Bigg Boss 13: शो का पहला लुक आया सामने, फैन्स हुए एक्साइटेड

बिग बौस का नया सीजन जल्द ही शुरू होने वाला है. शो को लेकर हमेशा फैन्स में एक्साइटमेंट रहती है कि इस बार घर कैसा होगा और शो में क्या होगा. तो अब फैन्स की शो को लेकर फैन्स की एक्साइटमेंट और बढ़ने वाली है. दरअसल, शो का फर्स्ट लुक सामने आया है जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि, ये लुक कितना सच है और कितना फेक है ये तो शो के शुरू होते ही पता चलेगा. लेकिन अगर इस लुक की बात करें तो इस बार घर का लुक काफी अलग है. जेल भी घर से अटैच्ड है.

29 सितंबर से होगा शो शुरू

शो की बात करें तो ये 29 सितंबर से रात 9 बजे से शुरू होने वाला है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार बिग बौस में सिर्फ सेलेब्स ही कंटेस्टेंट ही आएंगे. बता दें कि इससे पहले के कुछ सीजन्स में कौमन लोग भी सेलेब्स के साथ शो में हिस्सा लेते थे.

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ये सितारे आएंगे नजर

खबरों के मुताबिक इस बार शो में विजेंदर सिंह, देवोलीना भट्टाचार्जी, राजपाल यादव, दयानन्द शेट्टी, सिद्धार्थ शुक्ल, मेघना मलिक और आरती सिंह शो में हिस्सा ले सकते हैं. हालांकि, इस बारे में कोई ऑफिशयल अनाउंसमेंट नहीं हुई है.

प्रोमो में सलमान बता चुकें हैं ये बात

वहीं कुछ दिनों पहले एक प्रोमो में सलमान खान ने बताया था कि इस बार शो का फिनाले चार हफ्ते में ही हो जाएगा, लेकिन इस फिनाले के बाद शो में अलग तरह का धमाल होता नजर आएगा.

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बता दें कि सलमान काफी समय ये शो को होस्ट कर रहे हैं और फैन्स को उनकी होस्टिंग काफी पसंद है. सलमान की फ़िल्मों की बात करें तो इन दिनों वो फिल्म ‘दबंग 3’ की शूटिंग में बिजी हैं. फिल्म में सलमान के साथ सोनाक्षी सिन्हा लीड रोल में हैं.

जयललिता की बायोपिक के लिए कंगना की तैयारी, फोटोज वायरल

बौलीवुड क्वीन कंगना रनौत अपने कैरेक्टर्स को परफेक्टली निभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती और इसलिए आज उन्हें बौलीवुड की क्वीन कहा जाता है. अब हाल ही में कंगना की ऐसी ही फोटोज सामने आई है जिसे देखकर आप चौंक जाएंगे. बता दें कि कंगना जल्द ही तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की बायोपिक में नजर आने वाली हैं और इसी फिल्म के लिए कंगना अपने लुक के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही. आइए आपको दिखाते हैं कंगना की तैयारियां…

जयललिता के रोल की तैयारी कर रही हैं कंगना

दरअसल, कंगना ने फिल्म के लिए तैयारी शुरू कर दी है. खबरों के मुताबिक फिल्म में कंगना 4 लुक में नजर आने वाली हैं और इसके लिए कंगना प्रोस्थेटिक्स मेकअप की मदद ले रही हैं जिसकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. फोटोज में कंगना प्रोस्थेटिक्स ग्लू में पूरी तरह से कवर नजर आ रही हैं.

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फोटोज हुईं वायरल

कंगना की इन तस्वीरों को देखकर साफ पता चल रहा है कि वो अपनी फिल्मों के लिए कुछ भी करने से नहीं डरतीं. कंगना ने हाल ही में फिल्म को लेकर एक इंटरव्यू में कहा कि वो इस फिल्म को लेकर बहुत एक्साइटेड हैं और ये उनके लिए एक अलग अनुभव होने वाला है.

दिवाली के बाद होगी शूटिंग शुरू

रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म की शूटिंग दीवाली के बाद शुरू होगी. वहीं फिल्म के बजट को लेकर कहा जा रहा है कि फिल्म 55 करोड़ के बजट में बन रही है. बता दें कि फिल्म ‘थलाइवी’ को तमिल, तेलुगू और हिंदी में रिलीज किया जाएगा.

बता दें कि कंगना इस फिल्म के बाद ‘धाकड़ ‘और ‘पंगा’ में नजर आने वाली हैं. वहीं पर्सनल लाइफ में भी सोशल मीडिया में एक्टिव रहने वाली कंगना अक्सर सुर्खियों में आ जाती हैं. अब देखना ये है कि क्या अपनी इस फिल्म से सुर्खियां बटोर पाएंगी.

