पत्नी के साथ बेबीमून के लिए रवाना हुए कपिल, जल्द बनने वाले हैं पापा

हाल ही में कौमेडी किंग कपिल शर्मा अपनी पत्नी गिन्नी चतरथ के साथ मुंबई एयरपोर्ट पर नजर आए. दरअसल कपिल और उनकी वाइफ अपने बेबीमून पर रवाना हुए हैं. जी हां, कपिल जल्द ही पिता बनने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गिन्नी 3-4 महीने की प्रेग्नेंट हैं. अपने बिजी शेड्यूल के चलते कपिल उन्हें वक्त नहीं दे पा रहे थे इसलिए उन्होंने बेबीमून प्लान किया.

बेबीबंप के साथ नजर आईं गिन्नी…

इस दौरान गिन्नी अपना बेबीबंप छुपाती नजर आईं. लेकिन उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी. वहीं कपिल थोड़े जल्दी में नजर आए. खबरों की माने तो दोनों 10 दिन के लिए मिनी वेकेशन के लिए कनाडा गए हैं.

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कैजुअल लुक में दिखे दोनों…

इस दौरान कपिल क्लीन शेव लुक में नजर आए. उन्होंने ग्रे रंग की जैकेट पहन रखी थी. इसके साथ उन्होंने मैचिंग ट्रैक पैंट भी कैरी की थी.  साथ ही उन्होंने लाल रंग के जूते भी पहन रखे थे. जबकि गिन्नी ब्लैक आउटफिट में दिखीं. उन्होंने टी-शर्ट, ट्रैक पैंट और सफेद जूते पहन रखे थे.

 

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पिछले साल की थी शादी:

कपिल ने गिन्नी चतरथ के साथ पिछले साल 12 दिसंबर को शादी की थी. शादी के तुरंत बाद ही कपल ने दो रिसेप्‍शन रखे, पहला अमृतसर में और दूसरा मुंबई के J.W Marriot में रखा था. रिसेप्शन में टीवी इंडस्ट्री से लेकर पंजाबी फिल्म इंडस्‍ट्री और बॉलीवुड से तमाम बड़े सितारे शामिल हुए थे.

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जजमेंटल है क्या रिव्यू: कंगना या राज कुमार राव, आखिर कौन है मेंटल?

निर्माताः एकता कपूर, शोभा कपूर, शैलेंद्र सिंह

निर्देशक: प्रकाश कोवेलामुदी

कलाकार: कंगना रनौत, राज कुमार राव, जिम्मी शेरगिल, अमायरा दस्तूर, अमृता पुरी और अन्य

अवधिः दो घंटे एक मिनट

रेटिंग: तीन स्टार

कहानी
बचपन में घटी घटनाओं के कारण बौबी (कंगना रानौत) वयस्क होने तक सायकोसिस जैसे गंभीर मनोरोग की शिकार हो जाती हैं. बौबी एक वौइस ओवर आर्टिस्ट हैं और वह जिन किरदारों को अपनी आवाज देती हैं, खुद को उन्हीं किरदारों जैसा समझने लगती हैं. अपने साथ काम करने वाले पर हमला करने के लिए उसे मेंटल हौस्पिटल भेज दिया जाता है. तीन महीने बाद उसे दवाएं लेने की सलाह के साथ वहां से वापस घर भेज दिया जाता है. बौबी को बार-बार काकरोच नजर आते हैं, जिनसे उसे डर लगता है. पर काकरोच की उपस्थिति उसका भ्रम है.

बहरहाल, बौबी के ही बंगले में नए किराएदार बनकर एक दंपति केशव (राज कुमार राव) और रीमा (अमायरा दस्तूर) रहने आते हैं. केशव की कंपनी पेस्टीसाइड बनाती है. बौबी इस दंपति की रोजमर्रा की जिंदगी और उनकी प्रेम कहानी में खो जाती हैं. केशव के घर में पेस्टीसाइड के डिब्बे देखकर बौबी सवाल करती है, तो केशव कहता है कि इससे काकरोच जल्दी मर जाते हैं. दूसरे दिन बौबी, केशव की ही फैक्टरी से पेस्टीसाइड का एक डिब्बा उठा लाती है.

