Romantic Story In Hindi: प्रेम लहर की मौत- भाग 2

पिछला भाग पढ़ने के लिए- प्रेम लहर की मौत: भाग-1

लेखक- वीरेंद्र बहादुर सिंह 

  ‘‘शायद जरूरत ही महसूस नहीं हुई. या फिर दोनों में से कोई हिम्मत नहीं कर सका. हम दोनों के इस प्यार की मूक साक्षी थी निकी. पर पता नहीं क्यों उस ने भी हमारे प्रेम को एकदूसरे के सामने व्यक्त नहीं किया.’’

  ‘‘तुम और असीम, कभी मिले नहीं?’’ मैं ने अनु को रोक कर पूछा.

  ‘‘नहीं, कभी जरूरत ही महसूस नहीं हुई.’’ उस ने कहा.

  ‘‘तुम लोगों की मिलने की इच्छा भी नहीं हुई? एकदूसरे को देखने का भी मन नहीं हुआ?’’ मैं ने पूछा.

  ‘‘क्यों नहीं हुआ? इच्छा तो होती ही है, लेकिन आधुनिक टेक्नोलौजी थी न जोड़े रखने के लिए हम हर रविवार को वीडियो चैट करते थे. यह मिलने जैसा ही था. आज हमारी पहली और अंतिम रूबरू मुलाकात थी.’’ कह कर वह सहज हंसी हंस पड़ी.

  ‘‘जब तुम दोनों के बीच इतनी अच्छी ट्यूनिंग थी तो फिर इस में तुम दोनों के अलग होने की बात कहां से आ गई?’’ मैं ने पूछा.

उस ने अपनी बात आगे बढ़ाई.

हम दोनों का एकदूसरे के प्रति प्रेम चरम पर था. अब तक असीम मुझे मुझ से ज्यादा जाननेपहचानने और समझने लगा था. मेरी छोटी से छोटी तकलीफ को बिना बताए ही जान जाता था. कई बार छोटीछोटी बात में मेरा मूड औफ हो जाता था. पर मुझे मनाने में उस का जवाब नहीं था. मुझे हंसा कर ही रहता था. मैं कभी भी उस से झूठ नहीं बोल पाती थी. वह तुरंत पकड़ लेता था कि मैं कुछ छुपा रही हूं. सच्चाई जान कर ही रहता था.

उस का ध्यान रखना, उस की देखभाल करना मुझे अच्छा लगता था. उस की मीटिंग हो या उसे कहीं बाहर जाना हो, मैं उसे सभी चीजों की याद दिलाती. उस के खाने, सोने और उठने, लगभग सभी बातों का मैं खयाल रखती थी.

सब ठीक चल रहा था कि एक दिन निकी ने मुझ से कहा, ‘‘अनु, असीम और तुम पिछले 4 महीने से एकदूसरे को जानते हो और जहां तक मैं समझा हूं 3 महीने से तुम दोनों एकदूसरे को प्रेम करते हो. इस बीच असीम ने तुम से कभी प्रियम के बारे में कोई बात की?’’

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  ‘‘प्रियम…? प्रियम कौन है?’’

  ‘‘सौरी टू से यू बट… मुझे लगा कि तुम्हें प्रियम के बारे में पता नहीं है. अगर पता होता तो तुम इस संबंध में इतना आगे न बढ़ती.’’ निकी ने कहा.

  ‘‘यार निकी प्लीज, अब तू इस तरह पहेली मत बुझा, जो भी बात है सीधेसीधे बता दे. कौन है यह प्रियम और असीम से उस का क्या संबंध है?’’ मैं ने झल्ला कर कहा.

  ‘‘अनु, असीम और प्रियम ने एक साथ एमबीए किया था और पिछले 4 सालों से दोनों एक साथ प्रणयफाग खेल रहे हैं. 6 महीने पहले प्रियम फ्यूचर स्टडीज के लिए यूएसए चली गई है.’’

  ‘‘निकी इतने दिनों तक तुम ने मुझ से यह बात छुपाए क्यों रखी, तुम्हें पहले ही बता देना चाहिए था.’’

  ‘‘अनु, मैं सोच रही थी कि यह बात तुम से असीम खुद कहे तो ज्यादा अच्छा होगा. पर जब मुझे लगा कि शायद असीम भी तुम्हें प्यार करने लगा है तो अब वह तुम से यह बात नहीं कह सकता. तब मुझे यह बात कहनी पड़ी. अनु असीम प्रियम को बहुत प्यार करता है, इसलिए अब तुम्हें इस संबंध में और अधिक गहरे जाने की जरूरत नहीं है. क्योंकि बाद में जब सहन करने की बात आएगी तो वह तुम्हारे हिस्से में ही आएगी.’’ निकी ने कहा.

  ‘‘सहन करने वाली बात मेरे ही हिस्से में क्यों आएगी?’’ निकी की बात मेरी समझ में नहीं आई, इसलिए मैं ने पूछा.

  ‘‘अगर प्रियम को अंधेरे में रख कर यानी उसे धोखा दे कर असीम तुम से शादी कर लेता है और भविष्य में कभी तुम्हें प्रियम और असीम के पुराने संबंध के बारे में पता चलता तो मन में अपराध बोध की जो भावना पैदा होगी वह तुम्हें.

  ‘‘अनु, तुम मेरी बात पर गहराई से विचार करो. उस के बाद खूब सोचसमझ कर आगे बढ़ो. मेरे कहने का मतलब यह है कि इस मामले में पूरी परिपक्वता दिखा कर ही निर्णय लो. मुझे तुम पर पूरा विश्वास है कि तुम जो भी निर्णय लोगी, सोचसमझ कर ही लोगी. तुम्हारा जो भी निर्णय होगा, उस में मैं तुम्हारे साथ हूं.’’ निकी ने कहा.

निकी की बात सुन कर मेरे मन में भूकंप सा आ गया था. उस की इन बातों से मेरे दिल पर क्या बीती, यह सिर्फ मैं ही जानती हूं. मैं पूरे दिन रोती रही. मैं ने न तो असीम को फोन किया और न ही मैसेज भेजा. उस के मैसेज के जवाब भी नहीं दिए. सच बात तो यह थी कि मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था. मैं बिजी होऊंगी. यह सोच कर असीम ने भी कोई रिएक्ट नहीं किया.

पर शाम को जब उस ने फोन किया तो मेरी बातों से ही उसे लग गया कि कुछ गड़बड़ है. तब उस ने पूछा, ‘‘अनु बात क्या है, आज तुम्हारी आवाज अलग क्यों लग रही है? ऐसा लगता है आज तुम खूब रोई हो, शायद अभी भी रो रही हो?’’

  ‘‘नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है.’’ मैं ने कहा.

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पर असीम कहां मानने वाला था. उस ने कहा, ‘‘अनु, तुम्हें तो पता है कि तुम मेरे सामने झूठ नहीं बोल पातीं. इसलिए बेकार की कोशिश मत करो. सचसच बताओ, क्या बात है? तुम्हें मेरी कसम, बताओ तुम डिस्टर्ब क्यों हो? औफिस में कुछ हुआ है? किसी ने कुछ कहा है? प्लीज अनु, आइ एम वरीड यार…’’

  ‘‘मैं आज औफिस गई ही नहीं थी.’’ मैं ने कहा.

  ‘‘ क्यों? जब तुम औफिस नहीं गई थीं तो फोन क्यों नहीं किया, मैसेज करने की कौन कहे, जवाब भी नहीं दिया? क्यों अनु?’’ असीम को मेरी बात पर आश्चर्य हुआ.

