टीवी के पौपुलर एक्टर मोहसिन खान और एक्ट्रेस शिवांगी जोशी के शो ने 1000 एपिसोड पूरे कर लिए हैं, जिसके कारण शो की पूरी टीम जश्न के मूड में हैं. हाल ही में शो के सेट से पार्टी की कुछ फोटोज वायरल हुई हैं, जिसमें मोहसिन और शिवांगी केक काटते नजर आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं मोहसिन और शिवांगी के सेलिब्रेशन की खास फोटोज….
फैस के फ्लावर बुके के साथ दिखे शिवांगी और मोहसिन
शो के 1000 एपिसोड पूरे होने की खुशी में मोहसिन और शिवांगी के फैंस ने फ्लावर बुके भेजा, जिसके साथ दोनों स्टार्स ने फोटो खिंचवाई. इसी के साथ सीरियल के प्रोड्यूसर राजन शाही भी मोहसीन और शिवांगी के साथ नजर आए.
शिवांगी जोशी जहां मोहसिन से अपनी नजरें ही नहीं हटा पा रही थीं तो वहीं मोहसिन और शिवांगी अपने औनस्क्रीन परिवार के साथ के 1000 एपिसोड के पूरे होने का जश्न धूमधाम से मनाते हुए नजर आए.
सेट पर शिवांगी जोशी केक की सेल्फी लेते हुए नजर आई. तो वहीं मोहसिन ने भी अपने औनस्क्रीन फैमिली के साथ खूब सारी फोटोज क्लिक करवाई.
बता दें, शो में जितनी मोहसिन और शिवांगी की जोड़ी हिट है तो रियल लाइफ में भी मोहसिन और शिवांगी की डेटिंग और ब्रेकअप की खबरें आती रहती हैं. वहीं अब देखना ये है कि क्या ये जोड़ी औन स्क्रीन से औफ स्क्रीन कपल बनते हैं या नही.
मेकअप करते समय फाउंडेशन बहुत जरूरी होता है, यह आपके चेहरे को नया लुक देता है लेकिन कुछ महिलाएं इसे लगाने का सही तरीका नहीं जानती और कोई न कोई गलती कर बैठती हैं. इसलिए मेकअप देखने में थोड़ा अजीब सा लगता है. लेकिन फाउंडेशन लगाने से पहले यह बात जान लें कि यह आपको गोरा बानने के लिये बिल्कुल भी नहीं बना है इसलिये कृपया कर के अपने चेहरे के रंग से दो टोन हल्के रंग का फाउंडेशन खरीदना बिल्कुल छोड़ दें. इससे आप बिल्कुल आर्टिफीशियल दिखाई देती हैं. यहां पर कुछ आम सी गल्तियां दी हुई हैं जिसे आप अक्सर करती हैं चेहरे पर फाउंडेशन लगाते वक्त.
1. पाउडर फाउंडेशनना लगाएं
पाउडर फाउंडेशन से आपका चेहरा आर्टिफीशियल दिखेगा और इससे चेहरा सूख जाता है. इसकी जगह पर क्रीम फाउंडेशन या लिक्विड फाउंडेशन लगाएं.
2. फाउंडेशन टेस्ट करें
जब भी आप फाउंडेशन खरीदने जाती हैं, तो आप उसे अपनी कलाई पर टेस्ट कर के देखती हैं, जो कि गलत है. आपके चेहरे और आपकी कलाई का रंग अलग होता है इसलिये हमेशा फाउंडेशन को चेहरे पर लगा कर देखें.
लड़कियां फाउंडेशन को डायरेक्ट चेहरे पर लगा लेती हैं जिससे चेहरा अजीब सा दिखने लगता है. चेहरे पर पहले प्राइमर लगाएं और फिर फाउंडेशन लगाएं. इससे आपका फाउंडेशन ज्यादा देर तक टिकेगा.
4. हमेशा फाउंडेशन ब्रश का प्रयोग करें
अभी तक आप फाउंडेशन को ब्रश या उंगलियों से लगा रही होंगी. आपको फाउंडेशन लगाने के लिये ब्रश का प्रयोग करना चाहिये. ब्रश से फाउंडेशन एक समान लगता है और त्वचा में पूरी तरह से समा जाता है.
5. पूरे चेहरे पर ना लगाएं फाउंडेशन
गोरी दिखने के चक्कर में आप पूरे चेहरे पर फाउंडेशन पोत लेती हैं जो कि गलत होता है. इसे केवल उसी जगह पर लगाया जाना चाहिये जहां पर दाग-धब्बे या काले घेरे हों. आप जितना कम फाउंडेशन लगाएंगी आप उतनी ही नेचुरल दिखेगीं.
अंडर आई डार्क सर्कल को छुपाने के लिये कंसीलर लगाना ना भूलें. फाउंडेशन अकेला डार्क सर्कल को नहीं छुपा सकता. प्राइमर लगाने के तुरंत बाद ही कंसीलर लगाना चाहिये और उसके बाद फाउंडेशन का प्रयोग करन चाहिये.
