हेल्थ टिप्स: खाने में करें इन 7 फल और सब्जियों का इस्तेमाल

1. लालमिर्च

लालमिर्च में विटामिन ए, सी तथा बी 6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये सभी ऐंटीऔक्सीडैंट को कायम रखने, मस्तिष्क को तेज करने के साथ ही उस की गतिशीलता को बढ़ाने, त्वचा, नेत्रों तथा मांसपेशियों को ताकत देने का कार्य करते हैं. मिर्च रेशा, पोटैशियम, मैगनीज जैसे तत्त्वों को काया में पहुंचाने का भी अच्छा साधन है. ये वजन पर अंकुश रखने के साथसाथ कोलैस्ट्रौल लैवल को भी कम करते हैं.

 2. तरबूज

रंगीन, रसीले फल तरबूज का 80% भाग पानी होता है. यह आयरन, गंधक, तांबा, कैल्सियम, फास्फोरस, विटामिन ए, थायमिन, रिबोफ्लेविन व एस्कोर्बिक ऐसिड का बेहतर स्रोत है. तरबूज का हलका लाल वाला भाग विटामिन का अच्छा स्रोत है तथा बीटा कैरोटिन से दोगुना ताकतवर होता है. यह विटामिन ई की सामर्थ्य को भी 10 गुना बढ़ा देता है, जिस से त्वचा को हानि पहुंचाने वाले फ्रीरैडिकल्स निष्क्रिय हो जाते हैं.

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3. टमाटर

पका टमाटर, जिस का रंग खून से मिलताजुलता होता है, खून बढ़ाने में बेजोड़ है. टमाटर निरोगता के लिए अधिक लाभकारी होता है. टमाटर में विटामिंस भरपूर मात्रा में मिलते हैं. इस में पाए जाने वाले विटामिंस में यह विशेषता होती है कि जहां दूसरे पदार्थों में मौजूद विटामिंस थोड़ी सी आंच लगने से खत्म हो जाते हैं वहीं इस में मौजूद विटामिंस साधारण आंच में खत्म नहीं होते. आयरन की मात्रा इस में दूध की अपेक्षा दोगुनी व अंडे की अपेक्षा 5 गुना ज्यादा मिलती है.

4. शलगम:

शलगम क्रूसी फेरी कुल का सदस्य है. इस के अन्य सदस्य मूली, गाजर हैं. इस में भरपूर पोषक तत्त्व पाए जाते हैं. पोटैशियम, फास्फोरस, कैल्सियम व विटामिंस की वजह से यह अनेक बीमारियों को दूर करने की क्षमता रखता है. इस में मौजूद ग्लूकोसाइनोलेट्स के कारण ही इस में तीखापन होता है. यह अचार, सब्जी, सलाद, मुरब्बे के तौर पर प्रयोग में लाया जाता है.

5. चुकंदर:

इस में पानी तथा रेशों की अधिक मात्रा होने से यह पाचन में सहायक होता है. चुकंदर के पोषक तत्त्वों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्र, कैल्सियम, फास्फोरस, नमी, लोहा, वसा, विटामिन ए, बी-1, बी-2, सी, डी, सोडियम, क्लोरीन, फौलिक ऐसिड, आयोडीन खास हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार बीटासियानिन (वह रंग जो चुकंदर को रंगयुक्त करता है) ट्यूमर आदि को नष्ट करने वाला एक समृद्धशाली घटक है. चुकंदर खून की मात्रा में वृद्धि करता है और चेहरे की कांति बरकरार रखता है. समस्त पोषक तत्त्वों के गाढ़े लाल रंग के रस को पाने के लिए तरोताजा चुकंदर ही प्रयोग करें ताकि उस का छिलका सही रह सके. कभी चुकंदर का छिलका न हटाएं.

6. सेब:

यह जायकेदार होने के साथ ही ज्यादा ऊर्जादायक व स्वास्थ्यवर्द्धक भी है. इस में पेक्टिन नामक घुलनशील रेशा होता है, इसलिए यह भोजन के पाचन व विसाक्त तत्त्वों को अवशोषित करने में आंतों की सहायता करता है. इसे खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं. सेब में ऐंटीऔक्सीडैंट्स और विटामिन सी होता है. ये खून में कोलैस्ट्रौल का लैवल कम करते हैं. एक सेब में करीब  8 एमएल विटामिन सी और भरपूर विटामिन ए होता है. सेब के गूदे की अपेक्षा छिलके में विटामिन ए 5 गुना ज्यादा होता है, इसलिए सेब को छिलके सहित खाना चाहिए.

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7. स्ट्राबेरी:

लाल रंग से भरी स्ट्राबेरी का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है. सुर्ख रंग से पूर्ण स्ट्राबेरी खट्टेमीठे स्वाद और अपने खास गुणों के कारण जानीपहचानी जाती है. आड़ू, सेब तथा स्ट्राबेरी एक ही समूह के हैं. स्ट्राबेरी में मैगनीज व पोटैशियम होता है. इस में पेक्टिन यानी फल का रेशा पाया जाता है. जो ब्लडप्रैशर तथा कोलैस्ट्रौल को संयमित करने में सहायक होते हैं.