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देश की प्रगति की पोल खोलती ये घटनाएं

पिछले दिनों कौफी कैफे डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ द्वारा आत्महत्या करना आज के व्यवसायों की पोल खोल रहा है. भारत में व्यापार करना और चलाना कितना कठिन है यह कौफी कैफे डे की अरबों की संपत्ति के मालिक की आत्महत्या से पता चलता है, जो अपने पीछे 2 बेटियों और पत्नी को बिलखता व नुकसान की भरपाई करने के लिए छोड़ गया. घर में कोई न छूटे इसलिए अब कई व्यापारी पूरे परिवार को आत्महत्या के लिए राजी कर लेते हैं. 16 अगस्त, 2019 को कर्नाटक के मैसूर के ओम प्रकाश ने नुकसान की वजह से खुद तो आत्महत्या की ही, उस के बाद उस के परिवार को कोई तंग न करे इसलिए पिता, पत्नी और बेटे को भी गोलियों से मार डाला.

ओम प्रकाश ने एक ऐनीमेशन फिल्म कंपनी शुरू की थी पर उस में नुकसान हुआ था तो उसे भरपाई करने का रास्ता नहीं मिल रहा था. उस का कहना था कि दुबई का कोई डौन उसे मारना चाहता है और कोई बड़ी बात नहीं कि दुबई से उस ने कोई ऐसा गलत काम किया, जिस में वहां के गिरोह से वास्ता पड़ा हो.

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बच्चों, पत्नी, मांबाप को ले कर मरने वाले घरों की गिनती आजकल बढ़ रही है, क्योंकि आज व्यापार चलाना हर रोज मुश्किल होता जा रहा है. आज बाजार का दबाव इतना है कि हरकोई मोटा पैसा 4 दिन में ही कमाना चाहता है जो स्वाभाविक नहीं है. व्यापार एक शीशम के पेड़ की तरह होता है जो धीरेधीरे बढ़ता है. यहां जंगली और पालतू जानवर ही इतने हैं कि वे पौध को भी खा जाने को तैयार हैं और जिस ने पौधा लगाया हो वह देखतेदेखते दिवालिया हो जाता है. जरा से संपन्न परिवार से आने वाला फिर से साधारण आदमी की तरह से जीना सीख ही नहीं पाता.

ओम प्रकाश को दुबई के किसी माफिया का डर था या सिर्फ शान दिखाना था कि उस ने 4 बाउंसर रखे थे, जिन में से 2 पिस्तौल के साथ हमेशा उस के साथ चलते थे. इस तरह के मामले को पचाना आसान नहीं है. जो 4-4 बौडीगार्ड रखे वह तो अरबों का मालिक होना चाहिए.

जून में पटना में एक व्यापारी ने पत्नी और बेटी के साथ सामूहिक आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि वह अपने देनदारों से परेशान था.

दिल्ली के योगेश अरोड़ा ने मई, 2019 में प्रीत विहार के एक होटल में कमरा लिया और फिर आत्महत्या कर ली क्योंकि वह कर्जदारों से परेशान था और उसे राहत का रास्ता नहीं दिख रहा था.

विनित विग एक और व्यवसायी था, जिस ने पैसे की तंगी की वजह से गुरुग्राम में आत्महत्या कर ली थी. 2012 में राज टै्रवल के मालिक ललित सेठ ने मुंबई के सी लिंक से कूद कर आत्महत्या कर ली थी. एम राजपाल के बेटे आनंद पाल ने 2016 में आत्महत्या की थी. मलयाली साडान परयाली ने अपनी पूंजी एक औडिटोरियम में लगाई थी पर सरकारी लालफीताशाही के चलते उसे लाइसैंस नहीं मिला और हार कर आत्महत्या कर के मुक्ति पाई.

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देश की प्रगति के नारों की पोल खोलती इन आत्महत्याओं के पीछे इन की पत्नियों व बड़े होते बच्चों का दर्द छिपा है जिस के बारे में चर्चा करने की फुरसत किसी को नहीं है. मीडिया तो बस हायहाय कर के चुप हो जाता है पर कोई उन अफसरों से जरा भी पूछताछ नहीं करता, जिन्होंने व्यवसायियों को अपने परिवारों को बेसहारा छोड़ने को मजबूर किया और उन की विधवाओं पर दुख और व्यवसाय चलाने का दोहरा बोझ छोड़ा. उलटे ज्यादातर मामले में अफसर तो कफन खसोट साबित होते हैं, जो विधवा का बचाखुचा भी समेट ले जाना चाहते हैं.

हाई हील्स से परेशान हुईं स्वरा भास्कर तो मीडिया के सामने ही उतार दी सैंडल

हाल ही में हुए आईफा अवौर्ड्स में बौलीवुड सेलेब्स की धूम रही. ग्रीन कार्पेट पर सभी सेलेब्स ने एंट्री कर फोटोग्राफर्स को पोज दिए. स्वरा भास्कर भी इस दौरान व्हाइट गाउन में यहां पहुंचीं, लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि स्वरा ग्रीन कार्पेट पर परेशान हो गईं.