नया साल जल्द ही खत्म होने वाला है. वहीं इस पूरे साल में कई नई चीजें हुई है. बौलीवुड की ही बात करें तो एक्ट्रेसेस का फैशन इस बार इंडियन और वेस्टर्न लुक का फ्यूजन रहा है. आज हम बौलीवुड हसीनाओं के साड़ी लुक की बात करें, जो साल खत्म होते-होते भी काफी पौपुलर रहा है. सिक्विन शिमरी साड़ी इसबार काफी पौपुलर हुई है. आज हम आपको सिक्विन शिमरी साड़ी के बौलीवुड एक्ट्रेसेस के कुछ लुक बताएंगे, जिसे आप भी ट्राय कर सकती हैं.
1. भूमि पेडनेकर का ये लुक करें ट्राय
अगर आप वेडिंग सीजन में कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो भूमि पेडनेकर की वाइट सिक्विन शिमरी साड़ी लुक ट्राय करें. औफ शोल्डर डीप नेक वाले ब्लाउज के साथ ये लुक परफेक्ट है. ये आपके लुक को परफेक्ट बनाने में मदद करेगा.
पार्टी की बात की जाए तो ब्लैक कलर परफेक्ट होता है. करिश्मा कपूर की ये ब्लैक सिक्विन शिमरी साड़ी के साछ औफ शोल्डर ब्लाउज आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन है.
मैटेलिक सिल्वर रंग की सिक्विन साड़ी में पार्टी के दौरान तारा सुतारिया के लुक ने भी खूब धमाल मचाया था. सिल्वर रंग के डीप वी नेक के ब्लाउज के साथ साड़ी को पेयर किया था, जिसे आप भी पार्टीज या वेडिंग सीजन में ट्राय कर सकती हैं.
जान्हवी कपूर भी मनीष मल्होत्रा की सिक्विन साड़ी के क्रेज से बच नहीं पाईं. पर्पल कलर की खूबसूरत शिमरी साड़ी में कुछ दिनों पहले ही उन्होंने इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर की थी.
छोटी सरदारनी की मेहर इन दिनों काफी चर्चा में है. दरअसल, मेहर का किरदार ही कुछ ऐसा है कि हर आम लड़की खुद को उससे जुड़ा हुआ महसूस कर सकती है. शायद यही वजह है कि ये शो कम समय में काफी मशहूर हो गया है और टीआरपी चार्ट्स की टॉप 5 की लिस्ट में भी पहुंच गया है. तो चलिए आपको बताते हैं मेहर की वो खूबियां जो आपको अपने अंदर भी देखने को मिलेगी.
1. जड़ों से जुड़ी हुई
एक कॉलेज गर्ल से लेकर एक बच्चे की सौतेली मां बनने तक का सफर मेहर ने बहुत जल्दी तय कर लिया. लेकिन फिर भी वो अपनी जड़ों से जुड़ी है. भले ही उसकी मां ने उससे उसका प्यार छीन लिया हो, लेकिन फिर भी वो अपने परिवार के बारे में सोचती है और उनकी हर मुश्किल में उनके साथ होती है. वो अपने आदर्शों से कभी समझौता नहीं करती. भले ही सरबजीत और वो पति-पत्नी का रिश्ता कायम न कर पाए हो, लेकिन वो एक आदर्श बहू और मां के सारे फर्ज पूरे करती है.
हालात चाहे कितने ही मुश्किल क्यों न हो मेहर हमेशा अपने दिल की सुनती है और वही फैसला लेती है जो उसे सही लगता है. फिर चाहे इसके लिए उसे कितनी ही तकलीफ क्यों न उठानी पड़े. आज की दौर की महिलाएं भी ऐसी ही तो हैं.
कहने को तो परम, मेहर का सौतेला बेटा है, लेकिन मेहर की जान परम में बसती है और परम भी उसे बेहद प्यार करता है. मेहर न सिर्फ परम की फेवरेट है बल्कि अपने भतीजे युवी के भी काफी करीब है. इसका मतलब ये है कि वो बच्चों के बेहद करीब है. असल जिंदगी में भी महिलाओं को बच्चों से काफी लगाव होता है.
मेहर को अपने बाबा जी पर पूरा भरोसा है. वो एक सच्ची सरदारनी है. भले ही उसने जिंदगी में मुश्किल हालत देखे हो, लेकिन अपने भगवान से उसका भरोसा कभी नहीं डगमगाया. अगर आप गौर करें तो रियल लाइफ में आपके साथ भी तो ऐसा होता है कि भले ही आपके मुताबिक चीजें न हो रही हो, लेकिन भगवान से आपका भरोसा टूटता नहीं है.