Beauty Tips: बेजान बालों के लिए ट्राय करें ये 5 हेयर पैक

सिर पर बाल होना ही काफी नहीं होता वरन उन का स्वस्थ होना भी बहुत जरूरी है. बालों से व्यक्तित्व पर बहुत फर्क पड़ता है. सिर में रूसी हो तो बालों की क्वालिटी भी खराब होने लगती है. लेकिन केला, संतरा, ऐवोकाडो या फिर पपीते आदि का पेस्ट अगर सिर पर लगाया जाए तो बालों की सभी समस्याएं हल हो जाती हैं. इसलिए अगर आप को भी लंबे, काले, घने और खूबसूरत बाल चाहिए तो अपनाएं ये फू्रट हेयर पैक:

1. कैमिकल से खराब हुए बालों के लिए

केले के टुकड़ों में 1 चम्मच नीबू का रस और 1 अंडे का पीला भाग मिला कर पेस्ट बना कर सिर पर लगाएं. 15-20 मिनट के बाद पानी से बालों को धो लें. सप्ताह में एक बार इस पैक का इस्तेमाल करने से बालों की रौनक बढ़ने लगेगी.

2. रंगहीन बालों के लिए

मान लीजिए कि आप ने बालों में बहुत ज्यादा कलरिंग की है और बालों के आखिरी सिरों पर उस का रंग उड़ने लगा है, तो आप केले से बना पैक लगाएं. केले के साथ 2 चम्मच नीम पाउडर, 2 कप पपीते का गूदा और कुनकुना पानी मिलाएं. इस पैक को बालों में लगाने से उन की शाइन वापस आ जाएगी. इस दौरान बालों को धोने के लिए रीठा, शिकाकाई युक्त शैंपू का ही प्रयोग करें.

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3. औयली बालों के लिए

संतरे का रस, 1 चम्मच तुलसी पाउडर, 1 कप दही और थोड़ा सा आमला पाउडर एकसाथ मिलाएं. इस पैक को लगाने से सिर के पोर्स बंद हो जाएंगे और बाल औयली नहीं होंगे. यदि बाल ज्यादा तैलीय हों तो महीने में 3 से 4 बार इस पैक का इस्तेमाल करें.

4. झड़ते बालों के लिए

अगर बाल झड़ने लगे हैं तो मेथी को पीस कर ग्रीन टी या हलके गरम पानी के साथ मिला कर सिर पर लगाएं. इस दौरान बाजार में मिलने वाली मेहंदी का इस्तेमाल न करें. आजकल कैमिकलयुक्त मेहंदी बाजारों में ज्यादा बिकती है जो बालों की जड़ों को कमजोर बनाती है.

5. खुजलीदार सिर के लिए

अगर रूसी की वजह से सिर में खुजली होती रहती है तो आमले के रस के साथ नीबू का रस और 1 कप दही मिला कर पेस्ट बनाएं और बालों में लगाएं. इस से रूसी भी गायब हो जाएगी और खुजली से भी राहत मिलेगी. सिर में खुजली या खुश्की पेट की गड़बड़ी की वजह से भी होती है. इसलिए खानपान सही रखें यानी फाइबर रिच डाइट लें.

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6. बेजान बालों के लिए

पैक बनाने के लिए 1 कप नारियल के दूध में 3 चम्मच गुड़हल पाउडर, 1/2 कप नीबू का रस और 1/2 कप बीयर मिलाएं. इस पैक से मुरझाए बाल एकदम शाइन करने लगेंगे.

इन हेयर पैक्स के इस्तेमाल के साथसाथ अपनी जीवनशैली को भी संतुलित रखने का प्रयास करें, क्योंकि हैल्दी लाइफस्टाइल का सुंदरता से सीधा नाता है.

सोशल मीडिया से क्यों दूर रहना चाहते हैं हैप्पी कपल्स

हर किसी को सोशल मीडिया पर अपने लाइफ के खास पल, अपना ओपिनियन, फोटोज शेयर करना अच्छा लगता है. इसके साथ ही कई लोग अपने रिलेशनशिप के बारे में भी सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं. वे लोगों से अपने रिश्ते के बारे में बताते हैं. जिसकी वजह से वे ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक हैप्पी कपल अपने रिश्ते के बारे में बताने के लिए सोशल मीडिया पर ज्यादा समय व्यतीत नहीं करते हैं. वे सोशल मीडिया की जगह एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत करना ज्यादा पसंद करते हैं. तो आइए कुछ कारण जानते हैं कि क्यों हैप्पी कपल सोशल मीडिया पर ज्यादा समय स्पेंड नहीं करते हैं.

1. उन्हें सोशल मीडिया पर लाइक से फर्क नहीं पड़ता है

बहुत से कपल अपनी इंटीमेसी की फोटो या कहीं जाने का पोस्ट सोशल मीडिया पर डालते हैं. ऐसे कपल को अपनी फोटो पर कितने लाइक या कमेंट आए इसकी बहुत चिंता होती है. मगर हैप्पी कपल अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर हर एक चीज अपडेट नहीं करते हैं. ना ही उन्हें किसी के लाइक या कमेंट से फर्क पड़ता है. वह नहीं चाहते हैं कि उनके बारे में सोशल मीडिया पर लोग बाते करें.

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2. किसी से तुलना नहीं करते हैं

अपनी जिंदगी की लोगों से तुलना नहीं करनी चाहिए. यह सोचना बहुत आसान होता है कि दूसरा अपनी लाइफ में कितना खुश है. लेकिन आपको उनके बारे में कुछ पता नहीं होता है. इसलिए कभी भी किसी कपल की सोशल मीडिया पर फोटो देखकर ये नहीं सोचना चाहिए कि वह बहुत खुश हैं. किसी कपल से अपने रिश्ते की तुलना करना गलत होता है. हैप्पी कपल अपने रिलेशनशिप से खुश होते हैं. वह किसी और के रिश्ते से तुलना करना पसंद नहीं करते हैं.

