Long Story in Hindi: ‘‘राशि राशि, जल्दी आओ न यार.’’ राज की पुकार सुनते ही राशि लगभग दौड़ती हुई अपने कमरे से निकल कर हॉल में चली आयी. राज शाम को जैसे ही अपनी कम्पनी से वापिस आता था कि बस दरवाजे पर पहुंचते ही राशि को पुकारने लगता.
अभी राज और राशि की शादी को एक महिने ही हुए थे और इस एक महिने में ही दोनों, एकदूसरे के इतने नजदीक आ गए थे… मानो बरसों से साथ साथ ही रह रहे हों. वैसे भी खूबसूरत राशि और हैंडसम राज की जोड़ी खूब जंचती थी. अरेंज मैरिज होने पर भी दोनों में लव मैरिज जैसा प्यार था.
आज भी राशि अपने रूम में घड़ी पर नजर टिकाए हुए जल्दी जल्दी तैयार हो रही थी कि तभी राज की पुकार सुन वो खुश होती हुई हॉल की तरफ लपकी.
पर जैसे ही राशि ने हौल में कदम रखा, उस के कदम ठिठक से गए राज अकेला नहीं था, बल्कि राज के सामने ही एक युवक और दो युवतियां भी बैठीं थी.
राशि थोड़ी सकुचाई सी धीरे से बोली, ‘‘राज, तुम ने बताया ही नहीं कि तुम्हारे साथ आज गेस्ट भी आए हैं.’’
राज कुछ बोलता कि सामने बैठी हुई एक चुलबुली सी दिखने वाली युवती उठ कर राशि के करीब आती हुई बोली… अरे रे रे राशि जी, हमें गेस्ट मत कहिए. हम तो राज को तब से जानते हैं, जब आप राज की लाइज में आई भी नहीं थीं. इस बंगलो के कोने कोने से हम सब वाकिफ हैं, शादी से पहले इसी बंगलो में ही तो हमारी वीकैंड पार्टियां होतीं थीं. क्यों सुहाना!तुम भी तो कुछ बोलो न.’’
अब राज ने जल्दी से उठकर,उस चुलबुली युवती को टोकते हुए कहा… ओह्ह गॉड शीना, तुम तो एक बार बोलना शुरू करती हो न तो बस… सुपरफास्ट एक्सप्रेस को भी पीछे छोड़ दोगी.’’
फिर राज ने राशि का हाथ पकड़ा और उसे सामने लाते हुए बोला… आओ न राशि, जरा मेरे कलिग्स और फ्रैंड्स से भी तो मिलो. ये तीनों ही मेरे बहुत क्लोज हैं, पर कोइनसिडेंटली एक सेमिनार अटैंड करने ये तीनों दुबई गए हुए थे और इसीलिए न तो मेरी शादी में आ सके और न ही आज तक तुम से ही मिलने आ पाए. अभी कल शाम ही लौटे हैं ये लोग दुबई से और आते ही पीछे लग गए पार्टी के लिए. आओ तुमको मिलवाता हूं… ये है… सुबोध, वो सुहाना और इस पागल शीना से तो तुम मिल ही ली हो.’’
‘‘अच्छा तो अब बीवी के आते ही मु झे पागल बोल रहे हो, मैं न अभी खबर लेती हूं तुम्हारी.’’ और शीना ने सचमुच सोफे पर पड़ा कुशन उठा कर राज की ओर फेंक दिया.
राज ने हंसते हुए वो कुशन कैच किया और फिर राशि से बोला… इस का तो ये सब चलता ही रहेगा. तुम प्लीज अपने हाथों की बनी बढि़या सी चाय और गरमगरम स्नैक्स ले कर आओ न.’’
राशि ने सिर हिलाया और किचन की तरफ चल पड़ी. तभी राशि को पीछे से आती हुई शीना और राज की खिलखिलाहट सुनाई दी. उसे बड़ा अजीब सा लग रहा था कि आज तक तो कभी राज ने उस के सामने शीना सुहाना का नाम भी नहीं लिया था.
कुछ देर बाद राशि जब हॉल में चाय और पकौड़ों की ट्रे लिए आई… तो सुहाना ने
फौरन आगे बढ़ कर राशि के हाथ से ट्रे ले कर टेबल पर रख दी और फिर राशि को हाथ पकड़ कर बैठाते हुए बोली… ओफ्फ राशि जी, आप बेवजह ही इतनी परेशान होती रहीं, मैं ने तो यहां आते ही पिज्जा और्डर कर दिया था.’’
शीना ने राज की ओर देखते हुए पूछा…. क्यों राज मेरी फेवरेट कोल्डड्रिंक तो रखी है न तुम ने फिज में? मालूम है न कि मैं कोल्ड ड्रिंक के बिना पिज्जा नहीं खा सकती.’’
‘‘पता है शीना मु झे!मैं ने कल ही ला कर दो बॉटल रख ली थी,’’ राज ने फ्रिज की तरफ जाते हुए कहा.
राशि ने थोड़ा मायूस होते हुए पूछा, ‘‘तो… तो क्या आप लोग ये चाय और पकौडि़यां नहीं खाएंगे?’’
‘‘वाह, खाएंगे क्यों नहीं? मैं तो ये चाय और पकौडि़यां ही खाऊंगा. पिज्जा और कोल्डड्रिंक तो रोज ही खाने को मिल जाते हैं, पर ऐसा टेस्टी गर्मागर्म नाश्ता कहां मिलेगा,’’ सुबोध ने कहा और आगे बढ़ कर एक पकौड़ी अपने मुंह में डाल ली.
सुहाना ने सुबोध को घूरते हुए वार्निंग दी, ‘‘देख सुबोध, इस तरह से पकौड़ीकचौड़ी खाते रहेगा तो जल्दी ही फूल कर खुद भी कचौड़ी जैसा बन जाएगा.’’
अब राशि से चुप न रहा गया, ‘‘पर पिज्जा में भी तो बहुत कैलोरी होती है.’’
‘‘ओह राशि जी, आप न सच में बहुत भोली हैं. हम जो पिज्जा और्डर करते हैं न, वो एकदम स्पेशल होता है… लो फैट और लो चीज वाला,’’ सुहाना ने हाथ हिलाते हुए सम झाया.
राशि को एक बात बड़ी अजीब सी लग रही थी, ये दोनों लड़कियां राशि को तो ‘राशिजी’ कह कर बुलाती थीं पर राज को सिर्फ ‘राज’ ही पुकारती थीं. फिर राशि ने अपने मन को तसल्ली दी… हो सकता है कि एकसाथ काम करते रहने से ये सब आपस में घुलमिल गए हों. तभी डोरबैल बज उठी.
राशि जल्दी से दरवाजा खोलने गई. देखा तो पड़ोस में ही रहने वाले निखिल और उन की वाइफ आहना खड़े थे.
राशि ने मुसकराते हुए उन दोनों का स्वागत किया और फिर हौल में ले आई राज ने जैसे ही निखिल और आहना को देखा उस के माथे पर बल पड़ गए. निखिल उस का पड़ोसी जरूर था, पर राज को वह कभी भी अच्छा नहीं लगा.
राशि ने पता नहीं कैसे निखिल की बीवी आहना से दोस्ती कर ली थी और इसीलिए अब आहना और निखिल अकसर राज के यहां आते रहते थे.
वैसे तो राज यों निखिल और आहना से हंसबोल लेता था पर आज खुद उस के गैस्ट आए हुए थे, इसलिए उसे अभी निखिल का यों अचानक चले आना बुरा लगा. राज के चेहरे पर गंभीरता झलकने लगी.
निखिल बैठते हुए बोला, ‘‘लगता है हम एकदम सही मौके पर आए हैं. टेबल पर चाय और पकौड़े रखे हैं. वाह, क्या बढि़या खुशबू आ रही है इन की.’’
