7 टिप्स: ऐसे हटाएं मेकअप

गालों पर लाली, होंठ गुलाबी, आंखों में काजल और चेहरे की रंगत दोगुना बढ़ा कर कितना अच्छा लगता है न. यह मेकअप है ही कमाल की चीज़,  दरअसल मेकअप किसी आर्ट से कम नहीं. किसी के चेहरे को एक नया आकार देना. उसको खूबसूरत बनाना मेकअप से ही तो संभव है. आज के समय में स्कूल गर्ल्स हों या कौलेज गर्ल्स, हाउस वाइफ़ हों या वर्किंग वुमेन सभी मेकअप की शौकीन हैं.

मेकअप करते वक़्त हम अच्छे से अच्छा ब्यूटी प्रौडक्ट का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं ताकि हमारी त्वचा पर उसका कोई नकारात्मक असर न हो पाएं. घंटों जिस मेकअप को हम अपने चेहरे पर लगाएं घूमते हैं. हम अक्सर उसको हटाना भूल जाते हैं. मेकअप चाहे कितने भी अच्छे ब्रांड का क्यों न हो लेकिन सोने से पहले उसे हटाना हमारे चेहरे के लिए बहुत जरूरी होता है. मेकअप न हटाने पर ये आपकी त्वचा के छिद्रों को बंद कर देता हैं, जिससे आपके चेहरे पर मुहांसे, झुर्रियां जैसी समस्याएं हो जाती हैं.

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जिस तरह हम मेकअप करते वक्त खास ध्यान रखते हैं, उसी तरह मेकअप रिमूव करते वक़्त भी सही प्रौडक्ट का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. कई महिलाएं जो मेकअप के लिए तो महंगे- महंगे ब्यूटी प्रौडक्ट का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन बात जब मेकअप रिमूव करने की  बात आती है तो नौर्मल फेस वाश का ही इस्तेमाल कर लेती हैं. मेकअप हटाने के लिए सीधे  फेस वाश का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए,इससे मेकअप सही ढंग से रिमूव नहीं हो पाता है और स्किन भी खींची खींची नजर आती हैं.

मेकअप को हमेशा मेकअप रिमूवर से ही रिमूव करना चाहिए. अगर आपके पास मेकअप रिमूवर नहीं है या खत्म हो गया है तो आप घर पर ही मेकअप रिमूवर बना सकती हैं. इसके लिए आपको अतिरिक्त पैसे खर्च करने की भी जरूरत नहीं है. तो आइए बताते हैं.

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नारियल का तेल

खाने से लेकर बालों को चमकदार बनाने वाला नारियल का तेल हमारे त्वचा के लिए भी  बहुत लाभदायक है. नारियल तेल में बहुत से पोषक तत्व और विटामिन पाए जाते हैं जो हमारे त्वचा के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है. नारियल का तेल मेकअप रिमूवर का भी काम करता है. दरअसल, मेकअप में ऐसे पदार्थ होते हैं जो त्वचा से चिपक जाते हैं और आसानी से नहीं छूटते हैं. ऐसे में आप नारियल के तेल से आसानी से मेकअप को रिमूव कर सकती हैं. मेकअप को रिमूव करने के लिए नारियल के तेल को पूरे चेहरे पर लगाएं और 5 मिनट बाद कौटन से क्लीन कर लें. इससे आपका मेकअप भी रिमूव हो जाएगा और स्किन भी हेल्दी रहेगी.

दूध

दूध पीना जितना हमारे सेहत के लिए फायदेमंद है उतना ही यह हमारे चेहरे के लिए भी फायदेमंद है. मेकअप हटाने के लिए आप दूध का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. मेकअप हटाने के लिए मलाई वाले दूध का इस्तेमाल करें. पहले पूरे चेहरे पर दूध लगा लें और थोड़ी देर बाद कौटन से क्लीन कर लें. इससे आपका चेहरा क्लीन भी हो जाएगा और फ्रेश भी नजर आएगा.

शहद और बेकिंग सोडा

शहद और बेकिंग सोडा का मिश्रण किसी भी तरह के मेकअप को आसानी से रिमूव कर देता हैं.मेकअप को हटाने के लिए रुई लेंफिर उस पर शहद और एक चुटकी बेकिंग सोडा डाले. अब इससे पूरे चेहरे को क्लीन करे.

क्या आप भी मलाई जैसी मुलायम त्वचा चाहती हैं?

खीरा

सलाद में खाने वाला खीरा सौंदर्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. खीरे में विटामिन सी, के और बिटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे बालों और त्वचा को स्वस्थ रखने में बहुत लाभकारी माने जाते हैं. खीरे को नैचुरल क्लिंजर और टोनर की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है,जो त्वचा को डीपक्लिन्ज़िंग और त्वचा को ताजगी का अहसास कराता है. मेकअप रिमूव करने के लिए भी खीरा बहुत फायदेमंद है. खीरे को मेकअप रिमूवर के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए खीरे का पेस्ट बनालें अब उसमे बादाम का तेल मिलाएं. अब इस पेस्ट को पूरे चेहरे पर लगाएं और थोड़ी देर मसाज करके पानी से धो लें.

ऐलोवेरा और वैसलीन

एलोवेरा औषधीया गुणो से भरपूर पौधा है. एलोवेरा शरीर को स्वस्थ और चेहरे का सौंदर्य बरकारार रखने के लिए बहुत लाभदायक हैं.

वैसलीन त्वचा को रूखेपन से बचाता है और साथ ही त्वचा को माश्चराइज भी करता हैं.इस पेट्रोलियम जैली में किसी भी प्रकार का  हानिकारक कैमिकल नहीं होता. एलोवेरा और वैसलीन के मिश्रण से आप आसानी से मेकअप रिमूव कर सकती हैं. मेकअप रिमूव करने के लिए एलोवेरा और वैसलीन का मिश्रण बना लें. इस मिश्रण में वैसलीन की मात्रा ज्यादा रखें. अब इस मिश्रण को पूरे चेहरे पर लगालें और कॉटन के मदद से मेकअप क्लीन कर लें.

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मेकअप टिप्स (बौक्स के लिए)

  1. अगर आप मार्केट में बिकने वाला मेकअप रिमूवर का इस्तेमाल करती है तो हमेशा बिना अल्कोहल वाले मेकअप रिमूवर का ही इस्तेमाल करें. इससे त्वचा को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता औरचेहरे का ग्लो भी बरकरार रहता है.
  2. मेकअप लगा कर कभी नहीं सोना चाहिए. मेकअप लगाकर सोने से त्वचा के रोमछिद्र बंद रहते हैं और त्वचा को औक्सीजन नहीं मिल पाता. इस वजह से त्वचा पर छोटे-छोटे गड्ढे या स्पॉट्स बन जाते हैं,जिससे चेहरा भद्दा नजर आने लगता है.
  3. कभी भी मेकअप को रगड़कर न छुटाएं क्योंकि इससे त्वचा खुरदुरी हो जाती है और चेहरा खराब दिखने लगता है.
  4. मेकअप हटाने के बाद मौइस्चराइजर लगाना न भूलें.