हील्स से परेशान हुईं स्वरा…

दरअसल, बाकी सितारों की तरह ही स्वरा भास्कर भी ग्रीन कारपेट पर वौक करने पहुंची थीं. इस दौरान स्वरा अपनी हाई हील्स की वजह से काफी परेशान दिखीं. जिसकी वजह यह है कि, उनकी हील्स बार बार उनकी लंबी ड्रेस में अटक रही थी. इस बात से परेशान हो कर स्वरा भास्कर ने कैमरे के सामने ही अपनी हील्स उतार दी. तस्वीरों में स्वरा झुककर अपनी हील्स उतारती नजर आ रही हैं. इस दौरान स्वरा को देखकर हर कोई हैरान हो गया.

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फैंस को पसंद आया अंदाज

स्वरा का ये अंदाज फोटोग्राफर्स से लेकर फैन्स तक सभी को खूब पसंद आया. दरअसल, आमतौर पर एक्ट्रेसेस हील्स पहनती हैं और उनके प्रोफेशन में ये सब बहुत ज़रूरी होता है, लेकिन स्वरा ने ये सब ना देखते हुए मस्त कंफर्टेबल होकर पोज दिए. वैसे स्वरा से पहले फिल्म ट्वाइलाइट में नजर आ चुकी हौलीवुड एक्ट्रेस क्रिस्टन स्टीवर्ट भी रेड कारपेट पर यह कारनामा कर चुकी हैं.

स्वरा के लुक्स की बात करें तो उन्होंने इस दौरान व्हाइट गाउन पहना था. इसके साथ ही उन्होंने हाई हेयरबन बनाया था. जिसमें वो काफी ग्लैमरस लग रही थीं.


जब चोरी हुई जूतिया…

अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है जब स्वरा भास्कर की कोल्हापुरी जूतियां चोरी हो गई थी. दरअसल, लाल बाग के राजा के पंडाल में कोई स्वरा की जूतियां चुरा कर ले गया था. जिसके बाद स्वरा को नंगे पैर ही घर आना पड़ गया था.

स्वरा की प्रोफेशनल लाइफ की बात करें तो वो लास्ट फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ नजर आई थीं. फिल्म में उनके किरदार को काफी पसंद किया गया था.

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फिल्म रिव्यू: जानें कैसी है सोनम कपूर की ‘द जोया फैक्टर’

रेटिंगः दो स्टार

निर्देशकः अभिषेक शर्मा

कलाकारः दुलकर सलमान, सोनम के आहुजा, संजय कपूर, अंगद बेदी, सिकंदर खेर और अन्य

अवधिः दो घंटा 16 मिनट

मशहूर राइटर अनुजा चौहान के कई उपन्यास चर्चा में रहे हैं. उनके कुछ उपन्यासों पर सीरियल भी बन चुके हैं. अब अनुजा चौहान के 2008 के चर्चित उपन्यास ‘‘द जोया फैक्टर’’ पर इसी नाम से फिल्मकार अभिषेक शर्मा एक रोमांटिक कौमेडी फिल्म ‘‘द जोया फैक्टर’’ लेकर आए हैं, जिसमें उन्होंने लक का तड़का लगाने की कोशिश की है. मगर एक बार फिर यह बात साबित हो गयी है कि किसी किताब को दृष्य श्राव्य/सिनेमा में बदलना आसान काम नही है.

कहानीः

क्रिकेट की पृष्ठभूमि पर बनी ये फिल्म सेना के अवकाश प्राप्त अधिकारी और राजपूत विजयेंद्र सिंह सोलंकी (संजय कपूर) की बेटी जोया सिंह सोलंकी (सोनम के आहुजा) के इर्द गिर्द घूमती है. चुलबुली और मासूम जोया एक विज्ञापन एजेंसी में काम करती है. जोया सोलंकी का जन्म 25 अगस्त 1983 को हुआ था, जिस दिन कपिल देव की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम विश्व विजेता बनी थी. कहा जाता है कि वह ब्रम्ह मुहूर्त था और जोया खुद को क्रिकेट के लिए लकी मानती हैं. जोया सिंह सोलंकी का सेना में कार्यरत भाई जोरावर सिंह सोलंकी (सिकंदर खेर) भी उसे क्रिकेट के लिए लकी मानता है.

उधर विज्ञापन एजेंसी की मालकिन मोनिता जब जब जोया को बाहर का रास्ता दिखाना चाहती है, तब तब कुछ ऐसा होता है कि जोया कि नौकरी बच जाती है. फिर जोया सोलंकी को भारतीय क्रिकेट टीम के साथ पेप्सी का एड फिल्माने की जिम्मेदारी दी जाती है और उसकी मुलाकात क्रिकेट टीम के कैप्टन निखिल खोदा (दुलकर सलमान) से होती है. पहली नजर में ही दोनों एक-दूसरे के आर्कषण में बंध जाते हैं. एक साल पहले ही निखिल खोदा को रौबिन रावल (अंगद बेदी) की जगह पर कैप्टन बनाया गया है. इस बात से एक तरफ रौबिन रावल और उसके मामा तथा क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख जोगपाल नाराज हैं, तो दूसरी तरफ निखिल हर मैच हारते जा रहे हैं.