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तभी एक दिन रीमा की हत्या हो जाती है. इसके लिए बौबी, केशव को अपराधी समझती हैं. जबकि केशव का दावा है कि रसोईघर मे अंधेरा था और पेस्टीसाइड का डिब्बा खुला था, जिसकी गैस फैली होगी और जैसे ही रीमा ने गैस चूल्हा जलाने की कोशिश की, कमरे में फैली पेस्टीसाइड के चलते वह जलकर मर गयी. पुलिस इंस्पेक्टर (सतीश कौशिक) और हवलदार (ब्रजेंद्र काला) जांच करने के बाद दुर्घटना बताकर केस को बंद कर देते हैं. पर बौबी अभी भी केशव को हत्यारा मानती है. इससे केशव त्रस्त होने का दिखावाकर बौबी पर परेशान करने का आरोप लगाते है. तब बौबी के दादा (ललित बहल) उसे एक बार फिर इलाज के लिए भेज देते हैं.

दो साल बाद कहानी लंदन पहुंच जाती है. जहां केशव श्रवण बनकर बौबी की कजिन मेघा (अमृता पुरी) से शादी करके रह रहा है. मेघा एक थिएटर कलाकार है. वह गर्भवती होती है तो उसकी देखभाल के लिए बौबी के दादाजी उसे लंदन भेजते हैं. मेघा, बौबी को ‘‘फ्यूचरिस्टिक रामायण’’ नाटक में सीता का किरदार निभाने के लिए कहती है और नाटक के निर्देशक (जिम्मी शेरगिल) से मिलवाती है. मेघा के पति के रूप में केशव को देखकर बौबी मेघा को सच बताती है कि वह रीमा का हत्यारा केशव है. जिसने नाम बदलकर उससे शादी की है. पर केशव अपना नाम केशव कुमार श्रवण बताकर उसे चुप कराने का असफल प्रयास करता है. उसके बाद बौबी अपनी बात को साबित करने के लिए सबूत जुटाने लगती है, तो वहीं केशव इस कोशिश में लग जाता है कि किस तरह बौबी को भारत वापस भेजा जाए. पर सवाल ये है कि केशव हत्यारा है या बौबी का भ्रम है. इस राज को जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.

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पटकथा लेखन व निर्देशन…

एक पुराने अंग्रेजी नाटक ‘‘गैस लाइट’’ के साथ रामायण की कथा को मिलाते हुए मनोरोगी की मनःस्थिति की बात करने वाली ब्लैक कौमेडी की पटकथा लिखते समय लेखक का प्रयास पूरी तरह से सफल नही रहा. अंग्रेजी नाटक की कहानी के अनुसार एक पुरुष अपनी पत्नी के इस संदेह को दूर करने के लिए कि वह हत्यारा है, कुछ मनोवैज्ञनिक हेर फेर करता है और फिर ‘गैस लाइटिंग’ शब्द का ईजाद हो गया. रहस्य प्रधान फिल्म ‘‘जजमेंटल है क्या’’ के शुरू होने के कुछ समय बाद ही यह साफ हो जाता है कि फिल्म की नायिका बौबी ग्रेवाल उस मानसिकता की शिकार है, जो औरतें पुरुष की पवित्रता पर सवाल उठाकर उनके सामने खड़ी हो जाती हैं.

फिल्म की गति काफी धीमी है. इंटरवल से पहले फिल्म रहस्य, रोमांच व डरावने अंदाज में बांधकर रखती है. रोमांच को बचाने के लिए निर्देशक ने रंगों का बाखूबी इस्तेमाल कर सेट बनाए हैं. निर्देशक प्रकाश कोवेलामुदी ने स्टाइलिश निर्देशन कर फिल्म को अपनी तरफ से सशक्त बनाने की कोशिश की है.

उन्होने फिल्म के अंदर खेले जा रहे रामायण नाटक के पात्रों की अवाज का भी अच्छा इस्तेमाल किया हे. इंटरवल के बाद निर्देशक की फिल्म पर से पकड़ ढीली हो जाती है. फिल्म का क्लायमेक्स यानी कि अंत क्या होगा, इसकी भनक दर्शक को फिल्म के शुरूआती सीन्स के साथ ही लग जाती है.

