मेरे बौयफ्रैंड ने मेरे साथ जबरन संबंध बनाए. मैं चिंतित हूं कि जब सुहागरात को मेरे पति को पता चलेगा कि मेरा शील भंग हो चुका है तो क्या होगा.

सवाल
मैं 24 वर्षीय युवती हूं. 6 महीने बाद मेरी शादी है. ज्योंज्यों शादी की तारीख नजदीक आ रही है त्योंत्यों मैं तनावग्रस्त होती जा रही हूं. दरअसल, मैं एक युवक से प्यार करती हूं. सालभर तक मेरे साथ प्यार का ढोंग करने के दौरान मेरे बौयफ्रैंड ने मेरे साथ जबरन संबंध बनाए. जब मैं ने विरोध किया तो उस ने मुझे काफी जलील किया. उस का कहना था कि मेरी सोच पिछड़ी हुई है. बहस करते करते उस के मुंह से सचाई निकल गई कि वह मुझ से प्यार नहीं करता. यह सचाई जान कर मुझे बहुत सदमा लगा. अब जबकि  मेरी किसी अन्य युवक से शादी होने जा रही है तो मैं चिंतित हूं कि जब सुहागरात को मेरे पति को पता चलेगा कि मेरा शील भंग हो चुका है तो क्या होगा?

जवाब
प्यार में आप ने धोखा खाया है. इस से आहत होना स्वाभाविक है. पर अब जबकि आप की शादी होने वाली है तो आप को अपने अतीत को पूरी तरह से भूलने का प्रयास करना चाहिए और भविष्य की सुखद कल्पना करनी चाहिए. जहां तक सुहागरात को ले कर आप की चिंता है तो वह बेमानी है. जब तक आप अपने मुंह से कुछ नहीं कहेंगी आप के पति नहीं जान पाएंगे कि आप विवाहपूर्व किसी से संबंध बना चुकी हैं. इस प्रसंग को दिमाग से निकाल दें.

ये भी पढ़ें…

सैक्स: मजा न बन जाए सजा

पहले प्यार होता है और फिर सैक्स का रूप ले लेता है. फिर धीरेधीरे प्यार सैक्स आधारित हो जाता है, जिस का मजा प्रेमीप्रेमिका दोनों उठाते हैं, लेकिन इस मजे में हुई जरा सी चूक जीवनभर की सजा में तबदील हो सकती है जिस का खमियाजा ज्यादातर प्रेमी के बजाय प्रेमिका को भुगतना पड़ता है भले ही वह सामाजिक स्तर पर हो या शारीरिक परेशानियों के रूप में. यह प्यार का मजा सजा न बन जाए इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखें.

सैक्स से पहले हिदायतें

बिना कंडोम न उठाएं सैक्स का मजा

एकदूसरे के प्यार में दीवाने हो कर उसे संपूर्ण रूप से पाने की इच्छा सिर्फ युवकों में ही नहीं बल्कि युवतियों में भी होती है. अपनी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वे सैक्स तक करने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन जोश में होश न खोएं. अगर आप अपने पार्टनर के साथ प्लान कर के सैक्स कर रहे हैं तो कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें. इस से आप सैक्स का बिना डर मजा उठा पाएंगे. यहां तक कि आप इस के इस्तेमाल से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिसीजिज से भी बच पाएंगे.

अब नहीं चलेगा बहाना

अधिकांश युवकों की यह शिकायत होती है कि संबंध बनाने के दौरान कंडोम फट जाता है या फिर कई बार फिसलता भी है, जिस से वे चाह कर भी इस सेफ्टी टौय का इस्तेमाल नहीं कर पाते. वैसे तो यह निर्भर करता है कंडोम की क्वालिटी पर लेकिन इस के बावजूद कंडोम की ऐक्स्ट्रा सिक्योरिटी के लिए सैक्स टौय बनाने वाली स्वीडन की कंपनी लेलो ने हेक्स ब्रैंड नाम से एक कंडोम बनाया है जिस की खासीयत यह है कि सैक्स के दौरान पड़ने वाले दबाव का इस पर असर नहीं होता और अगर छेद हो भी तो उस की एक परत ही नष्ट होती है बाकी पर कोई असर नहीं पड़ता. जल्द ही कंपनी इसे मार्केट में उतारेगी.

ऐक्स्ट्रा केयर डबल मजा

आप के मन में विचार आ रहा होगा कि इस में डबल मजा कैसे उठाया जा सकता है तो आप को बता दें कि यहां डबल मजा का मतलब डबल प्रोटैक्शन से है, जिस में एक कदम आप का पार्टनर बढ़ाए वहीं दूसरा कदम आप यानी जहां आप का पार्टनर संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करे वहीं आप गर्भनिरोधक गोलियों का. इस से अगर कंडोम फट भी जाएगा तब भी गर्भनिरोधक गोलियां आप को प्रैग्नैंट होने के खतरे से बचाएंगी, जिस से आप सैक्स का सुखद आनंद उठा पाएंगी.

कई बार ऐसी सिचुऐशन भी आती है कि दोनों एकदूसरे पर कंट्रोल नहीं कर पाते और बिना कोई सावधानी बरते एकदूसरे को भोगना शुरू कर देते हैं लेकिन जब होश आता है तब उन के होश उड़ जाते हैं. अगर आप के साथ भी कभी ऐसा हो जाए तो आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लें लेकिन साथ ही डाक्टरी परामर्श भी लें, ताकि इस का आप की सेहत पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े.

पुलआउट मैथड

पुलआउट मैथड को विदड्रौल मैथड के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रक्रिया में योनि के बाहर लिंग निकाल कर वीर्यपात किया जाता है, जिस से प्रैग्नैंसी का खतरा नहीं रहता. लेकिन इसे ट्राई करने के लिए आप के अंदर सैल्फ कंट्रोल और खुद पर विश्वास होना जरूरी है.

सैक्स के बजाय करें फोरप्ले

फोरप्ले में एकदूसरे के कामुक अंगों से छेड़छाड़ कर के उन्हें उत्तेजित किया जाता है. इस में एकदूसरे के अंगों को सहलाना, उन्हें प्यार करना, किसिंग आदि आते हैं. लेकिन इस में लिंग का योनि में प्रवेश नहीं कराया जाता. सिर्फ होता है तन से तन का स्पर्श, मदहोश करने वाली बातें जिन में आप को मजा भी मिल जाता है, ऐंजौय भी काफी देर तक करते हैं.

अवौइड करें ओरल सैक्स

ओरल सैक्स नाम से जितना आसान सा लगता है वहीं इस के परिणाम काफी भयंकर होते हैं, क्योंकि इस में यौन क्रिया के दौरान गुप्तांगों से निकलने वाले फ्लूयड के संपर्क में व्यक्ति ज्यादा आता है, जिस से दांतों को नुकसान पहुंचने के साथसाथ एचआईवी का भी खतरा रहता है.

यदि इन खतरों को जानने के बावजूद आप इसे ट्राई करते हैं तो युवक कंडोम और युवतियां डेम का इस्तेमाल करें जो छोटा व पतला स्क्वेयर शेप में रबड़ या प्लास्टिक का बना होता है जो वैजाइना और मुंह के बीच दीवार की भूमिका अदा करता है जिस से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिजीजिज का खतरा नहीं रहता.

पौर्न साइट्स को न करें कौपी

युवाओं में सैक्स को जानने की इच्छा प्रबल होती है, जिस के लिए वे पौर्न साइट्स को देख कर अपनी जिज्ञासा शांत करते हैं. ऐसे में पौर्न साइट्स देख कर उन के मन में उठ रहे सवाल तो शांत हो जाते हैं लेकिन मन में यह बात बैठ जाती है कि जब भी मौका मिला तब पार्टनर के साथ इन स्टैप्स को जरूर ट्राई करेंगे, जिस के चक्कर में कई बार भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि पौर्न साइट्स पर बहुत से ऐसे स्टैप्स भी दिखाए जाते हैं जिन्हें असल जिंदगी में ट्राई करना संभव नहीं लेकिन इन्हें देख कर ट्राई करने की कोशिश में हर्ट हो जाते हैं. इसलिए जिस बारे में जानकारी हो उसे ही ट्राई करें वरना ऐंजौय करने के बजाय परेशानियों से दोचार होना पड़ेगा.

सस्ते के चक्कर में न करें जगह से समझौता

सैक्स करने की बेताबी में ऐसी जगह का चयन न करें कि बाद में आप को लेने के देने पड़ जाएं. ऐसे किसी होटल में शरण न लें जहां इस संबंध में पहले भी कई बार पुलिस के छापे पड़ चुके हों. भले ही ऐसे होटल्स आप को सस्ते में मिल जाएंगे लेकिन वहां आप की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती.

हो सकता है कि रूम में पहले से ही कैमरे फिट हों और आप को ब्लैकमैल करने के उद्देश्य से आप के उन अंतरंग पलों को कैमरे में कैद कर लिया जाए. फिर उसी की आड़ में आप को ब्लैकमेल किया जा सकता है. इसलिए सावधानी बरतें.

अलकोहल, न बाबा न

कई बार पार्टनर के जबरदस्ती कहने पर कि यार बहुत मजा आएगा अगर दोनों वाइन पी कर रिलेशन बनाएंगे और आप पार्टनर के इतने प्यार से कहने पर झट से मान भी जाती हैं. लेकिन इस में मजा कम खतरा ज्यादा है, क्योंकि एक तो आप होश में नहीं होतीं और दूसरा पार्टनर इस की आड़ में आप के साथ चीटिंग भी कर सकता है. हो सकता है ऐसे में वह वीडियो क्लिपिंग बना ले और बाद में आप को दिखा कर ब्लैकमेल या आप का शोषण करे.

न दिखाएं अपना फोटोमेनिया

भले ही पार्टनर आप पर कितना ही जोर क्यों न डाले कि इन पलों को कैमरे में कैद कर लेते हैं ताकि बाद में इन पलों को देख कर और रोमांस जता सकें, लेकिन आप इस के लिए राजी न हों, क्योंकि आप की एक ‘हां’ आप की जिंदगी बरबाद कर सकती है.

सैक्स के बाद के खतरे

सैक्स के बाद के खतरे

ब्लैकमेलिंग का डर

अधिकांश युवकों का इंट्रस्ट युवतियों से ज्यादा उन से संबंध बनाने में होता है और संबंध बनाने के बाद उन्हें पहचानने से भी इनकार कर देते हैं. कई बार तो ब्लैकमेलिंग तक करते हैं. ऐसे में आप उस की ऐसी नाजायज मांगें न मानें.

बीमारियों से घिरने का डर

ऐंजौयमैंट के लिए आप ने रिलेशन तो बना लिया, लेकिन आप उस के बाद के खतरों से अनजान रहते हैं. आप को जान कर हैरानी होगी कि 1981 से पहले यूनाइटेड स्टेट्स में जहां 6 लाख से ज्यादा लोग ऐड्स से प्रभावित थे वहीं 9 लाख अमेरिकन्स एचआईवी से. यह रिपोर्ट शादी से पहले सैक्स के खतरों को दर्शाती है.

मैरिज टूटने का रिस्क भी

हो सकता है कि आप ने जिस के साथ सैक्स रिलेशन बनाया हो, किसी मजबूरी के कारण अब आप उस से शादी न कर पा रही हों और जहां आप की अब मैरिज फिक्स हुई है, आप के मन में यही डर होगा कि कहीं उसे पता लग गया तो मेरी शादी टूट जाएगी. मन में पछतावा भी रहेगा और आप इसी बोझ के साथ अपनी जिंदगी गुजारने को विवश हो जाएंगी.

डिप्रैशन का शिकार

सैक्स के बाद पार्टनर से जो इमोशनल अटैचमैंट हो जाता है उसे आप चाह कर भी खत्म नहीं कर पातीं. ऐसी स्थिति में अगर आप का पार्टनर से बे्रकअप हो गया फिर तो आप खुद को अकेला महसूस करने के कारण डिप्रैशन का शिकार हो जाएंगी, जिस से बाहर निकलना इतना आसान नहीं होगा.

कहीं प्रैग्नैंट न हो जाएं

आप अगर प्रैग्नैंट हो गईं फिर तो आप कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगी. इसलिए जरूरी है कोई भी ऐसावैसा कदम उठाने से पहले एक बार सोचने की, क्योंकि एक गलत कदम आप का भविष्य खराब कर सकता है. ऐसे में आप बदनामी के डर से आत्महत्या जैसा कदम उठाने में भी देर नहीं करेंगी.

 

‘वेदिका’ के गलत इरादे जान जाएगी ‘दादी’, क्या हो पाएगी ‘कार्तिक-नायरा’ की सगाई?

सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में ‘कार्तिक-नायरा’ का मिलन होने वाला है, लेकिन इससे पहले शो में कई ट्विस्ट भी आने वाले है. जहां एक तरफ ‘कार्तिक-नायरा’ का रियूनियन होगा तो वहीं ‘वेदिका’ का राज घरवालों के सामने खुलता नजर आएगा. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शादी से पहले धमाकेदार ट्विस्ट…

सगाई में पूरी फैमिली मनाएगी जश्न

सीरियल के सेट से सामने आई फोटोज में ‘नायरा-कार्तिक’ के साथ-साथ पूरा परिवार जश्न मनाते हुए नजर आने वाला है, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

ये भी पढ़ें- ‘शुभारंभ’: जानें कैसे हैं राजा-रानी और क्यों अलग है इनकी कहानी

‘वेदिका’ मचाएगी बवाल

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ‘वेदिका’ ‘नायरा और कार्तिक’ की जिंदगी में फिर से बवाल मचाने आने वाली है. ‘वेदिका’ ‘नायरा और कार्तिक’ की जिंदगी में दोबारा आने की सोच रही है, जिसके चलते वह शो में कईं चाले चलते हुए नजर आएगी.

‘वेदिका’ का खुल सकता है राज

‘वेदिका’ के ‘नायरा और कार्तिक’ की जिदंगी से दूर होने के बाद से ‘दादी’ को ‘वेदिका’ की चिंता खाए जा रही है, लेकिन इसी के साथ दादी के सामने ‘वेदिका’ का राज खुलने वाला है. सुनने में आ रहा है कि ‘कार्तिक और नायरा’ की सगाई के दौरान ‘वेदिका’ काफी बुरा महसूस करेगी और यहीं पर अपनी प्लानिंग के मुताबिक बखेड़ा खड़ा करने की सोचेगी, लेकिन दादी सब कुछ पहले ही जान-समझ जाएगी.

क्या ‘दादी’ करेगी ‘वेदिका’ का पर्दाफाश

अपकमिंग एपिसोड में सीरियल ये रिश्ता में ‘वेदिका’ का ड्रामा फैंस को एंटरटेन करने वाला है. इसी के साथ ‘वेदिका’ के सच को जानने के बाद दादी कैसे राज खोलेगी.

ये भी पढ़ें- छोटी सरदारनी: मेहर के बच्चे के लिए ये बड़ा फैसला लेगा सरब

बता दें, शो में इन दिनों 6 महिने का लीप दिखाया गया है, जिसमें ‘कार्तिक-नायरा’ एक बार फिर एक होने जा रहे हैं. वहीं दोनों की सगाई की भी तैयारी हो चुकी है, जिस बीच कई हाई वोल्टेज ड्रामा फैंस का इंतजार कर रहे हैं.

बढ़ती उम्र को थाम ले एंटी एजिंग फूड

चालीस की उम्र के बाद चेहरे और हाथ पैरों पर पड़ने वाली झुर्रियां, आंखों के नीचे स्याह घेरे, बालों में सफेदी, शरीर में शिथिलता, कामेच्छा का मंद पड़ जाना, जोड़ों में दर्द, कमजोरी, थकान, तनाव आपको बहुत तेजी से बुढ़ापे की ओर ठेलने लगते हैं. बढ़ती उम्र को रोकने के लिए हम न जाने कितने तरह के लोशन और क्रीम इस्तेमाल करने लगते हैं, एनर्जी टानिक पीने लगते हैं, विटामिन्स की गोलियां खाने लगते हैं, मगर फिर भी न उम्र की रफ्तार रुकती है और न ही उसके निशान छिपाये छिपते हैं.

मगर अब नया साल… नया सवेरा… नयी सोच… और 2019 का पहला संकल्प खुद का खुद से, कि इस बरस हम अपनी बढ़ती उम्र की रफ्तार थाम ही लेंगे . जी हां, हम मजाक नहीं कर रहे हैं, बल्कि ये सम्भव है, बस आपके संकल्प लेने भर की देर है. रेत की तरह पल-पल मुट्ठी से खिसकती जा रही उम्र के जिस्म पर गहराते चिन्हों को हम हल्का कर सकते हैं . रोक सकते हैं बढ़ती उम्र को. किसी मंहगी क्रीम, लोशन या एनर्जी टानिक से नहीं, बल्कि उन चीजों से जो आपके किचेन में हर वक्त मौजूद हैं. ये वही चीजें हैं जिनकी बदौलत हमारे ऋषि-मुनि स्वस्थ, आनन्दमय और सौ साल से ज्यादा लम्बा जीवन जीते थे . हम बात कर रहे हैं एंटी एजिंग फूड की.

बूढ़ा होना एक नेचुरल प्रक्रिया है, जिसे आने से कोई नहीं रोक सकता है, लेकिन जीवन में मिलने वाली तमाम तरह की चुनौतियों से लड़ते-लड़ते इंसान कितनी जल्दी बूढ़ा हो जाता है, ये बात वह खुद भी नहीं समझ पाता है . ऐसे में हमारा खानपान बेहतर होना बहुत जरूरी है . हम आपको ऐसे फूड्स के बारे में बताते हैं, जिसके सेवन से बुढ़ापा जल्दी नहीं आएगा .

हमारे किचेन में ऐसी तमाम चीजें हैं, जिन्हें अगर रोजमर्रा के खाने में हम इस्तेमाल करें तो बढ़ती उम्र की रफ्तार को थाम कर लम्बे समय तक युवा और ऊर्जावान बने रह सकते हैं . खानपान की स्वस्थ आदतें अपना कर इस साल आप उसका प्रभाव अपनी त्वचा, शरीर और चेहरे पर महसूस कीजिए . नये साल में अगर आप एंटी एजिंग फूड को अपना हमसफर बना लेते हैं तो हम आपसे वादा करते हैं कि आप न सिर्फ अधिक उम्र तक खूबसूरत और युवा नजर आएंगे, बल्कि कई प्रकार के रोगों से भी दूर रहेंगे, जिन्हें आमतौर पर बुढ़ापे के रोग कहते हैं .

अंडा

अंडे में विटामिन ए, बी और ई खूब होता है, जो बढ़ती उम्र की रफ्तार को कम करता है . रोज दो अंडे खाने से शरीर को अपनी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत के लिए पर्याप्त वसा और प्रोटीन प्राप्त हो जाती है . इसलिए आज से ही नाश्ते में दो अंडे जरूर लें .

सोया 

सोयाबीन, सोया का आटा, सोया दूध और टोफू कम वसा और कैल्शियम से भरपूर होते हैं . सोया उत्पादों में जेनिस्टीन होता है, जो शरीर को जवान और स्वस्थ तो बनाता ही है, इससे कई प्रकार के कैंसर के खतरे भी कम हो जाते हैं, जो अक्सर बढ़ती उम्र के साथ शरीर को जकड़ लेना चाहते हैं .

अनार

अनार एजिंग की प्रोसेस को धीमा करके शरीर के डीएनए में औक्सीडेशन को धीमा कर देता है . इसे खाने से आपकी त्वचा स्वस्थ और चमकदार होती है . रोजाना एक अनार का सेवन आपकी खूबसूरती में इजाफा करेगा .

ग्रीन टी

ग्रीन टी में एंटीऔक्सीडेंट पाया जाता है, जिससे बढ़ती उम्र का प्रभाव कम हो जाता है . यह आपके पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखती है, तो अगर आपको कम उम्र का दिखना है तो, दिनभर में दो कप ग्रीन टी जरूर पियें .

खट्टे और पीले फल

संतरा, मौसमी, अंगूर, नीबू ऐसे फल हैं जिनमें विटामिन-सी भरपूर मात्रा में होता है . इसमें बायोफ्लेवोनौइड और लाइमोनीन भी मिलता है . ये दोनों तत्व कैंसर उत्पन्न करने वाले कार्सिनोजन्स को शरीर से निकाल बाहर करते हैं . सभी खट्टे फलों में एंटीआक्सीडेंट पर्याप्त मात्रा में होता है, लिहाजा इसे आज से ही अपने खाने में शामिल करिये . सुबह नींबू पानी तो दोपहर के खाने के बाद एक सन्तरा या मौसमी तो अवश्य खायें.

ब्लूबेरी

यह कुछ मंहगा फल है मगर इसमें बहुत सारे महत्वपूर्ण विटामिन और पौलीफिनौल पाये जाते हैं . इसे खाने से ना केवल एजिंग धीमी हो जाती है बल्कि कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियां भी पास नहीं फटकतीं . इसलिए अपनी दिनभर की डाइट में ब्लूबेरी को जरूर शामिल करना चाहिए . ये आपको जवां दिखाती है .

दही

दही में जीवित बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं . कैल्शियम का अच्छा स्रोत होने के कारण दही औस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों को कमजोर और खोखला होने से बचाता है. साथ ही यह हमारी त्वचा को चमकदार और जवां बनाने में सहायक है .

स्प्राउट्स

स्प्राउट्स के सेवन से कई प्रकार के रोगों से सुरक्षा मिलती है . इसमें पाये जाने वाले बीटा-कैरोटीन, आइसोथियोसायनेट्स जैसे तत्व कैंसर से दूर रखते हैं . इनके नियमित सेवन से मनुष्य उम्रभर जवान और एनर्जेटिक दिखायी देता है .

स्ट्रौबेरी

स्ट्राबेरी में घुलनशील फाइबर होते हैं . ये ब्लड शुगर के लेवल को कम करते हैं . साथ ही, इनमें प्रचुर मात्रा में एंटीआक्सीडेंट होते हैं जो बढ़ती उम्र को थामे रखते हैं .

टमाटर और तरबूज

टमाटर और तरबूज लाइकोपेन के समृद्ध स्रोत हैं . लाइकोपेन कैंसर के चांसेज कम करता है तो इसमें मौजूद एन्टिआॅक्सीडेंट्स त्वचा को सन डैमेज से भी सुरक्षित रखती है . पकाये गये टमाटर बेहतर विकल्प हैं क्योंकि गर्म होने के कारण इससे शरीर में अधिक एन्टिआॅक्सीडेंट्स मिलते हैं . टमाटर का जूस और कच्चे टमाटर प्रोटीन के भी अच्छे स्रोत हैं .

नट्स

नट्स में स्वास्थ्यवर्धक फैट होते हैं जो इलास्टिन और कोलेजेन का लाभ देते हुए त्वचा की नमी बरकरार रखते हैं . एक मुट्ठी  नट्स रोज लेने से आपको जरूरी एन्टिआॅक्सीडेंट्स मिल जाते हैं . इन्हें कम मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि नट्स में काफी कैलोरी होती है . दो पिस्ता, चार बादाम, दो काजू और एक अखरोट आपके दिन की शुरुआत के लिए बहुत अच्छा नाश्ता है .

 

लव फूड के बारे में सुना क्या

यों तो आप ने कई तरह के फूड के बारे में सुना होगा जैसे चाइनीज फूड, मुगलई फूड, इटैलियन फूड, थाई फूड आदि. लेकिन क्या आप ने लव फूड के बारे में सुना है? नहीं, तो आइए कुछ ऐसी ही रैसिपीज, लव फ्रूट्स और ड्रिंक्स के बारे में जानें:

ओएस्टर ड्रमस्टिक करी: ड्रमस्टिक यानी सहजन में लव फीलिंग्स को बढ़ाने की खूबियां होती हैं और ओएस्टर के साथ ड्रमस्टिक रोमांटिक फीलिंग्स को दोगुना कर देती है.

चीज केक विद स्ट्राबैरी: स्ट्राबैरी को चीज के साथ मिला कर रोमांटिक फूड के रूप में सर्व किया जाता है.

हलवा: सूजी या बेसन और ड्राईफू्रट्स से बनी इस स्वीट डिश से लव हारमोन रिलीज होने में मदद मिलती है और रोमांटिक फीलिंग बढ़ती है.

खीर: दूध और ड्राइफ्रूट्स से बनी इस स्वीट डिश का मीठा टेस्ट मूड को हलका करता है. ड्राईफू्रट्स का कामोत्तेजक (प्यार की कामना) नेचर दूध के साथ मिल कर लव फीलिंग्स को बढ़ाता है.

आइस्क्रीम विद नट्स: आइस्क्रीम में मिले नट्स, बादाम, अखरोट आदि रोमांटिक फीलिंग्स बढ़ाने में सहायक होते हैं.

स्ट्राबैरी विद चौकलेट: स्ट्राबैरी के साथ चौकलेट मिला कर सर्व करना सब से अधिक रोमांटिक माना जाता है. चौकलेट इंसान के मूड को हलकाफुलका बनाती है, जबकि स्ट्राबैरी उत्तेजना बढ़ाती है.

चौकलेट: यह इंसान के न केवल मूड को खुशनुमा और फ्रैश करती है, बल्कि लव कैमिकल्स भी रिलीज करती है. इसलिए इसे ‘मूड चेंजिंग फूड’ भी कहते हैं, इस से व्यक्ति के अंदर रोमांटिक फीलिंग्स बढ़ती हैं.

स्ट्राबैरी: इस में विटामिन सी होता है, जो ऐंटी औक्सिडैंट का काम करता है. यह ऐंटीऔक्सिडैंट शरीर की मांसपेशियों और टिशूज के लिए जरूरी होता है.

ऐवोकाडो: इस के आकार की वजह से इसे लव फूड कहते हैं. इस में विटामिन ई और बी6 होता है, जो रोमांटिक फीलिंग्स और ऐनर्जी के लिए जरूरी होता है.

अंजीर: मौडेस्टी और सैक्सुअलिटी का प्रतीक है अंजीर. इस में बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्त्व पाए जाते हैं, जो स्वस्थ शरीर और लव फीलिंग्स के लिए अनिवार्य हैं.

रास्पबैरी: गुलाब की फैमिली का होने के कारण इसे फू्रट औफ लव भी कहते हैं. इस में फाइबर, विटामिन सी और मैगनीज होता है. ये शरीर को स्वस्थ रखने और रोमांटिक फीलिंग्स बढ़ाने के लिए जरूरी होते हैं. इस का प्रयोग केक, शेक और आइसक्रीम में किया जाता है.

केला: केले में पोटैशियम और विटामिन ‘बी’ होता है, जो सैक्सुअल हारमोन बनाने में मदद करता है.

अनार: इसे फर्टिलिटी का प्रतीक मानते हैं. इस का प्रयोग कस्टर्ड और शेक के साथ किया जाता है. इस में आयरन होता है, जो मेल हारमोन के लिए जरूरी होता है.

स्वीट पोटैटो: इस में पाटैशियम होता है, जो महिलाओं में रोमांटिक फीलिंग बढ़ाने के सहायक होता है. इसे ज्यादा नमक के साथ नहीं खाना चाहिए, क्योंकि वह इस के असर को कम कर देता है.

रोमांटिक फूड के साथसाथ ड्रिंक्स का प्रयोग भी लव फीलिंग्स को दोगुना कर देता है. ज्यादातर लोग स्ट्राबैरी शेक पसंद करते हैं. कुछ वैनिला कौफी भी पीते हैं. शहद का प्रयोग भी ड्रिंक्स में किया जाता है. शहद को ‘फूड औफ हनीमून’ कहा जाता है.

ऐसे करें घर के लिए सही कारपेट का चुनाव

घर के सही कारपेट का चुनाव करना थोडा मुश्किल है, पर कुछ बातों को ध्यान में रखा जाए तो यह काम काफी आसान हो सकता है. तो आज हम आपको बताएंगे कि कारपेट का चुनाव करते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

–  कारपेट की बनावट और रंग, कमरे की सजावट और लाइटिंग पर असर डालता है. यदि कारपेट चिकना और वैल्वेट का हो तो डाइनिंगरूम के लिए अच्छा लगता है. इसके लिए ओरिएंटल या टेपेस्ट्री मतलब चित्र के उभार वाला कारपेट लगाएं. कमरे को हलका दिखाने के लिए चमकीले कारपेट का यूज करना चाहिए. चिकने कारपेट में फुट प्रिंट्स और वैक्यूम माक्र्स रह जाते हैं. ऊबडखाबड फर्श के लिए रोएंदार लूप या फंदे वाला कारपेट लें.

–  आपको टाइल और वुड फ्लोरिंग की तरह कारपेट को खरीदते वक्त भी बहुत सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इन का रंग छूटता है जिसके कारण यह खराब हो जाते हैं.

–  कारपेट के धागे की एंठन पर गौर करें. यह जितना ज्यादा कसी हुई होगी, उतनी ही कम संभावना होगी उसके रोएं निकलने की. एक धागे में जितनी ज्यादा ऐंठन होगी उतना घना होगा और ऐसे में पैर के निशान कम दिखेंगे.

एलआईसी का कैंसर कवर

एलआईसी का कैंसर कवर एक नियमित प्रीमियम भुगतान का स्वास्थ्य बीमा प्लान है. यह प्लान कैंसर के निदान पर सहायता प्रदान करता है. आज के समय में आर्थिक रूप से कैंसर से लड़ना बहुत कठिन काम है लेकिन एलआईसी के कैंसर कवर योजना ने इसे आसान बना दिया है. यह एक ऐसी योजना है जो ग्राहकों को सर्जरी, अस्पताल में भर्ती, कीमोथेरैपी, कैंसर के लिए दवा इत्यादि के बढ़ती लागत से बचने में मदद करता है.

यह पौलिसी औनलाइन या औफलाइन भी खरीदी जा सकती है. इसकी जानकारी आप एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट से ले सकती हैं.

कैंसर कवर पौलिसी में उपलब्ध विकल्प

पहला विकल्प: इस विकल्प में बीमा राशि पौलिसी अवधि के दौरान एक समान रहती है.

दूसरा विकल्प: इस विकल्प में बीमा राशि पहले 5 वर्ष तक 10% हर वर्ष बढ़ती रहेगी, अगर पौलिसीधारक को इन 5 वर्षों के दौरान कैंसर डाइग्नोस हो जाता है, तो उस की बीमा राशि उस के बाद नहीं बढ़ेगी.

यह योजना कैंसर की दो अवस्थाओं में बीमा राशि प्रदान करती है, साथ ही बीमाधारक द्वारा चुने गए विकल्प पर प्रीमियम निर्धारित होता है.

अर्ली स्टेज कैंसर (प्रारंभिक अवस्था का कैंसर) में भुगतान बीमा राशि की 25% राशि पौलिसीधारक को दे दी जाएगी.

अगले 3 वर्ष का प्रीमियम माफ कर दिया जाएगा.

बीमाधारक अर्ली स्टेज कैंसर का लाभ संपूर्ण पौलिसी अवधि में केवल एक बार ले सकते हैं.

मेजर स्टेज कैंसर (वृहद अवस्था का कैंसर) में भुगतान

  • एकमुश्त बीमा राशि: अर्ली स्टेज कैंसर बेनिफिट में अगर कोई राशि नहीं दी गई है, तो मेजर स्टेज कैंसर बेनिफिट में एकमुश्त 100% बीमा राशि दी जाएगी. अगर अर्ली स्टेज कैंसर बेनिफिट की हितलाभ राशि पहले दी गई हैं, तो वह राशि घटा दी जाएगी. अर्थात अगर बीमा राशि का 25% भुगतान अर्ली स्टेज कैंसर के दौरान कर दिया गया है तो शेष 75% बीमा राशि का भुगतान मेजर स्टेज कैंसर के दौरान किया जाएगा.
  • आय हितलाभ: 10 वर्ष तक हर महीने बीमा राशि का 1% बीमाधारक को दिया जाएगा. बीमित की मृत्यु होने पर भी उस क नौमिनी को यह राशि मिलती रहेगी.
  • प्रीमियम वेवर (माफ) हितलाभ: इस के बाद बीमित को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा.
  • जैसे ही बीमित ने मेजर स्टेज कैंसर बेनिफिट लिया, उस के बाद उस की पौलिसी समाप्त हो जाएगी. बस इन्कम बेनिफिट मिलता रहेगा.

महत्त्वपूर्ण बातें

  • प्रवेश के समय न्यूनतम आयु: 20 वर्ष
  • प्रवेश के समय अधिकतम आयु: 65 वर्ष
  • परिपक्वता के समय न्यूनतम आयु: 50 वर्ष
  • परिपक्वता के समय अधिकतम आयु: 75 वर्ष
  • न्यूनतम प्रीमियम राशि: 2400 रुपए प्रति तिमाही
  • न्यूनतम बीमा राशि: 10 लाख रुपए.
  • अधिकतम बेसिक बीमा राशि: 50 लाख रुपए
  • न्यूनतम पौलिसी अवधि: 10 वर्ष
  • अधिकतम पौलिसी अवधि: 30 वर्ष
  • पौलिसी औनलाइन खरीदने पर आप को प्रीमियम भुगतान पर 7 % की छूट मिलेगी.
  • बीमित व्यक्ति का प्रीमियम केवल 5 वर्ष ही एक समान रहेगा. 5 वर्ष पश्चात् अनुभव के आधार पर प्रीमियम बदल सकता है.
  • प्रीमियम भुगतान की विधि (द्वशस्रद्ग) वार्षिक अथवा छ:माही कर सकती हैं.

इस में कोई संदेह नहीं है कि मानसिक और भावनात्मक शक्ति, परिवार और दोस्तों का समर्थन और प्रार्थनाएं कैंसर से लड़ने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं, लेकिन वित्तीय ताकत भी बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है. इसलिए एलआईसी की कैंसर कवर पौलिसी बीमाधारक और उस के  परिवार को वित्तीय सम्बल प्रदान करती है.

हेयर रिमूवल क्रीम से पाएं ग्लोइंग स्किन

विवाह किसी की भी जिंदगी का सब से खास वक्त होता है. इस दिन गौर्जियस और सब से अलग दिखना है तो केवल ज्वैलरी और हैवी ड्रैस ही पर्याप्त नहीं. जरूरी है चेहरे पर नैचुरल ग्लो और हैल्दी स्पौटलेस फेयर सौफ्ट स्किन का होना. बेजान त्वचा और फीके चेहरे पर कुछ भी जंचता नहीं मगर जब आप अपने स्किन का खयाल रखती हैं, हेयर रिमूवल क्रीम का प्रयोग कर स्वाभाविक ग्लो पाती हैं तो सबकुछ बहुत स्पैशल बन जाता है.

हेयर रिमूविंग: परंपरागत लहंगाचोली या साड़ीब्लाउज को कैरी कर परफैक्ट लुक पाना है तो बेदाग और हेयरलैस स्किन का होना बेहद जरूरी है, क्योंकि आजकल परंपरागत परिधान भी मौडर्न टच वाले ही होते हैं. डीपनेक वाले ब्लाउज या स्टाइलिश चोली के साथ भी स्किन का हेयरलैस और साफसुथरा दिखना जरूरी है.

हेयरलैस और क्लीन स्किन पाने के लिए पार्लर जाने का समय नहीं है, तो कोई बात नहीं. घर पर ही हेयर रिमूवल क्रीम के इस्तेमाल से कुछ ही मिनटों में हेयरलैस व ग्लोइंग स्किन पा सकती हैं. आजकल बाजार में ऐसी हेयर रिमूवल क्रीम उपलब्ध हैं, जो मिनटों में अनचाहे बालों से छुटकारा दिलाने के साथसाथ त्वचा को भी ग्लोइंग बनाती हैं.

खुद को रखें हाइड्रेट: विंटर सीजन में सौफ्ट स्किन पाने के लिए ड्राई और सैंसिटिव स्किन वालों को खुद को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है. आप को बता दें कि हेयर रिमूवल क्रीम्स ग्लो लाने के लिए त्वचा पर नमी भी बरकरार रखने का काम करती है तो फिर ट्राई करने में देरी कैसी.

स्किन क्लीनिंग: अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के बाद फेस, कुहनियों और ऐडि़यों की सफाई के लिए इन टिप्स को अपनाएं:

– चेहरे की त्वचा में छिपी गंदगी को हटाने के लिए कच्चे दूध से बेहतर और कुछ नहीं. इसे कुछ देर फेस पर हलके हाथों से मलते हुए त्वचा साफ करें और फिर पानी से चेहरे को धो लें.

– हथेलियों के पिछले भागों और कुहनियों की सफाई के लिए नीबू का इस्तेमाल करें. इन हिस्सों की स्क्रबिंग के लिए नीबू के रस में चीनी के कुछ दाने मिला कर इस्तेमाल करें.

इन उपायों को अपना कर आप कुछ ही समय में बेदाग और निखरी स्किन के साथसाथ मनचाहा गौर्जियस लुक भी पा सकेंगी.

रिश्ता तोड़ने से पहले हजार बार सोचें : आर्थिक समस्या से जूझती तलाकशुदा महिलाएं

क्या आपकी शादी दोराहे पर खड़ी है? आपके पति ने आपका भरोसा तोड़ दिया है? आपके पति के सम्बन्ध दूसरी औरतों से हैं? आपके पति शराबी हैं? शराब पीकर आपको पीटते हैं? आपको भूखा रखते हैं? घर और बच्चों की जिम्मेदारी नहीं उठाते? दहेज की मांग करते हुए आपका उत्पीड़न और शोषण करते हैं? आपको और आपके परिजनों को भद्दी गालियां देते हैं? यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो आप तलाक के रास्ते पर जा सकती हैं.

ऐसे रिश्ते में जहां प्रेम, विश्वास और सम्मान न रह जाए, उससे अलग हो जाना ही बेहतर है. आत्महत्या या हत्या जैसी सिचुएशन आने से पहले ही उस सीमारेखा को पहचान लेना चाहिए, जहां औरत की सुरक्षा की गारंटी खत्म हो रही है. जीवन अनमोल है और इसको त्रासदी झेलने के लिए मजबूर करते रहना कोई समझदारी नहीं है.

लेकिन आज कल छोटी-छोटी बातों पर जिस तरह पति-पत्नी तलाक की अर्जियां थामे अदालतों में खड़े हैं, उसे देखकर लगता है कि आज की पीढ़ी में सहनशीलता, एक दूसरे को समझने की क्षमता, प्रेम और सम्मान का नितांत अभाव है.

रश्मि अपने पति ऋषभ से लड़कर ससुराल से इसलिए चली आयी क्योंकि ऋषभ ज्यादातर अपनी मां के बनाये खाने की तारीफ करता था. उसे अपनी मां की बनायी कढ़ी, राजमा ही पसन्द था और वह रश्मि को कहता था कि वह उनकी तरह बनाना सीख ले. रश्मि को लगने लगा था कि ऋषभ उसका पति कम ‘ममाज बॉय’ ज्यादा है, लिहाजा वह उसको छोड़ आयी. मायके आने के बाद उसने अपने घर में ऋषभ और उसकी मां की इतनी बुराइयां कीं कि रश्मि के दोनों भाई और पापा गुस्से में भर उठे और उसकी ससुराल जाकर उन्होंने हंगामा बरपा दिया. दोनों परिवारों के बीच खूब गाली-गलौच हुआ और मामला हाथापायी तक पहुंच गया. रश्मि की नासमझी, जलन और सहनशीलता की कमी ने ऐसी सिचुएशन बना दी कि दोनों पक्षों के बीच समझौते का रास्ता ही बंद हो गया. अब दोनों तलाक की अर्जियां लेकर अदालत में खड़े हैं.

जबकि हकीकत यह थी कि बचपन में ही पिता की मृत्यु के बाद ऋषभ को उसकी मां ने बड़ी मुसीबतें उठा कर पाला था और पढ़ा-लिखा कर लायक बनाया था. ऋषभ ने अपनी मां की तकलीफों को बचपन से देखा था. मां ने ही उसे पिता का प्यार भी दिया था. घर में ही कोचिंग क्लासेज चला कर मां किस मेहनत से पैसा कमाती थीं, उसने देखा था. कई बार तो अपनी दवाएं लाने की जगह वह उस पैसे से उसकी फीस भरा करती थी ताकि उसे स्कूल में कोई कुछ कह न सके. आज अगर ऋषभ एक बड़ी कम्पनी में बड़े ओहदे पर है, तो इसका पूरा श्रेय उसकी मां को जाता है. ऋषभ को प्रेम और सुरक्षा उसकी मां से मिली थी, लिहाजा वह उनके बेहद करीब था. हर बच्चे को अपनी मां के हाथ का खाना ही पसन्द होता है, ऐसे में अगर वह अपनी पत्नी से मां के हाथ के बने राजमा या कढ़ी की तारीफ करता था, तो रश्मि को इस बात से नाराज होने के बजाय यह सोचना चाहिए था कि उसे भी तो अपनी मां के हाथ का बना खाना पसन्द है. ऐसे में ऋषभ गलत कहां है? अगर वह अपनी सास से जलने की जगह उनसे वैसी ही कढ़ी और राजमा बनाना सीख लेती तो ऋषभ ही नहीं, उसकी मां के दिल में भी बहुत खास जगह बना लेती, मगर उसकी नासमझी और जलन ने तो उसकी ही नहीं, बल्कि ऋषभ और उसकी मां की जिन्दगी भी कष्टों से भर दी थी.

तलाक के बाद रश्मि के पिता बुढ़ापे में एक बार फिर उसके लिए दूल्हे की तलाश में भटक रहे हैं, तो वहीं बहन की शिकायत पर जीजा को पीट देने वाले उसके दोनों भाई अपनी-अपनी पत्नियों और बच्चों में ही बिजी रहते हैं. शेरनी की तरह अकड़ कर ससुराल की दहलीज लांघने वाली रश्मि अब अपने मायके में भीगी बिल्ली सी डरी-सहमी रहती है. कभी मां उसकी फूटी किस्मत का रोना किसी के भी सामने रोने लगती हैं, तो कभी भाभियां उसको ताने मारने लगती हैं. निराश पिता घर में घुसते ही उसके कारण मां को उल्टा-सीधा सुनाना शुरू कर देते हैं, तो वहीं कभी बहन को सिर-आंखों पर बिठाने वाले उसके भाई घर से बाहर जाते वक्त उसका चेहरा देखना भी अपशकुन मानते हैं.

एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम कर रहे अंकुश नय्यर ने अपनी पत्नी नन्दिता को इसलिए तलाक दे दिया, क्योंकि नन्दिता का झुकाव ईसाई धर्म के प्रति होने लगा था. अंकुश ने नन्दिता को बाईबल पढ़ते पकड़ा था. उसका पीछा करते हुए वह चर्च तक भी गया था. हालांकि नन्दिता सिर्फ उस धर्म को जानने के प्रति जिज्ञासु थी. मगर ये बात अंकुश को इतनी नागवार गुजरी कि उसने नन्दिता की बुरी तरह पिटाई कर दी. उच्च शिक्षा प्राप्त नन्दिता को यह सहन नहीं हुआ और वह अंकुश को छोड़कर अपने मायके चली गयी. दूसरे ही दिन उसने अपने वकील से तलाक का नोटिस भिजवा दिया. हैरानी की बात यह है कि दोनों ने लव मैरिज की थी. शादी से पहले दो साल तक एक दूसरे को डेट भी करते रहे थे, मगर धर्म जैसी चीज के लिए दोनों ने अपने प्यार की बलि चढ़ा दी. आज दोनों अकेले और परेशान हैं. अंकुश का जीवन जहां शाम ढलते ही शराब में डूब जाता है, वहीं नन्दिता जीविका कमाने के चक्कर में कहीं इस दफ्तर तो कहीं उस दफ्तर चक्कर काटते नजर आती है. पहले कभी नौकरी की बात सोची ही नहीं थी, मगर मायके में पिता की थोड़ी सी पेंशन और भाई के अपने परिवार की जिम्मेदारी के बीच उसकी जरूरतें तो नौकरी किये बिना पूरी होने से रहीं.

मेरा मानना है कि तलाक का फैसला कभी भी जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए. थोड़ी-बहुत खटपट तो हर घर में होती रहती है. हम अपने मां-बाप, भाई-बहन से लड़ पड़ते हैं, पर क्या उन्हें अपने जीवन से निकाल फेंकते हैं? कतई नहीं. फिर पत्नी या पति को क्यों अपने जीवन से दूध की मक्खी की तरह निकाल फेंकने पर उतारू हो जाते हैं, वह भी ऐसी छोटी-छोटी बातों पर? जाहिर है, हमारी सोचने-समझने और सहन करने की ताकत कमजोर पड़ती जा रही है. दो भिन्न परिवेश में पले-बढ़े दो लोग जब शादी के बन्धन में बंध कर एक-दूसरे के निकट आते हैं तो एक दूसरे को समझने के लिए और परिवार के अन्य सदस्यों को समझने के लिए उन्हें उचित समय और सलाह की जरूरत होती है. रिश्तों में प्रगाढ़ता समय के साथ-साथ बढ़ती जाती है. अगर कोई नवविवाहिता यह सोचने लगे कि जिस दिन मैं ब्याह कर पति के घर आयी, बस उसी दिन से पति अपनी मां-बहन को दरकिनार कर उसके ही पल्लू से बंध कर घूमने लगे, तो ऐसा न तो सम्भव है, और न ही उचित है. रिश्तों को समझने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए लड़की को ज्यादा कोशिश करनी होती है.

पति-पत्नी में अलगाव या तलाक की स्थिति तब आनी चाहिए, जब हालात बहुत हिंसक हो जाएं, लड़की की जान को खतरा हो और सुलह-समझौते की कोई गुंजाइश न बची हो. परिवार को टूटने से बचाने के लिए तो अदालतें भी आखिरी हद तक कोशिश करती हैं. पारिवारिक सुलह केन्द्रों में पति पत्नी और उनके माता पिता की काउंसलिंग के कई-कई राउंड चलते हैं. छह महीने से लेकर दो साल तक तलाक की लम्बी कार्रवाई के बीच अदालत पति पत्नी को कई मौके देती है कि वे किसी तरह एक हो जाएं.  क्योंकि अदालतें भी शादी के महत्व और स्थायित्व पर जोर देती हैं. ऐसे में आज के युवा क्यों नहीं तलाक का फैसला अच्छी तरह सोच समझ कर लेते हैं?

दोस्तों, यह जरूरी नहीं कि तलाक लेने से आपकी जिन्दगी में छाये परेशानी के काले बादल छंट ही जाएंगे. इसके उलट अकसर यह देखा गया है कि तलाक से एक समस्या तो हल हो जाती है, लेकिन उसकी जगह एक नयी समस्या खड़ी हो जाती है. डॉ. ब्रैड साक्स ने अपनी किताब ‘द गुड इनफ टीन’ में लिखते हैं कि जो पति-पत्नी तलाक का फैसला करते हैं, वे इसकदर अपने ख्वाबों-खयालों में खो जाते हैं कि वे सोचने लगते हैं कि इससे एकदम से सारी समस्याओं का हल हो जाएगा, रोज-रोज की किट-किट से हमेशा की छुट्टी मिल जाएगी, उनके रिश्ते से खटास चली जाएगी और जिन्दगी में चैन-सुकून आ जाएगा. लेकिन यह उतना ही नामुमकिन है जितना नामुमकिन एक ऐसी शादीशुदा जिन्दगी जीना, जिसमें सिर्फ खुशियां ही खुशियां हों.

इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि तलाक लेने के क्या-क्या नतीजे हो सकते हैं. इन बातों को ध्यान में रखकर ही तलाक का फैसला लेना चाहिए.

 

वैडिंग डे हेयर स्टाइल हो खास

ब्राइड बनना हर लड़की का ख्वाब होता है और वह उस के लिए ढेरों सपने संजोती है. बैस्ट व यूनीक लहंगे के साथ मैचिंग ऐक्सैसरीज व सैंडिल वगैरा यूज करने में कोई गलती नहीं करतीं ताकि वे अपने लुक से इस बिग डे को और स्पैशल बना सके. लेकिन जिस तरह इस दिन आउटफिट्स के साथ मेकअप महत्व रखता है उतना ही रोल हेयरस्टाइल का भी होता है और अगर उस की तरफ प्रोपर ध्यान नहीं दिया जाता तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है. आप के साथ ऐसा न हो और आप का यह स्पैशल दिन अमेजिंग बन पाए इस के लिए जानें ये खास बातें.

–  अकसर हम अपने फ्रैंड्स या फिर सैलेब्रिटीज के हेयरस्टाइल को देख कर प्रभावित हो जाते हैं और अपने स्पैशल डे पर उसे ही कौपी करने की कोशिश करते हैं ताकि हम भी उन की तरह ब्यूटीफुल लग पाए. लेकिन शायद हम यह भूल जाते हैं कि हर किसी का फेसकट अलग अलग होता है इसलिए जरूरी नहीं कि जो स्टाइल उन पर अच्छा लगे वह आप पर भी जचे. इसलिए मैरिज से पहले ही इस संबंध में अपने हेयर स्टाइलिस्ट से बात कर लें ताकि वे आप के फेस कट व हेयर के टैक्स्चर को देख कर आप को बता दें कि आप पर कौन सा हेयर स्टाइल सूट करेगा.

–  आप जो भी हेयरस्टाइल सलैक्ट करें उस से पहले अपने हेयर स्टाइलिस्ट को बता दें कि आप कैसा लहंगा व ऐक्सैसरीज वियर कर रही हैं. क्योंकि अगर आउटफिट्स व ऐक्सैसरीज हैवी हैं तो उस के साथ सिंपल लुक ज्यादा बैस्ट लगेगा बजाय हेयर ऐक्सैसरीज लगाने के.

–  बालों को पोषक व शाइनी बनाने के लिए पहले से हेयर ट्रीटमैंट्स व केयोकार्पिन लाइट हेयर आयल से मसाज करें ताकि हेयर स्टाइल अच्छा लुक दे पाए वरना बेजान हेयर पर अच्छे से अच्छा हेयरस्टाइल भी फीका लगता है.

–  आज की ब्राइड सिर्फ एक हेयर स्टाइल पर टिका रहना पसंद नहीं करतीं बल्कि कुछ न्यू ट्राई करने की इच्छा रखती हैं तो आप को बता दें कि आप हाफ अप डू, लो चिंगंस विद विस्प्स, कर्ल्स के साथ अप डू, ब्रेडिड अप डू, हेयर ट्विस्ट ये सभी स्टाइल ब्राइड पर खूब फबते हैं.

–  अपने स्पैशल डे पर कौन सा हेयर स्टाइल बनवाना है यह तो डिसाइड कर लिया लेकिन फिर भी मन में यही शंका रहती है कि यह हेयर स्टाइल हम पर सूट तो करेगा न, तो इस के लिए आप पहले खुद के बालों पर वही हेयर स्टाइल ट्राई करवा लें. इस से आप को पता चल जाएगा कि ये लुक आप पर सूट करेगा या नहीं.

–  न्यू चेंज के लिए कई बार हम शादी से कुछ दिन पहले हेयर कट करवा लेते हैं जो सही नहीं है. क्योंकि इस से स्टाइल देने में दिक्कत आती है. इसलिए भूल कर भी इस समय न्यू ट्राई नहीं करें.

–  अपने बालों को सेफ रखने के लिए हीट स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स में केयोकार्पिन लाइट हेयर आयल की कुछ बूंदें डालना न भूलें क्योंकि यह बालों में सॉफ्टनेस प्रदान करने के साथ उन्हें सेफ भी रखते हैं.

–  आप को अगर कलर हेयर पसंद हैं तो आप बालों को रंगवा कर भी इस दिन गौर्जियस लुक पा सकती हैं.

कुछ अन्य जरूरी टिप्स प्रिसिला से जानें

– बालों की प्रोपर केयर के लिए रैगुलर केयोकार्पिन हेयर आयल से मसाज करें.

– माइल्ड शैंपू व कंडीशनर का ही यूज करें वरना बालों के डैमेज होने का डर बना रहता है.

– हीट स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कम से कम करें.

– ज्यादा गरम पानी से हेयर वाश न करें क्योंकि इस से बालों को नुकसान पहुंचता है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें