इंटरनैट पर साइबर बुलिंग का आतंक

भारत में साइबर मौबिंग का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. देश में किशोरों और बच्चों को धमकाने, प्रताडि़त करने और ब्लैकमेल करने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है. ऐसी ही कुछ घटनाएं हाल में हुई हैं. कानपुर के एक स्कूल में पढ़ने वाला विवेक साइबर बुलिंग का शिकार हो गया. कुछ बदमाश युवकों की दहशत से विवेक अब न तो कंप्यूटर पर काम करता है और न ही स्कूल के मैदान में खेलने जाता है. वह लगातार आसमान की तरफ देखता रहता है.

ऐसा ही कुछ सृजन के साथ भी हुआ. वह बनारस के एक पब्लिक स्कूल में पढ़ता है. उस के दोस्तों ने फोटोशौप पर उस की फोटो एडिट कर क्लास की एक लड़की के साथ जोड़ दी और सोशल नैटवर्किंग साइट पर अपलोड कर दी. तभी से सृजन और वह लड़की शर्म के मारे एक महीने तक स्कूल नहीं गए. पंजाब में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली 21 साल की एक छात्र अपने हौस्टल के कमरे में पंखे से लटकी मिली. उस का कंप्यूटर इंजीनियर बनने का सपना था. उस के कमरे में एक नोट मिला जिस में उस ने आरोप लगाया था कि कालेज के 2 पूर्व छात्र कथित तौर पर फेसबुक पर उस के बारे में आपत्तिजनक कमैंट कर उसे परेशान करते थे.

इसी तरह बेंगलुरू में आईएमए में पढ़ने वाली नीलम जो एक होनहार लड़की थी, ने भी आत्महत्या कर ली. नीलम का अपने बौयफ्रैंड से ब्रैकअप हुआ और सुबह जब वह उठी तो उस युवक ने कथित तौर पर फेसबुक पर लिखा था. ‘मैं सुपर कूल महसूस कर रहा हूं क्योंकि मैं ने अपनी ऐक्स गर्लफ्रैंड को छोड़ दिया है.’ इस के बाद नीलम ने आत्महत्या कर ली. इलाहाबाद के एक स्कूल में निशी को मामूली सी बात पर उस के दोस्तों ने अपने गु्रप से बाहर कर दिया क्योंकि उस की स्कूल गु्रप के एक लड़के से कहासुनी हो गई थी. उस का बदला लेने के लिए उस की कक्षा के बच्चों ने निशी को व्हाट्सऐप गु्रप से डिलीट और फेसबुक से अनफ्रैंड कर दिया. 16 साल की निशी ने इस से खुद को अपमानित महसूस किया.

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उस के चेहरे की खुशी गायब हो गई. उस के गुमसुम रहने के कारण मातापिता भी चिंतित हैं सार्वजनिक होती जिंदगी आजकल बहुत से युवा अपने निजी जीवन का एकएक पल फेसबुक, ट्विटर पर खुल्लमखुल्ला जीते हैं. उन्हें यह समझ में नहीं आता कि ऐसे में उन की निजी जिंदगी अपनी न रह कर सार्वजनिक हो जाती है. फिर उन के जीवन का हर पहलू दुनिया के सामने रहता है. जब अनजान लोगों से करीबी बढ़ती है तो ऐसे में साइबर बुलिंग की आशंका भी बढ़ जाती है. देश में बच्चे जिस तेजी से इंटरनैट से जुड़ रहे हैं, उसी तेजी से वहां होने वाली गुंडागर्दी के शिकार भी हो रहे हैं. साइबर की दुनिया उन्हें चंद मिनटों में मजाक का पात्र बना रही है. वे अपने ही दोस्तों में बदनाम होने लगे हैं और आत्महत्या कर रहे हैं.

आज साइबर बुलिंग मातापिता और टीचर्स के लिए चुनौती बन रही है. उन की समझ में नहीं आ रहा कि बच्चों को इस से कैसे बचाया जाए, आज साइबर दुनिया में कमैंट्स से दादागीरी करने वालों की भरमार है. ऐसे लोग बेवजह दूसरों के निजी मामलों में घुसपैठ करते हैं. कमैंट्स, अश्लील टिप्पणी तथा कैंपेन पेज बनाने में उन को मजा आता है. ये दूसरों का सुखचैन खत्म करने पर तुले रहते हैं. दरअसल, साइबर बुलिंग आज साइबर दुनिया की जानलेवा वजह बन गई है. सुनंदा पुष्कर की मौत क्यों हुई? यह जांच का विषय है, लेकिन सच यह है कि वे भी साइबर दुनिया के उन सिरफिरों की शिकार थीं जो किसी के भी मानसम्मान और नाम पर दाग लगाने को आमादा हैं.

साइबर बुलिंग है क्या साइबर बुलिंग के बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते, इसलिए वे उस के शिकार होते हैं, लेकिन इसे समझना मुश्किल नहीं है. आज यह बालिग और नाबालिग हर तरह के नैट यूजर्स के लिए खतरा बन चुका है. दरअसल, इस का मतलब इंटरनैट के जरिए किसी को धमकाया, डराना या प्रताडि़त करना होता है. इंटरनैट पर की गई हर ऐसी गतिविधि बुलिंग है जो किसी आदमी को निशाना बनाती है. किसी की निजी जानकारी, फोटो या वीडियो सार्वजनिक करना साइबर बुलिंग है. किसी के बारे में इंटरनैट पर अश्लील बातें करना भी साइबर बुलिंग है. साइबर संसार में किसी भी तरीके से किसी को ब्लैकमेल करना भी साइबर बुलिंग ही कहलाता है.

आंकड़ों की बात करें तो भारत में इस तरह औनलाइन प्रताड़ना, परेशानी या शर्मिंदगी का शिकार होने वालों में 53% इंटरनैट का इस्तेमाल करने वाले हैं. एक सर्वेक्षण के मुताबिक, अकेले कोलकाता महानगर में यह समस्या हर साल 30 फीसदी की दर से बढ़ रही है. करीब 55 फीसदी अभिभावकों का मानना है कि नैटवर्किंग साइबर के कारण ऐसा हो रहा है. भारत में करीब 50 प्रतिशत किशोर मोबाइल फोन पर इंटरनैट का इस्तेमाल करते हैं. दरअसल, साइबर अपराधों और कानून की जानकारी न होने की वजह से देश में ऐसे अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं. युवा इस के सब से ज्यादा शिकार हैं. सोशल नैटवर्किंग साइबर पर बनने वाले काल्पनिक मित्र किशोरों को कल्पना की दुनिया में ले जाते हैं. बस, वहीं से उन के प्रताडि़त होने की जमीन तैयार होती है.

परेशानी तो इस बात की है कि बच्चों के मातापिता भी जानेअनजाने में उन को बढ़ावा देते हैं. हालात अब यह है कि सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर 5 साल के बच्चे का भी अकाउंट बन जाता है जबकि इस की न्यूनतम आयु 13 साल है. क्या कहता है हमारा कानून भारत ने वर्ष 2000 में सूचना प्रौद्योगिकी कानून पारित किया था. उस समय सोशल नैटवर्किंग साइट्स का चलन नहीं था. साइबर अपराध से जुडे़ यह कानून कारगर नहीं हैं. अगर इस से मुकदमा दर्ज हो भी गया तो जमानत मिल जाती है. इसलिए लोगों के मन में डर नहीं है. कानून की कुछ अहम बातें ये हैं

अगर आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए कोई आपत्तिजनक संदेश भेजते या प्रकाशित करते है तो ये दंडनीय अपराध है.

सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66 ए के तहत साइबर बुलिंग के कुछ मामले कवर होते हैं. द्य इस अपराध में केवल 3 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही, 5 लाख रुपए जुर्माना भी देना होगा.

