#coronavirus: धर्म बड़ा या विज्ञान?

आज दुनियाँ संकट में है. कोरोना के कहर से पूरी मानवता घुटनों पर है.दुनियाँ के सबसे बड़े धर्म यानी क्रिश्चियन की सबसे पवित्र कही जाने वाली वेटिकन सिटी पर ताला लटक गया है.सबसे बड़ा धर्मगुरु अर्थात पॉप कहीं छुप गया है.

दुनिया का दूसरा बड़ा धर्म है इस्लाम है.पवित्र कही जाने वाली भूमि अर्थात काबा भी लॉकडाउन हो गया है मुल्ला लोग कहीं नजर नहीं आ रहे है.तीसरा बड़ा धर्म है हिन्दू उसके भी चारो धाम और वैष्णों देवी से लेकर तिरुपति, उज्जैन से लेकर शिरडी तक लॉक-डाउन है.

इन चर्च,मस्जिद,मंदिरों को बंद करने के पीछे तर्क दिया गया कि जनहित में बंद किया जा रहा है.अगर जनता के हित मे बंद करना था तो इनको किसके हित मे खोला गया था?आज मानवता पर गंभीर संकट आया तो यीशु,अल्लाह,ईश्वर सब भाग खड़े हुए.खुले है तो सिर्फ अस्पताल और अस्पताल को धर्म ने नहीं विज्ञान ने बनाया है.

महान वैज्ञानिक रिचर्ड हॉकिन्स ने ईश्वर के अस्तित्व को कभी स्वीकार नहीं किया.उन्होंने ब्रह्मांड को लेकर ब्लैक होल सिद्धांत प्रतिपादित किया.उन्होंने ब्रह्मांड निर्माण की प्रक्रिया बताई.21वीं सदी के नास्तिकों की बात करें तो सबसे बड़ा नाम आता है किस्तोंपर हीचेन.हीचेन ने “God is not great” नाम से एक किताब लिखी.

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“God is not great”नामक किताब में हीचेन ने सैंकड़ों उदाहरण देकर बताया कि मानवता पर जब भी बड़ी आपदा आई तब ये यीशु,अल्लाह,भगवान रोकने/बचाने में पूरी तरह नाकामयाब रहे.त्रासदी के बाद भी मानवता की सेवा में कहीं नजर नहीं आये.

उत्तराखंड में जब बाढ़ आई तो केदारनाथ खुद अपना मंदिर बचाने में असफल हो गए.गुजरात के भुज में जब भूकंप आया तो द्वारकाधीश कहीं नजर नहीं आये.

मानव जाति में जो खुद को यीशु,अल्लाह,ईश्वर का प्रतिनिधि समझते है और किसी बगैर काल्पनिक सहारे के  जी नहीं सकते उन्होंने 95%बुद्धिहीनों की जमात तैयार कर रखी है.जब भी मानवता पर गंभीर संकट आता है तो धर्मखोर प्रतिनिधि छुप जाते है और इनके द्वारा जाल में फंसाई बुद्धिहीनों की भीड़ किसी सहारे को प्राप्त करने के लिए इधर-उधर भागने लगती है.

दुनियाँ पर जब भी संकट आता है तब वैज्ञानिक सोच के 5%लोग इनका तारणहार बनते है.बाढ़, भूकंप,कोरोना आदि को प्रकृति पैदा करती है,यीशु,अल्लाह,गॉड इनका कुछ नहीं कर सकते है.इन पर नियंत्रण करने के लिए विज्ञान आगे आता है.आज अल्लाह,ईश्वर,गॉड कहीं नजर नहीं आ रहे है.मैदान में खड़ी नजर आती है तो सिर्फ और सिर्फ विज्ञान.

5%लोग विज्ञान की छड़ी लेकर मानवता को बचाने के प्रयास में लगे हुए है.सब धर्म स्थल ताला लगाकर भागने लगे तो विज्ञान द्वारा स्थापित अस्पताल ने आव्हान किया कि जब भी परेशानी महसूस करो तो आओ हमारी दर पर.कोरोना का विज्ञान अभी तक सहारा है समाधान नहीं मगर वैज्ञानिक सोच को पूर्ण रूप से आश्वस्त है कि इसका इलाज खोज लिया जायेगा.आस्तिकता बुद्धिहीनों द्वारा निर्मित काल्पनिकता में भटककर माथा फोड़ने में नहीं, बल्कि मानवता पर गंभीर संकट आये तो हकीकत के धरातल पर खड़े होकर समाधान खोजने के प्रति आश्वस्त होने में है.

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आज दुनियाँ के वैज्ञानिक कोरोना की दवा खोजने में चौबीसों घंटे लगे हुए है और धर्मखोर पीछे छुपकर इस इंतजार में है कि जैसे ही इलाज खोजने की खबर मिल जाएं वैसे ही अपनी काल्पनिक कहानियां रचने की दुबारा शुरुआत करें!प्रकृति बुद्धिहीनों को आइना दिखाती है और धर्म की नींव हिला देती है.विज्ञान समाधान खोजती है और धर्मखोर फिर से हिली हुई नींव को जमाने के षड्यंत्र में लग जाते है.

#lockdown: घर बैठे काम करने में ट्राय करें ये टिप्स

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने और पूरे समाज में इसको फैलने से बचने के लिए, देश भर की कम्पनियों ने टेलीकॉमिंग को लागू किया है. बहुत से लोगों के लिए, घर से काम करना रोमांचक होने की आशा है. घर बैठे काम करने पर ना तो आपको ऑफिस तक का सफर करना होगा और न ही आपका कोई साथी कंधे पर हाथ मार कर आपसे हाल पूछेगा .

आप अपनी ही जगह पर बैठ कर शांति से अपने दफ्तर के काम निपटा सकेंगे.  दूसरों के लिए, यह काफी डराने वाला हो सकता है खासकर अगर आपकों बच्चों की देखभाल करनी हो या घर से काम करने  का अनुभव नहीं हो. सही मानसिकता और गैजेट्स के साथ, घर से काम करना एक आकर्षण की तरह काम करता है. आइए हम कुछ बातों पर ध्यान देते हैं जिनसे आपको घर पर काम करने के लिए मदद मिल सकेगी.

1. घर में काम करने की जगह खोजें

भले ही आपके घर में अलग से  कोई रूम न हो लेकिन काम करने के लिए एक सैपरेट जगह तलाशें. ताकि आप अपने काम को बिना किसी रुकावट के कर सकते हैं. सेटअप को खोजने में कुछ समय लग सकता है और जितना संभव हो सके आपके ऑफिस सेटअप से मिलता जुलता हो. जरूरी नहीं कि वह निजी कक्ष ही हो .सोफे और बिस्तर से दूर एक अलग स्थान उचित है.