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अभिनयः
जहां तक अभिनय का सवाल है,तो फिल्म के दोनो कलाकारों कंगना रनौत और राज कुमार राव ने बेहतरीन परफार्मेंस दी है. बौबी के किरदार में पागल और दुःखी होने के बीच वह सहज रहती है. पूरी फिल्म में कंगना की अभिनय क्षमता का ही कमाल है कि उसने बौबी को कैरीकेचर नहीं बनने दिया. वह एक मनोरोगियों का हाल बयां करने में पूरी तरह से सफल रही हैं. केशव के किरदार में राज कुमार राव ने भी जबरदस्त अभिनय किया है. बौबी के प्रेमी के रूप में हुसैन दलाल को अच्छा स्कोप मिला है और वह लोगों का मनोरंजन करने में कुछ हद तक सफल रहे हैं. छोटी भूमिका में जिम्मी शेरगिल अपनी छाप छोड़ ही जाते हैं. अमायरा दस्तूर व अमृता पुरी भी ठीक ठाक ही हैं.

मौनसून में ऐसे करें परफेक्ट आई मेकअप

 वैसे तो बरसात सभी को पसंद है क्योंकि गरमी से राहत जो मिलती है, लेकिन जिन लड़कियों को मेकअप से प्यार है उनके लिए बरसात का मौसम किसी फैले हुए रायता से कम नहीं है. घर से निकलते ही उमस के कारण उनका चेहरा भी रायता जैसा ही हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कुछ एक्सपर्ट ब्यूटी टिप्स जिसे फौलो करने के बाद आप भी मानसून में खिला हुआ चेहरा पा सकती हैं. कनिष्का बताती है आंखों और आईब्रो को स्मज फ्री रखने के लिए हमेशा जैल या पाउडर प्रौडक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए.

1. जैल बेस प्रौडक्ट का करें इस्तेमाल

आईब्रोज को शेप देने के लिए जैल बेस प्रौडक्ट का इस्तेमाल करें यदि जैल बेस प्रौडक्ट नहीं है तो आप वौटरप्रूफ मसकारा से भी आईब्रो को डिफाइन कर सकती है.

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2. वौटरप्रूफ मसकारा रहेगा बेस्ट

आईलैशेज के लिए वौटरप्रूफ मसकारा का इस्तेमाल करें. अगर आप आईशेडो का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो मानसून में हल्के या न्यूड शेड ही चुनें. इससे अगर वो स्मज भी होगा तो पता नहीं चलेगा.

3. जैलबेस लाइनर रहेगा परफेक्ट

आप आंखों को अट्रेक्टिव लुक देने के लिए अलग अलग रंगो के जैलबेस लाइनर का इस्तेमाल कर सकती हैं.

4. काजल का न करें इस्तेमाल

मौनसून में काजल को भूल जाएं. काजल कितने भी अच्छे ब्रांड का क्यों न हों थोड़े समय के बाद वो फैलने लगता है जिससे आपका पूरा लुक बिगड़ सकता है.

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5. मेट लिपस्टिक रहेगी परफेक्ट

मानसून में ग्लौसी लिप्स का कोई फायदा नहीं होता उमस और चिपचिपाहट के कारण वो जल्दी लिप्स से हट जाता है. इसलिए लिप्स पर हमेशा मेट लिपस्टिक का ही इस्तेमाल करें.

6. लिप्स को करें हाईलाइट

लिप्स को पर्फेक्ट शेप देने लीप लाइनर का इस्तेमाल करें. लिप्स को हाईलाइट करने के लिए अपर लिप्स पर आप हाईलाइटर लगा सकती हैं.

भाषा के साथ भावनाओं को समझने की जरूरत

महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र के सभी निजी व सरकारी स्कूलों में मराठी भाषा अनिवार्य करने जा रही है. अभी तक केवल 8वीं कक्षा तक सैंट्रल बौर्ड व महाराष्ट्र बोर्ड में मराठी एक विषय के रूप में पढ़ाई जा रही है. अब यह आईसीएसई स्कूलों पर भी लागू होगा. अपने आप में यह निर्णय ठीक है. यह भी ठीक है कि मुंबई जैसे बड़े शहरों में लोगों का काम बिना मराठी जाने आसानी से चल जाता है पर यह गलत ही है. महाराष्ट्र में बहुत से काम मराठी में ही होते हैं और आजकल मराठी से हिंदी, इंग्लिश या अन्य भाषाओं में अनुवाद करने वालों की बेहद कमी है. यदि इन भाषा वालों को मराठी पढ़ने को मिलेगी और उन्हें आसपास इसे बोलने वाले लोग भी मिलेंगे तो वे भाषा की सही भावना को समझ सकेंगे.