  ‘‘असीम, यह प्रियम कौन है?’’ मैं ने असीम से सीधे पूछा.

मेरे इस सवाल पर पहले वह थोड़ा हिचकिचाया, फिर बोला, ‘‘…तो यह बात है. आखिर निकी ने बता ही दिया.’’

  ‘‘हां, उसी ने बताया है मुझे.’’ मैं ने बेरुखी से कहा, ‘‘पिछले 4 महीने में तुम ने कभी भी नहीं बताया, तुम्हें कभी नहीं लगा कि तुम्हें प्रियम के बारे में मुझे बताना चाहिए?’’

  ‘‘लगा था मुझे, कई बार लगा था, कई बार सोचा भी कि तुम से प्रियम के बारे में बता दूं. पर जुबान ही नहीं खुलती थी.’’

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क्लब: भाग-2

पिछला भाग पढ़ने के लिए- क्लब: भाग-1

लेखक- अनिल चाचरा

नवीन ने दाईं तरफ घूम कर मूंछों वाले लंबेचौड़े पुरुष की तरफ देखा. वह वास्तव में अर्चना को घूर रहा था. नवीन ने माथे पर बल डाल कर उस की तरफ गुस्से से देखा, तो उस व्यक्ति ने अपनी नजरें घुमा लीं.

‘‘लो, डरा दिया उसे,’’ नवीन ने नाटकीय अंदाज में अपनी छाती फुलाई.

‘‘थैंक यू. चलो, अंदर चलें.’’

अर्चना ने हाल में प्रवेश करने के लिए कदम बढ़ाए ही थे कि एक युवक से टकरा गई.

उस युवक के साथी ने अर्चना का मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘‘जमाना बदल गया है, दोस्त. आज की लड़कियां खुलेआम लड़कों को टक्कर मारने लगी हैं.’’

‘‘शटअप,’’ अर्चना ने नाराज हो कर उसे डांट दिया.

‘‘इतनी खूबसूरत आंखों के होते हुए देख कर क्यों नहीं चल रही हो तुम?’’ पहले वाले युवक ने अर्चना का मजाक उड़ाते हुए सवाल किया.

‘‘शटअप, यू बास्टर्ड, लेडीज से बात करने की तमीज…’’

नवीन अपना वाक्य पूरा भी नहीं कर पाया था कि युवक ने फौरन उस का कालर पकड़ कर झकझोरते हुए पूछा, ‘‘क्या है, मुझे गाली क्यों दी तू ने?’’

‘‘मेरा कालर छोड़ो,’’ नवीन को गुस्सा आ गया.

‘‘नहीं छोडं़ूगा. पहले बता कि गाली क्यों दी?’’

नवीन ने झटके से उस युवक से अपना कालर छुड़ाया तो उस की शर्ट के बटन टूट गए. उस का उस युवक पर गुस्सा बढ़ा तो हाथ छोड़ने की गलती कर बैठा.

इस से पहले कि भीड़ व अर्चना उन में बीचबचाव कर पाते, उन दोनों युवकों ने नवीन पर 8-10 हाथ जड़ दिए.

खिसियाया नवीन पुलिस बुलाना चाहता था पर अर्चना उसे खींच कर हाल के अंदर ले गई.

कोने वाली सीट पर अर्चना के साथ बैठ कर नवीन का मूड जल्दी ही ठीक हो गया. उस ने दोचार रोमांटिक संवाद बोले, फिर उस के कंधे से सटा और झटके से अर्चना का हाथ पकड़ कर उसे चूम लिया.

‘‘भाइयो, आज तो डबल मजा आएगा. एक टिकट में 2-2 फिल्में देखेंगे. एक दूर स्क्रीन पर और दूसरी बिलकुल सामने. पहली एक्शन और दूसरी सेक्स और रोमांस से भरपूर होगी,’’ बिलकुल पीछे वाली सीट से एक युवक की आवाज उभरी और उस के 3 दोस्त ठहाका मार कर हंसे.

अर्चना झटके से नवीन की दूसरी दिशा में झुक कर बैठ गई. नवीन ने पीछे घूम कर देखा तो चारों युवक एकदूसरे की तरफ देख कर हंस रहे थे. उन में 2 युवक वही थे जिन के साथ उस का बाहर झगड़ा हुआ था.

नवीन की बगल में 1 मिनट पहले आ कर बैठे आदमी ने उसे बिन मांगी सलाह दी, ‘‘जनाब, आजकल का यूथ बदतमीज हो गया है. उन से उलझना मत. अपनी पत्नी के साथ घर जा कर प्यार मोहब्बत की बातें कर लेना.’’

नवीन ने गरदन मोड़ कर देखा तो पाया कि बाहर अर्चना को घूरने वाला बड़ीबड़ी मूंछों वाला व्यक्ति ही उस की बगल में बैठा था.

नवीन कोई प्रतिक्रिया दर्शाता, उस से पहले ही अर्चना फुसफुसा कर बोली, ‘‘सर, इस हाल का मैनेजर मेरे पति का परिचित है. मैं उस के सामने नहीं जाना चाहती हूं. आप समझदारी दिखाते हुए शांत हो कर बैठें.’’

नवीन मन मसोस कर सीधा बना बैठा रहा. वह जरा भी हिलताडुलता तो पीछे से फौरन आवाज आती, ‘‘अब चालू होगी दूसरी फिल्म.’’

पिक्चर हाल के अंधकार का तनिक भी फायदा न उठा सकने और 4-5 सौ रुपए यों ही बेकार में खर्च करने का अफसोस मन में लिए नवीन 3 घंटे बाद अर्चना के साथ पिक्चर हाल से बाहर आ गया.

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अर्चना ने कुछ खाने की फरमाइश की तो फिर से उत्साह दर्शाते हुए नवीन उसे उस के मनपसंद होटल में ले आया.

दुर्भाग्य ने यहां भी नवीन का साथ नहीं छोड़ा और अर्चना के साथ जी भर कर दिल की बातें करने का मौका उसे नहीं मिला.

हुआ यों कि वेटर उन के लिए जो डोसासांभर ले कर आया उस में अर्चना की सांभर वाली कटोरी में लंबा सा बाल निकल आया.

‘‘आज इस होटल के मालिक की खटिया खड़ी कर दूंगी मैं,’’ नवीन को बाल दिखाते हुए अर्चना की आंखों से गुस्से की चिंगारियां उठ रही थीं.

‘‘तुम जा कहां रही हो?’’ उसे कुरसी छोड़ कर उठते देख नवीन परेशान हो उठा.

‘‘मालिक से शिकायत करने…और कहां?’’ अर्चना झटके से उठी तो एक और लफड़ा हो गया.

मेज को धक्का लगा और उस पर रखा खाने का सामान व प्लेटेंगिलास फर्श पर गिर कर टूट गए.

3 वेटर उन की मेज की तरफ बढ़े और अर्चना मालिक के कक्ष की तरफ. हाल में बैठे दूसरे लोगों के ध्यान का केंद्र वही बनी हुई थी.

अर्चना ने होटल के मालिक को खूब खरीखोटी सुनाई. उसे बोलने का मौका ही नहीं दिया उस ने. वह बेचारा मिमियाता सा मैडम, मैडमसे आगे कोई सफाई नहीं दे पाया.

अर्चना के चीखनेचिल्लाने व धमकियां देने से परेशान होटल मालिक ने अपने सामने दोबारा उन की मेज लगवाई. डोसासांभर इस बार आन दी हाउसउन के सामने पेश किया गया, पर अर्चना का मूड ज्यादा नहीं सुधरा. वह वेटरों को लगातार गुस्से से घूरती रही. नवीन ने उसे समझाने की कोशिश की, तो वह भी अर्चना के गुस्से का शिकार हो गया.

जब वे दोनों होटल के बाहर आए तो नवीन ने दबी जबान में कुछ देर बाजार में घूमने की बात कही. अर्चना ने साफ मना कर दिया.

‘‘कुछ देर सामने सुंदर पार्क में चल कर बैठते हैं. मेरा दिमाग शायद वहीं बैठ कर ठंडा होगा,’’ अर्चना के इस प्रस्ताव का नवीन ने मुसकरा कर स्वागत किया.

‘‘आज न जाने किस मनहूस का मैं ने सुबह मुंह देखा, जो इतना अच्छा दिन खराब गुजर रहा है? तुम जैसी सुंदरी के साथ पार्क में घूमना मेरे लिए तो गर्व की बात है.’’

नवीन की बात सुन कर अर्चना मुसकराई, तो उस की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

पार्क काफी बड़ा था. अर्चना की मांग पर वे दोनों बातें करते हुए उस का चक्कर लगाने लगे.

पार्क के पीछे का हिस्सा सुनसान व ज्यादा घने पेड़पौधों वाला था. यहीं एकांत में पड़ी बैंच पर अर्चना बैठ गई तो नवीन भी उस की बगल में बैठ गया.

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बातें करतेकरते अचानक नवीन ने अर्चना को कंधे से पकड़ा और अपने नजदीक कर अपनी बांहों में भरने की कोशिश की.

आगे पढ़ें- अर्चना ने अपने को छुड़ाने की…

DIWALI 2019: ट्राय करें ये ट्रेंडी मंगलसूत्र

कोई भी तीज-त्योहार पर भारतीय महिला मंगलसूत्र पहनना कभी नहीं भूलतीं.आज के फैशन के अनुसार मंगलसूत्र जितना सिंपल हो उतना महिलाओं को पसंद आता है. धनतेरस हो या फिर कोई और त्योहार अधिकतर महिलाएं मंगलसूत्र लेने का भी सोचती हैं. अगर आप भी मंगलसूत्र लेने का सोच रही है तो इन डिज़ाइन्स को जरूर देखें:

1. प्रियंका चोपड़ा का सिंपल मंगलसूत्र करें ट्राय

 

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her street looks are always on point ??

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अगर आपकी भी नई-नई शादी हुई है या आप किसी को मंगलसूत्र गिफ्ट करना चाहते हैं तो प्रियंकी चोपड़ा का ये सिंपल गोल डायमंड वाले पैटर्न का ये डिजाइन ट्राय कर सकती हैं. अगर आप डायमंड की जगह ये डिजाइन गोल्ड में ट्राय करना चाहती हैं तो भी ये डिजाइन आपके लुक के लिए परफेक्ट रहेगा.

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2. सोनम का मंगल सूत्र है हटके

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अगर आप फेस्टिवल के मौके पर कोई हटके मंगल सूत्र ट्राय करना चाहती हैं तो सोनम को ये सिंपल, लेकिन ट्रेंडी डिजाइन वाला ये मंगलसूत्र परफेक्ट है.

3. हार्ट डिजाइन मंगलसूत्र

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यह हार्ट डिजाइन मंगलसूत्र काफी चलन में. यह स्टाइलिश के साथसाथ बेहद खूबसूरत भी है. इसका डिजाइन बाकी मंगलसूत्रों से जरा हट कर हैं. यदि आपकी नई नई शादी हुई है तो इस मंगलसूत्र में आप और भी खूबसूरत दिखेंगी.

4. राउंड शेप मंगल सूत्र

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वैसे तो ज़्यादातर मंगलसूत्र का पेंडेंट त्रिकोण शेप में होता है. यदि आप कुछ हट कर ट्राई करना चाहती हैं तो इस राउंड शेप पेंडेंट वाले मंगलशूत्र को ट्राई कर सकती हैं. इस मंगलसूत्र को आप ट्रेडिशनल और वेस्टर्न दोनों को साथ पहन सकती हैं.

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 5. कोइन डिजाइन मंगलसूत्र

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ज्वैलरी में कोइन के डिजाइन का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. अब यह डिजाइन मंगलसूत्र में भी देखने को मिल रहा हैं. काले मोतियों के साथ गोल्डन कोइन पर डिजाइन किया गया यह मंगलसूत्र बेहद खूबसूरत नजर आता हैं. यह मंगल सूत्र देखने में काफी हेवी भी लगता है. यदि आपका हेवी ज्वैलरी पहनने का मन नहीं है तो आप इस मंगलसूत्र को पहन सकती हैं.

DIWALI 2019: घर पर बनाएं टेस्टी चना एंड मूंग पायसम

अगर आप फेस्टिवल में कुछ हल्का और टेस्टी ट्राय करना चाहते हैं तो ये रेसिपी आपके काम की है. चना एंड मूंग पायसम हेल्दी के साथ-साथ टेस्टी है, जिसे आप अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को परोस सकते हैं.

हमें चाहिए

2 टेबल स्पून आधा बंगाल ग्रैम(चना दाल), भिगोया हुआ

2 टेबल स्पून धुली मूंग दाल, भिगोई हुई

4 बडे टेबल स्पून+2 टीस्पून घी

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15-20 काजू

1½ कप दूध

½ कप खीसा हुआ नाररयल

2 बडे टेबल स्पून शुगर फ्री नेचुरा

बनाने का तरीका:

नौन स्टिक पैन में दूध उबालें. उसमें दही डालकर अच्छी तरह मिलाएं. जब दूध फटने लगे, शुगरफ्री नेचुरल स्वीट ड्रौप्स और क्रीम डालकर लगातार हिलाते हुए पकाएं जब तक की मिश्रण गाढा ना हो जाए.

इलायची पावडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं. आंच पर से उतारें, एक बाउल में डालें और कमरे के सामान्य तापमान में ठंडा होने दें.

अलग अलग सरविंग बाउल्स में डालकर तुरन्त परोसें.

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DIWALI 2019: ब्यूटीफुल स्किन के लिए अपनाएं ये 20 ब्यूटी टिप्स

चमकती स्किन और चेहरे का तेज खुद-ब-खुद मन की खुशी को जाहिर कर देता है. कुछ ऐसा ही हाल है अक्टूबर महीने का होता है क्योंकि इस महीने , त्यौहार खास तौर पर दीवाली आपके दरवाजे पर दस्तक दे रही होती हैं और मौसम में गुलाबी रंगत भी अपना रंग बिखरने लगती है.

सभी महिलाएं चाहती हैं कि त्यौहारों पर सबका ध्यान उनकी तरफ हो और वह खूबसूरत दिखें. खूबसूरत दिखने के लिए केवल मेकअप ही काफी नहीं है, स्किन की सही देखभाल करने से आप सब की आंखों में अपने लिए तारीफ की चमक देख सकते हैं. इस त्यौहारों के मौसम में कैसे रखें अपनी ब्यूटी को निखरा-निखरा, जानिए.