मेल अंडरगारमेंट का बढ़ता बाजार

हाल के कुछ साल में भारत में पुरूषों के अंडरगारमेंट मार्केट में तेजी के साथ बदलाव हुआ है. अब ट्रेडिशनल अंडरवियर की जगह ब्रांडेड अंडरवियर तेजी से लोगों की पसंद बनती जा रही हैं. इसके चलते दुनिया भर के मेल अंडरगारमेंट ब्रांड अब भारत में अपनी मार्केटिंग करने के साथ-साथ शोरूम भी खोल रहे हैं. वहीं कुछ भारतीय ब्रांड भी इस सेगमेंट में बड़े उत्पादक बनकर उभरे हैं. इसके चलते इनरवियर का मार्केट अब 30 हजार करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है.

शर्ट पैंट अभी भी कुछ लोग दर्जी से सिलवा कर पहन रहे हो पर अंडरगारमेंट में होजरी के तैयार अंडरगारमेंट ही प्रयोग हो रहे है. इनमें भी साधारण अंडरगारमेंट की जगह पर ब्रांडेड अंडरगारमेंट का प्रयोग ज्यादा हो रहा है. इस कारण अब ज्यादा से ज्यादा बिजनेस मैन ब्रांडेड अंडरगारमेंट की तरफ आना चाहते है. पुरूषों की ड्रेस मैटेरियल के मुकाबले अंडरगारमेंट बिजनेस में ज्यादा मुनाफा होता है.

इन फैशन टिप्स को फौलो कर पाएं बौलीवुड एक्ट्रेस जैसा लुक

मेल अंडरगारमेंट बनाने वाली कंपनियां अब इसको ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार पर खूब जोर दे रही हैं. बड़े से बड़े कलाकार खिलाड़ी और दूसरे सेलेब्रेटी से इसका प्रचार कराया जा रहा है. इसके क्रिएटिव प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया दोनो के लिए ही तैयार हो रहे है. यह काफी लोकप्रिय भी हो रहे है. पुरूषों द्वारा पहने जा रहे पैंट-शर्ट या जींस-टीशर्ट की तुलना करें तो पुरूषों के अंडरगारमेंट का प्रचार ज्यादा हो रहा है. इसकी वजह यह है कि पुरूषों के द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों में अंडरगारमेंट का बाजार ज्यादा बड़ा है. पुरूष ब्रांडेड पैंट-शर्ट या जींस-टीशर्ट भले ही नहीं पहने पर वह अंडरगारमेंट ब्रांडेड पहनने लगे है. पुरूषों में खुद से अंडरगारमेंट खरीदने का सलीका नहीं होता. इस कमी को देखते हुये कंपनियां ज्यादा से ज्यादा प्रचार के जरियए अपने अंडरगारमेंट को लोगों तक पहुंचाना चाहती है. जिससे अंडरगारमेंट खरीदते समय केवल उनके ही प्रोडक्ट्स का नाम याद रहे.

भारत मे फेमस ब्रांड:

भारत में देश और विदेश के तमाम ऐसे ब्रांड है जो पसंद किये जाते है. पुरूष अपने अंडरगारमेंट केवल ब्रांड के प्रचार को देखकर ही खरीदते है. इस वजह से अंडरगारमेंट के प्रचार में पुरूषो के खास पौरूष को भी इंगित किया जाता है. जो केवल पुरूष ही नहीं महिलाओं पर भी असर डालता है. पुरूषों के अंडरगारमेंट इस कदर लोकप्रिय हो रहे है कि कुछ ब्रांड तो शहर-शहर अपने स्टोर खोल रहे है जहां उनके ही ब्रांड मिलते है. ‘रूपा’ भारत के सबसे पुराने मेन्स अंडरवियर ब्रांड में से एक है. बहुत से बौलीवुड स्टार भी इसके प्रचार कर चुके हैं. इसके बाद ‘अमूल’ भी बड़ा ब्रांड है. ‘क्रोमोजोम’भारतीय पुरुषों और खासकर यंग लोगों के बीच बेहद फेमस ब्रांड है. इसके प्रोडक्ट कई स्टाइल, रेंज और कलर में मौजूद हैं. ‘जौकी’इंडियन मिडिल क्लास के बीच सबसे पौपुलर ब्रांड है. ‘मार्क्स एंड स्पेंसर’भारत में मशहूर एक और इंटरनेशनल ब्रांड है. देश के ज्यादातर बड़े शहरों में इस कंपनी के अपने स्टोर खुले है. ‘यूनाइटेड कलर्स औफ बेनटेन’बेहद खास प्रिंट होने के चलते दुनिया भर में फेमस ब्रांड है. कंपनी हर साल प्रोडक्ट नई रेंज के साथ लौन्च करती है.

4 टिप्स: लड़कियां ऐसे चुने परफेक्ट इनरवियर

‘नौटिका’ मूल तौर पर बीच वियर ब्रांड बनाती है. लेकिन अंडरवियर मार्केट में भी मौजूद है. भारत के बड़े शहरों में इनके स्टोर मौजूद हैं. ‘टौमी हिलफिगर’इंटरनेशनल ब्रांड के लगभग हर

शहर में अपने स्टोर हैं. यह मूल तौर पर गारमेंट बिजनेस में सक्रिय है.‘एंपोरिया अर्मानी’ गारमेंट इंडस्ट्री का मशहूर इंटरनेशनल ब्रांड है. उच्च वर्ग के प्रीमियम सेगमेंट में इस ब्रांड को बेहद पसंद किया जाता है. ‘कैल्विन क्लेन’भारत में मौजूद एक और इंटरनेशनल ब्रांड है. ज्यादातर प्रीमियम सेगमेंट में ही इसकी मार्केटिंग होती है. ‘हैंस’ दुनिया भर में बेहद फेसम अंडरगारमेंट ब्रांड है. भारत में भी अब इसे काफी पंसद किया जाता है.

समझदारी से करे अंडरगारमेंट की खरीददारी:

ज्यादातर पुरुषों को नहीं मालूम कि जो अंडरवियर उन्होंने पहनी है. वो उनके माफिक है भी या नहीं. आमतौर पर पुरूष दुकानों पर जाते हैं और जिस अंडरगारमेंट को देखा होता है खरीद लेते हैं. अंडरगारमेंट खरीदने में जल्दबाजी ना करे समझदारी से काम ले. रिसर्च कहता है कि पुरुष अंडरगारमेंट्स खरीदते हुए ज्यादा वक्त नहीं लगाते. न ही फिटिंग्स पर खास ध्यान देते हैं. पुरुष

आमतौर पर ब्रांड, मौडल,साइज वगैरह के अलावा शायद ही सोचते हों कि इन्हें कब अंडरगारमेंट बदल देना चाहिए. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो सीधा असर हेल्थ पर भी पड़ सकता है. सही साइज की अंडरवियर पहनने का सीधा असर पुरुषों की सेक्सुअल हेल्थ पर पड़ता है. ये इनफर्टिलिटी को घटाने की वजहों में मददगार साबित होता है. लिहाजा इस पर ध्यान देने की जरुरत है.

4 समर फैशन टिप्स: वाइट के साथ बदलें 

300 भारतीय पुरुषों पर एक सर्वे किया गया. जिसमें पाया गया कि 75 फीसदी पुरुष अंडरवियर को सिर्फ जरूरत के लिए खरीदते हैं. उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि मार्केट में नया या ट्रेंडी क्या है. फ्रांस में हुए एक रिसर्च में बताया गया है कि 90 के दशक के बाद पूरी दुनिया में स्पर्म काउंट मतलब प्रति मिलीलीटर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या व इनकी गुणवत्ता में बड़ी गिरावट आई है. इसका एक कारण अंडरवियर को भी माना गया है. रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि रात के समय में अंडरवियर ना पहनने से इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है.

हेल्थ पर असर डालते हैं खराब अंडरगारमेंट…

शोध में यह भी पाया गया कि 1985 से 2005 के बीच के समय में पुरुषों के स्पर्म काउंट में 30 प्रतिशत तक की कमी आई है. शोध के मुताबिक आज के समय में स्वस्थ्य शुक्राणु भी आसानी से नहीं मिल पा रहे हैं. कसावट वाली अंडरवियर पहनने वालों पर इसका अधिक दुष्प्रभाव हुआ है. फ्रांस के पुरुषों के स्पर्म काउंट में एक तिहाई तक गिरावट देखी गयी. इसके पीछे खराब खान-पान,डाइटिंग और टाइट फिटिंग के कपड़े पहनने आदि कारणों को मुख्य वजह बताया है. उनके मुताबिक खासतौर पर टाइट अंडरवियर पहनने से वीर्य पर असर पड़ता है. अधिक तापमान शुक्राणुओं की संख्या व गुणवत्ता के लिए नुकसादायक साबित हो सकते हैं. संभवतः इसी वजह से हाल ही में पुरुषों को शुक्राणुओं की संख्या या एकाग्रता में कमी के डर से

अंडरवियर पहनने से बचने की सलाह दी जाती है. अधिक तापमान शुक्राणुओं की संख्या व गुणवत्ता के लिए नुकसादायक साबित हो सकते हैं. इसी वजह से हाल ही में पुरुषों को शुक्राणुओं की संख्या या एकाग्रता में कमी के डर से टाइट अंडरवियर पहनने से बचने की सलाह दी गई. अगर अच्छे किस्म के अंडरवियर न पहने जाये तो खुजली,एलर्जी और इन्फेक्शन की संभावना बढ जाती है. घर से निकलने पर आपको अंडरवियर पहनना चाहिये. इससे पसीना सूखता रहता है और एक अतिरिक्त सुरक्षा परत भी बनी रहती है.

सोते समय ना पहने अंडरगारमेंट…

अंडरवियर ना पहनने का सही समय रात का समय होता है. रात को सोने से पहले शावर लेना और फिर बिना अंडरवियर के अपने स्लीपिंग सूट में सोना सुखद अहसास देता है. इससे काफी आरामदायक महसूस होता है और विशेष अंगों का वेंटिलेशन बना रहता है. रात को अंडरवियर ना पहन कर सोने से एक और फायदा ये है कि आपकी सेक्स लाइफ को फायदा होता है. जननांगो की स्वच्छता बेहतर स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी चीज होती है. जो लोग सिंथेटिक अंडरवियर पहनते हैं. उनके लिये ये नुकसानदायक हो सकता है. क्योंकि सिन्थेटिक अंडरवियर जल्दी सूखती नहीं है. जिससे पसीने की वजह से वहां यीस्ट इंफेक्शन, गीलेपन की वजह से खुजली होना तथा बदबू आने को जोखिम हमेशा बना रहता है. सिन्थेटिक अंडरवियर से तापमान भी अधिक रहता है जो स्पर्म काउंट और उसकी गुणवत्ता के लिये अच्छी बात नहीं है. सोते समय अंडरगारमेंट का प्रयोग ना करे. खुजली,त्वचा इंफेक्शन और कभी कभी नमी से इंफेक्शन का खतरा बढ जाता है. पसीने से बैक्टीरिया पनपने का खतरा रहता है. अक्सर ही मौसम गर्म रहने पर आपके शरीर से हर जगह पसीना निकलता है. शरीर के अन्य हिस्सों को जहां प्राकृतिक तौर पर सूखने का मौका खुले रहने के कारण मिलता है. आपके अंडरगारमेंट वाला शरीर का यह खास हिस्सा बैक्टेरिया का घर बना रहता है. ऐसे में बैक्टीरिया से होने वाले इंफेक्शन का भी खतरा बना ही रहता है. रात में अंडरगारमेंट्स न पहनने पर इस समस्या से बचा जा सकता हैं.

समर ब्राइडल ड्रैस का नया ट्रैंड

महिलाएं वर्जनाओं को तोड़ रही हैं: स्मृति मंधाना

स्मृति मंधाना भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ओर से खेलने वाली क्रिकेटर हैं. वह आईटीसी के प्रमुख पर्सनल केयर ब्रांड विवेल की ब्रांड अंबेस्टर है. भारत की सब से युवा क्रिकेटरों में से एक होने के नाते 22 वर्षीया मंधाना ने इस खेल में अब तक कई सारे रिकौर्ड और उपलब्धियां अपने नाम किए हैं.

मंधाना को पहली सफलता तब मिली जब वह अक्टूबर 2013 में एकदिवसीय मैच में डबल शतक हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. गुजरात के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए उन्होंने वडोदरा में अल्मबिक क्रिकेट ग्राउंड पर वेस्ट जोन अंडर 19 टूर्नामेंट में 150 गेंदों पर नाबाद 224 रन बनाए.

अपने कैरियर की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक उपलब्धि उन्होंने जून 2018 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड  (बीसीसीआई ) की ओर से सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटर होने के तौर पर हासिल किया . इस के अलावा दिसंबर 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद( आईसीसी ) ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर के लिए रेचेल हेयोइ-फ्लिंट अवार्ड से सम्मानित किया है. इस के साथ मंधाना ने आईसीसी की सर्वश्रेष्ठ महिला वनडे खिलाड़ी का खिताब भी जीता है.

प्रकृति के नियमों पर कैसे चढ़ा धार्मिक रंग

अपनी रैंकिंग में सुधार जारी रखते हुए स्मृति भारत की तीसरी ऐसी क्रिकेटर है जिन्होंने विश्व टी-20 मैचों में 1000 रन बना लिए हैं. स्मृति ने जब गुवाहाटी में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी -20 मैच का नेतृत्व किया था तो वह भारत की सब से युवा टी -20 कप्तान बन गई.

इस मुकाम तक पहुंचने के लिए आप को किनकिन संघर्षों से जूझना पड़ाआप की सफलता का राज क्या है ?