आहना ने महसूस किया कि शायद राज को उन दोनों का इस वक्त आना
पसंद नहीं आया है, इसलिए वह फौरन उठते हुए बोली, ‘‘लगता है हम गलत वक्त पर चले आए. सौरी, वह ऐक्चुअली हमें मालूम नहीं था कि आप के गैस्ट आए हुए हैं.’’
अब राज जबरन फीकी हंसी हंसते हुए बोला, ‘‘न… नहीं तो ऐसी तो कोई बात नहीं. ये सब मेरे कलीग्स और फ्रैंड्स हैं. मेरी शादी में तो आ नहीं पाए थे, इसलिए आज चले आए पार्टी करने.’’
निखिल ने गरदन हिलाई और फिर बेमन से कहा, ‘‘तो फिर आप सब ऐंजौय कीजिए, हम बाद में आ जाएंगे.’’
राशि ने जल्दी से उन्हें रोका, ‘‘नहीं नहीं आप लोग क्यों जाने की बात कर रहे हैं? यह तो अच्छा ही हुआ न कि आप लोग पार्टी के टाइम पर ही आ गए. अब हम सब मिल कर ऐंजौय करेंगे.’’
निखिल आराम से पकौड़े खाते हुए चाय पीने लगा.
तभी डोरबेल बजी और सुहाना लपकती
हुई गई, ‘‘पक्का डिलिवरी बौय आया होगा पिज्जा ले कर.’’
सचमुच पिज्जा डिलिवरी करने ही आया था एक लड़का. सुहाना ने पिज्जा लिया और हौल में आती हुई बोली, ‘‘लो अब हमारी आइटम तो आ गई साथ में कोल्डड्रिंक भी आ गयी है.’’
राशि बोली, ‘‘लाइए मैं पिज्जा को अच्छे से प्लेट्स में निकाल कर लाती हूं.’’
शीना ने हाथ हिला कर लापरवाही से कहा, ‘‘नो नीड हमें तो यों ही मजा आता है छीना झपटी कर के खाने में. हां, अगर ये पकौड़े और चाय उठा कर ले जाएंगी तो अच्छा रहेगा.’’
राशि का चेहरा बु झ सा गया. वह चुपचाप ट्रे समेट कर ले जाने लगी.
तभी आहना ने कप उठाए और बोली, ‘‘चलो, मैं इन्हें किचन में रखवा देती हूं.’’
किचन में पहुंचते ही आहना ने राशि का हाथ पकड़ा और हैरानी से बोली, ‘‘आर यू मैड राशि? तुम ने इन तितलियों को यों राज के साथ इतना फ्री कैसे छोड़ दिया है? अभी तुम्हारी शादी को 1 महीना ही हुआ है और अभी से राज दूसरी लड़कियों के साथ फ्लर्ट कर रहा है?’’
राशि ने रोंआसी आवाज में कहा, ‘‘तो मैं क्या करूं आहना? क्या जा कर उन लड़कियों के सामने ही राज को खरीखोटी सुनाऊं और उन लड़कियों को धक्के दे कर घर से बाहर निकाल दूं?’’
‘‘ऊफ, तू तो न बिलकुल बुद्धू ही है. मैं सिर्फ यह कह रही हूं कि तू जा कर राज के बिलकुल करीब बैठ और अपने बिहेवियर से उन तितलियों को जता दे कि राज पर सिर्फ तेरा हक है. देखना वह खुद ही तिलमिला कर यहां से भाग खड़ी होंगी,’’ आहना ने सम झाया.
राशि कुछ पल सोचविचार करती रही, फिर उस के कानों में हौल से आने वाली खिलखिलाहट गूंजने लगी. वह फौरन सिर झटकती हुई बाहर निकली और तेज कदमों से राज की तरफ बढ़ गई.
राज तब शीना के हाथ से पिज्जा लेने की कोशिश में था. राशि ने थोड़ी रुकी, फिर धीमी आवाज में राज को पुकारा, ‘‘राज यह कैसी हरकत कर रहे हो? तुम कोई बच्चे नहीं हो जो ऐसे छीन झपट कर खाना ले रहे हो.’’
राशि की आवाज से राज एकदम स्तब्ध रह गया. उस ने आज से पहले राशि को कभी ऐसा बोलते नहीं सुना था.
तभी शीना ने मुंह मटकाते हुए अपनी जुल्फें संवारीं और बोली, ‘‘आप क्यों राज को मना कर रही हैं राशिजी? यह तो हम दोस्तों के बीच की बात है, आप बेवजह दखल मत दीजिए.’’
राशि तो अब अंगारे की तरह सुलग उठी. कुछ बोलती कि आहना बीच में ही कहने लगी, ‘‘इस तरह बिहेवियर क्या आप को ठीक लगता है शीनाजी? दूसरे के घर आ कर दूसरे के पति के साथ इस तरह से मजाकमस्ती भला क्या अच्छा लगती हैं?’’
शीना के ऊपर तो जैसे किसी ने खौलता हुआ तेल डाल दिया. वह ऊपर से
नीचे तक अपमान की आग में जल गई. फिर उस ने एक झटके से अपना बैग उठाया और सुहाना की बांह पकड़े सीधे घर से बाहर चल दी. सुबोध भी जल्दी से उन के पीछे चल पड़ा.
अब राज ने गुस्से से जलती निगाहें राशि पर डालीं और गुर्राते हुए बोला, ‘‘मिल गई तसल्ली? हो गई शांति मेरे घर आए मेहमानों का यों अपमान कर के? तुम ने बहुत ही गलत किया है राशि. तुम्हें इसी वक्त उन सब से माफी मांगनी होगी.’’
आहना ने आगे बढ़ कर चिढ़े स्वर में कहा, ‘‘राशि को नहीं, आप को माफी मांगनी चाहिए. भला इस तरह से उन आवारा लड़कियों को घर बुला कर कोई अपनी बीवी की ऐसी बेइज्जती करता है क्या? राशि बेचारी भोलीभाली है, मेरे साथ कोई ऐसा करता तो मैं अब तक उस के होश ठिकाने लगा देती.’’
राशि अचानक फूटफूट कर रो पड़ी, फिर भागती हुई अपने कमरे में चली गई. राज भी गुस्से में पैर पटकते हुए घर से बाहर निकल गया.
निखिल ने अपनी बीवी आहना को इशारा किया. फिर दोनों राज के घर से निकल गए. तभी आहना को कुछ खयाल आया, वह निखिल से बोली, ‘‘तुम घर जाओ,मैं जरा राशि को सम झा कर आती हूं. नादानी में कुछ उलटासीधा न कर ले वह.’’
निखिल ने हामी भरी और आगे बढ़ गया. आहना वापस घर के अंदर चली आई. दरवाजा तो अब तक खुला ही था. आहना ने अंदर आ कर दरवाजा लगाया और फिर जल्दीजल्दी राशि के रूम की तरफ चल दी.
राशि अपने बैड पर पड़ी बिलखबिलख कर रो रही थी. जैसे ही आहना ने राशि के कंधे को छूते हुए उसे पुकारा कि राशि का रोना और भी तेज हो गया.
आहना ने कुछ देर वहीं बैठ कर राशि को दिलासा बंधाते हुए सम झायाबु झाया, फिर उठती हुई बोली, ‘‘राशि, चल अब उठ कर हाथमुंह धो ले और अच्छे से तैयार हो जा और सुन राज की मनपसंद साड़ी पहन कर रैडी होना, देखना राज भी तेरे लिए चौकलेट, आइसक्रीम वगैरह ले कर आ रहा होगा.’’
राशि सुबकती हुई उठी, फिर आहना को थैंक्यू बोल कर वाशरूम में चल दी.
देर तक ठंडे पानी से शौवर लेने के बाद राशि को थोड़ा बैटर फील होने लगा. उस ने
सोचा कि जब राज घर वापस आ कर मुझे मनाएगा तो मैं भी झट से मान जाऊंगी. पर राज से मैं आज क्लीयर कह दूंगी कि अब आगे से कभी वे शीना और सुहाना को यों घर पर न लाएं.
राशि वाशरूम से निकली और फिर ब्लू कलर की साड़ी निकाली, जो राज ने उसे शादी के बाद पहली बार गिफ्ट में दी थी. ब्लू साड़ी पहन कर जब राशि ने अपनेआप को देखा तो बुदबुदा उठी कि आज तो मु झे देखते ही राज के होश उड़ जाएंगे. फिर राशि ने अपने बालों को संवारा और हलका सा मेकअप कर बाहर हौल में चली आई.
हाल में आते ही राशि की नजर सामने वाले सोफे पर गई जहां आहना बैठी हुई कुछ सोच रही थी.
राशि ने हैरानी से पूछा, ‘‘अरे आहना तुम अब तक यहीं हो मु झे तो लगा कि तुम घर चली गई होगी.’’
मगर अहाना पहले की ही तरह खामोशी से आंखें बंद किए हुए बैठी रही. अब तो राशि और भी ज्यादा हैरत में पड़ गई. उस ने अब आहना की तरफ आगे बढ़ कर उस के कंधे पर हाथ रखते हुए थोड़ा जोर से कहा, ‘‘आहना, किन खयालों में खोई हुई हो तुम?’’
राशि का आहना के कंधे पर हाथ रखना था कि आहना की निष्प्राण देह सोफे पर लुढ़क गई.
राशि चीख मार कर आहना को उठाने की कोशिश करने लगी पर आहना की तो सांसें थम चुकी थीं, अब भला वह उठती भी तो कैसे?
‘‘क्या रोनाचीखना मचा रखा है अब तक यह घर है या कोई थिएटर?’’ दरवाजे से अंदर आते हुए राज ने चिढ़ाते हुए राशि से कहा.
राशि ने राज के चिढ़ने की परवाह किए बगैर और भी जोर से चिल्लाते हुए कहा, ‘‘राज… राज यह… यह आहना को देखो न क्या हो गया है? उठ ही नहीं रही है.’’
राज की आंखें सिकुड़ गईं. अब राज चिंतित हो कर तेजी से सोफे के पास आया और सोफे पर लुढ़की पड़ी आहना का हाथ पकड़ कर उठाने की कोशिश करने लगा पर जैसे ही राज ने आहना का हाथ पकड़ा खुद उस के मुंह से भी चीख निकल पड़ी. आहना का हाथ तो बर्फ की तरह ठंडा लग रहा था.
अब राज ने कांपते हुए अपना हाथ आहना की नाक के आगे रखा और फिर फौरन इस
तरह से डर कर पीछे हटा मानो उस के सामने मौत खड़ी हो और वाकई में मौत तो थी ही राज के सामने. आहना की सांसें थम चुकी थीं. उस के शरीर में अब प्राण बाकी नहीं थे.
राज को यों डरतेकांपते देख राशि बोली, ‘‘जल्दी से डाक्टर को काल करो राज.’’
राज ने किसी तरह से अपनी बेकाबू होती धड़कनों को कंट्रोल करते हुए अटकती आवाज में कहा, ‘‘डाक्टर अब कुछ नहीं कर सकता राशि अब तो मु झे निखिल को काल करना पड़ेगा क्योंकि आहना की सांस हमेशा के लिए थम चुकी है. आहना मर चुकी है राशि.’’
‘‘मर चुकी है क्या? कुछ भी बोल रहे हो राज तुम? अभी थोड़ी ही देर पहले तो आहना मेरे रूम में आ कर मु झे सम झाबु झा कर गई थी. वह कैसे मर सकती है राज, राशि पागलों की तरह चीखते हुए बोली.
राज ने राशि की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और अपना मोबाइल ले कर निखिल को कौल लगाने लगा.
राशि अब जैसे स्टैच्यू बनी हुई टकटकी लगाए आहना को घूरे जा रही थी. उस के सोचनेसम झने की ताकत जैसे गायब हो गई थी.
राज ने निखिल को काल कर के तुरंत अपने घर आने के लिए कहा. फिर बेचैनी से अपने हाथ मसलते हुए हाल में चहलकदमी करने लगा. उस की सम झ में नहीं आ रहा था कि वह निखिल को कैसे बताएगा और क्या सम झाएगा?
निखिल तुरंत आ पहुंचा. उस ने सामने खड़े राज को देखते ही पूछा, ‘‘क्या हुआ राज तुम ने एकदम अर्जेंट घर बुलाया मु झे? अब तक प्रौब्लम नहीं सौल्व हुई क्या तुम्हारे और राशि के बीच?’’
राज ने बिना कुछ कहे बस सोफे की तरफ इशारा कर दिया.
निखिल ने हैरानी से उधर देखा और जैसे ही सोफे पर लुड़की पड़ी आहना पर उस की निगाह गई. वह बिजली की तेजी से आहना के पास जा पहुंचा और चिल्लाते हुए बोला, ‘‘आहना, क्या हुआ बेबी? तुम ठीक तो हो न? कैसा फील हो रहा है तुम्हें? आंखें तो खोलो डियर एक बार.’’
तभी राज ने अपनी पूरी हिम्मत जुटाई और निखिल के कंधे पर हाथ रखते हुए किसी तरह से कहा, ‘‘निखिल… वह… वह आहना अब… कभी अपनी आंखें नहीं खोलेगी. आहना की मौत…’’
निखिल इतनी जोर से चीखा कि पूरा घर हिल उठा. फिर वह पागलों की तरह आहना को पकड़ कर उठाने की कोशिश करता हुआ उसे जोरजोर से पुकारने लगा.पर जब उस की लाख कोशिशों के बाद भी आहना नहीं उठी तो निखिल अचानक राज के करीब जा पहुंचा.
निखिल ने राज का कौलर पकड़ते हुए आग उगलती आवाज में पूछा, ‘‘क्या कर दिया है तुम ने मेरी बीवी को? उस ने तुम्हें थोड़ा सा सम झाया क्या कि तुम ने उस की जान ही ले ली. मैं… मैं छोडूंगा नहीं तुम्हें,’’ और फिर निखिल ने राज को जोर से परे धकेला और मोबाइल निकाल कर पुलिस का नंबर मिलाने लगा.
राज तो यों हताशा से आहना की डैड बौडी की ओर देख रहा था मानो उसे अपनी
मौत साफसाफ नजर आ रही हो.
जल्द ही पुलिस गाड़ी के सायरन से वातावरण गूंज उठा. धड़धड़ाती हुई पुलिस टीम राज के घर आ पहुंची. पुलिस टीम का लीडर था सीनियर इंस्पैक्टर राजशेखर. राजशेखर ने घर में घुसते ही सामने खड़े निखिल और राज को घूरते हुए कहा, ‘‘अभीअभी किसी ने काल कर के यहां का पता बताया था. आप दोनों में से किस ने की थी काल और क्या हुआ है यहां?’’
निखिल जल्दी से सोफे की ओर इशारा करते हुए बोला, ‘‘मैं ने आप को काल की थी सर वह… वह देखिए जरा मेरी बीवी आहना को मार डाला उसे इस कमबख्त राज ने.’’
राजशेखर फौरन सोफे की ओर लपका. उस ने ग्लव्ज पहने हाथों से आहना की गरदन पर हाथ रखा और फिर सिर हिलाते हुए आहना के मरने की पुष्टि कर दी.
राजशेखर ने अपनी पुलिस टीम को इंस्ट्रक्शन दीं कि पूरे घर की अच्छी तरह से छानबीन की जाए और फिर तुरंत ही फोरेंसिक टीम और ऐंबुलैंस को भी काल कर के बुला लिया.
पुलिस टीम फौरन अपनी तफ्तीश में जुट गई.
अब राजशेखर ने निखिल का रुख किया, ‘‘तो यह आप की बीवी है और यह घर… यह घर किस का है और आप की बीवी यहां कैसे आ गई?’’
निखिल रोते हुए बोला, ‘‘सर… सर मैं निखिल हूं और यह मेरी बीवी आहना. हम यहीं पड़ोस में रहते हैं. आज शाम को आहना ने ही यहां इस राज के घर आने का प्लान बनाया था.हम यहां आए तो राज के दोस्त भी मौजूद थे. कुछ ही देर में राशि और राज की एक दोस्त के बीच झगड़ा हो गया.
‘‘राज के दोस्त चले गए, राज की बीवी रोने लगी तो मेरी बीवी ने राज को सम झाया. पर राज तो इतना गुस्सा हो गया कि उस ने मेरी बीवी की जान ही ले ली.’’
‘‘झूठ बिलकुल झूठ बोल रहा है यह सर, मैं तो अपने दोस्तों के साथ ही घर से
बाहर चल दिया था और तब यह निखिल और उस की बीवी दोनों ही यहीं थे. फिर जब मैं वापस घर आया तो मैं ने देखा कि मेरी बीवी रोतीचीखतीं हुई आहना को पुकार रही है. मैं तो खुद हैरान हो उठा सर यों आहना को सोफे पर डैड देख कर,’’ राज ने अपनी सफाई देने में एक पल की देरी नहीं की.
निखिल फिर चीख पड़ा, ‘‘मैं दावे से कह रहा हूं सर कि इस राज ने ही मेरी बीवी को मार डाला. यह तो हमेशा से ही मु झ से चिढ़ता था. आज भी जब हम यहां आए तो यह एकदम उखड़ गया था.’’
राज ने अब राशि का हाथ पकड़ते हुए कहा, ‘‘जरा बताओ इन औफिसर को तुम कि मैं जब यहां से गया था तब यह निखिल और उस की बीवी यहीं बैठे थे.’’
राशि तो इस कदर घबराई हुई थी कि उस के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा था.
निखिल ही फिर से चिल्ला उठा, ‘‘अपनी बीवी से क्या पूछ रहा है मैं बताता हूं न सारी बात. सर, मैं घर चला गया था क्योंकि मेरी बीवी को राशि की फिक्र हो रही थी इसलिए वह उसे सम झाने के लिए रुक गई थी और अभी कुछ देर पहले जब मैं अपनी बीवी को बुलाने के लिए आ ही रहा था कि राज ने मु झे काल कर के तुरंत यहां बुलाया और जब मैं यहां पहुंचा तो मेरे सामने मेरी बीवी की लाश पड़ी थी,’’ और निखिल फिर फफकफफक कर रोने लगा.
राजशेखर ने निखिल को सांत्वना दी,फिर राज की ओर मुड़ते हुए सर्द लहजे में कहा, ‘‘राज मेरा रिकौर्ड रहा है कि आज तक कभी भी मेरी नजरों से असली मुजरिम बच नहीं सके हैं. इसलिए बेकार की बातें छोड़ कर आप मु झे सीधे और स्पष्ट शब्दों में सारा माजरा सिलसिलेवार बताइए.’’
राज ने गहरी सांस ली फिर बोलना शुरू किया, ‘‘सर आज शाम को मैं जब औफिस से आया, तो मेरे साथ मेरे 3 कलीग्स भी साथ आ गए. वे तीनों मेरी वाइफ से मिलना चाहते थे, इसलिए मैं उन्हें घर ले कर आ गया. पर तभी यह निखिल और उस की बीवी आहना भी अचानक चले आए. अच्छेखासे हम पार्टी कर रहे थे कि जाने आहना ने मेरी बीवी राशि को क्या उलटीसीधी पट्टी पढ़ा दी… राशि ने मेरे दोस्तों के सामने रूखा बरताव किया तो मैं नाराज हो गया.
‘‘मेरे दोस्त तो फौरन घर से चले गए और मैं भी फिर उन्हीं के पीछेपीछे घर से बाहर
चला गया. तब तक यह निखिल और आहना मेरे ही घर पर थे. फिर मु झे कुछ नहीं मालूम कि मेरे जाने के बाद यहां क्या हुआ और क्या नहीं. बस मु झे इतना ही मालूम है कि जब मैं वापस घर आया तो आहना सोफे पर पड़ी थी और राशि रोतीचिल्लाती हुई उसे उठाने की कोशिश कर रही थी,’’ राज ने पूरी बात बता दी.
राजशेखर ने अब राशि के करीब जा कर गंभीरता से कहा, ‘‘देखिए राशिजी, हम आप की मनोस्थिति सम झ सकते हैं. पर आप का बयान हमारे लिए बहुत ज्यादा माने रखता है क्योंकि अकेली आप ही थीं जो आहना के साथ इस घर में मौजूद थीं. हम जानना चाहते हैं कि जब आप और आहना यहां अकेले थे तो यहां पर क्या क्या हुआ और आहना की यों अचानक मौत कैसे हो गई?’’
राशि कुछ देर तो फूटफूट कर रोती रही फिर किसी तरह से अपनी रुलाई पर काबू पाती हुई बोली, ‘‘म… मैं… मैं कुछ नहीं जानती कि आहना अचानक कैसे मर गई. मैं तो अपने कमरे में रोती हुई पड़ी थी कि आहना ने आ कर मु झे सम झाया. मैं उठ कर वाशरूम में चली गई और जब आधेपौने घंटे बाद नहाधो कर तैयार हो वापस हौल में आई तो मैं ने देखा कि आहना सोफे पर आंखें मूंदे हुए बैठी है.
‘‘मु झे हैरानी हुई क्योंकि मु झे तो लगा था कि आहना अपने घर चली गई होगी. फिर जब मैं ने उस के करीब जा कर उस के कंधे पर थपकी देते हुए पुकारा तो वह सोफे पर लुढ़क गई,’’ राशि फिर से बिलख उठी.
राजशेखर ने गरदन हिलाई फिर बोला, ‘‘मतलब कि आप ही थीं जिन्होंने पहली बार आहना को मृत देखा और सिर्फ आप ही थीं जो आहना के साथ उस की मौत के समय इस घर में मौजूद थीं.’’
राशि ने फिर किसी तरह से कहा, ‘‘पर मैं सच कह रही हूं कि मु झे तो आहना के बारे में पता तक नहीं था कि वह मेरे ही घर में है. मैं तो नहानेधोने और फिर तैयार होने में लगी थी. मु झे कुछ भी नहीं मालूम कि इस बीच आहना के साथ क्या हुआ.’’
तभी निखिल चिल्लाया, ‘‘सर यह सब इस राज की ही वजह से हुआ है. राज ने आप को यह तो बताया कि उस के कलीग्स आए थे पर यह नहीं बताया कि उन कलीग्स में 2 लड़कियां भी थीं, जिन में से एक तो राज से बिलकुल ऐसे बिहेव कर रही थी मानो वह राज की गर्लफ्रैंड ही हो. इसी बात को ले कर तो राशिजी ने राज से नाराजगी जाहिर की थी.’’
‘‘बकवास मत करो निखिल. वे तीनों सिर्फ मेरे कलीग्स हैं और कुछ नहीं,’’ राज भी चीखते हुए बोला.
तभी फोरेंसिक टीम और ऐंबुलैंस भी आ पहुंची. आहना की बौडी का पंचनामा कर के उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया. फोरेंसिक टीम ने हर जगह से फिंगरप्रिंट और दूसरे कई सुबूत ट्रेस किए और फिर राजशेखर से ऐक्सपर्ट ने कहा, ‘‘पहली नजर में तो यह मु झे पौइजन का मामला लग रहा है, बाकी डिटेल्स तो पोस्टमार्टम से ही पता चलेगी.’’
राजशेखर ने गरदन हिलाई, फिर राज से बोला, ‘‘आज शाम को इस घर में जोजो भी शख्स मौजूद था उन सब की पूरी इन्फौर्मेशन मु झे एक पेपर पर अभी लिख कर दो.’’
राज ने विरोध करते हुए कहा, ‘‘सर, अब आप बिना मतलब उन बेचारे कलीग्स को क्यों लपेट रहे हैं? मैं आप को बता चुका हूं कि जब मेरे कलीग्स और मैं घर से बाहर निकले थे. तब तक आहना और निखिल दोनों ही इस घर में अच्छेखासे मौजूद थे. अब हमारे जाने के बाद क्या हुआ क्या नहीं, इस के लिए मैं और मेरे कलीग्स तो दोषी नहीं ठहराए जा सकते.’’
राजशेखर की आवाज कठोर हो गई, ‘‘आप अपना ज्ञान अपने ही
पास रखिए और जो पूछा जा रहा है उस का ठीकठीक जवाब दीजिए. यह पुलिस पूछताछ है कोई आप के औफिस की रुटीन कार्यवाही नहीं हो रही है.’’
राज एकदम से सकपकाते हुए इधरउधर देखने लगा.
राजशेखर ने अपनी घड़ी देखते हुए कहा, ‘‘10 मिनट के अंदर मु झे उन तीनों की फुल डिटेल्स एक पेपर पर लिख कर दो.’’
फिर निखिल की ओर मुड़ते हुए राजशेखर ने उस से कहा, ‘‘चलिए निखिल जरा आप का घर भी देख आते हैं. वहां भी छानबीन तो जरूरी ही है. आखिर आप और आहना रहते तो वहां थे.’’
निखिल ने सिर हिलाया और सुस्त कदमों से बाहर दरवाजे की तरफ चल पड़ा. राजशेखर ने 2 पुलिसकर्मियों को अपने साथ लिया और निखिल के घर की तलाशी लेने चल दिया.
निखिल के घर का दरवाजा और मेन गेट सब लौक्ड थे. कंपाउंड की लाइट्स भी औफ थीं और घर के अंदर भी अंधेरा ही नजर आ रहा था.
राजशेखर ने थोड़ी हैरानी से पूछा, ‘‘निखिल, आप तो बता रहे थे कि आप राज की काल आते ही हड़बड़ाते हुए भाग कर राज के घर पहुंच गए थे. लेकिन यहां तो देख कर लगता है कि काल आने के बाद भी आप बड़े इत्मीनान से 1-1 दरवाजा लौक कर के और घर की सारी लाइट्स औफ करने के बाद ही राज के घर गए थे.’’
निखिल का चेहरा सकपका गया. राजशेखर ने आगे कहा, ‘‘कहीं ऐसा तो नहीं कि आप अपने घर आए ही नहीं थे और जब राज ने आप को काल की तब आप कहीं और ही बिजी थे क्योंकि ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि कोई अर्जैंट काल आने पर भी घर की सारी लाइट्स औफ करता रहेगा.’’
अब निखिल ने अपने होंठों पर जबान फेरते हुए धीमे से कहा, ‘‘वह… वह दरअसल मैं अपने घर गया ही नहीं था. मैं जैसे ही अपने घर जाने के लिए निकला कि मैं ने आगे वाले मोड़ पर खड़ी गाड़ी में बैठती हुई शीना को देखा. राज भी उसी गाड़ी के पास ही खड़ा कुछ बातें कर रहा था. मु झे थोड़ी उत्सुकता हुई कि ये राज आखिर इतनी देर तक बाहर खड़े हो कर शीना से क्या बातें कर रहा है तब मैं भी अपने घर न जा कर उधर पास ही में एक पेड़ के पीछे छिप कर उन दोनों को देखने लगा. फिर कुछ देर बाद जब राज वापस अपने घर आने लगा तो मैं भी फिर पेड़ के पीछे से निकल कर अपने घर की ओर चल पड़ा. लेकिन अभी मैं अपने गेट के पास पहुंचा ही था कि राज की काल आ गई और मैं भागते हुए यहां आ गया.’’
राजशेखर ने निखिल को घूरते हुए देखा फिर कहा, ‘‘कहीं ऐसा तो नहीं कि आप वहीं राज के घर के बाहर ही छिप गए हों और जैसे ही आप ने अपनी बीवी को हाल में अकेले देखा वैसे ही मौका पाते ही आप ने उस का काम तमाम कर दिया.’’
‘‘कैसी बातें कर रहे हैं सर. मैं क्यों मारूंगा अपनी बीवी को और फिर अगर मु झे मारनी ही होती तो मैं अपने ही घर में मारता न,’’ निखिल एकदम तमकते हुए बोला.
राजशेखर ने कहा, ‘‘अगर तुम अपनी बीवी को अपने ही घर मे मारते तो फौरन सब का शक तुम पर ही तो जाता न पर अब तुम ने उसे राज के यहां मारा है तो अब कोई तुम पर कैसे शक करेगा? क्यों सच कहा न?’’
फिर राजशेखर घर का मेन डोर खुलवाया लाइट्स औन कर के घर के अंदर आ
गए. निखिल भी परेशान सा उन के ही साथ अंदर आ गया.
राजशेखर ने अपने साथ आए दोनों पुलिस कर्मियों को छानबीन करने के आदेश दिए और खुद राजशेखर भी घर में टहलते हुए अपनी पैनी नजरों से पूरे घर का मुआयना करने लगे.
राजशेखर को निखिल का घर बहुत ही बेतरतीब सा लगा.
निखिल सफाई देते हुए बोला, ‘‘वह हम अपना घर थोड़ा अच्छे से अरेंज कर रहे थे, इसीलिए सामान अस्तव्यस्त सा है. हम सामान जमाते हुए थक से गए थे तो बस थोड़ा रिफ्रैश होने राज और राशि के घर चले गए पर कहां पता था कि वहां जाने के बाद मेरी आहना कभी वापस नहीं आएगी.’’
राजशेखर ने घर की सरसरी निगाहों से तलाशी ली, फिर अपने साथ आए दोनों पुलिसकर्मियों को यहीं रहने का आदेश दे कर वे निखिल के साथ वापस राज के घर की तरफ चल पड़े.
राज और राशि दोनों ही शौक्ड से मूर्ति बने एक कोने में बैठे हुए थे. उन की सम झ
में नहीं आ रहा था कि ये अचानक इतनी बड़ी घटना उन के घर में कैसे घट गई.
राजशेखर और निखिल के आते ही राज उठ कर खड़ा हो गया. उस ने बेचैन स्वर में पूछा, ‘‘सर, कुछ पता चला आप को निखिल के घर की तलाशी में? मु झे तो अब भी पूरा यकीन है सर कि निखिल ने ही अपनी बीवी आहना की हत्या कर दी. इसे लगा होगा कि हत्या का इलजाम राज यानी मेरे सिर पर लगेगा और इसे अपनी बीवी से छुटकारा भी मिल जाएगा.’’
‘‘पर मैं क्यों अपनी बीवी से छुटकारा पाना चाहूंगा? क्या कुछ भी अनापशनाप बोले जा रहे हो राज?’’ निखिल चिढ़ते हुए बोला.
राज ने भी फौरन कहा, ‘‘मु झे बहुत अच्छी तरह से मालूम था निखिल कि तुम हमेशा दूसरी लड़कियों के पीछे लगे रहते थे. तुम्हारी बीवी आहना ने एक दिन खुद मु झे तुम्हारा पीछा करने के लिए कहा था क्योंकि उसे शक था कि तुम बहाना बना कर किसी लड़की से मिलने जा रहे हो.’’
राजशेखर ने घूरते हुए निखिल के चेहरे को ध्यान से देखा और सोचने लगे कि क्या राज का कहना सही है? कहीं सच में तो निखिल ने ही नहीं मार डाला अपनी बीवी को?
काफी सोचविचार के बाद राजशेखर ने राज और निखिल दोनों से कहा, ‘‘अभी तो मैं जा रहा हूं पर यहां पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी रहेगी. आप दोनों के ही घर पर हमारी निगरानी तब तक रहेगी, जब तक यह केस सौल्व नहीं हो जाता और यह बताने की जरूरत नहीं कि बिना मतलब होशियारी दिखाना आप के ही अगेंस्ट जा सकता है. कल सुबह पोस्टमार्टम रिपोर्ट और आप सब की कौल रिकौर्ड्स मिलते ही मैं आगे की इन्वैस्टिगेशन शुरू करूंगा.’’
फिर थोड़ा रुक कर राशि की तरफ देखते हुए राजशेखर ने आगे कहा, ‘‘वैसे तो फर्स्ट इन्वैस्टिगेशन रिपोर्ट आप को दोषी करार देती है क्योंकि तब सिर्फ आप ही आहना के साथ थीं पर अभी चूंकि रात ज्यादा हो गई है इसलिए मैं आप को अरैस्ट नहीं कर रहा हूं. लेकिन कल बाकी रिपोर्ट मिलने के बाद अगर शक की सुई आप की ओर घूमी तो फिर आप को अरैस्ट करना ही होगा.’’
राशि तो बुत बनी खड़ी ही रही.
जल्द ही पुलिस टीम और राजशेखर वापस चले गए, सिर्फ 2 पुलिसकर्मी राज के घर में रुक गए.
निखिल के उस के घर में जाते ही, राज ने राशि का हाथ पकड़ा और गंभीर स्वर में बोला, ‘‘राशि… राशि, प्लीज मु झे बताओ कि जब मैं अपने कलीग्स के पीछेपीछे चला गया था तो उस के बाद यहां क्या क्या हुआ?’’
राशि ने तमक कर अपना हाथ छुड़ाया और गुस्से से बोली, ‘‘मु झ से क्या पूछते हो जाओ? अपनी उस शीना से पूछो, जिस के पीछेपीछे तुम उठ कर चले गए थे.’’
हताशा से गरदन झटकते हुए राज ने कहा, ‘‘उफ,
तुम भी क्या उस निखिल की बातों में आ गई हो. तुम्हें कुछ भी नहीं पता है राशि, जानती हो वह शीना दरअसल मेरे बौस की बेटी है और मेरा बौस अपनी बेटी के इशारों पर ही चलता है इसीलिए मैं बस शीना की नजरों में उस का फ्रैंड बना रहना चाहता था. अगर मेरी शीना में दिलचस्पी होती तो मैं क्या शीना से ही शादी नहीं कर लेता.’’
राशि अब सोच में पड़ गई.
राज ने आगे कहा, ‘‘मैं तो अब इस बात से परेशान हो रहा हूं कि कहीं पुलिस औफिसर ने शीना से पूछताछ के लिए काल की तो पता नहीं बौस मेरा क्या हाल करेंगे.’’
‘‘उफ, और क्या तुम्हें मेरी कुछ चिंता है? कल अगर वह औफिसर आ कर मु झे आहना के कत्ल के जुर्म में अरैस्ट कर लेगा तो? तो क्या करोगे तुम?’’ राशि लगभग रोते हुए बोली.
राज खामोशी से मन ही मन कुछ सोचते हुए हौल में टहलने लगा.
राजशेखर ने रातोंरात ही इस केस से रिलेटेड सभी लोगों के काल रिकौर्ड्स निकालने के लिए मोबाइल कंपनियों में अपने पुलिसकर्मियों को भेज दिया. राजशेखर को अंदर से फील हो रहा था कि यह केस जैसा दिख रहा है वैसा है नहीं.
आधी रात करीब 2 बजे राजशेखर को अपने घर जाने की फुरसत मिल पाई.
सुबह के 9 बज रहे थे. राजशेखर उठ कर अभी चाय पी ही रहा था कि उस का मोबाइल बजने लगा.
राजशेखर ने जल्दी से मोबाइल लिया और बोला, ‘‘हैलो, राजशेखर हियर.’’
दूसरी तरफ से एक पुलिसकर्मी ने कहा, ‘‘जयहिंद सर मैं राजन बोल रहा हूं. मैं अभीअभी मोबाइल कंपनी के मैनेजर से मिल कर आ रहा हूं. आप ने कल जिन 7 लोगों की काल डिटेल्स लाने के लिए कहा था मैं ने उन सब की काल डिटेल्स आप के नंबर पर सैंड कर दी है.’’
राजशेखर ने राजन को शाबाशी दी और फिर काल कट कर के अपना मोबाइल चैक करने लगे. सब की काल डिटेल्स देखते ही राजशेखर की आंखें चमक उठीं. वे फौरन सारी काल डिटेल्स की बड़ी बारीकी से स्टडी करने लगे.
कुछ देर बाद जब राजशेखर ने अपना मोबाइल वापस पौकेट में रखा तो उन के चेहरे पर सुकून झलक रहा था.
राजशेखर अपनी गाड़ी में बैठे और सीधे फोरेंसिक ऐक्सपर्ट से मिलने जा पहुंचे. फोरेंसिक ऐक्सपर्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर ली थी. रिपोर्ट के अनुसार आहना की मौत रात के 8 से 9 बजे के बीच हुई थी. मौत का कारण था तेज असरकारक जहर. ऐसा जहर जो शरीर में जाते ही 2 मिनट के अंदर शरीर के सारे और्गंस के सिस्टम को फेल कर देता है.
राजशेखर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट ली और फिर राज के घर की तरफ रवाना हो गया. राज के घर जब राजशेखर पहुंचे तो उस के पहले ही वहां निखिल, सुबोध, सुहाना और शीना आ चुके थे.
शीना और सुहाना दोनों ही बुरी तरह तिलमिला रही थीं.
उन्हें इस तरह से घर पर पुलिस भेज कर यहां बुलवाया जाना अपना अपमान लग रहा था. वे दोनों राशि को इस तरह से घूर रही थीं मानो उन का बस चलता तो वे राशि का खून ही कर देतीं.
राजशेखर जैसे ही हौल में आए, शीना एकदम से उठते हुए बोली, ‘‘आप ने हमें यहां क्यों बुलवाया है? मैं ने कल रात भी आप की काल आने पर बताया था न कि हमें कुछ भी नहीं मालूम कि यहां क्या हुआ और क्या नहीं. हम तो चले गए थे यहां से बहुत पहले ही.’’
राजशेखर ने इत्मीनान से मुसकराते हुए कहा, ‘‘कूल… कूल डाउन शीना. इतना उखड़ने की जरूरत नहीं है और मैं आप को पहले ही बता चुका हूं कि यह कोई चोरी वगैरह का नहीं बल्कि कत्ल का केस है और जिस की मौत हुई है, वह कल आप के साथ ही यहां एक पार्टी में शामिल थी.’’
सुहाना भी चिढ़ते हुए बोली, ‘‘जिस की मौत हुई, उस से तो हम जीवन में कभी मिले तक नहीं थे. मु झे तो लगता है कि हमारे जाने के बाद यहां जरूर कुछ नया ड्रामा हुआ होगा इन पतिपत्नी के बीच. हम तो कल ही यहां से प्रण खा कर गए थे कि अब कभी यहां नहीं आएंगे.’’
राजशेखर ने सुबोध की ओर देखते हुए कहा, ‘‘आप एकदम खामोश हैं, क्या आप को कुछ नहीं बोलना है?’’
सुबोध ने गरदन हिलाते हुए कहा, ‘‘सर, मैं भला क्या बोलूं? वैसे भी न तो मैं मरने वाली को जानता और न ही मेरा उस से कभी कोई वास्ता रहा है. इसलिए मेरा खामोश रहना ही ठीक है.’’
अब राजशेखर ने सब को देखते हुए कहा, ‘‘अब हम कल वाले पार्टी के सीन को रिक्रिएट करेंगे यानी कल जोजो शख्स जहांजहां पर बैठा था वह वापस अपनी उसी जगह पर ही बैठेगा. सम झ गए न आप लोग?’’
निखिल रोते हुए बोला, ‘‘पर मेरी आहना वह… वह तो अब रही नहीं.’’
‘‘डोंट वरी निखिल, हम आहना की जगह पर अपने एक पुलिसकर्मी को बैठा देंगे. आप सब जल्दी से अपनीअपनी जगह पर आ जाइए,’’ राजशेखर ने सम झाया
कुछ ही देर में सब ने अपनीअपनी पोजिशन संभाल ली. सुबोध और सुहाना सामने
वाले सोफे पर बैठ गए और निखिल साइड वाले सोफे पर एक पुलिसकर्मी के साथ बैठ गया. राज सैंटर वाले सोफे पर बैठ गया और उस की साइड वाले सोफे पर शीना बैठ गई.
राशि ने राजशेखर से कहा, ‘‘मैं तो पार्टी में बस 2-4 पल के लिए ही बैठी थी. बाकी तो मैं किचन में ही बैठी थी या फिर हौल में सब को देखते हुए एक कोने में चुपचाप खड़ी थी.’’
राजशेखर ने गंभीर स्वर में कहा, ‘‘आप जहां भी खड़ी थीं, वहीं पर खड़ी हो जाए.’’
राशि एक कोने में आ कर खड़ी हो गई.
राजशेखर ने सब के बयान तो कल ही ले लिए थे कि पार्टी में क्याक्या हो रहा था. आज राजशेखर ने उसी के हिसाब से रिक्रिएशन की तैयारी कर के रखी थी. उस के इशारा करते ही राज उठ कर फ्रिज में रखी हुई कोल्डड्रिंक और एक पानी की बोतल उठा कर ले आया और टेबल पर रख दी.
तभी डोरबैल बजी और सुहाना कल की तरह उठ कर पिज्जा लेने चली गई, फिर पिज्जा का पैक ला कर उस ने टेबल पर रख दिया.
सुबोध ने पानी की बोतल उठाई और गिलास में डालने लगा. निखिल तो मूर्ति की तरह खामोश सोफे पर बैठा हुआ था.
अब राजशेखर ने राशि को इशारा किया और राशि कल की तरह राज की तरफ बढ़ी और उसे 2-3 खरीखोटी सुना दी.
फिर शीना ने अपना बैग उठाया और सुहाना के साथ दरवाजे से बाहर भागी. फिर पीछेपीछे सुबोध भी बाहर निकल गए. कुछ ही देर बाद राज भी दरवाजे से बाहर निकल गया.
अब राजशेखर ने राशि और निखिल से कहा, ‘‘राज के जाने के एक्जेक्ट बाद यहां क्या हुआ था?’’
राशि बोली, ‘‘मैं रोती हुई अपने रूम में चली गई थी.’’
निखिल ने सोचते हुए कहा, ‘‘मैं और आहना भी निकलने ही वाले थे
कि आहना बोली कि मैं राशि को सम झाने जाती हूं और फिर मैं अकेले ही बाहर चला गया.’’
‘‘ओके, फिर क्या हुआ राशि जी?’’ राजशेखर ने पूछा.
राशि ने अपनी आंखें बंद कीं और फिर कुछ याद करती हुई बोली, ‘‘आहना मेरे रूम में आ कर मु झे सम झाबु झा कर चली गई. मैं ने सोचा कि वह अब अपने घर चली गई होगी. मैं नहाने और तैयार होने के बाद करीब पौन घंटे बाद वापस अपने रूम से निकल कर हौल में आई तो देखा कि आहना आंखें बंद किए हुए सोफे पर बैठी है. फिर जब मैं ने उसे पुकारते हुए आहना के कंधे को हिलाया तो वह सोफे पर ही लुढ़क गई.’’
‘‘और फिर राज वहां आ गए, हैं न?’’ राजशेखर ने पूछा
राशि ने गरदन हिला दी.
फिर राजशेखर ने दरवाजे पर खड़े पुलिसकर्मियों को इशारा किया और उन्होंने बाहर खड़े हुए सुबोध, शीना, सुहाना और राज को अंदर जाने के लिए कहा.
जब सब अंदर आ गए, तो राजशेखर ने वापस उन से बैठने के लिए कहा. फिर राशि की ओर देखते हुए पूछा, ‘‘अब अपने दिमाग पर जोर डालिए और सोच कर बताइए कि जब आप हौल में आए तो क्या उस वक्त आहना के हाथ में कुछ था?’’
राशि कुछ पल सोचने के बाद बोली, ‘‘आहना के हाथ में तो कुछ नहीं था पर उस के बिलकुल करीब ही सोफे पर एक कोल्डड्रिंक की बोतल खुली पड़ी थी. उस बोतल का कोल्डड्रिंक आहना के कपड़ों पर भी गिरा हुआ था.’’
राजशेखर ने गरदन हिलाते हुए कहा, ‘‘उफ, इसीलिए हमें एक बोतल नीचे पड़ी मिली थी जो शायद आहना के सोफे पर लुढ़कने की वजह से नीचे गिर पड़ी होगी और जानती हैं, हमें उसी बोतल में जहर के ट्रेसेज मिले हैं.’’
फिर 2 मिनट तक सब के चेहरों को ध्यान से देखने के बाद राजशेखर ने कहना शुरू
किया, ‘‘इस केस में आहना की मौत सिर्फ एक को इनसिडैंट है. ऐक्चुअली तो कातिल की प्लानिंग तो किसी और को ही मारने की थी पर अन्फौचूनेटली बेचारी आहना मारी गई.’’
निखिल ने चीखते हुए कहा, ‘‘किस ने? किस ने मारा है मेरी आहना को?’’
राजशेखर ने हाथ उठाते हुए कहा, ‘‘शांत रहिए निखिलजी, मैं बस बताने ही जा रहा हूं सब माजरा. तो हुआ ये होगा कि निखिलजी के यहां से जाने के बाद आहना सम झाने के लिए राशि के रूम में गई. फिर जब राशि उठ कर वाशरूम में चली गईं तो आहना वापस अपने घर जाने लगी पर तभी उन की नजर टेबल पर पड़ह बोतल पर गई और वह सोफे पर कुछ पलों के लिए बैठ कर बोतल से कोल्डड्रिंक पीने लगीं पर यही उन की मौत का कारण बन गया क्योंकि बोतल की कोल्डड्रिंक में जहर मिला हुआ था.’’
‘‘क्या? क्या कह रहे हैं आप सर, बोतल तो मैं ने फ्रिज से निकाल कर रखी थी. मैं ने जहर नहीं मिलाया है सर,’’ राज चीखते हुए बोला.
राजशेखर ने सर्द लहजे में कहा, ‘‘मैं ने कब कहा कि जहर आप ने मिलाया है, मैं तो ये कह रहा हूं कि बोतल में जहर था और अगर आप गौर से देखते तो कल ही आप की सम झ में आ जाता क्योंकि आप के फ्रिज और टेबल पर पड़ी हुई बोतल्स 400 एमएल की थीं, जबकि सोफे से लुढ़क कर नीचे गिरी हुई बोतल 200 एमएल की थी.’’
राज चौंकते हुए बोला, ‘‘पर… पर ऐसा कैसे हो सकता है? मैं तो हमेशा ही 400 एमएल बोतल्स लाता हूं.’’
राजशेखर ने गरदन हिलाई और जोर देते हुए कहा, ‘‘वह इसलिए कि दूसरी बोतल कातिल ने मौका पा कर टेबल पर रख दी थी.’’
फिर राजशेखर ने दरवाजे की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘अब मैं आप को वह स्टोरी बताता हूं जो कातिल ने अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए बनाई थी. दरअसल जब राज के यहां शाम की पार्टी का प्लान बना, तभी कातिल ने भी अपनी प्लानिंग शुरू कर दी और फिर जब सब यहां घर में बैठे हुए पार्टी ऐंजौय कर रहे थे तभी याद कीजिए कोई और भी आया था.’’
‘‘पिज्जा बौय, पिज्जा बौय आया था यहां वह तो दरवाजे से ही लौट गया था,’’ राज ने हैरानी से कहा.
राजशेखर सिर हिलाते हुए बोला, ‘‘करैक्ट, पिज्जा बौय आया था यहां और वह दरवाजे से लौट भी गया पर वह सिर्फ पिज्जा ही ले कर नहीं आया था बल्कि अपने साथ कोल्डड्रिंक की 2 बोतल भी ले कर आया था.’’
‘‘गलत. पिज्जा के साथ तो सिर्फ एक ही बोतल आई थी,’’ शीना बोल पड़ी.
राजशेखर ने एक पुलिसकर्मी को संकेत किया और वह कुछ ही मिनटों में उस पिज्जा बौय को लिए आ पहुंचा. सब उसे देख कर चौंक से गए.
‘‘यह… यह तो हमारे औफिस का चपरासी रमेश है,’’ सुबोध, शीना और राज चीखते हुए बोले.
राजशेखर ने अब सुहाना की ओर देखा जो बेचैनी से अपने होंठ काट
रही थी. फिर राजशेखर ने सुहाना के करीब जा कर पूछा, ‘‘आप नहीं चौंकीं सुहाना? आप को तो पता ही होगा इस बारे में क्योंकि पिज्जा लेने दरवाजे तक आप ही तो गई थीं न?’’
अब सुहाना गुस्से और चिढ़न भरे स्वर में चिल्लाई, ‘‘क्या पिज्जापिज्जा रट रहे हैं आप?’’
राजशेखर का लहजा अब कठोर हो गया, ‘‘पिज्जा ही तो वह मेन क्लू था, जिस ने मु झे इस कत्ल के पीछे की थ्योरी सम झाई.’’
राजशेखर ने अब हौल के बीचोंबीच खड़े हो कर, टेबल की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘सुहाना डोरबेल बजते ही पिज्जा लेने दरवाजे की ओर लपकी पर ऐक्चुअली वहां पिज्जा का बौक्स और 2 कोल्डड्रिंक की बोतल्स लिए हुए औफिस का चपरासी रमेश आया हुआ था.’’
‘‘पर… पर सुहाना के हाथ में तो एक ही बोतल थी तब?’’ शीना बोली.
राजशेखर ने गंभीरता से कहा, ‘‘हां, एक ही बोतल आप लोगों को दिखी थी क्योंकि दूसरी छोटी वाली बोतल सुहाना ने बड़ी ही चालाकी से अपने पास छिपा कर रख ली थी और उसी छोटी बोतल में मिला हुआ था जहर.’’
‘‘बकवास… बिलकुल बकवास कर रहे हैं आप,’’ सुहाना भड़क उठी.
राजशेखर ने सर्द लहजे में आगे कहना शुरू किया, ‘‘सुहाना ने सोफे पर बैठते ही पिज्जा का पैक खोल दिया और सब पिज्जा खाने लगे. इसी बीच मौका पाते ही सुहाना ने अपने पास की छोटी बोतल निकाली और शीना के सामने टेबल पर रख दी. उसे लगा कि शीना बोतल उठा कर कोल्डड्रिंक पीएगी और फिर खेल खत्म. लेकिन तभी राशि और राज के बीच झगड़ा हो गया और शीना पार्टी छोड़ कर चली गई और साथ ही सुहाना को भी अपने साथ ले गई. सुबोध भी उन के पीछे चल दिया. हैरत में पड़ी सुहाना को वह छोटी बोतल वापस उठाने का खयाल ही नहीं आया.’’
अचानक शीना उठ कर चीखती हुई बोली, ‘‘तो तो क्या यह
कातिल की प्लानिंग सुहाना ने की थी और वह भी मु झे मारने के लिए? पर क्यों?’’
राजशेखर ने सुहाना की ओर कड़ी दृष्टि से देखा, फिर गुर्राते हुए बोले, ‘‘सुहाना, अब भलाई इसी में है कि आप सबकुछ सचसच बता दें क्योंकि आप के खिलाफ सारे सुबूत हम पहले ही जमा कर चुके हैं. औफिस के चपरासी रमेश को कल आपने 4 बार काल की थी, यही नहीं रमेश के अकाउंट में आप ने कल ही क्व50 हजार ट्रांसफर किए हैं और सब से बड़ी बात यह कि रमेश ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है.’’
सुहाना कुछ पल तो राजशेखर को एकटक घूरती रही, फिर एकदम से चीखते हुए बोली, ‘‘हां, हां मैं ने ही की थी यह प्लानिंग और मेरे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था, शीना ने हमेशा मु झे नीचा दिखाने की ही कोशिश की. पहले राज को अपने जाल में फंसाना चाहा, जबकि उसे मालूम था कि मैं राज से बहुत प्यार करती हूं. फिर जब मैं ने सुबोध से अपनी दोस्ती बढ़ाई… तो यहां पर भी शीना बीच में आ गई. वह बौस की बेटी थी, हैसियत और पैसों में उस से मुकाबला करने की मु झ में हिम्मत नहीं थी, इसलिए फिर मु झे यह प्लानिंग बनानी पड़ी. जैसे ही कल सुबह राज ने हमें अपने घर शाम की पार्टी के लिए बुलाया, वैसे ही मैं ने औफिस बौय रमेश को अपनी प्लानिंग में लालच दे कर मिला लिया.
‘‘रमेश को सिर्फ पिज्जा ले कर और 2 कोल्डड्रिंक की बोतल ले कर राज के घर पहुंचना था. छोटी बोतल में जहर मिलाने के लिए मैं ने उसे पहले से ही कह दिया था. मु झे लगा था कि शीना की हत्या अगर राज के घर होगी तो कोई भी मु झ पर शक नहीं करेगा.
‘‘सबकुछ ठीक चल रहा था, मैं ने जहर वाली बोतल शीना के करीब रख भी दी थी. मैं ने सोचा कि जैसे ही शीना वह जहर वाला कोल्डड्रिंक पीएगी वैसे ही मैं फिर से वह बोतल उठा कर फिर अपने पास छिपा लूंगी. लेकिन
तभी राशि ने बखेड़ा खड़ा कर दिया और शीना वहां से चलती बनी. साथ ही मु झे भी अपने साथ ले चली और मु झे वह बोतल उठाने का मौका ही नहीं मिल पाया.’’
राजशेखर ने अफसोसभरे स्वर में कहा, ‘‘और वही बोतल उठा कर आहना ने उस में रखी हुई जहरीली कोल्डड्रिंक पी ली और अपनी जान गवां बैठी.’’
शीना गुस्से से सुहाना की ओर लपकी, ‘‘तूने मु झे मारना चाहा…’’
राज, सुबोध और निखिल हकबकाए से खड़े थे. उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि सुहाना इतनी भयंकर प्लानिंग कर सकती है और वो भी सिर्फ इसलिए कि वह शीना से नाराज थी.
राशि तो जैसे शौक्ड हो गई थी. उसे पलभर को लगा किकहीं गलती से वह जहरीली कोल्डड्रिंक अगर पी लेती तो…
जल्द ही पुलिस सुहाना और रमेश को
ले कर वहां से चली गई. पीछे रह गए सदमे
में डूबे निखिल, राज, राशि, शीना और सुबोध
जो शायद अब कभी किसी पार्टी को ऐंजौय नहीं कर पाएंगे.
लेखक- मृणालिका दुबे
Long Story in Hindi