Romantic Story In Hindi: प्रेम लहर की मौत- भाग 4

ये भी पढ़ें- प्रेम लहर की मौत: भाग-3

लेखक- वीरेंद्र बहादुर सिंह 

असीम ने तो स्माइल की, पर मेरी आंखों से आंसू टपक पड़े. आंसू गिरते देख उस ने कहा, ‘‘प्लीज अनु, रोना मत.’’

  ‘‘नहीं, मैं बिलकुल नहीं रोऊंगी.’’ मैं ने कहा.

  ‘‘तुम्हें तो पता है अनु, तुम मेरे सामने बिलकुल झूठ नहीं बोल सकती, तो फिर क्यों बेकार की कोशिश कर रही हो. मैं तुम्हें अच्छी तरह से जानता हूं अनु. मुझे पता है कि तुम रोओगी, खूब रोओगी और मुझे यह हर्ट करेगा. जबकि मैं नहीं चाहता कि तुम मेरी वजह से रोओ, जी जलाओ.’’

तभी निकी का फोन आ गया कि ट्रेन के आने का एनाउंसमेंट हो गया है. हम दोनों एकदूसरे को देखते रहे. थोड़ी देर तक हमारे बीच मौन छाया रहा. अचानक असीम ने पूछा, ‘‘अनु, तुम कम से कम यह तो बता दो कि तुम जा कहां रही हो?’’

  ‘‘नहीं, अब मैं कुछ नहीं बताऊंगी. मेरा यह मोबाइल नंबर भी कल सुबह से बंद हो जाएगा. जहां भी जाऊंगी, नया नंबर ले लूंगी. अब अंत में सिर्फ इतना ही कहूंगी कि तुम खुश रहना, सुखी रहना और प्रियम को भी खुश और सुखी रखना, उसे खूब प्रेम करना और हमारी मुलाकात को एक सुंदर सपना समझ कर भूल जाना. इस के बाद हम स्टेशन पर आ गए. हमारे स्टेशन आतेआते टे्रन आ गई थी. उस के बाद जो हुआ, उसे आप ने देखा ही है.’’ कह कर अनु चुप हो गई.

मैं मन ही मन अनु के प्रेम, उस की संवेदनशीलता, उस की समर्पण भावना को सलाम करते हुए सोच रहा था कि काश! इसी तरह प्रेम करने वाली सुंदर लड़की मुझे भी मिल जाती तो मेरे लिए स्वर्ग इसी धरती पर उतर आता. सच बात तो यह थी कि अनु से मुझे प्यार हो गया था. मन कर रहा था, क्यों न मैं उस से अपने दिल की बात कह कर देखूं.

मैं मन की बात कहने का विचार कर ही रहा था कि उस ने एक ऐसी बात कह दी, जिस से मेरे मन में जो प्रेम पैदा हुआ था, उस की अकाल मौत हो गई थी. एक तरह से मेरा प्रेम पैदा होते ही मर गया था. उस ने मुसकराते हुए कहा, ‘‘मैं यह नौकरी छोड़ने की जो बात कर रही हूं, यह सब नाटक है. मैं ने न नौकरी छोड़ी है और न यह शहर छोड़ कर जा रही हूं.’’

  ‘‘क्या?’’ मैं एकदम से चौंका, ‘‘आप ने यह नाटक क्यों किया, आप ने इतना बड़ा झूठ क्यों बोला?’’

  ‘‘क्योंकि असीम और निकी ने सलाह कर के प्रियम नाम के झूठे करेक्टर को खड़ा कर के मेरे साथ नाटक किया, शायद उन्हें पता नहीं कि मैं उन दोनों से बड़ी नाटकबाज हूं.

  ‘‘अगर असीम मेरे बारे में सब जानता है, तो मैं भी बेवकूफ नहीं हूं कि उस के बारे में सब कुछ न जानती. मैं उस से प्रेम करने लगी थी तो उस के बारे में एकएक चीज का पता लगा कर ही प्रेम किया था. जिस दिन निकी ने मेरे सामने प्रियम का नाम ले कर मुझे चिढ़ाने और परेशान करने के लिए नाटक शुरू किया, उसी के अगले दिन ही मैं ने सच्चाई का पता लगा लिया था, क्योंकि मुझे तुरंत शक हो गया था.’’

  ‘‘कैसे?’’ मैं ने पूछा.

क्योंकि अगर प्रियम से असीम का प्यार चल रहा होता तो निकी इतने दिनों तक इंतजर न करती. क्योंकि उसे मेरे और असीम के प्रेम संबंध की एकएक बात पता थी. अगर असीम के जीवन में कोई प्रियम होती तो वह मुझे पहले ही बता कर असीम के साथ इतना आगे न बढ़ने देती.

अगले दिन मुझे इस का सबूत भी मिल गया था. निकी सुबह नहा रही थी तो उस का मोबाइल मेरे हाथ लग गया, उस में कुछ मैसेज थे, जिस से मेरा शक यकीन में बदल गया. बस, फिर मैं ने भी नाटक शुरू कर दिया.

ये भी पढ़ें- क्लब: भाग-3

मैं ने ऐसा नाटक किया कि उन्हें लगा मैं सचमुच बहुत दुखी हूं. मुझे तो सच्चाई पता थी. पर उन्हें पता नहीं था कि मैं भी नाटक कर रही हूं. इस खेल में मैं उन से ज्यादा होशियार निकली. क्योंकि वे दोनों मेरे आते वक्त तक सच्चाई उजागर नहीं कर पाए. अब उन्हें डर सता रहा है कि सच्चाई उजागर करने पर मैं उन पर खफा हो जाऊंगी?’

मैं ने अनु को बीच में रोक कर पूछा, ‘‘इस का मतलब आप ने नौकरी छोड़ी नहीं है, सिर्फ उन लोगों से कहा कि नौकरी छोड़ कर जा रही हो.’’

  ‘‘पागल हूं, जो नौकरी छोड़ देती. केवल एक सप्ताह की छुट्टी ले कर घर जा रही हूं. घर पहुंच कर फोन का सिम निकाल दूंगी. औफिस वालों को दूसरा नंबर दे आई हूं्. असीम मुझे परेशान करना चाहता था. बदले में मैं ने उसे सबक सिखाया. मैं उसे इतना प्यार करती हूं कि उस के बिना जी नहीं सकती. अगर सचमुच में प्रियम होती तो मैं आप को अपनी यह कहानी बताने के लिए न होती. किसी मानसिक रोगी अस्पताल में अपना इलाज करा रही होती.’’

  ‘‘सलाम है आप के प्रेम को, जब लौट कर  आओगी तो…’’

मेरी बात बीच में ही काट कर अनु ने कहा, ‘‘यही तो सरप्राइज होगा असीम के लिए.’’

अनु के बारे में सोचते हुए कब आंख लग गई, मुझे पता ही नहीं चला. मुझे असीम से ईर्ष्या हो रही थी. ट्रेन स्टेशन पर रुकी तो मेरी आंख खुली. पता चला ट्रेन कानपुर में खड़ी थी. अनु खड़ी हुई, अपना बैग और पर्स लिया और उतर कर निकास गेट की ओर बढ़ गई. वह जैसेजैसे दूर जा रही थी, मैं यही सोच रहा था, काश! सचमुच प्रियम होती, तो आज मेरे प्यार की अकाल बाल मौत न होती.