1. मौस्चराइजर

आप सेंटर औफ अट्रैक्शन बनना चाहती हैं. त्यौहारों पर व्यस्तता बढ़ जाती है.बाहर आना-जाना भी होता है. जिसकी वजह से मेकअप भी करना पड़ता है.आपकी स्किन में इस वजह से रूखापन आ जाता है. अगर स्किन में रूखापन रहेगा, तो आपका आकर्षण मद्धम पड़ जाएगा.स्किन को खूबसूरत और जवान बनाने के लिए स्किन का नम होना आवश्यक है. इसके लिए रोजाना मॉश्चराइजर का प्रयोग करें.

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2. सनस्क्रीन

त्यौहारों के मौसम में शौपिंग के लिए अक्सर बाजार का चक्कर लगाना पड़ता है ,जिस से सूर्य की तेज किरणे आपकी स्किन को कांतिहीन बना देती हैं. इसलिए धूप में निकलने से पहले अपनी स्किन के टेक्सचर के अनुसार सनस्क्रीन क्रीम लगाएं.- ब्यूटी को बरकरार रखने के लिए सनस्क्रीन लगाना न भूलें.

3. वैक्सिंग

दिवाली जैसे त्यौहारों पर व्यस्तता बढ़ जाती है इसलिए पहले से ही वैक्सिंग करवा लें. एक हफ्ता पूर्व कराई हुई वैक्सिंग से स्किन सुंदर साफ और कोमल दिखेगी.

4. नींबू

नींबू का प्रयोग करें. इसमें विटामिन सी पाया जाता है जो कि शरीर से गंदगी को दूर करता है. नींबू का चाहे तो सलाद में डाल कर खाएं या फिर गरम पानी में निचोड़ का पीएं.

5. अखरोट

इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो कि स्‍किन के लिये बहुत अच्‍छा माना जाता है. इसके अलावा आप इसके तेल से अपनी स्किन की मसाज भी कर सकती हैं. इससे आप जवान दिखने लगेगीं.

6. ग्रीन टी

यह एक हर्बल चाय होती है जो कि सनबर्न को ठीक कर के स्किन से दाग-धब्‍बों को हटा कर उसे कोमल बनाती है.

7. मछली और अंडा

मछली में ओमेगा- 3 पाया जाता है जो कि स्‍किन के लिये बहुत जरुरी विटामिन होता है. अगर आप मांसाहारी हैं तो यह आपके लिए बहुत उपर्युक्त है. अंडे को अपनी डाइट में शामिल करें और चमकदार स्किन पाएं.

8. टमाटर

इसे नियमित खाने से शरीर पर बुढापा धीरे धीरे आता है. यह स्किन को फ्री रैडिक्‍ल से बचाता है और स्‍किन को चमकदार बनाता है.

9. बनाना मास्‍क

केले को मैश कर के उसमें शहद और नींबू की कुछ बूंदे मिला लें. इस पेस्‍ट को गर्दन और चेहरे पर लगा कर 15 मिनट तक छोड़ दें और फिर धो लें. ऐसा करीबन हफ्ते में 1 बार करने से स्किन में चमक आ जाएगी.

10. स्‍क्रब करें

स्किन को स्‍क्रबर से स्‍क्रबर करने से नई स्किन आती है और पुराने दाग धब्‍बे हल्‍के पड़ने लग जाते हैं. हफ्ते में 2 बार स्‍क्रब करना चाहिये.

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11. अनार

अनार में एंटीऔक्‍सीडेंट पाया जाता है जो कि स्किन में आई किसी भी प्राकार की चोट और खरोच को जल्‍दी भरने में मददगार होता है. इसको पीने से खून भी बढता है, इसलिये स्किन को लाल दिखाने में यह सहायक होता है.

12. स्पा

स्किन में ताजगी लाने के लिए आप स्पा की सेवाएं भी ले सकती हैं.इससे आपकी स्किन खिल उठेगी.

13. हाथों

त्योहारों पर बड़े काम की व्यस्तता की वजह से आपके हाथों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है.यह दिन में कई बार धोए जाते हैं. जिससे हाथों की स्किन शुष्क हो जाती है और समय के साथ-साथ झुर्रियां भी पड़ने लगती हैं. तो हाथों की स्किन देखकर परेशान ना हो तुरंत ऐसी हैंड क्रीम यह हैंड लोशन लगाएं, जिसमें एमोलेंट तत्व हों.इसे लगाते ही स्किन सौफ्ट स्मूथ फ्रेश और यंग दिखने

14. टोंड बट और थाइस

बट और थाइस पर सेल्यूलाइट के जमने से कई बार डिंपल और गड्ढे से दिखते हैं.सूजन भी लगती है.इससे बॉडी अच्छी नहीं दिखती.मार्केट में आजकल बहुत सी क्रीम उपलब्ध है जो फौरन रिजल्ट देती हैं इन्हें लगाने से कुछ घंटो के लिए यह सूजन या उभार दूर हो जाते हैं और स्किन चमकदार लगने लगती है.

15. सुंदर पैर

पैरों पर दाग-धब्बों के साथ कई बार वेरीकोस वेंस हो जाती हैं.यह एक मेडिकल कंडीशन है.जिसमें पैर की नसें दिखने लगती हैं जिससे पैर भद्दे दिखते हैं.इसके लिए बाजार में स्प्रे ऑन लेग मेकअप मिलता है.इसे पैरों पर स्प्रे कर अच्छी तरह फैलाएं.इसके अलावा बॉडी ब्रोंजिग ऑयल लगाने से भी पैरों की स्किन आकर्षक लगने लगती है. यह प्रोडक्ट वाटर रेसिस्टेंट होते हैं.

16. खूब सारा पानी पीजिये

खूब सारा पानी पीजिये और अंदर से तरोताजा रहिये. इससे शरीर से गंदगी बाहर निकलती है और बौडी में नए सेल्‍स बनते हैं.

17. स्किन की देखभाल

रोज रात को सोते वक्त और सुबह किसी अच्छे क्लीनजर से चेहरे की सफाई करें.

18. फेस मास्क

सप्ताह में दो बार फेस मास्क का प्रयोग करें.इससे चेहरे पर ताजगी व स्किन में कसावट आएगी.फेस मास्क का चुनाव अपनी स्किन अनुसार करें या हर्बल फेस मास्क का उपयोग करें. बजार में बने बनाए फेस मास्क उपलब्ध है.

19. ताजा जूस

आपको हर दिन दो गिलास जूस अवश्‍य पीना चाहिये. इससे स्‍किन में पोषण पहुंचेगा और स्‍किन ग्‍लो करेगी. स्किन में नमी भरने के लिये आपको बटर फ्रूट का जूस पीना चाहिये. यह स्किन में अंदर से ही चमक लाता है. चाय कॉफी आदि का सेवन इन दिनो कम करें. संतरा आपकी स्किन को चमकाने में बहुत मदद कर सकता है. इसका जूस पीजिये.

20. अच्‍छी नींद लें

आप चाहे गृहिणी हों या वर्किंग, पर काम की वजह से देर रात तक जगती हैं और आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती तो, इससे आपकी स्‍किन पर असर पड़ सकता है. आपको कम से कम 8 घंटे जरुर सोना चाहिये. यह ग्लोइंग स्किन के लिए बहुत जरूरी है.

21. एक्सरसाइज है जरूरी

संतुलित आहार के साथ ही व्यायाम, योग करने और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से शारीरिक मजबूती और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. हो सके तो ज्यादा तनाव ना लें. इससे आपके शरीर में रक्त संचार ठीक बना रहेगा और आपका चेहरा भी चमकेगा. इस दीवाली पर अपनाएं ये टिप्स और फिर देखिए इनका कमाल. आप भी दीपों के बीच कितनी जगमगाती हैं.