जब आप अच्छा प्रदर्शन नहीं करते लेकिन सिर्फ महिला होने के नाते इस खेल में लगातार अपनी जगह बनाए हुए हैं तो आप को उस की कीमत चुकानी पड़ सकती है. एक ओर तो मेरे समकक्ष पुरुष खिलाड़ियों से उन के खेल या प्रदर्शन के बारे में सवाल किए जाते हैं. जब कि मुझ से सिर्फ महिला होने से जुड़े घिसे-पिटे सवाल ही किए जाते हैं. ऐसे में मुझे बड़ी निराशा होती है. मेरी सफलता का राज मुझे मिल रहा सहयोग है जिस कारण मैं सामाजिक दायरे की स्थिति से ऊपर उठ पाई हूं. इस से मुझे स्वतंत्र हो कर विकल्प चुनने में मदद मिली और बिना किसी समझौते के अपने सपनों को साकार करने में जुटी हूँ.

क्रिकेट को हमेशा लड़कों का खेल माना जाता है. इसमें आप की दिलचस्पी में कैसे जगी?

यह उस समय की बात है जब मैं सिर्फ 6 साल की थी. मेरे पिता और भाई क्रिकेट खेलते थे. मैं भाई की प्रैक्टिस में सहायता करती थी. उसी दौरान धीरे-धीरे मेरी दिलचस्पी भी इस खेल में बढ़ने लगी.

ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे

महिला होने के नाते क्या आप को आगे बढ़ने में कभी असुरक्षा की भावना भी महसूस होती है?

नहीं. मेरे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ. मेरा पक्का विश्वास है कि यदि कोई महिला अपने पूरे मनोयोग से जुट जाए तो उसे अपने सपनों को हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता. एक खिलाड़ी होने के नाते असुरक्षा की भावना तब होती है जब अपने कैरियर के दौरान हम बुरे दौर से गुजर रहे होते हैं. लेकिन असुरक्षा की इस भावना का महिला या पुरुष के लिंग से कोई लेनादेना नहीं होता.

आईटीसी विवेल के साथ अपने जुड़ाव के बारे में बताएं. क्रिकेट का एक उभरता सितारा होने के नाते आप ब्रांड के अब समझौता नहीं‘  के प्रस्ताव को कैसे साकार हो करती है?

मैं खुश हूं कि मैं ऐसे परिवार से आती हूं जहां लड़के और लड़की में भेदभाव नहीं किया जाता है. मुझे अपनी पूरी जिंदगी चुनने की आजादी थी और इस के लिए मेरे परिवार ने मुझे सहयोग किया. हालांकि जब आप बाहरी दुनिया में निकलते हैं तो आप के लिए यह बहुत मुश्किल लगता है. महिलाओं को व्यवहार के तौरतरीकों के दायरे में बांध दिया जाता है और मैं इनमें से किसी में भी फिट नहीं बैठी हूं क्यों कि मैं ने एक ऐसे खेल को चुना जिसे अब तक जेंटलमैन का खेल कहा जाता था.

मुसीबत का दूसरा नाम सुलभ शौचालय

मैं एक ऐसे ब्रांड का हिस्सा बनने को ले कर उत्साहित हूँ जो घिसीपिटी और रूढ़िवादी मान्यताओं में यकीन नहीं करता. मैं एक ऐसी विवेल वीमेन का प्रतिनिधित्व करती हूँ जो पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने नारीत्व को स्वीकार करती है, अपने सपनों को पूरा करती है और सशक्त समाज के समर्थन में खड़ी होती है. मैं यह नहीं मानती कि महिला होने के कारण जुनून या शारीरिक क्षमता के लिए विकल्प सीमित हो जाते हैं. मुझे लगता है कि यह एक मानसिकता है जो आप को कुछ हद तक जीत या हार स्वीकार करने की शक्ति देती है और आप को अधिक से अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है.

अपनी फिटनेस के लिए आप क्या करती हैं? आप का डाइट प्लान क्या है ?

मैं टीम के न्यूट्रीशनिस्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन करती हूं. मैं मांसाहारी नहीं हूं, इसलिए अपनी डाइट में प्रोटीन की खुराक का काफी ध्यान रखती हूं. लिहाजा मैं अपने भोजन में प्रोटीन शेक, अंडे और सोयाबीन का भरपूर इस्तेमाल करती हूं. मैच से पहले मैं फिट रहने के लिए आसान जिम सेशन का पालन करती हूँ लेकिन ऑफ सीजन के दौरान कड़ी मेहनत करनी होती है. मैं रोजाना दौड़ लगाती हूँ और ताजगी के लिए भरपूर स्नान करती हूं.

आप अपना आदर्श और प्रेरणा स्रोत किसे मानती है?

मैं अपने पिता और भाई को अपना पहला आदर्श मानती हूँ क्यों कि उन्हीं की बदौलत मैं ने क्रिकेट खेलना शुरू किया. जब मैं ने क्रिकेट देखना शुरू किया तो मुझे मैथ्यू हेडन बहुत अच्छे लगे. इस के बाद संगकारा के कलात्मक शॉट की प्रशंसक बानी. अब विराट का खेल देखना मुझे अच्छा लगता है. जिस तरीके से वे अपना खेल फिनिश करते हैं वह वाकई प्रेरणादाई होता है.

सैक्स संबंधों में उदासीनता क्यों?

आप खुद के लिए कितना समय निकालती हैं?

एक प्रोफेशनल क्रिकेटर होने के नाते मेरा खुद का समय क्रिकेट का क्रीज है जहां हम ज्यादातर समय बिताते हैं. दिनभर की प्रैक्टिस के कठिन दौर के बाद तरोताजा बने रहने का मूल मंत्र है, लंबे समय तक स्नान करते रहना. इस से मुझे भरपूर ताजगी मिलती है. उस समय में बिल्कुल आराम की मुद्रा में रहती हूं और अपने खेल के बारे में विश्लेषण करती हूं.

आप को प्रेरित करने वाली अंदरूनी शक्ति क्या है ?

जीवन के प्रति मेरा नजरिया और एक सूत्रवाक्य , समझौता नहीं.

महिलाओं पर लागू वर्जनाओं और प्रतिबंधों के सन्दर्भ में आप क्या कहेंगी 

आज कल किसी भी प्रोफेशन से जुड़ी महिलाएं वर्जनाओं को तोड़ रही है. यह कठिन सफर रहा है लेकिन यह देखना रोचक है कि कई पुरुष भी उन के समर्थन में इस ग्लाससीलिंग को तोड़ने के लिए आगे आ रहे हैं.

आप की नजर में आत्मविश्वास क्या है?

आत्मविश्वास बड़े सपने देखने की इच्छा शक्ति और सपने को पूरा करने के प्रति समर्पण भाव है.

खतरे में है व्यक्तिगत स्वतंत्रता

edited by rosy

मदर्स डे स्पेशल: मां के नाम अपने जज्बात

मेरी प्यारी मां,

मैं ससुराल में खुश तो हूं, पर तुम्हारी कमी सी महसूस होती है. लेकिन ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि मेरी भाभी, मेरी मां का इतना ख्याल रखे, इतना प्यार दे, कि उन्हें कभी भी मेरी कमी महसूस न हो.

तुम्हारी समझाइश के अनुसार मैं तुम्हारी याद में रोती तो नहीं, पर हां !आंखों में कुछ नमी सी है. तुम्हारा हर दर्द अब महसूस होता है जब खुद एक मां बन गई हूं. जब-जब सभी को गर्म खाना खिलाकर, खुद ठंडा खाने को बैठती हूं, तब पहला निवाला तुम्हें खिलाने को जी करता है.