मेहर जितनी संस्कारी है उतनी ही मॉर्डन भी है. वो जीप चलाती है, महिलाओं के हक के लिए बात करती है और अपने परिवार की हर मुश्किल में बराबरी से खड़ी होती है. जैसा कि हम सब करते हैं. नए जमाने में हम मर्दों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं, लेकिन अपने परिवार का भी पूरा ख्याल रखते हैं.
मेहर की ये जर्नी देखकर हम कह सकते हैं कि हम सबके अंदर भी एक मेहर है और हमारी कहानी भी बिल्कुल मेहर की तरह है जिसमें प्यार से बिछड़ने का दर्द है तो परिवार के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा भी है. मतलब आपकी और हमारी जैसी ही तो है मेहर की कहानी.
अमूमन लोग सफल फिल्म की फ्रेंचाइजी के सिक्वअल बनाकर दर्शकों को अपनी तरफ खींचने का काम करते हैं. दर्शक सोचता है कि यह पिछली फिल्म का सिक्वअल है, तो इस बार ज्यादा अच्छी बनी होगी, मगर अफसोस ‘दबंग’ फ्रेंचाइजी के साथ ऐसा नहीं कहा जा सकता.हर सिक्वअल के साथ इसका स्तर गिरता ही जा रहा है. 2010 की सफल फिल्म ‘दबंग’का निर्दैशन अभिनव कष्यप ने किया था.और इस फिल्म ने सफलता के कई रिकार्ड बना डाले थे.उसके बाद इस फिल्म से अभिनव कश्यप को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.इसका सिक्वअल ‘‘दबंग 2’’ 2012 में आयी थी,जिसे खुद अरबाज खान ने निर्देषित किया था,मगर पहले के मुकाबले यह कमजोर थी.पर सलमान खान के प्रशंसकों ने इसे सफल बना दिया था. अब पूरे सात वर्ष बाद इस फ्रेंचाइजी की अगली फिल्म ‘‘दबंग 3’’आयी है,जिसका निर्देषन सलमान खान के खास प्रभु देवा ने किया है,जो कि ‘दबंग 2’ से भी निचले स्तर की है. वैसे यह ‘दबंग’ सीरीज की प्रिक्वअल फिल्म है.
कहानीः
‘‘दबंग’’ फ्रेंचाइजी की यह तीसरी फिल्म ‘प्रिक्वअल’ है, इसीलिए कहानी अतीत में चलती है. फिल्म के शुरू होने पर एक षादी समारोह में पहुंचकर चुलबुल पांडे,माफिया डौन बाली सिंह के लिए काम करने वाले स्थानीय गुंडे द्वारा लूटे गए सोने के जेवर वापस दिलाते हैं. इसी केस के चलते चुलबुल पांडे की मुलाकात बाली सिंह से होती है और उन्हे अपने पुराने घाव याद आते हैं. फिर कहानी अतीत में चली जाती है.
चुलबुल पांडे को याद आता है कि वह धाकड़ पांडे से पुलिस इंस्पेक्टर चुलबुल पांडे कैसे बने थे.फिर खुशी(साईं मांजरेकर)का चुलबुल पांडे(सलमान खान)के संग रोमांस की कहानी षुरू होती है.दरअसल चुलबुल की मां नैनी देवी (डिंपल कपाड़िया) ने खुशी को चुलबुल के भाई मक्खी (अरबाज खान) के लिए पसंद किया था, मगर मक्खी को शादी करने में कोई रुचि नहीं थी.उधर चुलबुल और दहेज परंपरा के खिलाफ जाकर अपनी मंगेतर खुशी को डौक्टर बनाने के लिए कटिबद्ध है, मगर तभी उनके प्यार पर ग्रहण लग जाता है. बाली की नजर खुशी पर पड़ती है और वह खुशी को पाने के लिए उतावला होकर कुछ भी करने पर आमादा है. खुशी के लिए ही धाकड़ बदलते हैं, दुनिया के लिए कुछ अच्छा करने से लेकर एक निश्चित तरीके से अपने धूप का चश्मा लगाने तक,खुशी में सब कुछ शामिल हो जाता है और चुलबुल पांडे बन जाते हैं. मगर बाली सिंह (किच्चा सुदीप )का दिल खुशी पर आ जाता है, इसलिए बाली गुस्से व ईष्र्या के चलते खुशी के साथ उसके परिवार का खात्मा कर देता है. फिर पूरी फिल्म की कहानी चुलबुल पांडे और बाली सिंह के बीच बदला लेने की कहानी बन जाती है.