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इस अपराध में जमानत आसानी से मिल जाती है. सो, अभिभावकों को अपने बच्चों को साइबर बुलिंग से भी बचाना होगा वरना उन का बहकना तय है. मन पर गहरा असर सोशल साइट्स पर अपमानित होने के कारण किशोरमन पर गहरा असर पड़ता है. ये साइट्स नशे की तरह कम उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लेती जा रही हैं. अभिभावकों को इस खतरे के प्रति जागरूक होना जरूरी है. भारत में 77 प्रतिशत मातापिता साइबर बुलिंग से अवगत हैं. साइबर मौबिंग कहीं भी हो सकती है. इस से किशोर उम्र के बच्चों में उग्रता बढ़ रही है. वे अपनी हर बात मनवाना चाहते हैं. पहले दादागीरी स्कूल और खेल के मैदानों तक ही सीमित थी. लेकिन आज यह औनलाइन हो गया है. औनलाइन सैकड़ों लोगों के सामने युवाओं को धमकाए जाने या मजाक उड़ाए जाने की स्थिति में उन का आत्मविश्वास डगमगा जाता है. इस से या तो वे उग्र हो जाते हैं या फिर हीनभावना के शिकार हो जाते हैं.

मातापिता के दफ्तर जाने के बाद बच्चे ज्यादातर समय कंप्यूटर पर बिताते हैं. मध्यम तबके के लोग भी अब बच्चों को लैपटौप खरीद कर दे रहे हैं. इस के अलावा स्मार्टफोन ने भी औनलाइन रहना आसान बना दिया है. लेकिन इन सब से फायदे के बजाय नुकसान ही हो रहा है.

बच्चे घर आएं तो न समझें मेहमान

पढ़ाई व नौकरी के सिलसिले में काफी बच्चे घर से बाहर रहने चले जाते हैं. मातापिता बच्चों  के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें भेज तो देते हैं लेकिन उन्हें हमेशा बच्चों के आने का इंतजार रहता है खासकर मां को. जब वे आते हैं तो मातापिता उन के लिए तरहतरह की तैयारियां करते हैं. बच्चों की हर इच्छा पूरी की जाती है. कभीकभी तो ऐसा भी होता है कि जब बच्चे आते हैं तब मातापिता इतना ज्यादा ध्यान रखने लगते हैं कि बच्चे को घर में ऊबन होने लगती है. वे चिड़चिड़ा व्यवहार करने लगते हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली सपना कहती हैं, ‘‘जब मैं घर जाने वाली होती हूं तब 3-4 दिनों पहले से ही मेरी मम्मी फोन पर पूछने लगती हैं, क्या बनाऊं, तुझे क्या खाना है, कब आ रही है. जब मैं घर पहुंचती हूं तो हर 10 मिनट पर कहती रहती हैं ये खा लो, वो खा लो, अभी ये कर लो. 1-2 दिनों तक तो मुझे अच्छा लगता है, लेकिन फिर मुझे गुस्सा आने लगता है. गुस्से में कईर् बार मैं कह भी देती हूं कि क्या मम्मी, आप हमेशा ऐसे करती हैं, इसलिए मेरा घर आने का मन नहीं करता.’’

बच्चों के आने की खुशी में मांएं अकसर ऐसा करती हैं. यह ठीक है कि आप अपने बच्चे से बहुत प्यार करती हैं, घर आने पर उसे हर सुखसुविधा देना चाहती हैं लेकिन कईर् बार इस स्पैशल अटैंशन की वजह से बच्चे बिगड़ भी जाते हैं. उन्हें लगने लगता है कि वे घर जाएंगे तो उन की हर इच्छा पूरी होगी तो वे इस बात का फायदा उठाने लगते हैं. कभीकभी तो वे झूठ बोल कर चीजें खरीदवाने लगते हैं. बात नहीं मानने पर वे मातापिता से गुस्सा हो जाते हैं और घर नहीं आने की धमकी देने लगते हैं. इसलिए, जरूरी है कि आप संतुलन बना कर रखें. बच्चों के साथ सामान्य व्यवहार करें ताकि उन्हें यह न लगे कि वे अपने घर के बजाय किसी गैर के यहां मेहमान के रूप में रहने आए हैं.

क्या न करें

1. हर समय इर्दगिर्द रहने की कोशिश न करें

जब बच्चे घर आएं, उन से चिपके न रहें. हर समय उन के आसपास रहने की कोशिश न करें. इस बात को समझने की कोशिश करें कि अब आप के बच्चे अकेले रहते हैं, उन्हें अपने तरीके से जिंदगी जीने की आदत हो गई है. ऐसे में अगर आप रोकाटोकी करेंगी और हर बात के लिए पूछती रहेंगी कि क्या कर रहे हो, किस से चैट कर रहे हो, कौन से दोस्त से मिलने जा रहे हो, तो उन्हें अजीब लगेगा. वे आप के साथ रहना पसंद नहीं करेंगे. आप से कटेकटे रहेंगे. इसलिए उन्हें थोड़ा स्पेस दें. लेकिन हां, इस बात का ध्यान जरूर रखें कि वे आप से छिपा कर कोई गलत काम न कर रहे हों.

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2. गुस्से के डर से न भरें हामी

कई बच्चे ऐसे भी होते हैं कि जब पेरैंट्स उन की बात नहीं मानते तो वे गुस्सा हो जाते हैं, खानापीना छोड़ देते हैं. बच्चों की इन आदतों के चलते मातापिता उन की हर बात मान लेते हैं. वे नहीं चाहते कि छुट्टियों में बच्चे आए हैं तो किसी बात के लिए वे नाराज हों या गुस्सा करें और घर का माहौल खराब हो.

कई बार तो गुस्से के डर से मातापिता वैसी चीजों के लिए भी हामी भर देते हैं जो उन्हें पता है कि उन के बच्चे के लिए सही नहीं है. अगर आप ऐसा करते हैं तो करना बंद कर दें क्योंकि आप के ऐसा करने से बच्चे इस का फायदा उठा कर अपनी मनमानी करने लगते हैं.

3. हर वक्त खाना न बनाते रहें

बच्चे जब घर आते हैं तो मांएं सोचती हैं कि ज्यादा से ज्यादा चीजें बना कर खिलाएं. इसी वजह से वे अपना पूरा समय किचन में खाना बनाने में बिता देती हैं. कई बार तो ऐसा भी होता है कि वे कई तरह की डिशेज बनाती हैं लेकिन बच्चे कुछ भी नहीं खाते. ऐसे में वे उदास हो जाती हैं कि पता नहीं, क्यों नहीं खा रहा है, पहले तो रोता था ये चीजें खाने के लिए. लेकिन आज एक भी चीज नहीं खा रहा है.

उन का इस तरह से सोचना गलत है क्योंकि बाहर रहने पर बच्चों की खाने की आदत में थोड़ा बदलाव आ जाता है. वे एक बार में कई तरह की चीजें नहीं खा पाते हैं. इसलिए, बहुत सारी डिशेज बनाने के बजाय एक ही डिश बनाएं ताकि सब खा भी पाएं और वे अपने बच्चे के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकें.

4. गलतियां कर के सीखने दें

घर आने पर बच्चों को राजकुमार या राजकुमारी की तरह न रखें, बल्कि उन्हें तरहतरह के काम करने दें ताकि गलतियां करें और सीखें. यह न सोचें कि 4 दिनों के लिए आए हैं और आप ऐसी चीजें करवा रही हैं, बल्कि अगर वे आप के सामने काम करते हुए गलतियां करते हैं तो आप उन्हें सिखा सकती हैं. जरा सोचिए अगर वे अकेले में ऐसी गलतियां करेंगे तो क्या होगा. इसलिए, बेहतर है कि उन्हें छोटेछोटे काम करना सिखाएं.

