दोस्तों के साथ बैचलर पार्टी और ब्राइडल शावर एन्जौय करती नजर आईं.

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दोस्तों संग बैचलर पार्टी करती दिखीं नीति

 

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Things I didn’t PUT up💓 With my crazy two👯‍♀️ @renee.mallick @ananyag8 . #part1

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लौकडाउन के दौरान नीति टेलर बीते दिन अपने खास दोस्तों के साथ बैचलर पार्टी एन्जौय करती दिखीं. हालांकि इस दौरान ज्यादा लोग की बजाय सिर्फ 4 दोस्तों के बीच नीति टेलर ने अपनी शादी से पहले मस्ती भरे पल बिताए.

दुल्हन बनने से पहले ऐसे बिताई शाम

 

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Family❤️ #part2

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बेचलर पार्टी के दौरान नीति टेलर ने दुल्हन बनने से पहले दोस्तों संग जमकर एन्जॉय किया. साथ ही वह अपने दोस्तों संग कई फोटोज क्लिक भी करवाती दिखीं. वहीं इससे एक दिन पहले अदाकारा ने अपने दोस्तों के साथ ब्राइडल शावर एन्जॉय भी किया था.

क्यूट लुक में दिखीं नीति

 

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I only wear Earrings on days ending with “Y”💕 #loveforearrings Earrings- @fashion_diaries09 Camera – @myhappyplanet

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बेचलर पार्टी के दौरान नीति इन फोटोज में बेहद प्यारी लग रही थीं, उनका ये लुक और दूसरी ब्राइड के लिए भी खूबसूरत है.

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बता दें, हाल ही में शादी की रस्में होते ही फोटोज नीति अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने फैंस के लिए लगातार शेयर कर रही हैं. नीति शादी के हर रस्म में नए-नए आउटफिट्स में नजर आ रही हैं, जिसमें वह बेहद खूबसूरत दिख रही हैं. साथ ही वह अपनी शादी से जुड़ी हर फोटोज को अपने फैंस के लिए आगे भी शेयर करेंगी.

#lockdown: घर से ही सीरियल की शूटिंग कर रही है ‘नायरा’, फैमिली बनीं क्रू-मेंबर

टीवी सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की नायरा यानी शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) इन दिनों लौकडाउन के कारण अपनी फैमिली के साथ वक्त बिता रहे हैं. जहां एक तरफ पूरा देश लौकडाउन के कारण बंद है तो वहीं फिल्मों और सीरियल की शूटिंग पर रोक लग गई है. इसी बीच नायरा यानी शिवांगी (Shivangi Joshi) घर पर ही  सीरियल की शूटिंग करती नजर आईं. आइए आपको दिखाते हैं आखिर किस तरह शूटिंग कर रही हैं शिवांगी…..

देहरादून में कर रहीं हैं सीरियल की शूटिंग

नायरा यानी शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) लौकडाउन के चलते अपने होमटाउन देहरादून में अपने टीवी शो के शूटिंग में दिन रात लगी हुई हैं. शो के प्रोड्यूसर राजन शाही ने एक तरीका निकाला है, जिसके कारण शिवांगी सेट पर आए बिना ही सीरियल के लिए शूट कर रही हैं.

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फैमिली दे रही है साथ

शिवांगी जोशी ने एक इंटरव्यू में बताया कि प्रोड्यूसर की तरकीब के चलते एक्टर और एक्ट्रेसेस बाकी लोगों की तरह वर्क फ्रौम होम की तरह काम कर पा रहे हैं, जिसमें उनके परिवार वाले साथ दे रहे हैं. साथ ही टीवी शो के लिए क्रू मेंबर की तरह अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाल रहे है.

 

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‘लॉकडाउन के चलते हम अपने घर से ही काम कर रहे है और घर से ही शूटिंग कर रहे हैं। मैं अपने कैनन 3डी कैमरे से शूट करती हूं और फिर इसे क्रिएटिव टीम को सौंप देती हूं. मैं देहरादून में हूं. इसीलिए अपनी बहन के कपड़ों का ही इस्तेमाल कर रही हूं. मेरा भाई कैमरामेन की तरह मदद करता है और भाभी लाइटमैन की तरह जिम्मेदारी संभालती हैं. स्क्रिप्ट मुझे मेल कर दी जाती है, जिसके कारण हम शूटिंग कर पा रहे हैं’

बता दें, शिवांगी जोशी इन दिनों टिकटौक पर छाई हुई हैं. वह अक्सर अपनी फैमिली के साथ टिकटौक वीडियो शेयर करती रहती हैं और लौकडाउन में खूब मस्ती करती हैं.

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