3. अकेले में लड़ते हैं

हैप्पी कपल अगर लड़ाई करते हैं तो वह पब्लिक में लड़ने की बजाय अकेले में लड़ना पसंद करते हैं ताकि उन्हें कोई देख ना सके या किसी को उनकी लड़ाई के बारे में पता ना चले. वह लोगों को अपनी लड़ाई के बारे में बताना पसंद नहीं करते हैं. वह सोशल मीडिया पर लड़ाई वाली कोट या रोने वाले गाने पोस्ट करने की बजाय एक जगह बैठकर अपनी समस्या को दूर करने में विश्वास करते हैं.

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4. वो खास पलों को जीने में विश्वास रखते हैं

हैप्पी कपल अपने साथी के साथ सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट करने की बजाय उनके साथ उन खास पलों को जीने में विश्वास करते हैं. कहीं जाने का चेक-इन करना इन्हें अच्छा नहीं लगता है. वह इसे समय बर्बाद करना समझते हैं. वह अपने खास पलों को कैमरे में कैद करने की बजाय उन्हें जीना पसंद करते हैं.

नेहा धूपिया के सपोर्ट में आए पति अंगद बेदी, शेयर की 5 गर्लफ्रेंड्स के साथ फोटो

नेहा धूपिया को इन दिनों शो रोडीज में अपने 5 गर्लफ्रेंड्स के बयान को लेकर ट्रोलिंग का सामना कर पड़ रहा है. इतना ही नहीं, नेहा को अपने बयान की वजह से काफी बातें सुननी पड़ रही है. अब नेहा के इस बयान पर पति अंगद बेदी का रिएक्शन सामने आया है.

अंगद ने अपनी 5 गर्लफ़्रेंड्स की फोटो शेयर की है. अंगद ने दरअसल नेहा के साथ अपनी 5 फोटोज शेयर की हैं. अंगद ने फोटोज को शेयर करते हुए लिखा, सुन ये हैं मेरी 5 गर्लफ्रेंड्स. उखाड़ लो जो उखाड़ना है. अंगद की इस फोटो पर यूज़र्स के मिक्स रिस्पॉन्स आ रहे हैं.

क्या था मामला…

हाल ही में शो में एक कंटेस्टेंट आया था जिसने कहा कि  उसकी गर्लफ़्रेंड 5 लड़कों के साथ रिलेशनशिप में थीं और वह सबको धोका दे रही थीं. उस कंटेस्टेंट ने आगे बताया था कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड को बुलाया और उसके सभी पांच बॉयफ्रेंड को भी वहीं बुलाया. इसके बाद उसने सभी लड़कों के सबके सामने अपनी गर्लफ्रेंड को जोरदारा थप्पड़ मारा. वीडियो में देखा गया कि नेहा ये बात सुनकर ग़ुस्सा में आ जाती हैं और उस कंटेस्टेंट को कहती हैं कि उसे किसी भी लड़की पर हाथ उठाने का कोई हक नहीं और वो उसकी चॉइस है कि वह किसे डेट करे.

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नेहा ने दी थी ये सफाई…

 

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नेहा ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘मैं पिछले 5 साल से रोडीज का हिस्सा हूं. इसने मुझे देश के सभी हिस्सों से एक टीम बनाने का मौका दिया. लेकिन पिछले 2 हफ्तों से जो कुछ ही हो रहा है उसे मैं एक्सेप्ट नहीं करती हूं. हाल ही में एक एपिसोड में मैंने हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई. एक लड़के ने बताया कि उसकी पार्टनर ने उसे धोखा दिया था. इसके बदले में लड़के ने लड़की के साथ मारपीट की. ये बात मुझे गलत लगी. मैं चीटिंग  का सपोर्ट नहीं करती हूं लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि मेरी बातों को गलत तरीके से पेश किया गया.’

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नेहा ने आगे लिखा था, ‘हर शख्स की अपनी पसंद है. उसे इसका पूरा हक है कि वो अपनी पसंद-नापसंद के मुताबिक चले. मगर किसी के साथ मारपीट करना सही नहीं है. पिछले दो हफ्ते से मेरे पेज पर ही नहीं बल्कि मेरे परिवार, दोस्तों और टीम मेट्स को भी गाली वाले मैसेज आ रहे हैं. मेरे पिता का व्हाट्सएप भी गालियों से भरा पड़ा है. यहां तक कि मेरी बेटी के पेज पर लोग गालियां लिख रहे हैं और ये मुझे मंजूर नहीं है.’

Coronavirus से हुआ ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ को बड़ा फायदा, पढ़ें पूरी खबर

देश में कोरोनावायरस के मरीज धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं. वहीं इसके असर से काफी लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें टीवी और फिल्मी दुनिया भी शामिल है. हाल ही में कोरोना के बढ़ते असर को देखते हुए टीवी सीरियल, वेब सीरीज और फिल्मों की शूटिंग पर रोक लगा दी गई है. इसी बीच ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) के फैंस के लिए अच्छी खबर सामने आ रही हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

नए शो के लौंच रोका जाएगा

स्टार प्लस के नया शो अनुपमा 16 मार्च 2020 तक ऑनएयर होना था, लेकिन अब खबर है कि कोरोना के असर के चलते एक्ट्रेस रुपाली गांगुली (Rupaly Ganguly) के अपकमिंग टीवी सीरियल को लॉन्च नहीं किया जाएगा. मेकर्स का कहना है कि उनके सीरियल की क्रू और कास्ट कोरोनावायरस से बची रहे और इसके चलते ही उन्होंने इस सीरियल के लौंच डेट को आगे बढ़ाने का फैसला किया है.