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2. अपने पूरे दिन की योजना बनाएं

अपने काम करने की प्रायोरिटी के हिसाब से कामों की एक सूची तैयार करें. इससे न केवल यह आपको ध्यान केंद्रित रखने में मदद करेगा. लिस्ट रिव्यू करें . ताकि समय से अपना काम शुरू कर सके और समय पर पूरा भी. दिन के आखिर में अपनी दिन भर किये वर्क को रिव्यू करें और यदि काम समय पर पूरा नहीं हो पाया है , तो अगले दिन किए जाने वाले कामों कीी प्रायोरिटी लिस्ट  तैयार करें. यह भी तय करें कि आप अपने शेड्यूल से कितना जुड़े रहते हैं. यदि आप इसे बदलते रहेंगे, तो आपको मानसिक और शारीरिक रूप से तालमेल बनाना मुश्किल होगा.

3. ड्रेसअप रहे

यदि आप फॉर्मल कपड़े नहीं पहनना चाहते हैं, तो आपके लिए यह भी सुझाव है कि घर पर पहने जाने वाले कपड़े पहन कर भी काम न करें .यह आपको अजीब लगेगा. ऑफिस फीलिंग नहीं आएगी.लेकिन यदि जीन्स के साथ जूते और आरामदायक शर्ट पहनेंगे तो यह आपको अवकाश से अलग काम करने मंे मददगार होगा. आपको बहुत महंगे जूते पहनने की भी जरूरत नहीं. यहां तक कि फ्लिप फ्लॉप, स्नीकर्स या किसी अन्य आरामदायक फुटवियर पहन कर भी आप काम कर सकते हैं.

4. अपने बच्चों को व्यस्त रखें

हो सकता है कि आप को ऑफिस जैसा माहौल ना मिल पाए. जब आपको अपने बच्चों की देखभाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी निभानी हो . ऐसे में तय करें कि आप अपने काम के समय के आसपास उनको व्यस्तत रखें. ताकि आप का काम बाधित न हों. अपने काम के कैलेंडर के आधार पर अपने पति के साथ अपने बच्चे के कार्य को विभाजित करें. अपने सहकर्मियों के टच में रहें .ताकि वे आपकी स्थिति के बारे में अधिक समझ सकें.

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यह आपके घर और कामकाजी जीवन के बीच तालमेल अच्छी होनी चाहिए. यदि आप इसकी योजना बनाते हैं, अच्छी तरह से संवाद करते हैं, और सेल्फ डिसिप्लेन का अभ्यास करती हैं, तो कोई कारण नहीं है कि आप अपनी पेशेवर और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों को आसानी से मैनेज करने में सक्षम नहीं होंगी.

केवल कपूर, डायरेक्टर एण्ड क्रिएटिव स्टरटेजिक, चाई क्रिएटिव एण्ड रिटर्न औफ मिलियन स्माइल्स

#coronavirus: सेहत के लिए फायदेमंद है सब्जियों के ये जूस

इन दिनों कोरोना का कहर पूरे देश में फैला हुआ है. पूरा विश्व इस महामारी से डरा हुआ है. लेकिन आपको डरने की जरूरत नहीं है आपको अपने इम्यूनिटी पर ध्यान देना है तो ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी खाने की चीजों के बारे में जो आपकी इम्यूनिटी के लिए अच्छी होगी.

जिन लोगों को हरी सब्‍जियां नहीं अच्‍छी लगती वे लोग इसका जूस पी सकते हैं. फल और सब्‍जी के जूस की दोनों ही अलग होते हैं. जहां फल को जूसर के माध्‍यम से निकाला जाता है वहीं सब्‍जियों को मिक्‍सर में पीस कर निकाला जाता है. इससे सब्‍जियों में खूब सारा फाइबर आ जाता है, जो कि पेट और शरीर के लिये अच्‍छा होता है. ऐसी कई प्रकार की सब्‍जियां हैं जिनका जूस आप बना कर पी सकते हैं. तो आइये जानते हैं कि सब्‍जियों के कौन कौन से जूस हमें पीने चाहिये जिससे हमारा स्‍वास्‍थ्‍य बना रहे और त्‍वचा में निखार आए.  तो आईये जानते है कौन से सब्जी का जूस कैसे फायेदेमंद है :-

1. पालक जूस

जो लोग डायटिंग कर रहे हैं उनके लिये यह जूस बहुत उपयोगी हो सकता है. यह विटामिन और प्रोटीन से भरा रहता है इसलिये इसे पीने से स्‍वस्‍थ्‍य बाल, त्‍वचा और आंखें प्राप्‍त होती हैं.

2. लौकी जूस

इसका जूस मोटापा, उच्चरक्तचाप, अम्लपित्त पित्तज रोगों, हृदयरोग एवं कोलेस्ट्रॉल को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसे सीमित मात्रा में पिये और अगर यह कड़वी है तो इसे ना पिये.

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3. हरी धनिया का जूस

यह शरीर का मैटाबॉलिज्‍म बढाती है और शरीर से गंदगी को बाहर निकालती है. साथ में यह खून की कमी को भी पूरा करती है.

4. आम रस

गर्मियों के दिनों में आम का खट्टा रस शरीर को पूरी तरह से तर करता है और शरीर को सूरज की धूप से लडने की सहायता करता है.

5. खीरे का जूस

यदि आपको मोटापा कम करना है और स्‍किन को चमकदार बनाना है तो खीरे का जूस रोज पीजिये. यह आसानी से पच भी जाता है और शरीर को अंदर से साफ भी करता है.

6. करेले का जूस

करेले का जूस मधुमेह को ठीक करता है और साथ में शरीर में जमी चर्बी को भी बाहर निकालता है. यदि आपको यह जूस पीने में कडुआ लग रहा है तो आप इसमें नींबू का रस मिला सकते हैं.

7. गोभी की पत्‍तियों का जूस

इस फल में विटामिन ए,सी, ई, के, कैल्‍शियम, आयरन और आमेगा 3 फैटी एसिड होता है. इसका जूस शरीर और त्‍वचा के लिये बड़ा ही अच्‍छा होता है.

8. एवोकैडो जूस

इसमें स्‍वास्‍थ्‍य और त्‍वचा को सुधारने वाले तत्‍व होते हैं. आप इसका रस रोज ही पी सकते हैं, इससे आपकी त्‍वचा चमक उठेगी .

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9. ब्रोकली जूस

इस हरी सब्‍जी में लोहा, प्रोटीन, कैल्‍शियम, कार्बोहाइड्रेट, क्रोमियम, विटामिन ए और सी पाया जाता है. इसका जूस पीने से चमकदार त्‍वचा मिलती है और कैंसर से लड़ने में सहायता भी.

Lockdown: 40 दिन की हुई शिल्पा शेट्टी की बेटी तो शेयर की फैमिली फोटो, लेकिन इस बात का है अफसोस  

शिल्पा शेट्टी इसी साल फरवरी में बेटी की मां बनी हैं. शिल्पा की बेटी सेरोगेसी के जरिए हुई हैं. शिल्पा ने अब हाल ही में परिवार के साथ फोटो शेयर की है. इस फोटो में शिल्पा के साथ उनके पति राज कुंद्रा, बेटा और बेटी साथ हैं.