5. तारीफ न करते रहें

अगर आप का बच्चा किसी कालेज में पढ़ाई कर रहा है या किसी अच्छी कंपनी में जौब करता है तो इस का यह मतलब नहीं है कि आप सब के सामने हमेशा उस की तारीफ करते रहें. ऐसा करने से बच्चों के अंदर घमंड आ जाता है.

6. भावनाएं न दिखाएं बारबार

बच्चे से कभी भी न कहें कि हम सब तुम्हें बहुत याद करते हैं, तुम्हारी मां तुम्हारे जाने के बाद रोती रहती है, कोई नहीं होता जिस से वे बात कर सकें. अगर कभी बच्चा भी अपनी किसी समस्या के बारे में बताता है तो उस से न कहें कि घर वापस आ जा, क्या जरूरत है परेशान होने की. इस से बच्चे भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते हैं. ऐसा करने से आप भी दुखी होती हैं और बच्चे भी.

7. समय को ले कर न हों पाबंद

घर में हर काम समय पर किया जाता है लेकिन जरूरी नहीं है कि बच्चे भी वही टाइमटेबल अपनाएं. इसलिए उन पर ऐसा कोई दबाव न डालें कि सुबह 6 बजे उठना है, देररात में घर से बाहर नहीं निकलना है, रात में टीवी नहीं देखना है आदि. बल्कि, उन्हें घर पर रिलैक्स होने दें.

8. बच्चों में न करें फर्क

ऐसा न करें कि बड़े बच्चे के आते ही छोटे बच्चे को भूल जाएं. वह कुछ भी कहें तो यह न कह दें कि तुम  घर में ही रहते हो, तुम्हारी बहन इतने दिनों के बाद आई है. आप के ऐसा करने से बच्चों के बीच में दूरी आने लगती है. वे सोचते हैं कि इस के आते ही इसे तो स्पैशल ट्रीटमैंट मिलने लगता है और मुझ पर कोई ध्यान नहीं देता.

क्या करें

गलती करें तो हक से डांटें  :  बच्चे जब गलती करते हैं तब आप की जिम्मेदारी बनती है कि आप उसे अधिकारपूर्ण डांटे, क्योंकि आप की एक छोटी सी भूल या हिचक उस के आगे की जिंदगी खराब कर सकती है. इतना ही नहीं, अगर उस की कुछ गलत आदतों के बारे में आप को पता चले तो सोचने न बैठ जाएं कि आप का बच्चा गलत रास्ते पर चला गया है अब क्या करें. सोचने में समय बरबाद करने के बजाय उसे समझाने की कोशिश करें.

1. क्वालिटी टाइम दें

ऐसा न हो कि आप के बच्चे घर आएं तो भी आप अपने कामों में ही व्यस्त रहें, औफिस से देर से घर आएं, मेड से कह दें कि बच्चों का ध्यान रखें. ऐसा न करें क्योंकि आप के ऐसा करने से बच्चों को लगने लगता है कि घर आने से बेहतर तो वे वहीं रह लेते. इसलिए, बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं. बेशक आप 1 घंटा ही समय साथ बिताएं, लेकिन उन के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करें ताकि वे आप के साथ एंजौय करें.

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2. जो बने वही खिलाएं

हर दिन कुछ स्पैशल बना कर बच्चों की आदत न बिगाड़ें. 1-2 दिन तो ठीक है लेकिन अगर आप हर समय स्पैशल खिलाती रहेंगी तो बच्चे की आदत बिगड़ जाएगी. जब वह वापस जाएगा तो वहां उसे ऐडजस्ट करने में समस्या होगी. उसे वहां का खाना अच्छा नहीं लगेगा.

3. पति की उपेक्षा न करें

बच्चे जब घर आते हैं तो सारा ध्यान इसी बात पर रहता है कि क्या बनाना है, बच्चों को क्या चाहिए. इन सब के बीच अगर पति कुछ कहते हैं तो आप का जवाब होता है कि हमेशा तो आप के लिए ही करती हूं, अभी तो मुझे मेरे बेटे के लिए करने दो. कुछ महिलाएं तो पति को पूरी तरह से इग्नोर कर देती हैं. आप ऐसा करने के बजाय दोनों को समय दें.

अगर आप अपने बच्चे को खास मेहमान समझती हैं तो इस के कई नुकसान हैं जिन के बारे में शायद ही आप का ध्यान कभी जाता होगा.

4. बच्चे होते हैं भावनात्मक रूप से कमजोर

घर पर मातापिता बच्चों को ढेर सारा प्यार देने की कोशिश करते हैं लेकिन वास्तव में वे ऐसा कर के बच्चों को भावनात्मक रूप से कमजोर बनाते हैं. जब बच्चे उन्हें छोड़ कर वापस जाते हैं तब उन का मन नहीं लगता. वे हर समय घर के बारे में ही सोचते रहते हैं. वे हर चीज की तुलना घर से करते हैं. ऐसे में उन्हें ऐडजस्ट करने में समस्या होती है.

5. बिगड़ता है बजट

बच्चों के आने पर उन के लिए तरहतरह के पकवान बनाती हैं, उन्हें शौपिंग करवाने ले कर जाती हैं, उन की पसंदीदा चीजें खरीदती हैं, लेकिन, इन सब चीजों से आप का बजट बिगड़ता है और बाद में आप को परेशानी होती है. कुछ मातापिता तो ऐसे भी होते हैं जो अपने बच्चों को खास ट्रीटमैंट देने के लिए पैसे उधार ले लेते हैं और बाद में उधार चुकाने में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

कुल मिला कर बच्चे जब बाहर से आएं तो उन्हें समय दें, प्यार दें लेकिन जरूरत से ज्यादा नहीं. उन्हें मेहमान न बनाएं, न उन्हें मेहमान समझें ताकि वे अनुशासित ही रहें और उन में व आप के बीच स्नेह और भी बढ़े.

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आप किसी की नजर में हैं हरदम

आज जगह-जगह सुरक्षा को ले कर स्पाई कैमरे लगाए जा रहे हैं. लेकिन हमारे आसपास ऐसी घटिया मानसिकता वाले लोग हैं जो इन सुरक्षा कवच कैमरों को अपराध का कारण बनाने पर तुले हुए हैं.

हम जब भी बाहर जाते हैं तो ज्यादातर जगहों पर कैमरे लगे देखते हैं. ऐसे में हम खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं. लेकिन अब लोग इन कैमरों को देख कर सुरक्षित कम असुरक्षित ज्यादा महसूस करते हैं. हम बाहर चेंजिंगरूम, होटलरूम, पब्लिक वाशरूम का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई बार ऐसी जगहों पर गुप्त कैमरे लगे होते हैं, जिन की हमें खबर तक नहीं होती. इन कैमरों के जरीए महिलाओं के अश्लील वीडियो बनाए जाते हैं और फिर उन्हें इंटरनैट और पोर्न साइट्स पर डाल दिया जाता है. इस का पता उन्हें तब चलता है जब ये वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो जाते हैं, जिस के कारण उन की काफी बदनामी होती है और उन्हें मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है. ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो इस बदनामी को झेल नहीं पातीं और आत्महत्या कर लेती हैं.

कहीं घूमने का हो प्लान तो हो जाइए अलर्ट

ऐसे में अगर आप भी बाहर घूमने या किसी होटल में ठहरने का प्लान बना रहे हैं तो एक बार होटल में कमरे की तलाशी जरूर ले लें. यदि आप कपड़ों की शौपिंग करने जा रही हैं तो चेंजिंगरूम में अपनी नजर जरूर दौड़ा लें. कहीं कोई हिडन यानी स्पाई कैमरा आप की प्राइवेसी के साथ खिलवाड़ न कर रहा हो.  ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं जहां हिडन कैमरों का गलत फायदा उठाया जाता है. कुछ साल पहले ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिस में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गोवा के एक शोरूम के चेंजिंगरूम में खुफिया कैमरे को पकड़ा था.