लेखनः
फिल्म की पटकथा स्वयं अभिनेता सलमान खान ने दूसरे लेखकों के साथ मिलकर लिखा है,इसलिए सलमान खान के प्रशंसक तो ताली बजाएंगे,मगर फिल्म की पटकथा खामियां का पिटारा है.फिल्म में चुलबुल पांडे अपनी पत्नी रज्जो को खुशी के साथ अपनी प्रेम कहानी सुनाते हैं, जबकि रज्जो पांडे और खुशी एक दूसरे से परिचित थीं. यह बहुत अजीब सा है.कुछ अपमान जनक संवाद व दृश्य भी हैं.फूहड़ हास्य दृश्य भी हैं.‘दबंग 3’में कुछ भी नया नही है. इंटरवल से पहले फिल्म काफी धीमी है. फिल्म का सबसे बड़ा नकारात्मक पक्ष इसकी लंबाई है. क्लामेक्स जरुर रोचक बन गया है.
नाच गानाः
फिल्म के निर्देशक प्रभू देवा मूलतः नृत्य निर्देषक हैं,इसलिए फिल्म में बेवजह छह गाने ठूंसे गए हैं, जो कि फिल्म में लगभग 30 मिनट ले जाते हैं.
निर्देशनः
प्रभू देवा पूरी तरह से विफल रहे हैं. उनका सारा ध्यान सलमान खान को हीरो के रूप में चित्रित करने में ही रहा. उन्होंने फिल्म में वह सब दिखाया है,जो कि सलमान खान के प्रशंसक देखना चाहते हैं. इस चक्कर में वह खुद को दोहराने में भी पीछे नही रहे. फिल्म के तमाम मसालों में प्रभु ने दहेज, नोटबंदी, पानी के सरंक्षण जैसे मुद्दों को भी पिरोया है. सलमान खान ने जब जबभी सामाजिक संदेश जबरदस्ती फिल्म के अंदर पिरोया है तब तब फिल्म बरबाद कर दी.
अभिनयः
सलमान खान को अभिव्यक्ति की कला में महारत हासिल है.वह अपने चेहरे पर शरारत और प्यार को उतनी ही आसानी से दर्ज कराते हैं,जितना कि यह खून की लालसा और गुस्सा को करते है.
रज्जो पांडे किरदार में सोनाक्षी सिन्हा महज सेक्सी नजर आयी हैं, अन्यथा वह अपने अभिनय से इस फिल्म को डुबाने में कोई कसर बाकी नहीं रखती.
खुशी के किरदार में सांई मांजरेकर जरुर कुछ उम्मीदें जगाती हैं. सुंदर दिखने के साथ कुछ भावनात्मक दृश्यों में सांई मांजरेकर ने अपनी अभिनय प्रतिभा का अच्छा परिचय दिया है.पर उनके किरदार के साथ भी न्याय नही हुआ.
फिल्म के खलनायक बाली सिंह के किरदार में दक्षिण भारतीय अभिनेता किच्चा सुदीप ने जबरदस्त परफार्मेंस दी है. पर फिल्म सलमान खान की है, सलमान खान ने ही पटकथा व संवाद भी लिखे हैं,ऐसे में सुदीप के बाली सिंह के किरदार को ठीक से रेखांकित नह किया गया. वैसे सुदीप इससे पहले बहुभाषी एक्शन ड्रामा वाली फिल्म ‘‘पहलवान’’ में अपने अभिनय का जलवा दिखाकर हिंदी भाषी दर्शर्कों के बीच अपनी पैठ बना चुके हैं.
एक्शनः
फिल्म के सारे एक्षन दृश्य अतार्किक और सलमान खान की स्टाइल के ही हैं. मारधाड़, विस्फोट, अति हिंसा सब कुछ है. एक्शन दृश्यों में सलमान खान की उम्र जरुर बाधा बनती है.
यदि आप सलमान खान के धुर प्रशंसक नहीं हैं, तो आपके लिए इस फिल्म को सहन करना मुश्किल है.
बिग बौस के घर में आए दिन कोई ना कोई नया ड्रामा तो दर्शकों को देखने को मिलता ही रहता है. कभी किसी कैप्टेंसी टास्क के चलते तो कभी लग्जरी बजट टास्क के चलते घरवाले आपस में भिड़ते ही रहते है और दर्शकों को एंटरटेन करने का एक मौका भी नहीं छोड़ते. हाल ही के कैप्टेंसी टास्क की बात करें तो पंजाब की कैटरीना कैफ यानी शहनाज गिल चाहती थीं कि उन्हें कैप्टन बनाने में पारस छाबड़ा उनकी मदद करें पर पारस अपनी करीबी दोस्त माहिरा शर्मा को सपोर्ट करना चाहते थे और इसी बात पर शहनाज ने घर के अंदर काफी हंगामा खड़ा कर दिया था.
इसी के चलते सिद्धार्थ शुक्ला शहनाज गिल से काफी नाराज हो गए थे कि वो हर समय पारस पारस करती रहती हैं और जब शहनाज को लाइमलाइट में आना होता है तो वे सिद्धार्थ के पास आ जाती हैं. बीते पूरे एपिसोड में सिद्धार्थ शहनाज से नाराज रहे और शहनाज ने उन्हें मनाने की हर तरकीब आजमाई. इस दौरान शहनाज ने घर के मास्टर माइंज विकास गुप्ता का भी सहारा लिया कि वे क्या करें जिससे कि सिद्धार्थ उनसे बात करने लग जाए.