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एक घंटे आएगा ये रिश्ता क्या कहलाता है

सीरियल अनुपमा की लौंच डेट आगे बढ़ने से स्टार प्लस की ओर से शो को जो टाइमस्लॉट मिल गया था, वह अब ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) को दे दिया गया है, जिसके कारण शो में नायरा-कार्तिक की जोड़ी फैंस को अब एक घंटे को देखने को मिलेगी.

बता दें, रुपाली गागुंली (Rupaly Ganguly)7 साल बाद छोटे पर्दे पर सीरियल अनुपमा के जरिए कमबैक कर रही हैं, जिसे टीवी सीरियल ये रिश्ते है प्यार के और ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) के प्रोड्यूसर राजन शाही ने प्रोड्यूस किया है. वहीं ये रिश्ता क्या कहलाता है की बात करें तो फैंस को सीरियल के एक घंटे तक आने से बेहद खुशी मिलने वाली है.

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Coronavirus Effect: US में लगी इमरजेंसी के बीच सुहाना खान ने शेयर की ये फोटोज

शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान ने अभी बौलीवुड डेब्यू नहीं किया है, लेकिन उनकी फैन फौलोइंग काफी जबरदस्त है. हाल ही में सुहाना ने अपना इंस्टाग्राम प्राइवेट से पब्लिक किया है. पब्लिक करने के बाद सुहाना ने हाल ही में अपनी लेटेस्ट फोटो शेयर की है.

सुहाना खान ने शेयर की फोटोज

दरअसल, सुहाना इन दिनों न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में एक्टिंग और फिल्मों की पढ़ाई कर रही हैं. इसी बीच सुहाना ने न्यूयॉर्क से अपनी फोटोज शेयर की हैं. सुहाना ने अपनी जो फोटोज शेयर की हैं उसमें उन्होंने मेकअप किया हुआ है. डार्क लिप्सटिक और आई मेकअप में वह खूबसूरत लग रही हैं. फोटो शेयर करते हुए सुहाना ने उबासी लेती इमोजी का इस्तेमाल किया है, जिसे देखकर लग रहा है जैसे कोरोना वायरस के चलते अमेरिका में लगी मेडिकल इमरजेंसी के बाद घर में बोर हो रही हैं.

 

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बौलीवुड में कर सकती हैं एंट्री

 

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Last day at school. To adding new experiences and colours to your life ahead….

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ऐसा कहा जा रहा है कि सुहाना अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद अपना बॉलीवुड डेब्यू करेंगी. फैंस सुहाना को फिल्मों में देखने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं शाहरुख ने एक बार कहा था कि अगर सुहाना कभी बौलीवुड में आना चाहेंगी तो इससे उन्हें खुशी होगी. उन्होंने ने कहा था, ‘लोगों को लगता है कि ये इंडस्ट्री लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि ये इंडस्ट्री काफी अच्छी है और मैं चाहूंगा कि मेरी बेटी भी इस इंडस्ट्री से जुड़े.’ जब सुहाना की शॉर्ट फ़िल्म आई थी तब सभी में उनकी तारीफ की थी. इतना ही नहीं, लोगों ने ये तक कहा था कि अगर सुहाना बॉलीवुड में आएंगी तो वह अपने पिता किंग खान जैसा धमाल मचाएंगी.

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बता दें कि बीते साल ग्रेजुएशन पूरी होने के बाद सुहाना खान अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इन दिनों न्यूयॉर्क में रह रही हैं. इसके अलावा कुछ समय पहले सुहाना की एक शॉर्ट फिल्म रिलीज हुई थी. सुहाना की डेब्यू शॉर्ट फिल्म का नाम ‘द ग्रे पार्ट ऑफ ब्लू’ है. सुहाना की इस शॉर्ट फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया था.

हाजमा सही तो सेहत सही

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए केवल पौष्टिक भोजन लेना ही जरूरी नहीं है, बल्कि भोजन का सही पाचन भी जरूरी होता है. भोजन के सही पाचन से ही शरीर तंदुरुस्त रहता है, क्योंकि भोजन और पेयपदार्थों के पाचन से शरीर को ऊर्जा और पोषण मिलता है. पाचनतंत्र कमजोर होने से भोजन की ऊर्जा में बदलने की क्षमता कमजोर होती है और भोजन बिना पचे मल के रूप में निकल जाता है, जिस से कब्ज, गैस, ऐसिडिटी जैसी समस्याएं सामने आती हैं. मतली आना, पेट दर्द, पेट में सूजन, अपच, गैस आदि खराब डाइजैशन यानी पाचनक्रिया के सही न होने का संकेत है.

विशेषज्ञों की मानें तो डाइजैशन सही न होना कई खतरनाक बीमारियों को न्योता देना है. पेट की समस्याओं की प्रमुख वजह आजकल का खराब लाइफस्टाइल है.