याद आता है थक जाने पर वो तेरा,  मेरे पैरों को दबाना, और आज जब दूर हूं  तो मेरा, तुम्हारे पैरों को दबाने को जी करता है. जब स्कूल से आती थी, झट से कहती थी आ.. बदल ले आके कपड़े, फिर भी मैं फिरती थी तुमसे अकड़े-अकड़े.

आज मां तुम्हें, अपनी बाहों के गर्म शौल पहनाने को जी करता है. मां मुझे सब याद है, मेरे भीगे बालों को अपने पल्लू से सुखाना, रातों को थपथपाकर वो तेरा, मुझको सुलाना. आज खुद लोरी गाकर, तुम्हें सुलाने को जी करता है.

आंखें कमजोर हो गई थी तुम्हारी, चूल्हे  पर रोटी बनाते-बनाते, आज तुम्हारी कमजोर आंखों से गिरते हुए हर इक आंसू को पलकों पर उठाने को जी करता है. मेरे जन्म के लिए मन्नते मांगने वाली मां ! आज तुम्हारी खुशियों के लिए मेरा भी, एक मन्नत उठाने को जी करता है. मुझे अकेली पालकर, सभी कुछ तो हार दिया मुझ पर, आज अपना सब कुछ हारकर अपनी मां को जिताने को जी करता है. मुझ पर अपना सब कुछ लुटाने वाली मां ! तुझ पर अपना अस्तित्व लुटाने को जी करता है.

देख! आज तेरे आंचल का अमृत पीकर,
सीमा का अस्तित्व कहां खड़ा है.
सच! मां तेरा दर्ज़ा उस ईश्वर से भी बड़ा है।।

तुम्हारे प्यारभरे पत्र के इंतज़ार में

तुम्हारी लाडो
सिम्मी।

लेखिका (सीमा शिवहरे “सुमन“), भोपाल

पारसी एक्टर्स को लेकर करण की नई स्टूडेंट ने किया ये खुलासा…

आखिर पारसी मूल के कलाकार हिंदी सिनेमा से दूरी क्यो बनाकर रखते हैं? इस तरह के कई सवाल जब हमने ‘‘धर्मा प्रोडक्शन’’ की पहली फीमेल पारसी एक्ट्रेस तारा सुतारिया के सामने रखा, तो उन्होंने बड़ी बेबाकी से इसके लिए पारसियों की परवरिश को ही जिम्मेदार ठहराया. तारा नृत्य व औपेरा संगीत जगत में अपनी एक अलग पहचान राने वाली पारसी मूल की कलाकार हैं.

हाल ही में मुंबई के पांच सितारा होटल में फिल्म ‘‘स्टूडेंट औफ द ईअर 2’’ के सिलसिले में बातचीत करने के लिए तारा सुतारिया से हमारी मुलाकात हुई, तो हमने उनके सामने पारसी मूल के कलाकारों को लेकर कई सवाल रखे, जिसका तारा सुतारिया ने एक्सलूसिव जवाब हमें दिए.

हमने तारा सुतारिया से पूछा-‘‘आप खुद पारसी हैं और पारसी थिएटर की एक बहुत पुरानी परंपरा रही है.पारसी थिएटर लोगों को बहुत पसंद भी आता रहा है. इसके बावजूद इन दिनों पारसी थिएटर लप्त होता जा रहा है. इसकी वजहें क्या हैं और क्या आपने पारसी थिएटर पर कुछ काम किया है? इस पर तारा सुतायिर ने कहा-‘‘मैंने पारसी नाटक देखे जरूर हैं. दक्षिण मुंबई में तो पारसी थिएटर का अपना गढ़ रहा है. लोग पारसी थिएटर को बहुत पसंद भी करते थे.दो साल पहले मैंने एनसीपीए में ही दो पारसी नाटक देखे थे.पर धीरे धीरे पारसी थिएटर की परंपरा लुप्त हो रही है. मैं और मेरी मां अक्सर यह सोचते हैं कि जब हम पारसी लोग थिएटर में इतना अग्रणी थे,तो फिर अब डूब क्यों रहे हैं? अभी तक तो मुझे इसका जवाब नहीं मिला कि पारसी थिएटर लुप्त क्यों हो रहा है.’’

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खुलासा: इस मामले में टाइगर की बराबरी नही कर सकतीं अनन्या पांडे

जब हमने तारा सुतारिया से कहा ‘‘बौलीवुड से पारसी कलाकार बहुत कम जुड़ते हैं?’ तो तारा सुतारिया ने कहा- ‘‘आपने एकदम सही कहा. मैं और मेरी मम्मी अक्सर इस विषय पर बात करते हैं कि बॉलीवुड में पारसी कलाकार न के बराबर क्यों हैं? मैंने अपने परिवार को और अपने पारसी दोस्तों को नजदीक से देखा है, उससे मुझे जो बात समझ आयी वह यह है कि हम पारसी वेस्टर्न की तरफ ज्यादा आकर्षित हैं. हम वेस्टर्न नाइज तरीके से रहते हैं और अंगे्रजी में ही बात करना पसंद करते हैं, जबकि बौलीवुड के लिए हिंदी भाषा का ज्ञान होना जरूरी है. शायद यही वजह है कि बौलीवुड में पारसी कम हैं, पर मुझे उम्मीद है कि मैं इसे बदल कर रहूंगी. मैं बौलीवुड में सफलता के झंडे गाडूंगी, क्योंकि मुझे हिंदी बहुत पसंद है.’’

अपनी बात को जारी रखते हुए तारा सुतारिया ने आगे कहा-‘‘दूसरी वजह यह है कि पारसी बच्चे जिस माहौल में परवरिश पाते हैं,उसका भी उन पर असर होता है.इसलिए वह बौलीवुड की बजाय वेस्टर्न चीजों की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं.पर मैं चाहती हूं कि दूसरे पारसी भी बौलीवुड से जुडे़ं.’’

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बता दें, बौलीवुड में पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ का निमार्णकर पारसी फिल्मकार आरदेशीर ईरानी ने एक नए इतिहास का सूत्रपात किया था. उसके बाद पारसी मूल के जेबीएच और होमी वाडिया ने भी कई फिल्में बनायी. फिर पारसी मूल के ही सोहराब मोदी ने कई फिल्मों का निर्माण व उनमें अभिनय किया.

1931 से 2019 के बीच बौलीवुड फिल्मो में अभिनय करने वाले पारसी मूल के कलाकारों में डेजी ईरानी, हनी ईरानी, अरूणा इरानी, नरगिस राबाडी उर्फ शम्मी,परसिस खंबाटा, दिनयार काट्रेक्टर,शेरनाज पटेल, पेरीजाद जोराबियन, शेरनाज टायरवाला, कुरूश डेबू, बोमन ईरानी, फ्रेडी दारूवाला, जिम सर्भ, अमारा दस्तूर जैसे चंद कलाकारों ने ही अभिनय किया है. इनमें से अरूणा ईरानी,बोमन ईरानी,शम्मी जैसे कुछ पारसी मूल के कलाकारों के ही नाम आम लोगों की जुबान पर हैं.