ये भी पढ़ें- प्रेम लहर की मौत: भाग-2

सांड की आंख फिल्म रिव्यू: औरतों की बहादुरी और उनके बुलंद इरादों को नमन

रेटिंगः चार स्टार

निर्देशकः तुशार हीरानंदानी

कलाकारः तापसी पन्नू,भूमि पेडणेकर, विनीत कुमार सिंह, प्रकाश झा…

अवधिः दो घंटे 28 मिनट

सपने देखने और उनको पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती.  हर इंसान को खुद ही अपने सपने पूरे करने के लिए प्रयास करना होता है, कोई अन्य किसी के भी सपने पूरा नही कर सकता. यह बात लोगों को भले ही अब तक किताबी ज्ञान लगता रहा हो.  मगर बागपत की दो शार्प शूटर दादीयों चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर के जीवन की असली कहानी को फिल्म‘‘सांड की आंख’’में पेशकर फिल्मकार तुशार हीरानंदानी ने बता दिया कि यह महज किताबी ज्ञान नही,बल्कि कटु सत्य है. यूं भी चंद्रो और प्रकाशी तोमर की बहादुरी, कुछ कर दिखाने का जज्बा पूरे देशवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत व मिसाल से कम नही है.  इस फिल्म देखकर हर इंसान,बच्चे से बूढ़े तक प्रेरित हुए बिना नही रह सकते.

कहानीः

कहानी बागपत जिले के जोहरी गांव के एक तोमर परिवार की है,जिसके मुखिया रतन सिंह तोमर( प्रकाश झा)गांव के सरपंच भी हैं. रतन सिंह तोमर दकियानूसी विचारों के है.  बहुत सख्त हैं.  उनसे उनके छोटे भाई भी डरते हैं. रतन सिंह तोमर के दो छोटे भाई हैं.  इनकी पत्नियां क्रमशः चंद्रो तोमर ( भूमि पेंडणेकर)और प्रकाशी तोमर (तापसी पन्नू) हैं.  इन औरतों की पूरी जिंदगी घूंघट काढ़कर घर का काम करने के अलावा खेत पर काम करने, ईंट भट्टा पर काम करने, पतियों के लिए हुक्का बनाने तक ही सीमित रहती है.  गांव का ही एक लड़का यशपाल ( विनीत कुमार सिंह) जो कि रतन सिंह का भतीजा लगता है, दिल्ली जाकर डाक्टर बन जाता है.  मगर कुछ दिन बाद वह निशानेबाजी शूटिंग का कोच बनकर गांव लौटता है. गांव के सरपंच से इजाजत लेकर वह गांव में निशाने बाजी सिखाने का काम शुरू कर देता है.  यशपाल का सहायक है फारूक(नवनीत श्रीवास्तव).

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: रणवीर के साथ ऐसे दीवाली सेलिब्रेट करेंगी दीपिका, किया

प्रकाशी तोमर के बेटे सचिन तोमर(हिमांशु शर्मा)सहित गांव के बच्चे निशानेबाजी सीखने जाते हैं,मगर पहले ही दिन वह तोबा कर लेते हैं. चंद्रो तोमर अपनी भतीजी सीमा के साथ देखने पहुॅचती हंै कि बच्चे क्या सीख रहे हैं,वहां पर बच्चे नदारद होते है. यशपाल, सीमा से कहता है कि वह कोशिश करे. सीमा बंदूक नहीं चला पाती. मगर तैश में चंद्रो बंदूक उठाकर सही निशाना लगा देती है. तब यशपाल कहता है कि यदि सीमा निशानेबाजी सीख लेगी,तो इसे सरकारी नौकरी मिल जाएगी. यह सुनकर चंद्रो कहती है कि सीमा सीखेगी. यशपाल कहता है कि रतन सिंह के गुस्से का क्या होगा?पर घर में बहानेबाजी करके चंद्रो, प्रकाशी,सीमा और चंद्रो की पोती शेफाली निशाने बाजी सीखने लगती है. पहली बार साठ वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की निशानेबाजी की प्रतियोगिता चंडीगढ़ में होती है, जहां मंदिर का झूठ बोलकर प्रकाशी, चंद्रो ,सीमा व सचिन,यशपाल व फारूक के साथ जाते हैं. फारूक,सचिन को फिल्म दिखने ले जाता है, उधर निशानेबाजी प्रतियोगिता में चंद्रो और प्रकाशी विजेता बनती हैं. उसके बाद हर प्रतियोगिता में दिल्ली से चेन्नई तक झूठ बोलकर जाने लगती हैं. चंद्रंरो, प्रकाशी,सीमा और शैफाली 355 मैडल जमा कर लेती हैं. अब सीमा और शेफाली का चयन अंतरराष्ट्ीय निशाने बाजी में भारतीय टीम का हिस्सा बनने के लिए होने वाली ट्रेनिंग के लिए चुना जाता है. दिल्ली में 45 दिन रहना है. तब चंद्रो व प्रकाशी सारा सच घर के पुरूषों को बताती हैं. रतन सिंह आग बबुला होकर सारे मैडल फेंक देता है. तभी चंद्रा का बेटा रमबीर तोमर (साध रंधावा) सेना की नौकरी से छुट्टी पर आता है. बहस होती है,रमबीर तोमर गांव की पंचायत बुलाता है. अंततः सरपंच निर्णय देते हैं कि सीमा व शेफाली दिल्ली जाएंगी,पर चंद्रो व शेफाली अब घर में रहेंगी. निशानेबाजी में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता जीतने वाली पहली लड़की बनती है. बाद में उसे सेना में नौकरी मिल जाती है.

निर्देशनः

तुशार हीरानंदानी की बतौर निर्देशक पहली फिल्म है,मगर वह हर किसी को अपने निर्देशन का कायल बना लेते हैं. फिल्म देखकर इस बात का अहसास ही नही होता कि यह वही तुशार हीरानंदानी हैं, जो अब तक‘मस्ती’व ग्रैड मस्ती’जैसी एडल्ट कौमेडी वाली बीस से अधिक फिल्में लिख चुके हैं. तुशार के निर्देशन की सबसे बड़ी खूबी यह है कि फिल्म की शुरूआत के पहले दृश्य से ही वह दर्शकों को बांध लेते हैं और फिर दर्शक हिल नही पाता. फिल्म में इतने इमोश्ंास हैं कि किसी न किसी दृश्य में दर्शक की आंखों से आंसू टपक ही पड़ते हैं.

फिल्म के एडीटर देवेंद्र मुरडेश्वर बधाई के पात्र है. फिल्म की एडीटिंग इतनी कसी हुई है कि एक मिनट के लिए भी फिल्म सुस्त या ढीली नहीं पड़ती. इंटरवल के पहले के हिस्से से बनिस्बत इंटरवल के बाद का हिस्सा ज्यादा सशक्त है. फिल्म की कमजोर कड़ी यह है कि तमाम दृश्यों में तापसी और भूमि साठ वर्ष की नजर नही आती. यह मेकअप की कमी है. पर दर्शक इनके अभिनय में इस कदर बंध जाता है कि उसका ध्यान इनकी उम्र की तरफ जाता ही नही है. फिल्म का गीत संगीत भी ठीक है. फिल्म के कैमरामैन सुधाकर रेड्डी भी बधाई के पात्र हैं.

ये भी पढ़ें- ‘कार्तिक’ से नफरत करने लगेगा ‘कायरव’, अब क्या करेगी ‘नायरा’ ?