फोटो को शेयर करते हुए शिल्पा ने कहा, ‘शमिशा 40 दिन की हो गई है. किसी भी मां और बच्चे के लिए ये पहला मील का पत्थर है. वैसे तो होना ये चाहिए कि हमें शमिशा को कुछ परंपराओं को निभाने के लिए घर से बाहर निकालना चाहिए लेकिन अभी ऐसा करना सही नहीं होगा.

 

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?Samisha Shetty Kundra completes 40 days today? The first milestone for a mother and child, revered in Hinduism. ? Ideally, as a ritual we would have “stepped out of the house for the “FIRST” time and taken her to a temple for blessings, but as things stand today don’t have that option. Hence, will seek blessings at our mandir at home. It only makes me realise that there are so many other things we should be grateful for even if some things don’t go as per plan. So, for the next 20 days, I’m going to document one thing that I’m grateful for EVERY DAY. Starting with TODAY, I’m so grateful for just having a healthy family by my side. Let’s use this time to thank the universe for all the wonderful things and daily manifest positivity in our lives. Do join me in this exercise stating what YOU are grateful for. Tell me in the comments below or post something on your handle.?❤️? Love and Gratitude, SSK . . . . . #SamishaShettyKundra #20DaysOfGratefulness #gratitude #blessed #family #40days #milestones #thankful #love

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शिल्पा ने आगे लिखा, लेकिन इन दिनों हालात सही नहीं है इसलिए हम उसे अपने घर में ही आशीर्वाद दिलाएंगे. इससे मुझे इस बात का एहसास हुआ कि हमारे जीवन में जो भी चीजें हैं उसका शुक्रगुजार होना चाहिए. तो अगले 20 दिनों तक मैं हर उस चीज को नोट करने वाली हूं जिसकी मैं इस वक्त शुक्रगुजार हूं. मैं शुक्रगुजार हूं कि मेरे पास एक हंसता खेलता परिवार है.

 

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Cleaning and tending to the garden for these last few days. This lockdown time has made me realise and remember that having help in any form is one of those few things we should always appreciate. Our lives become so much easier because of all our house help/staff but unfortunately, sometimes we only realise this in times like these. Today, I’m grateful for every single person who has made life easier for us in their own way. It is because of them that we can enjoy the gift of time to go out and pursue our dreams. When life gets back to normal, don’t forget to let them know that you value them. . . . . . #20DaysOfGratefulness #SwasthRahoMastRaho #GetFit2020 #stayhome #staysafe #blessed #gratitude #quarantinelife #selfisolation

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5 साल से दूसरे बच्चे के लिए कर रही थीं ट्राई…

कुछ दिनों पहले शिल्पा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वह और राज 5 साल से दूसरे बच्चे के लिए ट्राई कर रहे थे. शिल्पा ने कहा था कि वह हमेशा से एक बेटी चाहती थीं और जब वह 21 साल की थीं तभी उन्होंने अपनी बेटी के लिए नाम समिशा सोच लिया था.

शिल्पा ने अपनी बेटी समीशा के नाम का मतलब बताते हुए कहा था, ‘समीशा संस्कृत शब्द SA (सा) से बना है जिसका मतलब ‘होना’ है, वहीं ‘मिशा’ का रूसी भाषा में मतलब है ‘भगवान की तरह कोई. आप इस नाम को हमारी देवी लक्ष्मी समझ सकते हैं.’

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#lockdown: ब्यॉयफ्रैंड के Birthday पर मंगेतर ने दिया सरप्राइज गिफ्ट, दुनिया कर रही तारीफ

एक समय ही है जो कभी ठहरता नहीं है. आपने भी बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि समय बहुत बलवान होता, चाहे दुख की घड़ी हो या फिर सुख के पल, कुछ भी हमेशा के लिए नहीं होता है. यह हमारे उपर डिपैंड करता है कि किस क्षण को किस रूप में लेना है. सुख के पल को तो हम सभी मिलकर एंजौय करते हैं लेकिन जैसे ही कोई कठिन परिस्थिति आती है हम घबरा जाते हैं. जबकि हमें इसे भी सकारात्मक रूप में लेकर ये सोचना चाहिए कि बुरा वक्त भी कट जाएगा और सब ठीक हो जाएगा.

कोरोना के कारण एक तरफ जहां दुनिया थम सी गई हैं वहीं कुछ लोग इस समय को भी अपने-अपने तरीके से मजेदार बना रहे हैं और लोगों को मोटिवेट करने का काम कर रहे हैं. कोरोना को हराने के लिए देश भर में लौकडाउन है, लेकिन तारीख कब रूकी है जो अब रूकेगी. ऐसे में कई लोगों के बर्थ डे और एनिवर्सिरी की तारीख आनी भी तय  है. हमारे सामने कई लोगों के उदाहरण आए जिन्होंने अपना बर्थ डे सेलेब्रेट नहीं किया, लेकिन बात जब प्यार की होती है सारे दुनिया एक तरफ और प्यार एक तरफ. जब दो लोग सच्चे प्यार में होते हैं तो एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं. छोटी से छोटी बात का भी ध्यान रखते हैं और ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते जब अपने पार्टनर को स्पैशल महसूस करवा सकें. ऐसे में जब पार्टनर का बर्थ डे हो तो क्या ही कहने.

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कपल्स एक महीने पहले से ही बर्थ डे की तैयारी में जुट जाते हैं और अपने पार्टनर को सबसे स्पैशल गिफ्ट देना चाहते हैं. लेकिन जब हालात लौकडाउन जैसे हों तो सारी प्लानिंग फेल हो जाती है. हम ऐसे ही एक कपल की बात कर रहे हैं जो बर्थ डे मनाने के तरीके को लेकर लोगों से तारीफ बटोर रहे हैं.

दरअसल, Hannah Chugh कैलिफोर्निया में रहते हैं. मौका था इनके जन्मदिन का और इनकी मंगेतर इन्हें कुछ खास तोहफा देना चाहती थीं लेकिन ऐसे समय में वह तोहफा लाती तो लाती कहां से. बंद घर में रहने के बावजूद उनकी मंगेतर ने गिप्ट देने की ठानी और घर बैठे पूरी प्लानिंग कर डाली और ऐसा सरप्राइज गिफ्ट दिया कि पूरा दुनिया कहने लगी भई ऐसी गर्लफ्रैंड सभी को मिलनी चाहिए. दरअसल, मंगेतर ने उनके अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के घरों में दरवाजे के नीचे से नोट्स डालें.  लगभग 76 नोट्स घरों में पहुंच गए. उन्होंने नोट्स पर लोगों से रिक्वैस्ट की थी कि, Hannah के खिड़की खोलते ही सभी लोग अपने घरों की खिड़की से हैपी बर्थ डे विश करें. लोगों ने भी ठीक वैसे ही किया, जैसे ही हनाह ने खिड़की खोली सभी लोगों ने हैपी बर्थ डे गाना शुरू कर दिया. साथ ही लोगों ने वीडियो शूट करके उनकी गर्लफ्रैंड को भी भेजा.