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वैसे हिडन कैमरों को ढूंढ़ना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ ऐसे टिप्स हैं, जिन के जरीए आप आसानी से स्पाई कैमरों का पता लगा सकती हैं. मगर उस से पहले यह जानना जरूरी है कि अश्लील वीडियो बनाने के लिए कैमरे को छिपाते कहां हैं और इन वीडियोज का धंधा कैसे किया जाता है.

कैसे बनाए जाते अश्लील वीडियो

अश्लील वीडियो इसलिए बनाए जाते हैं ताकि उन्हें पोर्न साइटों पर बेचा जाए. इन वीडियोज को एडिट कर के कुछ मिनट का बना दिया जाता है और इन कुछ मिनट के वीडियोज को बेचने पर 50-60 हजार मिल जाते हैं. फिर वीडियो खरीदने वाला इन्हें पोर्न साइट्स पर अपलोड कर के करोड़ों रुपए कमा लेता है. कोई भी अश्लील वीडियो स्पाई कैमरे द्वारा बनाया जाता है. स्पाई कैमरे बहुत छोटे होते हैं. यही कारण है कि ये किसी भी चीज में आसानी से फिट हो जाते हैं और इन्हें आसानी से नहीं ढूंढ़ा जा सकता. जब भी कोई महिला चेंजिंगरूम में कपड़े बदल रही होती है या किसी पब्लिक वाशरूम का इस्तेमाल कर रही होती है या फिर किसी होटलरूम में ठहरी होती है तो इन छिपाए गए कैमरों से उस का अश्लील वीडियो बनाया जाता है और फिर उसे सोशल मीडिया, पोर्न साइट्स पर अपलोड कर दिया जाता है.

स्पाई कैमरे का पता लगाने के ट्रिक्स

मिरर के पीछे हिडन कैमरा लगा हुआ है या नहीं, इस बात का पता आप मिरर पर अपनी उंगली रख कर लगा सकते हैं. अगर आप शीशे पर उंगली रखते हैं और शीशे में दिख रही आप की उंगली के बीच में गैप आ रहा है तो इस का मतलब वह शीशा औरिजनल है.

कमरे की लाइट्स औफ कर के भी हिडन कैमरे का पता लगाया जा सकता है. रूम में हिडन कैमरे का पता लगाने के लिए रूम की लाइट बंद कर दें. फिर देखिए कि कहीं कोई रैड या ग्रीन लाइट तो नहीं नजर आ रही. अगर ऐसा दिखे तो इस का मतलब आपके कमरे में हिडन कैमरा लगा है.

इन बातों का भी रखें ध्यान

-यदि आप किसी ट्रायलरूम में जाती हैं और आप के फोन का नैटवर्क चला जाए तो समझ जाएं कि रूम में हिडन कैमरा लगा है.

-ट्रायलरूम का इस्तेमाल करते वक्त सब से पहले यह देखें कि कहीं ट्रायलरूम के हुक या हैंडल में कोई हिडन कैमरा तो नहीं लगा है, क्योंकि अकसर इन जगहों पर भी हिडन कैमरा लगा होने के चांस होते हैं.

-ट्रायलरूम या होटलरूम में कैमरे का पता लगाने के लिए आप अपने मोबाइल फोन से कौल करें और जहां भी आप को लग रहा हो यहां कैमरा छिपा हो सकता है उस जगह के पास अपना फोन ले जाएं यदि फोन में कुछ अजीब सी आवाज सुनाई दे तो समझ जाएं वहां कैमरा लगा है. दरअसल फोन को जब हम कौल पर लगा कर कैमरे के पास ले कर जाते हैं तो फोन कैमरे की इलैक्ट्रो मैगनेटिक फील्ड में आते ही एक अजीब सा वाइब्रेशन महसूस करता है. इस वाइब्रेशन की वजह से कौल नहीं लग पाती.

-अगर दरवाजे में नीचे या बीच में थोड़ी स्पेस है या कहीं से बीच में टूटा हुआ है, तो उस जगह हिडन कैमरा हो सकता है.

-हिडन कैमरा डिटैक्टर बड़े काम की चीज है. ये डिटैक्टर कहीं भी छिपे कैमरे की खोज कर सकते हैं.

-कुछ कैमरे मोशन सैंसिटिव होते हैं, जो ऐक्टिविटी होने पर अपनेआप ही चालू हो जाते हैं, जिस की आवाज सुन कर आप हिडन कैमरे को आसानी से पकड़ सकते हैं.

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-अपने स्मार्टफोन में हिडन कैमरा फाइंडर ऐप डाउनलोड कर सकते हैं. ट्रायलरूम में ऐंट्री करते ही उस ऐप को औन कर मोबाइल को ट्रायलरूम में घुमाएं. अगर लाल रंग का निशान ब्लिंक करने लगे तो समझ जाएं रूम में कैमरा लगा हुआ है.

टैक्नोलौजी का सही फायदा उठा कर इस तरह की स्थितियों से बचने के लिए हमेशा सावधान रहें. खासतौर से पब्लिक प्लेस पर.

Edited by- Rosy

रजनीकांत की फिल्म ‘‘दरबार’’ का ट्रेलर लौंच, देखे यहां

भारतीय सिनेमा के दिग्गज कलाकार और दक्षिण भारत के सुपर स्टार व ‘‘थलैवय्या’’के नाम से मशहूर अभिनेता रजनीकांत (वैसा उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है. ) करीब 25 साल  बाद बौलीवुड में,वह भी एक पुलिस अफसर के किरदार में फिल्म ‘‘दरबार’’ से वापसी कर रहे हैं. मशहूर फिल्म्कार ए आर मुरुगादौस निर्देशित फिल्म ‘‘दरबार’’ हिंदी के अलावा तमिल व तेलगू भाषा में डब की गयी है. फिल्म की कहानी मुंबई की पृष्ठभूमि की है और इसे पूरे नब्बे दिन तक मुंबई में ही फिल्माया गया है.  इस फिल्म में रजनीकांत के साथ सुनील शेट्टी, नयनतारा, निवेथा थौमस, योगी बाबू और प्रतीक बब्बर भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं. इस फिल्म की सबसे बडी खासियत इस फिल्म के युवा संगीतकार अनिरूद्ध रविचंद्रन,रजनीकांत के भतीजे हैं. यानी कि अनिरूद्ध रविचंदन के मौसा हैं रजनीकांत.  फिल्म के कैमरामैन संतोष शिवन हैं.

इससे पहले बौलीवुड में रजनीकांत ने फिल्म ‘‘फूल बने अंगारे’,‘जौन जौनी जनार्दन’और‘गिरफ्तार’में पुलिस अफसर के किरदार में नजर आए थे.

सोमवार,16 दिसंबर को फिल्म ‘‘दरबार’’के निर्माताओं ने रजनीकांत की एक्शन प्रधान फिल्म ‘‘दरबार’’का ट्रेलर मुंबई के पीवीआर मल्टीप्लैक्स में जारी किया.  मकर सक्रांति के अवसर पर प्रदर्शित होने वाली फिल्म‘‘दरबार’’में रजनीकांत मुंबई पुलिस कमिश्नर आदित्य अरुणचालम के किरदार में हैं. जिन्हे अपने हाथो न्याय करने में डर नही लगता. अपने शब्दों में वह खुद को ‘एक बुरा पुलिस वाला‘ घोषित करते हैं.