अभिनयः

यूं तो हर कलाकार ने बहुत ही सधा हुआ अभिनय किया है. मगर तापसी पन्नू,भूमि पेडणेकर व विनीत कुमार सिंह के अभिनय की जितनी तारीफ की जाए,उतनी कम है. फिल्म में भूमि पेडणेकर और तापसी पन्नू की एक साथ केमिस्ट्री लाजवाब है. कई सफलतम फिल्मों के निर्देशक प्रकाश झा का उत्कृष्ट अभिनय तो सबसे बड़ा आश्चर्य है. इस प्रेरणादायी उत्कृष्ट फिल्म को एक बार हर किसी को देखना चाहिए.

https://www.youtube.com/watch?v=-uA-ONin_5M

DIWALI 2019: शादी के बाद रणवीर के साथ ऐसे दीवाली सेलिब्रेट करेंगी दीपिका

हिंदी फिल्म ‘ओम शांति ओम’ से कैरियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण सबसे पौपुलर और अट्रेक्टिव एक्ट्रेस है. उसने मेहनत के बल पर अपनी एक खास जगह बौलीवुड और हौलीवुड में बनायीं है. वह अपने काम पर हमेशा फोकस्ड रहती है. उसने हमेशा जो सोचा उसे ही किया, इसमें उनका आत्मविश्वास हमेशा झलकता है, जो बहुत स्ट्रोंग है. दीपिका पादुकोण की शादी रणवीर सिंह के साथ हो चुकी है और वे दोनों इस बार पहली दीवाली मनाने वाले है, जिसे लेकर वह बहुत खुश है.

फैमिली के साथ ऐसे मनाती है दीपिका फेस्टिवल

त्यौहार को सेलिब्रेट करना कितना जरुरी है और दीवाली इस बार रणवीर के साथ कैसे मनाने वाली है पूछे जाने पर दीपिका बताती है कि बचपन से ही मैंने त्यौहार को मनाते हुए देखा है, इसमें बचपन की यादें होती है, साथ ही परिवार और उसकी संस्कृति के साथ जुड़ाव को महसूस करते है. ये कम्युनिटी की फीलिंग को ताज़ा करती है. इस दौरान मिठाइयां बनाना, सबको बांटना, रिश्तेदारों से मिलने जाना आदि संभव होता है. इससे रिश्तों में गहराई आती है. गणपति से लेकर दिवाली तक लगातार उत्सव मनाने का दौर चलता रहता है. अच्छा माहौल होता है और मुझे बहुत पसंद है.

 

View this post on Instagram

 

Wishing you both good health,peace of mind & boundless creativity! #33yearsofajsk @abujanisandeepkhosla

A post shared by Deepika Padukone (@deepikapadukone) on

ये भी पढ़ें- ‘कार्तिक-नायरा’ की लड़ाई देख टूटेगा ‘कायरव’ का दिल, उठाएगा ये कदम

रंगोली बनाना पसंद करती हैं दीपिका

दीवाली पर बचपन से मेरी मां ने मुझे रंगोली बनाना सिखाया है और मैं आज तक भी इसे अपने दरवाजे के बाहर बनाती आ रही हूं और दिए जलाती हूं. इस बार दिवाली को हम दोनों अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनाने वाले है. मैंने खुद का एक अपना घर लिया हुआ है. घर को सजाना और सम्हालना मुझे पसंद है, इसमें जो नारी सुलभ टच मैं देती हूं. वह रणवीर को अच्छा लगता है. मसलन दिया जलाना, फ्रेश फूल लेकर सजाना, कैंडल जलाना आदि.

रणवीर के साथ स्क्रीन शेयर करेंगी दीपिका

दीपिका ने हर फिल्म को सच्चे दिल से किया है यही वजह है कि उनकी फिल्में बौक्स औफिस पर सफल रही है. आज भी वह किसी चुनौती को लेने से घबराती नहीं है. दीपिका फिल्म ‘83’ में शादी के बाद एकबार फिर रणवीर सिंह के साथ अभिनय किया है. जिसमें वह क्रिकेटर कपिलदेव (रणवीरसिंह) की पत्नी रोमिदेव की भूमिका निभा रही है.

 

View this post on Instagram

 

❤️ #us

A post shared by Deepika Padukone (@deepikapadukone) on

‘एसिड एटैक का कैरेक्टर निभाना है मुश्किल’

इसके अलावा फिल्म ‘छपाक’ में दीपिका एसिड एटैक से प्रभावित लक्ष्मी अग्रवाल की भूमिका निभा रही है, जो उसके लिए बड़ी चुनौती रही है. वह कहती है कि ये बहुत बड़ी दायित्व सिर्फ मेरे लिए नहीं ,पूरी टीम के लिए होती है, क्योंकि उस व्यक्ति की रहन-सहन, चाल-ढाल सब कुछ सही तरीके से दिखाई जानी चाहिए. इसी वजह से जिस व्यक्ति पर ये कहानी आधारित है, उसे नजदीक से समझने की कोशिश करनी पड़ती है. वैसा दिखना मेरे लिए बहुत बड़ी इमोशनल चुनौती रही है. इसके अलावा लक्ष्मी के साथ ये सब कैसे हुआ. मैं अगर वहां होती, तो परिस्थिति क्या होती आदि छोटी-छोटी बातों का ध्यान देना पड़ा, क्योंकि अपने आप को उस परिस्थिति में डालना और भावनात्मक पहलू को दिखाना बहुत ही मुश्किल होता है.

ये भी पढ़ें- दो साल बाद ऐसी दिखने लगी हैं ‘दयाबेन’, ‘तारक मेहता…’ के सेट से लीक हुई PHOTO

फैमिली है सबसे पहले

दीपिका एक सफल एक्ट्रेस होने के साथ-साथ अपने परिवार के बेहद करीब है. उसके अनुसार अगर फिल्म सफल नहीं होती, तो दुःख होता है कि वह दर्शकों अनुरूप काम नहीं कर पायी. ऐसे में परिवार का सहयोग उन्हें हमेशा रहता है. दीपिका अपनी कामयाबी का श्रेय फैशन स्टाइलिस्ट और इमेज कंसलटेंट प्रसाद बिदप्पा,जिसने उसे समझाया कि वह एक्टिंग कर सकती है.इसके बाद फरहा खान, जिसने अभिनय का मौका दिया, ड्राईवर, हेयर ड्रेसर, मेकअप आर्टिस्ट आदि सभी को देती है.

 

View this post on Instagram

 

& on to the next…Thank You @kabirkhankk for this incredible honour…! #RomiDev #Day1 @83thefilm @ranveersingh

A post shared by Deepika Padukone (@deepikapadukone) on

आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर महिलाओं की तरह रहना पसंद करती हैं दीपिका

दीपिका को आज की महिलाओं का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर होना बहुत पसंद है.वह कहती है कि ऐसी महिलाओं के बारें में पढ़ना और मिलना पसंद करती हूँ. महिलाएं हमेशा से ही घर की प्रमुख होती है, उन्हें जिंदगी में उसी काम को करनी चाहिए, जिससे उन्हें ख़ुशी मिले. महिलाएं जब अपने लिए कुछ करती है ,तो उन्हें अपराधबोध होता है, क्योंकि उन्होंने शुरू से अपने पति, बच्चे, माता-पिता, दोस्तों आदि के लिए काम किया है. खुद के लिए उनके पास समय नहीं होता. खुद का ख्याल शारीरिक और मानसिक रूप से बिना अपराधबोध के रखना जरुरी है.

ये भी पढ़ें- ‘कोमोलिका’ के बाद ‘मिस्टर बजाज’ ने भी शो छोड़ा, जानें क्या है वजह

‘कार्तिक’ से नफरत करने लगेगा ‘कायरव’, अब क्या करेगी ‘नायरा’ ?