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5 स्किन टिप्स: गरमी में संतरे का छिलका आएगा बहुत काम

अक्सर हम संतरा खाकर उसका छिलका डस्टबिन में फेंक देते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि संतरा जितना सेहत के लिए हेल्पफुल है संतरे का छिलका उतना ही स्किन के लिए फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद एंटी-औक्सीडेंट गुण स्किन और बाल दोनों को निखारने का काम करता है. संतरे के छिलके को आप धूप में सूखाकर पाउडर बनाकर फेस के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. आज हम आपको संतरे के छिलके के उन फायदों के बारे में बताएंगे, जिससे आप संतरे के छिलके को अपनी स्किन पर लगाने के लिए मजबूर हो जाएंगें. तो जानते हैं इसके फायदे…

1. टैनिंग दूर करने के लिए करें इस्तेमाल

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संतरे के छिलके के पाउडर को हनी के साथ मिलाकर लगाने से टैनिंग दूर हो जाती है और चेहरे पर निखार आता है.

2. स्किन के छोटे सेल्स को खोलने में मददगार

beauty

संतरे के छिलके के पाउडर में कुछ मात्रा दही की मिलाकर इसे फेस पर लगाने से छोटे सेल्स खुल जाते हैं और साथ ही ब्लैक हेड्स भी साफ हो जाते हैं.

3. कील मुंहासों की प्रौब्लम्स के लिए है इफैक्टिव

संतरे के छिलके का पाउडर स्किन पर मौजूद सारी गंदगी को साफ कर देता है. इस पाउडर में थोड़ी सी मात्रा गुलाब जल की मिलाकर लगाने से कील-मुंहासों की प्रौब्लम को दूर करने में फायदा होता है.

4. दाग-धब्बे दूर करने में है मददगार

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संतरे के छिलके में रंगत साफ करने में मददगार होता है. जिसके चलते किसी भी प्रकार के दाग-धब्बे को दूर करने में ये बहुत ही कारगर होता है

5. बालों के लिए भी फायदेमंद

tips for hairfall

संतरे का छिलका न केवल स्किन के लिए फायदेमंद है बल्क‍ि बालों के लिए भी किसी मैडिसिन से कम नहीं है. ये रूसी दूर करने में बहुत ही कारगर है. साथ ही अगर आपके बाल बहुत ज्यादा गिर रहे हैं और अपनी चमक खो चुके हैं तो भी संतरे का छिलका इस्तेमाल किया जा सकता है.

घर पर पुलाव के साथ परोंसें मिक्स अचार

गरमी हो चाहे सरदी, चावल , रोटी या हो पुलाव अचार के साथ खाना कोई नहीं भूलता. इंडियन किचन में अगर अचार न मिले तो यह अजीब लगता है. तो आइए आज हम आपको कैसे घर पर टेस्टी और हेल्दी मिक्स अचार बनाने की रेसिपी बताते हैं, जिसका मजा आप कई महीनों तक ले सकते हैं . साथ ही अपने परिवार और दोस्तों की वाह-वाही भी बटोर सकते हैं.

हमें चाहिए…

1 कटोरी (कटी हुई) कच्चे आम

1 कटोरी (कटी हुई) फूल गोभी

1 कटोरी (कटी हुई) गाजर

1 कटोरी (कटे हुए) नींबू

1 कटोरी (बारीक कतरी हुई) हरी मिर्च

1 छोटा चम्मच (कुटी हुई) सौंफ

1 छोटा चम्मच (कुटा हुआ) खड़ी धनिया

1 छोटा चम्मच (कुटी हुई) राई

1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर

1/2 छोटा चम्मच  लाल मिर्च पाउडर

2 नग (साबुत) लाल मिर्च,

4-6 नग करी पत्ता

1 चुटकी हींग

2 बड़े चम्मच  सफेद सिरका

1/2 कप सरसों का तेल

नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

-सबसे पहले पानी गरम में 1 छोटा चम्मच नमक मिलाकर उसमें गोभी के टुकड़े डाल दें और 10-15 मिनट के लिये ढक कर रख दें. साथ ही सभी सब्जियों को अच्‍छी तरह से धो लें.

-अब एक बर्तन में इतना पानी गरम करें कि उसमें सारी सब्जियां डूब सकें. पानी में उबाल आने पर, उसमें सारी कटी हुई सब्जियां डाल दें और 3-4 मिनिट उबाल लें. इसके बाद गैस बंद कर दें और सब्जियों को पांच मिनट तक ढकी हुई रखी रहने दें.

-इसके बाद सब्जियों का सारा पानी निकाल दें. फिर मोटे कपडे के सारी सब्जियों को धूप में फैला दें और 5-6 घंटे सुखा लें, जिससे उनका सारा पानी निकल जाए.

– अब सब्जियों को बर्तन में पलट लें और उसमें सौंफ, धनिया, हल्दी, लाल मिर्च और हींग और एक बड़ा चम्‍मच सरसों का तेल डालकर अच्छी तरह से मिला लें. इसके साथ ही सिरका भी डालें और मिक्‍स कर लें.

– अब एक फ्राई पैन में बचा हुआ सरसों का तेल गरम करें. तेल गरम होने पर उसमें राई, करी पत्ता, और साबुत लाल मिर्च को तोड़ कर डालें और हल्‍का सा भून लें. इसके बाद गैस बंद कर दें और तेल को ठंडा हो जाने दें. फिर उसे सब्जियों में मिला दें.

-इसे सूखे कांच या प्लास्टिक कन्टेनर में भर कर रख लें और हर दूसरे दिन सूखे चम्‍मच से अचार को ऊपर नीचे कर लें. 3-4 दिनों में अचार खट्टा और स्वादिष्ट हो जाता है. इसके बाद इसे पुलाव या दाल चावल या परांठे के साथ परोसें

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जानें इंटीमेट सीन को लेकर क्या बोलीं टीवी की लाडली ‘बेटी’

टीवी सीरियल ‘एक वीर की अरदास वीरा’ में एक साधारण लड़की का किरदार निभाकर अभिनय करियर की शुरूआत करने वाली अभिनेत्री दिगांगना सूर्यवंशी अब तेलगू फिल्म ‘हिप्पी’ में अभिनेता कार्तिकेय के संग बोल्ड किरदार में नजर आने वाली हैं. यूं तो वह सीरियल ‘एक वीर की अरदास वीरा’ के बाद तीन बौलीवुड फिल्मों ‘जलेबी’, ‘फ्रायडे’ और ‘रंगीला राजा’ में नजर आ चुकी हैं. मगर इन फिल्मों से उनकी कोई पहचान नहीं बनी.