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ट्रेलर में मुंबई पुलिस कमिश्नर आदित्य अरूणाचलम (रजनीकांत)उन्माद में चलते हुए नजर आते हैं. फिर तलवारों के साथ फिसल जाता है, फिर नृत्य करता है.  ट्रेलर में एक गुंडा उन्हें ‘हत्यारा हत्यारा‘ कहता है.  जो कि इस तथ्य को दर्शाता है कि वह कानून से ऊपर है और अपराधियों और अपराधियों को अपने दम पर काम करने से डरता नहीं है.  इस ट्रेलर में नयनतारा और सुनील शेट्टी लंबे और स्टाइलिश बालों के साथ नजर आते हैं. एक बात समझ में आती है कि सुनील शेट्टी इसमें विलेन हैं. मगर ट्रेलर के अंत में रजनीकांत कहते हैं-‘‘आई एम बैड पुलिस’. पूरा ट्रेलर रजनीकांत की स्टाइलिश हरकतों से भरा हुआ है, जो दुनिया भर में उनके प्रशंसकों को अपनी तरफ आकर्षित करेगा.

25 वर्षों बाद रजनीकांत एक बार फिर ए आर मुरुगादॉस के निर्देशन में पुलिस की वर्दी में नजर आने वाले हैं.  इससे पहले बौलीवुड में रजनीकांत ने फिल्म ‘‘फूल बने अंगारे’,‘जौन जौनी जनार्दन’ और ‘गिरफ्तार’में पुलिस अफसर के किरदार में नजर आए थे.

ट्रेलर लौंच के मौके पर रजनीकांत ने कहा-‘‘फिल्म‘रमन्ना’ देखने के बाद मैंने निर्देशक ए आर मुरुगादास से पूछा कि क्या उनके पास मेरे लिए कोई अच्छी स्क्रिप्ट है.  तब उन्होने मुझे यह कहानी सुनायी और फिल्म‘पेटा’के प्रदर्शन के बाद वह मेरे पास इसकी पूरी स्क्रिप्ट लेकर आए. ’’

फिल्म‘‘दरबार’’के मुंबई में ट्रेलर लांच के साथ ही एक इतिहास भी घटित हुआ. यह पहली बार हुआ जब किसी फिल्म का हिंदी, तमिल और तेलगू इन तीनों भाषाओं का ट्रेलर एक साथ मुंबई में लांच किया गया. जबकि इन तीनों ट्रेलर में भाषा के अलावा कोई अंतर नही है.  अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ. अब तक दक्षिण भारतीय फिल्मकार मुंबई में सिर्फ हिंदी में डब ट्रेलर ही लौंच किया करते थे.

इस अवसर पर गायक अरमान मलिक व नक्श ने इस फिल्म में अपने द्वारा स्वरबद्ध गीतों को लाइव मंच पर गाया. प्रतीक बब्बर ने इस फिल्म से जुड़ने को अपना एक सपना पूरा हेोना बताया. जबकि सुनील शेट्टी चार साल बाद इस फिल्म से अभिनय में वापसी कर रहे हैं.

फिल्म को लेकर अभिनेता  सुनील शेट्टी, प्रतीक बब्बर व संगीतकार अनिरूद्ध रविचंद्रन ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

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इस अवसर पर रजनीकांत, सुनील शेट्टी,प्रतीक बब्बर,संगीतकार अनिरूद्ध रविचंद्रन,गायक नक्श और अरमान मलिक,कैमरामैन संतोष शिवन,रिलायंस इंटरटेनमेंट के शिबाशीष और समीर चोपड़ा सहित कई हस्तिां मौजूद थीं.

‘‘लाइका प्रोडक्शंस’’द्वारा निर्मित फिल्म‘‘दरबार’’को ‘‘रिलायंस इंटरटेनमेंट’’पूरे देश के सिनेमाघरों में रिलीज करने वाला है.

बेगम की बेबो साड़ी ने सोशल मीडिया पर मचाया धमाल, देखें फोटोज

बौलीवुड की स्टाइलिश एक्ट्रेस करीना कपूर खान ट्रेडिशनल ड्रेस में हों या फिर वेस्टर्न आउटफिट में उनका ड्रेसिंग सेंस खास होता है. इन दिनों वह अपनी ड्रेसिंग स्टाइल से सुर्खियां बटोर रही है. हाल ही में अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए करीना ने एक खास साड़ी पहनी है. उनकी साड़ी वाली तस्वीर खूब वायरल हो रही है.

हाल ही में करीना ने अपनी फिल्म ‘गुड न्यूज’ के प्रमोशन में एक खास तरह की साड़ी पहनीं जिस पर उनका निक नेम बेबो लिखा हुआ था. करीना की इस ‘बेबो’ साड़ी वाली तस्वीरों ने धमाल मचाया हुआ है. वह इस साड़ी में बहुत खूबसूरत नजर आ रही हैं. करीना ने बेबो साड़ी में अपना फोटोशूट इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है.  शेयर करते ही  उन्हें अपने फैंस के ढेरो लाइक्स और कमेंट्स  मिलने लगे. इंस्टाग्राम पर शेयर की गईं इन तस्वीरों में करीने ने ऑफ व्हाइट और हल्के पिंक कलर के कॉम्बिनेशन वाली साड़ी पहनी है. जिस पर उनका निक नेम बेबो लिखा हुआ है. उन्होंने इस साड़ी के साथ स्लीवलेस ब्लाउज कैरी किया है. जिसमें वह बिंदास और ग्लैमरस नजर आ रही हैं. हेयर स्टाइल में करीना ने बालों की चोटी बना रखी है.

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करीना के लुक की बात करें तो उन्होंने Picchika कलेक्शन से खूबसूरत ओरगेजा फ्लोरल साड़ी पहनी. जिसमें उनका नाम बेबो लिखा हुआ था. इस लुक के साथ करीना से अनिल कपूर की पत्नी सुनीता कपूर के कलेक्शन की खूबसूरत ईयररिंग्स पहनी. खूबसूरत लुक के लिए मिनिमल मेकअप किया हुआ है, लाइट ब्राउन लिप्स शेड्स, , स्मोकी आइज और खूबसूरत हेयर स्टाइल उनकी खूबसूरती को और निखार रही है . करीना को स्टाइल उनकी सबसे अच्छी दोस्त और स्टाइलिश रिया कपूर ने दी है. वहीं मेकअप शालीन मनचंदा ने किया है.

 

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करीना कपूर की अपकमिंग फिल्म गुड न्यूज की बात करें तो इस फिल्म में करीना कपूर के साथ अक्षय कुमार , दिलजीत दोसांझ और कियारा आडवाणी मुख्य भूमिका में नजर आएंगे. यह  फिल्म  इसी महीने की 27 तारीख को रिलीज हो रही है. राज मेहता के डायरेक्शन में बनीं यह फिल्म ‘IVF’ के टॉपिक पर आधारित है. इसके अलावा करीना आमिर खान के साथ ‘लाल सिंह चढ्डा’ फिल्म में नजर आने वाली हैं. इसके अलावा इमरान खान और राधिका मदान के साथ ‘अंग्रेजी मीडियम’ में नजर आने वाली हैं.

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विंटर स्किन प्रौब्लम्स को दूर करने के लिए ट्राय करें ये टिप्स

सर्दी में स्किन रूखी, बेजान और रेडियंट होकर अपनी ब्यूटी खो देती है. उसी के कारण  स्किन पर प्री-मेच्योर एजिंग शुरू हो जाती है. सर्द हवाओं का असर स्किन पर रूखेपन के रूप में दिखाई देता है. लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा इसका असर स्किन की पहली परत यानी एपिडर्मिस पर भी पडता है.