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ऐसे करें साइनोसाइटिस का इलाज

पहले पढ़ें- DIWALI 2019: साइनोसाइटिस का आयुर्वेदिक उपचार

बड़े और बच्चों, सभी में साइनस के लक्षण एक जैसे ही होते हैं. इसके अलावा, सर्दी-जुकाम, फ्लू, अस्थमा, क्रौनिक औबस्ट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज़ (COPD) और साइनस के काफी लक्षण करीब-करीब एक जैसे होते हैं. हालांकि इन सभी बीमारियों में कुछ फर्क भी होता है:

किसी को साइनस की प्रौब्लम अगर कुछ बरसों तक रहे तो वह आगे चलकर अस्थमा में बदल सकती है. हालांकि बच्चों में यह समय 8 से 10 साल का होता है.

ऐसे करें बचाव

1- एलर्जी से बचने के लिए बहुत ज्यादा भारी-भरकम और गद्देदार फर्नीचर से परहेज करें. अपने तकियों, बिस्तरों और कारपेट की नियमित सफाई करें. गलीचों और पायदानों की सफाई का भी ध्यान रखें. परफ्यूम आदि की गंध से दूर रहें. एयर पलूशन से बचें.

2-अपने घर के वेंटिलेशन सिस्टम को सुधारें. जहां तक हो सके, घर की खिड़कियां खोलकर हवा को आर-पार जाने दें.

3-जिन लोगों को जुकाम या कोई दूसरा वायरल इंफेक्शन हो, उनके संपर्क में जाने से बचें.

4-बहुत ज्यादा या बहुत कम तापमान में न रहें. तापमान में अचानक आने वाले बदलाव से बचें.

5-तनाव से दूर रहें. तनाव के कारण शरीर की रक्षा करनेवाले सफेद सेल कमजोर पड़ जाते हैं.

6-स्वीमिंग से बचें. अगर स्वीमिंग करनी ही हो तो नाक को ढक लें. ध्यान रखें कि स्वीमिंग के पानी में क्लोरीन जरूर हो.

7-नमक के पानी से अपनी नाक की सफाई करें.

8-सफाई का खास ख्याल रखें. बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन से बचें. अपने हाथों को हमेशा साबुन से साफ करें.

9-रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं.

10-सुबह उठते ही चाय या गर्म पानी पिएं. गर्म चीजें पीने से नाक या गले में बलगम जमा नहीं होता.

क्या है इलाज

स्टीम

बारी-बारी से नाक के दोनों नथुने साफ करें. पानी उबालें और डॉक्टर की बताई दवाई डालकर पंखे बंद कर कपड़ा ढककर नाक और मुंह से लंबी-लंबी सांस 8-10 मिनट तक लें. इसके बाद 20 मिनट तक हवा में न जाएं. सिंपल ताजे साफ पानी से भाप लेना ज्यादा अच्छा रहता है. किसी भी नेज़ल स्प्रे का खुद से बिल्कुल इस्तेमाल न करें. डॉक्टर की सलाह से ही स्प्रे यूज करें. सलाइन वॉटर यानी नमक के पानी का इस्तेमाल करना सबसे ज्यादा फायदेमंद रहता है.

कब होता है औपरेशन

1 जब नाक में मस्सा बन गया हो

2 फंगस या इन्फेक्शन ब्रेन तब पहुंच गया हो या आंखों पर दवाब डाल रहा हो

3 सर में बहुत ज्यादा तेज दर्द हो और नींद डिस्टर्ब हो

सर्जरी का खर्च हौस्पिटल के हिसाब से अलग-अलग होता है लेकिन करीब 60 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक का खर्च आता है. सर्जरी में एक दिन का समय लगता है. अगर मरीज सर्जरी कराने के बाद इलाज जारी न रखे या डॉक्टर की बताई जरूरी दवाएं लेना बंद कर दे तो समस्या वापस आ सकती है.

क्या खाएं

1 खजूर, किशमिश, सेब, सोंठ, अजवायन, हींग, लहसुन, लौकी, कद्दू, मूंग के अलावा ताजा सब्जियों का सूप पिएं.

2-सुबह खाने से पहले या खाने के बाद रोज एक आंवला खाएं.

3-रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश खाएं.

4-हल्के गुनगुने पानी से नहाएं.

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5-10 से 15 तुलसी के पत्ते, 1 टुकड़ा अदरक और 10 से 15 पत्ते पुदीने के लें. सबको पीसकर एक गलास पानी में उबाल लें. जब पानी उबलकर आधा रह जाए तो उसे छान लें और स्वाद के अनुसार शहद मिलकार पिएं. इसे पूरे दिन में दो बार (सुबह खाने के बाद और रात को सोने से पहले) पीने से साइनस में आराम मिलता है.

क्या न खाएं

बासी खाना, गन्ने का रस, दही, चावल, केला, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, फ्रिज का ठंडा दूध, चॉकलेट, तीखा खाने से बचें. ठंडी हवा में ज्यादा न घूमें या नाक और मुंह को ढककर रखें.

पानी की कमी से बचें

आपको साइनस की समस्या है तो यह जान लें कि आपके शरीर में पानी की भी कमी है. आपको जल्द ही इस समस्या से निजात पाना होगा, वरना गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी. इसके लिए आपको रोज खूब पानी पीना चाहिए. अल्कोहल, कैफीन, मीठे शरबत आदि पीने और स्मोकिंग करने से बचें. क्यों, क्या नुकसान.

सर्दी-जुकाम के आयुर्वेदिक उपचार

(1) लक्ष्मी विलास रस : यह शरीर के लिए बहुत ही असरदार आयुर्वेदिक जड़ी है. इसके साथ शहद और पान की रस को सुबह-शाम लेने से जुकाम ठीक हो जाता है.

(2) सुदर्शन घनवती : इसका स्वाद कड़वा होता है, सर्दी जुकाम के लिए अत्यन्त लाभकारी होती है.

(3) एलादी वटी : इसे मुह में लेकर चूसने से दर्द वाली सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है, सर्दी-जुकाम-खाँसी के लिए बहुत ही असरदारक दवा है.

(4)गोदंती भस्म और लक्ष्मी विलास रस : इन दोनों को मिलाकर लेने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है.

सर्दी-जुकाम के होने के पीछे केवल ठण्ड ही नही ज़िम्मेदार होता है. इसके अलावा कब्ज , बदहजमी , रात में जगना, मौसम के बदलाव, कमजोरी आदि सर्दी-जुकाम होने के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं.

सर्दी-जुकाम के घरेलू उपचार

(1) अदरक – नींबू – शहद

अदरक और नींबू का रस और शहद बराबर मात्रा में लें, फिर इन तीनों को किसी साफ़ बर्तन में गर्म करें. थोड़ा गुनगुना गर्म रह जाने पर चाट लें, इसी तरह 2-3 घंटे के अंतराल में करते रहे, जुकाम ठीक हो जाएगी.

(2) पान – तुलसी – शहद

एक चम्मच शहद के साथ पान और तुलसी के रस को अच्छे से मिला लें. फिर इस नुश्ख को थोड़े-थोड़े मात्रा में चाते, दिन में 3-4 बार दोहराहें, जुकाम ठीक हो जायेगा.

(3) सुहागा – पानी

किसी साफ़ तवे पर सुहागे को गर्म कर लें. फिर इस गर्म सुहागे को बढ़िया से पीसकर किसी साफ़ सीसी में भर लें. तत्पश्च्यात थोड़े से गर्म पानी के साथ आधा ग्राम पीसी हुयी सुहागे को घटकने से सर्दी जुकाम ठीक हो जायेगा.