इस वीडियो को हनाह ने अपने इंस्टा अकाउंट पर भी शेयर किया है. जिसे पूरी दुनिया देख रही है, लोगों ने कमेंट कर उन्हें बर्थ डे विश किया है और उनकी मंगेतर की तारीफ भी कर रहे हैं. आप भी याद रखिए ये तारीखें भी निकल जाएगी और कोरोना भी हार जाएगा. घर पर रहिए और सकारात्मक सोच के साथ अपनों के साथ समय व्यतीत कीजिए.

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#coronavirus: किसी जगह पर कितनी देर तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस

कोरोना वायरस फैलने के साथ ही किसी भी जगह को छूने से हम कतरा रहे हैं. हमारे मन में यह डर बैठ गया है कि किसी चीज को छूने से यह वायरस हमारे अंदर ना आ जाए. कोई कोहनी से दरवाजा खोल रहा है तो कोई लिफ्ट का स्विच. लोग टिशू  पेपर से नल बंद कर रहे हैं. हर तरफ साफ-सफाई पर जोर दिया जा रहा है, घर से काम करने वाले कर्मचारी भी लैबटौप और की-बोर्ड को सैनेटाइज कर रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि यह वायरस किस जगह पर कितनी देर तक टिक सकता है. यहां हम आपको इस बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, कई जगहों पर इनफेक्शन को रोकने वाली दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है और लौकडाउन में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रोटेक्टिव कपड़े भेजे जा रहे हैं. वहीं कुछ शहरों में रात के समय कैश मशीनों (एटीएम) के की-पैड्स को साफ़ किया जा रहा है.

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बता दें कि फ़्लू जैसे दूसरे वायरस की तरह कोविड-19  भी संक्रमित शख़्स के छींकने या खांसने के जरिए मुंह और नाक से निकलने वाली बूंदों से भी फैलता है. दरअसल, एक बार की छींक से लगभग तीन हजार बूंदें पैदा हो सकती हैं. ये कण दूसरे लोगों पर, उनके कपड़ों या उनके इर्द-गिर्द सतह पर गिर सकते हैं. हालांकि, कुछ छोटे पार्टिकल्स हवा में भी रह सकते हैं.

इस बात का भी प्रूफ मिला है कि कोरोना वायरस लंबे समय तक मल पर टिक सकता है, इसलिए टौयलेट से आने वाले को शख्स को अच्छी तरह से अफने हाथों को धोना चाहिए. अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसके संपर्क में आने वाली दूसरी चीजें भी संक्रमित हो सकती हैं.

बता दें कि, सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC), वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन (WHO) और दूसरे अन्य स्वास्थ्य संस्थानों का कहना है कि, इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बार-बार हाथ धोना और छुई जाने वाली सतहों को रोज़ साफ़ करना जरूरी है.

कितने वक़्त तक कोविड-19 शरीर के बाहर रहता है जिंदा

इस बीच लोग यह जानना चाहते हैं कि आख़िर कितने वक़्त तक कोविड-19 व्यक्ति शरीर के बाहर जीवित रह सकता है. इस सवाल के जवाब के लिए जब हम, सार्स और मर्स जैसे दूसरे कोरोना वायरस पर हुए कुछ रिसर्च पर नजर डालते हैं तो, यह पता चलता है कि ये मेटल, ग्लास और प्लास्टिक पर नौ दिन तक जीवित रह सकते हैं. साथ ही कम तापमान में कुछ वायरस 28 दिन तक भी टिके रह सकते हैं. वहीं कोरोना वायरस अपने अनुकूल माहौल में मज़बूती से टिके रहने के लिए जाना जाता है.

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ज़िन्दगी –एक पहेली: भाग-7

पिछला भाग- ज़िन्दगी-एक पहेली: भाग-6

अविरल ने अनु की डायरी के बारे में किसी को कुछ न बताने का निश्चय किया.अविरल ने अकेले में अनु की डायरी पढ़नी शुरू की. डायरी पढ़ते ही अविरल को पता चला कि अनु रातों दिन पढ़ाई में लगी रहती थी।वो अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा परेशान रहा करती थी. अगर अनु किसी दिन अच्छी तरह पढ़ नहीं पाती तो वह अपनी डायरी में लिखकर अपने आपको  कोसती .अनु का अकेलापन डायरी में बिलकुल साफ झलक रहा  था.

अविरल के मम्मी पापा ने न चाहते हुए भी अनु का एड्मिशन हॉस्टल में कराया था क्योंकि अनु की  मौसी के घर में पढ़ाई का माहौल नहीं था और उन्होंने सोचा की जब भी अनु का मन करेगा तो वह अपनी मौसी के घर चली जाएगी.

अनु की  मौसी और मामा दिल्ली में ही रहते थे लेकिन फिर भी अनु को इतना अकेलापन.यह बात अविरल को अटक सी गयी.वह डायरी को आगे पढ़ने लगा तो उसे पता चला कि हॉस्टल में पहुँचने के बाद अनु की दोस्ती एक लड़की(स्वाती) से हुई जो कि उसकी रूममेट भी थी.वह बहुत अच्छी थी.उसका एक  दोस्त(अरविंद) था जो दिल्ली में ही रहता था और उसी कॉलेज में पढ़ता था.अरविंद और स्वाति एक ही कॉलेज में थे इसलिए अक्सर उनका मिलना- जुलना हो जाता था. चूंकि अनु स्वाति की दोस्त थी इसलिए कभी- कभार वो अरविंद से बात कर लेती थी. धीरे-धीरे अरविंद अनु को पसंद करने लगा था. उसने इस बारे में स्वाती को बताया.तो स्वाती भी उसका साथ देने को तैयार हो गयी.स्वाती ने अनु को यह बात बताई लेकिन अनु का तो केवल एक ही सपना था….  अपने पापा का सपना पूरा करना कि “अनु देश कि सबसे अच्छी डॉक्टर बने”.अनु के पास तो इन सबके लिए टाइम ही नहीं था तो उसने स्वाती को सारी बात बताकर मना कर दिया।

लेकिन अरविंद की दीवानगी धीरे-धीरे कब एक ज़िद में बदल गयी इसका एहसास अनु को तब हुआ जब अरविन्द ने  अपने और अनु को लेकर झूठी अफवाह पूरे  कॉलेज में फैला दी.जिससे अनु को बहुत दुख हुआ.अनु ने अपने पापा को सब बताने कि कोशिश भी की लेकिन पापा और परेशान न हों इसलिए उसने सोचा की मै खुद ही हैंडल कर लूँगी.पर जब बात हद से ज्यादा बढ़ने लगी तो उसने मौसी लोगों से मदद लेने को सोचा।

अगले ही संडे वह मौसी के घर गयी.वो जैसे ही घर पहुंची वैसे ही सब लोगों ने उस पर comment करना शुरू कर दिया. अनु को कुछ समझ नहीं आया और वह अंदर चली गयी.थोड़ी देर बाद जब सभी लोग हाल में बैठे, अनु ने बताने का सोचा तब उसे पता चला कि उन्हे पहले से ही सबकुछ पता है।दरसल अमन का दोस्त अनु के कॉलेज में उसका सीनियर था और उसी ने नमक- मिर्च लगाकर वो सारी बातें अनु की मौसी के घर बता दी. सभी ने अनु को बुरा भला कहना शुरू कर दिया.किसी ने अनु कि कोई बात नहीं सुनी और उसे ही कसूरवार ठहरा दिया गया.अनु बहुत दुखी हुई.वह उठी और बिना कुछ बोले अपना समान उठाकर हॉस्टल चली गयी.वह पहला दिन था जब अनु अपने आपको पूरा परिवार होते हुए भी एकदम अकेला फील कर रही थी.वह अपने पापा और अविरल को भी परेशान नहीं करना चाहती थी।वह दिन रात रोती  रही पर उसके आंसू पोछने वाला कोई नहीं था.उसकी डायरी ही उसका एकमात्र सहारा थी.