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के मेकर्स शो में नए ट्विस्ट एंड टर्न्स लाकर फैंस का दिल जीतने की पूरी तैयारी में है. हाल ही में हमने आपको बताया था कि ‘नायरा’ को ‘कायरव’ की कस्टडी मिल जाएगी, जिसके बाद ‘कार्तिक’ ‘नायरा’ माफी मांगते हुए और खुद को कोसता हुआ नजर आएगा. वहीं ‘कायरव’ को गलतफहमी होगी कि ‘नायरा और कार्तिक’ की दोबारा लड़ाई होगी. पर बड़ी बात तब होगी जब ‘कायरव’ का गुस्सा ‘कार्तिक’ पर निकलेगा. आइए आपको बताते हैं क्या करेगा ‘कायरव’…

नए प्रोमो में नजर आया ‘कायरव’ का गुस्सा

शो का नया प्रोमो सामने आया है. जिसमें ये दिखाया गया है कि ‘कायरव’ अपनी और ‘कार्तिक’ की फोटो के टुकड़े-टुकड़े कर देता है. दरअसल, ‘कायरव’ ने ‘कार्तिक और नायरा’ को बहस करते हुए देख लिया था. ऐसे में उसे लग रहा है कि उसकी मां के सारे दुखों की वजह उसके पापा ‘कार्तिक’ ही है. उसकी वजह से ही ‘नायरा’ की आंखों में हमेशा आंसू रहते हैं. ‘कायरव’ के मन में ‘कार्तिक’ के लिए कड़वाहट आ जाएगी और वो उससे दूर होने लगेगा.

ये भी पढ़ें- ‘कार्तिक-नायरा’ की लड़ाई देख टूटेगा ‘कायरव’ का दिल, उठाएगा ये कदम

बर्थडे पर नजर आएगा बड़ा ड्रामा

नए प्रोमो में ‘नायरा और कार्तिक’ ‘कायरव’ के बर्थडे की बात करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसमें ‘कार्तिक’ ‘नायरा’ से बात करते हुए काफी एक्साइटेड नजर आ रहा है. ‘कार्तिक नायरा’ से कह रहा है कि ‘ मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है कि मेरा और मेरे बेटे का जन्मदिन एक ही दिन है….’ वहीं दूसरी ओर ‘कायरव’ के मन में धीरे धीरे ‘कार्तिक’ के लिए जहर भरता जा रहा है.

‘कार्तिक’ मांग चुका है ‘नायरा’ से माफी

कोर्ट में ‘कायरव’ की कस्टडी के ड्रामे के चलते ‘नायरा और कार्तिक’ की सारी गलत फहमियां दूर हो गई हैं. वहीं इसी दौरान ‘कार्तिक’ ‘नायरा’ से माफी मांग चुका है, जिसके चलते ‘कायरव’ को गलतफहमी हो चुकी है.

ये भी पढ़ें- ‘कार्तिक’ के सामने ‘वेदिका’ की पहली शादी का राज खोलेगी ‘नायरा’, नहीं छोड़ेगी उदयपुर

बता दें, शो में जल्द ही ‘वेदिका’ की एक्जिट होने वाली है. ट्विस्ट ये होगा की ‘नायरा वेदिका’ के एक्स हस्बैंड का राज खोलते हुए सब के सामने ‘वेदिका’ का पर्दाफाश करेगी और सभी घरवाले चौंक जाएंगे.

Romantic Story In Hindi: प्रेम लहर की मौत- भाग 3

पिछला भाग पढ़ने के लिए- प्रेम लहर की मौत: भाग-2

लेखक- वीरेंद्र बहादुर सिंह 

  ‘‘ऐसा क्यों?’’

  ‘‘बिकाज…बिकाज… आई लव यू. अनु एंड आई नो दैट यू आलसो लव मी. इसी बात से डर लग रहा था कि प्रियम के बारे में पता चलने पर कहीं तुम्हें खो न दूं.’’

असीम की बात सुन कर मैं फफकफफक कर रो पड़ी. रोते हुए मैं ने कहा, ‘‘असीम तुम्हें पता है कि प्रियम तुम्हें कितना चाहती है और तुम भी उसे कितना चाहते हो. मात्र 4 महीने के अपने इस संबंध में तुम अपने और प्रियम के 4 सालों के प्यार को कैसे भुला सकोगे? और हमारे बीच संबंध ही क्या है?

  ‘‘असीम, आज भी तुम मात्र प्रियम को ही प्यार करते हो. जितना पहले करते थे, उतना ही, शायद उस से भी ज्यादा. वह अभी तुम्हारे पास यानी तुम्हारे साथ नहीं है. तुम उसे खूब मिस कर रहे हो.

  ‘‘ऐसे में मेरे प्रेम की वजह से तुम्हें ऐसा लगता है कि तुम मुझे प्रेम करते हो. जबकि सच्चाई यह है कि तुम ने मुझे कभी प्रेम किया ही नहीं. तुम मुझ में प्रियम को खोजते हो. मेरा तुम्हारा केयर करना, तुम्हारी छोटीछोटी बातों का ध्यान रखना, तुम्हें लगता है तुम्हारे लिए यह सब प्रियम कर रही है. तुम्हें ऐसा लगा, इसीलिए तुम मेरे प्रति आकर्षित हुए. बट इट्स नाट लव. असीम, यू नाट लव मी.’’

  ‘‘पर अनु तुम…’’

  ‘‘मैं… यस औफकोर्स आई लव यू. आई लव यू सो मच.’’

  ‘‘तो क्या यह काफी नहीं है.’’

  ‘‘नहीं असीम, यह काफी नहीं है. प्रियम और तुम एकदूसरे को बहुत प्यार करते हो. हां, यह बात भी सच है कि मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करती हूं. पर मैं इतनी स्वार्थी नहीं हूं कि अपने प्यार के लिए प्रियम के साथ धोखा करूं या धोखा होने दूं. नहीं असीम, मैं अपने सपनों का महल प्रियम की हाय पर नहीं खड़ा करना चाहती. इसीलिए मैं ने तय किया है कि मैं यहां से दूर चली जाऊंगी, तुम से बहुत ही दूर.’’

ये भी पढ़ें- Family Story: ममा मेरा घर यही है : रिश्ते के नाजुक धागों को क्या पारुल

  ‘‘अरे, तुम कहां और क्यों जाओगी? जरूरत ही क्या है यहां से कहीं जाने की?’’

  ‘‘क्यों जाऊंगी, कहां जाऊंगी, यह तय नहीं है. पर जाऊंगी जरूर, यह तय है.’’

  ‘‘प्लीज अनु, डोंट डू दिस यू मी. मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता.’’

  ‘‘असीम, मैं भी तुम से यही कहती हूं, डोंट डू दिस टू प्रियम, मात्र 4 महीने के प्रेम के लिए तुम 4 साल के प्रियम के प्रेम को कैसे भूल सकते हो. उस के प्रेम की कुर्बानी मत लो असीम.’’

  ‘‘अनु, तुम ने जो निर्णय लिया है, बहुत सही लिया है.’’ निकी ने कहा.

मैं निकी के गले लग कर खूब रोई. उस ने भी मुझे रोने दिया. रोने से दिल हलका हो गया. उस रात मैं ने कुछ नहीं खाया. निकी ने मुझे बहुत समझाया, पर कौर गले के नीचे नहीं उतरा. मैं सो गई. सुबह उठी तो काफी ठीक थी. फ्रैश हो कर मैं औफिस गई.

मैं ने व्यक्तिगत कारणों से नौकरी छोड़ने की बात लिख कर एक महीने का नोटिस दे कर नौकरी से इस्तीफा दे दिया. बौस और सहकर्मियों ने पूछा कि बात क्या है, बताओ तो सही, सब मिल कर उस का हल निकालेंगे, पर मैं अपने निर्णय पर अडिग रही.

उस के बाद मैं कैसे जी रही हूं, मैं ही जानती हूं. जीवन जैसे यंत्रवत हो गया है. हंसना बोलना तो जैसे भूल ही गई हूं. कलेजा अंदर ही अंदर फटता है. मेरी व्यथा या तो मैं जानती हूं या फिर निकी, हां कुछ हद तक असीम भी. किसी तरह 20 दिन बीत गए. इस बीच मैं ने न तो असीम को फोन किया और न मैसेज.

उस के फोन भी आ रहे थे अैर मैसेज भी. पर मैं न फोन उठा रही थी और न मैसेज के जवाब दे रही थी. मैं जानती थी कि उस की भी मेरी जैसी ही व्यथा है. इसलिए मैं ने निकी से कहा कि वह उस के कांटैक्ट में रहे. मेरे साथ तो निकी थी. लेकिन वह तो एकदम अकेला था.

एक दिन उस ने निकी से बहुत रिक्वेस्ट की तो निकी ने मुझ से कहा कि असीम से बात कर लो. मैं ने बात की तो असीम ने कहा, ‘‘अनु, मैं ने जब गंभीरता से विचार किया तो तुम्हारी बात सच निकली, सचमुच मैं आज भी प्रियम को उतना ही प्यारर करता हूं. उस की कमी मुझे खूब खलती है. पर अनु तुम…? हमने इतना समय साथ बिताया, तुम मुझ से काफी जुड़ गई थीं, मुझे तुम्हारी बहुत चिंता हो रही है.’’

ये भी पढ़ें- एक नारी ब्रह्मचारी: पति वरुण की हरकतों पर क्या था स्नेहा का फैसला

  ‘‘इट्स ओके असीम, आई एम फाइन. तुम मेरी जरा भी चिंता मत करो. मैं इतनी डरपोक या कमजोर नहीं कि खुद को किसी तरह का नुकसान पहुंचाऊं या आत्महत्या जैसी कायराना हरकत के बारे में सोचूं. असीम, मुझे मरना नहीं जीना है, तुम्हारे प्रेम में. और मैं जीऊंगी भी. मैं जानती हूं कि ऐसी स्थिति में मरना बहुत आसान है, जीना बहुत मुश्किल. पर तुम्हारी चाहत और प्रेम को मैं अपने हृदय में संभाल कर जीऊंगी. मैं भले ही तुम्हारा प्रेम नहीं पा सकी, पर तुम्हें, मात्र तुम्हें प्रेम करती हूं और इसी प्रेम के साथ जी सकती हूं.’’ कह कर मैं ने फोन काट दिया.

नोटिस के दौरान मैं ने अपने लिए दूसरे शहर में नौकरी तलाश ली थी. रहने के लिए जगह की भी व्यवस्था कर ली थी. दो दिन पहले असीम का फोन फिर आया. उस ने मुझ से मिलने की इच्छा प्रकट की. मैं मना नहीं कर सकी. मैं ने कहा कि हम स्टेशन पर मिलेंगे. उस की ट्रेन साढ़े 10 बजे आती थी और मेरी टे्रन साढ़े 12 बजे की थी. हमारे पास 2 घंटे का समय था. अंतिम मुलाकात के लिए इतना समय पर्याप्त था.

अनु ये बातें कर रही थी, तभी न जाने क्यों मुझे लगा कि मैं उस के प्रेम, उस की संवेदनशीलता की ओर आकर्षित होने लगा हूं. शायद उसे प्रेम करने लगा हूं. पर उस समय चुपचाप उस की बातें सुनने के अलावा मैं कुछ नहीं कर सकता था. मेरा मूक श्रोता बने रहना ही उचित था. मैं सिर्फ उस की बातें सुनता रहा. उस ने अपनी और असीम की अंतिम मुलाकात की बातें बतानी शुरू कीं.

असीम की ट्रेन 15 मिनट लेट थी. इसलिए उस की ट्रेन पौने 11 बजे आई. मैं अपना सामान ले कर निकी के साथ 10 बजे ही स्टेशन पर पहुंच गई थी. असीम आया, मैं ने उस से हाथ मिलाया. हम स्टेशन के सामने वाले रेस्टोरेंट में कोने की मेज पर आमनेसामने बैठे. सुबह का समय था इसलिए ज्यादा चहलपहल नहीं थी.

हम दोनों की स्थिति ऐसी थी कि दोनों एक शब्द भी नहीं बोल पा रहे थे. फिर भी बात शुरू हुई. उस ने मेरा हाथ हलके से हथेली में ले कर कहा, ‘‘अनु, आई एम वेरी सौरी, मेरी वजह से तुम्हें यह तकलीफ सहन करनी पड़ रही है.’’

  ‘‘प्लीज असीम, डू नाट से सौरी. मेरे नसीब में तुम्हारा बस इतना ही प्यार था. और हां, हम ने साथ बिताए समय के दौरान अगर कभी तुम्हें मेरे लिए, मात्र मेरे लिए सहज भी प्रेम महसूस हुआ हो तो उसी प्रेम की कसम, तुम कभी भी मेरे लिए गिल्टी कांसेस फील मत करना. प्रियम को खूब प्रेम करना. प्रियम को खुश होते देख, समझना मैं खुश हो रही हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि तुम मेरी कसम नहीं तोड़ोगे. अब एक बढि़या सी स्माइल कर दो.’’

आगे पढ़ें- असीम ने तो स्माइल की, पर…

ये भी पढ़ें- Romantic Story: ड्रीम डेट- आरव ने कैसे किया अपने प्यार का इजहार

क्लब: भाग-3

पिछला भाग पढ़ने के लिए- क्लब: भाग-2

लेखक- अनिल चाचरा

अर्चना ने अपने को छुड़ाने की कोई खास कोशिश नहीं की, पर नवीन को फौरन ही अपनी बांहों के घेरे से उसे मुक्त करने को मजबूर होना पड़ा.

2 सादी वरदी में पुलिस वाले एक घनी झाड़ी के पीछे से अचानक उन के सामने प्रकट हुए और शिकारी की नजरों से घूरते हुए पास आ गए.

‘‘शर्म नहीं आती तुम दोनों को सार्वजनिक स्थल पर अश्लील हरकतें करते हुए. समाज में गंदगी फैलाने के लिए तुम जैसे लोगों का मुंह काला कर के सड़कों पर घुमाना चाहिए,’’ लंबे कद का पुलिस वाला नवीन को खा जाने वाली नजरों से घूर रहा था.

‘‘बेकार में हमें तंग मत करो,’’ नवीन ने अपने डर को छिपाने का प्रयास करते हुए तेज स्वर में कहा, ‘‘हम कोई गलत हरकत नहीं कर रहे थे.’’

‘‘अब थाने चल कर सफाई देना,’’ दूसरे पुलिस वाले ने उन्हें फौरन धमकी दे डाली.

‘‘मैं पुलिस स्टेशन बिलकुल नहीं जाऊंगी,’’ अर्चना एकदम से रोंआसी हो उठी.

‘‘यह इस की पत्नी नहीं हो सकती,’’ लंबे कद का पुलिस वाला अपने साथी से बोला.

‘‘ऐसा क्यों कह रहे हैं, सर?’’ उस के साथी ने उत्सुकता दर्शाई.

‘‘अरे, अपनी बीवी के साथ कौन इतने जोश से गले मिलने की कोशिश करता है?’’

‘‘इस का मतलब यह किसी और की बीवी के साथ ऐश करने यहां आया है. गुड, हमारा केस इस कारण मजबूत बनेगा, सर.’’

‘‘नवीन, कुछ करो, प्लीज,’’ अर्चना के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं.

‘‘देखिए, आप दोनों को जबरदस्त गलतफहमी हुई है. हम कोई अश्लील हरकत…’’

‘‘कर ही नहीं सकते क्योंकि इन के बीच गलत रिश्ता है ही नहीं मिस्टर पुलिसमैन,’’ अचानक झाड़ी के पीछे से निकल कर उन का एक और सहयोगी मनोज उन के सामने आ गया.

उस के साथ विकास भी था. इन्हें देख कर पुलिस वाले ज्यादा सतर्क  और गंभीर से नजर आने लगे.

‘‘आप इन दोनों को जानते हैं?’’ लंबे पुलिस वाले ने सख्त स्वर में सवाल किया.

‘‘जानते भी हैं और इन के साथ भी हैं. यह हैं हमारी अर्चना दीदी,’’ विकास ने परिचय दिया.

‘‘और यह साहब?’’ उस ने नवीन की तरफ उंगली उठाई.

‘‘यह हमारे नवीन भैया हैं, क्योंकि उम्र में सब से बड़े हैं. अब आप ही बताइए कि कहीं भाईबहन अश्लील हरकत…छी, छी, छी,’’ विकास ने बुरी सी शक्ल बना कर दोनों पुलिस वालों को शर्मिंदा करने का प्रयास किया.

‘‘अगर ये भाईबहन हैं तो यह इसे गले लगाने की क्यों कोशिश कर रहा था?’’ दूसरे  पुलिस वाले ने अपने माथे पर बल डाल कर प्रश्न किया.

‘‘जवाब दीजिए, नवीन भाई साहब,’’ मनोज ने उसे हिंटदेने की कोशिश की, ‘‘अर्चना दीदी आजकल जीजाजी की सेहत के कारण चिंतित चल रही हैं. कहीं आप उन्हें हौसला बंधाने को तो गले से नहीं लगा रहे थे?’’

‘‘बिलकुल, बिलकुल, यही बात है,’’ नवीन अपनी सफाई देते हुए उत्तेजित सा हो उठा, ‘‘मेजर साहब, यानी कि मेरे जीजा की तबीयत ठीक नहीं चल रही है. इसलिए यह दुखी थी और मैं इसे सांत्वना…’’

‘‘क्या आप के पति फौज में मेजर हैं?’’ लंबे पुलिस वाले ने नवीन को नजरअंदाज कर अर्चना से अचानक अपना लहजा बदल कर बड़े सम्मानित ढंग से पूछा.

‘‘जी, हां,’’ अर्चना ने संक्षिप्त सा जवाब दिया.

‘‘यह आप की बहन हैं?’’ दूसरे ने नवीन से पूछा.

‘‘जी, हां.’’

‘‘असली बहन हैं?’’

‘‘जी, नहीं. ये आफिस वाली बहन हैं,’’ मनोज बीच में बोल पड़ा.

‘‘क्या मतलब?’’

‘‘मतलब यह कि  हम सब एक आफिस में साथसाथ काम करते हैं और वहां सब के बीच भाईबहन का रिश्ता है.’’

‘‘आप को विश्वास नहीं हो रहा है तो नवीन भैया से पूछ लीजिए,’’ विकास बोला था.

दोनों पुलिस वालों ने नवीन को पैनी निगाहों से घूरा तो उस ने फौरन हकलाते हुए कहा, ‘‘हांहां, हम सब वहां भाईबहन की तरह प्यार से रहते हैं.’’

‘‘आप को परेशान किया इसलिए माफी चाहते हैं, मैडम,’’ लंबे कद के पुलिस वाले ने अर्चना से क्षमा मांगी और अपने साथी के साथ वहां से चला गया.

जहां वे बैठे थे वहां से सड़क नजर आती थी. वहां खड़ी एक सफेद रंग की कार में बैठे ड्राइवर ने अचानक जोरजोर से हार्न बजाना शुरू कर दिया.

‘‘मुझे वह बुला रहे हैं,’’ ऐसी सूचना दे कर अर्चना अचानक उठ खड़ी हुई.

‘‘कौन बुला रहा है?’’ नवीन ने चौंकते हुए पूछा.

ये भी पढ़ें- सप्ताह का एक दिन: भाग-2

‘‘थैंक यू, नवीन भैया, लंच और फिल्म दिखाने के लिए बहुतबहुत धन्यवाद,’’ उस के सवाल का कोई जवाब दिए बिना अर्चना उस सफेद कार की तरफ चल पड़ी.

‘‘नवीन भैया,’’ मनोज ने ये 2 शब्द मुंह से निकाले और अचानक ठहाका मार कर हंसने लगा.

‘‘सर, वैलकम टू दी अर्चना दीदी क्लब,’’ विकास ने भी अपने सहयोगी का हंसने में साथ दिया.

‘‘देखो, ये बात किसी को आफिस में मत बताना,’’ अपने गुस्से को पी कर नवीन ने उन दोनों से प्रार्थना की.

दोनों ने मुंह पर उंगली रख कर उन्हें अपने खामोश रहने के प्रति आश्वस्त किया, पर वे दोनों अपनी हंसी रोकने में असफल रहे.

नवीन ने जब कार के ड्राइवर को बाहर निकलते देखा तो जोर से चौंका. ड्राइवर वही बड़ीबड़ी मूंछों वाला शख्स था जिसे उन्होंने सिनेमा हाल के बाहर अर्चना को घूरते हुए देखा था और जो अंदर हाल में उस की बगल में बैठा था.

‘‘यह कौन है?’’ नवीन ने उलझन भरे स्वर में पूछा.

‘‘यह मेजर साहब हैं…अर्चना के पति,’’ विकास ने जवाब दिया.

‘‘पर…पर अर्चना ने मुझे सच क्यों नहीं बताया?’’

‘‘सर, हमें भी नहीं बताया था और हम बन गए अर्चना दीदी क्लब के पहले 2 सदस्य. अपने फौजी जवानों की मदद से…होटल व सिनेमा हाल के मालिक से उन की दोस्ती है और उन दोनों की मदद से मेजर साहब अपनी छुट्टियों में अर्चना दीदी को तंग करने वाले हमारेतुम्हारे जैसे किसी रोमियो को अर्चना दीदी क्लबका सदस्य बनवा जाते हैं.’’

‘‘और ये दोनों पुलिस वाले नकली थे?’’

‘‘नहीं, सर, ये मिलिटरी पुलिस के लोग थे.’’

‘‘किसी को यों बेवकूफ बनाने का तरीका बिलकुल गलत है,’’ नवीन अपनी कमीज के टूटे बटनों को छू कर उस घटना को याद कर रहा था जब 2 युवकों ने, जो यकीनन फौजी सिपाही थे, उस पर हाथ उठाया था.

‘‘सर, आप के साथ जो गुस्ताखी हुई है, यह उस गुस्ताखी की सजा है जो आप ने यकीनन अर्चना दीदी के साथ की होगी. वैसे मेजर साहब दिल के अच्छे इनसान हैं और उन का एक संदेशा है आप के लिए.’’

‘‘क्या संदेशा है?’’

‘‘आर्मी क्लब में आप सपरिवार उन के डिनर पर मेहमान बन सकते हैं. आज वह दोनों पारिवारिक मित्र हैं और आप  चाहें तो उसी श्रेणी में शामिल हो सकते हैं.’’

‘‘सर, आप को क्लब जरूर आना चाहिए. अपनी भूल को सुधारने व क्षमा मांगने का यह अच्छा मौका साबित होगा,’’ बहुत देर से खामोश मनोज ने नवीन को सलाह दी.

कुछ पलों तक नवीन खामोश रह कर सोचविचार में डूबे रहे. फिर अचानक उन्होंने अपने कंधे उचकाए और मुसकरा पडे़.

‘‘दोस्तो, हम अर्चना दीदी क्लबके सदस्यों को मिलजुल कर रहना ही चाहिए. मैं सपरिवार क्लब में पहुंचूंगा.’’

नवीन की इस घोषणा को सुन कर विकास और मनोज कुछ हैरान हुए और फिर उन तीनों के सम्मिलित ठहाके से पार्क का वह कोना गूंज उठा.

ये भी पढ़ें- परिंदा भाग-3

DIWALI 2019: घर पर बनाएं गुजिया

अगर आप फेस्टिवल में कुछ टेस्टी और हेल्दी ट्राय करना चाहती हैं तो आज हम आपके गुजिया की टेस्टी रेसिपी बताएंगे. गुजिया की इस रेसिपी को आप अपनी फैमिली के लिए बनाकर तारीफें बटोर सकती हैं. आइए आपको बताते हैं गुजिया की खास रेसिपी…

हमें चाहिए

भरने के लिए

500 ग्राम खोया / मावा

6 बडे टेबल स्पून शुगरफ्री नेचुरा डाइट शुगर

3 ¼ टेबल स्पून कद्दू कस किया हुआ नारियल

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: घर पर बनाएं टेस्टी चना एंड मूंग पायसम

15 काजू (बारीक कतरे हुए)

15 बादाम (बारीक कतरे हुए)

20 किशमिश

½ हरी इलायची या जायफल पाउडर

बाहरी कवर के लिए:

4 कप मैदा

½ नमक

5 टेबल स्पून घी

बनाने का तरीका:

खोवा को मैश करके मीडियम आंच पर गुलाबी होने तक निकालें. आंच से उतारें और ठंडा होने के लिए रख दें. शुगर फ्री नेचुरा औ खोवा के साथ सारी अंदर डालने वाली सामग्री को मिलायें और एक तरफ रख दें. कवर बनाने के लिए, मैदा और नमक को लें और 5 चम्मच घी के साथ मिलायें. ज़रूरत के हिसाब से पानी डालकर गूंथ लें. फिर इसे गीले कपडे से ढंककर 15 मिनट के लिए रख दें.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: घर पर बनाएं टेस्टी पालखोवा

गूंथे हुए मैदे को दो अलग गोल लोयों में बाँट लें,हर लोये से चार डायमीटर की पूरी बना लें. घी लगायी हुई गुजिया मोल्ड में पूरी को अच्छे से फैलायें और एक टेबलस्पून अंदर वाली सामग्री इसमें डालें. पूरी के किनारों को हल्का गीला करें और फिर मोल्ड को बंदकर दें. किनारों को दबायें और अतिरिक्त मैदे को हटाकर फिर से इस्तेमाल करने के लिए रख दें.

इस तरह सारी गुजिया तैयार करें और उन पर गीला कपडा ढंक दें. कडाही में घी गर्म करें और गुजिया को सुनहरी होने तक तलें. गुजिया को पैपर या नैपकिन पर रखकर घी सोख लेने दें. ठंडा होने दें, उसके बाद एयरटाईट टिफिन में रख दें.

DIWALI 2019: इन खूबसूरत कैंडल्स से सजाएं घर

दीवाली के फेस्टिवल में सबसे ज्यादा जरूरी है रोशनी. दिवाली पर अगर घर में रोशनी न हो तो दिवाली का मतलब नही है. रोशनी के लिए हम घर में दीये, लाइट्स और कैंडल लगाते हैं, जो घर को जगमगा देता है. वहीं मार्केट में घरों को अलग लिक देने के लिए मार्केट में कई स्टाइलिश और ट्रेंडी कैंडल आ गई हैं, जो घर को जगमग बनाने के साथ-साथ खूबसूरत लुक भी देगा. आइए आपको बताते हैं ट्रेंडी कैंडल के औप्शन…

1. फ्लेवर्ड कैंडल्स से महकाएं घर

बाजार में अनार, अमरूद, सेब, ब्लू बेरी, स्ट्राबेरी समेत तमाम तरह के फ्लेवर्स में भी कैंडल्स उपलब्ध हैं, जिन्हें खरीद आप अपने घर में खुशबू बिखेर सकती हैं.  सिर्फ फल ह नहीं बाजार में गुलाब, तितली, दिल, कमल, चांद-तारे के शेप वाली बड़ी कैंडल्स भी मिल रहे हैं.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: घर को ऐसे दें नया लुक

2. मशाल वाली कैंडल से सजाएं घर

 

View this post on Instagram

 

Quick post just to say how excited I am to see the new glass candles making it out into the world! I love these jars so much and I’m hoping with how thick and sturdy they are that they will have a higher chance of making them to you in one piece but leave it to the usps to challenge that statement ?? . _____ . I hope you all have a fantastic Wednesday! ? ? by @mixed_matched_socks ? . _____ . #candles #soycandles #ilovecandles #candlelove #candleshop #candleshopping #handmade #homemade #allthecandles #smallbusiness #smallbusinesslove #labellove #newage #witchy #witchyvibes #witchyshop #witchycandles #fallcandles #fallscents #pumpkinscented #headlesshorseman #classiclit #bookishcandles #fandomcandles #glasscandles #halloweencandles

A post shared by Lunar Bazaar (@lunarbazaarcandles) on

अब कैंडल्स सिर्फ कैंडल्स नहीं रह गईं बल्कि मशाल की शक्ल भी ले चुकी हैं. इसे स्टैंड पर लगाने के लिए इसके पीछे मेटल की स्टिक भी लगी होती है. मशाल कैंडल रात भर आपका घर रोशन कर सकती है. इसके अलावा तोप और साइकिल के डिजाइन वाली जेल कैंडल्स की भी काफी डिमांड है. ये कैंडल्स किफायती होने के साथ-साथ काफी स्टाइलिश भी हैं. इनके जरिये आप अपने घरों का स्टाइल स्टेटमेंट भी बढ़ा सकती हैं.

3. फ्लोटिंग कैंडल है अट्रेक्टिव

बदलते वक्त के साथ-साथ मोमबत्तियों के पैटर्न और डिजाइन में भी बदलाव आ गया है. अब मोमबत्तियां सिर्फ एक जगह रखी-रखी पिघलती नहीं बल्कि तैरती भी हैं. बाजार में कई डिजाइन और शेप की फ्लोटिंग कैंडल्स उपलब्ध हैं. फ्लोटिंग कैंडल्स की काफी वरायटी बाजार में मौजूद है.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: घर की सफाई के लिए ट्राय करें यें गैजेट्स

4. रिमोट से जलेगी कैंडल


फ्रेगरेंस और जेल वाली कैंडल्स के अलावा एलईडी कैंडल्स भी बाजारों में इतरा रही हैं. इनमें सबसे खास हैं रिमोट सेंसिंग टेक्नोलाजी से लैस एलईडी कैंडल्स. इसमें 10-12 कैंडल्स का सेट होता है, जो एक-दूसरे से कनेक्टेड रहती हैं और रिमोट के एक-बटन के इशारे पर कैंडल्स झिलमिलाने लगती हैं.

DIWALI 2019: फेस्टिवल के लिए परफेक्ट हैं ये ज्वैलरी डिजाइन

1. नथ का अनोखा डिजाइन

नथ पहनना सभी लड़कियों को बेहद पसंद होता है. शादी-विवाह में महिलाएं नथ पहने जरूर नजर आती हैं. दुल्हन का तो नथ के बिना शृंगार ही अधूरा लगता है. यदि आप अपने या किसी खास के लिए नथ खरीदने का सोच रहीं हैं तो इस लेटैस्ट डिजाइन के नथों से मदद ले सकती हैं. मोर नथ- मोर के डिजाइन का बना यह नथ दुल्हन के लिए बिलकुल पर्फेक्ट है. अगर आप दुल्हन के लिए ज्वैलरी खरीदने का सोच रही हैं तो यह नथ अपने ज्वैलरी में जरूर शामिल करें. इसमें कई सारे डिजाइन आपको देखने को मिल जाएंगे, जैसे मीनाकारी मोर नथ, सिंगल, मयूर नथ. जितना खूबसूरत यह दिखने में लगता है इसको पहनने के बाद आपकी खूबसूरती उतनी ही बढ़ जाती है.

2. सिंपल फ्लोरल नथ

अधिकतर लड़कियों को सिंपल नथ ज्यादा पसंद आता हैं. लेकिन बिलकुल नथ इतना अच्छा नहीं लगता अगर उस पर कोई सिंगल फूल बना हुआ तो वह ज्यादा एट्रेक्टिव लगता है.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: फेस्टिवल में ट्राय करें ये ट्रेंडी झुमके

3. मीनाकारी नथ

मीनाकारी नथ काफी समय से चलता आ रहा है और इसका फैशन अभी भी बरकरार है. यदि आप मीनाकारी नथ में डिजाइन ढूंढ़ रही हैं तो यह डिजाइन जरूर देखें.मीनाकारी में मयूर डिजाइन नथ भी बेहद खूबसूरत लगता हैं. मीनाकारी में आप अपनी पसंद का भी डिजाइन दिखा कर उस पर मीना करवा सकती हैं.

4. सिंगल नथ

आज कल सिंगल नथ भी फैशन में हैं. इसमें अलग से चैन नहीं लगी होती. महिलाओं व लड़कियों दोनों पर ही बेहद खूबसूरत लगता हैं.

5. ट्रैंडी नेकलेस डिजाइन

हर साल ज्वैलरी के ट्रैंड में तो बदलाव आता ही रहता है, लेकिन हर बार अपने लिए कुछ नया लें, यह भी संभव नहीं है. इसलिए ऐसी ज्वेलरी खरीदें, जो न सिर्फ आपकी खूबसूरती को बढ़ाए, बल्कि आप उसे ज्यादा-से-ज्यादा मौके पर पहन भी सकें. यानी ज्वेलरी की ऐसी डिजाइन चुनें, जो हमेशा फैशन में बनी रहे. बात अगर नेकलेस की करे तो इसके पेटर्न में ज्यादा बदलाव देखनों को नहीं मिलता. लेकिन अपने नेकलेस खरीदने का मन बना लिया है तो इन ट्रैंडी डिज़ाइन्स को जरूर देखें.

6. चोकर

चोकर आजकल फैशन में छाया हुआ है. गले से चिपके होने के साथ ये आपकी खूबसूरती को निखारते भी हैं. अलग-अलग रंग में मिलने वाले चोकर में बीड्स, क्रिस्टल, कुंदन की खूबसूरती भी देखने लायक है.चोकर में कई वैरायटीज देखने को मिल जाएंगी. सेमी-प्रेशियस स्टोन वाला चोकर, मीना डिजाइन चोकर, कुन्दन डिजाइन चोकर. इसमें मल्टी लेयर डिजाइन भी बहुत अनोखा लगता है.

7. फ्लोरल नेकलेस

यह डिजाइन ज्वैलरी में सदाबहार है. इसका डिजाइन फूलों का होता है,जिसे पहनने के बाद गले की खूबसूरती तो बढ़ती ही हैं साथ ही चेहरे की खूबसूरती पर भी चार चंद लग जाता है.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: सिल्क की साड़ियों की इन खूबियों को जानकर हैरान रह जाएंगे आप

8. पाजेब नेकलेस

सिंपल के साथ जब एलीगेंट दिखना हो तो पाजेब नेकलेस से बेहतर कोई ऑप्शन हो ही नहीं सकता. इसका डिजाइन बहुत सिंपल और स्टाइलिश होता है. पाजेब की तरह पतली चैन जब गले में सजेगी तो खूबसूरती निखर कर आएगी. इसके अलावे कई और नेकलेस फैशन में हैं, जैसे पर्ल नेकलेस जो ज़्यादातर दुल्हन पहनती हैं.

DIWALI 2019: फेस्टिवल में ऐसे बनाएं स्किन को खूबसूरत

दिवाली के फेस्टिवल पर हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है, जिसके लिए कईं तरह के ब्यूटी प्रौडक्ट्स फेस पर लगाते हैं, लेकिन दिवाली से पहले भी हम अपनी स्किन को महंगे प्रौड्क्ट्स का इस्तेमाल करे बगैर भी खूबसूरत स्किन पा सकते हैं. इसीलिए आज हम आपको दिवाली सेलिब्रेशन से पहले कैसे अपनी स्किन को नेचुरली खूबसूरत कैसे बनाएं, इसकी कुछ खास टिप्स बताएंगे…

1. स्किन की करें देखभाल

रोज रात को सोते वक्त और सुबह किसी अच्छे क्लिंजर से चेहरे की सफाई करने से स्किन ब्यूटीफुल बन जाती है.

2. फेस मास्क का करें इस्तेमाल

आजकल मार्केट में कईं तरह के फेस मास्क मौजूद हैं अगर आप अपनी स्किन को नेचुरली ब्यूटीफुल बनाना चाहते हैं तो सप्ताह में दो बार फेस मास्क का इस्तेमाल करें. इससे चेहरे पर ताजगी व स्किन में कसावट आएगी. फेस मास्क का चुनाव अपने स्किन अनुसार करें या हर्बल फेस मास्क का उपयोग करें.

ये भी पढ़ें- diwali 2019: ब्यूटीफुल स्किन के लिए अपनाएं ये 20 ब्यूटी टिप्स

3. मौश्चराइजर

आप सेंटर आफ अट्रैक्शन बनने वाली हैं. करवाचौथ के दिन पारंपरिक रस्मों के कारण कई बार मेकअप करने के बावजूद  आपकी स्किन में रूखापन होता है. तो आपका आकर्षण मद्धम पड़ जाएगा. स्किन की खूबसूरती और जंवापन के लिए स्किन का नम होना आवश्यक है.इसके लिए रोजाना मौश्चराइजर  का उपयोग करें.

4. सनटैन

फेस्टिवल के समय शौपिंग के लिए अक्सर बाजार का चक्कर लगाना पड़ता है. जिससे सूर्य की तेज किरणें आपकी स्किन को कांतिहीन बना देती है. इसलिए धूप में निकलने से पहले आपकी स्किन के टेक्शचर के अनुसार सन क्रीम लगाएं.

5. वैक्सिंग

फेस्टिवल के एक दिन या दो दिन पहले वैक्सिंग करवा लें. पहले वैक्सिंग करवाने से स्किन साफ सुंदर और कोमल दिखेगी.

6. हेयर ड्रायर

रोज़ हेयर ड्रायर और वॉल्यूमाइजर का इस्तेमाल बंद कर दें. वैसे भी त्योहारों पर आना जाना ज्यादा रहता है तो  इनका काफी इस्तेमाल करना पड़ता है.

7. हेयर औयलिंग

बालों की शाइन लौटाने और खूबसूरत दिखाने के लिए जरूरी है कि बालों में औयलिंग जरूर करें. शैंपू से पहले गर्म तेल को बालों में अच्छी तरह मालिश करें. इससे आपके बाल फैस्टिवल से पहले खूबसूरत दिखेंगे.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: त्यौहारों में बालों को दें कुछ अलग लुक  

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें