टैक्स जमा करती हैं तो ये खबर है आपके लिए जरूरी

अगर आप करदाता हैं और आपका आधार कार्ड पैन कार्ड से लिंक नहीं है तो ये खबर आपके लिए जरूरी है. हाल ही में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जानकारी दी है कि इनकम टैक्स दाखिल करने वालों के लिए जरूरी है कि वो अपने आधार कार्ड को पैन से लिंक करा लें. इस प्रक्रिया की अंतिम तिथि 31 मार्च रखी गई है.  सीबीडीटी ने जारी अपने निर्देश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिकता पर पहले ही मुहर लगा दी है. इसके बाद इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 139 एए के तहत सीबीडीटी के 30 जून के आदेश के मुताबिक अब आधार-पैन लिंक कराना अनिवार्य है. आरटीआर दाखिल करने वाले लोगों को इस प्रक्रिया को 31 मार्च 2019 तक पूरी करनी है.

आपको बता दें कि 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस बात की पुष्टि की थी कि आईटीआर दाखिल करने वाले लोगों को पैन को आधार से लिंक करना जरूरी है. इस मुद्दे पर शीर्ष न्यायालय को दूसरी बार सुनवाई करनी पड़ी थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने दो करदाताओं को आधार को पैन से लिंक किए बिना आईटीआर फाइल करने की अनुमती दे दी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट को इस पर दोबारा सुनवाई करनी पड़ी. जस्टिस एके सीकरी और एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही मामले में फैसला दे दिया है और इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139एए को बरकरार रखा है.

सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल ही 26 सितंबर को आधार योजना को संवैधानिक करार दिया था. हालांकि कई जरूरी हिस्सों से आधार की अनिवार्यता को रद्द भी किया गया था, इनमें स्कूल एडमिशन, मोबाइल फोन और बैंक अकाउंट जैसी चीजें शामिल हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139एए (दो) में कहा गया है कि जिस भी व्यक्ति के पास एक जुलाई 2017 तक पैन है और आधार हासिल करने की योग्यता रखता है, उसे आयकर विभाग को आधार नंबर देना होगा.

पर्सनैलिटी ग्रूमिंग खोले सफलता के द्वार

रीना देखने में बहुत सुंदर थी. लंबा कद, छरहरा बदन, बोलती आंखें और लंबे व काले बाल देख कर कोई भी उस की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाता था. एमबीए करने के बाद जब वह अपनी पहली नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जा रही थी तो किसी को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि वह सफल नहीं होगी. रीना भी यह मान रही थी कि वह आज सफल हो कर ही लौटेगी. इंटरव्यू के दौरान जब रीना से सवाल किए गए तो वह उन का सही तरह से जवाब भी दे रही थी.

इंटरव्यू के दौरान ही रीना की मुलाकात दीपा से हुई. वह भी देखने में रीना जैसी ही थी पर पता नहीं क्यों रीना को बारबार यह लग रहा था कि रीना की जगह दीपा को ही इंटरव्यू में चुना जाएगा. रीना का अंदाज सही निकला. इंटरव्यू के बाद दीपा को ही कंपनी सैक्रेटरी के लिए चुना गया.

रीना के करीबी लोगों को जब इस बात का पता चला तो उन का कहना था कि इंटरव्यू के दौरान दीपा का पक्ष ले लिया गया होगा. इस के जवाब में रीना ने कहा कि ऐसी बात नहीं है. दीपा में आत्मविश्वास साफतौर पर झलक रहा था जबकि मैं उस का मुकाबला नहीं कर पा रही थी. मुझे उसी समय लग गया था कि दीपा बाजी मार ले जाएगी.

रीना ने इस के बाद कैरियर कांउसलर और इमेज सीकर्स कंपनी की दिशा संधू से मुलाकात की और अपनी पूरी बात बताई. दिशा संधू ने रीना को बताया कि उस की पर्सनैलिटी तो बहुत अच्छी है, बस इस को थोड़ी सी ग्रूमिंग की जरूरत है.

पर्सनैलिटी ग्रूमिंग के टिप्स व महत्त्व आप भी जानें:

बढ़ता है आत्मविश्वास

पर्सनैलिटी का मोहक रूप काम के हिसाब से तय होता है. फर्स्ट इंपैक्ट कंपनी की डायरैक्टर सौम्या चतुर्वेदी कहती हैं, ‘‘आप जिस प्रोफैशन में हों उस के हिसाब से ही कपड़े पहनें और मेकअप करें. आप की बातचीत का तरीका भी इतना आकर्षक हो कि एक बार बात करने वाला आप से बारबार बात करने के लिए लालायित रहे. ग्लैमर से भरपूर नौकरियों में पर्सनैलिटी बहुत ही जरूरी हो गई है.’’

व्यक्तित्व और पहनावा

फैशन डिजाइनर नेहा बाजपेयी का कहना है, ‘‘पर्सनैलिटी ग्रूमिंग का सब से खास हिस्सा ड्रैससैंस है. आप की ड्रैससैंस जितनी अच्छी होगी सामने वाले पर उस का प्रभाव उतना ही अच्छा पड़ेगा. अच्छी पर्सनैलिटी के लिए यह जानना जरूरी है कि किस मौके पर कैसी डै्रस पहनी जाए. पार्टी और औफिस की डै्रस कभी एकजैसी नहीं हो सकती. यह बात केवल महिलाओं के लिए ही लागू नहीं होती, पुरुषों पर भी होती है.’’

मेकअप हो सौम्य और सुंदर

ब्यूटी ऐक्सपर्ट अनामिका राय सिंह कहती हैं, ‘‘पर्सनैलिटी ग्रूमिंग में मेकअप का भी बड़ा महत्त्व होता है. इसलिए मेकअप करने से पहले यह जान लें कि आप किस जगह पर जा रही हैं. अगर पार्टी में जाना है तो आप का मेकअप कलरफुल होना चाहिए. औफिस में मेकअप अलग किस्म का होता है. बहुत ज्यादा भड़काऊ मेकअप औफिस में भद्दा लगता है. सौम्य मेकअप आप को ज्यादा आकर्षक बनाता है. आप जिस पद पर काम कर रही हैं, मेकअप उस के हिसाब से भी होना चाहिए.’’

शारीरिक भाषा

मेकअप के साथसाथ बौडी लैंग्वैज का भी अपना महत्त्व होता है. उस में भी सुधार जरूरी है.

सुनीता को बात करतेकरते हाथ झटकने की आदत थी. उस को अपनी इस आदत के चलते कई बार पार्टी में हास्यास्पद हालात का सामना करना पड़ जाता था. उस के पति दीपक को यह बात समझ आई तो उस ने सुनीता की यह आदत छुड़वाने में मदद की. स्नेहा एक बैंक में अफसर थी. उस में किसी तरह की कोई कमी नहीं थी पर कभीकभी तनाव में आने पर वह अपने हाथ के नाखून मुंह में डाल कर कुतरना शुरू कर देती थी. बहुत मुश्किल से उस की यह आदत छूट सकी.

चलनेफिरने, उठनेबैठने टेलीफोन पर बात करने का भी अपना एक तरीका होता है. जो बौडी लैंग्वैज का अहम हिस्सा होता है. इस को निखारे बिना पर्सनैलिटी ग्रूमिंग मुश्किल हो जाती है. बातचीत में शिष्टाचार भी पर्सनैलिटी ग्रूमिंग को बढ़ाता है. कई बार लोग बातचीत में अनावश्यक लटकेझटके दिखाते हैं जो पर्सनैलिटी को मैच नहीं करती. ऐसे में जरूरी है कि अपनी बौडी लैंग्वेज को सही से रखा जाए.

इंडस्ट्री में अपने आप को स्थापित करना आसान नहीं : रणवीर सिंह

फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ में मुख्य भूमिका निभाकर चर्चित हुए अभिनेता रणवीर सिंह ने बहुत कम समय में यह सिद्ध कर दिया है कि वे किसी भी किरदार को निभाने में सक्षम हैं. उन्होंने रोमांटिक, एक्शन, कौमेडी, ऐतिहासिक आदि हर तरह की फिल्मों में काम किया है. हंसमुख और विनम्र स्वभाव के अभिनेता रणवीर को बचपन से ही अभिनय का शौक था, लेकिन वे अभिनेता बनेंगे, ऐसा सोचा नहीं था. पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने थिएटर में अभिनय करना शुरू कर दिया था. वे एक एनर्जेटिक अभिनेता के तौर पर माने जाते हैं और दिल खोलकर दर्शकों के बीच में रहना पसंद करते हैं. पिछले साल उनकी शादी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से हुई, जिन्हें वे अपने जीवन की बड़ी उपलब्धि मानते हैं.

रणवीर ने जितनी भी फिल्में की, लगभग सभी सफल रहीं, लेकिन कई बार उनकी अधिक एनर्जी से उनकी मुश्किलें भी बढ़ी हैं. एक फैशन शो में  शोस्टापर बने रणवीर ने मंच पर रैप करते हुए छलांग लगा दी, जिससे पास बैठे कई दर्शकों को चोट लगी. बाद में उन्होंने अपनी मैच्युरिटी लेवल को कम कहकर आगे से ध्यान रखने की बात कही. उन्होंने फिल्म ‘गली ब्वाय’ में एक रैपर की भूमिका निभाई है, जिसे दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं. उनसे हुई बातचीत के अंश इस प्रकार हैं.

आपका समय अब कैसा चल रहा है?

शादी के बाद से अब समय और अधिक अच्छा चल रहा है. जो मेहनत की थी, वह रंग ला रही है. साल 2018 मेरे लिए बहुत अच्छा समय रहा है. मेरे जीवन की दार्शनिकता यह है कि कर्म करो, फल की इच्छा मत रखो. मेरे लिए सबसे अच्छी बात यह है कि मेरे पास काम है और मैं रोज सुबह एक अभिनेता के तौर पर काम पर जाता हूं. मुझे अच्छे और मंझे हुए कलाकारों के साथ कलाकारी दिखाने का मौका मिल रहा है. फिल्म हिट हो या फ्लौप, मुझे अधिक फर्क नहीं पड़ता. मैं इसकी प्रक्रिया को अधिक एन्जाय करता हूं.

आप एक स्टार बन चुके हैं, इस स्टारडम को कैसे लेते हैं?

ये सही है कि मैं स्टार बन चुका हूं, पर मैंने इसके बारें में अधिक सोचा नहीं था. मुझे शोहरत की अधिक लालच नहीं है. मुझे तो हमेशा लगता है कि मेरी जर्नी अभी शुरू हुई है और अभी बहुत काम करना बाकी है. मुझे अच्छा लगता है जब मैं अपने हिसाब से फिल्में चुनता हूं और दर्शक मेरे फिल्म की तारीफ करते हैं. फिल्म ‘सिम्बा’ के लिए मैंने 15 बार हाल तक गया और दर्शकों के रिएक्शन को करीब से देखने की कोशिश की. ये भी सही है कि फिल्म को लोग तभी सफल मानते हैं, जब फिल्म अच्छा व्यवसाय करती है. मैं एक अभिनेता हूं और अच्छी फिल्में करना मेरा काम है.

आप अपने आप को किस बात में धनी मानते हैं?

मैंने कभी अपने आपको धनी नहीं माना, पर मेरे जीवन में मेरे परिवार, धर्मपत्नी और फैन्स का बहुत सारा प्यार है, जिसमें मैं धनी हूं.

आपने इस फिल्म में गाना भी गाया, संगीत से कितना प्यार है? क्या आपकी और दीपिका के  संगीत सुनने की रूचि एक है?

मैं गा नहीं सकता, पर इस फिल्म में मैंने रैप किया, जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया है. पहले भी मैंने किसी टौक शो, लाइव शो और विज्ञापन में रैप किया है. संगीत मुझे बहुत पसंद है. दिनभर मैं संगीत सुनता हूं. मुझे थोड़ा लाउड संगीत पसंद है, जबकि दीपिका शांत म्यूजिक सुनती हैं.

अभिनेता बनना एक इत्तफाक है, या बचपन से इच्छा थी?

मैं बचपन में बहुत कुछ बनना चाहता था. कभी रैपर, कभी क्रिकेटर बनने की बात सोची थी पर अभिनेता बनूंगा ये नहीं सोचा था, जबकि अभिनय मुझे बहुत पसंद था. अभी अभिनेता बनने के बाद सारी इच्छाएं पूरी हो रही हैं. मसलम अगर मैंने रैपर की भूमिका निभाई, तो उसे लाइव किया. क्रिकेटर अभिनय के लिए उसकी प्रैक्टिस कई घंटे कर रहा हूं. मैं अपने किरदार को पूरी तरह से जी लेता हूं.

फिल्मों में कई बार दिखाया जाता है कि एक गरीब लड़का या लड़की एक समय के बाद कलाकार बन जाते हैं, इसे देखते हुए कई बच्चे अपना शहर छोड़कर मुंबई अभिनय के लिए आ जाते हैं और बाद में वे कुछ नहीं बन पाते, आपके हिसाब से रियलिटी क्या है?

बहुत मुश्किल है इंडस्ट्री में अपने आप को स्टैब्लिश करना. मुंबई एक ऐसी महानगरी है, जहां बाहर से लोग सपने लेकर यहां आते हैं और कुछ करना चाहते हैं. बहुत संघर्ष होता है. मैं मुंबई में ही पला बड़ा हूं, फिर भी मुझे साढ़े तीन साल संघर्ष करना पड़ा. जब कोई ब्रेक नजर नहीं आ रहा था, तो वह दौर बहुत मुश्किल था. अमेरिका से पढ़कर आने पर भी कोई नौकरी नहीं थी. वित्तीय रूप से भी मैं बहुत स्ट्रोंग नहीं था, क्योंकि मंदी का दौर था. उस समय फिल्में भी कम बन रही थीं और नए चेहरे के साथ तो कोई भी फिल्म बनाना ही नहीं चाह रहा था. कभी-कभी मैं बहुत उदास भी रहता था, लेकिन मैंने धीरज धरा और अंत में काम मिला.

आप कई बार फैन्स के बीच में जाते हैं और कुछ समस्या कई बार आती है, क्या अब आप इस बारें में सावधानी बरतेंगे कि आगे ऐसा न हो?

अवश्य, मैंने हमेशा अपने फैन्स को खुशी देना चाहा. इसमें मुझे सम्हलने की भी जरुरत है. मेरी परिपक्वता ही इसे ठीक कर देगी, पर मैं हर फैन्स से मिलकर हाथ मिलाना, गले मिलना, सेल्फी लेना चाहता हूं. मैं अपना प्यार दर्शकों तक हमेशा पहुंचाने की कोशिश करता रहता हूं.

आपके ट्रिप को आसान बना सकते हैं ये टिप्स

ट्रिप पर जाने के लिए आप कितनी भी तैयारियां कर लें, हमेशा कुछ न कुछ सामान छूट ही जाता है. पर इसका मतलब ये नहीं है कि आप अगर कहीं जा रही हैं तो बैग में जितना मर्जी सामान पैक कर लें.
सफर के दौरान ऐसी कुछ बातों का ध्‍यान रखेंगी तो आपकी यात्रा को सुखद रहेगी तो आइए जानते हैं.

सफर में भी खुद को स्‍टाइलिश लुक देने के लिए अपने बैग में स्‍कार्फ ज़रूर रखें. ये काफी हल्‍के होते हैं और आपके आऊटफिट को ट्रेंडी लुक भी देते हैं.

scarf

किसी भी बीमारी को संभालने के लिए अपने पास दवाईयां हमेशा रखें. डौक्‍टर्स द्वारा बताई गई पैन किलर्स, एंटी फगल क्रीम, एंटीबौडी दवाईयों को अपने बैग में ज़रूर रखें.

medicine kit

 

सफर के दौरान अपने फोन में कुछ सिक्‍योरिटी एप्स डाऊनलोड कर लें. ये एप्स मैप्‍स, होटल से लेकर फ्लाइट्स और लेंग्‍वेज ट्रांसलेटर्स तक ये एप्‍स आपकी मदद कर सकते हैं.

– अपने बैग में कुछ ऐसे स्‍नैक्‍स भी रखें, जो आपकी हल्‍का-फुल्‍का खाने की इच्‍छा को पूरा कर सकें.

– आप जिस भी जगह पर घूमने जा रहे हैं, वहां के टूरिज्‍म से जुड़ी वेबसाइट पर एक बार नज़र जरूर डाल लें.

– अपने सामान की सही पहचान के लिए इसे कस्टमाइज़ करें. अपने बैग के हैंडल या बेल्‍ट पर आप कलरफुल रिबन बांध दें, ताकि ये आसानी से पहचाना जा सके.

क्या आपके घर का फर्श भी हो गया है बदरंग!

भले ही आपने घर को खूबसूरत बनाने के लिए एक से बढ़कर एक सामान खरीदा हो लेकिन अगर आपके घर का फर्श गंदा और बदरंग है तो कोई भी चीज खूबसूरत नजर नहीं आएगी.

फर्श को साफ रखना न केवल खूबसूरत घर के लिए जरूरी है बल्क‍ि बीमारियों से सुरक्षा के लिए भी ये जरूरी है. कई बार ऐसा होता है कि नियमित सफाई नहीं होने की वजह से फर्श बदरंग नजर आने लगते हैं.

इससे घर की खूबसूरती तो कम होती है ही साथ ही कई बीमारियों के होने की आशंका भी बढ़ जाती है. ऐसे में आप चाहें तो ये उपाय अपनाकर अपने घर के फर्श को शीशे की तरह चमका सकती हैं.

सिरका

काले रंग की और लाल रंग की टाइल्स बाकी टाइल्स के मुकाबले जल्दी गंदी हो जाती हैं. अगर आपके घर की ब्लैक टाइल्स का भी यही हाल है तो 1 कप सिरका 1 बाल्टी पानी में मिलाएं और फिर उससे सफाई करें. आपके घर का फ्लोर चमक उठेगा.

नींबू

अगर आपके घर मेहमान आ रहे हैं और आप अपने घर का फ्लोर जल्दी साफ करना चाहते है तो फटाफट से कुछ नींबू काट लीजिए. इनके रस को एक बाल्टी में निचोड़ लीजिए. बाल्टी में पानी मिलाइए और फर्श की सफाई कीजिए. इससे जमीन पर मौजूद सारे दाग साफ हो जाएंगे.

अमोनिया

एक बाल्टी पानी लें और उसमें 1 कप अमोनिया मिला लें. फि‍र उससे अपना फ्लोर साफ करें. अमोनिया की गंध बहुत तेज होती है. ऐसे में सफाई करने के बाद खि‍ड़की दरवाजे खोल दें ताकि आपके घर से गंध निकल जाए.

गर्म पानी और साबुन का घोल

अगर आपके घर में ब्लैक मार्बल है तो कभी भी अम्लीय चीजों का इस्तेमाल नहीं करें. इससे फ्लोर खराब हो सकता है. हल्के गुनगुने पानी में साबुन मिलाकर साफ करने से फ्लोर चमक उठेगा.

फैब्रिक सॉफ्टनर

जी हां आप अपने घर के फ्लोर को चमकाने के लिए ये तरीका भी आजमा सकते हैं. लेकिन अगर आपने सफाई ठीक से नहीं की है तो फर्श पर इसके दाग बन जाएंगे.

ऐथेनॉल

आप अपने फ्लोर को साफ करने के लिए ऐथेनॉल का भी इस्तेमाल कर सकते है. एक बाल्टी पानी में एक चम्मच ऐथेनोल मिलाकर पोछा लगाएं. इससे फर्श पर मौजूद सारे दाग धब्बे साफ हो जाएंगे.

सील योर फ्लोर

आज कल बाजार में फ्लोर को कवर करने के लिए खास किस्म की प्लास्ट‍िक की मैट मिलती है. जिससे आप चाहें तो पूरे फर्श को कवर कर सकती हैं. इसे साफ करना भी बहुत आसान होता है.

स्टमक फिट तो आप फिट

जीवनशैली और खानपान में बदलाव का नतीजा है कि किशोर और युवाओं में पेट के अल्सर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सामान्य भाषा में कहें तो पेट में छाले व घाव हो जाने को पेप्टिक अल्सर कहा जाता है.

क्यों होता है पेप्टिक अल्सर: पेट में म्यूकस की एक चिकनी परत होती है, जो पेट की भीतरी परत को पेप्सिन और हाइड्रोक्लोरिक ऐसिड के तीखेपन से बचाती है. इस ऐसिड और म्यूकस परतों के बीच तालमेल होता है. इस संतुलन के बिगड़ने पर ही अल्सर होता है.

कारण है एच. पायलोरी बैक्टीरिया: पेप्टिक अल्सर का सबसे प्रमुख कारण एच. पायलोरी बैक्टीरिया है. वर्ष 1982 में एक औस्ट्रेलियाई डाक्टर बेरी जे. मार्शल ने एच. पायलोरी (हेलिकोबेक्टर पायलोरी) नामक बैक्टीरिया का पता लगाया था. इस बैक्टीरिया  को बिस्मथ के जरिए जड़ से मिटाने में सफल होने की वजह से 2005 का नोबेल पुरस्कार भी उन्हें मिला. उन्होंने माना था कि सिर्फ खानपान और पेट में ऐसिड बनने से पेप्टिक अल्सर नहीं होता, बल्कि इसके लिए एक बैक्टीरिया भी दोषी है. इसका नाम एच. पायलोरी रखा गया. एच. पायलोरी का संक्रमण मल और गंदे पानी से फैलता है.

अल्सर के लक्षण: अल्सर के लक्षणों में ऐसिडिटी होना, पेट फूलना, गैस बनना, बदहजमी, डायरिया, कब्ज, उलटी, आंव, मितली व हिचकी आना प्रमुख हैं.

पेप्टिक अल्सर होने पर सांस लेने में भी दिक्कत होती है. यदि पेप्टिक अल्सर का जल्दी उपचार न किया जाए और यह लंबे समय तक शरीर में बना रहे तो यह स्टमक कैंसर का कारण भी बन जाता है.

आंतरिक रक्तस्राव होने के कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है. पेट या छोटी आंत की दीवार में छेद हो जाते हैं, जिससे आंतों में गंभीर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

क्या न करें: पेप्टिक अल्सर से बचना है तो धूम्रपान, तंबाकू युक्त पदार्थों, मांसाहार, कैफीन तथा शराब  से दूर रहें.

क्या करें: पेट की समस्याओं से बचने और पाचनतंत्र को सही रखने के लिए इन टिप्स पर गौर करें:

  • पुदीना पेट को ठंडा रखता है. इसे पानी में उबाल कर या मिंट टी के रूप में लिया जा सकता है.
  • अजवाइन पेट को हलका रखती है और दर्द से भी राहत दिलाती है.
  • बेलाडोना मरोड़ और ऐंठन से राहत दिलाता है.
  • स्टोमाफिट लिक्विड और टैबलेट पेट को फिट रखने में लाभकारी है. इस में मौजूद पुदीना, अजवाइन, बेलाडोना और बिस्मथ विकार को बढ़ने से रोकने के साथसाथ पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखता है. डाक्टर की सलाह से इस का सेवन किया जा सकता है.

सावधान : कहीं आप हैलिकौप्टर पेरैंट तो नहीं

मनोवैज्ञानिकों की नजरों में उन मातापिताओं को होवरिंग या हैलिकौप्टर पेरैंट्स का नाम दिया गया है जो हर समय बच्चों के सिर पर हैलिकौप्टर की तरह मंडराते रहते हैं. मातापिता के ज्यादा समय बच्चों पर ही ध्यान टिका रहने के चलते बच्चा खुद से कोई फैसला लेने, सहीगलत में समझ रखने या फिर अकेले कहीं जाने से घबराने लगता है. ऐसे पेरैंट्स अपने बच्चों की जिंदगी का हर फैसला लेने का जिम्मा खुद ही उठा लेते हैं. जैसे उन के कपड़ों के चयन का, खाने आदि का. मातापिता के इस व्यवहार का बच्चे की मानसिक क्षमता पर बहुत बुरा असर पड़ता है.

होवरिंग या हैलिकौप्टर पेरैंट्स शब्द सब से पहले 1969 में डाक्टर हेम गिनाट्स की किताब ‘बिटवीन पेरैंट्स एंड टीनऐजर्स’ में इस्तेमाल हुआ था और इतना लोकप्रिय हुआ कि 2011 में इसे डिक्शनरी में स्थान मिल गया.

प्रतियोगिता के इस दौर में सभी मातापिता अपने बच्चे का पूर्ण विकास चाहते हैं कि उन का बच्चा हर चीज में अव्वल रहे, जिस के लिए वे स्वयं बच्चे के पीछे लगे रहते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि जानेअनजाने वे अपनी उम्मीदों का बोझ बच्चों पर लाद देते हैं. उन का बच्चा कहीं औरों से पिछड़ न जाए यह सोच कर वह बच्चे के पीछे पड़े रहते हैं. पेरैंट्स को लगता है उन के अधिक ध्यान देने से बच्चा सफल हो जाएगा.

मगर पेरैंट्स ऐसा न करें. बच्चे को थोड़ा अपने बंधन से मुक्त रखें, क्योंकि कई बार मातापिता अपने बच्चों की सीढ़ी बनने के बजाय उन की बैसाखी बन जाते हैं, जिस से बच्चों को यह एहसास होने लगता है कि वे अपने मातापिता के बिना कुछ भी नहीं कर सकते. कोई भी काम करने में उन्हें घबराहट होने लगती है. बच्चे यकीनन पेरैंट्स की जिम्मेदारी हैं, मगर इस का यह मतलब नहीं कि हमेशा आप अपनी मरजी उन पर थोपें.

बच्चों की सीढ़ी बन कर उन की मदद करेंगे तो वे आत्मनिर्भर बनेंगे और अगर बैसाखी बन कर उन्हें सहारा देना चाहेंगे तो वे खुद को कमजोर समझने लगेंगे. उन्हें रिलैक्स रहने दें. अपने कुछ फैसले उन्हें खुद लेने दीजिए ताकि उन में आत्मविश्वास जागे. कहने का मतलब यह है कि हमेशा अपनी पसंदनापसंद बच्चों पर न थोपें. हमेशा की रोकटोक से बच्चों की पर्सनैलिटी डैवलप नहीं हो पाएगी. हर वक्त बच्चों पर सख्ती उन्हें जिद्दी बना सकती है.

ऐक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बच्चों के साथ सख्ती से पेश आने पर वे गुस्सैल और जिद्दी हो जाते हैं. इस का नतीजा अभिभावक को बच्चों से उलटेसीधे जवाब और गलत ऐटिट्यूड के रूप में भी भुगतना पड़ सकता है.

क्या करें

जब पेरैंट्स बिना सोचेसमझे बच्चों से हर वक्त ‘क्यों, कहां, क्या’ जैसे सवाल करने लगते हैं तो वे चिड़चिड़े हो जाते हैं और धीरेधीरे झूठ बोलने पर मजबूर होने लगते हैं. मगर पेरैंट्स को लगता है कि वे ये सब कर अपने बच्चों की गलत हरकतें सुधार रहे हैं. जबकि ऐसा नहीं है. पतंग को इतनी ढील इसलिए दी जाती है ताकि वह मग्न हो कर आसमान में उड़ सके. ज्यादा सख्ती बच्चों को अंदर तक तोड़ सकती है.

मातापिता का हर चीज के लिए बच्चों को मना करना और उन की हर हरकत पर पैनी नजर रखना उन्हें झुंझलाहट से भर देता है. इस से उन के निर्णय लेने की क्षमता घटने लगती है. उन्हें लगने लगता है कि वे अपने पेरैंट्स के बिना कुछ नहीं कर सकते. ऐसे बच्चे बड़े तो हो जाते हैं पर वास्तव में अपने पैरों पर ठीक से खड़े नहीं हो पाते. सहारा ढूंढ़ते हैं बड़ा होने पर भी. उन्हें हर वक्त अपने मातापिता की सपोर्ट की जरूरत पड़ती है.

अत: पेरैंट्स को खुद को हैलिकौप्टर बनने से रोकना होगा और बच्चों को अपने फैसले खुद लेने देने होंगे. तभी वे भविष्य में काबिल इंसान बन पाएंगे.

बदलें परवरिश का तरीका

समय के साथ परवरिश के तौरतरीकों में भी काफी बदलाव आया है. बाल मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि ज्यादा रोकटोक करने से बच्चा मानसिक स्तर पर कमजोर हो जाता है. डाक्टरों का कहना है कि पेरैंट्स को अपने बच्चों के आगेपीछे घूमने के बजाय उन के साथ फ्रैंक रहना चाहिए एक दोस्त की तरह ताकि वे उन पर नजर भी रख सकें और बच्चे का विकास भी हो सके.

इस संदर्भ में चाइल्ड काउंसलर गीतिका कपूर कहती हैं कि जहां डांटफटकार की वजह से बच्चों का सैल्फ ऐस्टीम कमजोर हो जाता है वहीं थोड़ी तारीफ सुन कर वे दोगुने उत्साह के साथ अपने काम में जुट जाते हैं. पेरैंट्स का यह तरीका ज्यादातर कारगर होता है. इस की मदद से बच्चों को बहुत आसानी से अच्छी आदतें सिखाई जा सकती हैं.

हैलिकौप्टर पेरैंटिग के नुकसान

– हैलिकौप्टर पेरैंट्स बच्चों के व्यक्तित्व के विकास में सीधे तौर पर बाधा डालते हैं, क्योंकि हर बच्चे का स्वभाव एक जैसा नहीं होता और हो सकता है पेरैंट्स की जरूरत से ज्यादा केयर उसे और कमजोर बना दे.

– हैलिकौप्टर पेरैंटिंग के कारण बच्चों का आत्मविश्वास कम होने लगता है और वे खुद की काबिलीयत पर ही शंका करने लगते हैं. उन्हें लगने लगता है वे अकेले कुछ नहीं कर पाएंगे और अगर किया तो मातापिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाएंगे. इस कारण चुपचाप रहना, किसी से ज्यादा बात न करना, कुछ बोलने के पहले घबराना आदि उन की आदतों में शामिल हो जाता है.

हमारे देश में बड़े होने तक बच्चे हर बात के लिए अपने मातापिता पर निर्भर रहते हैं. पढ़ाई के मामले में ही देख लीजिए. 10वीं कक्षा के बाद बच्चा साइंस लेगा या आर्ट्स अथवा कौमर्स यह उस के मातापिता ही डिसाइड करते हैं. अगर बच्चे ने अपनी इच्छा जाहिर कर भी दी तो उसे यह कह कर चुप करा दिया जाता है कि तुम से यह नहीं चलेगा और जब आगे चल कर बच्चा उस में कामयाब नहीं हो पाता है तो सारी गलती उसी के सिर डाल उसे कोसने लग जाते हैं.

बच्चे उठा सकते गलत कदम

पिछले कुछ सालों में सुसाइड के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. जिस की एक बड़ी वजह है हैलिकौप्टर पेरैंटिग. परीक्षा पहले भी स्ट्रैसफुल थी, लेकिन पहले इस तरह से बच्चे सुसाइड नहीं किया करते थे. आज प्रतिस्पर्धा की दौड़ में बच्चों को लगने लगता है कि अगर वे अपने मातापिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए तो क्या होगा. यही सब बातें उन्हें ऐसे गलत कदम उठाने को मजबूर करती हैं. बच्चों को वही करने दें जिस में उन की रुचि हो, न कि जबरन उन पर अपनी मरजी थोपें.

भले ही कुछ मातापिता को अपनी हैलिकौप्टर पेरैंटिंग वाली बात समझ में न आती हो और बच्चे भी कुछ न कह पा रहे हों, लेकिन बच्चे किसी न किसी तरह से कम्युनिकेट जरूर करते हैं जैसे चिड़चिड़ा हो जाना, किसी भी बात पर झल्ला पड़ना, अकेले रहना पसंद करना, खाना हो या पढ़ना अपने कमरे में ही करना आदि. ये सब डिप्रैशन के लक्षण हैं.

कई मामलों में पेरैंट्स को पता नहीं होता कि उन का बच्चा लंबे समय से डिप्रैशन में है. चाहे किसी विषय पर हो पर संवाद बहुत जरूरी है और होता रहना चाहिए ताकि बच्चों के मन की बातें मातापिता तक पहुंच सकें. उन का अपने बच्चों को भरोसा दिलाना जरूरी है कि वे उन के साथ हैं और उन्हें समझते हैं.

2019 फैशन : क्या इन क्या आउट

हम नहीं चाहते कि आप किसी भी तरह नए साल के नए फैशन ट्रैंड्स से वंचित रहें. हम आप को ड्रैस ही नहीं, ज्वैलरी, बैग्स, फुटवियर, हेयरस्टाइल सभी की लेटैस्ट जानकारी से रूबरू करा रहे हैं.

फैशन डिजाइनर आशिमा शर्मा कुछ ऐसे टिप्स ऐंड ट्रिक्स के बारे में बता रही हैं, जिन पर गौर कर आप फैशनेबल दिख सकती हैं:

लेयर्ड फैशन: इस तरह के स्टाइल स्टेटमैंट में आप जितने चाहें कपड़े पहन सकती हैं, लेकिन ध्यान यह रखें कि कौन सा रंग या डिजाइन आप किस कपड़े के साथ मैच कर पहन रही हैं. लेयर्ड फैशन में ब्लैक पैंट और व्हाइट शर्ट के साथ डार्क ब्राउन रंग का लूज स्वैटर और शौर्ट बूट पहन कर इस तरह की लेयरिंग कर सकती हैं. यदि आप को स्कार्फ या मफलर पहनना पसंद है, तो आप बौयफ्रैंड जींस के साथ डीपनैक स्वैटर का कौंबिनेशन कर उसे मनपसंद मफलर से कवर कर सकती हैं. इस लुक को आप मैसी बन के साथ पूरा करें.

टी शर्ट के साथ बैलबौटम पैंट: यदि आप को पार्टी में जाना बेहद पसंद है, तो यह फैशन आप का स्टाइल स्टेटमैंट होना चाहिए. आप इस लुक के लिए ब्लौक स्कैलोप हेम बैलबौटम पैंट के साथ ऐनिमल प्रिंट टौप पहन सकती हैं. बोल्ड और पौपी नेल पेंट लगाएं जो आप की पैंट से मैच करेगा, साथ ही कानों में गोल डिजाइन की इयररिंग्स पहनें. रही बात मेकअप की तो उसे जितना हो सके उतना कम रखें.

पैंसिल स्कर्ट के साथ ओवरसाइज शर्ट: यह लुक औफिस के लिए बिलकुल सही है. पैंसिल स्कर्ट पहनें जो बौडीकोन हो और आगे की तरफ मैचिंग बटन हों. इस के साथ ओवरसाइज चैक शर्ट पहनें. बालों को ढीली पोनीटेल में बांधें. लेस पीप टो बूट के साथ इसे कैरी कर सकती हैं. यह आप को कैजुअल लुक देगा.

ब्लेजर ड्रैस: फ्लोरल व प्रिंटेड डै्रसेज तो आप ने बहुत पहनी होंगी और रफल ड्रैसेज भी, पर अब जिप ब्लेजर ड्रैस अपनाएं. इस ड्रैस को 2019 के नए कलैक्शन में जरूर शामिल करें. इस तरह की

ड्रैस के साथ आप ऐंकल स्ट्रैप चंकी हील पहन सकती हैं. बालों को कलर कर इस लुक को कौन्फिडैंटली कैरी करें.

फ्लाउंस स्लीव टी: फ्लाउंस स्लीव टी औफिस के लिए कुछ अलग हट कर फैशन साबित हो सकता है और साथ ही पार्टी और डेट के लिए भी परफैक्ट औप्शन है. इस टी के साथ आप कोई भी लुक अपना सकती हैं. इसे मिनी स्कर्ट या डैनिम जींस के साथ पहन सकती हैं. यदि आप डैनिम जींस के साथ इसे पहनने जा रही हैं, तो मेकअप कम से कम करें और साथ में हाई हील पहन कर फ्लौंट करें.

क्रौप टौप विद ड्रैप्ड स्कर्ट: व्हाइट कलर सभी पर खूब जंचता है और यदि चैक और क्रौप टौप की दीवानी हैं या इसे पहनने की सोच रही हैं, तो ब्लैकव्हाइट चैक क्रौप टौप लें, जिस के पीछे नौट डिजाइनें बनी हों, जो आप को थोड़ा बैकलैस का फील भी देंगी. इस के साथ आप स्कर्ट पहन सकती हैं. यह महिलाओं का पसंदीदा पहनावा बन चुका है. इस लुक को सैक्सी बनाने के लिए हाई हील पहनें. साथ में बोल्ड कलर की लिपस्टिक लगाएं जो आप के पूरे आउटफिट को क्लासिक बना देगी.

रंगरीति के सीईओ संजीव अग्रवाल फैशन के नए ट्रैंड्स के ये टिप्स दे रहे हैं:

पेस्टल कलर इज इन: पेस्टल कलर्स न केवल दिखने में कूल लगते हैं, बल्कि सोबर और स्टाइलिश लुक भी देते हैं. पार्टी ड्रैस हो या औफिस ब्लेजर बेफिक्र हो कर लैवेंडर को चुनें. यह कलर 2019 में इन है.

वाइड लैग लैंट्स और ट्राउजर्स: 90 के दशक का फैशन फिर लौट आया है. वाइड लैग पैंट्स और ट्राउजर्स में अपनी पसंद का पैक चुन कर इसे किसी भी क्रौप टौप टीज, लौंग स्लीव शर्ट के साथ मैच करें और बन जाएं ग्लैमरस.

वाइल्ड ऐंड आउटगोइंग प्रिंट: कलर ब्लौक्ड प्रिंट 2018 में फैशन में रहे हैं. इन्हीं बोल्ड और बिंदास प्रिंट्स के साथ आप 2019 में भी खुद को आकर्षक और खूबसूरत लुक दे सकती हैं.

फ्रिंजेज: यह पार्टीवियर सहित हर तरह के परिधानों के साथ मैच करता है. शिमरी फैब्रिक का छोटा सा कपड़ा इस की खूबसूरती में चारचांद लगा देता है.

कैप्स ऐंड पोंचो: स्टाइलिश ऐथनिक पोंचो और रंगबिरंगे कैप्स 2019 के लिए सब से आकर्षक फैशन ट्रैंड्स हैं. ऐथनिक ही नहीं, बल्कि कैजुअल और वैस्टर्न कैप भी आप के लुक को अपग्रेड कर सकता है.

प्लाजो को कहें बायबाय: अब प्लाजो की जगह शरारा ने ले ली है. अपने वार्डरोब में नई डिजाइनों के शरारे जरूर रखें. 2019 में अपनी किसी भी कुरती के साथ शरारा मैच कीजिए और बन जाएं पार्टी की शान.

पारंपरिक भारतीय काम वाले स्कार्फ: स्कार्फ लगभग हर भारतीय परिधान के साथ मैच करता है. ब्लौक प्रिंट, बाटिक और कांथा से युक्त स्कार्फ आजकल बहुत ज्यादा चलन में हैं. जनवरी की सर्दी में लंबा गरम स्कार्फ आप को गरम भी रखेगा और स्टाइलिश भी बनाएगा. इसी तरह गरमी के मौसम में आप खुद को टैनिंग से बचाने के लिए ब्लौक प्रिंट से सजा कौटन का स्कार्फ पहन सकती हैं.

मेकअप ट्रैंड्स 2019

सौंदर्य विशेषज्ञा भारती तनेजा 2019 के कुछ खास मेकअप ट्रैंड्स के बारे में बता रही हैं:

जहां इस साल नैचुरल मेकअप का ट्रैंड फेड होने की ओर है और उस की जगह लेगा ब्राइट मेकअप ट्रैंड, वहीं हेयरस्टाइल में भी इस साल रैट्रो लुक आउट हो सकता है. 2 से 6 महीने वाले टैंपरेरी ब्यूटी प्रोसैस की जगह ज्यादा टाइम वाले ब्यूटी ट्रीटमैंट ज्यादा पसंद किए जाएंगे.

बीते साल में न्यूड मेकअप ट्रैंड के कारण लाइट मेकअप की डिमांड ज्यादा थी, जिस में मेकअप तो सब करना चाहती थीं, लेकिन उसे दिखाना नहीं चाहती थीं. इसलिए ब्लैक ऐंड व्हाइट कलर ज्यादा छाए रहे. मगर इस साल लाइट या न्यूड मेकअप कम ही देखने को मिलेगा.

आने वाले समय में मेकअप किट का पार्ट बनने वाले कलर हैं- पर्पल, औरेंज, रस्ट, पैरेट ग्रीन, ब्लू जैसे ब्राइट कलर क्योंकि मेकअप के सारे प्रोडक्ट्स नेचर से इंस्पायर्ड होंगे. थोड़ा और कलरफुल होने की चाहत रखने वालों के लिए फ्लोरल कलर्स जैसे पिंक, रोज और ट्यूलिप इन होंगे. आई मेकअप में भी लाइनर से ले कर आईशैडो तक में ऐमराल्ड ग्रीन को महत्त्व मिल सकता है.

थ्री डी और फैंटेसी आई मेकअप ट्रैंड में रहेगा. इस में पलकों के ऊपर  डिफरैंट स्टाइल की पेंटिंग बनाने का ट्रैंड होगा. अपनी कल्पना के मुताबिक इस में पेड़, बटरफ्लाई, फ्लौवर, बर्ड्स बगैरा बनाए जाएंगे. इस के लिए कलर, क्रिस्टल, स्पार्कल और ग्लिटर का यूज किया जाएगा. ब्राइट कलर्स के साथ ड्रामैटिक आई मेकअप यूज होगा.

हां, कैट आई मेकअप ट्रैंड में रहेगा, लेकिन डिफरैंट कलरफुल आईलाइनर के साथ. औरिजनल कैट आईज ट्रैंड से बाहर हो जाएंगी. स्मोकी आईज भी कम पसंद की जाने की संभावना है.

लिप मेकअप में औक्सब्लड, पंपकिन रैड, फ्यूशिया, मैटेलिक शेड चलन में रहने वाले हैं. ट्रैंड में टू टोन लिपस्टिक लगाने का भी ट्रैंड सैट होने वाला है, जिस में ऊपर लिप में अलग शेड और लोअर लिप में अलग शेड लगाया जा सकता है. पिंक और रैड का शेड इस्तेमाल कर के बोल्ड डाइमैंशनल लिप्स का अंदाज अपनाया जा सकता है.

हेयरस्टाइल की डिमांड बढ़ेगी

आने वाले समय में ईजी टु कैरी हेयरस्टाइल्स की डिमांड बढ़ेगी. ऐसे स्टाइल डिमांड में रहेंगे, जो बिना किसी मेहनत के आराम से बन जाएं. बालों को कलर करवाने पर जोर रहेगा. 2019 की सर्दी में हौट ऐंड बोल्ड हेयर कलर शेड से आगाज होगा, फिर वसंत के साथ हेयर शेड बदलते जाएंगे. इस ट्रैंड में यदि आप जैट ब्लैक या इंक ब्लैक कलर नहीं करना चाह रही हैं, तो ऐश ग्रे हेयर शेड का चुनाव कर सकती हैं. इस के लिए अपने बालों को ऐसे डाई करें कि वे जड़ों की तरफ डार्क रहें और जैसेजैसे ऊपर बढ़ते जाएं लाइट होते जाएं. यह लुक आप को सब से अलग कर देगा.

चैस्टनट ब्राउन शेड को मैंटेन करना बहुत आसान है और यह लुक को सब से अलग कर देता है. इस के लिए इस में स्लीक गोल्डन हाईलाइट भी अच्छी लग सकती है. यह भी 2019 में काफी पसंद किया जाने वाला कलर होगा.

यदि आप ट्रैंड के अनुसार किसी कूल रंग का हेयर कलर शेड ट्राई करना चाहती हैं तो बेबी ब्लौंड हेयर कलर भी बालों पर लगा सकती हैं. इस से आप को नया लुक मिलेगा. चौकलेट रोज गोल्ड हाईलाइटिंग के लिए महिलाओं की पहली पसंद रहता ही है, आने वाले साल में भी आप इसे ट्राई कर सकती हैं. अपने बालों के सिरों पर पिंक और ब्राउन टोन का टचअप करें और सालभर ट्रैंड करें.

बालों में ऐक्सैसरीज के तौर पर औरिजनल फ्लौवर्स, आर्किड, रोज, लिली यूज किए जाएंगे. ज्यादातर हेयरस्टाइल्स विक्टोरियन लुक से इंस्पायर्ड होंगे. जहां हैड गियर का खूब यूज किया जाएगा, वहीं ऐंजेलिक लुक पर भी जोर रहेगा.

कैंडल मैनीक्योर पैडीक्योर

सर्दी का मौसम भले ही और सभी मौसमों से बेहतर माना जाता है, लेकिन इस मौसम में त्वचा बहुत ड्राई और रूखीसूखी हो जाती है, जिस से वह बेजान नजर आने लगती है. इस मौसम में त्वचा को नमी यानी मौइश्चराइजिंग की खास जरूरत पड़ती है.

सर्दियों में अकसर नमी की कमी के कारण होंठ फटने लगते हैं. हाथपैरों की त्वचा में सफेद दरारें पड़ने लगती हैं, एडि़यां भी फटने लगती हैं और कभीकभी तो उन में से खून भी आने लगता है, जिस से काफी दर्द होता है. इसलिए इस मौसम में त्वचा को काफी देखभाल की जरूरत होती है. ऐसे में साधारण मैनीक्योरपैडीक्योर से कोई फायदा नहीं मिलता, बल्कि खास तरह के मैनीक्योरपैडीक्योर की जरूरत पड़ती है. इस के लिए आप कैंडल मैनीक्योरपैडीक्योर थेरैपी का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस के इस्तेमाल से त्वचा नर्ममुलायम और चमकदार बनी रहेगी.

क्या है कैंडल मैनीक्योरपैडीक्योर

कैंडल मैनीक्योरपैडीक्योर ट्रीटमैंट में कुछ खास तरह के कैंडल्स यानी मोमबत्तियों को गला कर बनाया जाता है. यह एक नया तरीका है मैनीक्योरपैडीक्योर करने का.

कैसे करते हैं इस ट्रीटमैंट का प्रयोग

इस ट्रीटमैंट मैं कैंडल को गला कर इस का प्रयोग स्क्रबिंग और मसाज के लिए किया जाता है. इस ट्रीटमैंट से त्वचा से डैड स्किन निकाल दी जाती है. सर्दियों के मौसम में यह ट्रीटमैंट बहुत ही फायदेमंद होता है. इस के इस्तेमाल से हाथपैरों में नमी बरकरार रहती है.

कैसे बनाया जाता है इसे

इस कैंडल को बनाने के लिए वैक्स के अलावा इस में जोजोबा औयल, कोकोआ बटर, विटामिन ई और आवश्यक तेलों का प्रयोग होता है. ऐसी कैंडल आप को बाजार में आसानी से मिल जाएंगी और चाहें तो घर पर भी बना सकती हैं. इस के लिए नौर्मल कैंडल को गला कर उस में अपने मनपसंद औयल्स मिलाएं.

इस के फायदे

कैंडल मसाज त्वचा को पोषण देने, ऐक्सफौलिएट करने और त्वचा सैल्स के पुनर्जनन को प्रोत्साहित करने का शानदार तरीका है.

कैसे करें इस का इस्तेमाल

कैंडल थेरैपी के दौरान मैनीक्योरपैडीक्योर की शुरुआत साधारण तरीके से की जाती है. सब से पहले नाखूनों को काटना, फौइल, शेपिंग, क्यूटिकल्स पर क्रीम लगा कर इन की सफाई करना शामिल है. इस के बाद स्पैशल कैंडल को पिघलाया जाता है. तैयार वेक्स का इस्तेमाल स्क्रब के रूप में किया जाता है. इस से डैड स्किन निकल जाती है. फिर हौट टौवेल रैप से त्वचा को साफ किया जाता है.

इस के बाद क्रीम बनाने के लिए फिर से कैंडल को पिघलाया जाता है. इस वैक्स से बनी क्रीम का इस्तेमाल अच्छी तरह मौइश्चराइज करने के लिए किया जाता है. उस के बाद स्किन ब्राइटनिंग पैक का इस्तेमाल हाथों और पैरों के लिए किया जाता है. कैंडल थेरैपी का इस्तेमाल हाथपैरों को अतिरिक्त नमी प्रदान करेगा.

इस के अलावा पर्याप्त मात्रा में फल खाएं. ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लें.

वीडियो : ‘तारक मेहता…’ की दयाबेन के किरदार में दिखीं सपना चौधरी

‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ इन दिनों काफी सुर्खियों में है. एक तरफ जहां दयाबेन के शो छोड़ने की खबरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं वहीं दूसरी तरफ सोनू का किरदार निभाने वाली निधि भानुशाली ने शो छोड़ दिया है. इन सबके बाद अब डांसर सपना चौधरी को एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है इस वीडियो में वह ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की दयाबेन का रोल करती नजर आ रही हैं. लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि वो शो में दिशा वकानी की जगह ले रही हैं तो जरा ठहरिए क्योंकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.

दरअसल, सपना चौधरी का एक टिक-टौक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें वो दयाबेन का किरदार निभाती नजर आ रही हैं. वीडियो में वह दयाबेन के डायलौग बोल रही हैं. वीडियो काफी फनी है. डांसर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है. लोग उनकी एक्टिंग की तारीफ भी कर रहे हैं.

 

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एक यूजर ने लिखा- सपना एक ऐसा नाम है जो किसी भी किरदार में ढल सकती हैं. वहीं दूसरे यूजर ने कहा कि सपना ये आपका बेस्ट-बेस्ट वीडियो है.

बता दें कि सपना ने ”फिल्म दोस्ती के साइड इफेक्ट्स” से बौलीवुड में डेब्यू किया है. उनकी फिल्म 8 फरवरी को रिलीज हुई. सपना जबरदस्त डांसर और सिंगर हैं. भोजपुरी, हिंदी, पंजाबी, हरियाणवी सिनेमा में वह कई आइटम सौंग्स भी कर चुकी हैं.

 

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वहीं अगर तारक मेहता का उल्टा चश्मा की बात करें तो दयाबेन का किरदार निभा रहीं दिशा वकानी के शो में रहने को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है. लंबे समय से वो शो से गायब हैं. 2017 में उन्होंने बेटी को जन्म दिया, जिसके बाद उन्होंने ब्रेक लिया. लेकिन वो अभी तक शो में वापस नहीं आई हैं. उनके शो छोड़ने की खबरें भी जोरों पर हैं.

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