अब अनु बहुत ज्यादा डिप्रेस रहने लगी ,अब अनु के सर में हमेशा ही दर्द बना रहता.वह अपने पास हमेशा pain –killer  रखती और जब भी सर दर्द होता खा लेती.

उसने अपनी डायरी में लिखा…..आज रात मुझे  सर में बहुत दर्द हुआ तो स्वाति मुझे  डॉक्टर के पास ले गयी.भैया अगर आज तुम मेरे पास होते तो मै तुमसे फूट-फूटकर रोती ….

डॉक्टर ने अनु को  कुछ दवा दी और साथ ही साथ नींद की भी दवा दी.पर अब अनु डेली डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना 3-4 pain –killer  लेने लगी.अनु अन्दर से बिलकुल खोखली होती जा रही थी.

अनु ने जहां -जहां भी रोकर डायरी में कुछ भी लिखा था, वहाँ उसके आंसूओं  के निशान पड़ गए थे.अविरल का दिल निकलकर बाहर आने लगा जब उसने अनु के आँसू के निशान देखे.वह आगे कुछ नहीं पढ़ पाया और बहुत रोया.अविरल के पापा ने जैसे ही अविरल को आवाज दी वह डायरी को छुपाकर वाशरूम चला गया और खूब रोया.वह अकेले में रोता जिससे उसे देखकर और लोगों को दुख न हो.वह वाशरूम से आया और नॉर्मल ही सभी से बात .वह नींद आने का बहाना बनाकर  अपने कमरे में चला गया , लेकिन नींद तो उसकी आँखों से कोसों दूर थी.रात भर वह अनु के बारे में ही सोचता रहा.अनु के बारे में ही सोचते- सोचते न जाने कब सुबह हो गयी.अगले दिन फिर अविरल अनु की डायरी लेकर बाहर निकल गया.

अविरल ने डायरी आगे पढना शुरू की………………..

अनु ने अरविंद को समझाने की बहुत  कोशिश की  लेकिन वह नहीं माना.अब स्वाती भी रूम में अरविंद की बातें लेकर बैठ जाती जिससे वह और डिस्टर्ब होती.आखिर में अनु डायरी से ही अपना अकेलापन बांटने लगी.

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अनु अपने आप को बहुत अकेला फील कर रही थी.वह किसी भी तरह अरविंद और स्वाति से छुटकारा पाना चाहती थी.उसने स्वाति से इस बारे में बात की तो स्वाति ने कहा कि “ठीक है तुम एक बार अरविंद से मिल लो और खुद बोल दो फिर वह नहीं आएगा लेकिन यह बात किसी को मत बताना,मै भी वहां रहूंगी” .

अनु मान गयी.लेकिन किसी को न बताने वाली बात को लेकर उसे कुछ शक हुआ तो वह चुपके से अपनी एक दूसरी दोस्त(पूजा) को लेकर अरविंद कि बताई हुई जगह पर गई. हालांकि उसका मन उस जगह पर जाने का बिलकुल भी नहीं था क्योंकि वह उस जगह से  बिलकुल अंजान थी. लेकिन वो करती भी क्या.उसको उम्मीद थी की शायद अरविन्द अब उसका पीछा छोड़ देगा. उसने पूजा से छुपने को बोल दिया और खुद अरविंद के पास पहुंची.वहाँ पर उसने देखा कि स्वाति भी पास ही खड़ी है और आसपास कोई भी नहीं था.अरविन्द ने स्वाति को जाने का इशारा करके वहां से भेज दिया.स्वाति के जाने के बाद अरविन्द ने अनु का हाथ पकड़कर बोला,”मै तुम्हे बहुत चाहता हूँ और तुम्हारे बिना रह नहीं सकता.अगर तुम मेरी बात नहीं मानोगी तो मै तुम्हे बदनाम कर दूंगा”.

अनु बहुत डर गयी और वो वहां से रोकर भाग गयी. अगले दिन अरविंद कॉलेज के बाद अनु के पास आया और उसे वीडियो डिवाइस में 1 क्लिप दिखाई जिसमे अनु और अरविंद बात करते हुए दिख रहे हैं और बीच में अरविंद अनु का हाथ पकड़ता है जो कि उसने जानबूझकर पकड़ा था वीडियो के लिए।

अरविंद ने फिर अनु से कहा ,”मेरी बात मान लो ….नहीं तो यह वीडियो वायरल कर दूंगा और बोलूँगा कि अनु ने मुझे अकेले मिलने को बुलाया था”.

अनु ने अरविन्द को बहुत समझाया ,उससे request भी की लेकिन वो कहाँ मानने वाला था.उसके सर पर तो जैसे अनु का भूत सवार था.

अनु वहाँ से बिना कुछ कहे सीधे अपनी मौसी के घर चली गयी और वहाँ जाकर  सारी बाते बता दी.

पर कहते है न हमारे पुरुषप्रधान देश में लड़कियों की तब तक नहीं सुनी जाती जब तक उनके निर्दोष होने का सबूत न मिल जाये.

वहां भी ऐसा ही हुआ .किसी ने अनु की बात नहीं सुनी .वो लोग तो उल्टा अनु को ही बातें सुनाने लगे और कहने लगे की तुम गयी ही क्यूँ, तुम्हारे मन में ही पाप होगा और पता नहीं क्या क्या?

अनु ये सब सुनकर बहुत ज्यादा आहत हो गयी .उसने सिर्फ एक ही चीज़ बोली,”मौसी शायद आप ये इसलिए कह रही है क्योंकि आपके कोई लड़की नहीं है ,अगर आपकी लड़की होती तब आप समझती की एक लड़की की इज्ज़त क्या होती है”. अनु बस इतना कहकर  मौसी के घर कभी न जाने की  कसम खाकर वहाँ से हॉस्टल चली गयी.

हॉस्टल जाते ही अनु ने सारी बात पूजा को बताई तो पूजा ने बोला ,” मैं अच्छी तरह शक्ल तो नहीं देख पायी लेकिन कोई लड़की वीडियो  बना रही थी “.तब अनु को स्वाति की  याद आई कि वह भी वहीं थी.