बहरहाल,अब 5 जून को रिलीज के लिए तैयार तेलगू फिल्म ‘हिप्पी’ में दिगांगना सूर्यवंशी स्टीमी किसिंग सीन करते हुए नजर आने वाली हैं. इस पर दिगांगना कहती हैं- ‘‘मैं नहीं मानती कि दर्शक इस फिल्म को महज इंटीमेसी सीन के लिए देखने जाएगा. अब दर्शकों की सोच बदल चुकी है. वह काफी मैच्योर हो चुके हैं. युवा पीढ़ी फिल्म में उत्कृष्ट कहानी व कलाकारों की परफार्मेंस देखने के लिए जाती है. फिल्म की कहानी पर निर्भर करता है कि वह किस तरह इंटीमेसी को आगे ले जाती है. इस सीन के फिल्मांकन के दौरान मैं बहुत सहज थी. जबकि सीन व तकनीकी विवरण मेरे दिमाग में सतत घूम रहे थे. एक कलाकार के तौर पर निरंतर खुद को विकसित करना चाहती हूं, इसलिए मै हर तरह के चुनौतीपूर्ण किरदार निभाना चाहती हूं. मैं दर्शकों के सामने अपनी बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन करना चाहती हूं.’’

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क्या बिग बौस की हौट कंटेस्टेंट ने की गुपचुप सगाई? फैंस ने पूछा सवाल 

दिगांगना सूर्यवंशी का कैरियर लगातार आगे बढ़ रहा है. उन्हे बौलीवुड में एक बड़े बैनर की फिल्म के लिए अनुबंधित किया गया है,मगर दिगांगना चाहती हैं कि पहले निर्माता की तरफ से इसकी घोषणा हो जाए,फिर वह उस पर बात करना चाहेंगी.

फिगर भी बर्गर भी…

ज्यादा खाने से मोटापा बढ़ता है और एक्सरसाइज करने व सेहतमंद भोजन से अच्छी फिगर बनती है, यह ठीक है पर आखिर ये फिगर और फूड का संबंध इतना अच्छा नहीं है जितना हम सभी चाहते हैं. फिगर भी बनानी है और बर्गर दिन में 3 बार खाना भी है. उसके बाद पछताना भी है लेकिन खाना नहीं छोड़ना.

इस पर या तो अपने खाने की आदतों में सुधार करने की जरूरत है या फिगर पाना भूलने की. अब फिगर पाने की चाह को मारना आसान नहीं है. आखिर होगा भी कैसे, जब टीवी देखो तो एक से एक जीरो साइज फिगर की अभिनेत्रियां नजर आती हैं. इंस्टाग्राम खोलो तो सुडौल शरीर की मौडल. फैशन में ड्रैसेज ऐसी बनने लगी हैं जिन में यदि पेट एक इंच भी बाहर दिख जाए तो ड्रैस का लुक खराब हो जाता है और पैर जरा मोटे हों तो शौर्ट्स पहनना बेकार.

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1 अपनी पसंद के डिजाइन वाले कपड़ों का साइज न आना

कितनी बार तो होता यों है कि अपनी पसंद के डिजाइन वाले कपड़ों का साइज इतना ज्यादा छोटा होता है कि जीरो साइज से एक साइज ज्यादा वाला भी उन्हें नहीं पहन सकता. सो, फिगर को भूल पाना तो नामुमकिन ही है क्योंकि फिगर भूल कर आप आगे बढ़ने की कोशिश करें भी तो आप के आसपास वाले आप के रास्ते में रोड़े बन कर खड़े हो जाएंगे.

सेहत भी शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति की ही अच्छी होती है तो फिगर में रहने की जरूरत भी है. लेकिन फिगर की जो समझ हमें दी जा रही है, असल में वह ठीक नहीं है. ऐसे भी तरीके हैं जिन से आप फिगर में बने भी रह सकती हैं और आप को अपने बर्गर का त्याग भी नहीं करना पड़ेगा.

2 फिगर की गलत परिभाषा से निकलना

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हम सभी के लिए सही फिगर वह है जिसे हम फिल्मों और अखबारों में आए दिन देखते हैं. वर्तमान समय में आप जितनी पतली दिख सकती हैं उतनी दिखें क्योंकि अच्छी फिगर की परिभाषा ही यह बन गई है, पतला दिखना. पेट अंदर होना चाहिए, कमर पतली होनी चाहिए, वक्ष और नितंब का आकार जितना ज्यादा बाहर की तरफ हो उतना अच्छा और न भी हो तब भी ठीक है. बस, पतली दिखनी चाहिए.

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यह ज्यादातर लड़कियों में है. पर ऐसी फिगर को पाने के लिए वह अपने खाने को लेकर इतनी गंभीर हो जाती हैं कि आसानी से ईटिंग डिस्और्डर की चपेट में आ जाती हैं.

3 ईटिंग डिस्और्डर का हो सकते हैं शिकार

इस ईटिंग डिस्और्डर में एक डिस्और्डर है बुलिमिया नर्वोसा जिसे हम बुलिमिया के नाम से भी जानते हैं. बुलिमिया की सही परिभाषा देते हुए बौलीवुड अभिनेत्री रिचा चड्ढा ने बताया कि बौलीवुड में आ कर उन्होंने अपने आत्मविश्वास को किस तरह खो दिया और कैसे एक सही फिगर की चाह ने उन्हें बुलिमिया की गोद में ढकेल दिया. वे बताती हैं, ‘‘मुझे कहा गया कि मुझे वजन बढ़ाना चाहिए, फिर कहा गया कि वजन घटाना चाहिए, अपनी नाक ठीक, होंठ मोटे, फैट घटाना, अपने बाल बढ़ाना या काट लेना, हाईलाइट, फेक आईलैश एक्सटैंशन कराना चाहिए और बड़े नितंब के लिए स्क्वैट करना चाहिए.’’

उन्होंने बताया कि किस तरह अपने फिगर को सही करने के लिए उन्होंने खाना खाते ही उलटी कर देना और बारबार खाना शुरू कर दिया, वह कुछ भी खातीं तो यह सोच कर परेशान हो जातीं कि कहीं उन का वजन न बढ़ जाए. वे बुलिमिया की शिकार हो गईं. साथ ही, डिप्रैशन, एंग्जायटी और इनसोमिनिया की भी.

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रिचा की तरह ऐसी कितनी ही लड़कियां हैं जो केवल इसीलिए अपनी फिगर को ले कर फिक्रमंद रहती हैं. जबकि यूएस नैशनल रिसर्च कौंसिल की एक स्टडी के अनुसार, स्वास्थ्य का असली मतलब शरीर के साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना है. सही फिगर के रूप में आवरग्लास और पीअर शेप को सही बताया गया है. यानी, जीरो साइज होना ही स्वस्थ और सही फिगर में होना नहीं है.

किसी भी तरह से फिगर की प्रवृत्ति को किसी लड़की पर थोप कर उसे बौडीशेम करना सही नहीं है, लड़की चाहे किसी भी शेप की हो, उस का स्वस्थ होना आवश्यक है. स्वस्थ होने के लिए सही खानपान और व्यायाम करना ही पर्याप्त है. पेट अंदर होना जरूरी इसलिए है क्योंकि इस से सिद्ध होता है कि शरीर में कोलैस्ट्रौल और वसा की मात्रा सही है और वह ओबेसिटी, ब्लडप्रैशर और मधुमेह का कारण नहीं बनेगी.

4 खानपान की आदतों में बदलाव जरूरी

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लड़कियों में अकसर फिगर को ले कर चिंता रहती है लेकिन मन खाने की ओर भी लगा रहता है. इस के परिणामस्वरूप ग्लानि में ही वे रोज वसा और अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट से युक्त खाद्यपदार्थों का सेवन करने लगती हैं. इसी तरह फूड मैमोरी के कारण वे रोज ही अपने स्वास्थ्य में बाधा उत्पन्न करती हैं. फूड मैमोरी का अर्थ है, मान लीजिए आप रोज शाम 4 बजे चाय पीती हैं तो इस से होता यह है कि आप के दिमाग में यह बात बैठ जाती है कि आप को शाम 4 बजे चाय पीनी है.

4 बजते ही आप को चाय की तलब लगनी शुरू हो जाती है. इसी तरह यदि आप रोज रात में खाने के बाद भी चौकलेट या चिप्स खाने के लिए आतुर होती हैं तो यह सब आप की फूड मैमोरी का कियाधरा है. इसे खत्म करने के लिए आप को लगातार कुछ दिन अपनी असमय खाने की आदतों को बंद करना होगा.

तेजी से वजन कम करना है खतरनाक

इसी तरह एक और खाने से जुड़ी आदत है जिसे नौन हंगरी ईटिंग कहा जाता है. नौन हंगरी ईटिंग में लड़कियां अपनी क्रेविंग्स के चलते कुछ न कुछ खाती रहती हैं. यह क्रेविंग्स भूख के कारण नहीं होती बल्कि खाने के स्वाद के लालच की होती है. अचानक से केक, चौकलेट या कुछ चटपटा खाने का मन करना फूड क्रेविंग है.

बिना भूख के खाने से आप के पाचनतंत्र पर असर पड़ता है जिस से शरीर में फैट जमा होने लगता है. इस नौन हंगरी ईटिंग से बचने के लिए अपनी क्रेविंग्स को दूर करें लेकिन केवल टेस्ट करें और बाकी भूख लगने पर ही खाएं.

5 कोशिश करें कि हैल्दी फूड खाएं …

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गिल्ट ईटिंग भी खाने का एक प्रकार है जिसमें लड़कियां अच्छे फिगर की चाह के साथ-साथ खाने की चाह भी कम नहीं करतीं और परिणामस्वरूप गिल्ट ईटिंग करने लगती हैं. मतलब जंकफूड खाती भी हैं और पछताती भी हैं. इस से शारीरिक रूप से अस्वस्थ होने के साथसाथ वे अपना मानसिक स्वास्थ्य भी बिगाड़ लेती हैं.

जो सैलिब्रिटीज जैसा फिगर पाना चाहती हैं उन्हें उस फिगर को पाने के लिए साधारण खाने का त्याग करना पड़ता है. वे अपने घर का खाना तक नहीं खा पातीं और इतनी स्ट्रिक्ट डाइट फौलो करती हैं कि उन का मानसिक स्वास्थ्य भी उस से अत्यधिक प्रभावित होता है. आम लड़कियों व महिलाओं का ऐसी फिगर को पाने की चाह रखने से बेहतर स्वस्थ शरीर की चाह रखना ज्यादा जरूरी होना चाहिए.

शादी से पहले कौंट्रासैप्टिव पिल लें या नहीं

फिगर और बर्गर में से एक को चुनने के बजाय आप दोनों चुन सकती हैं. बस, करना यह है कि खाने की बाकी सभी बुरी आदतों को हटा दिया जाए और हफ्ते में एक बार खुशी से थोड़ाबहुत खा लिया जाए. व्यायाम करना बेहद जरूरी है पर उतना जितना आवश्यक हो.

फिगर की धारणा जो इस समय सोसाइटी में मौजूद है वह गलत है. इस से प्रभावित हो कर अपनी सेहत से खिलवाड़ करने के बजाय एक्सपर्ट से सलाह लें. लड़कियों का बड़ी मात्रा में परफैक्ट फिगर के पीछे भागना सचमुच ही चिंता का विषय है, जिस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है.

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5 टिप्स: स्किन के लिए खजाने से कम नही पपीता

फ्रूटस सेहत के लिए जितना फायदेमंद होता है उतना ही स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है. लोगों का मानना है कि सुबह उठकर खाली पेट खाने से हेल्थ अच्छी रहती है. पपीते को अक्सर स्किन प्रौडक्ट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. आज हम आपको बताएंगे की पपीता कौन-कौन सी प्रौब्लम स्किन प्रौब्लम से बचाएगा. साथ ही बेदाग, शाइनी और सौफ्ट स्किन देगा.

1. डेड स्किन को हटाने के लिए बेस्ट है पपीता

पपीते में भरपूर मात्रा में विटामिन ए और पैपेन एंजाइम भी पाया जाता है. पपीता डेड स्किन को हटाने का काम करता है. साथ ही ये स्किन को हाइड्रेटेड रखता है.

क्या आप भी मलाई जैसी मुलायम त्वचा चाहती हैं?

अगर आप ग्लोइंग स्किन पाना चाहते हैं तो आपको पपीते और हनी के मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. आधा कटा पपीता लेकर उसमें तीन चम्मच हनी मिला लें. इसे चेहरे समेत गर्दन तक लगाएं. 20 मिनट तक लगा रहने दें और उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें.

2. पिंपल की प्रौब्लम से बचाएगा पपीता

अगर आप पिंपल की प्रौब्लम से परेशान हैं तो पपीता आपके काम की चीज है. कील-मुंहासे कम हो जाने के पर भी चेहरे पर दाग रह जाते हैं जिससे चेहरे की रंगत कम हो जाती है.

दूध से पाएं सौफ्ट एंड शाइनी स्किन

अगर आप भी ऐसी समस्या से परेशान हैं तो पपीते का एक टुकड़ा लेकर चेहरे पर मल लें. नियमित रूप से 20 मिनट ऐसा करने से आपके चेहरे के सारे दाग साफ हो जाएंगे.

3. फटी एडियों के लिए को सौफ्ट बनाएं पपीता

चेहरे के साथ ही पपीता फटी एडि़यों के लिए भी बहुत बेहतरीन है. फटी एडि़यों में इसके इस्तेमाल से फायदा होता है.

4. डैंड्रफ प्रौब्लम को दूर करने में मदद करे पपीता

पपीते का हेयर मास्क ड्राई और बेजान स्कैल्प को पोषित करने का काम करता है. पपीते के बीज निकालकर उसे अच्छी तरह मल लें. उसमें आधा कप दही मिला लें. इस पेस्ट को करीब 30 मिनट तक बालों में लगा रहने दें. ऐसा करने से स्कैल्प को पोषण और डैंड्रफ प्रौब्लम से राहत भी मिलेगी.

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5. विटामिन, एंजाइम्स और मिनरल्स का खजाना है पपीता

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पपीता विटामिन, एंजाइम्स और मिनरल्स का खजाना है. अपने इन्हीं गुणों के चलते ये एक नेचुरल कंडीशनर भी है. ये बालों को शाइनी और सौफ्ट बनाने का काम करता है.

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