भारतीय भाषाओं के प्रति नीची दृष्टि असल में संस्कृत के वकील ब्राह्मणों द्वारा दी गई थी. मराठी या अन्य भाषाओं को अनपढ़ों की भाषा माना गया था. बहुत सी भाषाओं की लिपि भी नहीं थी जबकि देवनागरी सारे देश में उपलब्ध थी क्योंकि उस भाषा में जो भी सोचा या बोला जाता था उस के लिखने पर अगर पाबंदी नहीं थी तो उसे अनावश्यक माना जाता था.

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आज भी देश का अधिकांश तथाकथित शिक्षित वर्ग किसी भी भाषा में लिखने में असमर्थ है. केवल अति योग्य इंग्लिश में अपने भाव दे सकते हैं. औरतों में यह कमी तेजी से फैल रही है.

जब से मोबाइल मिला है, औरतों ने पत्र लिखने बंद कर दिए हैं और वे या तो वौइस कौल करती हैं या फिर वीडियो कौल. लिखने का झंझट ही नहीं. मराठी भाषी लोग भी मराठी में लिखने में अचकचाते हैं. यह बात अन्य भाषा वालों के साथ भी है.

महाराष्ट्र सरकार के फैसले में एक ही खराबी है कि मराठी को एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा. जब भाषा को विषय के रूप में पढ़ाया जाता है तो बच्चे उस के व्याकरण, शब्दों में उलझे रह जाते हैं. असल में सभी सोशल साइंस के विषय मराठी में पढ़ाए जाने चाहिए और मराठी में दूसरी भाषाओं के शब्दों को लाने की खुली छूट होनी चाहिए. मराठी को संस्कृत से भी मुक्ति मिलनी चाहिए और छात्रों को कठिन व्याकरण के दांवपेंच समझने से.

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‘नच बलिए 9’: किसी प्रिंसेस से कम नहीं प्रिंस की युविका

स्टार प्लस का पौपुलर रियलिटी शो ‘नच बलिए सीजन 9’ इन दिनों औडियंस के बीच पौपुलर हो रहा है. शो के पौपुलर होने का कारण शो के जज सलमान खान हैं उतना ही जोड़िया भी हैं. शो का हिस्सा बनी कपल जोड़ी युविका चौधरी और प्रिंस लोगों के बीच खासा पौपुलर हैं. साथ ही लोग उनकी डांस और कैमिस्ट्री को भी पसंद कर रहे हैं. युविका को उनके फैंस काफी पसंद करते हैं. साथ ही उनके फैशन को भी लोग बहुत पसंद करते हैं. आज हम आपको युविका के फैशन के बारे में बताएंगे, जिन्हें आप भी ट्राय करके लोगों के बीच फैशन ट्रेंड खड़ा कर सकते हो.

1. युविका की ये ड्रेस है कम्फरटेबल और ट्रेंडी

प्रिंस अपनी वाइफ युविका को उनके सिंपल ही रहना पसंद करते हैं. वहीं युविका भी अक्सर अपना लुक सिंपल लेकिन ट्रेंडी रखती हैं. हाल ही में युविका एक औफ स्लीव प्रिंटेड ड्रेस में नजर आईं जो लोगों के बीच खासा पौपुलर हो रहा है. ये कलर जितना आंखों को सुकून देता हैं उतना ही फैशनेबल भी है. आप युविका की तरह इस ड्रेस के साथ सिंपल शूज कैरी कर सकती हैं.

 

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2. कौलेज के लिए परफेक्ट है युविका का ये लुक

 

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ब्लू डैनिम के साथ शर्ट आजकल ट्रेंड में हैं. लोग इस फैशन को अक्सर फौलो करते हुए दिखते हैं, जिनमें युविका चौधरी का नाम भी शामिल है. अगर आप भी ये लुक ट्राय करना चाहती हैं तो इस आउटफिट के साथ शूट या फिर नौर्मल हील्स वाली सैंडल्स ट्राय कर सकती हैं. ये आपको परफेक्ट लुक देगा.

3. युविका का इंडियन लुक भी है कमाल

 

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इंडियन लुक हर किसी पर जचता है और अगर वो सिंपल हो तो अक्सर लोगों को पसंद आता है. युविका का सिंपल डार्क ब्लू अनारकली सूट के साथ भारी रेड चुनरी उनके लुक को परफेक्ट बना रहा है. आप चाहें तो ये लुक सिंपल गैदरिंग या कहीं बाहर घूमने के लिए ट्राय कर सकती हैं.

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बता दें, हाल ही में युविका और प्रिंस की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें युविका प्रिंस को मारते हुईं नजर आ रही हैं. लेकिन ये सट नही है. युविका और प्रिंस सिर्फ एक्टिंग करके वीडियो बना रहे थे.

शादी को लेकर सलमान का खुलासा, ‘आज तक नहीं आया कोई रिश्ता…’

बौलीवुड के फेमस एलिजिबल बैचलर्स में से एक एक्टर सलमान खान की फैन फौलोइंग किसी से छुपी नही हैं. 50 साल के होने के बावजूद आज भी कईं लड़कियां ऐसी हैं, जो उनसे शादी करने के सपने देखती हैं, लेकिन सलमान  ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा करते हुए कहा है कि आज तक उनके घर शादी का एक भी रिश्ता नही आया है. आइए आपको बताते हैं सलमान खान का शादी के खुलासे को लेकर पूरा मामला…

इंटरव्यू में कही शादी को लेकर ये बात

 

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Mom is saying band karo yeh naach ganna..

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हाल ही में हुए एक इंटरव्यू के दौरान सलमान ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि अभी तक मेरे लिए शादी का एक भी रिश्ता नहीं आया है. मैं कैंडिल लाइट डिनर नहीं करता हूं और ऐसे डिनर्स पर ये देख भी नहीं सकता हूं कि मैं क्या खा रहा हूं. हालांकि मेरे लिए थोड़ा बुरा लगता है कि मेरे लिए आजतक शादी को अप्रोच नहीं किया गया है.’

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शादी पर सलमान को नही है भरोसा

 

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Spending time with the most loving, loyal and selfless species.

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कुछ समय पहले सलमान खान ने एक इंटरव्यू में शादी पर चर्चा की थी और बताया था कि उन्हें इसमें विश्वास नहीं है. सलमान ने बताया था कि, ‘मैं शादी में भरोसा नहीं करता हूं. मुझे ऐसा लगता है कि ये परम्परा मरती जा रही है. मैं इसमें भरोसा नहीं करता हूं.’ वहीं जब सलमान खान (Salman Khan) से पूछा गया था कि क्या वो कभी पिता बनना चाहेंगे तो उन्होंने बताया था कि, ‘जब ये होगा तब होगा.’

सलमान की शादी पर पिता सलीन भी अक्सर बचते आते हैं नजर

 

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‪The Sultan, Tiger, Bharat of our family . . Singing ‬

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सलमान खान के पिता सलीम खान भी अपने बेटे की शादी पर जवाब देने से बचते हैं. कुछ समय पहले सलीम खान से जब पूछा गया था कि सलमान खान के सिर कब सेहरा सजेगा तो उन्होंने बताया था कि, ‘इसका जवाब केवल सलमान खान दे सकते हैं या अल्लाह दे सकता है.’

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बता दें, सलमान अपने फिल्मों में अक्सर बिजी रहते हैं, लेकिन उनका नाम कईं एक्ट्रेसेस के साथ जुड़ता रहता है. वहीं इन दिनों उनका नाम यूलिया वंतूर के साथ जोड़ा जा रहा है. यूलिया अक्सर खान फैमिली के साथ टाइम स्पैंड करती हुई नजर आती हैं.

क्या सचमुच ‘अनुराग-प्रेरणा’ का हो गया ब्रेकअप?

स्टार प्लस के पौपुलर टीवी शो कसौटी जिंदगी की 2 औडियंस के बीच अपनी छाप छोड़ रहा है. हर कोई शो से जुड़े एक्टर्स के बारे में जानता है. वहीं कुछ महीनों पहले खबरें थीं कि शो के लीड रोल में नजर आ रहे एरिका फर्नांडिस और पार्थ समथान एक दूसरे को डेट कर रहे हैं, लेकिन अब मीडिया में वायरल होती खबरों के मुताबिक दोनों का ब्रेकअप हो गया है. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला…

ब्रेकअप की खबरों से फैंस को होगा दुख

अनुराग और प्रेरणा के रुप में पार्थ और एरिका की जोड़ी को पसंद करने वाले फैंस इस बात के इंतजार में थे कि जल्द ही दोनों अपने रिलेशनशिप को औफिशियल कर देंगे, लेकिन एक पोर्टल के मुताबिक पार्थ और एरिका एक दूसरे से अलग हो चुके हैं पर दोनों के ब्रेकअप की वजह अभी सामने नहीं आई है.

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हफ्ते भर पहले हुआ है ब्रेकअप

खबरों की मानें तो पार्थ और एरिका यानी अनुराग और प्रेरणा ने हफ्ते भर पहले ही ब्रेकअप किया है. वहीं कहा जा रहा है कि एरिका और पार्थ सीरियल के सेट पर साथ आते थे और दोनों शूट खत्म करके एक साथ वहां से निकलते भी थे, लेकिन अब ऐसा नही है.

स्वीट्जरलैंड में की थी शूटिंग

जहां एक तरफ ब्रेकअप की खबरों से उनके फैंस दुखी हैं. वहीं हाल ही में शो की शूटिंग के लिए शो की स्टार कास्ट यानी पार्थ समथान, एरिका फर्नांडिस और करण सिंह ग्रोवर स्वीट्जरलैंड में नजर आए थे, जिसकी फोटोज एरिका ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट की थी.

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बता दें, इन दिनों जहां एरिका सीरियल की शूटिंग में बिजा हैं तो वहीं पार्थ अपने दोस्तों के साथ बेल्जियम में वेकेशन मना रहे हैं. वहीं अब देखना ये होगा कि दोनों की ब्रेकअप की खबरें अगर सच है तो क्या इसका असर शो की टीआरपी और फैन फौलोइंग में पड़ेगा.

मौनसून में ऐसे करें वौटरप्रूफ मेकअप

गरमी से राहत पाने के लिए हम सभी मौनसून का बेसब्री से इंतजार करते है, लेकिन मौनसून का चिपचिपा मौसम चेहरे और मेकअप दोनों को ही बिगाड़ देता है. इसलिए मौनसून में अधिकतर लड़कियां यह सोच कर कंफ्यूज रहती है कि कैसा मेकअप करें जो लंबे समय तक टिका रहे. ब्यूटी एक्सपर्ट कनिष्का कुशवाहा से जाने मानसून में स्मज फ्री मेकअप लुक कैसे पा सकते है. ब्यूटी एक्सपर्ट कनिष्का ने बताया की, “ मानसून में हमेशा वौटरप्रूफ मेकअप ही करना चाहिए. इससे मेकअप फैलता नहीं है और लंबे समय तक टीका रहता है.

ऐसे करें वौटरप्रूफ मेकअप

स्टेप-1

मेकअप शुरू करने से पहले चेहरे पर बर्फ का इस्तेमाल करें. इससे मेकअप चेहरे पर जल्दी सेट हो जाता है और आपके चेहरे पर पसीने भी नहीं आता.

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स्टेप-2

चेहरे पर वौटर बेस मौइस्चराइजर लगाएं. मौइस्चराइजर के बाद चेहरे पर प्राइमर का इस्तेमाल करें. प्राइमर से भी मेकअप लौन्ग लास्टिंग टिका रहता है.

स्टेप-3

अगर आप चाहती है कि आपका मेकअप स्मज न हो तो नौर्मल फाउंडेशनका इस्तेमाल न करें. फाउंडेशन के जगह आप मेट मूस फाउंडेशन का इस्तेमाल कर सकती है. मेट मूस फाउंडेशन चेहरे पर क्लीन लुक देता है. यह बहुत वेटलेस फाउंडेशन होता है. अगर आपके पास मूस फाउंडेशन नहीं है तो आप फेस पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकती है.

स्टेप-4

अगर आपके चेहरे पर डार्कसर्कल, पिम्पल्स जैसी प्रौबलम है तो आप कंसिलर लगाना न भूलें. अगर आपका कंटूरिंग करने का मन है तो मानसून में लिक्विड कंटूर का बिलकुल इस्तेमाल न करें. चेहरे को पर्फेक्ट शेप देने के लिए पाउडर कंटूर का ही इस्तेमाल करें.

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स्टेप-5

गालो पर नैचुरल शेड वाले ब्लशर का इस्तेमाल करें जिसमें ज्यादा स्पार्कल न हों. आप चाहे तो अपने चीकबोन को हाईलाइट करने के लिए हाईलाइटर का भी इस्तेमाल कर सकती है. हाईलाइटर का इस्तेमाल ज्यादा न करें.

कहीं आप भी तो नहीं एनीमिया के शिकार

एनीमिया यानी खून में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की मात्रा का कम हो जाना. इस से ग्रस्त व्यक्ति के दिल को बौडी के सभी अंगों तक पर्याप्त औक्सीजन पहुंचाने के लिए ज्यादाकाम करना पड़ता है. एनीमिया अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, किंतु यह बौडी में होने वाली किसी खराबी का परिणाम है. महिलाएं इस समस्या का सब से आसान शिकार हैं, खास कर गर्भवती महिलाएं. सभी प्रकार के एनीमिया में थकान, सिर में दर्द, छाती में दर्द, ऊर्जा की कमी, त्वचा का पीला पड़ना, सिर में भारीपन, सांस फूलना जैसे लक्षण पाए जाते हैं.

एनीमिया के अन्य लक्षण

फौलिक ऐसिड की कमी से होने वाला एनीमिया: डायरिया, चिड़चिड़ापन.

अप्लास्टिक एनीमिया: बारबार संक्रमण, बुखार और त्वचा पर रैशेज.

हीमोलिटिक एनीमिया: यूरिन का रंग गहरा होना, बुखार, पीलिया और पेट में दर्द.

सिकल सैल एनीमिया: पीलिया, थकान, हाथपैरों में सूजन और दर्द.

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क्या है एनीमिया का कारण

बौडी में लाल रक्त कोशिकाओं का होना बहुत जरूरी है. इन में मौजूद हीमोग्लोबिन एक प्रकार का जटिल प्रोटीन है, जिस में आयरन भी पाया जाता है. हीमोग्लोबिन फेफड़ों से औक्सीजन ले कर पूरे बौडी तक पहुंचाता है.

कुछ स्थितियों या बीमारियों के कारण बौडी में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है. लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की कमी से बौडी के अंगों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है.

किन लोगों में एनीमिया की संभावना अधिक

एनीमिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. यह पुरुषों एवं महिलाओं किसी को भी प्रभावित कर सकता है. हालांकि इन लोगों में इस की संभावना अधिक होती है :

– खिलाड़ी.

– माहवारी के दौरान महिलाओं में.

– 1-2 साल की उम्र के बीच.

– अगर बच्चे का जन्म समय से पहले हो.

– गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं में.

– जिन परिवारों में एनीमिया का इतिहास हो.

कैसे पाएं एनीमिया से छुटकारा

एनीमिया के कारण को ध्यान में रखते हुए निम्न जांचों के द्वारा निदान किया जाता है:

– बोन मैरो बायोप्सी.

– यूरिन की जांच: यूरिन में खून की जांच के लिए.

– गैस्ट्रोस्कोपी या कोलोनोस्कोपी : रक्तस्राव के लक्षण होने पर.

– चिकित्सकीय इतिहास : दवाएं या कोई क्रोनिक बीमारी.

– फेशल औकल्ट ब्लड टैस्ट : इस में मल की जांच की जाती है. अगर मल में खून आए.

– रक्त की जांच: सीबीसी, खून में आयरन, विटामिन बी 12 की जांच और किडनी फंक्शन टैस्ट.

एनीमिया के उपचार में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ाने पर ध्यान दिया जाता है. उपचार एनीमिया के प्रकार और कारण पर निर्भर करता है.

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क्रोनिक बीमारी के कारण एनीमिया: एनीमिया किसी गंभीर बीमारी का परिणाम भी हो सकता है. ऐसे में कोई विशेष इलाज नहीं है.

आयरन की कमी वाला एनीमिया: इस में आहार में बदलाव लाने और आयरन सप्लिमैंट लेने की सलाह दी जाती है. अगर रक्तस्राव के कारण ऐसा हो तो रक्तस्राव को रोका जाता है.

विटामिन की कमी के कारण एनीमिया :  इस में विटामिन बी 12 एवं आयरन सप्लिमैंट दिए जाते हैं.

सिकल सैल एनीमिया: ऐसे मरीजों को दर्द में आराम देने के लिए थेरैपी, औक्सीजन थेरैपी और इंट्राविनस फ्लूइड दिए जाते हैं. मरीज को फौलिक ऐसिड सप्लिमैंट, एंटीबायोटिक तथा खून चढ़ाने की जरूरत भी हो सकती है.

-डा. सिमी भाटिया

टैक्निकल डाइरैक्टर, सीनियर हिस्टोपैथोलौजी, हैड औटो इम्यून सैक्शन, एसआरएल डाइग्नोस्टिक्स.

काश हमजोलियों की फिक्र होती

इस बार बजट निर्मला सीतारमण ने पेश किया था पर उनके साड़ी पहनने का लाभ साड़ी पहनने वालियों को कतई नहीं हुआ. महिला वित्त मंत्री का यह पहला बजट औरतों के लिए तोहफे में कुछ नहीं लाया. ऐसा नहीं कि औरतों को सरकारी बजटों से कुछ लेनादेना नहीं होता. असल में घरेलू आमदनी पर सारा कब्जा औरतों का ही होता है और वे ही जानती हैं कि पैसा कब हाथ में आता है और कब चला जाता है.

निर्मला सीतारमण के पास ऐसे कई मौके थे जिन से वे औरतों को विशेष राहत दे सकती थीं. वे उच्च शिक्षा लड़कों के लिए नहीं तो लड़कियों के लिए सस्ती कर सकती थीं. उलटे यूजीसी को ढांचा बदलने का प्रस्ताव दे दिया गया, जिस से शिक्षा और महंगी हो सकती है. वे औरतों व लड़कियों के होस्टलों के निर्माण को प्रोत्साहन दे सकती थीं, जिस से लड़कियां घर से बाहर जाने की हिम्मत जुटा सकतीं और औरतें अकेले होने पर भी सिर पर छत पा सकतीं. वे औरतों के लिए रेल, हवाईजहाज व बस सेवाओं में छूट दे सकती थीं जैसा अरविंद केजरीवाल दिल्ली मैट्रो में करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि औरतें घरों की जेलों से निकल सकें.

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वे मंदिरों और आश्रमों पर टैक्स लगा सकती थीं ताकि ऐसी जगहें ही कम हो जातीं जहां औरतों को गुमराह किया जाता है, उन्हें पुरुष सेवा के उपदेश दे कर उन का ब्रेनवाश किया जाता है. वे औरतों के अकेले पर्यटन को प्रोत्साहन दे सकती थीं ताकि बजाय तीर्थस्थलों में एडि़यां और नाक घिसने के, वे देश के कोनेकोने से परिचित हो सकतीं. औरतों को तलाक के मामले में तुरंत न्याय चाहिए. इसलिए कम से कम घरेलू विवाद 3-4 माह में तय हो जाएं इतनी पारिवारिक अदालतें बनाने का प्रबंध किया जा सकता था. औरतों के लिए विशेष पुलिस फोर्स का गठन किया जा सकता था ताकि औरतें अपनी शिकायतें आसानी से दर्ज करा सकतीं. निर्मला सीतारमण का सारा बजट बड़े उद्योगों पर केंद्रित है और कहीं से नहीं लगता कि यह महिला नेता महिलाओं की कोई आशा हैं. जब वे रक्षा मंत्री थीं तो भी उन्होंने सिवा भाजपा की रक्षा करने के औरतों की सुरक्षा या सैनिकों की औरतों की समुचित देखभाल के कतई फैसले नहीं लिए. उज्ज्वला स्कीम कुछ ज्यादा को दे कर या व्यवसाय चलाने वालियों को 1 लाख का कर्ज देने का कागजी वादा किया है जिस से खूब मेजें थपथपाई गईं पर साल के आखिर तक कुछ न होगा.

भाजपा नेताओं की चहेती स्मृति ईरानी के मंत्रालय को अतिरिक्त पैसा भी दिया है पर यह तो मंत्री और बाबुओं पर खर्च हो जाएगा. सीतारमण, बाजार की औरतों को क्या मिलेगा इस में से?

निर्मला सीतारमण भी साड़ी पहनने के बावजूद एक पुरुषवादी समाज का बहीखाता संभालने में लगी हैं. उन्हें अपने आकाओं की फिक्र है, अपनी हमजोलियों की नहीं.

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