अब यह साफ था कि वह विडियो स्वाति ने बनाया है लेकिन अनु को यह कन्फ़र्म करना था.अनु वापस अपने रूम में आ गयी जहां स्वाति पहले से थी.जैसे ही स्वाति वॉशरूम गयी, अनु ने तुरंत स्वाति का कैमरा उठाया और देखने लगी तो उसे वह वीडियो मिल गयी.अनु तुरंत उठी और पूजा को साथ लेकर डीन के घर पहुंची जो कैम्पस में ही रहते थे.पूरी बात बताते बताते अनु कई बार रोयी और बाद में वह वीडियो दिखाई.पूजा ने भी अनु का पूरा साथ दिया.

अगले दिन ही डीन ने अरविंद और स्वाति के पैरेंट्स को बुलाया और दोनों को कॉलेज से निकाल दिया.आज अनु बहुत खुश थी क्योंकि एक तो उसकी परेशानी खत्म हो गयी थी और दूसरी कि उसे 4 दिन बाद अपने घर जाना था दशहरे कि छुट्टी में.

अब डायरी कि लाइंस खत्म हो चुकी थी  लेकिन अविरल मन ही मन अपनी मौसी लोगों से नफरत करने लगा .हालांकि उसने यह बातें अपने दिल में दफन कर ली. लेकिन वह जब भी डायरी देखता तो उसे अनु के आँसू याद आते और उसका दिल फट सा जाता.

अगले भाग में हम जानेंगे कि कैसे अविरल अपने आप से लड़ता है जिससे कि वह अपने घर में सभी को खुश रख पाये लेकिन भगवान को तो शायद अभी अविरल की  और परीक्षा लेनी थी..

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#coronavirus: लौक डाउन और घर, एक महिला की जुबानी

सरकार ने 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया है. ऐसे में स्कूलकॉलेज, ऑफिस, मॉल, मेट्रो, बस, गाड़ी सब कुछ बंद है. बच्चों के पास होमवर्क नहीं. जो थे वे भी उन्होंने दोचार दिनों में निपटा लिए . अब उन का पूरा दिन घर में खेलते, टीवी देखते, खाते, सोते और होहल्ला करते बीतने लगा है . जाहिर है मेरा काम बहुत बढ़ गया है .

इधर पति महोदय सारा दिन लैपटॉप ले कर बैठे रहते हैं. उन के पास जाओ और कोई काम बताओ तो बस यही नारा उन की जुबान पर रहता है,” देखती नहीं हो मैं वर्क फ्रॉम होम कर रहा हूं . कितना काम है मेरे पास. प्लीज़ डिस्टर्ब मत करो मुझे. कितने सारे ईमेल करने है, क्लाइंटस से बातें करनी है, रिपोर्ट बनानी है, एक नये प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा हूं और तुम हो कि घर के काम का बोझ भी मेरे ऊपर डालना चाहती हो.”

मुझे पति की बातों में दम लगता. दोचार दिन मैं ने उन्हें बिल्कुल भी डिस्टर्ब नहीं किया. मैं चाहती थी कि वे अच्छे से अपने ऑफिस का काम निपटाए. आखिर रोज ऑफिस में पूरे दिन यानी करीब 10 घंटे काम करते हैं तो घर में भी 8 -10 घंटे का काम तो करना ही पड़ेगा.

अब पति महोदय अपने कमरे में बंद रहने लगे. केवल दोपहर में बाहर आ कर खाना खा जाते. इधर मै पूरे दिन घर के घर के कामों ओर बच्चों के झगड़े निपटाने में व्यस्त हो गई .

बच्चे हर दोतीन घंटे पर खाने की डिमांड करते, पूरे दिन घर गंदा करते और मैं पूरा दिन किचन और घर के काम संभालती रह जाती. थोड़ा वक्त निकाल कर अपना पसंदीदा सीरियल देखने को सोचती तो बच्चे रिमोट ले कर चैनल बदल देते. बड़ा बेटा यानी हर्ष कहता, ” क्या ममा बोरिंग सीरियल देख रही हो. हमें गाना सुनना है और फिर गाना बजा कर दोनों बच्चे बिस्तर पर कूदते हुए डांस करने लगते . तब तक परी यानी छोटी बिटिया रिमोट ले कर कार्टून लगा लेती .

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इस तरह शुरुआती दिन मेरे लिए मुश्किल भरे रहे.  उस दिन दोपहर में 2 बजे के करीब परी आ कर मुझ से बोली,” पापा लैपटॉप पर जो इंग्लिश मूवी देख रहे हैं न वह मुझे भी देखनी है.”

” पापा मूवी नहीं देख रहे बेटा ऑफिस का काम कर रहे हैं. “मैं ने उस की बात सुधारनी चाही तो वह भड़क उठी, “क्या ममा मुझे बुद्धू समझा है? पापा मूवी ही देख रहे हैं और कल भी वे इस समय मूवी ही देख रहे थे. कल कोई हिन्दी मूवी थी मगर आज तो धांसू मूवी है. ”

चुप कर, बेटी के मुंह से ऐसी बात सुन कर मैं सकते में आ गई थी. कहां मैं यह सोच कर पति के कमरे में भी नहीं जाती थी कि वे डिस्टर्ब ना हो जाएं और कहां वे मुझे बेवकूफ बना कर खुद मूवी के मजे ले रहे हैं .

मैं उन के कमरे की तरफ बढ़ गई इधर परी पीछे से लगातार बोल रही थी,

” मैं पापा की पूरी रूटीन जानती हूं ममा. पापा सुबह 1 घंटे काम करते हैं फिर 10 से 12 बजे तक सोते हैं. दोपहर 12 से 3 मूवी देखते हैं और 3 से 5 यानी 2 घंटे फिर से काम करते हैं . बाकी बीचबीच में दोस्तों से गप्पे भी मारते हैं.”

” बेटा वे गप्पे नहीं मारते बल्कि क्लाइंट्स से बातें करते हैं.”

अब तक हर्ष भी आ गया था. वह हंसता हुआ बहन की बात का समर्थन करने लगा,” अरे मम्मी पापा ने आप को बुद्धू बनाया है और आप बन गए. कोई क्लाइंट वाइंट से नहीं दोस्तों से बातें करते हैं वह भी चटपटी बातें.”

“…और जानती हो मम्मी यह सब बातें आप से न बताने के लिए उस दिन पापा ने मुझे रिश्वत भी दी जब मैं ने चुपके से उन के कमरे में पहुंच कर उन की चोरी पकड़ ली थी .” परी ने इठलाते हुए कहा.

अब तो मेरे होश फाख्ता उड़ गए थे. मन में झंझावात चल रहा था. तो क्या मिस्टर घर के कामों से बचने और मस्ती करने के लिए ऑफिस के काम का बहाना बना रहे हैं. मैं ने खुद को समझाया, ऐसा नहीं हो सकता. पहले अपनी आंखों से सब कुछ देख लूं फिर यदि सच निकला तो उन के ऊपर बम फोड़ दूंगी.

उस दिन पूरे समय मैं ने उन की जासूसी की. सुबह नाश्ता चाय ले कर वे अपने कमरे में चले गए. मुश्किल से आधाएक घंटा काम कर बिस्तर पर लुढ़क गए. उन्हें सोता देख में अपना आपा खो बैठी और पूरा एक गिलास पानी भर कर उन के ऊपर उड़ेल दिया.