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एक दिन निखिल के कहने पर जोया सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के साथ नाश्ता करती है और सभी को यह बताती है कि उसके घरवाले क्रिकेट के लिए उसे लकी चार्म मानते हैं, तो टीम के कई खिलाड़ी इस बात से प्रभावित नजर आते हैं. उसी दिन जब इंडिया अविश्वसनीय तरीके से मैच जीत जाती है, तो टीम का यह भरोसा पक्का हो जाता है कि जोया क्रिकेट के मामले में लकी है. जबकि निखिल को लक के बजाय खिलाड़ियों की मेहनत और प्रतिभा पर भरोसा है.

जोया और निखिल का प्यार आगे बढ़ता है और उसी के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्यों के बीच क्रिकेट के लिए जोया लकी चार्म होने का यकीन बढ़ता जाता है. मगर इसी के साथ निखिल खोदा और रौबिन रावल की दुश्मनी बढ़ती है. रौबिन अपनी चाल चलता है. जिसके चलते भारतीय क्रिकेट बोर्ड जोया को भारतीय क्रिकेट टीम का लकी मस्कट बनने का प्रस्ताव देता है, जिससे भारत विश्व कप हासिल कर सके. पर निखिल के कहने पर जोया प्रस्ताव ठुकरा देती है. उसके बाद रोबिन चाल चलता है, जिससे जोया व निखिल के बीच गलतफहमियां पैदा हो जाती हैं.

अब जोया निखिल के सामने अपने लक फैक्टर को साबित करने के लिए क्रिकेट बोर्ड के एक करोड़ के कौन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर कर देती है. जबकि अभी भी निखिल अपनी टीम की मेहनत की बदौलत विश्व कप जीतना चाहता है. कहानी कई मोड़ों से होकर गुजरती है. निखिल व जोया एक हो जाते हैं.

पटकथाः

अति कमजोर पटकथा के चलते फिल्म पूरी तरह से बचकानी बनकर रह गयी है. पटकथा लेखकों (अनुजा चौहान, प्रदुम्न सिंह और नेहा राकेश शर्मा) ने फिल्म को बर्बाद करने में अपनी तरफ से कोई कसर बाकी नहीं रखी. फिल्म की शुरूआत शाहरुख खान की आवाज के साथ होती है, जहां वह क्रिकेट को डेंगू और मलेरिया से ज्यादा खतरनाक बीमारी बताते हैं. यानी कि लेखकों ने फिल्म की शुरूआत में ही क्रिकेट को खारिज कर दिया. क्रिकेट की राजनीति पर फिल्म कुछ

कहती है, मगर क्रिकेट के व्यवसायीकरण पर फिल्म चुप रहती है. उसके बाद पटकथा लेखकों का सारा ध्यान क्रिकेट में व्याप्त राजनीति, दो खिलाड़ियों (दुलकर सलमान व अंगद बेदी के किरदारों) की निजी दुश्मनी पर ज्यादा रहा. जिसके चलते प्रेम कहानी ठीक से पनपने की बजाय महज शारीरिक आर्कषण बनकर रह जाता है. इतना ही नहीं फिल्म की शुरूआत में ही अनिल कपूर पर एक सर्कसनुमा एड फिल्म का सीन न सिर्फ बचकाना है, बल्कि बेवजह ठूंसा हुआ लगता है. इतना ही नहीं लेखकीय कल्पना की पराकाष्ठा तो यह है कि आधुनिक व वैज्ञानिक युग में लेखकों ने जोया को देवी की तरह पेश कर लोगों से उनके पैर छुआकर आशीर्वाद भी दिलवा दिया.

फिल्म ‘लक’ और ‘क्रिकेट’ के खेल के इर्दगिर्द है, पर फिल्म में क्रिकेट खेल को गंभीरता से लिया ही नहीं गया. जबकि पटकथा लेखकों ने क्रिकेट टीम में कुछ खिलाड़ियों के किरदार वास्तविक क्रिकेटरों पर ही रचे हैं. इस फिल्म से एक बात उभर कर आयी कि अवकाश प्राप्त सैनिक हो या सेवारत सैनिक हो, उनके हाथ में हमेशा शराब की बोटल ही रहती है. अब इससे सैनिक कितना सहमत हैं, पता नही.

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निर्देशनः

‘‘द जोया फैक्टर’’ देखने के बाद इस बात का अहसास ही नहीं होता कि इस फिल्म का निर्देशन ‘तेरे बिन लादेन’ व ‘परमाणु: द स्टोरी औफ पोखरण’ फेम निर्देशक अभिषेक शर्मा ने किया है. फिल्म में बहुत कुछ बचकाना सा है.

एक्टिंग:

फिल्म का सकारात्मक पक्ष सोनम के आहुजा का अभिनय ही है. वैसे कुछ सीन्स में उनके अभिनय में दोहराव नजर आता है. दुलकर सलमान हैंडसम लगे हैं और किरदार को ठीक से जिया है. यह एक अलग बात है कि सोनम के आहुजा और दुलकर सलमान को पटकथा से मदद नहीं मिल सकी. मगर परदे पर दुलकर और सोनम की केमिस्ट्री इस फिल्म को काफी हद तक संभालती है. अंगद बेदी ने संजीदा अभिनय किया है. संजय कपूर व सिकंदर खेर ने ठीक ठाक काम किया है. अब दुलकर व सोनम इस फिल्म को बौक्स आफिस पर कितना बचा पाते हैं, यह तो वक्त ही बताएगा.

‘नायरा-कार्तिक’ को इस हालत में देख फूटा ‘वेदिका’ का गुस्सा, कहा- ‘चली जाओ’

स्टार प्लस के पौपुलर शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में इन दिनों नए नए ट्विस्ट और टर्न आ रहे हैं जिससे फैंस काफी एक्साइटेड है. जहां एक तरफ पूरा गोयनका परिवार ‘अखिलेश’ और ‘लीजा’ के अफेयर की वजह से सदमे में है वहीं ‘वेदिका’, ‘नायरा’ और ‘कार्तिक’ की बढ़ती नजदीकियों से परेशान है और आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि आखिरकार ‘वेदिका’ का गुस्सा ‘नायरा’ पर फूट ही पड़ा.

‘नायरा’ और ‘कार्तिक’ को इस हालत में देख चौंक गईं ‘वेदिका’

दरअसल, ‘नायरा’ और ‘कार्तिक’, ‘कायरव’ के बारे में बात करते करते एक ही बेड पर सो जाएंगे और सुबह उठकर ‘कायरव’, ‘वंश’ के पास खेलने चला जाएगा. वहीं ‘कार्तिक’ और ‘नायरा’ सोते-सोते ही एक दूसरे के करीब आ जाएंगे. इस फोटो को देखकर आप भी समझ ही गए होंगे कि ‘वेदिका’ का क्या रिएक्शन होगा. ‘नायरा’ और ‘कार्तिक’ को एक ही बेड पर साथ देखकर ‘वेदिका’ को झटका लगेगा. ‘वेदिका’ समझ ही नहीं पाएगी कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है?

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‘नायरा’ से कहेगी ‘वेदिका’- चली जाओ

जहां सारे घरवाले गणपति विर्सजन में बिजी होगें वही ‘वेदिका’, ‘नायरा’ से बहस करेगी और उसे खूब खरी खोटी सुनाएगी. ‘वेदिका’, ‘नायरा’ से कहेगी कि वो अपने बच्चे का इस्तेमाल करना बंद करे और ‘कार्तिक’ की जिंदगी से दूर चली जाए.

‘नायरा’ ने किया घर छोड़ने का ऐलान

इसके बाद ‘नायरा’ सारे घरवालों के सामने ये ऐलान कर देगी कि वो ”कायरव’ के साथ घर छोड़कर जाने वाली. जिसके बाद ‘कार्तिक’ फिर ‘नायरा’ से बहस करेगा कि वो उसके बच्चे को उससे दूर नहीं कर सकती.

आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे कि ‘वेदिका’ सारे घरवालों के सामने अब ‘कार्तिक’ को भी खूब खरी खोटी सुनाएगी और ‘नायरा’ ये सब सुनकर फूट फूटकरल रोने लगेगी.

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औरतें खुद बेड़ियां पहन रही हैं

जाति का कहर आज भी इतना ज्यादा है कि यह बच्चों तक में  घुस रहा है. उत्तर प्रदेश के एक गांव सैलोन में एक ओबीसी युवती ने दलित लड़के से शादी कर ली और 7 सालों से पति के साथ मजे से रह रही थी. वह गांव के बाहर थी तो उस के घर वाले ज्यादा कुछ न कर पाए पर जब सितंबर के पहले सप्ताह में वह ससुराल आ कर अपने गांव में ठहरी थी तो उस के छोटे भाई और चचेरे भाइयों ने उसे क्रिकेट के बैटों से पीटपीट कर मार दिया.

इन 7 सालों में वह लुधियाना में रह रही थी पर 1 साल पहले पति के घर गांव में आ कर रहने लगी. युवती की अपने मायके वालों से बातचीत बंद थी.

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एक शादी को जब 7 साल बीत जाएं तो जाति का दंभ भुला दिया जाना चाहिए पर बढ़ती धार्मिक सोच का नतीजा है कि लोग और कट्टर और तंग सोच वाले होते जा रहे हैं. उदारता और भाईचारा खत्म हो गया है. दूसरी जाति अब दुश्मन बन गई है. अपनी ही बेटी दूसरी जाति में चली जाए तो मारी जा सकती है.

इस घटना पर न सरकार आंसू बहाएगी न मुख्यमंत्री. यहां तक कि अब तो भक्तिरस में डूबा मीडिया भी ऐसी घटनाओं को दिखाने में कतराने लगा है, क्योंकि ज्यादातर ऐंकर बेहद दकियानूसी और भक्तिभाव रखने वाले हैं. आजकल देशभक्ति, धर्मभक्ति, जातिभक्ति और सरकारभक्ति को मिक्स कर दिया गया है और खमियाजा उस युवती जैसी को उठाना पड़ता है, जिस ने 7 साल पति के साथ खुशी से गुजारे और जिसे अपनी ऊंची जाति के मातापिता को छोड़ने का गम नहीं था और लुधियाना में 7 साल अकेले रहने के बाद वह छोटी जाति के सासससुर के साथ रहने को तैयार थी.