इसके बाद रात को सोते हुए शहनाज ने फिर से सिद्धार्थ को मनाना शुरू किया और यहां तक की सिद्धार्थ के पैर भी दबाए. सिद्धार्थ को शहनाज की इतनी कोशिशों पर तरस आ गया और वे उनसे बात करने लग गए. इसके बाद जो हुआ वो वाकई हैरान कर देने वाला था. दरअसल असीम रियाज की गेम दिन ब दिन स्ट्रौंग होती जा रही है और इस बात का किसी को अंदाजा नहीं था कि असीम इतना आगे तक आ जाएंगे.
एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है जिसमें सिद्धार्थ और शहनाज साथ मिलकर असीम की सेक्सुएलिटी का मजाक उड़ा रहे हैं. इस वीडियो में शहनाज असीम से कहती हैं कि, “तूने अपना अप्पर लिप कराया हुआ है फिलर कराया हुआ है न तूने.” इसके बाद असीम कहते हैं कि ” तू कितनी गंदी है, मैं क्यों कराऊंगा, मैं लड़की थोड़ी हूं.” तभी असीम के दोस्त सिद्धार्थ बीच में बोलते हैं “लड़की नहीं क्या तू?. सिद्धार्थ मजे लेते हुए असीम को कहते हैं “तू लड़का है, लेकिन तू बता तू लड़का है”
इसके बाद सिद्धार्थ आरती से कहते हैं “जब असीम किसी लड़की से बात करता है तो ऐसा लगता है जैसे दो लड़कियां बात कर रही हैं.” शहनाज असीम का मजाक उड़ाते हुए खेती हैं कि “तू है न क्यूट सा बेबी लगता है और तू क्लिप लगाया कर.” अब देखने वाली बात ये होगी कि असीम सिद्धार्थ और शहनाज के इस मजाक पर क्या रिएक्शन देते हैं.
आपको बता दें, असीम रियाज बिग बौस के अगले नए कैप्टन बन चुके हैं, और इस हफ्ते घर से बेघर होने के लिए 4 सदस्य नोमिनेटिड हैं जिसमें से सिद्धार्थ शुक्ला, शेफाली बग्गा, आरती सिंह, मधुरिमा तुली, अरहान खान, और विशाल आदित्य सिंह का नाम शामिल है.
आजकल इलेक्ट्रौनिक मशीनों ने काम करने की मेहनत बचा दी है, लेकिन अगर हमारी मदद करने वाली चाजों का अगर हम सही ढ़ग से इस्तेमाल न करें तो यह आपके काम को बिगाड़ भी सकती है. क्या आप जानती हैं कि कपड़ों की सही धुलाई के साथ-साथ उनकी क्वालिटी को भी कैसे बरकरार रखा जा सकता है? अगर नहीं तो परेशान न हों. हम आपको बताएंगे हैं कि कपड़ों की सही धुलाई कैसे करें…
1. कपड़ों को अलग-अलग धोने की करें कोशिश
कपड़ों को धोने से पहले उन्हें अलग-अलग करें जैसे ज्यादा गंदे कपड़ों को अलग धोएं तो कम गंदे कपड़ों को अलग. इसी तरह ऊनी और सूती कपड़ों को भी अलग कर लें. कमीजों, पैंटों, नए सूती कुरतों आदि को अलग धोएं तो चादरों, तौलियों और नाइट सूटों को अलग से धोएं. सभी कपड़ों को एकसाथ मशीन में भर देना उचित नहीं है.
2. वौशिंग मशीन में कपड़े डालने से पहले रखें ये ध्यान
मशीन में कपड़ों को डालने का भी एक तरीका होता है जैसे कि बड़े कपड़े सबसे पहले फिर उन से छोटे और फिर उन से छोटे. कपड़ों की तह को खोल कर डालें. अगर कपड़ों को यों ही मशीन में भर देंगी तो वे आपस में उलझ जाएंगे और फिर जिस समय मशीन स्पंज करती है, तो उन के फटने और मशीन में एरर आ कर रुक जाने की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है.
3. रंग निकलने वाले कपड़ों को रखें अलग
कोई भी नया कपड़ा डालने से पहले चैक कर लें कि उस का रंग तो नहीं निकल रहा, क्योंकि अगर रंग निकलने वाला कपड़ा हुआ तो मशीन में डाले गए सारे कपड़े खराब हो जाएंगे.
4. मशीन के इस्तेमाल से पहले पढ़ें बुकलेट
कई मशीनों की बुकलेट में लिखा होता है कि नौर्मल डिटर्जैंट के साथ आधा ढक्कन मशीन का डिटर्जैंट भी डालें, जो अलग से खरीदना होता है. लेकिन कई बार महिलाएं सोचती हैं कि इसे खरीदने की क्या जरूरत है. मगर यह सोच ठीक नहीं है, क्योंकि उस डिटर्जैंट की वजह से ही तो कपड़े ज्यादा साफ होते हैं.