वे सकपका कर उठ बैठे और हड़बड़ाते हुए फाइलें संभालते हुए बोले,” अरे मैं सो कैसे गया? लगता है तबीयत ठीक नहीं है. नेहा जरा चाय बना कर ला दो.”

” जरूर अभी लाती हूं. आप काम करने बैठो परी के हाथ से भिजवाती हूं.” कह कर मैं बाहर आ गई. चाय भी भेज दी. इस के बाद कुछ देर तक वे काम करते रहे.

दोपहर में खाना खा कर वे फिर अपने कमरे में घुस गए. कुछ देर बाद मैं ने अंदर झांका तो वाकई वे लैपटॉप पर कोई फिल्म देख रहे थे और मोबाइल पर किसी से हंस कर बातें भी कर रहे थे.

मेरा पारा चढ़ गया मगर खुद को कंट्रोल करते हुए मैं उन्हें मजा चखाने का प्लान बनाने लगी.

अगले दिन सुबह ही बाथरूम से निकलते समय मैं ने गिरने का बहाना किया और जोर से चिल्ला पड़ी,” हाय मैं मर गई. पैर टूट गया मेरा. हाय सुनते हो ….”

मेरे चिल्लाने की आवाजें सुन कर पति और बच्चे दौड़े आए. घुटने के नीचे और पंजे के ऊपर वाले हिस्से को हाथों से ढकते हुए मैं चिल्ला रही थी,” हाय गिरते समय पैर उलट गया मेरा. बहुत दर्द हो रहा है. कहीं हड्डियां न टूट गई हो.”

पति महोदय ने जल्दी से मुझे गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया. वे बहुत फ़िक्रमंद नजर आ रहे थे. जल्दी से मूव ले कर आए और मेरे पैरों में लगाने लगे. बर्फ से सिकाई भी की. डॉक्टर को बुलाने की बात कहने लगे तो मैं ने यह कह कर रोक दिया कि सिकाई से थोड़ा आराम मिल रहा है. पति महोदय जितने भी घरेलू नुस्खे जानते थे वह सब आजमा रहे थे.

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तब तक बच्चे भूखभूख कहने लगे तो मैं ने पति महोदय को लपेटे में लिया,” . मुझ से पैर जरा भी हिलाया नहीं जा रहा. आज तुम ऑफिस का काम बाद में कर लेना. पहले सब के लिए नाश्ता बना लो और बच्चों को खिला दो. उन्हें नहला भी देना और फिर उन पर नजर भी रखना. बहुत शैतानी करते हैं. घर में झाड़ूपोछा भी लगा देना. इन दिनों घर की सफाई होनी बहुत जरूरी है न‌ और समय मिले तो कपड़े भी धो कर सुखा देना. मेरी उठने की हिम्मत नहीं हो रही है.

पति महोदय का चेहरा बन गया था . फिर भी मुझे लेटने को कह कर वे किचन में चले गए और काम में जुट गए.

मुझे बहुत हंसी आ रही थी. परी ने मुझे हंसते हुए देख लिया था बोली,” आप नाटक कर रहे हो ना ममा ”

‌‌”हां बेटा जरा पापा को मजा चखा लूं . यह ले तेरा रिश्वत. पापा से कुछ न कहना. ”

मैं ने परी को 2 डेयरी मिल्क दिए और कंबल  ओढ़ कर सो गई.

lockdown के दौर में जीरो बजट में करें ‘हेयर’ और ‘फेस’ केयर

करोना के ख़ौफ़ से पूरा देश “लोक डाउन” है. 21 दिन लोगो को अपने घरों में रहना है . घर मे रहते हुए भी आपको सुंदर दिखना है और अपनी सुन्दरता को बनाये भी रखना है.  ब्यूटी सैलून बन्द होने से घबराए नही आपके पास बहुत कुछ ऐसा है जो आपकी सुंदरता को बनाये रखने में मदद कर सकता है.

21 दिन बाद जब यह सैलून खुलेंगे तो भी वँहा भीड़ भी होगी. हाइजीन को लेकर भी समस्या होगी. ऐसे में सबसे जरूरी है खुद की देखभाल करते रहे. महिलाओं को भले ही मेकअप की उतनी जरूरत ना हो पर हेयर और स्किन केयर की जरूरत है. हमारे किचन में ही तमाम ऐसे साधन मौजूद है जो हमारे उपयोग में आ सकते है. जिसके प्रयोग से स्कीन और हेयर केयर किया जा सकता है. घरेलू उपाय का सहारा लेकर हम “लोक डाउन” के दिनों में अपनी सुंदरता का ख्याल रख सकते है.

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मॉडल और ब्यूटी एक्सपर्ट शिखा शुक्ला उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली है. कई नेशनल लेवल के ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीत चुकी हैं. न्यूज रीडर के रूप में भी काम कर चुकी हैं. शिखा ने न्यूज रीडिंग के साथ ही साथ फैशन की दुनिया मे भी अपनी जगह बनाई. शिखा कहती हैं मेरे पास हेयर और फेस की केयर का बहुत लाजवाब उपाय है. जिसके लिए आपको ना किसी शॉप पर जाना है ना ही ऑन लाइन कोई खरीददारी करनी है. इसके उपयोग में जीरो खर्च पर भी अनलिमिटेड केयर मिलेगी. मैं इसका रेगुलर यूज करती हूँ. इसके प्रयोग से मुझे अपनी स्किन पर किसी दूसरी चीजों के प्रयोग करने की जरूरत नही पड़ती है

बाल और फेस की केयर के लिए खाने के लिए जब चावल बनना हो तो उसको पहले 2 बार सही तरह से धो कर पानी मे  2 घण्टे तक भीगने दे. 2 घण्टे बाद चावल का पानी अलग साफ बर्तन में रख ले और चावल को पकाने के इस्तेमाल में ले आये. इससे चावल भी खराब नही होगा वो खाने के काम आ जायेगा. इसका पानी बाल में कंडीशनर करने और फेस को क्लीन करने के काम आ जायेगा.

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चावल के पानी मे नेचुरल तत्व होते है जो स्कीन को क्लीन करने के साथ ही साथ हेयर में भी चमक लाते है. कुछ दिन इसका नियमित उपयोग करे. आपके बाल और चहरे पर चमक आएगी. शिखा शुक्ला कहती है कि हम इसका नियमित प्रयोग करते है. ऐसे में हमे कभी किसी फेसवाश की जरूरत नही होती है. इस तरह जीरो खर्च से बेहतर केयर मिल सकती हैं.

 मुझे बच्चे बहुत पसंद है – डिनो मोरिया

वर्ष 1999 में ग्लैडराग्स सुपर मॉडल की प्रतियोगिता जीतकर मॉडलिंग की दुनिया में नाम कमाकर अभिनय क्षेत्र में आने वाले अभिनेता डिनो मोरियो की फिल्म राज चर्चित रही. जिससे उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में पहचान मिली. उनकी और बिपाशा की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया. अपने लुक और बेहतरीन बॉडी की वजह से उन्होंने इंडस्ट्री में बहुत नाम कमाया. अभिनेता के साथ- साथ वे एक डिज़ाइनर और गायक भी है. वे अपनी जर्नी से संतुष्ट है, क्योंकि उन्हें जो काम जैसे मिला करते गए. उनके यहाँ तक पहुँचने में वे अपनी मां का श्रेय मानते है, जिन्होंने बहुत अनुशाषित ढंग से उनकी परवरिश की है. फिल्मों के अलावा डिनों वेब सीरीज में भी डेब्यू कर रहे है, वेब सीरीज मेंटलहुड रिलीज हो चुकी है ,जिसे सभी पसंद कर रहे है. गृहशोभा के लिए उन्होंने ख़ास बात की,पेश है कुछ अंश.

सवाल- इस वेब सीरीज की खास क्या रही?

इसके ज़रिये पेरेंटिंग को बताने की कोशिश की जा रही है, ये 10 एपिसोड में होगा. पेरेंटिंग में बूलिंग, चाइल्ड मोलेस्टिंग, जेंडर आदि की समस्या आती है, इसे बच्चे और माता-पिता दोनों ही फेस करते है.इसके अलावा आज के माता-पिता अपने बच्चे को सबसे अधिक प्रतिभावान बनाने की कोशिश में आपस में कितनी प्रतियोगिता करते है, इन सारे मूद्दों को कॉमेडी और हलके फुल्के अंदाज में दिखाने की कोशिश की गयी है. मैं पैरेंट नहीं हूं, लेकिन आसपास के कई माता-पिता को देखा है, जो हमेशा अपने बच्चे को लेकर परेशान रहते है.

 

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Stay healthy. Enjoy these days.

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सवाल- पहले तीन चार बच्चे भी आराम से पल जाया करते थे, लेकिन आज के माता-पिता एक बच्चे को लेकर भी परेशान रहते है, इस बारें में आपकी सोच क्या है?

आज हर बच्चे के पास मोबाइल है उन्हें हर बात की जानकारी घर पर रहकर हो जाती है, उन्हें घर से निकालना मुश्किल हो गया है. वे ऑनलाइन दोस्त बनाते है. नयी पीढ़ी को उस बाउंड्री में कैसे अच्छा बनाना है ये आज के माता-पिता के लिए चुनौती है. हमारे ज़माने कोई काम सही न करने पर पिटाई होती थी, जो अब नहीं होता. मेरे हिसाब से अगर बच्चा कुछ गलती करता है तो उसे कुछ सजा मिलना आवश्यक होता है, ताकि वे अपनी गलती को समझ सकें. ऐसे में उन्हें परिवार के साथ रहना आ जाता है और वे बड़े बूढों को सम्मान देना सीख जाते है. इस वेब सीरीज में मैं सिंगल पैरेंट की भूमिका निभा रहा हूं.

सवाल- आप पिता नहीं है, ऐसे में आपने कैसी तैयारी की?

मुझे बच्चे पसंद है और मैंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में कई बच्चों और उनके पेरेंट्स को देखा है. उनके भावनाओं को समझने की कोशिश की है. जब मैं शूटिंग पर बच्चों के साथ होता तो कुछ घंटे ही उनके साथ बिताता था, लेकिन मैं उन माता-पिता के बारें सोचता था कि यही बच्चे अगर मेरे साथ 24 घंटे रहे, तो कैसी परिस्थिति होगी. मेरे हिसाब से माता-पिता के लिए ये सबसे बड़ी चुनौती होती है कि वे अपने बच्चे की सही परवरिश करें. उनकी जिंदगी बच्चों के साथ-साथ बदल जाती है. उनकी प्रायोरिटी भी  बदल जाती है.

सवाल- आपका बचपन कैसा रहा

मेरा बचपन बहुत अच्छा था. हम तीन भाई है और मेरे पिताजी, इन सभी चारों को मेरी मां ही कंट्रोल करती थी. मेरे मां ने हम सबको बहुत अनुसाशित ढंग से पाला है और ये बहुत जरुरी है, जो अब मुझे समझ में आता है. उन्होंने बहुत अच्छी तरह से हमारी परवरिश की है. स्कूल से आने के बाद पिता हमेशा बाहर हमें खेलने भेज देते थे. बाद में घर आकर हम सब काम करते थे. अगर मेरी अल्मारी के कपडे बिखरे रहते थे तो मां उसे ठीक करने के बजाय नीचे गिरा देती थी. फिर मैं सब ठीक से रखता था. एक टी शर्ट भी इधर उधर होने पर वह ऐसा करती थी. इसलिए आज भी मैं वैसा ही डिसिप्लिन लाइफ बिताना पसंद करता हूं. इसके अलावा मैं एक फुटबॉल, बास्केटबाल प्लेयर और एथलीट भी हूं . खेल किसी में भी आत्मविश्वास को भरती है. सभी बच्चों के लिए खेल आवश्यक है.


सवाल- क्या इस शो को कम बैक मानते है?

मुझे अच्छे ऑफर नहीं आ रहे थे, मैं काम के नाम पर कुछ भी कर लूं उसकी इच्छा नहीं थी. अभी लगातार ऑफर है. ये सही है कि काफी दिनों बाद पर्दे पर दिख रहा हूं. 6-7 साल बाद मैं आया हूं और इन सालों में मैंने अपने आपको और अधिक अभिनय के लिए प्रशिक्षित किया है. मेरे साथ इतनी फीमेल एक्टर्स है, जिनके साथ काम करना अच्छा रहा. करिश्मा कपूर के साथ मैंने बहुत पहले एक फिल्म ‘बाज़’ की थी अब फिर से काम करना अच्छा लगा. हम दोनों का डेब्यू वेब सीरीज में है.

सवाल-आप एक मॉडल ,अभिनेता, सिंगर, प्रोड्यूसर सब है, अपनी जर्नी को कैसे देखते है?

मैं एक मॉडल से यहाँ तक पहुंचा हूं और कभी मैंने इस बारें में सोचा नहीं था. मुझे जो मिला मैं बहुत संतुष्ट हूं. हमेशा कुछ नया काम करना मुझे अच्छा लगता है.

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सवाल- आगे क्या है?

अभी मेरे प्रोडक्शन में एक फिल्म ‘हेलमेट’ मजेदार फिल्म तैयार है और आने वाली है. आगे मैं अच्छी कहानी ढूढ रहा हूं.

सवाल-आपकी फिटनेस का राज क्या है?

मैं नियमित वर्कआउट करता हूं और फिट रहता हूं.

सवाल- महिलाओं के लिए क्या मेसेज देना चाहते है?

आप है तो पूरी दुनिया है, आप अपने आप को कभी कम न समझे. मां, बहन, पत्नी किसी भी रूप में आपकी ताकत बहुत है. कोई कुछ भी कहे आप कभी मत मानिए और अपने सेहत का ध्यान हमेशा रखे और स्वस्थ रहें.

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