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यह एक भयंकर संकेत है पर दोषी वे सब औरतें भी हैं जो तरहतरह के उपवास, परिक्रमा, तीर्थयात्रा, भोज, पूजापाठ कराते हुए तनमनधन सब निछावर कर साबित करने में लगी हैं कि जाति, धर्म, रीतिरिवाज व्यक्ति और खासतौर पर औरत की पसंदनापसंद से ऊपर हैं. आज जमाना उन औरतों का है जो खुद भी बेडि़यां पहन रही हैं और अपने साथ वालियों को भी पहना रही हैं.

घर पर ट्राय करें रोटी के टेस्टी मिक्स

रोटी बनाने के लिए आटा तो हर घर में गूंधा जाता है पर उसे कैसे पौष्टिक बनाएं, यह जानना भी जरूरी है. मुलायम रोटियां भी हरकोई नहीं बना पाती. अत: इन टिप्स पर गौर करेंगी तो रोटियां मुलायम, पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक बनेंगी:

– अगर रोटियों के लिए आटा गूंध रही हैं तो उस में थोड़ा सा ओट्स का चोकर मिला लें अथवा ओट्स का आटा. इस से रोटियां स्वादिष्ठ और पौष्टिक बनती हैं. अगर ओट्स का आटा नहीं है तो ओट्स को हलका सा रोस्ट कर के मिक्सी में पाउडर बना कर 3 हिस्से आटे में 1 हिस्सा ओट्स पाउडर मिलाएं. ओट्स चोकर बाजार में मिलता है. यह 3 हिस्से आटे में 2 बड़े चम्मच काफी रहेगा.

– 2 हिस्से आटे में 1 हिस्सा चने का आटा मिलाया जाए तो रोटियां तो पौष्टिक बनती ही हैं, साथ ही मधुमेह के रोगियों के लिए भी यह बहुत अच्छा रहता है.

– रोटियों के आटे में हरे प्याज को अथवा पालक को पीस कर पिलाएं. थोड़े से मसाले डालें और आटा गूंध कर रोटियां बना लें. चाहें तो परांठे भी बना सकती हैं.

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– रोटियों के आटे को गूंधते समय यदि उस में थोड़ी सी सूजी व मलाई डाल कर गूंधा जाए तो पूरियां तो मुलायम व फूलीफूली बनेंगी ही, साथ ही वे पौष्टिक भी होंगी.

– मठरी का आटा गूंध रही हैं तो उस में थोड़ा दही व पुदीनापत्ती अथवा कसूरी मेथी मिला लें. मठरी खस्ता व स्वादिष्ठ बनेगी.

– गेहूं के आटे को गूंधते समय यदि उस में थोड़ा सा चावल का आटा मिला लें तो रोटियां बेलते समय टूटती नहीं हैं. इस के अलावा आटे का चोकर निकालें नहीं. उसी के साथ गूंधें. यह सेहत के लिए अच्छा रहता है.

– कुट्टू या सिंघाड़े का आटा गूंध रही हैं तो उस में उबले मैश किए आलू या अरबी मिला लें. इस से परांठे या पूरियां अच्छी बनती हैं.

– ज्वार का आटा गूंध रही हैं तो उस में थोड़ा सा सादा आटा और बहुत ही बारीक कटा प्याज, नमक, अदरक व हरीमिर्च का पेस्ट मिला लें. रोटियां तो स्वादिष्ठ बनेंगी ही, साथ ही पौष्टिक भी होंगी.

– गुझिया या समोसे बनाने के लिए मैदा गूंध रही हैं तो उसे थोड़े से मोयन के साथ दूध से गूंधें. गुझिया, समोसे स्वादिष्ठ व खस्ता बनेंगे.

– नान के लिए या फिर भटूरों के मैदा गूंध रही हैं तो उस में थोड़ी सी बारीक सूजी, चीनी, दही, नमक व बेकिंग पाउडर डाल लें. स्वादिष्ठ बनेंगे.

– मक्के के आटे को चावल के मांड से गूंधें और बाजरे के आटे में थोड़ा सा गेहूं का आटा अथवा मैश किए आलू मिला लें. रोटियां स्वादिष्ठ बनेंगी.

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– बालूशाही के आटे अथवा मैदा को दही से गूंधें आटा  मुलायम गूंधें.

– आटे में मौसमी सब्जियां, बचे दालचावल आदि कुछ भी मिला कर गूंधें, रोटियां स्वादिष्ठ ही बनेंगी.

– आटे को हमेशा कुनकुने पानी या दूध से गूंधें और फिर 15 मिनट तक ढक कर रखने के बाद रोटियां बनाएं.

पैट पालें स्वस्थ रहें

कुत्ता पालना स्टेटस सिंबल ही नहीं है, बल्कि यह आप के जवां, हंसमुख और ऊर्जावान व्यक्तित्त्व एवं सकारात्मक सोच का जिम्मेदार भी है. कुत्ता पालने वाले 65 वर्ष की उम्र वाले लोग अपनी वास्तविक उम्र से 10 साल कम ही नजर आते हैं. वे हर वक्त ऊर्जा से भरपूर दिखते हैं. कुत्ता पालने वाले आप को हमेशा तनावमुक्त और हंसमुख स्वभाव के मिलेंगे, जबकि उसी उम्र के अन्य लोगों के स्वभाव में नीरसता, तनाव, झुंझलाहट, रोष और गुस्सा दिखेगा.

हाल ही में हुए एक शोध से यह बात सामने आई है कि घर में कुत्ता रखना एक बुजुर्ग के मानसिक स्वास्थ्य के साथसाथ शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बेहद सकारात्मक प्रभाव डालता है.

बर्लिन स्थित यूनिवर्सिटी औफ सैंट ऐंड्रयूज के शोधकर्ता फेंग झिक्यांग का मानना है कि 65 वर्ष की उम्र से अधिक के लोगों में कुत्ते का मालिक होने और बढ़ी हुई शारीरिक सक्रियता के बीच सीधा संबंध होता है. बुजुर्ग कुत्ता मालिक कुत्ता न रखने वाले अपने समकक्षों की अपेक्षा 12% अधिक सक्रिय पाए गए हैं. कुत्तों का स्वामी होने का बोध व्यक्तिगत सक्रियता की प्रेरणा देता है और बुजुर्गों को सामाजिक सहयोग का अभाव नहीं खलता. यह खराब मौसम, बीमारी और निजी सुरक्षा सरीखी कई समस्याओं से उबरने में भी सक्षम बनाता है.

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यह शोध 547 बुजुर्गों पर किया गया. शोध में सामने आया कि कुत्तों के मालिक न केवल शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय थे, बल्कि उन की गतिशीलता का स्तर भी अपने से 10 साल छोटे लोगों के बराबर था. 40-45 साल की उम्र तक हम सभी अपने कैरियर, शादी, परिवार और बच्चों की देखभाल आदि में बिजी रहते हैं.

45 की उम्र के बाद हमारा शरीर धीरेधीरे बुढ़ापे की ओर बढ़ना शुरू होता है. 50-55 की उम्र तक पहुंचतेपहुंचते हमें रिटायरमैंट और उस के बाद के खालीपन के खयाल भी तंग करने लगते हैं. ये तमाम तरह के तनाव हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा असर डालते हैं. ऐसे में पालतू कुत्ता आप के कितने काम आ सकता है, खुद ही जानिए:

कुत्ता पालने के फायदे

– घर में कुत्ता होगा तो आप रोज सुबह जल्दी उठ कर उसे घुमाने भी ले जाएंगे. शाम को भी उस के साथ वाक पर जाएंगे. इस तरह आप की प्रतिदिन 3-4 किलोमीटर की वाक हो जाएगी,

आप के फेफड़ों को सुबह की ताजा और साफ हवा भी मिल जाएगी, ब्लड सर्कुलेशन ठीक होगा और पूरे बदन की ऐक्सरसाइज के साथसाथ सारा तनाव भी छूमंतर हो जाएगा.

– घर में आप अपने पप्पी की देखभाल करेंगे. उसे समय पर खाना खिलाएंगे, नहलाएंगे, उस की साफसफाई का ध्यान रखेंगे और समय पर उसे दवाइ ंजैक्शन भी दिलवाने ले जाएंगे. इस तरह आप न सिर्फ उस का खयाल रख रहे होते हैं, बल्कि अपना भी ध्यान रख रहे होते हैं.

– जब आप कुत्ता पालते हैं तो उस से फैलने वाले बैक्टीरिया को ले कर भी आप काफी सतर्क रहते हैं. उस के शरीर से गिरने वाले बालों को हटाने के लिए आप रोजाना घर की सफाई करते या करवाते हैं यानी आप का कुत्ता आप को भी बीमारियों के प्रति सचेत रखता है.

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– कुत्ता पालने से आप की सोशल लाइफ भी बढ़ जाती है. सर्वेक्षण में पाया गया है कि उन लोगों की अजनबियों से जल्दी दोस्ती हो जाती है जो कुत्ते के साथ वाक पर निकलते हैं.

हैरत की बात यह है कि अध्ययनों से पता चलता है कि कुत्ता कैंसर का पता लगा सकता है. यह सुनने में थोड़ा फनी लगता है, लेकिन ऐसी कहानियां भरी पड़ी हैं जब कुत्ते ने अपने मालिक के बदन में पनप रहे कैंसर का पता लगा लिया. न्यूजर्सी की निवासी एलिना को पता भी नहीं था कि उन्हें ब्रैस्ट कैंसर है. वे कहती हैं कि उन की प्यारी पप्पी रोजमैरी जब भी उन के पास आती थी, उन के सीने पर सिर रख कर उदास लेट जाती थी.