हमारे शरीर का पाचनतंत्र भोजन को पचाने का काम करता है. भोजन के पाचन में दांत, मुंह, लार ग्रंथियां, छोटी आंत, आहार नाल, बड़ी आंत सभी प्रमुख भूमिका निभाते हैं. भोजन के मुंह में आते ही दांतों द्वारा उसे चबाने से मुंह की लार में उपस्थित ऐंजाइम्स भोजन को पचाने में मदद करते हैं. मुंह के बाद भोजन आहार नली से होते हुए आमाशय में पहुंचता है.

आमाशय की दीवारों से स्रावित होने वाले ऐसिड भोजन को छोटेछोटे कणों में तोड़ कर अर्द्ध ठोस के रूप में बदल देते हैं. इस के बाद यह भोजन छोटी आंत में पहुंचता है. छोटी आंत की ग्रंथियां भोजन से 90 फीसदी पोषक तत्त्वों का अवशोषण कर लेती हैं. छोटी आंत से हो कर भोजन बड़ी आंत में आता है जहां पर पानी को सोख लेने के बाद अवशेष मल के रूप में मल द्वार में जमा हो जाता है.

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क्यों होती है पाचन की दिक्कत

आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली और अनियमित खानपान भोजन के सही पाचन के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं. चिकित्सकों का मानना है कि एक जगह बैठ कर काम करने वालों का पाचन की समस्या ज्यादा होती है. बैठ कर काम करने से भोजन को पचाने वाली आंतों की गति मंद पड़ने के कारण यह दिक्कत आती है.

मिर्चमसालेदार खा-पदार्थों के आवश्यकता से अधिक सेवन से आमाशय में जलन होने लगती है, क्योंकि मिर्चमसालों की तीक्ष्णता आमाशय से निकलने वाले गैस्टिक ऐसिड के असर को कम कर देती है. इसी प्रकार अत्यधिक चाय पीने या भोजन के पहले और तुरंत बाद चाय पीने से आयरन व कुछ सूक्ष्म पोषक तत्त्वों को अवशोषित करने की क्षमता घट जाती है.

लंबे समय तक ऐंटीबायोटिक दवाओं का सेवन भी पाचनतंत्र को प्रभावित करता है. आमाशय और आंतों में उपस्थित पाचन में सहयोगी कुछ अच्छे बैक्टीरिया को ये दवाएं मार देती हैं. अत्यधिक तनाव के कारण भी आंतों का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो पाता और पाचनतंत्र प्रभावित होने लगता है. पाचनतंत्र के खराब होने से हम जो कुछ भी खाते हैं, उसे सही ढंग से पचा नहीं पाएंगे. परिणामस्वरूप शरीर को जरूरी विटामिंस और मिनरल्स नहीं मिल पाएंगे और फिर हमारा शरीर बीमारियों से भर जाता है. धीरेधीरे हमारा इम्यून सिस्टम भी काम करना बंद कर देता है.

इन बातों का रखें ध्यान

– भोजन के सही पाचन के लिए नियमित रूप से व्यायाम, सही समय पर सोना और उठना बेहद जरूरी है. दिन में 4-5 बार भोजन करें. भोजन को जल्दबाजी में करने के बजाय देर तक चबाने की आदत डालें. भोजन के पाचन में

2-3 घंटे का समय लगता है. भोजन के बाद टहलने से शरीर सक्रिय रहता है और पाचनक्रिया की गति बढ़ जाती है.

– भोजन करने के 2-3 घंटे के बाद ही सोना चाहिए. संतुलित व ताजे भोजन के साथ ही रात में हलका और सुपाच्य भोजन लेना चाहिए. रेशेदार फलसब्जियों के साथ भोजन में सलाद का प्रयोग, जंकफूड से दूरी, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी पाचन के लिए कारगर उपाय साबित हो सकते हैं.

– खाने में ज्यादा से ज्यादा फलों का इस्तेमाल करना चाहिए. फलों में बेल, पपीता, अनार, आम, अंजीर, अमरूद, नाशपाती और संतरे का सेवन करना बेहतर रहेगा. इन में फाइबर होता है, जो पेट साफ करने का काम करता है और पाचनतंत्र को दुरुस्त करता है.

– हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, मेथी, टमाटर व नीबू बेहतर पाचनतंत्र के लिए सर्वोत्तम हैं. ये कब्ज जैसी समस्या को जड़ से खत्म करने का काम करते हैं और शरीर में आवश्यक पोषक तत्त्वों की भरपाई भी करते हैं. अंकुरित चने, मूंग, गेहूं और जौ के आटे से बनी रोटी खाने से फायदा होगा. भोजन के तुरंत बाद अधिक मात्रा में पानी नहीं पीना चाहिए. भोजन करने के लगभग 40 मिनट बाद पानी पीना पाचन के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इस अवधि में पीया गया पानी पाचनक्रिया की गति को मंद कर देता है.

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– खाने को सही से पचाने के लिए कुछ घरेलू नुसखों का प्रयोग किया जा सकता है. सलाद में टमाटर, काला नमक और नीबू का सेवन पाचन में फायदेमंद रहता है. अपच होने पर अजवाइन, जीरा और काला नमक बराबर मात्रा में मिला कर 1 चम्मच पानी के साथ लेने से फायदा होता है.

– अजवाइन को पानी में उबाल कर उस का पानी पीने से भी पाचनतंत्र सही रहता है. अदरक के टुकड़े को नीबू में भिगो कर चूसने से पाचन दुरुस्त रहता है. खाने में सौंफ और कालीमिर्च का सेवन करना भी फायदेमंद रहता है.

– कब्ज रहने पर कुनकुना पानी पीना चाहिए और रात में सोते समय हर्र, बहेड़ा और आंवले से बने त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए.

बौलीवुड एक्ट्रेसेस से कम नहीं ये असली दुल्हनें, आप भी ट्राय करें इनके लुक

ब्राइडल लहंगे की जब बात आती है तो बौलीवुड एक्ट्रेसेस की जुबान पर सब्यसाची का नाम जरूर आता है. सब्यसाची का ब्राइडल कलेक्शन काफी पौपुलर है. वहीं एक्ट्रेसेस की बात करें तो दीपिका पादुकोण से लेकर अनुष्का शर्मा तक का शादी का जोड़ा सब्यसांची का है. लेकिन हाल ही में सब्यसाची के सोशलमीडिया पेज पर एक ब्राइड की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह ब्राइडल लुक में बौलीवुड हसीनाओं को टक्कर देती नजर आ रही हैं. आज हम आपको सब्यसाची के वायरल ब्राइडल लुक के बारे में बताएंगे, जिसे ट्राय करके आप अपनी शादी को और भी खास बना सकती हैं.

1. सबसे हटकर है शादी के जोड़े का कलर

अक्सर इंडियन वेडिंग में दुल्हनें रेड कलर के लहंगे पहनना पसंद करती हैं, लेकिन अब दुल्हनों की चौइस भी बदल गई है. वह रेड कलर की जगह पिंक और अलग कलर भी ट्राय कर रही है और ये दुल्हनों को सबसे हटकर लुक देते हैं. वहीं सब्यसाची के लहंगे की बात करें तो इस दुल्हन का लहंगा पिंक कलर का है, जिसकी कढ़ाई सिंपल के साथ-साथ ट्रेंडी है.

2. ज्वैलरी है परफेक्ट

आजकल लाइट कलर के साथ डार्क कलर कौम्बिनेशन काफी पौपुलर है. सब्यसाची की इस दुल्हन का लहंगा भले ही पिंक है, लेकिन इसकी ज्वैलरी लहंगे से बिल्कुल हटकर बीटरूट कौम्बिनेशन में है. सब्यसाची का ये ब्राइडल लुक बाकी दुल्हनों के लिए प्रेरणा है. आजकल के टाइम में ट्रेंड काफी मायने रखता है. उसी ट्रेंड को सब्यसाची ने आगे बनने वाली ब्राइड्स के लिए रखा है.

3. ये दुल्हन भी है हटके

इंडियन वेडिंग में अक्सर हल्दी की रस्मों में पीला कलर पहनते हैं, लेकिन हाल ही में सब्यसाची के कपड़ों में एक ब्राइड अपनी शादी पर पीले कलर के ब्राइडल लुक में नजर आई. इस ब्राइडल लुक की खास बात ये थी कि दुल्हन का लहंगा भले ही पीला था, पर उसकी ज्वैलरी लहंगे से बिल्कुल अलग ग्रीन कलर की थी. सब्यसाची का ये ब्राइडल लुक अपकमिंग ब्राइडल कलेक्शन के लिए ट्रेंड सेट साबित कर रहा है.

कुछ तो लोग कहेंगे

रात 10 बजे माया के घर के आगे एक बड़ी सी कार आ कर रुकी. स्लीवलेस टॉप और जींस पहने माया अपने फ्लैट की सीढ़ियों से दनदनाती हुई नीचे उतर रही थी कि सामने रूना आंटी टकरा गई. रूना आंटी उस की मां की पक्की सहेली है. अपनी जिम्मेदारी समझते हुए उन्होंने माया को टोका,” बेटा इतनी रात गए कहां जा रही हो? जरा सोचो तो लोग क्या कहेंगे.”

माया ने हंसते हुए आंटी का कंधा थपथपाया और बोली,” आंटी मैं ऑफिस जा रही हूं अपने सपनों को पूरा करने, जर्नलिस्ट का दायित्व निभाने. मुझे इस बात से कभी कोई सरोकार नहीं रहा कि लोग क्या कहेंगे. मेरी अपनी जिंदगी है. मेरी अपनी प्राथमिकताएं हैं. मेरे जीने का अपना तरीका है. इस में लोगों का क्या लेनादेना ? मैं क्या कभी लोगों से पूछती हूँ कि वे कब क्या कर रहे हैं?”

रूना आंटी को माया से ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी. वे चुपचाप खड़ी रह गई और माया जिंदगी को एक नया मकसद देने की ललक के साथ आगे बढ़ गई.

32  साल की माया दिल्ली में अकेली रहती है. रात में भी अक्सर काम के सिलसिले में उसे बाहर निकलना पड़ता है. रूना आंटी हाल ही में उस की सोसाइटी में शिफ्ट हुई है.

अक्सर बड़ेबुजुर्ग माया जैसी लड़कियों को तरहतरह की हिदायतें देते दिख जाते हैं. मसलन;

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‘ ऐसे कपड़े पहन कर कहां जा रही है ? जरा सोचो तो लोग क्या कहेंगे,’  ‘अरे, इतने लड़कों के साथ तू अकेली क्यों जा रही है ? समाज की कोई परवाह नहीं तुझे ?,’ ‘ क्लब में लड़कों के साथ डांस करते हुए शर्म नहीं आई तुझे ? यह भी नहीं सोचा कि लोग क्या कहेंगे,’  ‘ इतनी रात में अकेली कहां जा रही है ? सिर पर कपड़ा तो रख. ऐसे जाएगी तो लोग क्या कहेगे ?,’

‘इतनी जोरजोर से हंसना लड़कियों को शोभा नहीं देता,’  ‘ अरे, यह क्या लड़कों वाले काम करती रहती है. इतनी बड़ी हो गई है पर इतना भी नहीं सोचती कि लोग क्या कहेंगे.’

लोगों का क्या है उन्हें तो लड़की अकेली रह रही है तो परेशानी, लिव इन में रह रही है तो परेशानी, बच्चे नहीं हुए तो परेशानी, जॉब कर रही है तो परेशानी, लड़कों से हंस कर बातें कर ली तो परेशानी, क्लब में लेट नाईट चली गई तो परेशानी. और तो और पति के होते हुए भी गैरमर्द की तरफ नजर भर कर देख लिया तो भी परेशानी.

1. समाज की परवाह क्यों

लोगों की फ़िक्र न करें क्यों कि, हम लोग जानवर नहीं इंसान है. हम सब अपनी अलग पहचान और सोच ले कर पैदा हुए हैं. हम सिर्फ इस वजह से भीड़ की नकल नहीं कर सकते क्योंकि समाज ऐसा चाहता है. हम सबों के अलगअलग सपने हैं और उन्हें पूरा करने के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करने का अधिकार हम सबों को है.

आप हर किसी को खुश नहीं रख सकते. यदि किसी की नजर में आप गलत है तो इस का मतलब यह नहीं कि वास्तव में ऐसा है. आप हर किसी की नजर में सही नहीं हो सकती.

आप के पास अधिक समय नहीं है. इसलिए अपना समय किसी दूसरे की सोच के हिसाब से जीने में बरबाद न करें.

हार केवल आप की होगी. याद रखिए कि आप की जीत का सेहरा लोग अपने सर बंधवाने में तनिक भी देर नहीं लगाएंगे पर आप की हार के लिए आप को ही उत्तरदायी ठहराया जाएगा. इसलिए अपने जीवन से और अपने मन से इस डर को निकाल फेंकिए कि लोग क्या कहेंगे.

हकीकत में किसी को भी आप की परवाह नहीं. लोगों की सोच के अनुसार चल कर भी यदि आप किसी परेशानी में फंस जाएंगी तो कोई आप की मदद के लिए आगे नहीं आएगा. अपनी मदद आप को खुद करनी है. इसलिए वह कीजिए जो आप करना चाहती हैं बिना यह सोचे कि दूसरे लोग क्या कहेंगे.

जो लोग अपने दिल की सुनते हैं वे ही सफल होते हैं. यदि आप इतिहास के पन्ने पलट कर देखेंगी तो पाएंगी कि कोई भी व्यक्ति सफल इसलिए बना क्यों कि उस ने अपने सपनों का पीछा किया और कठिन मेहनत की.

2. हस्तक्षेप एक असहनीय पीड़ा

जब भी हम कोई नया कार्य शुरू करने जा रहे होते हैं या लोगों द्वारा तय मानदंडों से कुछ अलग करने वाले होते हैं तो हम में से अधिकतर यह सोच कर ही डर जाते हैं कि लोग क्या कहेंगे. यहाँ लोगों से तात्पर्य समाज से है जिसे हम ने मिल कर बनाया है. समाज में हम मिलजुल कर रहते हैं. कई तरह से एकदूसरे के ऊपर निर्भर भी रहते हैं. मगर यह निर्भरता सकारात्मक अर्थों में होनी चाहिए. एक ऐसी निर्भरता जो किसी की सफलता का मार्ग प्रशस्त कर सके, किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सके. जहां सब एकदूसरे के बुरे समय में काम आए, एकदूसरे के दुखों को बांट सकें और सुखों को चौगुना कर सकें !

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लेकिन मुसीबत तब होती है जब समाज हमारे हर कार्य पर नजर रखने लगता है. नकारात्मक रूप से हस्तक्षेप करने लगता है. इस से न केवल सामाजिक सौहार्द व सामंजस्य बिगड़ने लगता है बल्कि व्यक्ति के अधिकारों पर भी सीधी चोट पहुँचती है.

कई बार देखा गया है कि जब किसी व्यक्ति के जीवन में सफलता का समय ठीक पीक पर होता है तभी कुछ संकुचित दृष्टिकोण के लोगों के हस्तक्षेप से व्यक्ति के सपने चकनाचूर हो जाते हैं. एक कसक ताउम्र पीड़ा पहुंचाती रहती है. समय आगे निकल जाता है परंतु वह दुख व्यक्ति के जीवन में ठहर जाता है.

3. हस्तक्षेप की सीमा निर्धारित कीजिए

अपने जीवन में लोगों के हस्तक्षेप की एक सीमा निर्धारित कीजिए. जीवन आप का है. लक्ष्य आप का है तो फैसले भी आप के ही होने चाहिए. आप के भविष्य की चिंता आप के घरपरिवार, मित्रों और आप से ज्यादा किसी और को नहीं हो सकती.

जरा सोच कर देखिए कि जब लोगों की बारी आती है तो क्या वे अपने जीवन में आप का हस्तक्षेप स्वीकार करते हैं ? नहीं न? तो आप क्यो?