– डिटर्जैंट चुनते वक्त पहले यह तय कर लें कि पाउडर का इस्तेमाल करना है या लिक्विड डिटर्जैंट का. लिक्विड डिटर्जैंट अपेक्षाकृत ज्यादा महंगा होता है पर इस बात को भी ध्यान में रखें कि अगर आप कपड़े धोने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल करती हैं तो पाउडर पानी में आसानी से नहीं घुलेगा. बेहद मुलायम कपड़ों को धोने के लिए लिक्विड डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें.
6. फैब्रिक का रखें ध्यान
डिटर्जैंट का इस्तेमाल करते समय फैब्रिक का भी ध्यान रखें. सिल्क या ऊनी कपड़ों की धुलाई के लिए मुलायम डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें. बच्चों के कपड़ों की धुलाई के लिए बेहद मुलायम डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें, क्योंकि बच्चों की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है. सफेद कपड़ों की धुलाई के लिए ब्लीच फौर्मूला वाले डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें तो रंगीन कपड़ों की धुलाई के लिए ऐसे डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें जिस से कि कपड़ों में चमक आ जाए. वाशिंग मशीन में कपड़े धोते वक्त सब से पहले डिटर्जैंट डालें और फिर कपड़े, क्योंकि कपड़ों के ऊपर डिटर्जैंट डालने से न सिर्फ कपड़ों में डिटर्जैंट के चिपके रहने की आशंका रहती है, बल्कि कपड़ों का रंग भी उड़ जाता है.
7. दाग-धब्बों वाले कपड़ों का रखें ध्यान
कपड़ों को वाशिंग मशीन में डालने से पहले उन पर लगे दागधब्बों को हाथ से छुड़ा लें. दरअसल, वाशिंग मशीन में दाग लगे कपड़ों को सीधा डालने से निशान और गहरे हो जाते हैं.
कपड़े धोने के बाद वाशिंग मशीन का डिटर्जैंट बौक्स भी साफ करना जरूरी है. उसमें बचा वाशिंग पाउडर जरूर निकाल लें और अच्छी तरह साफ करें. यदि संभव हो, तो पूरे बौक्स को बाहर निकाल लें और किसी पुराने टूथब्रश से साफ कर लें. वाशिंग मशीन के अंदर का ड्रम भी साफ करती रहें ताकि मशीन साफ रहे. उस में कई सारे छोटेछोटे छिद्र होते हैं, जिन में कीटाणु जमा हो जाते हैं. बेहतर है हर महीने खाली मशीन चला दें. इस के लिए डिशवाशर टैबलेट और गरम पानी का इस्तेमाल करें.
वीगन एक नया सा आंदोलन जो भारतीयों के लिए अजूबा नहीं है पर विदेशों में खासा लोकप्रिय हो रहा है. वीगन यानी वैजीटेरियन पशुओं से बने किसी खाने को नहीं खाने का संकल्प यानी पशुओं से मिले कोई भी उत्पाद, न मीट, न दूधदही, न शहद, न अंडे. वे चमड़े की चीजों का भी उपयोग नहीं करते. कौस्मैटिक्स खरीदते समय तक भी खयाल रखते हैं कि उन में एनीमल प्रोडक्ट न डले हों.
स्वीडन के राजदूत ने मुझे बताया कि स्टौकहोम में जब वह 60 साल से ऊपर के लोगों को खाने पर बुलाता तो ज्यादातर मांसाहारी ही होते पर 40 आयु से कम वालों के लिए उसे वीगन डिशेज भी रखनी होती हैं.
मेरे मंत्रालय ने हाल ही में नैशनल और्गेनिक मेला लगवाया जिस में 450 स्टाल लगे थे. कई हजार लोग उस में आए थे. काफी स्वादिष्ठ व्यंजन थे. एक व्यक्ति ने औनलाइन वीगन शौपिंग मौल खोला है और लगभग 800 आइटम बेच रहा है. उसे पैसा लगाने वालों की कमी नहीं पर उस का प्रचार करने वाले नहीं मिल रहे. नागपुर के 2 युवाओं ने बादाम का दूध बनाना शुरू किया है और अब बिक्री की संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं.
फैलता कारोबार
दुनियाभर में वीगन व्यवसाय पनप रहा है और उस की खासी मांग है पर सप्लाई कम है. युवा व्यवसायी समझ नहीं पा रहे कि किस तरह के व्यवसाय करे जा सकते हैं. माइकल ओफी नाम का एक उत्साही वीगन मिनिमलिस्ट साइट चलाता है और उस ने बहुत से सुझाव दिए हैं जिन्हें मुनाफे का व्यवसाय बनाया जा सकता है.