जब एपिडर्मिस में सिकुडन आती है तो हमारी कोशिकाओं में टूट-फूट होती और महीन लकीरों में उभर कर स्किन पर दिखने लगती हैं. इन्हें हम फाइन लाइन कहते हैं, जो आगे चलकर रिंकल यानी झुर्रियों में बदल जाती हैं. इस वजह से मौसम और उम्र का असर सबसे पहले आपके चेहरे पर ही नजर आता है. अगर हम सर्दियों में स्किन की देखभाल का पूरा ध्यान दें तो इस समस्या से निपटा जा सकता है और चमकती तेज ग्लोइंग स्किन की पा सकती हैं.

रूखापन

सर्दियों की मुख्य समस्या स्किन की शुष्कता है जितनी भी बार आप अपनी स्किन को साबुन या फेसवॉश से साफ करती है. वह उतनी ही रूखी होती जाती है, क्योंकि क्लींजिंग करने के बाद स्किन की कुदरती नमी नष्ट हो जाती है तथा स्किन पर इसका असर दिखाई देना शुरू हो जाता है स्किन रूखी और बेजान हो जाती है होंठ फटने लगते हैं और पैरों की एडियां रूखी और बेजान हो जाती हैं. इस मौसम में वातावरण में नमी कम होने से स्किन अपनी प्राकृतिक चमक भी खो देती है.

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औयली स्किन

औयली स्किन पर भी सर्द हवाओं का असर होता है. बेहतर होगा कि अपनी स्किन किस्म के अनुकूल कोल्ड क्रीम और पर्याप्त र्मायस्चराइजर का इस्तेमाल किया जाए. इन सबके अलावा अच्छी नींद व संतुलित आहार लें.

क्या करें

1. विटमिन ई युक्त क्रीम का इस्तेमाल करें.

2. मॉयस्चराइजर का प्रयोग नियमित रूप से करें.

3. रात के समय एंटी रिंकल क्रीम लगाएं.

4. महीने में एक बार फेशियल जरूर करवाएं तथा घर पर हफ्ते में दो बार नमी बेस फेस मास्क लगाएं.

5. हफ्ते में एक बार एक्सफोलिएशन कराएं. इसके बाद कंडीशनिंग कराना न भूलें.

6. चेहरे को हलके हाथों से साफ करें. सर्दियों में स्किन को मृत कोशों को हटाने के लिए तेजी के साथ-साथ जल्दी-जल्दी स्क्रब न करें. विशेष तौर पर रूखी स्किन वाली ऐसा करने से बचें. ताकि झुर्रियां न पडें.

7. स्किन में कसाव लाने के लिए थर्मोहन फेशियल जरूर करवाएं या फिर लिफ्टिंग फेशियल भी ले सकती हैं.

8. फेशियल या जो भी ट्रीटमेंट कराएं उसकी सिटिंग लगातार लें, बीच में न छोडें. अन्यथा वह ट्रीटमेंट असरदायक नहीं होगा.

9. अंडे का प्रयोग एक अच्छा फेस मास्क के रूप में हो सकता है. यह स्किन के लिए आवश्यक प्रोटीन तो प्रदान करता ही है, साथ ही स्किन पर कसाव भी लाने में मदद करता है.

10. बादाम को पीस कर कच्चे दूध में मिला कर आंखों पर लगाएं. यह नानसिटिंग पैक है. यानी ट्रीटमेंट के अंतर्गत नहीं आता है.

11. रूखी स्किन वाले चेहरे पर अधिक हाव-भाव दिखा कर बात न करें, क्योंकि ज्यादा हाव-भाव से स्किन में फाइन लाइन उम्र से पहले आ जाती हैं.

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12. स्किन की देखभाल के अलावा पैरों व हाथों की देखभाल भी उतनी ही जरूरी हैं. अत: लगातार मेनीक्योर व पेडीक्योर समय पर अवश्य करवाएं. पूरे शरीर को आराम देने के लिए पंद्रह दिन में एक बार बॉडी मसाज भी करवा सकती हैं. इससे आराम के साथ-साथ स्किन की उचित देखभाल भी हो जाएगी और आप सर्दियों में भी पाएगी दमकती काया से पूर्ण व्यक्तित्व.

न जाने क्यों बोझ हो जाते हैं वो झुके हुए कंधे

एक दिन एक 94 वर्ष के बुजुर्ग अपने बेटे के साथ पार्क में बैठे थे. अचानक एक  चिड़िया सामने के पेड़ पर आकार बैठ गयी. पिता ने उस चिड़िया को देखा और अपने बेटे से पूछा , “यह क्या है बेटा ?” बेटे ने जवाब दिया “यह एक चिड़िया है”.

कुछ मिनटों के बाद, पिता ने अपने बेटे से दूसरी बार पूछा, “यह क्या है?” बेटे ने कहा “अभी तो आपको बताया कि यह एक चिड़िया है”.

थोड़ी देर के बाद, बूढ़े पिता ने फिर से अपने बेटे से तीसरी  बार पूछा, यह क्या है? ”

इस बार बेटे ने बहुत ही बुरे तरीके से उन्हे जवाब दिया और बोला “यह एक , चिड़िया है, चिड़िया है, चिड़िया है”.

आप मुझसे बार- बार एक ही सवाल क्यों पूछते रहते है. मैंने आपको बार-बार बताया कि यह एक चिड़िया है. क्या आपको समझ में नहीं आ रहा? अब घर चलिये.

वो दोनों घर आ गए. बुजुर्ग अपने कमरे में चले गए . कुछ देर बाद वो अपनी पुरानी डायरी  लेकर वापस आए ,जिसमे उन्होने अपने लड़के का पूरा बचपन संगो रखा था . एक पेज खोलकर, उन्होंने अपने बेटे को उस पेज को पढ़ने के लिए कहा.

जब बेटे ने उसे पढ़ा तो उसकी आंखो से आँसू निकलने लगे . उसमे लिखा था- “आज मेरा तीन साल का छोटा बेटा पार्क में मेरे साथ बैठा था. जब पेड़ पर एक कौवा बैठा तब मेरे बेटे ने मुझसे 23 बार पूछा कि यह क्या है, और मैंने उसे 23 बार जवाब दिया कि यह एक कौवा है. मैंने उसे हर बार प्यार से गले लगाया और मैंने अपने मासूम बच्चे के लिए प्यार महसूस किया ”.

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जब एक बेटे द्वारा एक ही सवाल 23  बार पूछने से पिता को जवाब देने में कोई झंझलाहट नहीं हुई तो जब आज पिता ने अपने बेटे से सिर्फ 3 बार यही सवाल पूछा, तो बेटे को चिढ़ और गुस्सा क्यों आया ?

दर्द होता है यह देखकर की जिन माँ बाप ने हमें बोलना सिखाया आज हम उन्ही  को चुप करा देते है . जिन माँ बाप ने हमें ज़िन्दगी दी ,खुद की  खुशियों  को मिटा के भी हमें सब कुछ दिया ,आज उनसे बात करने के लिए हमारे पास समय नहीं है.

अपने व्यस्त जीवन में से थोड़ा समय निकाल कर अपने माँ बाप को दीजिये क्योंकि ये वही लोग हैं जिन्होंने आपकी बातें तब सुनी थी जब आप बोलना भी नहीं जानते थे .

कैसी विडम्बना है कि एक माँ बाप मिलकर 4 बच्चों  को पाल सकते है पर 4 बच्चे मिलकर एक माँ बाप को नहीं पाल  सकते. जिन माँ बाप ने अपना सारा जीवन अपने बच्चों  के लिए कुर्बान किया आज उन्ही के लिए हमारे घरों में जगह नहीं है .माँ बाप का साथ में रहना एक बंधन सा लगता है . किसी से पूछो की कैसे हो तो कहते है की बहुत काम बढ़ गया है क्योंकि माता पिता हमारे यहाँ रहने आये है .

जो कुछ भी आप अपने माँ बाप के साथ करोगे ,वो आपके बच्चे भी आपके साथ करेंगे .दुनिया गोल है जहाँ से घूमना शुरू  होती है वहीँ पर आकर रूकती है.

अपनी भावना को बदलिए और यह कहिये की हम अपने माता पिता के साथ रहते है और हमें इस बात पर गर्व है.

आपके माँ बाप ने बचपन में आपको शहजादे  की तरह रखा अब ये आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप  उन्हें उनके बुढ़ापे में बादशाहों की तरह रखें.

माँ बाप की ज़िन्दगी गुजर जाती है आपकी जिंदगी बनाने में और बच्चा बड़ा होकर यह सवाल करता है कि  आपने  मेरे लिए किया ही  क्या? कभी भी अपनी ज़िन्दगी में अपनी सफलताओं का रौब अपने माँ बाप को मत  दिखाना क्योंकि उन्होंने अपनी  ज़िन्दगी हारकर तुमको जिताया है.

जब हम बड़े हो जाते हैं तब हम अपने जीवन के बड़े से बड़े फैसले खुद ही लेने लगते है ,एक बार भी अपने माँ बाप से पूछना जरूरी नहीं समझते पर याद रखिये  जिन घरों में पहले माँ बाप से सलाह नहीं ली  जाती, उन्ही घरों में बाद में वकीलों से सलाह ली जाती है.

माँ एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर दुःख, हर तकलीफ जमा करा सकते हैं और पिता एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास अगर बैलेंस न भी हो तो भी आपके सारे सपने पूरा करने की कोशिश करता है.

दुनिया में हर इंसान अपना दुःख किसी न किसी से साझा कर ही लेता है लेकिन एक पिता ही है जो अपना दुःख किसी से साझा नहीं करता. वो आपको डांटकर अपने गुस्से को कभी -कभी दिखा तो देता है पर कभी रोकर अपने दर्द को बयान नहीं करता,क्योंकि उसको पता है आपके भविष्य की मजबूत डोर उसकी हिम्मत से है. आँसू उसके अन्दर भी है पर उसके हौसले का जवाब नहीं .

माँ-बाप के होने का एहसास कभी नहीं होता पर उनके ना होने का एहसास बहुत होता है. आप इस दुनिया में किसी के बारे में सोचे या न सोचे लेकिन  उन माँ- बाप के बारे में जरूर सोचना जो बिना थके, बिना रुके, बिना अपनी तकलीफ किसी को बताये ईश्वर से आपकी कामयाबी की गुहार लगाते हैं.

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जिस दिन आपके माता- पिता को आप पर गर्व हो,समझ लेना उस दिन आपने  दुनिया जीत ली. दुनिया भर के रिश्ते निभाकर यह जाना कि माँ बाप के सिवाय अपना कोई नहीं.इस दुनिया में बिना स्वार्थ के केवल माता पिता की प्यार कर सकते  हैं. ये सच्चाई जिन लोगों को मालूम है वो लोग बहुत खुशनसीब  है और जो ये नहीं जानते उनसे बड़ा बदनसीब कोई नहीं.

“लोग कहते है कि पहला प्यार भुलाया नहीं जा सकता पर पता नहीं क्यों हम अपनी ज़िन्दगी के पहले प्यार को ही भूल जाते है.”

वेडिंग से लेकर विंटर तक परफेक्ट है एरिका के ये लुक

स्टार प्लस के सीरियल ‘कसौटी जिंदगी के 2’ एक्ट्रेस एरिका फर्नांडिस इन दिनों अपनी को स्टार और दोस्त सोनिया अयोध्या की शादी में बिजी हैं. जहां एक तरफ वह शादी एन्जौय कर रही हैं तो वहीं अपने लुक से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल एरिका का वेडिंग लुक बेहद खूबसूरत है. आज हम एरिका के कुछ विंटर से लेकर वेडिंग तक के फैशन के बारे में बताएंगे, जो आपके लुक के लिए एकदम परफेक्ट है.

1. फलावर प्रिंटेड लहंगा है परफेक्ट

अगर आप वेडिंग सीजन में कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो एरिका ये लाइट गोल्डन प्रिंटेड लहंगे के साथ पिंक कलर के कौम्बिनेशन वाला हैवी एम्ब्रायडरी ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ दुपट्टा लेने की बजाय अगर आप गोल्डन कौम्बिनेशन वाला श्रग ट्राय करेंगी तो ये आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा.

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2. पैरट ग्रीन कलर करें ट्राय

आजकल नियोन कलर काफी पौपुलर हैं. साड़ी हो या लहंगा आपके लिए ट्रेंडी आउटफिट्स में से एक है. सिंपल वन औफ शोल्डर ब्लाउज के साथ प्रिंटेड लहंगा आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ ग्रीन कौम्बिनेशन वाली ज्वैलरी करें ट्राय.

3. स्वैट शर्ट वाले टौप करें ट्राय

 

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Black magic ? #ericafernandes #ejf #photography #selfphotography #black

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विंटर सीजन में अगर आप जींस के साथ कोई टौप सोच रही हैं तो एरिका का ये डौटेड पैटर्न वाला ये लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा.

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4. प्रिंटेड स्वैट शर्ट करें ट्राय

 

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Get me fries ? and chips and i will be the happiest ! ? ? Sweatshirt – ejfian from Singapore

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आजकल कार्टून कैरेक्टर पैटर्न वाली स्वैट शर्ट मार्केट में काफी पौपुलर है. अगर आप भी कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो डैनिम के साथ कार्टून कैरेक्टर पैटर्न वाली स्वैट शर्ट  ट्राय करना ना भूलें.

छोटी सरदारनी और विद्या महासंगम: सलमान के साथ एक्सपीरियंस को शेयर करते दिखे शो के सितारे

इस हफ्ते कलर्स के शो ‘छोटी सरदारनी और विद्या’ के महासंगम स्पेशल में चुलबुल पांडे यानी सुपरस्टार सलमान खान और सोनाक्षी सिन्हा अपनी नई फिल्म ‘दबंग 3’ का प्रमोशन करने पहुंचे. जहां सलमान और सोनाक्षी के साथ-साथ शो की पूरी कास्ट ने औनस्क्रीन के साथ-साथ औफस्क्रीन भी मस्ती की. छोटी सरदारनी की कास्ट ने इस खास एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कई फोटोज शेयर की हैं. आइए आपको दिखाते हैं दबंग खान के साथ स्क्रीन शेयर करने के बारे में क्या कहते हैं शो के सितारे…

मेहर ने शेयर की सलमान के साथ खास फोटो

मेहर यानी निमृत आहलूवालिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सलमान के साथ एक फोटो शेयर करते हुए एक प्यारा सा मैसेज भी लिखा. इसी के साथ सलमान के साथ अपने एक्सपीरियंस के बारे में कहा ” जब हम सभी को पता चला कि सलमान सर हमारे सेट पर आने वाले हैं तो पूरे सेट पर शादी का माहौल हो गया. उनसे मिलने के लिए सभी एक्साइटेड थे. सलमान सर के सेट पर आने के बाद पूरा माहौल ही बदल गया. उनकी शख्सियत में ही कुछ खास और अलग था. हर किसी के चेहरे पर खुशी थी. को-एक्टर के रूप में देखा जाए तो सलमान सर बहुत एंटरटेनिंग, फनी और अलग हैं. मैं सलमान सर के साथ ये एक्सपीरियंस कभी नही भूल सकती और गर्व से बोल सकती हूं कि हां मै सलमान खान से मिली हूं और उनसे बात की है.”

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परम भी नहीं रहे पीछे

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अपने इस खास एक्सपीरियंस को शेयर करने से परम भी पीछे नही रहे. परम ने कहा, ” सलमान अंकल के आने की खबर से मुझे इतनी खुशी हुई कि मुझे रातभर नींद ही नहीं आई. सेट पर आते ही उन्होंने सबसे पहले मुझे गले लगाया. जो मुझे बहुत अच्छा लगा. शूटिंग के दौरान भी सलमान अंकल ने मुझे बहुत बार गले लगाया और किस करते रहे. इसी के साथ परम ने सोनाक्षी सिन्हा के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए लिखा,” P फौर परम विद सोनाक्षी सिन्हा, वह पल जब उन्होंने खास मेरे साथ फोटो खिंचवाने के लिए मुझे अपनी वैनिटी में बुलाया. लव यू सोनाक्षी मैम.”

सरब ने खास दोस्त चुलबुल के साथ शेयर की फोटो 

सरब ने अपने खास दोस्त चुलबुल पांडे यानी सलमान खान के साथ औनस्क्रीन और औफस्क्रीन फोटोज शेयर की. अपने खास एक्सपीरियंस के बारे में बताते हुए सरब यानी अविनेश रेखी ने कहा, ” सलमान सर का सेट पर आना बहुत खास था. जब मै पहली बार मुंबई आया था तो सलमान सर से मिलना चाहता था. मै सलमान सर की फिल्में देखकर बड़ा हुआ हूं. मैने अपने स्कूल के फंक्शन में ‘ओ ओ जाने जाना’ गाने पर डांस किया था और अब सलमान सर के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करना किसी सपने के सच होने जैसा है. सीनियर होने के बावजूद उन्होंने शूटिंग में पूरा साथ दिया. मै डांस स्टैप्स भूल गया था, लेकिन सलमान नहीं भूले. जो उन्हें ‘द सलमान खान’ बनाता है.”

कुलवंत कौर ने भी शेयर की फोटो

सलमान खान के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए कुलवंत कौर ने लिखा- देखिये मेरे सबसे पसंदीदा विनम्र, Wonderful soul वाले सलमान खान जो हमारे शो छोटी सरदारनी के सेट पर पहुंचे. इसी के साथ कुलवंत कौर ने कहा, ” छोटी सरदारनी और विद्या के महासंगम स्पेशल की शूटिंग के लिए जब हमें करीब एक हफ्ते पहले पता चला की सलमान खान आ रहे हैं तो हमने तैयारियां शुरू कर दी. जब वह आए तो सभी खुश थे. पूरा सेट खुशियों से भरा हुआ था कि चुलबुल पांडे जी आ रहे हैं. वहीं उनके आने से ऐसा लगा कि वक्त थम गया है. सलमान का जो ‘440 वोल्ट’ का अपीयरेंस है वो देखकर सभी दंग रह गए. बहुत अच्छा लगा कि वह हमारे सेट पर आए और उन्होंने हमारे लिए बहुत प्यार दिखाया. हमारी बस यही चाहत है कि वह दोबारा हमारे सेट पर आएं.

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बता दें, सरब के खास दोस्त चुलबुल पांडे यानी सलमान खान ने छोटी सरदारनी और विद्या के महासंगम स्पेशल में मेहर की प्रेग्नेंसी का खुलासा कर दिया है. अब देखना है कि सलमान का ये खुलासा मेहर, सरब और परम को किस मोड़ पर ले जाता है. जानने के लिए देखते रहिए  ‘छोटी सरदारनी’, सोमवार से शनिवार, रात 7:30 बजे, सिर्फ कलर्स पर. 

जीने का हक इन्हें भी

ऐसा मालूम होता है कि पर्यावरण मंत्रालय को पर्यावरण, वन्य जीवन, जल संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण की कोईर् समझ है ही नहीं. लगभग हर फैसला विध्वंसक बन जाता है और मंत्रालय राजनीति से प्रेरित हो कर काम करता नजर आता है न कि विज्ञान से. शातिर लोगों को यह बात समझ आ गई है और वे इस का लाभ उठाने में लग गए हैं. हर क्षेत्रीय पशु व पर्यावरण अधिकारी की पर्यावरण में रुचि समाप्तप्राय हो गई है और वे ऐसे निर्णय लेने लगे हैं जो अवैध और पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं. मुझे देश के लिए यह भयानक परिस्थिति लगती है.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य वन्यजीव वार्डन, जिस की जिम्मेदारी वन्य जीवों को बचाने की है, ने वास्तव में पर्यावरण मंत्रालय को लिखा है कि (भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है) नमकीन पानी में रहने वाले मगरमच्छों को मार डाला जाए. वजह, उन्होंने कुछ पर्यटकों पर हमला कर दिया था.

बेतुकी मांग

नमकीन पानी में रहने वाले ये मगरमच्छ बहुत ही संरक्षित और लुप्त होने की कगार पर हैं और वाइल्ड लाइफ प्रोटैक्शन एक्ट 1972 के शैड्यूल प्रथम में है. तरुण कुमार नाम के इस अधिकारी ने इन मगरमच्छों को इस शैड्यूल से हटाने की मांग की है ताकि उन्हें मारा जा सके.

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रोचक बात यह है कि मगरच्छ की खाल लाखों में बिकती है. जूते और हैंडबैग बनाने के लिए इन को देश के बाहर तस्करी से ले जाया जाता है. हर वन्य जीव को मारने के अनुरोध के पीछे असल में यह तस्करी होती है, जिस में एक जीव के नाम पर 4-5 को मारने का मौका मिल जाता है.

यह इसलिए सत्य है कि मगरच्छों के केवल 23 आक्रमणों की शिकायत दर्ज हुई है वह भी पूरे द्वीप समूह में पिछले 13 सालों में.

असल में उपराज्यपाल और मुख्य वन्य जीव वार्डन समुद्रीतटों पर होटल बनाना चाहते हैं और होटल वालों के एजेंटों की तरह काम कर रहे हैं. इसीलिए उन्होंने मगरमच्छों की जो गिनती बताई है वह वास्तविकता से ज्यादा है और बिना गिनती के दी गई है. बायोलौजिस्टों का कहना है कि इस इलाके में केवल 500 मगरमच्छ हैं जबकि प्रशासन गिनती बढ़ाचढ़ा कर 1700 बता रहा है.

बढ़ रही है संख्या

सरकारी कमेटी में टूर आपरेटर्स की एसोसिएशन का भी एक सदस्य है. इस ऐसोसिएशन ने ही पर्यटकों पर मगरमच्छों के आक्रमणों से पर्यटकों में फैलते भय की चिंता प्रकट की है और ये द्वीप और उन के तट लेटने और वाटर स्पोर्ट्स के लायक न रहने का डर व्यक्त किया है. यानी एक पूरी प्रजाति को नष्ट कर दिया जाए ताकि पर्यटक वाटर स्कीइंग का बिना डरे मजा ले सकें.

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खारे पानी के मगरमच्छ कई लाख साल पुराने हैं. ये 7 मीटर तक लंबे हो सकते हैं और रेंगने वाले रैप्टाइलों में सब से बड़े हैं. यह दक्षिणपूर्व एशिया, उत्तरी आस्ट्रेलिया, सुंदरवन (बंगाल) उड़ीसा में हैं. ये लंबी दूरी तक तैर सकते हैं. वैसे तो ये पानी में रहते हैंपर इन्हें गरमी पाने के लिए जमीन पर आना होता है.

1972 तक इन की संख्या 31 तक रह गई थी पर फिर वाइल्ड लाइफ प्रोटैक्शन एक्ट के बाद 45 साल में ये 500 तक पहुंचे हैं.

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