4. पितृसत्तात्मक समाज की सोच 

दरअसल पितृसत्तात्मक समाज के पुरुष स्त्री को अपनी अमानत या जागीर समझते है. वे स्त्रियों को अपने अधीन रखना और अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं. वे ही उन की जिंदगी के निर्माता बनना चाहते हैं. स्त्री की ‘यौन पवित्रता’ के नाम पर पाबंदियों का जाल बनाते हैं जिस में फंस कर स्त्रियां तड़पती रह जाती हैं. धार्मिक नेता इस मानसिकता का फायदा उठाने से नहीं चूकते. वे अलगअलग तरह से स्त्री विरोधी नियमकायदों और पाबंदियों की फ़ेहरिस्तें जारी कर अपना मतलब साधते रहते हैं.

पढ़ीलिखी लड़कियां भी ऐसे लोगों की सुनने लगेंगी तो एक समय ऐसा भी आ सकता है कि उन का दम घुटने लगे. आजादी की खुली हवा में सांस लेना तो दूर लड़कियां अपनी पहचान भी खो देंगी.

5. ‘इज्जत’ के ठेकेदारों की असलियत

धार्मिक आदेशों, स्त्रियों की ‘सुरक्षा’ और जाति की इज्जत के नाम पर झंडा उठाने और बातें बनाने वाले यही लोग स्त्रियों के लिए सब से बड़े संकट हैं. राजस्थान और हरियाणा में गर्भ में बड़ी संख्या में लड़कियों की हत्या करने वाले इन लोगों के साथ स्त्रियां कैसे सुरक्षित रह पायेंगी यह सोचने की बात है. उन्हें बाहरी पुरुषों से पहले अपने ही घर के लोगों से ख़तरा है. कभी उन्हें गर्भ में ही मार डालना, कभी प्रेम करने की सजा के रूप में जान लेना, कभी फोन इस्तेमाल करने की सजा सुनाना तो कभी गिद्ध दृस्टि रख कर अपने घर की स्त्रियों की इजात की ही धज्जियाँ उड़ा देना. स्त्रियों की सांसों पर इन इज्जत के ठेकेदारों का ऐसा पहरा है जो मौत से भी कई हजार गुना अधिक भयावह और पीड़ादायक है.

आज भी हमारा समाज 2 तरह के जीवन मूल्यों से संचालित हो रहा है. एक जीवन मूल्य वर्णवादी-पितृसत्ता द्वारा स्थापित है. यह पूरी तरह से अन्याय और गैरबराबरी पर आधारित है जिस में उच्च जाति और पुरुष की सत्ता स्थापित की गई है. महिलाओं के खिलाफ फरमान जारी करने वालों का सामाजिक जीवन इन्हीं मूल्यों से संचालित हो रहा है.

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दूसरी तरफ वे जीवन मूल्य हैं जो संविधान ने प्रदान किए हैं. इन जीवन मूल्यों में आधुनिकता, स्वतंत्रता, समानता है. इन्हीं की वजह से आज महिलाएं आगे बढ़ पा रही हैं. देश के सामने सब से बड़ी चुनौती है कि कैसे इन सड़ेगले असमानता आधारित सामाजिक मूल्यों को ध्वस्त किया जाए और समानता के मूल्यों की स्थापना की जाए. लोगों के कहने की परवाह ज्यादातर लड़कियों को ही करना पड़ता है. लड़कियों पर ही लोगों की सवालिया नजरें आ कर टिकती हैं. लड़कियों के ही चालचलन सवाल उठते हैं. मगर कब तक ? समय आ गया है कि हम पितृसत्तात्मक ढांचें को तोड़ें  और समान अधिकार की राह पर आगे बढ़ें.

बच्चों के लिए बनाएं स्पिनेच कौर्न सैंडविच

अगर आप अपने बच्चों के लिए हेल्दी और टेस्टी रेसिपी ट्राय करना चाहती हैं तो घर पर बनाएं स्पिनेच कौर्न सैंडविच. ये आसानी से बनने वाली रेसिपी है, जिसे आप अपने बच्चों के लिए नाश्ते से लेकर टिफिन में स्कूल के लिए भी भेज सकते हैं.

हमें चाहिए

– 100 ग्राम पालक के मुलायम पत्ते

– 1/4 कप उबले कौर्न

– 2 बड़े चम्मच गाजर कद्दूकस की हुई

– 2 बड़े चम्मच मूंगफली भुनी

– 1/4 कप आलू की भुजिया

– 50 ग्राम धनियापत्ती

– थोड़ी सी पुदीना पत्ती

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– 3 हरी मिर्चें

– 1 छोटा चम्मच

– 1 बड़ा चम्मच चाटमसाला

– नीबू का रस

– 100 ग्राम मक्खन

–  6 ब्रैड के पीस

बनाने का तरीका

– पालक पत्तों के साथ धनियापत्ती, पुदीना, मूंगफली, आलू भुजिया, चाटमसाला, नीबू का रस व नमक मिला कर मिक्सी में पीस लें.

– इस में उबले कौर्न व गाजर मिला दें.

– प्रत्येक ब्रेड पर मक्खन लगाएं.

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– 3 ब्रेड पर मिश्रण अच्छी तरह फैलाएं और बची ब्रेड से ढक दें.

– नौनस्टिक तवे पर दोनों तरफ से सुनहरा सेंकें.

– प्रत्येक सैंडविच को बीच से काट कर सर्व करें.

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