(4) अदरक – तुलसी – शहद

शहद के साथ तुलसी और अदरक के रस को अच्छे से मिलाएं. फिर इस नुश्ख को दिन में 4 से 5 बार आधा-आधा चम्मच लें, सर्दी-जुकाम और नज़ला ठीक हो जाता है.

(5) अदरक – तुलसी – गुड़ – काली मिर्च

छोटा कटा हुआ अदरक, तुलसी की पत्ती, थोड़ा सा गुड़ और थोड़ी सी काली मिर्च पावडर लें. फिर इन सभी को एक साथ पानी में मिलाकर धीमी आंच पर चाय की तरह पकाए. पक जाने पर गरमा गर्म इसे नुश्ख को चाय की चुस्की की तरह पियें. दिन में 5-6 बार दोहराएँ जुकाम ठीक हो जायेगा.

एक्सपर्ट् पैनल

सीनियर एक्सपर्ट डाक्टर अमित कौर , देहली

डौ. संजय शाह ईएनटी स्पेशलिस्ट , मुरादाबाद,

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‘कार्तिक’ के सामने ‘वेदिका’ की पहली शादी का राज खोलेगी ‘नायरा’, नहीं छोड़ेगी उदयपुर

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के अपकमिंग एपिसोड में फैंस को बड़ा ड्रामा देखने को मिलने वाला है. हाल ही में हमने आपको ‘वेदिका’ के एक्स हस्बैंड के बारे में बताया था. वहीं अब ‘नायरा’ किस तरह ‘वेदिका’ का राज गोयंका फैमिली के सामने खोलेगी इसके बारे में बताएंगे…

फैमिली के सामने बताएगी पूरा सच

आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे कि ‘नायरा’ ‘वेदिका’ के एक्स हस्बैंड का सच जानने के बाद चुप बैठने की बजाय पूरे गोयंका परिवार को ‘वेदिका’ का सच बता देगी.

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‘कार्तिक’ लेगा ये फैसला

 

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इन दिनों ‘वेदिका’ के करीब जाने की बजाय ‘कार्तिक’ उससे दूर जा रहा है. वहीं ‘वेदिका’ का सच जानने के बाद ‘कार्तिक’ ‘वेदिका’ को घर से निकालने का फैसला करेगा.

‘नायरा’ का होगा ये फैसला

‘वेदिका’ का राज खोलने के बाद ‘नायरा’ ‘कार्तिक’ की जिंदगी से दूर जाने की बजाय उदयपुर में रहने का फैसला करेगी. वहीं कस्टडी मिलने के बाद ‘नायरा’ अपने पैरों पर खड़े होने का मन बनाते हुए जौब ढूंढना शुरू करेगी.

‘नायरा-कार्तिक’ आएंगे करीब  

‘वेदिका’ के चले जाने के बाद जौब ढूंढते हुए ‘नायरा और कार्तिक’ के बीच नजदीकियां आ जाएंगी, जिसके बाद ‘नायरा और कार्तिक’ की दोबारा शादी की बात चलेगी.

‘कायरव’ लाएगा करीब

 

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आने वाले एपिसोड में ‘कायरव’ अपने मम्मी पापा को करीब लाने के लिए हर तरह से कोशिश करेगा और कामयाब भी हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- ‘कार्तिक’ ने ‘नायरा’ को दी kairav की कस्टडी, सबके सामने ऐसे मांगी माफी

बता दें, इन दिनों सीरियल में ‘कायरव’ की कस्टडी का ड्रामा फैंस के बीच काफी पौपुलर हो रहा है. वहीं ‘नायरा’ के लिए ‘कार्तिक’ का प्यार कोर्ट में साफ देखने को मिल रहा है. अब देखना ये है कि ‘कार्तिक औऱ नायरा’ के करीब आने से देखना है कि टीआरपी पर कितना असर पड़ता है.

दो साल बाद ऐसी दिखने लगी हैं ‘दयाबेन’, ‘तारक मेहता…’ के सेट से लीक हुई PHOTO

सब टीवी के पौपुलर टीवी शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में ‘दया’ के इंतजार में बैठे फैंस के लिए खुशखबरी है. हाल ही में हमने आपको ‘दयाबेन’ के गोकुलधाम सोसायटी में पहुंचने की बात बताई थी, जिसके चलते ‘जेठालाल’ की खुशी का कोई ठिकाना नही था. वहीं अब सोशल मीडिया पर वायरल कुछ फोटोज में ‘दयाबेन’ की फोटोज वायरल हो रही हैं, जिसमें वह बेहद खूबसूरत नजर आ रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं ‘दयाबेन’ की वापसी की खास फोटोज…..

वीडियो चैट पर दिखाई दीं ‘दयाबेन’

सोशल मीडिया पर वायरल फोटोज में ‘दयाबेन’ पारंपरिक कपड़ों में खूबसूरत नजर आ रही हैं. वायरल फोटोज में ‘दयाबेन’ वीडियो चैट पर ‘जेठालाल’ से बातचीत करती दिख रही हैं. ‘जेठालाल’ भी सिर पर कलरफुल साफा बांधे नजर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि जैसे दीवाली की तैयारी में लगे हुए हैं. बताया जा रहा है कि दिशा वकानी, ‘दयाबेन’ के रोल में वापसी करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. ऐसा भी कहा जा रहा है कि शो में उनका कैमियो रोल होगा और ये तस्वीरें उसी सीन की हैं.

 

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One of Best cutest & funny moments from yesterday’s episode Dramebaaz Daya dekho toh Shuru ho gai Dramebaaz daya ki drama bazi Drama queen ya Dramebaaz daya ne apni drama Baazi Shuru kar di aur vah bhi Apne Tappu ke Papa ke samne Piche se uski maa ne usko awaaz dekar Nahin bula rahi thi yah usko koi bhi awaaz dekar Nahin bula rahi thi… Dekho to Daya kaise shuru kar Di aur Kis tarah se karne lagi Tappu ke Papa ke samne Apne drama Baazi Piche se uski maa usko Nahin Bulaya tha yah koi awaaz karke usko Nahin bula rahi thi lekin daya Tappu ke Papa ko yah bol rahi hai Tappu ke Papa man bula rahi hai ???? Jethalal : tu mandir mein hi hai na Daya : Haan Mandir Mein hi hun Jethalal : haan to mataji ke samne Kasam Kha…ab se tu Gokuldham mein aaegi na to agale 10 saal tak wapas se Ahmedabad jaane ka naam Nahin lenge Iske baad shuru hoti hai Dramebaaz ya dream queen daya ke drame baazi Daya :Haan Haan maa aaee Tappu ke Papa maa bula rahi hai chalo ab main phone rakhti hun Yah thi dream queen daya ke drama baazi Piche se uski maa usko Nahin bula rahi thi Nahi koi koi awaz karke uski maa ne usko Bulaya

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‘जेठालाल’ ने चाहत हुई पूरी

हाल ही में हमने आपको बताया था कि ‘जेठालाल’ के दया के बिना गरबा न खेलने की कसम खाई थी. जिसके बाद ‘जेठालाल’ के साले सुंदर ने दया को वापस लाने की कसम खाई थी.

सुंदर ने खेला ये खेल

अपने जीजाजी को परेशान करने के लिए ‘सुंदर’ घूंघट में कईं औरतों को लाता है और ‘जेठालाल’ को इन औरतों में से ‘दयाबेन’ को पहचानने के लिए कहता हैं.

फैंस हैं एक्साइटेड

‘दयाबेन’ के रूप में दिशा वकानी के इंतजार में बैठे फैंस भी शो में उनकी एंट्री के चलते काफी एक्साइटेड हैं और लगातार सोशल मीडिया पर उनकी वापसी के लिए कमेंट कर रहे हैं.

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बता दें कि ‘दयाबेन’ का किरदार में नजर आने वाली दिशा वकानी मैटरनिटी लीव के चलते साल सितबंर 2017 से शो से गायब हैं. वहीं कुछ दिनों पहले खबर थी कि ‘दयाबेन’ के रोल में किसी और एक्ट्रेस को लाया जाएगा.

लाल कप्तान फिल्म रिव्यू: अति कमजोर कथानक

रेटिंगः डेढ़ स्टार

निर्माताः सुनील लुल्ल और आनदं एल राय

निर्देशकः नवदीप सिंह

कलाकारः सैफ अली खान,मानव विज,जोया हुसेन,दीपक डोबरियाल, सिमोन सिंह,सौरभ सचदेव,सोनाक्षी सिन्हा व अन्य.

अवधिः दो घंटे 35 मिनट      

बदले की कहानी को पेश करने के लिए फिल्म‘‘लाल कप्तान’’ के फिल्मकार नवदीप सिंह को दो सौ साल पहले के कालखंड में जाने की वजह तो वही जाने. भाई का भाई के साथ धोखाधड़ी व मौकापरस्ती तो कल भी थी,आज भी है.वह दर्शकों को दो सौ साल पहले की कहानी सुनाते हुए भी बुरी तरह से असफल हुए हैं.

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कहानीः

फिल्म की शुरूआत होते ही एक दृश्य आता है,जहां ब्रिटिश सैनिक कुछ लोगों को बक्सर में एक पेड़ पर फांसी के फंदे पर देशद्रोही कहकर लटकाते हैं. उसके बाद कहानी शुरू होती है. पीरियड फिल्म ‘‘लाल कप्तान’’की कहानी 1764 के बक्सर के युद्ध के 25 साल बाद की है, जब ब्रिटिश हुकूमत भारत में अपनी जड़ें जमाने लगी थी. मराठा,रोहिल्ला,मंगल नवाब सभी आपस मे ही लड़ रहे थे. उसी दौरान एक नागा साधु उर्फ गोसांई(सैफ अली खान) कई वर्षों से एक क्रूर, धोखेबाज, मौकापरस्त शासक रहमत खान(मानव विज) की तलाश में है.उसकी जिंदगी का एकमात्र मकसद रहमत खान को बक्सर में उसी पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटकाना है,जहां पर रहमत खान की मौकापरस्ती व धोखे बाजी के चलते उनके पिता शार्दूल खान को ब्रिटिश सैनिको ने फांसी के फंदे पर लटकाया था.फिर कहानी अतीत में जाती है. जब वहीं दृश्य फिर सामने आता है और पता चलता है कि रहमत खान की धोखेबाजी के चलते एक बच्चे और उसके पिता को फांसी पर लटका दिया गया था.

फिर कहानी वर्तमान में  लौट आती है.गोसांई बुंदेलखंड के घूसर-धूल भरे इलाकों,चट्टानों से गुजरते हुए रहमत खान का पीछा कर रहा है.तभी फिल्म में एक खबरी संचो पंजा(दीपक डोबरियाल)आ जाते हैं,जो पैसों के लिए गंध सूंघकर जासूसी करता है.वह बताता है कि कौन कब का गया होगा.एक बार कुछ अंग्रेजों को वह गोसांई के पास पहुंचा देता है, मगर अंग्रेज मारे जाते है. इधर रहमत खान मराठा शासक से दगा कर सारा खजाना लेकर अपने सैनिकों के साथ महल से निकलता अंग्रजों से समझौता करने के लिए. ऐसा करते समय अपने नगर के सभी निवासियों की हत्या करवा देता है. फिर गोंसाई की मुलाकात रहमत खान से होती है,पर गोसांई,रहमत खान को मौत के घाट नहीं उतारता. बल्कि खुद वह घायल होकर रहमत के महल में पहुंच जाते हैं, जहां एक विधवा (जोया हुसैन) उसका इलाजकर उसे रहमत तक पहुंचाती है, मगर वहां भी गोसांई रहमत को मौत नहीं देता बल्कि उसे बंदी बनाकर अपने साथ ले जाने लगता है, तभी उसी विधवा की धोखेबाजी के चलते गोसांई को बंदी बनाकर रहमत खान यातनाएं देता, खैर, बुंदेलखंड के घूसर-धूल भरे इलाकों, चट्टानों, बेहिसाब मार-काट और खून-खराबों से गुजरने के बाद अंततः गोसांई,रहमत खान को बंदी बनाकर उसी पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटकाने पहुंचता है और तब वह बताता है कि गोसांई कोई और नहीं बल्कि रहमत खान का वही छोटा भाई है, जिसे रहमत खान ने अपने पिता शार्दूल के साथ ही फांसी के फंदे पर लटकवाया था. मगर एक नागा साधू की तरकीब के चलते वह जीवित बचा था और तब से वह रहमत को इसी पेड़ पर लटकाने का मकसद लेकर जी रहा था.

लेखन व निर्देशनः

फिल्म की शुरूआत होती है जीवन व मूत्यू के चक्र को समझाने  वाले संवाद-‘‘आदमी के पैदा होते ही काल अपने भैसे पर चढ़कर चल पड़ता है उसे लिवाने, आदमी की जिंदगी उत्ती, जित्ता समय उस भैसे को लगा उस तक पहुंचने में’’.यानी कि हर किसी की मृत्यू तय है.फिल्म में यह संवाद दो तीन बार और अंत मंे भी दोहराया गया है.मगर अफसोस की बात यह है कि इस संवाद को दोहराने वाले गोसांई स्वयं जीवन व मत्यू के सच को समझे बगैर बदले की आग में जलते हुए रहमत खान का ढाई घंटे तक पीछा करते रहते हैं.

बतौर निर्देशक नवदीप सिंह जब 2007 में पहली फिल्म‘‘मनोरमा सिक्स फीट अंडर’’लेकर आए थे,तो उनकी तारीफ हुई थी. मगर फिर आठ वर्ष औनर किलिंग के नाम पर पितृसत्तात्मक सोच की खिलाफत के नाम पर वह फिल्म ‘‘एन एच 10’’लेकर आए थे. मगर इस फिल्म में पितृसत्तात्मक वाला कोई मसला नही था. और अब वह आजादी से कई वर्ष पहले की एक कहानी लेकर आए हैं, जिसे उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ने की कोशिश की है, मगर यह फिल्म दो भाइयों की निजी दुश्मनी और बदले की भावना के अलावा कुछ नही है.अति कमजोर कथानक पर अति लंबी फिल्म बनायी गयी है. कई बार फिल्म के अंदर की कुछ दृश्य देखकर दर्शक अनुमान लगता है कि अब फिल्म की कहानी में कुछ नजर आएगा, तभी फिर से वही मंजर सामने आने लगते हैं. अति कमजोर कथानक के चलते प्रसांगिकता के लिए किरदार संघर्ष करते रह जाते हैं. एक बहुत पुरानी कहावत है कि इंसान के निजी व्यक्तित्व का असर उसके काम पर नजर आता है, वह कम से कम नवदीप सिंह पर एकदम सटीक बैठता है.पहल फिल्म ‘मनेांरमा सिक्स फीट अंडर’ की काफी चर्चा होने के बाद नवदीप सिंह घमंड में इस कदर चूर हुए कि उन्होने कभी भी मीडिया से बात करना आवश्यक नहीं समझा.