वह काफी देर तक उस हिस्से को सूंघती भी रहती थी और कभीकभी उदास हो कर खाना भी छोड़ देती थी. तब भी उन्हें समझ में नहीं आता था कि वह ऐसा क्यों कर रही है. मगर 4 महीने बाद एलिना को पता चला कि उन की ब्रैस्ट में एक ग्रंथि है. जांच के बाद उन्हें कैसर बताया गया. उन का औपरेशन हुआ और अब वे बिलकुल ठीक हैं. अब उन की रोजमैरी खुश रहती है. अब वह उन के बदन में उस स्थान को सूंघती भी नहीं है.

ऐसा कई बार पाया गया है कि मालिक के शरीर में कुत्तों ने किसी विशेष हिस्से में चाटना शुरू कर दिया और जांच कराने पर उन्हें कैंसर निकला. कुत्तों में सूंघने की क्षमता बहुत तीव्र होती है. वे कई किलोमीटर तक सूंघने की क्षमता रखते हैं. ऐसे में अब कुत्तों को कैंसर का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाने लगा है. इस के अलावा कुत्तों में विशेष प्रकार की संवेदनशीलता भी होती है जिस से वे सेंधमारों, चोरों, बदमाशों की हरकतों को भांप जाते हैं और भूंकने लगते हैं. अगर घर में कुत्ता पला है तो आप निश्चिंत हो कर बाहर भी जा सकते हैं.

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फेस कट के हिसाब से ऐसे करें मेकअप

हर किसी का फेस कट अलग होता है. हम अकसर सैलिब्रिटीज को कौपी तो करते हैं पर उस अनुसार मेकअप नहीं करने से हंसी का पात्र भी बन जाते हैं. जानिए, फेस कट के अनुसार किस तरह मेकअप करें कि लोगों की तारीफ भी मिले और खुद का आत्मविश्वास भी बढ़े:

ओवल शेप

कटरीना का फेस कट ओवल है. इस फेस कट पर मेकअप करने के लिए फाउंडेशन के बाद अपनी नाक को नुकीला लुक देने के लिए ब्रौंजर को नोज ब्रिज पर अप्लाई करें. फिर अपनी आईब्रोज को उन की नैचुरल शेप में ही बनाएं. अधिक धनुषाकार शेप देने से चेहरा और भी ओवल लगेगा. आंखों और होंठों में से किन्हीं एक को हाईलाइट करें. अपनी जौलाइन पर कंटूरिंग जरूर करें. इस से चेहरा पतला और स्टाइलिश लगता है. ध्यान रहे कि चीक ऐपल्स पर ब्लश न लगाएं. हां, चिन की आजूबाजू जरा सा ब्लश लगा सकती हैं. इस से भी ओवल लुक बदलता है.

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हार्ट शेप

दीपिका की तरह हार्ट शेप फेस कट पर परफैक्ट मेकअप करने के लिए अपनी स्किन टोन से 1 शेड डार्क फाउंडेशन अपने टैंपल्स के आसपास से लगाते हुए चिन तक ले जाएं. इस के ऊपर हाईलाइटिंग पाउडर लगाएं. इसे अपनी नाक के ऊपर भी लगाएं. नाक की दोनों तरफ ब्रौंजर से साइड शैडो दें. गालों पर थोड़ा ब्लश लगाएं और कंटूरिंग कर के चीक बोंस को उभारें. एक हलके कलर से अपने चीक ऐपल्स को ब्लश करें. आंखों के बजाय होंठों को ब्राइट लिप कलर से हाईलाइट करें ताकि ध्यान आप के होंठों पर जाए, आप की जौलाइन पर नहीं.

डायमंड शेप

मलाइका जैसा गौर्जियस लुक पाने के लिए अपने माथे, नोज ब्रिज और चिन के बीच में लिक्विड हाईलाइटर या फाउंडेशन लगाएं. इस से आप के चेहरे के बीच में ध्यान आकर्षित होगा. थोड़े गहरे रंग के ब्रौंजर पाउडर को माथे के ऊपरी हिस्से पर, चिन की टिप पर और चीकबोंस के साइड पर लगाएं, ऐसा करने से आप का चेहरा समानुपात लगेगा.

राउंड शेप

आलिया की तरह गोल चेहरे वालों को माथा, आंखों के नीचे का एरिया और चिन को ब्रोंजर से हाईलाइट करना चाहिए. चीक बोंस के नीचे या चीक ऐपल्स पर ब्लश लगा कर उन्हें डिफाइन करें. स्ट्रोक्स ऊपर की तरफ दें ताकि चेहरा पतला लगे.

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स्क्वेअर शेप

अनुष्का जैसे फेस कट वालों को माथे के कोनों, चीकबोंस, चिन और नोज ब्रिज पर कंटूरिंग करनी चाहिए. आंखों पर डार्क कलर के आईशैडो के प्रयोग से चेहरे पर आंखें उभर कर दिखाई देंगी. गालों और होंठों के लिए रोजी टोन का ब्लश रहेगा. कंटूरिंग के लिए गालों पर ब्रौंज कलर चुनें. थोड़ी सी अवेयरनैस और सही कौस्मैटिक प्रोडक्ट की मदद से आप को ब्यूटी क्वीन बनने से कोई नहीं रोक सकता.

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