इन में मुख्य हैं:
वीगन रैस्तरां या कैफे.
वीगन पिज्जा डिलीवरी व्यवस्था.
वीगन चीज की सप्लाई.
फूड ट्रक जिस में केवल वीगन बर्गर, समोसे आदि हों.
वीगन बेकरी जिस मेें बिना दूध और अंडे का सामान हो.
वीगन व्यवसाइयों के लिए खास कौपीराइटिंग, इलस्ट्रेशन वर्क.
वीगन प्ले हाउस जहां वीगन मातापिता बच्चों को छोड़ सकें.
वीगन लोडिंग इवैंट मैनेजर.
वीगन खानों को सिखाने वाले कुकिंग ऐक्सपर्ट.
डेटिंग ऐप जिस में वीगन लोगों को आपस में मिलाया जाए.
वीगन जूते की शौप जो चमड़े के नहीं कैनवास, जूट, सिंथैटिक मैटेरियल के जूते ही बचे.
वीगन कौस्मैटिक उत्पाद जो उन उत्पादों से अलग हों जिन में एनीमल एक्स्ट्रैक्ट डाला जाता है.
वीगन पैट फूड ग्रौसरी स्टोर जिस में सिर्फ वीगन प्रौडक्ट हों.
वीगन मूवमैंट से बचाएं दुनिया
पशु हमारे दोस्त हैं और हमें उन के साथ जीना सीखना चाहिए न कि उन का इस्तेमाल करना चाहिए. वीगन मूवमैंट दुनिया के रिसोर्स बचाने का खास काम कर रही है, क्योंकि एनीमल प्रोडक्ट प्रकृति पर बहुत भारी पड़ते हैं. मूवमैंट का एक हिस्सा यह भी है कि देसी चीजें इस्तेमाल की जाएं जो आसपास उगती हैं ताकि सामान को इधरउधर लाने, ले जाने में ईंधन न खर्च हो, चौड़ी सड़कें न बनें, धुआं उगलने वाली गाडि़यां और ट्रक न चलें.
आज जो खाना बनता है, खासतौर पर पैकेज्ड फूड उस में तरहतरह के जानवरों की चीजें इस्तेमाल होती हैं. सफेद चीनी को हड्डी के चूरे से साफ किया जाता है. राजस्थान के मेहंदी केंद्र सोजत के पास की नदी मेहंदी में मिलाए जाने वाले रंग की वजह से लाल हो गई, जबकि मेहंदी को शुद्ध वीगन माना जाता है. यह भ्रम और कई चीजों के बारे में है. जरूरत सोच की है, न कि दिल के दरवाजे खोलने की.
शो ‘छोटी सरदारनी’ में हरलीन को पता चल चुका है कि मेहर के पेट में पल रहा बच्चा सरब का नहीं है, जिसके कारण वो मेहर के खिलाफ हो गई है. तो आइए आपको बताते हैं क्या होगा अपकमिंग एपिसोड में…
हरलीन ने मारा मेहर को थप्पड़
पिछले एपिसोड में आपने देखा कि मेहर घर पहुंचकर हरलीन से बात करने की कोशिश करती है, लेकिन हरलीन उसे थप्पड़ मार देती है. वहीं हरलीन सरब को बताती है की मेहर के पेट में पल रहा बच्चा सरब का नही है, लेकिन सरब हरलीन से कहता है कि उसे मेहर की प्रेग्नेंसी का सच पता है.
मेहर की सच्चाई जानने के बाद हरलीन गुस्से में है, जिसके चलते वह मेहर की मां यानी कि कुलवंत कौर के घर चली जाती है. वहीं जब ये बात सरब को पता चलती है तो उसे बेहद बुरा लगता है.
मेहर की प्रेग्नेंसी के बारे में जानने के बाद हरलीन, मेहर के बच्चे को अपनाने से मना कर देगी. इसी के साथ हरलीन मेहर को एक चेतावनी देगी कि 9 दिन में फैसला करे कि या तो वह अपने पेट में पल रहे बच्चे का अबौर्शन करा ले या फिर सरब और परम की जिंदगी से दूर चली जाए.
किसे चुनेगी मेहर
अब देखना ये है कि मेहर किसे चुनती है. अपने पेट में पल रही मानव की आखिरी निशानी को या सरब और परम को? जानने के लिए देखते रहिए ‘छोटी सरदारनी’, सोमवार से शनिवार, रात 7:30 बजे, सिर्फ कलर्स पर.
‘वर्ल्ड हैल्थ और्गेनाइजेशन’ के मुताबिक भारत की करीब 30% आबादी नियमित रूप से शराब का सेवन करती है. ‘नैशनल क्राइम रिकौर्ड्स ब्यूरो’ के आंकड़ों के मुताबिक भारत में प्रतिदिन करीब 15 लोगों की मौत शराब की लत के कारण होती है.
जिन महिलाओं के पतियों को शराब की लत होती है उन्हें अपने और अपने बच्चों की सुरक्षा और भविष्य को ले कर हमेशा चिंता बनी रहती है. कई बार ऐसी स्थिति आती है कि महिलाएं हिम्मत हार जाती हैं.
इस संदर्भ में रिलेशनशिप रिफौर्मर मानव आहुजा कहते हैं कि यह सच है एक शराबी पति के साथ रहना वैवाहिक जीवन की सब से बड़ी चुनौतियों में से एक है. पर धैर्य और तर्कसंगत तरीके से निबटने का प्रयास किया जाए तो इस से छुटकारा पाया जा सकता है, क्योंकि अलकोहलिज्म एक बीमारी है जो समय के साथ ठीक हो सकती है.
1. अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखें
जब आप के पति नशे में हों तो आप चीखेंचिल्लाएं नहीं. इस से स्थिति और खराब होगी. अगर आप अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखेंगी तो इस का आप के पति पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा. वे समय के साथ अपनी गलती जरूर महसूस करेंगे. अगर स्थिति आप की बरदाश्त के बाहर हो जाए तब भी धैर्य और शांति बनाए रखें, क्योंकि यह आप के और आप के बच्चों के जीवन के लिए बहुत जरूरी है.
अगर आप सारा दिन अपने पति की शराब की लत को ले कर कुढ़ती रहेंगी तो यह आप के जीवन में ग्रहण लगा देगा. हमेशा पति के बारे में न सोचती रहें. अपने और अपने बच्चों के बारे में भी सोचें. अपना ध्यान रखें. अपने लिए समय निकालें. अपने दोस्तों या परिवार के अन्य सदस्यों के साथ आउटिंग पर जाएं. मूवी देखें. बाहर खाना खाएं. इस से आप का स्ट्रैस लैवल कम होगा. स्टैमिना बढ़ेगा और आप अपनी परेशानियों को बेहतर तरीके से हल कर पाएंगी.
3. काउंसलिंग है जरूरी
अपने पति को किसी साइकिएट्रिस्ट या रिलेशनशिप रिफौर्मर के पास ले जाएं. चाहें तो अपने परिवार के किसी ऐसे सदस्य की सहायता भी ले सकती हैं, जो इस स्थिति से बाहर आया हो. कई मामलों में काउंसलिंग के बड़े पौजिटिव रिजल्ट आते हैं.
4. चर्चा करें
जब आप के पति नशे में न हों तब उन से विभिन्न विषयों पर खुल कर चर्चा करें. उन्हें समझाएं कि किस तरह उन की शराब की लत शादी और उन के जीवन को प्रभावित कर रही है. फ्यूचर विजुलाइज कराएं कि उन की शराब पीने की लत का बच्चों पर कितना गलत प्रभाव पड़ रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो बच्चे उन का सम्मान करना बंद कर देंगे. अगर उन्होंने अपनी आदतें नहीं सुधारीं तो भविष्य में कई समस्याएं हो जाएंगी.
5. सेहत से जुड़ा डर पैदा करें
सेहत को ले कर पति के मन में थोड़ा भय विकसित करें. उन्हें अपने पासपड़ोस, दोस्तों रिश्तेदारों में से किसी का उदाहरण दे कर बताएं कि किस तरह शराब की लत ने उन की सेहत को खराब कर दिया. अगर आप लगातार उन्हें उन की सेहत को लेकर समझाती रहेंगी तो वे जरूर सोचने पर मजबूर होंगे कि किस तरह नशा उन की सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है.
उन्हें अपने साथ योगा क्लासेज ले जाएं. इस से विल पावर स्ट्रौंग होगी और उन के लिए इस लत से बाहर आना संभव होगा. अगर आप के शहर में कोई मोटिवेशनल सेमिनार हो रहा है तो आप वीकैंड पर पति के साथ वहां जाएं इस से ज्ञान भी बढ़ेगा और जिंदगी को देखने का नजरिया भी बदलेगा. उन्हें इंटरनैट पर भी मोटिवेशनल विडियोज देखने के लिए प्रेरित करें.
7. बुरी संगत से दूर रखें
पति को ऐसे दोस्तों या लोगों से दूर रखें जो उन्हें शराब पीने को उकसाते हैं. पति को समझाएं कि ऐसे लोगों का साथ उन के निजी जीवन और परिवार को कितना प्रभावित कर रहा है. अगर फिर भी वे उन से मिलने की जिद करें तो उन्हें महीने में 1-2 बार से अधिक न जाने दें.
8. कुछ समय के लिए दूरी बढ़ा लें
अपने बच्चों के साथ कुछ दिनों के लिए अपने मायके या किसी और रिश्तेदार के यहां चली जाएं. पति को एहसास कराएं कि उन की शराब की लत की वजह से उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा. अपनी अहमियत का उन्हें एहसास होने दें.