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फिल्म की शुरूआत जीवन व मृत्यु के गंभीर संवाद के साथ होती है, पर फिल्म का समापन निराश ही करता है. फिल्म बहुत धीमी गति से आगे बढ़ती है. फिल्म को बेवजह खींचा गया है. कहानी कहीं कोई उतार चढ़ाव या मोड़ नही है, सिवाय ब्रिटिश सैनिको द्वारा कुछ लोगों को फांसी पर लटकाने वाले दृश्य को कुछ समय के अंतराल में बार-बार दिखाने के. इसे एडिटिंग टेबल पर कसा जा सकता था.

अभिनयः

फिल्म में नागा साधू उर्फ गोसांई के किरदार में सैफ अली खान ने अपनी तरफ से जान फूंकने की पूरी कोशिश की है. छले जाने का दर्द और बदले की आग उनके चेहरे, उनकी आंखों में साफ साफ पढ़ा जा सकता है. सैफ अली खान ने अपनी तरफ से उत्कृष्ट अभिनय किया है, मगर जब कथानक और चरित्र चित्रण की मदद न मिले, तो बेचारा कलाकार क्या करेगा? यह फिल्म सैफ अली खान ने क्या सोचकर की, यह तो वही जाने. मगर पूरी फिल्म में लंबे बाल, चेहरे पर काले या सफेद रंग की परत और तलवार तथा लंबे भाले के साथ ही वह नजर आते हैं. फिर चाहे वह घोड़े पर हो या पैदल.

संचो पंजा के किरदार में  दीपक डोबरियाल किसी जोकर से कम नहीं हैं, मगर वह दर्शकों को भा जाते हैं. उन्हें कुछ अच्छे संवाद भी मिल गए हैं. सांवली विधवा के किरदार में अभिनय के मामले में जोया हुसेन बाजी मार ले जाती हैं.उनके सामने रानी यानी रहमत खान की पत्नी के किरदार में सिमोन सिंह सिर्फ खूबसूरत लगी हैं.सोनाक्षी सिन्हा ने नूर बाई का अति महत्वहीन किरदार क्यों निभाया, यह वही जाने. मानव विज बुरी तरह से निराश करते हैं. कैमरामैन शंकर रमन बधाई के पात्र हैं.

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DIWALI 2019: साइनोसाइटिस का आयुर्वेदिक उपचार

मौसम बदलने लगा है. ऐसे में जुकाम, नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, नाक से पानी गिरना आम बात हैं. अगर आप सोच रहें हैं कि यह तो बस मौसम में बदलाव के कारण है तो सावधान. ये साइनोसाइटिस भी हो सकता है. सर्दी-जुकाम कभी भी ,किसी को भी ,किसी भी मौसम में हो सकता है. आमतौर पर यह कोई गंभीर समस्या नहीं मानी जाती है. कई बार तो सर्दी-जुकाम को अच्छी सेहत का संकेत भी माना जाता है. लेकिन अगर आपको बार-बार सर्दी का शिकार होना पड़ रहा है तो सतर्क हो जाइए. यह बहुत ही कॉमन प्रॉब्लम है. सही इलाज से इससे पूरी तरह राहत मिल सकती है.

कुछ लोगों को हमेशा सर्दी-जुकाम की शिकायत रहती है लेकिन इनमें से ज्यादातर मामले साइनोसाइटिस यानी साइनस के होते हैं. सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि यह क्या है?

दरअसल, हमारी खोपड़ी में बहुत-सारी कैविटीज़ (खोखले छेद) होती हैं. ये हमारे सिर को हल्का बनाए रखने और सांस लेने में मदद करती हैं. इन छेदों को साइनस कहते हैं. अगर इन छेदों में बलगम भर जाती है तो सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इस समस्या को ही साइनोसाइटिस कहते हैं. आम बोलचाल में इसे साइनस भी कहा जाता है.

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क्यों होता है

सांस लेने में रुकावट, नाक की हड्डी का बढ़ना और तिरछा होना, एलर्जी होना इसकी आम समस्या है यानी किसी भी कारण से साइनस के संकरे प्रवेश मार्ग में अगर रुकावट आ जाती है तो साइनस होता है. इसके अलावा कई बार खोखले छेदों में बलगम भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं. साथ ही, इन्फेक्शन के कारण साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है. इस वजह से सिर, माथे, गालों और ऊपर के जबड़े में दर्द होने लगता है. यह बीमारी खराब लाइफस्टाइल की वजह से नहीं होती लेकिन जो लोग फील्ड जॉब में होते हैं यानी जो ज्यादा समय पल्यूशन में रहते हैं या फिर लकड़ी इंडस्ट्री आदि प्रफेशन से जुड़े होते हैं, उनको साइनस होने का खतरा ज्यादा होता है.

लक्षण

सिर में दर्द और भारीपन

आवाज में बदलाव

बुखार और बेचैनी

आंखों के ठीक ऊपर दर्द

दांतों में दर्द

सूंघने और स्वाद की शक्ति कमजोर होना

बाल सफेद होना

नाक से पीला लिक्विड गिरने की शिकायत

कई तरह का साइनस

एक्यूट साइनस: इसमें सर्दी लगने के लक्षण अचानक उभर आते हैं, जैसे नाक जाम होना या उसका बहना और चेहरे में दर्द होना. यह अवस्था 8-10 दिन बाद भी खत्म नहीं होती बल्कि आमतौर पर चार हफ्ते तक बनी रहती है. एक्यूट साइनस अक्सर बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होता है और इसमें सांस की नली के ऊपरी हिस्से में इन्फेक्शन हो जाता है. इसके इलाज के लिए एंटी-बायोटिक दवाएं दी जाती हैं. ये साइनस से इन्फेक्शन साफ कर देती हैं. नाक में सूजन कम करने के लिए नेजल ड्रौप्स दी जाती हैं, लेकिन इन्हें कुछ दिनों के लिए ही लेना चाहिए.

सब-एक्यूट साइनस: साइनस में चार से आठ हफ्ते तक सूजन और जलन रहती है. इसका इलाज भी आमतौर पर एक्यूट साइनस की तरह की होता है.

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क्रौनिक साइनस: इसमें लंबे समय तक साइनस में जलन और सूजन रहती है. साइनस की सूजन दो तरह की होती है: एक, सूजन अचानक होती है और कुछ दिनों में खत्म हो जाती है.

रीक्यूरेंट साइनस: अगर दमा यानी अस्थमा है या एलर्जी से संबंधित कोई बीमारी है तो जल्दी-जल्दी क्रॉनिक साइनस हो सकता है. इसका इलाज करीब-करीब क्रॉनिक साइनस की तरह ही होता है.

नोट: मरीज की स्थिति के अनुसार डॉक्टर दवाएं देते हैं. शुरुआती दौर में दवाओं से साइनस का इलाज मुमकिन है, लेकिन अगर वक्त रहते इलाज नहीं किया जाए तो सर्जरी ही आखिरी इलाज बचता है. साइनस के इलाज या सर्जरी के लिए आपको ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास जाना होता है. साइनस के लिए एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी की जाती है.

आगे पढ़ें- क्या है साइनस का इलाज…

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